Update 12

ओह्ह आह.... बहन चोद.. फिर उन लोगों ने क्या किया तेरी रूपाली दीदी के साथ.. बता साले बता मुझे... राजू ने सुलगते हुए पूछा..

चोली खोलने के बाद उन दोनों ने मेरी रूपाली दीदी की दोनों चुचियों को आपस में बांट लिया और चूसने लगे... दूध पीने लगे ... मेरी दीदी तो बस हाय हाय कर रही थी... असलम ने तो मेरी रूपाली दीदी का लहंगा भी ऊपर उठा दिया था और उनकी पैंटी के भीतर हाथ डालकर उनकी बुर के बीच अपनी उंगली अंदर बाहर करने लगा था... मैं अपना लौड़ा हिलाते हुए राजू को पूरी कहानी विस्तार से बताने लगा ..

ओह्ह आह... तेरी रुपाली दीदी का भोसड़ा .. बहन चोद... फिर तो तेरी दीदी को नंगा करके सीधे अपने लोड़े पर बिठा लिया होगा.........आह.. सबसे पहले किसने तेरी बहन को पेला.. राजू ने पूछा..

सबसे पहले तो असलम ने... उसी ने मेरी दीदी को नंगा किया और फिर उनकी दोनों टांग उठा कर अपने कंधे पर रख ली और अपना काला घोड़े जैसा लंड मेरी रुपाली दीदी की पहले से ही गीली हो चुकी चिकनी चमेली के अंदर एक झटके में पूरा का पूरा डाल दिया... बताते हुए मेरा हाथ तेजी से मेरे लोड़े के ऊपर चल रहा था..

बाप रे कितना बड़ा लंड था... असलम का... और जुनैद का काफी मोटा भी... मैं राजू को जुनैद और असलम के लिंग के बारे में बता रहा था..

इतना बड़ा लंड जब तेरी बहन की चिकनी चमेली में जब एक ही झटके में गया होगा तब तो तेरी दीदी बहुत चिल्लाई होगी...

तू सही कह रहा है यार.... इतना बड़ा लंड तो किसी भी औरत की चीखें निकलवा सकता है.. पर यह पहला मौका नहीं था जब असलम मेरी रूपाली दीदी को पेल रहा था... याद है उस दिन पहली बार जंगल में झोपड़ी के अंदर भी तो असलम ने रूपाली दीदी की खूब जम के बैंड बजाई थी... इसीलिए मेरी रुपाली दीदी को इतनी भी ज्यादा तकलीफ नहीं हुई इस बार...

बहन चोद... तेरी रूपाली दीदी असलम के लोड़े से झटका खाते हुए कैसी आवाजें निकाल रही थी.. उस दिन छत पर जब दिनेश और रवि तेरी बहन की गांड मार रहे थे तब रंडियों की तरह सिसकियां ले रही थी... फिर तो बिल्कुल बेशर्म हो चुकी होगी असलम और जुनैद के साथ.... राजू ने कहा..

हां यार,.. मेरी दीदी बड़बड़ा रही थी... जब असलम ने मेरी दीदी को जोर-जोर से झटका देना शुरू किया .. मेरी रूपाली दीदी जोर से चिल्लाई ," उईइइइइइइइइइ माँ , प्लीज लगता है ,माँ ओह्ह आह बहोत जोर से नहीईईईई बहोत दर्द उईईईईईई माँ। "..

मेरी बात सुनकर राजू के लोड़े का पानी निकल गया..

साले तू तो बिल्कुल अपनी रुपाली दीदी की तरह आवाज निकाल रहा था... बहन की लोड़ी... तेरी दीदी...... साले तेरी बहन की गांड मारूंगा... राजू बड़बड़ा रहा था...

मेरे लोड़े का भी पानी निकल गया ..

ठीक है यार अब सो जाते हैं मुझे बहुत नींद आ रही है.. मैंने कहा..

अरे यार मेरी तो नींद ही उड़ गई है, जब से मैंने रूपाली दीदी की चिकनी चमेली बुर के दर्शन किए... तभी से ही रात भर अपना लौड़ा अपने हाथ में पकड़ कर रात भर हिलाता रहता हूं, तेरी बहना की याद में..... राजू सिसकते हुए बोल रहा था..

अगली रात हिंदी प्रियंका दीदी ने अपने होने वाले पति अजय को बुलाया था... मेरी प्रियंका दीदी पहले से ही सज धज के बिल्कुल तैयार हो चुकी थी मेरे होने वाले जीजा जी से मिलने के लिए... लाल रंग की लहंगा चुनरी... हॉट चटकदार लहंगा.... भरपूर मेकअप ..जैसे एक नई नवेली दुल्हन की होती है.. हाथों में चूड़ियां और कंगन.... मेहंदी के साथ... पैरों में पायल... माथे पे बिंदिया और अपनी चोली मे अपनी मदमस्त चूचियां लेकर मेरी प्रियंका दीदी हमारे घर के पीछे बने हुए झोपड़ी के दरवाजे पर अपने साजन का इंतजार कर रही थी रात के 12:00 बजे, जैसा कि उन्होंने वादा किया था मेरे होने जीजा जी अजय से...

आप लोग सोच रहे होंगे कि मुझे इस बात का पता कैसे चला... मेरी दोनों बहने जबसे जुनेद के फार्म हाउस से लौटी थी.. तभी से मैंने उन दोनों पर नजर रखनी शुरू कर दी थी... जब भी मेरी दोनों दीदी घर से बाहर जाती थी तो मैं कोशिश करता था कि या तो मैं साथ जाऊं या फिर मैं उनका पीछा करता था... जुनैद और असलम का डर मेरे दिमाग पर हावी हो चुका था...

जिस घटना के बारे में मैं आप लोगों को बता रहा हूं वह अगले दिन अचानक ही हुई थी.... मुझे तो इस बात का बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था कि ऐसा कुछ होने वाला है वह भी मेरे घर के पीछे बने हुए झोपड़ी में.. मैं तो अपनी मस्ती में रात के 12:00 बजे अपने कमरे में अपने बिस्तर पर लेट मुट्ठ मार रहा था ब्लू फिल्म देखते हुए.... कि अचानक मुझे अपने कानों में पायल की छन छन और चूड़ियों की खन खन की आवाज सुनाई दी... मेरे कान खड़े हो गए.. लोड़ा तो पहले से ही खड़ा था... दरअसल मेरे बेडरूम के ठीक पीछे झोपड़ी बनी हुई है हमारे घर के अंदर जिसमें मेरी मम्मी लकड़ियां या फिर सूखा पुआल जमा करके रखती हैं बरसात के दिनों में खाना बनाने के लिए चूल्हे पर...

पहले तो मुझे लगा कि मेरी चंदा भाभी घर के पीछे जा रही है, जरूर उन्होंने अपने यार को बुलाया होगा इतनी रात... इतने में बारिश भी शुरू हो गई थी... मैंने खिड़की से देखा तो मुझे कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था... कुछ देर तक मैं बाहर टकटकी लगाकर देख रहा था पर मुझे कुछ भी समझ नहीं आया कि क्या हो रहा है... मैं वापस बिस्तर पर लेट कि अपने मुठ मारने के प्रोग्राम को खत्म करने की सोचने लगा ही था कि अचानक झोपड़ी के पीछे गन्ने के खेत में से मुझे एक आदमी बाहर निकलता हुआ दिखाई दिया... उसके चेहरे पर नकाब देख कर ही मैं समझ गया कि वह साला चोर है... बरसात में वह बिल्कुल भीगा हुआ था... मैंने मन ही मन सोच लिया कि आज इस साले चोर को तो रंगे हाथों पकड़ना ही है... मैंने अपने घर का मेन दरवाजा धीरे से खोला और बाहर निकल गया.. वह चोर मेरी झोपड़ी के दरवाजे पर खड़ा था...

मैं झोपड़ी के पीछे जाकर खड़ा हो गया... उसकी खिड़की के पास..

मैंने बरसाती ओढ़ रखी थी... मैंने यह सोच लिया था कि जैसे ही वह चोर दरवाजा तोड़ के अंदर अंदर घुसेगा और मेरे घर की लकड़िया चोरी करने लगेगा तभी मैं चिल्ला चिल्ला के सबको बुला दूंगा .. इस चोर को रंगे हाथों पकड़वा दूंगा.. पर मेरी तो गांड ही सूख गई जब मैंने झोपड़ी के अंदर खिड़की से देखा तो... अंदर मेरी प्रियंका दीदी पहले से मौजूद खड़ी थी...... झोपड़ी के अंदर एक लालटेन जल रहा था... लालटेन की मध्यम रोशनी में मैंने देखा मेरी प्रियंका दीदी सज धज के बिल्कुल तैयार खड़ी थी, जैसे कोई सुहागरात की दुल्हन अपने होने वाले पति का इंतजार कर रही हो..

दीदी ने झोपड़ी का दरवाजा खोल दीया... और वह चोर अंदर घुस गया... वह चोर और कोई भी नहीं बल्कि मेरी प्रियंका दीदी के दिल का चोर अजय था.. उसके अंदर घुसते ही मेरी प्रियंका दीदी ने झोपड़ी का दरवाजा बंद कर दिया और उसके साथ लिपट गई..

अजय ने अब अपना नकाब पूरा उतार दिया था... उसने मेरी बहन को अपनी बाहों में भर लिया और चूमने लगा... जबरदस्त चुंबन हुआ दोनों के बीच..

मेरी प्रियंका दीदी के गुलाबी होंठ अजय के होंठों के कब्जे में , और वो जम के चूम चूस रहा था।

उसने मेरी प्रियंका दीदी की चोली खोली और फिर उनकी दोनों बड़े बड़े पर्वत सरीखे कड़े कड़े उभार खुल गए और अजय कस कस के , और कुछ देर बाद उसने न सिर्फ मुह लगाया , बल्कि कचकचा के काट भी लिया।

मेरी दीदी रोकते रोकते सिसक गई..

बड़े जालिम हो तुम.. मर गई मां...

लेकिन उस बेरहम को कुछ फर्क पड़ता था क्या , थोड़ी देर वहीँ पे अपने होंठों का मलहम लगाया ,

फिर पहली बार से भी भी ज्यादा जोर से ,

कचा कच काट लिया मेरी प्रियंका दीदी की चूची पर..

बरसात में बाहर खड़ा खिड़की के पास मै पूरा दृश्य देख रहा था.. मैं भी बहुत ही ज्यादा उत्तेजित हो चुका था.. मैंने अपनी पैंट की जिप खोली और अपना छोटा सा लौड़ा निकालकर उसे सहलाने लगा...

मेरे घर के पीछे बनी हुई झोपड़ी के अंदर ही मेरी प्रियंका दीदी अपने होने वाले पति के साथ अपने होने वाले सुहागरात की प्रैक्टिस कर रही थी... और मैं झोपड़ी के पीछे बनी हुई खिड़की के पास खड़ा बरसात में मुट्ठ मार रहा था... अपने छोटे से लोड़े को हिला रहा था..

जब उसने मेरी प्रियंका दीदी की चूची की एक निप्पल को दांतो के बीच दबाया ..मेरी दीदी की हलकी चीख निकल ही गयी।

दांत के अच्छे निशान पड़ गए होंगे वहां।

और हाथ कौन कम थे उसके , जोर जोर से निपल पिंच कर रहे थे। मरोड़ रहे थे।

ऊपर की मंजिल पे तो दर्द हो रहा था , लेकिन निचली मंजिल पे ,प्रेम गली में फिसलन चालू हो गयी थी मेरी प्रियंका दीदी के... मुझे इस बात का पूरा अहसास होने लगा था.. मेरा हाथ तेजी से चलने लगा था अपने हथियार पर..

एक झटके में मेरी प्रियंका दीदी फिसल के अजय से दूर हो गई... मेरी बहन की अदाएं जान लेवा हो रही थी..

मेरी प्रियंका दीदी ने अपनी चोली के खुले हुए बंधन को फिर से बंद कर लिया... और लहराते हुए मदहोशी के आलम में नाचने लगी अपने होने वाले पति के सामने.

मेरी प्रियंका दीदी जिस प्रकार का उत्तेजक नृत्य सामने प्रस्तुत कर रही थी अपने होने वाले पति के सामने उसे देखकर तो किसी नामर्द का भी लोड़ा कड़क हो जाए... मेरा तो हो भी चुका था..

मेरी प्रियंका दीदी जिस प्रकार से अपनी चूचियां और गांड हिलाती हुई नाच रही थी मेरे जीजू का बुरा हाल था.. मतलब मेरी होने वाले जीजा जी का... मेरी दीदी ने छोटी सी झोपड़ी में आग लगा रखी थी..

अजय ने एक अदा दारू की बोतल अपने पैंट की जेब से निकाली और सील तोड़ दो-तीन घूंट पी गया... उसकी आंखें नशे और वासना के मारे लाल हो चुकी थी..

मेरी प्रियंका दीदी अभी भी नाच रही थी.... बिना चोली.. कमर के ऊपर उनका पूरा शरीर नंगा हो चुका था... मेरी प्रियंका दीदी अपनी चूचियां उत्तेजक तरीके से उठा उठा के गिरा रही थी अजय के सामने और अजय... वह तो बस पागल ही हो गया था मेरी दीदी के लिए..

मेरी प्रियंका दीदी अपने दोनों चूचियों को अपने दोनों हाथों में थाम के अजय के सामने ले गई अपनी पतली कमर बलखाती लचकआती हुई उसके सामने... और अपनी एक चूची उसके चेहरे पर रगड़ के बोली..

बोलना जानू क्या करना चाहते हो मेरे साथ..

" बस यहीं तुम्हे पटक पटक कर चोद दूँ '

' मेरा भी यही मन करता है की , पूरी रात तुमसे , .... हचक हचक कर ,… चुदवाऊँ ,…. जब मेरी प्रियंका दीदी बोली मेरे लोड़े का पानी निकल गया... पर मैं फिर भी वहीं खड़ा हुआ सामने का दृश्य देखता रहा...

अजय ने अपने आप को नंगा कर दिया.. बिल्कुल नंगा... और मेरी प्रियंका दीदी को अपनी बाहों में लेकर सूखे पुआल के ऊपर पटक दिया और उनके ऊपर चढ़ गया...

और तभी मेरी निगाह नीचे की ओर मुड़ी ओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह , मेरी चीख निकलते निकलते बची , …

कम से कम ८ इंच ,लाल गुस्सैल , एकदम तना ,कड़ा गुस्सैल , और मोटा ,

मेरी तो जान सूख गयी , अपने होने वाले जीजा जी का हथियार देखकर..... उन्होंने मेरी प्रियंका दीदी का लहंगा ऊपर की ओर उठाना शुरू कर दिया था.. मेरी दीदी मस्त हो गई थी अपने साजन के साथ...

बूंदो की आवाज तेज हो चुकी थी ,उस हिस्से में कमरों और बरामदे की छतें खपड़ैल की थीं ,और उन पर गिर रही बूंदो की आवाज , और वहां से ढरक कर आँगन में गिर रही तेज मोटी पानी की धार एक अलग आवाज पैदा कर रही थी।

बादलों की गरज तेज हो गयी थी ,एक बार फिर तेजी से बिजली चमकी , मेरी प्रियंका दीदी डर के मारे अजय के साथ चिपक गई..

मैं झोपड़ी के बाहर खड़ा खिड़की के पास बारिश में भीगता हुआ अंदर की रासलीला देख रहा था.. अपने झड़े हुए मुरझाए लोड़े को हाथ में पकड़ के...

उस झोपड़ी के अंदर गनीमत थी वहां ताखे में रखी ढिबरी अभी भी जल रही थी और उस की रोशनी उस कमरे के लिए काफी थी।

लेकिन उसकी रोशनी में सबसे पहली नजर में जिस चीज पे पड़ी , उसी ताखे में रखी,

एक बड़ी सी शीशी ,

कड़ुआ तेल ( सरसों के तेल ) की , जो मेरी प्रियंका दीदी खुद लेकर आई थी... चोदन कार्यक्रम के लिए अपने होने वाले पति के साथ ...

मेरे होने वाले जीजा जी अजय दिखने में जितने भी सीधे लगे,उसके हाथ और होंठ दोनों ही जबरदस्त बदमाश थे..

वह तो खुद पूरी तरह नंगे हो चुके थे और मेरी प्रियंका दीदी को सुखी पुआल के ऊपर पटक के मेरी दीदी के ऊपर चढ़ .. उनके होंठों को चूस रहे थे... एक हाथ से मेरी दीदी की चूची को पकड़कर चोली के ऊपर स ही मसल रहे थे.. और दूसरे हाथ से मेरी दीदी कर लहंगा ऊपर उठाने की कोशिश कर रहे थे.. मेरी प्रियंका दीदी भी मस्ती में पागल होकर होठों को खाने का प्रयास कर रही है अजय के..

शुरू में तो अच्छे बच्चो की तरह उसने हलके हलके मेरी बहना के होठों को को ,गालो को चूमा लेकिन अँधेरा देख और अकेली लड़की पा के वो अपने असली रंग में उतर आये।

अजय ने मेरी प्रियंका दीदी के दोनों रस से भरे गुलाबी होंठों को हलके से अपने होंठों के बीच दबाया ,कुछ देर तक वो बेशरम उन्हें चूसता रहा, चूसता रहा जैसे सारा रस अभी पी लेगा ,और फिर पूरी ताकत से कचकचा के ,इतने जोर से काटा की आँखों में दर्द से आंसू छलक पड़े , मेरी मासूम कमसिन दीदी के... मेरी दीदी की आंखों में आंसू थे पर वह अजय ने फिर मेरी दीदी के होठों को अपने होठों से उस जगह दो चार मिनट सहलाया और फिर पहले से भी दुगुने जोर से और खूब देर तक… पक्का दांत के निशान पड़ गए होंगे।

मेरी बहना भी पूरी तरह गर्म हो चुकी थी..

अजय ने मेरी प्रियंका दीदी के गाल पर भी पहले तो थोड़ी देर अपने लालची होंठ रगड़े ,और फिर कचकचा के , पहले थोड़ी देर चूस के दो दांत जोर से लगा देता , मेरी छम्मक छल्लो बहना सुखी पुआल के ऊपर छटपटाती ,चीखती अपने चूतड़ पटकती ,फिर वो वहीँ थोड़ी देर तक होंठों से सहलाने के बाद दुगुनी ताकत से , .... दोनों गालों पर।

मुझे मालूम था दाँतो के निशान गुलाब की पंखुड़ियों से गालों पर अच्छे खासे पड़ जाएंगे ,

पर आज मैंने तय कर लिया था...... पूरी रासलीला देखकर ही जाऊंगा.. चाहे मेरी बहना को कितना भी दर्द दे मेरा होने वाला जीजा मेरी दीदी उनकी ही अमानत है ना... जैसे मर्जी चूसे चाटे काटे या फिर पटक पटक के चोद डालें.

उसके होंठ मेरी प्रियंका दीदी के होठों गालों के साथ जो हरकत कर रहे थे वही हरकत उसके दोनों हाथ मेरे प्रियंका दीदी के 24 साल की मस्त गदर आए हुए जोबन के साथ कर रहे थे.. बड़े-बड़े अनारो से भी मस्त मेरी दीदी की चूचियां एकदम टाइट चोली के अंदर अजय के रहमों करम पर थी..

और क्या कस कस के ,रगड़ रगड़ के मसल रहा था वो।

एक झटके में अजय ने मेरी दीदी की चोली को उनके सीने से अलग कर दिया...

अब तो अजय ने मेरी दीदी की चुचियों को सिर्फ अपने हाथों से ही नहीं बल्कि अपने दुष्ट पापी होठों से भी चूसना चाटना शुरू कर दिया.. बरसात बहुत तेज होने लगी थी...

गाल और होंठों का रस लूट चुके ,अजय के होंठ अब बहुत गुस्ताख़ हो चुके थे , सीधे उन्होंने मेरी प्रियंका दीदी के खड़े निपल पर निशाना लगाया और साथ में अजय की एक्सपर्ट जीभ भी ...

मेरी प्रियंका दीदी- (चुसवाने के मजे मे बोलती) आ..आह आज तो कुछ ज्यादा ही जोश मे लग रहे है क्या बात है...।

अजय की जीभ ने मेरी प्रियंका दीदी के कड़े खड़े , कंचे की तरह कड़े निपल को पहले तो फ्लिक किया ,देर तक और फिर दोनों होंठों ने एक साथ गपुच लिया और देर तक चुभलाते रहे चूसते रहे , जैसे किसी बच्चे को उसका पसंदीदी चॉकलेट मिल जाए और वो खूब रस ले ले के धीमे धीमे चूसे , बस उसी तरह चूस रहा था वो।

और दूसरा निपल बिचारा कैसे आजाद बचता ,उसे दूसरे हाथ के अंगूठे और तरजनी ने पकड़ रखा था और धीमे धीमे रोल कर रहे थे ,

मेरी प्रियंका दीदी चुपचाप लेटी हुई मजे से सिसक रही थी तड़प रही थी और जब अजय ने उनकी चूची पर अपने दांत गड़ा दिए तब चीखने लगी ..

अजय ने मेरी प्रियंका दीदी को बिल्कुल नंगा कर दिया.

थोड़ी देर में मेरी दीदी की हालत और भी खराब हो गई ,उसका जो हाथ खाली हुआ उससे ,अजय ने मेरी दीदी कि सुरंग में सेंध लगा दी थी... मेरी बहना तड़प उठी थी.. अपनी गांड उठा उठा कर पटकने लगी मेरी दीदी... मेरे होने वाले जीजू तो पूरे खिलाड़ी थे..

मेरी प्रियंका दीदी की जांघों के बीच की प्यासी चिकनी चमेली तो पहले से ही गीली हो चुकी थी,और ऊपर से उसने अपनी शैतान गदोरी से जोर जोर से मसला रगड़ा.... मेरी दीदी ने खुद ही अपनी टांगें चौड़ी कर दी फिर अजय को मौका मिल चुका था..जोर से पूरी ताकत लगा के घचाक से एक उंगली दो पोर तक मेरी दीदी की बुर में पेलने का..

उईई इइइइइइइ.... मां... मेरी दीदी चीखने लगी..

अजय ने मेरी प्रियंका दीदी के चीखने की कोई भी परवाह नहीं की बल्कि वह अपनी उंगली गोल-गोल मेरी दीदी की बुर में घुमा रहा था ,

मेरी छम्मक छल्लो प्रियंका दीदी सिसक रही थी चूतड़ पटक रही थी वासना की अग्नि में जल रही थी..

मेरी दीदी ने अपनी दोनों टांगे उठा कर अजय की कमर में लपेट उसको अपनी सवारी करने का न्योता देने लगी...

मेरी प्रियंका दीदी ने कामुक आमंत्रण देते हुए लता की तरह अजय को जोर से अपनी बाँहों में ,अपने पैरों के बीच लता की तरह लपेट लिया।

लता कितनी भी खूबसूरत क्यों न हो ,उसे एक सपोर्ट तो चाहिए न ,ऊपर चढ़ने के लिए।

और आज मेरी बहना को उनका सपोर्ट मिल गया था, उनका होने वाला पति अजय..

पर अजय तो बहुत था बहुत दुष्ट ,एकदम कमीना।

उसे मालूम था मेरी बहना को इस वक्त क्या चाहिए..

.

उसका काला मोटा लंबा सख्त... औजार....

क्या करूं मेरी छम्मक छल्लो.. अजय ने पूछा...

मेरी प्रियंका दीदी अच्छी तरह जानती थी अजय की सारी आदतें.. मेरी दीदी को पता था अजय उनके मुंह से क्या सुनना चाह रहा है.

मेरी दीदी ने भी तो खूब तड़पाया था उसे.. अपना बदला ले रहा था अजय...

" हे करो न ,… " आखिर मेरी दीदी को बोलना ही पड़ा.. कामुक आवाज में..

जवाब में अजय ने मेरी प्रियंका दीदी की दाईं चूची को अपने मुंह में ले लिया और फिर गुलाबी निप्पल को अजय ने खूब जोर से कचकचा के काटा ,और पूछा ,

"बोल न जानू क्या करूँ ,… "

मेरी प्रियंका दीदी क्या करती ,आखिर बोली ," प्लीज अजय ,मेरा बहुत मन कर रहा है , अब और न तड़पाओ ,प्लीज करो न "

जोर से निपल उसने मसल दिए और एक बार अपनी उंगली आलमोस्ट बाहर निकाल कर एकदम जड़ तक मेरी बहना की बुर में ठेलते हुए वो शैतान बोला ,

" तुम जानती हो न जो तुम करवाना चाहती हो ,मैं करना चाहता हूँ उसे क्या कहते हैं ,तो साफ साफ बोलो न। "

मेरी दीदी के जवाब का इंतजार किए बिना उसने मेरी दीदी की दूसरी चूची को मुंह में लिया और और दुगनी ताकत से काट लिया.. मेरी बहना तड़पने लगी..

पर मेरी बहना समझ चुकी थी कि यह कमीना मानने वाला तो है नहीं.. अगर नहीं बोलूंगी तो पता नहीं कहां-कहां निशान डालेगा अपने दांतो से, सारी दुनिया को पता चल जाएगा यह निशान देखकर, मेरी बहन की दोनों चुचियों में खून उतर आया था... बिल्कुल लाल हो गई.. जब अजय मेरी प्रियंका दीदी के गाल काटने लगा..मेरी बहन ढीली पड़ गई.

फिर उसकी उंगली ने मेरी प्रियंका दीदी को पागल कर दिया था..

शरम लिहाज छोड़ के उसके कान के पास अपने होंठ ले जाके मेरी प्रियंका दीदी बहुत हलके से बोली ,

" अजय , मेरे राजा ,चोद न मुझे "

और अबकी एक बार फिर उसने दूसरे उभार पे अपने दांत कचकचा के लगाये और बोला ," ,जोर से बोलो , मुझे सुनाई नहीं दे रहा है। "

" अजय ,चोदो ,प्लीज आज चोद दो मुझको , बहुत मन कर रहा है मेरा। " अबकी जोर से मेरी प्रियंका दीदी बोली.

बस ,इसी का तो इन्तजार कर रहा था वो दुष्ट ,

मेरी दीदी की दोनों लम्बी टाँगे उसके कंधे पे थीं ,उसने मेरी बहना को दुहरा कर दिया और उसका सुपाड़ा सीधे मेरी प्रियंका दीदी बुर के मुहाने पे।

दोनों हाथ से उसने जोर से मेरी दीदी की कलाई पकड़ी ,और एक करारा धक्का ,

दूसरे तूफानी धक्के के साथ ही ,अजय का मोटा सुपाड़ा मेरी प्रियंका दीदी की बच्चेदानी से सीधे टकराया ..

और मेरी प्रियंका दीदी बहुत जोर से चिल्लाई ," उईइइइइइइइइइ माँ , प्लीज लगता है ,माँ ओह्ह आह बहोत जोर से नहीईईईई अजय बहोत दर्द उईईईईईई माँ। "

" अपनी माँ को क्यों याद कर रही हो ,उनको भी चुदवाना है क्या ,चल यार चोद देंगे उनको भी , वो भी याद करेंगी की ,...."

दोनों हाथों से मेरी प्रियंका दीदी की दोनों गदराई चूंची दबाते , और अपने पूरा घुसे लंड के बेस से जोर जोर से क्लिट को रगड़ते अजय ने चिढ़ाया।

मेरी प्रियंका दीदी ने भी जोरदार जवाब दिया..

" अरे साल्ले भूल गए ,अभी साल दो साल भी नहीं हुआ , जब मैं इसी गाँव से तोहार बहिन को सबके सामने ले गयी थी , अपने घर ,अपने भइया से चुदवाने। और तब से कोई दिन नागा नहीं गया है जब तोहार बहिन बिना चुदवाये रही हों। ओहि चुदाई का नतीजा ई मुन्ना है , और आप मुन्ना के मामा बने हो। "

दूर के रिश्ते में अजय मेरी चंदा भाभी का भाई लगता था... पर दोस्तो आप तो जानते ही हो हमारे गांव और मेरे घर का तो खास कर इतना खुल्लम-खुल्ला हो रहा था.. अजय के दोस्त सुनील ने तो उसके सामने मेरी चंदा भाभी को गन्ने के खेत में उठक बैठक करवाई थी.. और अजय ने उनके सामने ही मेरी प्रियंका दीदी को अपना गन्ना खिलाया था.

मेरे कहने का मतलब है कि मेरी चंदा भाभी और अजय के बीच में भाई बहन का रिश्ता होने के बावजूद भी कोई पर्दा नहीं बचा था..

इसके बावजूद भी मिर्ची उसे जोर की लगी।

बस उसने उसी तरह जवाब दिया ,जिस तरह से वो दे सकता था ,पूरा लंड सुपाड़े तक बाहर निकाल कर ,एक धक्के में हचक के उसने पेल दिया पूरी ताकत अबकी पहली बार से भी जोरदार धक्का उसके मोटे सुपाड़े का मेरी प्रियंका दीदी के बच्चेदानी पर लगा..

मेरी बहना दर्द और मजे के मारे तड़पने लगी..

और साथ ही मेरी प्रियंका दीदी की चूची काटते हुए अजय ने अपना इरादा जाहिर किया...

साली रंडी... बहन की लोड़ी ..." जितना तेरी भाभी ने साल भर में , उससे ज्यादा तुम्हे दस दिन में चोद देंगे हम, समझती क्या हो।

मुझे मालूम है हमार दी की ननद कितनी चुदवासी हैं ,सारी चूत की खुजली मिटा के भेजेंगे यहाँ से तुम खुदे आपन बुरिया नही पहचान पाओगी। "

जवाब में जोर से अजय को अपनी बाहों में बाँध के अपने नए आये उभार ,अजय की चौड़ी छाती से रगड़ते हुए , उसे प्यार से चूम के मेरी प्रियंका दीदी बोली..

" तुम्हारे मुंह में घी शक्कर , आखिर यार तेरा माल हूँ और अपनी भाभी की ननद हूँ ,कोई मजाक नहीं। देखती हूँ कितनी ताकत है हमारी भाभी के भैय्या में , चुदवाने में न मैं पीछे हटूंगी ,न घबड़ाउंगी। आखिर तुम्हारी दी भी तो पीछे नहीं हटती चुदवाने में , मेरे शहर में। साल्ले बहनचोद , अरे यार बुरा मत मानना , आखिर मेरे भैय्या के साले हो न और तोहार बहिन को तो हम खुदै ले गयी थीं ,चुदवाने तो बहिनचोद , … "

मेरी प्रियंका दीदी के बाद तो अभी पूरी भी नहीं हुई थी... अजय ने मेरी बहना को दोहरा कर दिया.. अजय ने मेरी दीदी के दोनों मोटे मोटे चूतड़ पकड़कर एक ऐसा जोरदार झटका पीछे से दिया कि मेरी दीदी की सांसे रुक गई... फिर तो एक के बाद एक झटके जोरदार... मेरी बहना ने तो एक जानवर को दावत दे दी थी अपने घर..

और वह जानवर मेरी बहना को रगड़ रगड़ के ठोक रहा था.. बुरी तरह .. दीदी का बुरा हाल था...

फिर तो एक बार मेरे होने वाले जीजू शुरू हुए तो उन्होंने मेरी प्रियंका दीदी का काम तमाम करने के बाद ही झटके मारना बंद किया... दोनों ही एक साथ झड़ने के बाद लंबी लंबी सांसे लेने लगे... पानी निकल गया मेरे भी औजार से.... मन ही मन मुझे बहुत ग्लानि का अनुभव रहा था क्योंकि मैं अपनी ही सगी बहन की ठुकाई गैर मर्द से होते हुए देखकर अपने औजार का पानी निकाल चुका था... मेरे मन में सुकून सिर्फ इस बात का था कि मेरी बहन अपने होने वाले पति के साथ ही संभोग कर रही है..

खड़े-खड़े मेरी टांगे कहां पर ही थी... पर मैं आगे होने वाले खेल को देखना चाहता था.... मैं बुरी तरह थक चुका था पर फिर भी मैं वही खिड़की के पास खड़ा होकर अपना मुरझाया हुआ छोटा सा लोड़ा हाथ में लिए हुए झोपड़ी के अंदर होने वाले आगे के क्रियाकलाप को देखने के लिए उत्सुक था...

मेरी प्रियंका दीदी बिल्कुल नंगी हालत में अजय के बदन से लिपटी हुई थी.. उनकी योनि से माल टपक रहा था.. लंबी लंबी सांसे लेती हुई मेरी दीदी मेरे होने वाले मेरे होने वाले जीजू के गालों को चूम रही थी..

जैसा कि मुझे उम्मीद थी... अजय ने बिल्कुल वैसे ही किया. उन्होंने मेरी प्रियंका दीदी का बाल पकड़कर नीचे की तरफ झुकाया और मेरी दीदी के मुंह में अपना मुरझाया हुआ औजार घुसा दिया... मेरी प्रियंका दीदी बड़े प्यार से चूसने लगी... काला मोटा लण्ड कुछ ही देर में मेरी प्रियंका दीदी के मुंह में बड़ा होने लगा... मेरे होने वाले जीजू का औजार फिर से दूसरे राउंड के लिए तैयार होने लगा था.. मेरी बहन के मुंह में..

मेरी प्रियंका दीदी अजय के बड़े अंडकोष को चूसने लगी.. और उनके बड़े हथियार को हिलाने लगी अपने हाथ से... मेरे होने वाले जीजू बिल्कुल पागल हो गया मेरी प्रियंका दीदी की इस अदा पर..

इस बार अजय ने मेरी प्रियंका दीदी का घोड़ी बना दिया जमीन पर और उन्होंने अपना मोटा लण्ड मेरी बहन की गांड के छेद पर टिका दिया.. एक हाथ से उन्होंने मेरी दीदी के बाल पकड़े और दूसरे हाथ से उन्होंने मेरी दीदी की एक चूची.... फिर उस जालिम ने एक जोरदार झटका मेरी दीदी की गांड के भीतर दिया... और अपना आधा मेरी बहन की गांड में उतार दिया.... मेरी प्रियंका दीदी के मुंह से एक जोरदार चीख निकल गई.. पर बारिश और बिजली की गड़गड़ाहट के बीच में उनकी चीख सुनने वाला कोई नहीं था वहां पर है सिवाय मेरे..

अजय ने मेरी प्रियंका दीदी की गांड मारने शुरू कर दी थी... मेरा मुरझाया हुआ छोटा सा खड़ा होने का नाम नहीं ले रहा था.. मैं कोशिश तो कर रहा था पर सफल नहीं हो पा रहा था..

अजय जीजू अब पूरी स्पीड में मेरी प्रियंका दीदी की गांड मार रहे थे.. और गंदी गंदी गालियां भी दे रहे थे मेरी बहन को...

साली ,तेरी माँ का भोसड़ा चोदूँ , क्या मस्त माल पैदा किया है.. क्या मस्त टाइट गांड के छेद है तेरी... साली तेरी रुपाली दीदी की भी मारूंगा गांड और तुम दोनों बहनों को एक ही बिस्तर पर लूंगा...

मेरी प्रियंका दीदी : आ आ आहह आ आ अहह मा आआ मा आ आ आ आ मा आआ अ मा आअ माआअ नाह हिई ई ओउू ऊहह ओई ई ईई ई ई.. ! प्लीज़, अब छोड़ दे.. ! तू इंसान है या जनवार.. ! इतना तो कोई रंडी को भी नहीं चोदता.. ! आ आ आ आ अहह अहह अहहा अ माआ आ अम्म्म्म ममा आ आ आअ.. !

तू रंडी नहीं है साली मेरी होने वाली बीवी है... तुझे तो हर रात ऐसी बजाऊंगा... बहन की लोड़ी...

मेरे होने वाले जीजू अजय का एकदम मोटा सॉलिड खूंटा मेरी प्रियंका दीदी की गांड के छेद में चीरता हुआ अंदर बाहर हो रहा था..

मेरे होने वाले जीजू का एकदम लोहे के राड ऐसा कड़ा सख्त ,लेकिन खूब मांसल भी... अपनी पूरी रफ्तार में था... मेरी प्रियंका दीदी की आंखों में आंसू थे... अपने होने वाले पति के प्यार का एहसास पाकर मेरी दीदी खुशी के आंसू अपनी आंखों से और अपनी मुनिया से टपका रही थी.

हां दोस्तों मेरी बहन एक हाथ से अपनी योनि को मसल रही थी... झोपड़ी के अंदर तूफान आया हुआ था.. और बाहर भी..

मेरी प्रियंका दीदी की चूतड़ अपने आप ऊपर हो रहे थे , जोर जोर से सिसकिया ले रही थीं , अजय दोनों हाथों से मेरी दीदी के दोनों चूचियों को पकड़ चोदने लगे मेरी बहन की गांड...

मेरी प्रियंका दीदी कुछ देर : आ आहह आ आ अहह आ अहह.. ! करती रहीं। फिर, एकदम शांत हो गयीं.. जमीन के ऊपर पसर गई... फिर से रोने लगी और छोड़ने की गुहार करने लगी..

मेरे होने वाले जीजू अजय: रो मत, मेरी रानी.. ! एक बार शांत कर दे मुझे, फिर छोड़ दूँगा.. !

मेरी प्रियंका दीदी की चूडी और पायल की “छन छन” की आवाज़ गूँज रही थीं पर उनकी कोई आवाज़ नहीं आ रही थी।

हल्की हल्की रोने की सिसकी, कभी कभी सुनाई दे जाती थी।

एक हाथ से मैं अपने छोटे से लण्ड को हिलाने का प्रयास कर रहा था पर वह खड़ा होने का नाम ही नहीं ले रहा .. थक हार कर मैं वापस अपने कमरे में आ गया क्योंकि बारिश भी तेज होने लगी थी और मैं भीग चुका था बुरी तरह से..

अपने कमरे में आने के बाद मैंने अपने सारे कपड़े उतार दिए भीगे हुए.. और बिल्कुल नंगा होकर अपने बिस्तर पर लेट गया.. कुछ ही देर में मेरी आंख लग गई... रात भर मेरी आंखों के सामने गंदे गंदे दृश्य उभरते रहे.. कभी मेरी प्रियंका दीदी तो कभी मेरी रूपाली दीदी... कभी असलम तो कभी दिनेश और रवि... सुबह जब मेरी आंख खुली तो मैं नंगा लेटा हुआ था अपने बिस्तर पर और मेरी एक हाथ में मेरा लण्ड अपनी पूर्ण अवस्था में खड़ा था...

अगली सुबह मेरे घर में वातावरण बिल्कुल ही नॉर्मल लग रहा था..

पर मेरी नजर तो अपनी प्रियंका दीदी पर ही थी... कल रात जो भी हुआ था झोपड़ी के अंदर.. मेरी प्रियंका दीदी का चेहरा देखने से ही उसका अंदाजा हो रहा था.. एक मादक और कामुकता मेरी प्रियंका दीदी के चेहरे पर थकान में लिपटी हुई... सारी रात एक मोटे लण्ड की मार ..

मैं अपनी प्रियंका दीदी का चेहरा देख कर ही समझ गया की सारी रात मेरे होने वाले जीजू अजय ने मेरी बहन को अच्छी तरह से बजाया है.. मेरी प्रियंका दीदी का हर छेद अच्छे से खोल दिया है.. मेरी दीदी लड़खड़ाते हुए घर में चल रही थी... रात भर कामवासना की अग्नि में जलने के कारण उनकी आंखें भी बोझिल सी लग रही थी.. उनको देखकर मेरे मन में एक सुकून भी था.. कि जो भी हो मेरी प्रियंका दीदी का होने वाला पति एक ताकतवर मर्द है, जो मेरी दीदी को सारी रात अपने हथियार से... संतुष्ट कर सकता है..

मेरे घर का वातावरण बिल्कुल ही नॉर्मल हो चुका था.. सब लोग अपने अपने काम में लगे हुए थे.. मेरी जीजू भी अभी घर में ही थे.. मुझे तो बस अपनी रूपाली दीदी की चिंता थी... मेरी रूपाली दीदी सोफे पर बैठी हुई अपने बेबी को दूध पिलाते हुए किसी गहरी सोच में डूबी हुई थी... उनके चेहरे पर एक निराशा और दुख का भाव साफ साफ दिखाई दे रहा था..

पिछले 7 दिनों में मेरी रूपाली दीदी ने मेरे जीजू के अलावा 4 गैर मर्दों का लंड ले लिया था अपनी कोख में... और मेरा दोस्त राजू भी उनके पीछे पड़ा हुआ था... मैं अपनी रूपाली दीदी की मजबूरी अच्छी तरह समझ रहा था..मैंने मन ही मन फैसला कर लिया कि मैं आज राजू को समझा-बुझाकर अपने प्रियंका दीदी का पीछा छुड़वा लूंगा अपने दोस्त से.. आखिर राजू मेरे बचपन का दोस्त है.. क्यों नहीं मानेगा वह मेरी बात..

दोपहर को मैं राजू के घर की तरफ चल पड़ा अकेले ही.. जब मैंने राजू के घर की बेल बजाई और दरवाजा खुला तो मेरे सामने राजू का बड़ा भाई ढोलू खड़ा था... ढोलू को देखते ही मेरी गांड फट गई...

ढोलू एक 34 साल का तगड़ा जवान मर्द.. उसकी शादी भी तभी हुई थी जब मेरी रुपाली दीदी की शादी हुई थी... लेकिन ढोलू पिछले 1 साल से जेल में बंद था... दरअसल ढोलू एक गुंडा है.. जो रवि के पिता.. ठाकुर शमशेर सिंह.. सब लोग उनको मंत्री जी के नाम से जानते हैं..​
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