Update 05

अगले दिन सुबह लगभग 11 बजे का वक्त था। गौरव और शिवानी नाश्ता करने के बाद अपने अपने कमरे में बैठे हुए थे। हमेशा की तरह गौरव आज भी शिवानी के जिस्म के साथ खिलवाड़ करने की योजना बना रहा था। उसी समय उसके फोन की घंटी बज उठी।

गौरव ने फोन उठाया। उसके बचपन का दोस्त परवेज़ था। पहले वह गांव में ही रहता था लेकिन बाद में वह शहर जाकर सरकारी नौकरी करने लगा था।

परवेज फोन पर बोला : मैं शहर से गांव आज सुबह ही आया हूँ और तुझसे मिलने आ रहा हूँ। तू घर पर ही है ना ?

गौरव बोला : अरे भाई आ जा मैं घर पर ही हूँ और भाभी को भी साथ लेकर आना। उनसे भी मुलाकात हो जाएगी

कुछ ही देर में परवेज अपनी वाइफ हिना के साथ गौरव के घर पहुंच गया। गौरव ने उन दोनों को ऊपर अपने कमरे में ही बुला लिया।

परवेज की वाइफ हिना को गौरव ने पहली बार देखा तो देखता ही रह गया। वह बला की खूबसूरत थी। दोनों की शादी को 6 महीने ही हुए थे।

गौरव ने हिना को शिवानी से परिचय करवा कर उसके कमरे में ही बिठा दिया और वे दोनों आपस मे बातें करने लगीं। इधर अपने कमरे में गौरव परवेज के साथ गप्पें लगाने लगा।

बातों बातों में परवेज़ ने गौरव को बताया : यार मेरी वाइफ तो शहर की मॉडर्न लड़की है और मुझे अभी भी गांव वाला समझती है। वह अपने मूड के हिसाब से ही काम करती है और फर्स्ट नाईट के अलावा हम लोगों ने पिछले 6 महीने में मुश्किल से 10 बार ही सेक्स किया है। कुछ समझ नहीं आता क्या करूं।

गौरव एकदम चालू लौंडा था। वह समझ गया कि हिना और परवेज की क्या समस्या है।

गौरव उससे बोला : भाई, इसमे सारी गलती तेरी ही है। हर लड़की यह चाहती है कि उसका मर्द उसे रौब दाब में रखे। तुम शायद उसकी यह इच्छा पूरी नही कर पा रहे हो

परवेज : क्या बात कर रहा है यार ? रौब दाब में रखने का क्या मतलब होता है, मैं कुछ समझा नही।

गौरव : देख भाई मेरी तो शादी भी नही हुई है लेकिन मैंने तो अपनी भाभी शिवानी को भी अपने रौब दाब में रखा हुआ है और उससे पूरे मज़े ले रहा हूँ।

परवेज : यार यह औरतों को रौब दाब में रखने का फार्मूला हमे भी सिखाओ।हम तो बड़े परेशान है

गौरव : चल मैं तुझे पहले यह दिखाता हूँ कि औरतों को रौब दाब में कैसे रखा जाता है और उसके मर्दों को क्या फायदे होते हैं

यह कहने के साथ ही गौरव परवेज़ को शिवानी के कमरे में लेकर आ गया जहां वह बिस्तर पर बैठी हिना से बातें कर रही थी

गौरव परवेज के साथ सोफे पर बैठ गया और कड़क आवाज़ में शिवानी से बोला : शिवानी इधर आओ

शिवानी एकदम सकपका गई और बिस्तर से उठकर गौरव के पास आकर खड़ी हो गई

गौरव : तुमने परवेज और हिना को चाय पानी के लिए पूछा अभी तक ?

शिवानी : नही। मैं अब लेकर आ जाती हूँ

गौरव : अब मैंने याद दिला दिया तो तुम चाय पानी लाओगी। मतलब तुम्हे अब यह सब भी मुझे बताना पड़ेगा।

शिवानी : जी गलती हो गई। अब आगे से ऐसा नही होगा

गौरव : तुम्हे इस गलती की सज़ा मिलेगी। चलो कान पकड़ो और दस बार उठक बैठक लगाओ

शिवानी को बहुत शर्म और जलालत महसूस हो रही थी। हिना और परवेज़ बड़ी हैरानी से यह तमाशा देख रहे थे

हिना बीच मे बोलने भी लगी : अरे किसी फॉर्मेलिटी की जरूरत नही है। हम लोग तो चाय नाश्ता घर से करके ही चले थे

गौरव ने हिना की बात अनसुनी करते हुए शिवानी से फिर कहा : जल्दी कान पकड़ और गिनती बोलते हुए दस बार उठक बैठक लगा या फिर मैं तेरे---

इससे पहले कि गौरव आगे कुछ और बोलता, शिवानी ने अपने दोनों कान पकड़ लिए और गिनती बोलते हुए उठक बैठक लगाने लगी

गौरव की जीन्स के अंदर उसका लंड एकदम तनकर खड़ा हो गया था। उसने एक नज़र परवेज़ की तरफ डाली और देखा कि उसकी पैंट के अंदर भी बहुत लंबा टेन्ट बन गया था

जब शिवानी दस उठक बैठक लगा चुकी तो गौरव उससे बोला : ठीक है, अब तुम हिना का ख्याल रखो और देखो उसे हमारे यहां कोई परेशानी न हो- मैं तब तक अपने कमरे में परवेज़ भाई के साथ बातचीत करता हूँ

यह कहकर गौरव परवेज के साथ अपने कमरे में आ गया और शिवानी और हिना अपने कमरे में रह गए

गौरव के जाने के बाद हिना के मन में शिवानी से मज़े लेने का ख्याल आने लगा. दरअसल हिना लेजबियन थी और इसीलिए उसे लड़कों के साथ सेक्स करने में कम दिलचस्पी थी और लड़कियों के साथ मस्ती करने का वह कोई भी मौका नहीं छोड़ती थी. जब से उसने शिवानी को सब के सामने कान पकड़ कर उठक बैठक लगाते देखा था, तभी वह समझ गयी थी कि शिवानी से आसानी से मज़े लिए जा सकते हैं

शिवानी पहले की तरह दुबारा से बिस्तर पर आकर बैठ गयी और हिना की तरफ देखने लगी हालांकि जो कुछ भी अभी कुछ देर पहले हुआ था, उसकी वजह से वह बहुत ज़लालत महसूस कर रही थी और हिना से आंखें भी नहीं मिला पा रही थी

हिना बहुत शरारती थी और वह शिवानी की तरफ देखकर मुस्कुराते हुए बोली : तुमसे यह उठक बैठक अक्सर लगवाई जाती हैं या फिर कभी कभी ?

शिवानी तो पहले ही इस मामले को लेकर काफी ज़लालत महसूस कर रही थी लेकिन लग रहा था कि हिना उसे और ज्यादा ज़लील करने के मूड में थी

शिवानी ने बात टालने के लिए कह दिया : नहीं, यह सब कभी कभी होता है

हिना : उठक बैठक लगाने के अलावा और क्या क्या करती हो ? जब सजा मिलती है तो क्या तुम्हे उसमे मज़ा भी आता है ?

शिवानी : अरे छोड़ो न- कोई और बात करते हैं

हिना : और क्या बात करें- मुझे तो इन्ही बातों में मज़ा आता है- जिस बात में मुझे मज़ा आएगा वही बात करूंगी या फिर कोई भी बेकार बात करना शुरू कर दूंगी

शिवानी चुप हो गयी और कुछ नहीं बोली

हिना ने टांगों तक की स्कर्ट और स्लीवलेस टॉप पहना हुआ था और वह पालथी मारकर बिस्तर पर बैठी हुयी थी- शिवानी ने फ्रंट ज़िप वाला गाउन पहना हुआ था और वह भी उसके सामने ही बिस्तर पर पालथी मारकर बैठी हुयी थी.

अचानक हिना ने अपनी आवाज़ को थोड़ा कड़क करते हुए शिवानी से कहा : ऐसा करो जरा दरवाज़े को अंदर से बंद कर दो

शिवानी बिस्तर से उठी और दरवाज़े को अंदर से बंद करके दुबारा से बिस्तर पर आकर बैठ गयी

शिवानी जैसे ही बिस्तर पर वापस आकर बैठी, हिना उससे बोली : अपने गाउन की ज़िप खोलो और मुझे खुश करो

शिवानी हिना की बात सुनकर एकदम सकते में आ गयी : क्या ???????? तुम यह क्या बकवास कर रही हो ?????? तुम्हारा दिमाग तो ठीक है ना ??????

हिना : ठीक है कोई बात नहीं. मैं अब चलती हूँ और आपके देवर जी गौरव अगर पूछेंगे कि इतनी जल्दी क्यों जा रही हो तो कह दूंगी कि तुम मेरे साथ लगातार बदतमीजी कर रही हो

शिवानी ( घबराये हुए स्वर में) : लेकिन मैंने तो आपसे कोई बदतमीजी नहीं की है

हिना : मेरी बात नहीं मान रही हो यही सबसे बड़ी बदतमीजी है

यह कहकर हिना से बिस्तर से उठकर दरवाज़े की तरफ जाने लगी

शिवानी को लग रहा था कि अगर इसने गौरव से कुछ भी अनाप शनाप बोल दिया तो वह इन सबके सामने ही बहुत ज्यादा ज़लील करेगा

उसने हिना को रोकते हुए कहा : प्लीज़ मत जाओ...रुक जाओ यहीं

हिना भी वहां से कौन सा जाने वाली थी. वह तो सिर्फ शिवानी को अपने जाल में फंसाना चाहती थी

हिना लौटते हुए बोली : मैं यहां एक ही शर्त पर रुकूंगी कि तुम मेरी हर बात मानोगी-बोलो मंज़ूर है ?

शिवानी : हाँ मुझे मंजूर है

हिना अब सोफे पर पैर फैलाकर बैठ गयी और शिवानी से बोली : चलो अब फटाफट अपने सब कपडे उतारो और अपने हाथ ऊपर करके खड़ी हो जाओ

शिवानी ने अब अपने गाउन की ज़िप खोल दी और उसे एक तरफ रख दिया

अब उसके बदन पर सिर्फ एक ब्रा और पैंटी बची थी

हिना ने अपने होंठों पर अपनी जीभ फिराते हुए कहा : साली तू तो एकदम सॉलिड मस्त माल है -तेरा देवर तो तुझे खूब पेलता होगा -पति भी पेलता ही होगा -इतने मस्त माल को कौन छोड़ता है भला -मैं भी कहाँ छोड़ रही हूँ -चल अब बाकी के कपडे भी उतार और अपने हाथ ऊपर उठाकर खड़ी हो जा

शिवानी ने अपनी ब्रा और पैंटी बी उतार दी और अपने दोनों हाथ ऊपर उठाकर खड़ी हो गयी

हिना अब सोफे से उठकर शिवानी के पास आ गयी और उसके निर्वस्त्र बदन पर अपने दोनों हाथ फिराने लगी -शिवानी के दोनों मखमली मम्मों को अपने हाथों से मसलते हुए हिना ने उसके होंठों को अपने होंठों की गिरफ्त में ले लिया और उसे बेतहाशा चूमने चाटने लगी

शिवानी को यह सब बड़ा अजीब इसलिए लग रहा था क्योंकि आज से पहले कभी किसी लड़की ने उसके बदन को इस तरह से नहीं दबोचा सहलाया था लेकिन हिना तो एक एक्सपर्ट लेजबियन थी -वह शिवानी के मस्त मस्त नितम्बों को थपथपा कर बोली : चल अपनी टाँगे खोल

शिवानी ने जैसे ही अपनी टाँगे खोलीं, हिना ने उसके योनि प्रदेश को सहलाते हुए अपनी एक उंगली उसकी योनि में दाल दी और फिर शरारती मुस्कान के साथ बोली : क्या कहने हैं-तुम तो एकदम गीली हो चुकी हो-इसका मतलब तुम्हे यह सब पसंद आ रहा है-मैं तो तुम्हे उठक बैठक लगाते देखकर ही समझ गयी थी कि तुम्हे इस बात में मज़ा आता है कि कोई तुम पर हावी होकर अपनी मनमानी करवाये

हिना ने कुछ देर बाद अपनी उंगली शिवानी की योनि में से निकाली और उसे शिवानी के होंठों के नज़दीक ले जाकर बोली : चल मुंह खोल और इसे अपनी जीभ से चाट चाट कर साफ़ कर

शिवानी से अपनी उंगली को काफी देर तक चटवाने के बाद हिना खुद भी काफी गर्म हो चुकी थी और राहत की तलाश में थी

वह फिर से सोफे पर जाकर बैठ गयी और शिवानी से बोली : इधर आकर घुटनों के बल बैठ और मुझे खुश कर

यह कहकर हिना ने अपनी स्कर्ट ऊपर उठाते हुए अपनी भीगी पैंटी नीचे खिसका दी और शिवानी के चेहरे को खींचकर अपने योनि प्रदेश पर लाकर बोली : यहां चूमा चाटी करके मुझे खुश कर चिकनी

शिवानी का पूरा चेहरा हिना की योनि से निकल रहे पानी से गीला हो चुका था लेकिन हिना उसके दोनों गालों पर चपत मार मारकर लगातार कहती जा रही थी : ठीक से चाट साली....अपनी जीभ को अन्दर तक घुसाकर मुझे खुश कर

हिना ने अपनी पूरी तसल्ली के बाद शिवानी को अपनी गिरफ्त से आज़ाद किया-उसके बाद उन दोनों ने वाशरूम में जाकर अपने अपने चेहरे को साफ़ किया और अपने कपडे पहनकर दरवाज़े को अंदर से खोल दिया

उधर गौरव और परवेज़ गप्पें लगाने में व्यस्त थे।

परवेज़ : भाई गौरव तू तो बड़ा जबरदस्त आदमी निकल। अपनी भाभी को तूने पूरी तरह से अपने कंट्रोल में कर रखा है और एक हम हैं कि अपनी वाइफ भी कंट्रोल नही हो रही है। अब तो तुझे ही मेरी मदद करनी पड़ेगी

गौरव : जो मैंने शिवानी के साथ किया है, वह तुम भी हिना के साथ कर सकते हो। इसमे कोई बहुत बडी टेकनीक नही है। बस यह समझने की जरूरत है कि लगभग हर औरत यही चाहती है कि उसे मर्द अपने काबू में करके रखे। एक बार हर लड़की या औरत को ट्रेनिंग की जरुरत होती है। एक बार उसे ट्रेनिंग दे दो बस उसके बाद तुम्हारी सारी जिंदगी मौज ही मौज है

परवेज़ : यार मुझे एक बात बता। तू अभी शिवानी से कान पकड़कर उठक बैठक लगवा रहा था और वह शर्म की वजह से लगा नही रही थी लेकिन तूने जब उससे कुछ और कहना शुरू किया तो वह तेरी बात खत्म होने से पहले ही फटाफट उठक बैठक लगाने लगी। आखिर वह क्या बात थी यार जिससे वह इतना डर गई

गौरव : अरे मैं उससे यह कहने जा रहा था कि अगर उसने फटाफट उठक बैठक लगानी शुरू नहीं की तो मैं उसके कपड़े उतरवाकर उठक बैठक लगवाऊंगा। वह समझ गई कि एक बार मेरे मुंह से जो बात निकल गई वह उसे पूरी करनी पड़ेगी इसलिए वह फटाफट शुरू हो गई थी

परवेज़ : क्या यह ट्रेनिंग हिना को भी मिल सकती है भाई । मैं तो ऐसी ट्रेनिंग के लिए मुंह मांगी फीस भी देने के लिए तैयार हूं जिसमे खूबसूरत लौंडिया भी तुम्हारी सेक्स स्लेव बनकर रह जाये

गौरव : अरे हिना को तो ट्रेनिंग मैं ही दे दूंगा। तेरे लिए इतना तो कर सकता हूँ

परवेज़ : फिर बता कब और कैसे ट्रेनिंग शुरू करनी है

गौरव : बस 3 दिनों के लिए हिना को मेरे पास छोड़ दे। चौथे दिन जब तू हिना को वापस लेने आएगा तो तेरे साथ एक नई हिना ही जायेगी जो तेरे इशारों पर नाचेगी। तू कहेगा कि हिना खड़ी हो जा तो खड़ी हो जाएगी और तू जब कहेगा कि हिना नीचे बैठ जा तो वह बैठ जाएगी

परवेज : यार मेरा लंड तो यह सब सोच सोचकर ही खड़ा हुआ जा रहा है। जब हिना को यह ट्रेनिंग मिल जाएगी तो वह भी मेरे इशारों पर नाचना शुरू कर देगी

परवेज ने हिना को गौरव के पास ही छोड़ दिया। हिना भी खुशी खुशी वहां रहने के लिए तैयार जो गई क्योंकि उसे लग रहा था कि वह यहां शिवानी के साथ मज़े करेगी लेकिन उसे यह नही मालूम था कि अगले तीन दिनों में उसकी लाइफ बिल्कुल बदलने वाली थी

शाम के 5 बज गए थे। परवेज हिना को छोड़कर जा चुका था। गौरव हिना की खूबसूरत जवानी को चखने के लिए बेचैन हो रहा था। अपने टाइट स्लीवलेस टॉप और स्कर्ट मे वह गजब ढा रही थी और गौरव का लंड उसके बारे में सोचकर लगातार कड़क होता जा रहा था

शिवानी को अभी तक यह नही पता था कि गौरव के दिमाग मे हिना को लेकर क्या चल रहा है। वह तो यही सोच सोचकर परेशान थी कि अब तीन दिनों तक उसे गौरव और हिना दोनों मिलकर पेलेंगे

शिवानी यह सब सोच ही रही थी कि गौरव उससे बोला : शिवानी, अगले 3 दिन तक हिना को हम दोनों मिलकर ट्रेनिंग देंगे ताकि इसकी मैरिड लाइफ खुशी खुशी कट सके।

हिना गौरव की यह बात सुनकर एकदम सकते में आ गयी : कैसी ट्रेनिंग ? मुझे कौन सी ट्रेनिंग दी जाएगी ? मुझे नही लेनी कोई ट्रेनिंग

शिवानी को अब सब कुछ समझ आ गया था कि अब गौरव हिना को अगले 3 दिनों तक बुरी तरह से पेलने वाला है जिसे यह सारी जिंदगी याद रखेगी

अभी गौरव अपने कमरे में था और सोफे पर बैठा हुआ था। शिवानी और हिना भी सोफे के सामने रखी कुर्सियों पर बैठी थीं

अचानक गौरव कड़क आवाज़ में हिना की तरफ देखता हुआ बोला : चल खड़ी हो जा-अब तेरी ट्रेनिंग शुरू होगी

गौरव के चेहरे पर शरारत भरी मुस्कान साफ दिख रही थी जिसे शिवानी भली भांति जानती थी लेकिन हिना एकदम अनजान थी

हिना उठकर खड़ी नही हुई तो गौरव ने शिवानी से कहा : लौंडिया थोड़ा झिझक रही है । तुम जरा इसकी मदद करो

शिवानी गौरव का इशारा समझ गई और उठकर हिना के पास आ गयी

शिवानी तो पहले ही हिना से बदला लेने के मूड में थी और अब तो उसे मौका मिल गया था। उसने हिना के दोनों गालों पर जोरदार दो थप्पड़ लगाते हुए कहा : खड़ी हो रंडी। ज्यादा नखरे दिखाएगी तो तुझे नंगा करके खुली छत पर मुजरा करवाऊंगी

हिना अपने दोनों गाल सहलाते हुए कुर्सी से उठकर खड़ी हो गई : यह क्या मज़ाक बना रखा है तुम दोनों ने। मुझे परवेज़ से बात करनी है कि यह सब क्या बदतमीजी है

हिना परवेज से बात करने के लिए अपने मोबाइल फोन की तरफ जैसे ही बढ़ी, शिवानी ने उसके हाथ से मोबाइल छीनकर गौरव को पकड़ा दिया और हिना से सख्त आवाज़ में बोली : चल अपने सारे कपड़े उतार और अपने दोनों हाथ ऊपर उठाकर खड़ी हो जा

गौरव ने हिना के मोबाइल को स्विच ऑफ करके अपने पास रख लिया और हिना की तरफ देखकर अपनी जीन्स में कैद लण्ड को सहलाने लगा​
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