Episode 06
पहली तो ये की मैं उन्हें बेइंतहा प्यार करती थी , बस बता नहीं सकती। और वो भी , अपने ढंग से मुझे।
और अब धीमे धीमे वह हर चीज के लिए मुझ पे रिलाई करते थे।
दूसरी बात ये की मैंने ये मान लिया था की मेरा साजन सिर्फ मेरा है।
इसलिए वो जो भी चाहता है , खुले मन से , छुप छुप कर , अवचेतन में सब पूरा कराने की ,
अगर कोई किसी होटल को देखता है , बार बार देखता है ,
महीने में एकाध बार खाना खा लेगा , उसका मन भर जाएगा।
लेकिन उसे मना करो , तो वो रोज वही सोचेगा।
इसलिए कोई भी फैंटेसी अगर कभी कभार थोड़ा बहुत पूरी हो जाय , खुल के हंसी मजाक में ही सही , उस पे बात हो , तो वो रिप्रेस्सेड नहीं होगा।
और ये रिप्रेसन , पर्सनल रिलेशन पर , काम काज में हर जगह अपना काला साया छोड़ता है।
इसलिए मैंने तय कर लिया , कि ,…
मिसेज खन्ना
इसलिए कोई भी फैंटेसी अगर कभी कभार थोड़ा बहुत पूरी हो जाय , खुल के हंसी मजाक में ही सही , उस पे बात हो , तो वो रिप्रेस्सेड नहीं होगा।
और ये रिप्रेसन , पर्सनल रिलेशन पर , काम काज में हर जगह अपना काला साया छोड़ता है।
इसलिए मैंने तय कर लिया , कि ,…
तभी मिसेज खन्ना का फोन आया , आज लेडीज क्लब की स्पेशल मीटिंग है , आधे घंटे में क्लब पहुँच जाऊं।
मेरी सारी सोच एक मिनट में खत्म हो गयी और मैं मुस्कराने लगी।
बात ही ऐसी थी ,
मिसेज खन्ना की स्पेशल मीटिंग ,
खन्ना साहेब कम्पनी के सीनियर वी पी थे और नंबर टू। और परफेक्ट जोरू के गुलाम।
कंपनी में चलती भी उनकी ही थी। सी ई ओ अक्सर बाहर ही रहते थे और वैसे भी उनकी वाइफ कभी नहीं आती थी यहाँ।
इसलिए लेडीज क्लब में तो बस
मिसेज खन्ना ,
और आजकल मैं उनके बहुत करीब हो गयी थी। इन मीटिंग्स में पहले तो बियर के दौर ,
साथ में कभी कार्ड्स या कभी कुछ और गेम में , साथ में मेरी ,सुजाता औसे न्यूली मैरिड लोगों की क्लास लगती थी , कल क्या हुआ , कित्ती बार हुआ।
और कभी कभी ब्ल्यू फ़िल्म , क्लब के बड़े से स्क्रीन पे।
तैयार हो के बस मैं लिपस्टिक लगा रही थी , पिंक की ये आ गए।
आज जल्दी कैसे। मैंने हंस के पूछा।
चमचे पक्के , ये बगल में बैठ के बोले, मूड कर रहा था , आज जरा दिन में ही।
झूठे मैने घूर के देखा , और उन्होंने सच उगल दिया , आज ये शिफ्ट वर्क फ्रॉम होम की है दो तीन घंटे का काम है।
" हे लिपस्टिक कैसी लग रही है "
मैंने अपने होंठ उनकी ओर बढ़ा दिया।
" चख के देखता हूँ " शरारत से वो बोले , और मैंने सीधे लिपस्टिक उनके निचले होंठ पे , डैश आफ पिंक।
उठते हुए मैं बोली
" सीधे अपने होंठ से चख लेना , अभी लेट हो रही हूँ , लेडीज क्लब पर जरा मुझे ड्राप कर दो न।
वो भी जानते थे , आफिस की मीटिंग में लेट चलेगा , लेकिन लेडीज क्लब में एकदम नहीं।
लेडीज क्लब जैसा होता है वैसा ही था , बल्कि आज कुछ ज्यादा ही मस्ती हुयी ,
फ़िल्म बहुत हाट थी ,
ऐनल ,टिट फक ,
एक बहुत यंग गोरी टीनेजर पे दो दो काले मूसल एक साथ ,
और साथ में मिसेज खन्ना के कॉमेंट्स।
बल्कि वो बीच में पाज कर के इंस्ट्रक्शन भी न्यूली मैरिड को देतीं , आज तुझे ये करना है ,तू ये ट्राई करना ,.
सुजाता को उन्होंने वोमेन आन टॉप के लिए बोला ,
मुझे डॉगी पोज़ के लिए
दो ढाई घंटे हो गए थे जब मैं लौटी।
वो अपने कंप्यूटर पे एक्सल शीट खोल के बैठे थे और उनके निचले होंठ पर वही डैश आफ पिंक ,
मैंने उन्हें एक छोटी सी शॉपिंग लिस्ट पकड़ा दी ,
और उनके निकलते ही उनके कम्पयुटर के जरिये बस मन के गहरे कूप में ,
उन्होंने पांच छ सीसीफिकेशन साइट खोली थी और
एक दो फोर्स्ड फेमिनाइजेशन की स्टोरीज की।
उनके आने के काफी पहले ही मैं कंप्यूटर वापस बंद कर चुकी थी।
ब्यूटी पार्लर
' कितना काम बचा है तुम्हारा "
मैंने पुछा।
" ज्यादा नहीं बस मुश्किल से १०-१५ मिनट का। "
वो फिर एक्सेल शीट में धंसते बोले।
मेरे मोबाईल पे जेना का मेसेज था , वही जो १५-२० दिन में मेरे चेहरे पे जादू करती थी , एक एक्सक्लूसिव सैलून था उसका।
आधे घंटे बाद मेरा अपवाइंटमेंट था वही कन्फर्म करना चाहती थी।
उन्हे देखकर मुझे कुछ सूझा और मैंने उसे मेसज किया वो मान गयी.
ड्राइव कर के वही ले गए लेकिन जब मैंने अंदर चलने को कहा तोवही ना नुकुर , मेरा क्या होगा।
लेकिन वो भी जानते थे और मैं भी ना नुकृर १-२ मिनट से ज्यादा नहीं चलती और उसके बाद वो भी अंदर।
और वहां मिली तनु ,
उनके माल से ३-४ साल ही बड़ी होगी , १९-२० की और मेरी मुँहबोली छोटी बहन।
अभी उसने साल भर का ग्रूमिंग कोर्स पूरा किया था।
पहली बार इनसे मिली थी।
" दी मैं इनको जीजू बोल सकती हूँ न "
हंस के उनसे हाथ मिलाते वो बोली।
नहीं बोलेगी तो पिटेगी मेरे हाथ से बहुत , मैंने बोला/
जेना ने मुझे चेयर पे बैठा दिया और तनु ने उन्हें और बोला ,
" डरिये मत जीजू मैंने यूनिसेक्स ग्रूमिंग कोर्स किया है लड़के लड़कियों दोनों का ".
उसने ऐसा मसाज शुरू किया की उन्हें आलमोस्ट नींद आ गयी। पेडीक्योर , मेनिक्योर और जब चेहरे का नंबर आया तो मैंने अपनी ऊँगली से नाक के नीचे लगा के सीधे साफ करनेका इशारा किया और जोर से आँख मारी।
तनु ने भी सर हिला के हामी भरी.
और जब वो निकले वहां से बस रूप निखर आया दुल्हन का।
गोरे ,चिकने ,शार्प फीचर्स तो पहले ही थे उनके अब और , ,… लेकिन सबसे बड़ी बात इतनी दिनों की खेती एकदम साफ।
( ये इनके लिए पौरुष का एक झंडा था , " मूंछ तो मर्द की शान होती है। बट नाउ इट वाज गान ,गान फॉरएवर )
कार में मैंने समझाया भी ,
" अरे यार साल्ली है तुम्हारी , आजायेगी कुछ दिन में वैसे ही , और फिर मेरा फायदा होगया न "
" वो कैसे " उन्होंने पूछा।
'ऐसे "
दोनों हाथों से उनके सर को पकड़ के जोर से उनके भूतपूर्व मूंछों की जगह जोर से मैं किस कर के बोली ,
" मोर प्लेस फॉर किसिंग यार ".
उनको मैंने ढांढस तो दिला दिया , लेकिन मुझे और तनु को साफ मालूम था की उसने सिर्फ शेव नहीं की थी बल्कि वैक्सिंग भी और साथ साथ उसने जो इम्पोर्टेड हेयर रिमूविंग क्रीमलगाई है .
अगले डेढ़ दो महीने तक मूंछ क्या इनके चेहरे पे रोएँ भी नहीं आएंगे।
मैंने फिर उनका चेहरा सहलाते हुए कहा ,
" बुरी नजर से बचा के रखना इसे ,एकदम मकखन लग रहा है , चिकनी चमेली। "
और जोर से गाल पे पिंच कर लिया।
गाडी सब्जी मंडी के बीच से चल रही थी , एकदम धीरे। तब तक मेरी निगाह सड़क पर बैठी एक सब्जीवाली के पास बिक रहे टिकोरों पर पड़ गयी।
टिकोरे , कच्चे
गाडी सब्जी मंडी के बीच से चल रही थी , एकदम धीरे। तब तक मेरी निगाह सड़क पर बैठी एक सब्जीवाली के पास बिक रहे टिकोरों पर पड़ गयी।
और जोर से मैं चीखी , हे गाडी रोको , जल्दी , रोको न।
और उन्होंने तुरंत ब्रेक मार के ,मेरी ओर अचरज देखते हुए कहा " हुआ क्या , "
" वो सब्जी वाली को देख रहे हो न , टिकोरे बेच रही है। प्लीज जाके आधे किलो ले आओ न। बहुत अच्छे लग हैं , है न। लेकिन हाथ से दबा के चेक कर लेना। कड़े होने चाहिएएकदम , कच्चे भी चलेंगे। प्लीज जाओ न। "
बड़ी मुश्किल से मैं अपनी मुस्कराहट रोक पा रही थी , जब वो नीचे उत्तर कर उस सब्जी वाली के पास गए।
मुझे अपनी ननद कम सौतन याद आ गयी ,
" मेरे भैया , टिकोरे , छूना भूल जाइए , नाम भी नहीं ले सकते। "
कार के शीशे से मैं देख रही थी।
एक एक दबा के चेक कर के ही वो ले आ रहे थे।
रात को उसकी चटनी बनायीं मैंने , और ऊँगली में लगा के उनकी ओर बढ़ाई और खुद चट्ट कर गयी।
वाउ क्या मस्त स्वाद है , उन्हें सुना के ललचाते मैं बोली। लेकिन फिर उन्हें वार्निंग भी दी
" चाहिए तो मांगना पड़ेगा "
" चटनी चटाओ न "
बड़े द्विअर्थी अंदाज में बोले।
" किस चीज की ,साफ साफ बोलो न " मैंने और उकसाया।
कुछ देर तक तो वो हिचके ,फिर रुकते रुकते बोले
" टिकोरे की "
" अरे लो न मेरे रज्जा "
और न सिर्फ उन्हें चटनी चटाई बल्कि आधे से ज्यादा उन्होंने ही साफ की।
" अगर टिकोरे की चटनी खाने की मेज पर भी आ जाय न , तो भैय्या ,मेज से उठ कर चले जायेंगे "
.
अगर आज वो ज़रा सा भी नखड़ा करते तो मैं उनकी माँ चोद देती।
लेकिन उनकी माँ बची नहीं , रात में। ब
बहुत दिन बाद रात में तीन बार , और हर बार पहले मैं , बहुत जोश में थे वो। एक बूँद हम रात में नहीं सोये।
वो इत्ते जोर जोर का धक्का मार रहे थे की मेरी चूल चूल ढीली हो गयी।
" अरे यार मेरी सास का भोंसड़ा नहीं है जो इत्ती ताकत से , हचक हचक के पेल रहे हो , जरा आराम से। "
वो एक पल के लिए शरारत से मुझे देखते रहे , खूंटा पूरा जड़ तक घुसा हुआ था।
मैंने फिर वार्न किया ,
" अगर तुमने दुबारा ऐसे तेज पेला न तो मैं समझ जाउंगी , तुम मेरी सास का भोंसड़ा समझ के ही ,… "
बस क्या था , उन्होंने मेरी दोनों कलाई जोर पकड़ीं , सुपाड़े तक लंड बाहर निकाला , और क्या धक्का मारा ,
मेरी पांच छ चूड़ियाँ चुरुर मुरुरु करते टूट गयीं ,सीधे मेरे बच्चेदानी पे लगा।
मैं हिल गयी , और उन्होंने फिर निकाल के , दरेरते ,रगड़ते , उससे भी तेज।
पांच धक्के एक के बाद एक ,
मैं गालियां देती रहीं
तेरी माँ की , तेरे सारे मायकेवालियों की ,.
हर धक्का सीधे बच्चेदानी पे और जब मैं झड़ गयी तभी उन्होंने कुछ रफ्तार कम की।
मेरे बिना कहे दो बार डॉगी पोज भी
मैं एक दिन बाजार से आ रही थी , इनके साथ।
और मैंने देखा , फलों की दूकान पे आम आगये थे ,
दसहरी ,लंगड़ा ,चौसा।
मेरी चमकी।
मैं तो भूल ही गयी थी अपनी शर्त ,छुटकी ननदिया के साथ ,
इन्हे आम खिलाने की वो भी उसके हाथ से।
और मैं अगर शर्त जीत जाती तो फिर वो मेरी गुलाम चार घंटों के लिए।
"यार कित्ते रसीले आम आये हैं। मुझे तो बहुत अच्छे लगते हैं। "
मैंने जान बूझ के उन्हें सुनाते हुए कहा।
वो एकदम से सिहर गए ,लेकिन कुछ बोले नहीं , और मैं मन ही मन मुस्कराती रही।
घर पहुँचने पर उनके आफिस का कोई मेल था , उन्हें अपना अगले तीन चार महीने का लीव प्लान भेजना था।
और वो मैंने तय कर दिया ,
" सुन यार , बहुत दिनों से तेरे मायके नहीं गए हैं। और जेठानी जी का फोन भी आया था , जुलाई एंड में तेरी मांम और भैया , कहीं तीर्थ यात्रा पे शायद एक हफ्ते के लिए जा रहे हैं , वो बुला रही थी तो ७ दिन के लिए तो तुम वही बना लो। "
उन्होंने प्लान कर लिया ,लेकिन मेरी आँखे कैलेण्डर पे टहल रही थीं।
अभीजून का महीना चल रहा था , और १२ दिन बाद उन की बर्थ डे थी ,
पहली जुलाई।
"एक काम करो , एक कोई है जिसकी बर्थ डे आने वाली है। " मैंने कहा।
" कौन है ,? "
बनते हुए उन्होंने पूछा। जान वो भी रहे थे , लेकिन सुनना चाहते थे।
और मैंने घुड़क दिया ,
" तुमसे मतलब ,हर चीज जानना जरूरी है क्या ?"
और फिर प्यार से उनके गाल चूम लिए और हंस के बोली ,
" अरे यार है कोई , मैं उसे बहुत बहुत बहुत प्यार करती हूँ , खूब सोना सा है ,मुन्ना मेरा , लेकिन कभी कभी बद्माशी करता है तो उसके कान का पान भी बनाना पड़ता है। "
और मैंने सच में उनके कान के पान बना दिए , फिर उन्हें साफ साफ इंस्ट्रक्शन दे दिए ,
"पहली जुलाई को छुट्टी ले ले तू यार, सेकेण्ड और थर्ड को सैटरडे ,सन्डे। बस लांग वीकेंड। कही जाएंगे वायंगे नहीं , बस यहीं घर पे , अपने सोना की बेबी की बर्थडे हाँ और ३० कोजल्दी आफिस से , पांच बजे तक घर। "
एक बार फिर उनके होंठ चूमते मैं बोली।
शाम को हम लोग फिर सुजाता के यहाँ से आ रहे थे , रास्ते में हम दोनों एक फ्रूट जूस स्टाल पे रूक गए।
" क्यों मैंगो जूस है क्या भैया "
मैंने उस से पुछा।
इनकी तो हालत ख़राब , . . लेकिन।
मैंने इनकी ओर देखा , बड़ी मुश्किल से ये नारमल लगने की कोशिश कर रहे थे।
इतना मजा आया मुझे की बता नहीं सकती।
बर्थडे , के पहले
उनकी हरदम चाय पीने की मायके की आदत मैंने छुड़वा दी थी , फ्रूट जूस वो भी , सिर्फ फ्रेश।
और मैं उनको हमेशा के लिए , पूरी तरह बदल देना चाहती थी टोटल चेंज।
और उस री बर्थ के लिए ऊनके बर्थडे से अच्छा दिन और क्या होता , इसलिए तीन दिन पूरी तरह ,
बर्थ डे या डी डे के दो दिन पहले २९ जून को हम बाजार गए ,
" सुनो यार तुम सामने वाली जो फ्रूट शाप है न वहां से दो किलो दसहरी , दो किलो लंगड़ा आम ले लेना , केले और अंगूर भी। हाँ ,जरा छू के दबा के देख लेना , कच्चे तो नहीं हैं मैंजरा इस कॉस्मेटिक शाप से ,"
बिचारे।
मैं बगल की दूकान से देख रही थी , झिझकते , घबड़ाते , लेकिन लिया उन्होंने और चेक भी किया।
उसके बाद एक पोल्ट्री शाप से , कुछ एग्स , मटन , और फिर एक वाइन शाप से रम , व्हिस्की , और भी बहुत सी चीजें।
मेरी अपनी जो टेलर थी ,उसके यहां भी मैं उनको ले गयी ,कुछ उसे नाप जोख करनी थी , पर वो मुस्करा के बोली ,
आधे घंटे में आइये थोड़ा सा फिटिंग ,
उतना टाइम हमने ब्यूटी पार्लर में गुजारा ,आज तनु अकेली थी लेकिन आज उसने भी और भी ज्यादा ,लाइट ब्राइडल मेकअप , और सारे कॉस्मेटिक्स पक्के ,
पांच छ दिन तो छूटने वाले नहीं।
और अगले दिन जब वो घर में आये ,बर्थ डे या डी डे की पहली वाली शाम , …
३० जून
बाहर दरवाजे पर ताला बंद था और एक नोटिस लगी थी।
पीछे के दरवाजे से आओ ,
वहां एक दूसरी नोटिस थी ,
सीधे बाथरूम में जाओ।
इंस्ट्रक्शंस
३० जून
बाहर दरवाजे पर ताला बंद था और एक नोटिस लगी थी।
पीछे के दरवाजे से आओ ,
वहां एक दूसरी नोटिस थी ,
सीधे बाथरूम में जाओ।
बाथरूम की दीवाल पर इंस्ट्रक्शन की लिस्ट थी ,
• नो हेयर बिलो आईज। ,
• सोक योरसेल्फ इन टब फॉर हाल्फ एन हावर , टेक ड्रिंक केप्ट ऑन टेबल, फिनश ड्रिंक।
• शैम्पू ट्वाइस , सोप थारोली , एवरी पार्ट
• क्लीन आल योर होल्स , थारोली , यूज सोप , ब्रश ,योर फिंगर्स ,
बट क्लीन इट एंड चेक बिफोर कमिंग आउट।
थोड़ा वो झिझक ,सकुचा रहे थे , लेकिन उन्होंने सारे
और जब सवा -डेढ़ घंटे में साफ सुथरे , रिफ्रेश होके निकले तो एक और इंस्ट्रक्शन की लिस्ट बाथरूम के दरवाजे के अंदर की ओर चिपकी थी।
• अच्छी तरह पोंछ और सुखा लो।
• सारे कपडे और टॉवेल लाँड्री बास्केट में डाल दो
• सिर्फ बाथरूम स्लीपर पहन कर बेडरूम में जाओ
• बिस्तर पर इन्तजार करो
• डोंट टच योर सेल्फ बिलो द वेस्ट
• हाँ , अपने 'निप्स ' टच करो ,सोचो ये तेरे 'माल' के हैं।
और वो बेडरूम में आ गए।
एक काली साटन की बड़ी सी बेडशीट डबल बेड पर बिछी हुयी थी। कई बड़ी ऐरोमैटिक कैंडल हलकी हलकी जल रही थी।
वो किंग साइज़ ड्रेसिंग टेबल के मिरर के सामने खड़े हो गए और अपना रिफ्लेक्शन देखने लगे।
वहां एक और इंस्ट्रक्शन शीट लगी थी।
गो स्ट्रेट टू बेड ऐंड लाइ डाउन।
यूज द हैंडकफ , हैंगिंग विद बेड पोस्ट्स एंड टाई योर राइट हैण्ड। वेट फॉर मी।
और नीचे सिग्नेचर की जगह मेरे होंठों के निशान थे पिंक लिपस्टिक में।
अभी तो पार्टी शुरू हुयी है ,.
वो किंग साइज़ ड्रेसिंग टेबल के मिरर के सामने खड़े हो गए और अपना रिफ्लेक्शन देखने लगे।
वहां एक और इंस्ट्रक्शन शीट लगी थी।
गो स्ट्रेट टू बेड ऐंड लाइ डाउन।
यूज द हैंडकफ , हैंगिंग विद बेड पोस्ट्स एंड टाई योर राइट हैण्ड। वेट फॉर मी।
और नीचे सिग्नेचर की जगह मेरे होंठों के निशान थे पिंक लिपस्टिक में।
वह इन्तजार करते रहे ,
आधे घंटे बाद मैं आई ,
ब्लैक विनाइल कॉर्सेट , पुशिंग आउट माई फर्म एंड वेरी हार्ड बूब्स , लांग ब्लैक बूट्स विद 3. 5 इंच हील्स कवरिंग आलमोस्ट अप टू नीज़ ,
फिशिंग नेट ब्लैक स्टॉकिंग, लांग जेट ब्लैक हेयर टाइड इन अ पोनीटेल ,
डार्क कोल फिल्ड पियर्सिंग आईज एंड विद अ लॉन्ग व्हिप इन माई हैण्ड।
मैंने जरा सा कोड़े को झटका दिया और उनकी आँखों में एक मजे और डर की मिली जुली लहर दौड़ गयी।
बो , मैं एक डॉमीनेटरिक्स की तरह गरजी।
वो सहम कर एकदम झुक गए।
किस ,
मैंने अपने चमकते जूते आगे बढाए।
और तुरंत झुक कर उन्होंने जूते चूम लिए।
लिक इट क्लीन ,
मैंने फिर बोला।
और वह चालू हो गए।
रिमूव माई शूज ,
और उन्होंने दोनों जूते उतार दिए। [
अब मैंने अपना पैर पलंग पर रख दिया। उनका दायां हाथ पलंग से बंधा हुआ था और कुछ भी करना मुश्किल था।
कमरे में हलकी हलकी मखमली रौशनी थी , बस कुछ कैंडल्स की जो पलंग से कुछ दूर थे।
मैंने अपना कॉर्सट उतार दिया और अब मेरे भरे उरोज कसी कसी ब्रा में छलक रहे थे।
मेरे एक इशारे पे उन्होंने मेरी स्टॉकिंग उतार दी।
अब मैं सिर्फ ब्रा और थांग में थी।
और अब अगला अध्याय शुरू हो गया।
मैंने एक स्विच दबाया और रोशनी का एक गोला , सिर्फ वहीँ जहाँ मैं खड़ी थी , बिस्तर से कुछ दूर ,
साथ ही हलका हलका इरोटिक म्यूजिक भी शुरू हो गया।
और मैं बहुत नशीले ढंग से हलके हलके ,
वो सिर्फ पेरी पीठ , मेरा पिछवाड़ा देख सकते थे।
मेरी लम्बी उंगलिया , मेरी पीठ पे टहल रही थीं और ब्रा के हुक को खोलने की कोशिश कर रही थीं।
वो एक टक मुझे देख रहे थे।
मेरी उँगलियाँ ब्रा के हुक से खेल रही थीं ,
लेकिन अचानक ब्रा के हुक को छोड़कर मेरे गदराये भरे भरे नितम्बो को वो सहलाने लगीं।
एक्स्पोजिंग माई पर्ट ,फर्म रियर , मैं उनकी ओर मुड़ी और , अपनी बड़ी बड़ी आँखों को झपकाया और स्कारलेट रेड नाखूनों से थांग को थोड़ासरकाया।
" डू यूं वांट इट बेबी। "
" डू यूं वांट इट बेबी। "
हालत खराब थी ,बिचारे की। मुश्किल से बोल फूट रहे थे,
" हाँ ,हाँ , प्लीज , दो न "
एकदम बेताब वो
" और क्या करोगे इसके लिए तुम "
मुस्करा कर मैंने पूछा।
" कुछ भी , कुछ भी ,जो तुम कहोगी , प्लीज ,"
बिचारे बेसबरे हो रहे थे।
"पक्का ,… "
मैंने फिर पूछा ,और अब मैं उनके चेहरे के पास झुकी हुयी थी। मेरी लम्बी लम्बी उंगलिया , मेरी गुलाबी लेसी ब्रा के ऊपर फिसल रही थीं ,ब्रा सेआधे निकले मेरे गोरे गोरे ,गदराये उभारों को और उचका रहीं थी ,दबा रही थीं।
" हाँ ,हाँ कुछ भी ,कुछ भी। "
उन की आवाज अब अटक रही थी , थूक गटक के उन्होंने बोला।
" ओके लेट मी आस्क , विल यू फक योर माल , लोगे उसकी "
मैंने रेशमी ,लरजती आवाज में बहुत हलके से पूछा।
:" हाँ हाँ , एकदम "
" मुन्ना ,तू उसे चोदना चाहते हो ना , बताओ न मुझे "
मैंने एकदम उनके चेहरे के पास जा के बोला और साथ ही मेरी ब्रा एक झटके से खुल गयी ,सीधे उनके चेहरे पे।
लेकिन मेरे जोबन अभी भी मेरी दोनों हाथों की उँगलियों के परदे के पीछे छिपे थे।
" हाँ ,हाँ चोदना चाहता हूँ , चोदूंगा उसे "
उन्होंने कबूल कर लिया।
मेरा एक पैर भी अब पलंग पे था और मैं उन के ऊपर झुकी थी।
" तो तू बहनचोद बनेगा न , चल बना दूंगी बहनचोद तुझे "
और अब मेरे उरोज एक दम अनावृत्त हो गए।
मेरा एक हाथ उनके बाल सहला रहा था , दूसरा उनके गोर नमकीन चेहरे को केयरेस कर रहा था। और मैंने तर्जनी का लम्बा नाख़ून उनकेमालपूये ऐसे गाल में धंसा दिया।
जोश के मारे उनकी हालत खराब थी , मैंने कनखियों से देखा , खूंटा एकदम खड़ा था , पूरा तन्नाया , टनाटन। लेकिन अभी उसे आज बहुत वेटकरना था।
" बहनचोद मौके पे पीछे मत हटना , "
मैंने इस बार अपने गुलाबी रसीले होंठ , आलमोस्ट उनके होंठ के पास ले जा के बोला।
वो बेचैन हो रहे थे ,लेकिन एक हाथ बंधा था इसलिए फंसे बंधे , उठना असंभव था।
" नही , नहीं , "
और अब उनकी आँखे मेरी गोरी गोरी फैली जाँघों के बीच चिपकी थी , जहाँ मेरी दो उंगलिया मेरे रेड थांग के ऊपर से रगड़ रही थीं।
अगले ही पल थांग खुल कर सीधे उनके 'खूंटे ' पे मैंने उछाल दिया ,
हैप्पी बर्थडे
और मैं उनके ऊपर ,
और अब धीमे धीमे वह हर चीज के लिए मुझ पे रिलाई करते थे।
दूसरी बात ये की मैंने ये मान लिया था की मेरा साजन सिर्फ मेरा है।
इसलिए वो जो भी चाहता है , खुले मन से , छुप छुप कर , अवचेतन में सब पूरा कराने की ,
अगर कोई किसी होटल को देखता है , बार बार देखता है ,
महीने में एकाध बार खाना खा लेगा , उसका मन भर जाएगा।
लेकिन उसे मना करो , तो वो रोज वही सोचेगा।
इसलिए कोई भी फैंटेसी अगर कभी कभार थोड़ा बहुत पूरी हो जाय , खुल के हंसी मजाक में ही सही , उस पे बात हो , तो वो रिप्रेस्सेड नहीं होगा।
और ये रिप्रेसन , पर्सनल रिलेशन पर , काम काज में हर जगह अपना काला साया छोड़ता है।
इसलिए मैंने तय कर लिया , कि ,…
मिसेज खन्ना
इसलिए कोई भी फैंटेसी अगर कभी कभार थोड़ा बहुत पूरी हो जाय , खुल के हंसी मजाक में ही सही , उस पे बात हो , तो वो रिप्रेस्सेड नहीं होगा।
और ये रिप्रेसन , पर्सनल रिलेशन पर , काम काज में हर जगह अपना काला साया छोड़ता है।
इसलिए मैंने तय कर लिया , कि ,…
तभी मिसेज खन्ना का फोन आया , आज लेडीज क्लब की स्पेशल मीटिंग है , आधे घंटे में क्लब पहुँच जाऊं।
मेरी सारी सोच एक मिनट में खत्म हो गयी और मैं मुस्कराने लगी।
बात ही ऐसी थी ,
मिसेज खन्ना की स्पेशल मीटिंग ,
खन्ना साहेब कम्पनी के सीनियर वी पी थे और नंबर टू। और परफेक्ट जोरू के गुलाम।
कंपनी में चलती भी उनकी ही थी। सी ई ओ अक्सर बाहर ही रहते थे और वैसे भी उनकी वाइफ कभी नहीं आती थी यहाँ।
इसलिए लेडीज क्लब में तो बस
मिसेज खन्ना ,
और आजकल मैं उनके बहुत करीब हो गयी थी। इन मीटिंग्स में पहले तो बियर के दौर ,
साथ में कभी कार्ड्स या कभी कुछ और गेम में , साथ में मेरी ,सुजाता औसे न्यूली मैरिड लोगों की क्लास लगती थी , कल क्या हुआ , कित्ती बार हुआ।
और कभी कभी ब्ल्यू फ़िल्म , क्लब के बड़े से स्क्रीन पे।
तैयार हो के बस मैं लिपस्टिक लगा रही थी , पिंक की ये आ गए।
आज जल्दी कैसे। मैंने हंस के पूछा।
चमचे पक्के , ये बगल में बैठ के बोले, मूड कर रहा था , आज जरा दिन में ही।
झूठे मैने घूर के देखा , और उन्होंने सच उगल दिया , आज ये शिफ्ट वर्क फ्रॉम होम की है दो तीन घंटे का काम है।
" हे लिपस्टिक कैसी लग रही है "
मैंने अपने होंठ उनकी ओर बढ़ा दिया।
" चख के देखता हूँ " शरारत से वो बोले , और मैंने सीधे लिपस्टिक उनके निचले होंठ पे , डैश आफ पिंक।
उठते हुए मैं बोली
" सीधे अपने होंठ से चख लेना , अभी लेट हो रही हूँ , लेडीज क्लब पर जरा मुझे ड्राप कर दो न।
वो भी जानते थे , आफिस की मीटिंग में लेट चलेगा , लेकिन लेडीज क्लब में एकदम नहीं।
लेडीज क्लब जैसा होता है वैसा ही था , बल्कि आज कुछ ज्यादा ही मस्ती हुयी ,
फ़िल्म बहुत हाट थी ,
ऐनल ,टिट फक ,
एक बहुत यंग गोरी टीनेजर पे दो दो काले मूसल एक साथ ,
और साथ में मिसेज खन्ना के कॉमेंट्स।
बल्कि वो बीच में पाज कर के इंस्ट्रक्शन भी न्यूली मैरिड को देतीं , आज तुझे ये करना है ,तू ये ट्राई करना ,.
सुजाता को उन्होंने वोमेन आन टॉप के लिए बोला ,
मुझे डॉगी पोज़ के लिए
दो ढाई घंटे हो गए थे जब मैं लौटी।
वो अपने कंप्यूटर पे एक्सल शीट खोल के बैठे थे और उनके निचले होंठ पर वही डैश आफ पिंक ,
मैंने उन्हें एक छोटी सी शॉपिंग लिस्ट पकड़ा दी ,
और उनके निकलते ही उनके कम्पयुटर के जरिये बस मन के गहरे कूप में ,
उन्होंने पांच छ सीसीफिकेशन साइट खोली थी और
एक दो फोर्स्ड फेमिनाइजेशन की स्टोरीज की।
उनके आने के काफी पहले ही मैं कंप्यूटर वापस बंद कर चुकी थी।
ब्यूटी पार्लर
' कितना काम बचा है तुम्हारा "
मैंने पुछा।
" ज्यादा नहीं बस मुश्किल से १०-१५ मिनट का। "
वो फिर एक्सेल शीट में धंसते बोले।
मेरे मोबाईल पे जेना का मेसेज था , वही जो १५-२० दिन में मेरे चेहरे पे जादू करती थी , एक एक्सक्लूसिव सैलून था उसका।
आधे घंटे बाद मेरा अपवाइंटमेंट था वही कन्फर्म करना चाहती थी।
उन्हे देखकर मुझे कुछ सूझा और मैंने उसे मेसज किया वो मान गयी.
ड्राइव कर के वही ले गए लेकिन जब मैंने अंदर चलने को कहा तोवही ना नुकुर , मेरा क्या होगा।
लेकिन वो भी जानते थे और मैं भी ना नुकृर १-२ मिनट से ज्यादा नहीं चलती और उसके बाद वो भी अंदर।
और वहां मिली तनु ,
उनके माल से ३-४ साल ही बड़ी होगी , १९-२० की और मेरी मुँहबोली छोटी बहन।
अभी उसने साल भर का ग्रूमिंग कोर्स पूरा किया था।
पहली बार इनसे मिली थी।
" दी मैं इनको जीजू बोल सकती हूँ न "
हंस के उनसे हाथ मिलाते वो बोली।
नहीं बोलेगी तो पिटेगी मेरे हाथ से बहुत , मैंने बोला/
जेना ने मुझे चेयर पे बैठा दिया और तनु ने उन्हें और बोला ,
" डरिये मत जीजू मैंने यूनिसेक्स ग्रूमिंग कोर्स किया है लड़के लड़कियों दोनों का ".
उसने ऐसा मसाज शुरू किया की उन्हें आलमोस्ट नींद आ गयी। पेडीक्योर , मेनिक्योर और जब चेहरे का नंबर आया तो मैंने अपनी ऊँगली से नाक के नीचे लगा के सीधे साफ करनेका इशारा किया और जोर से आँख मारी।
तनु ने भी सर हिला के हामी भरी.
और जब वो निकले वहां से बस रूप निखर आया दुल्हन का।
गोरे ,चिकने ,शार्प फीचर्स तो पहले ही थे उनके अब और , ,… लेकिन सबसे बड़ी बात इतनी दिनों की खेती एकदम साफ।
( ये इनके लिए पौरुष का एक झंडा था , " मूंछ तो मर्द की शान होती है। बट नाउ इट वाज गान ,गान फॉरएवर )
कार में मैंने समझाया भी ,
" अरे यार साल्ली है तुम्हारी , आजायेगी कुछ दिन में वैसे ही , और फिर मेरा फायदा होगया न "
" वो कैसे " उन्होंने पूछा।
'ऐसे "
दोनों हाथों से उनके सर को पकड़ के जोर से उनके भूतपूर्व मूंछों की जगह जोर से मैं किस कर के बोली ,
" मोर प्लेस फॉर किसिंग यार ".
उनको मैंने ढांढस तो दिला दिया , लेकिन मुझे और तनु को साफ मालूम था की उसने सिर्फ शेव नहीं की थी बल्कि वैक्सिंग भी और साथ साथ उसने जो इम्पोर्टेड हेयर रिमूविंग क्रीमलगाई है .
अगले डेढ़ दो महीने तक मूंछ क्या इनके चेहरे पे रोएँ भी नहीं आएंगे।
मैंने फिर उनका चेहरा सहलाते हुए कहा ,
" बुरी नजर से बचा के रखना इसे ,एकदम मकखन लग रहा है , चिकनी चमेली। "
और जोर से गाल पे पिंच कर लिया।
गाडी सब्जी मंडी के बीच से चल रही थी , एकदम धीरे। तब तक मेरी निगाह सड़क पर बैठी एक सब्जीवाली के पास बिक रहे टिकोरों पर पड़ गयी।
टिकोरे , कच्चे
गाडी सब्जी मंडी के बीच से चल रही थी , एकदम धीरे। तब तक मेरी निगाह सड़क पर बैठी एक सब्जीवाली के पास बिक रहे टिकोरों पर पड़ गयी।
और जोर से मैं चीखी , हे गाडी रोको , जल्दी , रोको न।
और उन्होंने तुरंत ब्रेक मार के ,मेरी ओर अचरज देखते हुए कहा " हुआ क्या , "
" वो सब्जी वाली को देख रहे हो न , टिकोरे बेच रही है। प्लीज जाके आधे किलो ले आओ न। बहुत अच्छे लग हैं , है न। लेकिन हाथ से दबा के चेक कर लेना। कड़े होने चाहिएएकदम , कच्चे भी चलेंगे। प्लीज जाओ न। "
बड़ी मुश्किल से मैं अपनी मुस्कराहट रोक पा रही थी , जब वो नीचे उत्तर कर उस सब्जी वाली के पास गए।
मुझे अपनी ननद कम सौतन याद आ गयी ,
" मेरे भैया , टिकोरे , छूना भूल जाइए , नाम भी नहीं ले सकते। "
कार के शीशे से मैं देख रही थी।
एक एक दबा के चेक कर के ही वो ले आ रहे थे।
रात को उसकी चटनी बनायीं मैंने , और ऊँगली में लगा के उनकी ओर बढ़ाई और खुद चट्ट कर गयी।
वाउ क्या मस्त स्वाद है , उन्हें सुना के ललचाते मैं बोली। लेकिन फिर उन्हें वार्निंग भी दी
" चाहिए तो मांगना पड़ेगा "
" चटनी चटाओ न "
बड़े द्विअर्थी अंदाज में बोले।
" किस चीज की ,साफ साफ बोलो न " मैंने और उकसाया।
कुछ देर तक तो वो हिचके ,फिर रुकते रुकते बोले
" टिकोरे की "
" अरे लो न मेरे रज्जा "
और न सिर्फ उन्हें चटनी चटाई बल्कि आधे से ज्यादा उन्होंने ही साफ की।
" अगर टिकोरे की चटनी खाने की मेज पर भी आ जाय न , तो भैय्या ,मेज से उठ कर चले जायेंगे "
.
अगर आज वो ज़रा सा भी नखड़ा करते तो मैं उनकी माँ चोद देती।
लेकिन उनकी माँ बची नहीं , रात में। ब
बहुत दिन बाद रात में तीन बार , और हर बार पहले मैं , बहुत जोश में थे वो। एक बूँद हम रात में नहीं सोये।
वो इत्ते जोर जोर का धक्का मार रहे थे की मेरी चूल चूल ढीली हो गयी।
" अरे यार मेरी सास का भोंसड़ा नहीं है जो इत्ती ताकत से , हचक हचक के पेल रहे हो , जरा आराम से। "
वो एक पल के लिए शरारत से मुझे देखते रहे , खूंटा पूरा जड़ तक घुसा हुआ था।
मैंने फिर वार्न किया ,
" अगर तुमने दुबारा ऐसे तेज पेला न तो मैं समझ जाउंगी , तुम मेरी सास का भोंसड़ा समझ के ही ,… "
बस क्या था , उन्होंने मेरी दोनों कलाई जोर पकड़ीं , सुपाड़े तक लंड बाहर निकाला , और क्या धक्का मारा ,
मेरी पांच छ चूड़ियाँ चुरुर मुरुरु करते टूट गयीं ,सीधे मेरे बच्चेदानी पे लगा।
मैं हिल गयी , और उन्होंने फिर निकाल के , दरेरते ,रगड़ते , उससे भी तेज।
पांच धक्के एक के बाद एक ,
मैं गालियां देती रहीं
तेरी माँ की , तेरे सारे मायकेवालियों की ,.
हर धक्का सीधे बच्चेदानी पे और जब मैं झड़ गयी तभी उन्होंने कुछ रफ्तार कम की।
मेरे बिना कहे दो बार डॉगी पोज भी
मैं एक दिन बाजार से आ रही थी , इनके साथ।
और मैंने देखा , फलों की दूकान पे आम आगये थे ,
दसहरी ,लंगड़ा ,चौसा।
मेरी चमकी।
मैं तो भूल ही गयी थी अपनी शर्त ,छुटकी ननदिया के साथ ,
इन्हे आम खिलाने की वो भी उसके हाथ से।
और मैं अगर शर्त जीत जाती तो फिर वो मेरी गुलाम चार घंटों के लिए।
"यार कित्ते रसीले आम आये हैं। मुझे तो बहुत अच्छे लगते हैं। "
मैंने जान बूझ के उन्हें सुनाते हुए कहा।
वो एकदम से सिहर गए ,लेकिन कुछ बोले नहीं , और मैं मन ही मन मुस्कराती रही।
घर पहुँचने पर उनके आफिस का कोई मेल था , उन्हें अपना अगले तीन चार महीने का लीव प्लान भेजना था।
और वो मैंने तय कर दिया ,
" सुन यार , बहुत दिनों से तेरे मायके नहीं गए हैं। और जेठानी जी का फोन भी आया था , जुलाई एंड में तेरी मांम और भैया , कहीं तीर्थ यात्रा पे शायद एक हफ्ते के लिए जा रहे हैं , वो बुला रही थी तो ७ दिन के लिए तो तुम वही बना लो। "
उन्होंने प्लान कर लिया ,लेकिन मेरी आँखे कैलेण्डर पे टहल रही थीं।
अभीजून का महीना चल रहा था , और १२ दिन बाद उन की बर्थ डे थी ,
पहली जुलाई।
"एक काम करो , एक कोई है जिसकी बर्थ डे आने वाली है। " मैंने कहा।
" कौन है ,? "
बनते हुए उन्होंने पूछा। जान वो भी रहे थे , लेकिन सुनना चाहते थे।
और मैंने घुड़क दिया ,
" तुमसे मतलब ,हर चीज जानना जरूरी है क्या ?"
और फिर प्यार से उनके गाल चूम लिए और हंस के बोली ,
" अरे यार है कोई , मैं उसे बहुत बहुत बहुत प्यार करती हूँ , खूब सोना सा है ,मुन्ना मेरा , लेकिन कभी कभी बद्माशी करता है तो उसके कान का पान भी बनाना पड़ता है। "
और मैंने सच में उनके कान के पान बना दिए , फिर उन्हें साफ साफ इंस्ट्रक्शन दे दिए ,
"पहली जुलाई को छुट्टी ले ले तू यार, सेकेण्ड और थर्ड को सैटरडे ,सन्डे। बस लांग वीकेंड। कही जाएंगे वायंगे नहीं , बस यहीं घर पे , अपने सोना की बेबी की बर्थडे हाँ और ३० कोजल्दी आफिस से , पांच बजे तक घर। "
एक बार फिर उनके होंठ चूमते मैं बोली।
शाम को हम लोग फिर सुजाता के यहाँ से आ रहे थे , रास्ते में हम दोनों एक फ्रूट जूस स्टाल पे रूक गए।
" क्यों मैंगो जूस है क्या भैया "
मैंने उस से पुछा।
इनकी तो हालत ख़राब , . . लेकिन।
मैंने इनकी ओर देखा , बड़ी मुश्किल से ये नारमल लगने की कोशिश कर रहे थे।
इतना मजा आया मुझे की बता नहीं सकती।
बर्थडे , के पहले
उनकी हरदम चाय पीने की मायके की आदत मैंने छुड़वा दी थी , फ्रूट जूस वो भी , सिर्फ फ्रेश।
और मैं उनको हमेशा के लिए , पूरी तरह बदल देना चाहती थी टोटल चेंज।
और उस री बर्थ के लिए ऊनके बर्थडे से अच्छा दिन और क्या होता , इसलिए तीन दिन पूरी तरह ,
बर्थ डे या डी डे के दो दिन पहले २९ जून को हम बाजार गए ,
" सुनो यार तुम सामने वाली जो फ्रूट शाप है न वहां से दो किलो दसहरी , दो किलो लंगड़ा आम ले लेना , केले और अंगूर भी। हाँ ,जरा छू के दबा के देख लेना , कच्चे तो नहीं हैं मैंजरा इस कॉस्मेटिक शाप से ,"
बिचारे।
मैं बगल की दूकान से देख रही थी , झिझकते , घबड़ाते , लेकिन लिया उन्होंने और चेक भी किया।
उसके बाद एक पोल्ट्री शाप से , कुछ एग्स , मटन , और फिर एक वाइन शाप से रम , व्हिस्की , और भी बहुत सी चीजें।
मेरी अपनी जो टेलर थी ,उसके यहां भी मैं उनको ले गयी ,कुछ उसे नाप जोख करनी थी , पर वो मुस्करा के बोली ,
आधे घंटे में आइये थोड़ा सा फिटिंग ,
उतना टाइम हमने ब्यूटी पार्लर में गुजारा ,आज तनु अकेली थी लेकिन आज उसने भी और भी ज्यादा ,लाइट ब्राइडल मेकअप , और सारे कॉस्मेटिक्स पक्के ,
पांच छ दिन तो छूटने वाले नहीं।
और अगले दिन जब वो घर में आये ,बर्थ डे या डी डे की पहली वाली शाम , …
३० जून
बाहर दरवाजे पर ताला बंद था और एक नोटिस लगी थी।
पीछे के दरवाजे से आओ ,
वहां एक दूसरी नोटिस थी ,
सीधे बाथरूम में जाओ।
इंस्ट्रक्शंस
३० जून
बाहर दरवाजे पर ताला बंद था और एक नोटिस लगी थी।
पीछे के दरवाजे से आओ ,
वहां एक दूसरी नोटिस थी ,
सीधे बाथरूम में जाओ।
बाथरूम की दीवाल पर इंस्ट्रक्शन की लिस्ट थी ,
• नो हेयर बिलो आईज। ,
• सोक योरसेल्फ इन टब फॉर हाल्फ एन हावर , टेक ड्रिंक केप्ट ऑन टेबल, फिनश ड्रिंक।
• शैम्पू ट्वाइस , सोप थारोली , एवरी पार्ट
• क्लीन आल योर होल्स , थारोली , यूज सोप , ब्रश ,योर फिंगर्स ,
बट क्लीन इट एंड चेक बिफोर कमिंग आउट।
थोड़ा वो झिझक ,सकुचा रहे थे , लेकिन उन्होंने सारे
और जब सवा -डेढ़ घंटे में साफ सुथरे , रिफ्रेश होके निकले तो एक और इंस्ट्रक्शन की लिस्ट बाथरूम के दरवाजे के अंदर की ओर चिपकी थी।
• अच्छी तरह पोंछ और सुखा लो।
• सारे कपडे और टॉवेल लाँड्री बास्केट में डाल दो
• सिर्फ बाथरूम स्लीपर पहन कर बेडरूम में जाओ
• बिस्तर पर इन्तजार करो
• डोंट टच योर सेल्फ बिलो द वेस्ट
• हाँ , अपने 'निप्स ' टच करो ,सोचो ये तेरे 'माल' के हैं।
और वो बेडरूम में आ गए।
एक काली साटन की बड़ी सी बेडशीट डबल बेड पर बिछी हुयी थी। कई बड़ी ऐरोमैटिक कैंडल हलकी हलकी जल रही थी।
वो किंग साइज़ ड्रेसिंग टेबल के मिरर के सामने खड़े हो गए और अपना रिफ्लेक्शन देखने लगे।
वहां एक और इंस्ट्रक्शन शीट लगी थी।
गो स्ट्रेट टू बेड ऐंड लाइ डाउन।
यूज द हैंडकफ , हैंगिंग विद बेड पोस्ट्स एंड टाई योर राइट हैण्ड। वेट फॉर मी।
और नीचे सिग्नेचर की जगह मेरे होंठों के निशान थे पिंक लिपस्टिक में।
अभी तो पार्टी शुरू हुयी है ,.
वो किंग साइज़ ड्रेसिंग टेबल के मिरर के सामने खड़े हो गए और अपना रिफ्लेक्शन देखने लगे।
वहां एक और इंस्ट्रक्शन शीट लगी थी।
गो स्ट्रेट टू बेड ऐंड लाइ डाउन।
यूज द हैंडकफ , हैंगिंग विद बेड पोस्ट्स एंड टाई योर राइट हैण्ड। वेट फॉर मी।
और नीचे सिग्नेचर की जगह मेरे होंठों के निशान थे पिंक लिपस्टिक में।
वह इन्तजार करते रहे ,
आधे घंटे बाद मैं आई ,
ब्लैक विनाइल कॉर्सेट , पुशिंग आउट माई फर्म एंड वेरी हार्ड बूब्स , लांग ब्लैक बूट्स विद 3. 5 इंच हील्स कवरिंग आलमोस्ट अप टू नीज़ ,
फिशिंग नेट ब्लैक स्टॉकिंग, लांग जेट ब्लैक हेयर टाइड इन अ पोनीटेल ,
डार्क कोल फिल्ड पियर्सिंग आईज एंड विद अ लॉन्ग व्हिप इन माई हैण्ड।
मैंने जरा सा कोड़े को झटका दिया और उनकी आँखों में एक मजे और डर की मिली जुली लहर दौड़ गयी।
बो , मैं एक डॉमीनेटरिक्स की तरह गरजी।
वो सहम कर एकदम झुक गए।
किस ,
मैंने अपने चमकते जूते आगे बढाए।
और तुरंत झुक कर उन्होंने जूते चूम लिए।
लिक इट क्लीन ,
मैंने फिर बोला।
और वह चालू हो गए।
रिमूव माई शूज ,
और उन्होंने दोनों जूते उतार दिए। [
अब मैंने अपना पैर पलंग पर रख दिया। उनका दायां हाथ पलंग से बंधा हुआ था और कुछ भी करना मुश्किल था।
कमरे में हलकी हलकी मखमली रौशनी थी , बस कुछ कैंडल्स की जो पलंग से कुछ दूर थे।
मैंने अपना कॉर्सट उतार दिया और अब मेरे भरे उरोज कसी कसी ब्रा में छलक रहे थे।
मेरे एक इशारे पे उन्होंने मेरी स्टॉकिंग उतार दी।
अब मैं सिर्फ ब्रा और थांग में थी।
और अब अगला अध्याय शुरू हो गया।
मैंने एक स्विच दबाया और रोशनी का एक गोला , सिर्फ वहीँ जहाँ मैं खड़ी थी , बिस्तर से कुछ दूर ,
साथ ही हलका हलका इरोटिक म्यूजिक भी शुरू हो गया।
और मैं बहुत नशीले ढंग से हलके हलके ,
वो सिर्फ पेरी पीठ , मेरा पिछवाड़ा देख सकते थे।
मेरी लम्बी उंगलिया , मेरी पीठ पे टहल रही थीं और ब्रा के हुक को खोलने की कोशिश कर रही थीं।
वो एक टक मुझे देख रहे थे।
मेरी उँगलियाँ ब्रा के हुक से खेल रही थीं ,
लेकिन अचानक ब्रा के हुक को छोड़कर मेरे गदराये भरे भरे नितम्बो को वो सहलाने लगीं।
एक्स्पोजिंग माई पर्ट ,फर्म रियर , मैं उनकी ओर मुड़ी और , अपनी बड़ी बड़ी आँखों को झपकाया और स्कारलेट रेड नाखूनों से थांग को थोड़ासरकाया।
" डू यूं वांट इट बेबी। "
" डू यूं वांट इट बेबी। "
हालत खराब थी ,बिचारे की। मुश्किल से बोल फूट रहे थे,
" हाँ ,हाँ , प्लीज , दो न "
एकदम बेताब वो
" और क्या करोगे इसके लिए तुम "
मुस्करा कर मैंने पूछा।
" कुछ भी , कुछ भी ,जो तुम कहोगी , प्लीज ,"
बिचारे बेसबरे हो रहे थे।
"पक्का ,… "
मैंने फिर पूछा ,और अब मैं उनके चेहरे के पास झुकी हुयी थी। मेरी लम्बी लम्बी उंगलिया , मेरी गुलाबी लेसी ब्रा के ऊपर फिसल रही थीं ,ब्रा सेआधे निकले मेरे गोरे गोरे ,गदराये उभारों को और उचका रहीं थी ,दबा रही थीं।
" हाँ ,हाँ कुछ भी ,कुछ भी। "
उन की आवाज अब अटक रही थी , थूक गटक के उन्होंने बोला।
" ओके लेट मी आस्क , विल यू फक योर माल , लोगे उसकी "
मैंने रेशमी ,लरजती आवाज में बहुत हलके से पूछा।
:" हाँ हाँ , एकदम "
" मुन्ना ,तू उसे चोदना चाहते हो ना , बताओ न मुझे "
मैंने एकदम उनके चेहरे के पास जा के बोला और साथ ही मेरी ब्रा एक झटके से खुल गयी ,सीधे उनके चेहरे पे।
लेकिन मेरे जोबन अभी भी मेरी दोनों हाथों की उँगलियों के परदे के पीछे छिपे थे।
" हाँ ,हाँ चोदना चाहता हूँ , चोदूंगा उसे "
उन्होंने कबूल कर लिया।
मेरा एक पैर भी अब पलंग पे था और मैं उन के ऊपर झुकी थी।
" तो तू बहनचोद बनेगा न , चल बना दूंगी बहनचोद तुझे "
और अब मेरे उरोज एक दम अनावृत्त हो गए।
मेरा एक हाथ उनके बाल सहला रहा था , दूसरा उनके गोर नमकीन चेहरे को केयरेस कर रहा था। और मैंने तर्जनी का लम्बा नाख़ून उनकेमालपूये ऐसे गाल में धंसा दिया।
जोश के मारे उनकी हालत खराब थी , मैंने कनखियों से देखा , खूंटा एकदम खड़ा था , पूरा तन्नाया , टनाटन। लेकिन अभी उसे आज बहुत वेटकरना था।
" बहनचोद मौके पे पीछे मत हटना , "
मैंने इस बार अपने गुलाबी रसीले होंठ , आलमोस्ट उनके होंठ के पास ले जा के बोला।
वो बेचैन हो रहे थे ,लेकिन एक हाथ बंधा था इसलिए फंसे बंधे , उठना असंभव था।
" नही , नहीं , "
और अब उनकी आँखे मेरी गोरी गोरी फैली जाँघों के बीच चिपकी थी , जहाँ मेरी दो उंगलिया मेरे रेड थांग के ऊपर से रगड़ रही थीं।
अगले ही पल थांग खुल कर सीधे उनके 'खूंटे ' पे मैंने उछाल दिया ,
हैप्पी बर्थडे
और मैं उनके ऊपर ,