Part 02


हेल्लो दोस्तों आपके लिए हाज़िर हे मेरी कहानी चुदक्कड़ दीदी का ससुराल का दूसरा पार्ट पहला आप मेरे नाम पर क्लिक करके देख सकते हे।

अब ऋषभ भी कमरे में आ गया था दीदी, जया, मंजू और मेरी सबकी फटके गले में आ गई थी, मंजू की गांड तो मैने फसाद ही दी थी और आंखे ऋषभ को देखकर फट गई मैं अभी भी धक्के लगा रहा था, मुझे देखकर दीदी को गुस्सा आ रहा था और मंजू को दर्द के साथ मज़ा वह ऋषभ से बोली "आ बेटा ऋषभ आजा अपनी आंटी की अपना मैन मिल्क पिला" मंजू ने मुस्कुराते हुए बोला पर ऋषभ नहीं आया वह बोला "मै केसे अपनी आंटी, दीदी को चोद सकता हूँ?"।

मंजू बोली "मां को भी" और मुस्कुराने लगी ऋषभ ने मना कर दिया पर मंजू कहा मानने वाली थी वह बोली "क्या मैं तेरी इस रंडिघर की रानी माँ को बता दू की तू केसे रोज़ रात को मेरी ब्लू फ़िल्म देख देखकर मुठ मारता है, रोज़ तू एक बार अपना माल दीवार पर और अपनी चड्डी में छोड़ता है और मुझसे धुलवाता हे बोल दू?"

ऋषभ अब माफी मांगने लगा दीदी ने उसे बुलाया और कहा "तू इस रंडी का मुंह चोद" उसने ऐसा ही किया और फट से नंगा हो गया और लंड मंजू के मुंह में दे दिया मंजू की अब गांड कर साथ-साथ मुंह की भी चुदाई हो रही थी दीदी ने अब दोनों को स्वाप करने को बोला लंड मंजू की गांड से निकाला वह कराहने लगी मेरे लन्ड पर थोड़ा-सा खून लगा था अब ऋषभ मंजू की गांड पर आ गया पर मंजू मेरा लंड मुंह में नहीं ले रही खून के कारण तो ऋषभ ने एक ज़ोर का धक्का मारा मंजू का मुंह खुल गया मैने अपना लन्ड उसके मुंह में डाल दिया वह चिल्लाए जा रही थी वैसे तो ऋषभ का लंड मेरे मुकाबले छोटा था पर वह लंड बाहर निकाल-निकाल जे धक्के मार रहा था।

अब दीदी ने जया को फिर से अपनी ओर खींचा और वह घोड़ी बन गई और जया को गांड चाटने को कहा जया ना नुकुर करने लगी तो दीदी बोली "देख साली रंडी की औलाद ज़्यादा नाटक मत कर मुझे पता है तेरी कल ही सील टूटी साली दोनों के लोड एकसाथ तेरी चूत गांड में डलवा दूंगी"

इतना सुनकर जया घबरा गई और दीदी कि गांड चाटने लगी दीदी को इसमें मज़ा आ रहा था, मैं मंजू के मुंह में ही झड़ दिया वह सारा माल गटक गई अब ऋषभ भी झड गया था मंजू की गांड में।

और ऋषभ दीदी के पास लेट गया मंजू वहीं नीचे ढेर हो गई थोड़ी डर बाद मेरा लंड फिर तनने लगा दीदी बोली "तेरा तो फिर खड़ा हो गया चल मार ले इस रंडी मंजू की गांड" मंजू अब घबराने लगीं।

मै बोला "दीदी कितनी सजा दोगी बिचारी को अब रहने दो" दीदी बोली "चल इसकी जगह इसकी बेटी की गांड मार" जया सहम गई यह सुनकर मैं बोला "दीदी क्या तुमने गांड-गांड लगा रखा है अब नहीं मैं जया की चूत मारूंगा"।

जया के चेहरे पर एक अलग ही ख़ुशी थी मैने जया को ऊंचा उठाया और एक ही झटके में पूरा के पूरा लन्ड उसकी चूत में उतार दिया जया चिल्ला उठी पर मैं नहीं रुका मैं धक्के लगाए जा रहा था जया चिल्ला रही थी शायद झूट भी हो उसका चिल्लाना।

कुछ देर में मैं फारिग हो गया मैने सारा माल जया के मुंह में छोड़ दिया।

अब हम सब ऐसे ही कब सो गए पता ही नहीं चला शाम के खाने का टाइम हो गया था कोई नहीं उठा।

अब दीदी के ससुरजी (रामलाल) ने धीरे से दरवाज़ा खोला बिना आवाज़ किए इतने में पता नहीं केसे मंजू की नींद खुल गई वह फट से खड़ी हो गई और पास पडी साड़ी को सिर पर डालने लगी अब क्या उसने सब तो देख लिया था पर वह शायद उसे भी अपनी चुदाई गैंग में शामिल करना चाहती थी उसने बिना ब्लाउस पेटीकोट के साड़ी ओढ़ ली और बोला "ससुरजी आप?"

रामलाल बोला "हाँ मैं यह सब क्या हो रहा है?" मंजू शरमाते हुए बोली "जी कुछ नहीं हम तो बस सो रहे थे" मंजू की पतली-सी साड़ी के अंदर से सब दिखाई दे रहा था रामलाल का लन्ड तन गया था उसके पेंट में तम्बू बन गया था।

रामलाल बोला "चलो खाना बनाओ और उन्हें भी उठाओ" उसे पता तो था कि क्या हुआ हे पर वह अनजान बन रहा था कभी-कभी रामलाल मेरी दीदी को जब वह सोती तो चोरी छिपे देखता था और टच भी करता बस कभी उसकी हिम्मत नहीं हुई चोदने कि उसने यह बाद ने बताया मुझे।

मंजू ऐसे ही चल पड़ी बिना चड्डी ब्लाउस पेटीकोट के उसके ससुर के आगे हो गई वह थोड़ी लंगड़ा रही थी तो रामलाल बोला "मंजू क्या हुआ ऐसे क्यों चल रही हो?" मंजू बोली "कुछ नहीं ससुरजी बस ऐसे ही" रामलाल बोला "ऐसे ही कोई थोड़े ही लांगडाता है यह तभी होता है जब कोई बेरहमी से गांड मार दे पकड़ के, तुम्हारी सास भी दो दिन तक इसे ही लंगड़ा रही थी जब मैने उसकी गांड मारी थी तब पहली बार"।

मंजू रामलाल की तरफ़ देखकर हंस लगी और बोली "ससुरजी आप चिंता ना करे कुछ नहीं हुआ है और हुए भी होता तो आप क्या कर लेते?"

रामलाल को गुस्सा आने लगा उसने बोला "मंजू अगर आज तुमने गांड मरवाई होगी ना तो फिर देखना" कहकर अपना लंड पैंट बाहर निकाल लिया और बोला "यह बदला लेगा फिर" मंजू सेहेम गई और बोली "ससुरजी आपको क्या मुझपे विश्वास नहीं है आज मेने गांड नहीं मरवाई" रामलाल बोला "नहीं चलो मुझे देखने दो तो ही मैं मानूंगा" इतने में फट से रामलाल ने मंजू की साड़ी उतार दी और नीचे बैठकर गांड देखने लगा और बोला "बहू साली छिनाल गंडमारी देख तेरी गांड से यह माल रिस रहा है अब बोल दे की तेरा माल निकलता है गांड से और बोलती हे गांड नहीं मरवाई, मैं चाल देखकर बता दू की कौन कितनी बार ठुकी है"।

मंजू बोली "तो बताओ मेरे प्यारे ससुर की जया कितनी बार ठूकी है?" रामलाल बोला "एक से दो बार पर उसने अभी तक गांड नहीं मरवाई"

मंजू चौंक गई और बोली "मुस्कान का बताओ" वह बोला उसने चूत तो पता नहीं कितनी बार मरवाई और पता नहीं कितनो से मरवाई पर गांड नहीं मरवाई"।

मै कितनो शब्द सुनकर चौंक गया मैं सोचने लगा कि दीदी जीजा के अलावा भी किसी और से चुदवाई हुई हे?

अब रामलाल ने अपनी प्यारी बहू को नीचे झुकाया और अपना लन्ड उसके मुंह में देने लगे रामलाल का लन्ड भी मुझसे छोटा था शायद उनके यहाँ छोटे लंड की खानदानी बीमारी थी शायद जीजा का 5इंच का ऋषभ का 5.5का और रामलाल का 5 का था बस मंजू के पति का ही बाक़ी देखना बकी था।

मंजू अब रामलाल का लन्ड चूस चुकी थी अब रामलाल उसे चोदना चाहता था पर उसने गांड मारने की सोची बोला "चल छिनाल गांड आगे कर" तो मंजू बोली ससुरजी आओ भले ही मेरे मुंह में खाली कर दो मैं ख़ुशी खुशी सारा माल पी जाऊंगी पर अब गांड नहीं मराई जाएगी ऋषभ ने और वरुण सूज दी है"तो रामलाल को तरस आया और वह मंजू के मुंह में लन्ड आगे पीछे करने लगा और बोला" एक शर्त है मेरी रंडी अगर मैं आज तेरी गांड ना मारू तो"

मंजू ने लंड को बिना मुंह से बाहर निकाले पूछा "क्या है अब?"

रामलाल बोला "आज से तू जबतक तेरा पति नहीं आ जाता तबतक नंगी ही रहेगी एक कपड़ा भी नहीं पहनोगी"

मंजू ने पूछा "पर केसे? घर में जेठ जी भी है उनके सामने केसे?"

रामलाल बोला "क्या वह नहीं चोदता तुझे?"

मंजू ने मना कर दिया फिर रामलाल बोला "कुछ भी कर अब तू मुझे नहीं पता मेरी सज़ा पूरी कर"

इतने में मेरी संस्कारी दीदी आ गई और बोली "क्या चल रहा है ससुरजी क्या सजा दी इसको ज़रा मुझे भी बताओ?"

रामलाल बोला "इसे मैने जबतक इसका पति नहीं आता तबतक बिना कपड़ों के रहने की सजा दी हे क्योंकि इसने मुझसे गांड नहीं मरवाई"

दीदी ने बोला "बहुत अच्छी सजा हे ससुरजी उसके लिए इस रंडी ने मेरी गांड मरवाने की कोशिश की थी थोड़ी देर पहले वह भी मेरे ही भाई से तो मैने साली इसी की गांड मरवा दी मेरे भाई और बेटे से" और दीदी हसने लगी।

मै भी अब बाहर आ गया मैंने दीदी को बोला "दीदी आपने इन दोनों माँ बेटी को मुझसे चुदने दिया पर आप कब आओगी?"

दीदी उसी वक़्त साड़ी ऊपर करके खड़ी हो गई गांड दिखते हुए और बोली "ले मेरी गांड ले-ले ले" तो मैने भी लंड निकाल लिया था पर दीदी बोली "मै थोड़ी देने वाली जो तू लंड निकाल रहा है।"

"मेरी गान्ड तो ससुरजी मारेंगे उनका लंड छोटा है सबसे देखना तू और में अपनी गांड़ मरवाने का वीडियो भी बनवाऊंगी वह भी मेरे बेटे से देखना तू।"

अब शाम हुई हमने सबने कपड़े पहने पर मंजू उसकी सजा पूरी कर रही थी वह नंगी ही उसके कमरे में आराम कर रही थी।

जीजाजी आ गए थे शाम को और हमारा कोई प्लान ही तेयार नहीं था क्या करना है मंजू को केसे ठोके।

आज दीदी ने जीजाजी को रात में दूध में वियाग्रा कि 2-3गोलियाँ मिलाकर दे दी और कुछ देर बाद दीदी मेरे पास आई और हम दोनों मंजू के कमरे में गए वहा पर बेड पर मंजू ओर जया सो रहे थे वह दोनों नंगी थी दोनों की चूत चमक रही थी जैसे कोई हीरा हो।

दीदी ने उन दोनों को उठाया और दीदी ने उन्हें बताया कि उनका पीरियड आ गया और उन्होंने जीजाजी को दो तीन वियाग्रा की गोली दे दी है।

हम चारो ने प्लान बनाया और दीदी चली गई उनके कमरे में।

क्योंकि जीजाजी दीदी के पीरियड में चुदाई नहीं करते और ना ही कंडोम पहनते है।

हम तीनो मैं मंजू और जया तीनो दीदी के होने वाले कारनामे खिड़की से देख रहे थे।

मंजू और जया दोनों नंगी थी पर मैने एक टीशर्ट और लोअर पहन रखा थी।

जीजाजी ने अपना 5इंच का लंड पेंट से बाहर निकाला तभी दिदी कम्बल अपने ऊपर खींचती हुई बोली "आपके लिए एक खुश खबरी हे" तो जीजाजी बोले "क्या है बताओ जल्दी मेरा लंड फटा जा रहा है चुदाई को" दीदी ने कहा "मेरे पीरियड्स चालू हो गए है" जीजा गुस्सा होने लगे और बोले "तुमसे गोली नहीं ली गई पीरियड आगे बढ़ाने की" और गुस्सा होने लगे और थोड़ा झगड़ा होने लगा दीदी उन्हें उकसाने लगी झगड़ने को और इतना बढ़ गया झगड़ा को जीजाजी अब किसी मैं भी लन्ड दे सकते थे।

दीदी ने मौका देखते हुए कहा "ज्यादा शोक है तो जाओ मंजू को चोद लो वह भी तुम्हारी ही तरह चूत लिए बैठी तुम्हारे भाई को तो कोई फ़िक्र है नहीं है बिचारी की।"

जीजाजी को शुरू में बुरा लगा फिर दीदी बोली "क्या हुआ?" तो वह बोली कि "मै केसे चोद दू मंजू को और तो और वह मुझसे क्यों चूदवाएगी?"

दीदी बोली "तुम कोशिश तो करो मैने आज ही उसे चूत मसलते देखा था वह अभी किसी का भी लन्ड ले लेने की हालत में है"।

"तुम चलो मेरे साथ मैं तुम्हे चूत दिलवाती हू" ऐसा कहकर दीदी बिस्तर से उठ गई पर जीजाजी अभी भी सोच में थे।

अब प्लान के मुताबिक मंजू को अपनी चूत में नकली लंड डालकर सोना है और जया को चुदाई के बीच में आना है।

मंजू ने फट्ट से ऐसा ही किया वह पलंग पर लन्ड दाले सो रही थी दीदी जीजाजी को लेकर उसके कमरे में आ गई और बोली कि "देखो कैसे पड़ी है लंड डाले" , जीजाजी को भी आश्चर्य हुआ इस बात का। अब दीदी ने जीजाजी का पेंट निकाल दिया और हथियार तेयार करने लगी वैसे दीदी ने अभी तक लन्ड नहीं चूसा था किसी का।

दादी ने लन्ड की चमड़ी पीछे की और जीजाजी को नकली लन्ड निकाल असली डालने को कहा।

जीजाजी घबरा रहे थे पर दीदी के दबाव के कारण वह मंजू पर टूट पड़े और उसका नकली लन्ड निकाल असली डाल दिया।

और कुछ देर ऐसे ही मंजू के ऊपर पड़े रहे फिर धक्के देना चालू किया मंजू की आँख खुल गई थी और वह चुदाई का मज़ा लेने लगी।

फिर चुदाई के बाद जीजाजी एक तरफ़ हुए जब मंजू बोली "जेठ जी आप, आप केसे मुझे चोद सकते है आपको शर्म नहीं आईं?"

तो जीजाजी बोले "यह नकली लन्ड चोद सकता है तो मैं क्यों नहीं" बात तो सही थी अब मंजू बोली "फिर ठीक है पर रोज़ चोदना पड़ेगा" जीजाजी ने हा कर दी।

इतने में मंजू दीदी को देखकर बोली "जेठ जी आपकी बीवी को साथ लेकर चोदने आए हो" उसने भी जीजाजी ने हाँ कर दी।

मंजू ने जीजाजी के मुरझाए हुए लंड को फट् से मुंह में भर लिया जलदी है लन्ड फिर से तन्ना गया और जीजाजी मंजू पर सवार हो गए।

अब जया की बारी थी वह बेझिझक कमरे में जा पहुँची ओर मंजू को आवाज़ दी पर नजारा देख चोंकने का नाटक करने लगी और बोली "यह क्या हो रहा है?" जीजाजी मंजू के ऊपर से उतरते इससे पहले दीदी उठी ओर दो तीन झापट जया को मार दिए और बोली "दिखते नहीं दो प्यासे लोग प्यास बुझा रहे है, चल निकल छिनाल यह से" यह सुनकर जया जाने लगी पर जया को दीदी की मार के बारे में बिल्कुल भी पता नहीं था।

जया जानें लगी कमरे से पर इतने में दीदी ने उसके बाल पकड़े ओर ज़ोर से उसे मंजू के पास फेंक दिया जया अब तो रही थी दीदी बोली "दिखते नहीं दो प्यासे लोग प्यास बुझा रहे है, चल निकल छिनाल यह से" यह सुनकर जया जाने लगी पर जया को दीदी की मार के बारे में बिल्कुल भी पता नहीं था।

जया जानें लगी कमरे से पर इतने में दीदी ने उसके बाल पकड़े ओर ज़ोर से उसे मंजू के पास फेंक दिया जया अब तो रही थी दीदी बोली "चलो इसकी भी चूत मारो नहीं तो यह किसी को बता देगी" जीजाजी मंजू के ऊपर से अभी भी नहीं उतरे थे वह मंजू के उपर ही थे, मंजू यह सब देख मुस्कुरा रही थी आख़िर यह प्लान उसी का तो था।

अब दीदी ने जया के कपड़े फाड़ दिए और उसे नंगा कर दिया जीजाजी का लन्ड पकड़कर दीदी ने जया की चूत में लगा दिया पर जीजाजी यह नहीं करना चाहते थे तो मंजू आकर उनके ऊपर से धक्का देने लगी लन्ड पूरा चूत में चला गया।

जया भी मज़ा लेने लगी थी अब मेरी बारी थी चुदाई मैं शामिल होने की।

मैं ज़ोर से कमरे के दरवाजे को धक्का देते हुए अन्दर चला गया और में प्लान के अनुसार चोंक गया और बाहर जाना लगा तो जीजाजी दीदी को बोले की "अब इसको भी मंजू से चुदवा दो नहीं तो क्या भरोसा क्या करे" दीदी बोली "थोड़ी शर्म तो करते तुम, भाई है वह मेरा" तक जीजाजी बोले "वाह री छिनाल जया मेरे भाई की बेटी नहीं है क्या और मंजू को है फिर?"

फिर दीदी बोली "ठीक है चल मंजू बनजा मेरे भाई की कुतिया" अब मंजू घोड़ी बन गई।

मैने अभी तक कपड़े नहीं उतारे थे तो जीजाजी बोले "आए साले साहब चोदिए मंजू को" मैं वहीं खड़ा था तो जीजाजी ने दीदी को मेरे कपड़े उतारने को कहा।

दीदी ने मेरे कपड़े उतारे ओर मैं मंजू की और बढ़ा और उसके ऊपर जाकर मैने जानबूझकर मंजू की गांड में लंड उतार दिया वह चिल्लाने लगी और हाथ पैर मारने लगी।

जीजाजी बोले "आराम से गांड मैं क्यों डाल दिया बिचारी की?" मैं बोला "वह जीजाजी पहली बार था ना तो मुझे याद नहीं था कोनसा छेद है"।

दीदी मेरे पास आती ओर मेरा लन्ड पकड़कर उसने मंजू की चूत पर रगड़ ओर फिर मेरी ओर इशारा किया ज़ोर का झटका मारने का पर दीदी ने फट से लन्ड को मंजू की गांड पर रख दिया। अब मंजू ज़ोर जोर से चिंखने चिल्लाने लगी ओर दीदी को गालियाँ देने लगी।

कुछ देर में जीजाजी झड गए और मैं भी मंजू की गांड मैं झड गया था।

सभी सो गए।

सुबह मंजू उठी और उसने सबको उठाया तभी जया नहीं उठी थी तो मंजू ने रात की गांड मरवाने के गुस्से को जया पर उतारा फिर भी वह नहीं उठी तो मंजू उसके उपर खड़ी हुई और उनसे जया के ऊपर मुत की धार छोड़ दी।

जया समझ आ गया उसने आँख खोलकर देखा और ज़ोर से अपनी माँ धक्का दे दिया और मंजू नीचे गिर गई और रोने लगी।

दीदी आ गई कमरे में दीदी ने जल्दी उठकर खाना तेयार कर दिया था मंजू को हमने सुला दिया था जीजाजी तेयार होकर चले गए।

दीदी के ससुरजी आ गए इतने में और बोले कि "केसी रही रात की चुदाई?" तो मंजू बोली "मेरी तो गांड ही फाड़ दी इस वरुण ने तो"।

दीदी मुस्कुराई और बोली चलो नाश्ता कर लो।

इस वक़्त मैं मंजू और जया जो की अभी ही नहाकर आईं है हम तीनो नंगे ही खड़े थे।

हम सबने टेबल पर बैठकर नाश्ता किया और दीदी किचन मैं चली गई ओर मैं मंजू और उसके ससुरजी तीनो दीदी के कमरे में चले गए चुदाई करने।

अब कुछ ही देर में ऋषभ आ गया दीदी ने उसे नाश्ता कराया और हमारे पास भेज दिया।

वह आया तब हम लोग नंगे बैठे बात कर रहे थे पीछे से जाय भी आ गई हम सबने ख़ूब बाते की।

अब दीदी आ गई कमरे में उसके आने के पहले हमने बातो के नाम पर दीदी को गंडमारी बनाने का प्लान बना लिया था।

दीदी की इच्छा के अनुसार हमने कमरे में जगह-जगह कैमरा फिट कर दिया था और दीदी की गांड चुदाई को स्पेशल बनाने के लिए हमने कमरे में सब इंतज़ाम किया।

जैसे ही दीदी आयी कमरे में दीदी को उसके ससुरजी ने दबोच लिया सभी कैमरे चालू थे उस वक़्त दीदी का रेप सीन बन रहा था।

दीदी के नंगे ससुर में ओर ऋषभ थे अभी तो रील में बाक़ी मंजू और जया कैमरे के पीछे थी।

हम तीनो ने दीदी को दबोच लिया और दीदी के बोबे दबाने लगे दीदी गालिया दे रही थी हम लोगों को पर हम दीदी के कपड़े फाड़ रहे थे।

कुछ ही वक़्त में दीदी के सारे कपड़े फट गए दीदी नंगी हो गई दीदी की चूत से पेंटी हटते ही देखा कि दीदी की चूत पर पीरियड ला खून लगा था।

दीदी मिन्नते कर रही थी ना चोदने की दीदी को कैमरा देखकर पता चल गया था कि यह सब उनकी गांड खोलने के लिए है तो वह भी फ़िल्म बनाने के लिए री रही थी।

अब मैने और ऋषभ ने दीदी को उल्टा कर सुला दिया और दोनों ने एक-एक टांग चोड़ी कर पकड़ लिया अब दीदी का ससुर उसका छोटा-सा लन्ड लेकर दीदी कि गांड पर घिसने लगा इतने में जया आ धमकी कैमरा के सामने और उसने अपने दादाजी के लन्ड पर थूक लगा दिया अपने मुंह में लेकर और उसने दीदी कि गांड भी चाटकर गीली कर दी।

जया अब एक तरफ़ हो गई अब दीदी के ससुरजी अपना लन्ड दीदी की गांड में घुसाने लगे पर फिर रुक गए तो दीदी गुस्सा होकर बोली "साले बुड्ढे डालना है तो डाल वरना दूसरे से डलवा दे, मादरचोद"।

यह सुनकर दीदी के ससुर को गुस्सा आ गया और उसने एक ज़ोर का शॉट मारा और दीदी की गांड चौड़ी पर इसका उल्टा हो गया दीदी ने कोई आवाज़ ही नहीं करी।

हम सब चौंक गए। दीदी बोली "इसकी लंबी स्टोरी है" ऋषभ को बोला कि थोड़ा-सा सीन कट कर दे और बोली "बुड्ढे और ज़ोर लगा अब एक ही बार में पूरा डालना वीडियो में सब असली लगना चाहिए"।

ऋषभ ने सीन कट करके फिर कैमरा चालू कर दिया सब उसी सीन वली पोजिशन में आ गए और बुड्ढे ने एक ही शॉट के लन्ड उतार दिया और दीदी ख़ूब चिल्लाई अब बुड्ढे का खाली हो गया था अब मेरी बारी आनी थी उसके पहले ही दीदी बोली "गांड में खुजली हों रही है तुम दोनों में से कोई आओ यह बुद्ध तो मंजू के है लायक है।"

अब मैने ज़ोर जोर से दीदी कि गांड मारी पर फिर भी दीदी एक्टिंग ही कर रही थी मेरे बाद ऋषभ ने दीदी की गांड का मज़ा लिया।

अब वीडियो बन्द कर दिया

अब हमने दीदी से पूछा गांड इतनी ढीली हुई है तो उसने बताया कि.....

(अब अगले पार्ट में दीदी बताएगी अगर आप रीडर्स 5स्टार रेटिंग दे ओर हमारा हौसला बढ़ाए)​
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