Update 04

( प्रेजेंट टाइम )

मुझे पता था कि मम्मी परदे के पीछे से हमारे कमरे के अंदर मेरी और डौली की चुदाई देखने के लिए खड़ी थी / मैं डॉली की टांगों की तरफ आ कर बैठ गया मैंने फिर डॉली की दोनों नंगी टांगों को इधर उधर फैला कर खोल दिया जिस से डॉली की बिना बालों वाली चूत का मूंह भी थोडा सा खुल गया था / मैंने डॉली की चूत को दोनों हाथों की उँगलियों से फैला कर अपनी जीभ से चाटना और चूसना शुरू कर दिया / डॉली मस्ती में आह ऊह आह ऊह करने लगी / मुस्ती में डॉली के मूंह से सिस्कारियां निकल रही थी और मैंने थोड़ी देर तक डॉली की चूत को चूसा तो डॉली की चूत चमकने लगी थी और थोडा थोडा पानी भी छोड़ने लगी थी / मैंने अपने लौड़े को डॉली की चूत के सामने सेट किया और डॉली की छूट की दोनों चमकती हुई फाड़ियों को अलग अलग करके अपने लौड़े के सुपाडे को उसके उपर फिट किया जिससे मेरा सुपाडा थोडा सा चूत के अंदर तक चला गया था / और डॉली के कन्धों को दोनों हाथों से पकड़ कर एक जबरदस्त धक्का मारा मेरा लगबघ पूरा लंड ही डॉली की छूट को फाड़ता हुआ अंदर जाकर टाइट हो गया / डॉली की मूंह से एक जोरदार चीख निकली “हाय मर गई मम्मी मुझे बचाओ, मार डाला, मेरी चूत फाड़ दी” मैंने डॉली के होंठों पर अपने होंठ फंसा कर थोडा सा लौड़ा बहार निकला और एक जोरदार धक्का और मारा जिस से मेरा लौदा पूरा डॉली की चूत के अंदर समाकर फिक्स हो गया /

मैंने अपने लौड़े को चूत के अंदर डाले डाले ही डॉली के होंठों को चूसना शुरू कर दिया और उसके भारी भारी मुम्मों को भी दबाना चालू कर दिया जिस कारन डॉली की चूत पानी छोड़ने लगी और चिकनी हो गई / मैं एक दो मिनट रुक कर अपने लौड़े को थोडा सा बहार निकला और फिर से एक हल्लब्बी धक्का मारा और अपने लम्बे मोटे काले लौड़े को डॉली की गोरी गोरी प्यारी छूट के अंदर तक फसा दिया / ऐसा लग रहा था जैसे कोई काली मोती मूली माखन के अंदर धंसी हुई हो / दो मिनट के बाद ही डॉली नीचे से अपने चूतड हिलाना चालू कर दिया जिस कारण मैं समझ गया की डॉली की चूत मेरे लौड़े को अपने अंदर घुसाने की कोशिश कर रही है / मैंने झट से अपने लौड़े को पूरा बाहर निकल लिया और मम्मी को खिड़की की तरफ दिखाते हुए और डॉली को दिखाते हुए बोला देखा डॉली लौड़ा तुम्हारी चूत का रस पीकर कितना मोटा और लम्बा हो गया है / डॉली ने शर्माते हुए बोला “हम्म, देख रही हूँ, आपको तो यह काम बहुत पसंद है, आपका बस चले तो आप सारा दिन ही चूत में अपना डाल कर धक्के ही मारते रहो, आपका घोड़े जैसा लौड़ा अपनी चूत में डलवा कर मुझे कितना दर्द होता है आपको पता नहीं है /” मैंने डॉली के एक मुम्मे को अपने होंठों में पूरा भरते हुए बोला – “मुझे पता है मेरी जान / तुम्हे भी तो मेरा गधे जैसा लौड़ा ले कर मजा आता है, तभी तो अपनी गांड को उठा उठा कर मेरे लौड़े को पूरा अंदर तक ले लेती हो, और बोलती हो और जोर से मेरी चूत मारो मेरे राजा, फाड़ दो मेरी चूत को /”

“सही बात है” डॉली बोली. “मेरे राजा तुम्हारे जैसा लौड़ा तो शायद ही किसी का हो, ऐसा लगता है जैसे किसी घोड़े या गधे का लौड़ा हो / इतना बड़ा तो शायद ही किसी का लंड होगा / और जब तुम शराब पी कर आते हो और भी पागल हब्शी जैसे हो जाते हो ऐसा लगता है जैसे तुम्हारे अंदर कोई शैतान घुस जाता है और सुबह जब उठते हो तो तुम्हे कुछ याद नहीं रहता / मुझे तो लगता है की आज भी तुम शराब पी कर आये हो / बताओ क्या ये सही बात है ?” (ये शब्द मैंने डॉली को जानबूझ कर बोलने के लिए कहा था, ताकी जब कभी मैं और मम्मी सेक्स करें तो मैं ऐसा pretend करूं जैसे मुझे शराब पीने के कारण सेक्स करने की कोई भी बात याद नहीं है/)

मैंने डॉली की चूत में अपने लौड़े को धक्का मार के पूरा जड़ तक घुसते हुए कहा “बिलकुल ठीक कहा मेरी जान डॉली / आज तो मैंने शराब के साथ साथ एक स्पेशल वाली गोली भी खाई है / ये गोली मेरे एक आयुर्वेद के जानकार दोस्त ने मेरे लिए स्पेशल बना कर दी है और कहा है की मेरे लौड़े से जल्दी से पानी नहीं निकलेगा और मेरा लौड़ा किसी घोड़े या गधे जैसा ही बन जायेगा मैं जब मर्जी अपने लौड़े को छोटा या बड़ा कर सकूँगा /” यह कहकर मैंने डॉली को एक प्लास्टिक के लिफाफे के अंदर बहुत सारी गोलियों को दिखाते हुए कहा / उस लिफाफे के अंदर बहुत सारी गुलाबी गोलियां थी जो कि मैंने सेक्स करने से पांच मिनट पहले ही लेनी थी / इन गोलियों का असर बहुत जल्द ही होने लगता था और काफी देर तक रहता था / आज मैंने पहली गोली ली थी और मुझे अपने अंदर बहुत ही ज्यादा एनर्जी (ताकत) महसूस हो रही थी ऐसा लग रहा था जैसे मेरे लौड़े का साइज़ और भी बड़ा हो गया हो और मुझे अभी तक ऐसा महसूस हो रहा था जैसे एक घंटे तक मैं और भी डॉली को चोद सकता हूँ /

डॉली की सिसकियाँ अब धीरे धीरे तेज़ होने लगी थी और सिसकियाँ चीखों में बदल रही थी / शायद डॉली को भी महसूस हो रहा था कि मेरा लौड़ा लम्बा और मोटा हो गया था जिस से उसकी चूत में मेरा लंड घिस घिस कर जा रहा था और जब मैं अपने लौड़े को बहार की तरफ खींचता था तो उसकी छूट की चमड़ी भी मेरे लंड के साथ चिपक कर बार आ जाती थी / डॉली चीखें मरने लगी थी और बोली “आह रवि, धीरे धीरे करो ना तुम्हारा लंड तो और भी मोटा और लम्बा हो गया है पूरा का पूरा ही अंदर तक चोट कर रहा है, कैसी गोली खाई है तुमने / तुम्हारे इस लम्बे मोटे लौड़े के सामने तो कोई भी औरत का पानी बार बार निकल जायेगा” मैं जानता था की डॉली ऐसी बातें जानबूझ करके कर रही थी ताकि खिड़की के दूसरी तरफ से सुन रही मम्मी की चूत से भी पानी छूटना शुरू हो जाये / और मुझे लग रहा था की मम्मी की छूट ने जरुर पानी छोड़ दिया होगा / मैं जानता था की मम्मी की चूत बहुत प्यासी थी और लम्बे मोटे लौड़े के लिए तरस रही थी / जब से गाँव में मम्मी ने मेरे लौड़े को अपने हाथों और होंठों में लिए था तभी से मम्मी बार बार मेरी तरफ कोई न कोई बहाना कर के मेरे करीब और मुझे छूने की कोशिश करती रहती थी /

मैंने मम्मी को दिखा दिखा कर डॉली की टांगों को खोल कर अपने लौड़े को जबरदस्त तरीके से डॉली की चूत के अंदर धक्के मारने शुरू कर दिया / मेरे हर धक्के पर कमरे में छप्प छप्प और चप्प चप्प की आवाज़ आने लगी क्योंकि डॉली की चूत पानी छोड़ रही थी / आखिर मैंने भी बीस पच्चीस धक्के मारने के बाद अपने लौड़े के पानी को डॉली की चूत में छोड़ दिया और अपने लौड़े को डॉली की चूत से बहार निकल लिया / गप्प की आवज़ के साथ मेरा भारी लौड़ा डॉली की चूत से बहार आ गया / मेरा लौड़ा घोड़े के लौड़े जैसा लग रहा था जो घोड़ी की छूट से बहार आता है / मेरे लंड से डॉली की चूत का पानी और मेरा गाड़ा गाड़ा वीर्य बह रहा था जिससे डॉली ने एक झटके से पकड़ कर मूंह में भर लिया और चूस चूस और चाट चाट कर मेरे लौड़े से सारा पानी साफ़ कर दिया / अब डॉली अपने होंठों पैर जीभ फिर रही थी क्योंकि उसको मेरे लौड़े का पानी बहुत पसंद था / आखिर हम चुदाई करने के बाद नंगे ही एक दुसरे को बाहों में भरकर सो गए / पता नहीं कब हमें नीद आ गई /

सुबह दरवाज़ा खटखटाने के साथ ही हमारी नींद खुली / बहार से मम्मी आवाज़ दे रही थी / डॉली से पहले मैं उठ गया और मैंने देखा की मैं और डॉली रात के बिलकुल नंगे ही सो रहे थे / डॉली अभी भी सो रही थी / मैंने जल्दी से एक तौलिया लपेटा और दरवाज़ा खोल दिया / बहार मम्मी चाय ले कर खड़ी थी / मुझे देख कर मम्मी के होंठों पैर मुस्कराहट आ गई / मम्मी की नज़र मेरे तौलिये में लटक रहे मेरे भारी लौड़े पैर चली गई जो अभी भी उभरा हुआ था / मैं समझ गया की मम्मी की आँखों के सामने रात का दृश्य उभर आया होगा जब मैं अपने लौड़े को डौली की चूत में जोर जोर से धक्के मार रहा था /

मम्मी: क्या डॉली अभी तक सो रही है?

मैं : हाँ मम्मी, शायद बहुत थक गई है !

मम्मी: थक तो जाएगी ही ना, जब इतनी इतनी मेहनत करेगी (यह कहकर मम्मी के होंठों पर शरारत भरी मुस्कान आ गई थी / मैं समझ गया था कि मम्मी किस मेहनत की बात कर रही थी / यह सोचकर ही मेरे लौड़े ने ऊपर की तरफ एक ठुमका लगाया, जिस करके मम्मी की नज़रे भी मेरे तौलिये के उभार पैर चली गई थी /)

मम्मी: अच्छा, यह चाय लो और डॉली को भी उठा दो और दोनों मिलकर चाय पी लो / कुछ और करने मत लग जाना, अभी घर का बहुत सा काम पड़ा है / (फिर मम्मी ने शरारती लहजे में कहा)

मेरे दोनों हाथों में चाय की ट्रे थी और मम्मी के हाथ खली थे मैं जैसे ही ट्रे ले कर मुड़ा मम्मी ने धीरे से मेरे लौड़े वाली जगह पर तौलिये के ऊपर हाथ लगाकर कहा - “ये क्या रवि, ये कुछ गीला गीला क्यों लग रहा है /”

मैंने चाय की ट्रे पकडे पकडे ही कहा - “नहीं तो मम्मी तौलिया तो गिला नहीं है /”

लेकिन मम्मी ने मेरे लौड़े को अपनी मुठी में पकड़ कर कहाँ , “देखो यहाँ पर मुझे कुछ गीला लग रहा है” यह कहकर मम्मी ने मेरे लौड़े को नीचे से ऊपर की तरफ कर दबा दिया / मेरे लौड़े की टोपी खुल चुकी थी और मेरा लौड़ा अपनी पूरी औकात पर आ चूका था /

अब मेरे तौलिये के ऊपर से भी मेरे पूरे लौड़े का साइज़ पता चल रहा था / फिर मम्मी ने दोनों हाथों में मेरे लौड़े को तौलिये के ऊपर से मुठी में भर लिए और बोली – मैं दबा कर देखती हूँ कहीं पानी तो नहीं भरा है तौलिया के अंदर” यह कहकर मम्मी ने अपनी मुठी को लौड़े के ऊपर कसकर दबा दबा कर मजा लेने लगी /

मम्मी के मूंह से सिसकारी निकलने लगी तो मैं अपने लौड़े को और भी टाइट करके खड़ा हो गया और बोला - हाँ मम्मी, अच्छे से चेक कर लो कही पानी न भरा हो, नहीं तो अंदर खारिश हो जाएगी /”

मम्मी ने तीन चार बार दबा दबा कर देखा, फिर बोली – अरे रवि, मुझे शायद ऐसे ही लग रहा था / लगता है की तौलिया सूखा ही है / अच्चा चाय पी लेना मैं चलती हूँ / यह कहकर मम्मी कमरे से बहार जाने लगी / मैं घूर घूर कर मम्मी की मटकती गांड को ध्यान से देखने लगा / मम्मी की लचकती हुई गांड को देखकर मेरा लौड़ा और भी टाइट हो गया और उपर नीचे झटके खाने लगा / जब तक मम्मी दिखती रही मैं मम्मी के पूरे बदन को घूर घूर कर देखता रहा /

जाते जाते मम्मी ने दरवाजा बंद करते हुए एक टेड़ी नज़र से मेरे तौलिये की तरफ देख कर मुस्कराई और दरवाजा बंद कर दिया /

मम्मी की मुस्कराहट देख कर मैं समझ गया की मम्मी को मेरे लौड़े की लम्बाई और चौड़ाई याद आ गई होगी / यह सोचकर मेरे लौड़े ने ठुमका मारा / मैंने लौड़े पैर अपना हाथ रखते हुए उसको कहा “शांत मेरे शेर, यह शिकार भी जल्दी होगा” यह कहकर मैंने डॉली को उठाया और हम दोनों चाय पीने लगे / चाय पीने के कुछ देर बाद डॉली ने कहा की वो नहाकर आती है मैंने मुस्कुराते हुए उसको हां बोला तो वो नहाने के लिए बाथरूम में घुस गयी /

अचानक थोड़ी देर बाद मुझे बहार से मम्मी के चीखने की आवाज़ आई / मैं भागकर बाहर गया तो मम्मी के मम्मी रसोई में गिरी हुई थी / मम्मी जोर जोर से चीख रही थी / मैं जब पहुंचा तो मुझे देख कर मम्मी और भी जोर जोर से चीखने लगी “देख रवि मैं ऊपर शेल्फ से डिब्बा उठा रही थी तो मेरा पैर फिसल गया और मैं कितनी जोर से नीचे गिरी” / मैंने देखा की पास में एक लकड़ी का स्टूल गिरा हुआ पड़ा था / मैं समझ गया की मम्मी ने स्टूल के ऊपर चड़कर डिब्बा उठाने के लिए ऊपर की तरफ पैर उठाया होगा और स्टूल फिसल गया होगा और मम्मी धड़ाम से गिर गई होगी /

मैं सारी बात समझ गया / मम्मी ने इस समय साड़ी डाली हुई थी और नीचे गिरी हुई थी / मैंने घर का नाईट सूट पजामा और टी शर्ट डाली हुई थी / एक तरफ से गिरी हुई मम्मी के बड़े बड़े और भारी भारी मुम्मे ब्लाउज के अंदर से महसूस हो रहे थे /

साड़ी से दिखाई देती हुई कमर में बल पड़े होने के कारण मम्मी की कमर बहुत सेक्सी लग रही थी / और मम्मी की साड़ी पेरों से ऊपर हो गई थी जिस कारन मम्मी की बिना बालों वाली प्यारी प्यारी लम्बी टाँगे दिखाई दे रही थी / मम्मी का ऐसा गदराया हुआ बदन देख कर मेरे लौड़े ने फिर से अंगड़ाई लेनी शुरू कर दी और फिर से खड़ा हो गया ज्यादा टाइट होने के कारन मेरे लौड़े का सुपाड़ा फिर से खुल चूका था और मुझे अपने पजामे के अंदर महसूस हो रहा था /

मैंने मम्मी की पीठ के नीचे एक हाथ लगा कर एक हाथ मम्मी के मुम्मों के आगे करते हुए ले गया और मम्मी को खड़ा करने की कोशिश करने लगा / इसी कोशिश में मेरा आगे वाला हाथ जो मम्मी के मम्मी की तरफ था वो मम्मी के मुम्मे से दबने लगा था / मम्मी ने मेरे गले में अपनी दोनों बाहें दाल कर मुझे अपनी पकड़ में ले लिया और मेरे गले में झूल गई / मम्मी के बड़े बड़े और भारी मम्मी मेरे सीने में दबने लगे / मुझे पता नहीं कि यह मम्मी ने जानबूझ कर किया की अनजाने में /

लेकिन मम्मी के बूब्स टच होते ही मेरी साँसे और तेज़ हो गई थी / मम्मी मेरे गले में अपनी बाहें डालने के बाद खड़े होने की कोशिश करने लगी और थोडा सा खड़ा होने के बाद अपनी भरी हुई गांड को मेरे लौड़े की तरफ चिपका के कड़ी हो गई / मेरे लौड़े ने मम्मी की गांड को छूते ही ठुमकी मारी और मम्मी की गांड की दरार की तरफ लपका और जाकर मम्मी की गांड की दरार में फंस गया / मम्मी धीरे से चीख भी रही थी और सिसकियाँ भी मार रही थी / पता नहीं मम्मी को दर्द हो रहा था या मजा आ रहा था या तो अब मम्मी ही जान सकती थी /

मैंने मम्मी को प्यार से अपनी बाहों में भरकर उठा लिया और मम्मी के बेडरूम की तरफ ले कर जाने लगा / मेरा लौड़ा अभी भी मम्मी की मस्तानी गांड के बीच में टक्कर मार रहा था / मैंने मम्मी को बेड पर लिटाते हुए अपने लम्बे लौड़े को मम्मी की रसभरी गांड के अंदर की तरफ धक्का मार दिया जिस से मम्मी के मूंह से एक सिसकी निकल गई / पजामे के अंदर मेरा लौड़ा पत्थर की तरह से सख्त हो रहा था /

मैंने मम्मी को कहा की मम्मी आप आराम करो मैं कार बुक करके आपको डॉक्टर के पास ले कर चलता हूँ / यह कह कर मैंने मोबाइल फोन पैर कार बुक की और डॉली को आवाज़ दी / डॉली के आने पर मैंने डॉली को बताया की मम्मी रसोई में गिर गई है और मैं मम्मी को लेकर डॉक्टर के पास जा रहा हूँ / तुम काम पर चली जाना मैं आज छुट्टी लेकर मम्मी के साथ रहूँगा / डॉली बोली : ठीक है रवि / मैं पार्लर जा रही हूँ, तुम मम्मी का ध्यान रखना / यह बोल कर डॉली अपने कमरे मैं चली गई / मुझे पता था की मैं जब मम्मी को डॉक्टर के पास ले कर जाऊंगा तो डॉली ऑफिस जा चुकी होगी / (डॉली एक ब्यूटी पार्लर चलती थी जहाँ पर नौ दस लड़कियां उसके पार्लर में काम करती थी / डॉली का ब्यूटी पार्लर का काम बहुत अच्छे से चल रहा था /)

थोड़ी देर में ही बुक की हुई कार आ गई और मैंने मम्मी को सहारा दे कर कार की तरफ ले कर चला / मम्मी ने मेरे कंधे पर हाथ डाला हुआ था और मेरे कंधे की तरफ भार डाला हुआ था जिस कारन मैंने अपना एक हाथ मम्मी की पीठ के पीछे से किया हुआ था और मम्मी के एक मुम्मे को को जोर से पकड़ा हुआ था / क्योंकि मेरा हाथ मम्मी के ब्लाउज के ऊपर से मुम्मे के ऊपर था और मेरे हाथ के ऊपर मम्मी की साड़ी का पल्लू था इसलिए किसी को भी मेरा हाथ जो मम्मी के मुम्मे के ऊपर मैंने दबा रखा था, किसी को दिखाई नहीं दे रहा होगा / मेरे मुम्मे को दबाने पर मम्मी ने कोई प्रतिरोध नहीं किया था / मैं समझ गया की मम्मी की भी यही इच्छा है /

मैंने डॉक्टर की पर्ची बनवा कर मम्मी को कुर्सी पर बिठाया और बिठाते हुए फिर से मम्मी के मुम्मे को अपने हाथों से जोर से बड़ा दिया / मम्मी के मूंह से फिर से एक सिसकी निकली / मैंने पुछा मम्मी क्या हुआ दर्द हुआ क्या ? मम्मी बोली – ह्म्न्म रवि, दर्द तो हुआ है, पर कहाँ पर दर्द हुआ है मुझे पता नहीं चल रहा है / डॉक्टर ने जब स्टेथोस्कोप को मम्मी की छाती पर लगाया तो स्टेथोस्कोप मम्मी के मुम्मे के अंदर तक चला गया / डॉक्टर को भी मम्मी के भारी भारी मुम्मों का पता चल गया था / वो भी मम्मी के मुम्मे के ऊपर ऊपर बार बार से चेक करने लगा /

मैंने पुछा - क्या हुआ डॉक्टर साहिब ? डॉक्टर साहिब ने कहा – अच्छे से चेक करना पड़ेगा / फिर वो मम्मी की तरफ देख कर केबिन की तरफ इशारा किया और बोला आप इधर केबिन के अंदर लेट जाईये मैं आपका अच्छे से चेक-अप करूँगा /

मैंने मम्मी को पकड़ कर उठाया और फिर से वाही क्रिया दोहरायी अर्थात मम्मी की पीठ के पीछे से अपना हाथ ले जाकर मम्मी के एक मुम्मे को अपने हाथ से दबा कर पकड़ लिया मम्मी कुछ नहीं बोली और खड़ी और मेरे साथ साथ घिसट कर चलते हुए केबिन की तरफ जाते हुए केबिन के एक छोटे से बेड पर लेट गई /

डॉक्टर ने केबिन के अंदर आ कर पहले स्टेथोस्कोप से मम्मी की छातियों को दबा दबा कर चेक किया और फिर अपने हाथों की उँगलियों को भी मम्मी के “वी शेप” गले के पास फिरते हुए पुछा कि आपको ठीक से चेक करना होगा कहीं कोई गुम चोट न लगी हो / फिर बोला – यहाँ तो दर्द नहीं हो रहा है आपको? / मम्मी बोली – नहीं यहाँ नहीं हो रहा / डॉक्टर ने मुम्मे के साइड पर जोर से दबाते हुए कहा – यहाँ? मम्मी – नहीं यहाँ भी नहीं / डॉक्टर ने मम्मी को कहा की वो पेट के बल लेट जाएँ ताकि वो पीछे से भी चेक कर सकें / मम्मी पेट नीचे कर के लेट गई / अब मम्मी की पीठ ऊपर की तरफ थी और पेट नीचे की तरफ था / मम्मी ने अभी भी साड़ी डाली हुई थी और मम्मी की नाभि अब टेबल के कपड़े को टच कर रही थी /

डॉक्टर ने मम्मी के ब्लाउज के नीचे जहाँ पर मम्मी की पीठ नंगी थी वहां पर अपने दोनों हाथों को फेरते हुए पूछा की यहाँ पैर तो दर्द नहीं है? मम्मी बोली नहीं यहाँ पर नहीं है / डॉक्टर ने फिर उपर के तरफ अपने दोनों हाथों की उँगलियों को ब्लाउज के नीचे से अंदर की तरफ सरकते हुए पुछा यहाँ पर ? मम्मी ने कहा – नहीं / डॉक्टर ने अपनी उँगलियों को और उपर ब्रा की पट्टी के नीचे से दबाते हुए पुछा – यहाँ पर / तो मम्मी ने फिर कहाँ नहीं / अब तो डॉक्टर भी समझ गया था की मम्मी की तरफ से कोई रूकावट नहीं है तो उसने अपने हाथों की उँगलियों को ब्रा की पट्टी की साइड से ले जाते हुए धीरे से मम्मी के मुम्मों को टच करते हुए पुछा – यहाँ / मम्मी – यहाँ भी नहीं /

डॉक्टर ने मम्मी के दोनों मुम्मों को ब्रा का अंदर से अपनी हथेली में भर लिया और पुछा – अब दर्द तो नहीं है / मम्मी के मूह से सिसकारी निकल गई – आह उम्म / जब डॉक्टर ने ऐसा सुना तो उसका औजार जो पहले थोडा थोडा खड़ा था बिलकुल टाइट हो गया / अब तो डॉक्टर भी समझ चूका था कि मम्मी को कहाँ कहाँ दर्द हो रहा था ?

डॉक्टर ने मम्मी को कहा की आपको थोडा अलग से टाइम लग सकता है आप साथ वाले कमरे में जा कर आराम कीजिये / मैं बाकि के मरीज देख कर आपको आराम से देखता हूँ / ये बात डॉक्टर ने मुझे भी बताई मैं समझ गया की डॉक्टर को भी अपनी ठरक पूरी करनी थी इसलिए मैंने मम्मी को साथ वाले कमरे में छोड़ दिया और मम्मी को बोला की मम्मी आप आराम कीजिये मैं आपको एक घंटे में वापिस आकर लेकर जाता हूँ / यह कहकर मैं वहां से चला गया /

मम्मी बिस्तर पर लेट गई और डॉक्टर का इंतज़ार करने लगी / मम्मी के मन में तितलियाँ उड़ रही थी वो सोच रही थी की अब आगे क्या होगा? अपने सारे मरीजों को देखने के बाद डॉक्टर लगबघ आधे घंटे के बाद कमरे में आया और कमरे की सारी बत्तियां बुझा दी अब बिस्टर पर सिर्फ खिड़की से ही रौशनी आ रही थी / और डॉक्टर ने आते ही कहा – सॉरी मुझे आने में देर हो गई / मम्मी बोली – कोई बात नहीं डॉक्टर साहिब /

डॉक्टर – मिसेज़ माधुरी, अब बताइए आपको कहाँ कहाँ दर्द हो रहा है?

मम्मी – जी डॉक्टर साब, आप मुझे प्लीज मधु बुलाइए, मैं आपसे छोटी हूँ /

डॉक्टर – जी आप भी मुझे सुनील बुलाएँ / मैं भी आपसे ज्यादा बड़ा नहीं हूँ / आपको मुझसे शर्माने की कोई जरूरत नहीं है / जो भी परेशानी हो आप मुझे बता सकते हो /

यह सुनकर मम्मी का चेहरा शर्म से लाल हो गया / उन्होंने बताया की परेशानी तो मुझे बहुत है सुनील जी / मैं अब आपको क्या क्या बताऊँ ?

डॉक्टर : अरे मधु आप को शर्म करने की कोई जरूरत नहीं है जो भी दिल में हो बता दीजिये /

मम्मी : जी सुनील जी / अब मैं क्या बताऊँ / फॅमिली में रवि के पापा, रवि और उसकी पत्नी डॉली हैं / जब जब में रात को या किसी और टाइम जब रवि अपनी पत्नी डॉली से प्यार करता है तो उनकी आवाजें सुन कर मैं परेशान हो जाती हूँ /

डॉक्टर : प्यार करने से आपका क्या मतलब है आपका, प्यार तो हर पति अपनी पत्नी से करता है ना ?

मम्मी : जी सुनील जी, मेरा मतलब है वो वाला प्यार, जो सिर्फ पति पत्नी ही करते हैं वो भी रात को, अकेले में (मम्मी ने शर्माते हुए डॉक्टर सुनील को बताया)

डॉक्टर सुनील ने एक्टिंग करते हुए कहा : अच्छा वो वाला प्यार, सीधा बोलिए ना की जब वो सेक्स करते हैं और गर्म गर्म आवाजें निकलते हैं, वाही ना ?

मम्मी : जी सुनील जी /

डॉक्टर : किस तरह की आवाजें आपको परेशान करतीं हैं मधु जी /

मम्मी : जी अब मैं आपको क्या बताऊँ? यह बोलकर मम्मी चुप हो गई /

सुनील ने मम्मी के कंधे पर अपना एक हाथ रखा और मम्मी के कंधे से नीचे सहलाते हुए ले कर आया और मुम्मे के पास आकर अपना हाथ रोक दिया और अपनी एक ऊँगली को मम्मी से टच करते हुए बोला – अरे अब डॉक्टर से कैसा शर्माना, जो भी आपके दिल मैं है आप बता दीजिये, मधु जी / शायद मैं आपकी मदद कर सकूँ /

मम्मी ने शरमाते हुए डॉक्टर सुनील को कहा: डॉक्टर साहब, मुझे भी अपनी बहु जैसा प्यार चाहिए, चाहे इसके लिए मुझे कुछ भी करना पड़े / बस मेरे मूंह से मेरी बहु डॉली जैसी मजेदार सिसकियाँ निकालनी चाहिए और प्यार में तृप्ति चाहिए /

डॉक्टर सुनील : मैं समझ गया मधु जी आपको क्या परेशानी है? मेरा क्लिनिक दोपहर में बंद रहता है, आप ऐसा कीजिये कल दोपहर में आ जाईये / मैं आपका बहुत अच्छे से इलाज़ कर दूंगा /

मम्मी ने बिना आवाज किये सिर को हाँ में हिला दिया और फिर डॉक्टर सुनील एक तरफ हो गया और मम्मी बेड से उठ गई / मम्मी ने बेड से नीचे उतरते हुए देखा की डॉक्टर सुनील के पेंट में एक मोटा तगड़ा उभार बना हुआ था / मम्मी कमरे से बहार आ गई और मैं मम्मी को लेकर घर आ गया /

मम्मी ने मुझे कार में बताया था की डॉक्टर सुनील ने इलाज के लिए मुझे कल दोपहर में बुलाया है / और कहा है कि देर लग सकती है / इसलिए मैं टेक्सी कर के अपने आप ही चली जाउंगी / मैं समझ गया की मम्मी डॉक्टर सुनील से कौन सा इलाज़ करवाएगी ?

दोस्तों यह कहानी बिलकुल मिथ्या है अर्थात सत्य नहीं है / आगे सुनिए :

शाम को अचानक पापा को फोन आ गया कि उनके एक दोस्त की तबियत बहुत खराब हो गई है / उनका जाना जरूरी था और पापा अकेले ही अपने दोस्त के घर जाना था / चूंकि उनका दोस्त बहुत दूर रहता था इसलिए पापा को लगबग एक हफ्ता लग जाना था वापिस आते हुए / अचानक रात को मम्मी के कमरे में कुछ खटपट की आवाज़ आई / मैं समझ गया की पापा जाने से पहले मम्मी से सेक्स करके जाना चाहते हैं ताकि एक हफ्ते के लिए कुछ तो उनके लंड की खुराक मिल जाये /

मैं झट से हमारे करे के बीच की खिड़की पर आ गया और खिड़की के पाटों को अपने हाथों से थोडा सा दबाया तो मैंने पाया की मम्मी की तरफ खुलने वाली खिड़की अंदर से बंद नहीं थी और मेरे दबाने पर मम्मी के कमरे की तरफ से थोडा खुल गई क्योंकि खिड़की के पीछे से एक पर्दा था तो शायद मम्मी पापा को पता नहीं चला होगा की मैंने खिड़की को थोडा सा खोला है /

यह पर्दा हमारी तरफ से भी लगा हुआ था और मम्मी के कमरे की तरफ से भी लगा था जो की खिड़की के साइज़ का था / क्योंकि मम्मी के कमरे की लाइट पूरी तरह से जल रही थी इसलिए परदे के पीछे भी मुझे साफ़ साफ़ नजर आ रहा था / पापा मम्मी के होंठों को चूम रहे थे और मम्मी को अपनी बाँहों में भरा हुआ था /​
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