Update 04

अनुराग की बात सुनकर शिवानी एकदम गिड़गिड़ाने लगी : मैंने आप सब का क्या बिगाड़ा है ? मुझे पहले ही बहुत ज़लील किया जा चुका है-प्लीज़ मुझे और ज़लील मत करो...प्लीज़

शिवानी कमरे के बीचों बीच खड़ी हुई गिड़गिड़ा रही थी और कमरे में गौरव, अनुराग, अमित, मोहित, रोहित और पुनीत अलग अलग कुर्सियों पर हँसते-मुस्कुराते बैठे अपने अपने खड़े लंडों को सहला रहे थे.

अनुराग शिवानी से कहने लगा : मैडम आप को यह महसूस हो रहा है कि आपको ज़लील किया जा रहा है, यह इस बात का सुबूत है कि हमारा इलाज़ आप पर काम कर रहा है-आपको अगर जमींदार साहब के घर की बहू बने रहना है और अपने पति को अपने "बच्चे" का गिफ्ट देना है तो ज़लील तो होना ही पडेगा- इतना तो आपको करना ही पडेगा

अनुराग की बात सुनकर वहां सभी लोग हंसने लगे

अब अनुराग ने बोलना शुरू किया : अब बताओ कि साड़ी वाली चिट किसके पास है ?

अमित ( चहकता हुआ) : मेरे पास साड़ी वाली चिट है

अनुराग : अब अमित शिवानी की साड़ी को उसके खूबसूरत बदन से हटाने का काम करेंगे-इनके पास शिवानी से मज़े लेने के लिए पूरे पांच मिनट का समय है- इन पांच मिनटों में अमित शिवानी को जैसे चाहे इस्तेमाल कर सकते हैं

अनुराग की बात सुनते ही अमित अपनी कुर्सी से उठकर खड़ा हो गया और शिवानी की तरफ आ गया -उसने एक ही झटके में उसकी साड़ी का पल्लू अपने हाथ में पकड़ा और उसे खींचते हुए उसके बदन से अलग करके एक तरफ फेंक दिया

शिवानी के बदन पर अब सिर्फ ब्लाउज़ और पेटीकोट नज़र आ रहा था -शर्म और ज़लालत से उसका चेहरा एकदम लाल हो चुका था और कमरे में बैठे बुए सभी लोग उसके सेक्सी बदन को देख देखकर अपने अपने लण्ड को सहलाने में व्यस्त थे-सभी को अमित के अगले कदम का भी बेसब्री से इंतज़ार था कि वह इन पांच मिनटों के समय में आखिर शिवानी को किस तरह ज़लील करके उन सबका मनोरंजन करने वाला है

शिवानी की साड़ी उतारने के बाद अमित दुबारा से अपनी कुर्सी पर जाकर बैठ गया और शिवानी को हुक्म देते हुए गुर्राकर बोला : चल अब इधर मेरे पास आकर खड़ी हो जा

शिवानी धीरे धीरे चलते हुए अमित के नज़दीक जाकर खड़ी हो गयी

अमित ने अपने लण्ड पर अपना हाथ फिराते हुए शिवानी से कहा : चल अब अपने कान पकड़ और गिनती करते हुए 20 उठक बैठक लगा -जल्दी जल्दी लगा ताकि 5 मिनट के अंदर तेरी सारी उठक बैठकें पूरी हो जाएँ -कालेज में तो तू हम लोगों को बड़ी हेकड़ी दिखाती थी-अब आज तेरी सारी हेकड़ी हम लोग दूर करने वाले हैं .

शिवानी ने अपने कान पकड़ लिए और उठक बैठक लगाने लगी

उसे उठक बैठक लगाते देख अमित मुस्कराकर बोला : साली क्या मस्त माल है -उठक बैठक लगाते टाइम और भी ज्यादा सेक्सी और हॉट लग रही है- मेरा बस चले तो सारी जिंदगी तुझसे ऐसे ही उठक बैठक लगवाता रहूँ

शिवानी जल्दी जल्दी गिनती बोलते हुए अपनी 20 उठक बैठक पूरी कर चुकी थी लेकिन अभी अमित के पास लगभग 2 मिनट का समय बाकी था-उसने अब शिवानी से कहा : चल इधर आकर मेरी टांगों के ऊपर लेट जा

शिवानी उसके नज़दीक आयी और अमित ने उसे अपनी दोनों फ़ैली हुई टांगों के ऊपर इस तरह से एडजस्ट कर लिया जिसमे उसकी पीठ उसके लण्ड के ऊपर टिक गयी थी, उसका चेहरा उसकी दायीं जांघ पर टिका हुआ था और उसके नितम्ब अमित की बाईं जांघ पर टिके हुए थे.

अमित ने अपने एक हाथ को उसके चिकने पेट पर फिराना शुरू कर दिया और अपने चेहरे को शिवानी के चेहरे के ऊपर लाते हुए उससे बोला : अपना मुंह खोल

शिवानी कुछ समझी नहीं और उसने अपना मुंह खोल दिया

अमित : ठीक से खोल और जब तक मैं बंद करने के लिए न कहूँ तब तक अपने मुंह को खोलकर रख

शिवानी ने अपने मुंह को थोड़ा और बड़ा करके खोल दिया

अमित ने अब उसके खुले हुए मुंह में दो तीन बार जोर से थूक दिया और हँसते हुए उससे बोला : अब मेरे इस थूक को प्रसाद समझकर निगल जा साली रंडी

अनुराग अब अमित से बोला : तुम्हारा टाइम ख़त्म हो गया है -अब "पेटीकोट" की चिट किसके पास है, वह शिवानी का पेटकोट फटाफट उतारे और इसको अपने हिसाब से थोड़ा ज़लील भी करे

पेटीकोट का नाम सुनते ही मोहित एकदम चहककर बोला : मेरे पास है पेटीकोट की चिट

मोहित अब शिवानी के पीछे जाकर उससे चिपककर खड़ा हो गया और अपने लण्ड को उसके नितम्बों पर दबाते हुए अपने एक हाथ से उसके चिकने पेट को सहलाने लगा-पेट सहलाते सहलाते उसने उसके पेटीकोट का नारा खींच दिया और उसका पेटीकोट सरककर नीचे जमीन पर गिर पड़ा. अब उसकी केले जैसी सुडौल चिकनी जांघें सब को दिखने लगीं थीं क्योंकि पेटीकोट उतरने के बाद वहां पर एक छोटी सी पैंटी ही बच गयी थी.

मोहित भी अब अपनी कुर्सी पर जाकर बैठ गया और शिवानी से बोला : चल इधर आकर मेरे जूते उतार

शिवानी उसके पैरों के नज़दीक जाकर झुकते हुए उसके जूतों के फीते खोलने लगी

मोहित के दोनों जूतों को उतारने के बाद शिवानी वहीं जमीन पर बैठ गयी

मोहित : मोज़े भी उतार साली

शिवानी ने आगे बढ़कर मोहित के मोज़े भी उतार दिए

अब मोहित ने अपने नंगे पैरों को शिवानी के खूबसूरत चेहरे पर रगड़ना शुरू कर दिया. पहले उसने अपने दाएं पैर को उसके चेहरे के दायीं तरफ उसके गालों पर काफी देर तक रगड़ा और फिर उससे बोला : अपने होंठों से मेरे पैर के तलुवों को दस बार चूम और फिर इन्हे अपनी जीभ से चाट चाटकर साफ कर

शिवानी ने जैसे ही मोहित के पैर के तलवों को चूमा चाटना शुरू किया, सब लोग खिलखिला कर हंसने लगे और बोले : साली लौंडिया एकदम "सेक्स स्लेव" बनने लायक ही है

मोहित ने अपने 5 मिनट पूरा होने से पहले अपने दूसरे पैर के तलवे भी शिवानी से चटवा लिए थे.

अब अनुराग ने फिर से आवाज़ लगते हुए कहा : अब इसकी ब्लाउज़ उतारी जाएगी -ब्लाउज़ की चिट जिसके पास है, वह आगे आये

रोहित चहकता हुआ एकदम अपनी कुर्सी से उठकर खड़ा हो गया : मेरे पास है ब्लाउज़ की चिट

अनुराग : तो देखते क्या हो, उतार दे साली का ब्लाउज़ -हम सब ब्रा में कैसे हुए इसके मम्मे ही तो देखना चाहते हैं

रोहित शिवानी के पास पहुंचा, उसके ब्लॉउज़ के अंदर कैद मम्मों पर कुछ देर तक हाथ से सहलाया और फिर एक ही झटके में ब्लाउज़ का हुक खोलकर उसका ब्लाउज़ खोलकर एक तरफ फेंक दिया -अब शिवानी के बदन पर सिर्फ ब्रा और पैंटी बची थी.

शिवानी का ब्लाउज़ उतारने के बाद रोहित भी अपनी कुर्सी पर जाकर बैठ गया और शिवानी से बोला : इधर आकर मेरी गोद में बैठ चिकनी

शिवानी आगे बड़ी और रोहित की गोद में उसकी दायीं जांघ पर बैठने लगी

रोहित : ऐसे नहीं. यहां बीच में बैठ मेरे लण्ड पर. खूबसूरत लड़कियों को मैं अपने लण्ड पर ही बिठाता हूँ

रोहित अपने दाएं हाथ से उसके चिकने पेट और नाभि प्रदेश को मसल रहा था और बाएं हाथ से उसकी चिकनी जाँघों पर हाथ फिरा रहा था -अपने काले चेहरे को वह शिवानी के खूबसूरत गोरे गलों पर रगड़ते रगड़ते उसकी गर्दन पर चुम्बन जड़ रहा था -अचानक उसने उसके चेहरे को हाथ से पकड़कर अपनी तरफ मोड़ लिया और उसके रसीले होंठों को अपने होंठों की गिरफ्त में लेकर बेतहाशा चूमने लगा -रोहित के मुंह में से कुछ अजीब सी दुर्गन्ध आ रही थी क्योंकि उसने अभी कुछ समय पहले सब दोस्तों के साथ शराब पी थी-बाकी किसी और ने शिवानी के मुंह को चूमा नहीं था इसलिए उसने अब तक इसकी शिकायत नहीं की थी- शिवानी उसकी दुर्गन्ध युक्त चूमा चाटी से बहुत असहज महसूस कर रही थी -उसने अपने मुंह को रोहित से छुड़ाने की कोशिश करते हुए कहा : आपके मुंह से शराब की बहुत बुरी बदबू आ रही है -छोड़िये

रोहित ने उसके गालों पर दो चपत लगाते हुए कहा : अच्छा तुझे मेरे मुंह से दुर्गन्ध भी आने लगी -चल साली अपना मुंह खोल -अभी तेरे मुंह में सुगंध भरता हूँ. शिवानी ने जैसे ही अपना मुंह खोला, रोहित ने कई बार उसके मुंह में जोर जोर से थूका और कड़क आवाज़ में बोला : अब चुपचाप यह सारा थूक निगल जा रंडी

रोहित का समय पूरा होते ही अनुराग ने गौरव और पुनीत की तरफ देखा : इसकी ब्रा की चिट किसके पास है -आगे आओ और इसे ऊपर से पूरी तरह नंगा कर दो

ब्रा की चिट गौरव के पास थी- गौरव आगे बढ़कर शिवानी की तरफ आया और उसने बिना किसी फॉर्मेलिटी के उसकी ब्रा का हुक खोल दिया -शिवानी अपने हाथों से अपने मम्मे छिपाने की कोशिश करने लगी लेकिन गौरव ने उसे हुक्म दिया : अपने हाथ ऊपर उठाकर खड़ी हो जा और इस कमरे में बैठे सभी लोगों को अपने यह मस्त-मस्त मम्मे दिखा

शिवानी ने अपने दोनों हाथ ऊपर उठा लिए

गौरव शिवानी की पीठ से चिपककर खड़ा हो गया-उसका लण्ड शिवानी के मस्त-मुलायम नितम्बों पर अपना दबाब बना रहा था -गौरव के दोनों हाथ शिवानी के मम्मों से खेल रहे थे -लगभग दो मिनट तक शिवानी के बदन से खेलने के बाद गौरव शिवानी को पकड़कर अपनी कुर्सी के पास ले गया और खुद कुर्सी पर बैठने के बाद शिवानी से कड़क आवाज़ में बोला : चल यहां मुर्गा बनकर दिखा -कान पकड़कर मुर्गा बन जा

शिवानी आज से पहले कभी मुर्गा नहीं बनी थी -वह गौरव की तरफ देखकर बोली : मुझे मुर्गा बनना नहीं आता है

गौरव : जल्दी कर, नहीं तो बाहर से किसी नौकर को बुलाता हूँ जो तुझे मुर्गा बनाना सिखाएगा

गौरव की धमकी सुनते ही शिवानी एकदम फटाफट उसके पैरों के पास ही मुर्गा बन गयी

गौरव ने अपने दोनों पैर शिवानी की मुर्गा बनी हुई पीठ पर रख दिए और हँसता हुआ बोला : साली तूने मुझे कालेज में सबके सामने थप्पड़ मारा था -आज देख मैंने तेरी क्या हालत कर दी है -तू आज मेरे साथ -साथ और 5 लौंडों के सामने नंगी होकर मुर्गा बनी हुई है -आज तुझे अपनी औकात मालूम पड़ चुकी है या नहीं , जल्दी बोल

शिवानी : जी मुझे अपनी औकात मालूम पड़ चुकी है अब मुझे माफ़ कर दीजिये

यह सब करते करते गौरव का समय भी ख़त्म हो चला था और अब आखिर में पैंटी की चिट पुनीत के पास बची थी.

पुनीत की मदद से ही इस सारे काण्ड को अंजाम दिया जा रहा था क्योंकि यह क्लिनिक पुनीत की मम्मी डॉक्टर उर्मिला का ही था-जहां इस सारी साज़िश को रचा जा रहा था

पुनीत अपनी कुर्सी से नहीं उठा. कुर्सी पर बैठे बैठे ही उसने शिवानी को हुक्म दिया : इधर आकर खड़ी

हो जा चिकनी -और अपने हाथ ऊपर ही उठाकर रख. इस पोज़ में तू बड़ी सेक्सी और हॉट लग रही है

शिवानी धीरे धीरे चलती हुई पुनीत के सामने जाकर खड़ी हो गयी

पुनीत ने अपना हाथ उसकी पैंटी के वैस्ट बैंड में घुसाकर उसकी चिकनी योनि पर अपने हाथ को कुछ देर मसला और फिर एक झटके से उसकी पैंटी को नीचे खिसका दिया और अब शिवानी एकदम निर्वस्त्र खड़ी थी

कमरे में 6 मर्द शिवानी के निर्वस्त्र बदन को देख देखकर अपनी अपनी ऑंखें सेंक रहे थे और अपने अपने हथियारों पर हाथ फिरा रहे थे.-उसके दोनों हाथ ऊपर उठे हुए थे- उसने शर्म की वजह से अपनी ऑंखें बंद करने की कोशिश की लेकिन पुनीत उससे बोला : अपनी ऑंखें खोल चिकनी और जरा इसी पोज़ में गोल गोल घूमकर सबको अपने इस खूबसूरत बदन की पूरी झलक दिखा. चल अब घूमना शुरू कर

अब शिवानी अपने हाथ ऊपर उठाकर अपने बदन को गोल-गोल घुमाने लगी -कमरे में बैठे सभी लोग अब उसके बदन को हर एंगल से साफ़ देख पा रहे थे और अपने कमेंट भी करते जा रहे थे

लगभग 4 मिनट तक शिवानी के बदन की इसी तरह नुमायश लगवाने के बाद पुनीत ने उससे कहा : चल अब नीचे फर्श पर बैठ मेरे सामने और अपना मुंह खोल कर दिखा

शिवानी फर्श पर पुनीत के सामने बैठ गयी लेकिन मुंह नहीं खोला

पुनीत फिर गुर्राया : मुंह खोल साली

शिवानी ने अपना मुंह खोल लिया

पुनीत ने अपनी जींस ने अंदर से अपना लण्ड बाहर निकाला और उसे शिवानी के मुंह की तरफ करके उस पर अपने लण्ड में से पेशाब की पिचकारी उसके मुंह पर छोड़ दी और बोला : तेरे मुंह में जितना भी पेशाब गया है, सब का सब पी जा और तेरे चेहरे की सफाई तो मेरे पेशाब से हो ही चुकी है-उसके लिए मुझे शुक्रिया अदा कर

डरी सहमी शिवानी अपनी जान छुड़ाने के लिए फटाफट बोल पडी : थैंक यूं सर

सब लोगों में शिवानी के इस थैंक यूं पर तालियां बजायीं और कहा : यह लौंडिया एक परफेक्ट सेक्स स्लेव है -भैया ने तो इसका इस्तेमाल नहीं किया लेकिन देवर इस चिकनी का ठीक से इस्तेमाल करेगा

शिवानी के सारे कपडे उतारे जा चुके थे और अब वह एकदम निर्वस्त्र अवस्था में सभी के सामने अपने बदन की नुमायश कर रही थी -उसने अपने दोनों हाथ भी ऊपर उठा रखे थे जिसकी वजह से उसका पूरा खूबसूरत बदन और उसके सारे अंग साफ़ साफ़ सबको दिख रहे थे

गौरव,पुनीत,अमित,मोहित और रोहित शिवानी के कपडे उतारने के दौरान ही काफी मज़े ले चुके थे लेकिन अनुराग अभी तक यह सब तमाशा सिर्फ देख रहा था -अब उसे लगा कि उसे भी लगे हाथों शिवानी के खूबसूरत बदन से जी भरकर मज़ा ले लेना चाहिए

अनुराग ने शिवानी की तरफ देखते हुए कहा : इधर आओ मेरे नज़दीक

शिवानी अनुराग के नज़दीक जाकर खड़ी हो गयी

बाकी के सभी लोग उत्सुकता से अनुराग की तरफ देख रहे थे कि अब भला डॉक्टर अनुराग शिवानी के साथ क्या करने वाला है

अनुराग के सामने शिवानी आकर खड़ी हुई तो अनुराग ने उसकी चिकनी जाँघों पर हाथ फेरते हुए कहा : चलो अपनी टाँगे खोलो

शिवानी ने अपनी टाँगे खोल दीं तो अनुराग ने उसकी चिकने योनि प्रदेश पर अपना हाथ फिराना शुरू कर दिया और हँसते हुए कहने लगा : वैसे तो इस चिकनी लौंडिया का सारा बदन की मस्त है लेकिन इसका यह चिकना योनि प्रदेश एकदम ख़ास है-यहां हाथ फेरने पर ऐसा लगता है मानो किसी मक्खन के ढेर पर हाथ फेर रहे हों.

यह कहते कहते अनुराग ने अपनी एक उंगली उसकी योनि के अंदर डाल दी और उसे आगे पीछे करने लगा. उंगली को अंदर बाहर करते करते ही अनुराग सबकी तरफ देखकर बोला : आप सब लोगों ने इसका जो इलाज़ किया है, उसका असर दिख रहा है-यह नीचे से पूरी तरह गीली हो चुकी है और इस समय पेले जाने के लिए एकदम तैयार है

अनुराग ने अपनी उंगली उसकी योनि में से बाहर निकाली और शिवानी से बोला : चल नीचे फर्श पर बैठ

शिवानी नीचे बैठ गयी

अनुराग : मुंह खोल अपना

शिवानी ने अपना मुंह खोल दिया

अनुराग ने अपनी उंगली उसके मुंह में डाल दी और बोला : इसे चाट चाट कर साफ़ कर

शिवानी से काफी देर तक उंगली चटवाने के बाद अनुराग उससे बोला : जाओ अब बेंच पर जाकर लेट जाओ-अब तुम्हारा फाइनल इलाज़ किया जाएगा

शिवानी बेंच पर जाकर लेट गयी

अनुराग : अब जैसा मैं कहता हूँ, सब लोग उस तरह से काम करेंगे. अमित,रोहित और मोहित इसके मुंह की तरफ खड़े हो जाएँ और बारी बारी से इस से अपना लण्ड चुसवाएं और बाद में उसे इसकी जीभ से साफ़ भी करवाएं

नीचे इसकी योनि काफी गीली हो चुकी है, वहां मैं, गौरव और पुनीत बारी बारी से अपना लण्ड डालकर इसे नीचे से पेलने का काम करते हैं-यह सारा इलाज़ एक साथ होना चाहिए

शिवानी बेबस थी लेकिन फिर भी वह चीखती चिल्लाती हुई कहने लगी : यह सब मत करो मेरे साथ-और कितना ज़लील करोगे मुझे ? अब मुझे छोड़ दो प्लीज़...

शिवानी की फ़रियाद पर ध्यान दिए बिना सब के सब उसके खूबसूरत बदन को रौंदने के लिए एक साथ टूट पड़े

मोहित, अमित और रोहित ने बारी बारी से लण्ड चुसवाने के बजाये अपने अपने लण्ड एक साथ निकाल लिए और उसके मुंह में एक साथ डालने की कोशिश करने लगे -उन लोगों की इस कोशिश में उनके लण्ड को शिवानी अपने चेहरे और गालों पर महसूस कर रही थी -हर कोई अपना लण्ड उसके मुंह में घुसाना चाह रहा था और जिसका भी लण्ड फिसलकर उसके मुंह से बाहर आ रहा था, वह उसके गालों पर चपत लगाकर कह रहा था : अंदर ले साली चूस इसे

उधर अनुराग ने शिवानी की योनि में अपना लंड डालकर उसे पेलना शुरू कर दिया था और गौरव और पुनीत अपनी बारी का इंतज़ार करते करते उसकी चिकनी जाँघों पर हाथ फेर रहे थे.

जब तीनों ने शिवानी को नीचे से पेल लिया तो उन्होंने अमित, रोहित और मोहित से कहा : अब तुम लोगों ने अपने अपने लण्ड इस लौंडिया से चुसवा लिए हैं-अब तुम सब बारी बारी से इसे नीचे से भी पेलकर मज़ा ले लो -इसके बच्चा तो तभी होगा जब यह नीचे से भी हम सब से पेली जाएगी

यह कहने के बाद अब अनुराग, गौरव और पुनीत शिवानी के मुंह की तरफ चले गए और अमित,मोहित और रोहित शिवानी की योनि की तरफ आ गए और उसे दुबारा से पेलना शुरू कर दिया

जब उन सब ने शिवानी को ऊपर नीचे दोनों तरफ से पेल पेलकर अपनी पूरी तसल्ली कर ली तो अनुराग बोला : अब आज का इलाज पूरा हो गया है-तुम उठकर अपने कपडे पहनो और आज के बाद अपने गौरव देवर जी की आज्ञा का पूरी तरह पालन करो. अगर इनकी बात नहीं मानी तो इन्हे मजबूरन तुम्हे फिर से यहां इलाज़ के लिए लेकर आना पडेगा

शिवानी और बाकी सभी लोगों ने अपने अपने कपडे पहन लिए -वहां से रवाना होने से पहले अनुराग,अमित,रोहित ,मोहित और पुनीत ने एक बार फिर से शिवानी के चेहरे और होंठों को चूमकर आज आखिरी बार मज़े लिए

गौरव शिवानी को लेकर क्लिनिक के बाहर आ गया और अपनी बाइक पर बैठ गया -उसके पीछे शिवानी बैठ गयी

शिवानी ने अपने दोनों हाथों से गौरव को पकड़ रखा था ताकि वह बाइक से गिर ना जाए लेकिन अब गौरव बोल्ड हो चुका था और उसकी हिम्मत अब बढ़ गयी थी. वह शिवानी से बोला : अपने दोनों हाथों को आगे लाकर मेरे लण्ड पर रखो और इसे धीरे धीरे अपने हाथों से सहलाती रहो

गौरव की इस बात को मानने के लिए शिवानी ने अपने बदन को उसकी पीठ से और अधिक कसकर सटा दिया और उसके नरम-मुलायम मखमली मम्मों की गर्मी भी अब गौरव अब अपनी पीठ पर महसूस कर रहा था

घर आने के बाद गौरव ने अपनी मम्मी पापा को बताया : भाभी का मेडिकल चेक अप ठीक से निपट गया है-कोई बहुत ख़ास परेशानी वाली बात नहीं है -मामूली से इलाज़ की जरूरत थी जो डॉक्टर साहब ने कर दिया है और उन्होंने कहा है कि भाभी अब अगले कुछ ही महीनों में गर्भवती हो जायेगी.

इसके बाद गौरव और शिवानी दोनों पहली मंज़िल पर अपने अपने कमरों में आराम करने चले गए

जब से शिवानी गौरव के साथ अपना मेडिकल चेक अप कराकर घर वापस आयी थी, उसकी और गौरव की दुनिया पूरी तरह बदल चुकी थी

गौरव को अब यह लग रहा था कि जिस तरह से आज शिवानी को उसने अपने जाल में बुरी तरह फंसाया है, उसके बाद वह अब उसकी "परफेक्ट स्लेव" बन चुकी है -गौरव इस बात को सोच सोच कर ही उत्तेजित हुआ जा रहा था कि अब शिवानी के साथ वह सब कुछ मनमाने तरीके से कर सकता है जो अभी तक वह सिर्फ पोर्न फिल्मों में ही देखता आया है

गौरव यही सब सोचता सोचता अपने मोबाइल फोन में एक पोर्न वीडियो देखने लगा. वह कमरे में आराम से सोफे पर बैठा हुआ था और उसने अभी तक अपने कपडे जूते वगैरा भी नहीं उतारे थे -पोर्न फिल्म देखते देखते वह जींस में कैद अपने लण्ड पर भी हाथ फिरा रहा था

अचानक ही गौरव को लगा कि उसे अब यह सब करने की क्या जरूरत है-अब उसे पोर्न फिल्म देखकर मास्टरबेशन करने की बजाये शिवानी के साथ सब कुछ लाइव ही करने से भी रोकने वाला कौन है ? यही सोचते हुए उसने मोबाइल को बंद करके एक तरफ रख दिया और शिवानी को ज़ोर से आवाज़ लगाई : शिवानी क्या कर रही हो, इधर आओ मेरे कमरे में

क्योंकि गौरव और शिवानी के कमरे एकदम साथ साथ सटे हुए थे और दोनों के दरवाज़े भी खुले ही रहते थे इसलिए एक कमरे की आवाज़ दुसरे कमरे तक आसानी से चली जाती थी

शिवानी ने गौरव की आवाज़ सुनी तो वह दौड़ी दौड़ी गौरव के कमरे में आ गयी

शिवानी अपने कपडे बदल चुकी थी और उसने इस बीच फ्रेश होकर फ्रंट ज़िप वाला सफ़ेद रंग का गाउन भी पहन लिया था जो उसके खूबसूरत और सेक्सी बदन पर खूब जँच रहा था

गौरव ने अपने लण्ड को सहलाते सहलाते शिवानी की तरफ देखा और उससे बोला : चल नीचे बैठ और मेरे जूते उतार

शिवानी अभी तक क्लिनिक पर उसके साथ हुई दुर्गति को भूल नहीं पायी थी-उसे लगा था कि यह वह सब एक बुरा सपना था और उसे भूलने की कोशिश कर रही थी लेकिन जिस तरह से गौरव उस पर हावी होने की कोशिश कर रहा था उसे देखकर शिवानी को इस बात का अंदाज़ा हो चुका था कि अब आगे आने वाले समय में उसके साथ इस घर में क्या क्या होने वाला है-इस बात को सोचकर ही वह एकदम सिहर सी उठी थी और उसकी योनि भी अपने आप गीली होने लगी थी. वह खुद हैरान थी कि वह यह सब सोच सोचकर इतनी उत्तेजित कैसे हो रही है और गौरव की कड़क आवाज़ सुनकर उसकी योनि गीली क्यों हो रही है

वह यह सोचने में इतनी व्यस्त हो गयी कि गौरव के उस हुक्म को ही भूल गयी जिसमे उसने उसे नीचे फर्श पर बैठकर जूते उतारने का आदेश दिया था

गौरव एकदम गुस्से से बोला : तूने सुना नहीं मैंने क्या कहा ? अब तुझे इस की सजा अलग से मिलेगी -चल अब अपना गाउन खोल और नीचे बैठकर मेरे जूते उतार

शिवानी एकदम अपने सोच विचार से बाहर निकली और अपने गाउन की ज़िप को नीचे खिसकाने लगी -उसकी काले रंग की ब्रा और उसमे कैद उसके मम्मे एकदम क़यामत लग रहे थे-उसने अपनी ज़िप को अपनी नाभि तक लाकर छोड़ दिया और नीचे फर्श पर बैठने लगी लेकिन गौरव ने उसे रोकते हुए कहा : पूरा गाउन खोल साली -तुझे यह बात अब समझ लेनी चाहिए कि मेरी हर छोटी से छोटी बात भी तुझे पूरी तरह माननी है वर्ना तुझे सख्त से सख्त सजा मिलेगी

शिवानी ने अपनी ज़िप को नीचे तक पूरा खिसका दिया और उसकी काले रंग की पैंटी भी अब गौरव के सामने थीं

शिवानी उसी हालत में अब फर्श पर बैठकर गौरव के जूतों के फीते खोलने लगी

जूते उतारने के बाद शिवानी उठने लगी तो गौरव फिर से गुर्राकर बोला : तुझसे उठने के लिए किसने कहा ? जब तक मैं न कहूँ, ऐसे ही बैठी रह और अब मेरे मोज़े भी उतार

शिवानी ने उसके पैरों से अब मोज़े भी उतार दिए

गौरव : अब मेरे पैरों की चूमा चाटी शुरू कर

शिवानी ( गिड़गिड़ाते हुए ) : यह सब क्यों कर रहे हो मेरे साथ ? मैंने क्या किया है आखिर ?

गौरव : तुमने कुछ नहीं किया है मेरी जान. तुम बहुत खूबसूरत हो और मुझे खूबसूरत लौंडियों के साथ इस तरह खेलने में बहुत मज़ा आता है -चल अब देर मत कर और अपने होंठों से मेरे पैरों को चूमते हुए अपनी जीभ से उन्हें चाट चाटकर साफ़ कर

बेबस शिवानी नीचे झुककर उसके पैरों को चूमने चाटने लगी- गौरव ने उससे अपने पैरों के तलवे भी चटवा लिए और फिर उसके बाद अपने पैरों को उसके चेहरे पर रगड़ते हुए बोला : मुझे उम्मीद है कि अब तक तुझे अपनी औकात समझ में आ गयी होगी -अब तेरी असली जगह मेरे क़दमों में ही है- क्या समझी ?

शिवानी : जी

गौरव : क्या जी, ठीक से खुलकर बोल

शिवानी : मेरी जगह आज से आपके क़दमों में ही है

गौरव : आज से मेरी हर बात, मेरी हर इच्छा तेरे लिए एक हुक्म के सामान है-जिसका हर हालत में पालन होना चाहिए -मैं कहूँ कि खड़ी हो जा तो तुझे खड़ा होना पड़ेगा और मैं कहूँ कि बैठ जा तो तुझे बैठ जाना होगा- समझी ?

शिवानी : जी अब मैं समझ गयी हूँ -ऐसा ही होगा

गौरव : "अब मैं समझ गयी हूँ- आगे से ऐसा ही होगा सर" -इस तरह से बोलकर दिखा

शिवानी : जी सर, अब मैं समझ गयी हूँ-आगे से ऐसा ही होगा सर.

गौरव अब हँसता हुआ बोला : चल अब खड़ी होकर अपने बाकी के कपड़े भी उतार दे और घुटनों के बल बैठकर मेरे लण्ड को अपने मुंह में ले ले

शिवानी ने अपने बाकी के सारे कपडे भी उतार दिए और घुटनों के बल बैठकर उसके लण्ड को अपने मुंह में लेकर उसे चूसने लगी

गौरव उसके गालों पर हल्की हल्की चपत लगाते हुए मुस्करा रहा था और बोल रहा था : अब मुझे अपने हाथों का इस्तेमाल करके मास्टरबेशन करने की कोई जरूरत नहीं है- अब तो मुझे तेरे मुंह में लण्ड डालकर ही मास्टरबेशन का असली मज़ा आ रहा है

गौरव अब एकदम निरंकुश हो गया था और शिवानी के साथ इस तरह पेश आता था मानो वह उसकी खरीदी हुई गुलाम हो

शिवानी भी अब हर समय गौरव से डरी और सहमी रहती थी और उसकी हर जायज़ नाजायज़ बात को चुपचाप मान लेने में ही अपनी भलाई समझती थी

विवेक की गैर हाज़िरी में तो गौरव ने शिवानी को अपना "सेक्स टॉय" जैसा बना रखा था

शिवानी भी धीरे धीरे इन सब बातों की अभ्यस्त सी हो गयी थी

गौरव अब किसी भी समय उसके कमरे में घुस आता था और उसका मुंह खुलवाकर उसमे अपन लण्ड डाल देता था -रात को शिवानी गौरव का बिस्तर गर्म करती थी और वह उसे जी भरकर पूरी रात पेलता रहता था​
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