Episode 53


फ्लैश बैक : बदलाव के पहले

( प्री -जे के जी डेज़ )

लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ, मेरी शादी पहले हो गयी। मेरे दोनों जीजू बाद में आये।

हाँ लेकिन कमल -चीनू दी की शादी में , खूब मस्ती हुयी और कोहबर में शर्त धरा ली थी उन्होंने।

पर उसके बाद सिर्फ फोन पर ही छेड़छाड़ , असल में तो मुलाकात भी ,

हाँ पांच छह महीने पहिले ,

तब मैं ससुराल में ही रहती थी ,एकदम घुटन वाले माहौल में

इनकी जॉब चेंज हो के जहाँ अभी है वहां लग गयी थी , पर मैं इनके साथ गयी नहीं थी।

इनके ' बदलाव ' के पहले

जी , उस ज़माने में जब सिर्फ मेरी जेठानी और उस छिपकली मार्का मेरी ननद की चलती थी ,

भाभी ये गलत है , वो गलत है , . आपके मायके में होता होगा , हमारे यहाँ ये सब नहीं होता ,

कार्ड्स मवाली खेलते हैं , . नो नान वेज , और सबसे बढ़कर नो मस्ती , . जोर से हंसना नयी बहू ,. लोग क्या कहेंगे , और ये भी कमरे में तो खूब , लेकिन बाहर आने पर जेठानी , ननद के सामने ,. न तुम हमें जानो , न हम तुम्हे जाने ,

और फिर जब से ये जॉब पर चले गए थे , बोरियत और पाबन्दी दोनों बढ़ गए थे ,

मैं इनके साथ जाना चाहती थी , पर जेठानी मेरी ,. . क्या करोगी जॉब पर जाकर , . हम सब के साथ रह के घर के गुन संस्कार सीखो ,. वरना मायके में तो ,. आउट ऊपर से सास को सुना सुना के कहती रहतीं थी , इत्ते दिन मेरी यहाँ सुबह से रात तक काम कर के , कर के , कमर टूट गयी। सोची थी देवरानी आएगी कुछ हाथ बटायेगी पर ये तो मर्द गया नहीं पीछे सामान बाँध के बैठी हैं , .

और ये भी मन तो इनका करता था मुझे ले जाने का साथ , पर इनकी हिम्मत नहीं पड़ती थी , . अपनी भाभी के आगे मुंह खोलने की ,.

तो ये उस जमाने की बात है ,. साल भर मुश्किल से हुए हैं लेकिन लगता है कितना जमाना गुजर गया ,.

खैर तो ,.

चीनू के छोटे भाई की शादी थी।

इन्हें तो छुट्टी नहीं मिली ,मैं आ गयी थी। ये तय हुआ था की ये रिसेप्शन के दिन आ जाएंगे और अगले दिन मैं उनके साथ वापस ,

इनके मायके।

वहां कमल जीजू के साथ रीनू ,अजय ,चीनू दी की भाभियाँ ,,. खूब मस्ती।

पूरी शादी के दौरान मैंने कमल जीजू को खूब ललचाया,छेड़ा। हर रस्म में गारियां तो सीधे उन्ही को टारगेट करके , और पूरी नान वेज

अरे हमरे खेत में सरसों फुलायी ,सरसों फुलायी ,

अरे जीजू की बहना ,अरे कमल जीजू की बहना खूब चुदवाई।

हमरे भैय्या से चुदवायी , चीनू के भैय्या से चुदवाई।

शादी में खूब नाची मैं उनके साथ ,

मुझे मालूम था कितने वो मेरे जुबना के दीवाने हैं , तो बस एकदम टाइट कटाव उभार दिखाती ,पूरी बैकलेस चोली ,

और चुनरी तो बस गले में चिपकी रहती , कभी बहुत हुआ तो एक उभार पे हलके से और एक उनको लुभाने ललचाने के लिए हरदम , खुला।

बरात चलने से पहले मैं और रीनू कमल और अजय जीजू के दोस्तों की पार्टी के बीच गेट क्रैश कर गए ,

वो लोग ड्रिंक कर रहे थे और हम दोनों ने भी ,

सिर्फ ड्रिंक ही नहीं सुट्टा भी।

बरात में तो नाची ही , शादी में डी जे भी था ,फिर वहां बेबी डॉल से लेकर हनी सिंह के 'ऐसे वैसे ' गानों पर भी ,

जम के स्लो ग्राइंड ,

रिशेप्शन वाले दिन ' उनका ' फोन आ गया ,

गाडी छूट गयी है अब वो कल सुबह ही आ पाएंगे।

फिर तो कमल और अजय ने ,उससे बढ़कर मेरी मौसेरी बहनों और मौसियों ने खूब छेड़ा , आज तो तेरी ,.

मुंह दिखाई के बाद , छवि ,मेरी नयी नयी भाभी दुल्हन , खूब सुंदर ,लेकिन लजाती शर्माती , बैठी थी।

सिर्फ घर के ही लोग थे , भौजाइयां ,

कजिन्स , और सोफे पर कमल जीजू बैठे थे।

मैं एक प्लेट में लड्ड लेके आयी। और सीधे कमल जीजू के मुंह में ,

लेकिन टिपीकल कमल जीजू,बोले

" अरे मेरी सेक्सी साली दे , तो किसकी हिम्मत है जो मना करे। "

और उन्होंने हाथ फैला दिया ,

" ना ना , ऐसे नहीं ,. . आप खोलिये मैं आज डालूंगी, और एक बार में पूरा , "

उनके मुंह के सामने पूरा बड़ा सा लड्ड ललचाते मैं बोली ,

और उन्होंने बड़ा सा मुंह खोल दिया ,पर मुझे चिढाया ,

" अरे यार डालूँ मैं या तुम ,जाएगा तो वहीं जहां उसे जाना है। "

अपनी पतली नाजुक उँगलियों में मैंने लड्डू लेके उनके होंठों के पास ,

मेरी गोरी पतली उँगलियों ने उन्हें ललचाते बड़ी सेक्सी अदा से उनके होंठों को हलके से सहलाया,

और फिर शरारत से मुस्कराती ,लड्ड झट से मेरे गुलाबी रसीले होंठों के बीच में ,मेरे मुंह में

गड़प।

" स्साली, मुझसे ही बेईमानी,. "

और मेरी पतली कमर को कस के पकड़ के, खींच के उन्होंने मुझे अपनी गोद में बिठा लिया ,

उनके होंठ मेरे होंठ डार्क स्कारलेट लिपस्टिक लगे होंठों पर थोड़ी देर रगड़ते रहे और फिर मुंह खुलवा के ही उनकी जीभ सीधे मेरे मुंह में।

लड्ड की तलाश में ,

मैं छुड़ाने की नाकाम कोशिश कर रही थी ,पर छूटना कौन चाहता था।

और अब उनका दूसरा हाथ सीधे बिना झिझक मेरे गुदाज उभार पर ,

जोर जोर से दबाते मसलते रगड़ते , और अंगूठा एक ऊँगली , आधी से ज्यादा खुली दिखती ,डीप लो कट बैकलेस चोली से झांकती माँसल गोलाइयों पर ,

उनकी जीभ मेरे मुंह के अंदर का रस ले रही थी और हाथ रसीले जोबन का।

कुछ देर में मेरी जीभ ने भी , वो कौन कम थी , मेरे मुंह के अंदर घुसी उनकी जीभ से टंग फाइट करना शुरू कर दिया।

कुछ देर के बाद जब उनके होंठों ने मेरे होंठ छोड़े ,उनकी जीभ बाहर निकली ,

तो मैंने बुरा सा मुंह बनाते हुए , शिकायत की ,

" जीजू , ये सख्त नाइंसाफी है , बल्कि ,. डबल नाइंसाफी। डालना तो चलिए ठीक था ,लेकिन ,. लेकिन इतनी जल्दी निकाल लेना।

बहुत सूना था आपके बारे में लेकिन , . और फिर गलती तो मेरे होंठों ने की थी , मान लिया ,उनकी सजा तो ठीक ,लेकिन इन बिचारों का क्या दोष जो इन्हें भी ,. "

अपने उभारों की ओर इशारा करते मैं बोली।

जीजू ने झट कान पकड़े , माफ़ी मांगी और बोले ,

" गलती मंजूर साली जी ,अबकी डालूंगा तो जल्दी नहीं निकालूंगा , चलिए फिर से डाल देता हूँ। और जहाँ तक इनकी बात है ( उनका एक हाथ अब फिर से खुल के मेरे जोबन पे था ) ये तो सूद है ,. "

" जीजू ,आपको कौन स्साली निकालने देगी। " मैं भी हंस के बोली।

और जब अबकी कमल जीजू के होंठ मेरे होंठों से चिपके , तो मेरे होंठ भी बराबरी का मुकाबला करते ,

डीप फ्रेंच किस , किसी अडल्ट फिल्मों की हीरोइन मात खा जाए ,जिस तरह से मैं किस कर रही थी ,

उनकी जीभ मेरे मुंह के अंदर ,

एक हाथ तो पहले से ही कमल जीजू का चोली के ऊपर से मेरे गद्दर अनार रगड़ मसल रहा था ,

जो हाथ कमर को पकडे हुआ था वो भी गोरे मखमली पेट से रेंगते सरकते , नीचे से मेरी चोली के अंदर घुस गया ,

और मेरे दोनों जोबन कमल जीजू की मुट्ठी में , खुल के रगड़ते मसलते।

खूब देर तक डीप किस चलता रहा और होंठ मेरे आजाद हुए लेकिन उनकी दुष्ट उँगलियों ने जोबन रस लेना नहीं छोड़ा।

मेरी नयी नयी भौजाई अपनी ननद और नंदोई की शरारते , नजरें झुकाये ,लजाते शरमाते ,छुप छुप के देख रही थी।

कमल जीजू

मेरी नयी नयी भौजाई अपनी ननद और नंदोई की शरारते , नजरें झुकाये ,लजाते शरमाते ,छुप छुप के देख रही थी।

मैंने लजाती शर्माती नयकी भौजी को हम लोगों की ओर चुपके चुपके देखते देखा तो बनावटी गुस्से से जीजू का हाथ अपने उभारों पर से हटाते बोली,

" जीजू , . चलिए आप का तो कुछ नहीं , आप तो पैदायशी बेशरम हैं , और मैं भी ,आप की छोटी साली हूँ तो आप की संगत में थोड़ी बहुत बेशरम हो ही जाउंगी।

लेकिन ये बेचारी नयी नयी दुल्हन , जो आज ही आयी है इस घर में , वो क्या सोचेगी बिचारी ?"

लेकिन कमल जीजू भी न ,पूरे कमल जीजू थे , नयी आयी दुल्हन की आँखों में सीधे देखते हुए बोले ,

" अरे क्या सोचेगी , अरे जिसकी बहन को मैंने चोद दिया ,क्या उसकी बीबी की छोडूंगा , वो भी ऐसे मस्त माल को।
अरे तुम लोगों का ख्याल कर के आज छोड़ दे रहा हूँ की स्साला इस के साथ वो अपनी सुहागरात मना ले , कल देखना रगड़ रगड़ के इसे भी ,.

और वो भी तेरा भाई स्साला अगर कुछ भी ना नुकुर करेगा न तो निहुरा के उसकी भी गांड मार लूंगा। "

जीजू की बात सुन के सब खिलखिलाने लगे , और संध्या भाभी ने उसे चढ़ाया ,

" अरे तू भी तो अपने ननदोई के साथ , अरे जवाब दे न उनको , . अरे सलहज का हक़ साली से कम नहीं ज्यादा ही होता है। "

" एकदम "

मैं बोली और खींच के अपनी नयकी भौजी की कमल जीजू के बगल में बैठा दिया।

" देख अपने ससुराल वालों के ,ऐसे हैं तेरे नंदोई। "

खिलखलाते हुए उससे मैं बोली।

रीनू भी वहीँ थीं ,मेरी मंझली बहन , उसने नयकी भौजी का चेहरा उठाते हुए चिढ़ाया ,

" अरे अभी सारे ससुराल वालों में इसे सिर्फ अपने साजन का इन्तजार है ,कब आएगी मिलन की घड़ी ,कब से कर रही है इन्तजार। "

हम लोगों की भाभियाँ भी ,किसी ने पीछे से कमेंट मारा ,जब से झांटे आयी।

रीनू उनके कमेंट को इग्नोर करते बोली ,

" घबड़ा मत, बस मुश्किल से घण्टे भर की देर है , नौ बजे के पहले ही तुझे तेरे कमरे में पहुंचा देंगे , और ठीक नौ बजे बाहर से ताला बंद , पूरे १२ घंटे के लिए। होगी तेरी चुनमुनिया की कुटाई , रात भर। "

छंदा भाभी नयी दुल्हन का पूरा साथ दे रही थीं ,आखिर उन की देवरानी थी ,उन्ही के गोल की ,हम ननदों पर हमला करने के लिए। बोलीं ,

" अरे वो आयी ही इसलिए है , फिर अपना भूल गयी तुम लोग पहली रात का हाल , कै दिन टाँगे फैलाये फैलाये चल रही थी। "

तभी पीछे से किसी और भाभी की आवाज छंदा भाभी के पक्ष में आयी ,

" अरे चीनू का ,. . "

मैं तुरंत बीच में बात काट दी। अब सबको मालुम हो गया था की कमल जीजू का गदहा छाप था, पहली रात ही चीनू का ऐसे खून खच्चर हुआ की उसे हॉस्पिटल जाना पड़ा।

अगर ये बात आज की रात इस नयी नवेली ,कोरी दुल्हन को मालुम हो जाती तो बिचारी बेकार में ही हदस जाती। बात काटती मैं बीच में कूदते बोली ,

" अरे इसकी ननदे चीनू की ननदों की तरह ,. क्यों रीनू। हम दोनों तो अपनी इस प्यारी प्यारी भाभी के साथ जब जाएंगी कमरे में तो खुद सब चेक चाक कर लेंगी।

दो दो ऊँगली से खुद ही वैसलीन पूरे अंदर तक लगाएंगी ,पूरी वैसलीन की नयी बॉटल खाली कर देंगी ,वैसलीन में क्या कंजूसी।

फिर तो सटॉक से भौजी मेरा मूसल घोंटेगी। "

" अरे आज कल वो जेली आती है न कौन सी ,. "

रीनू याद करने की कोशिश करते बोली।

कमल जीजू कैसे चुप रहते ,उन का एक हाथ मेरे उभारों पर फिर पहुंच गया था लेकिन दूसरा लालची हाथ अब उन्होंने अपनी सहलज के कंधे पर रख दिया था।

हलके से उसे दबाते ,सहलाते उन्होंने रीनू की बात पूरी की ,

"के वाई जेली। "

" हाँ हाँ वही ," रीनू बोली ,और नयी दुल्हन समझाते हुए कहा , बस वो भी तेरी गुलबिया के मुहाने लगा देंगे , दर्द आधा हो जाएगा ,और मजा एकदम कम नहीं होगा। "

बसन्ती ,नाउन की बहु। लगती तो वो भी हमारी भाभी ही थी ,हमें चिढाते बोली ,

" अरे भौजाई को इतना तैयार कर रही हो तनी अपने भैया को भी ,तेल वेल लगा के तैयार कर के ,. "

मैं थी ही जवाब देने के लिए ,

" अरे तो तू भौजाई लोग काहें के लिए हो , कडुवा तेल लगाय के मुठियाय के अपने देवर को भेजियेगा , हम लोग अपनी भौजाई को तैयार करेंगी ,आप लोग देवर को। "

सारी भाभियाँ खिलखलाने लगीं लेकिन छंदा भाभी बोलीं ,

" एकदम हमार देवर है , कड़वा तेल चुपड़ के तो भेजूंगी ही , अगले राउंड के लिए भी पूरी एक लीटर वाली बोतल कमरे में रख दिया है। "

" अरे सिर्फ कडुवा तेल ही नहीं सांडे का तेल भी लगा के भेजूंगी देखना , पूरी रात भर कुश्ती होगी। "

बसंती भी अब अपने पूरे रूप में आगयी थी।

" हे हमारे भैया को ज्यादा इन्तजार मत करवाना ,ये रात रोज रोज नहीं आती , ये नहीं की सारी रात भर नहीं नहीं में गुजर जाए। "

रीनू ने एक बार फिर दुल्हन की ठुड्डी पकड़ के उठा के समझाया।

" एकदम हम सारी ननदे तेरे बगल के ही कमरे में रहेंगी ,अगर ताला बन्द करने के आधे घण्टे के अंदर चीख न सुनाई पड़ी तो समझ लो , हम सब ताला खोल के अंदर पहुँच जायेगीं। अंदर सिटकनी मैंने पहले ही निकाल दी है ,और कमरा सिर्फ बाहर से बंद रहेगा और चाभी मेरे पास। "

उसे चिढाती मैं बोली।

" घबड़ा मत यार , पूरे १२ घण्टे की गारन्टी , सुबह नौ बजे ही हम ननदे आएँगी तेरे पास। "

चीनू अपनी छोटी भाभी को हिम्मत दिलाते बोली।

" एकदम , फिर तेरे मर्द को भगा के हम ननदे फुर्सत से एक बार फिर से नीचे वाले मुंह की ,मुंह दिखायी करेंगी। देखेंगे की इस्तेमाल के बाद क्या रूप निखर आया है भौजी की गुलबिया का। "

कमल जीजू को चुप करना मुश्किल था ,वो भी बोल पड़े ,

" अरे सिर्फ ननदे ही क्यों नंदोई को भी भी मुंह दिखाई करने का हक है। "

उनकी बात अनसुनी करते , एक भाभी ने मुझे टारगेट किया ,

" अरे मुंहदिखाई की रसम तो ठीक है ,लेकिन नेग में क्या दोगी। "

चिढाते हुए उन्होंने मुझे छेड़ा ,

मौके का फायदा उठाते हुए मैंने नयी दुल्हन के मेंहदी लगे हाथ सीधे कमल जीजू की जांघ पर रखते हुए जवाब दिया ,

" ये छह फिट के हैं न मेरे जीजू , नेग में। कल से सहलज और ननदोई ,हम सालियाँ बीच में नहीं आएगी , वैसे भी तुझे देख देख के कब से इनके मुंह में पानी आ रहा है। "

मैंने नयी दुल्हन को चिढाते बोला।

" मुंह में पानी आ रहा है या कहीं और ,. "

भाभियाँ क्यों चूकती।

" अरे कहीं भी पानी आ रहा हो आज उस का इलाज करने के लिए उनकी सालियाँ है न इनके पास ,

जहां तेरी सुहाग रात मनेगी ठीक उसी से सटे कमरे में तेरी ननदे भी एक बार फिर से दुबारा सुहागरात।“

मैं बोली।

पर मेरी बात काटती हुयी चीनू और रीनू दोनों एक साथ चीखीं ,
,
" सालियाँ नहीं साली ,सिर्फ तेरी ली जायेगी ,हाँ साथ में नजारा देखने के लिए हम दोनों रहेंगी। "

मस्ती : दो दो जीजू

" मुंह में पानी आ रहा है या कहीं और ,. "

भाभियाँ क्यों चूकती।

" अरे कहीं भी पानी आ रहा हो आज उस का इलाज करने के लिए उनकी सालियाँ है न इनके पास ,

जहां तेरी सुहाग रात मनेगी ठीक उसी से सटे कमरे में तेरी ननदे भी एक बार फिर से दुबारा सुहागरात।“

मैं बोली।

पर मेरी बात काटती हुयी चीनू और रीनू दोनों एक साथ चीखीं ,
,
" सालियाँ नहीं साली ,सिर्फ तेरी ली जायेगी ,हाँ साथ में नजारा देखने के लिए हम दोनों रहेंगी। "

हुआ ये की जैसे शाम को रिसेप्शन के पहले ये पता चला की वो आज नहीं आ पाएंगे बस मेरी दोनों शैतान मौसेरी बहनों ने प्लान बना लिया और आफ कोर्स मेरे जीजू लोगों का तो फायदा ही हो गया।

हम लोगों का पहले से ही सुहागरात वाले कमरे के बगल वाले कमरे में सोने का प्लान था।

हम तीनों बहनों का बस कमल जीजू ने एलान कर दिया की कोई भी अपने मर्द के साथ नहीं सोयेगा ,

" एकदम , "

हम तीनों बहने एक साथ बोलीं ," आखिर हम भी अपने मुंह का स्वाद बदल लेंगी न। "

और डील पक्की हो गयी थी।

लेकिन जैसे ही पता चला की वो नहीं आ रहे हैं चीनू और रीनू दोनों मेरे पीछे ,

" चल सबसे छोटी है तू , आज तुझे अपने मर्द हमने दिए। "

मैं क्यों पीछे रहती ,हँसते हुए भी मैं बोली ,

:तू दोनों क्यों दोगी , मैं खुद अपने दोनों जीजू के साथ , तुम दोनों ने बहुत मजा ले लिया मेरे जीजू का, आज साली का नम्बर है. "

" अरे क्या पहले तो यही दोनों फाड़ते तेरी ,लेकिन शादी तेरी पहले हो गयी , तेरे जीजू लोगों का घाटा हो गया , लेकिन आज सूद ब्याज के साथ वसूलेंगे दोनों। "

चीनू हँसते हुए बोली।

" और तुम दोनों क्या करोगी , ऊँगली ? "

मैंने हंसते हुए रीनू और चीनू को छेड़ा।

" हम दोनों मिल के तेरी और तेरे जीजू की फिल्म बनाएंगे , उनकी हिम्मत बढ़ाएंगे। "

दोनों एक साथ बोलीं।

तो फिर बस उसी बैकग्राउंड में ,

कमल जीजू ने अपनी नयी सलहज को छेड़ा भी ,हिम्मत भी दिलाई ,

" अरे घबड़ा मत , तेरा मर्द जितनी बार तेरे साथ ,उससे एक ज्यादा बार हम दोनों तेरे ननदोई उसकी बहन के साथ। "

अब हमारी नयकी भौजी और उंनकी नयी नवेली सलहज की हिम्मत खुल गयी थी ,

बजाय छुप छुप के आँचल में मुस्कराने के अपने ननदोई की बात पर वो खुल के खिलखिलाई।

लेकिन मैं कहाँ मानने वाली थी ,

" नहीं नहीं जीजू ये बेईमानी है। वो आपका साला अकेला और आप दो दो लोग , फिर आप दोनों तो बचपन के खिलाड़ी है ,वो बिचारा सीधा साधा ,पहली बार , और सिर्फ एक बार ज्यादा,. वो भी आप दोनों मिल के ,. बहुत कम है ये। "

मैं चिढाते हुए और अपने दोनों जीजू को उकसाते हुए बोली।

" चलो कोई नहीं ,मेरा देवर ,नयी देवरानी के साथ हैटट्रिक करेगा ,और तुम मेरे दोनों ननदोइयों के साथ डबल हैट्रिक , "

संध्या भाभी ने फैसला सुना दिया ,

लेकिन साथ में अपने नन्दोइयों से सवाल भी पूछ लिया,

" मेरी छोटी ननद अकेली और आप दोनों , . . दो , . बारी बारी से या साथ साथ। "

" अरे बारी बारी से काहें , ई छिनार ननद के मस्त रसीले गाल दो , गद्दर जोबन दो ,. और एकर अगवाड़ा भी छिनार ,पिछवाड़ा भी छिनार , तो बारी बारी से काहें ,साथ साथ ,

अरे एनकर बुर भी चुदेगी और गांड भी मारी जाएगी ,वो भी साथ साथ , वरना फायदा क्या दो दो जीजा होने का। "

बसन्ती भौजी अब एकदम अपने लेवल पर आगयी।

सोच कर ही मैं गीली हो रही थी ,

आगे पीछे दोनों ओर , मेरा पिछवाड़ा अभी भी कुंवारा था। कमल जीजू तो खैर अगवाड़े से ज्यादा पिछवाड़े के शौक़ीन थे ,अजय ने भी शादी के एक हफ्ते के अंदर हनीमून के दूसरे दिन ही रीनू का पिछवाड़ा बजा दिया था।

लेकिन जो मैं डर रही थी , वही बात हो गयी , . बसंती ने पूछ लिया , मेरे मुंह से सही बात निकल गयी और फिर तो मेरी वो रगड़ाई ,

" और ई जिन कहा , की तोहार पिछवाड़ा कोर बा , . नन्दोई कबौं , गाँड़ तोहार , . "

छवि मेरी नयी भाभी , कमल और अजय मेरे दोनों जीजू और मेरी दोनों कमीनी बहने मुझे ध्यान से देख रही थीं , और चक्कर में मेरे मुंह से सच निकल गया ,

" हाँ अभी कोरी , अभी तक कभी नहीं ,. "

असल में ये इनके मायके वाला फ़ार्म था , एकदम अच्छे बच्चे वाला रूप , करने मे साइज़ शेप में ये किसी से १९ नहीं २० ही थे , पर वही अच्छे बच्चे ये नहीं करते वो नहीं करते ,. तो इनसे पिछवाड़े की बात सोचना ही मुश्किल था , . लगे सारी रहते थे , तीन बार से कम कभी नहीं , पर वही मिशनरी पोज , अक्सर हम दोनों ढंके , .

और मेरा ये कहना था की फिर तो बंसती , संध्या भाभी , मेरे पीछे और उससे ज्यादा कमल जीजू के ,.

" ई तो बहुत नाइंसाफी है , हमरे कोमल ननद क अस चौड़ा मस्त चाकर चूतड़ , अइसन मटक मटक चलती हैं , देख के पिछवाड़ा लौंडन क खड़ा हो जाता है , . और वैसी गांड अभी तक कोरी , . और यहाँ दो दो जीजा , चलो आज तोहरे भौजी क बुर फटी त तोहार गांड ,. "

बसंती , एकदम चालू

और मैं जो अबतक नयी आयी भाभी , छवि को चिढ़ा रही थी , खुद मेरा चेहरा शर्म से लाल , .

मैं समझ गयी थी अब कमल जीजू छोड़ने वाले नहीं थे और अजय कौन कम , .

और संध्या भाभी को मौका मिल गया , आखिर नयी आयी भाभी , छवि , उनकी देवरानी थी ,

उन्ही की गोल की और हम सब बहने उस की जम कर रगड़ाई कर रहे थे ,

संध्या भाभी ने छवि का जो थोड़ा सा घूँघट था वो भी हटा दिया , और सीधे उसी से बोलीं ,

" जो तेरी ननद , इत्ता तेरे चीखने की बात कर रही थीं , देखना उनकी चीख तो तेरी चीख से भी जोरदार होगी ,

बगल का कमरा ही तो है , तुझे भी सुनाई देगी , और तेरे लिए तो ये जो वैसलीन , जेली और कड़ुवे तेल की बात कर रही थीं , न इनकी तो सूखी ही ली जायेगी , . "

बसंती भी , आखिर थी तो रिश्ते में भौजाई ही , . वो अपनी ननद को रगड़ने का मौका क्यों छोड़ती , वो भी नयी देवरानी के साथ हो गयी , बोल वो छवि से रही थी पर निशाने पर मैं थी

मुकाबला

संध्या भाभी ने छवि का जो थोड़ा सा घूँघट था वो भी हटा दिया , और सीधे उसी से बोलीं ,

" जो तेरी ननद , इत्ता तेरे चीखने की बात कर रही थीं , देखना उनकी चीख तो तेरी चीख से भी जोरदार होगी ,

बगल का कमरा ही तो है , तुझे भी सुनाई देगी , और तेरे लिए तो ये जो वैसलीन , जेली और कड़ुवे तेल की बात कर रही थीं ,

न इनकी तो सूखी ही ली जायेगी , . "

बसंती भी , आखिर थी तो रिश्ते में भौजाई ही , .

वो अपनी ननद को रगड़ने का मौका क्यों छोड़ती , वो भी नयी देवरानी के साथ हो गयी , बोल वो छवि से रही थी पर निशाने पर मैं थी

" अरे सूखे काहें , नन्दोई क मूसर खूब चूस चूस के ,. अरे मुंह में जितना थूक है लगाए के कर ले चिकना कउनो मनाही , . लेकिन थूक के अलावा और कुछ नहीं ,

क्यों नन्दोई जी , . .

और तू तो केतन कॉलेजी लौंडन क नेकर सरकाये के , गन्ना क खेत और बांधे के नीचे , खाली थूक लगाय के , . तो इन्हा कौन , निहुरावा , थूक लगाव , सटावा , पेल दा , . थोड़ी देर चीख चिल्लाहट होई , तो होवे दा न , आखिर बाहर हम भौजाई लोग रहेंगी , कउनो उनको बचावे नहीं जाएगा बल्कि बाहर से हम बोलेंगी , हाँ नदोई जी एक धक्का और , फाड् दो गांड ननद रानी की , . "

और फिर मोर्चा संध्या भाभी ने सम्हाल लिया , छवि से बोलीं ,
,
" चल आज मुकाबला हो जाए , हमार देवरानी और ननद के बीच , कौन ज्यादा जोर से चीखता है और पहले , .

माना हमर ननद बचपन की मायके की छिनार है। तो देखा जाय आज जीजा साले में कौन ज्यादा तेज चीख निकलवाता है , . "

और उन्होंने मुकाबला कबूल करने के लिए मेरी दोनों बहनो को देखा , रीनू और चीनू ,

दोनों ही बचपन से मुझे आगे करके , महा दुष्ट , . और अभी भी , . एक साथ दोनों बोली

" एकदम , वैसे भी सबसे छोटी साली है , इसकी कोरी कोरी कमल जीजू को मिलने वाली थी, पहले इसके दोनों जीजू चढ़ते , इसकी मार मार के ताल पोखर ऐसी कर देते तब इसके मरद को मिलती , पर ,. ये बेईमान अपनी कोरी कोरी बचा ले गयी , . तो चलो आगे वाली कोरी नहीं तो पीछे वाली ही कोरी सही , . "

कमल जीजू , एकदम परम पापी लालची , मुझे देखते बोले ,

" एकदम मैं वैसे भी छेद छेद में भेद नहीं करता , . "

अजय रीनू का हस्बेंड , मेरा तो जीजू ही था , में सबसे छोटी , हंस के बोला ,

" अरे डबलिंग करनी है , तो कमल बड़े हैं पहली बार वो कोरे पिछवाड़े का , और अगली बार मेरा नंबर लग जाएगा , . क्यों कोमल। "

मैं क्या बोलती मेरी नीच कमीनी बहने थीं न दोनों , मोल भाव करने के लिए , वो दोनों सीधे संध्या भाभी से बोली ,

" बोली तो लगा रही हैं लेकिन इनाम क्या मिलेगा आपके नन्दोई को , . "

संध्या भाभी जोर से मुस्करायी , कुछ छवि के कान में बोलीं , फिर सीधे कमल जीजू से

" नन्दोई जी , अगर मेरी ननद की चीख मेरी देवरानी से पहले और ज्यादा तेज निकली , . तो , . तो , सोच लो इनाम ,. . "
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