Update 07

मेरी रूपाली दीदी अब छत की फर्श पर अपने घुटने टीका के घोड़ी बनी हुई थी... रवि के मोटे खूंटे को अपने मुंह में भर के.. उनके गुलाबी होंठों के बीच में रवि मोटा सुपाड़ा डाल के खड़ा था... जिसे वह चूस रही थी... दिनेश अब रुपाली दीदी के पीछे आ गया और घुटने के बल बैठकर उनकी गांड के ऊपर अपना मोटा लण्ड तान के रख दिया...

उसने मेरी दीदी के नितंबों के दोनों बड़े बड़े भागो को पकड़ कर अपने दोनों हाथों से अलग अलग कर दिया.... मेरी दीदी की गांड का छेद, जो एक सुरंग की भांति दिखाई दे रहा था, उसके मुहाने पर दिनेश ने अपना सुपाड़ा टीका किया... और एक जोरदार झटके के साथ ही उसका आधा लण्ड मेरी रूपाली दीदी की गांड के अंदर था...

हाय दैया..... दिनेश..... मर गई मां...

इस बार तो दिनेश ने हद ही कर दी...उस ज़ालिम ने बिना दर्द की परवाह किये , एक बार में पूरा मूसल पेल दिया जड़ तक , मेरी दीदी की गांड में....

उस सन्नाटे में मेरी दीदी की चीख निकल गई.. उनके मुंह में से रवि का मोटा सुपाड़ा बाहर निकल के हिलने लगा... पर दिनेश को कोई परवाह नहीं थी... मेरी दीदी कुतिया की तरह , झुकी हुयी , उनके दोनों हाथों में रवि का मोटा औजार था और दिनेश मेरी दीदी की चूंचियों को दबाते हुए ऐसे जोर जोर से निचोड़ रहे थे की क्या कोई जूस स्टाल वाला नारंगी निचोड़ेगा।

गपागप गपागप , सटासट सटासट....

वो पेल रहा था और मेरी दीदी लील रही थी , खुले आसमान के नीचे , ठीक अपने भाई की आंखों के सामने...

उह… उह्ह्ह… हां हां… मत करो ना… कब तक… ओह… मेरी गांड उह्ह्ह.... दया करो मुझ पर.... मेरी रूपाली दीदी की सिसकियों और चीखों को , सुनकर मैं तो झड़ गया... पर दिनेश....वो तो बस हचक हचक कर चोदने में जुटा था।

धक्के पर धक्के और साथ में , गालियों की झड़ी..

गदहे की जनी, जनम की चुदक्क्ड़ , तेरी सारी चुदवास मिट जायेगी , ऐसी चुदेगी...गाँव में न गिनती भूल जायेगी ,कितने लंड घुसे ,कितने निकले ,दिन रात सड़का टपकता रहेगा , किसी को मना किया न तेरी माँ बहन सब चोद दूंगा ... बोलने के साथ-साथ दिनेश मेरी रूपाली दीदी की गांड में गोल गोल घुमाने लगा अपना मोटा बांस...

" फाड़ दे साल्ली की बहुत बोल रही थी , दिखा दे उसे अपने लण्ड की ताकत आज। चोद ,चोद कस कस के। " इस बेवफा रंडी को.... रवि भी दिनेश को उकसा रहा था... उसने फिर से अपना बांस मेरी रूपाली दीदी के मुंह में बाल पकड़कर घुसा दिया...

उयी ई ओह्ह्ह , प्लीज दिनेश थोड़ी देर के लिए गांड से निकाल लो न ओह्ह ,जान गयी उहहह , दिनेश ने एक और जोरदार धक्का मारा और मेरी रूपाली दीदी की चीख फिर गूँज गयी।

" बोल , अब दुबारा तो छिनरपना नहीं करेगी जैसे नखडा चोद रही थी बहन की लोड़ी... रवि बोला...

नहीं बस इसको बोलो एक बार निकाल ले ,... " मेरी दीदी दर्द से गिड़गिड़ा रही थी। मेरी दीदी रवि का चूसना भूल गई थी...

" निकाल तो लेगा ही लेकिन हचक के तेरी गांड मारने के बाद ,तू क्या सोच रही है तेरी गांड में लण्ड छोड़ के चला जाएगा। " रवि बोला और मेरी दीदी को फिर से अपना मोटा लण्ड चूसने पर मजबूर कर दिया...

उईइइइइइइइइइइ माँ.... मेरी दीदी सिसकी तो बस..

“तेरी माँ की , न जाने कितने भंडुवों से चुदवा के उसने तेरा जैसे गरम माल अपने भोसड़े से निकाला , उसका भोसड़ा मारूं ,मादरचोद " दिनेश उनको गालियां देने लगा... गपा गप गपा गप गपा गप... तकरीबन 5 मिनट तक मेरी दीदी के मुंह में और गांड में घपा घप चलता रहा.....

उसके बाद दोनों ने अपनी पोजीशन चेंज कर ली.. दिनेश अब नीचे लेट गया था..... आजा मेरे रंडी मेरे ऊपर.... दिनेश ने मेरी दीदी की कमर थाम अपनी गोद में बिठा लिया... अब आसन बदल गया था , मेरी रुपाली दीदी दिनेश की गोद में थी.. दिनेश का लण्ड एक दम जड़ तक मेरी दीदी की करारी गुलाबी चूत में घुसा ,कभी वो मेरी दीदी के गाल चूमता तो कभी उभारों को चूसता। कुछ देर में मेरी दीदी खुद ही उसके मोटे खम्भे पर चढ़ उतर रही थी ,सरक रही थी ,चुद रही थी...

रवि सामने खड़ा था... और मेरी दीदी उसके खड़े खूंटे को उसके पगलाए बौराए लण्ड को कभी अपनी चूचियों के बीच ले के रगड़ती तो कभी मुंह में ले चुभलाती तो कभी चूसती।

और वो भी मेरी दीदी की चूचियों की ऐसी की तैसी कर रहा था।

अब दिनेश और रवि ने मेरी रूपाली दीदी को सैंडविच बना लिया था.. और ऊपर से नीचे से मेरी दीदी के दोनों छिद्रों में गपा गप गपा गप गपा गप दिए जा रहे थे मोटा लंड .... मेरी दीदी भी ताल से ताल मिला कर उनका साथ दे रही थी.... तकरीबन 10 मिनट तक लगातार मेरी दीदी की गांड और बुर में फुल स्पीड से तूफान मचा डाला उन दोनों ने....

हर धक्के में लंड सुपाड़े तक बाहर निकालते और फिर पूरी ताकत से लंड जड़ तक , गांड और बुर के अंदर ...मेरी दीदी का बुरा हाल था..

जैसे कोई धुनिया रुई धुनें उस तरह ..

साथ में मेरी रूपाली दीदी की चूंचियां उनके मजबूत हाथों में , बस लग रहां था की निचोड़ के दम लेंगे।

कुछ ही देर में दर्द मजे में बदल गया रूपाली दीदी का...चीखों की जगह सिसिकिया... उन दोनों के हर धक्के का जवाब मेरी दीदी भी धक्के से अब दे रही थी।

आधे घंटे से ऊपर ही हो गया , धक्के पे धक्का... मेरी रूपाली दीदी तो लगभग 4 बार झड़ गई थी... और फिर दिनेश और रवि ने भी मेरी दीदी की गांड और चूत म एक साथ अपना मोटा मुसल पूरी ताकत से एकदम अंदर तक ,... डाल के पिचकारी मार दी.. मेरी दीदी के दोनों क्षेत्रों को भर दिया मलाई से अपनी..... मेरी रूपाली दीदी की जाँघों पर भी गाढ़ी सफ़ेद थक्केदार मलाई बह रही थी।...

तीनों ही अब थक के चूर हो गए थे... छत पर बिल्कुल शांति थी... मेरी दीदी तो जैसे बेहोश हो गई थी....

कुछ देर और उसी हालत में सुस्तआने के बाद वह तीनों उठ के खड़े होकर छत पर ढूंढ ढूंढ कर अपने कपड़े पहनने लगे.....

मेरी रूपाली दीदी के खुले उभारों पर दांतों के और नाखूनों के निशान काफी ऊपर तक , साफ दिखाई दे रहे थे.... बड़ी मुश्किल से मेरी दीदी खड़ी हो होकर लड़खड़ाते हुए अपना लहंगा और चोली पहनने लगी... उनकी टांगे लड़खड़ा रही थी.... अपनी चोली के धागों को बांधने के बाद मेरी रूपाली दीदी शिकायत भरी नजरों से दिनेश को देख रही थी... और दिनेश बड़ी बेशर्मी से मुस्कुरा रहा था..

मेरी जान ...बुरा क्यों मान गई... इतने दिनों बाद तुझे पाकर मैं थोड़ा बहक गया था... दिनेश ने बड़े प्यार से मेरी रूपाली दीदी को कहा..

देखो दिनेश.. हम दोनों के बीच में जो कुछ भी था पूरा गांव जानता है. पर अब यह पुरानी बात हो चुकी है... ना सिर्फ मैं एक शादीशुदा औरत हूं बल्कि बच्ची की मां भी हूं... मेरी कुछ मर्यादा है... अब मैं तुम्हारी नहीं हूं अब मैं किसी और की हूं.. अपनी मर्यादा की सीमा तोड़कर मैं तुम्हारे पास मदद के लिए इसलिए आई थी कि तुम मुझे पहले से जानते हो..... पर आज तुम दोनों ने मेरी मजबूरी का फायदा उठाया है.... मेरी दीदी ने दोनों को ही कहा..

रूपाली सुनो मेरी बात... हम लोग बुरे इंसान नहीं है... बस हम लोग थोड़ा बहुत इंजॉय करना चाहते है..... माना कि तुम्हारी मजबूरी का फायदा उठा कर आज हम दोनों ने तुम्हारी मारी है... पर इसके बदले में तुम्हें मजा भी तो दिया है... बार-बार पानी छोड़ रही थी तुम..... रवि ने कहा...

रवि की बातें सुनकर मेरी रूपाली दीदी शर्म से पानी पानी हो गई..

फिर भी उन्होंने सर उठाके कहा - रवि.... आज जो हुआ सो हुआ... मैं इसे भूल जाऊंगी.. तुम दोनों भी भूल जाना.. पर जिस मुसीबत में मैं हूं... जिसकी खातिर मैं तुम्हारे पास आई... तुम दोनों को तो पता ही है ना.... बोलते बोलते मेरी दीदी रुक गई.. उनकी आंखों में आंसू आ गए...

हां वह असलम और जुनैद वाला कांड... जो जंगल में हुआ था उसी की बात कर रही हो ना,...... रवि ने पूछा...

हां वही कह रही हूं.... जुनैद ने मेरा जीना हराम कर रखा है... रात को फोन करता है और गंदी गंदी बातें करता है... दीदी ने रोते हुए कहा...

क्या गंदी गंदी बातें करता है मुझे अच्छी तरह बताओ... रवि ने गंभीरता से कहा.

रात में वीडियो कॉल करता है... कभी-कभी तो दिन में भी करता है... मुझे नंगी होने के लिए बोलता है... फिर कभी मूली तो कभी गाजर .. अंदर घुसआने के लिए कहता है... आगे भी और पीछे भी.... बोलते हुए मेरी दीदी की आंखों के आंसू रुकने का नाम नहीं ले रहे थे...

और तुम उसकी हर बात मानती हो... रवि ने कहा...

तुम ही बताओ और मैं क्या कर सकती हूं.... उन कमीनों ने मेरी वीडियो बना लि है... बार-बार धमकी देते हैं कि वह वीडियो वह लोग इंटरनेट पर डालने की...... बोलो भला ...उनकी बात ना मानने का मेरे पास कोई रास्ता नहीं है... उस कुत्ते ऑटो वाले सुरेश ने मेरी पूरी वीडियो निकाली थी जब वह दोनों गुंडे जंगल में मेरा रेप कर रहे थे... मेरी दीदी बोली..

तुम्हारी बात कुछ हद तक तो सही है.... पर तुम्हारे " रेप" का वीडियो जुनैद ने मुझे भी भेजा था... जब मैंने तुम्हारे बारे में बात की थी उससे... जिस तरह तुम जुनैद और असलम के लण्ड पर उछल रही थी.. उसे देखकर तो मुझे कुछ और ही लगा..... रवि ने कामुक लहजे में कहा...

उसकी बातें सुनकर मेरी दीदी शर्म के मारे जमीन में गड़ी जा रही थी..

रवि की बातें पूरी तरह गलत भी नहीं थी... क्योंकि जंगल में मेरी दीदी के साथ जो कांड हुआ था वह मेरी आंखों के सामने हुआ था... भले ही आखिरी राउंड में मैं झोपड़ी के बाहर खड़ा था और सुन रहा था उनकी कामुक चीखें और सिसकियां.... पर मेरी मौजूदगी में भी दीदी ने कई बार चरम सुख का अनुभव किया था...

शर्म के मारे मेरी दीदी की आंखें जमीन में गड़ी हुई थी पर फिर भी वह बोली.... रवि मैं तुमसे झूठ नहीं बोलूंगी... मेरा बदन मेरे काबू से बाहर हो चुका था.... मैंने भी सुख लिया... पर इसका मतलब यह नहीं कि वह सारी घटना मेरी मर्जी से हुई... मैंने कभी सपने में भी नहीं सोचा था कि मेरे साथ ऐसा होगा..... मेरी रूपाली दीदी शरमाते हुए बोल रही थी..

देख मेरी जान... मुझे तेरे बारे में सब कुछ पता है.. तू पहले भी एक बहुत अच्छी लड़की थी... और आज भी एक बहुत अच्छी औरत और मा है.... पर एक बात समझ कि तू बहुत बुरी हालत में फंस चुकी है... असलम और जुनैद कोई छोटे-मोटे गुंडे नहीं है... जुनैद तो फिर भी रवि की जान पहचान का है और इसकी थोड़ी बहुत बात भी मानता है... पर साला बहुत बड़ा हारामी है असलम.... उसने तो कितने मर्डर और ना जाने कितने रेप किए है....... तुम्हें तो पता ही होगा कि उसने हमारे गांव की ना जाने कितनी लड़कियों को सड़क पर दौड़ा दौड़ा कर चोदा है सब लोगों के सामने... शादी के पहले मेरी सुचिता दीदी का उसने क्या हाल किया था तुम सबको तो अच्छी पता है...... मेरे पापा ने सिक्युरिटी में रिपोर्ट दी .. उसका क्या हुआ... सिक्युरिटी असलम का झांट भी नहीं उखाड़ सकी...... इस बार दिनेश बोल रहा था... उसकी आंखों में भी चिंता थी...

सुचिता दीदी से याद आया... दिनेश की बड़ी बहन..... मेरी रूपाली दीदी से 4 साल बड़ी... पर दोनों पक्की सहेलियां.... सुचिता दीदी वाली कहानी आपको आगे बताऊंगा.....

देख यार पुरानी बातें भूल जा... इस समस्या का कुछ ना कुछ हल तो निकालना ही पड़ेगा... मुझ पर भरोसा रखो...जुनैद को मैं अच्छी तरह जानता हूं.... वह भी बुरा आदमी है पर मेरी बात को जरूर समझेगा... रूपाली तू विश्वास कर मेरा... रवि बोल रहा था..

मुझे अब तुम दोनों की बातों का कोई विश्वास नहीं.. तुम दोनों ने आज मेरे साथ जैसा किया यहां अभी .. उसके बाद तो विश्वास करने के लिए कुछ नहीं बचा...... जुनैद ने मुझे कल धमकी दी कि कल वह मेरे घर आएगा और या तो मुझे उठा कर ले जाएगा यहां से या फिर सबके सामने मेरे साथ करेगा जो उस दिन जंगल में किया था... मुझे तभी भरोसा होगा जब तुम मेरे सामने उसे फोन करोगे... मेरी रूपाली दीदी ने अविश्वास भरी नजरों से रवि को देखते हुए कहा...

रवि भी लाचार हो गया मेरी दीदी की बातें सुनकर.... उसने फोन लगा दिया जुनैद को और लाउडस्पीकर ऑन कर दिया...

हेलो कैसा है रवि.... फोन की दूसरी तरफ से जुनैद की कड़कती आवाज गूंजी ....

मैं अच्छा हूं जुनेद भाई आप बताओ आप कैसे हो... रवि ने जवाब दिया...

मैं तो मस्त हूं तू बता भाई क्यों याद किया.... जुनेद बोला..

जुनैद भाई... आपको बोला था ना हमारे गांव की रूपाली के बारे में.... आ...ओ... उसी के बारे में बात करनी थी.... रवि बोला..

…. आह बहन चोद..…. आह ... उस रंडी का यार नाम मत ले तू... मेरी रूपाली रांड का नाम सुन मेरा लौड़ा टनटना जाता है... जुनैद बेहद कामुक आवाजें निकाल रहा था..

मेरी बात तो सुन लो जुनैद भाई... बोला रवि....

हां यार बोल तुझे उसके बारे में क्या बात करनी है... जुनेद बोल रहा था फोन की दूसरी तरफ से...

जुनैद भाई.... रुपाली ना सिर्फ एक बहुत अच्छी औरत है बल्कि मेरी दोस्त भी है... काफी दिनों से जानता हूं मैं इसको... ऊपर से शादीशुदा है और एक प्यारी सी बिटिया भी है.... आप तो सब जानते ही हो.. घर और समाज में काफी इज्जत है इसके परिवार की.... अच्छा यही होगा कि आप रूपाली को भूल जाओ... रवि ने का कहा.

भूल जाऊं...आहह.. कैसे भूल जाऊं..“अच्छा भोसड़ी के… कभी दूध देखे तूने उसके। एकदम झक्क सफेद हैं और ऊपर से गुलाबी-गुलाबी घुंडियां। मजा आ जाता है चूसने में..आहह. और इतने बड़े बड़े थन.. दूध से भरे.... साला 2 घंटे चूसने के बाद भी दूध खत्म नहीं हो रहा था...कहता है कि भूल जाऊं... मुझे तो एक बार फिर लेनी है रूपाली की.... जुनैद ने जिस कामुक अंदाज में कहा रवि और दिनेश की निगाहें रूपाली की चूची पर जम गई..

मेरी दीदी सर झुका के कर खड़ी थी..

पर जुनेद भाई आप भी तो समझो कुछ.. रूपाली कोई रंडी नहीं है.. उसकी कुछ मर्यादाआए हैं,... रवि गंभीर होकर बोल रहा था पर उसकी निगाहें मेरी दीदी की चूची पर ही थी...

कुछ देर पहले उसने भी स्वाद लिया था पहली बार रूपाली दीदी की बड़ी-बड़ी चुचियों का और उनके दूध का...

साला पूरे शहर में इतनी मस्त माल नहीं देखी...इस टाईम मेरे जितनी गर्मी चढ़ी है कि बिना माल निकाले लंड ठंडा नहीं होगा रूपाली के अंदर.... साला अभी भी उसकी याद में अपना लौड़ा पकड़ कर बैठा हूं... मेरे पास तो उसकी नंगी वीडियो भी है.... एक-दो दिन के अंदर साली अगर मेरे नीचे नहीं आई फिर वह वीडियो इंटरनेट पर डाल दूंगा... मुझे नहीं मतलब उसकी मर्यादा से और संस्कार से.. जुनेद गुस्से में बोला...

जुनैद की बातें सुनकर दीदी रोने लगी..

रवि भी घबरा गया था मेरी दीदी को रोता हुआ देख.. ऊपर से जुनैद उसकी बात भी नहीं मान रहा था..

उसे समझ नहीं आ रहा था कि क्या बोले..

रवि को घबराता हुआ देखकर मेरी दीदी समझ गई कि यह साला भी सिर्फ बातों का शेर है... उन्होंने अपने आंसू पूछ लिय और रवि के हाथ से मोबाइल ले लिया..

जुनेद जी... मेरे ऊपर कुछ तो तरस खाओ... मैं आपके आगे हाथ जोड़कर भीख मांग रही हूं... अगर आपने वीडियो किसी को दिखाई तो मैं किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रह जाऊंगी... मेरे साथ साथ मेरे परिवार की इज्जत भी मिट्टी में मिल जाएगी.. मेरी रूपाली दीदी गिड़गिड़ाते हुए बोली..

अच्छा तो बहन की लोड़ी तू भी इसके साथ है.... अपने यार के पास गई है मदद मांगने... तेरी मां का भोसड़ा चोद.. साली रंडी... मैंने तो तुझे कहा था कि बस एक बार और तेरी लेनी है अच्छे से फिर मैं तुझे कभी परेशान नहीं करूंगा... जुनेद बोला..

जुनेद जी मेरी इज्जत आपके हाथ में है.. मैं आपसे विनती कर रही हूं कि प्लीज मुझे भूल जाइए... आज शाम को ही मेरे पति आने वाले है.. दीदी बोली..

बहन की लोड़ी.... किस इज्जत की बात कर रही तु रंडी... तेरे पति को तो अच्छी तरह पता है उस दिन जंगल में तु मेरे और असलम भाई के लोड़े पर उछल रही थी... और आज मर्यादा की दुहाई दे रही है.. और वह तेरा गांडू भाई जो टुकुर-टुकुर देख रहा था तेरी ठुकाई... साला उसका तो छोटा सा लोड़ा भी खड़ा हो गया था तेरी ठुकाई देखकर... एक नंबर का बहन चोद बनेगा वह बड़ा होकर... जुनेद बोला.

मेरी दीदी को समझ नहीं आ रहा था कि क्या जवाब दें... जुनेद की बातें सुनकर मेरा दोस्त मेरी तरफ देखकर कुटिल मुस्कान दे रहा था.

शर्म के मारे मैं लाल हो गया था...

मेरी छमिया सुन मेरी बात ध्यान से... रात में अपने पति को समझा देना.. और कल दिन में मेरे पास आएगी तू अपने भाई के साथ... कल पूरे दिन लूंगा तेरी... एड्रेस मैं मैसेज कर दूंगा तुझे... अगर तू नहीं आई तो कल तेरे घर पर आऊंगा मैं... और मैं अकेला नहीं आऊंगा... 8 से 10 लोग होंगे मेरे साथ... फिर तुझे और तेरी छोटी बहन प्रियंका.... सुरेश तो बता रहा था कि तेरे घर में छम्मक छल्लो भाभी भी है... सबका सामूहिक बलात्कार होगा. तेरे भाई और तेरे पति के सामने.... जुनेद पूरे गुस्से में बोल रहा था...

मेरी रूपाली दीदी डर के मारे थरथर कांपने लगी... उनके माथे पे पसीना आ गया और सर्दी का मौसम होने के बावजूद भी मेरे माथे पर भी...

कल मैं आपकी हर बात मानूंगी.. आप मुझसे वादा कीजिए कि सिर्फ कल के लिए... डर के मारे उसकी बात मान गई मेरी दीदी...

हां मेरी जान मैं वादे का पक्का इंसान हूं. तुझे विश्वास नहीं होता तो अपने यार रवि से पूछ ले... जुनैद ने कहा..

हां मुझे आप पर विश्वास है.. मैं अब जा रही हूं.. कल आऊंगी... बोलकर मेरी दीदी ने फोन काट दिया.. उन्होंने फोन रवि को थमाया और गुस्से से रवि और दिनेश को देखते हुए नीचे चली गई....

बहन चोद बड़ा मजा आया है उसकी गांड मारने में.. दीदी के नीचे जाते ही रवि ने कहा..

हां यार बहुत मजा आया आज तो... पहले तो साली गांड के छेद में लौड़ा भी रगड़ने नहीं देती थी... दिनेश बोला.. तुझे तो पता ही है कितनी बार चोदा था मैंने साली को.. पर गांड मरवाने में बहुत नाटक करती थी...

मजा आ गया ...तूने मेरी बरसों की ख्वाइश पूरी कर दी... चल आज मैं तुझे दारु पिलाता हूं.. रवि बोला...

कुछ देर में ही छत से गायब हो गए वह दोनों ... मैं और मेरा दोस्त बचे थे छत पर अंदर कमरे में.. मुझे बड़ी शर्म आ रही थी उससे अपनी नजरें मिलाने में...

यार कल तेरी रूपाली फिर जाएगी उस गुंडे के पास... और तू ही तो ले जाएगा.. साले कुछ चक्कर चला.. मुझे भी चलना है तेरे साथ.. मेरे दोस्त ने कहा..

मैं कुछ करता हूं तेरे लिए भी... तो कल पक्का मेरे साथ जाएगा.. शर्मिंदा होते हुए मैंने उसको कहा..

मैंने उसे झूठ कहा था कि मैं उसे साथ ले जाऊंगा..

कुछ देर तक हम लोग बातें करते हुए उसी कमरे में रहे... मैं बेहद चिंतित था कल के लिए... पर मैंने अपनी चिंता उसके सामने जाहिर नहीं की... वह साला तो मेरी रूपाली दीदी का पूरा दीवाना बन गया था.. उसकी गंदी गंदी बातों पर मैंने ज्यादा ध्यान नहीं दिया... कल मिलने का वादा लेकर वह चला गया... मैं उस कमरे की बेड पर लेट गया.. नींद आ गई... तकरीबन 1 घंटे तक मैं सोया रहा था.. उठा तो अंधेरा हो गया था.... उठ कर मैं छत से नीचे उतरने लगा... घर के अंदर खूब चहल पहल की आवाज सुनाई दे रही थी.... मेरे विनोद जीजाजी घर आ चुके थे... मुझे सीढ़ी पर से सुनाई दे रहे थे उनके ठहाके.....

मैं नीचे हॉल में आ गया... जीजू ने मुझे देखते ही मुझे गले लगा लिया.. साले साहब कहां थे आप ...

मैं सो रहा था... जीजू आप कैसे हो... मैंने पूछा..

मैं मस्त हूं यार.... सब ठीक है... जीजू ने कहा..

उनकी बातें सुनकर मुझे आश्चर्य हुआ... खैर मैं सोफे पर जाकर बैठ गया... और मेरे जीजू मेरी प्रियंका दीदी और चंदा भाभी के बीच में जाकर बैठ गए जहां पर वह पहले से बैठे हुए थे... उनके बीच पहले से ही हंसी मजाक चल रहा था.. मेरी रूपाली दीदी दिखाई नहीं दे रही थी.. शायद वह वॉशरूम के अंदर थी... मेरी मम्मी और मुन्नी दिखाई नहीं दे रही थी...

मेरी प्रियंका दीदी क् होने वाले पति अजय के बारे में बात चल रही थी और चंदा भाभी तो फुल मूड में थी... कुछ भी बोल रही थी बड़ी बेशर्मी से..

" बहुत भूखी होगी मेरी ननदिया न। " पर याद रखना लड़के बहुत जोर जोर से... और अजय तो बहुत बड़ा कमिना लगता है देखने से ही.... वह तो तुम्हारी कस के लेगा... चंदा भाभी बोली..

मेरी प्रियंका दीदी शर्मा गई.

मेरी साली अभी नादान है इसको कुछ पता नहीं... मेरे जीजू मेरे प्रियंका दीदी की चूचियों को घूरते हुए बोले...

टाइट कुर्ती में मेरी प्रियंका दीदी की चूचियों तनी हुई.... पर चुनरी से ढकी हुई.

" रानी जब आयेगा मजा गांड मराई का , जब पटक पटक के अजय तुम्हारी सूखी गांड में पेलेंगे ने , खूब परपरायेगी। " तब बताना अपनी भाभी को... चंदा भाभी बोली... वह चिपकी जा रही थी मेरे जीजू से.....

मेरी प्रियंका दीदी शर्म के मारे गढ़ी जा रही थी... शायद मैं बैठा था उनके सामने और सुन रहा था इस कारण भी..

भाभी आप भी ना कुछ भी बोल देती हो... उन्होंने शर्माते कहा...

उन लोगों की बातें सुनकर मेरा लंड फुल टाइट ..मेरी पैंट के अंदर.. मेरी इच्छा के विरुद्ध..

मेरे जीजू बीच में आ गय.. और मामला संभालने की कोशिश करने लगे लगे..

मेरी प्यारी साली साहिबा...इतने दीनो में आया हूँ.. चाय वाय तो पूच्छ लिया करो.. इतना भी कंजूस नही होना चाहिए..." जीजू ने कहा.

"दूध नही है घर में...!" मेरे प्रियंका दीदी ने कहा..

इसके साथ ही मेरे जीजू की निगाहें मेरी दीदी के सीने में थी..

"कमाल है.. इतनी मोटी ताजी हो और दूध बिल्कुल नही है.." वह दाँत निकाल कर हँसने लगे... तुम्हारी दीदी तो खूब दूध देती है...

आप शायद समझ गये होंगे की वह किस 'दूध' की बात कर रहे थे... मैं उस वक्त उनकी बात बिल्कुल भी नहीं समझ पाया था.. शायद प्रियंका दीदी भी नहीं समझ पाई थी..

"क्या कह रहे हो? मेरे मोटी ताज़ी होने से दूध होने या ना होने का क्या मतलब" जीजु... प्रियंका दीदी बोली..

वह यूँही मेरी प्रियंका दीदी की साँसों के साथ उपर नीचे हो रही चूचियो को घूरते हुए....," इतनी बच्ची भी नही हो तुम.. समझ जाया करो.. जितनी मोटी ताजी भैंस होगी.. उतना ही तो ज़्यादा दूध देगी"

मेरे जीजू मेरे प्रियंका दीदी क बदन को ऊपर से नीचे तक देख रहे थे..

रहे थे... मैं उस वक्त उनकी बात बिल्कुल भी नहीं समझ पाया था.. शायद प्रियंका दीदी भी नहीं समझ पाई थी..

"क्या कह रहे हो? मेरे मोटी ताज़ी होने से दूध होने या ना होने का क्या मतलब" जीजु... प्रियंका दीदी बोली..

वह यूँही मेरी प्रियंका दीदी की साँसों के साथ उपर नीचे हो रही चूचियो को घूरते हुए....," इतनी बच्ची भी नही हो तुम.. समझ जाया करो.. जितनी मोटी ताजी भैंस होगी.. उतना ही तो ज़्यादा दूध देगी"

मेरे जीजू मेरे प्रियंका दीदी क बदन को ऊपर से नीचे तक देख रहे थे..

हाए राम! मेरी अब समझ में आया मेरे जीजू क्या कह रहे थे...

शायद मेरी प्रियंका दीदी भी समझ गई.. उन्होंने बहुत जोर लगाया पर उनका चेहरा लाल हो गया... मेरी दीदी ने पूरा जोर लगाकर चेहरे पर गुस्सा लाने की कोशिश की... पर मेरी दीदी अपने गालों पर आए गुलाबीपन को छुपा ना सकी....

क्या बकवास कर रहे हो आप ... मेरी प्रियंका दीदी बोली...

इतने में नहाकर मेरी रुपाली दीदी बाहर आ गई.. जीजू और दीदी एक दूसरे को देख कर मुस्कुराए..

क्या चल रहा है जीजा साली के बीच... रूपाली दीदी मेरे पास आकर बैठ गई और पूछने लगी..

कुछ नहीं रूपाली.. विनोद तो बस प्रियंका से दूध के बारे में पूछ रहे थे... और तुम्हारी बहन को तो पता ही नहीं दूध क्यों होता है.. किस काम आता है.... चंदा भाभी बोली.. चिपक के बैठी थी उनकी जांघ पर अपना हाथ रख के चंदा भाभी.. और हमेशा की तरह डबल मीनिंग बातें कर रही थी..

"अरे.. इसमें बुरा मान'ने वाली बात कौनसी है..? ज़्यादा दूध पीती होगी तभी तो इतनी मोटी ताज़ी हो.. वरना तो अपनी दीदी की तरह दुबली पतली ना होती....और दूध होगा तभी तो पीती होगी...मैने तो सिर्फ़ उदाहरण दिया था.. मैं तुम्हे भैंस थोड़े ही बोल रहा था... तुम तो कितनी प्यारी हो.. गोरी चित्ति... तुम्हारे जैसी तो और कोई नही देखी मैने... आज तक! कसम झंडे वाले बाबा की..."

आखरी लाइन कहते कहते जीजाजी का लहज़ा पूरा कामुक हो गया था.. जब जब उन्होंने दूध का जिकर किया.. मेरे कानो को यही लगा कि वो मेरी दोनों दीदीओ के मदभरी चूचियो की तारीफ़ कर रहे..

हां पीती हूँ.. आपको इससे क्या? पीती हूँ तभी तो ख़तम हो गया.." मेरी प्रियंका दीदी ने चिड़ कर कहा....

"एक आध बार हमें भी पीला दो ना!... .. कभी चख कर देखने दो.. तुम्हारा दूध...!". .. उनकी बातों के साथ उनका लहज़ा भी बिल्कुल अश्लील हो गया था.. खड़े खड़े ही मेरी प्रियंका दीदी लाल हो गई.

मेरी रूपाली दीदी मंद मंद मुस्कुरा रही थी बातें सुनकर जीजू की.. और प्रियंका दीदी शर्म के मारे पानी पानी... चंदा भाभी तो बस गोद में बैठ जाना चाहती थी मेरे जीजाजी के...

हंसी मजाक करते हुए काफी समय व्यतीत हो गया.. मम्मी के घर में आने के बाद डबल मीनिंग बातें बंद हो चुकी थी...

हम सब ने साथ मिलकर खाना खाया.. साथ-साथ बीच-बीच में हंसी मजाक भी चलती रही... तकरीबन 10:00 बजे हम लोग अपने अपने बेडरूम में सोने के लिए चलें गए.... मैं और प्रियंका दीदी तो एक ही बेडरूम में अलग-अलग बेड पर अलग-अलग सोते थे..

बेड पर लेट प्रियंका दीदी तो सो गई... पर मुझे काफी देर तक नींद नहीं आई... मैं बेहद चिंतित था... रुपाली दीदी मेरे जीजू को क्या बोलेगी... बेडरूम में जाने से पहले रुपाली दीदी भी बेहद चिंतित लग रही थी... हालांकि उन्होंने अपनी चिंता किसी के ऊपर भी जाहिर नहीं होने दी.. पर मैं उनके मन की व्यथा समझ रहा था...

यह सब सोचते हुए न जाने मुझे कब नींद आ गई..

सपने में भी मुझे मेरी मेरी आंखों के आगे मेरी नाजुक सी रूपाली दीदी और जुनैद का लंबा मोटा लिंग नाचते दिख रहे थे..मैं मन ही मन बुरी तरह बेचैन होता रहl... घबराकर मैं नींद से जाग गया.. मुझे एहसास हुआ कि मैं पसीने से भीगा हुआ हूं और तंबू बना हुआ था मेरी पैंट के अंदर.... प्रियंका दीदी तो बेसुध होकर सो रही थी.. बिना किसी आवाज किए चुपचाप मैं निकल गया और हॉल में आ गया.

बिल्कुल अंधेरा था पूरे हॉल में... घर में सब लोग नींद में थे... बस मेरी रूपाली दीदी और जीजू के कमरे में नाइट बल्ब जल रही थी.

मैंने घड़ी की तरफ देखा तो रात के 2:00 बज चुके थे..

मेरी रूपाली दीदी के कमरे के अंदर से फुसफुसाने की आवाज आ रही थी. मगर कुछ-कुछ शब्द साफ भी सुनाई दे रहे थे।

मैं भी दीदी के कमरे के दरवाजे से चुपके से कान लगाकर खड़ा हो सुनने लगा अंदर की बात...

“क्यों जी? आज इतने उतावले क्यों हो रहे हो?” दीदी बोली..

” मेरी जान … इतने दिन से तुमने दी नहीं मुझे, इतना जुल्म क्यों करती हो मुझ पर?” बोल रहे थे जीजाजी..

उनकी बात सुनकर मेरा तो पहले से खड़ा था और भी खड़ा हो गया..

“चलिए भी, मैंने कब रोका आपको? आपको ही फुरसत नहीं मिलती है।.... मेरी रूपाली दीदी की खनकती आवाज थी उनकी चूड़ियों के खनखन के साथ...

“तो श्रीमती जी, अगर आपकी इजाजत हो तो चुदाई का उद्घाटन करूं?”.. जीजू बोले.

“हे राम! कैसे बेशर्मी से कह रहे हो, आपको शर्म नहीं आती है क्या?”

मेरी दीदी बोल रही थी..

“इसमें शर्म की क्या बात है? मैं अपनी ही बीवी को चोद रहा हूँ तो फिर उसमें शर्म की क्या बात है?” जीजू ने कहा और फिर उसके बाद तो......

“तुम बड़े खराब हो … आह्ह … आई … अम्म … आराम से करो, आह्ह्ह … धीरे करो न राजा, अभी तो सारी रात बाकी है!” मेरी रूपाली दीदी की कामुक सिसकियां साफ सुनाई दे रही थी..

मेरी रूपाली दीदी और जीजू के बीच का कामुक संवाद सुन के मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ मैंने अपनी पैंट की जिप खोल कर अपना छोटा चेतन अपने हाथ में ले लिया और उसे हीलाने लगा... मेरे दिल की धड़कन तेज होने लगी थी।

… आह्ह मर गई … ओह्ह, उफ्फ … उई माँ, बहुत अच्छा लग रहा है। थोड़ा धीरे, हाँ अब ठीक है। थोड़ा जोर से …” रूपाली दीदी बोल रही थी.

अंदर से मेरी रूपाली दीदी के कराहने की आवाज के साथ फच-फच जैसी आवाज भी आ रही थी जो मैं अच्छी तरह समझ रहा था..

मैं भी जोर जोर से अपना छोटा चेतन हिलाने लगा था..

बाहर खड़े हुए मैं अपने आप को कंट्रोल नहीं कर सका और मेरा लंड वहीं पर खड़े हुए ही झड़ गया. पता नहीं क्या हो गया था कि इतनी उत्तेजना हो गई थी कि मेरा पानी वहीं पर निकल गया. मैं जल्दी से बिस्तर पर आकर लेट गया.

अगले दिन मैं सुबह देर से उठा... मेरे सर में दर्द हो रहा था... कल रात की घटना मेरे दिमाग में घूम रही थी..... मुझे मेरी रूपाली दीदी और जीजू के बेडरूम से आने वाली आवाजों को नहीं सुननी चाहिए थी... मैंने बहुत बड़ा पाप किया था.... मुझे आत्मग्लानि हो रही थी....... जब मैं नहा धो फ्रेश होकर हॉल में आया तो मेरी रुपाली दीदी मेरा हाथ पकड़ कर अपने बेडरूम में ले गई....

शर्म के मारे मेरी दीदी का बुरा हाल था.. बगल में बैठे हुए मेरे जीजू भी शर्म के मारे लाल हो गए थे..

मेरी रूपाली दीदी ने मुझे जब बताया कि हम दोनों को आज जुनैद क अड्डे पर जाना है ,मेरे पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई...

मेरे जीजू का सर शर्म के मारे झुका हुआ था.. मेरी रूपाली दीदी रो रही थी... मुझे समझते हुए देर नहीं लगी कि मुझे अब क्या करना है..

हां दीदी मैं आपको ले चलूंगा जुनैद के पास.. आप रोना बंद करो.. मैंने अपनी दीदी को दिलासा दिलाया...

तकरीबन 1 घंटे के बाद मेरी दीदी सज धज के पूरी तरह तैयार हो चुकी थी... दीदी को देखा मेरा दिल कह रहा था कि जुनैद आज उनके साथ बहुत बुरा करेगा.... लाल रंग की लहंगा चोली मे मेरी रूपाली दीदी स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा लग गई थी.. दीदी ने मेरी मम्मी को बताया था कि वह चेकअप के लिए जा रही है डॉक्टर के पास... पर मुझे तो अच्छी तरह पता था कि मेरी दीदी किस डॉक्टर के पास जा रही है ...

चंदा भाभी ने मेरी दीदी को छेड़ा: कहां जा रही हो बन्नो... डॉक्टर के सामने से बन ठन के जाओगी, वह चेकअप के बहाने तुम्हारी ले लेगा... अपना लहंगा ऊपर मत उठाना वरना तुम्हारे लहंगे में भूकंप आ जाएगा..... मेरी भाभी मुंह पर कुछ भी बोल देती है... बड़ी बेशर्म है.... मेरी रूपाली दीदी उनकी बातें सुनकर मुस्कुराने लगी..... मम्मी के साथ प्रियंका दीदी भी हंसने लगी...... ननंद और भौजाई में मजाक तो चलता है.....

तकरीबन आधे घंटे के बाद मैं अपनी रूपाली दीदी को अपनी बाइक पर बिठाकर जुनेद के बताए हुए पते के अनुसार, जो उसने मेरी दीदी को बताया था, और दीदी ने मुझे.. चल पड़े...

पूरे कोई बातचीत नहीं हुई दीदी के साथ... मेरी दीदी जैसे किसी दूसरी दुनिया में खोई हुई थी.... मुन्नी भी मेरी दीदी की गोद में थी.. मेरी दीदी को पता था कि उनकी बेटी को जब भूख लगेगा तो वह अकेले घर पे नहीं रह पाएगी.... अपनी मां का दूध पीती हुई बच्ची ज्यादा देर अपनी मां से दूर नहीं रह सकती..... और मेरी मुन्नी तो बस मेरी रूपाली दीदी के दूध पर ही निर्भर थी...... मेरी दीदी को अपनी बेटी को साथ में लाना ही पड़ा... जब हम लोग जुनैद के फार्म हाउस पर पहुंचे, जुनेद फार्म हाउस के दरवाजे पर ही हमारा स्वागत करने के लिए खड़ा था...... मैंने उसकी फार्म हाउस के दरवाजे पर अपनी बाइक रोकी... मेरी दीदी बाइक से नीचे उतर गई..... मुन्नी गोद में थी मेरी दीदी के.... जुनेद मेरी रूपाली दीदी के सामने खड़ा था.. और उसका वह भी खड़ा था... पैंट के अंदर टेंट बनाके....

जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी का हाथ पकड़ा ... उसे बिल्कुल भी परवाह नहीं थी कि मैं भी वही सामने खड़ा हूं बाइक पर.. मैं बाइक से उतर ही रहा था कि तब तक मैंने देखा कि जुनैद ने अपना लोड़ा मेरी रुपाली दीदी के हाथ में थमा दिया पैंट के ऊपर से... मेरी दीदी घबरा गई.... एक हाथ से अपनी बेटी को थामे हुए और दूसरे हाथ से जुनैद का लोड़ा पकड़कर मेरी रूपाली दीदी मेरी तरफ देख रही थी... मैं शर्मिंदा हो गया मैं कुछ भी नहीं कर सकता था... मेरी दीदी भी शर्मिंदा थी.. जुनेद मुस्कुरा रहा था........

अपनी बाइक यही साइट पर लगा और अंदर चल बहन के लोड़े... जुनैद ने मुझे कहा...

जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी का हाथ पकड़ा और उनको अपने फॉर्म हाउस के अंदर ले जाने लगा... मैं भी उनके पीछे-पीछे जाने लगा.. जुनैद के फार्म हाउस में कई सारे मजदूर काम कर रहे थे... सब के सब मजदूर अपना काम छोड़कर मेरी रूपाली दीदी को देखने लगे.. उनमें से ज्यादातर मुझे और मेरी दीदी को पहचानते थे... सब के सब की आंखों में बस एक ही सवाल था कि इतने ऊंचे घराने की बेटी और बहू एक गुंडे के फार्म हाउस पे क्या करने आई है... और मेरी दीदी की कलाई भी पकड़ रखी थी उस गुंडे ने... मेरी दीदी किसी से भी नजर नहीं मिला पा रही थी... सर झुकाए आगे बढ़ रही थी मेरी दीदी...

मालिक यह तो रूपाली है ना..... यह क्या करने आई है यहां पर... एक मजदूर ने जुनेद से पूछा...

हां पर तो कैसे जानता है... जुनैद ने भी पूछा उस मजदूर से..

सारे मजदूर इकट्ठा हो गए थे और मेरी रूपाली दीदी को देखे जा रहे थे...

एक बड़े साहब की शादी में देखा था इनको.. और इनको तो कौन नहीं जानता पूरे शहर में... बहुत जोरदार नाचती है... मजदूर ने बड़े कामुक लहजे में कहा.. उन सब को अंदाजा हो गया था कि मेरी दीदी को यहां पर क्यों लाया है जुनैद.. अक्सर वह अपने फार्म हाउस पर रंडी बुलाया करता था... पर आज एक बड़े घर की संस्कारी औरत को देखकर सब के सब आश्चर्यचकित थे...

तुम लोग अपना अपना काम करो और यहां पर जो कुछ भी हो रहा है उस पर ध्यान मत दो और यह बात बाहर में भी किसी के पास नहीं जानी चाहिए. जुनैद ने बड़े सख्त लहजे में मजदूरों को कहा..

हम लोग तो अपना काम करेंगे मालिक.. आज तो आपको भी बहुत "काम" करना है... आज तो काम कर करके आपकी भी कमर टूट जाएगी... एक मजदूर ने बड़ी अश्लीलता के साथ कहा.

उसकी निगाहें मेरे रूपाली दीदी की चुचियों पर टिकी हुई थी...

अच्छा ठीक है अब ज्यादा बकवास मत करो और जाओ अपना अपना काम करो.... बोलकर जुनैद मेरी रूपाली दीदी का हाथ पकड़ के फार्म हाउस के अंदर घुस गया...

मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं क्या करूं मैं चुपचाप वहीं खड़ा रहा...

सारे मजदूर मुझे देख कर मुस्कुरा रहे थे... और आपस बात कर रहे थे.. उन्हें अच्छी तरह समझ में आ गया था कि दीदी यहां पर क्या गुल खिलाने आई है... हैरानी बस उन्हें इस बात की थी कि मैं यहां पर अपनी दीदी के साथ क्या कर रहा हूं...

अरे यार यह तो रूपाली का भाई है ना... एक मजदूर बोला..

हां यार यह तो रूपाली का भाई है... साला अपनी बहन को लेकर आया है हमारे मालिक के पास... दूसरा बोला...

बाबू जी आज तो आपकी रूपाली दीदी की... फट जाएगी... अपनी उंगली से छल्ला बनाकर उसमें बीच वाली उंगली घुसा अंदर बाहर करते हुए एक मजदूर मेरी तरफ इशारा करते हुए बोला...

बाबूजी अपनी रूपाली दीदी के फटे भोंसड़ी को सिलवा देना किसी मोची के पास ले जाकर.... क्योंकि आज तो हमारे जुनैद बाबू तुम्हारी दीदी के सारे छेद खोल देंगे.... एक मजदूर अपने धोती के ऊपर से ही अपने लण्ड पर हाथ रख कर मुझे बोला..

वैसे बाबूजी, आपकी दीदीया है बड़ी पटाका... साली को देखते ही लण्ड सलामी देने लगता है... तीसरे मजदूर ने कहा..

उन सब की बातें सुनकर मैं थरथर कहां पड़ा था...

कुछ भी कहो यार रूपाली रंडी है बड़ी मस्त मस्त चीज...... बाबूजी मैंने तो तुम्हारे रूपाली दीदी की शादी में काम भी किया है.. आपके घर में तो एक से एक बढ़कर पटाखा माल है... अरे वह चंदा रंडी जो आपकी भाभी है ना, साली बहुत बड़ी चुडक्कड़ है... मजदूरों का जो लीडर था उसने कहा.. उसने अपनी लूंगी में से अपना लण्ड बाहर निकाल कर मुझे दिखा दिया...

अरे यारों अगर तुम लोग बाबूजी की प्रियंका दीदी को देखोगे तो देखते ही तुम लोगों के लोड़े से पानी निकल जाएगा... साली रंडी रुपाली जैसी गोरी तो नहीं है, पर बहन की लोड़ी करारी माल है... जी चाहता है बस उसके मुंह में अपना लौड़ा थामा के खड़ा रहूं... उनकी बातें और कुछ ज्यादा ही अश्लील हो गई थी... और उनकी हरकतें भी... सब के सब में अपना लौड़ा मसल रहे थे मेरी दोनों दीदी और भाभी के बारे में बात करते हुए... जानबूझकर वह मुझे सुना रहे थे..

यार पर रूपाली रंडी जैसी कोई नहीं... बाबूजी मैंने तुम्हारी बहन के नाम पर बहुत मुट्ठ मारा उसकी शादी में... एक मजदूर बोला..

मासूम चेहरा, उसपर एक मासूम मुस्कान, उसके थोड़ा नीचे आएँ तो दूध और गेहूँ का मिक्स स्किन कलर, और नीचे आएँ तो वो कच्चे आम, और उन पर अंगूर..ह… ओह… हय… ह्हह्ह… आअह… ह्ह्ह… आआअ… बाबूजी तुम्हारी प्रियंका दीदी मेरे लोड़े पर बिजली गिरा देती है जब भी उस रंडी को देखता हूं.... मजदूरों का लीडर मुझे देखते हुए अपना लौड़ा हिलाते हुए बोल रहा था..

भाई हमारी किस्मत में तो मुट्ठ मारना और लौड़ा हिलाना ही है... पर आज तो इसकी रूपाली रंडी दीदी हमारे मालिक लोड़े के नीचे होगी.. रुपाली रंडी ना सही पर उसका यह गांडू भाई तो हमारे पास है... आ जाओ सब मिलकर इस बहन के लोड़े की गांड मारते हैं... मजदूरों का लीडर बोला......

मैं डर के मारे फार्म हाउस के अंदर घुस गया... सारे मजदूर हंसने लगे मुझे भागता हुआ देखकर..... मैं फार्म हाउस के अंदर तो आ गया पर मुझे मेरे रुपाली दीदी और जुनेद दिखाई नहीं दे रहे थे..... वहां पर कई सारे बेडरूम थे मुझे समझ नहीं आ रहा था कि मैं किधर जाऊं... तभी एक बेडरूम से मुझे कुछ आवाजें सुनाई दी.... मैं दरवाजे पर पहुंचा तो दरवाजा खुला हुआ ही था.... मैंने जब अंदर झांक कर देखा तो मेरी गांड फट गई......... पूरा कमरा ऐसी सजाया हुआ था जिसे आज किसी दुल्हन की सुहागरात हो... और आज कोई और नहीं बल्कि मेरी अपनी रूपाली दीदी ही दुल्हन बनी हुई थी... सुहाग की सेज पर मेरी दीदी दुल्हन बनी हुई बैठी हुई थी... उनकी बेटी बगल में लेती हुई खेल रही थी...

उनका आज का दूल्हा, यानी कि जुनैद.. ड्रेसिंग टेबल के सामने एक चेयर पर बैठा हुआ था और दारु का पेग लगा रहा था... उसकी आंखें नशे और हवस से लाल हो रही थी...... लाल रंग की लहंगा चोली में अपने सर को अपने चुनरी से ढक के मेरी रूपाली दीदी उसके सामने बैठे हुई थी बिस्तर पर... मेरी दीदी इंतजार कर रही थी कि कब जुनैद आएगा और उनके ऊपर सवार होके दूल्हे वाला काम करेगा...

जुनैद ने मुझे देख लिया...

आजा बहन चोद आजा तू भी अंदर...... आज तेरी दीदी दुल्हन बन कर मुझे मजा देगी..... मैं शर्म के मारे तो पहले से ही लाल था, मेरी और भी बुरी हालत हो गई.....

जुनेद जी मेरी एक बात सुनो आप, कुछ भी करने से पहले मैं आपसे एक वादा लेना चाहती हूं... मेरी रूपाली दीदी बोली...

बोल मेरी छम्मक छल्लो मेरी छमिया क्या बता देना चाहती है... बोलते हुए दारू की बोतल को मुंह से लगाकर पीने लगा जुनैद.

आज आप जो भी मेरे साथ करना चाहते हो कर लो... मैं किसी बात के लिए मना नहीं करूंगी.. आप जैसा भी कहोगे मैं अपनी खुशी से करूंगी.... पर आज के बाद आप मुझे और मेरे परिवार को कभी परेशान नहीं करेंगे... आप मुझसे वादा कीजिए... मेरी रूपाली दीदी ने कहा...

सुन बहन की लोड़ी रंडी, मैं कोई बुरा आदमी नहीं हूं, मैं तो बस अपने लोड़े की आग बुझाना चाहता हूं, जब उस दिन झोपड़ी में तेरी पहली बार मारी थी तब से ही मेरा लौड़ा बस तुझे ही याद कर रहा था... दिन रात तेरे नाम की मुठ मार रहा हूं बहन चोद.. साली तू फोन पर भी अच्छे से साथ नहीं देती है... अगर तू आज मुझे अच्छे से खुश कर देगी तो मैं वादा करता हूं कि आज के बाद कभी भी तेरी जिंदगी में दखल नहीं दूंगा... बोलते बोलते जुनैद ने बहुत सारी शराब पी ली.....

वह पूरी तरह नशे में धुत हो गया था और उसकी जुबान भी लड़खड़ाने लगी थी......

तू भी वादा कर मेरी जान कि आज तो मुझे किसी बात के लिए मना नहीं करेगी... जुनेद बोला...

मैं वादा करती हूं कि आज आप मुझे जो कुछ भी कहोगे मैं वह करूंगी बिना आनाकानी किय.... मेरी दीदी बोली...​
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