Update 17

बिल्लू मेरी रूपाली दीदी दीदी की चूत पर घमासन धक्के मारे जा रहा था.... उसके मोटे कठोर देहाती लोड़े का भरपूर मजा मेरी बहन उठा रही थी... आज तक बहुत लोगों ने मेरी बहन की बजाई थी.... मगर गवार देहाती बिल्लू कुछ अलग ही आनंद दे रहा था मेरी दीदी को...

उसका अंदाज भी तो बेहद निराला था... बाकी मर्दों से बिल्कुल जुदा..

साला बड़ी बेरहमी से मेरी बहन को घपाघप पेल रहा था...

मेरी रूपाली दीदी: "हाय राजा! ज़रा जोर से चोदो और जोर से हाय!! चूचियां ज़रा कस कर दबाओ ना! हाय मै बस झड़ने वाली हूँ!!"

और अपने चूतड़ों को धड़ाधड़ उपर नीचे पटक रही थी...

बिल्लू: साली रंडी.... तू तो बहुत बड़ी कमीनी चीज है.... तेरे लिए मैंने क्या-क्या नहीं किया.... आज तेरी फाड़ के रख दूंगा... मादरजात...

मेरी रूपाली दीदी: "हाय मै गयी राजा!" कह कर उन्होने दोनो हाथ फैला दिये.

तभी वह भी मेरी बहन की चूचियां पकड़ कर गाल काटते हुए बोला, "मज़ा आ गया मेरी जान!" और उसने भी अपना पानी छोड़ दिया.... मेरी बहन की हालत खराब हो चुकी थी...

मेरा दोस्त बिल्लू पसीने पसीने हो गया था... अपना बाजार मेरी रूपाली दीदी की गुलाबी क्षेत्र से बाहर निकलने के बाद वाह उनके बगल में ही लेट गया और लंबी लंबी सांसे लेने लगा...

मेरी रूपाली दीदी भी अपनी टांगे फैलाए हुए गहरी गहरी और लंबी लंबी सांसे ले रही थी... मेरी रूपाली दीदी की गुलाबी चुनमुनिया से टपकता हुआ सफेद रस उनकी गांड के छेद तक पहुंच रहा था....

मेरी रूपाली दीदी बेबस और बेसुध लग रही थी.... एक बहुत ही जबरदस्त ठुकाई हुई थी मेरी बहन की...

तकरीबन 10 मिनट तक दोनों उसी अवस्था में अपने आप को संतुलित करने का प्रयास कर रहे थे... फिर मेरी रूपाली दीदी लड़खड़ाते हुए उठ कर खड़ी हो गई... और उस खंडार में अपने कपड़े ढूंढने का प्रयास करने लगी ...

बिल्लू ने जब देखा कि मेरी बहन अपने कपड़े पहन रही है तो वह भी उठ कर खड़ा हो गया और खुद को बिल्कुल नंगा कर लिया... उसने एक बार फिर से मेरी दीदी का हाथ पकड़ लिया...

बिल्लू: साली अभी कहां चल दी... अभी तो बहुत कुछ करना बाकी है... आज की रात तुझे इतनी आसानी से जाने नहीं दूंगा... तेरी गांड भी मारूंगा बहन की लोड़ी...

मेरी रुपाली दीदी: हां मैं तुम्हारी बात मानती हूं... ठीक है तुम मेरी गांड भी मार लेना... लेकिन अभी मुझे जाने दो... वरना सभी को शक हो... जाएगा सोचो अगर मेरा भाई मुझे ढूंढता हुआ यहां आ गया तो क्या गजब हो जाएगा...

बिल्लू: क्या गजब हो जाएगा बहन की लोड़ी... तेरा गांडू भाई तो खुद ही तुझे लेकर जाता है दूसरे मर्दों के पास... अगर वह देख भी लेगा तो उसे कोई फर्क नहीं पड़ेगा... वह मेरा दोस्त है और मुझे अच्छी तरह पता है उसके बारे में...

मेरी रूपाली दीदी: फिर भी... कुछ तो शर्म करो... सब लोग मेले में मेरा इंतजार कर रहे होंगे... मुझे जाना ही होगा...

बिल्लू: चुप साली रंडी .... आज तो मैं अपनी मनमानी कर लूंगा... अगर नखरे दिखाएगी ...जबरदस्ती तेरी गांड मारूंगा..

बोलते हुए उसने मेरी रूपाली दीदी की कपड़े खींच लिय और मेरी बहन को पूरी तरह से नंगा कर दिया... और वह खुद भी नंगा हो गया...

बिल्लू का लोड़ा फिर से लोहे की तरह सख्त हो गया था... उसने वहीं जमीन पर मेरी बहन को घोड़ी बनाया... और मेरी रूपाली दीदी कब बाल पकड़कर पीछे से अपना लोड़ा मेरी दीदी की बड़ी गांड के छोटे से छेद में अटका दिया और एक जबरदस्त झटका मारा...

उसका आधा लौड़ा मेरी रुपाली दीदी की गांड में जाकर फस गया था...

मेरी रूपाली दीदी : "उइइइ माँ मै मरी!" हाय दैया.....

उसने मेरी दीदी की दर्द भरी चीख सुनने के बाद भी कोई परवाह नहीं की और दूसरा ठाप भी मारा कि उसका पूरा लंड अन्दर घुस गया...

उसने अपना पूरा का पूरा औजार मेरी बहन की गांड में ठोक दिया था..

मेरी रूपाली दीदी: बिल्लू... मर गई रे मां...उईई माँ!! अरे ज़ालिम क्या कर कर रहा है? थोड़ा धीरे से कर" .....कहती ही रह गयी और वह इंजन के पिस्टन की तरह मेरी बहन की गांड के छेद को बड़ा करने लगा...

घपा घप वह मेरी दीदी की गांड मार रहा था...

मेरी रूपाली दीदी अपने दोनों हाथ जमीन पर टिकाया हुए घोड़ी बनी हुई थी... और मेरा कमीना दोस्त पूरी बेरहमी के साथ मेरी दीदी की गांड मार रहा था..... उसका देहाती काला लोड़ा मेरी दीदी की गांड को चीरते हुए धज्जियां उड़ा रहा था.... उसने चिथड़े बना दीय मेरी दीदी की गांड को चोद चोद कर...

बिल्लू मेरी रूपाली दीदी की गांड की ऐसी ठुकाई कर रहा था जैसा आज तक किसी मर्द ने नहीं किया था... बिना किसी उत्तेजक गोली को खाकर... एक देहाती लड़के के शानदार औजार में कितनी ताकत होती है इसका एहसास आज पहली बार मेरी रुपाली दीदी को अपनी गांड में महसूस हो रहा था...

कुछ देर में ही मेरी बहन मस्त हो गई थी... इस मजे का एहसास मेरी रूपाली दीदी को पागल बना रहा था... और परिणाम स्वरूप मेरी दीदी एक बार फिर झड़ गई.

लेकिन बिल्लू तो झड़ने का नाम नहीं ले रहा था..... उसका लौड़ा अभी भी लोहे की सरिया की तरह सख्त था... और मेरी दीदी की गांड मारने में लगा हुआ था...

मेरी रूपाली दीदी ने पीछे मुड़कर उसकी तरफ देखा... वह तो आंखें बंद किए हुए किसी योगी की तरह लगा हुआ था अपने काम में..

मेरी रूपाली दीदी: मेरी आंखों में देखो ना बिल्लू...

बिल्ललू मेरी रूपाली दीदी की आंखों में देखने लगा.. उनकी आंखों में देख कर उसके अंदर का जानवर जाग गया और वह पूरी रफ्तार से मेरी बहन की गांड चोदने लगा था.... एक भाई होने के नाते मुझसे देखा नहीं जा रहा था, मेरा अपना दोस्त ही मेरी बहन की गांड का चबूतरा बनाने पर तुला हुआ था... मैं वहां से हट गया और मेले की तरफ जाने लगा... मेरी आंखों में आंसू थे और मेरे मन में निराशा भरी हुई थी.. खेतों के रास्ते होते हुए जब मैं मेले की तरह पहुंचा तब मुझे मेरी प्रियंका दीदी खेतों से बाहर निकलती हुई दिखाई दी... उनके पीछे पीछे चार लड़के भी खेतों से बाहर निकले, जिनको मैं नहीं जानता था... शायद यह लड़के दूसरे गांव से थे..

पीछे से वह लड़के मेरी प्रियंका दीदी की गांड को बार बार दबा रहे थे.. मेरी दीदी उनको ऐसा करने से मना कर रही थी लेकिन वह लोग मानने के लिए तैयार नहीं थे... एक लड़का जो सबसे मजबूत था और उन सब का नेता लग रहा था, उसने तो मेरी प्रियंका दीदी को खेतों से बाहर निकलने से पहले पीछे से अपनी बाहों में दबोच लिया और दोनों चूचियों को अपने हाथों से मर्दन करते हुए पूछने लगा था..

वह लड़का: कल फिर आएगी ना मेरी रानी..

मेरी प्रियंका दीदी( मचलते हुए): दैया रे दैया... मार डालोगे क्या... मेरी चुचियों को उखाड़ लोगे क्या... धीरे करो ना... मुझे अब मेले में जाना होगा... सब लोग हमारा इंतजार कर रहे होंगे...

वह लड़का: चल ठीक है बहन की लोड़ी.. अपना नंबर तो दे दे मुझे.. कल फोन करूंगा तुझे.. समझ गई ना..

जब तक मेरी बहन ने नंबर नहीं दिया तब तक वह लड़का मेरी दीदी को मसलता दबाता रहा... थक हार कर मेरी प्रियंका दीदी ने उसको अपना मोबाइल नंबर दे दिया.... फिर जाकर उन लोगों ने मेरी दीदी का पीछा छोड़ा... मेरी प्रियंका दीदी अब मेले में आ चुकी थी मैं भी उनके पीछे-पीछे घूम रहा था थोड़ी दूर ...

मेरी चंदा भाभी का अता पता नहीं था... ना जाने वह मेले में कहां गुम हो गई थी.. मेरी प्रियंका दीदी के चेहरे पर हवाइयां उड़ रही थी... उनके होठों पर लगा हुआ सूखा विर्य मैं साफ-साफ देख पा रहा था.. जाहिर है उन लड़कों ने मेरी बहन को बहुत चुस्वाया था अपना हथियार..

सुबह के तकरीबन 3:00 बजने वाले थे... मेले में से रौनक खत्म होने लगी थी.. लोग अपने घरों की तरफ जाने की तैयारियां करने लगे थे और कुछ लोग तो जा भी रहे थे... मेरी प्रियंका दीदी एक दुकान के सामने स्टूल पर बैठी हुई तकरीबन 30 मिनट तक हम लोगों का इंतजार करती रही.. मैं तो वहीं पर उनसे कुछ दूरी पर खड़ा था चुप कर... मैं देखना चाहता था कि आखिर मेरी बहन क्या-क्या गुल खिलाती है मेले में...

कुछ देर में मुझे मेरी चंदा भाभी आती हुई दिखाई देने लगी.. उनकी चाल भी बदली लग रही थी.. चेहरे का सारा मेकअप बिगड़ा हुआ था.. बाल बिखरे हुए थे... जाहिर है वह भी गांव के किसी मर्द को लेकर खेतों में या झाड़ियों में गई हुई थी.. मौज मस्ती करने के लिए...

मेरी चंदा भाभी प्रियंका दीदी के पास है.. और मुस्कुराकर पूछने लगी..

मेरी चंदा भाभी: क्या हुआ ननद रानी... बड़ी उदास उदास अकेले बैठे हुई हो कोई मिला नहीं क्या..

मेरी प्रियंका दीदी: धत् भाभी.... आप भी ना कुछ भी बोल देती हो... मैं भला क्यों किसी का इंतजार करूंगी..

मेरी चंदा भाभी: हाय मेरी ननद रानी... बड़ी भोली भाली बन रही हो... जैसे कुछ जानती ही नहीं हो... तुम्हारा यार अजय खेतों में चमेली के साथ लगा हुआ था... एक बार तो मुझे लगा था कि उसके नीचे तुम लेटी हुई हो.. लेकिन जब पास में जाकर देखी चमेली थी नीचे.. लगता है अजय और तुम्हारे बीच में कुछ अनबन हो गई है..

मेरी भाभी ने मेरी बहन को उकसाने का प्रयास किया..

मेरी प्रियंका दीदी( मुंह फुला कर): मुझे क्या मतलब भाभी... वह किसी के साथ भी अपना मुंह काला करें... मैं क्या जानू उसके बारे में... मुझे कोई मतलब नहीं उस इंसान से..

मेरी चंदा भाभी: हाय रे छलिया.... बड़ी नखरे दिखाने लगी है तू तो.. वो तेरा होने वाला पति है... कुछ दिनों में तुझे ब्याह कर अपने घर ले जाएगा वह... और तुझे कोई मतलब नहीं कि वह किसके साथ कहां पर मुंह काला कर रहा है...

मेरी चंदा भाभी: रूपाली मुझे दिखाई नहीं दे रही है... जब से मेले में आई थी तब से ही अलग-थलग घूम रही थी... तू देखी क्या उसको.

मेरी प्रियंका दीदी: नहीं भाभी... दीदी तो मुझे भी दिखाई नहीं दि... जब से भीड़ हो गई थी मेले में... दीदी और बिल्लू को मैंने एक स्टॉल के ऊपर खड़ा हुआ देखा था... तब से दीदी गायब है...

मेरी चंदा भाभी: तू ठीक बोल रही है मैंने भी देखा था... लगता है रुपाली और बिल्लू के बीच में कोई चक्कर है...

मेरी प्रियंका दीदी: ठीक है भाभी अब हम लोग घर चलते हैं... मम्मी हमारा इंतजार कर रही होगी...

मेरी चंदा भाभी: सुन एक बात तो बताना भूल ही गई मैं तुमको... मैं आज मुन्ना ठाकुर के साथ गई थी... तू तो जानती है ना उसको..

मेरी प्रियंका दीदी: हां जानती हूं भाभी.. पर आप उसके साथ कहां पर गई थी... मैंने तो सुना है वह आदमी नहीं घोड़ा है...

मेरी प्रियंका दीदी की बात सुनकर मेरी चंदा भाभी उनकी तरफ गौर से देखने लगी मुस्कुराते हुए..

मेरी चंदा भाभी: हाय रे मेरी बिल्लो रानी... तुझे तो सब पता चल गया है.. गांव में किस का लौड़ा कैसा है... वैसे तो ठीक कह रही है उसका इतना बड़ा है( हाथ से इशारा करते हुए).. और खूब रगड़ रगड़ के चोदते हुए गंदी गंदी गालियां भी देता है..

चंदा भाभी की बातें सुनकर मेरी प्रियंका दीदी शर्मा गई..

वैसे तो एक बार चढ़ता है तो कम से कम 40 50 मिनट तक रगड़ रगड़ के चोदता है.... मेरी मुनिया की तो सारी गर्मी उतार दी उसने आज... और फिर घोड़ी बनाकर पीछे से गांड में.... चंदा भाभी बोल ही रही थी कि मेरी प्रियंका दीदी ने बीच में रोक दिया..

धत भाभी.... आप भी ना कुछ भी बोलती रहती हो.. अब आप चुप हो जाओ बस..

चंदा भाभी की रंगीन बातें सुनकर मेरी प्यारी बहन शर्मा तो रही थी लेकिन साथ ही साथ मेरी दीदी की चूत मैं हजारों चीटियां एक साथ रेंगने लगी थी.. कुछ तो मेले में लड़कों की छेड़छाड़ और ऊपर से चंदा भाभी की गंदी गंदी बातें.. लहंगे के अंदर ही मेरी बहन की पेंटी की होने लगी थी..

मेरी प्रियंका दीदी मुन्ना ठाकुर के बारे में सोचने लगी थी या यूं कहें तो उसके लोड़े के बारे में...

कहां खो गई मेरी ननद रानी.. चंदा भाभी ने टोका...

कुछ नहीं भाभी अब घर चलते हैं देर हो रही है.. मेरी प्रियंका दीदी ने कहा और आगे की तरफ बढ़ने लगी तुम मेरी चंदा भाभी ने उनका हाथ पकड़ लिया..

सुन तो रानी.. कहां भागे जा रही हो.. मुझे तुमसे कुछ बात करनी है...

क्या भाभी बोलो ना...

मेरी चंदा भाभी: मेरी ननद रानी.. अब तुम्हारी शादी होने वाली है.. क्या तुम जानती भी हो इसका मतलब.. शादी के बाद तुम्हें सिर्फ 1 खूंटी से बंध के रहना पड़ेगा... उसके बाद जिंदगी का मजा लेने का अवसर नहीं मिलेगा.. जब तक कुंवारी हो खुल के मजा ले लो..

मेरी प्रियंका दीदी: आप कहना क्या चाहती हो भाभी साफ-साफ बोलो ना... मेरी दीदी हिरनी जैसी आंखों से चंदा भाभी को देख रही थी..

मेरी चंदा भाभी: मुन्ना ठाकुर तुम्हारा दीवाना है.. कब से तुम्हें पाने की कोशिश कर रहा है... मैं चाहती हूं कि कल रात मेले में आने के बाद तुम मेरे साथ मुन्ना ठाकुर के आम के बगीचे वाली झोपड़ी में मेरे साथ चलो..

उसने वादा किया है कि हम दोनों को सोने की पायल देगा...

मेरी प्रियंका दीदी: अगर किसी ने देख लिया तो भाभी... अगर अजय को पता चल गया तो वह मेरे बारे में क्या सोचेंगे...

आज तो मेले में कल से भी ज्यादा रौनक लग रही थी... और भीड़भाड़ की तो पूछो ही मत... मेरी दोनों बहने आज ऐसे सज धज के आई थी जैसे कोई नई नवेली दुल्हन.... मेरी चंदा भाभी किसी टॉप क्लास रंडी की तरह लग रही थी....

मैं तो अपने दोस्तों के साथ चला गया था... काफी देर तक मैं अपने दोस्तों के साथ मेले में घूम रहा था.. तकरीबन 11:00 बजे मुझे याद आया कल रात चंदा भाभी और मेरी प्रियंका दीदी के बीच हुई बातचीत... मैं अपने दोस्तों से अलग हो गया और मेले से बाहर निकल गया... और मुन्ना ठाकुर की आम के बगीचे में बनी हुई झोपड़ी के पास पहुंचा...

झोपड़ी का दरवाजा बंद था... मैं झोपड़ी के पीछे गया जहां पर एक खिड़की थी जो खुली हुई थी... जब मैंने खिड़की से अंदर जाकर देखा तो मेरे होश उड़ गए.. नजारा ही कुछ ऐसा था... झोपड़ी के अंदर बीचो-बीच खाट पर मेरी प्रियंका दीदी नंगी लेटी हुई थी और मुन्ना ठाकुर उनके ऊपर सवार होकर उनकी ठुकाई कर रहा था..

मेरी चिकनी चमेली प्रियंका दीदी को मुन्ना ठाकुर बहुत जोर जोर से चोद रहा था अपने खटिया पर लेटा कर और मेरी चंदा भाभी बगल में खड़ी हुई मुस्कुराते हुए देख रही थी इस दृश्य को और ठाकुर मुन्ना ठाकुर को उकसा रही थी और जोर-जोर से करने के लिए.... सोने की पायल के लालच में मेरी जवान बहन की बुरी हालत हो रही थी.... आंखों से आंसू टपकने लगे थे.. उस जालिम की ठोकरे मेरी दीदी की बच्चेदानी पर लग रही थी... मेरी प्रियंका दीदी दर्द के मारे तड़प रही थी... लेकिन मुन्ना ठाकुर रुकने का नाम नहीं ले रहा था.. वह तो आज जैसे मेरी बहन को चीर के रख देना चाहता था... पसीने से दोनों लथपथ हो चुके थे... अपनी प्रियंका दीदी की ऐसी हालत देखकर मेरी आंखों में से आंसू टपकने लगे थे लेकिन मेरा छोटा चेतन उठने लगा .. मुन्ना ठाकुर ने मेरी दीदी के दोनो कंधो को पूरी मजबूती से थामा और एक तगड़ा धक्का लगाया और लंड चूत में घुसता चला गया...पूरा का पूरा बिलकुल जड़ तक.. पूरा का पूरा ठास दिया उसने मेरी बहन की गुलाबी चुनमुनिया को बिल्कुल चौड़ा कर दिया था.. भाभी... तेरी ननद मस्त करारी माल है... बहुत दिनों से इसकी लेने के लिए सोच रहा था... साली कभी मेरे हत्थे आई ही नहीं थी... तुमने बताया होता कि अगर सोने की पायल देने से यह मेरे लोड़े के नीचे होगी.... तब तो तुम दोनों को सोने से नहला दिया होता... मुन्ना ठाकुर बोला.. हाय हाय ठाकुर साहब... मेरी ननद कच्ची कुंवारी है... कुंवारी कली के अमरूद पकड़कर जैसा मन करता है आपका वैसे मेरी ननद रानी को ठोको बजाओ... बिल्कुल कसी हुई चूत है मेरी ननद रानी की.. इसकी सारी गर्मी निकाल दो आप बाबूजी... और अपने सोने की पायल का वादा भूल मत जाना.. मेरी चंदा भाभी बोली. बिल्कुल नहीं भाभी... अब तो मैं आपको सोने का कंगन भी दूंगा साथ में... खुश कर दिया है छम्मक छल्लो की गुलाबी कसी हुई चूत चोदने का मजा आ रहा है... मुन्ना ठाकुर बोला और मेरी दीदी के ऊपर किसी सांड की तरह फिर से सवार हो गया .. मुन्ना ठाकुर मेरी प्रियंका दीदी की गुलाबी मुनिया को अब और जोर जोर से अपने लंड से चीर के अलग-अलग कर देने की कोशिश करने लगा.. मेरी नाजुक बहन तो बस उसके नीचे पढ़ी हुई सिसक रही थी, तड़प रही थी, आंखों में आंसू लिए हुए मेरी चंदा भाभी की तरफ देखने लगी थी.... दर्द के मारे तड़पती हुई मेरी प्रियंका दीदी को मन्ना ठाकुर किसी जोशीले सांड की तरह उसे चोद रहा था... चुचियों पर दांतो के,नाखूनों के निशान साफ साफ दिखाई दे रहे थे... मेरी प्रियंका दीदी के ऊपरी बदन का तो और भी बुरा हाल था.. मुन्ना ठाकुर ने बुरी तरह मेरी बहन को रगड़ा था.. मुन्ना ठाकुर ने अब मेरी प्रियंका दीदी के एक निप्पल को अपने दांतों में दबा लिया..उउफफ़फ़फ़ जी प्लीज.. मत काटो ना ... मुझे दर्द होता है.. आपका वह बहुत बड़ा और मोटा है... मेरे प्रियंका दीदी सिसकती बिल बिलाती हुई बोली.. हाय रे मेरी छम्मक छल्लो.. बहुत मोटा है मेरा क्या.. अजय से भी मोटा और लंबा है मेरा... मुन्ना ठाकुर बोल पड़ा.. अपने होने वाले पति के बारे में सुनकर मेरी प्रियंका दीदी शर्म से लाल हुई जा रही थी... लाल होने की दूसरी वजह मुन्ना ठाकुर के लंबे लंबे शॉट भी लग रहे थे... मेरी चंदा भाभी नीचे बैठ कर मेरी प्रियंका दीदी के माथे पर आए हुए पसीने को साफ करने लगी थी... कैसा लग रहा है मेरी ननद रानी... मजा तो तुझे खूब आ रहा होगा मेरी छिनाल ननद रानी... हां ऐसे ही.. और कस के.. बोल ना कैसा लग रहा है तुझे... मेरी चंदा भाभी पूछ रही थी... भाभी... बहुत दर्द हो रहा है...क्या करते हो? ऊई माँ ! अह्ह्ह ! आहह… ओइंआ ! मान भी जाओ ना .. आहह !’ जी... मरी प्रियंका दीदी गिड़गिड़ा रही थी.. दर्द की जगह अब कामुक सिसकियों ने ले लिया था... मेरी बहन को भी अब मजा आने लगा था शायद... क्योंकि खटिया पर वह अपनी गांड रगड़ रही थी.... मुन्ना ठाकुर मेरी दीदी की बच्चेदानी को बस.................. ठोकर पर ठोकर मार रहा था...आआह्ह तेज तेज धक्के मारो ना उफ्फ, यूईईईईईई... ठाकुर साहब... आखिर मेरी प्रियंका दीदी अपने छिनाल रूप में आने ही लगी थी... मुझे सुनकर बुरा लगा.. बहन की लोड़ी... हाय हाय मादरजात.. अब मजा आ रहा है ना तुझे... तेरी रुपाली दीदी को भी ऐसे ही एक दिन.. साली रंडी.. तेरी मां का भोसड़ा चोद... मुन्ना ठाकुर पागलों की तरह मेरी बहन को चोदने लगा था... और फिर पूरा मक्खन उसने मेरी दीदी की गुलाबी मुनिया में डाल दिया.. मेरी प्रियंका दीदी भी उसके साथ ही झड़ गई थी.. मुझे डर लगने लगा कि कहीं मेरी प्रियंका दीदी को प्रेग्नेंट तो नहीं कर दिया उसने... मेरी बहन को कुंवारी मां नहीं बना दिया.. यह गांव के मर्द तो कंडोम जानते ही नहीं... मेरी बहन की पायल के लालच में अगर मां बन गई तो फिर .....​
Previous page: Update 16