Episode 37

अब मैंने चमचा नम्बर टू की ओर रुख किया ,उसकी भी शुरआत होटल के बिल्स से की। और एक बात से मैं चौंक गयी वो हर बार एक ही होटल में टिकता था , यहाँ तक तो ठीक था लेकिन उसके बिल में हर बार एक आइटम होता था जो कॉमन नहीं था , और काफी महंगा था।

इस बार भी मिसेज डिमेलो ने ही हेल्प किया , कोई पेपर ट्रेल तो नहीं मिली लेकिन उस होटल के बिल सेक्शन ने प्रेशर में आके बता दिया।

मसाज।

वो कोड था मसाज के लिए जिसके बिल को होटल उस तरह एडजस्ट करता था , मेल टू मेल , रात भर के लिए।

गे , बॉटम।

मिसेज डी मेलो ने खिलखिलाते हुए बताया ,

हर बार वो एडवांस में बुक करता था ,टॉप ,नाट हार्ड बट वेरी हार्ड , यंग २० से २२ साल की रेंज के।

मैं मिसेज डी मेलो के साथ खिलखिला रही थी , उसी बात पे जब मॉम अंदर सोने के लिए चली गयीं और वो मेरे पास आये।

मैंने दोनों चमचो के डिटेल की एक अलग स्प्रेड शीट बना दी थी। और उन्हें दिखाई ,

उन्हें मम्मी की प्लानिंग भी बतायी ,और अपना सजेशन भी ,

" आज तुम उन दोनों को बुला के हचक के अपने केबिन में ,. "

" . उनकी गांड मारो ,यही न। "

हँसते हुए उन्होंने मेरी बात पूरी की.

"एकदम मारूँगा ,हचक हचक के वो भी बिना वैसलीन के। "

और वो मेरे बगल में बैठ के मेरी बॉबी जासूस वाले काम को देखने लगे ,लेकिन उन्होंने मेरा एक सजेशन एकदम रिजेक्ट कर दिया ,

मिस्टर खन्ना से उसे शेयर करने का।

" नहीं क्या पता ,मिस्टर खन्ना उन को कंपनी से बाहर ही निकाल दें , फिर उन की बेगमो को तुम कैसे यूज कर पाओगी ?

और अपने सारे तुरुप के पत्तों को हम शो क्यों कर दे।

सबसे बड़ी बात , उस को स्क्रू कर के ,और सप्लायर्स भी तो उससे मिले थे , मैं उनसे भी बात कर के , परचेज कास्ट कम कर सकता हूँ।

अभी नहीं ,दस पंद्रह दिन में रिनिगोशियेट कर के , फिर मेरी भी इम्पोर्टेंस ,मिस्टर खन्ना पर फेथ सब इम्प्रूव होगा न। "

वो तेजी से सीख रहे थे।

इंटेलिजेंट ,शार्प तो वो पहले से ही थे ,लेकिन अब उनका दिमाग आड़े तिरछे भी चलने लगा था।

मेरा और मम्मी का असर।

वो चालु रहे ,

" और जो तीसरा चमचा था न उनका वो तो मेरी निगाह में पहले से ही गड़ा है ,उसकी बीबी उस दिन सबसे ज्यादा उछल रही थी उसकी तो मैं
सबसे पहले लूंगा। "

अब वो भी मेरी ,मम्मी की भाषा बोलने लगे थे।

लैपी मैंने उनके हवाले कर दिया , उनका आधा काम तो मैंने पहले ही कर दिया था मेल्स ,शेड्यूल्स ,मीटिंग के मिनट्स सब मैने चेक कर लिए थे और उन्हें पांच मिनट में समझा दिया।

" चलने के पहले मुझे जगा देना , मैं सोने जा रही हूँ , आज किसी के साथ रत जगा होना है। "

मुस्करा के मैं बोली ,और इन्हें किस कर के मम्मी के साथ सोने चली गयी।

दो ढाई घंटे सोई होउंगी की उन्होंने जगा दिया।

ले ली ,. . चमचा नंबर दो की

दो ढाई घंटे सोई होउंगी की उन्होंने जगा दिया।

ढाई बज रहा था ,लेकिन उनके जाने के पहले मैंने उन्हें एक काम याद दिला दिया ,

मिसेज डी मेलो को थैंक्स देने का ,

रास्ते में उनके लिए लाल गुलाब ,

और वहां पहुच के उन्हें जोर से हग ,. हल्का फुल्का नहीं जोर से हग

उनके +साइज बूब्स क्रश हो जाएँ इतना।

हाँ एक बात और ,

जाल मैंने बुना था उन चमचो के लिए

लेकिन मेरे सोना मोना ने भी , जबतक मैं सो रही थी ,

उस समय एकदम से बाजी मार ली उन्होंने ,. .

चमचा नंबर टू , वही गे बॉटम ,

जो मसाज के नाम पर टॉप , हार्ड की डिमांड करता था और होटल के बिल में ,.

इन्होने अपने एक जूनियर को बोला की होटल की लिस्ट हम फिर से फाइनल करेंगे जो हमारे पैनल में होंगे ,

और होटल वाले से बोलो की मुझसे बात करे , .

सबसे पहले उन्होंने उसी होटल का नाम दिया ,

बस वो चालू हो गए , . पहले तो उन्होंने होटल वाले को हड़काया , फिर ये कहा की तुम लोग कमरे में सी सी टीवी लगाते हो ,.

वो मना करता रहा ,

लेकिन जब उन्होंने साफ़ साफ़ चमचा नंबर टू का नाम लिया और बोला की अगर सीसी टीवी की रिपोर्ट उन्हें नहीं मिली

तो न सिर्फ वो उस होटल का नाम पैनल से हटा देंगे ,

बल्कि बाकी कम्पनीज को भी बोलेंगे की होटल को ब्लैक लिस्ट कर देंगे ,

अब वो थोड़ा होटल वाला ढीला पड़ा , .

फिर उन्होंने उसकी एकदम ले ली ,

" मेरे पास चार तारीखें हैं , आप नोट कर लीजिये , इस रूम में एक गे सेक्स के लिए , एक टॉप आप ने भेजा था , क्योंकि बुकिंग आप के होटल के जरिये हुयी थी , इसलिए वाइस स्क्वाड सीधे आप को पकड़ेगी , जो रूम में था , उस का कंफ़ेशनल स्टेटमेन्ट हमारे पास है ,

उन्होंने ये भी बताया की आप के होटल के मैनेजर से जो बात हुयी थी , उस की रिकार्डिंग उनके पास थी ,

वो भी उन्होंने हमें दे दी है , २५०० रूपये रात भर के लिए , और वो घबड़ाइये मत हम आप को नहीं देंगे , .

आप के शहर के एस एस पी करण सिंह हॉस्टल में मेरे जूनियर थे , . जी मैं उन्हें भेज रहा हूँ , .

अब हर रोज आपके यहां छापा पडेगा , . और हाँ एक सनसनी करके अखबार निकलता है न आपके शहर में उसके पास भी , और दो तीन चैनल भी ,. "

अब उसकी सच में फट गयी थी।

पांच मिनट में इनके व्हाट्सऐप पर दर्जन भर से ऊपर स्टिल , वीडियो सब , .

वो डॉगी पोज में , खूंटा पूरा धंसा ,

एक में चमचा नंबर टू जोर जोर से सक कर रहा था ,

पांच छह में तो उसके चेहरे एकदम साफ़ थे ,

उसके पिछवाड़े एक तिल भी था , उसकी फोटो भी साफ़ साफ़ ,

लेकिन ये इतने से नहीं माने ,

उन्होंने फिर उस होटल में फोन लगाया ,

सिर्फ इतना बोला उन सारे जिगोलो के नाम और नंबर , . . हाँ ये भी बोल दिया की कैमरे हटाने की जरूरत नहीं है , अगले पैनल के लिए होटल वाला १० % बढाकर रेट कोट करे , एक्सेप्ट हो जाएंगे , .

फिर हर जिगोलो को , . वही एस एस पी का नाम ( वो उन्होंने इंटरनेट से ढूंढा था , उससे कोई जान पहचान इनकी नहीं थी ) ,

और सबका कंफ़ेशनल स्टेटमेंट हाँ वो इस इस तारीख को इस होटल के कमरा नंबर ,. में गया था रात भर की बुकिंग थी , २५०० रूपये की डील थी , जिसमें १००० रुपया होटल वाले का होता है। वो सब इनके फोन पर रिकार्ड हो गया , . ये तो मालूम था उस दिन उस कमरे में चमचा नंबर टू ही था , खुद उसने होटल का बिल भरा था ,

सेक्स का भी डिटेल्स उन्होंने जिगोलो के मुंह से रिकार्ड करवाया, वो भी 'असली ' भाषा में ,. दो बार उस की गांड मारी , एक बार उसने चूसा , . .

माल एक बार कंडोम में गिराया था अगली बार सीधे गांड में ,.

और अब फोटुए ,

चार जिगोलो का रिकार्डेड स्टेटमेंट ,

मैंने ये तो अंदाज लगा लिया था या पता भी की वो होटल में ' क्या करवाता है '

लेकिन वो एकदम मुकर जाता , और होटल वाला भी इंक्वायरी में अलग हो जाता , कुछ पैसा वैसा खा के

लेकिन अब ये फोटुए , जिगोलो का रिकर्डेड स्टेटमेंट और सबसे बड़ी बात दो के साथ उस चमचे ने उसी कमरे में सेल्फी खिंचवाई थी ,

वो भी इन्होने हथिया ली थी ,

इसलिए अब चमचा नंबर टू ,. किसी तरह से नहीं बच सकता था , .

और फिर चमची नंबर टू भी ,.

मान गयी मैं उनको , सिर्फ रास्ता दिखाने की देर होती है उनको , उसके बाद तो , एकदम,.

और फिर मैं जा के सो गयी ,

साढ़े तीन बजे सुजाता आने वाली थी ,मम्मी से मिलने और इस आपरेशन के सेकण्ड पार्ट को प्लान करने।

मेरा तीर एकदम सही निशाने पर लगा था।

ये घर देर से लौटे ,इतने दिन बाद आफिस गए थे।

लेकिन इनके लौटने के पहले ही चमचा नम्बर एक और दो की बीबियों का फोन आ गया था ,

माफ़ी सुबकना पूरा ड्रामा ,

लेकिन कम्प्लीट सरेंडर

अब वो दोनों मेरी मुट्ठी में थी ,

जैसे कुछ दिन पहले मिसेज मोइत्रा के कब्जे में थीं।

मिसेज मोइत्रा की कबूतरियां ,

मिसेज मोइत्रा की कबूतरियां , मुझे मालुम है आप क्या जानना चाहते हैं , लेकिन सब चीज मैं बता भी तो नहीं सकती।

ओके ओके बुरा मत मानिए , बस ये समझिये की मेरी छुटकी ननदिया , अरे वही इनकी ममेरी बहन गुड्डी से भी थोड़ी छोटी,

जुड़वां, खूब गोरी चीठ्ठी ,एकदम मिसेज मोइत्रा पर गयी हैं दोनों ,एकदम बंगाली रसगुल्ला।

लेकिन गड़बड़ भी वही ,एकदम अपनी माँ की तरह संस्कारी, सिर्फ पढने से काम , ड्रेस सेन्स हो या मिक्सिंग या एकदम कंजरवेटिव ,

सुपर कंजरवेटिव।

बस ये समझिये अभी हाईकॉलेज में गयीं हैं इसी साल , अब हाईकॉलेज में गयी लड़कियों की , .

अब आगे तो आप समझ ही गए होंगे , अंदाज लगा सकते हैं ,.

और जब बात मिसेज मोइत्रा की चल रही थी तो सुजाता ने ही उनकी कबूतरियों का जिक्र किया। किसी ने बोला की दोनों अभी छोटी हैं तो अगले ही दिन सुजाता फोटोग्राफिक और मेडिकल एविडेन्स के साथ आ गयी।

दोनों की गोरी गोरी जाँघों के बीच छोटे छोटे रेशम के धागों सी , बहुत छोटी लेकिन , आ गयी है जवानी की पहचान कराने वाली केसर क्यारी

, और मेडिकल एविडेन्स , पौने दो साल साल पहले दोनों के पीरियड्स शुरू हो चुके है।

फिर क्या था मिसेज खन्ना ने फरमान जारी कर दिया ,

मिसेज मोइत्रा के साथ उनकी दोनों जुड़वां कबूतरियों को भी 'सुसंस्कारी' बनाने का,

और ये मिशन सुजाता को ही सौंपा गया लेकिन साथ में उतनी ही जिम्मेदारी मुझे भी दी गयी।

और आज सुबह कल रात की 'लेडीज ओनली ' पार्टी से लौटते हुए मैंने मिसेज मोइत्रा की कबूतरियों का जिक्र किया तो मुझे जोर की डांट पड़ गयी।

" तुम भी न यही तो उमर होती है ,और कच्चे टिकोरों का मजा ही और है।

इस उमर में अगर उन दोनों को गन्ना चूसने का शौक लग गया तो फिर जवानी बन जायेगी दोनों की।

छोटी वोटी कुछ नहीं , खाली सही संगत ,सही ट्रेनिंग और सही संस्कारों की जरुरत है दोनों को। सुजाता एकदम सही कहती है, . '

मम्मी ने एकदम जोर से हड़का लिया मुझे

वैसे उस पार्टी में मम्मी की सहेली ने जो एक्सक्लूसिव पार्ट आफ पार्टी थी ,उसमें जो ' कन्या भोग ' हुआ

( और जिसका खुल के मजा मैंने भी लिया ) आधी से ज्यादा तो मिसेज मोइत्रा की कबूतरियों की ही उमर की थीं ,

दो चार मेरी ममेरी ननद की उमर की होंगी ,

कन्या भोग

वैसे उस पार्टी में मम्मी की सहेली ने जो एक्सक्लूसिव पार्ट आफ पार्टी थी ,उसमें जो ' कन्या भोग ' हुआ ( और जिसका खुल के मजा मैंने भी लिया ) सब की सब कच्ची कलियाँ , बिना भोगी ,. मिड टीन्स ,

,आधी से ज्यादा तो मिसेज मोइत्रा की कबूतरियों की ही उमर की थीं ,दो चार मेरी ममेरी ननद की उमर की होंगी ,

मेरे अलावा ज्यादातर लेट थर्टीज ( मेरी मम्मी की एज वाले ग्रुप से ) और कुछ फार्टिज में,

सब की सब पक्की एम् आई एल ऍफ़ वाली , .

और कच्ची कलियाँ मैंने बताया न , आधी से ज्यादा मिसेज मोइत्रा की कबुतरियों की तरह हाईकॉलेज वाली , कुछ मेरी ममेरी ननद, इनके माल गुड्डी की तरह इंटर , . उससे बड़ी कोई नहीं , . सब की सब एकदम कच्ची कलियाँ ,

और दो चार को छोड़ के , बाकी कभी ' भोगी' भी नहीं गयी।

मेरे हवाले जो की की गयी , एकदम नयी बछेड़ी , . दर्जा आठ में पढ़ती थी ,

हाथ पैर भी बहुत फेंक रही थी जब उससे कहा गया की कपडे उतारने पड़ेंगे ,

मौसी बोलीं ,

देख आज की तू खास गेस्ट है , इसलिए सबसे कमसिन तुझे दे रही हूँ , लेकिन सुबह तक इसे एकदम ,.

मैं मौसी से हँसते बोली , मौसी आप और मम्मी वाली के कान काटेगी ये ,.

शिल्पा नाम था उसका , .

एक झंझट और , वो पूरी तरह से तोपी ढाँकी , शलवार कुरता , चुन्नी भी चौपत के , जैसे गाँव की मिडिल कॉलेज की लड़कियां ,

ऐसा नहीं था की मैंने लड़कियों के साथ , .

बोर्डिंग में कितनी बार मैंने , . रैगिंग में तो सब जूनियर्स के कपडे उतरवाने में , . और उसके बाद ,

पुरुष के मामले में यह पहले और अकेले थे अबतक , लेकिन कन्या रस जब मैं इंटर में थी तभी से ,.

बस शुरुआत मैंने दुप्पटे से की , .

वो सोच रही थी मैं शलवार का नाडा खोलूंगी और वो दोनों हाथों से उस कस के दबोचे थी जैसे पता नहीं कौन सा खजाना वहां छुपा हो , .

जबतक वो सम्हले सम्हले उसका दुपट्टा मेरे हाथ में ,

फिर तो जैसे शेरनी किसी हिरणी के बच्चे को दबोचती है ,

मैंने सिर्फ कस के उसे दबोच कर पूरी ताकत से उसे चार पांच मिनट सिर्फ दबा के रखा , . वो छुड़ाने की कोशिश करती रही , हाथ पैर फेंकती रही ,

मैं बीच में थोड़ी ढील दे देती और उसकी हरकते बढ़ जातीं , लेकिन न मैं नाडा खोलने की कोशिश करती , न उसका कुरता उतारने की ,

हाँ , हाथ बार बार ले जरूर जाती कभी उसकी जाँघों के बीच ,

बस वो पूरी ताकत से मुझे धकेलने की कोशिश करती , हटाने की जुगत लगाती ,

मैं दोनों अपनी टाँगे फैलाकर उसके ऊपर चढ़ कर बैठ गयी थी , और बस उसे उठने नहीं दे रही थी ,

कुछ देर में वो अपनी कोशिशों से जब थक गयी , तो मैंने पहले तो अपने दोनों हाथों से उसकी कलाइयों को दबोचा ,

फिर मेरे घुटने उसके कंधे पर थे , और एक हाथ से उसकी दोनों फसी हुयी कलाई पकड़ कर ,

उसी के दुपट्टे से दोनों कलाइयाँ कस के बाँध दी , अब वो लाख उछले कूदे ,

उसके हाथ मेरे रास्ते में बाधा नहीं बन सकते थे ,

फिर पहले कुरता खुला , छोटी सी ब्रा भी हटी ,

एकदम मस्त चूजे , २८ नंबर के जस्ट आ रहे थे ,

उसे लगा की लड़कों की तरह मैं वहां हाथ लगाउंगी , लेकिन मैं भी ,

पहले प्यार से मैंने उस हल्के हलके चूमना शुरू किया वो भी होंठों और गालों पर नहीं , कानों के नीचे गले पर ,

कंधे पर और फिर गालों और होंठों पर ,

जब उसने मेरे किस का हलके हलके जवाब देना शुरू किया तो मैंने नए आ रहे कबूतरों से दोस्ती करनी शुरू की , .

उसकी बॉडी टेंशन से स्टिफ हो गयी ,

तो मैंने वहां से उँगलियाँ हटा ली और फिर सिर्फ उँगलियों के सिरे से कभी उसकी पीठ पर कभी पेट पर जस्ट टैप कर रही थी मारे

कुछ देर बाद मेरे होठ उन नए आ रहे जवानी के फूलों के चारो ओर , . और अबकी जब मेरी उँगलियाँ ,

निप्स बस समझिये ढूंढने पड़ते ,. जैसे मटर की नयी आ रही कच्ची फलियों में मटर के दाने होते हैं न उसी की साइज के

लेकिन बड़े सेंसिटिव , जैसे मैंने निप्स पर जीभ की टिप से फ्लिक करना शुरू किया , . वो सिसकने लगी , .

और मुझे खजाने की चाभी मिल गयी , चाहे मर्द हो या औरत , चाहे कोई खूब खेली खायी चार चार बच्चों की माँ हो या एकदम कच्ची कली , . सब की देह में एक दो प्वाइंट ऐसे होते हैं जो उसके शरीर के , मन के तिलस्म के बटन होते हैं ,

कितना भी हाथ पैर मारे वो , अगर एक बार उस जगह हाथ लग गया तो खुद टाँगे फैला देगी ,.

और वो बटन मुझे मिल गया था ,

लेकिन लड़का हो या लड़की पहले खूब तड़पाना चाहिए , . तो मैंने भी,

बस जीभ की टिप बस छुला के हटा लेती , . और जब वो खुद उचकने लगी तो मैंने बस होंठों के बीच दबा दबा कर खूब हलके हलके उन्हें चूसना शुरू किया ,

ऐसा नहीं था की उसका हाथ पैर पटकना बंद हो गया , .

हाथ तो खैर मैंने उसी के दुपट्टे से कस के बांधे थे , . लेकिन जब मैंने शलवार का नाडा पकड़ा तो एक बार फिर से

उसने अपनी दोनों जाँघों को भींच लिया , .

नाडा खोलने की किसे जल्दी थी ,

मेरे होंठ निप सक कर रहे थे , और मेरा एक हाथ उस कच्ची कली , आंठवी वाली के नए आ रहे उभार को सहला रहा था ,

दूसरे हाथ से मैंने उसकी जाँघों के ऊपरी हिस्से को शलवार के ऊपर से सहलाना शुरू किया , . बस थोड़ी देर में उसकी भिंची जाँघे ढीली पड़ने लगीं , . जैसे नेचुरली सरक कर मेरा हाथ पहले तो जाँघों के बीच

सीधे उसकी सोन चिरैया के ऊपर , शलवार के ऊपर से ही

न मैंने दबाया न सहलाया , बस ऐसे ही हाथ रखे रही और एक बार फिर से अपना पूरा ध्यान उसके निप्स पर ,

अब मैं हलके से नहीं बल्कि कस के चूस रही थी , और मेरा हाथ भी नयी आयी चूँचियों को मसल रहा था रगड़ रहा था ,

और वो सिसक रही थी , कस कस के , .

जाँघों के बीच वाला हाथ भी अब चालू हो गया , शलवार के ऊपर से उसकी सहेली को सहलाने दुलराने में , . अपनी टाँगे उसकी टांगों के बीच डालकर मैंने फंसा रखी थी , वो लाख कोशिश कर डाले , अब उसकी जाँघे दूर दूर ही रहनी थी।

एक हाथ शलवार के ऊपर से सहला रहा था , और अब मेरे होंठों ने निप बदल लिया , हाथ दूसरे हाथ की सहायता करने ,

शलवार का नाडा बड़े आराम से खुला , .

उसने थोड़ा चूतड़ उचकाए , लेकिन तबतक शलवार सरक कर उसकी जाँघों के नीचे ,

और पहली बार उसकी गुलाबो पर किसी का हाथ पड़ा , बस जस्ट टच , खूब हलके से पूरी हथेली मेरी ,.

कच्ची कली

शलवार का नाडा बड़े आराम से खुला , . उसने थोड़ा चूतड़ उचकाए , लेकिन तबतक शलवार सरक कर उसकी जाँघों के नीचे ,

और पहली बार उसकी गुलाबो पर किसी का हाथ पड़ा , बस जस्ट टच , खूब हलके से पूरी हथेली मेरी ,.

झांटे बस आयी आयी थीं , हलके हलके मैंने हथेली से दबाना शुरू किया , दूसरा हाथ उस कच्ची कली की गोरी गोरी मांसल जाँघों को बस हलके हलके सहला रहा था

दस मिनट बाद , .

चुसुक चुसुक , .

वो मचल रही थी , उचक रही थी , तड़प रही थी , सिसक रही थी , . पर

जैसे किस मरद का सूपड़ा किसी कच्ची चूत में घुस जाए , और फिर तो लड़की लाख हाथ पैर पटके , बिना चुदे वो बच नहीं सकती ,

बस यही हालत 'कन्या भोग ' में भी है , अगर एक बार भोगने वाली के होंठ कली के गुलाबी कली पर पड़ गए , अपने होंठों के बीच उसने दबोच लिया , फिर तो बिना झाड़े , पूरा रस लिए वो छोड़ेगी नहीं ,

मैं कस के उसकी कच्ची चूत चूस रही थी , पहले तो जीभ को दरारों के ऊपर से , .

ऊपर से नीचे तक बस हलके हलके हलके चला रही थी , और फिर गुलाबो की फांको को फैला के , जीभ की नोक अंदर , .

चुदने की बात तो छोड़ दीजिये , किसी भौजाई या सहेली ने अभी अपनी ऊँगली भी उसके अंदर घुसाने की कोशिश नहीं की थी ,

बोर्डिंग में तो मैं तीन मिनट में लड़कियों को चूस के झाड़ देती थी , पर यहाँ मेरा पर्पज उसे झाड़ना नहीं तड़पाना था ,

देह के सारे रस से परिचित कराना था , जिससे वो खुद टाँगे खोल दे , खुद बेताब हो , कन्या रस की मस्ती के लिए , .

जैसे ताले की चाभी बनाने वाले , एक मास्टर की से ताले के सारे कब्जे , जोड़ से परचित हो जाते हैं , और फिर झटाक से कोई भी ताला , बड़ा से बड़ा खुल जाता है ,

मेरी जीभ भी वही काम कर रही थी ,

हर लड़की के देह का सबसे बड़ा जादू का बटन ,. जी प्वाइंट , .

बस जरा सा योनि की सुरंग में ऊपरी भाग में ही उठा हुआ , . सारी नर्व एंडिंग्स भी चूत के ऊपरी हिस्से में होती हैं , .

मिल गया वो जी प्वाइट

बस मैंने तिहरा हमला बोल दिया ,

मेरा एक हाथ उसके निप्स पर , दूसरे हाथ का अंगूठा उसके क्लिट पर ,

और जीभ चूत के अंदर , जी प्वाइंट पर

मिनट भर के अंदर वो पागल हो गयी , जो लड़की दस मिनट पहले दुपट्टा नहीं उतारने दे रही थी ,

खुद चूतड़ पटक रही थी , सिसक रही थी , चूत एकदम गीली हो गयी थी

वो एकदम झड़ने के कगार पर थी , . और मैंने हाथ जीभ सब हटा दिए ,. मैंने भर आंख उसकी ओर देखा ,

वो मुस्करा रही थी , लेकिन एक हल्की सी शिकायत ,. बिन बोले ,

' रुक क्यों गयी "

और जहाँ जीभ थी , वहां अब मेरी मंझली ऊँगली घुस गयी ,

थोड़ी देर आगे पीछे , गोल गोल , सिर्फ एक पोर ,. और फिर सीधे जी प्वाइंट पर ,

मेरे होंठों ने उसके मुस्कराते गुनगुनाते होंठों को दबोच लिया

और अब मैं किस नहीं कर रही थी ,

कस कस के उन कुंवारे दर्जा आठ वाले होंठों को चबा रही थी , खा रही थी , मेरी जीभ उस के मुंह में पूरी तरह अंदर घुसी हुयी

मेरा हाथ क्या कोई मर्द किसी लौंडिया की चूँची दबाएगा , उस तरह उसे रगड़ मसल रहा था ,

तीन बार मैं उसे झाड़ने तक ले गयी लेकिन झड़ने नहीं दिया ,.

पांच मिनट बाद मैं उसके ऊपर बैठी , मेरी गुलाबो सीधे उसके होंठों पर , और अब वो चुसुक चुसुक चूस रही थी ,

मुझे अब कोई जल्दी नहीं थी , मैंने उसके हाथ खोल दिए थे , उसका सर पकड़ के मैंने उस नयी बछेड़ी को गाइड कर रही थी , सिखा रही थी

मेरी गुलाबो में वो अपनी जीभ कैसे डाले , कैसे जीभ गोल गोल घुमाये ,

एकदम क्विक लर्नर थी वो ,.

पौन घंटे बाद जब मौसी जी मेरे पास आयीं , हम दोनों अभी भी चिपके थे ,

वो मुझे चूस चूस कर दो बार झाड़ चुकी थी , दो बार वो खुद भी झड़ी थी

और जब मौसी जी आयी तो मैंने उसके चेहरे को फिर से सरका कर बजाय आगे के पीछे वाले छेद पर सेट कर दिया था ,

वहां भी वो चुसुक चुसुक कर ,.

घण्टे भर बाद पार्टनर बदल दिए गए ,

अब मेरे पास जो लड़की आयी इनकी ममेरी बहन की उम्र वाली , इंटर वाली , वो इस मजे से अपरचित नहीं थी ,

अबकी मैं सोफे पर बैठी रही , और वो नीचे से मेरी दोनों जाँघों के बीच बैठकर धीमे धीमे चूस रही थी ,

फिर थोड़ी देर में हम दोनों बेड पर थे 69

उसके बाद इंटरवल , . . एक से एक ड्रिंक्स , व्हिस्की , वाइन ,
मैंने एक मस्त आइडिया दिया , बैटल आफ लूजर्स

उन कलियों की चार जोड़ी बनाई गयी , 69

जो पहले झड़ा वो हारा , चार हारी हुयी लड़कियों की दो जोड़ी , और फिर फाइनल , जो हारेगी , उसपर पहले राउंड की जीती चारों लड़कियां , कुछ भी कर सकती हैं , पन्दरह मिनट तक , . अगवाड़ा पिछवाड़ा कुछ भी ,

खूब मस्ती हुयी , मैंने जिसे ट्रेंड किया था वो फर्स्ट राउंड में तो हार गयी लेकिन सेकंड राउंड में बच गयी।

पक्की लेस्बियन रेसलिंग ,

और इंटरवल के बाद फिर से एक बार

उस रात चार लड़कियों के साथ , दो तो कबुतरियों के ही उमर की थीं , एक गुड्डी की और एक मिसेज मोइत्रा की कबुतरियों से भी छोटी ,.

और मजा वो भी ले रही थीं , . सुबह सात बजे तक ,

अगर एक बार वो कबूतरियां दोनों चुग लेंगी तो हम सब को भी मजा ,

अरे सिर्फ मैं ही नहीं , सुजाता भी कन्या रस की प्रेमी थी और सबसे बढ़कर मिसेज खन्ना हम सब की नेता , वो तो ऐसे रगड़ रगड़ कर लेंगी दोनों की ,.

कबूतरियां और जाल

अगर एक बार वो कबूतरियां दोनों चुग लेंगी तो हम सब को भी मजा ,

अरे सिर्फ मैं ही नहीं , सुजाता भी कन्या रस की प्रेमी थी और सबसे बढ़कर मिसेज खन्ना हम सब की नेता ,

वो तो ऐसे रगड़ रगड़ कर लेंगी दोनों की ,.

तो मम्मी की बात में दम तो था

और ये तय हुआ की आज इनके आफिस जाने के बाद करीब तीन बजे मैंने सुजाता को बुला लूँ ,

सुजाता को तो आप सब जानते ही हैं ,एकदम मेरी पक्की सहेली , हम लोगो के क्लब की ' बेबी ,यंगेस्ट ' ५-६ महीने पहले ही शादी हुयी है, इनकी मुंहबोली साली

लेकिन सबसे बढ़कर मम्मी की एकदम असली वाली बेटी बन गयी है वो।

अगर मुझसे ज्यादा मम्मी किसी को प्यार करती हैं तो सुजाता को। उनलोगों के हर मुद्दे में विचार भी मिलते हैं ,

और आज की मीटिंग में विचार का विषय था ,

मिसेज मोइत्रा की गोरी गोरी कबूतरियों को दाना कैसे चुगाया जाय ,

उन्हें संस्कारी से 'सुसंस्कारी' कैसे बनाया जाय

सुजाता ने जैसे ही अपने टैब पे ,

कॉलेज ड्रेस में दोनों कबूतरियों की फोटो दिखाई ,मम्मी की तो बस लार ही टपक पड़ी,

क्लास मेट्स के साथ थीं

गोरी चिट्ठी भरे बदन की किशोरियां,

आ रही जवानी के निशान साफ़ साफ़ उनदोनो की देह से छलक रहे थे ,चाहे गालों की लुनाई हो या हलके हलके गदराये जोबन के उभार,

लेकिन जब सुजाता ने अपने टैब में से वो फोटुएं दिखाई जिसने मुझे भी उसका मुरीद बना ,

दोनों के सीधे , ' खजाने ' की तस्वीर

बस हलकी हलकी आ रही सोने के तार ऐसी नयी नयी मुलायम झांटे और उन के बीच में एकदम चिपकी हुयी

मम्मी की तो हालत खराब हो गयी ,और मेरी भी।

अब आपरेशन की कमांड उन्होंने अपने हाथ में ले ली , और हम दोनों ,मैं और सुजाता उनकी लेफ्टिनेंट।

और वो इतना बड़ा बिजनेस इम्पायर चलाती थीं ,उनके लिए तो बस अब ये ,

एक स्ट्रेटेजिक मीटिंग हो गयी।

और उन्होंने अपना फेवरिट फार्मूला शुरू कर दिया ,

स्वाट ,स्ट्रेंथ ,वीकनेस, ऑपर्च्युनिटी ,थ्रेट।

और उनके पूछने के पहले ही सुजाता ने

स्ट्रेंथ गिनानी शुरू कर दी,

१. वो दोनों जिस कॉलेज में हैं ,अभी सुजाता उसकी इंचार्ज है और हेड मिस्ट्रेस के साथ ,दोनों कबूतरियों की क्लास टीचर ,

स्पोर्ट्स टीचर और काफी लोग ,सुजाता के इंटिमेट पर्सनल फ्रेंड हैं।

२. मिस्टर मोइत्रा अभी बाहर गए हैं और महीने दो महीने तक उनके आने का कोई चांस नहीं है। मिसेज मोइत्रा भी अभी शाक में हैं।

३. मिसेज मोइत्रा को अभी कोई शक भी नहीं है उनकी दोनों कबूतरियां हम लोगों के टारगेट पर हैं।

४. दोनों कबूतरियों के क्लास में काफ़ी लड़कियां ' फन लविंग ' हैं और उनका पियर प्रेशर काफी स्ट्रांग है।

वीकनेस गिनाने की जिम्मेदारी मेरी थी। थी भी मैं डेविल्स एडवोकट,

१ बचपन से ही मिसेज मोइत्रा ने उन्हें 'संस्कारी' बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है , फ़िल्में देखना तो दूर फिल्मों के बारे में बात भी करना वहां बुरा है।

२ दोनों के बिहैवियर पैटर्न में कोई भी चेंज होने से उन्हें शक हो जाएगा।

३ दोनों कबूतरियां सिर्फ कॉलेज के लिए बाहर निकलती हैं और फिर सीधे घर , फ्रेंड्स के घर भी महीने में एक दो बार ही वो भी पूछ कर और शाम को वापस।

४ ड्रेसेज भी वो दोनों बहुत ढीली ढाली पुराने फैशन की पहनती हैं , और उन का सिर्फ एक टारगेट है कालेज में टॉप करना।

सुजाता ने एक पल सोचा फिर ऑपर्च्युनिटीज गिनवाने लगी ,

१. घर के अलावा कॉलेज में ही उन दोनों का समय गुजरता है ,और वहां पर सुजाता का पूरा कंट्रोल है , इसका सबूत वो पिक्चर है जो चेंजिंग रूम के अंदर कैमरे लगवा के उसे इकट्टा की और उन दोनों कबूतरियों के पीरियड्स के डिटेल मेडिकल सेक्शन से लिए।

२ अभी मिसेज मोइत्रा के स्टार्स डाउन है तो पहले वो अपने ही डिफेन्स में रहेगीं , और जितना जल्दी हम लोग इस पीरियड में स्ट्राइक करें उतना अच्छा है।

३ मिसेज मोइत्रा कॉलेज के कंट्रोल बोर्ड में थीं और अभी भी है ,इसलिए उन्हें कॉलेज के लोगों पर पूरा भरोसा है। पर उन्हें पता नहीं की कॉलेज के लोगों को ये अच्छी तरह अंदाज लग गया है की पावर इक्वेशन अब एकदम चेंज हो गया है और अब टॉटल कंट्रोल सुजाता के पास है। दूसरे मिसेज मोइत्रा ने अपने राज में बहुत से लोगों को, स्पेशली स्पोर्ट्स सेक्शन और कई ' फन लविंग ' टीचर्स को अपना दुश्मन बना लिया है।

४ वो दोनों टॉप तो करना चाहती हैं लेकिन अभी तीसरे चौथे पर ही रहती हैं।

हम सबको आशा की किरणे दिखनी लगी ,लेकिन थ्रेट तो बताना ही था तो मैंने कुछ बोल दिया ,

१ अगर हम लोगों को कुछ देर हो गयी तो मिसेज मोइत्रा के डिफेंसेज स्ट्रांग हो जाएंगे ,

२ अगर दोनों कबूतरियों के संस्कारी से सुसंस्कारी बनने के दौरान उन्हें कुछ शक हो गया तो वो उन्हें बोर्डिंग में कहीं बाहर शिफ्ट कर सकती हैं।

और अब मम्मी की बारी थी ,लेकिन उन्होंने कुछ फैसला सुनाने के पहले एक सवाल सुजाता से पूछ लिया,

" उन दोनों कबूतरियों के क्लास में कोई 'सुसंस्कारी' लड़की है या , . "

उन का बाकी सुजाता की खिलखलाहट में डूब गया , और जब सुजाता हंसती थी तो बस हंसी के दौरे चालू हो जाते थे उसे। मुश्किल से रुकी ,

" आप भी न ,आज के जमाने में , . . लड़कियों की झांटे बाद में आती हैं लेकिन चार चार कंट्रासेप्टिव पिल के नाम उन्हें पहले याद हो जाते हैं। अरे आधी से ज्यादा उसने क्लास की लड़कियों की चिड़िया कब से उड़ रही है फुर्र फुर्र।

सिर्फ वही दोनों माहौल खराब कर रही है , लेकिन मैं आप की बात समझ गयी ,

एक लड़की है जो सुसंस्कारी ही नहीं परम सुसंस्कारी है , छंदा सेन. ड्रिंक ,ड्रग्स,स्मोक कोई चीज बची नहीं उससे /

एक साथ चार पांच आशिक रखती है ,

और सिर्फ लड़के ही नहीं , वो जेंडर डिस्क्रिमिनेशन में भी विश्वास नहीं रखती।

उसके क्लास की ही तीन चार लड़कियां उसकी सेविकाएं हैं।

कबूतरियों के क्लास में पिछले तीन साल से है , पास होती तो अब ग्रेजुएशन फर्स्ट ईयर में पहुँच जाती। "

मम्मी सुजाता की बाते बहुत ध्यान से सुन रही थी और उन के मन में कोई स्ट्रेटजी तैयार हो रही थी।​
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