Update 05

पापा ने मम्मी की मैक्सी को पकड़कर ऊपर की और उठा दिया मम्मी ने भी अपने हाथ ऊपर करके मैक्सी को निकल जाने दिया / मैक्सी के निकलते ही मैंने देखा की मम्मी का गोरा बदन रौशनी में और भी चमकने लगा था / मम्मी का शरीर धीरे धीरे से हिल रहा था जिस कारण मम्मी के दोनों भारी भारी आम भी हिल रहे थे / मम्मी के बड़े बड़े आम देख कर मेरे लौड़े में भी हलचल शुरू हो गई थी / मुझे मम्मी के बड़े बड़े मुम्मे ही तो पसंद थे / वैसे तो मम्मी मुझे पूरी ही गदराई हुई लगती थी / वैसे तो डॉली भी बड़ी मस्त बॉडी की थी लेकिन मम्मी मेरी आज भी पहली पसंद थी / शायद मम्मी को भी यह बात पता थी तभी वो कई बार ऐसी हरकत कर जाती थी जिस से मेरा लौदा और भी तन्ना जाता था / मैं भी घर में मम्मी के साथ किसी न किसी बहाने से चिपक जाता था और मम्मी के गदराये बदन का मजा लेता था / हाय मम्मी, मेरी सेक्सी मम्मी /

जब पापा ने मम्मी की मेक्सी उतार दी तो मम्मी ने भी अपने हाथ बड़ा कर पापा का कुरता पजामा उतर दिया / अब दोनों बिलकुल रौशनी में नंगे नज़र आ रहे थे / पापा का छोटा सा लंड टाइट हो चूका था / पापा ने मम्मी को जल्दी से घोड़ी बना कर अपने छोटे लंड को पीछे से मम्मी की चूत में डाल कर ४-५ धक्के मार कर अपना पानी मम्मी की गांड पर निकल दिया / मम्मी ने पीछे मुड़कर देखा और बोली ये क्या रवि के पापा इतनी जल्दी निकल गया आपका, अभी तो मैं गरम ही हुई थी, अब मेरा क्या होगा? तो पापा: अपनी मायूस आवाज में बोले – मधु, अब में क्या करू इस उम्र में मुझसे नहीं होता ज्यादी देर तक? मेरा तो जल्दी निकल जाता है /

मम्मी बोली : हाय रवि के पापा, इतने दिनों बाद कर रहे थे, फिर भी ... अब मैं क्या करूँ ? मेरे से तो अच्छी डॉली है, रवि और डॉली लगबघ आधा घंटा या इस से भी ज्यादा देर तक प्यार करते हैं और मुझे डॉली की आहें सुन कर भी लगता है की रवि पूरी तरह से डॉली को संतुष्ट करता होगा /

पापा ने हैरानी से कहा: क्या सच कह रही हो? तुम्हे कैसे पता?

मम्मी पापा से बोली – मुझे पता है आप तो ज़्यादातर घर से बहार रहते हो, मैं तो घर पर ही होती हूँ ना, इसलिए मेरे कानों में उन दोनों की मजा लेने की सिसकियां आती सुनायी दे जाती हैं / सिसकियों के साथ साथ मुझे रवि के जोरदार धक्कों की भी आवाजें आती रहती हैं जिसे सुनकर मेरा भी दिल करता है की आप भी मुझे इतने जोर जोर से धक्के मार मार कर मेरी छूट का भुरता बना दो और मेरी चूत का पानी निकाल दो /

पापा ने मम्मी के हाथों को अपने हाथों में भर कर कहा: मधु मेरी जान, मैं जानता हूँ की औरतों को संतुष्ट करना हर किसी के बस की बात नहीं होती, लेकिन ये मेरे हाथ में नहीं है मेरी जान / अब अगर तुम कुछ कर सकती हो तो, मुझे कोई ऐतराज़ नहीं है, मुझे तुमसे कोई शिकायत नहीं है /

यह सुनकर मम्मी चुप हो गई और मन ही मन में कुछ सोचने लगी /

अगले दिन पापा ने मम्मी को बताया की उनको आने में कुछ दिन का समय लग जायेगा / मम्मी ने बुझे मन से उनको भेज दिया /

अब मम्मी के मन में क्या चल रहा था, मुझे उसका कुछ कुछ अंदाजा हो गया था / मुझे लग रहा था की मेरी मस्त मस्त मम्मी मेरे लौड़े के नीचे आने वाली थी / मुझे भी अपने लौड़े को मम्मी की चूत में डालने का इंतज़ार करना था / डॉली की मम्मी की तबियत भी ठीक नहीं थी, इसलिए वो भी अपनी मम्मी को मिलने के लिए मेरी ससुराल गई हुई थी / मतलब की घर में मैं और मम्मी ही अकेले रह गए थे / यह सोच कर ही मेरे लौड़े ने ठुमकी मारनी शुरू कर दी थी कि अब क्या होगा?

जब पापा चले गए तो थोड़ी देर बाद मैंने मम्मी को बोला की मम्मी आप सुबह मुझे जल्दी से उठा देना क्योंकि मुझे जल्दी से उठकर कसरत वगैरह करनी होती है ? क्योंकि पापा चले गए थे और घर पर डॉली भी नहीं थी तो मम्मी ने पूछा : रवि बेटे, घर में हम दोनों अकेले ही हैं इस लिए अगर तुम्हे कोई ऐतराज न हो तो क्या बीच वाली खिड़की खोल दूं ताकि अगर रात को कोई जरुरत तुम्हें या मुझे पड़े तो एक दुसरे को आवाज़ देकर उठा सकें / मैंने हाँ कर दी और कहा हाँ हाँ मम्मी खोल दो मुझे क्या करना है, हाँ एक बात है रात को मुझे देर तक लाइट जलाकर रखने की आदत है आपको कोई परेशानी तो नहीं है ना ? मम्मी बोली भला मुझे क्या परेशानी होती रवि / कोई बात नहीं मैं तो जल्दी सो जाती हूँ / मैं तो अपने कमरे का दरवाजा भी खुला रखूंगी अकेले में थोडा सा डर लगता है ना / कभी अकेली रही नहीं हूँ / तो मैंने मम्मी को बोला : मम्मी अगर ऐसी बात है तो आप यहीं बेड पर सो जाओ, इतना बड़ा तो बेड है एक तरफ आप सो जाना और एक तरफ मैं सो जाऊंगा /

मम्मी बोली ठीक है रवि, मैं तुम्हारे बेड पर ही सो जाउंगी / यह कहकर मम्मी चली गई और घर के काम करने लगी और में अपने दिल रात को मम्मी को बेड पर सुलाकर कैसी लगेगी, यह खुली आँखों से सपने देखने लगा /

शाम को जब मैं फ्री होकर घर आया तो देखा की मम्मी ने एक मैक्सी पहनी हुई थी / मम्मी ने घर के काम किये और रात की रोटी खाकर, रसोई में बर्तन रखने के बाद हम दोनों टीवी देखने बैठ गए / मैंने इस वक्त हाफ-पेंट और एक बिना बाजु वाली टी-शर्ट पहनी हुई थी / हाफ-पेंट के नीचे मैंने अपना अंडरवियर उतर दिया था / मुझे मम्मी के चलने फिरने से यह महसूस हुई था की मम्मी ने मैक्सी के नीचे ब्रा-पेंटी नहीं पहनी हुई थी / मम्मी के मुम्मे और गांड चलने पर थिरकते हुए महसूस हो रहे थे / तभी से मेरा लौदा एकदम से टाइट हो गया था और बैठने का नाम ही नहीं ले रहा था और मेरी हाफ-पेंट पर लौड़े वाली जगह पर एक मोटा सा उभार बना हुआ था / मम्मी जब मेरे साथ सोफे पर आ कर टीवी देखने के लिए बैठी तो एक भरपूर नजर मेरे लौड़े वाली जगह पर डाली और एक अलग तरह से स्माइल दे कर मेरे साथ बैठ गई / मैं समझ गया की मम्मी को मेरे लौड़े के खड़े होने का पता चल गया है और शायद उनकी चूत भी पानी छोड़ रही थी /

मम्मी ने टीवी देखते देखते अचानक से अपना सर सोफे पर टिका दिया और आँख बंद कर के सोने जैसी एक्टिंग करने लगी थी / मैं मम्मी के पास जाकर जुड़ गया और मम्मी के माथे पर हाथ रख कर पूछने लगा की – क्या हुआ मम्मी, आपने अपना सर ऐसे क्यों पीछे कर लिया, क्या तबियत ठीक नहीं है?

मम्मी : नहीं रवि, ऐसी बात नहीं है / बस थोड़ी सी थकावट है /

मैं: दिखाओ मम्मी मैं आपका माथा सहला देता हूँ / यह बोलकर मैं मम्मी के साथ और भी ज्यादा से जुड़ गया और मैंने मम्मी के गर्दन के पीछे से अपनी एक बाजु कर दी और उस हाथ को मम्मी के सर के पीछे से पकड़ लिया और दुसरे हाथ को मम्मी के माथे पर धीरे से दबा दबा कर मसाज जैसे करने लगा / मम्मी ने अपनी आँखें बंद कर ली / मैंने जब देखा कि मम्मी ने अपनी आँखें बंद कर ली हैं तो मैंने अपने एक हाथ से मम्मी के सर को अपनी तरफ झुकाने लगा मम्मी ने मेरा इशारा समझते हुए अपने सर को मेरी तरफ कर लिया मैंने मम्मी के चेहरे की तरफ अपना चेहरा पास करते हुए मम्मी के माथे पर मसाज करने लगा / मुझे मम्मी के होंठ अपने होंठों के इतने पास मैं लग रहे थे की मेरा दिल कर रहा था कि अभी मम्मी का रसभरे होंठों को चूस चूस कर इनका जूस पी लूँ / मुझे लगा की मम्मी भी शायद अपने को तैयार कर रही थी की मैं उनके होंठों को चुसुं, उनके होंठ खुले हुए थे /

मैं अपने होंठ मम्मी के होंठों के बिलकुल पास में ले गया और मम्मी से पूछा – मम्मी मेरे दबाने से कुछ आराम मिला आपको ? मम्मी ने एकदम से अपनी आँखें खोली और देखा तो मेरे होंठ मम्मी के होंठों के बिलकुल पास में थे तो वो कुछ घबरा गई और अपने चेहरे को थोडा सा पीछे की तरफ करते हुई बोली हाँ रवि कुछ कुछ आराम मिल रहा है / मैं अपने होंठों पर मुस्कान ला कर फिर बोला – मम्मी और दबाऊ क्या? मम्मी बोली - हां रवि, दबा दो / मैंने बोला – मम्मी धीरे से दबाऊ या जोर जोर से दबाऊ / मम्मी ने मेरे डबल मीनिंग शब्दों को सुनकर कहा – जैसे तुम्हारा दिल करे वैसे ही दबाओ रवि /

मैंने कहा – ठीक है मम्मी, आप आँखें बंद कर के आराम करो मैं आपको प्यार से दबा देता हूँ / मेरे दो अर्थी बातों को सुनकर मम्मी के गाल लाल होने लगे और मम्मी ने अपनी आँखें बंद कर ली और बोली – हाँ हाँ रवि जैसा दिल करे दबाओ, जोर से दबाओ या धीरे से दबाओ / मैंने मम्मी के आँखें बंद करते ही मम्मी के माथे को दबाते हुए उनके गाल पर भी धीरे से टच करने लगा जिस पर मम्मी ने कोई रिएक्शन नहीं दिखाया मैं समझ गया की मम्मी तैयार है /

मम्मी अपनी आँखें बंद करके और सर को सोफे पर पीछे की तरफ टिका कर एकदम शांत बैठी रही / मैंने मम्मी के सर को दबाते हुए ही मम्मी के सर को अपनी तरफ थोडा सा झुका लिया और मम्मी के गालों पर एक धीरे से चुम्मी ले ली / मम्मी के होंठ सिर्फ मुस्कुरा दिए और मम्मी कुछ नहीं बोली / मैंने फिर से अपने होंठ मम्मी के होंठों पर टिका दिए और धीरे से मम्मी के होंठों को चूसने लगा और अपनी जीभ से भी चाटने लगा / मम्मी ने भी जवाब में अपने होंठों को थोडा सा खोल दिया था जिस से मुझे मम्मी के होंठों को चूसने में आसानी हो रही थी / मैंने मम्मी के होंठों को चूसते हुए अपनी जीभ को मम्मी के मूंह में दाल दिया जिसको मम्मी ने अपने होंठों से जकड लिया और चूसने लगी / मम्मी के ऐसा करते ही मेरे लौड़े एकदम से खड़ा हो गुया / मैं मम्मी के साथ और भी जुड़ गया मम्मी को टच करके मुझे बड़ा मजा मिल रहा था (दोस्तों, जो ऐसे अपनी मम्मी के साथ टच हुआ है वो ही ऐसा मजा जान सकता है, जब उसका लौड़ा भी खड़ा हो और गदराई मम्मी भी पास में खड़ी हो और खुछ भी न बोल रही हो)

फिर मैंने अचानक ही मम्मी को चूमना छोड़ दिया और फिर से मम्मी का माथा सहलाने लगा / मैं समझ गया था की मम्मी अब पूरी तरह से गर्म हो चुकी है और मेरी हर बात मानेगी / डॉली दो पता था कि आज मैं और मम्मी अकेले हैं, उसने भी जानबूझ कर शायद हम दोनों को अकेला छोड़ा था /

तभी डॉली का मोबाइल पे फोन आया तो मम्मी ने उठाया तो मम्मी ने पुछा – डॉली तुम्हारी मम्मी की तबियत कैसी है?

डॉली – हम्म मम्मी जी मम्मी को दवाई का अब कुछ कुछ फर्क है, लेकिन मुझे यहाँ पर मम्मी का ध्यान रखने के लिए कुछ दिन रहना पड़ेगा / आप कैसी हो मम्मी जी, और रवि कैसे हैं?

मम्मी बोली – मैं और रवि दोनों बहुत ठीक हैं डॉली, तुम यहाँ की चिंता मत करो, हम एक दुसरे का पूरा ध्यान रखेंगे |

डॉली – मैं जानती हूँ मम्मी जी आप और रवि एक दुसरे को कितना प्यार करते हैं, रवि मेरे साथ रहते हैं फिर भी आप की ही माला जपते रहते हैं कि मम्मी ऐसी है, मम्मी वैसी है, मुझ से ज्यादा तो वो आज भी आपको ही प्यार करते हैं, यह मैं जानती हूँ |

यह सुन कर मम्मी के दिल में घंटियाँ बजने लगी | उधर से डॉली की आवाज़ आई –

डॉली – मम्मी जी, मुझे आपको एक और जरूरी बात बतानी हैं /

मम्मी – हाँ हाँ डॉली, बताओ, क्या बताना है ?

डॉली – मम्मी, एक बात का ध्यान रखना, इनको शराब मत पीने देना, शराब पीने के बाद इनको होश नहीं रहता की ये क्या कर रहे हैं और क्या बोल रहे हैं और सुबह उठते ही सब कुछ भूल जाते हैं / इनको लगता है की जैसे रात में कोई सपना देखा हो / कई बार तो जब ये शराब पी कर आते थे तो मुझसे प्यार करते हुए भी मुझे आपका नाम लेकर बुलाते थे और बुरी तरह से प्यार करते थे, आप समझ रहे हो ना, मैं क्या कहना चाहती हूँ /

मम्मी : हां डॉली, मैं समझ रही हूँ (यह बोलते हुए मम्मी का चेहरा लाल हो गया था, मम्मी के मन में यह चल रहा था की जब मैं डॉली को चोदता था तो मम्मी को याद करते हुए मतलब डॉली को मम्मी समझ कर चोदता था) मैं समझ सकता था की यह सुनकर मम्मी की चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया होगा /

मम्मी से बात करते ही डॉली बोली – मम्मी जरा अपने बेटे को भी फोन दीजिये मैं थोडा इनसे भी बात कर लूँ /

मम्मी – हाँ हां डॉली, अभी लो / यह कहकर मम्मी ने अपना मोबाइल मेरी तरफ कर दिया और बोली – ले रवि, डॉली से बात कर लो मैं जरा बाथरूम तक जा कर आती हूँ / मम्मी मुझे अपना मोबाइल दे कर बाथरूम चली गई /

मैं : हां डॉली, बोलो मेरी जान / क्या कहना चाहती हो /

डॉली : कहना क्या है मेरी जान / मम्मी को मैंने दाना दाल दिया है / मैंने बोल दिया है की तुम शराब पी कर बहुत बुरी तरह से सेक्स करते हो और सुबह होते ही सब कुछ भूल जाते हो / अब देख लो तुम्हे कैसे और क्या क्या करना है मम्मी के साथ ? यह बोलकर डॉली ने बाय कहा और फोन काट दिया /

मैंने मम्मी से पूछा मम्मी अब आपका दर्द कैसा है ?

मम्मी – हां रवि बेटे, अब तो कुछ आराम मिला है, तुम तो बहुत ही अच्छा दबाते हो, कहाँ से सीखा (मम्मी के होंठों पर तडपाने वाली मुस्कान थी) / मैंने मम्मी की तरफ देखा तो समझ गया की मम्मी अभी मूड में है / मैंने कहा – और कहाँ से सीखूंगा मम्मी, तुम्हारी बहु डॉली को दबाता रहता हूँ, तो धीरे धीरे अब सीख गया हूँ / मम्मी, अगर आप कहो तो मैं रोज़ आपको दबा दिया करूँगा /

यह बोलकर मैं मम्मी की तरफ देखने लगा / मम्मी ने शर्माते हुए अपना मूंह नीचे कर लिया और बोली – हाँ हाँ क्यों नहीं, जब जब जरुरत होगी तो मैं तुम्हे ही तो बोलूंगी ना / अच्छा अब सब छोडो, सोने की तैयार करते हैं / मैं टाइट सूट डाल कर आती हूँ /

मैंने कहा – अरे मम्मी, आपका और डौली का साइज़ एक जैसा ही है, आप ऐसा करो डॉली का नाईट सूट डाल लो ना /

मम्मी ने भी ज्यादा कुछ कहा नहीं और मेरी अलमारी की तरफ गई / अलमारी में मेरे और डॉली के कपडे एक साथ ही रखे हुए थे / अंदर ही शराब की बोतल और दो गिलास रखे हुए थे / मम्मी ने जब अलमारी खोली तो बोली – अरे रवि, ये क्या, अंदर शराब रखी हुई है?

मैं : ओ हाँ मम्मी, वो जब मेरा बहुत दिल करता है तो थोड़ी सी पी लेता हूँ /

मम्मी : ओ समझी, लेकिन ये दो गिलास क्यूँ रखे हैं?

मैं : वो वो ... असल बात या है कि (मैंने घबराने की एक्टिंग करते हुए कहा)

मम्मी : हाँ हाँ बोलो बोलो न वो वो क्या कर रहे हो /

मैं : मम्मी वो बात ये है कि कभी कभी डॉली भी मेरे साथ पी लेती है /

मम्मी: (हैरान होते हुए) ओह, अच्छा , डॉली भी पीती है /

मैं : हाँ मम्मी जी, कभी कभी /

मम्मी: अच्छा ये पीने से क्या होता है, कुछ ताकत वगैरह आ जाती है क्या ?

मैं : हां मम्मी, इसको पीने से सारी थकावट दूर हो जाती है / और अगर शरीर में कहीं दर्द हो तो वो भी दूर होता है /

मम्मी : अच्छा ऐसी बात है क्या? फिर तो जब मुझे भी कभी थकावट होती या किसी तरह का दर्द होगा तो मैं भी पी सकती हूँ /

मैं : हाँ मम्मी क्यों नहीं, जब आपका दिल करे आप यहाँ से ले कर पी सकते हो या आप मुझे बता देना /

मम्मी : हम्म, ये ठीक है, अगर जरूरत होगी तो मैं बता दूंगी, ठीक है !

मैं : ठीक है मम्मी /

(फिर मम्मी ने सोचते हुए कहा)

मम्मी : अरे बातों बातों में भूल ही गई मैं तो डॉली का नाईट सूट लेने के लिए अलमारी खोली थी / यह बोलकर मम्मी ने डॉली का नाईट सूट निकला और बाथरूम की और चली गई / मम्मी जब डॉली का नाईट सूट दाल कर बहार निकली तो मैंने देखा की मम्मी शर्मा रही थी / डॉली का नाईट सूट कुछ कुछ मम्मी को टाइट था / मम्मी के मुम्मे, डॉली से दो नंबर बड़े लग रहे थे / मम्मी के बूब्स टी शर्ट में बड़े बड़े और टाइट लग रहे थे और पजामे में मम्मी की गांड भी बहार की तरफ आ रही थी / कहने का मतलब यह था की मम्मी का साइज़ डॉली के साइज़ से थोडा बड़ा था और मम्मी भरी भरी हुई थी / मम्मी का बदन डॉली का नाईट सूट डालने के बाद भी एकदम अलग से नज़र आ रहा था / मेरा तो दिल कर रहा था की अभी उठकर मम्मी के दोनों मुम्मों को दोनों हाथों में पकड़ कर जोर से मसल दूँ /​
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