Episode 17


मिसेज खन्ना

घंटे बाहर माँ बेटी संवाद चलता रहा ,और जैसे ही मैंने फोन रखा मैंने देखा , मिसेज खन्ना की मिस्ड काल थी , गनीमत थी सिर्फ पांच मिनट पहले की।

मुझे मालूम था की मिस्टर खन्ना आज अब्रॉड से कम्पनी के टूर से आये होंगे ,
इसलिए मिसेज खन्ना थोड़ी बिजी होंगी। पर उनके फोन का मतलब था मैं उन्हें तुरंत फोन लगाऊं।

मिसेज खन्ना बहुत खुश थीं और मुझसे ज्यादा इनसे।

लेकिन उसके पहले जो उन्होंने बात की उसे शेयर करना भी मुश्किल।

पहली बार ,मिसेज खन्ना ने मुझसे ज्यादा , 'उनके ' बारे में बात की।

मैंने बड़ी मुश्किल से अपनी मुस्कराहट दबायी। यही तो मैं चाहती थी।
एक बार मिसेज खन्ना ने उन्हें 'नोटिस' कर लिया तो मिस्टर खन्ना भी उन्हें नोटिस कर ही लेंगे।

मिस्टर खन्ना को अगर सच पूछिये किसी पर फेथ था तो वो मिसेज खन्ना पर। ये बात मैंने
वहां ज्वाइन करते ही नोटिस कर लिया था ,समझिये एकदम पक्के जोरू के गुलाम ,आफिस के मामले में भी।

लेकिन दो बाते जो उन्होंने बाते वो इतनी बड़ी खुशखबरी थी की ,

एक तो कुछ उनके आफिस के 'रिऑर्गनाइज़ेशन' के बारे में थी।
इन्ही से रिलेटेड और मुझसे मेरी ख़ुशी छिपाये नहीं छिप रही थी।

जैसे मिस्टर खन्ना ,मिसेज खन्ना की कोई बात टालने की सोच भी नहीं सकते थे उसी तरह मिसेज खन्ना भी सब बातें मिस्टर खन्ना से शेयर करती थी हीं ,उनकी ओपीनियन भी लेती थीं।

यहां तक की लेडीज क्लब की भी , और उन्हें मेरा वो सजेशन बहुत पसंद आया , लेडीज क्लब का,हसबेंड डे मनाने का।

बल्कि उन्होंने अगले हफ्ते दस दिन में ही हम लोग कर लें क्योंकि उन्होंने फिर कहीं बाहर जाना था।
मिसेज खन्ना बोलीं ,की जो मैंने कहा था की उस दिन सब हसबैंड फीमेल ड्रेस में आएं

उस पर मिस्टर खन्ना ने कहा की ये सुपर्ब आइडिया है ,

और जो मेल कम्प्लीट फिटिंग वाले ड्रेसेज में आएंगे

उनका एक कैट वाक् भी होगा। और फिर फेमिनिन स्किल गेम्स ,.
जो फर्स्ट आएगा उसके लिए एक सरप्राइज पैकज होगा।
सरप्राइज पॅकेज भी मिसेज खन्ना ने बता दिया ,

चार दिन पांच राते अंडमान में ,एक सेवन स्टार होटल में कंपनी के कास्ट पे ,कम्प्लीट पैकेज।
फ्लाइट ,होटल ,स्पा ,गिफ्ट वाउचर्स।

और उन्होंने ट्रिक भी बता दी ,मैं तो तेरे वाले पे दांव लगाउंगी। ड्रे

स परफेक्ट होनी चाहिए , मिस्टर खन्ना ही जज रहेंगे , और हाँ उसी दिन उन्होंने बोला है

उसी कम्प्टीशन के बाद लेडीज क्लब की सेक्रेटरी भी वो अनाउंस करेंगे।

मेरे लिए स्टेक अचानक बढ़ गए।

मेरे लेडीज क्लब की सेक्रेटरी और चार दिन की ट्रिप के साथ मुझे उनकी फिकर लग रही थी।

दो महीने के बाद एनुअल असेसमेंट का टाइम था।

और इनके यहाँ इंक्रीमेंट ,प्रमोशन सब कुछ उसी पे, उनके जीतने का मतलब ,
अगर मिस्टर खन्ना ने उन्हें नम्बर वन बनाया तो ,.

हर चीज में उनका फायदा था।
क्या पता मंगल क्लब का भी मेम्बर बना ले।

हर मंगल को ये चार पांच लोग बैठ के ,कंपनी का सब कुछ ,.
ज्यादातर कंपनी के डायरेकटर्स थे ,२५ साल से ऊपर की सर्विस वाले।

उन्होंने बोला की एक दो दिन में वो लेडीज क्लब की मीटिंग बुलाने वाली हैं ,

कुछ देर तक हम लोगों ने बिचिंग की और फिर उन्होंने फोन रख दिया।
मैं अपनी ख़ुशी सम्भालती ,बटोरती उसके पहले घंटी बज गयी। ये ही थे।

लंच में ये घर आते थे , लेकिन आज कुछ अलग ही बात थी , महाखुश।

उन्होंने बोला की खन्ना साहेब ने आज आने के बाद मीटिंग बुलाई हेड आफ डिपार्टमेंट्स की

( उन्हें इस पोस्ट पर पहुँचने में कम से कम १०-१५ साल लगते अभी )

,लेकिन मीटिंग में उन्हें भी बुलाया और रिपोर्टिंग सिस्टम में चेंज कर के अब कई बातों में वो सीधे अब वो मिस्टर खन्ना को रिपोर्ट करेंगे।

दूसरी सबसे बड़ी बात ये थी की उन्हें परचेज कमेटी का टेक्नीकल मेंबर बना दिया गया
( उस साली छिनार अणिमा के हसबैंड को हटा के जिसे इसी बात का बहुत घमंड था )
और उससे भी बड़ी बात ये थी की उन्हें सी इस आर ( कारपोरेट सोशल रिस्पॉनसबिलिटी ) के फंड का
इंचार्ज बना दिया गया है और अब वो प्रपोज करेंगे और मिस्टर खन्ना अप्रूव , बीच में और कोई नहीं।
करीब १२८ करोड़ का सी इस आर फंड था।

मैं समझ गयी ये सब मिसेज खन्ना का कमाल था।

और उसमें इनका भी हाथ था ,

आखिर कल खुल के मिसेज खन्ना को इम्प्रेस भी तो किया था इन्होने।

वह रोज जब लंच पे आते थे तो मेरे नीचे वाले होंठ उन्हें स्वीट डिश में मिलते थे

लेकिन आज तो इत्ती बड़ी खुशखबरी थी ,

( असल बात ये थी की मैं चाहती थी की उनके ऊपरी होंठों पे हमेशा मेरे निचले होंठों का स्वाद और महक रहे )

इसलिए स्वीट डिश भी स्पेशल थी ,

स्वीट डिश स्पेशल

वह रोज जब लंच पे आते थे तो मेरे नीचे वाले होंठ उन्हें स्वीट डिश में मिलते थे

लेकिन आज तो इत्ती बड़ी खुशखबरी थी , ( असल बात ये थी की मैं चाहती थी की उनके ऊपरी होंठों पे हमेशा मेरे निचले होंठों का स्वाद और महक रहे ) इसलिए स्वीट डिश भी स्पेशल थी ,

उनके ' फेवरिट फ्रूट ' मैंगो की लम्बी लम्बी रसीली सुनहरी फांके

मैंने अपनी रसीली कोमल कोमल मखमली चूत की फांको के बीच बहुत देर से भींच रखी थी ,

और आज मेरी चूत , 'चूत रस' ( आम का एक नाम चूत भी तो है ) से लबालब भरी थी।

सुबह की तरह एक बार फिर मैं उनके ऊपर थी

और वो लबड़ लबड़ ,सपड़ सपड़ चाट रहे थे।

आफिस तो वो फार्मल ड्रेस में ही जाते थे , और वो पायल भी जो मैंने शरारत से उनको पहनाई थी ,उनकी बर्थडे के बाद , एक बहुत पतली सी सिल्वर एंकलेट में बदल गयी थी ,कोई घुंघरू नहीं सिर्फ एक पतली सी चेन ,

इनकी देह से चिपकी दुबकी रहती थी , इन्हें मेरा अहसास दिलाते।

आज वो इतने खुश थे की बस पूछो मत।

बिना फार्मल प्रमोशन के भी पावर इक्वेशन में अचानक उनकी इम्पार्टेन्स उनसे दस पंद्रह साल सीनियर्स से भी बढ़ गयी थी और अनरिटेन पर्क्स भी। और सबसे बड़ी बात ये थी की मिस्टर खन्ना ने सबके सामने इनकी तारीफ़ की

और दो बातों में उनकी राय मान के डिसीज़न लिया।

और जब वो आफिस लौटे तो उनके होंठों पे और जहाँ कभी उनकी मूंछे रहा करती थीं ,

मेरी चूत का रस साफ़ साफ़ चमक रहा था। जो दूर से पहचाना जा सकता था।

दरवाजा बंद करने के बाद भी मैं बस यही सोच रही थी की कैसे हसबेंड नाइट में ये फर्स्ट आएं।

तिहरा फायदा , शादी के बाद हम लोग इनकी मायकेवालियों के चक्कर में हनीमून पर भी नही गए।

मेरा ( और इनका भी )सारा सपना प्लान धरा रह गया तो बिलेटेड ही सही ,हनीमून हो जाएगा ,वो भी कंम्पनी के खर्चे पर।

दूसरे मेरा लेडीज क्लब की सेक्रेटरी बनना पक्का हो जाता

लेकिन सबसे बड़ी बात ये एकदम मिस्टर खन्ना की निगाह में चढ़ जाते ,फिर पता नहीं शायद सीधे मंगल क्लब की मेम्बरशिप यानी डिसीजन मेकिंग सर्किल में , .

मुझे इनकी एबिलिटी में कोई शक नहीं था ,
बस अपने मायकेवालियों के चक्कर में थोड़े घुस्सू टाइप ,शर्मीले , वरना ,. लेकिन अब मैं थी न इनके साथ।

गनीमत थी मिसेज खन्ना ने मुझे कप्टीशन केबारे में बता दिया था और मिस्टर खन्ना की च्वॉयस के बारे में

ड्रेस में परफेक्शन , .

यानी एकदम इनके नाप की सही फिटिंग की ड्रेस ,. . और कैटवाक थी तो कई ड्रेस ,.
लेकिन कैसे मैं इन्हें राजी करुँगी ,. .

पर हर प्राब्लम की तरह मैंने इसका भी रास्ता ढूंढ लिया।

इनकी ख़ुशी में मेरी ख़ुशी थी और इनकी सक्सेस में मेरी सक्सेस ,.

आफिस में भी

और जब वो आफिस लौटे तो उनके होंठों पे और जहाँ कभी उनकी मूंछे रहा करती थीं ,

मेरी चूत का रस साफ़ साफ़ चमक रहा था। जो दूर से पहचाना जा सकता था।

और उनके आफिस पहुंचने के आधे घण्टे के अंदर ही मिसेज डि मेलो ,

उनकी गोवानीज सेक्रेटरी ( वही जो उम्र में ३० + थी और साइज में ३६ डी + ,
और अब उनकी ट्रेनिंग में मेरी सिर्फ राजदार थी बल्कि सहयोगी भी )
ने उनके होंठों पे लगे रस के बारे में हँसते हुए मुझे फोन किया।

वो एक मीटिंग में चले गए थे।

आज मिसेज डी मिलो भी बहुत बहुत खुश थीं ,एक तो उनके नए असाइनमेंट ,

बढ़ी हुयी फाइनेन्सनियल पावर से आखिर सारी फाइलें जाती भी तो मिसेज डी मेलो से होकर ,
फिर जोर सेक्रेटेरियल टोटेम पोल था , अब इनके डी फैक्टो हेड का काम मिलने से उनका भी दर्जा बढ़ गया था।

कुछ देर हम लोगों ने बातें की और फिर मैंने दो काम उन्हें पकड़ा दिए।

उनको असली सरप्राइज मिला , आफिस बंद होने के बस थोड़ी देर पहले।

मिसेज डी मेलो उनके केबिन में पहुंची ,.

मिसेज डी मेलो

उनको असली सरप्राइज मिला , आफिस बंद होने के बस थोड़ी देर पहले।

मिसेज डी मेलो उनके केबिन में पहुंची ,हाथ में तीन फेमिनिन ड्रेसेज के कैटलॉग और उनकी टेबल पे रख दिए ,

" मैडम ने बोला है आपको देने के लिए , सर आप इसमें से एक चुन लें , फिर आप को बाबीज टेलर के पास जाना है मेजरमेंट देने के लिए , वही जो बेस्ट लेडीज ओनली टेलर है , मैं भी वही सिलवातीं हूँ , एकदम परफेक्ट फिटिंग आती है , टाइट।

मैंने उससे फोन पे बात कर के आप के लिए टाइम ले लिया है। "

वो बहुत अनकम्फर्टेबल फील कर रहे थे मिसेज डी मेलो के सामने।

यही तो मैं चाहती थी ,उनकी जो मेल अथॉरिटी फिगर है वो आफिस में भी शैटर करना ,

खास तौर पे उनकी लेडी सेक्रेटरी के आगे जिसके सामने उन्हें 'बॉस 'करने की आदत थी।

वो समझ नहीं पा रहे थे क्या बोलें ,
और जैसे उनकी आदत थी उन्होंने फाइलों और फोन में अपने को छुपाने की कोशिस की , लेकिन मिसेज डी मेलो से बचना आसान नहीं था ,

" सर ये फाइल्स अरजेंट नहीं और आप कैटलॉग देख लें ,बल्कि लेट मी सजेस्ट, "

और वो एकदम झुक के , उनकी गोल गोल गोलाइयाँ ,गहरा क्लीवेज सब उनके आँख के सामने ,

जो पन्ना मिसेज डी मेलो ने खोला था , वो एक ग्रीन गरारा था , एकदम फेमिनिन।

" बहुत जंचेगा , सर , आप जल्दी फाइनल कर लें और हाँ एक और काम था शायद आप की मदर इन ला ने भेजा है , दो स्टोरीज के लिंक , आप को टाइम न लगे इस लिए मैंने डाउन लोड करके आपके डेस्क टॉप पर डाल दी है।
उनका इंस्ट्रकशन बहुत क्लियर था , आप आफिस से निकलने से पहले दोनों स्टोरीज अच्छी तरह पढ़ लें शायद वो आप से इन स्टोरीज के बारे में बात करेंगी ,
मदर सन के रिलेशनशिप पे है , … आप १०- १५ मिनट में तो पढ़ ही लेंगें

मैंने आधे घंटे बाद का बाबीज के यहाँ टाइम लिया , ही इज वेरी पर्टिक्युलर सर। "

वह बिचारे शर्मा रहे थे कुछ घबड़ा रहे थे लेकिन मिसेज डी मेलो कौन छोड़ने वाली थीं आसानी से , वो उनकी साइड मुड़ने लगी और बोलीं सर मैं स्टोरीज खोल देती हूँ आप को टाइम लगेगा ढूंढने में।

और उन के मना करने से पहले उन्होंने स्टोरी खोल दी , माँ का प्यार।

मिसेज डी मेलो आप चलिए मैं देख लूंगा , वो परेशान हो रहे थे।

' सर इट इज बिटवीन अस ,डोंट वरी और मैंने रेड लाइट लगा दी है , मिस्टर खन्ना भी आज जल्दी घर चले गए हैं , इसलिए आप निकल सकते हैं। "

और अपने बड़े बड़े नितम्ब मटकाते वो बाहर निकल गयीं। [

शाम

जब वो शाम को आये तो एकदम अलफ़्फ़ , बोला तो कुछ नहीं ,
लेकिन उन्हें यह अच्छा नहीं लग रही थी की उनकी सेक्रेटरी भी ,…
और मुझे ये मालूम था , लेकिन उनकी आदतें ,पसंद नापसंद सुधारने की जिम्मेदारी तो अब मैंने ले ली।

उनका एटीट्यूड मैंने इग्नोर किया फिर कड़ी आवाज में पूछा ,

'नाप दे आये।'

अब वो डिफेंसिव हो गए , उनकी आवाज और अंदाज दोनों बदल गए ,
मुझे जैसे प्लीज करने के लिए बोल रहे हों ,बोले ,

" हाँ मैं एकदम टाइम पे पहुँच गया था। "

अब वह 'अच्छा बच्चा' बनने की कोशिश कर रहे थे।

" और मैंने कुछ चोली ,ब्लाउज के भी नाप लेने के लिए उसे बोला था , मॉम का फोन आया था , ये अंदाज से अच्छा नहीं लगता सही और टाइट फिटिंग होनी चाहिए। दे दिया न। "

अब मैंने पहली बार उनकी ओर देखा।

एक दम वो मुझे खुश करने के मूड में थे ,बहुत मीठी आवाज में बोले ,

" हाँ हाँ ,… वो भी दे दिया , अच्छा टेलर है। और कपडे भी बहुत अच्छे थे। "

मुझे खुश करने के चक्कर में उन्होंने ये भी ध्यान नहीं दिया की मैंने बोला है की मॉम का फोन आया था।

लेकिन मेरी आवाज का कड़ापन कम नहीं हुआ ,

" मैं चाय के लिए वेट कर रहीं ,प्लीज चेंज करो और चाय , थोड़ा जल्दी , … और हाँ साथ में पकौड़े भी। "

जैसे ही वो किचेन में घुसे मैं खुल के मुस्कराई।

ये आदमी लोग भी न इन्हे टाइट लीश पे रखना पड़ता है ,

कब रिवार्ड दिया जाए और कब सख्त हुआ जाय ,इग्नोर किया जाय इन्हे कंट्रोल में रखने के लिए समझना बहुत जरूरी है।

और आज मैं स्क्रूज थोड़ा टाइट करना चाहती थी ,जरा सी गलती मिले तो मैं , …

और वो मौका मिल गया ,जब ये ट्रे में चाय ले के निकले ,
वह अपनी फ्रिल वाली पिंक एप्रन पहने थे ,
जो मिसेज तनेजा के कूकरी क्लास में उन्हें बेस्ट स्टूडेंट के इनाम के तौर पे मिली थी।

लेकिन उसके नीचे वही पेंट जो वो आफिस से पहन के आये थे।

पैंट्स ,स्ट्रिकटली आफिस ड्रेस थी , घर में कोई अगर पेंट पहन सकता था तो वो मैं थी।

मैने सिर्फ उनके पैंट को घूरा और उन्हें अपनी गलती का अहसास हो गया।

" असल में मुझे लगा की मुझे , … देर हो गयी थी और चाय के लिए ,… लेट हो रहा होगा। "

मैंने कुछ नहीं बोला सिवाय इग्नोर करने के। कुछ भी बोलना मेरी शान के खिलाफ होता।

थोड़ी देर बाद जब वो चाय और पकौड़े ले के निकले तो एप्रन के नीचे पेटीकोट था।

और अब मैंने सोचा की बहुत हड़का लिया बिचारे को।

मैंने न सिर्फ बैठने के लिए कहा बल्कि , उन्हें एक पकौड़ा ऑफर भी किया और पकौड़े की तारीफ़ भी की।

उनकी तो बांछे खिल गयीं।

और जब मैंने उन्हें समझाया की ड्रेस सिलवाने की आइडिया मम्मी की थी ,और उन्होंने फोन कर के खास तौर से बोला था की तुम्हे आज ही ड्रेस सिलने देना है। उन्होंने कहा था की उनके आने के पहले ड्रेस सिल जानी चाहिए।

उनकी ख़ुशी छुप नहीं रही थी , बोले ,

" मम्मी का फोन आया था , कब आएँगी वो। "

फ़ोन पे खुद क्यों नहीं पूछ लेते। मैंने उकसाया।

उन्होंने फोन लगाया ,और मैंने स्पीकर फोन आन कर दिया।

" जरा उस मादरचोद, हरामके जाने ,रंडी ,छिनार के पूत को , की मुझे ठीक चार बजे फोन करे।

और याद रखे फोन के शुरू के और अंत में क्या कहना है , अगर मैंने नहीं सुना , तो बस मेरे आने का प्रोग्राम कैंसल। और हाँ जैसे कल कहानी भेजी थी न वैसी ही दो और कहानी ,मातृभूमि के प्यार के बारे अच्छी तरह पढ़ लेगा। मैं पूछूंगी सब डिटेल में , और अगर चार बजे से जरा भी देर हुआ न तो बस समझ लेगा वो ,. . "

" मम्मी यहीं है वो कहिये तो बात कराऊँ ," मैंने पूछा।

"नहीं नहीं , मैं आवाजे सुन रही थीं , अभी वो बिचारा जरूरी काम में बिजी है , ठीक चार बजे " खिलखिलाते उन्होंने फोन रख दिया।

लेकिन अच्छा चल बात कर ही लेती हूँ ,"

अब वो खुश पहली बात उन्होंने बोली ,

" मम्मी आप कब आइयेगा। "

" जब तेरी ड्रेसेज सिल के आ आजएंगी , और उन की परफेक्ट फिटिंग होगी , उस के सात दिन बाद , फोटो मुझे व्हाट्सअप कर देना। पर ख्याल रखना परफेक्ट फिटिंग। "

अब वो चालु हो गए ,

" एकदम मम्मी आज शाम को मेजरमेंट दिया है ,यहाँ की बेस्ट लेडीज टेलर है , बाबीज टेलर। परसों ही ट्रायल के लिए बुलाया है। "

" अच्छा बोल क्या क्या सिलवा रहा है। " मम्मी ने अगला सवाल दागा।

" गरारा ,हरे रंग का बहुत प्यारा है ,चार चोलियां अलग अलग डिजाइन की ,कुर्ती ,. "

उन्होंने पूरी लिस्ट सुना दी।
दस मिनट तक सास दामाद उनकी नयी बार्डरोब के बारे में बात करते रहे।

आज मैंने उन्हें किचेन से छुट्टी दे दी थी , मैं खाना बना रही थी उनकी फेवरिट चिकेन डिशेज और सोच रही थी मम्मी ने उनकी लेडीज ड्रेसेज की झिझक ख़तम नहीं तो आधी से ज्यादा तो दूर कर दी है।

खाने के साथ आज हम दोनों ने वाइन की बोतल भी खाली कर दी उनके इम्पार्टेंट असाइनमेंट मिलने की ख़ुशी में और रात में भी मैंने खूब ' मीठे मीठे' अवार्ड दिए।

सच में उनका खश चेहरा देख के मेरी ख़ुशी दस गुनी हो जाती थी।

और उनके आफिस जाते मैंने उन्हें एक काम और थमाया ,

बिचारे वैसे ही एम्ब्रॉस्ड लग रहे थे। उनका फोन उनकी सेक्रेटरी के थ्रू था मिसेज डी मेलों उनकी सारे बातें सुन सकती थीं।

और मम्मी की तो बात ही मादरचोद , रंडी के पूत , छिनाल के जने से शुरू होती थीं ,उनकी सारी गालियों का टारगेट उनकी समधन होती थीं , कुछ तो रिश्ता ऐसा और कुछ मेरी सास थीं भी भी थोड़ी हॉट सॉस।

लेकिन उससे बढ़कर मम्मी ने उनसे बोल रखा था की अब जब वो फोन करेंगे हेलो बाद में करेंगे पहले अर्जी लगाएंगे , " मम्मी ,प्लीज ,प्लीज मुझे मादरचोद बना दीजिये। " वो भी दो बार बात शुरू होने के पहले और अंत में। बस उन्हें डर था की कही मिसेज डी मेलो , उनकी ये बातें सुन न ले , कल वैसे ही वो मादरचोद वाली कहानी उन्होंने ही डाउनलोड कर के उनके कंप्यूटर पे डाली थी।

लेकिन मुझे इसी में तो मजा आ रहा था। मैं उन्हें उनका काम याद दिलाया।

" सुन यार , आज भूलना मत , तेरी आज ट्रायल की डेट है बॉबी टेलर्स के यहाँ। "

" हाँ मुझे डेट भी याद है , और टाइम भी चला जाऊँगा। " जिस सर्टेनटी से वो बोले , मुझे लगा कुछ बोल दूँ।

लेकिन मुझे लगा की ये अकेले नहीं है ,सारे मर्द , इशूज़ को इस तरह से प्री जज़ करते है , बिना पूरी बात सुने , जैसे उन्हें सब बातें मालूम हो।

कुछ और मौका होता तो मैं उन्हें सुना देती लेकिन बिचारे ने इतना मस्त चूसा था अभी , दो बार झड़ी थी मैं कस कस के , इसलिए मैंने जाने दिया और अपनी बात बोली ,

" पहले सुन तो लो , ये तुम्हारी सास की बात है।
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