Update 03
गौरव तो अब पूरी मस्ती में था. उसकी जींस के अंदर उसका लंड एकदम तनकर खड़ा हो गया था. अपने लण्ड पर हाथ फिराता हुआ वह कुर्सी से उठकर खड़ा हो गया और सामने खड़ी शिवानी की तरफ जाने लगा.
शिवानी अभी भी गिड़गिड़ा रही थी : मुझे नंगा मत करो प्लीज़...
गौरव ने एक झटके में ही शिवानी की साड़ी के पल्लू को पकड़कर खींचा और उसकी साड़ी को उसके बदन से अलग कर दिया
इसके बाद गौरव शिवानी के पीछे जाकर उसके नितम्बों और पीठ से सटकर खड़ा हो गया और अपने दोनों हाथों से ब्लॉउज में बंद उसके मम्मों को दबाने लगा. गौरव की जींस के अंदर खड़ा लण्ड शिवानी के सुडौल नितम्बों में धंसा जा रहा था
सामने बैठा अनुराग अपनी आँखों पर यकीन ही नहीं कर पा रहा था. ब्लॉउज और पेटीकोट में शिवानी का बदन बेहद सेक्सी लग रहा था और उसकी फिगर एकदम मस्त और लाजबाब लग रही थी. अब तक गौरव ने उसकी ब्लाउज़ और ब्रा को उतार फेंका था और उसके हाथ उसके पेटीकोट के नाड़े तक पहुँच गए थे. कुछ ही देर में शिवानी का पेटीकोट और उसकी पैंटी भी उसके बदन से अलग हो चुकी थी और वह एकदम निर्वस्त्र अवस्था में गौरव की गिरफ्त में कसमसा रही थी.
शिवानी को पूरी तरह से नंगा करने के बाद जब गौरव वापस अपनी कुर्सी की तरफ आने लगा तो अनुराग ने उसे रोक दिया : आप वहीं पर रहिये,आपका असली काम तो अब शुरू होगा. दरअसल अब हम मेडिकल प्रोसीजर के हिसाब से यह जांचने की कोशिश करेंगे कि अलग अलग हालातों में इनके बदन पर क्या प्रतिक्रिया होती है और यह पुरुष द्वारा की गयी किसी भी क्रिया से उत्तेजना महसूस करती भी हैं या नहीं. कभी कभी ऐसा भी होता है कि लडकियां लेस्बियन ( समलैंगिक) होती हैं और उन पर पुरुष द्वारा किये गए सेक्स का कोई असर ही नहीं होता है और ऐसी हालत में वे बच्चे पैदा कर सकेंगी, यह सोचना भी मूर्खता ही होगी.
गौरव दुबारा से शिवानी के पास चला गया और अनुराग की तरफ देखने लगा
अनुराग ( गौरव से) : आप पहले की तरह इनके बदन के पीछे जाकर इनसे सटकर खड़े हो जाओ और अपने दोनों हाथों से इनके मम्मों को सहलाना शुरू करो.
गौरव तो यही चाहता था. शिवानी अपने दोनों हाथों से अपने मम्मे और अपने योनि प्रदेश को छिपाने का प्रयास कर रही थी लेकिन गौरव ने उसके नितम्बों पर जोर की चपत लगाते हुए कहा : हाथ ऊपर उठाकर खड़ी रहो और मेडिकल चेक अप में डॉक्टर साहब का सहयोग करो.
शर्म और ज़लालत से शिवानी का चेहरा एकदम लाल हो रहा था -अनजान डॉक्टर अनुराग के सामने वह एकदम निर्वस्त्र अवस्था में खड़ी हुई थी और उसका देवर गौरव उसके बदन से चिपककर उसके सीने की गोलाइओं को मसल रहा था
अनुराग भी मस्ती में था. अपने लण्ड पर हाथ फिराते हुए वह शिवानी की तरफ देखते हुए बोला : लौंडिया तो चिकनी है और एकदम मस्त माल है- इसके बच्चा क्यों नहीं हो रहा है, यह अपने आप में एक जांच का विषय है. तुम लोगों ने ठीक ही किया है जो इसे सही समय पर मेरे पास ले आये अब मैं इसकी ठीक से जांच करवाकर ही वापस भेजूंगा.
कुछ देर तक अनुराग जब शिवानी के मम्मों को मसल चुका तो अनुराग उससे बोला : अब ऐसा करो कि इसके बदन पर अलग अलग हिस्सों में कम से कम 25 बार किस करो
गौरव ने तड़ातड़ शिवानी के बदन पर एक के बाद एक चुम्बनों की बौछार सी लगा दी. उसके चेहरे, होंठों, उरोजों, चिकने पेट, नाभि प्रदेश और केले जैसी चिकनी जांघों को गौरव ने जी भरकर अपने चुम्बनों की बौछार से भिगो दिया.
अनुराग की अपनी हालत भी काफी ख़राब हो रही थी और उसका लण्ड भी बेकाबू होता जा रहा था लेकिन उसे अपनी जांच अभी जारी रखनी थी.
अनुराग ने अब गौरव से कहा : इस चिकनी लौंडिया को मेरे नज़दीक लेकर आओ
गौरव शिवानी के बदन से चिपके चिपके ही उसे धकेलते हुए अनुराग के एकदम नज़दीक लेकर आ गया -उसके हाथ अभी भी उसके मस्त मम्मों पर फिसल फिसल कर उसकी गोलाइओं को नाप रहे थे.
अनुराग ( शिवानी से ) : चल अपनी टाँगे खोल
शिवानी ने शर्म से अपनी ऑंखें अब बंद कर लीं थीं-उसके अपनी टाँगे खोल दीं
अनुराग ने अपने हाथ को उसके चिकने योनि प्रदेश पर सहलाना शुरू कर दिया और हँसते हुए कहने लगा : साली रंडी एकदम सेक्स बम है -भैया की ही गलती है जो इसे अभी तक माँ नहीं बना पाए-इतनी मस्त लौंडिया को तो कोई नामर्द भी छू ले तो इसे गर्भवती हो जाना चाहिए.
शिवानी ने जैसे ही अपनी टाँगे खोलीं, वैसे ही गौरव ने मौका देखकर अपनी जींस के अंदर से अपना खड़ा लण्ड बाहर निकाला और उसके दोनों नितम्बों में बीच घुसेड़ दिया
अनुराग गौरव से बोला : इसकी गांड मारते मारते अपनी एक उंगली इसके मुंह में डाल दो और उसे चुसवाओ
गौरव इस समय पूरी उत्तेजना में था. वह अपने हाथ को शिवानी के मुंह तक ले गया और अपनी उंगली को उसके होंठों के बीच में डालते हुए कडककर बोला : चूस इसे
अब अनुराग शिवानी से बोला : इस उंगली को चूसते समय यह समझकर चूस कि तू यह उंगली नहीं, मेरा लण्ड चूस रही है
शिवानी इस समय एक कैदी की तरह एकदम बेबस और लाचार खड़ी हुई थी. उसके दोनों हाथ ऊपर थे. उसके मुंह में गौरव की उंगली और पिछवाड़े में उसका लण्ड घुसा हुआ था. उसके आगे के पूरे नंगे बदन पर डॉक्टर अनुराग तबियत से दबा सहला कर अपना मन बहला रहा था
गौरव ने शिवानी के मुंह से अपनी उंगली निकाल ली थी. वह बेहत उत्तेजना में था और अपने क्लाइमेक्स पर पहुँच गया था. अपने लण्ड को उसने बाहर निकाला और कड़क आवाज़ में शिवानी से बोला : नीचे बैठ और मेरा लण्ड अपने मुंह में लेकर साफ़ कर
शिवानी फर्श पर घुटनों के बल बैठ गयी और अपने देवर के लण्ड को मुंह में लेकर उसे अपनी जीभ से साफ़ करने लगी
अनुराग अपने हाथों को शिवानी की नंगी चिकनी पीठ पर फिराता हुआ बोला : साली लण्ड चूसने में तो एकदम एक्सपर्ट लगती है
अचानक इण्टरकॉम की घंटी बजने लगी. अनुराग से फोन उठाया और कुछ सुनने के बाद बोला : ठीक है, रिपोर्ट लेकर अंदर आ जाओ.
शिवानी एकदम घबराई शरमाई कभी अनुराग की तरफ और कभी गौरव की तरफ देख रही थी-कोई और अनजान आदमी इस कमरे में कोई रिपोर्ट लेकर आने वाला था और वह इस तरह ने निर्वस्त्र हालत में अपने देवर का लण्ड साफ़ कर रही है
इससे पहले कि शिवानी कुछ और सोच या बोल पाती, कमरे का दरवाज़ा खुला और एक काला सा लड़का ( जो कि क्लिनिक में लैब असिस्टेंट था ) अंदर घुस आया और शिवानी की तरफ देखते हुए एक लिफाफे को अनुराग के हाथ में देकर वापस जाने लगा. लड़का लगभग 18-19 साल का था और देखने में एकदम औसत दर्ज़े का था.
अनुराग ने वापस जाते हुए लड़के को रोका : रमेश अभी रुको. मुझे रिपोर्ट पढ़ने दो.
लड़का वहीं रुक गया.
शिवानी अभी भी ऑंखें बंद किये हुए फर्श पर घुटनों के बल बैठी हुयी थी और गौरव के लण्ड को अपने मुंह में लेकर उसे साफ़ करने के बाद उस पर अपनी जीभ फिराए जा रही थी. गौरव मुख मैथुन की पूरी मौज़ ले रहा था
गौरव और शिवानी को इस तरह के एक्शन में देखकर लैब असिस्टेंट रमेश का लण्ड भी उसकी पैंट के अंदर काफी कड़क हो गया था जिसे उसे अपने हाथ से संभालना पड़ रहा था. अनुराग के चेहरे का रंग रिपोर्ट पढ़ने के बाद एकदम बदल गया था -रिपोर्ट में साफ़ लिखा था कि विवेक के वीर्य में जो शुक्राणु हैं, उनसे बच्चे पैदा नहीं किये जा सकते हैं. हालांकि विवेक नार्मल सेक्स कर सकता है लेकिन उसका वीर्य इस काबिल नहीं है जिससे बच्चे पैदा हो सकें.
अनुराग ने मन ही मन सोचा कि गलती लड़के में हैं क्योंकि उसका वीर्य इस काबिल नहीं है जो बच्चा पैदा कर सके और हम यहां अपने मज़े के लिए लड़की को पेले जा रहे हैं.
अब तक शिवानी गौरव का लण्ड चूस कर उसे एक बार फिर से साफ़ कर चुकी थी और गौरव पूरी तरह से संतुष्ट होकर अपने लण्ड को अंदर करके अपनी जींस पहन चुका था.
शिवानी अभी भी फर्श पर शर्म और ज़लालत में डूबी अपनी ऑंखें बंद किये हुए बैठी थी
अनुराग के साथ साथ लैब असिस्टेंट रमेश का लण्ड भी शिवानी को इस हालत में बैठा देखकर बेकाबू हुए जा रहा था
अनुराग ने रमेश की तरफ देखा : जाओ दरवाज़ा अंदर से बंद करके वापस आओ
रमेश : जी सर
कमरे के दरवाज़े को अंदर से बंद करके रमेश दुबारा से अनुराग के पास आ गया
गौरव अब अपनी कुर्सी पर बैठा हुआ था और अनुराग के अगले कदम की प्रतीक्षा कर रहा था
अनुराग बोला : अब हम फाइनल टेस्ट करेंगे -इसके बाद ही यह कह सकेंगे कि यह चिकनी लौंडिया बच्चे पैदा कर सकती है या नहीं
अनुराग (रमेश की तरफ देखकर) : चलो मैडम को उठाकर स्टूल पर बिठाओ
रमेश की मौज़ लग चुकी थी. उसने शिवानी के बदन को अपने दोनों हाथों से पकड़कर उसे फर्श पर से उठाकर खड़ा कर लिया और फिर उसे स्टील के गोल रिवॉल्विंग स्टूल पर बिठा दिया
अनुराग : अब मैडम के पीछे खड़े होकर इनके दोनों मम्मों को अपने हाथ में इस तरह से उठाओ ताकि यह नीचे की तरफ न लटकें
रमेश ने शिवानी के उरोजों पर हाथ फिराते हुए उन्हें नीचे से अपने हाथों में इस तरह पकड़कर थाम लिया मानो वह उन्हें नीचे गिरने या लटकने से रोक रहा हो
अनुराग रमेश की तरफ देखकर बोला : एकदम परफेक्ट . ऐसे ही पकडे खड़े रहो.
यह कहकर अनुराग अपनी कुर्सी से उठा और शिवानी के नज़दीक आकर अपने लण्ड को अपनी जींस से निकालकर उसे शिवानी के चेहरे पर फिराने लगा
शिवानी के दोनों गालों पर चपत लगाते हुए अनुराग कड़क आवाज़ में बोला : ऑंखें खोल साली और मेरी तरफ देख
अनुराग अब रमेश की तरफ देखकर भी मुस्कराने लगा : क्यों भाई मज़ा आ रहा है ना ? अपने लण्ड को मैडम की पीठ पर रगड़ रगड़ कर मज़ा लेता रह -खूबसूरत लडकियां मज़े लेने के लिए ही होती हैं -अनुराग की बात सुनकर रमेश की हिम्मत भी अब बढ़ गयी और वह भी अपने लण्ड को शिवानी की पीठ पर रगड़ रगड़कर मज़े लेने लगा.
शिवानी के खूबसूरत चेहरे पर काफी देर तक अपने लण्ड को घुमाने के बाद अनुराग ने एक बार फिर से उसके दोनों गालों पर चपत लगाई और बोला : चल अब अपना मुंह खोल और इसे अपने मुंह में लेकर चूस
शिवानी ने फटाफट अनुराग के लण्ड को अपने मुंह में ले लिया और उसे अपने होंठों के बीच दबाकर उस पर अपनी जीभ को गोल गोल घुमाकर उसकी मालिश करने लगी
रमेश अपने दोनों हाथों से उसके नरम मुलायम मक्खन जैसे मम्मों को थामे खड़ा हुआ था और उसका लण्ड उसकी पैंट में से उसकी चिकनी पीठ पर जबरदस्त रगड़ा खा रहा था-उसे लग रहा था कि उसकी पिचकारी कहीं ऐसे ही न छूट जाए
जब तक शिवानी ने अनुराग के लण्ड को चूसा और उसे अपनी जीभ से साफ़ किया तब तक रमेश की पैंट में उसके बेकाबू हो रहे लण्ड ने पिचकारी छोड़ दी थी -वह अभी भी उसके दोनों मम्मों को थामे हुए था
अनुराग अपनी पैंट की ज़िप बंद कर चुका था और अपनी सीट पर बैठते हुए रमेश से बोला : ठीक है रमेश, अब इसके मम्मे छोड़ दो
रमेश जैसे ही शिवानी को छोड़कर स्टूल से हटकर अनुराग के सामने आया तो अनुराग को पता चला कि रमेश की क्या हालत हुई है
अनुराग मुस्कुराकर रमेश से बोला : तेरी कोई गलती नहीं है- यह लौंडिया है ही इतनी खूबसूरत कि अच्छे अच्छों की पैंट गीली हो जाती है -चल कोई बात नहीं, अपने लण्ड को इस चिकनी से साफ़ करवा ले
शिवानी एकदम चिल्लाकर बोली : नहीं.......अब और नहीं. कितना ज़लील करोगे मुझे मेडिकल चेक अप के नाम पर ?
अनुराग : अभी तो कुछ हुआ ही नहीं है मैडम, आप ऐसे ही भड़क रही हो
अनुराग रमेश से फिर बोला : चल रमेश ....अपना लण्ड इसके मुंह में डालकर इससे साफ़ करवा
रमेश को तो बस अनुराग का इशारा ही काफी था. उसने अपनी पैंट में से अपना भीगा हुआ लण्ड निकाला और शिवानी के दोनों गालों पर उसे फिराने लगा -काफी देर तक उसके चेहरे पर अपने लण्ड को घुमाने के बाद उसने अपने लम्बे और काले लण्ड को उसके होंठो पर रखा और बोला : इसे अंदर लेकर अपनी जीभ से साफ़ करो
रमेश ने अपनी जींस और अंडरवियर भी नीचे खिसका दिया था और वह बड़ी आक्रामकता के साथ शिवानी के मुख मैथुन का आनंद ले रहा था -शिवानी को उसके अंडकोष और उसके बालों में से अजीब तरह की दुर्गन्ध आ रही थी और वह बार बार उसके लण्ड को अपने मुंह में से निकालने की कोशिश कर रही थी लेकिन रमेश लगातार उसके गालों पर चपत मार मार कर बोल रहा था : अंदर कर रंडी और इसे ठीक से चूस
गौरव और अनुराग दोनों ही शिवानी के इस मुख मैथुन का आनंद भी ले रहे थे और उसकी अपने अपने मोबाइल में वीडियो भी बना रहे थे
जब रमेश ने भी शिवानी से अपना लण्ड चुसवाकर उसे साफ़ करवा लिया तो अनुराग उससे बोला : अब इस लौंडिया को पकड़कर मेरे पास लाओ -इसका फाइनल टेस्ट अब किया जाएगा
रमेश शिवानी के पीछे उसकी पीठ और नितम्बों से चिपककर खड़ा हुआ और इसे धकेलते हुए अनुराग के सामने ले आया -उसने शिवानी के मम्मे पहले की तरह ही अपने दोनों हाथों में थामे हुए थे.
अनुराग ने शिवानी की तरफ देखा और बोला : चलो अब फिर से अपनी टाँगे खोलो
शिवानी ने अपनी टाँगे खोल दीं
अनुराग ने उसके योनि प्रदेश को सहलाते हुए अपनी एक उंगली उसकी योनि के अंदर डाल दी और उसे आगे पीछे करने लगा
रमेश अब बोल्ड हो चुका था और वह अपने चेहरे को शिवानी की गर्दन पर रगड़ते हुए वहां लगातार चुम्बन जड़ रहा था
कुछ देर तक शिवानी को इस तरह से रौंदने के बाद अनुराग ने रमेश को कमरे के बाहर भेज दिया और शिवानी से भी कहा : अब तुम अपने कपडे पहन लो. तुम्हारी जांच पूरी हो चुकी है.
शिवानी हैरानी से अनुराग की तरफ देख रही थी कि वह अब क्या कहने वाला है
शिवानी और गौरव दोनों डॉक्टर अनुराग की तरफ देख रहे थे कि अपनी जांच पूरी होने के बाद अब वह क्या कहने वाला है
डॉक्टर अनुराग ने बोलना शुरू किया : मैंने अलग अलग तरीके से मैडम के साथ सेक्स के अलग अलग प्रयोग करने के बाद यह पाया है कि इन्हे सही समय पर सही तरीके से उत्तेजना नहीं होती है और उसकी वजह से अगर कोई ठीक ठाक पुरुष भी इनके साथ सेक्स करे तो इनको बच्चा होने की सम्भावना बहुत कम है
अनुराग की बात सुनकर जहां एक तरफ शिवानी बहुत ज्यादा हैरान और परेशान नज़र आ रही थी, वहीं गौरव बहुत खुश नज़र आ रहा था क्योंकि यह सब कुछ उसी की रची हुई साज़िश के तहत हो रहा था
गौरव ने बड़े नाटकीय अंदाज़ में अनुराग से पूछा : लेकिन डॉक्टर साहब, इस का कोई इलाज़ तो जरूर होगा. जरा सोचिये कि अगर मैं घर जाकर यह बता दूँ कि शिवानी अब कभी माँ नहीं बन सकती तो सबसे पहले तो इसका तलाक हो जाएगा. तलाकशुदा औरत से आजकल कौन शादी करता है. दूसरे इसकी एक छोटी बहन भी है-उसकी शादी में भी काफी अड़चन आ सकती है-आप कुछ न कुछ इलाज़ करिये ताकि शिवानी किसी तरह से माँ बन जाए
अब तक शिवानी उन लोगों की बातें सुन सुनकर काफी घबरा चुकी थी और उसे लग रहा था कि उसे चक्कर जैसा आ रहा था. वह अनुराग से बोली : मुझे वाशरूम जाना है
अनुराग ने कमरे में ही लगे वाशरूम की तरफ इशारा किया और शिवानी अंदर वाशरूम में चली गयी.
अब गौरव और अनुराग दोनों कमरे में अकेले रह गए
गौरव : अनुराग उस रिपोर्ट का क्या हुआ ?
अनुराग : अरे भाई, हम लोग तुम्हारी भाभी को जबरदस्ती ही पेले जा रहे हैं- तुम्हारे भैया की रिपोर्ट ही ठीक नहीं है-उनके वीर्य में बच्चे पैदा करने के शुक्राणु ही मौजूद नहीं हैं. और इसका कोई इलाज़ भी नहीं है- वह किसी भी लड़की से शादी कर लें लेकिन उन्हें बच्चा नहीं हो सकता है
गौरव ( कुछ सोचते हुए) : फिर तो और बढ़िया खबर है हमारे लिए- हमारी साज़िश अभी तक एकदम परफेक्ट तरीके से चल रही है-शिवानी को यह यकीन हो गया है कि उसके अंदर ही कुछ कमी है-हम इसे यही कहते रहेंगे कि इसमें कमी है और इलाज के बहाने इसे पेलते रहेंगे.हमारे पेलने से इसे बच्चा तो हो ही जाएगा -इसलिए हमें यह बात घर पर बताने की जरूरत नहीं है कि भैया की रिपोर्ट में क्या आया है-भैया अपना नार्मल सेक्स करते रहेंगे और जब बच्चा होगा तो यही समझेंगे कि यह उन्ही का बच्चा है.
भैया की रिपोर्ट को मैं अपने पास दबाकर रख लेता हूँ और किसी को नहीं बताऊंगा. शिवानी को हम ऐसे ही डरा धमकाकर उससे मज़े लेते रहेंगे -मैं घर जाकर यह कह दूंगा कि शिवानी में कुछ छोटी मोटी बीमारी थी जिसका डॉक्टर साहब ने इलाज़ कर दिया है और अब अगले एक साल के अंदर शर्तिया बच्चा हो जाएगा
अनुराग ( हँसते हुए) : तुम तो पूरी स्कीम बनाकर आये हो- लेकिन इस सब स्कीम को सीक्रेट रखने के लिए मुझे क्या मिलेगा ?
गौरव : अरे शिवानी का खूबसूरत बदन हम सब मिलकर इस्तेमाल करेंगे. मैं बीच बीच में रेगुलर चेक अप के बहाने इसे यहां लेकर आता रहूंगा और बस फिर क्या है तुम्हारी तो मौज ही मौज है
अनुराग : ठीक है भाई -जैसा तुम कहो. मैंने तुम्हारे सभी दोस्तों को भी यहां बुलाया हुआ है-अमित,रोहित,मोहित और पुनीत सभी बाहर अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं
गौरव : ठीक है न- उन्हें भी मौज करा देंगे-शिवानी अब काफी घबरा चुकी है और इलाज़ के लिए फ़ौरन तैयार हो जाएगी- अभी इलाज़ के बहाने हम सब मिलकर उसके बदन से जी भरकर खेलेंगे और अपनी सभी दबी हुई इच्छाओं को भी पूरा करेंगे
अनुराग : चलो, ठीक है-ऐसा ही करते हैं
इतनी देर में शिवानी वाशरूम से फ्रेश होकर बाहर कमरे में आ गयी थी
गौरव : शिवानी, बताओ तुम्हारा क्या ख्याल है -मेरा तो कहना यही है कि तुम्हे इलाज़ करवा लेना चाहिए ताकि किसी भी तरीके से बच्चा हो जाए और तुम्हारी शादी भी बची रहे और तुम्हारी बहन की शादी में भी कोई अड़चन ना आने पाए
शिवानी अब तक पूरी तरह टूट चुकी थी. गौरव से बोली : जैसा आपको ठीक लगे-मैं वह करने के लिए तैयार हूँ.
गौरव : ठीक है डॉक्टर साहब, अब आप बताये कि इलाज़ में कितना समय लगेगा. आज ही हो जाएगा या हमें फिर किसी दिन आना पड़ेगा
अनुराग : आज ही शुरू कर देते हैं-एक घंटा लगेगा- इस इलाज़ से अगले 2-3 महीने में यह गर्भवती हो जाएंगी -इसके बाद बीच बीच में जब मैं कहूँ तब इन्हे रेगुलर मेडिकल चेक अप के लिए आपको यहाँ लेकर आना होगा
गौरव : ठीक है डॉक्टर साहब, आप अपना इलाज़ शुरू कीजिये
अनुराग : इस इलाज़ के लिए मुझे कुल पांच लोगों की जरूरत पड़ेगी-आम तौर पर तो हम अपने क्लिनिक के स्टाफ के लड़कों से ही काम चला लेते हैं
गौरव : नहीं...यह मत करो. पुनीत ने मुझे सुबह बताया था की उससे मिलने आज रोहित,मोहित और अमित आये हुये हैं-वे सब एक साथ मिलकर किसी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं- उन चारों को ही बुला लेते हैं-क्लिनिक के कर्मचारियों से बेहतर तो यही चार दोस्त हैं.
अनुराग : हाँ यह तो है- दोस्तों के बीच बात "सीक्रेट" भी रहेगी -ठीक है मैं उन सब को बुला लेता हूँ
शिवानी एकदम हैरान और परेशान होकर कभी गौरव की तरफ और कभी अनुराग की तरफ देख रही थी-उसे लग रहा था कि क्या अब उसका चीरहरण गौरव के अलावा उसके चारों अनजान दोस्तों के सामने किया जायेगा
शिवानी कहने लगी : यह मुझसे नहीं होगा -इतने सारे लोग मेरे साथ क्या करने वाले हैं ?
गौरव : चुप रह साली ... तुझसे जो कहा जाए चुपचाप करती जा -आज तेरी सारी हेकड़ी निकाल दूंगा
इतनी देर में अनुराग ने चारों दोस्तों को भी कमरे में बुला लिया था और वे सब अपने अपने तने हुए लण्ड पर हाथ फिराते हुए आगे आने वाले घटनाक्रम का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे.
अनुराग : आप सब लोगों को शिवानी के इलाज़ में सहयोग करना है -इन्हे बच्चा नहीं हो रहा है -इनके बच्चा तभी हो सकता है जब इन्हे सामूहिक रूप से मनमाने तरीके से 5-6 लोग एक साथ पेलें और साथ ही इनके साथ ऐसी सेक्स क्रियाएं करें जिनके बारे में इन्होने पहले कभी सोचा भी न हो -ज़ाहिर है कि अकेले इनके पति इनके साथ वह सब कभी नहीं कर पाएंगे जो हम 6 लोग मिलकर करने वाले हैं-इसलिए अगले एक घण्टे तक आप सभी को मेरे निर्देशों के हिसाब से काम करना है
शिवानी : मैं आप लोगों के हाथ जोड़ती हूँ-मुझे इतना ज़लील मत करो प्लीज़
अनुराग : आप अपने आप को जितना ज्यादा ज़लील होता महसूस करेंगी उतना ही आपके लिए बेहतर है- इलाज़ का मतलब ही यह है कि आप अपने आपको ज्यादा से ज्यादा ज़लील होता महसूस कर सकें.-पति के साथ सेक्स में आपको उस ज़लालत का अहसास नहीं हो पाता है-इसलिए आप अभी तक माँ नहीं बन सकी हैं- अब हम आपका पक्का इलाज़ करने के लिए ही यहां इकट्ठे हुए हैं-आप हमारा सहयोग करें-उसमे ही आपकी भलाई है
अनुराग ( सबकी तरफ देखकर बोलता हुआ) : देखिये शिवानी ने इस समय अपने बदन पर 5 कपडे पहने हुए हैं -साड़ी, पेटीकोट,ब्लाउज़, ब्रा और पैंटी -मैंने यह कागज़ की 5 चिटें बना रखी हैं -हर एक चिट पर किसी एक कपडे का नाम लिखा हुआ है -आप पाँचों रैंडम एक एक चिट बिना देखे उठा लो और उसके बाद मैं आपको आगे का गेम समझाऊंगा
यह कहकर अनुराग से कागज़ की पांच चिटें अपने हथेली पर रखकर सबसे उनमे से एक एक चिट उठाने के लिए कहा
सब लोगों ने एक एक चिट उठा ली और अनुराग के अगले निर्देश की प्रतीक्षा करने लगे
अनुराग : अब सब लोग अपनी अपनी चिटें खोलकर मुझे बताओ कि किसके पास कौन सी चिट है
गौरव : मेरे पास जो चिट है, उसमे ब्रा लिखा है
अमित : मेरे पास जो चिट है, उसमे साड़ी लिखा है
मोहित : मेरे पास जो चिट है, उसमे पेटीकोट लिखा हुआ है
रोहित : मेरे पास जो चिट है, उसमे ब्लाउज़ लिखा हुआ है
पुनीत :मेरे पास जो चिट आयी है, उसमे पैंटी लिखा है
अनुराग : वैरी गुड़ .अब मैं एक एक करके बारी बारी से जिसका भी नाम लूँगा वह अपनी चिट में लिखे हुए कपडे को शिवानी के बदन से अलग करेगा-इसके लिए उसे पूरे पांच मिनट का समय दिया जाएगा -इस पांच मिनट में शिवानी को ज्यादा से ज्यादा ज़लील करते हुए उसके खूबसूरत बदन से खेलते हुए आपको चिट में लिखा हुआ कपडा उतारना है
शिवानी अभी भी गिड़गिड़ा रही थी : मुझे नंगा मत करो प्लीज़...
गौरव ने एक झटके में ही शिवानी की साड़ी के पल्लू को पकड़कर खींचा और उसकी साड़ी को उसके बदन से अलग कर दिया
इसके बाद गौरव शिवानी के पीछे जाकर उसके नितम्बों और पीठ से सटकर खड़ा हो गया और अपने दोनों हाथों से ब्लॉउज में बंद उसके मम्मों को दबाने लगा. गौरव की जींस के अंदर खड़ा लण्ड शिवानी के सुडौल नितम्बों में धंसा जा रहा था
सामने बैठा अनुराग अपनी आँखों पर यकीन ही नहीं कर पा रहा था. ब्लॉउज और पेटीकोट में शिवानी का बदन बेहद सेक्सी लग रहा था और उसकी फिगर एकदम मस्त और लाजबाब लग रही थी. अब तक गौरव ने उसकी ब्लाउज़ और ब्रा को उतार फेंका था और उसके हाथ उसके पेटीकोट के नाड़े तक पहुँच गए थे. कुछ ही देर में शिवानी का पेटीकोट और उसकी पैंटी भी उसके बदन से अलग हो चुकी थी और वह एकदम निर्वस्त्र अवस्था में गौरव की गिरफ्त में कसमसा रही थी.
शिवानी को पूरी तरह से नंगा करने के बाद जब गौरव वापस अपनी कुर्सी की तरफ आने लगा तो अनुराग ने उसे रोक दिया : आप वहीं पर रहिये,आपका असली काम तो अब शुरू होगा. दरअसल अब हम मेडिकल प्रोसीजर के हिसाब से यह जांचने की कोशिश करेंगे कि अलग अलग हालातों में इनके बदन पर क्या प्रतिक्रिया होती है और यह पुरुष द्वारा की गयी किसी भी क्रिया से उत्तेजना महसूस करती भी हैं या नहीं. कभी कभी ऐसा भी होता है कि लडकियां लेस्बियन ( समलैंगिक) होती हैं और उन पर पुरुष द्वारा किये गए सेक्स का कोई असर ही नहीं होता है और ऐसी हालत में वे बच्चे पैदा कर सकेंगी, यह सोचना भी मूर्खता ही होगी.
गौरव दुबारा से शिवानी के पास चला गया और अनुराग की तरफ देखने लगा
अनुराग ( गौरव से) : आप पहले की तरह इनके बदन के पीछे जाकर इनसे सटकर खड़े हो जाओ और अपने दोनों हाथों से इनके मम्मों को सहलाना शुरू करो.
गौरव तो यही चाहता था. शिवानी अपने दोनों हाथों से अपने मम्मे और अपने योनि प्रदेश को छिपाने का प्रयास कर रही थी लेकिन गौरव ने उसके नितम्बों पर जोर की चपत लगाते हुए कहा : हाथ ऊपर उठाकर खड़ी रहो और मेडिकल चेक अप में डॉक्टर साहब का सहयोग करो.
शर्म और ज़लालत से शिवानी का चेहरा एकदम लाल हो रहा था -अनजान डॉक्टर अनुराग के सामने वह एकदम निर्वस्त्र अवस्था में खड़ी हुई थी और उसका देवर गौरव उसके बदन से चिपककर उसके सीने की गोलाइओं को मसल रहा था
अनुराग भी मस्ती में था. अपने लण्ड पर हाथ फिराते हुए वह शिवानी की तरफ देखते हुए बोला : लौंडिया तो चिकनी है और एकदम मस्त माल है- इसके बच्चा क्यों नहीं हो रहा है, यह अपने आप में एक जांच का विषय है. तुम लोगों ने ठीक ही किया है जो इसे सही समय पर मेरे पास ले आये अब मैं इसकी ठीक से जांच करवाकर ही वापस भेजूंगा.
कुछ देर तक अनुराग जब शिवानी के मम्मों को मसल चुका तो अनुराग उससे बोला : अब ऐसा करो कि इसके बदन पर अलग अलग हिस्सों में कम से कम 25 बार किस करो
गौरव ने तड़ातड़ शिवानी के बदन पर एक के बाद एक चुम्बनों की बौछार सी लगा दी. उसके चेहरे, होंठों, उरोजों, चिकने पेट, नाभि प्रदेश और केले जैसी चिकनी जांघों को गौरव ने जी भरकर अपने चुम्बनों की बौछार से भिगो दिया.
अनुराग की अपनी हालत भी काफी ख़राब हो रही थी और उसका लण्ड भी बेकाबू होता जा रहा था लेकिन उसे अपनी जांच अभी जारी रखनी थी.
अनुराग ने अब गौरव से कहा : इस चिकनी लौंडिया को मेरे नज़दीक लेकर आओ
गौरव शिवानी के बदन से चिपके चिपके ही उसे धकेलते हुए अनुराग के एकदम नज़दीक लेकर आ गया -उसके हाथ अभी भी उसके मस्त मम्मों पर फिसल फिसल कर उसकी गोलाइओं को नाप रहे थे.
अनुराग ( शिवानी से ) : चल अपनी टाँगे खोल
शिवानी ने शर्म से अपनी ऑंखें अब बंद कर लीं थीं-उसके अपनी टाँगे खोल दीं
अनुराग ने अपने हाथ को उसके चिकने योनि प्रदेश पर सहलाना शुरू कर दिया और हँसते हुए कहने लगा : साली रंडी एकदम सेक्स बम है -भैया की ही गलती है जो इसे अभी तक माँ नहीं बना पाए-इतनी मस्त लौंडिया को तो कोई नामर्द भी छू ले तो इसे गर्भवती हो जाना चाहिए.
शिवानी ने जैसे ही अपनी टाँगे खोलीं, वैसे ही गौरव ने मौका देखकर अपनी जींस के अंदर से अपना खड़ा लण्ड बाहर निकाला और उसके दोनों नितम्बों में बीच घुसेड़ दिया
अनुराग गौरव से बोला : इसकी गांड मारते मारते अपनी एक उंगली इसके मुंह में डाल दो और उसे चुसवाओ
गौरव इस समय पूरी उत्तेजना में था. वह अपने हाथ को शिवानी के मुंह तक ले गया और अपनी उंगली को उसके होंठों के बीच में डालते हुए कडककर बोला : चूस इसे
अब अनुराग शिवानी से बोला : इस उंगली को चूसते समय यह समझकर चूस कि तू यह उंगली नहीं, मेरा लण्ड चूस रही है
शिवानी इस समय एक कैदी की तरह एकदम बेबस और लाचार खड़ी हुई थी. उसके दोनों हाथ ऊपर थे. उसके मुंह में गौरव की उंगली और पिछवाड़े में उसका लण्ड घुसा हुआ था. उसके आगे के पूरे नंगे बदन पर डॉक्टर अनुराग तबियत से दबा सहला कर अपना मन बहला रहा था
गौरव ने शिवानी के मुंह से अपनी उंगली निकाल ली थी. वह बेहत उत्तेजना में था और अपने क्लाइमेक्स पर पहुँच गया था. अपने लण्ड को उसने बाहर निकाला और कड़क आवाज़ में शिवानी से बोला : नीचे बैठ और मेरा लण्ड अपने मुंह में लेकर साफ़ कर
शिवानी फर्श पर घुटनों के बल बैठ गयी और अपने देवर के लण्ड को मुंह में लेकर उसे अपनी जीभ से साफ़ करने लगी
अनुराग अपने हाथों को शिवानी की नंगी चिकनी पीठ पर फिराता हुआ बोला : साली लण्ड चूसने में तो एकदम एक्सपर्ट लगती है
अचानक इण्टरकॉम की घंटी बजने लगी. अनुराग से फोन उठाया और कुछ सुनने के बाद बोला : ठीक है, रिपोर्ट लेकर अंदर आ जाओ.
शिवानी एकदम घबराई शरमाई कभी अनुराग की तरफ और कभी गौरव की तरफ देख रही थी-कोई और अनजान आदमी इस कमरे में कोई रिपोर्ट लेकर आने वाला था और वह इस तरह ने निर्वस्त्र हालत में अपने देवर का लण्ड साफ़ कर रही है
इससे पहले कि शिवानी कुछ और सोच या बोल पाती, कमरे का दरवाज़ा खुला और एक काला सा लड़का ( जो कि क्लिनिक में लैब असिस्टेंट था ) अंदर घुस आया और शिवानी की तरफ देखते हुए एक लिफाफे को अनुराग के हाथ में देकर वापस जाने लगा. लड़का लगभग 18-19 साल का था और देखने में एकदम औसत दर्ज़े का था.
अनुराग ने वापस जाते हुए लड़के को रोका : रमेश अभी रुको. मुझे रिपोर्ट पढ़ने दो.
लड़का वहीं रुक गया.
शिवानी अभी भी ऑंखें बंद किये हुए फर्श पर घुटनों के बल बैठी हुयी थी और गौरव के लण्ड को अपने मुंह में लेकर उसे साफ़ करने के बाद उस पर अपनी जीभ फिराए जा रही थी. गौरव मुख मैथुन की पूरी मौज़ ले रहा था
गौरव और शिवानी को इस तरह के एक्शन में देखकर लैब असिस्टेंट रमेश का लण्ड भी उसकी पैंट के अंदर काफी कड़क हो गया था जिसे उसे अपने हाथ से संभालना पड़ रहा था. अनुराग के चेहरे का रंग रिपोर्ट पढ़ने के बाद एकदम बदल गया था -रिपोर्ट में साफ़ लिखा था कि विवेक के वीर्य में जो शुक्राणु हैं, उनसे बच्चे पैदा नहीं किये जा सकते हैं. हालांकि विवेक नार्मल सेक्स कर सकता है लेकिन उसका वीर्य इस काबिल नहीं है जिससे बच्चे पैदा हो सकें.
अनुराग ने मन ही मन सोचा कि गलती लड़के में हैं क्योंकि उसका वीर्य इस काबिल नहीं है जो बच्चा पैदा कर सके और हम यहां अपने मज़े के लिए लड़की को पेले जा रहे हैं.
अब तक शिवानी गौरव का लण्ड चूस कर उसे एक बार फिर से साफ़ कर चुकी थी और गौरव पूरी तरह से संतुष्ट होकर अपने लण्ड को अंदर करके अपनी जींस पहन चुका था.
शिवानी अभी भी फर्श पर शर्म और ज़लालत में डूबी अपनी ऑंखें बंद किये हुए बैठी थी
अनुराग के साथ साथ लैब असिस्टेंट रमेश का लण्ड भी शिवानी को इस हालत में बैठा देखकर बेकाबू हुए जा रहा था
अनुराग ने रमेश की तरफ देखा : जाओ दरवाज़ा अंदर से बंद करके वापस आओ
रमेश : जी सर
कमरे के दरवाज़े को अंदर से बंद करके रमेश दुबारा से अनुराग के पास आ गया
गौरव अब अपनी कुर्सी पर बैठा हुआ था और अनुराग के अगले कदम की प्रतीक्षा कर रहा था
अनुराग बोला : अब हम फाइनल टेस्ट करेंगे -इसके बाद ही यह कह सकेंगे कि यह चिकनी लौंडिया बच्चे पैदा कर सकती है या नहीं
अनुराग (रमेश की तरफ देखकर) : चलो मैडम को उठाकर स्टूल पर बिठाओ
रमेश की मौज़ लग चुकी थी. उसने शिवानी के बदन को अपने दोनों हाथों से पकड़कर उसे फर्श पर से उठाकर खड़ा कर लिया और फिर उसे स्टील के गोल रिवॉल्विंग स्टूल पर बिठा दिया
अनुराग : अब मैडम के पीछे खड़े होकर इनके दोनों मम्मों को अपने हाथ में इस तरह से उठाओ ताकि यह नीचे की तरफ न लटकें
रमेश ने शिवानी के उरोजों पर हाथ फिराते हुए उन्हें नीचे से अपने हाथों में इस तरह पकड़कर थाम लिया मानो वह उन्हें नीचे गिरने या लटकने से रोक रहा हो
अनुराग रमेश की तरफ देखकर बोला : एकदम परफेक्ट . ऐसे ही पकडे खड़े रहो.
यह कहकर अनुराग अपनी कुर्सी से उठा और शिवानी के नज़दीक आकर अपने लण्ड को अपनी जींस से निकालकर उसे शिवानी के चेहरे पर फिराने लगा
शिवानी के दोनों गालों पर चपत लगाते हुए अनुराग कड़क आवाज़ में बोला : ऑंखें खोल साली और मेरी तरफ देख
अनुराग अब रमेश की तरफ देखकर भी मुस्कराने लगा : क्यों भाई मज़ा आ रहा है ना ? अपने लण्ड को मैडम की पीठ पर रगड़ रगड़ कर मज़ा लेता रह -खूबसूरत लडकियां मज़े लेने के लिए ही होती हैं -अनुराग की बात सुनकर रमेश की हिम्मत भी अब बढ़ गयी और वह भी अपने लण्ड को शिवानी की पीठ पर रगड़ रगड़कर मज़े लेने लगा.
शिवानी के खूबसूरत चेहरे पर काफी देर तक अपने लण्ड को घुमाने के बाद अनुराग ने एक बार फिर से उसके दोनों गालों पर चपत लगाई और बोला : चल अब अपना मुंह खोल और इसे अपने मुंह में लेकर चूस
शिवानी ने फटाफट अनुराग के लण्ड को अपने मुंह में ले लिया और उसे अपने होंठों के बीच दबाकर उस पर अपनी जीभ को गोल गोल घुमाकर उसकी मालिश करने लगी
रमेश अपने दोनों हाथों से उसके नरम मुलायम मक्खन जैसे मम्मों को थामे खड़ा हुआ था और उसका लण्ड उसकी पैंट में से उसकी चिकनी पीठ पर जबरदस्त रगड़ा खा रहा था-उसे लग रहा था कि उसकी पिचकारी कहीं ऐसे ही न छूट जाए
जब तक शिवानी ने अनुराग के लण्ड को चूसा और उसे अपनी जीभ से साफ़ किया तब तक रमेश की पैंट में उसके बेकाबू हो रहे लण्ड ने पिचकारी छोड़ दी थी -वह अभी भी उसके दोनों मम्मों को थामे हुए था
अनुराग अपनी पैंट की ज़िप बंद कर चुका था और अपनी सीट पर बैठते हुए रमेश से बोला : ठीक है रमेश, अब इसके मम्मे छोड़ दो
रमेश जैसे ही शिवानी को छोड़कर स्टूल से हटकर अनुराग के सामने आया तो अनुराग को पता चला कि रमेश की क्या हालत हुई है
अनुराग मुस्कुराकर रमेश से बोला : तेरी कोई गलती नहीं है- यह लौंडिया है ही इतनी खूबसूरत कि अच्छे अच्छों की पैंट गीली हो जाती है -चल कोई बात नहीं, अपने लण्ड को इस चिकनी से साफ़ करवा ले
शिवानी एकदम चिल्लाकर बोली : नहीं.......अब और नहीं. कितना ज़लील करोगे मुझे मेडिकल चेक अप के नाम पर ?
अनुराग : अभी तो कुछ हुआ ही नहीं है मैडम, आप ऐसे ही भड़क रही हो
अनुराग रमेश से फिर बोला : चल रमेश ....अपना लण्ड इसके मुंह में डालकर इससे साफ़ करवा
रमेश को तो बस अनुराग का इशारा ही काफी था. उसने अपनी पैंट में से अपना भीगा हुआ लण्ड निकाला और शिवानी के दोनों गालों पर उसे फिराने लगा -काफी देर तक उसके चेहरे पर अपने लण्ड को घुमाने के बाद उसने अपने लम्बे और काले लण्ड को उसके होंठो पर रखा और बोला : इसे अंदर लेकर अपनी जीभ से साफ़ करो
रमेश ने अपनी जींस और अंडरवियर भी नीचे खिसका दिया था और वह बड़ी आक्रामकता के साथ शिवानी के मुख मैथुन का आनंद ले रहा था -शिवानी को उसके अंडकोष और उसके बालों में से अजीब तरह की दुर्गन्ध आ रही थी और वह बार बार उसके लण्ड को अपने मुंह में से निकालने की कोशिश कर रही थी लेकिन रमेश लगातार उसके गालों पर चपत मार मार कर बोल रहा था : अंदर कर रंडी और इसे ठीक से चूस
गौरव और अनुराग दोनों ही शिवानी के इस मुख मैथुन का आनंद भी ले रहे थे और उसकी अपने अपने मोबाइल में वीडियो भी बना रहे थे
जब रमेश ने भी शिवानी से अपना लण्ड चुसवाकर उसे साफ़ करवा लिया तो अनुराग उससे बोला : अब इस लौंडिया को पकड़कर मेरे पास लाओ -इसका फाइनल टेस्ट अब किया जाएगा
रमेश शिवानी के पीछे उसकी पीठ और नितम्बों से चिपककर खड़ा हुआ और इसे धकेलते हुए अनुराग के सामने ले आया -उसने शिवानी के मम्मे पहले की तरह ही अपने दोनों हाथों में थामे हुए थे.
अनुराग ने शिवानी की तरफ देखा और बोला : चलो अब फिर से अपनी टाँगे खोलो
शिवानी ने अपनी टाँगे खोल दीं
अनुराग ने उसके योनि प्रदेश को सहलाते हुए अपनी एक उंगली उसकी योनि के अंदर डाल दी और उसे आगे पीछे करने लगा
रमेश अब बोल्ड हो चुका था और वह अपने चेहरे को शिवानी की गर्दन पर रगड़ते हुए वहां लगातार चुम्बन जड़ रहा था
कुछ देर तक शिवानी को इस तरह से रौंदने के बाद अनुराग ने रमेश को कमरे के बाहर भेज दिया और शिवानी से भी कहा : अब तुम अपने कपडे पहन लो. तुम्हारी जांच पूरी हो चुकी है.
शिवानी हैरानी से अनुराग की तरफ देख रही थी कि वह अब क्या कहने वाला है
शिवानी और गौरव दोनों डॉक्टर अनुराग की तरफ देख रहे थे कि अपनी जांच पूरी होने के बाद अब वह क्या कहने वाला है
डॉक्टर अनुराग ने बोलना शुरू किया : मैंने अलग अलग तरीके से मैडम के साथ सेक्स के अलग अलग प्रयोग करने के बाद यह पाया है कि इन्हे सही समय पर सही तरीके से उत्तेजना नहीं होती है और उसकी वजह से अगर कोई ठीक ठाक पुरुष भी इनके साथ सेक्स करे तो इनको बच्चा होने की सम्भावना बहुत कम है
अनुराग की बात सुनकर जहां एक तरफ शिवानी बहुत ज्यादा हैरान और परेशान नज़र आ रही थी, वहीं गौरव बहुत खुश नज़र आ रहा था क्योंकि यह सब कुछ उसी की रची हुई साज़िश के तहत हो रहा था
गौरव ने बड़े नाटकीय अंदाज़ में अनुराग से पूछा : लेकिन डॉक्टर साहब, इस का कोई इलाज़ तो जरूर होगा. जरा सोचिये कि अगर मैं घर जाकर यह बता दूँ कि शिवानी अब कभी माँ नहीं बन सकती तो सबसे पहले तो इसका तलाक हो जाएगा. तलाकशुदा औरत से आजकल कौन शादी करता है. दूसरे इसकी एक छोटी बहन भी है-उसकी शादी में भी काफी अड़चन आ सकती है-आप कुछ न कुछ इलाज़ करिये ताकि शिवानी किसी तरह से माँ बन जाए
अब तक शिवानी उन लोगों की बातें सुन सुनकर काफी घबरा चुकी थी और उसे लग रहा था कि उसे चक्कर जैसा आ रहा था. वह अनुराग से बोली : मुझे वाशरूम जाना है
अनुराग ने कमरे में ही लगे वाशरूम की तरफ इशारा किया और शिवानी अंदर वाशरूम में चली गयी.
अब गौरव और अनुराग दोनों कमरे में अकेले रह गए
गौरव : अनुराग उस रिपोर्ट का क्या हुआ ?
अनुराग : अरे भाई, हम लोग तुम्हारी भाभी को जबरदस्ती ही पेले जा रहे हैं- तुम्हारे भैया की रिपोर्ट ही ठीक नहीं है-उनके वीर्य में बच्चे पैदा करने के शुक्राणु ही मौजूद नहीं हैं. और इसका कोई इलाज़ भी नहीं है- वह किसी भी लड़की से शादी कर लें लेकिन उन्हें बच्चा नहीं हो सकता है
गौरव ( कुछ सोचते हुए) : फिर तो और बढ़िया खबर है हमारे लिए- हमारी साज़िश अभी तक एकदम परफेक्ट तरीके से चल रही है-शिवानी को यह यकीन हो गया है कि उसके अंदर ही कुछ कमी है-हम इसे यही कहते रहेंगे कि इसमें कमी है और इलाज के बहाने इसे पेलते रहेंगे.हमारे पेलने से इसे बच्चा तो हो ही जाएगा -इसलिए हमें यह बात घर पर बताने की जरूरत नहीं है कि भैया की रिपोर्ट में क्या आया है-भैया अपना नार्मल सेक्स करते रहेंगे और जब बच्चा होगा तो यही समझेंगे कि यह उन्ही का बच्चा है.
भैया की रिपोर्ट को मैं अपने पास दबाकर रख लेता हूँ और किसी को नहीं बताऊंगा. शिवानी को हम ऐसे ही डरा धमकाकर उससे मज़े लेते रहेंगे -मैं घर जाकर यह कह दूंगा कि शिवानी में कुछ छोटी मोटी बीमारी थी जिसका डॉक्टर साहब ने इलाज़ कर दिया है और अब अगले एक साल के अंदर शर्तिया बच्चा हो जाएगा
अनुराग ( हँसते हुए) : तुम तो पूरी स्कीम बनाकर आये हो- लेकिन इस सब स्कीम को सीक्रेट रखने के लिए मुझे क्या मिलेगा ?
गौरव : अरे शिवानी का खूबसूरत बदन हम सब मिलकर इस्तेमाल करेंगे. मैं बीच बीच में रेगुलर चेक अप के बहाने इसे यहां लेकर आता रहूंगा और बस फिर क्या है तुम्हारी तो मौज ही मौज है
अनुराग : ठीक है भाई -जैसा तुम कहो. मैंने तुम्हारे सभी दोस्तों को भी यहां बुलाया हुआ है-अमित,रोहित,मोहित और पुनीत सभी बाहर अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं
गौरव : ठीक है न- उन्हें भी मौज करा देंगे-शिवानी अब काफी घबरा चुकी है और इलाज़ के लिए फ़ौरन तैयार हो जाएगी- अभी इलाज़ के बहाने हम सब मिलकर उसके बदन से जी भरकर खेलेंगे और अपनी सभी दबी हुई इच्छाओं को भी पूरा करेंगे
अनुराग : चलो, ठीक है-ऐसा ही करते हैं
इतनी देर में शिवानी वाशरूम से फ्रेश होकर बाहर कमरे में आ गयी थी
गौरव : शिवानी, बताओ तुम्हारा क्या ख्याल है -मेरा तो कहना यही है कि तुम्हे इलाज़ करवा लेना चाहिए ताकि किसी भी तरीके से बच्चा हो जाए और तुम्हारी शादी भी बची रहे और तुम्हारी बहन की शादी में भी कोई अड़चन ना आने पाए
शिवानी अब तक पूरी तरह टूट चुकी थी. गौरव से बोली : जैसा आपको ठीक लगे-मैं वह करने के लिए तैयार हूँ.
गौरव : ठीक है डॉक्टर साहब, अब आप बताये कि इलाज़ में कितना समय लगेगा. आज ही हो जाएगा या हमें फिर किसी दिन आना पड़ेगा
अनुराग : आज ही शुरू कर देते हैं-एक घंटा लगेगा- इस इलाज़ से अगले 2-3 महीने में यह गर्भवती हो जाएंगी -इसके बाद बीच बीच में जब मैं कहूँ तब इन्हे रेगुलर मेडिकल चेक अप के लिए आपको यहाँ लेकर आना होगा
गौरव : ठीक है डॉक्टर साहब, आप अपना इलाज़ शुरू कीजिये
अनुराग : इस इलाज़ के लिए मुझे कुल पांच लोगों की जरूरत पड़ेगी-आम तौर पर तो हम अपने क्लिनिक के स्टाफ के लड़कों से ही काम चला लेते हैं
गौरव : नहीं...यह मत करो. पुनीत ने मुझे सुबह बताया था की उससे मिलने आज रोहित,मोहित और अमित आये हुये हैं-वे सब एक साथ मिलकर किसी प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं- उन चारों को ही बुला लेते हैं-क्लिनिक के कर्मचारियों से बेहतर तो यही चार दोस्त हैं.
अनुराग : हाँ यह तो है- दोस्तों के बीच बात "सीक्रेट" भी रहेगी -ठीक है मैं उन सब को बुला लेता हूँ
शिवानी एकदम हैरान और परेशान होकर कभी गौरव की तरफ और कभी अनुराग की तरफ देख रही थी-उसे लग रहा था कि क्या अब उसका चीरहरण गौरव के अलावा उसके चारों अनजान दोस्तों के सामने किया जायेगा
शिवानी कहने लगी : यह मुझसे नहीं होगा -इतने सारे लोग मेरे साथ क्या करने वाले हैं ?
गौरव : चुप रह साली ... तुझसे जो कहा जाए चुपचाप करती जा -आज तेरी सारी हेकड़ी निकाल दूंगा
इतनी देर में अनुराग ने चारों दोस्तों को भी कमरे में बुला लिया था और वे सब अपने अपने तने हुए लण्ड पर हाथ फिराते हुए आगे आने वाले घटनाक्रम का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे.
अनुराग : आप सब लोगों को शिवानी के इलाज़ में सहयोग करना है -इन्हे बच्चा नहीं हो रहा है -इनके बच्चा तभी हो सकता है जब इन्हे सामूहिक रूप से मनमाने तरीके से 5-6 लोग एक साथ पेलें और साथ ही इनके साथ ऐसी सेक्स क्रियाएं करें जिनके बारे में इन्होने पहले कभी सोचा भी न हो -ज़ाहिर है कि अकेले इनके पति इनके साथ वह सब कभी नहीं कर पाएंगे जो हम 6 लोग मिलकर करने वाले हैं-इसलिए अगले एक घण्टे तक आप सभी को मेरे निर्देशों के हिसाब से काम करना है
शिवानी : मैं आप लोगों के हाथ जोड़ती हूँ-मुझे इतना ज़लील मत करो प्लीज़
अनुराग : आप अपने आप को जितना ज्यादा ज़लील होता महसूस करेंगी उतना ही आपके लिए बेहतर है- इलाज़ का मतलब ही यह है कि आप अपने आपको ज्यादा से ज्यादा ज़लील होता महसूस कर सकें.-पति के साथ सेक्स में आपको उस ज़लालत का अहसास नहीं हो पाता है-इसलिए आप अभी तक माँ नहीं बन सकी हैं- अब हम आपका पक्का इलाज़ करने के लिए ही यहां इकट्ठे हुए हैं-आप हमारा सहयोग करें-उसमे ही आपकी भलाई है
अनुराग ( सबकी तरफ देखकर बोलता हुआ) : देखिये शिवानी ने इस समय अपने बदन पर 5 कपडे पहने हुए हैं -साड़ी, पेटीकोट,ब्लाउज़, ब्रा और पैंटी -मैंने यह कागज़ की 5 चिटें बना रखी हैं -हर एक चिट पर किसी एक कपडे का नाम लिखा हुआ है -आप पाँचों रैंडम एक एक चिट बिना देखे उठा लो और उसके बाद मैं आपको आगे का गेम समझाऊंगा
यह कहकर अनुराग से कागज़ की पांच चिटें अपने हथेली पर रखकर सबसे उनमे से एक एक चिट उठाने के लिए कहा
सब लोगों ने एक एक चिट उठा ली और अनुराग के अगले निर्देश की प्रतीक्षा करने लगे
अनुराग : अब सब लोग अपनी अपनी चिटें खोलकर मुझे बताओ कि किसके पास कौन सी चिट है
गौरव : मेरे पास जो चिट है, उसमे ब्रा लिखा है
अमित : मेरे पास जो चिट है, उसमे साड़ी लिखा है
मोहित : मेरे पास जो चिट है, उसमे पेटीकोट लिखा हुआ है
रोहित : मेरे पास जो चिट है, उसमे ब्लाउज़ लिखा हुआ है
पुनीत :मेरे पास जो चिट आयी है, उसमे पैंटी लिखा है
अनुराग : वैरी गुड़ .अब मैं एक एक करके बारी बारी से जिसका भी नाम लूँगा वह अपनी चिट में लिखे हुए कपडे को शिवानी के बदन से अलग करेगा-इसके लिए उसे पूरे पांच मिनट का समय दिया जाएगा -इस पांच मिनट में शिवानी को ज्यादा से ज्यादा ज़लील करते हुए उसके खूबसूरत बदन से खेलते हुए आपको चिट में लिखा हुआ कपडा उतारना है