Update 08

फटाफट दारू के दो तीन पैक लगा कर जुनैद बिस्तर पर चढ़ गया। उसने रूपाली दीदी को अपनी गोद में बिठा लिया. अपनी बाहों में भर गालों को चूमने लगा मेरी दीदी के। एक हाथ से उसने मेरी दीदी की चूची पकड़ ली।

मेरी रूपाली दीदी: आ अह हा… स… एम्म… म्मह… उ उफ फफ्फ़.. मेरा भाई देख रहा है..… म्मह… उ उफ फफ्फ़...

जुनेद: तू बाहर जा बहन क लोड़े... तेरी दीदी को शर्म आ रही है...

बिना देर किए मैं चुपचाप उस कमरे से बाहर निकल आया और हॉल में बैठ इंतजार करने लगा.. तकरीबन 5 मिनट के बाद कमरे के अंदर से मुझे रूपाली दीदी की तेज तेज सिसकियां सुनाई देने लगी।

मैं मन ही मन कल्पनाएं करने लगा ... की मेरी दीदी के साथ क्या-क्या करा होगा वह गुंडा.. उस दिन जंगल में झोपड़ी के अंदर का नजारा मेरी आंखों के सामने घूमने लगा।... मेरा लंड बिल्कुल कड़क होने लगा था। मैंने अपने लंड पर हाथ रख लिया.. उसे सहलाने लगा... कमरे के अंदर से आने वाली मेरी रूपाली दीदी की कामुक सिसकियां मेरे लंड मैं 440 वोल्ट का झटका देने लगी... तकरीबन 10 मिनट भी चुके थे और मेरे लंड के साथ मेरे अंदर का शैतान जाग गया.. मैंने कमरे के अंदर देखने का फैसला कर लिया मन में.. जिसके अंदर मेरी दीदी चुद रही थी.. जिस कमरे के अंदर मेरी रूपाली दीदी चुद रही थी.. उसकी खिड़की खुली थी... मैं खिड़की के पास गया और अंदर का नजारा देखने लगा... चोरी छुपे..

मेरी रूपाली दीदी बिल्कुल नंगी हो चुकी थी और जुनैद भी... मेरी दीदी जुनैद की गोद में बैठी हुई थी। अपने दोनों हाथों से मेरी दीदी जुनैद का मोटा लंबा भाला पकड़ के हिला रही थी.. वह जुनैद की जांघों पर बैठी हुई थी... जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी की दोनों चूचियों को अपने दोनों हाथों में दबोच रखा था.. और बारी-बारी से उनकी दोनों निपल्स को चूस रहा था।. मेरी दीदी की चुचियों से दूध के फव्वारे निकल रहे थे.. जिसे जुनैद का चेहरा पूरा गीला हो गया था। मेरी दीदी के हाथों की चूड़ियों से खन खन की आवाज आ रही थी.. जुनैद का भाला पकड़ के हिला हिला कर.....

मेरी रूपाली दीदी: म… मा… मैं… … आ अह ह… कब तक आपका ... हिला हिला के मेरे हाथों में दर्द होने लगा जुनैद जी...

जुनैद: साली रांड.. बता तो क्या हिला रही है मदार्चोद...

मेरी रूपाली दीदी: आ अह ह... आपका मुसल..आ अह ह...

जुनेद: बहन की लोड़ी मुसल नहीं.. इसे कुछ और कहते हैं मादरचोद... बता रांड..... जुनैद ने मेरी दीदी की चूची को काट लिया..

मेरी रूपाली दीदी: आ अह आह, आह मम्मी...ल...लंड कहते हैं इस.... आपका लंड हिला हिला के मेरे हाथों में दर्द होने लगा है.. उई मां उई मर गई रे... जुनेद मेरी रूपाली दीदी की एक चूची को मुंह में ले के दूध पीने लगा।

जुनैद: भोसड़ी वाली.... साली रंडी... तेरी मां बहन एक कर दूंगा.. बहन की लोड़ी...लंड तेरे पति का होगा.. मेरा तो लौड़ा है साली..

मेरी रूपाली दीदी: हां मां, मां, मां, मां..... सच कहा आपने...लंड नहीं आपका तो यह लौड़ा है... मेरे पति का तो आपके लोड़े से आधे साइज का भी नहीं होगा..

जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी की गांड के छेद में एक उंगली डाल दी और अंदर-बाहर करने लगा था।

जुनैद: तेरी मां का भोसड़ा चोदा छिनाल कुत्तिया... बता उस दिन जंगल के अंदर तुझे कैसा लगा था?.....

मेरी रूपाली दीदी: सच बताऊं आपको तो आपको विश्वास नहीं होगा... पर फिर भी बता देती हूं... असली च**चुदाई** क्या होती है? मुझे उसी दिन एहसास हुआ था...

जुनैद मेरी दीदी की गांड के छेद में अपनी उंगली को गोल गोल घुमा रहा था।

मेरी रूपाली दीदी: उस दिन मेरा भाई देख रहा था इसलिए मुझे बड़ी शर्म आ रही थी..आह , उई ई ओह्ह गई , मर गई ओह , पर उस दिन आपके इस लोड़े ने मुझे जो सुख दिया वह मेरे पति ने मुझे कभी नहीं दिया था।

जुनेद: आजा रंडी मादरचोद... आजा मेरे लोड़े पर... मेरे लोड़े की सवारी कर जैसे उस दिन कर रही थी.. अपने गांडू भाई के सामने...

अपना जिक्र सुनकर मैं शर्मिंदा हो गया पर मेरा तो लंड पूरा खड़ा था.. मैं अपनी पेंट से बाहर निकाल कर हिलाने लगा..

तकरीबन 5 फीट की दूरी पर मेरे रूपाली दीदी जुनैद के लोड़े पर सवार होने लगी।

... दीदी के बड़े बड़े दूध देखकर के अच्छे अच्छो का माल निकल जाये… मेरी रूपाली दीदी ने अपने बड़े बड़े दूध जुनेद के चेहरे पर रख उसके लोड़े पर बैठने लगी।

मेरे रूपाली दीदी :…. आह , उई ई ओह्ह फट गई , मर गई ओह , मेरी...

मेरे रूपाली दीदी की चुनमुनिया में जुनैद का आधा लौड़ा समा गया था... मेरी रूपाली दीदी चीख रही थी चिल्ला रही थी... इसके बावजूद भी जुनेद के लोड़े के ऊपर बैठ गई थी ... जुनैद ने नीचे से एक जोरदार झटका दिया और उसका पूरा का पूरा लौड़ा मेरी रूपाली दीदी की भोसड़ी में समा गया..

साली रंडी, मादरचोद... क्या क्या तेरा पति ऐसे चोदता है तुझे?.. जुनैद ने पूछा..

हां मम्मी मां मर गई रे हाय रे..... मेरे पति का .... इतना बड़ा नहीं है ..

उयी ई ओह्ह्ह , प्लीज... मेरी दीदी चीख रही थी।

जुनेद: " बोल , अब दुबारा तो छिनरपना नहीं करेगी जैसे अभी नखडा चोद रही थी की लण्ड पे नहीं चढ़ेगी।

मेरी रूपाली दीदी: नहीं नहीं बस एक बार निकाल लो...

जुनैद: निकालने के लिए नहीं घुस आए बहन की लोड़ी...

जुनेद मेरी रुपाली दीदी को अपने लोड़े पर उछाल रहा था।

रूपाली दीदी: आ अह हा… स… एम्म… म्मह… उ उफ फफ्फ़… मुझे चोदो.... अपनी रंडी को....

मेरी दीदी ने अपनी चुचियों को जुनैद के मुंह में डाल दिया.. वह मेरी दीदी का दूध पीने लगा. और मेरी दीदी को अपने लोड़े पर उछलने लगा...

मेरी रुपाली दीदी: प्लीज थोड़ा सा रुक जाओ न ,क्या कर...., नहीं करो न , लगता है ,... ओह्ह आहह , नहीं ई ई ई ई ,

जुनेद:“आह आह आह आह आह आह ,ओ ओ ओ आह जआआआननन आह जाआआआआआआनननन “

साली रंडी, मादरचोद...

मेरे रूपाली दीदी किसी पम्प की तरह जुनेद के लोड़े के ऊपर ऊपर कूद रही थी और मेरे होश ही उड़ा रही थी मुझे पता था की मेरी दीदी इतनी गर्म हो चुकी थी की वो ज्यादा समय तक नही टिकने वाली , मेरी दीदी जुनैद के अकड़ को आज शायद तोड़ ही देती वो बिल्कुल भी आराम के मूड में नही थी ,वो लगातार ही कूद रही थी ,..

मैं अपना छोटा सा नन्ना मुन्ना पकड़ कर हिला रहा था मेरी दीदी को उछलते हुए देखकर।

जुनैद: आह आह! आह साली कुत्तिया छिनाल रंडी मादरचोद.. तेरे पति के छोटे से लोड़े से आज तक तुझे। मजा आया था क्या?..

मेरी रूपाली दीदी: नहीं जी कभी नहीं.. मेरे पति के लोड़े ने मुझे ऐसा सुख कभी नहीं दिया था.... काश आप मेरे पति होते...

“लव यू बेबी ,लव यू ,फ़क मि जान आह आह आह ,”

“लव यू मेरी रानी “ जुनेद बोला..

रानी नहीं मैं तो आपकी रंडी हो गई हूं... मेरी दीदी चीखते हुए बोली..

शायद मेरी रूपाली दीदी को जल्दी से ही झरना था वो अपनी बेताबी के इंतहा पर थी और वो उस ज्वाला को निकाल देना चाहती थी जो उसके अंदर भरी हुई थी ,

मेरी दीदी ने अपने एक चूची जुनैद के मुंह में घुसा दी। किसी आज्ञाकारी बालक की तरह मेरी दीदी की चूची को पीने लगा जुनैद। हाहाकारी रंडी की तरह मेरी रूपाली दीदी जुनैद के लोड़े पर कूद रही थी।

मेरी रूपाली दीदी: एम्म… ह…. आह… म्‍म्म्मम.. करो..आह.. तेजज… ऑश अहह… राजा..अम्म ! अर्रे, ममम !!!

ऐसा लगा कि दीदी कुछ बोलना चाह रही थी लेकिन उसने दीदी को बोलने नहीं दिया और दीदी के गद्देदार लाल लिपस्टिक वाले होंठ चूस रहा था जुनेद मेरी आंखों के सामने।

दीदी के गूँ गूँ करने की आवाज़ आ रही थी और चूड़ियाँ भी बहुत जोरो से खनक रही थी.. और यहाँ मैं यह सुन कर मदहोश होता जा रहा था..

कुछ ज़्यादा ही गर्म आदमी था वो..

दीदी की कराहने की आवाज़ मेरा लंड झड़ने के लिए काफ़ी थी…

अहह ! और मैं एक बार ही झड़ गया..

. तभी दीदी का शरीर अकड़ा और फिर वो ढीली पड़ गई.. और खुद ही बेड पर लेट गई.. जुनेद के लोड़े से .... उतर गई।

जुनैद का 10 इंच का लोड़ा बिल्कुल डंडे की तरह खड़ा था.. वह मेरी रूपाली दीदी के ऊपर सवार हो गया और उसे अपना मोटा डंडा मेरी दीदी की चूत पर लगा कर अंदर घुसा दिया।

दोनों के मुँह से कामुक कराह निकली- आआहह !

उसके बाद उसने जोर-जोर से चोदना शुरू कर दिया, थोड़ी देर में दीदी फिर से गरम होकर चीखने लगी- अहह ! आय माआ आ.. ज़ोर से और ज़ोर से… ओह… बहुत अच्छा लग रहा है… अम्‍म्म्म..

जुनैद का मोटा लंबा खूंटा एकदम टनटनाया था ,

वह मेरी रूपाली दीदी के बिल्कुल अंदर एकदम जड़ तक घुसा दे रहा था और फिर पूरा का पूरा मुसल बाहर निकाल के अगला झटका दे रहा था... उसने मेरी दीदी की दोनों चूचियों को अपने दोनों हाथों में जकड़ रखा था और एक चूची को मुंह में लेकर दूध पीते हुए वह मेरी दीदी को बड़ी बेरहमी से चोदे जा रहा था...

दीदी बहुत कामुक आवाज़ें निकाल रही थी.. आआअहह ! भागी नहीं जा रही मैं.. आराम से करो मेरी.. उफफ्फ़… म्‍म्म्मम..

दीदी अपने होंठ अपने दातों से काट रही थी.. और उसके सिर पर हाथ फिरा रही थी..

एकदम रगड़ते , दरेरते , फाड़ते , छीलते, वह मेरी रूपाली दीदी की ले रहा था... मेरी दीदी भी नीचे से गांड उठा उठा कर उसे दे रही थी...

उह्ह्ह आह्हः नहीं , हाँ करो न , मेरी दीदी सिसक रही थी...

जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी को उल्टा कर दिया.. आप मेरी दीदी उसके लोड़े पर सवार थी.. वह मेरी दीदी को अपने लोड़े पर उछलने लगा..

मेरी रूपाली दीदी: आ आआ आआआ आअहह… ऑश माआ आआआअ .. जुनेद जी..आ आआ आआआ...

जुनैद: अब दर्द नहीं हो रहा है बहन चोद.. साली रंडी..

मेरी दीदी: अहह ! आय माआ आ.. ज़ोर से और ज़ोर से… ओह… बहुत अच्छा लग रहा है… अम्‍म्म्म.. बहुत मजा आ रहा है ... आप का लोड़ा बहुत बड़ा जुनैद जी..

जुनैद: साली रांड.. मुझे पता है मेरा लोड़ा कितना बड़ा है.. तू बताएगी मुझे साली..... कुत्तिया ....

जुनेद एक हाथ से मेरी दीदी की चूची दबा रहा था और दूसरे हाथ से मेरी दीदी के भोसड़ी का दाना मसल दीया...

मेरी रूपाली दीदी किसी पागल रंडी की तरह उसके लोड़े पर उछलने लगी... देखकर बिल्कुल नहीं लग रहा था कि मेरी दीदी संस्कारी परिवार की अमानत है...

मेरी रूपाली दीदी का भोसड़ा थोड़ी देर उछलने के बाद जुनेद की मलाई से चमक रहा था... साथ ही साथ जुनैद का लौड़ा भी मेरी दीदी के पानी से बिल्कुल चमक रहा था और पानी टपके जुनेद की गोलियों तक जा रहा था...

फिर मेरी दीदी ने अपनी दोनों टांगे जुनैद की जांघों पर रख दी और उछलने लगी...

मेरे रूपाली दीदी: हा मेरी चूत ....... आहह… ओह्ह्ह… आइ… ई… यई… जुनेद जी.... आहह… ओह्ह्ह… फाड़ के रख दो... बड़ी खुजली है इसके अंदर.... आप का लौड़ा मां... मर गई...

जुनैद: रांड तुझे शर्म नहीं आ रही है.. तेरा भाई हॉल में बैठा हुआ तेरी सुन रहा होगा मां की लोड़ी...

मेरी रूपाली दीदी: . आहह… जुनैद जी मेरा भाई बहुत शरीफ है उसे कुछ नहीं पता...

दीदी के मुंह से अपना जिक्र सुनके मेरा लौड़ा फिर से फुल टाइट हो गया और मैं दोबारा हिलाने लगा..

मेरी दीदी पलट गई और जुनैद के ऊपर लेट गई.. उन्होंने खुद अपने हाथ से पकड़ कर अपनी एक चूची जुनेद के मुंह में डाल दी और उसे अपना दूध पिलाने लगी... जुनैद मेरी दीदी की गांड पकड़ के उनको अपने लोड़े पर उछाल रहा था...

अब दीदी के मचलने की बारी थी..

वो बस कसमसा रही थी.. बेचैन हो रही थी.. आहह… ओह्ह्ह… आइ… ई… यई…

और कामुक आवाज़ में कुछ कुछ बोल रही थी… अम्म आह.. और.. आउच हह.. आराम से… एम्म्म… हाँ पियो इन्हे.. दूध निकालो इनमें से.. निचोड़ लो सब कुछ आज.. आअहह…

जुनेद: हां मेरी रंडी... फाड़ के रख दूंगा तेरी चूत ... और अपने भाई के साथ जाना अपने पति के पास बोलना कि जुनेद जी ने मेरी चूत का भोसड़ा बना दिया.... साले रांड बताएगी ना अपने पति को...

मेरी दीदी: हां सब बता दूंगी उनको भी...

.आहह..एम्म ! चोदो मुझे.. ! प्लीज़ मुझे चोदो…आह ह्ह्ह्ह.. और मत तड़पाओ…

दीदी की गाण्ड अपने आप ऊपर की तरफ उठ कर लंड को अंदर लेने की कोशिश कर रही थी मगर जुनैद को उन्हें तड़पाने में मजा आ रहा था...

अब तो दीदी की पनियाई चूत और जोर से बहने लगी और उनका चूतरस उनकी चूत से बहता हुआ उनकी गाण्ड के छेद तक चला गया..

चूत और गाण्ड पर चूतरस लगे होने की वजह से बहुत चमक रही थी ऐसा लग रहा था मानो मेरे आगे जन्नत की सबसे सुंदर चूत और गांड है…

तभी जुनैद ने अपना लंड बाहर निकाल लिया और अपने हाथ में पकड़ लिया... उसने अपना लंड मेरी दीदी की चूत के मुहाने पर रख कर चूत और चूत का दाना रगड़ने लगा..

एक ही रगड़ ने दीदी के मुँह से चीख निकलवा दी.. ओइं आह्ह्हह्ह ! आअहह प्लीज़ और मत तड़पाओ मुझे ईईए ! अह.. इस…म्‍मम…

साँसें बहुत ज़ोर से चल रही थी दीदी की !

इधर उनकी गाण्ड और जोर से मचल मचल कर लंड को अंदर लेने की कोशिश कर रही थी… और तभी उसने लंड को चूत पर टिका कर एक ज़ोरदार झटका दिया.. और आधा लंड दीदी की पनियाई चूत के अंदर उतार दिया..

“आह ह्ह्ह्ह…” मेरी दीदी के मुझे कामुक सिसकारी निकली...

जुनैद मेरी रूपाली दीदी की चूत की गर्मी का एहसास पाते ही कराह उठा..

उधर दीदी भी दर्द और काम से मचल कर चीख उठी.. …उई माँ …आई ईई ई…

कांपने लगे।

मैं त… त..तो… तो… गा… ग… गाइइ.. मेरी दीदी झड़ने लगी...

मैं एक भयंकर दृश्य देख रहा था....

जुनैद ने अपना लौड़ा बाहर निकाला और मेरी दीदी को देखने लगा फिर उसने अपना लौड़ा मेरी दीदी की चूत में लंड घुसा दिया और अब वो चूत में लंड अंदर-बाहर करने लगा- आह… आह… आह… आह उहह… आ… उहह आ…

एक ही मिनट बाद दीदी फिर से अकड़ने लगी.. और तभी फिर से उसकी चूत ने पानी छोड़ दिया और वो ज़ोर से चीखी- अह ह्हह ..आ… आ..अया…आ गई मैं फिर से…

इधर उसके लंड पर दीदी के चूत का गाड़ा सफेद पानी तेल की तरह लिपट कर चमक रहा था और अब उसका लंड की मशीन की तरह अंदर बाहर हो रहा था..

करीब 10 मिनट की धमाकेदार चुदाई हुई और दीदी करीब 3 बार और झड़ी.. नीचे बिस्तर पर एक बड़ा हिस्सा गीला हो चुका था…

जुनेद: साली रांड मैं झड़ने वाला हूं....

उसने अपना लंड दीदी की चूत से बाहर निकाला और मेरी दीदी के होठों पर रख अंदर घुसाने की कोशिश करने लगा..

मेरी रूपाली दीदी ने अपना मुंह खोल दिया ...आधा लौड़ा मेरी रूपाली दीदी का मुंह के अंदर तक..... जुनेद खड़ा था और मेरी रूपाली दीदी को घुटनों के बल बैठे हुए उसका लौड़ा चूस रही थी..

जुनेद झड़ने लगा मेरी रूपाली दीदी के मुंह के अंदर... मेरी दीदी का मुंह भर गया.... जुनैद का लौड़ा खाली होने का नाम नहीं ले रहा था.. वह झटके मार रहा था.... उसने मेरी दीदी के मुंह से अपना लौड़ा निकाल लिया और मेरी रूपाली दीदी के चेहरे के ऊपर अपना लोड़े का माल निकलने लगा...... वह पागल हो गया था.... उसने मेरी दीदी के बाल पकड़ रखे थे.... होठों पर गालों पर माथे पर यहां तक कि मेरी दीदी की मांग में भी उसने पिचकारी मार दी..... बचा माल उसने मेरे रूपाली दीदी की दोनों चुचियों के निप्पल पर टिका दिया...

मेरी दीदी उसके लोड़े को चाट चाट के साफ कर रही थी..

मेरे लोड़े से भी पिचकारी निकल गई दूसरी बार..

मेरी रूपाली दीदी उठकर खड़ी हो गई और लड़खड़ाते हुए कदमों के साथ बाथरूम की तरफ जाने लगी... उनकी हिलती हुई कमर और गांड देखकर मेरे मन में तो तूफान उठने लगा पर मेरा लौड़ा दो बार झड़ जाने के कारण मुरझाया हुआ था... मुझे नींद आ रही थी और मेरी दीदी बाथरूम के अंदर समा गई.. मुझे बाथरूम के अंदर का नजारा तो दिखाई नहीं दे रहा था दरवाजा खुला होने के बावजूद भी परंतु दीदी ने शावर ऑन कर दिया था और उसके नीचे नहा रही थी, इस बात का एहसास मुझे हो चुका था...

जुनेद कमरे के अंदर अपने बिस्तर पर बिल्कुल नंगा लेटा हुआ छत की तरफ देख रहा था... उसका मुरझाया हुआ मुसल उसके हाथ में था..... तकरीबन 7 इंच का दिख रहा था झड़ने के बावजूद... वह उठकर खड़ा हुआ और उसने गटागट दो तीन पैक लगा लिया.. फिर उसने किसी को फोन किया और उससे बातें करने लगा.. मुझे कुछ भी सुनाई नहीं दे रहा था..

पता नहीं क्यों मैं खिड़की के पास चुपचाप खड़ा अपनी दीदी को बाथरूम से बाहर निकल देखने के लिए खड़ा था... जुनेद कमरे के अंदर बिल्कुल नंगा होकर टहल रहा था और किसी के साथ फोन पर बात कर रहा था...

थोड़ी देर बाद ही मुन्नी जाग गई और जोर-जोर से रोने लगी...

अचानक मेरी रूपाली दीदी बाथरूम के अंदर से दौड़ते हुए कमरे के अंदर आ गई.. पानी से बिल्कुल भीगी हुई... पैरों में पायल , हाथों में चूड़ी और कंगन, गले में मंगलसूत्र जिस पर मेरे जीजू की फोटो थी, के अलावा मेरी दीदी के बदन पर कोई भी वस्त्र नहीं था... मेरी दीदी अपनी नग्न अवस्था को ढकने का बिल्कुल भी प्रयास नहीं कर रही थी... गोरा चिकना बदन... चुचियों पर दांत के निशान... चिकनी मखमली योनि जो पूरी तरह खुली हुई दिख रही थी, और इस बात की गवाही दे रही थी कि किसी बड़े से लोड़े ने खोल के मेरी दीदी का भोसड़ा बना दिया....

मेरी रुपाली दीदी ने झटपट मुन्नी को उठा कर अपने सीने से चिपका लिया और अपनी एक चूची उसके मुंह में देकर दूध पिलाने लगी.. मुन्नी बड़ी शांति से मेरी दीदी का दूध पीने लगी.. मेरी दीदी उसका पीठ थपथपा रही थी... मेरी दीदी की दूसरी चूची बाहर लटक रही थी, फूल के कुप्पा हो गई लग रहा था दूध के साथ साथ मेरी दीदी की चूची में खून भी उतर आया हो.... दूध से भी सफेद फुटबॉल की तरह.. लाल निप्पल चने के दाने के बराबर.... पानी से भीगा हुआ... दूध से भरा हुआ... अजीब सी बात है ना जुनैद ने अभी-अभी मेरे रुपाली दीदी की टंकियों को खाली किया था चूस चूस... और फिर से उनकी वह दोनों टंकी भर गई थी दूध से... जुनैद की नजर मेरी दीदी पर पड़ी..

भाई अब बस जल्दी से आ जाओ... उसने फोन पर बस इतना ही कहा और फोन काट दिया...

वह तो पहले से ही नंगा था, उसका मुरझाया हुआ 7 इंच का लोड़ा मेरी दीदी को ऐसी हालत में देखकर तन के खड़ा हो गया...

उसका लंड जैसे काला मूसल था … खूब मोटा सा था. लंड की लम्बाई भी तकरीबन 11 इंच की हो गई थी..

वह मेरी रूपाली दीदी के ऊपर टूट पड़ा... उसने मेरी दीदी की दूसरी चूची को अपने मुंह में भर लिया... जुनेद ना काट रहा था, ना चाट रहा था, नाही मसल रहा था, बल्कि वह मेरी दीदी की चूची को मुंह में लेकर दूध पी रहा था...

जब मेरी रूपाली दीदी को एहसास हुआ कि उनकी दोनों चूचियां दूध पिला रही है , एक अपनी बेटी को, दूसरी एक गुंडे को, उनके मुंह से कामुक सिसकियां निकलने लगी...

मेरी रूपाली दीदी: ‘उम्म्ह… अहह… हय… याह… जुनेद जी ... क्या पाप कर रहे हो आप..

पाप नहीं मेरी रानी यह तो प्यार है बोलते हुए जुनैद ने फिर से मेरी रूपाली दीदी को अपने बिस्तर पर पटक दिया... उसने अपना लौड़ा मेरी रूपाली दीदी की चिकनी चमेली के अंदर पूरा घुसा दिया...

एक दो झटकों में ही लंड ने चुत में जगह बना ली थी. उसने मेरी रूपाली दीदी की चुदाई शुरू कर दी.

मुन्नी और जुनैद अभी भी मेरी दीदी की दोनों चूचियां पी रहे थे..

बड़ा ही अजीबोगरीब दृश्य था..

तकरीबन 5 मिनट तक वह मेरी दीदी को इसी पोजीशन में जोर जोर से धक्के मारता रहा जब तक उसने मेरी दीदी की एक चूची को चूस चूस के बिल्कुल सुखा दिया... मुन्नी अब सो चुकी थी... जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी के सीने से मुन्नी को उठाकर बिस्तर पर बगल में लिटा दिया... फिर उसने मेरी दीदी को उठाया और उनको घोड़ी बना दिया... एक हाथ से उसने मेरी दीदी के बाल पकड़ ली और दूसरे हाथ से उसने अपना लौड़ा पकड़ मेरी दीदी की गांड के छेद में सेट किया...

जुनैद: - अंह चुद साली चुद … मेरी रानी... आज तुम मेरी दुल्हन बनेगी ...

जुनैद ने अपना पूरा का पूरा लौड़ा मेरी रूपाली दीदी की गांड के छेद में घुसा दिया..

मेरी रूपाली दीदी: आहह आह आह जुनेद जी..आहह आह आह..

मैं तो आपकी रंडी ..आहह फिर दुल्हन ...आहह आह...

जुनैद: आहह साली रांड.. आज तुझे और तेरी छोटी बहन प्रियंका को दुल्हन बनाकर हम लोग इसी बिस्तर में बजाएंगे...आहह आह.. रंडी तेरे पति को मैंने फोन करके बता दिया है... वह थोड़ी देर बाद प्रियंका को लेके यहां आने वाला है..

जुनैद की बात सुनकर मेरी गाड़ी फट गई... मैं शर्म और डर के मारे थर थर कांपने लगा...

…. आह , उई ई ओह्ह फट गई , मर गई ओह , मेरी रूपाली दीदी की चीखें निकल कर पूरे फार्म हाउस में गूंज रही थी... बाहर काम करने वाले मजदूर भी सुन रहे होंगे..

जुनैद: साली आज रात को तुम दोनों बहनों को दुल्हन की तरह सजना है.. मैं और असलम भाई तुम दोनों के साथ सुहागरात मनाएंगे.. तेरा गांडू पति भी रहेगा साथ में...

रूपाली दीदी: ओह गॉड आहह याह आह … मुझे उम्मीद ही नहीं थी कि मेरे नसीब में इतना मोटा लंड भी लिखा होगा. आह … जरा धीरे चोदो.. मेरी प्रियंका बहुत भोली है और कुंवारी भी... उसकी शादी होने वाली है... प्लीज जुनैद जी आप मेरे साथ जो भी करना चाहते हो कर लो... पर मेरी छोटी बहन को तो बख्श दो...

आप दोनों जानवरों को मेरी भोली भाली बहन झेल नहीं पाएगी..

जुनैद: तभी तो मजा आएगा साली बहन की लोड़ी.. प्रियंका की सील भी पैक होगी... असलम भाई तोडेंगे आज तेरी छोटी बहना की सील... मैं तो बस तेरी लूंगा... तु मुझे बहुत पसंद है..

कमरे के अंदर एक तूफान आया हुआ था... और मैं बाहर खिड़की पर खड़ा अपने मुरझाए हुए लोड़े को हाथ में लेकर सोच रहा था कि यह दोनों जानवर मेरी प्रियंका दीदी का क्या हाल बनाएंगे...

जुनैद: - आहह ओह बहनचोद … अभी तो मेरा लौड़ा तेरी गांड में माल भरने वाला है... सुन मेरी रानी..- आहह ओह ...

बोलते हुए जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी की गांड के अंदर अपना माल भर दिया और दीदी की चूची पकड़ के उनकी पीठ पर लेट गया..

कुछ देर बाद जुनैद ने अपना लौड़ा मेरी रुपाली दीदी की गांड के छेद से खींचकर बाहर निकाला और उठ कर खड़ा हो गया.. उसने मेरी दीदी की ब्रा से अपने लोड़े को साफ किया... मुरझाया हुआ काला लोड़ा चमक रहा था... फिर उसने अपने कपड़े पहने... मेरी रूपाली दीदी अभी भी बिस्तर पर पेट के बल लेटी हुई थी... उनकी गांड के छेद से सफेद सफेद टपक रहा था जो जुनेद से निकला था...

कपड़े पहनने के बाद जुनैद मेरी रूपाली दीदी को उठा दीया हाथ पकड़ ...

सुन मेरी रानी... मैं बाहर जा रहा हूं कुछ काम से.. रात को 8:00 बजे वापस आऊंगा... मेरे साथ असलम भाई भी होंगे..

कुछ मजदूर आएंगे और इस कमरे की सजावट करेंगे.. एक पार्लर वाली भी आएगी जो तुम दोनों बहनों को दुल्हन बना और सारे कपड़े पहन आएगी... रंडी तुझे तो पता ही होगा सुहागरात कैसे मनाते हैं..

मेरी रूपाली दीदी: जी.. मुझे तो पता है कि दुल्हन कैसे बनते हैं सुहागरात कैसे मनाते हैं... पर मेरी प्रियंका कैसे कर पाएगी वह सब..

जुनेद: रंडी वो तेरी जिम्मेदारी है बहन की लोड़ी... असलम भाई ने साफ-साफ कहा है कि वह प्रियंका की लेना चाहते हैं दुल्हन की ड्रेस में... तू सोच कि तू कैसे अपनी छोटी बहन को तैयार करेगी..

तेरा गांडू पति थोड़ी देर में ही उसे लेकर आने वाला है..

मेरी प्रियंका दीदी जुनैद और असलम के बिस्तर पर होगी.. यह बात सोच सोच कर ही मेरी हालत खराब हुई जा रही थी..

जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी को एक चुम्मा लिया.. और एक हाथ से उनकी गांड भी मसल के बोला: साली याद रखना.. मैं अब जा रहा हूं... इसी बिस्तर पर तुम दोनों बहने दुल्हन बनकर बैठे मिलना मुझे..

वरना तुम तो जानती हो भाई को... वह तो तुम दोनों की गांड में सरिया डाल पूरे शहर में नंगा घुमाएंगे.. और तेरे गांडू भाई की गॉड भी मारेंगे... बहन चोद...

मेरी रूपाली दीदी: मैं पूरी कोशिश करूंगी जी... आप भरोसा रखो मुझ पर... प्लीज मेरे भाई को कुछ भी मत करना..

जुनेद मुस्कुराता हुआ कमरे से बाहर निकला.. मैं पहले से ही बाहर जाकर सोफे पर लेट गया था.. और सोने की एक्टिंग कर रहा था.

जुनेद मेरे पास आया और उसने मेरे गाल पर एक जोरदार थप्पड़ मारा..... बहन के लोड़े मुझे अच्छी तरह पता है तू सोया नहीं... जब मैं तेरी दीदी की ले रहा था तब तू साले खिड़की पर खड़ा होकर हिला रहा था... बहन चोद मैंने सब देख लिया..

मैं उठ कर खड़ा हो गया और शर्मिंदा होकर जुनैद को देखने लगा..

अपनी गांड बचानी है बहन चोद तो अपनी दोनों बहनों को दुल्हन बना कर बिस्तर में बिठा के रखना जब मैं और असलम भाई आएंगे..

चल अब मैं निकलता हूं साले... रात को 8:00 बजे मिलूंगा..

जुनेद बाहर निकल गया अपनी कार स्टार्ट करके... जब मुझे तसल्ली हो गई कि बाहर निकल गया जुनैद तो मैंने अपनी रूपाली दी थी कि कमरे की तरफ रुख किया... मेरी दीदी ढूंढ ढूंढ के कमरे के चारों तरफ से अपने कपड़े उठा कर पहनने की कोशिश कर रही थी.. उनकी चूची अभी भी बाहर थी... मैं वापस आकर सोफे पर लेट गया...

थोड़ी देर के बाद मेरी रूपाली दीदी खुद ही आकर मेरे पास बैठ गई.. मेरी दीदी रो रही थी... मुझे पता था मेरी दीदी क्यों रो रही है.. मैं चुपचाप उठ के बैठ गया और उनको गले लगा कर उनकी पीठ सहलाने लगा..

मेरी रूपाली दीदी मेरे कांधे पे सर रख कर रो रही थी और मेरा लौड़ा दर्द हो रहा था फिर भी खड़ा हो रहा था... हम दोनों इसी अवस्था में काफी देर तक बैठे रहे.. हमारे बीच कोई बातचीत नहीं हुई ..

थोड़ी देर बाद एक कार की आवाज हमें सुनाई दी और कुछ ही देर बाद घर की बेल बजने लगी... मैंने दरवाजा खोला और सामने मेरी प्रियंका दीदी के साथ मेरे जीजू खड़े थे.. वह दोनों अंदर आ गए और मैंने दरवाजा बंद कर दिया क्योंकि सामने मजदूरों की फौज खड़ी थी.. मेरी प्रियंका दीदी के पीछे... मैंने झटपट दरवाजा बंद कर दिया...

अब हम लोग चारों सोफे पर बैठे हुए थे... हम लोग को समझा रहे थे मेरे जीजू.... देखो प्रियंका ऐसा तो करना ही पड़ेगा... हमारे पास और कोई रास्ता नहीं है.. रूपाली दीदी भी प्रियंका दीदी को समझा रही थी...

अगर वीडियो रिलीज हो गया तो फिर मैं किसी को मुंह दिखाने लायक नहीं रहूंगी प्रियंका... समझो मेरी बात को... वह दोनों इतने बुरे भी नहीं है... मेरे रूपाली दीदी बोली..

मेरी प्रियंका दीदी कुछ बोलती इसके पहले ही दरवाजे पर बेल बजने लगी... मेरे जीजू खड़े हुए और उन्होंने दरवाजा खोल दिया..

पहले तो एक औरत अंदर आई जिसकी उम्र तकरीबन 50 साल थी उसके बाद ढेर सार मजदूर कमरे के अंदर घुस गय...

मेरे जीजू के साथ हम सब घबरा गए थे...

सारे मजदूरों के हाथ मे सजावट की चीजें देख रहा था मैं... ढेर सारे मजदूर दीदी के उस कमरे में घुस जिस कमरे के अंदर मेरी दीदी का कांड हुआ था, उसे फिर से सजाने लगे..

मेरी रूपाली दीदी और मेरे प्रियंका दीदी का हाथ पकड़ कर एक दूसरे कमरे में ले जाने लगी अधेड़ उम्र की औरत.... एक मजदूर भी उसके साथ था... उसके हाथ में ढेर सारे कपड़े थे.. सब नए... मेरी दोनों दीदी को उस औरत ने कमरे के अंदर धक्का दिया मजदूर भी साथ-साथ अंदर घुस गया और उस औरत ने दरवाजा अंदर से बंद कर लिया... बाकी के सारे मजदूर मेरी रूपाली दीदी और प्रियंका दीदी की होने वाली सुहागरात के कमरे में उनके बिस्तर को सजा रहे थे और लाइटिंग भी लगा रहे थे..

मैं और मेरी जीजू एक दूसरे के साथ नजर नहीं मिला पा रहे थे.. हम दोनों को अच्छी तरह पता था कि आप यहां क्या कांड होने वाला है..

जीजू क्या आपने मेरी मम्मी को भी बता दिया... मैंने पूछा.

नहीं मैंने तुम्हारी प्रियंका दीदी के अलावा घर में किसी को यह बात नहीं बताइ... देखो अब जो होना है वह तो होगा ही.. मैंने घर पर बता दिया है कि प्रियंका और रूपाली आज रात मेरे साथ रहेगी..

वह बात तो ठीक है.. जीजु... पर क्या आपको पता है कि असलम और जुनैद उन दोनों का बहुत बड़ा है.. और बहुत बुरी तरह लेते हैं

.. मेरी रूपाली दीदी की तो ले चुके.. आपको तो पता ही है.. पर प्रियंका दीदी तो कमसिन है अभी भी....

जीजु: जब मैं तेरी रूपाली दीदी के ऊपर चढ़ा था तब भी वह कमसिन और कुंवारी थी... तुम्हारी दीदी बहुत चिल्लाई थी पर फिर भी मरे झटके बर्दाश्त कर गई...

मैं: पर रूपाली दीदी की बात कुछ और है जीजू.. रूपाली दीदी तो कुछ दूसरे टाइप की है... पर प्रियंका दीदी... वह तो बड़ी मासूम है..

जीजु: कोई भी लड़की तभी तक मासूम होती है जब तक उसके छेद में एक मोटा औजार नहीं घुस जाता... तू देखना तेरी प्रियंका दीदी भी उसी तरह मजा लेगी हम जैसे असलम और जुनैद के लोड़े पर तेरी रूपाली ने मजा लिया था...

मुझे समझ नहीं आ रहा था कि क्या बात करूं अपने जीजू के साथ.. मैं चुप हो गया और घड़ी की तरफ देखने लगा.. 7:30 हो चुके थे.. सारे मजदूर कमरे से बाहर निकलने लगे , शायद उनका काम पूरा हो चुका था...

एक मजदूर के हाथ में मेरी रूपाली दीदी की पेंटी थी... वह मेरे पास आया और बिल्कुल मेरे सामने खड़ा हो गया...

उसने अपना लौड़ा बाहर निकाला और मेरी मुंह के सामने लहरा दिया.. मेरे जीजू भी देख रहे थे... उसने अपने लोड़े पर मेरे ऊपर दीदी की पेंटी रख ली...

यह तेरी बहन की र्है ना बहन चोद.. जिसे मेरे मालिक ने अभी अभी .. वह मजदूर बोलते बोलते अपने लोड़े पर मेरे रूपाली दीदी की पेंटी को हिलाने लगा मेरे मुंह के ठीक सामने...

दूसरा मजदूर एक ब्रा को अपने लोड़े पर , जो मेरी दीदी की ही ब्रा थी , लपेट कर मेरे जीजू का मुंह में अपना घुसा दिया.. बड़ी हैरानी की बात थी कि मेरे जीजू उसका चूसने भी लगे...

कुछ देर तक हम दोनों जीजा साले को परेशान करने के बाद सारे मजदूर घर से बाहर निकल गय..

जीजू ने मुझसे कहा कि जाकर देखो तो उस कमरे में क्या हो रहा है जिसके अंदर तुम्हारी दीदी है ... बिना कुछ बोले मैं चुपचाप उठा वहां से और उस कमरे के सामने जाकर खड़ा हो गया जिसके अंदर मेरी रूपाली दीदी और प्रियंका दीदी थी... काफी देर तक मैं दरवाजे के बाहर ही खड़ा रहा तकरीबन 30 मिनट तक... मेरी हिम्मत नहीं हो रही थी कि मैं दरवाजा खोल के अंदर जाऊं... दरवाजे के पास एक खिड़की थी जो खुली हुई थी... मैंने खिड़की से अंदर झांक के देखा... मेरे होश उड़ गए......

मेरी रूपाली दीदी और प्रियंका दीदी ड्रेसिंग टेबल के सामने बैठी हुई थी......... वह अधेड़ उम्र की औरत मेरी प्रियंका दीदी का मेकअप कर रही थी.... रूपाली दीदी अपना मेकअप खुद ही कर रही थी... दोनों ने लगभग एक जैसी ड्रेस पहन रखी थी... लाल रंग की लो कट डीप नेक चोली... जिसमें से आधे चूचियां बाहर निकली हुई थी... हालांकि मेरी रूपाली दीदी और मेरी प्रियंका दीदी की साइज में काफी अंतर था.. मेरी रूपाली दीदी की चूचियां तकरीबन 36 की होंगी जबकि मेरी प्रियंका दीदी की 32 की... इसके बावजूद जुनैद ने जो डिजाइनर चोली भेजी थी मेरी बहनों के लिए वह बिल्कुल फिट हो गई थी दोनों के लिए.... उसे मेरी रूपाली दीदी की चूची का तो पूरी तरह अनुमान था.. परंतु मेरी प्रियंका दीदी की चूची का भी उसने बिल्कुल ठीक अंदाजा लगाया था... मुझे आश्चर्य हुआ इस बात पर.....

उस औरत ने मेरी दोनों दीदी को ड्रेसिंग टेबल के सामने खड़ा किया और आगे पीछे से घूम घूम के उनके बदन का मुआयना करने लगी.. रूपाली दीदी ने एक डिजाइनर लहंगा पहन रखा था... जो उनकी कमर के काफी नीचे बंधा हुआ था... उनकी सपाट पेट और गहरी नाभि मिरर में साफ-साफ देख पा रहा था मैं... अजीब बात मुझे यह लगी कि दीदी का लहंगा सामने की तरफ से खुला हुआ था... मेरा मतलब है एक चीरा था लहंगे में सामने से उनकी दोनों टांगों के बीचो बीच, जो उनकी पेंटी से ठीक पहले खत्म हो रहा था... ऐसा अजीबोगरीब लहंगा मैंने पहली बार देखा था... मेरी दीदी अगर खड़ी रहे तब तो कोई बात नहीं किसी को पता नहीं चलेगा कि चीरा है... पर जैसे ही वह चलने लगेगी तो उनकी गोरी गोरी जांघें नुमाया हो जाएंगी और हो रही थी... मेरा हथियार मेरे पैंट में तंबू बनाने लगा अपनी दीदी का लहंगा देख...

दूसरी तरफ मेरी प्रियंका दीदी का लहंगा काफी परंपरागत था... जैसा एक दुल्हन पहनती है अपनी शादी में..... उनका लहंगा भी उनकी नाभि के नीचे ही बंधा हुआ था जो नीचे जमीन तक आ रहा था...

बालों में गजरा... आंखों में कजरा.. होठों पर बेहद गाड़ी लाल लिपस्टिक... चेहरे पर भरपूर मेकअप.. फिर उस औरत ने मेरी प्रियंका दीदी को नाक में एक नथनी पहनाई.... मांग टीका... फिर गले में सोने का बना हुआ हार... कमर में कमर बंद.. हाथों में चूड़ियां और कंगन... मैंने जब गौर से देखा तो मुझे पता चला कि उनके हाथों में मेहंदी भी रची गई है... पैरों में पायल सोने की... स्वर्ग से उतरी हुई अप्सरा लग रही थी मेरी प्रियंका दीदी... मेरी रूपाली दीदी भी कुछ इसी प्रकार से सजी हुई थी.... मेरे लिए आश्चर्य की बात बस इतनी थी कि मेरी रूपाली दीदी की मांग में जो सिंदूर हमेशा दिखता है वह गायब था और उनका मंगलसूत्र जो हमेशा उनकी चूचियों पर लटका हुआ रहता है वह भी नदारद था....

पैंट के ऊपर से ही अपने हथियार को अपने हाथ में पकड़े हुए मैं अपनी दोनों दीदियों को देख रहा था मंत्रमुग्ध होकर....

अंदर जो मजदूर उस औरत की मदद कर रहा था , बार-बार अपने लोड़े पर अपना हाथ फिरा रहा था, और शायद मन ही मन अपनी किस्मत को कोस रहा होगा...

मेरी दोनों दीदी अब बिल्कुल नई नवेली दुल्हन की तरह सज धज के तैयार थी अपने नए दूल्हे के लिए..

बन्नो आज तो बहुत घमासान होगा... पूरी रात तुम्हारी घिसाई होगी.. उस औरत ने कहा...

मेरी प्रियंका दीदी शर्म के मारे लाल हो गई और अपना सर नीचे झुका ली.. उस औरत ने मेरी प्रियंका दीदी के चेहरे को पकड़ के ऊपर किया और उनकी आंखों में आंखें डाल कर बोली..

छमिया बड़ी शर्मीली है रे तू... हमारे असलम भाई को तेरी जैसी छोकरी बहुत पसंद आती है.... बहुत कस कस कर लेंगे तुम्हारी...

तुमको तो पता है ना उनका हथियार इतना बड़ा है.. उस औरत ने अपने हाथ को मोड़ हाथ की लंबाई को दिखाते हुए कहा..

अरे हां तुम्हारी दीदी को तो पता है असलम भाई के हथियार के बारे में.... इसने तो खूब लिया है, आगे से भी और पीछे से भी... तुझे तो ऐसा ठेल देंगे कि तू बिस्तर से उठ भी नहीं पाएगी... उस औरत ने मेरी प्रियंका दीदी की दोनों चुचियों का जायजा लिया... चोली के ऊपर से उसने दो तीन बार दबाया... मेरी रूपाली दीदी चुपचाप उसकी हरकतें देख रही थी और मैं भी खिड़की के बाहर खड़ा ..

मजदूर भी अब सोफे पर जाकर बैठ गया था और बड़ी बेशर्मी से अपने लोड़े को मसल रहा था..

एक बार तो मुझे ऐसा लगा कि मेरे दोनों नए होने वाले जीजू से पहले ही यह मजदूर मेरा जीजा बन जाएगा... लेकिन उसने ऐसा कुछ भी नहीं किया और अपना लौड़ा पकड़कर मेरी दीदियों को देखता रहा.. मन ही मन सुहागरात मनाने के सपने देख रहा था वह मेरी दीदी के साथ...

तेरा नाम क्या है छमिया.. उस औरत ने प्रियंका दीदी से पूछा..

जी प्रियंका... थरथरआते हुए मेरी दीदी ने जवाब दिया..

सुन रे छोकरी.. हमारे असलम भाई बहुत दूसरे टाइप के आदमी है.. उनका मन बस एक छेद से नहीं भरता... आज रात भर तुम्हारी दोनों छेद में भूकंप आएगा... तू समझ तो रही है ना मैं क्या कह रही हूं...

मेरी प्रियंका दीदी रूपाली दीदी की तरफ देखने लगी... पर रूपाली दीदी ने कुछ भी जवाब नहीं दिया...

साली अपनी दीदी की तरफ क्या देख रही है कुत्तिया... यह रंडी तो खेली खाई है... जो मैं बोल रही हूं उसे ध्यान से सुन.... उस औरत ने मेरी प्रियंका दीदी कि चोली के ऊपर से उनके निप्पल को मरोड़ दिया...

सुन छोकरी.. आज तेरी सुहागरात है... और असलम भाई आज तेरी कुंवारी सील तो तोड़ेंगे उसके बाद तेरी गांड भी मारेंगे... जैसे तेरी दीदी की मारते हैं... और हां मर्दों से रहम की उम्मीद मत करना..."जब बिन्नो तेरे गांड के छल्ले को रगड़ता,दरेरता ,फाड़ता घुसेगा न , एकदम आग लग जायेगी गांड में। लेकिन मर्द दबोच के रखता है उस समय , वो पूरा ठेल के ही दम लेगा। जब एक बार सुपाड़ा गांड का छल्ला पार कर गया तो तुम लाख गांड पटको , .... निकलेगा नहीं... पूरी बेशर्मी के साथ वह मेरी प्रियंका दीदी को समझा रही थी..

मेरी प्रियंका दीदी की टांगें कांप रही थी उस औरत की बात सुनकर..

गांड मरवाने का असली मजा तो उसी दर्द में है. मारने वाले को भी तभी मजा आता है जब वो पूरी ताकत से छल्ले के पार ठेलता है , और मरवाने वाली को भी.... वह औरत रुकने का नाम नहीं ले रही थी.

मेरी दोनों दीदीया शर्म से पानी पानी हो रही थी उसकी बातें सुनकर और मजदूर अपनी जीप खोल के अपने लोड़े को हिला रहा था जो बिल्कुल टावर की तरह खड़ा हो गया था पता नहीं उसकी बातें सुनकर या फिर मेरी बहनों को देखकर..

मेरा भी खड़ा था... मैं सोचने लगा था कि हिला दूं क्या बाहर निकाल के तभी मुझे दरवाजे पर बेल की आवाज सुनाई दी... 8:00 बज चुके थे और मुझे पता था कि दरवाजे पर कौन लोग आए हैं... मेरे दोनों नए जीजू... मेरा लौड़ा मुरझा गया... मैं भागते हुए जीजु के पास आया जो लेटे हुए छत की तरफ देख रहे थे... मेरी जीजू उठ कर बैठ गय..

जीजू मुझे लगता है वह दोनों आ गए ... मैंने कहा..

हां वह लोग आ चुके हैं दरवाजा खोल जल्दी... जीजू ने कहा..

जब मैंने दरवाजा खोला तो मेरे सामने असलम और जुनैद खड़े थे.. आंखों में सुरमा लगाए हुए पठानी सूट में दोनों जवान मर्द कामदेव की तरह लग रहे थे...

अरे साले साहब वाह वाह.. मजा आ गया.. आपने दरवाजा खुद ही खोला..... जुनैद ने मुझसे कहा और दोनों अंदर आ गए.....

मेरे जीजू दौड़ते हुए आए और उन दोनों के सामने हाथ जोड़कर खड़े हो गए....

माधर्चोद कहां है हमारी दुल्हनिया.. किधर है हमारी सेज... असलम ने मेरे जीजू का कॉलर पकड़ लिया... और उनको उठाकर नीचे जमीन पर पटक दिया...... मैं घबरा गया...

मैं भागते हुए असलम के पास पहुंचा और उसका हाथ पकड़ के बोला.. असलम भाई..... बस इतना ही मेरे मुंह से निकला था कि एक जोरदार तमाचा मेरे गाल पर लगा... मेरी आंखों के सामने तारे घूमने लगे..

रंडी के बच्चे... मैं तेरा भाई नहीं... तेरा जीजा ... भूल गया बहन के लोड़े..

असलम ने गुस्से में कहा...

मेरी तो गांड फटी थी..... मुझे चक्कर आ रहे थे... इसके बावजूद मैंने उठकर असलम के घुटने पकड़ लिय अपने हाथों से और रोते हुए बोलने लगा...

जीजु..... मेरी दोनों दीदीया दुल्हन बनकर बिल्कुल तैयार हो चुकी हैं आप लोगों की सेवा के लिए...

असलम ने मेरे सर पर हाथ फेरा और बोला...

तू मेरा बहुत प्यारा साला है.... चल अब जल्दी से अपने दोनों दीदी को सुहागरात की सेज पर लेकर जा....
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