Update 59
औलाद की चाह
CHAPTER 6 - पांचवा दिन
तैयारी-
परिधान'
CHAPTER 6 - पांचवा दिन
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परिधान'
सुसन्तति की प्राप्ति
उसे बाद पुस्तक में ने पूरी विधि और नियम और गर्भदान की कहानिया विस्तार से समझायी हुई थी
योनि (वेजाइना) के बारे में जानकारी
महिला के यौनांग शरीर के अन्दर एवं बाहर होते हैं। ’योनि‘ शब्द का प्रयोग अक्सर महिला के जननांग या यौनांग के लिए किया जाता है जबकी योनि यौनांगों का सिर्फ एक भाग है। योनि एक नली या द्वार है जो बाहरी यौनांगों को भीतरी यौनांगों से जोड़ती है।
योनी
योनी बाहर के यौन अंग और बच्चादानी (गर्भाशय) के बीच का रास्ता है। यह वह जगह है जहां मासिक धर्म का खून शरीर से निकलता है, जहां से पुरूष का लिंग संभोग के दौरान अंदर जाता है, और जहां से पैदा होने पर बच्चा बाहर निकलता है।
योनी की दीवारों पर चिपचिपी झिल्ली होती है - जो आपके मुंह के अंदर जैसी नमी पैदा करती है। यह नमी संभोग के लिए चिकनाई देती है, जिससे संभोग ज़्यादा आरामदायक और सुखद हो जाता है, और यह बिमारी से भी बचाती है।
जब आप यौन के लिए उत्तेजित होती हैं, तो आपकी योनी गीली हो कर ढीली पड़ जाती है। इससे आपको योनी के अंदर एक उंगली या लिंग घुसाने में मदद मिलती है। चूंकि योनी एक मांस पेशी है, यह कड़ी या ढीली हो सकती है, और आप इसे कुछ क़ाबू में रख सकती हैं।
अपने लिए खुद महसूस करें
• पेशाब करते वक्त अपनी मांसपेशियों को निचोड़ें और छोड़ दें। आप अपने पेशाब की गति और मात्रा पर कुछ क़ाबू कर सकती हैं। ये वही मांस पेशियां हैं जो योनी को कसते हैं। आप संभोग के दौरान भी उनका इस्तेमाल कर सकती हैं।
• एक आईना लें और अपनी योनी के मुख को देखें। छू कर महसूस करें कि आपकी योनी कैसी है।
• अपनी योनी के अंदर एक उंगली डालें। अंदर आपके गालों की तरह मुलायम लगता है, और आपके मुंह के ऊपर के जैसा थोड़ा ऊबड़-खाबड़ भी महसूस होता है।
• अपनी योनी को सहलाएं। देखें कि आपको क्या अच्छा लगता है और कैसे उत्तेजित महसूस होता है। इस तरह आप संभोग के चरम तक पहुँच सकती हैं। हस्तमैथुन करना - अपने आप पर संभोग - अपनी पसंद को जानने का एक अच्छा तरीका है। जितना बेहतर आप जानेंगी कि आपको क्या उत्तेजित करता है, उतना ही आपके लिए किसी दूसरे इंसान के साथ संभोग का आनंद लेना आसान होगा।
एक महिला के शरीर के बारे में और जानने के लिए हमारा वीडियो देखें।
पेलविक फ्लोर
आपके मलद्वार, योनी और मूत्रमार्ग के छेद के आसपास की मांस पेशियों को पेलविक फ्लोर की मांस पेशियां कहते हैं। मूत्रमार्ग का छेद आपके जांघों की हड्डियों (प्यूबिक बोन) और रीढ़ की आखिरी, निचले हिस्से (कोक्सीक्स, या टेलबोन) के बीच होता है।
जांघों की हड्डी आपके पेट के नीचे होती है, ठीक योनी के ऊपर। कोक्सीक्स, या टेलबोन आपकी राढ़ की हड्डी के नीचे होता है जो कि आपके गुदा ठीक ऊपर होता है।
• अपने पेलविक फ्लोर की मांस पेशियों को कसें और ढीला छोड़ें। ऐसा करने से पेशाब को बीच में रोक कर जैसा लगता है, वैसा महसूस होगा।
• आप अपनी योनी के आस पास की मांस पेशियों में खिंचाव को एक उंगली से महसूस कर सकती हैं। अपनी योनी के अंदर एक उंगली डालें, फिर उसके के चारों ओर के मांस पेशियों को निचोड़ें।
बच्चादानी
गर्भ, बच्चादानी या गर्भाशय, वह जगह है जहां एक बच्चा आपके अंदर बढ़ सकता है। यह मजबूत मांस पेशियों से बने एक थैले की तरह है, जो आपके पेट में काफी नीचे होता है।
जब आप गर्भवती नहीं होती हैं तो इसकी लंबाई 7.5 और 10 सेमी (3 और 4 इंच) के बीच रहती है। यह उल्टे नाशपाती के आकार का होता है।
गर्भ की आंतरिक दीवार वह जगह है जहां एक उपजाऊ अंडे एक बच्चे में विकसित हो सकता है। बढ़ते हुए बच्चे को पकड़े रहने के लिए, गर्भाशय की लंबाई 31 सेमी (12 इंच) तक बढ़ सकती है।
आपके मासिक धर्म का खून भी गर्भ से ही आता है। यदि कोई उपजाऊ अंडा गर्भ की दीवार से खुद को नहीं जोड़ पाता है, गर्भाशय अपनी परत को गिरा देता है जो योनी से रक्त के रूप में शरीर से बाहर आता है।
सर्विक्स या गर्भाशय का गला - खुद महसूस करें
बच्चेदानी के प्रवेश द्वार को सर्विक्स या गर्भाशय का गला कहते हैं। आप अपनी योनी के अंदर एक उंगली डाल कर इसे खुद महसूस कर सकती हैं। यह आपकी नाक की नोक की तरह चिकना और सख्त होता है। जब आप उत्तेजित होती हैं तो इस तक पहुंचने में परेशानी हो सकती है, क्योंकि तब यह योनी को लंबा बनाने के लिए ऊपर चली जाता है।
अंडाशय के बारे में और
अंडाशय
अंडाशय गर्भ के दोनों तरफ होते हैं। वे अंडा कोशिकाओं और एस्ट्रोजेन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन का उत्पादन करते हैं। एस्ट्रोजेन हार्मोन आपके शरीर को युवावस्था के दौरान बदलने में मदद करता है, जिससे आपका स्तन बनता है और आपका शरीर यौन संबंध के लिए तैयार होता है। एस्ट्रोजेन के साथ मिलकर, प्रोजेस्टेरोन हार्मोन मासिक धर्म और गर्भावस्था के दौरान बच्चेदानी की दीवारों को मोटा बनाता है।
गर्भाशय नाल या फैलोपियन ट्यूब
फैलोपियन ट्यूब, बच्चेदानी के प्रत्येक तरफ होते हैं। यह अंडाशय को बच्चादानी से जोड़ते हैं। यह उन अंडों को अंडाशय से गर्भ ले जाते हैं, जो कि उपजाऊ नहीं हैं।
अंडों की कोशिकाएं
हर महिला अपने अंडाशय में लगभग 250,000 अंडे के साथ पैदा होती हैं। इसका मतलब है कि जब आप पैदा होती हैं तो वह अंडा जो आपके बेटे या बेटी बनने के लिए एक दिन बढ़ सकता है, पहले से ही आपके अंडाशय के अंदर मौजूद होता है! अंडे एक बहुत छोटे पिन के सिरे के आकार के होते हैं।
स्त्री बीज जनन या ओव्यलैशन
जब आप युवावस्था पाती हैं, तो हार्मोन अंडाशयों को हर महीने - लगभग 28 दिनों पर – एक अंडा निकालने के लिए संकेत देना शुरू करते हैं। इसे स्त्री बीज जनन या ओव्यलैशन कहा जाता है। अंडे फिर फैलोपियन ट्यूब से बच्चादानी तक पहुँचते हैं।
यदि एक शुक्राणु कोशिका अंडे को उपजाऊ कर पाता है, तो अंडा खुद को गर्भ की दीवार में गड़ा कर, एक बच्चे के रुप में बढ़ने लगता है। अगर अंडा शुक्राणु कोशिका से उपजाऊ नहीं होता है, तो वह आपके मासिक धर्म के दौरान आपकी योनी से खून के साथ बाहर निकल जाएगा।
ओव्यलैशन के समय, आपके गर्भवती होने की सबसे ज़्यादा उम्मीद होती है। इस दौरान आपका शरीर सबसे ज़्यादा उपजाऊ होता है। इसका मतलब है कि आपके ओव्यलैशन के पांच दिन पहले या एक दिन बाद।
मास्टर-जी: मैडम, आपकी सभी ड्रेस तैयार हैं।
मैंने अपना चेहरा तौलिये से पूछ कर सूखा लिया , अपने बालों को हल्के से कंघी किया और फिर मास्टर जी के हाथ से ड्रेस का पैकेट लिया और उसे देखने के लिए बिस्तर पर बैठ गई।
मास्टर-जी भी आगे आकर मेरे बिस्तर पर बैठ गए, दीपू हमारे सामने खड़ा था। मैं अपने भीतर कुछ अजीब महसूस कर रही थी क्योंकि मैंने अपनी साड़ी के नीचे पैंटी नहीं पहनी थी और वो दोनो जिन्होंने मुझे थोड़ी देर पहले मेरे साथ और मेरे नितम्बो के साथ खूब छेड़खानी की थी अब मेरे साथ आ गए थे, हालांकि फिलहाल उन्हें मेरे तथ्य को जानने का कोई मौका नहीं था। मैंने पैकेट खोला तो उसमे अलग रखा हुआ और एक छोटा पारदर्शी पैकेट था।
मैंने चोली और स्कर्ट को निकाला ; दोनों सफ़ेद रंग के थे और कपड़े में वास्तव में मखमली थे l कपड़ो की गुणवत्ता उत्तम थी और मुझे उन्हें छू कर अच्छा लगा। जैसा कि उम्मीद थी कि दोनों मेरे विकसित 28- साल की आयु की फिगर के लिए बहुत छोटे लग रहे थे और साथ ही सभी देख कर मुझे अंदाजा हो गया की मैं उस मिनी पोशाक में बहुत सेक्सी दिखूंगी ।
फिर मैंने दूसरा छोटा पैकेट खोले और जैसा मैंने अनुमानित किया था उसमे मेरे अंडरगारमेंट्स थे। मुझे विशेष रूप से ब्रा में दिलचस्पी थी, क्योंकि यह एक स्ट्रैपलेस किस्म थी, जिसे मैंने पहले कभी नहीं पहना था, लेकिन उनके सामने उस ब्रा को जांचने में मुझे थोड़ी शर्म महसूस हुई।
मास्टर-जी: मैडम, बेहतर होगा यदि आप आप हर चीज का ट्रायल और आजमाईश कर ले हालाँकि जिस तरह से मैंने माप लिया है मुझे लगता है कि सब ठीक होना चाहिए और कपडे आप पर बिलकुल फिट आएंगे ।
मास्टर जी ने " जिस तरह से मैंने माप लिया है " शब्द मेरी आँखों में देखते हुए कहा। मुझे एक बार फिर याद आ गया मास्टरजी ने कैसे मेरा माप लेते हुए मेरे शरीर के साथ खिलवाड़ किया था. मैंने शर्म के मारे जल्दी से अपनी टकटकी मास्टर जी से हटा दी और टॉयलेट की तरफ चल पडी । चूँकि मैं पेंटीलेस थी , मैंने तेजी से चलने की कोशिश की और मुझे महसूस हुआ कि मेरी भारी गाँड मेरी साड़ी के अंदर ज्यादा ही हिल रही थी ।
मैं: प्लीज़ रुको मास्टर जी।
मास्टर-जी: ज़रूर मैडम।
मैंने शौचालय के दरवाजे को बंद कर दिया और पहले दिन जब समीर मेरे पहने हुए कपडे लेने आया था उसी समस्या का सामना किया था मैंने तुरंत वही समस्या फिर महसूस की। उस दिन मुझे उसे अपने घर से लाये हुए कपड़े देने पड़े थे । चूँकि कपड़े रखने के लिए बाथरूम में कोई हुक या डंडा नहीं था, इसलिए मुझे उन्हें दरवाजे के ऊपर रखना पड़ा था , और मुझे लगा केवल इस उद्देश्य के लिए दरवाजे को फ्रेम (चौखट ) से छोटा बनाया गया था मैंने सोचा ओह्ह फिर से नहीं! ।
जब मैंने अपनी साड़ी को खोलना शुरू किया तो चूँकि कोई और वैकल्पिक व्यवस्था तो थी नहीं इसलिए मुझे अपनी नई महा-यज्ञ पोशाक को दरवाजे के ऊपर ही रखना पड़ा । टॉयलेट का फर्श गीला था इसलिए मुझे दरवाजे के बहुत पास खड़ा होना पड़ा। मैंने साड़ी को खोल कर और निकाल कर दरवाजे के ऊपर रखा और मैंने लगा कि मास्टर जी और दीपक डोर टॉप देख रहे होंगे। वे अब निश्चित रूप से जानते थे कि साडी निकालने के बाद अब मैं केवल शौचालय के अंदर केवल अपने ब्लाउज और पेटीकोट पहने हुई थी।
इसक बाद मैंने जल्दो जल्दी अपने ब्लाउज को खोलना शुरू किया और फिर अपने ब्रा को भी खोल दिया। मेरे बड़े, गोल, युवा स्तन मेरी ब्रा से थोड़ा बाहर निकले और फिर मुक्त हुए। क्योंकि मेरे स्तन अब पूरी तरह से नंगे थे तो स्वाभाविक रूप से मेरे निपल्स कठोर होने लगे।
मैंने अपनी सांस रोक कर दरवाजे की ऊपर रखी हुई अपनी साड़ी के ऊपर अपनी पहनी हुई ब्रा और ब्लाउज को उतार कर रख दिया, जबकि मैं यह अच्छी तरह से जानती थी कि इससे दोनों पुरुषों को अब पता चल जाएगा कि मैं अब टॉपलेस अवस्था में शौचालय में खड़ी थी। तभी !
मास्टर-जी: मैडम, क्या वे कपडे ठीक हैं? क्या आपने उन्हें आजमाया है?
मुझे इस अतिश्योक्तिपूर्ण प्रश्न पर इतनी चिढ़ हुई क्योंकि मैं पूरी तरह से जानती थी कि वे बाहर बैठे देख रहे है कि मैंने दरवाजे के ऊपर से अभी तक कोई नया सिला हुआ कपड़ा नहीं लिया है, इसलिए उन्हें आजमाने का कोई सवाल ही नहीं उठता। मैं इस समय चुप रही और मैंने एक दूसरी पुकार सुनी, अब दीपक!
दीपक: मैडम, कोई दिक्कत?
मैंने महसूस किया कि वे चाहते थे मैं उन्हें बाथरूम के अंदर से अपनी टॉपलेस हालत में जवाब दू ।
मैं: कृपया मुझे एक मिनट दीजिए।
जैसे ही मैंने जवाब दिया, स्वाभिक प्रतिक्रिया (रिफ्लेक्स एक्शन) के तौर पर , मेरा दाहिना हाथ मेरे दृढ नग्न स्तनो पर एक सुरक्षा कवच के रूप में चला गया।
मास्टर-जी: ठीक है, ठीक है मैडम। पर्याप्त समय लीजिये । मैं आपसे ज्यादा चिंतित और उत्सुक हूं। हा हा हा…
अब मुझे अपने स्तन को ढकने की जल्दी थी और इस जल्दी में मैंने ब्रा और पैंटी को एक तरफ खींचा, जो दरवाजे के ऊपर रखी हुई थी। हालाँकि मैं शौचालय के भीतर काफी सुरक्षित थी , फिर भी मैंने उस अवस्था में मौन रहना ही बेहतर समझा। क्योंकि नयी सिली पैंटी को बाथरूम में रखने की कोई जगह या हुक नहीं थी मैंने अपने दांतों के बीच में नई सिली पैंटी को पकड़ने का फैसला किया, और ब्रा पहनने लगी।
चुकी मैंने आज से पहले कभी भी स्ट्रैप के बिना वाली ब्रा नहीं पहनी तो तो स्ट्रैप के बिना सफ़ेद रंग की ब्रा बिना किसी नियमित पट्टियों के साथ मुझे बहुत अजीब लग रही थी, और ये दर भी सता रहा रहा था कही ये नीचे को लटक कर उतर ना जाए पर चुकी आज तक दत्रे के बिना वाली ब्रा पहनी नहीं थी तो उसे पहनने को इच्छा और उत्सुकता भी बहुत थी और इसलिए मैंने पेटीकोट पहने हुए मेंने केवल पैंटी को अपने मुंह से पकडे रखा और स्ट्रैप के बिना वाली ब्रा को उलट पलट कर देखा !
मैं शुरू में अनिश्चित थी कि इस स्ट्रैपलेस को कैसे पहना जाए, लेकिन यह महसूस किया कि मुझे अपने स्तनों के ऊपर कप को ठीक से फिट करना है और फिर नीचे के हुक को प्लग करना है।
इसमें कुछ समय लगा, लेकिन मैंने अपने दृढ स्तन के ऊपर इस ब्रा की लम्बाई को ठीक से फिट करने में कामयाबी हासिल की और पीछे के तीन हुक लगा दिए । मैंने देखा ब्रा मेरे स्तनों पर पूरी तरह से फिट थी और मैंने उसे खींच कर भी देखा पर वो ढीली हो हैकर अपने जगह से नहीं हिली l
मास्टरजी ने अच्छी क्वालिटी के कपडे और इलास्टिक का प्रयोग किया था और बहुत कुशलता से इसे सिया था .. मैंने मन ही मास्टर मास्टर जी की तारीफ़ की .. और सोचा इस छोटी सी जगह में मास्टर जी निश्चित ही अपनी काबलियत बेकार कर रहे हैं . शहर में वो इस तरह की फिटिंग कपडे और सिलाई के लिए अच्छी कमाई कर सकते हैं . ये उनका निर्णय है उन्हें कहाँ क्या करना है l
फिर मैंने अपने को शीशे में देखा तो मैंने पाया कि मेरे पूरे कंधे स्तनों के ऊपर की ऊपरी छाती और स्तनों के बीच की दरार (क्लीवेज) दिखाई दे रही थीं, लेकिन साथ ही साथ मुझे इस बात पर खुशी हुई कि कपों ने मेरे बड़े गोल दूध-कलशो को इस नयी ब्रा ने पर्याप्त रूप से ढक दिया था।
मुझे इस ब्रा के फैब्रिक से भी बहुत आराम महसूस हुआ, जो बेहद चिकनी और मुलायम थी। मैंने अब जल्दी से अपनी कमर पर से पेटीकोट की गाँठ को खोल दिया और उसे फर्श पर गिरा दिया, और चूँकि मैंने नीचे पैंटी नहीं पहनी हुई थी, मैं अब नीचे पूरी तरह से नग्न हो गई थी ।
मैंने जल्दी से पैंटी को अपने दाँतों से निकाल कर हाथ में लिया और एक-एक करके अपने पैरों को उसमें घुसा दिया। बस, फिर!
मास्टर- जी: मैडम, सॉरी टू इंटरप्ट, लेकिन क्या आप ब्रा को मैनेज कर पायी ? चूंकि यह एक नई किस्म है तो आपको कोई मदद तो नहीं ... l
मैं: हाँ, हाँ। बिलकुल ठीक है।
मास्टर-जी: अच्छा, अच्छा। और क्या आपने पैंटी भी आजमा ली है?
संभवत: पहली बार इस नई पैंटी को पहनकर मेरी आवाज में ख़ुशी झलक रही थी। मुझे और सम्बहव्टा मास्टरजी और दीपू को भी पता था कि मैंने उस समय मैंने अंतर्वस्त्रो के अलावा कुछ भी नहीं पहना हुआ था और उन्हें पहने हुए ही मैं मास्टर-जी को उत्तर दे रही थी ।
इसलिए, मैंने दरवाज़े के ऊपर से महायज्ञ में पहने जाने वाली मिनी स्कर्ट को ज़ोर से खींच कर उतार लिया वो आशा के अनुसार बहुत छोटा थी और उसे पहने के बाद मैंने देखा मेरी संगमरमर जैसी गोरी और केते के तने जैसी चिकनी जांघें पूरी तरह से उजागर हो गईं।
मास्टर-जी: स्कर्ट की फिटिंग कैसी है? ठीक है क्या ?
मुझे पता था कि वो देख रहे थे कि स्कर्ट टॉयलेट के दरवाजे के ऊपर से गायब हो गई थी और मास्टरजी और दीपू ने अनुमान लगाया था कि अब मैंने स्कर्ट पहन ली होगी।
मैं: हम्म।
मास्टर जी: मैडम आप बहुत संतुष्ट लग नहीं रहे हो । विशेष रूप से स्कर्ट के साथ कोई समस्या है क्या ?
मैं: नहीं, नहीं। फिटिंग ठीक है। मैं अभी भी इसकी छोटी लंबाई इसके बारे में चिंतित हूँ ...।
मास्टर-जी: ओहो! मुझे पता है लेकिन इसके बजाय आपको भाग्यशाली महसूस करना चाहिए मैडम।
मैं - ऐसा क्यूँ?
जब मैंने जवाब दिया तब मैं अपनी स्ट्रैपलेस ब्रा के ऊपर चोली पहनने वाली थी ।
मास्टर-जी: महोदया, कुछ साल पहले तक महा-यज्ञ में भाग लेने वाली महिलाओं को ... बिलकुल नंगी रहना पड़ता था!
दीपू: सच में मास्टर-जी?
मैंने सुना कि दीपू अपनी नाक से इस में मजे दार मसाले सूंघ रहा है।
मास्टर-जी: दीपू बेटा, यह एक पवित्र जगह है और आपको इसे अलग कोण से नहीं देखना चाहिए।
दीपक: सॉरी मास्टर-जी।
मास्टर-जी: मुझे भी महा-यज्ञ में आने या उपस्तिथ होने की अनुमति नहीं है, लेकिन मैंने कुछ साल पहले एक महिला को पवित्र कुंड से बाहर आते देखा था क्योंकि उस समय मैं किसी काम के लिए आश्रम आया हुआ था.
दीपू: नंगी?
क्या ? ये नंगी शब्द सुन कर मुझे मिनाक्षी की बात याद आ गयी . ईमानदारी से अब मैं भी अपने भीतर जिज्ञासा महसूस कर रही थी. मैं सोचने लगी, मेरे लिए भविष्य के गर्भ में और क्या क्या है
मास्टर-जी: हाँ दीपू।
दीपू: आपके कहने का मतलब है कि आपने आश्रम के मध्य में मैडम जैसी विवाहित महिला को उस टब से निकलते देखा है? और वो भी बिलकुल नग्न
मास्टर-जी: मैंने तुमसे कहा था दीपू…
दीपू: नहीं, नहीं, मैं तो बस ... उत्सुकतावश पूछ रहा था मास्टर-जी!
मास्टर-जी: मैडम, क्या आपने चोली को आजमाने या पहनने की कोशिश की है?
मास्टर जी की बात सुन कर जैसे मैं अचानक नींद से जाएगी और मैंने चोली पहनना शुरू किया और इस बार मैं काफी चकित थी ब्लाउज मेरे आधे स्तन को उजागर कर रहा था। जैसा कि मैंने ब्लाउज को पहना तो देखा मेरे ब्लाउज की चकोर नेकलाइन ने मेरे दोनों स्तनों को उस तरह से ऊपर से उजागर किया था मानो वो उछल कर बाहर आना चाहते हो. ब्लाउज की ऊपरी खुले हुए चकोर ने मेरी छाती और स्तनों के ऊपरी हिस्सों को खोलकर उजागर कर दिया था और जब मैंने पूरी चोली पहन ली तो मैं यह नोट करते हुए चौंक गयी कि नेकलाइन मेरे ब्रा कप के ठीक ऊपर तक गहरी थी।
इसके अलावा, मेरे ब्लाउज का सबसे ऊपरी हुक भी ठीक से बंद नहीं नहीं हो रहा था, क्योंकि थ्रेड लूप बहुत छोटा था। इसलिए मेरे सफ़ेद स्ट्रैपलेस चोली का एक हिस्सा मेरे ब्लाउज के ऊपर भी दिखाई दे रहा था और साथ ही एक इंच से अधिक स्तनों के बीच की दरार भी ढकी हुई न होकर उजागर थी ।
मैं: मास्टर-जी…
मुझे अपनी समस्या व्यक्त करने के लिए पर्याप्त शब्द नहीं मिले।
मैं: बस एक मिनट।
मास्टर-जी: हां, मैडम?
मैंने बाथरूम से बाहर निकलने का फैसला किया और फिर मास्टर-जी के साथ बातचीत की। ऐसा करने से पहले मैंने टॉयलेट में लगे लाइफ साइज मिरर में अपनी छवि को देखा। कम से कम कहें तो उस पोशाक में बहुत सेक्सी लग रही थी।
मैंने अपने ब्लाउज को थोड़ा समायोजित करने की कोशिश की, लेकिन असफल रही , क्योंकि यह मेरे बड़े प्रचुर ग्लोब पर पूरी तरह से फिट था। मैंने टॉयलेट का दरवाजा खोला और बाहर निकल आयी । उम्मीद के मुताबिक दीपू उस सेक्सी ड्रेस में मुझे देख कर खुश हो गया।
दीपक: ऐ आयी ला! मैडम, आप इस सफेद पोशाक में बहुत अच्छी लग रही हैं।
मैंने उसकी टिप्पणी को नजरअंदाज किया और मास्टर-जी को अपने ब्लाउज के शीर्ष हुक की ओर इशारा किया।
मैं: मास्टर जी, मैं इसे बंद नहीं कर सकी
मास्टर-जी: क्यों? क्या हुआ मैडम?
मैंने उनके सामने ही अपने दोनों हाथों को मेरे वक्षस्थल मध्य तक ले आयी और हुक को हुक के पाश में डालने की कोशिश की, लेकिन फिर से विफल हो गयी , क्योंकि धागे का लूप बहुत छोटा था। ( चोली आगे से बंद होती थी )
मास्टर-जी मेरे पास आए।
कहानी जारी रहेगी