Episode 15


छोटे लंड का पति
लेखक: अंजान ©

मेरा नाम सोहा अहमद डिसिल्वा है। मैं अठाईस साल की हूँ और दिखने में खूबसूरत और सैक्सी हूँ। दो साल पहले की बात है मैं एक मल्टीनेश्‍नल कंपनी में काम करती थी। उसी मल्टीनेश्‍नल कंपनी में फ्रांसिस डिसिल्वा भी काम करने के लिये आये। मैं उनसे सीनियर थी। फ्रांसिस बेहद हैंडसम और खुशमिज़ाज़ थे। जब से उन्होंने ऑफिस जॉयन किया था तब से ही मैं दिल ही दिल उन पर मर मिटी। मेरी तब तक शादी नहीं हुई थी। धीरे-धीरे हम दोनों में गहरी दोस्ती हो गयी और फिर हमारी दोस्ती मोहब्बत में बदल गयी।

मेरे घर वाले हमारे रिश्ते के खिलाफ थे क्योंकि फ्रांसिस क्रिस्चन थे और मैं *| फिर घरवालों की रज़ामंदी के बगैर ही दो महीने के बाद हम दोनों ने कोर्ट में शादी कर ली।

फ्रांसिस का एक छोटा भाई भी था, जॉन। वो फ्रांसिस से सात साल छोटा था और उसकी उम्र बीस साल की थी और मेरी उम्र छब्बीस साल की थी। फ्रांसिस जॉन को बेहद मानते थे। जॉन फ्रांसिस से ज्यादा हैंडसम था और ताकतवर भी। वो बेहद शरारती भी था। हम दोनों एक दूसरे से खूब हंसी मज़ाक करते थे। मुझे उसका हंसी मज़ाक करना बेहद अच्छा लगता था। फ्रांसिस भी हम दोनों को देख कर बेहद खुश रहते थे। शादी के बाद फ्रांसिस ने मुझसे नौकरी छोड़ देने को कहा तो मैंने नौकरी छोड़ दी। अब मैं घर पर ही रहने लगी। जॉन बी-ए फाइनल में पढ़ रहा था।

फ्रांसिस से शादी हो जाने के बाद मैं उनके घर आ गयी। फ्रांसिस ने शादी के वक्त पंद्रह दिनों की छुट्टी ले ली थी और घर पर ही रहते थे। सुहागरात के दिन जब मैंने फ्रांसिस का लंड देखा तो मेरे सारे ख्वाब टूट कर बिखर गये। उनका लंड महज़ तीन इंच लम्बा और बेहद पतला था। उन्होंने जब पहली-पहली दफा अपना लंड मेरी चूत में घुसाया तो मेरे मुँह से सिर्फ एक हल्की सी सिसकारी भर निकली और उनका पूरा का पूरा लंड एक ही धक्के में मेरी चूत के अंदर समा गया। उन्होंनें बड़ी मुश्किल से पाँच मिनट ही मुझे चोदा और झड़ गये। मैं उदास रहने लगी। लेकिन इससे मेरी मोहब्बत में ज़रा भी कमी नहीं आयी और मैं उनसे दिल-ओ-जान से मोहब्बत करती थी।

पंद्रह दिनों के बाद जब वो ऑफिस जाने लगे तो उन्होंने मुझसे कहा, “जॉन की बहुत देर तक सोने की आदत है। उसको जगा देना और कॉलेज भेज देना!”

मैंने कहा, “ठीक है!” फ्रांसिस चले गये।

उनके जाने के बाद मैं जॉन को जगाने उसके रूम में गयी। मैंने जॉन को जगाया तो वो उठ गया। मैंने जॉन से कहा, “जब तुम्हारे भैया की शादी नहीं हुई थी तब तुम्हे कौन जगाता था?”

वो बोला, “भैया जगाते थे!”

जॉन फ़्रेश होने चला गया और मैं उसके लिये नाश्ता बनाने चली गयी। नाश्ता करने के बाद जॉन कॉलेज चला गया। फ्रांसिस नौ बजे ऑफिस चले जाते थे और जॉन दस बजे कॉलेज चला जाता था। जॉन कॉलेज से तीन बजे वापस आ जाता था जब कि फ्रांसिस रात के सात बजे तक वापस आते थे। अगले दिन फ्रांसिस के ऑफिस चले जाने के बाद मैं जॉन को जगाने गयी। जैसे ही मैं जॉन के रूम में पहुँची तो मेरी आँखें खुली की खुली रह गयीं। जॉन गहरी नींद में सो रहा था और खर्राटे भर रहा था। उसकी लुंगी खुल कर बेड के किनारे पड़ी हुई थी और उसका लंड खड़ा था। उसका लंड आठ इंच लम्बा और बेहद मोटा था। मैं सोचने लगी कि बड़े भाई का लंड तीन इंच लम्बा है आ छोटे भाई का आठ इंच लम्बा। कुदरत भी क्या क्या करिश्मे करती है।

मैं बेहद सैक्सी थी और शादी के बाद फ्रांसिस मेरी प्यास जरा सा भी नहीं बुझा पाये थे इसलिये मैं जॉन के लंड को ध्यान से देखती रही। मुझे जॉन का लंड बेहद अच्छा लग रहा था। उसके लंड को देख कर मेरे दिल में गुदगुदी सी होने लगी। मैंने सोचा काश फ्रांसिस का लंड भी ऐसा ही होता तो मुझे खूब मज़ा आता। मैं बहुत देर तक उसके लंड को देखती रही। अचानक मेरे दिल में खयाल आया कि जॉन को कॉलेज भी जाना है। मैं सोच में पड़ गयी कि उसे कैसे जगाऊँ। वो जागने के बाद पता नहीं क्या सोचेगा। बहुत देर तक मैं खड़ी-खड़ी सोचती रही और उसके लंड को देखती रही। मैंने दिल ही दिल सोचा, काश जॉन ही मुझे चोद देता तो मुझे जवानी का मज़ा तो मिल जाता।

मैं जॉन के नज़दीक गयी और कहा, “जॉन, साढ़े नौ बज रहे हैं। उठना नहीं है क्या?” वो हड़बड़ा कर उठा तो उसने खुद को एक दम नंगा पाया। वो कभी मुझे और कभी अपने लंड की तरफ़ देखने लगा।

मैंने कहा, “तुम ऐसे ही सोते हो क्या। तुम्हें शर्म नहीं आती?”

वो बोला, “गहरी नींद में सोने की वजह से अक्सर मेरी लुंगी खुल कर इधर उधर हो जाती है। आज आपने भी मेरा लंड देख ही लिया। अब क्या होगा।“

मैंने कहा, “होगा क्या?”

उसने अपने लंड कि तरफ़ इशारा करते हुए कहा, “भाभी! ये मुझे बेहद परेशान करता है। अक्सर सुबह को ये खड़ा हो जाता है!” इतना कह कर उसने अपनी लुंगी उठानी चाही तो मैंने तुरन्त ही उसकी लुंगी उठा ली और कहा, “तुम ऐसे ही बहुत अच्छे लग रहे हो!”

वो बोला, “क्या मैं ही अच्छा लग रहा हूँ। क्या मेरा लंड अच्छा नहीं है?”

मैंने कहा, “वो तो बेहद अच्छा है!”

वो बोला, “पसन्द आया आपको?”

मैंने कहा, “हाँ!”

वो बोला, “फिर ठीक है। चाहो तो हाथ लगा कर देख लो!”

मैंने कहा, “कॉलेज नहीं जाना है क्या?”

“जाना तो है। आप इसे हाथ से पकड़ कर देख लो। उसके बाद मैं कॉलेज चला जाऊँगा।”

मेरा दिल तो जॉन से चुदवाने को कर रहा था लेकिन ये बात मैंने जाहिर नहीं होने दी। मैंने कहा, “अगर तुम कहते हो तो मैं पकड़ लेती हूँ... लेकिन तुम कुछ और तो नहीं करोगे ना।”

वो बोला, “बिल्कुल नहीं!”

मैंने कहा, “फिर ठीक है!”

मैं जॉन के बगल में बेड पर बैठ गयी। जोश के मारे मेरी चूत गीली हो रही थी। उसने मेरा हाथ अपने लंड पर रख दिया तो मैंने जॉन का लंड पकड़ लिया। थोड़ी देर तक मैं उसके लंड को पकड़े रही तो वो बोला, “सहलाओ ना इसे!” मैंने उसके लंड को धीरे-धीरे सहलाना शुरु कर दिया। मेरे सहलाने से उसका लंड और ज्यादा टाइट हो गया। थोड़ी देर बाद मैंने कहा, “अब जाओ, नहा लो!”

वो बोला, “और सहलाओ ना।”

मैं उसका लंड सहलाने लगी। वो बोला, “चुदवाओगी?”

मैंने कहा, “नहीं। पागल हो क्या?”

उसने पूछा, “क्यों, मेरा लंड आपको पसन्द नहीं आया?”

मैंने कहा, “लंड तो तुम्हारा... माशा अल्लाह बेहद दिलकश है!”

वो बोला, “फिर चुदवा लो ना!”

मैंने कहा, “मैं तुम्हारी भाभी हूँ। मैं तुमसे नहीं चुदवाऊँगी!”

वो बोला, “फिर तो आपको सारी जिन्दगी जवानी का मज़ा नहीं मिल पायेगा!”

मैंने पूछा, “क्यों?”

वो बोला, “भैया का लंड सिर्फ तीन इंच का ही है। मैं जानता हूँ कि उनसे चुदवाने में किसी भी औरत को बिल्कुल भी मज़ा नहीं आयेगा!”

मैंने कहा, “तुम कैसे जानते हो कि उनका लंड छोटा है?”

वो बोला, “हम दोनों बहुत दिनों तक साथ ही साथ एक दम नंगे ही नहाते थे। हम दोनों एक दूसरे के लंड के बारे में अच्छी तरह जानते हैं। आप मुझसे चुदवा लो। मैं आपको जवानी का पूरा मज़ा दूंगा!”

मैंने कहा, “तुम्हारे भैया को पता चलेगा तो वो क्या कहेंगे?”

जॉन बोला, “कुछ नहीं कहेंगे... क्योंकि वो काफी ब्रोड मायंडिड हैं... वो जानते हैं कि उनका लंड छोटा है और वो किसी औरत को पूरा मज़ा नहीं दे सकते!”

मैंने कहा, “अच्छा देखा जायेगा। अब तुम जाओ नहा लो। मैं नाश्ता बनाती हूँ!”

जॉन नहाने चला गया और मैं किचन में नाश्ता बनाने चली गयी। नहाने के बाद जॉन ने नाश्ता किया और कॉलेज चला गया। उस दिन जब मैं रात में सोने के लिये अपने रूम में गयी तो फ्रांसिस जाग रहे थे। मैं जैसे ही बेड पर उनके पास बैठी तो उन्होंने पूछा, “कैसा लगा जॉन का लंड?”

मैंने कहा, “क्या मतलब है तुम्हारा?”

वो बोले, “शादी के पहले मैं ही जॉन को जगाया करता था। अक्सर उसकी लुंगी खुल कर इधर उधर हो जाती थी और उसका लंड दिखायी देता था। अब तो तुम ही जॉन को जगाती हो। मैं समझता हूँ कि तुमने अब तक जॉन का लंड देख लिया होगा। इसी लिये मैं पूछ रहा हूँ कि जॉन का लंड तुम्हें पसन्द आया या नहीं!”

मैंने शर्माते हुए कहा, “आज जब मैं जॉन को जगाने गयी थी तो उसकी लुंगी खुल कर बेड के किनारे पड़ी थी, तभी मैंने उसका लंड देखा था। उसका लंड तो बहुत ज्यादा लम्बा और मोटा है। उसकी बीवी को जवानी का भरपूर मज़ा मिलेगा!”

वो बोले, “मैं जानता हूँ कि मैं तुम्हें पूरा मज़ा नहीं दे सकता क्योंकि मेरा लंड तो किसी छोटे लड़के की तरह है। अगर तुम चाहो तो जॉन से चुदवा कर जवानी का पूरा मज़ा ले लो और मुझे जरा सा भी एतराज़ नहीं है और ना ही मैं तुम्हें मना करूँगा। इस तरह घर की बात घर में ही रह जायेगी। किसी को कुछ भी पता नही चलेगा!”

मैंने कहा, “तुम नशे में तो नहीं हो?”

वो बोले, “मैं पूरे होश में हूँ। ऑय लव यू सो मच और मैं नहीं चाहता कि मेरी वजह से तुम सारी ज़िन्दगी जवानी का मज़ा ना ले पाओ। तुम जॉन से चुदवा कर जवानी का पूरा मज़ा उठाओ!”

मेरा दिल तो पहले से ही जॉन से चुदवाने को हो रहा था। अब तो मुझे अपने हसबैंड से इज़ाज़त भी मिल गयी। मैं बहुत खुश हो गयी। मैंने कहा, “ठीक है, देखा जायेगा!”

वो बोले, “देखा नहीं जायेगा... तुम उस से कल ही चुदवा लो। कल उसे कॉलेज मत जाने देना और सारा दिन खूब जम कर चुदवाना और मज़ा लेना!”

मैंने कहा, “ठीक है। मैं कल जॉन से चुदवाने की कोशिश करूँगी!”

उसके बाद हम सो गये। अगले दिन फ्रांसिस के ऑफिस चले जाने के बाद मैं नहाने चली गयी। नहाने के बाद मैंने अंदर कुछ भी नहीं पहना। मैंने सिर्फ एक पतली सी नाइटी पहन ली क्यों कि आज मुझे जॉन से चुदवाना था। उसके बाद मैं ऊँची हील की चप्पल पहन कर जॉन के कमरे में गयी। मेरे दिल में अभी भी उसके लंड का खयाल बार-बार आ रहा था। मैं उसके लंड को बार-बार देखना चाहती थी। मैं उसके रूम में पहुँची तो जॉन सो रहा था। आज उसकी लुंगी खुल कर बेड के नीचे ज़मीन पर पड़ी थी। उसका लंड एक दम खड़ा था। मैंने उसकी लुंगी उठा कर ड्रेसिंग टबेल पर रख दी। उसके बाद मैं जॉन के बगल में बैठ गयी और उसके लंड को देखने लगी। धीरे-धीरे मुझे जोश आने लगा और मेरी आँखें गुलाबी सी होने लगी। मेरा दिल कर रहा था कि मैं उसके लंड को पकड़ लूँ लेकिन मेरे दिल में खयाल आया कि जॉन क्या सोचेगा। कहीं वो बुरा न मान जाये । मैं बहुत देर तक उसके लंड को देखती रही। जोश के मारे मेरी चूत गीली होने लगी। मुझसे और ज्यादा बर्दाश्त नहीं हुआ और मैंने उसके लंड को पकड़ लिया। जॉन फिर भी नहीं उठा तो मैं उसके लंड को सहलाने लगी। दो मिनट में ही जॉन उठ गया।

उसने मुझे अपना लंड सहालते हुए देखा तो बोला, “लगता है कि आज चुदवाने का इरादा है!”

मैंने कहा, “कुछ ऐसा ही समझो!”

वो बोला, “फिर आ जाओ।”

इतना कह कर जॉन ने मुझे अपनी तरफ़ खींच लिया। मैं जोश में आ चुकी थी इसलिये कुछ भी नहीं बोल पायी। उसके लंड को हाथ लगाने से मेरे सारे बदन में आग-सी लगने लगी थी। जॉन ने मेरे होंठों को चूमते हुए बोला, “और तेजी से सहलाओ!”

मैं चुपचाप उसके लंड को तेजी से सहलाने लगी। मैं उसका लंड सहालती रही और वो मेरे होंठों को चूमता रहा। थोड़ी ही देर में उसका लंड एक दम टाइट हो गया। उसके लंड का सुपाड़ा बेहद मोटा था और एकदम गुलाबी सा दिख रहा था। मैंने अपनी अंगुली उसके लंड के सुपाड़े पर फिरनी शुरु कर दी तो वो आहें भरते बोला, “ओह भाभी, बहुत मज़ा आ रहा है!”

जॉन जोश के मारे पागल सा हुआ जा रहा था। उसने मेरे बदन पर से नाइटी खींच कर फेंक दी तो मैं एक दम नंगी हो गयी। मैंने शरम से अपनी आँखें बन्द कर लीं। उसने मेरे निप्पलों को मसलना शुरु कर दिया। मैं जोश से पागल सी होने लगी। मेरी चूत और ज्यादा गीली हो गयी। जॉन ने मेरा चेहरा अपने लंड की तरफ़ करते हुए कहा, “देखो भाभी, आपके सहलाने से ये पूरे जोश में आ गया है!”

मैंने अपनी आँखें खोल दी।

वो बोला, “इसे अपने मुँह में ले लो!” उसने मेरा सिर पकड़ कर अपने लंड की तरफ़ खींच लिया और उसके लंड का सुपाड़ा मेरे मुँह से आ लगा। उसने कहा, “चूसो न इसे!”

मैंने उसके लंड के सुपाड़े को अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मैं काफी देर तक उसके लंड को चूसती रही और वो एक हाथ से मेरा सिर सहालाता रहा और दूसरे हाथ से मेरे बूब्स को मसलता रहा। थोड़ी देर बाद उसके लंड का रस मेरे मुँह में निकलने लगा। मैंने अभी तक फ्रांसिस के लंड के रस का स्वाद नहीं लिया था इसलिये मुझे उसके लंड के रस का स्वाद बहुत अच्छा लग रहा था। मैं उसके लंड का सारा रस निगल गयी।

जॉन बहुत खुश हो गया और बोला, “आज तो मज़ा आ गया। चुदवाओगी?”

मैंने कहा, “नहीं!”

वो बोला, “क्यों। अभी तो कह रही थी कि कुछ ऐसा ही समझ लो! अब कह रही हो, नहीं!”

मैंने कहा, “तुम्हारा बहुत बड़ा है। दर्द बहुत होगा!”

वो बोला, “तो क्या हुआ, मज़ा भी तो आयेगा!”

इतना कह कर उसने मुझे बेड पर लिटा दिया और मेरी चूत को सहलाने लगा। मेरे सारे बदन में बिजली सी दौड़ने लगी। उसने अपने होंठ मेरे होंठों पर रख दिये। मैंने भी जोश के मारे उसके होंठों को चूमना शुरु कर दिया। थोड़ी देर बाद जॉन ने एक अंगुली मेरी चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा तो मुझे खूब मज़ा आने लगा मैंने भी जोश के मारे अपने चुतड़ उठाने शुरु कर दिये। थोड़ी ही देर के बाद मुझे लगा कि मेरी चूत से कुछ निकलने वाला है।

मैंने शर्माते हुए जॉन से कहा, “अपनी अंगुली बाहर निकाल लो!”

वो बोला, “क्यों... अच्छा नहीं लग रहा है?”

मैंने कहा, “बहुत अच्छा लग रहा है। लेकिन मुझे लग रहा है कि मेरी चूत से रस छूटने वाला है!”

वो बोला, “ये तो बहुत अच्छी बात है। जैसे मेरे लंड से रस निकला था उसी तरह आपकी चूत से भी रस निकलेगा!”

इतना कह कर जॉन उठा और मेरे उपर सिक्सटी-नाइन की पोज़िशन में हो गया। उसने अपनी जीभ मेरी क्लिट पर फिराते हुए मेरी चूत को चाटना शुरु कर दिया। मेरे सारे बदन में सनसनी सी होने लगी। मैंने जॉन का लंड मुँह में ले लिया और चूसने लगी। मैं एक हाथ से जॉन का सिर अपनी चूत पर दबाने लगी तो वो मेरी चूत को और ज्यादा तेज़ी के साथ चाटने लगा। मैं और ज्यादा जोश में आ गयी। मैंने जॉन का लंड तेजी के साथ चूसना शुरु कर दिया। अब तक मैं बिल्कुल बेकाबू हो चुकी थी और चाहती थी कि जॉन मुझे चोद दे। तभी मेरी चूत से कुछ गरम-गरम सा निकलने लगा। मुझे बहुत अच्छा लग रहा था। जॉन ने मेरी चूत का सारा का सारा रस चाट लिया। जॉन का लंड भी फिर से खडा हो चुका था। मेरी चूत का सारा रस चाट लेने के बाद जॉन मेरी टाँगों के बीच आ गया। उसने मेरी दोनों टाँगों को फैला कर अपने लंड का सुपाड़ा मेरी चूत के बीच रख दिया। उसके बाद उसने मेरे दोनों मम्मों को मसलते हुए अपने लंड के सुपाड़े को मेरी चूत पर रगड़ना शुरु कर दिया। मेरे सारे बदन में गुदगुदी सी होने लगी और जोश में आ कर मैं सिसकारियाँ भरने लगी।

थोड़ी ही देर में उसका लंड पूरी तरह से टाइट हो गया। तभी उसने एक धक्का लगा दिया। दर्द के मारे मेरे मुँह से चीख निकल गयी। उसके लंड का सुपाड़ा मेरी चूत में घुस गया था। मुझे लग रहा था कि किसी ने एक लोहे की रॉड मेरी चूत में घुसेड़ दी हो। लेकिन मैंने जॉन को बिल्कुल भी मना नहीं किया क्योंकि मैं पूरे जोश में आ चुकी थी और जॉन का पूरा लंड अपनी चूत के अंदर लेना चाहती थी। तभी उसने एक जोर का धक्का और लगा दिया। दर्द के मारे मेरे मुँह से जोर की चीख निकली और मेरी आँखों में आँसू आ गये। लग रहा था कि जैसे कोई गरम लोहा मेरी चूत को चीरते हुए अंदर घुस गया हो।

मैंने कहा, “बाहर निकाल लो अपना लंड, बहुत दर्द हो रहा है!”

उसने कहा, “थोड़ा बर्दाश्त करो, फिर खूब मज़ा आयेगा!”

उसका लंड मेरी चूत में तीन इंच तक घुस चुका था। तभी उसने एक धक्का और लगाया। मैं दर्द से तड़प उठी। लग रहा था कि कोई मेरी चूत को बुरी तरह से फैला रहा है। मेरी चूत हद से काफ़ी ज्यादा फैल चुकी थी। उसका लंड चार इंच तक मेरी चूत में घुस चुका था।

मैंने कहा, “जॉन! अब रहने दो, बहुत दर्द हो रहा है। तुम इतना लंड ही डाल कर मुझे चोद दो। बाकी का लंड बाद में घुसा देना!”

वो बोला, “बाद में क्यों! क्या आप मेरा पूरा लंड अपनी चूत में नहीं लेना चाहती?”

मैंने कहा, “लेना तो चाहती हूँ।”

वो बोला, “तो फिर पूरा अंदर लो!”

इतना कहने के बाद उसने पूरी ताकत से एक जोर का धक्का और मारा। दर्द के मारे मैं तड़प उठी और मेरी आँखों के सामने अन्धेरा छाने लगा। उसका लंड मेरी चूत में पाँच इंच तक घुस गया था। मैं रोने लगी।

वो बोला, “रो क्यों रो रही हो?”

मैंने कहा, “बहुत दर्द हो रहा है। मुझसे ये दर्द बर्दाश्त नही हो रहा है। मेरी चूत फट जायेगी!”

तभी कॉल-बेल बजी। हम दोनों घबरा गये। जॉन बोला, “पता नहीं कौन आ गया इस समय!”

मैंने कहा, “अब आज रहने दो और जा कर देखो कि कौन आया है!”

वो बोला, “जाता हूँ, पहले मैं पूरा लंड तो घुसा दूँ!”

मैंने कहा, “बाद में कर लेना!”

वो बोला, “नहीं! मैं अभी घुसाऊँगा। आप अपने होंठों को जोर से जकड़ लो जिस से आपके मुँह से चीख न निकले!”

मैंने अपने होंठों को जोर से जकड़ लिया। उसने मेरी कमर को पकड़ कर बेहद जोर का धक्का लगा दिया। मैं मछली की तरह तड़पने लगी। मुझे लग रहा था कि मेरी चूत फट जायेगी, मेरे मुँह से चीख निकलने ही वाली थी कि जॉन ने अपने हाथ से मेरा मुँह दबा दिया। उसके बाद उसने पूरी ताकत के साथ दो धक्के और लगा दिये। मेरे मुँह से सिर्फ गूँ-गूँ की आवाज़ ही निकाल पायी और उसका पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में दाखिल हो गया। मैं दर्द के मारे तड़प रही थी और मेरा सारा जिस्म पसीने से नहा गया था। मेरे पैर थरथर कांप रहे थे। मेरा दिल बहुत तेजी के साथ धड़कने लगा था और मेरी साँसें बहुत तेज चलने लगी थी। लग रहा था कि मेरा दिल अभी मेरे मुँह के रास्ते बाहर आ जायेगा। जरा सा रुकने के बाद जॉन ने एक झटके से अपना पूरा का पूरा लंड बाहर खींच लिया। मुझे लगा कि मेरी चूत भी उसके लंड के साथ ही बाहर आ जायेगी। ‘पक’ की आवाज़ के साथ उसका लंड मेरी चूत से बाहर आ गया।

उसने मुझे अपना लंड दिखाते हुए कहा, “देखो भाभी, आपकी चूत की निशानी मेरे लंड पर लगी हुई है!”

मैंने देखा कि उसका लंड आखिर तक मेरी चूत रस से सना हुआ था। तभी उसने अपने लंड के सुपाड़े को फिर से मेरी चूत के मुँह पर रखा और पूरी ताकत के साथ जोर का धक्का लगाते हुए अपना पूरा लंड मेरी चूत में घुसाने की कोशिश की। लेकिन एक धक्के में वो अपना पूरा लंड मेरी चूत में नहीं घुसा पाया। उसने दो धक्के और लगाये तब कहीं जा कर उसका लंड मेरी चूत में पूरा घुस पाया। मैं दर्द से तड़पते हुए चीखने लगी लेकिन जॉन कुछ सुन ही नहीं रहा था। पूरा लंड घुसा देने के बाद उसने फिर से एक ही झटके में अपना लंड बाहर निकाल लिया। तभी फिर से कॉल-बेल बजी।

मैंने कहा, “पहले जा कर देखो तो सही कि कौन है!”

वो बोला, “अभी जाता हूँ!”

उसने फिर से दो धक्के लगाये और अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में घुसा दिया। पूरा लंड मेरी चूत में घुसाने के बाद उसने एक ही झटके से अपना पूरा का पूरा लंड बाहर खींच लिया। ऐसा उसने तीन-चार बार किया। उसके बाद वो हट गया। मैं उठना चाहती थी लेकिन दर्द के मारे मैं उठ नहीं पा रही थी। मेरी चूत में बहुत दर्द हो रहा था। मैं सोचने लगी कि अभी तो उसने सिर्फ अपना पूरा लंड ही मेरी चूत में घुसाया है। जब वो अपना पूरा लंड घुसाते हुए मेरी चुदाई करेगा तब मेरा क्या हाल होगा। मैं तो मर ही जाऊँगी। जॉन ने लुंगी पहन ली और कहा, “आप बाथरूम में चली जाओ। मैं देखता हूँ कौन आया है!”

मैंने कहा, “दर्द के मारे मेरा तो बुरा हाल है। मैं उठ ही नहीं पा रही हूँ और तुम कह रहे हो कि बाथरूम में चली जाओ!”

वो बोला, “फिर आप चादर ओढ़ कर लेटी रहो। मैं जा कर देखता हूँ कि कौन आया है!”

मैंने चादर ओढ़ ली। जॉन दरवाज़ा खोलने चला गया थोड़ी ही देर में जॉन एक औरत के साथ मेरे पास आया। वो औरत करीब पैंतीस साल की दिख रही थी और बेहद खूबसुरत थी। उस औरत ने बेहद सलीके से मेक-अप किया हुआ था और सलवार कमीज़ और साथ ही हाई हील के सैंडल पहने हुए थी।

मैंने पूछा, “कौन है ये?”

जॉन ने कहा, “भाभी... ये नसरीन हैं। हमारे पड़ोस में रहती हैं। इन्हें मेरा लंड बहुत पसन्द है। ये मुझसे चुदवाने आयी है।”

नसरीन ने जॉन से पूछा, “ये तो तुम्हारी भाभी है ना?”

जॉन ने कहा, “हाँ! ये मेरी भाभी सोहा हैं!”

नसरीन को पता चला कि मैं उसकी हम-मज़हब हूँ तो काफी खुश हुई। वो बोली, “सलाम अलैकुम! तुम ये चादर ओढ़ कर क्यों लेटी हुई हो । तबियत तो ठीक है तुम्हारी?”

जॉन बोला, “मैं इनकी तबियत ही ठीक कर रहा था कि तुम आ गयी। मैंने भाभी से बाथरूम में चले जाने को कहा लेकिन ये खड़ी ही नहीं हो पा रही थी। इसलिये इन्होंने चादर ओढ़ ली है!”

इतना कह कर जॉन ने मेरे उपर से चादर हटा दी। नसरीन मेरी हालत देख कर हँसने लगी। जॉन ने कहा, “हँस क्यों रही हो। आपकी हालत तो इससे भी ज्यादा खराब हो गयी थी!”

वो बोली, “क्या तुमने अपनी भाभी को आज पहली बार चोदा है!”

जॉन ने कहा, “अभी चोदा कहाँ है। अभी तो मैंने सिर्फ अपना पूरा लंड ही इनकी चूत में घुसाया था कि आप आ गयी!”

मैंने कहा, “कब से चोद रहे हो इन्हें!”

जॉन बोला, “लगभग दो साल से!”

मैंने पूछा, “इन्हें तेरा लंड अपनी चूत में लेने में तक्लीफ़ नहीं होती। तुमने तो अभी मेरी चूत में सिर्फ अपना लंड घुसाया है और मेरी हालत एक दम खराब हो गयी है!”

नसरीन बोली, “पहली-पहली दफा तो जॉन ने मुझे मार ही डाला था। इसने बड़ी बेरहमी से अपना पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में घुसेड़ दिया था। मैं बहुत चीखी और चिल्लायी थी लेकिन इसने मुझ पर कोई रहम नहीं किया था। मेरी चूत बिल्कुल सूज गयी थी और कईं जगह से कट फट गयी थी। दो दिनों तक मैं ठीक से चल फिर भी नहीं पा रही थी। लेकिन एक मर्तबा जॉन से चुदवाने के बाद मैं अपने आप को रोक नहीं पायी क्योंकि इसने मुझे बेहद अच्छी तरह से चोदा था। मुझे अपने शौहर से चुदवाने में ऐसा मज़ा कभी नहीं मिला था। दो दिनों तक मैंने अपनी चूत की गरम पानी से खूब सिकायी की तब कहीं जा कर मैं कुछ चलने फिरने के काबिल हुई। उसके बाद मैं फिर से इसके पास आ गयी। इसने मुझे सारा दिन बेहद बुरी तरह से चोदा। शाम को जब मैं घर वापस गयी तब तक ये मुझे चार बार चोद चुका था। उसके बाद से तो मैं इसके लंड की दिवानी हो गयी हूँ। आज तुमने भी इसका पूरा लंड अपनी चूत में ले लिया है। अब जब ये तुम्हें चोदेगा तब तुम्हें पता चल जायेगा कि असली चुदाई क्या होती है और उसमें कितना मज़ा आता है!”

मैंने कहा, “मैं भी तो जॉन से चुदवा कर जवानी का मज़ा लेना चाहती हूँ। अभी इसने मेरी चूत में अपना पूरा लंड घुसाया ही था कि आप आ गयी। आप थोड़ी देर आराम लो। पहले मुझे जॉन से चुदवा लेने दो उसके बाद आप चुदवा लेना!”

नसरीन बोली, “सोहा! अगर तुम्हें एतराज़ ना हो तो पहले तुम मुझे जॉन से चुदवा लेने दो। उसके बाद जब जॉन तुम्हारी चुदाई करेगा तो जल्दी नहीं झड़ेगा और तुम्हें पहली पहली दफ़ा की चुदाई में ही पूरा मज़ा आ जायेगा!”

जॉन बोला, “भाभी, नसरीन ठीक कह रही हैं। पहले मुझे इनकी मार लेने दो। उसके बाद जब मैं आपकी चुदाई करुंगा तब आपको खूब मज़ा आयेगा!”

मैंने कहा, “जैसा तुम ठीक समझो वैसा करो!”

जॉन ने नसरीन से कपड़े उतारने को कहा तो उसने अपने कपड़े उतार दिये और एक दम नंगी हो गयी। नसरीन अब सिर्फ अपने सैंडल पहने हुए थी और उसका बदन एक दम गोरा था और वो मुझसे भी ज्यादा खूबसुरत थी।

मैंने जॉन से कहा, “तुम्हारी पसन्द तो बेहद अच्छी है!”

नसरीन जॉन के लंड को मुँह में लेकर चूसने लगी। थोड़ी ही देर में जॉन का लंड खड़ा हो गया। मेरी चूत भी जोश के मारे फिर से गीली होने लगी। मैं भी जल्द से जल्द जॉन से चुदवाना चाहती थी। मैं जानती थी कि जॉन से चुदवाने में मुझे खूब मज़ा आयेगा। अगर नसरीन नहीं आयी होती तो अब तक जॉन मेरी चुदाई कर चुका होता।

नसरीन कुत्तिया वाली डॉगी स्टाइल में हो गयी तो जॉन उसके पीछे आ गया। जॉन ने अपना लंड नसरीन की चूत में घुसाना शुरु कर दिया। नसरीन के मुँह से जरा सी भी आवाज़ नहीं निकल रही थी और जॉन का पूरा का पूरा लंड उसकी चूत में घुस गया। मैं आँखें फाड़े नसरीन को देखती रही। पूरा लंड घुसा देने के बाद जॉन ने नसरीन की कमर को जोर से पकड़ लिया और बेहद जोर-जोर के धक्के लगाते हुए उसकी चुदाई करने लगा। अब हर धक्के के साथ नसरीन के मुँह से “आह... आह...” की आवाज़ निकलने लगी। दो मिनट में ही नसरीन पूरी तरह से मस्त हो गयी और कहने लगी, “और... तेज... और... तेज... फाड़ दे मेरी चूत को...!”

वो अपने चुतड़ आगे पीछे करते हुए जॉन का साथ देने लगी थी। जॉन भी पूरी ताकत के साथ बहुत जोर के धक्के लगा रहा था। जॉन का आठ इंच लम्बा और खूब मोटा लंड नसरीन की चूत में सटासट अंदर बाहर हो रहा था। उसकी चूत के होंठों ने जॉन के लंड को जकड़ रखा था।

जॉन ने मुझसे पूछा, “भाभी! कैसा लग रहा है। अच्छी तरह से चोद रहा हूँ ना!”

मैंने कहा, “तुम्हारा तो जवाब नही है। तुम तो बेहद अच्छी तरह से नसरीन की चुदाई कर रहे हो। मेरी भी चुदाई इसी तरह करना!”

जॉन ने कहा, “भाभी! अभी आपने पूरी तरह से नसरीन की चुदाई कहाँ देखी है। अब देखो कि मैं नसरीन के साथ क्या करता हूँ।”

पंद्रह मिनट गुजर चुके थे। नसरीन अब तक दो बार झड़ चुकी थी। जॉन ने अपना लंड नसरीन की चूत से बाहर निकाला और नसरीन की गाँड में घुसाने लगा। मैं आँखें फाड़े जॉन के लंड को नसरीन की गाँड में घुसता हुआ देखती रही। थोड़ी ही देर में जॉन का पूरा का पूरा लंड नसरीन की गाँड में समा गया। उसके बाद जॉन ने बहुत बुरी तरह से नसरीन की गाँड मारनी शुरु कर दी। नसरीन भी पूरी तरह से मस्त हो चुकी थी। नसरीन को चुदवाता हुआ देख कर मेरी चूत गीली हुई जा रही थी। मैं भी अपनी चूत में अंगुली डाल कर अंदर बाहर करने लगी। थोड़ी देर बाद जॉन ने अपना लंड नसरीन की गाँड से बाहर निकाल कर उसकी चूत में डाल दिया और पूरे ताकत के साथ जोर-जोर के धक्के लगाते हुए उसकी चुदाई करने लगा।

जॉन काफी अच्छी तरह से नसरीन की चुदाई कर रहा था और उसकी गाँड मार रहा था। करीब तीस मिनट की चुदाई के बाद जॉन झड़ गया। नसरीन भी दो बार झड़ चुकी थी। लंड का सारा रस नसरीन की चूत में निकाल देने के बाद जॉन ने अपना लंड उसकी चूत से बाहर निकाला तो नसरीन ने लपक कर उसके लंड को अपने मुँह में ले लिया और उसके लंड को चाट-चाट कर साफ़ करने लगी। उसके बाद नसरीन ने अपने कपड़े पहने और आँख मारते हुए मुझसे बोली, “सोहा! अब तुम सारा दिन जॉन से चुदाई का मज़ा लो...! और जॉन हो सके तो सोहा को एक-दो पैग लगवा दो.. खूब मज़े से चुदवायेगी फिर तुमसे!”

उसके बाद वो घर चली गयी। मेरे ज़हन में बार-बार नसरीन की चुदाई का मंज़र घूम रहा था। जॉन ने नसरीन को खूब अच्छी तरह से चोदा था। जॉन बोला, “भाभी नसरीन सही कह रही है... मैं आप के लिए एक ज़ोरदार पैग बना देता हूँ, फिर आपको चुदवाने में ज्यादा मज़ा आयेगा!”

ये कह कर वो पैग लाने बाहर चला गया। मैंने पहले कईं दफ़ा फ्रांसिस के कहने पर उनके साथ पी थी। जॉन ने मुझे ला कर पैग दिया तो मैंने किसी तरह जल्दी हलक के नीचे उतारा क्योंकि पैग बेहद स्ट्राँग था। पीने के बाद मेरा तो सिर हल्का लगने लगा और मुझ पर मस्ती छाने लगी।

पंद्रह-बीस मिनट के बाद जॉन बोला, “आप मेरा लंड सहलाओ, अब मैं आपकी चुदाई करुँगा। मैं तो जॉन के लंड की दीवानी हो चुकी थी। मैंने उसी वक्त उसके लंड को हाथ में पकड़ लिया और सहलाने लगी। उसने मेरे मम्मों को मसलते हुए मेरे होंठों को चूमना शुरु कर दिया। थोड़ी ही देर में उसका लंड टाइट हो गया। वो बोला, “अब थोड़ी देर तक आप मुँह में लेकर चूसो इसे। इससे मेरा लंड और ज्यादा टाइट हो जायेगा!”

मैंने जॉन के लंड को अपने मुँह में ले लिया और तेजी के साथ चूसने लगी। हल्के नशे की हालत में उसका लंड चूसना मुझे बेहद अच्छा लग रहा था। मैं उसका लंड चूसती रही और वो जोश में आ कर आहें भरते हुए मेरे मम्मों को मसलता रहा। थोड़ी ही देर में उसका लंड पूरी तरह से टाइट हो गया। उसके बाद जॉन मेरी टाँगों के बीच आ गया। उसने मेरी टाँगों को मोड़ कर मेरे कन्धे पर सटा कर दबा दिया। मैं एक दम दोहरी हो गयी और मेरी चूत उपर उठ गयी। मैं इस स्टाइल में फ्रांसिस से कईं दफ़ा चुदवा चुकी थी। इस स्टाइल में चुदवाने पर फ्रांसिस का तीन इंच लम्बा लंड भी मेरी चूत में ज्यादा गहरायी तक घुस जाता था। जॉन का लंड तो फ्रांसिस के लंड से बहुत ज्यादा लम्बा और मोटा था। मैं जानती थी कि मुझे जॉन से चुदवाने में बहुत ज्यादा तकलीफ़ होने वाली है लेकिन मुझे ये भी मालूम था कि मुझे मज़ा भी खूब आयेगा।

जॉन ने अपने लंड का सुपाड़ा मेरी चूत के मुँह पर रखते हुए कहा, “भाभी! आज मैं पहली बार आपकी चुदाई करने जा रहा हूँ। आप चाहे जितना भी चीखोगी या चिल्लाओगी मैं आपकी एक भी नहीं सुनुँगा क्यों कि इसी तरह की चुदाई में औरत को मज़ा आता है और वो अपनी पहली बार की चुदाई को सारी ज़िन्दगी याद करती है। मैं आपकी चूत में पूरा का पूरा लंड घुसाते हुए आपको बहुत बुरी तरह से चोदुँगा!”

मैंने कहा, “जॉन प्लीज़! ऐसा मत करो। मुझे बहुत दर्द होगा। मैं मर जाऊँगी!”

वो बोला, “फिर मुझसे चुदवाने का इरादा छोड़ दो। मैं आपको नहीं चोदूँगा!”

इतना कह कर उसने अपना लंड मेरी चूत के मुँह पर से हटा लिया। मैं ठीक उसी तरह से तड़प उठी जैसे कईं दिनों के भूखे के सामने से खाने की थाली हटा ली गयी हो।

मैंने कहा, “अच्छा बाबा! तुम जैसे चाहो मुझे चोदो। मैं तुम्हें मना नहीं करूँगी!”

वो बोला, “फिर ठीक है!”

उसने अपने लंड का सुपाड़ा फिर से मेरी चूत के मुँह पर रख दिया और अपने पूरे जिस्म का जोर देते हुए एक धक्का मारा। मेरे मुंह से जोर की चीख निकली। मैं दर्द के मारे तड़पने लगी जबकि मैं उसका पूरा लंड अपनी चूत में एक बार अंदर ले चुकी थी। लग रहा था कि कोई गरम लोहा मेरी चूत को चीर कर अंदर घुस गया हो। मेरी चूत का मुँह हद से बहुत ज्यादा फैल गया था। उसने मुझे इस तरह से पकड़ रखा था कि मैं जरा सा भी हिलडुल नहीं पा रही थी। जॉन का लंड इस एक ही धक्के में मेरी चूत में चार इंच तक घुस चुका था। इसके पहले की मैं जॉन को मना कर पाती उसने फिर से एक बेहद जोर का धक्का लगा दिया। मेरा पूरा जिस्म थरथर कांपने लगा। मैं पसीने से नहा गयी। मैं दर्द के मारे जोर-जोर से चिल्लाने लगी। मैंने जॉन से रुक जाने को कहा लेकिन जॉन तो जैसे पागल हो चुका था। वो तो कुछ सुन ही नहीं रहा था। उसका लंड दूसरे धक्के के साथ ही मेरी चूत में और ज्यादा गहरायी तक घुस गया। उसने पूरी ताकत के साथ बेहद जोर का तीसरा धक्का लगाया। इस धक्के के साथ ही उसका पूरा का पूरा लंड मेरी चूत में घुस गया। पूरा लंड मेरी चात में घुसा देने के बाद जॉन रुक गया मेरे मम्मों को मसलते हुए बोला, “क्यों भाभी! मज़ा आया ना?”

मैंने कहा, “तुम बड़े बेरहम हो। तुमने तो मुझे मार ही डाला! धीरे धीरे नहीं घुसा सकते थे क्या?”

वो बोला, “तीन ही धक्के तो लगाये हैं मैंने। इस तरह से लंड घुसाने में जो मज़ा आता है वो मज़ा धीरे-धीरे घुसाने में कहाँ है!”

इतना कहने के बाद जॉन ने धक्के लगाने शुरु कर दिये। मेरी चूत ने उसके लंड को इतनी बुरी तरह से जकड़ रखा था कि चाह कर भी वो तेजी के साथ धक्के नहीं लगा पा रहा था। मुझे नशे और मस्ती के बावजूद भी काफ़ी तेज दर्द हो रहा था और मेरे मुँह से चींखें निकल रही थी। वो धक्के लगाता रहा। धीरे-धीरे मेरी चूत ने उसके लंड को रास्ता देना शुरु कर दिया तो मेरा दर्द कुछ कम होने लगा। मैं दर्द के मारे आहें भरती रही और जॉन धक्के पर धका लगाये जा रहा था। मेरी चूत ने अभी भी उसके लंड को बुरी तरह से जकड़ रखा था इस वजह से जॉन का लंड आसानी से मेरी चूत में अंदर बाहर नहीं हो पा रहा था। वो मुझे धीरे-धीरे चोदता रहा। पाँच मिनट की चुदाई के बाद जब मैं झड़ गयी तो मेरी चूत गीली हो गयी। मेरी चूत ने भी अब जॉन के लंड को थोड़ा सा रास्ता दे दिया था। जॉन ने अपनी रफ़्तार बढ़ानी शुरु कर दी। मेरा दर्द भी अब काफी हद तक कम हो चुका था और मुझे भी मज़ा आने लगा था। जॉन अपनी रफ़्तार बढ़ाता रहा। अब वो पूरे जोश के साथ मुझे चोद रहा था। मैं भी मस्त हो चुकी थी। मैं इसी तरह की चुदाई के लिये इतने दिनों से तड़प रही थी।

पाँच मिनट की चुदाई के बाद मैं फिर से झड़ गयी तो मेरी चूत पूरी तरह से गीली हो चुकी थी। मेरी चूत का खूब सारा रस जॉन के लंड पर भी लग गया था। मेरी चूत ने भी अब जॉन के लंड से हार मान ली थी और अपना मुंह खोल करके लंड को पूरा रास्ता दे दिया। अब उसका लंड मेरी चूत में सटासट अंदर-बाहर होने लगा था। जॉन की रफ़्तार भी अब काफ़ी तेज हो चुकी थी। सारा बेड जोर-जोर से हिल रहा था । लग रहा था कि जैसे रूम में तूफ़ान आ गया है। मैं भी जोश में आ कर अपने चुतड़ उठाने की कोशिश कर रही थी लेकिन जॉन ने मुझे इतनी बुरी तरह से जकड़ रखा था कि मैं चाह कर भी अपने चुतड़ नहीं उठा पा रही थी। जॉन जब अपना लंड मेरी चूत में अंदर घुसाने लगता तो वो मेरे घुटनों को मेरे कन्धे पर जोर से दबा देता था। ऐसा करने से मेरी चूत बिल्कुल उपर उठ जाती थी और उसका लंड मेरी चूत में पूरी गहरायी तक घुस जाता था। उसके लंड का सुपाड़ा मेरी बच्चेदानी के मुँह का चुम्मा लेते हुए उसे पीछे की तरफ़ धकेल रहा था। मुझे इसमें खूब मज़ा आ रहा था। जॉन मुझे बुरी तरह से चोद रहा था। दस मिनट की चुदाई के बाद मैं तीसरी बार झड़ गयी। मैं पूरे जोश में थी और मेरी जोश भरी सिसकारियाँ कमरे में गूँज रही थीं। मैं अब जॉन से कह रही थी, “और... तेज... और... तेज... खूब...। जोर...। जोर... से... चोदो... मुझे...॥ फाड़..डालो... अपनी भाभी की चूत... को...!”

जॉन भी जोश में आ कर आहें भरता हुआ मुझे बहुत बुरी तरह से चोद रहा था। जॉन ताकतवर था ही। वो बहुत जोरदार के धक्के लगा रहा था। मेरे बदन के सारे जोड़ हिलने लगे थे। रूम में धप-धप और छप-छप की आवाज़ गूँज रही थी। साथ ही साथ पूरा बेड भी जोर जोर से हिल रहा था। पंद्रह मिनट की चुदाई के बाद जब जॉन मेरी चूत में झड़ गया तो मैं भी जॉन के साथ-साथ ही चौथी बार झड़ गयी। उसने मेरी टाँगें छोड़ दीं और अपना लंड मेरी चूत में ही डाले हुए मेरे उपर लेट गया। उसका लंड और मेरी चूत हम दोनों के रस से एक दम भीग चुके थे। ढेर सारा रस बेड की चादर पर भी लग गया था और मेरी जाँघों पर भी। जॉन मेरे उपर ही लेटा रहा। हम दोनों एक दूसरे को चूमते रहे। मैं जॉन की कमर को सहलाती रही। वो मेरे होंठों को चूमता रहा और मेरे मम्मों को मसलता रहा और मुझसे कहने लगा, “आपने भैया से भले ही बहुत बार चुदवाया है लेकिन आपकी चूत मेरे लंड के लिये किसी कुंवारी चूत से कम नहीं है। भैया तो आपको औरत नहीं बना पाये थे लेकिन मैंने आपको अब आधी औरत बना दिया है।!”

मैंने कहा, “आधी कैसे? अब तो तुमने मुझे पूरी तरह से औरत बना दिया है!”

वो बोला, “अभी मैंने आपको पूरी तरह से औरत कहाँ बनाया है? थोड़ी देर बाद मैं आपको पूरी तरह से औरत बना दूँगा!”

मैंने कहा, “वो कैसे?”

वो बोला, “आपने देखा था न कि मैंने नसरीन की गाँड और चूत दोनों को बुरी तरह से चोदा था। अभी तो मैंने सिर्फ आपकी चूत की ही चुदाई की है। जब मैं आपकी गाँड भी मार लूँगा तब आप पूरी तरह से औरत बन जाओगी!”

मैंने कहा, “प्लीज़। ऐसा मत करो। मेरी चूत में पहले से ही बहुत दर्द हो रहा है। अगर तुम आज ही मेरी गाँड भी मार दोगे तो मैं तो बेड पर से उठने के काबिल भी नहीं रह जाऊँगी!”

वो बोला, “तो क्या हुआ! मैं आपको आज पूरी तरह से औरत बना कर ही दम लूँगा!”

पंद्रह मिनट गुजर गये तो जॉन का लंड मेरी चूत में ही फिर से खड़ा होने लगा। जैसे ही उसका लंड खड़ा हुआ उसने फिर से मेरी चुदाई शुरु कर दी। इस बार मुझे बहुत हल्का सा दर्द ही हो रहा था क्योंकि उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर ही नहीं निकाला था। इस बार मुझे भी खूब मज़ा रहा था। जॉन पूरे जोश और ताकत के साथ जोर-जोर के धक्का लगाता हुआ मुझे चोद रहा था। दो मिनट में ही मैं एक दम मस्त हो गयी थी और चुतड़ उठा-उठा कर जॉन से चुदवाने लगी। फिर जॉन ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल लिया। उसका लंड मेरी चूत के रस से एक दम भीगा हुआ था। उसने मुझे डॉगी स्टाइल में कर दिया। उसके बाद उसने अपने लंड का सुपाड़ा मेरी गाँड के छेद पर रख दिया और मेरी कमर को जोर से पकड़ लिया। मैं डर गयी क्योंकि अब मुझे बहुत ज्यादा तकलीफ़ होने वाली थी। उसके बाद उसने एक धक्का मारा तो मेरी तो जान ही निकल गयी। उसके लंड का सुपाड़ा मेरी गाँड को चीरता हुआ अंदर घुस गया। मैं दर्द के मारे जोर-जोर से चीखने लगी। तभी उसने दूसरा धक्का लगा दिया इस बार का धक्का इतने जोर का था कि मैं दर्द के मारे तड़प उठी। मैं बेहद बुरी तरह से चीखने लगी। उसका लंड इस धक्के के साथ ही मेरी गाँड में चार इंच तक घुस गया। मैं रोने लगी। मैंने कहा, “अपना लंड बाहर निकाल लो नहीं तो मैं मर जाऊँगी। बेइंतेहा दर्द हो रहा है। मेरी गाँड फट जायेगी!”

जॉन ने एक झटके से अपना लंड मेरी गाँड से बाहर निकाल कर मेरी चूत में घुसेड़ दिया। उसके बाद उसने मेरी चुदाई शुरु कर दी। मुझे थोड़ी ही देर में फिर से मज़ा आने लगा और मैं गाँड के दर्द को भूल गयी। उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाल कर एक झटके से मेरी गाँड में डाल दिया। मेरे मुँह से जोर की चीख निकली। उसके बाद उसने जोर का धक्का लगाया। इस धक्के के साथ ही उसका लंड मेरी गाँड में और ज्यादा गहरायी तक घुस गया। मैं जोर से चिल्लायी, “जॉन! मैं मर जाऊँगी।“

वो बोला, “शाँत हो जाओ। क्या आपने आज तक कभी सुना है कि किसी औरत की मौत चुदवाने से या गाँड मरवाने से हुई है!”

मैंने कहा, “नहीं!”

वो बोला, “फिर घबराओ मत... आप मरोगी नहीं... सिर्फ थोड़ा दर्द होगा। उसके बाद तो आप खुद ही रोज-रोज मुझसे गाँड भी मरवाओगी और चूत की चुदाई भी करवाओगी!”

इतना कहने के बाद उसने पूरी ताकत के साथ फिर से एक धक्का मारा। मेरा जिस्म पसीने से लथपथ हो गया। मेरी आँखों के सामने अन्धेरा छाने लगा। मैं दर्द के मारे जोर-जोर से चीखने लगी। जॉन ने मेरे उपर जरा-सा रहम नहीं किया और बहुत जोरदार एक धक्का और लगा दिया। इस धक्के के साथ ही उसका पूरा का पूरा लंड मेरी गाँड में घुस गया। मैं रोने लगी थी और मेरी आँखों से आँसू बह रहे थे। उसने मुझे बिना कोई मौका दिये ही अपना पूरा का पूरा लंड बाहर खींच लिया और फिर एक झटके में वापस मेरी गाँड में घुसेड़ दिया। मैं फिर से चीखी। उसने मेरी चीख पर कोई भी ध्यान नहीं दिया और ना ही मुझ पर कोई रहम किया। उसने ऐसा चार-पाँच बार किया। मेरी गाँड की हालत बेहद खराब हो चुकी थी। उसके बाद उसने अपना लंड मेरी चूत में घुसा कर मेरी चुदाई शुरु कर दी। थोड़ी ही देर में मैं फिर से सारा दर्द भूल गयी और मुझे मज़ा आने लगा। जॉन ने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकाला और मेरी गाँड में घुसेड़ दिया। मैं फिर से चिल्लायी। लेकिन इस बार जॉन रुका नहीं। उसने तेजी के साथ मेरी गाँड मारनी शुरु कर दी। करीब पाँच मिनट तक मैं चीखती रही। फिर धीरे-धीरे खामोश हो गयी। अब मुझे गाँड मरवाने में भी मज़ा आने लगा था। दस मिनट तक मेरी गाँड मारने के बाद जॉन ने अपना लंड मेरी चूत में घुसा दिया और मेरी चुदाई करने लगा। मैं एक दम मस्त हो चुकी थी और सिसकारियाँ भरने लगी थी। थोड़ी देर बाद जब उसने अपना लंड मेरी चूत से बाहर निकला तो मैंने कहा, “अब तो तुमने मुझे पूरी तरह से औरत बना दिया!”

वो बोला, “अभी कहाँ!”

मैंने कहा, “अब क्या बाकी है?”

वो बोला, “अभी मैंने ठीक से आपकी गाँड कहाँ मारी है। मैं तो अभी आपकी गाँड को ढीला कर रहा था। अगली बार मैं सिर्फ आपकी गाँड मारूँगा और अपने लंड का सारा रस आपकी गाँड में निकाल दूँगा। उसके बाद आप पूरी तरह से औरत बन जाओगी!”

पैंतालीस मिनट के बाद जॉन का लंड खड़ा हो गया तो उसने मेरी गाँड मारनी शुरु कर दी। पहले तो मुझे काफ़ी दर्द हुआ लेकिन थोड़ी ही देर बाद मेरा सारा दर्द खतम हो गया। जॉन बहुत बुरी तरह से मेरी गाँड मार रहा था। मैं भी अब मस्त हो चुकी थी। मुझे भी अब खूब मज़ा आ रहा था। मैं नहीं जानती थी कि गाँड मरवाने में भी इतना मज़ा आता है। इस दफ़ा उसने मेरी चूत को छुआ तक नहीं सिर्फ मेरी गाँड मारता रहा। उसने लगभग पंद्रह मिनट तक खूब जम कर मेरी गाँड मारी और फिर मेरी गाँड में ही झड़ गया। इस दौरान जोश के मारे मेरी चूत से दो दफ़ा पानी भी निकल चुका था। लंड का सारा रस मेरी गाँड में निकाल देने के बाद जॉन हट गया और मेरे बगल में लेट गया।

मैंने मुसकुराते हुए कहा, “अब तो मैं पूरी तरह से औरत बन गयी हूँ या अभी कुछ और भी बाकी है!”

वो बोला, “नहीं, अब तो मैंने तुम्हें पूरी तरह से औरत बना दिया है!”

सारा दिन जॉन मेरी चुदाई करता रहा और मेरी गाँड मारता रहा। शाम के पाँच बजे फ्रांसिस का फोन आया कि ऑफिस में कुछ काम होने की वजह से वो रात के ग्यारह बजे तक आयेंगे। ये सुन कर जॉन खुश हो गया और मैं भी। रात के ग्यारह बजे तक जॉन ने मुझे पाँच दफ़ा चोदा और तीन मर्तबा मेरी गाँड मारी। मुझे पहली दफ़ा जवानी का असली मज़ा आया था और मैं बिल्कुल मस्त हो गयी थी। रात के ग्यारह बजे फ्रांसिस वापस आ गये। मेरी गाँड और चूत बुरी तरह से सूज गयी थी। मैं बेड पर से उठने के काबिल ही नहीं रह गयी थी। जॉन दरवाज़ा खोलने गया तो मैंने एक चादर ओढ़ ली। दरवाज़ा खोलने के बाद जॉन अपने रूम में चला गया। फ्रांसिस मेरे पास आये। उन्होंने मुझे चादर ओढ़ कर लेटे हुए देखा तो बोले, “क्या हुआ?”

मैंने कहा, “वही जो होना चाहिये था। मैंने आज जॉन से सारा दिन खूब जम कर चुदवाया है। उसने मेरी गाँड भी मारी है। आज मुझे जवानी का असली मज़ा मिला है जो कि तुम मुझे कभी नहीं दे सकते थे!”

वो बोले, “चलो अच्छा ही हुआ। अब तुम्हें सारी ज़िन्दगी जॉन से मज़ा मिलता रहेगा। तुम्हें कहीं इधर-उधर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। जॉन से चुदवा कर खुश हो ना?”

मैंने कहा, “हाँ! मैं बेहद खुश हूँ। उसने आज मुझे बेहद अच्छी तरह से चोदा है। मैं जॉन से चुदवाने के बाद पूरी तरह से सैटिसफाइड हूँ!”

तभी फ्रांसिस ने मेरे उपर से चादर खींच ली और मेरी चूत और गाँड को देखने लगे। वो बोले, “तुम्हारी चूत और गाँड की हालत तो एकदम खराब हो गयी है। बेड की चादर भी तुम दोनों के रस से से एक दम भीग कर खराब हो चुकी है!”

मैंने कहा, “हाँ! मैं जानती हूँ। मैं इस चादर को साफ़ नहीं करूँगी। इस से मेरी यादें जुड़ी हुई हैं। मैं इसे सारी ज़िन्दगी अपने पास संभाल कर रखुँगी!”

उसके बाद फ्रांसिस ने भी मेरी चुदाई की। जॉन के लंड ने मेरी चूत को इतना ज्यादा चौड़ा कर दिया था कि मुझे पता ही नहीं चला कि कब उनका लंड मेरी चूत में घुसा और कब बाहर निकल गया। उसके बाद हम सो गये। सुबह को फ्रांसिस के ऑफिस जाने के बाद जॉन ने फिर से मेरी चुदाई शुरु कर दी। उस दिन भी वो कॉलेज नहीं गया। वो सारा दिन मुझे चोदता रहा और मेरी गाँड मारता रहा।

ये सिलसिला लगभग करीब दो महीने तक चला। दो महीने तक मैंने जॉन से खूब मज़ा लिया। नसरीन भी मेरी सहेली बन गयी और अक्सर वो भी जॉन से चुदवाने आ जाती थी और हम तीनों चुदाई का मज़ा लेते। हम दोनों औरतें एक दूसरे की चूत भी चाटती और अपने जिस्म आपस में रगड़ती थीं। नसरीन चुदवाने से पहले हमेशा शराब के एक-दो पैग पीती थी और उसकी सोहबत में मुझे भी ये आदत लग गयी।​
Next page: Episode 16
Previous page: Episode 14