Part 05
हम सब साथ बैठकर खाना खाने लगे।
इतने में फोन बजा दीदी ने बात की और उनके होश उड़ गए।
दीदी का चेहरा उतर गया दीदी ने फोन रखा और हमारे पास आ गई।
मैने पूछा "क्या हुआ?"
तो दीदी ने जवाब दिया "तेरे बड़े भाई की शादी के लिए लड़की देखने जाना है इसलिए हम दोनों को बुलाया है है मां ने।"
मै बोला "कितनी लड़कियां दिखाओगे उसे? कोई तो जमती नहीं उसे।"
दीदी बोली "क्या कर सकते है अब?"
मैनें कुछ देर सोचा और मुझे एक आइडिया आया।
मैने सबके सामने दीदी से पूछा "क्यों ना हम जया की सेटिंग उससे करवा दे?" दीदी का दिमाग चलने लगा।
मैनें मेरे भाई का फोटो जया और मंजू को दिखाया।
जया को कुछ जमा नहीं शायद वह अजीब सा मुंह बना रही थी।
तो फिर मैनें रामलाल और जीजाजी को भी दिखाया मैने बात जमाने के लिए बोल दिया "मुझसे बड़ा लन्ड है उसका क्या।"
दीदी बोली "क्यों मजाक करता है बिचारी के साथ अगर अच्छा नहीं लगा तो उसे?"
मैने जवाब दिया "मै हूं ना, मै भी तो वही रहूंगा, जया डबल सिफ्ट कर लेगी, रात में भाई से और दिन में मुझसे चुदवा लिया करेगी।"
अब जया का मुंह कुछ सही हुआ।
दीदी ने भी जया को बढ़ा चढ़ाकर सपने दिखा दिए थे।
जया ने भी मन बना लिया था तो दीदी ने प्लान बनाया की हम मनीषा को भी साथ ले लेते है हो जाएगा तो वहीं तुम दोनो की भी शादी करवा देंगे।
मनीषा भी खुश होने लगी।
मैने पूछा दीदी से मनीषा के बारे में तो उसने बताया कि वह अकेली ही है उसका कोई नहीं था बस उसका एक घर ओर कुछ जमीन जायदाद ही है और कुछ दूर के रिश्तेदार है मामा वगेरह सिर्फ शादी मे बुलाने जैसे ओर कभी कभी फोन पर हालचाल पूछने वाले।
उसके मा बाप का कुछ दिन पहले देहांत है गया और भाई बाहर नौकरी करता है।
मनीषा बोली "मै भाई को बोल दूंगी, और जब उसे पता चलेगा कि मुस्कि दीदी का भाई है जिससे में शादी कर रही हूं तो वह कभी मना नहीं करेगा।"
मनीषा ने पूछा "कब निकालना है गावं के लिए?"
दीदी ने बोल "तुम पैकिंग कर को आज ही निकल जाएंगे।"
मंजू डाइनिंग टेबल के नीचे पता नहीं कब घुस गई और जीजाजी और उसके ससुर का लन्ड चूसकर खड़ा करने लगी।
अब दोनों के लन्ड तन गए थे, मंजू बोली "ससुरजी जेठजी आपने अभी तक मनीषा को नहीं चखा?"
ससुरजी बोले "तुम और मुस्कान ही इतनी कड़क हो की उसकी क्या जरूरत हमें और वैसे भी वह हमसे चुदवाने लायक नहीं है, पर तुम कहती हो तो हम उसे चोद लेते है।"
जीजाजी उठे और मनीषा को पकड़ लिया।
जीजाजी ने मनीषा को नीचे बिठा लिया और लन्ड घुसा दिया उसके मुंह में मनीष अभी उनका पूरा साथ दे रही थी।
रामलाल भी मनीषा के पास आ गया मनीषा उसका भी लन्ड चूसने लगी।
ऋषभ मनीषा की चूत पर था वह उसे चूसे जा रहा था।
दीदी, मंजू और जया मेरे सुपुर्द थी जया मेरा लन्ड चूस रही थी दीदी जया की चूत और मंजू दीदी कि चूत चूसे जा रही थी उधर रामलाल, ऋषभ ओर जीजाजी मनीषा को लिटा चुके थे।
रामलाल ने जोर से मनीष कि चूत में शॉट मारा और मनीषा को एक हल्की चीख के साथ अंदर चला गया चूंकि उन तीनों का लंड मुझसे साइज में छोटा था इसलिए मनीषा को दर्द नहीं हो रहा था और मजा आने लगा।
ऋषभ मनीषा के मुंह बार बैठ गया और मुंह में लन्ड डाल दिया।
जीजाजी अब खड़े थे तो मैंने जया को उनके पास भेज दिया और जया की गांड मारने को बोला, जया ना कुकुर करने लगी गांड फटने के बाद क्योंकि दर्द तो था कुछ कुछ पर जीजाजी ने पकड़कर बिना थूक लगाए लन्ड एक ही झटके पे अंदर डाल दिया।
जया अब चिल्लाए जा रही थी।
बोल रही थी "थूक तो लगा लेते।"
रामलाल और ऋषभ ने अपनी पोजिशन बदल ली थी।
मैनें भी मंजू की चूत मारना शुरू कर दिया था और दीदी मंजू की चूत में अन्दर बाहर होते लंड को चाट रही थी।
कुछ देर चुदाई करने के बाद ऋषभ और रामलाल दोनों ने मनीषा के मुंह में ही खाली कर दिया जीजाजी ने भी जया की गांड से लंड निकालकर मनीषा के मुंह में डाल दिया वह उसे चूस रही थी।
मैनें कुछ देर मंजू को चोदने के बाद दीदी को भी चोदा और मै भी थक कर बैठ गया, दीदी, मंजू, जया, ऋषभ ओर रामलाल हम सब बैठ गए। अब सिर्फ मनीषा और जीजाजी का बाकी था बस।
मनीषा लंड को छोड़ ही नहीं रही थी एक बार झड़ चुके थे जीजाजी मनीषा के मुंह में पर उनका लंड फिर खड़ा हो गया।
मनीषा ने एक और बाद जीजाजी का उसके मुंह में ही खाली कर दिया।
एक ही बार सेक्स करते वक्त दीदी तो 2-3बार झड़ जाती है पर मंजू को कुछ ज्यादा ही वक्त लगता है।
जया और मनीषा भी दीदी की तरह ही 2-3बाद झड जाती थी।
कुछ देर तक आराम करने के बाद हमने पैकिंग की और मनीषा ने नहीं पैकिंग की ओर हमारे घर आ गई।
चूंकि मनीषा के कपड़े हमने फाड़ दिए थे मनीषा को खिड़की से कूदकर घर जाना पड़ा हो सकता है किसी ने उसे नंगा देख लिया हो।
देख भी लिया हो तो क्या कर लगा चोद लेगा ओर क्या।
हमने निकालने के पहले खूब जमकर चुदाई की और जया, दीदी और मनीषा की चूत वीर्य से भर दी और हमने ट्रेन में एक फैंटसी करने की सोची।
हम लोग ट्रेन में चुदाई करने वाले थे आज रात को 10घंटे का सफर था बोर हो जाते इससे कुछ नया ट्राई करना था।
हमारी ट्रेन रात की थी।
रात 10बजे हम ट्रेन में बैठ गए और दीदी आराम करने के मूड में थी पर हम कहा करने वाले थे।
जया ने अपनी हरकतें शुरू कर दी।
जया और मनीषा ने सलवार सूट पहन रखा था।
हमारा एक सेमी प्राइवेट कंपार्टमेंट मे थे मैने जानबूझकर ऐसा किया था। हमारे सामने वाली सीट पर एक और फैमिली की बुकिंग थी।
मैने देखा कि जया अब गर्म हो चुकी थी तो मैने उसका एक बोबा दबा दिया तो मुझे पता चला कि उसने ब्रा नहीं पहन रखी थी, मैं हंस दिया और उसकी चूत पर हाथ लगाया तो उसने पैंटी भी नही पहनी थी।
वह मुझे देखकर हंसने लगी मैं भी जवाब में मुस्कुरा दिया और मनीषा के पास आ गया।
मनीषा ने भी शायद ब्रा नही पहनी थी।
मैने उसे बताया कि जया ने ब्रा पेंटी नही पहनी है तो उसने मेरा हाथ उसकी चूत पर रख दिया और मुस्कुराने लगी।
पैंटी तो उसने भी नही पहनी थी, अब मैं दीदी के पास जाकर बैठ गया मैने सीधा दीदी की साड़ी के ऊपर से ही दीदी की चूत पर हाथ रख दिया और दिदी की पैंटी चेक की तो उसने भी कुछ नही पहना था नीचे।
मैने पूछा "तुम तीनो में से किसी ने ब्रा पैंटी क्यों नही पहनी है?"
उतने में जया जो की मेरे सामने बैठी थी उसने अपने पैर चौड़े कर दिए।
स्किन टाइट सलवार पहनी हुई थी जया मनीषा ने।
सलवार चूत की जगह से फटी हुई थी और साफ साफ़ चूत के दर्शन हो रहे थे।
मैने मनीषा के भी पैर चौड़े करके देखे तो उसकी भी चूत साफ दिखाई दे रही थी।
दीदी यह सब देख हंसने लगी।
और बोली "हम लोग ब्रा पेंटी नही लाए हैं और सिर्फ एक ही जोड़ी है जिसकी अर्जेंट होगी वह पहन लेगी।"
दीदी मुझे देखते हुए मुस्कुरा रही थी।
अब ट्रेन चलने वाली थी की हमारे सामने बैठने वाली फैमिली आ गई।
उस फैमिली में दो लड़कियां जो को जया से भी ज्यादा हॉट थी पर मनीषा के सामने कुछ नही थी।
पर उनकी मां और भी ज्यादा मदमस्त लग रही थी, पर उनके पापा थोड़े बुड्ढे लग रहे थे और गंजे थे।
उन लड़कियों ने एक हॉट सी ड्रेस पहन रखी थी स्किन टाइट और ब्रालेस ड्रेस थी दोनो गाउन जेसी।
मै उन्ही दोनो लड़कियों को देखे जा रहा था जो की मेरे सामने बैठी थी और पास में एक तरफ मनीषा और एक तरफ जया और दीदी थी।
उन लड़कियों की मां ने बात शुरू कि हम और अपना नाम मीना बताया और वह लोग भी हमारे ही गांव के पास वाले गांव जा रहे थे।
कुछ देर फालतू की बातें करने के बाद मीना का पति सोने लगा और ऊपर की स्लीपर सीट पर चला गया।
पर पता नही उसे क्या हुआ या फिर उसने ऊपर से क्या देखा वह वापस नीचे आ गया।
अब वह जया के सामने बैठ गया, जया से रहा नही जा रहा था वह गरम हो गई थी पहले ही।
उसने पता नही क्या सोचा और अपनी छाती फुलाकर बैठ गई जिससे उसके बोबे तन गया था और उसका उठा हुआ निप्पल साफ दिख रहा था।
अब उन अंकल का गला सुख रहा था जया को देखकर और तंबू भी तेयार होने लगा।
इतने में जया नीचे झुककर अपने बोबे दिखाने लगी अब अंकल का लंड हुंकार मार रहा था।
अब जया को मजा आ रहा था अंकल को सिड्यूस करने में अब उसने आखिरी खेल शुरू किया।
मीना और उसकी दोनो बेटियां मेरी तरफ देख रही थी,
उसने बड़ी बेटी का नाम हीना और दूसरी का नाम हेमा बताया।
मैने हेमा की तरफ इशारा किया उसके पापा और जया की तरफ देखने को तो उसने हीना को भी बता दिया और दोनों फिल्म देखने लग गए।
अब जया ने कुर्ती थोड़ी सी ऊपर उठाई और अपने पैर खोल दिए।
हीना और हेमा दोनो चौंक गए जया को देखकर पर उसके पापा छगन देखे जा रहे थे।
और मीना का भी ध्यान जया पर ही था पर वह एक तरफ होने के कारण मीना को कुछ समझ भी आया और वह खिड़की में से बाहर दिखने लगी।
मैने हीना की तरफ इशारा किया और आगे की पिक्चर देखने को कहा।
मैने जया को टल्ला मारा और वह शुरू हो गई उसने छगन के सामने ही अपनी उंगली चूत मे डालकर अपने मुंह में भर ली।
छगन से रहा नही गया और वह खड़ा हो गया और बाथरूम की तरफ जाने लगा पीछे से मैने जया को जाने का इशारा किया तो हीना बोली "पापा का पकड़ने जा रही हो मूतते टाइम या मुंह में मुताओगी उनको।"
मै यह सुनकर चौंक गया।
मीना अब ऊपर की स्लीपर सीट पर चली गई जब वह चढ़ रही थी उपर तो उसकी लाल पैंटी का मुझे दर्शन हो गया।
ज्यादा भीड़ होने के कारण छगन और जया को कोई चांस नहीं मिला तो दोनो वापस आ गए।
धीरे से हीना ने पूछा "जल्दी आ गई जया? क्या हुआ?" कहकर हंसने लगी।
हेमा बोली "भीड़ ही वह तो कुछ नही हो सकता।"
जया सीधे आकर छगन के पास बैठ गई।
अब छगन ने धीरे से जया के गले में ठाठ डाल दिया और इसके बोबे दबाने लगा।
धीरे धीरे आगे बढ़ने लगा तो जया सीधे उठी और उसकी गोद में जा बैठी।
हीना और हेमा दोनो आंखे फाड़े देखे जा रही थी।
मैने भी हेमा की तरफ इशारा किया तो वह सीधे मेरे और मनीषा के बीच में आ बैठी, मैने भी मोका देखते हुए उसके गाउन के उपर से उसकी चूत को स्पर्श कर लिया।
उसने सितारों वाली पेंटी पहनी हुई थी।
छगन और जया उधर बसी थे।
मनीषा हेमा के बोबे दबा रही थी और उसने उसका गाउन भी ऊपर उतार दिया और उसको ऊपर से नंगा कर दिया उधर हीना को आग भड़क चुकी थी।
अब जया नीचे बैठ गई और छगन का lnd bahar निकालकर चूसने लगी।
इधर हीना उठी और उसने अपना निकाल दिया और सिर्फ पैंटी में मेरे सामने खड़ी हो गई।
कंपार्टमेंट का दरवाजा अंदर से मैने बंद किया और हीना की पैंटी उतार मैने उसे अपनी गोद में बिठा लिया।
हेमा ने भी अपना गाउन नीचे गिरा दिया और मेरे लैंड पे टूट पड़ी और बाहर निकाल चूसने लगी उधर जया भी अब पूरी नंगी हो गयो थी और छगन के लंड को चूस रही थी कुछ ही देर चूसने पर उसका लंड झड़ गया जया के मुंह में।
हेमा मेरे लैंड को चूस रही थी।
और हीना मेरे कान में बोली "पापा का तो हो गया अब जया कितना भी कोशिश करे अब लंड खड़ा नही होगा।"
हीना के मै अब बोबे दबा रहा था और उसे बोला की "वह जया ही मुर्दे का भी लंड खड़ा कर सकती है।"
मैने देर ना करते हुए मनीषा की बात मानकर हेमा को घोड़ी बना लिया और उसकी चूत पर लंड रखा तो मनीषा बोली "बाबू उसकी गांड मारो ना प्लीज।" हेमा को पता भी नही था क्या होने वाला है उसके साथ।
हीना सब समझ चुकी थी उसने एक ही बार में लंड डालने का इशारा किया और मैने एक जोर का शॉट मारा और हेमा की गांड फटते हुए लंड आधा अंदर चला गया और वह चीखने चिल्लाने लगी।
दीदी की भी नींद खुल गई थी और वह चौंक गई हमारा सीन देखकर।
मीना भी सीधे नीचे आ रही थी।
दीदी हमे देखकर मुस्कुरा रही थी पर मीना नीचे आई और जया को उसके पति का लंड चूसते देख चौंक गई मैने भी हेमा की गांड में धक्के मारना बंद नही किया था।
हेमा की चीखें अब सिसकियों में बदल गई थी।
मीना हमारे नीचे आ गई और मेरी गोटियां चूसने लगी।
मुझे गोटियां चुस्वाकर मजा नही आ रहा था बल्कि गुदगुदी हो रही थी।
मै अब जोर जोर से धक्के मारने लगा था गुदगुदी के कारण।
अब मैने हेमा अलग कर दिया और हीना को अपने सामने झुका दिया और मीना वही खड़ी खड़ी देखे जा रही थी और उसने हीना को झुकते ही बेल्ट जो की उसने मेरी पैंट से निकाल लिया था ओर उस बेल्ट से उसकी गांड पर जोर से मारा, हीना तिलमिला गई।
और हीना बोली "रंडी साली कुतिया मादरचोद मां क्यों मार रही ही?"
मीना बोली "तू क्या मरवा रही है, छिनाल?"
हीना ने जवाब दिया "तेरे पति का लंड तुझे खाली नही करवा सकता तो क्या हम भी मजे न करे?"
हेमा बोली "ज्यादा मत इतरा नही तो तेरी गांड मरवा दूंगी बाहर खड़े लोगों से।"
दीदी हेमा और मीना की बाते बड़े ही आश्चर्य से सुन रही थी।
और जया और छगन इन सब बातों पर ध्यान ही नही दे रहे थे और वह दोनों ऊपर स्लीपर सीट पर चले गए और उनकी चुदाई का सीन चल रहा था।
हेमा बोली "देख छिनाल, तेरे पति का तेरी चुदाई करने में तो दो बार लंड खड़ा नही होता और वो दूसरी बार घोड़े की तरह जया पर चढ़ा हुआ है।"
यह देखकर मीना हताश हो गई।
दीदी ने मीना को बिठाया और बोला "आप फिकर मत करो मेरा भाई आपकी भी गांड मार देगा अगर आप इन्हे टोकती हो तो।"
यह सुनकर मैं मीना की तरफ बढ़ा ही था की हीना ने मुझे पकड़ लिया और अपनी चूत पर मेरा लंड लगाने लगी पर मैं कहां मानने साला था मैने भी उसकी चूत पर लंड घिसकर गांड में डाल दिया।
हीना तो हेमा से भी ज्यादा चिल्ला रही थी
अब हेमा उसे देखकर मजे ले रही थी और मुझे बोली "इसका यह पहली बार है और मैने तो पहले भी कई बार गांड मरवाई है।"
हीना चिल्लाए जा रही थी तो दीदी बोली "चल हेमा जा इसके मुंह में चूत दे ज्यादा चिल्ला रही है।"
हेमा अब अपनी चूत हीना से चटवा रही थी पर वह न नुकूर कर रही थी।
जैसे ही वह कुछ कहती ने उसे जोर का शॉट मार देता वह मुंह खोलती और चूत उसके मुंह के पास कुछ देर इस ही करने के बाद हीना आराम से चूत चाटने लगी और हेमा भी कुछ देर में झड़ गई।
में अभी भी नही झड़ा था उधर छगन जया के अंदर कबका झड़ गया था और दोनो हमारी चुदाई देख रहे थे।
अब तक मे एक ही बार खड़ा था वो भी हीना की गांड में मैने जब अपना लंड बाहर निकाला तो उसपर खून लगा था तो मैने हेमा को अपनी तरफ खींचा और उसके मुंह में जबरदस्ती डाल दिया और आगे पीछे करने लगा।
कुछ ही देर में लंड फिर तन गया अब दीदी भी समझ गई की मीना की बारी आ गई तो दीदी ने मीना को कहा "बहन जी अब आपकी बारी बनिए घोड़ी।"
मीना का मुंह लाल पीला होने लगा।
हीना की गांड में बहुत दर्द हो रहा था तो वह सीट पर उल्टी ही लेट गई और अब मनीषा ने और हेमा ने जबरदस्ती शुरू कर दी मीना के साथ।
वह दोनों उसकी साड़ी निकाल रही थी दोनो ने उसका ब्लाउज फाड़ दिया।
और आधा पेटीकोट भी फट चुका था अब दौड़ उसका रेप होने वाला था।
मै भी आश्चर्य में था की यह ऐसा क्यों कर रही ही तो मैने मीना को मनीषा और हेमा से छुड़ाया और उससे पूछा "क्या हुआ ऐसा क्यों कर रही हो आप आपका पूरा परिवार नंगा है आपकी दोनो बेटियों ने अपनी गांड मुझसे फड़वा ली तो आपको किस बात की शर्म?"
मीना ने अब बिना कुछ बोले ही अपना पेटीकोट पैंटी सहित नीचे सरका दिया। दीदी भी अब मीना को गंदी नजरों से देख रही थी क्योंकि मीना की चूत दिख ही नही रही थी झांटों में। इतने बड़े बाल थे की पूछो ही मत।
मीना शर्मा रही थी और बोली "इसी वजह से मैं नही चुदवाना चाह रही मन तो मेरा भी हो रहा ही चुदवाने को पर क्या करू।"
हेमा बोली "अच्छा तो यही कारण है कि पापा तुम्हे एक बार से ज्यादा भी चोदते और हमारे पास आते है।"
तुम तो एक बार भी चोदने के लायक नही हो इतनी गन्दी झांटे।
मीना बोली "तभी तो कहूं यह आदमी मुझे क्यों नही चोदता।"
हेमा बोली "मां आप यह बाल क्यों नही काटती?"
मीना बोली "हमारे यहां कोई भी बाल नही कटता है इसलिए नही काटे।"
दीदी ने मीना को समझाया और बैग में से बाल साफ करने वाली क्रीम निकाली और पानी की बॉटल तो थीं ही और बालों को गीला करने लगी।
मीना ने अपनी चूत पर हाथ रख लिया और मना करने लगी।
हेमा बोली "देख तेरा पति, उसी से पूछ ले वह क्यों नही चोदता तुझे, तेरी चूत देखकर तो गोली खाए हुए आदमी का भी लंड बैठ जाए।"
हेमा ने मीना को पकड़ लिया और एक तरफ से मनीषा ने अब जया भी नीचे आ गई थी और एक पैर जया ने और एक दीदी ने पकड़ लिया और नीचे सुला लिया।
अब दीदी ने पैर छोड़ा और मैने पकड़ लिया दीदी ने पानी लिया और बाल गीले किए।
क्रीम लगा कर कुछ देर इस ही हम पकड़े रहे मीना को और कुछ देर बाद दीदी ने क्रीम साफ कर दी और साथ ही सारे बाल भी साफ हो गए।
मीना को गोरी गोरी चूत हमारे सामने आ गई थी।
मीना भी मान गई अब ऊपर बैठा छगन भी नीचे आ गया था।
उसके लंड में हल्का सा तनाव था जिसे देखकर हेमा खुश हो गई।
ओर बोली "आप लोगों ने तो कमाल ही कर दिया पापा का आज तीसरी बार खड़ा हो रहा है।"
हेमा ने फट से छगन का लंड अपने मुंह में भर लिया।
मैं भी मीना की सपाट चूत मिलते ही उसपर टूट पड़ा उसकी चूत ज्यादा चूड़ी हुई नही एलजी रही थी उसका चमड़ा भी बाहर की ओर लटका हुआ नहीं था बिल्कुल हेमा और हीना की ही तरह था।
पर मीना की गांड पूरी तरह से फटी हुई थी जब मेने उसे उल्टा किया तो उसकी गांड का मुंह खुल गया।
दीदी भी चौंक गई यह देखकर और बोली "मेरी इतनी फटी हुई है की हाथ तक चला जाए आराम से पर यह तो मुझसे भी बड़ी वाली ही शायद बड़ा डंडा डालती होगी।"
छगन बोला "साली छिनाल बाल तो कभी साफ करती ही नही तो क्या चूत मारू लंड झांटों में ही उलझ जाए ऐसी तो झांटे इसकी, इसलिए इसकी गांड फटी हुई है, मैने सुहागरात पर ही इसकी गांड ही मारी थी और तबसे आजतक सिर्फ बच्चे पैदा करने के लिए ही चूत मारी है।"
उसने यह भी बताया कि वह दोनों महीने में सिर्फ एक ही बार चूत में चुदाई करते थे।
उन दोनो का एक लड़का भी है पर उसे इस सबसे उन लोगों दूर ही रखा था।
हेमा अपनी मां को चुदाई के लिए तेयार कर रही थी उसकी चूत चाटे जा रही थी।
मैने हेमा को हटाया और मीना की चूत में एक ही जोर के शॉट में लंड उतार दिया।
मीना सिसकारियां मार रही थी और में उसकी चूत।
छगन का अब लंड पूरा खड़ा कर चुकी थी हीना चुसचुस्कर।
अब में मीना के ऊपर से हट गया था। और शायद हीना भी अब गांड के दर्द से उभर आई थी और चुदवाने को तैयार थी मैं उसके पास गया और उसे सीधा लिटाकर उसकी चूत में लंड डाल दिया।
कुछ देर चोदने के बाद हीना झड़ गई थी और मैं उसके ऊपर से हट गया था पर मैं अभी भी नही झड़ा था तो हेमा को पकड़कर उसका मुंह चोदने लगा कुछ देर मुंह चोदने के बाद उसकी चूत भी चोद दी।
अब दरवाजे पर जोर की दस्तक हो रही थी हम सब चौंक गए।
हमारे कपड़े ढूंढने लगे, कपड़े पहने उसके पहले ही ट्रेन के दरवाजे की कुंडी जो की सिर्फ अटकी हुई थी वह टूट गई और दरवाजा खुल गया।
दरवाजा खुलते ही वह आदमी अंदर आ गया और पूरी तरह से चौंक गया।
हम लोगों को देखते ही वह बोला.
धन्यवाद।