Episode 51
तबतक कोई मुझे ढूंढते हुए आ गया , शादी की आगे के रस्मों की तैयारी के लिए।
" मिलती हूँ जीजू ,ब्रेक के बाद '
उनकी शरारतों का १०० गुना जवाब देने का प्लान मेरे दिमाग में पक रहा था।
आने दो उन्हों शादी के लिए मण्डप में ,हम सब मिल के सारे बरातियों की ,
फिर कोहबर में तो वो एकदम अकेले होंगे न , ससुराल का मजा आज उन्हें अच्छे से मिलेगा।
मंडप के मज़े
जैसे कोई बाहरी हमला होने पर सभी अंदरूनी ताकतें एकजुट हो जाती हैं , बस बरात आने पर घर में , . .
जो भाभियाँ पहला मौका मेरी और मेरी मौसेरी चचेरी फुफेरी बहनों के साया ,शलवार का नाडा खोलने में लग जाती थीं ,
गाने जो शादी के गानों से शुरू होते थे लेकिन थोड़ी ही देर में हम ननदों की ओर मुड़ जाते थे , फिर न कोई उमर न लिहाज और रतजगे के दिन तो कोई बचा नहीं चाहे कच्चे टिकोरे वालियां रही हो या मेरे जैसी तुरंत तुरंत शादी हुयी , सबकी नीचे वाले की न सिर्फ मुंह दिखाई हुयी बल्कि ऊँगली डाल के भाभियों ने गहराई भी नापी।
थी भी दर्जन भर से ऊपर चीनू की चचेरी , फुफेरी मोहल्ले की भाभियाँ , और सबकी नेता छंदा भाभी , तीन चार साल पहले ही शादी हुयी थी।
और सिर्फ हमारी भौजाइयां ही नहीं , मम्मी ,मौसियां मेरी चीनू की बुआ के पीछे , एक से एक गन्दी गालियां
और जो गालियां देने में भाभियाँ थोड़ा शर्माती झिझकती थीं ,उसके लिए बसन्ती नाउन को आगे कर देतीं थी ,हमारे नाउन की बहु होने के नाते भौजी ही लगती थी। सभी रस्में भी वही निभाती थी।
लेकिन उसका जवाब देने के लिए हम लोग चमेली को आगे कर देते थे , घर में काम करती थी लेकिन बेटी होने के नाते वो ननद लगती थी इसलिए हम लोगों का साथ देने आ जाती थी।
लेकिन आज सब एकजुट थीं।
जो छोटी लड़कियां थी हम लोगों के घर की उन्होंने अपना काम अंजाम दे दिया था। जीजू के घर की सारी लड़कियों का नाम उमर ,जो बरात में आयी थीं सबसे दोस्ती कर के और अब उनके सामने मिशन था जूता चुराने का।
हम सब जल्दी जल्दी तैयार हो रहे थे।
जीजू की कमजोरी मैंने भाप ली थी ,मेरे गदराये उभार।
लो कट चोली में मैंने उसकी गहराई की झलक तो उन्हें दिखा ही दी थी इसलिए अब मैंने एक बहुत टाइट सूट पहना , पीले रंग का सरसों के फूलों वाले , उभारों पर इसकी फिटिंग एकदम टाइट थी , कटाव उभार कड़ापन सब कुछ दिखता था और आफ कोर्स एक हाफ पुशअप ब्रा उसे और उभार रही थी।
चुन्नी मैंने डाली जरूर थी लेकिन एकदम गले से चिपका कर।
मेरी सारी बहने ,भाभियाँ ,मौसियां ,मम्मी ,बसन्ती और चमेली सब लोग मंडवे में बैठ गए थे।
लेकिन सबसे आगे छंदा भाभी
ढोलक उन्होंने ही सम्भाल रखी , बगल में मैं और मेरे बगल में बसन्ती और उसके पीछे चमेली ( एकदम ऐसे वैसे वाले गानों के लिए ) पीछे लड़कियों भौजाइयों का झुण्ड ,मम्मी मौसियां बुआ लोग भी.
लेकिन टीम की सेंटर फारवर्ड कहें या ओपनिंग बैट्समैन या कप्तानी , ये जिम्मेदारी मेरे ही कंधो पर थी , एक तो मैं छोटी साली ,दूसरे अभी अभी शादी हुयी ,हनीमून से सीधे यहीं आयी इसलिए भौजाइयों का मानना था की मैंने भी ' खून चख लिया ' है इसलिए मैं भी एकतरह से उनकी ही बिरादरी में शामिल हो गयी हूँ।
फिर कमल जीजू से खाने के समय जो ' इंटरैक्शन ' हुआ , मैंने भी ठान लिया था ,आज इन सब की ऐसी की तैसी करनी है।
मुझे मालुम था न वो बुरा मानने वाले हैं न बाकी बरात वाले।
कमल जीजू आके बैठ गए ,जैसे कोई बैट्समैन सारे फील्डर्स का मुआयना करता है ,पिच को देखता भालता है बस उसी तरह और फिर उन्होंने सीधे मेरी आँखों में आंखे डाल के और फिर उनकी निगाहे सीधे मेरे टाइट कुर्ते को फाड़ते जोबन पे ,जैसे दो बरछी चुभ जाए वो असर हुआ उन पे।
और उन्होंने बिना इस बात की परवाह किये मेरी सारी भाभियाँ ,मम्मी ,मौसियां बैठी हैं अपने जीभ होंठो पर फिराई , एकदम साफ़ था वो क्या देख रहे हैं और क्या असर हुआ।
" चल गयी तेरी दुनाली ,बिचारा घायल होगया। "
संध्या भाभी ने मुझे चिढ़ाया।
मैंने कमल जीजू को जैसे दिखाते हुए अपनी चुन्नी ठीक की , उसे उभारो पर करने का नाटक किया लेकिन कमल जीजू ,नम्बरी दुष्ट ,बेशरम ,सबके सामने उन्होंने सर हिलाके आँखों से मुझे बरज दिया , और एक बार चुन्नी फिर उभारों से दूर गले से चिपक गयी।
संध्या भाभी ने तबतक ढोलक पर थाप देनी शुरू कर दी ,पीछे से लड़कियों ने भी ताली से साथ देना शुरू कर दिया ,
और मैंने जीजू के पाले में पहली गेंद डाल दी ,गाने शुरू हो गए ,
जीजू को देखते ,चिढाते मैंने शुरू कर दिया ,
" अरे स्वागत में गारी सुनाओ ,स्वागत में , अरे स्वागत में
अरे दूल्हे के तन पे सूट नहीं है ,अरे उसको उसको तो ,
( पहली लाइन मैं गाती और जवाब की लाइन सारी मेरी कजिन्स , भाभियाँ मिल के )
. अरे उसको तो साडी और ,अरे साडी और ब्लाउज पहनाओ।
अरे उसको तो चोली पहनाओ ,अरे उसको तो
( तब तक मम्मी ने एक लाइन जोड़ी ,
अरे उसके तन पर बंडी नहीं है , बंडी नहीं है
उसको तो ब्रा पहनाओ ,अरे उसको तो ब्रा पहनाओ )
अरे स्वागत में गारी सुनाओ ( मैं फिर चालू हो गयी ) अरे स्वागत में ,
दूल्हे के कलाई में घड़िया नहीं है , अरे उसको तो अरे उसको तो चूड़ियां पहनाओ।
तबतक झरर मार के ढेर सारी बरात वाली लड़कियां आगयीं और दूल्हे को घेर के बैठ गयीं।
पीछे से मेरी कजिन्स मुझे फीड बैक,.
वो फिरोजी फ्राक वाली ,नीतू है टेंथ अभी पास किया है।
जीन्स टॉप वाली उनकी मौसेरी बहन ज्योती ,बी ए सेकेण्ड इयर ,
उसके पीछे जो एकदम चिपक के बैठी है ,चोली लहंगे वाली मीता उनकी ममेरी बहन,
और मैंने गाना आगे बढ़ाया ,
अरे स्वागत में गारी सुनाओ , मेरी सखियों स्वागत में अरे स्वागत में गारी सुनाओ ,
अरे दूल्हे के संग में , अरे दूल्हे के संग में , अरे दूल्हे के संग में रंडी नहीं है,
दूल्हे की बहना नचाओ ,अरे नीतू और ज्योति को नचाओ।
अरे मीता छिनार को नचाओ ,नचाओ मेरी सखियों ,नचाओ मेरी बहनों ,
दूल्हे की बहना नचाओ।
( तबतक मुझे पीछे से मौसी और बुआ की डाँट पड़ गयी , तुझे खाली अपनी ननदों की फिकर है ,ज़रा हमारी समधन को भी तो ,मैंने जोड़ दिया )
अरे दूल्हा की अम्मा नचाओ ,अरे दूल्हे की बुआ नचाओ ,मेरी सखियों।
स्वागत में गारी सुनाओ।
तबतक दूल्हे के चच्चा ,ताऊ ,मामा ,फूफा ये लोग भी आगये और अब शादी की रस्में बस शुरू ही होने वाली थी।
और मैंने दूसरा गाना शुरू कर दिया ,लेकिन अब फोकस थोड़ा चेंज हो गया था
मैंने बन्ना गाना शुरू किया साथ में मेरी कजिन्स ,भाभियाँ ,बसंती सभी।
मेरा प्यारा बन्ना ,मेरा सुन्दर बन्ना।
बन्ने के सर पे सेहरा सोहे , अरे सेहरा सोहे
प्यारे बन्ने के सर पे सेहरा सोहे ,
अरे लोग कहें , अरे लोग कहें
( फिर मैंने एक मीनिंगफुल पॉज दिया , और सभी लोग रुक गए ,यहाँ तक की ढोलक की थाप भी ,
अरे लोग कहें मलिया का जना , बड़ी धूम डगर से आया रे बना
मैंने गाया और साथ में सबने दुहराया ,
अरे लोग कहें मलिया का जना , अरे मलिया का जना।
(मैंने गाना आगे बढ़ाया )
बड़ी धूम डगर से आया रे बना , बन्ने के तन पे सूट सोहे ,सूट सोहे टाई सोहे ,
अरे सूट सोहे , टाई सोहे ,
अरे लोग कहें , अरे लोग कहें बजजवा जना , अरे दरजी का जना।
बड़ी धूम डगर से आया रे बन्ना , बन्ने के पैरों में , अरे बन्नो के पैरों में
बन्ने के पैरों में जूता सोहे , जूता सोहे मोजा सोहे ,अरे लोग कहें
अरे लोग कहें , अरे लोग कहें मोचिया का जना , अरे मोचिया जना।
( पीछे से मौसी बुआ सब ,दूल्हे को चिढा चिढा के बोलने लगीं ,
अरे इसकी माँ किसके किसके पास गयीं ,
बिचारी को पता ही नहीं होगा उनका पेट किसने फुलाया )
लेकिन असली हथियार तो मैंने बचा रखा था , मैं फिर चालू हो गयी ,
" अरे बड़ी धूम डगर से आया रे बना , अरे धोबी की गली से आया रे बना ,
अरे लोग कहें , अरे लोग कहें ( अबकी मैंने बरज दिया था सबको कोई पूरा नहीं करेगा मैं ही बोली )
अरे लोग कहें गदहवा जना , अरे गदहवा जना।
फिर तो ये ठहाके लगे ,सब लोग बस यही अरे समधन की बड़ी कैपिसिटी है ,क्या ताकत है ,गदहे के साथ भी।
( लेकिन हमें क्या पता था की दो दिन बाद यही बात फिर से , . )
गारी , बड़ी प्यारी
मुझे लगा की अब जीजू की हालत खराब होगी लेकिन वो भी एक बार उन्होंने मुस्करा के मेरी ओर देखा , लेकिन
मुझे चिढाते हुए अपने एक दोस्त से कहने लगे , यार ये तो भजन मार्का गाना था। कुछ लोग बहुत कहते थे की उन्हें नान वेज पसंद है लेकिन यहाँ तो लहसुन प्याज भी नहीं,
संध्या भाभी इशारा समझ गयीं।
उन्होंने बसन्ती की ओर देखा ,चल शुरू होजा अपने लेवल पर ,असली देहाती गारी.
अब ढोलक मेरे पास आगयी ,बसन्ती जीजू को चिढा चिढा के गा रही थी और हम लोग साथ दे रहे ,
सारे बरात में आयी लड़कियों का नाम ले ले के।
चिट्ठी आय गयी सहर बनारस से ,चिट्ठी आय गयी
अरे दूल्हा बहन चोद ,अरे दूल्हा मादरचोद ,अरे कमल बहनचोद ,
चिट्ठी पढला की ना ,चिट्ठी बन्चला की ना ,
तोहरी बहनी छिनार , तोहरी ज्योति छिनार , तोहरी नीतू छिनार,
कइलीं हमरो भतार , कयलि भतरो के सार , कयलि लौंडन हजार
एक जाय आगे दूसर पिछवाड़े , बचल नाहीं कोई नौआ कहार।
चूत चुदवावे ,खूब मरवावे अरे मीता छिनार,अरे नीतू छिनार ,अरे ज्योति छिनार।
मुझे लगा की अब जीजू हारी मान जायँगे लेकिन वो तो एकदम , अब वो बिचारे तो ज्यादा कुछ बोल नहीं सकते थे शादी की रस्में शुरू हो गयी थीं तो उन्हें अपने दोस्तों से कुछ कानाफूसी की ,मुझे दिखा के
फिर तो वो सब मेरे पीछे पड़ गए।
" अरे बिचारा बॉलर ,दो ही ओवर में ,बॉलर चेंज कर दिया , रिटायर्ड हर्ट हो गया। "
एक ने बोला।
" कही बॉल तो नहीं उसकी . . घिस गयी ,"
दुसरे ने शक जाहिर किया।
" अरे बॉल तो उसकी एकदम मस्त है , देख नहीं रहे हो , एकदम न्यू बाल है, टनाटन .
लगता है कहीं गले में खराश आ गयी होगी। "
तीसरा मेरे उभारों को देख के छेड़ रहा था।
" अरे खराश का इलाज तो है अपने पास , वो स्पेशल मरहम सीधे गले के अंदर सफ़ेद क्रीम , स्पेशल वाली खूब गाढ़ी थक्केदार। बस एक बार लगवा लें तो बस गला एकदम नया ,तसल्ली बखश इलाज। "
पहला फिर से बोला।
जीजू मुझे देख के मुस्करा रहे थे, बरातियों का काउंटर अटैक।
और अब बरात में आयी लड़कियां भी चालू हो गयीं , चकर मकर।
पीछे से मेरी भौजाइयों ने काउंटर डिफेन्स करने की कोशिश की, उन्हें छेड़ा
"अरे लगता है अपनी बहनों के गले में अच्छी तरह से क्रीम लगाई है , तभी इतनी सुरीली आवाज निकल रही है इन सबकी। "
और हमारी ओर की लड़कियों की हंसी गूँज उठी ,लेकिन फिर से एक लड़का उधर से बोल उठा ,
" अरे भौजी , बस सबेरे आप की ननद को ले जाएंगे न , बस अगली सुबह पूछ लीजियेगा उन से क्रीम का हाल चाल।
कितनी बार ,कहाँ कहाँ ,उनसे बोलियेगा तो फोटो भी खीच कर व्हाट्सअप कर देंगी। "
और अब मीता, कमल जीजू की षोडसी बहन जो चोली और लहंगे में सबका जान मार रही थी और मेरे जीजू से एकदंडह से देह रगडती बैठी थी,बोली
" अरे हमारी नयी भाभी बिचारी अगर बहुत थकी ,लस्त पस्त होंगी तो उनकी उस वाली मुंह दिखाई की फोटो मैं व्हाट्सएप कर दूंगी ,
घबड़ाइये मत। एकदम क्लोज अप और उस स्पेशल क्रीम के साथ क्रीम के साथ। "
जीजू का एक और दोस्त बोल उठा ,
" अरे मीता कल की बात तो कल की रात।
स्पेशल ऑफर आज की रात , आज की रात ही आप में से जिन जिन को क्रीम चाहिए हाथ उठा के मांग ले ,
आज इस्तेमाल की कोई कीमत नहीं पैसा नहीं। पसन्द आये तो अपनी ननदों को भौजाइयों को रिकमेंड करिये , शर्तिया मजा आएगा,. .
और वो मीता वो चुप होने का नाम ही नहीं ले रही थी , उस लड़के की बात बीच में काट के बोली ,
" पक्की गारंटी , ठीक ९ महीने बाद आज से मेरे भैय्या के ससुराल में सोहर होगा , केहां केहां ,.
और एक बार फिर बरातियों की ओर से ठहाके गूंजने लगे।
जीजू ने मीता को बुला के कान में कुछ कहा , और मीता बाकी लड़कियों ,लड़कों के कान में कुछ कहने लगी।
मुझे लगा जीजू उसे हडका रहे होंगे , पर ,. .
इधर बसन्ती आँचल में अपनी हंसी दबाते छंदा भाभी से बोली ,
,
" अइसन बराती तो ना देखले रहनी "
" अरे बहुत दिन बाद आज तो मजा आ रहा है शादी में ,कोई जवाब देने वाला तो मिला वरना आज कल तो गारी शुरू होते ही बंद करा देते हैं। "
छंदा भाभी के चेहरे से ख़ुशी छलक रही थी।
जीजू के मन्त्र का असर चालू हो गया था , मीता ,नीतू ,ज्योती बरात की की सारी लड़कियां ,
" वी वांट साली " " वी वांट साली "
और अब जीजा के दोस्त भी चालू हो गए , एक ने मुझे देखते हुए उसमें जोड़ भी दिया ,
" वी वांट साली , पीले कुर्ते वाली , " वी वांट साली ,पीले कुर्ते वाली " सब मेरे पीछे पड़ गए।
और मैंने जीजू की ओर देखा तो वो तो और एकटक मेरी ओर देख रहे थे ,मुस्करा रहे थे ,एकदम दुष्ट बदमाश।
" चल सूना दे कोमल , इनलोगों की माँ बहन का हाल , अब अगर ये तेरे ही मुंह से सुनना चाहते हैं असली वाली। "
पीछे से एक भौजी ने मुझे ललकारा।
संध्या भाभी ने भी मेरी ओर उम्मीद से देखा और ढोलक अपनी ओर खींच लिया ,यानी फैसला हो गया।
ढोलक की जिम्मेदारी उनकी ,गाने की मेरी।
रोज हम दोनों अलग अलग टीम में होते थे वो भौजाइयों की टीम की लीडर और मैं ननदों की लेकिन आज एक साथ , पर रतजगे की बात और होती थी ,वहां सिर्फ औरतें लड़कियां होती थीं ,
और वो भी घर की तो वहां सब शर्म लिहाज भूल के मैं भी थोड़ा बहुत नान वेज गाने सीख गयी थी , पर यहाँ सब के सामने ,
और मैंने एक बार फिर कमल जीजू की ओर देखा , बहुत हलके से शरारत भरी मुस्कान के साथ फुसफुसाते से बोले ,
" प्योर नान वेज "
किसी और ने सूना हो न सूना हो लेकिन मैंने तो कान पारे हुए थे , सुन लिया।
मेरी और कमल जीजू की परफेक्ट ट्यूनिंग हो चुकी थी , मैं जीजू की बात कैसे टालती ,मेरे एकलौते हैंडसम सेक्सी जीजू ,
और मैंने गांडीव सम्हाल लिया , छंदा भाभी और बसन्ती से मैने फुसफूसा के बोला कौन वाला ,
और मैं चालु हो गयी।
चीनू अब आके उनके बगल में बैठ गयी थी।
उसने भी झुकी निगाह से मेरी ओर देख के सिग्नल दे दिया ,
संध्या भाभी की ढोलक की टनाकेदार थाप , पीछे से मेरी कजिन्स की ,भौजाइयों की तालियां और किसी ने मंजीरा भी सम्हाल लिया था ,
कामदानी दुपट्टा हमारा है ,कामदानी दुपट्टा हमारा है ,
अरे कामदानी दुपट्टा हमारा है ,कामदानी ,
दूल्हे की बहना ने ,अरे जीजू की बहना ने ,
मीता छिनार ने , अरे ज्योती छिनार ने ,
एक किया दो किया साढ़े तीन किया , कोरी चमार किया ,
हिन्दू * किया , तुरक पठान किया, अरे ,
अरे ९०० पण्डे बनारस के , अरे ९०० छैले लखनऊ के।
कामदानी दुपट्टा हमारा है अरे कामदानी ,
अब मौक़ा था हमारी ओर की लड़कियों का शोर करने का ,
" अरे बड़ी कैपेसिटी है इस गुलाबी लहंगे वाली की , मीता की ,९०० पूरे। "
बसन्ती ने मिर्च डाली ,
" अरे तो झांट आने के पहले से ही अपने भैया से मरवा रही है। बचपन की चुदक्कड़ है ये छिनार। "
लेकिन मीता बजाय बुरा मानने के खिलखिला रही थी , हंस के मुझसे बोली ,
" अरे तभी तो आपकी चीनू दी को लेजारही हूँ , बस परसों सुबह उनकी कैपिसिटी पता चल जायेगी ,
सबेरे सबेरे फोन कर के जरूर पूछियेगा। "
मैं समझ गयी थी ये इत्ती आसानी से नहीं मानने वाली है , मैंने गाना आगे बढ़ाया ,
कामदानी दुपट्टा हमारा है ,अरे कामदानी ,
मीता छिनार ने ( मीता चूतमरानो ने ,बंसती ने जोड़ा ) नीतू छिनार ने अरे एक किया दो किया साढ़े तीन किया ,
अरे ९०० भंडुए कानपुर के ( मीता कानपूर की थी ) अरे ९०० गँड़ुये कानपुर के
कामदानी दुपट्टा हमारा है।
मुझे लगा की वो सब अब सरेंडर करदेंगी ,लेकिन जीजू भी न , उन्होंने ज्योति से बोला ,
" क्यों ज्योति मिर्च थोड़ी कम थी न "
जवाब मीताने दिया ,
मिर्च थी भी क्या ,अरे मुझे तो एकदम बेस्वाद लगा फीका फीका।
" भैया आपकी साली बिचारी साली शहरवाली,उसे क्या मालूम देहाती गारी वारी ,
कहिये उसे तो बेबीडॉल पर डांस कर के भले दिखा दे। "
ज्योति ने और पलीता लगाया।
गारी रस धारा
लेकिन जीजू भी न , उन्होंने ज्योति से बोला ,
" क्यों ज्योति मिर्च थोड़ी कम थी न "
जवाब मीताने दिया ,
मिर्च थी भी क्या ,अरे मुझे तो एकदम बेस्वाद लगा फीका फीका।
" भैया आपकी साली बिचारी साली शहरवाली,उसे क्या मालूम देहाती गारी वारी , कहिये उसे तो बेबीडॉल पर डांस कर के भले दिखा दे। " ज्योति ने और पलीता लगाया।
' नहीं मालुम है तो कोई बात नहीं , ढोलक इधर लाइए न , अभी आप सब की पोल पट्टी उघाड़ के रख दूंगी , ऐसी मिर्च होगी न की परपराती फिरियेगा। "
छोटी मिर्ची नीतू बोली।
अब इज्जत की बात थी ,
बंसती ने मेरी ओर देखा , वो गाली जो बसन्ती जब शुरू करती थी हम सारी ननदे बस कान में उँगलियाँ डाल लेते थे ,
और टारगेट मैं ही होती थी असली। शुद्ध देहाती ,खुल्लम खुल्ला।
मैंने आज तक कभी गायी नहीं थी लेकिन सूना इतनी बार था की अच्छी तरह याद हो गयी थी ,
संध्या भाभी भी समझ गयीं , ढोलक की थाप एकदम तेज , साथ में
पीछे से घरातियों की लड़कीयों का कोरस ,
" चल मेरे घोड़े चने के खेत में ,चने के खेत में ,
चल मेरे घोड़े चने के खेत में ,
( और अब मीता , और बरात में आयी औरतें पहली बार मुस्करायीं ,
ये गारी तो ऐसी है जो शायद ही कोई ननद बची हो ,जिसे उसकी भाभियों ने न सुनाया हो ,
पीछे से मम्मी और मौसी ने भी हिम्मत बढ़ाई ,सूना दे कोमल आज खोल के )
संध्या भाभी ढोलक तेज की ,
" चल मेरे घोड़े चने के खेत में अरे चने के खेत में ,
अरे चने के खेत में बोया है गोभी , अरे बोया है गोभी ,
अरे दूल्हे की बहना को अरे नीतू छिनार को ,ले गया धोबी
चने के खेत में ,अरे चने के खेत में
अरे चने के खेत में बोया था गन्ना ,अरे बोया था गन्ना ,अरे बोया था गन्ना।
दूल्हे की बहना को ,अरे मेरे जीजू की बहना को ,
अरे जीजू के माल को , अरे ज्योति छिनार को ले गया बभना ,
चने के खेत में ,चने के खेत में अरे दबावे दोनों जोबना चने के खेत में।
अरे चने के खेत में बोई थी घुँची ,अरे बोई थी घुंची ,
अरे ज्योति छिनार को अरे ज्योति साली को ले गया मोची ,
अरे दबावे दोनों चूंची , ज्योति साली की मीजे दोनों चूंची ,चने के खेत में।
ढोलक तेजी से ठनक रही थी , साथ में भौजाइयों के हाथ में मंजीरा ,
उनकी और मेरी कजिन्स की तालियां।
" मिलती हूँ जीजू ,ब्रेक के बाद '
उनकी शरारतों का १०० गुना जवाब देने का प्लान मेरे दिमाग में पक रहा था।
आने दो उन्हों शादी के लिए मण्डप में ,हम सब मिल के सारे बरातियों की ,
फिर कोहबर में तो वो एकदम अकेले होंगे न , ससुराल का मजा आज उन्हें अच्छे से मिलेगा।
मंडप के मज़े
जैसे कोई बाहरी हमला होने पर सभी अंदरूनी ताकतें एकजुट हो जाती हैं , बस बरात आने पर घर में , . .
जो भाभियाँ पहला मौका मेरी और मेरी मौसेरी चचेरी फुफेरी बहनों के साया ,शलवार का नाडा खोलने में लग जाती थीं ,
गाने जो शादी के गानों से शुरू होते थे लेकिन थोड़ी ही देर में हम ननदों की ओर मुड़ जाते थे , फिर न कोई उमर न लिहाज और रतजगे के दिन तो कोई बचा नहीं चाहे कच्चे टिकोरे वालियां रही हो या मेरे जैसी तुरंत तुरंत शादी हुयी , सबकी नीचे वाले की न सिर्फ मुंह दिखाई हुयी बल्कि ऊँगली डाल के भाभियों ने गहराई भी नापी।
थी भी दर्जन भर से ऊपर चीनू की चचेरी , फुफेरी मोहल्ले की भाभियाँ , और सबकी नेता छंदा भाभी , तीन चार साल पहले ही शादी हुयी थी।
और सिर्फ हमारी भौजाइयां ही नहीं , मम्मी ,मौसियां मेरी चीनू की बुआ के पीछे , एक से एक गन्दी गालियां
और जो गालियां देने में भाभियाँ थोड़ा शर्माती झिझकती थीं ,उसके लिए बसन्ती नाउन को आगे कर देतीं थी ,हमारे नाउन की बहु होने के नाते भौजी ही लगती थी। सभी रस्में भी वही निभाती थी।
लेकिन उसका जवाब देने के लिए हम लोग चमेली को आगे कर देते थे , घर में काम करती थी लेकिन बेटी होने के नाते वो ननद लगती थी इसलिए हम लोगों का साथ देने आ जाती थी।
लेकिन आज सब एकजुट थीं।
जो छोटी लड़कियां थी हम लोगों के घर की उन्होंने अपना काम अंजाम दे दिया था। जीजू के घर की सारी लड़कियों का नाम उमर ,जो बरात में आयी थीं सबसे दोस्ती कर के और अब उनके सामने मिशन था जूता चुराने का।
हम सब जल्दी जल्दी तैयार हो रहे थे।
जीजू की कमजोरी मैंने भाप ली थी ,मेरे गदराये उभार।
लो कट चोली में मैंने उसकी गहराई की झलक तो उन्हें दिखा ही दी थी इसलिए अब मैंने एक बहुत टाइट सूट पहना , पीले रंग का सरसों के फूलों वाले , उभारों पर इसकी फिटिंग एकदम टाइट थी , कटाव उभार कड़ापन सब कुछ दिखता था और आफ कोर्स एक हाफ पुशअप ब्रा उसे और उभार रही थी।
चुन्नी मैंने डाली जरूर थी लेकिन एकदम गले से चिपका कर।
मेरी सारी बहने ,भाभियाँ ,मौसियां ,मम्मी ,बसन्ती और चमेली सब लोग मंडवे में बैठ गए थे।
लेकिन सबसे आगे छंदा भाभी
ढोलक उन्होंने ही सम्भाल रखी , बगल में मैं और मेरे बगल में बसन्ती और उसके पीछे चमेली ( एकदम ऐसे वैसे वाले गानों के लिए ) पीछे लड़कियों भौजाइयों का झुण्ड ,मम्मी मौसियां बुआ लोग भी.
लेकिन टीम की सेंटर फारवर्ड कहें या ओपनिंग बैट्समैन या कप्तानी , ये जिम्मेदारी मेरे ही कंधो पर थी , एक तो मैं छोटी साली ,दूसरे अभी अभी शादी हुयी ,हनीमून से सीधे यहीं आयी इसलिए भौजाइयों का मानना था की मैंने भी ' खून चख लिया ' है इसलिए मैं भी एकतरह से उनकी ही बिरादरी में शामिल हो गयी हूँ।
फिर कमल जीजू से खाने के समय जो ' इंटरैक्शन ' हुआ , मैंने भी ठान लिया था ,आज इन सब की ऐसी की तैसी करनी है।
मुझे मालुम था न वो बुरा मानने वाले हैं न बाकी बरात वाले।
कमल जीजू आके बैठ गए ,जैसे कोई बैट्समैन सारे फील्डर्स का मुआयना करता है ,पिच को देखता भालता है बस उसी तरह और फिर उन्होंने सीधे मेरी आँखों में आंखे डाल के और फिर उनकी निगाहे सीधे मेरे टाइट कुर्ते को फाड़ते जोबन पे ,जैसे दो बरछी चुभ जाए वो असर हुआ उन पे।
और उन्होंने बिना इस बात की परवाह किये मेरी सारी भाभियाँ ,मम्मी ,मौसियां बैठी हैं अपने जीभ होंठो पर फिराई , एकदम साफ़ था वो क्या देख रहे हैं और क्या असर हुआ।
" चल गयी तेरी दुनाली ,बिचारा घायल होगया। "
संध्या भाभी ने मुझे चिढ़ाया।
मैंने कमल जीजू को जैसे दिखाते हुए अपनी चुन्नी ठीक की , उसे उभारो पर करने का नाटक किया लेकिन कमल जीजू ,नम्बरी दुष्ट ,बेशरम ,सबके सामने उन्होंने सर हिलाके आँखों से मुझे बरज दिया , और एक बार चुन्नी फिर उभारों से दूर गले से चिपक गयी।
संध्या भाभी ने तबतक ढोलक पर थाप देनी शुरू कर दी ,पीछे से लड़कियों ने भी ताली से साथ देना शुरू कर दिया ,
और मैंने जीजू के पाले में पहली गेंद डाल दी ,गाने शुरू हो गए ,
जीजू को देखते ,चिढाते मैंने शुरू कर दिया ,
" अरे स्वागत में गारी सुनाओ ,स्वागत में , अरे स्वागत में
अरे दूल्हे के तन पे सूट नहीं है ,अरे उसको उसको तो ,
( पहली लाइन मैं गाती और जवाब की लाइन सारी मेरी कजिन्स , भाभियाँ मिल के )
. अरे उसको तो साडी और ,अरे साडी और ब्लाउज पहनाओ।
अरे उसको तो चोली पहनाओ ,अरे उसको तो
( तब तक मम्मी ने एक लाइन जोड़ी ,
अरे उसके तन पर बंडी नहीं है , बंडी नहीं है
उसको तो ब्रा पहनाओ ,अरे उसको तो ब्रा पहनाओ )
अरे स्वागत में गारी सुनाओ ( मैं फिर चालू हो गयी ) अरे स्वागत में ,
दूल्हे के कलाई में घड़िया नहीं है , अरे उसको तो अरे उसको तो चूड़ियां पहनाओ।
तबतक झरर मार के ढेर सारी बरात वाली लड़कियां आगयीं और दूल्हे को घेर के बैठ गयीं।
पीछे से मेरी कजिन्स मुझे फीड बैक,.
वो फिरोजी फ्राक वाली ,नीतू है टेंथ अभी पास किया है।
जीन्स टॉप वाली उनकी मौसेरी बहन ज्योती ,बी ए सेकेण्ड इयर ,
उसके पीछे जो एकदम चिपक के बैठी है ,चोली लहंगे वाली मीता उनकी ममेरी बहन,
और मैंने गाना आगे बढ़ाया ,
अरे स्वागत में गारी सुनाओ , मेरी सखियों स्वागत में अरे स्वागत में गारी सुनाओ ,
अरे दूल्हे के संग में , अरे दूल्हे के संग में , अरे दूल्हे के संग में रंडी नहीं है,
दूल्हे की बहना नचाओ ,अरे नीतू और ज्योति को नचाओ।
अरे मीता छिनार को नचाओ ,नचाओ मेरी सखियों ,नचाओ मेरी बहनों ,
दूल्हे की बहना नचाओ।
( तबतक मुझे पीछे से मौसी और बुआ की डाँट पड़ गयी , तुझे खाली अपनी ननदों की फिकर है ,ज़रा हमारी समधन को भी तो ,मैंने जोड़ दिया )
अरे दूल्हा की अम्मा नचाओ ,अरे दूल्हे की बुआ नचाओ ,मेरी सखियों।
स्वागत में गारी सुनाओ।
तबतक दूल्हे के चच्चा ,ताऊ ,मामा ,फूफा ये लोग भी आगये और अब शादी की रस्में बस शुरू ही होने वाली थी।
और मैंने दूसरा गाना शुरू कर दिया ,लेकिन अब फोकस थोड़ा चेंज हो गया था
मैंने बन्ना गाना शुरू किया साथ में मेरी कजिन्स ,भाभियाँ ,बसंती सभी।
मेरा प्यारा बन्ना ,मेरा सुन्दर बन्ना।
बन्ने के सर पे सेहरा सोहे , अरे सेहरा सोहे
प्यारे बन्ने के सर पे सेहरा सोहे ,
अरे लोग कहें , अरे लोग कहें
( फिर मैंने एक मीनिंगफुल पॉज दिया , और सभी लोग रुक गए ,यहाँ तक की ढोलक की थाप भी ,
अरे लोग कहें मलिया का जना , बड़ी धूम डगर से आया रे बना
मैंने गाया और साथ में सबने दुहराया ,
अरे लोग कहें मलिया का जना , अरे मलिया का जना।
(मैंने गाना आगे बढ़ाया )
बड़ी धूम डगर से आया रे बना , बन्ने के तन पे सूट सोहे ,सूट सोहे टाई सोहे ,
अरे सूट सोहे , टाई सोहे ,
अरे लोग कहें , अरे लोग कहें बजजवा जना , अरे दरजी का जना।
बड़ी धूम डगर से आया रे बन्ना , बन्ने के पैरों में , अरे बन्नो के पैरों में
बन्ने के पैरों में जूता सोहे , जूता सोहे मोजा सोहे ,अरे लोग कहें
अरे लोग कहें , अरे लोग कहें मोचिया का जना , अरे मोचिया जना।
( पीछे से मौसी बुआ सब ,दूल्हे को चिढा चिढा के बोलने लगीं ,
अरे इसकी माँ किसके किसके पास गयीं ,
बिचारी को पता ही नहीं होगा उनका पेट किसने फुलाया )
लेकिन असली हथियार तो मैंने बचा रखा था , मैं फिर चालू हो गयी ,
" अरे बड़ी धूम डगर से आया रे बना , अरे धोबी की गली से आया रे बना ,
अरे लोग कहें , अरे लोग कहें ( अबकी मैंने बरज दिया था सबको कोई पूरा नहीं करेगा मैं ही बोली )
अरे लोग कहें गदहवा जना , अरे गदहवा जना।
फिर तो ये ठहाके लगे ,सब लोग बस यही अरे समधन की बड़ी कैपिसिटी है ,क्या ताकत है ,गदहे के साथ भी।
( लेकिन हमें क्या पता था की दो दिन बाद यही बात फिर से , . )
गारी , बड़ी प्यारी
मुझे लगा की अब जीजू की हालत खराब होगी लेकिन वो भी एक बार उन्होंने मुस्करा के मेरी ओर देखा , लेकिन
मुझे चिढाते हुए अपने एक दोस्त से कहने लगे , यार ये तो भजन मार्का गाना था। कुछ लोग बहुत कहते थे की उन्हें नान वेज पसंद है लेकिन यहाँ तो लहसुन प्याज भी नहीं,
संध्या भाभी इशारा समझ गयीं।
उन्होंने बसन्ती की ओर देखा ,चल शुरू होजा अपने लेवल पर ,असली देहाती गारी.
अब ढोलक मेरे पास आगयी ,बसन्ती जीजू को चिढा चिढा के गा रही थी और हम लोग साथ दे रहे ,
सारे बरात में आयी लड़कियों का नाम ले ले के।
चिट्ठी आय गयी सहर बनारस से ,चिट्ठी आय गयी
अरे दूल्हा बहन चोद ,अरे दूल्हा मादरचोद ,अरे कमल बहनचोद ,
चिट्ठी पढला की ना ,चिट्ठी बन्चला की ना ,
तोहरी बहनी छिनार , तोहरी ज्योति छिनार , तोहरी नीतू छिनार,
कइलीं हमरो भतार , कयलि भतरो के सार , कयलि लौंडन हजार
एक जाय आगे दूसर पिछवाड़े , बचल नाहीं कोई नौआ कहार।
चूत चुदवावे ,खूब मरवावे अरे मीता छिनार,अरे नीतू छिनार ,अरे ज्योति छिनार।
मुझे लगा की अब जीजू हारी मान जायँगे लेकिन वो तो एकदम , अब वो बिचारे तो ज्यादा कुछ बोल नहीं सकते थे शादी की रस्में शुरू हो गयी थीं तो उन्हें अपने दोस्तों से कुछ कानाफूसी की ,मुझे दिखा के
फिर तो वो सब मेरे पीछे पड़ गए।
" अरे बिचारा बॉलर ,दो ही ओवर में ,बॉलर चेंज कर दिया , रिटायर्ड हर्ट हो गया। "
एक ने बोला।
" कही बॉल तो नहीं उसकी . . घिस गयी ,"
दुसरे ने शक जाहिर किया।
" अरे बॉल तो उसकी एकदम मस्त है , देख नहीं रहे हो , एकदम न्यू बाल है, टनाटन .
लगता है कहीं गले में खराश आ गयी होगी। "
तीसरा मेरे उभारों को देख के छेड़ रहा था।
" अरे खराश का इलाज तो है अपने पास , वो स्पेशल मरहम सीधे गले के अंदर सफ़ेद क्रीम , स्पेशल वाली खूब गाढ़ी थक्केदार। बस एक बार लगवा लें तो बस गला एकदम नया ,तसल्ली बखश इलाज। "
पहला फिर से बोला।
जीजू मुझे देख के मुस्करा रहे थे, बरातियों का काउंटर अटैक।
और अब बरात में आयी लड़कियां भी चालू हो गयीं , चकर मकर।
पीछे से मेरी भौजाइयों ने काउंटर डिफेन्स करने की कोशिश की, उन्हें छेड़ा
"अरे लगता है अपनी बहनों के गले में अच्छी तरह से क्रीम लगाई है , तभी इतनी सुरीली आवाज निकल रही है इन सबकी। "
और हमारी ओर की लड़कियों की हंसी गूँज उठी ,लेकिन फिर से एक लड़का उधर से बोल उठा ,
" अरे भौजी , बस सबेरे आप की ननद को ले जाएंगे न , बस अगली सुबह पूछ लीजियेगा उन से क्रीम का हाल चाल।
कितनी बार ,कहाँ कहाँ ,उनसे बोलियेगा तो फोटो भी खीच कर व्हाट्सअप कर देंगी। "
और अब मीता, कमल जीजू की षोडसी बहन जो चोली और लहंगे में सबका जान मार रही थी और मेरे जीजू से एकदंडह से देह रगडती बैठी थी,बोली
" अरे हमारी नयी भाभी बिचारी अगर बहुत थकी ,लस्त पस्त होंगी तो उनकी उस वाली मुंह दिखाई की फोटो मैं व्हाट्सएप कर दूंगी ,
घबड़ाइये मत। एकदम क्लोज अप और उस स्पेशल क्रीम के साथ क्रीम के साथ। "
जीजू का एक और दोस्त बोल उठा ,
" अरे मीता कल की बात तो कल की रात।
स्पेशल ऑफर आज की रात , आज की रात ही आप में से जिन जिन को क्रीम चाहिए हाथ उठा के मांग ले ,
आज इस्तेमाल की कोई कीमत नहीं पैसा नहीं। पसन्द आये तो अपनी ननदों को भौजाइयों को रिकमेंड करिये , शर्तिया मजा आएगा,. .
और वो मीता वो चुप होने का नाम ही नहीं ले रही थी , उस लड़के की बात बीच में काट के बोली ,
" पक्की गारंटी , ठीक ९ महीने बाद आज से मेरे भैय्या के ससुराल में सोहर होगा , केहां केहां ,.
और एक बार फिर बरातियों की ओर से ठहाके गूंजने लगे।
जीजू ने मीता को बुला के कान में कुछ कहा , और मीता बाकी लड़कियों ,लड़कों के कान में कुछ कहने लगी।
मुझे लगा जीजू उसे हडका रहे होंगे , पर ,. .
इधर बसन्ती आँचल में अपनी हंसी दबाते छंदा भाभी से बोली ,
,
" अइसन बराती तो ना देखले रहनी "
" अरे बहुत दिन बाद आज तो मजा आ रहा है शादी में ,कोई जवाब देने वाला तो मिला वरना आज कल तो गारी शुरू होते ही बंद करा देते हैं। "
छंदा भाभी के चेहरे से ख़ुशी छलक रही थी।
जीजू के मन्त्र का असर चालू हो गया था , मीता ,नीतू ,ज्योती बरात की की सारी लड़कियां ,
" वी वांट साली " " वी वांट साली "
और अब जीजा के दोस्त भी चालू हो गए , एक ने मुझे देखते हुए उसमें जोड़ भी दिया ,
" वी वांट साली , पीले कुर्ते वाली , " वी वांट साली ,पीले कुर्ते वाली " सब मेरे पीछे पड़ गए।
और मैंने जीजू की ओर देखा तो वो तो और एकटक मेरी ओर देख रहे थे ,मुस्करा रहे थे ,एकदम दुष्ट बदमाश।
" चल सूना दे कोमल , इनलोगों की माँ बहन का हाल , अब अगर ये तेरे ही मुंह से सुनना चाहते हैं असली वाली। "
पीछे से एक भौजी ने मुझे ललकारा।
संध्या भाभी ने भी मेरी ओर उम्मीद से देखा और ढोलक अपनी ओर खींच लिया ,यानी फैसला हो गया।
ढोलक की जिम्मेदारी उनकी ,गाने की मेरी।
रोज हम दोनों अलग अलग टीम में होते थे वो भौजाइयों की टीम की लीडर और मैं ननदों की लेकिन आज एक साथ , पर रतजगे की बात और होती थी ,वहां सिर्फ औरतें लड़कियां होती थीं ,
और वो भी घर की तो वहां सब शर्म लिहाज भूल के मैं भी थोड़ा बहुत नान वेज गाने सीख गयी थी , पर यहाँ सब के सामने ,
और मैंने एक बार फिर कमल जीजू की ओर देखा , बहुत हलके से शरारत भरी मुस्कान के साथ फुसफुसाते से बोले ,
" प्योर नान वेज "
किसी और ने सूना हो न सूना हो लेकिन मैंने तो कान पारे हुए थे , सुन लिया।
मेरी और कमल जीजू की परफेक्ट ट्यूनिंग हो चुकी थी , मैं जीजू की बात कैसे टालती ,मेरे एकलौते हैंडसम सेक्सी जीजू ,
और मैंने गांडीव सम्हाल लिया , छंदा भाभी और बसन्ती से मैने फुसफूसा के बोला कौन वाला ,
और मैं चालु हो गयी।
चीनू अब आके उनके बगल में बैठ गयी थी।
उसने भी झुकी निगाह से मेरी ओर देख के सिग्नल दे दिया ,
संध्या भाभी की ढोलक की टनाकेदार थाप , पीछे से मेरी कजिन्स की ,भौजाइयों की तालियां और किसी ने मंजीरा भी सम्हाल लिया था ,
कामदानी दुपट्टा हमारा है ,कामदानी दुपट्टा हमारा है ,
अरे कामदानी दुपट्टा हमारा है ,कामदानी ,
दूल्हे की बहना ने ,अरे जीजू की बहना ने ,
मीता छिनार ने , अरे ज्योती छिनार ने ,
एक किया दो किया साढ़े तीन किया , कोरी चमार किया ,
हिन्दू * किया , तुरक पठान किया, अरे ,
अरे ९०० पण्डे बनारस के , अरे ९०० छैले लखनऊ के।
कामदानी दुपट्टा हमारा है अरे कामदानी ,
अब मौक़ा था हमारी ओर की लड़कियों का शोर करने का ,
" अरे बड़ी कैपेसिटी है इस गुलाबी लहंगे वाली की , मीता की ,९०० पूरे। "
बसन्ती ने मिर्च डाली ,
" अरे तो झांट आने के पहले से ही अपने भैया से मरवा रही है। बचपन की चुदक्कड़ है ये छिनार। "
लेकिन मीता बजाय बुरा मानने के खिलखिला रही थी , हंस के मुझसे बोली ,
" अरे तभी तो आपकी चीनू दी को लेजारही हूँ , बस परसों सुबह उनकी कैपिसिटी पता चल जायेगी ,
सबेरे सबेरे फोन कर के जरूर पूछियेगा। "
मैं समझ गयी थी ये इत्ती आसानी से नहीं मानने वाली है , मैंने गाना आगे बढ़ाया ,
कामदानी दुपट्टा हमारा है ,अरे कामदानी ,
मीता छिनार ने ( मीता चूतमरानो ने ,बंसती ने जोड़ा ) नीतू छिनार ने अरे एक किया दो किया साढ़े तीन किया ,
अरे ९०० भंडुए कानपुर के ( मीता कानपूर की थी ) अरे ९०० गँड़ुये कानपुर के
कामदानी दुपट्टा हमारा है।
मुझे लगा की वो सब अब सरेंडर करदेंगी ,लेकिन जीजू भी न , उन्होंने ज्योति से बोला ,
" क्यों ज्योति मिर्च थोड़ी कम थी न "
जवाब मीताने दिया ,
मिर्च थी भी क्या ,अरे मुझे तो एकदम बेस्वाद लगा फीका फीका।
" भैया आपकी साली बिचारी साली शहरवाली,उसे क्या मालूम देहाती गारी वारी ,
कहिये उसे तो बेबीडॉल पर डांस कर के भले दिखा दे। "
ज्योति ने और पलीता लगाया।
गारी रस धारा
लेकिन जीजू भी न , उन्होंने ज्योति से बोला ,
" क्यों ज्योति मिर्च थोड़ी कम थी न "
जवाब मीताने दिया ,
मिर्च थी भी क्या ,अरे मुझे तो एकदम बेस्वाद लगा फीका फीका।
" भैया आपकी साली बिचारी साली शहरवाली,उसे क्या मालूम देहाती गारी वारी , कहिये उसे तो बेबीडॉल पर डांस कर के भले दिखा दे। " ज्योति ने और पलीता लगाया।
' नहीं मालुम है तो कोई बात नहीं , ढोलक इधर लाइए न , अभी आप सब की पोल पट्टी उघाड़ के रख दूंगी , ऐसी मिर्च होगी न की परपराती फिरियेगा। "
छोटी मिर्ची नीतू बोली।
अब इज्जत की बात थी ,
बंसती ने मेरी ओर देखा , वो गाली जो बसन्ती जब शुरू करती थी हम सारी ननदे बस कान में उँगलियाँ डाल लेते थे ,
और टारगेट मैं ही होती थी असली। शुद्ध देहाती ,खुल्लम खुल्ला।
मैंने आज तक कभी गायी नहीं थी लेकिन सूना इतनी बार था की अच्छी तरह याद हो गयी थी ,
संध्या भाभी भी समझ गयीं , ढोलक की थाप एकदम तेज , साथ में
पीछे से घरातियों की लड़कीयों का कोरस ,
" चल मेरे घोड़े चने के खेत में ,चने के खेत में ,
चल मेरे घोड़े चने के खेत में ,
( और अब मीता , और बरात में आयी औरतें पहली बार मुस्करायीं ,
ये गारी तो ऐसी है जो शायद ही कोई ननद बची हो ,जिसे उसकी भाभियों ने न सुनाया हो ,
पीछे से मम्मी और मौसी ने भी हिम्मत बढ़ाई ,सूना दे कोमल आज खोल के )
संध्या भाभी ढोलक तेज की ,
" चल मेरे घोड़े चने के खेत में अरे चने के खेत में ,
अरे चने के खेत में बोया है गोभी , अरे बोया है गोभी ,
अरे दूल्हे की बहना को अरे नीतू छिनार को ,ले गया धोबी
चने के खेत में ,अरे चने के खेत में
अरे चने के खेत में बोया था गन्ना ,अरे बोया था गन्ना ,अरे बोया था गन्ना।
दूल्हे की बहना को ,अरे मेरे जीजू की बहना को ,
अरे जीजू के माल को , अरे ज्योति छिनार को ले गया बभना ,
चने के खेत में ,चने के खेत में अरे दबावे दोनों जोबना चने के खेत में।
अरे चने के खेत में बोई थी घुँची ,अरे बोई थी घुंची ,
अरे ज्योति छिनार को अरे ज्योति साली को ले गया मोची ,
अरे दबावे दोनों चूंची , ज्योति साली की मीजे दोनों चूंची ,चने के खेत में।
ढोलक तेजी से ठनक रही थी , साथ में भौजाइयों के हाथ में मंजीरा ,
उनकी और मेरी कजिन्स की तालियां।