Update 06

हिना शिवानी की तरफ देखकर गिड़गिड़ाती हुई बोली : प्लीज़ ऐसा मत करो...मेरे सारे कपडे मत उतरवाओ ...मुझे बहुत शर्म आती है... मैंने तो आज तक परवेज के लिए भी अपने सारे कपडे नहीं उतारे हैं

शिवानी अपनी मस्ती में थी -उसने एक बार फिर से हिना के गाल पर थप्पड़ लगाया और बोली : जल्दी कर साली, नखरे मत दिखा.

हिना ने गौरव की तरफ देखा की शायद वह कुछ मदद करे लेकिन गौरव तो अपने चेहरे पर शरारती मुस्कान बिखेरते हुए अपने लंड को सहलाने में व्यस्त था

हिना ने और कोई रास्ता न देख अपने टॉप को उतारना शुरू कर दिया -अब उसका चिकना गोरा बदन उसकी नीले रंग की ब्रा में साफ़ दिख रहा था

शिवानी ने ब्रा में कैद उसके मम्मों को दबाया और उसके चिकने पेट पर अपना हाथ फिराते हुए बोली : चल अब स्कर्ट भी उतार

हिना ने एक बार शिवानी और और फिर गौरव की तरफ देखा और बोली : अब बस करो...और कपडे मत उतरवाओ..मैं आप दोनों के हाथ जोड़ती हूँ

शिवानी ( हँसते हुए) : हाथ पैर भी जोड़ लेना लेकिन पहले कपडे उतार कर अपना खूबसूरत बदन तो दिखाना ही पडेगा-इसे किसके लिए छुपा कर रखा हुआ है साली

यह कहते हुए शिवानी ने खुद अपने हाथ से उसकी स्कर्ट के नाड़े को खींच दिया और एक पल में ही उसकी स्कर्ट सरककर नीचे जमीन पर गिर पडी

अब हिना सिर्फ ब्रा और पैंटी में लगभग निर्वस्त्र ही खड़ी हुई थी और उसका गोरा चिकना और मखमली बदन नुमायश पर लगा हुआ था

इससे पहले कि शिवानी हिना की ब्रा और पैंटी भी उतरवाती, गौरव शिवानी से बोला : शिवानी, अब तुम कुर्सी पर बैठ जाओ-अब आगे की ट्रेनिंग इस लौंडिया को मैं खुद दूंगा

यह कहकर गौरव सोफे से उठकर हिना के पास आ गया और बोला : चल अपने दोनों हाथ ऊपर उठा ले

हिना ने अपने दोनों हाथ ऊपर उठा लिए

गौरव ने अपना हाथ हिना के चिकने पेट पर फिराते हुए उसकी ब्रा का हुक खोल दिया और उसकी बार को एक तरफ फेंक दिया -इसके बाद गौरव अपनी उंगली को उसके मखमली मम्मों पर घुमाता हुआ उससे बोला : परवेज ने कभी तेरे साथ ऐसे मज़े लिए हैं क्या ?

हिना : नहीं.. मैंने तो कभी परवेज को भी अपने साथ यह सब बदतमीजी नहीं करने दी जो तुम लोग मेरे साथ कर रहे हो...मैं उससे तुम लोगों की शिकायत करूंगी

गौरव : साली अगर परवेज को यह सब करने देती तो आज तू हमारे सामने अपनी इस खूबसूरती की नुमायश करती हुई इस तरह खड़ी नहीं होती

गौरव ने अपना हाथ उसकी पैंटी में घुसा दिया और उसकी उसकी टांगों के बीच में चिकने योनि प्रदेश पर हाथ फिराने के बाद उसकी पैंटी को भी उतार कर फेंक दिया

गौरव ने एक बार उसके खूबसूरत बदन को जी भरकर देखा कर फिर बोला : साली क्या मस्त और सेक्सी माल है -इसके साथ तो अगले तीन दिन तक बहुत मज़ा आने वाला है

गौरव अब हिना के पीछे जाकर उससे चिपककर खड़ा हो गया और अपने लंड के उभार को उसने हिना के मस्त सुडौल नितम्बों पर रगड़ना शुरू कर दिया -गौरव के हाथ हिना के गोर चिकने दूधिया मम्मों से खिलवाड़ करने में व्यस्त थे और अपने चेहरे को वह हिना की गर्दन और गलों पर रगड़ रगड़ कर मौज ले रहा था

शिवानी यह सब कुर्सी पर बैठकर देख रही थी. उसने अपने हाथ में एक चमड़े का हंटर पकड़ रखा था ताकि हिना अगर कोई शरारत करे तो उसको सबक सिखाया जा सके.

गौरव ने अचानक उसके चेहरे को अपनी तरफ किया और उसके होंठों को अपने होंठों की गिरफ्त में लेकर चूसने लगा -इस बीच हिना ने जैसे ही अपने हाथ नीचे किये, शिवानी ने एक जोरदार हंटर उसके योनि प्रदेश पर मारते हुए कहा : हाथ ऊपर रख साली -जब तक तुझे हाथ नीचे करने के लिए न कहा जाए, तुझे अपने हाथ इसी तरह ऊपर रखने हैं-इसी पोज़ में तू बहुत सेक्सी लग रही है

यह सब करते करते अचानक गौरव के फोन की घंटे बजने लगी. घंटी बजते ही उसे ध्यान आया कि साढ़े 6 बज चुके हैं और उसे तो कहीं जरूरी मीटिंग के लिए पहुंचना था-उसने फोन उठाकर कहा : बस मैं रास्ते में हूँ, अगले दस मिनट में पहुँच रहा हूँ.

गौरव ने अब शिवानी से कहा कि इसके हाथ ऊपर ही रहने दो और उन्हें रस्सी से बांध दो ताकि यह कोई प्रॉब्लम खड़ी न करे तुम्हारे लिए

शिवानी ने पास से एक रस्सी उठाई और हिना से बोली : चल नीचे फर्श पर बैठ

हिना जैसे ही नीचे फर्श पर बैठी , शिवानी ने उसके ऊपर उठे हुए हाथों को एक रस्सी से कसकर बाँध दिया और बोली : अब फिर से खड़ी हो जा

हिना अब फिर से उठकर खड़ी हो गयी

गौरव शिवानी से यह कहकर चला गया : मैं डिनर के टाइम 9 बजे तक वापस आ जाऊँगा -तब तक तुम इसे अपने हिसाब से ट्रेनिंग देती रहना

गौरव के जाने के बाद अब हिना और शिवानी कमरे में अकेले रह गयीं थीं. शिवानी अब सोफे पर बैठ गयी थी और हिना उसके सामने पूरी तरह से न सिर्फ निर्वस्त्र अवस्था में खड़ी हुई थी, बल्कि उसके हाथ ऊपर उठे हुए थे और रस्सी से बंधे हुए थे . हिना पूरी तरह से बेबस थी और शिवानी के रहमो करम पर थी.

शिवानी पिछले काफी दिनों से खुद ही बहुत परेशान थी क्योंकि उसे गौरव बुरी तरह से पेल रहा था- आज बहुत लम्बे समय बाद उसे ऐसा मौका मिला था जब गौरव का ध्यान उसकी तरफ से हटकर कुछ दिनों के लिए हिना की तरफ चला गया था

शिवानी इस सुनहरे मौके का भरपूर फायदा उठाना चाह रही थी. वह हिना की तरफ देखकर हंसती हुई बोली : क्यों चिकनी, अब कैसा लग रहा है ? उस दिन तो बहुत ओवर स्मार्ट बन रही थी और मुझे ब्लैकमेल कर रही थी आज खुद ही नंगी होकर मेरे सामने खड़ी है- मज़ा आ रहा है ना ?

हिना : मुझे माफ़ कर दो मैडम. मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गयी थी. अब मुझे और ज़लील मत करो और मुझे घर जाने दो

शिवानी : जाने देंगे...जल्दी क्या है-अभी तो तुम्हारे साथ बहुत कुछ होना बाकी है-बहुत लम्बी ट्रेनिंग है पूरी तीन दिनों की-अभी तो एक दिन भी नहीं हुआ है -अब चलो जरा मुझे 100 बार उठक बैठक लगाकर दिखाओं

हिना ने उठक बैठक लगानी शुरू नहीं कीं तो शिवानी ने अपने हाथ में पकडे हुए चमड़े के हंटर को उसके खूबसूरत बदन पर दो तीन बार जोर से लहराते हुए मारा, हंटर लगते ही वह चीखने चिल्लाने लगी और बोली : प्लीज़ अब मत मारो...मैं उठक बैठक लगा रही हूँ

यह कहकर हिना उठक बैठक लगाने लगी. उसके हाथ ऊपर रस्सी से बंधे हुए थे इसलिए वह उठक बैठक लगाते समय और भी अधिक सेक्सी और हॉट लग रही थी

कान पकड़कर उठक बैठक लगाना आसान होता है लेकिन इस पोजीशन में उठक बैठक लगाना हिना को बहुत मुश्किल पड़ रहा था क्योंकि वह अपना संतुलन नहीं बना पा रही थी. शिवानी उसकी प्रॉब्लम को समझ चुकी थी लेकिन वह तो मज़े लेने के मूड में थी. उसने हिना की परेशानी को थोड़ा और बढते हुए कह दिया : जरा अपनी टाँगे खोलो और फिर उठक बैठक लगाओ -ऐसे मज़ा नहीं आ रहा है

शिवानी लगातार अपने मोबाइल में हिना की इस उठक बैठक का वीडियो बना रही थी

हिना : मेरी वीडियो क्यों बना रही हो मैडम, प्लीज़ ऐसा मत करो...

शिवानी : सुन चिकनी, 3 दिन बाद तू तो यहां से चली जायगी लेकिन मुझे तुझसे अपनी गुलामी अब पूरी जिंदगी करवानी है -अब जब तक तू मेरे हुक्म का पालन करती रहेगी-तेरी यह वीडियो मेरे पास सुरक्षित रहेंगी, नहीं तो इन्हे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया जाएगा

हिना अब तक 40 उठक बैठक लगा चुकी थी और अब बहुत थकी हुई लग रही थी. वह शिवानी से बोली : मैडम प्लीज़...अब और उठक बैठक मत लगवाओ...मैं बहुत थक गयी हूँ-आप और जो भी कुछ करने के लिए मुझे बोलेंगी, मैं वह सब करने के लिए तैयार हूँ

शिवानी को तो अपने कानों पर यकीन ही नहीं हो रहा था-चिकनी लौंडिया हिना जो अपने पति को भी हाथ नहीं लगाने देती थी, अब शिवानी के लिए सब कुछ करने के लिए तैयार है

हिना जो कुछ भी बोल रही थी, शिवानी उसकी वीडियो बनाती जा रही थी. शिवानी हिना से बोली : अब जरा बोल की मैं सारी जिंदगी के लिए शिवानी मैम की गुलाम बनने के लिए भी तैयार हूँ

हिना बोलने लगी : मैं आज से शिवानी मैम की सारी जिंदगी के लिए गुलाम बनने के लिए तैयार हूँ

अब शिवानी उस से बोली : चल अब तुझे उठक बैठक लगाने की जरूरत नहीं है-अब मैं तुझे ऐसा काम देती हूँ, जिसमे तुझे आराम ही आराम मिलेगा -चल इधर मेरी टांगों से सामने आकर घुटनों के बल बैठ जा

हिना शिवानी के सामने आकर बैठ गयी

शिवानी ने अपने एक पैर को हिना के खूबसूरत चेहरे पर रगड़ना शुरू कर दिया -शिवानी उसे ज्यादा से ज्यादा ज़लील करना चाहती थी और इस सबकी वह अपने मोबाइल में वीडियो भी बनाती जा रही थी. अपने पैर के अंगूठे को शिवानी ने हिना के होंठों पर फिराते हुए कहा : इसे अपने मुंह में लेकर इस तरह से चूस जैसे गौरव का लण्ड चूस रही हो

अंगूठा चुसवाने के बाद शिवानी ने अपने तलवे हिना के आगे करते हुए हँसते हुए कहा : अब जरा मेरे पैरों के तलवे भी चाट साली

अपने दोनों पैरों के तलवे चटवाने के बाद शिवानी भी काफी गर्म हो चुकी थी-उसने हिना से कहा : चल अब इधर आ और मुझे अपनी चूमा चाटी से खुश कर

हिना समझ गयी थी की उसे अब क्या करना है

शिवानी ने अपने गाउन की फ्रंट ज़िप खोलकर अपनी पैंटी नीचे खिसका दी और अपने गीले हो चुके चिकने योनि प्रदेश को हिना के चेहरे पर सटा दिया

हिना उसे चूम चाट रही थी और अपनी जीभ को उसकी योनि के अंदर भी डाल रही थी -हिना यह चाहती थी कि अब शिवानी उससे खुश हो जाए और उसे कुछ मुश्किल ट्रेनिंग न दे

हिना जिस तरीके से शिवानी को खुश कर रही थी उससे शिवानी भी उसके प्रति कुछ नरम होती जा रही थी -हिना से अपनी चूमा चाटी करवाने के बाद शिवानी उसे वाशरूम में ले गयी और उसके चेहरे को खुद ही धोकर पोंछ दिया क्योंकि हिना के हाथ बंधे हुए थे और वह उसके हाथ खोलना नहीं चाहती थी.

वाशरूम से बाहर आते आते रात के आठ बज गए थे. अब शिवानी हिना से बोली : देखो तुमने मुझे काफी खुश भी किया है और मेरी सेक्स स्लेव भी बनने के लिए राजी हो गयी हो-इसलिए अब मैं तुम्हे इसका इनाम दे रही हूँ -जब तक गौरव नहीं आता , तब तक तुम्हे खड़ा रहने की जरूरत नहीं है-तुम यहां सोफे पर मेरी गोद में आकर बैठ जाओ -मैं तुम्हारे इस चिकने गोरे मखमली बदन से खिलवाड़ करती रहूंगी -अगर तुम्हे मेरा यह ऑफर पसंद नहीं हो तो तुम अपने हाथ ऊपर करके पहले की तरह खड़ी हो सकती हो

हिना : नहीं मैम, मैं आपकी गोद में बैठने के लिए तैयार हूँ-आप जितना चाहें जैसे चाहें मेरे बदन से खिलवाड़ कर सकती हैं -अब तो मैं आपकी गुलाम हूँ

शिवानी (खुश होती हुई ) : आजा चिकनी बैठ जा मेरी गोद में

हिना शिवानी की गोद में आकर बैठ गयी. उसके हाथ हालांकि अभी भी ऊपर की तरफ बंधे हुए थे लेकिन कम से कम उसे अब खड़े होने से राहत मिल गयी थी

शिवानी के हाथ में हिना अब एक ऐसा खिलौना थी जिसके हाथ बंधे हुए थे, बेबस थी और पूरी तरह निर्वस्त्र थी

शिवानी उसके पूरे बदन पर अपने हाथ फिरा फिराकर मौज ले रही थी- बीच बीच में वह उसके अंगों को चूम भी रही थी -हिना की योनि में शिवानी ने अपनी उंगली घुसा दी थी और उसे आगे पीछे कर रही थी-उंगली निकलने के बाद शिवानी से उस उंगली को हिना के होंठों पर रखते हुए कहा : इसे चाटो

हिना से उंगली चटवाने के बाद उसने हिना से कहा : चल अब जरा अपना मुंह खोल

हिना कुछ समझी नहीं और उसने अपना मुंह खोल दिया

शिवानी : थोड़ा और चौड़ा कर अपने मुंह को

हिना से अपने मुंह को और चौड़ा करके खोल दिया

हिना के मुंह में शिवानी ने दो तीन बार जोर जोर से थूकते हुए कहा : मेरे इस सारे थूक को मेरा प्रसाद समझकर निगल जा मेरी जान

हिना बेबस थी और वह समझ रही थी कि शिवानी उसकी बेबसी का भरपूर फायदा उठा रही -वह चुपचाप शिवानी के थूक को भी निगल गयी

जब नौ बजने में पांच मिनट का समय था, तब शिवानी ने हिना को अपनी गोद से उठाते हुए कहा : अब चल दुबारा से खड़ी हो जा -अब गौरव आने वाला होगा

हिना अब गोद से उठकर दुबारा से खड़ी हो गयी और शिवानी से पूछने लगी : मैम प्लीज़ मुझे बताओ कि इस ट्रेनिंग में और क्या क्या होगा -कुछ ज्यादा परेशानी तो नहीं होगी ?

शिवानी : देख जैसे तू मुझे खुश कर रही है अगर ऐसे ही गौरव सर को भी खुश रखेगी तो तुझे कुछ प्रॉब्लम नहीं होगी - प्रॉब्लम तभी होगी जब गौरव की या मेरी बात नहीं मानेगी

हिना : जी मैम. अब मैं समझ गयी

हिना और शिवानी की यह बातचीत चल ही रही थी कि उसी समय गौरव वापस आ गया और शिवानी से बोला : तुम नीचे जाकर टेबल पर खाना लगवाओ-मैं हिना को लेकर वहीं आता हूँ

शिवानी नीचे चली गयी और गौरव हिना की तरफ देखकर कहने लगा : चलो अब तुम्हारी बाकी की ट्रेनिंग खाना खाने के बाद होगी.

यह कहकर उसने हिना के बंधे हुए हाथ खोल दिए और पहनने के लिए शिवानी की अलमारी में से एक गाउन निकालकर दे दिया

खाना खाने के बाद हिना,शिवानी और गौरव फिर से पहली मंज़िल पर वापस आ गए. पहली मंजिल की छत काफी बड़ी थी और खुली हुई थी. छत में पांच कमरे बने हुए थे. 3 कमरे बंद पड़े थे और दो कमरों में शिवानी और गौरव रह रहे थे. बाकी की छत पर बहुत बड़ा आँगन था-आँगन में भी बैठने के लिए चार कुर्सियां और एक टेबल रखीं थी क्योंकि गौरव और विवेक कभी कभी यहां बैठकर भी चाय नाश्ता आदि करते हैं.

छत में एक ही साइड में सारे कमरे बने हुए थे. बाकी की सभी तीनों साइड 3 फिट की बाउंडरी के साथ खुली हुई थीं और वहां से और घरों की छतें नज़र आती थीं

खाना खाकर वापस आते आते दस बज गए थे. गौरव ने कमरे में जाने से पहले शिवानी से कहा : ऐसा करते हैं, यहीं छत पर थोड़ी देर टहल लेते हैं -बाकी घरों की छतों पर भी लोग इस समय खाना खाकर चहलकदमी कर रहे थे-कुछ घरों की छतों पर बच्चे भी हुड़दंग मचा रहे थे.

इस समय शिवानी और हिना दोनों ही फ्रंट ज़िप वाला गाउन पहने हुए थीं. गौरव क्योंकि बाहर कहीं मीटिंग से आया था, इसलिए उसने अभी तक अपनी जींस और टी शर्ट ही पहनी हुई थी-खाना खाने की जल्दी में उसने अभी तक अपने जूते भी नहीं उतारे थे.

छत पर इस समय बहुत तेज़ और ठंडी हवा चल रही थी और आसमान से निकल रहे पूर्णमासी के चन्द्रमा की रोशनी से सारी छतें चमक रही थीं

दस मिनट तक छत पर टहलने के बाद वे सभी लोग छत पर रखी कुर्सियों पर बैठकर वहां से दूसरे घरों की छतों पर होने वाली चहलकदमी को देखने लगे

गौरव के सामने वाली साइड में शिवानी और हिना बैठी हुई थीं.

गौरव को अब लगा कि थोड़ा मज़ा लेने का यह सही समय है -इसलिए उसने हिना की तरफ देखकर कहा : अब तुम्हारी ट्रेनिंग दुबारा से शुरू हो रही है-चलो खड़ी हो जाओ

हिना कुर्सी से उठकर खड़ी हो गयी और चरों तरफ देखती हुई कहने लगी : यहां तो छतों पर खड़े सब तरफ से लोग हमें देख रहे हैं

गौरव हँसते हुए कहने लगा : कोई बात नहीं. थोड़ा इस तमाशे का मज़ा वे लोग भी ले लेंगे -चल इधर आकर मेरे जूते उतार

गौरव ने कुर्सी पर बैठे बैठे अपनी दोनों टाँगे आगे की तरफ फैला दीं और अपने दाएं हाथ से अपनी जींस में कैद लण्ड को पकड़कर सहलाने लगा

हिना को बहुत अजीब लग रहा था-उसे लग रहा था कि इस समय सब लोगों की नज़रें सभी छतों पर हमारी तरफ ही हैं और उसे गौरव जान बूझ कर ज़लील करने के लिए अपने जूते उतारने को कह रहा था. वह अभी तक अपनी जगह पर खड़ी हुई थी. उसे अपनी जगह से हिलता न देख गौरव ने दुबारा उससे कहा : अब अपने गाउन की ज़िप को पूरा खोलो और यहां आकर मेरे जूते उतारो-अगर अब भी तुमने मेरे हुक्म की तामील नहीं की तो तुम्हे पूरा नंगा करके तुमसे जूते उतरवाऊँगा

अब हिना एकदम सकपका गयी और कहने लगी : प्लीज़ मेरा गाउन मत खुलवाओ. मैंने तो अंदर ब्रा और पैंटी भी नहीं पहनी हैं-मैं ऐसे ही आपके जूते उतार देती हूँ

गौरव : नहीं, तुमने एक बार में मेरी बात नहीं मानी तो अब तुम्हे गाउन खोलना ही पडेगा-जल्दी करो या फिर मैं तुम्हे पूरा नंगा करके परेड करवाऊं ?

अब हिना ने जल्दी से अपने गाउन की ज़िप नीचे सरका दी-ज़िप को नीचे सरकाते ही उसका गाउन इधर उधर तेज़ हवा में उड़ने लगा -अपने हवा में उड़ते गाउन को किसी तरह संभालते हुए हिना जल्दी से गौरव के पैरों के पास आकर बैठ गयी और उसके जूतों के फीते खोलने लगी. हिना को अब राहत महसूस हो रही थी क्योंकि उसे लग रहा था कि जब तक वह नीचे जमीन पर बैठी रहेगी, उसे दूसरी छतों पर से लोग ठीक से नहीं देख पाएंगे और वह शर्म और ज़लालत से तब तक बची रहेगी जब तक वह जमीन पर बैठी रहेगी

अपने जूते उतरवाने के बाद गौरव उससे बोला : चलो अब मोज़े भी उतारो

हिना ने उसके पैरों से मोज़े भी उतार दिए

गौरव अब हिना से बोला : अब मेरे पैरों को अपने हाथों में पकड़कर दोनों को दस दस बार चूमो

जब हिना गौरव के दोनों पैरों पर चुम्मे दे चुकी तो गौरव ने अपने पैरों के तलवों को उसके गालों पर रगड़ते हुए कहा : अब एक एक करके मेरे दोनों पैरों के तलवों को अपनी जीभ से चाटो

हिना अब फिर से गिड़गिड़ाने लगी : मुझे अब और ज़लील मत करो प्लीज़...

गौरव ( हँसते हुए ) : चलो तुम्हे मैं एक और आसान काम बताता हूँ- तुम उठकर खड़ी हो जाओ और अपने दोनों हाथ ऊपर उठाकर आधे घंटे तक खड़ी रहो

कुर्सी पर बैठी शिवानी यह सारा तमाशा देख रही थी-हिना को यह आसान वाला काम दरअसल बहुत मुश्किल लग रहा था क्योंकि उसे मालूम था कि जैसे ही वह अपने दोनों हाथ ऊपर उठाकर खड़ी होगी-दूसरी छतों पर खड़े सभी लोग उसीकी तरफ देखना शुरू कर देंगे-ऊपर से हवा इतनी तेज़ चल रही थी कि उसका खुला हुआ गाउन लगातार उड़ उड़ कर उसके नंगे बदन की नुमायश सबके सामने कर देगा.

गौरव को मालूम था कि हिना इस बात के लिए राजी नहीं होगी और हुआ भी यही. हिना अब गौरव से बोली : नहीं मैं आपके पैरों के तलवे चाटने के लिए तैयार हूँ

यह कहकर उसने गौरव के पैरों के तलवे चाटने शुरू कर दिए

हिना से अपने तलवे चटवाते हुए गौरव अपने लण्ड को सहलाये जा रहा था जो अब तक काफी कड़क हो गया था.

गौरव ने कुर्सी पर बैठे बैठे अपनी जींस की ज़िप खोलकर उसमे से अपने लण्ड को बाहर निकाला और हिना से बोला : अब इसे अपने मुंह में लेकर चूस

हिना : नहीं ..सब देख रहे हैं.. यहां खुले में यह सब मत करवाओ प्लीज़...

गौरव ने अब हिना के दो थप्पड़ लगाए और बोला : चल खड़ी हो साली...

हिना घबराकर उसका लण्ड चूसने के लिए आगे बड़ी लेकिन गौरव के दिमाग में अब कुछ और ही चल रहा था : खड़ी होकर अपना गाउन उतार और एकदम नंगी हो जा -अब तुझे यह मालूम पड़ जाना चाहिए कि अगर मेरी बात पहली बार में नहीं मानेगी तो तुझे कितनी सख्त सजा मिल सकती है -चल खड़ी हो और गाउन उतार कर दिखा -एक बार कह चुका हूँ -दुबारा इस सजा को और बढ़ा दूंगा

हिना घबराई हुई थी. उसने जल्दी से अपने गाउन को उतार दिया और एकदम नंगी अवस्था में वहां गौरव के सामने खड़ी होकर अपने हाथों से अपने मम्मों और चूत को छिपाने का प्रयास करने लगी

अब गौरव उससे बोला : देख सब लोगो की नज़र से बचने का अभी भी एक मौका है. नीचे बैठ जा और मेरे लण्ड को अपने मुंह में ले ले

हिना ने इस बार बिना मौका गँवाए गौरव की बात मान ली और जमीन पर बैठ गयी और उसके लण्ड को अपने मुंह में लेकर उस पर अपनी जीभ और होंठों से मालिश करने लगी.

हिना गौरव के खड़े लण्ड को अपने मुँह में लेकर उस पर अपनी जीभ फिराए जा रही थी। गौरव पूरी मस्ती में था। वह बीच बीच मे हिना के गालों पर हल्के हल्के चपत भी मार रहा था और बोल रहा था : ठीक से चूस साली। क्या आज से पहले किसी मर्द का लण्ड अपने मुंह मे नही लिया है तूने ?

हिना तो पहली बार ही किसी का लंड चूस रही थी, यह बात गौरव को मालूम थी फिर भी वह उसे ज़लील करने के मूड में था। उसने अब शिवानी की तरफ देखकर कहा : जाओ शिवानी मेरे कमरे से चमड़े का हंटर लेकर आओ

शिवानी झट से उठी और हंटर लेकर गौरव के सामने हाज़िर हो गई।

गौरव : इस चिकनी के पिछवाड़े को इस हंटर से गर्म करना शुरू करो। यह थोड़ा उछलेगी तो ठीक से लंड चूसेगी

शिवानी समझ गई कि गौरव क्या चाहता है।

उसने जोर जोर से हंटर हिना के सुडौल नितंबों पर मारने शुरू कर दिये और जैसी की उम्मीद थी, हंटर लगते ही हिना का पूरा दूधिया बदन उछलने लगा और उसके मस्त मस्त मम्मे भी हिल हिल कर गौरव की टांगों से टकराने लगे। अब गौरव को बहुत मज़ा आ रहा था। कुछ देर में उसने अपने लण्ड की पिचकारी हिना के मुंह मे छोड़ते हुए उससे कहा : मेरे सारे जूस को पी जा। एक बूंद भी तेरे मुंह से बाहर नहीं गिरनी चाहिए

हिना तो पहले ही बहुत डरी हुई थी। वह सारा वीर्य चुपचाप पी गई।

गौरव ने अपने लण्ड को उसके मुंह मे से बाहर निकाला और बोला : अब इसे चाट चाट कर साफ कर

हिना गिड़गिड़ाते हुए बोली : प्लीज़ मुझे हंटर मारना बंद करो। मैं तो आपकी सब बातें मान रही हूँ। फिर मुझे हंटर क्यों मारे जा रहे हैं। मुझे बहुत दर्द हो रहा है। अब मत मारो प्लीज़

शिवानी ने हंटर मारने बंद कर दिए तो गौरव उससे बोला : रुको मत। इसे हंटर मारती रहो। इसकी ट्रेनिंग के लिए यह सब बहुत जरूरी है। इस साली ने अपने पति को बहुत परेशान करके रखा है। वह बता रहा था कि पिछले 6 महीने में इन दोनों ने सिर्फ 10 बार ही सेक्स किया है। यह रंडी अपने पति को अपने खूबसूरत बदन को हाथ ही नही लगाने देती है। मेरा लण्ड तो यह अपने मुंह मे लेकर कुतिया की तरह चूस रही है लेकिन उसके लण्ड को आज तक इसने अपने हाथ मे भी नही लिया है। क्यों साली मैं ठीक कह रहा हूँ ना ?

हिना अब तक गौरव का लण्ड चाट चाट कर साफ कर चुकी थी। उसने अपने लण्ड को वापस जीन्स में डालकर ज़िप बन्द करते हुए फिर से हिना की तरफ देखकर पूछा : बोल साली, जो मैं कह रहा हूँ वही बात है या फिर कुछ और है ?

हिना : जी आप ठीक कह रहे हैं​
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