Update 10

जुनैद ने जब देखा कि मेरी प्रियंका दीदी किसी प्यासी रंडी की तरह असलम के मोटे लंबे डंडे पर चीखते चिल्लाते हुए उछल रही है, तो उसने मेरी रूपाली दीदी की गांड में से अपना मोटा झंडा खींच कर बाहर निकाल लिया... वह असलम के बगल में लेट गया और उसने मेरी रूपाली दीदी को अपने लंड पर बिठा लिया... मेरी रूपाली दीदी ने खुद ही उसकी मोटे लंबे बांस को पकड़कर अपनी प्यासी मुनिया पर सटा लिया और दीदी बैठ गई .. सीसकते हुए...

अब मेरी दोनों दीदी दोनों गुंडों के लंबे मुसल पर सवार होके उन्हें ही चोद रही थी... अपने नए दूल्हे को.. मेरे नए जीजा जी को...

मेरी रूपाली दीदी को तो पहले से ही अनुभव था लंड की सवारी करने का.... पर मेरी प्रियंका दीदी जो पहली बार किसी लंड की सवारी कर रही थी.. और वह भी असलम के, उनकी रफ्तार मेरी रूपाली दीदी से भी ज्यादा थी...

मेरी प्रियंका दीदी बार-बार खाली तो हो रही थी असलम के लोड़े पर पर फिर भी उनके उछलने की रफ्तार में कमी नहीं आ रही थी.. शायद असलम का लौड़ा मेरी प्रियंका दीदी के बच्चेदानी को बार-बार ठोकर मार रहा था..

मेरी रुपाली दीदी भी जुनैद के लोड़े पर एक बार तो झड़ गई और सुस्ताने लगी तो जुनैद नीचे से मेरी दीदी को उछालने लगा.. उसका निशाना भी मेरी दीदी की बच्चेदानी पर ही था..

दोनों ही गुंडे बेहद आनंदित होकर कामुक सिसकियां ले रहे थे..

ताल से ताल मिलाकर दोनों मेरी दोनों दीदी को चोद रहे थे... मेरी रूपाली दीदी तो सिसक रही थी पर मेरी प्रियंका दीदी रंडियों की तरह कामुक चीखें निकाल रही थी.... जाहिर सी बात है उनके लिए यह पहला अनुभव था... मेरी रूपाली दीदी अब पक्की बन चुकी थी...

जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी को अपने ऊपर झुका लिया... उनके मदमस्त बड़े-बड़े जोवन जुनैद की चेहरे के सामने झूल उठे..

दाईं चूची को जुनैद ने अपने मुंह में लिया और मेरी दीदी का दूध चूसने लगा... मेरी दीदी पागलों की तरह अपनी गांड चलाने लगी..

असलम ने भी मेरी प्रियंका दीदी की एक चूची के साथ वही किया जो जुनैद ने मेरी रूपाली दीदी की एक चूची के साथ किया था... दोनों जुगलबंदी करने में लगे हुए थे... फर्क सिर्फ इतना था कि मेरीरूपालीदीदी की गुब्बारे जैसे चुचियों कि आगे मेरी प्रियंका दीदी की संतरे से थोड़ी बड़ी चूचियां छोटी थी... पहले तो उसने मेरी प्रियंका दीदी के "अनारदाने" को जीभ से चाटा और फिर मेरी दीदी के पूरे अनार को अपने मुंह में भर लिया और चूसने लगा... पर मेरी प्रियंका दीदी की अनारो में दूध का नामोनिशान भी नहीं था... जिस प्रकार वह चूस रहा था मुझे ऐसा लग रहा था कि मेरी प्रियंका दीदी की चूचियो मैं अगर जरा सा भी दूध आने की संभावना होती तो असलम जरूर उनको निचोड़ कर पी जाता अपने मुंह से... अपने दांतों से काट काट कर उसने मेरी दीदी के गुलाबी अनार दाने को लाल कर दिया था..

दूसरी तरफ जुनैद मजे से मेरी रूपाली दीदी का दूध पी रहा था... मेरी रूपाली दीदी के दूध के टैंकर हमेशा भरे रहते हैं.. जुनेद मनमर्जी से चूस रहा था... दबा रहा था.. दांतों से काट भी रहा था...

फिर उन दोनों ने मेरी दीदीओ की दूसरी चूची के साथ भी वही व्यवहार किया...

जुनैद ने तो इतना चूसा इतना चूसा कि मेरी रूपाली दीदी की दोनों दूध की टंकी लगभग खाली हो गई.... और मेरी दीदी दूसरी बार झड़ गई उसके लोड़े पर..

असलम ने काट काट कर मेरी प्रियंका दीदी की दोनों चुचियों को लाल कर दिया था और मेरी दीदी को पागल... मेरी दीदी झड़ रही थी और झड़ने के साथ-साथ और भी ज्यादा कामुक होकर उसके लोड़े पर अपनी गांड पटक रही थी..

असलम: ‘अअअअ … ईईईईई..’ मेरे भाई.. यह साली रंडी तो मेरी जान ले लेगी बहन की लोड़ी..‘अअअअ … जुनैद.... मुझे अपनी दुल्हनिया की कोख भरनी है इसको एक बच्चा देना है..

जुनैद: असलम भाई आपने तो मेरे मुंह की बात छीन ली... मैं अपनी रूपाली दुल्हनिया को अपने बच्चे की मां बना हुआ देखना चाहता हूं..

इस रंडी ने मुझे पागल बना दिया...आह … उह …

असलम: आजा साले फिर दोनों को मम्मी बनाते हैं..आह … उह … एक साथ दूध पीने का इंतजाम करते हैं..

असलम ने अपनी आंखों से इशारा किया.. और फिर दोनों ने अपनी-अपनी दुल्हनिया को पलट दिया और उनके सवार हो उनको चोदना शुरू कर दिया..

मेरी दोनों दीदी बिल्कुल पास में लेटी हुई थी...

और गुंडे उनकी सवारी कर रहे थे.. बिल्कुल घोड़े की तरह... मेरी रूपाली दीदी ने अपनी दोनों टांगें फैला दी, उन्हें पता था कि क्या करना है... पर प्रियंका दीदी वह तो दर्द के मारे बिल बिल आने लगी.

मेरे प्रियंका दीदी के ऊपर पहली बार एक घोड़े जैसा मर्द चढ़ा था. जिसकी रफ्तार भी घोड़े जैसी थी...

ये सब देखते देखते कब मेरी पैंट में तम्बू खड़ा होने लगा, मेरी तो हालत ख़राब हो गई। असलम ने अपने लोड़े का मक्खन मेरी प्रियंका दीदी के अंदर बहुत अंदर डाल दिया...

दीदी की शक्ल भी बदली, और अचानक लगने लगा कि वो तो आमंत्रण की देवी बन गई हैं।

मेरी प्रियंका दीदी के चेहरे की गर्मी और उस पर का सुकून तो बस दोस्तों वही समझ सकता है जिसने खुद ये ताश के पत्ते फेंटे हों।

मेरा तो इतना बुरा हाल हो गया था कि लग रहा था किसी भी समय पिचकारी छूट जायेगी, लेकिन मैंने खुद के ऊपर कंट्रोल किया...

क्या बताएं दोस्तों, असलम ने सब कुछ फाड़कर मेरी प्रियंका दीदी की चूत मैं अपना पूरा का पूरा मक्खन डाल दिया और गोल गोल घुमाने लगा अपने लोड़े को हाथ से पकड़ के, मथनी की तरह.

वह बुरी तरह हाफ रहा था... मेरी दीदी के ऊपर लेट के...

थोड़ी देर बाद सारा रस मेरी दीदी की चूत के अंदर भर देने के बाद वह उनके ऊपर से उठ गया.. बिल्कुल नंगा... उसका मोटा लंबा उसकी दोनों टांगों के बीच में वैसे ही खड़ा था जैसा मेरी दीदी के अंदर घुसने के पहले... मेरे प्रियंका दीदी और असलम के वीर्य से बुरी तरह गिला उसका लौड़ा मेरी तरफ देख रहा था... पलंग से उतरने के बाद असलम मेरे पास आ गया..

मेरे प्रियंका दीदी अभी भी बिस्तर पर अपनी दोनों टांगे फैला नंगी लेटी हुई तड़प रही थी... अपनी गांड को बिस्तर की चादर पर रगड़ रही थी... मचल रही थी... जैसे बिना जल की मछली... उनके गुलाबी छेद से सफेद मलाई टपक रही थी... मेरी दीदी का पूरा बदन कांप रहा था... असलम ने मेरी प्रियंका दीदी की प्यास बुझाने के साथ-साथ भड़का दी थी...

बगल में मेरी रूपाली दीदी को अपने लोड़े से जन्नत की सैर करा रहा था जुनैद.. वह मेरी दीदी के ऊपर पागलों की तरह बरस रहा था..

मेरी रूपाली दीदी ने भी अपनी दोनों टांगे उसकी कमर में लपेट रखी थी... और वह ऊपर से मेरी कलाई से भी मोटा लंड ठूंस रखा था और बार बार धक्का मार रहा था मेरी रूपाली दीदी की मक्खन मलाई चुनमुनिया के भीतर.. उसका चेहरा मेरी रूपाली दीदी की चुचियों के बीच फंसा हुआ था...

जब मैंने गौर किया तो मैंने पाया कि वह तो मेरी दीदी की एक चूची को मुंह में ले कर दूध पी रहा था... मेरी रूपाली दीदी अपना दूध पिलाते हुए जुनेद को पूरी तरह बेसुध हो गई थी..

असलम बिल्कुल मेरे पास आकर खड़ा हो गया.. बिल्कुल नंगा.. उसका मोटा काला लंबा मेरे चेहरे के सामने झूल रहा था .. मेरी प्रियंका दीदी के अंदर अपना मक्खन डालने के बाद उसका ,मोटा कड़ा ,पगलाया शैतान लंड अब धीरे-धीरे मुरझा रहा था मेरी आंखों के सामने... उसने अपने लंड को अपने एक हाथ में पकड़ लिया और मेरे होंठों के पास लाकर रुक गया..

देख साले... इसी लोड़े से तेरी दीदी का उद्घाटन किया मैंने आज पहली बार... 9 महीने बाद मामा बनेगा तू हरामजादे... मेरा बच्चा तेरी दीदी की कोख में घुस चुका है ... देख ले अच्छे से बहन के लोड़े जीजा जी का लोड़ा... बोल चूसेगा मेरा लोड़ा... असलम ने मुझसे पूछा..

नहीं असलम भाई मैं उस टाइप का नहीं हूं.. प्लीज मुझे माफ कर दो.. मैंने रोते हुए जवाब दिया..

बहन के लोड़े मैं तेरा भाई नहीं हूं.. अब तो मैं तेरा जीजा हूं.. बोलते हुए असलम ने अपनी लोड़े से मेरे चेहरे पर वार किया..

हां जीजु... प्लीज मुझे मत मारो.... मैं रोने लगा..

मुझे रोता हुआ देखकर असलम को दया आ गई.

चुप हो जा मेरे प्यारे साले... उसने मेरे सर पर हाथ फिरा कर दिलासा दिया... वह मेरे जीजू के पास जाकर बैठ गया.. मेरे जीजू ने पहले से ही दारु का पेग बना के रखा था असलम के लिए... एक घूंट में ही असलम ने पूरा का पूरा पी लिया... वह अपने लोड़े को सहला रहा था...

मेरे जीजू ने असलम के लिए दूसरा पेग बनाया...

बहुत गर्म है साली.. उसकी गांड मारूंगा अब.. मेरे लोड़े को तैयार कर...

अपनी सारी की सारी मलाई मेरे रूपाली दीदी के अंदर भर दिया जालिम जुनैद ने भी.... और उनके ऊपर से उतर के मेरे पास आकर खड़ा हो गया और मुझे अपना लोड़ा दिखा कर बोला...

देख मेरे साले देख बहन चोद... देख भोसड़ी वाले मेरी प्यारी दुल्हनिया के भाई.... तेरी दीदी की भोसड़ी को भोसड़ा बना दिया.. मेरे लोड़े.... देख मेरा लौड़ा ...

मेरे सामने अपने हाथ से अपना लौड़ा पकड़ हिला हिला के मुझे दिखा रहा था जुनेद... मेरी आंखों के सामने उसका 10 इंच कम मोटा लंबा कड़क लोड़ा था जिसे देखकर मैं हैरान हो गया था... वह मेरे कैमरे के सामने अपना लौड़ा तान के खड़ा था... मुझे तो कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि मैं अब क्या करूं...

मैं रोने लगा... जुनैद ने भी मेरे सर के ऊपर हाथ फेरा और बोला...

चुप हो जा मेरे प्यारे साले..

और वह असलम के पास जाकर नंगा बैठ गया...

मैंने एक सरसरी निगाह असलम और जुनैद की तरफ डाली तो मुझे दिखाई दिया कि दोनों नंगे सोफे पर बैठे हुए हैं और उनकी टांगों के बीच उनका मोटा लंबा औजार जो मुरझाने लगा था, हिल रहा था...

मेरे जीजू पैक बनाने में लगे हुए थे... एक घूंट में खत्म कर दिया मेरे दोनों नए जीजू नेे...

मेरी रूपाली दीदी और प्रियंका दीदी पलंग पर लेटी हुई थी अपनी टांगे फैला के... उन दोनों की मक्खन मलाई मुनिया से ढेर सारा काम रस टपक टपक के चु रहा था...

हवस का एक दौर खत्म हो जाने के बाद कमरे का माहौल अब शांत हो गया था... दोनों गुंडे नंगे बैठे हुए सोफे पर जाम पर जाम छलका रहे थे... मेरे जीजू सर झुकाए हुए उनको दारू पिला रहे और खुद भी पीने लगे... मेरी नजर अभी भी अपनी बहनों पर ही थी..

सबसे पहले मेरी रूपाली दीदी उठ कर खड़ी हुई. उनकी बिना झाँटों वाली नंगी चूत से मलाई टपक रही थी... मेरी दीदी ने अपनी गीली चूत को अच्छे से साफ किया अपनी पेंटी से, इसके बाद उन्होंने अपना लहंगा उठा कर पहन लिया... मेरी प्रियंका दीदी को भी सहारा देकर रूपाली दीदी ने उठाया... मेरी प्रियंका दीदी लड़खड़ा रही थी... उनसे तो उठकर चला भी नहीं जा रहा था...

जैसे तैसे करके मेरी प्रियंका दीदी ने भी अपना लहंगा पहन लिया, परंतु असलम ने मेरी दोनों बहनों को चोली पहनने का मौका नहीं दिया. उसने इशारे से मेरी दोनों दीदी को अपने पास बुलाया.. रुपाली दीदी असलम के सामने जाकर खड़ी हो गई.. सिर्फ लहंगे में...

मेरी दीदी के गले में मंगल-सुत्र था जो उसकी चूचियों की बीच की घाटी में टिका था। उसके लम्बे बाल उसके पीछे क्लिप में बँधे थे और उसके माथे पर मैचिंग बिंदी थी और माँग में हल्का सा सिंदूर भी था.

चुचियों पर दांतो के,नाखूनों के निशान साफ साफ दिखाई दे रहे थे... मेरी प्रियंका दीदी के ऊपरी बदन का तो और भी बुरा हाल था.. थोड़ी देर पहले ही असलम ने बुरी तरह मसला था उनको...

असलम ने एक हाथ पकड़कर मेरी रूपाली दीदी को अपनी गोद में बिठा लिया... मेरी दीदी अपना लहंगा उठा कर उसकी गोद में बैठ गई.. उसका मुरझाया हुआ परंतु विशालकाय लोड़ा मेरी दीदी की जांघों से सटा हुआ था... असलम में एक हाथ से दीदी का एक हाथ पकड़ा और अपने लोड़े पर रख दिया... मेरी रूपाली दीदी न लोड़े को मुट्ठी में कस लिया और ऊपर नीचे करने के लिए जैसा असलम चाहता था, करने लगी... असलम मेरी दीदी की चूची भी मुंह में लेकर चूसने लगा... उसने दीदी का हाथ छोड़ दिया.... मेरी रूपाली दीदी खुद-ब-खुद उसके लोड़े को हिला हिला के खड़ा करने लगी...

उधर मेरे प्रियंका दीदी भी जुनैद की गोद में बैठ के उसके ९” लम्बा और ४” मोटा लंड अपने हाथों से हिला रही थी.. उनकी चूचियां टाइट और निप्पल एकदम खड़े हो गए थे... मेरी दीदी जुनैद के गाल पर अपनी चूची रगड़ रही थी...

बड़ी प्यारी है मेरी दुल्हनिया तू ... तेरे जैसी छम्मक छल्लो को तो दर्द के साथ चोदना चाहिए, इससे मुझे भी मज़ा आयेगा और तुझे भी... मेरी रंडी अब मैं तेरी गांड मारूंगा... बोल ना मेरी छमिया बोल साली कुत्तिया.. देगी ना अपने सैया जी को अपनी गांड.... बोलते हुए जुनैद ने मेरी प्रियंका दीदी के एक निप्पल को अपने दांतों में दबा लिया..

उउफफ़फ़फ़ जुनेद जी प्लीज.. मत काटो ना ... मुझे दर्द होता है.. आपका वह बहुत बड़ा और मोटा है... मेरे प्रियंका दीदी सिसकती बिल बिलाती हुई बोली..

जुनैद के होठों ने मेरी प्रियंका दीदी के एक उभार को चूसना चाटना शुरू किया तो दूसरा उसके तगड़े हाथों के कब्जे में। मसली चूंची जा रही असर मेरी दीदी के गुलाबो पे हुआ वो पनियाने लगी...

.. बोल ना मेरी छमिया बोल साली कुत्तिया.. तेरे सैया जी को तेरी गांड मारनी है ... बोल देगी ना... मेरी दीदी अनार को अपने मुंह से अलग करते हुए जुनैद ने फिर से पूछा..

हां दूंगी आपको... सैंया जी.... सारा धन आपका ही तो है जैसे चाहे मुझे लूट लो.... दीदी ने जवाब दिया...

हाय मेरी छम्मक छल्लो... बड़ी प्यारी है तू बहन चोद... आज तो तेरी गांड का उद्घाटन करूंगा अपने लोड़े से... बस ऐसे ही हिला... जुनेद बोला..

मेरी प्रियंका दीदी के हाथों की चूड़ियों की खन खन की आवाज बहुत तेज आने लगी थी क्योंकि मेरी दीदी उसका लौड़ा जोर जोर से हिला रही थी...

पर जुनैद का मन इतने से भरने वाला नहीं था... वह तो मेरी दीदी का पूरा मजा लेना चाहता था... उसने मेरी दीदी को अपनी गोद में से उतार दिया और उनके बाल पकड़कर उनको नीचे अपने लोड़े पर झुकाने लगा.... मेरी प्रियंका दीदी उसके इरादे को जानकर सहम गई और ना नुकुर करने लगी...

‘इशह ! क्या करते हो? ऊई माँ ! अह्ह्ह ! आहह… ओइंआ ! मान भी जाओ ना .. आहह !’ सैंया जी... मेरी प्रियंका दीदी गिड़गिड़ा रही थी..

पर जुनैद माना नहीं उनकी एक भी बात.. वह झुकाता गया और मेरी दीदी झुकती गई... अपना एक चौथाई लौड़ा उसने मेरी दीदी के मुंह में डाल दिया.. मेरी दीदी चूसने लगी...

दीदी- अम्म ! अर्रे, ममम !!!

ऐसा लगा कि दीदी कुछ बोलना चाह रही थी लेकिन उसने दीदी को बोलने नहीं दिया..दीदी के गूँ गूँ करने की आवाज़ आ रही थी और चूड़ियाँ भी बहुत जोरो से खनक रही थी.. और यहाँ मैं यह सुन कर मदहोश होता जा रहा था.. मेरा लौड़ा भी फुल टाइट हो चुका था एक बार फिर... मैं बस एक बार मुट्ठी मार लेना चाहता था पर अभी तक मुझे मौका नहीं मिला था..

साली छिनाल!बहनचोद… चल चाट मेरा लंड हरामी।”तेरी बहन को चोदूँ… साले तेरी प्रियंका दीदी मस्त लोड़ा चुस्ती है... जुनेद मेरी तरफ देख कर बोला और मुस्कुराया.. मैं शर्मिंदा होकर नीचे जमीन की तरफ देखने लगा..

जुनैद ने मेरी प्रियंका दीदी का सिर पकड़के उसका मुँह अपने लंड से मस्ती में चोदते हुए बोला, “हाँ ऐसे ही चूस मेरा लंड… राँड साली… तेरी बहन को चोदूँ… छिनाल...आआआहहह चूस मेरा लंड और गोटियाँ भी मसल हरामी राँड... वह मेरी तरफ देखते हुए कुटिल मुस्कान दे रहा था... आंखों ही आंखों में मुझे जलील कर रहा था..

जुनेद तो जैसे मेरी प्रियंका दीदी की बुर में लण्ड पेल रहा हो वैसे अपने चूतड़ उठा उठा के हलके हलके धक्के लगाता और साथ में गालियों की बौछार ,

साली ,तेरी माँ का भोसड़ा चोदूँ , क्या मस्त माल पैदा किया है , क्या चूसती है... रंडी...गांड का भोसड़ा बन जाएगा दीदी का तेरी ... जुनेद अपनी मस्ती में मुझे गालियां बक रहा था...

बगल में ही मेरी रूपाली दीदी ने चाट चाट कर असलम के लोड़े को फुल टाइट कर दिया था... उसका लौड़ा छत की तरफ सर उठा कर खड़ा था किसी मोटे काले डंडे की तरह... मदहोशी मे मेरी दीदी के सर पर हाथ फेर रहा था वह.. असलम उठ कर खड़ा हो गया..

उसने दारू की बोतल उठा ली और दो-तीन घूंट पीने के बाद मेरी रूपाली दीदी को बोला...

चल साली अब तु घोड़ी बन जा मैं तेरी गांड मारता हूं..

जुनेद भी अब उठ कर खड़ा हो गया था... उसने मेरी प्रियंका दीदी की गांड मारने की पूरी तैयारी कर ली थी...

मेरी दोनों बहन अपनी गांड मरवाने जा रही है और मैं विचारा भाई चुपचाप देख रहा था... मेरे जीजू तो पी पी के बेहोश हो चुके थे..

असलम ने मेरी रूपाली दीदी को वहीं सोफे पर झुका के घोड़ी बना दिया... मेरी दीदी ने खुद ही अपने हाथों से अपना लहंगा अपनी कमर तक उठा दिया....

असलम ने अपना बड़ा लोड़ा मेरी संस्कारी रूपाली दीदी की गांड के दरार के बीच में फंसा दिया और मेरी तरफ देखने लगा कुटिलता से..

देखना बहन के लोड़े... आज फिर से तेरी बहना की गांड मारने जा रहा हूं... मेरी नजर लंबे हथियार पर पड़ी असलम के.. जैसा कि आपको पता है दोस्तों वो लंड नहीं था, महालंड था, मेरी कोहनी जितना बड़ा और कलाई से भी ज़्यादा मोटा, ऐन तना हुआ … सुपारा संतरे जितना मोटा था और उसकी लम्बाई ख़त्म ही नहीं होती थी। उसने एक जोरदार झटका मेरी रूपाली दीदी की गांड में दिया.. मेरी दीदी को पहले से ही अनुभव था उसके हथियार का... दीदी ने अपनी गांड को सिकुड़ लिया अपने होठों को अपने दांतों से दबा लिया... एक झटके में ही असलम का लौड़ा मेरी रूपाली दीदी की गांड के छल्ले को चीरता रगड़ता 2 इंच तक समा गया...

तमाशा देख रहा जुनेद भी जोश में आ गया था उसने असलम को ललकारा...

देख क्या रहे हो असलम भाई.. इसकी बहना तो पैदाइशी छिनाल है...पेलो हचक के। खाली सुपाड़ा घुसा के छोड़ दिए हो। ठेल दो जड़ तक मूसल। बहुत दरद होगा बुरचोदी को लेकिन गांड मारने ,मराने का यही तो मजा है। जब तक दर्द न हो तब तक न मारने वाले को मजा आता है न मरवाने वाली को... इस रंडी की गांड तो हमने पहले भी जंगल में मारी है.. क्यों बे तू भी तो देखा था साले?... जुनैद ने मेरी तरफ देखकर पूछा...

इस बात का भला मैं क्या जवाब देता.. मैं शर्मिंदा होकर असलम की तरफ देखने लगा... और असलम ने तो फिर मेरी रूपाली दीदी की गांड को जोर से पकड़ा सुपाड़ा थोड़ा सा बाहर निकाला , और वो अपनी पूरी ताकत से ठेला की ,...

उईईईईई ओह्ह्ह्ह्ह्ह नहीं ईईईईईई। .... चीख रुकती नहीं दुबारा चालू हो जाती मेरी दीदी की..

जुनैद ने मेरी प्रियंका दीदी के लहंगे का नाड़ा खोल दिया... मेरी दीदी एक बार फिर से नंगी खड़ी थी... उसने मेरी दीदी को वही फर्श पर पटक दिया ठीक मेरी आंखों के सामने... उनकी दोनों टांगों को पकड़कर अपने कंधे पर रख लिया.. मेरी दीदी की गांड ऊपर की तरफ उठ गई... जुनैद घुटने के बल बैठा हुआ मेरी प्रियंका दीदी की नाजुक मुनिया और उनकी गांड के छोटे से छेद को देख रहा था, मेरी दीदी की कुंवारी गांड का छेद देखकर उसकी आंखों में चमक आ गई थी.. अपने लोड़े को एक हाथ से पकड़ कर वह मेरी प्यारी दीदी की गांड के छेद पर रगड़ने लगा... मेरी बहन सिसक रही थी....

थूक लगाकर उसने अपना लौड़ा मेरी दीदी की गांड के छल्ले में दबा दिया.... प्रेशर डालते ही उसका सुपाड़ा मेरी प्रियंका दीदी की गांड के छल्ले में जाकर अकड़ गया.. मेरी दीदी दर्द के मारे रोने लगी..

मेरी प्रियंका दीदी चूतड़ पटक रही थी , फर्श पर अपनी गांड रगड़ रही थी,दर्द से बिलबिला रही थी।

पर मेरे नए जीजू जुनैद जी ठेलते रहे ,धकेलते रहे...

मेरी प्रियंका दीदी की गांड परपरा रही थी , दर्द से फटी जा रही थी ,आँख में आंसू तैर रहे थे .. पर बेरहम जुनेद पर कोई असर नहीं हो रहा था..

एक बार मेरे दोस्त ने मुझे बताया था कि जब कुंवारी गांड मरवाते समय लड़की के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है , गांड को और खासतौर से गांड के छल्ले को ढीला छोड़ना। अपना ध्यान वहां से हटा लेना।

पर इस वक्त मैं अपनी दीदी को यह बात नहीं बता सकता था..

जब एक बार जुनैद जी का सुपाड़ा गांड के छल्ले को पार कर जाता तो फिर से एक बार वो उसे खींचकर बाहर निकालते , और दरेरते ,रगड़ते ,घिसटते जब वो बाहर निकलता तो बस मेरी प्रियंका दीदी की जान नहीं निकलती थी बस बाकी सब कुछ हो जाता..

और बड़ी बेरहमी से दूनी ताकत से वो अपना मोटा सुपाड़ा मेरी प्रियंका दीदी की गांड के छल्ले के पार ढकेल देते।

बिना बेरहमी के गांड मारी भी नहीं जा सकती..

छ सात बार इसी तरह उन्होंने मेरी दीदी की गांड के छल्ले के आर पार धकेला ,ठेला। और धीरे धीरे दर्द के साथ एक हलकी सी टीस, मजे की टीस भी शुरू हो गयी मेरी बहन की गांड में... मेरी दीदी ने अपनी आंखें मूंद के अपने दांतों से काट लिया अपने गुलाबी होठों को.

और अब जो उन्होंने मेरी प्रियंका दीदी की छोटी सी गांड को दबोच के जो करारा धक्का मारा , अबकी आधे से ज्यादा खूंटा अंदर था , फाड़ता चीरता।

दर्द के मारे मेरी दीदी के मुंह से एक जबरदस्त चीख निकल गई..

जैसे अर्ध विराम हो गया हो। जुनैद ने मेरी दीदी की गांड में ठेलना बंद कर दिया था।

आधे से थोड़ा ज्यादा लंड अंदर घुस गया था।

गांड बुरी तरह चरपरा रही थी.. मेरी प्रियंका दीदी का चेहरा दर्द में डूबा हुआ था...

ओह! मेरी प्रियंका दीदी की क्या हालत हो गयी थी … बाल बिल्कुल तार तार हो कर बिखर गए थे … चेहरा बेहद लाल हो गया था, आंखों का काजल बह के ऊपर नीचे फैल गया था...आँखें पूरी तरह मदहोश थीं और चढ़ी हुई थी। लिपस्टिक गालों पर गर्दन तक पहुंच गई थी।

ओह, क्या ताकतवर मर्द था … जुनैद...

मेरी प्रियंका दीदी की आंखें बंद हो गयीं, टाँगें अपने आप और ऊपर उठ गयीं, हाथ अपने आप उसकी पीठ पर चले गए।

दोनों पसीने से भीग गए थे। और मैं भी इतना कामुक दृश्य देखकर..

जुनैद ने अपनी उंगली से मेरी दीदी की चिकनी चुनमुनिया को हलके हलके ,बहुत धीरे धीरे सहलाना मसलना शुरू किया।

मेरी प्यारी बहना की चूत में अगन जगाने के लिए वो बहुत था , और कुछ देर में उनका अंगूठा भी उसी सुर ताल में , मेरी दीदी की

क्लिट को भी रगड़ने लगा।

जुनैद के दूसरे हाथ ने मेरी दीदी की एक चूंची को हलके से पकड़ के दबाना शुरू किया... फिर ,खूब कस कस के उन्होंने मिजना मसलना शुरू कर दिया।

मेरी प्रियंका दीदी पनियाने लगी ,हलके हलके चूतड़ उछालने लगी। पिछवाड़े का दर्द कम नहीं हुआ था , लेकिन इस दुहरे हमले से मस्ती से पागल हो उठी.

मेरी प्रियंका दीदी की गांड में उसका पूरा तो नहीं लेकिन 7-8 इंच लौड़ा फिट था... जुनैद ने अपनी दो उँगलियों के बीच मेरी दीदी की गुलाबी पुत्तियों को दबा के इतने जोर से मसलना शुरू कर दिया की मेरी प्रियंका दीदी झड़ने की कगार पर आ गई..

जुनैद ने अपना मूसल एक बार फिर मेरी प्रियंका दीदी की गांड में में ठेलना शुरू कर दिया... जुनैद ने अपनी स्पीड बढ़ा दी और मेरी दीदी बस,... जोर जोर से काँप रही थी , चूतड़ पटक रही थी , मचल रही थी , सिसक रही थी..

मेरी नाजुक प्रियंका दीदी और जुनैद,,जैसे तूफान में बँसवाड़ी के बांस एक दूसरे से रगड़ रहे हो बस उसी तरह दोनों की देह गुथमगुथा,लिपटी....

जुनैद ने अपना मोटा लंबा लंड अंदर पूरी जड़ तक मेरी प्रियंका दीदी की गांड में ठोक दिया था....पूरा लंड ठेलने के बाद जुनेद जैसे सुस्ता रहे थे.. मेरी प्रियंका दीदी की टांगे जो अब तक जुनैद के कंधों पर थी वह फर्श पर आ गई थी..हाँ अभी भी मुड़ीं ,दुहरी... दोनों की देह एक दूसरे से चिपकी हुयी थी... मुझे तो विश्वास नहीं हो रहा था कि मेरी छैल छबीली प्रियंका दीदी ने अपनी गांड में इतना मोटा लंबा मूसल घोंट लिया।

बाहर मौसम भी बदल रहा था। हवा रुकी थी ,बादल पूरे आसमान पे छाए थे और हलकी हलकी एक दो बूंदे फिर शुरू हो गयी थीं। लग रहा था की जोर की बारिश बस शुरू होने वाली है।

मेरी दीदी ने जुनैद को अपनी बाहों में भर लिया था..

मैं जुनैद की मर्दानगी का लोहा मान चुका था...

बिना एक इंच भी लंड बाहर निकाले जुनैद ने अपना पोज चेंज किया और मेरी प्रियंका दीदी को कुत्तिया बना दिया मेरे पैरों के पास... मेरी प्रियंका दीदी ने अपनी गर्दन को घुमा के पीछे जुनैद को देखा कि तभी......तूफान आ गया ,बाहर भी अंदर भी।

खूब तेज बारिश अचानक फिर शुरू हो गयी , आसमान बिजली की चमक ,बादलों की गडगडगाहट से भर गया।

जुनैद ने अब शुरुआत ही फुल स्पीड से की , हर धक्के में लंड सुपाड़े तक बाहर निकालते और फिर पूरी ताकत से लंड जड़ तक मेरी प्रियंका दीदी की गांड के अंदर...

साथ ही साथ मेरी दीदी की दोनों चूंचियां उनके मजबूत हाथों में , बस लग रहां था की निचोड़ के दम लेंगे।

एक बार फिर मेरी बहन की चीख पुकार से कमरा गूँज उठा..

मुझे अच्छी तरह पता था कि मर्द अगर एक बार झड़ने के बाद दुबारा चोदता है तो दुगना टाइम लेता है और अगर वो मर्द जुनेद जैसा फिर तो . चिथड़े चिथड़े कर के ही छोड़ेगा।

जैसे कोई धुनिया रुई धुनें उस तरह ,

लेकिन कुछ ही देर में दर्द मजे में बदल गया मेरी प्रियंका दीदी...

चीखों की जगह सिसिकिया , ... जुनैद ने मेरी प्रियंका दीदी चुनमुनिया को थोड़ा सहलाया मसला , फिर पूरी ताकत से अपनी एक ऊँगली , ज्यादा नहीं बस दो पोर ,लेकिन फिर जिस तरह से जुनैद का लौड़ा मेरी दीदी गांड में अंदर बाहर ,अंदर बाहर होता उसी तरह उसकी उंगली भी मेरी बहन की चूत में...

जुनेद मेरी प्रियंका दीदी की हचक हचक के गांड मार रहे थे ,साथ में उनकी एक ऊँगली चूत में कभी गोल गोल तो कभी अंदर बाहर ...

देर तक मेरी दीदी को इसी पोजीशन में गांड मारने के बाद जुनैद ने मेरी प्रियंका दीदी को अपनी गोद में उठा लिया जैसे फूल को उठाते हैं... पर मेरी दीदी गोद में बैठी नहीं, उन्हें अच्छी तरह समझ आ गया था आगे का खेल.

जुनैद ने ने दोनों अंगूठों को पिछवाड़े के छेद में फंसा कर पूरी ताकत से मेरी प्रियंका दीदी की गांड के छेद को चियार दीया..

और फिर जुनैद ने अपना तन्नाया ,बौराया मोटा, कड़ा खूंटा सीधे मेरी बहना की गांड के छेद पर सेट कर दिया...

उसके साथ ही उसने मेरी दीदी की पतली कटीली कमरिया में हाथ डाल के अपने मोटे गुस्सैल सुपाड़े पे दबाना शुरू कर दिया..

और थोड़ी ही देर में ,सुपाड़ा मेरी बहन की गांड के छेद में फंस गया.

जुनेद के दोनों हाथ अब मेरी प्रियंका दीदी की कमर पर थे..., और नीचे की ओर वो पूरी ताकत से अपने मोटे लंड पे पुल कर रहे थे..

मेरी संस्कारी बहना को दर्द हो रहा था , एकदम फटा जा रहा था , छरछरा रहा था। लेकिन दाँतो से अपने होंठों को कस कस के काट के किसी तरह मेरी दीदी चीख रोक रही थी , दर्द को घोंट रही थी।

गप्पाक

घचाक से मोटा सुपाड़ा मेरी दीदी की गांड में समा गया. मेरी प्रियंका दीदी की गांड ने जुनेद का सुपाड़ा भींच लिया , जैसे वो अब कभी नहीं छोड़ेगी उसे..

जुनैद का एक हाथ मेरी दीदी की पतली कमर पे छल्ले की तरह कस के चिपका हुआ था और उनका प्रेशर ज़रा भी कम नहीं हुआ। लेकिन दूसरा हाथ सीधे वहीँ जिसके लिए वो तब से ललचाये थे जब से उन्होंने पहली बार मेरी प्रियंका दीदी को देखा था.. मेरी बहना के रसीले नए नए आये किशोर जोबन , जवानी के फूल ...

जुनैद के हाथ मेरी दीदी के आम को कभी सहलाता ,कभी दबाता तो कभी निपल पकड़ के हलके से पुल कर लेता।

दूसरा उभार भी अब उन्ही के कब्जे में था ,उनके होंठों के। कभी वह चूमते ,कभी चूसते और कभी काटते...

साथ में ही जुनैद की गालियां.. मेरी तरफ देखते हुए...

" साल्ली, हरामजादी ,रंडी की जनी, छिनार अब लाख गांड पटक , सुपाड़ा तेरी गांड में अंडस गया है। अब बिना तेरी गांड मारे बाहर निकलने वाला नहीं , चाहे भोंसड़ी के तू खुशी ख़ुशी गांड मरवाये या रो रो के , भाईचोद अब तो तेरी गांड के चिथड़े उड़ने वाले हैं। तेरे सारे खानदान की गांड मारूं , मरवा ले अब गांड अपने सैया जी से...

मेरी प्रियंका दीदी पल भर के लिए गांड में अंडसे मोटे सुपाड़े को भूल गयी और अपनी दोनों टांगे लता की तरह जुनैद की कमर में कस के लपेट ली थी... उनकी बांह जुनैद की पीठ पर कसी हुई थी..

मेरी प्रियंका दीदी अपने मस्त उभार जुनैद के सीने पर जोर जोर से रगड़ रही थी , मेरी बहना के गुलाबी रसीले होंठ उनके होंठों को चूम ,चूस रहे थे और मेरे कान जुनैद की मस्त गालियों का मजा ले रहे थे।

" हरामन की जनी , भंडुओं की रखैल , रंडी की औलाद तू तो पैदायशी खानदानी छिनार है। तेरा सारा खानदान गांडू है , क्यों इतना नखड़ा दिखा रही है गांड मरवाने में , भाईचोद। "

अचानक बहुत तेज दर्द हुआ मेरी प्रियंका दीदी की गांड के छल्ले में..जैसे किसी ने तेजी से छूरा ,बल्कि तेज तलवार पूरी की पूरी एक बार में घुसा दी हो...हुआ यह था कि मेरी दीदी तो पूरी तरह मस्ती में डूबी हुई थी पर जुनैद ने अपना मोटा लंबा ..पूरी ताकत और तेजी से ,... कमर उचका के , उन्होंने दोनों हाथों से चूचियों को कस के दबोच रखा था और नीचे से अपना मोटा खूंटा पूरी ताकत से पुश किया...

दरेरते रगड़ते छीलते घिसटते गांड का छल्ला पार हो गया था मेरी प्रियंका दीदी का... जुनैद का खूंटा..

मेरी दीदी बड़ी जोर से चीखी और जुनैद ने उनकी चीख रोकने की कोशिश भी नहीं की..

असलम जो मेरी रूपाली दीदी की गांड में लौड़ा डालकर दारू पी रहा था बोला:

" अरे चीखने दो साल्ली को , बिना चीख पुकार के गांड मरौवल का मजा क्या। रोने दो , चोदो हचक हचक के..चोदो गांड इस छिनार की हचक के , फाड़ दो ..

वह खुद भी मेरी रुपाली दीदी की गांड में हचक हचक के झटके मार रहा था..

असलम की बातों का असर जुनैद पर भी हुआ और उसने मेरी प्रियंका दीदी की गांड फाड़ के रख दी..

वो पूरे जोश में आगये , हचक हचक के पूरी ताकत से ,..

दरेरते ,रगड़ते, फाड़ते घुस रहा था।

मेरी प्रियंका दीदी की दर्द के मारे जान निकल रही थी वह अपनी गांड पटक रही थी..चीख रही थी , आंसू गाल पे गिर रहे थे , लेकिन असलम और जुनैद की गालियां...

" काहें छिनरो मजा आ रहा है मोटा लौंडा घोंटने में , अबहिन तो बहुत मोट मोट लौंडा घोंटोगी , मेरी रंडी की जनी। घोंटो घोंटो बहुत चुदवासी हो न तेरी गांड का भोंसड़ा ...कुत्ता चोदी। "

अनवरत ,नान स्टाप।

आधे से ज्यादा खूंटा मेरी प्रियंका दीदी घोंट चुकी थी। जुनेद तो अब मेरी दीदी की गांड में बजाय धक्का मारने के बस ठूंसे जा रहे थे , गजब की ताकत थी उनमे।

लेकिन जुनैद ने मेरी दीदी को पकड़ के ऊपर उठाया जोर से, आलमोस्ट लंड बाहर हो गया सुपाड़ा भी काफी कुछ बाहर , लेकिन तभी जुनैद ने नीचे से मेरी दीदी को पेलना शुरू किया और एक बार फिर , मेरी दीदी की गांड के छल्ले को चीरता फाड़ता वो मोटा सुपाड़ा , अंदर समा गया..

जुनैद ने मेरी प्रियंका दीदी के निपल की घुन्डियाँ मरोड़ दीं , और मेरी दीदी को बोलने को कहा:

" बोल छिनार बोल , बोल की मैं छिनार हूँ , भाईचोदी हूँ , चुदवासी हूँ।

मेरी फूलों से भी नाजुक प्रियंका दीदी बोलने भी लगी पर बोलने के बाद भी उनकी जान नहीं छूट पाई..

" जोर से बोल , और जोर से बोल। ..अरे पूरी ताकत से बोल , दस दस बार , वरना गांड में तेरे कुछ भी दरद नहीं हो रहा है , छिनार की जनी ,

मैं रंडी की जनी हूँ , मैं गाँव में चुदवाने ,गांड मरवाने आई हूँ , पूरे गाँव की रखैल हूँ , मैं पूरे गाँव से गांड मरवाउंगी। मैं नंबरी छिनार हूँ ..

जुनेद जो कुछ भी बोलने के लिए कह रहा था मेरी प्रियंका दीदी रंडियों की तरफ बोल रही थी...

मैं रंडी की जनी हूँ , मैं गाँव में चुदवाने ,गांड मरवाने आई हूँ , पूरे गाँव की रखैल हूँ , मैं पूरे गाँव से गांड मरवाउंगी। मैं नंबरी छिनार हूँ। ...

" नीचे देख ज़रा बहन के लोड़े रंडी के भाई ... जुनैद ने अपने लोड़े की तरफ इशारा करते हुए मुझसे कहा.. मैंने जब उसे देखा तो दंग रह गया... मेरी प्रियंका दीदी ने आलमोस्ट पूरा , मुश्किल से दो ढाई इंच बचा होगा , छ सात इंच घोंट लिया था अपनी गांड के छेद के अंदर..

जुनेद अब मेरी प्रियंका दीदी कि दोनों चूचियां पकड़ के कस कस के , हुमच हुमच के अपना मोटा लंड उचका उचका के कसी कुँवारी गांड में ठेल रहे थे...​
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