Episode 38
छंदा सेन
और अब मम्मी की बारी थी ,लेकिन उन्होंने कुछ फैसला सुनाने के पहले एक सवाल सुजाता से पूछ लिया,
" उन दोनों कबूतरियों के क्लास में कोई 'सुसंस्कारी' लड़की है या , . "
उन का बाकी सुजाता की खिलखलाहट में डूब गया ,
और जब सुजाता हंसती थी तो बस हंसी के दौरे चालू हो जाते थे उसे।
मुश्किल से रुकी ,
" आप भी न ,आज के जमाने में , . . लड़कियों की झांटे बाद में आती हैं लेकिन चार चार कंट्रासेप्टिव पिल के नाम उन्हें पहले याद हो जाते हैं। अरे आधी से ज्यादा उसने क्लास की लड़कियों की चिड़िया कब से उड़ रही है फुर्र फुर्र।
सिर्फ वही दोनों माहौल खराब कर रही है , लेकिन मैं आप की बात समझ गयी ,एक लड़की है जो सुसंस्कारी ही नहीं परम सुसंस्कारी है ,
छंदा सेन.
ड्रिंक ,ड्रग्स कोई चीज बची नहीं उससे / लड़के एक साथ चार पांच आशिक रखती है , और सिर्फ लड़के ही , वो जेंडर डिस्क्रिमिनेशन में भी विश्वास नहीं रखती। उसके क्लास की ही तीन चार लड़कियां उसकी सेविकाएं हैं।
कबूतरियों के क्लास में पिछले तीन साल से है , पास होती तो अब ग्रेजुएशन फर्स्ट ईयर में पहुँच जाती। "
मम्मी सुजाता की बाते बहुत ध्यान से सुन रही थी और उन के मन में कोई स्ट्रेटजी तैयार हो रही थी।
सुजाता ने अपने टैब से छंदा की फोटो दिखा दी,
वाउ एकदम मस्त माल लग रही थी ,कैशोर्य की आखिरी पायदान पर , लेकिन मेरे मन की बात मम्मी ने कह दी ,
"मस्त है एकदम नम्बरी छिनार , तुम कह रही थी , दो बार फेल हो चुकी है ,इसी क्लास में ,. . "
" हाँ लेकिन शहर के सबसे बड़े बिजनेसमैन की एकलौती बेटी है ,उनके पोलिटिकल कनेक्शन भी बहुत हैं इसलिए , कालेज से, . "
मम्मी ने सुजाता के जवाब को आलमोस्ट इग्नोर करते दूसरा सवाल दागा ,
" तुम्हारी कुछ उस लड़की से जान पहचान है क्या ,. "
" हाँ है थोड़ी बहुत , मिली हूँ ,लेकिन जो उस की स्पोर्ट्स टीचर और टेनिस कोच है वो दोनों मेरी पक्की सहेलियां है और , उन दोनों से वो बहुत चीजें शेयर करती है। "
" ब्वाय फ्रेंड्स ,गर्ल फ्रेंड्स भी क्या , "
मैंने उत्सुकता से पूछा। पूछा तो सुजाता से ,लेकिन मम्मी की घूरती निगाहों ने मुझे चुप करा दिया।
उनका प्लान तैयार हो गया था ,कम से कम पार्ट प्लान ,
बहेलिये ने दाना फेंकने की तैयारी कर ली थी ,बस कबूतरियों को दाना चुगना बाकी था।
और मम्मी ने प्लान का पहला हिस्सा बता दिया ,
" क्या नाम बताया था तूने ,उसका ,हाँ छंदा ,
बस उसे पटा तू।
इस साल से तो उसके बजाय बोर्ड के इंटरनल एक्जाम होंगे न तो बस उसे प्रामिस कर की वो सिर्फ पास ही नहीं होगी बल्कि मार्क्स भी अच्छे आएंगे। वो ही लड़की चाभी है। मुझे मालूम है की उस की उन कबूतरियों से दोस्ती नहीं होगी ,
लेकिन ये जिम्मेदारी छंदा की है उन्हें पटाने की। दोनों कबूतरियां टेनिस भी खेलती हैं न ? "
सुजाता ने हामी भरी और ये भी बोला की बस सो सो हैं दोनों टेनिस में।
" तो क्या हुआ ये तो तुम्हारे हाथ में है , अगले तीन चार दिनों के अंदर किसी बाहर के शहर में टेनिस टीम भेजो
जिसमें दोनों कबूतरियां और वो छंदा जाएंगी।
मुझे मालूम है मिसेज मोइत्रा पहले हिचकिचाएंगी लेकिन उन्हें यही बोलना की साथ में स्पोर्ट्स टीचर और टेनिस कोच भी जाएंगी।
लास्ट मिनट पे स्पॉर्ट्स टीचर कैन ड्रॉप और कोच बजाय लड़कियों के साथ रुकने के कहीं और ,.
लेकिन ये ध्यान रखना होगा की शुरू में वो छंदा अपने को एकदम कंट्रोल में रखे और उनका ट्रस्ट जीते।
हाँ आखिरी दिन जितने के बाद जरूर एंड दे मस्ट विन , ऐट लीस्ट कम सेकेण्ड। हाँ अवॉर्ड में एक बात , गिफ्ट हैम्पर ,कूपन्स फार सम फैशनेबल ड्रेसज और छंदा उन्हें ज़रा ज्यादा 'सुसंस्कारी' ड्रेसेज उनसे दिलवा सकती है।
टेनिस के लिए ड्रेसज तो कालेज देगा न तो बस उनमें उनकी टेनिस बॉल्स ज़रा अच्छी तरह छलकनी चाहिए।
और टेनिस की जीत की ख़ुशी में तीनो बच्चियों का सोमरस का स्वाद लेना तो बनता है न. . और जीत की ख़ुशी शेयर करने के लिए दोनों का फेसबुक अकाउंट खुलना ,सोशल नेट्वर्किंग ज्वाइन करना , तो बस ' सुसन्कारी' होने का पहला पाठ शुरू।
मैंने और सुजाता ने बस ताली नहीं बजायी।
इतनी अच्छी ,तगड़ी प्लानिंग तो हम सोच नहीं सकते थे। हम दोनों बस मंत्रमुग्ध होकर उनकी ओर देख रहे थे।
लेकिन मम्मी ने आगे का स्टेप भी बता दिया,
" एक बार वो दोनों छंदा के चंगुल में फंस गयी तो उन्हें आगे भी बढ़ाना होगा।
तुमने क्या बताया था वो क्लास में फर्स्ट आना चाहती हैं न हाँ तो बस कॉलेज के बाद , एक एक्स्ट्रा क्लास , जिसमें दोनों कबूतरियों के साथ छंदा और चार पांच और छंदा की चमची सुसंस्कारी बच्चिया , अपने आप ढंग के गुण दोनों सीखने लगेंगी। "
इतनी जबरदस्त प्लानिंग न मेरे दिमाग में घुसती न सुजाता के।
मम्मी ने तो पूरा खाका ही बना के हम दोनों को दे दिया था और बस अब उसे इम्पलीमेंट करने की जिमेदारी हम दोनों की थी।
जाल बुना जा चूका था , बस दाना डालना था ,जाल फेंकना था और दोनों कबूतरियां जाल में।
कैशोर्यावस्था में पीयर प्रेशर से बढ़ कर कुछ नहीं होता , और बस मम्मी ने वही दांव खेला था
और फिर मिसेज मोइत्रा जो उन दोनों कबूतरियों की पहरेदार थीं ,उनकी निगाह से दूर , दूसरे शहर में ,
और छंदा जैसी खेली खायी होशियार लड़की पटानेवाली, .
मेरा और सुजाता का दूर दूर तक हाथ नजर नहीं आता , न मिसेज मोइत्रा को न दोनों कबूतरियों को।
लेकिन मम्मी का हाथ तो बार बार सुजाता के टैब से खेल रहा था ,
वो बार बार एक कबूतरी की बॉटमलेस पिक्चर को , जिसमें उसकी संतरे की फांकों ऐसी रसीली एकदम चिकनी , . एकदम चिकनी तो नहीं ,छोटी छोटी झांटे , केसर के फूल जैसी , ,.
तारीफ़ की नजर से उन्होंने सुजाता की ओर देखा और बोल उठीं ,
" ये मस्त पिक्चर कैसे खींची , "
मिसेज मोइत्रा की कबूतरियां और जाल
तारीफ़ की नजर से उन्होंने सुजाता की ओर देखा और बोल उठीं ,
" ये मस्त पिक्चर कैसे खींची , "
सुजाता मुस्करा उठी।
" सिम्पल , कॉलेज में सी सी टीवी लगने थे ,वो भी आई पी बेस्ड , और अब मैं इंचार्ज हूँ तो बस मुझे ही फाइनल करना था , सिक्योरटी एजेंसी भी मैंने नयी अप्वाइंट की थी , तो टेनिस कोर्ट के गर्ल्स लाकर रूम में , .
जहाँ लड़कियां स्पोर्ट्स ड्रेस में चेंज करती है , और इस कैमरे को ज़ूम भी कर सकते हैं , पोजिशन भी चेंज कर सकते हैं , रिमोट कंट्रोल जो मेरे मोबाईल से भी आपरेट हो सकता है। इस कैमरे का कंट्रोल सिर्फ मेरे पास है , बस। "
और कुछ देर में वो सिक्योरिटी वाला हमारे घर में था।
अब मैं समझ गयी क्यों वो आँख मूँद कर के सुजाता की सब बाते मानता था , मुश्किल से २१ -२२ का ,लेकिन हैकिंग से लेकर सरवायलेन्स हर चीज में एक्सपर्ट ,
और सुजाता को देखकर उसके मुंह में ऐसे पानी आ रहा था की बस ,
इस उम्र के लड़कों को पटाना ,अपनी ऊँगली पर नचाना ,सुजाता के बायीं ऊँगली का खेल था।
जो जो बातें मम्मी ने सुजाता को समझाई थीं ,सब सुजाता ने उसे बता दीं।
मिसेज मोइत्रा के पूरे घर में सरवायलेन्स किट , कैमरे , फोन पर टैप और ख़ास तौर पर दोनों कबूतरियों के बेड रूम का एक एक कोना और टॉयलेट , .
बहाना ये था की उनके घर में वाल्स में इलेक्ट्रिक करेंट लीक होने की शिकायत मिली थी ,इसलिए सभी दीवालें चेक करनी थी।
वो अपने मिशन में गया , और तबतक जो मैंने सिखा पढ़ा के उन्हें आफिस भेजा था ,उसका असर हो गया।
मिसेज मोइत्रा की चमची नंबर तीन का फोन आया ,
बस वो रो नहीं रही थी , क्या क्या माफियां नहीं मांगी उसने।
मिसेज मोइत्रा के खिलाफ पचास बातें , मेरी लिए कुछ भी करने को तैयार , बस बार बार एक बात , मैं उसे माफ़ कर दूं वो कुछ भी करेगी मेरे लिए , दस मिनट तक लगातार,.
मैंने स्पीकर फोन आन कर रखा था, मम्मी और सुजाता ने किसी तरह अपने को खिलखिलाने से रोक रखा था।
मैंने उन्हें ( चमची नंबर तीन को ) समझाया ,बताया , की मिसेज मोइत्रा हमारी सीनियर हैं , और अब मिस्टर मोइत्रा भी नहीं है यहाँ तो हमारी जिम्मेदारी बनती है ,मिसेज मोइत्रा का अच्छी तरह ख्याल रखने की ,उन्हें कंपनी देने की।
हम लोग एकदम भी मिसेज मोइत्रा के खिलाफ नहीं है बल्कि उनकी रिस्पेक्ट करते हैं।
वो थी तो चतुर चालाक ,एकदम लोमड़ी। मेरी बातों का असली मतलब समझ गयी और अपना रोल भी।
एक घंटे के अंदर सुजाता के दीवाने उस सिक्योरिटी वाले ने कन्फर्म कर दिया कैमरे और स्पीकर फोन लग गए।
और उसका सबुत भी मिल गया ,सुजाता के फोन पर वो चमची नम्बर तीन , दिख रही थी ,
कब मिसेज मोइत्रा के घर गयी ,क्या क्या बातें की उन लोगो ने ,
सब की सब जैसा मैने उसे सिखाया था , यहाँ तक की दोनों कबूतरियों के कमरे में भी वो गयी और उन के बाथरूम में भी ,
कैमरे में सब कुछ कैप्चर हो रहा था। इसी के साथ कैमरे ,वायस टेप भी चेक हो गए।हम तीनो ने हाई फाइव किया।
अब कबूतरियों का हर पल हमें पता लग सकता था , और उनकी माँ का भी.
लेकिन सबसे ज्यादा ख़ुशी इस बात की थी की वो चमची नंबर तीन मिसेज मोइत्रा की ख़ास चमची , अब एकदम टर्नराउंड कर गयी थी।
और उससे भी बड़ी बात थी की वो एकदम चतुर चालाक सुजान थी ,
और मिसेज मोइत्रा को भनक भी नहीं लगने वाली थी की कब उनके पैरों के नीचे से जमीन सरक गयी।
यही तो हम सब चाह्ते थे और हमसे बढ़कर मिसेज खन्ना।
मम्मी और सुजाता कुछ गन्दी गन्दी बातें करने लगी लेकिन मेरा दिमाग कहीं और लगा था ,
मैंने उन्हें चमची नंबर १ और दो के हबीज के बारे में मसाला दिया था ,इसके बारे में तो मेरी बॉबी जासूस ने कुछ किया ही नहीं था ,तो ये कैसे मेरी चरणों की दासी पूरी भक्त हो गयी।
और तभी फोन घनघनाया।
उन्ही का था ,आफिस से और सारा मामला शीशे की तरह साफ़ हो गया।
चमचा नंबर तीन
और तभी फोन घनघनाया। उन्ही का था ,आफिस से और सारा मामला शीशे की तरह साफ़ हो गया।
ये मैदान उन्होंने ही मारा था।
चमची नम्बर तीन के
'उनको ' मेरे ' उन्होंने ' आफिस में तलब किया ,उसकी पैंट उतार ली ,
और अगर मम्मी की शब्दावली में कहूँ तो बस बिना तेल लगाए उन्होंने , उसकी गांड मार ली।
पहला ऑफर उन्होंने दिया , ट्रांसफर का जहाँ मिस्टर मोइत्रा गए हैं ,दंडकारण्य में , लेकिन उसे यहाँ फेमिली रखने की परमिशन नहीं मिलेगी ,अपनी मिसेज को भी ले जाना होगा और रहने के लिए सिर्फ एक पोटा केबिन है बिना टॉयलेट के।
टेबल पर उन्होंने तीन फाइलें भी रखी थी ,जो चमची नम्बर तीन के वो डील करते थे।
चमचा नंबर ३ मिस्टर मोइत्रा , बल्कि मिसेज मोइत्रा का ख़ास था , . और उसकी बीबी तो , . . एकदम मिसेज मोइत्रा से क्लब में ,.
यहाँ तक की उससे दो दो तीन तीन रैंक सीनियर लोगों की बीबियां पहले उसे नमस्ते करती थीं।
उस दिन , जब लेडीज क्लब की सैक्रेटरी का सेलक्शन होना था , सबसे ज्यादा वही ,.
जो न्यूट्रल वोट थे उन्ही लेडीज के बीच में बैठ के , किसी की हिम्मत थी जो उस की बात टालें ,.
और उस को तोड़ने में उन्हें सबसे ज्यादा मेहनत करनी पड़ी , जिस तरह मैंने चमचा नंबर १ और २ का पत्ता काटा था , वो कोई भी ट्रिक नहीं चली।
एक तो वो टूर पर नहीं जाता था , तो होटल के बिल में कोई गड़बड़ी का कोई सवाल नहीं था ,
फिर उस का उस की बीबी का चमची नंबर ३ का अकाउंट , पैन नंबर आधार फोन नम्बर से लिंक कर के अकाउंट चेक किये , एकदम महीने की सैलरी से एक नया पैसा , सारा अकाउंट सैलरी अकाउंट से मैच खाता था , लिविंग स्टाइल भी एकदम सिम्पल था ,
कहीं कुछ भी नहीं पता चल रहा था ,
लेकिन वो भी न ,. एकदम मेरी ऐसे बॉबी जासूस की संगत में रह कर , .
उन्होंने सोशल मिडिया खंगालना शुरू किया , चमचा नंबर एक का तो कोई फेस बुक या कोई भी सोशल मीडिया में था ही नहीं पर ,
चमची नंबर ३ के फेसबुक पेज पर उसकी लड़की दिखी , और फिर उन्होंने उसी को पकड़ा , . आज कल के लड़के लड़कियों का फेसबुक पेज न हो ,. .
बस उस के फेसबुक पेज से पता चला की वो लड़की देहरादून के मशहूर बोर्डिंग में पढ़ती है , और उस के पेज पर , एक से एक पिक्चर्स , लाइफ स्टाइल वाली ,
११ वी में पढ़ती थी , कबुतरियों से साल भर बड़ी ,.
और फिर उन्होंने कॉलेज से पता किया की फ़ीस किस अकाउंट से जाती है , क्योंकि चमचा नंबर ३ के अकाउंट में उसका कोई जिक्र नहीं था ,
यूरेका ,
और कॉलेज से अकाउंट पता चल गया , और उन्होंने एक खोजी को लगा कर उस अकाउंट को खंगाल लिया
कुछ क्लियर नहीं हो रहा था ,
उस अकाउंट में हर महीने कई बार कई बड़ी रकम , २० से ५० लाख तक जमा हुयी , लेकिन हर महीने नहीं , कभी कई महीने कुछ भी नहीं , . और कोई पैटर्न नहीं था एक बार कम
लेकिन जमा होने के दस पन्दरह दिन के अंदर उस अकाउंट से ७० से ७५ % दो तीन अलग अलग एकाउंट में ट्रांसफर हो जाता था ,
तभी उन का दिमाग ठनका ,
हाई वैल्यू टेंडर , मिस्टर मोइत्रा कमेटी के चेयर मैन थे , टेंडर कमेटी के पेपर भी यही चमचा नंबर ३ चेक करता था ,
उन्होंने पिछले साल भर के टेंडर कमेटी की मीटिंग की डेट्स निकाली और फाइनल अप्रूवल के भी ,
उस की एक्सल शीट बनाई और उस एकाउंट से मैच कराया
एकदम मैच कर गया ,
अमाउंट भी
टेंडर अमाउंट का १० % जमा होता था , दो बार , . पहली बार मीटिंग के बाद , जब टेंडर का स्टेटमेन्ट बन जाता था और मेजर अमाउंट जब मिस्टर मोइत्रा अप्रूव करते थे उसी दिन ,
२५ % चमचे के अकाउंट में बचता था बाकी , साफ़ था मिस्टर मोइत्रा
उन्होने आधे घंटे और खुरपेंच किया ,
चमचा नंबर की तीन की लड़की के बारे में और पता किया ,
उसे कॉलेज के हॉस्टल में एक बार ड्रग के लिए वार्निंग मिल चुकी थी और के बार लेट आने के लिए , उस के फेस बुक पेज से उस के दोस्तों के बारे में पता कर के उन की भी हालचाल उन्होंने पता किया
पहले तो वो हिलने को तैयार नहीं , न किसी टेंडर के बारे में,
तो उन्होंने उस की उस ग्यारह में पढ़ने वाली लड़की की फोटो उस के सामने रखी , .
हॉट पेंट में वो एकदम हॉट लग रही थी , टाइट टॉप में बूब्स एकदम छलक रहे थे ,
" कौन है , . " उन्होंने थानेदार की तरह कड़क के पूछा ,
' मेरी बेटी " उसी तरह तन कर अकड़ कर वो बोला ,
" ये किधर से पैसा उगलती है , आगे से या पीछे से , . . "
उन्होंने बहुत ठंडी आवाज में पूछा।
गुस्से से चमचे नंबर ३ का चेहरा तमतमा गया ,.
लेकिन वो कुछ बोलता , उसके पहले उन्होंने उस लड़की के नाम के सारे बैंक स्टेटमेंट आगे कर दिया
" कौन है , . " उन्होंने थानेदार की तरह कड़क के पूछा ,
' मेरी बेटी " उसी तरह तन कर अकड़ कर वो बोला ,
" ये किधर से पैसा उगलती है , आगे से या पीछे से , . . " उन्होंने बहुत ठंडी आवाज में पूछा।
गुस्से से चमचे नंबर ३ का चेहरा तमतमा गया ,. लेकिन वो कुछ बोलता , उसके पहले उन्होंने उस लड़की के नाम के सारे बैंक स्टेटमेंट आगे कर दिया
" कहाँ से , किस चीज के लिए कौन देता था इसे ये पैसा , . नाम तो इस एकाउंट में इसी का लिखा है , और बाप का नाम तेरा , . पैन कार्ड आधार कार्ड भी मैच कर रहा है ,. "
ये अकाउंट उसकी की ओर सरकाते बोले , .
थोड़ा उसकी कड़क कम हुयी , पर उसने फिर कुछ जवाब देने की कोशिश की , लेकिन उनके पास और हथियार थे , .
" और ये पैसा किस अकाउंट में जाता था , . ये भी डिटेल है हमारे पास ,. "
एकदम झूठ , . ये उनके पास नहीं था लेकिन उन्होंने अंधेरे में तीर चलाया जो चल गया।
" और सबसे बड़ी बात नेट बैंकिंग से उस लड़की ने ही ट्रांजैक्शन किया है , सिम भी उसी के नाम की रजिस्टर्ड है , के वाई सी भी उसी की है। "
ये भी अँधेरे में तीर था जो फिर चल गया .
अब उस चमचे की हालत खराब , लेकिन ब्रम्हास्त्र अभी बाकी था , .
" ये तीन फाइलें देख रहे हो , जिस दिन कांट्रैक्ट हुआ उसी दिन तेरी उस बेटी को पैसा मिला , . मैंने उन कम्पनीज से बात कर लिया है , . तीनो प्रॉडक्ट डिफेन्स कांट्रैक्ट के थे। मैं चाहता तो नहीं था , लेकिन मुझे बताना पड़ा , अब इ डी के लोग इंक्वायरी कर रहे हैं , . आपका नाम तो कहीं नहीं था , लेकिन ये अकाउंट आपकी पुत्री के नाम है इसलिए अब ई डी उसी से पूछताछ करेगी , आज रात को ही शायद पूछताछ के लिए ले जाएंगे , मुझे मालूम है वो अभी बालिग़ नहीं है। इसलिए जेल तो नहीं ले जाएंगे पर जुवेनाइल होम में रखेंगे , और पांच छह दिन तो कम से कम , . नेशनल सिक्योरटी का मामला है ,. मैं बीच में नहीं पड़ने वाला , . मैं तो चाह रहा था , तुम्हारी बेटी मेरी बेटी , लेकिन ,. "
उस की हालत खराब , तभी मिसेज डिमेलो आयीं , उस का चमचे का फोन लेकर
"इनकी बेटी का फोन है , बहुत परेशान है , इनसे बात करना चाहती है। "
कोई भी मिलने आता था तो पहली बात तो मिसेज डी मेलो के कमरे से होकर , दूसरे उसे अपना मोबायल वहीँ छोड़ना पड़ता था ,
स्पीकर फोन नहीं ऑन था लेकिन लड़की के सुबकने की तेज तेज आवाज आ रही थी , ये साफ़ साफ़ पता चल रहा था की उसे बोला गया है की वो हॉस्टल से बाहर नहीं जा सकती है , और शाम को छह साढ़े बजे एक सिक्युरिटी की टीम और दिल्ली से आये कुछ आफिसर उससे इंक्वायरी करने आएंगे , हो सकता है उसे इंक्वायरी के लिए बाहर भी ले जाएँ ,
मिसेज डी ने और आग में घी डाला . आज कल कहने को जुवेनाइल होम , अरे सब रंडियों को पकड़ के उसमें रखते हैं और उस के साथ लड़की को ,. . एक रात में ही ऐसी दुर्गत कर देंगी बेचारी की , और जमानत भी कल परसों छुट्टी है ,
लड़की के सुबकने की आवाज और तेज हो गयी।
मिसेज डी मेलो ने उसके हाथ से फोन छीन लिया और वापस अपने कमरे में चली गयीं।
अब वो एकदम टूट गया ,
वहीँ फर्श पर बैठ कर सुबकने लगा ,
लेकिन इन्होने जानबूझ कर उसकी ओर अब ध्यान नहीं दिया , वो कोई फ़ाइल करने लगे फिर फ़ाइल ,
बीच बीच में वो चमचा नंबर तीन बोलने की कोशिश करता लेकिन ये उसकी बात पर ध्यान नहीं दे रहे थे ,
तभी मिसेज डी मेलो ने बोला , इ डी के ज्वाइंट डायेक्टर का फोन आया है ,
उन्होंने फोन उठा के बोल दिया , " थैंक्स सो मच , मेरे ख्याल से हमारे इंटरनल इन्वेस्टिगेशन से काम चल जाएगा , कोई सिक्योरटी के इसुज नहीं लग रहे हैं , नहीं नहीं उस लड़की को , अच्छा आप लोग पंहुच गए हैं , . नहीं नहीं , हम लोग रिजॉल्व कर लेंगे , मैं आधे घंटे में बात करूंगा , . और नहीं होगा तो फिर आप के मेथड्स है मैं नहीं रोकूंगा। पर अभी कुछ मत करियेगा , मैं आधे घंटे में फोन करूंगा। "
उस के जान नहीं बची थी , अब एक बार खड़ा हो के सिर्फ हाथ जोड़े , .
और उन के फोन रखते ही वो चालू हो गया ,.
" नहीं नहीं सर , उस लड़की की कोई गलती नहीं है , वो सब मैंने ही , वो सिम मैंने ही उसके नाम से , वो अकाउंट भी मैं ही आपरेट करता था ,.
इन्होने रिकार्डिंग ऑन कर रखी थी ,
पता ये चला की मिस्टर मोइत्रा का कुछ खास हाथ नहीं था , ये टेंडर के पहले मिसेज मोइत्रा के साथ मिल कर , . पार्टी भी उसी के साथ , मिसेज मोइत्रा से ,. . और रात में मिसेज मोइत्रा मिस्टर मोइत्रा को इंस्ट्रकशन देती थीं , उसी तरह टेंडर पेपर बनते थे , . और पैसा उस अकाउंट में ट्रांसफर हो जाता था , जो उस लड़की के नाम से था , फाइनल पेमेंट होने के बाद , . ये खुद नेट बैंकिग से ५ अकाउंट बेनामी थे , जो मिसेज मोइत्रा के लिए वही आपरेट करता था ,
इन्होने उसके फोन से वो सारे नेट बैंकिग के फोन एकाउंट चेक करवाए , . सब बातें उसकी सही थीं , . फिर उससे फोन लेकर सारे नेट बैंकिंग के पासवर्ड चेंज किये , फेवरिट क्वेस्चन चेंज किये , अब मिसेज मोइत्रा उसे एक्सेस नहीं कर सकती थीं , न ही वो चमचा एक्सेस कर सकता था ,
फिर आधे घंटे तक वो गाता रहा , मिसेज मोइत्रा की बेनामी प्रापर्टी के सारे डिटेल्स , किस कम्पनी से क्या डील्स होती थीं ,
उन्होंने फोन उठा का इ डी को फोन किया
नहीं उस लड़की से पूछताछ की जरूरत नहीं , हाँ वो लोग बड़ी रिगरस इंटरनल इंक्वायरी करेंगे , उस लड़की से भी वो खुद पूछताछ करेंगे , बस हफ्ते भर के अंदर , हाँ इ डी क्वेश्चनेयर भेज दे तो वो उस खुद लड़की से सवाल पूछेंगे , वीडयो रिकार्ड ई डी को दे देंगे , अब उसे गिरफ्तार करने की जरूरत नहीं।
वो चमचा उन के पैर पर गिर गया।
असल में कोई इ डी था ही नहीं ,
दोनों बार फोन पर दूसरी ओर कोई नहीं था , सिर्फ मिसेज डी मेलो ने रिंग करके उन्हें बोला था ,
उस लड़की के हॉस्टल में भी मिसेज डी मेलो ने किसी के जरिये बस एक फोन करवाया था , .
अब वो पूरी तरह टूट गया थाऔर उसे लगा की उसकी बेटी को इन्होने ही बचाया , . हाँ ये इन्होने बोला की हफ्ते भर के अंदर अपनी बेटी को बुला दे , एक दिन वो अच्छी तरह से पूछ ताछ करेंगे , जिससे फ़ाइल बंद हो।
उसने तुरंत हाँ कर दी , और मिसेज मोइत्रा की एक एक बात ,
लेकिन उन्होंने उसे समझा दिया , सब मामले वो सम्हाल लेंगे , लेकिन ,.
उनके कहने के पहले ही एक बार फिर वो नतमस्तक हो गया
नहीं सर , एकदम नहीं सर आप मेरी ओर से मैडम से भी माफ़ी मांग लीजियेगा , . मेरी वाइफ ने , मिसेज मोइत्रा के चक्कर में ,. .
वो एकदम ,.
और उन्होंने आखिरी चमचा भी तोड़ लिया था और अब मिस्टर और मिसेज मोइत्रा का एक एक राज उनके कब्जे में था ,.
बस वो दंडवत हो गया।
मिस्टर मोइत्रा के बारे में क्या क्या गाना नहीं गाया उसने। और ये भी की हर चीज के पीछे असल में मिसेज मोइत्रा थीं।
खुशखबरी
अब वो पूरी तरह टूट गया थाऔर उसे लगा की उसकी बेटी को इन्होने ही बचाया , . हाँ ये इन्होने बोला की हफ्ते भर के अंदर अपनी बेटी को बुला दे , एक दिन वो अच्छी तरह से पूछ ताछ करेंगे , जिससे फ़ाइल बंद हो।
उसने तुरंत हाँ कर दी , और मिसेज मोइत्रा की एक एक बात ,
लेकिन उन्होंने उसे समझा दिया , सब मामले वो सम्हाल लेंगे , लेकिन ,.
उनके कहने के पहले ही एक बार फिर वो नतमस्तक हो गया
नहीं सर , एकदम नहीं सर आप मेरी ओर से मैडम से भी माफ़ी मांग लीजियेगा , . मेरी वाइफ ने , मिसेज मोइत्रा के चक्कर में ,. .
वो एकदम ,.
और उन्होंने आखिरी चमचा भी तोड़ लिया था और अब मिस्टर और मिसेज मोइत्रा का एक एक राज उनके कब्जे में था ,.
बस वो दंडवत हो गया।
मिस्टर मोइत्रा के बारे में क्या क्या गाना नहीं गाया उसने। और ये भी की हर चीज के पीछे असल में मिसेज मोइत्रा थीं।
उन्होंने ये भी बोला की एक घण्टे बाद उन्होंने बाकी दोनों चमचियों के हसबैंड को भी बुलाया है।
बस मैने ताली नहीं बजायी लेकिन इसके बदले में मैंने उन्हें भी एक खुशखबरी सुनाई ,
" मेरे पास उससे भी बड़ी एक खबर है ,असली खश खबर। "
और साथ में मैंने वार्न भी कर दिया ,
"खुश खबर तो है लेकिन ये नहीं की तुम आफिस में ही मारे ख़ुशी के जिप खोल के अपना खूंटा निकालो और वहीँ मुट्ठ मारने लगो।
लेकिन असल में खबर है ऐसी ही। "
उत्सुकता के मारे उनकी हालत खराब हो गयी।
" बोल न क्या बात है। "
उनके पूछने में भी ख़ुशी छलक रही थी।
और मैंने उनको साफ़ साफ़ सुना दिया ,
" मेरी छिनार सास, तुम्हारी सास की चूतमरानो समधन और तुम्हारी बेटाचोद,. आज से ठीक २२ दिन बाद यहाँ आएँगी।
और बचने का उनका कोई चांस नहीं है , तेरी सास खुद जाके उन्हें ले आएँगी , तारीख भी पक्की हो गयी है।
आज से ठीक २२ दिन बाद। "
ख़ुशी उनकी आवाज से झलक रही थी और थोड़ा बहुत अविश्वास भी था।
" सच्ची , मैं मान नहीं सकता। "
उनकी आवाज से उनकी हालत का अंदाज लग रहा था।
मैंने स्पीकर फोन आन कर रखा था ,सुजाता ,उनकी सास सब उनकी आवाज सुन रहे थे।
कहो तो मैं उनकी पूरी रिकार्डिंग सुना दूँ , अरे उनकी बिल में सुबह की तेरी सास की बातें सुन के इतने मोटे मोटे चींटे काट रहे थे। उनका बस चलता तो,
लेकिन अभी तो उन्हें तीरथ पे जाना है , गंगा नहाना है , तो ,.
बस अभी कुछ दिन बाद जब हम तेरे मायके जाएंगे और तेरी उस मस्त ममेरी बहन से तेरा संगम हो जाएगा न और उस को ले के हम यहाँ आएंगे बस , उसके ठीक दस दिन बाद मम्मी जाएंगी अपनी समधन के पास ,
और उन्हें अगले दिन ले आएँगी ८-१० दिन के लिए यहाँ ,. "
मैंने हाल खुलासा सुना दिया।
सुजाता और मम्मी किसी तरह अपनी खिलखिलाहट दबा रही थीं।
गणित तो उनकी तेज थी ही , उन्होंने झट से तारीख भी बता दी। और ये भी की उस दिन शुक्रवार है और उसके बाद एक लांग वीकेंड भी,.
" एकदम अभी से लाल निशान लगा दो उस तारीख पे। ये सोचो की मम्मी ने अबकी उन्हें फोन नहीं किया था ,खुद उनका फोन आया था , और खुद उन्होंने मम्मी से बोला। एक बात और ,मम्मी ने अभी से उनसे साफ़ साफ़ बता दिया है की जिस रात वो यहां आएँगी , उस रात, रात भर उनकी ओखली में खूब मूसल चलेगा , और यहाँ तेरे अलावा तो कोई और मूसलचन्द तो है नहीं ,,. जानते हो क्या जवाब दिया मेरी छिनार सास ने , "
मैंने और आग लगाई।
" क्या बोला , बोलो ,. "
मम्मी की ट्रेनिंग का या चिढाने का अब उन्हें कोई भी झिझक नहीं लग रही थी ,बल्कि उत्सुकता से वो परेशान थे।
" यही की पास में ओखली हो तो मूसल से क्या डरना ,और इतने मूसल चल चुके हैं है तो एक और सही। "
और सुजाता ,मम्मी अब अपनी हंसी नहीं रोक सकी।
बिचारे के पास फोन बंद करने के अलावा कोई चारा नहीं था
लेकिन रखने के पहले उन्होंने बता दिया की आज आफिस से वो थोड़े लेट आयँगे आठ साढ़े आठ तक।
वो मुझे अंदाज था ही इत्ते दिन बाद आज वो गए थे ,
फिर मिस्टर मोइत्रा का भी काफी काम उनके पास और सबसे बढ़ के चमचियों के हस्बैंड्स को आज उन्हें ठिकाने लगाना था।
" कोई बात नहीं हम लोग पिज्जा आर्डर कर लेंगे। सुजाता भी है। "
मैंने जब तक उन्हें बताया , उन्होंने फोन रख दिया।
लेकिन उसके पहले मैंने वो बात कह दी ,जो मैं कहना चाहती थी और वो सुनना चाहते थे ,