Part 01


चूदक्कड दीदी का ससुराल

मेरा नाम वरुण हे और मै 19साल का हूं मेरी बहन का नाम मुस्कान हे उसकी उम्र 35साल हे पर लगता नहीं है कि इतनी होगी आप सोच रहे होंगे कि बहन इतनी बड़ी ऑर भाई इतना छोटा तो आपको बता दू की में सबसे छोटा हूं और में अपने बाप की गलती से पैदा हो गया था ।
तो अब में अपनी कहानी पर आता हूं (कहानी में मै उह आह् नहीं लिखूंगा क्योंकि कहानी बहुत लंबी हो जाएगी)
मेरे घर वालो ने मेरी बहन को सील बंद टाईट माल को जल्दी रवाना कर दिया था जब मेरा पता भी नहीं था मतलब जब में पैदा भी नहीं हुआ था ।
उसकी मेरे जीजा ने सील भी तोड़ी उह आह करवाया खूब मेहनत की और एक बेटा चूत में से निकाल लिया उसने।
अब आते हे कहानी पर मेरी बहन के घर में मेरी चूदक्कड बहन के ससुर ,देवर और देवरानी , एक बेटा मेरी बहन का जो की अभी 18का हे और उसकी देवरानी ने भी जल्दी जल्दी में चूत से बेटा निकाल लिया पर उससे पहले एक बेटी निकल गई ।

एक दिन में अपनी बहन के घर गया मैने आगे से बताया नहीं था किसी को सरप्राइज देने के चक्कर में पर ना बताना मुझे उल्टा पड़ गया ,हुआ कुछ यूं की जब में घर में गया तब दोपहर का टाइम था जब लगभग लोग सोते जो रात को चुदाई करते हे, मैं अपनी बहन के कमरे में गया तो मैने देख की मेरी बहन पूरी नंगी पड़ी थी कमरे में ,फिर मैने देर ना करते हुए फोन निकाला और कुछ तस्वीरें ले ली और एक वीडियो भी बना लिया मेरी नंगी बहन का आखिर बहन हे वह मेरी मेरा है है वीडियो बनाने का ।
फिर मैने दीदी को पहले चादर ओढ़ाई फिर उठाने लगा वह नहीं उठी फिर मुझे याद आया कि दीदी नींद की गोलियां खा लेती है कभी कभी, फिर मेरा दिमाग घूम गया जब मैने अपनी दीदी की फूली हुई बिना बालों वाली गोरी चूत को देखा मैने धीरे से दरवाजा बन्द कर दिया ओर दीदी कि चूत को सूंघने लगा ,सूंघने से पता चला कि दीदी आज नहाई नहीं हे या फिर शायद अभी सोने के पहले चुदाई की हे मेरा तो लंड अब बस के बाहर था में दीदी की चूत चाटने लगा था यह मेरा पहला चूत चटाई का एक्सपीरियंस था इसके पहले मैने अपनी दूसरी बहन कि सिर्फ गलती से चूत देख ली थी ।

फिर लगा कि दीदी को होश आ रहा है तो मैने लिंग को चूत पर रगड़ा और सारा माल दीदी के पेट पर गिरा दिया हाथ से हिला के और कमरे से बाहर चला गया इतने में मुझे दीदी की भतीजी ने देख लिया कमरे से बाहर आते और बोली-" मामाजी क्या हाल चाल आपके?"वह मुस्कुराई और मेरा जवाब सुने बिना ही चली गई

में अपनी दीदी के चूत के अंश यानी कि उनके बेटे के कमरे में गया वह टीवी देख रहा था मुझे देखकर खुश हुआ क्योंकि मेरे दूसरे भाई ज्यादा नहीं आते थे मुस्कु दीदी के घर दूर होने के कारण ।
इतने में पास ही के रूम से दीदी की देवरानी आ गई मै उसे देखता ही रह गया वह थी ही इतनी मादक ,एकदम परफेक्ट बूब्स बड़े बड़े,गांड तो पूछो ही मत ऐसी थी जैसे रोज मरवाती हो , वह भी बहुत खुश हुई मुझे देखकर उसने झट्ट से मुझे गले लगा लिया मुझसे रहा नहीं गया मेरा हाथ उसकी गान्ड पर चला गया उसने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी मैने छोड़ दिया उसको जब मेने उसकी गान्ड को फील किया तो पता लगा कि उसने अन्दर चड्डी नहीं पहनी हे।

मुझे पानी चाय दिया गया और इतने में मेरी दीदी का चूत का टुकड़ा (ऋषभ)नीचे चला गया अब में और दीदी की देवरानी अकेले थे कमरे में उसने इतने में पूछा कि-"अपनी दीदी से मिले क्या वह कमरे में हे ?" फिर मैने कहा "गया था पर......." इतने में वह बोल पड़ी की -"समझ गई कि क्या हुआ हे तुम्हारी दीदी को नंगा सोने की आदत हे तुम उसे नंगा देखकर बाहर आ गए ,तुमने उसे जगाया क्यों नहीं ,क्या फर्क पड़ता है बहन हे तुम्हारी",इतने में मै शरमाने का नाटक करने लगा।
इतने में वह बोली कि शरमाते क्यों हो चलो मेरे साथ में शर्म ख़तम करवाती हूं फिर मैने देखा कि दीदी की भतीजी (जया) सीढ़ियों पे से सब सुन रही थी और मुझे देख मुस्कुराई, हम दीदी के कमरे की ओर चल दिए में बाहर खड़ा था और वह परफेक्ट ओरत(मंजू) अंदर गई ऑर दीदी को उठाया और दीदी के उठते ही उसने दरवाजा खोल मुझे अंदर बुला लिया दीदी सिर्फ चड्डी ही पहन पाई मैने देखा कि मेरा मुठ दीदी के पेट पर से गायब था ,दीदी शरमाने लगी,इतने में मंजू बोली कि तुम्हारे बेटे जैसा हे इससे क्या शर्माना फिर भी दीदी ने नजर नीचे कर ली।

मै बाहर जाने लगा इतने में दीदी ने कपडे पहनते हुए बोली "घर में सब केसे है" फिर मैने सब के हाल चाल बताए पे दीदी को नंगा देखकर मेरे हाल चाल बिगड़ गए थे , और दीदी को भी पता था क्योंकि सामने दिख रहा था मेरा तना हुआ लंड। दीदी बार बार देख रही थी।
अब वह साली मंजू बाहर आ गई में भी पीछे पीछे चला आया थोड़ी देर बाद दीदी बाहर आई ऑर हम बाते करने लगे ।
रात हुई जीजाजी और दीदी के ससुरजी भी आ गए हमने खाना खाते वक्त बातचीत की ,बता दू की मेरी दीदी के देवर आजकल कुछ दिन से बाहर थे मतलब मैने सोचा मंजू तो खुली कुतिया हे अभी ।
मेरी दीदी ने मेरा बिस्तर जया के कमरे में लगा दिया क्योंकि ऋषभ के कमरे में जगह कम थी, मैं अन्दर ही अन्दर खुश था ।
जब में सोने लगा मैने देखा कि जया ने एक हॉट सी नाइटी पहनी हे जो कि उसकी गान्ड की दरार में घुस रही थी मेरा लंड तन्ना गया जया ने नोटिस कर लिया और दरवाजा बंद कर दिया उसने और आकर मेरे पलंग पर बैठ गई हम बाते करने लगे ।

जया मुझसे खुलने लगी और उसने पूछा "आज क्या देखा मेरी बड़ी मम्मी के कमरे में ???" मै चुप हो गया ,वह बोली कि "क्या देखा होगा,हम जो रोज देखते हैं वहीं देखा होगा" मेरा दिमाग घूम गया यह सुनकर,फिर उसने बताया कि पहले दीदी दरवाजा बन्द रखती थी तो कई बात नींद देरी से खुलती थी।
इतने में जय बोली कि कपडे निकाल दो ऑर सो जाओ में शर्मा रहा था फिर वह बोली "हमारे यहां सब बिना कपड़ों के ही सोते हे "में चोक गया ,उसने बताया कि कपडे पहन कर सोने से कई कई सारी बीमारियां होती है। मैं कहा मोका गवाने वाला था यह मेरा पहली बार था जो में किसी लड़की के सामने कपड़े उतार रहा था ,पेंट शर्ट निकाली ,बनियान थी नहीं अब बची थी चड्डी ,अब में शरमा रहा था इतने में जया ने खींच दी और निकाल दी, निकालते वक़्त वह नीचे बैठ गई और मेरा तना हुआ लंड उसकी आंख में लग गया।
मैने उसे उठाया वह मेरे गले लग गई मैने फील किया कि उसने अंदर कुछ नहीं पहना है,मैने मोका देख उसकी नाइटी का नाड़ा खोल दिया ,वा अब नंगी थी, वह बिल्कुल नहीं शरमाई फिर में उसकी चूत पर हाथ फेरा ,उसकी चूत पानी छोड़ रही थी।

अब वह गरम हो गई और उसने मेरा लंड चूसा मैने चूत चाटी बहुत मजा आया फिर मैने धीरे धीरे से उसकी चूत में लंड डाला ,धीरे धीरे धक्के लगाने लगा उसे मजा आ रहा था , मैं फारिक हुआ जल्द ही क्योंकि यह मेरा पहली बार था ।

वह भी खुश थी फिर उसे पूछा कितने दिन यही रहोगे मैने उसे सोचकर जवाब दिया कि "जबतक सबको ना चोद लू इस घर में", वह खुश हुई मेरे इरादे सुनकर।
फिर बोली थोड़ी देर बाद करेंगे अब उसके पहले चलो कुछ ब्लू फिल्म देखे ,में फोन लेने चल दिया पर उसने मना कर दिया फोन का ,वह मेरा हाथ पकड़कर बाहर ले आई दोनों नंगे थे , मै शर्मा रहा था वह बोली "कोई फर्क नहीं पड़ता यहां रात में सब नंगे ही रहते है बस चुदाई नहीं करता कोई मेरी ऑर ना ही एक दूसरे की बस अपनी अपनी ओरतों से खुश है सब "।
हम अपनी बहन के कमरे के पास पहुंचे देखा खिड़की के पर्दे नहीं लगे थे, और शायद दरवाजा भी खुला था पर हम खिड़की में थे ,देखा कि मेरी दीदी जीजाजी का लंड 5इंच का चूस रही थी ,फिर उसने चुदवाया पर दीदी को शांति नहीं मिली थी ,दीदी लंड को चूसे जा रही थी इतने में जीजा मेरी बहन को अधूरी छोड़ सो गया ।
अब दीदी भी से गई ।में ऑर जाता फिर तेयार थे ।
हम आगे कुछ हलचल दिखाई दी मंजू के कमरे की तरफ से हम चल दिए देखा ली ऋषभ अपना लंड हिला रहा था कमरे के बाहर से कुछ डर बाद वह चला गया अपना वीर्य दीवार पर छोड़ के।

जया झट से गई और दीवार को चाट लिया सारा वीर्य पी गई और मुझे किस करने लगी,बोली "मेरी फेवरेट ड्रिंक हे यह रोज पिती हूं",फिर देखा मंजू अपनी चूत में ककड़ी डाल सो रही थी ,जया अपनी मां की ऐसे देख मेरी और मुस्कुरा दी।
बोली"यह तो रोज का सीन हे और जब पापा होते है तब भी वह एक ही बार करते हे तो मम्मी को ककड़ी , खीरा,बैंगन जैसी लंबी सब्जियां और खासकर केले बाहुत पसंद है"
अब हम वापस चल दिए मैने देख की दीदी सोई नहीं थी उसने एक प्लास्टिक का बड़ा सा लंड अपनी चूत में डाल रखा हे और आगे पीछे हो रही है जया बोली"यह भी रोज का हे ,चलो तुम मेरी चूत मार लो अब नहीं रहा जा रहा"।
मैने सुबह होने तक दो बार जया को बजाया अलग अलग तरीकों से ।
सुबह हुई मंजू आई हमें उठाने उसने बड़े ही प्यार से हम दोनों को एक दूसरे से अलग किया और मेरे अंडो को दबा दिया जोर से में चीखकर उठ पड़ा साथ ही जया की चूत में भी एक चिमटी काट दी ,अब दोनों उठ गए ।
जया उठकर अपनी मम्मी को गालियां देने लगी मंजू बोली "साली छिनाल एक तो तेरी चूत चुदवाने का इंतजाम किया ऊपर से गाली देती है ,रुक तू केसे तेरी चूत सुखाती हूं और तू होने वाले बेहेनचोद भाई अब ईस्ट से तू मेरे साथ सोएगा "।

फिर मंजू मुस्कुराने लगी और धीरे से ज्या से पूछा "किसी थी पहली चुदाई तेरी???" मै चोंक गया यह सुनकर झट से बोला "चूत तो बिल्कुल भी पहली बार जैसी टाईट नहीं आई " ,मंजू बोली "साली रण्डी ज्या चूत में ककड़ी बैंगन डाल डालकर के ली ना चूत बडी पड़ गया चेन और ऊपर से रात को मेरा नकली लंड डालकर सोती थी" मंजू गुस्सा होती हुई चली गई।
फिर हमने साथ नाश्ता किया उसके पहले ज्या ने मुझे चड्डी नहीं पहनने से थी उसने बोला "दिखने दो तुम्हारी बहन को लंड अपने भाई का " ।
मैने चड्डी नहीं पहनी थी मेरा लन्ड कड़क था दोनों मा बेटी मुझे ही घूर रही थी ।
अब मैने और जया ने दीदी को चोदने का प्लान बनाया दोपहर में जब दीदी नींद की गोली लेकर सोती हैं तब ,जया ने हमारे प्लान में अपनी मम्मी को भी एड कर लिया दोपहर में सब हमारे मुताबिक ही हुआ दीदी। सो गई नंगी अब मंजू आई काम निपटा कर ज्या ओर में तो दीदी के रूम में ही थे मंजू ने कहा " यह साली बहुत इतराती हे मुझसे काम करवाती हे और यह दोपरहर में चूत फैला के सोती है, एक काम करो इसके मुंह में लंड दो पहले ", मैने ऐसा ही किया।

दीदी की नींद खुल गई वह बोली "मेरे चोदु भाई क्या सोचा था में सो रही हूं आज मैने दवाई नहीं ली थी अच्छा हुआ",दीदी मंजू की और देखकर बोली "साली तू मुझे चुद्वाएगी वह भी मेरे भाई से रुक तू , ऐ साली कुतिया मंजू नंगी हो तुझे बताती हूं",मंजू नंगी हो गई साथ में जया फ़्री में नंगी हो गई वैसे भी आज वह नहीं चुदने वाली थी उस तड़पाना जो था आज,अब मैने दीदी के कहने पर मंजू की गांड चाटी ऑर फिर लंड मंजू की गांड में डाला ,शायद पहली बार था उसका खूब चीलाई चिखाई रोई पर दीदी तो दीदी थी, उसने जया से अपनी चूत चाटने बोला और जया को खींच कर अपनी चूत पर कर लिया।
मंजू ख़ामोश थी में रुका दीदी के पीछे से एक लात मारी मेरी गांड पे मंजू झुकी हुई थी ऑर मेरा लन्ड मंजू की गांड में था में मंजू के ऊपर गिर गया पूरा लन्ड गांड में चला गया मंजू की वह रोने चिल्लाने लगी इतने में आवाज सुन ऋषभ आ गया रूम में सब कुछ देखकर उसकी आंख गांड दोनों फट गई।


अब अगले भाग में ......बस यह बता दू की ऋषभ ने इन चारों को ज्वाइन करने से मना कर दिया ..........आगे पढ़िएगा...​
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