Update 02

मम्मी का कमरा और हमारा कमरा दोनों साथ साथ ही थे / मम्मी और हमारे कमरे के बीच में एक दीवार थी और उस दिवार के एक कोने में हमने एक छोटी सी खिड़की लगवा राखी थी ताकि कोई चीज अगर देर रात में किसी को देनी हो तो दे सकें / उस दिवार खिड़की के दोनों तरफ से परदे लगे थे कि अगर खिड़की खुली भी रखनी हो तो कम से कम परदे से किसी की प्राइवेसी रखी जा सके /

मैंने अपनी तरफ से खिड़की खोल कर पर्दा एक तरफ कर दिया ताकि मम्मी उस तरफ से अगर देखना चाहे तो उसको कोई परेशानी न हो / मैं और डॉली (मेरी पत्नी) ने सब तरफ से सोच लिया था कि कैसे कैसे करना है और क्या क्या डायलाग बोलने हैं जिस से मम्मी को वासना का बुखार चढ़ जाये / बस अब रात होने का इंतज़ार था / जैसे जैसे रात का अँधेरा घना होता जा रहा था मेरे दिल की धड़कन बदती जा रही थी /

मुझे पता है की मम्मी ने बहुत दिनों से पापा से सेक्स नहीं किया है / मम्मी का शरीर बहुत ही सेक्सी और गद्देदार है / मम्मी घर में अंदर के कपडे मतलब ब्रा और पेंटी वगैरह नहीं डालती हैं / इसलिए मुझे मम्मी के मुम्मे और गद्देदार गांड के गोल गोल चूतड़ हमेशा ही आकर्षित करते रहते हैं /

मैंने सारे कमरे की लाइट जला कर्क पूरा कमरा रौशनी से भर दिया जोकि अगर मम्मी हमारे कमरे में देखे तो हम मम्मी को पूरा का पूरा रोमांस करते हुए दिख जाये / मैंने सोचा की मैं पहले डॉली को गरम करूँ ताकि डॉली की गरम गरम सिसकियाँ मम्मी के कानों में पहुँच जाये और मम्मी हमारे कमरे में परदे से झाँक कर हमारी चुदाई को लाइव देख सके /

मैंने डॉली को पहले ही समजा दिया था की आज मम्मी को अपना लाइव चुदाई शो दिखाना है / डॉली बने अपने गाउन के नीचे पेंटी और ब्रा नहीं डाली थी / वैसे ही मम्मी ने डॉली को कहा हुआ था कि घर में हम लडकिय और औरतें अंडर गारमेंट नहीं डालती हैं और नीचे से नंगी ही रहती हैं // और शादी के बाद तो डॉली ने कभी भी नीचे पेंटी और ब्रा नहीं डाली थी और मुझे पता था की मम्मी भी बहार से आ कर अपनी ब्रा और पेंटी उतार देती थी /

मैं धीरे से डॉली के साथ अपना सेक्स का प्रोग्राम शुरू कर दिया और डॉली को गरम करना शुरू किया / जैसे जैसे मैं डॉली को गर्म करता गया डॉली की सिस्कारियां अपने आप ही तेज़ होती जा रही थी / डॉली की तो आदत ही थी कि जैसे जैसे मैं उसको चूमता था उसकी सिसकियाँ तेज़ और तेज़ होती जाती थी चाहे मैं उसकी चूत का फूल चूसूं या उसके भारी भारी मुम्मे चूसू या उसके रसीले होंठों को चुसुं / जैसे ही मैं उसके चूत के फूल को होंठों में भरकर चूसता था तो डॉली के चूतड़ अपने आप ही ऊपर की और उठ जाते थे और उसका शरीर कांपने लगता था //

मैंने डॉली के छूट के फूल को चूसने के बाद जब उसकी छूट ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया तो मैंने जल्दी 69 पोजीशन कर के फिर से अपने लौड़े को डॉली के होंठो के पास कर दी डॉली ने सिसकियाँ लेते हुए मेरे लौड़े को अपने होंठो से पीना शुरू कर दिया और धीरे धीरे से चूसते हुए पूरे लौड़े को अपने होंठो के भीतर करते हुए मेरे लौड़े का सुपाड़ा अपने गले से नीचे उतार कर चूसना शुरू कर दिया और गले के नीचे से ऊपर तक गीला करते ही मेरे लम्बे लौड़े को दबादब मस्ती से चूसने लगी / मैंने महसूस किया की मम्मी ने धीरे से पर्दा सरका कर खिड़की से अंदर की तरफ देकना शुरू कर दिया था / मम्मी के कमरे मैं अँधेरे था और मेरे कमरे मैं पूरी रौशनी थी / लेकिन जब पर्दा ज़रा सा हिला तो मैं शीशे में देख लिए की पर्दा हिला है / अब मैंने सोच लिए की चुदाई कर कार्यक्रम शुरू करने का वक्त आ गया है // (aaahhhh)

उधर मम्मी ने अपने गाउन के अंदर कुछ नहीं डाला था / घर पर तो मम्मी ब्रा और पेंटी पहले ही नहीं डालती थी ये बात मुझे मेरी बीवी डॉली ने बताई थे / मम्मी ने डॉली को भी घर पैर ब्रा और पेंटी डालने के लिए मन किया था / मैं मम्मी के बड़े बड़े और भारी भारी मुम्मों का दीवाना था और जब भी मौका मिलता था मैं मम्मी के हिलते हुए भारी भारी मुम्मे और गांड तो ताकता रहता था / ये काम तो मैं बचपन से ही करता आ रहा था //

मुझे कुछ दिन पहले की एक घटना याद आ गई जब मैं और मम्मी एक बस में सफ़र कर रहे थे और बस में बहुत भीड़ थी / मम्मी ने एक पतला सा सूट डाला था क्योंकि गर्मी बहुत थी पतले से सूट में काले रंग के सूट में थी जिसमे मम्मी बहुत ही कामुक लग रही थी सूट बिलकुल परफेक्ट सिलाई का था / मम्मी की कमर पर टाइट और मम्मी के मुम्मे और चूतड उभरे हुए दिखाई दे रहे थे / मम्मी की क्रीम रंग की ब्रा और पेंटी की शेड कपड़ों में से दिख रही थी / बस में बहुत भीड़ थी फिर भी हमें एक सीट खली मिल गई / मैंने मम्मी को बोला कि मम्मी एक सीट खली है आप बैठ जाओ / मम्मी बोली – नहीं रवि तुम बैठ जाओ, अभी अभी तुम बहुत काम करके आये हो, तुमको थकावट हो गयी होगी, तुम बैठ जाओ / मेरे बहुत कहने पर भी मम्मी सीट पर नहीं बैठी और मुझे सीट पर बिठा दिया और मम्मी मेरे साथ खड़ी हो गई / मैंने अपने दोनों हाथ अपने सामने वाली सीट पर रख कर सीधे कर लिए / मेरी कोहनी मम्मी की गांड को टच कर रही थी जिस से मुझे कुछ कुछ सेक्सी सा फील हो रहा था /

हाय मम्मी !!!

थोड़ी देर में बस में रश ज्यादा होने लगा था और भीड़ बढती जा रही थी / मैंने मम्मी को फिर से सीट पर बैठने के लिए कहा लेकिन मम्मी ने मन कर दिया था / रश के साथ एक ,., अंकल जी मम्मी के पीछे आ कर खड़े हो गए वो पापा की उम्र के थे / मैंने उनकी रेस्पेक्ट करते हुए उनको अपनी वाली सीट पर बैठने के लिए कहा लेकिन उन्होंने मना कर दिया / उनसे बातचीत करने पर पता चला की उनका नाम असलम था वो एक यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे और हिंदी के शिक्षक थे / मैंने उनको अंकल कह कर संबोधित किया था / उन्होंने सफ़ेद रंग की धोती और सफ़ेद रंग का ही कुरता डाला हुआ था / उनका शरीर बहुत ही सॉलिड था शायद उनको पहलवानी का शौक था / उनका डील डौल मस्त था वो सर से पूरे गंजे थे और क्लीन शैव थे / अंकल मम्मी के साथ बिलकुल साथ जुड़कर खड़े थे / थोड़ी देर बाद मम्मी थोडा-२ सा हिलने लगी / मुझे लगा कि मम्मी खड़े खड़े थक गई होगी / इसलिए मैंने मम्मी से पुछा मम्मी आप खड़े खड़े थक गई होंगी तो आप मेरी जगह पर बैठ जाओ / मम्मी ने हँसते हुए मन कर दिया / फिर अचानक मेरे मन में एक ख्याल आया की कहीं अंकल जी मम्मी के साथ कुछ? ऐसा सोचते ही मेरे लौड़े में हलचल होने लगी / मुझे कहीं कहीं थोडा थोडा सा भरोसा था की बस में अगर ऐसी भीड़ हो और ऐसी मस्त मस्त भरे भरे शरीर वाली औरत अगर सामने खड़ी हो तो किसी का मन भी डोल सकता है न /

हाय मम्मी !!!

मेरा ध्यान फिर से अंकल की तरफ गया तो मैं sure हो गया की मेरे दिल में जो आ रहा था वो सच था / अंकल की सफ़ेद धोती उनके लौड़े की तरफ से काफी सारी उठी हुई थी / मुझे एहसास हो रहा था की उनका लौड़ा धोती के अंदर पूरा उठा हुआ था / अंकल धीरे धीरे से मम्मी के चूतडों के बीच में अपने लौड़े को धकेलने की कोशिश कर रहे थे और जैसे बस उपर नीचे होती वो भी बस के साथ ऊपर नीचे हो रहे थे जैसे किसी को कोई शक न हो की अंकल मम्मी की मस्त गांड में धक्के मार रहे थे /

थोड़ी देर तक रगडा मारने के बाद अंकल एक दम से शांत हो गए / लेकिन मम्मी शायद बहुत गर्म हो चुकी थी वो पीछे के तरफ अंकल के लौड़े पर रगडा मारती रही / अंकल थोडा सा मम्मी की गांड से पीछे हो गए क्योंकि अब उनका पारा उतर चूका था / उन्होंने मुझे अपनी सीट पर बैठने के लिए बोला / मुझे भला क्या आपत्ति हो सकती थी मैंने उनको अपना स्थान दे दिया और मैं उनके स्थान पर खड़ा हो चूका था / मम्मी को ये बात पता नहीं थी कि मैं असलम अंकल के स्थान पर खड़ा हो चूका हूँ / रश के ज्यादा होने की वजह से मैं मम्मी के साथ सटकर खड़ा हो गया / मम्मी को जैसे ही महसूस हुआ कि कोई उनके साथ सटकर खड़ा है वो अपने चूतड को थोडा पीछे की तारफ उभारकर धीरे से मेरे लौड़े पर धिसाने लगी /

हाय मम्मी !!! !! !

अब मुझे ही थोडा थोडा एहसास हो चूका था की मम्मी कितनी गरम है और इस काम-गर्मी के कारण वो अपनी गांड को मेरे लौड़े पर रगड़ रही थी / मुझे ब्लू फिल्मों में देखि गई मम्मी और बेटे की सेक्स स्टोरीज याद आने लगी किस प्रकार से एक मम्मी अपने बेटे के मोटे बड़े लौड़े को लेने के लिए अपने ही बेटे को कामुक इशारे करती है / ये सब सोच सोच कर मेरा लौड़ा अकडने लगा और फूल कर कुप्पा हो गया / मेरा लौड़ा भी मेरी पेंट के अंदर टाइट होने लगा था और मम्मी की गांड की दरार में घुसने लगा था / जबकि मेरा लौड़ा मेरी पेंट के अंदर था, लेकिन मेरा लौड़ा काफी लम्बा चौड़ा था / मुझे पता था की कोई साधारण स्त्री मेरे लौड़े को संभल नहीं सकती थी लेकिन अपनी मम्मी पर मुझे पूरा भरोसा था / मुझे पता था कि मम्मी शादी से पहले और कभी कभी शादी के बाद भी पता नहीं कितने लौड़े ले चुकी थी / और मम्मी की गर्मी थी की शांत ही नहीं होती थी /

हाय मम्मी !!! !! !

मम्मी अपनी गांड को पीछे की तरफ मेरे लौड़े पर रगड़ रही थी जैसे उसकी गांड को भी महसूस हो चूका हो कि उसके पीछे मोटा लंड पड़ा हुआ था / अंकल भी सीट पर बैठे बैठे फिर से गरम हो चुके थे / वो जानते थे की मम्मी बहुत ही ज्यादा गर्म हो रही है / उन्होंने अपना एक हाथ मम्मी की टांगों के बीच में दाल कर मम्मी की चूत को अपनी हथेली में भर लिया और अपनी एक ऊँगली को मम्मी की चूत में सलवार के कपडे के ऊपर से ही रगड़ने लगे / मम्मी ने चौंक कर अंकल की तरफ देखा तो वहां सीट पर अंकल को देख कर मम्मी चौंक गयी / फिर उन्होंने अपने पीछे की तरफ चोरी चोरी से देखा तो वहां पर अपने बेटे यानि की मुझे देख कर हैरान हो गई //

हाय मम्मी !!! !! !

मम्मी एक दम से थम गई क्योंकि अब वो जान चुकी थी की उनके पीछे उनका ही बेटा खड़ा था / थोड़ी देर जब कुछ नहीं हुआ तो मैं धीरे से मम्मी की गांड पर अपने लौड़े को घिसाने लगा / मेरा लौड़ा पत्थर की तरह से सख्त हो चूका था / मैंने अपने लौड़े को पेंट के अंदर अपने हाथ से बिठाने की कोशिश भी की लेकिन मेरा लौड़ा था की बैठने की जगह और भी टाइट हो गया था / मेरी पेंट में मेरे लोडे का उभार बहुत तंग कर रहा था मेरे दिल कर रहा था की अपनी पेंट की जिप को खोल कर अपने लौड़े को बहार निकल लूं ताकि मुझे कुछ आराम मिले / जैसे जैसे बस के झटके लगते मैं अपनी ही मम्मी की मस्त मस्त नर्म गांड के बीच में अपने लौड़े को घिसने लगता जिस से मुझे बड़ा मजा मिल रहा था और मेरा लौड़ा और भी तन्न कर टाइट होता जा रहा था //

हाय मम्मी !!! !! !

उधर नीचे से असलम अंकल ने मम्मी की चूत को अपनी मुठी से आज़ाद किया और फिर अपनी बीच की ऊँगली को मम्मी की चूत के बीच में डालकर आगे पीछे करने लगे / (मुझे पता था की मम्मी जब साड़ी डालती है तो पेंटी नहीं पहनती है मैंने मम्मी को कई बार साड़ी में बिना पेंटी के घर पर उनकी चमकीली चूत को देखा था) मुझे लगता है की मम्मी की चूत पानी छोड़ने लगी थी क्योंकि मुझे रुक रुक कर चप्प चप्प की आवाजें लगी थी जिनकी आवाज़ ज्यादा ऊँची नहीं थी और बस के शोर में दब रही थी / मम्मी के मुहं से धीरे धीरे रुक रुक कर सिसकियाँ निकलने लगी थी (क्योंकि मैं मम्मी के बिलकुल पीछे सटकर खड़ा था तो मुझे मम्मी के होंठों से निकलती हुई गर्म सिस्कारियां महसूस हो रही थी) मुझे लग रहा था का अंकल के हाथ की मोती ऊँगली भी मम्मी की चूत में छोटे लंड जैसा काम कर रही थी / कुछ देर तक अंकल ने अपने हाथ को स्पीड से आगे पीछे करना शुरू कर दिया और फिर दो मिनट के बाद अपने हाथ को मम्मी की साडी से हाथ निकल कर मम्मी की चूत को आज़ाद कर दिया / मैंने चोरी चोरी देखा की अंकल ने जब अपना हाथ मम्मी की साडी से निकाला तो उनका हाथ बहुत गीला गीला हो रहा था / मैं समझ गया की मम्मी झड गई है /

हाय मम्मी !!!! !! !

अब मम्मी के चेहरे पर शांति थी और वो बिलकुल चुपचाप खडी / अभी मुश्किल से १-२ मिनट ही बीते होंगे की मम्मी की चूत में फिरसे खुजली होने लगी और मम्मी मेरे लौड़े के ऊपर फिर से अपने भरे हुए चूतड रगड़ने लगी / मम्मी से चूत की खुजली बर्दाश्त नहीं हो रही थी वो जानती थी की उसके पीछे उसका ही बेटा खड़ा है फिर भी खुजली से मजबूर थी की अपनी भरी गांड को अपने ही बेटे के टाइट लौड़े पर रगड़ रही थी / मेरा लौड़ा भी अपनी औकात पर आ चूका था वो नहीं जनता था कि उसके आगे कौन है ? बस एक मस्त मोटी और भरी भरी गांड उसके आगे थी / मेरा लौड़ा पेंट के अंदर और भी टाइट हो चूका था और मेरे लौड़े का सुपाड़ा अपने आप टाइट होने की वजह से खुल चूका था और पत्थर की तरह से टाइट हो चूका था /

मैं भी मम्मी के साथ बिलकुल चिपक के खड़ा था जैसे कि मम्मी को लगे की बस में भीड़ की वजह से उसका बेटा उसके साथ चिपक कर खड़ा है / जैसे जैसे बस के धक्के आते मम्मी पीछे की तरफ से अपनी गांड को मेरे लौड़े पर रगडती और मैं भी उसी तरह से अपने लौड़े को मम्मी की गांड पर धक्का मारता / जिस कारण मेरा लौड़ा मेरी पेंट से काफी हद तक उभर कर मम्मी की गांड की दरार में फंस गया था /

मम्मी बीच बीच में बहाने से अपने हाथ को पीछे कर के मेरे लौड़े पर फिरा रही थी जिस कारन से मेरे लौड़े में और भी फुलावट आने लगी थी / बीच बीच में मम्मी मेरे लौड़े के चारों तरफ अपनी हथेली फिर रही थी और कभी कभी गोलाई में भर कर दबा देती थी / मुझे लग रहा था की मम्मी को मेरे मोटे लौड़े की मोटाई पसंद आ गई थी /

हमें जिस गाँव में जाना था वो गावं आने वाला था / बस उस छोटे से गाँव के उस स्टॉप पर उतरी / जब मम्मी और मैं गाँव के बस स्टैंड पर उतरे तो हमने देखा कि हमें लेने के लिए दो जने एक गाड़ी लेकर आये हुए थे / उन्होंने ने हमें देखते ही बोला की की आप मिसिज़ अंजली और ये आपका बेटा रवि है ना ? मम्मी ने उनको हाँ कहा और बोला की हम चौधरी साहब के घर उनके फंक्शन पर आये हैं / तो उन दोनों ने बताया की चौधरी साहब ने ही हमें आपको लेने के लिए भेजा है, चलिए आप दोनों पीछे गाडी में बैठ जाएँ /

हाय मम्मी !!!! !! !

वो एक छोटी गाड़ी था / उन लोगों ने हमारा सामान गाडी के ऊपर रखा और मैंने मम्मी के कार में बठने के लिए गाडी का दरवाज़ा खोल दिया / मम्मी कार के दरवाजे से अंदर की तरफ खिसकी और मैं भी मम्मी के साथ साथ कार के अंदर पिछली सीट पर जा कर बैठ गया / कार छोटी होने की वजह से मम्मी की भरी भरी हुई गांड बैठने से और फ़ैल गई थी और मेरे बदन के साथ टच होने लगी थी जिस कारन से मेरे लौड़े में उभार आना शुरू हो गया / मैं फिर से बस में मम्मी के बर्ताव को लेकर सोचने लगा की मम्मी कितनी गरम औरत है /

मम्मी का एक हाथ मेरे घुटने के ऊपर वाली टांग पर था जो मम्मी के टांग के साथ टच हो रही थी / मम्मी मुझे ये जता रही थी की उसने अपना हाथ जानबूझ कर नहीं रखा था / धीरे धीरे मम्मी का हाथ थोडा थोडा ऊपर की तरफ होने लगा और मेरे लौड़े को टच करने लगा / क्योंकि गाँव का रास्ता था तो गाडी उबड़ खाबड़ रास्ते पर धक्के मार कर चल रही थी और गाडी में हम लोगों को भी धक्के लग रहे थे हर धक्के के साथ मम्मी मेरे लौड़े पर अपना हाथ जोर से दबा देती थी / जिस कारन मेरे लौड़े में तूफानी गति से करंट लग रहा था और मेरे लौड़ा फिर से टाइट होने लगा था /​
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