Episode 54
हम सब इन्तजार कर रहे थे बात पूरी होने का और सबसे ज्यादा , कमल जीजू , बस लार नहीं टपक रही थी उनकी , हाँ खूंटा एकदम टनटनाया था ,
और संध्या भाभी ने बात पूरी की ,
" इनाम में तोहार सलहज , कल ,. "
और उनकी बात पूरी होने के पहले ही कमल जीजू मैदान में कूद पड़े ,
" एकदम भाभी , अरे पूरे मोहल्ले में चीख सुनाई पड़ेगी आपकी ननद की , और इतना वेट क्यों , मैं कहिये तो अभी कमरे में ले जाकर , निहुराकर , . इस मीठे रसगुल्ले के लिए तो ,. "
कमल जीजू की निगाह एकदम बेशरम की तरह छवि के मीठे मीठे चेहरे पर चिपकी थी ,
और छवि भी बजाय गुस्सा होने के , शरमाने के हलके हलके मुस्करा रही थी , आंखे झुका के ,.
फिर तो दोनों जीजू एक साथ चीखे ,
" अरररे , हंसी तो फंसी , . "
और अब तो छवि सच में हंस दी , .
मैं चुप जरूर थी लेकिन मुस्करा रही थी और सोच रही थी , कोमल यार आज तो तेरी गाँड़ गयी , . डबलिंग भी , .
लेकिन मैं भी तो जब से आयी थी ,. एक तो ये नहीं थे ,.
फिर बहुत दिन बाद सारी बहने , भाभियाँ , मौसियां ,. . एकदम खुला माहौल , . और सबसे बढ़कर दोनों जीजू , .
हर रस्म में चुन चुन के गालियां नाम ले ले कर दोनों जीजू लोगो को और उससे भी बढ़ कर , पकड़ना रगड़ना , .
शादी की रस्मों में तो बहुत मौके मिलते हैं ,
हल्दी का छापा लगाने के लिए दौड़ के मैंने कमल जीजू को घेरा , . .
संध्या भाभी मुझे चढ़ा रही थीं , अरे असली जगह लगा , असली जगह , तू तो सबसे छोटी स्साली है ,.
और मैंने सच में पाजामे में हाथ डाल दिया , जीजू ने चड्ढी पहन रखी थी ,
पर जीजू की चड्ढी के ऊपर से खूब जम के मसला रगड़ा , चीनू जो रोज बताती , कलाई इतना मोटा , बित्ते इतना बड़ा , . सच में जीजू को अंडर एस्टीमेट कर रही ,.
मन तो मेरा कर रहा था चड्ढी के अंदर भी ,. लेकिन तबतक बसंती भौजी दिख गयी , . ननद भौजाई के मुकाबले में तो वो मुझे खूब खुल के गरियाती थी , लेकिन जीजू के पीछे हम दोनों मिल के , आखिर मेरे जीजू थे तो उस के भी नन्दोई थे ,.
उसने मुझे उकसाया , अरे असली जगह जब तक हल्दी न लगे , आगे पीछे तब तक क्या याद रहेगा ससुराल आये थे ,
और मैंने भी उसे उकसाया ,
सब काम साली ही करेंगी , सलहज किस लिए हैं ,
बस चड्ढी के अंदर आगे से वो , पीछे से मैं ,.
और मैंने तो दरार में भी हल्दी से रंगी एक ऊँगली , .
जीजू उचक गए बोले
स्साली जब मैं तेरे पिछवाड़े डालूंगा न तो पता चलेगा , परपारायेगी , . लेकिन बसंती सीधे से उनके खूंटे पर हल्दी लगाते बोली ,
" अरे नन्दोई जी लगा दीजिये न डालने वाले डालते हैं पूछते नहीं , वो भी साली से , ससुराल में ,,, "
मैं सोच रही थी , मन भी कर रहा था और सिर्फ कमल के साथ नहीं अजय जीजू के साथ भी , .
आखिर करार तो यही था , बचपन का ,. लेकिन ये मैंने नहीं सोचा था , एक साथ दोनों ,. .
पर मेरी कमीनी बहनें , . इन दोनों ने पहले से प्लान बना रखा था मेरी सैंडविच दोनों जीजू से बनवाने का , और आज संध्या भाभी भी ,.
फिर ये भी नहीं आये तो मेरी बहनों को मौका ही मौका ,. . और ऊपर से अब कमल जीजू को मालूम हो गया है की मेरा पिछवाड़ा अभी तक कोरा है तो ,
अब तो ये बचने वाला नहीं ,.
न बचे तो न बचे , चीनू की नहीं बची , रीनू की नहीं बची , . तो मेरी बचने का सवाल ही नहीं , लेकिन एक साथ दोनों , . सोच सोच के ही न जाने कैसा लग रहा था , लेकिन इतनी देर से संध्या भाभी और बसंती मेरे पीछे पड़ी थी , मेरा भी तो बोलना ,. . और वो भी लोग भी छवि के बहाने मुझे छेड़ रही थी तो मैंने भी छवि से ही बोला ,
" अरे यार मेरी मीठी भाभी का फायदा हो जाए तो थोड़ी बहुत चीख पुकार भी मैं मचा लुंगी , . आज साले के साथ , कल बहनोई के साथ , . . आज सैंया के साथ , कल नन्दोई के साथ , . एकदम बदल बदल कर टेस्ट मिलेगा , . और घबड़ा मत जीजू सिर्फ नीचे वाले मुंह का ही नहीं ऊपर वाले मुंह का भी टेस्ट बदलेंगे तेरा अपना चमचम चुसा के , . अरे आखिर हमारी भौजाइयों को उनके माँ बाप भेजते ही इसलिए हैं , . . आ के मोटे मोटे मूसल घोंटे , . "
लेकिन तब तक चमेली आ गयी , नाउन की बेटी , मुझसे छोटी , अभी तीन महीने पहले तो शादी हुयी थी , इसी शादी के लिए ससुराल से आयी थी , बस जो बात मैं नहीं कह पा रही थी , आ गयी छवि को महावर लगाने के लिए , . अपनी रंग की कटोरी लिए और बात उसने पूरी की ,
" अरे सच बोला भौजी , बिदाई के टाइम तोहार महतारी काने में इहै कहत रहीं न , . जा बेटी खूब चोदवावा , सैंया , नन्दोई देवर , . दिन रात लौंड़ा घोंटे के मिली . "
अब छवि सच में शर्मा गयी और हम सब बहने उस के पीछे , . . और अब संध्या भाभी भी , मजे ले कर चमेली को हड़काने लगी ,
" अरे कहाँ अपने मायके के यारों के साथ फंसी थी छिनार , खूब गाढ़ महावर लगा , . रच रच के। "
असली मतलब तो उस महावर का हम सब को मालूम था जिसकी जिसकी सुहागरात हो चुकी थी , चमेली भी हंस के संध्या भाभी से बोली ,
" अरे भौजी , सबेरे अपने देवर को देखियेगा , इहै महावर उनके माथे में लगा रहेगा , पक्का। इनके ननद का हाथ है , चमेली का। और भौजी ( अब वो छवि से बोल रही थी , . ) ठीक नौवें महीने सोहर होना चाहिए , यही कंगन लुंगी भतीजे का , . दिन घडी आज का नोट कर ले रही हूँ , . "
और जब वो महावर लगा के उठी , तब तक साढ़े आठ बज गए थे , नौ बजे हम लोगों को छवि को उसके कमरे में पहुँचाना था और उसके बाद हम तीनों बहने , और दोनों जीजू बगल के कमरे में , . एकदम नयी दुल्हन के कमरे से सटा ,.
लेकिन तबतक फोटो लेने वाले आगये और हम लोग ग्रुप फोटो की तैयारी में लग गए।
और ग्रुप फोटो में आफ कोर्स , प्लेस आफ हॉनर ,नयी दुल्हन को मिलना था।
ग्रुप फोटो
" अरे भौजी , सबेरे अपने देवर को देखियेगा , इहै महावर उनके माथे में लगा रहेगा , पक्का। इनके ननद का हाथ है , चमेली का। और भौजी ( अब वो छवि से बोल रही थी , . ) ठीक नौवें महीने सोहर होना चाहिए , यही कंगन लुंगी भतीजे का , . दिन घडी आज का नोट कर ले रही हूँ , . "
और जब वो महावर लगा के उठी , तब तक साढ़े आठ बज गए थे ,
नौ बजे हम लोगों को छवि को उसके कमरे में पहुँचाना था
और उसके बाद हम तीनों बहने , और दोनों जीजू बगल के कमरे में , . एकदम नयी दुल्हन के कमरे से सटा ,.
लेकिन तबतक फोटो लेने वाले आगये और हम लोग ग्रुप फोटो की तैयारी में लग गए।
और ग्रुप फोटो में आफ कोर्स , प्लेस आफ हॉनर ,नयी दुल्हन को मिलना था।
बीच में मेरी नयी भाभी ,
उसके दोनों ओर उसके ननदोई यानी मेरे जीजू अजय और कमल , और मैंने सोफे के हत्थे पर।
चीनू ,रीनू सोफे के पीछे खड़ी।
नयी दुल्हन का पहला दिन था तो उसके साथ उतना ज्यादा तो नहीं पर उसके दोनों कन्धों पर अजय और कमल जीजू ने हाथ रखे हुए थे और उनकी शरारती ललचाती उंगलिया बस उसकी गोलाइयों से थोड़े ही ऊपर ,
" हे उधर बैठी हो कड़ा कड़ा गड़ रहा होगा , आ इधर बैठ जा न , "
कमल जीजू भी न, उन्होंने मुझे अपनी गोद में बैठने का इशारा किया ,
ऊपर से मेरी मझली बहन रीनू ,वो भी मेरे पीछे पड़ गयी ,
" हे माना की तू छोटी साली है लेकिन मैं भी तो कमल जीजू की साली हूँ ,मुझे भी बगल में बैठ के फोटो खिंचवाना है :
और बस मैं कमल जीजू की गोद में।
मेरी भाभियाँ , नयी दुल्हन सब उनकी शरारतों पर मुस्करा रहे थे।
एक सलहज ने उन्हें छेड़ा ,
" सम्हल के अरे , सालियों और सहलज के धक्का मुक्की में कहीं गिर न पड़ें ,ज़रा सम्हल के। "
" अरे आपके ननदोई इत्ती जल्दी गिर जाते हैं ,क्यों जीजू , नयी सलहज का असर है क्या ,"
मैंने भी जीजू को चिढाया।
बिचारे ट्रैक बदल के ,वो मेरे पीछे पड़ गए ,
" वहां लकड़ी पर बैठी थी कडा कड़ा लग रहा होगा , और यहां ,. . " कमल जीजू बोले।
" अरे जीजू नहीं ,यहां ज्यादा कड़ा कड़ा लग रहा है। "
उनके गदहा छाप तने औजार पर खुल के अपने बड़े बड़े चूतड़ रगड़ते मैं बोली ,और उन्होंने भी
ठीक बीच की दरार में उसे सेट किया हुआ था।
अब संध्या भाभी का मौक़ा था , वो उन्हें छेड़ने लगी ,
,
" अरे हमें तेरी चिन्ता है कहीं तू न गिर पड़े ,"
और कमल जीजू को उन्होंने उकसाया ,
" अरे ननदोई जी ,साली को पकड़ने की जगह बनी हुयी है न , तो वहां ठीक से और जोर लगा के पकड़िये न "
बस कमल जीजू का हाथ सीधे मेरी चोली के ऊपर ,उभार पे और वही कस के रगड़ता मसलता ,
संध्या भाभी ने न सिर्फ अपने नन्दोई को उकसाया बल्कि मेरा आँचल ठीक करने के बहाने एकदम एकदम लुढ़का दिया ,
और फिर तो ,. मेरी चोली खूब लो कट थी , एकदम डीप , गहराई के साथ मेरी गोरी गोरी गोलाइयाँ भी एकदम झलक रही थी ,
चोली टाइट भी बहुत थी , एकदम मेरे जोबन को कस के चिपकाए , उभारे , पुश अप ,
और अब पूरी तरह खुली , . और कमल जीजू का हाथ अब सीधे खुल के मेरे उभार को न सिर्फ छू रहा था , सहला रहा था , बल्कि दबा भी रहा था ,
मैं क्यों मौका छोड़ देती ,
उनकी गोद में तो बैठी ही थी , और खूंटा उनका एकदम तना कड़ा खड़ा , बस हलके हलके मैंने अपने नितम्बो को जीजू के तने मूसल पर रगड़ना , घिसना , दबाना शुरू किया ,
और असर तुरंत हुआ , उनका हाथ कस के मेरे उभार को दबाना शुरू कर दिया और खूंटा भी ऐसा बेताब जैसे अभी उनके पैंट को फाड़ के , मेरी लहंगे को चीर के सीधे मेरे पिछवाड़े घुस जाएगा।
संध्या भाभी भी न , मुझे चिढ़ाती बोलीं ,
" क्यों कोमलिया , क्या सोच रही है , ये चोली कितनी ख़राब है , मेरे जवानी के फूलों और जीजू के बीच में चीन की दीवार बनी , . "
और आज मेरी दोनों बहने भी डिफेक्ट कर के सीधे भौजाइयों की ओर , चीनू मेरे गाल पर पिंच करते बोली ,
" सच में , लेकिन घबड़ा मत मेरी छोटी बहना , बस थोड़ी देर की बात , . चोली , लहंगा सब हट जाएगा , साली और जीजा के बीच कुछ आना भी नहीं चाहिए ,. आज तो तेरी लाटरी निकल आयी है , एक साथ दो दो मिलेंगे , मोटे मोटे , कड़े कड़े ,. "
मोटा और कड़ा तो मुझे भी अच्छी तरह पता चल रहा था जिस तरह कमल जीजू का हथियार मेरे पिछवाड़े चुभ रहा था।
छवि , मेरी नयकी भाभी , एकदम हम लोगों से सटी , अपने दोनों नन्दोईयों के बीच में बैठी थी , कनखियों से अपने बड़े नन्दोई , कमल जीजू की बदमाशियां देख रही थी , उसकी दोनों ननदे , रीनू और चीनू , और मैं कोमल सीधे उसके बगल में नन्दोई की गोद में , .
कमल जीजू का एक हाथ तो मेरे उभार का अब खुल के मजा ले रहा था ,
और दूसरा हाथ नयी सलहज के कंधे पर , सरकते हुए ऑलमोस्ट उसकी गोलाइयों पर , . .
और अजय जीजू ने अपना छवि के दूसरे कंधे पर ,.
और फोटोग्राफर हम लोगो की ग्रुप फोटो लेने की तैयारी कर रहा था , तब तक चीनू ने उसे रोक दिया , और कमल जीजू को हड़काया
" जीजू ,एकदम बेईमानी , आप साली सलहज में भेदभाव नहीं कर सकते , इट इज नॉट फेयर , "
और पहले तो छवि का आँचल थोड़ा सा सरका दिया , और उसकी भी चोली दिखने लगी ,
साथ ही कमल जीजू का हाथ खींच के सीधे उसके उभार पर ,
और फोटो ग्राफर को बोला , अब खींचो फोटो ,
मुझे लगा नयी भाभी को कहीं बुरा न लग रहा हो , मैं तो उससे सट कर बैठी ही थी , उसके कान में फुसफुसाई मैं ,
" क्यों मजा आ रहा है दो दो नन्दोईयों का एक साथ , . "
वो जिस तरह जोर से मुस्करायी और उसने अपने आँचल को ठीक करने की भी कोशिश नहीं की ,
मैं समझ गयी वो भी एकदम हम लोगों की तरह है ,
पांच मिनट की ग्रुप फ़ोटो पंद्रह मिनट में पूरी हुई।
स्टिल , वीडयो सब कुछ।
और सलहज के बाद ,सालियों को तो नम्बर लगाना ही था।
सलहज , साली , . जीजू
स्टिल , वीडयो सब कुछ।
और सलहज के बाद ,सालियों को तो नम्बर लगाना ही था। लेकिन सब सोफे पर ही बैठना चाहते थे , बस अबकी बिना किसी के कहे सुने , मैं अजय और कमल जीजू दोनों के गोद में बैठ गयी ,ठसके से।
कमल जीजू के बगल में रीनू और रीनू के पति , यानी अजय की बगल में चीनू।
अरे भले बड़ी हो ,लेकिन थी तो साली न।
मेरे दोनों उभार दोनों जीजू ने बाँट लिए थे ,एक जुबना अजय के हाथ तो दूसरा कमल जीजू के हाथ में।
रगड़ते मसलते खूब फोटो खिंचवाई उन्होंने ,और ऊपर से रीनू चीनू ,उन दोनों को चढ़ा भी रही थीं,
" इत्ते हलके से क्या मजा आएगा , "
अरे चोली दबा रहे हो या चोली के अंदर वाला ,"
फिर एक ने ऊपर से और दूसरे ने पेट के रास्ते चोली में सेंध भी लगा ली।
स्टिल ,वीडियों , हम सब की शरारतों का ,मस्ती का ,क्लोज अप मेरे क्लीवेज का।
और मैं भी अपने जीजू लोगों को खूब ललचा रही थी ,छेड़ रही थी। इत्ते दिन बाद तो हम सब मिले थे।
कभी अपने रसीले गाल उनके गाल से रगड़ देती तो कभी मेरी उंगलिया बल्ज पे ,
और अब तो छेड़छाड़ , मस्ती एकदम नान स्टाप , बेशरमी की सारी हदें पार हो रही थी , मेरी दोनों बहने मेरे दोनों जीजू के अगल बगल , तीन के सोफे पे हम चार और मैं अजय और कमल जीजू की गोद में , आधी एक जीजू की गोद में और आधी दूसरी जीजू की गोद में , और ऊपर से मेरी दोनों नालायक बहनों ने खींच कर मेरा हाथ पकड़ के दोनों जीजू के पैंट फाड़ते साफ़ साफ़ दिखते खूंटे को पकड़ा दिया ,
" कोमलिया ठीक से पकड़ ले , वरना गिर जायेगी "
चीनू बोली।
मैंने न सिर्फ ' ठीक से पकड़ ' लिया बल्कि कैमरे के सामने खूब खुल के दबाने रगड़ने लगी जैसे मेरे दोनों जीजू मेरी चोली के अंदर हाथ डाल के मसल रगड़ रहे थे ,
लेकिन असली बदमाशी उनकी सलहज ने की ,
सालियाँ सोफे पर थी तो सलहज सब , सोफे के पीछे जहाँ अभी रीनू और चीनू मेरी दोनों बहने खड़ी थी , और संध्या भाभी ने बसंती को भी बुला लिया , फोटो खिंचवाने ,
और असली बदमाशी संध्या भाभी ने ,
मैं जीजू लोगो की गोद में और जीजू लोगों के ठीक पीछे खड़ी वो , और भौजाई हों , ननद हों , और शरारत न हो ,.
उन्होंने मेरी पीठ और जीजू के सीने के बीच में अपना हाथ डाल दिया और जब तक मैं समझूं समझूँ , मेरी बैकलेस कच्छी चोली , सिर्फ एक पतली सी स्ट्रिंग से बंधी थी , वो संध्या भाभी ने आराम से धीरे धीरे खोल दी , .
मैं कुछ कर भी नहीं सकती थी , मेरे हाथ , आप जानते हैं कहाँ थे , .
और यही नहीं पतले से नूडल स्ट्रिंग को भी उन्होंने सरका आकर कैमरा मैन से बोला ,
' ज़रा यहाँ का क्लोज अप "
दोनों जीजू की तो चांदी हो गयी ,
बड़ी मुश्किल से सिर्फ उभारों के सहारे मेरी छोटी सी चोली टिकी थी
और एक जोबन कमल जीजू के कब्जे में तो दूसरा अजय जीजू के और मेरी भाभी के साथ साथ मेरी दोनों कमीनी भी उन्हें चढ़ा रही थी , लेकिन सबसे बढ़ कर बसंती , वो तो एकदम खुल्लम खुल्ला ,
" अरे नन्दोई अइसन हलके रगड़े मिसै में हमार ननद को नहीं मजा आता है ,
और कहीं ऐसी हलके से चोदोगे तो ई कोरी गांड नहीं फटने वाली। "
" एकदम नन्दोई जी , आज कोमल रानी की न सिर्फ गाँड़ फटनी है , बल्कि उन की चीख भी आपकी सलहज से पहले और तेज निकलनी है , तभी कल इनाम में नहीं सलहज मिलेगी . . "
संध्या भाभी भी अब असली भौजाई वाले लेवल पर आ गयी थीं।
उनकी नयी सलहज भी सामने बैठी मुस्करा रही थी , मानो हामी भर रही हो , . .
और हर पल कैमरे में रिकार्ड हो रहा था ,
और ऊपर से फोटोग्राफर को भी मेरी शैतान भाभियाँ चढ़ा के , एक से एक , .
छन्दा भाभी ने मेरी चोली के बंध तो पीछे से खोल ही दिए थे , ऊपर से कंधे पर के नूडल स्ट्रिंग भी सरका दिए थे , आँचल तो कब का लुढ़क चुका था , . पर कमल जीजू का हाथ थोड़ा ढंके , छुपाये , . पर भाभी ने उनके कान में क्या मंत्र फूका एक पल के लिए उन्होंने मेरे उभार पर से हाथ हटा लिए और फिर मेरे पेट ओर और नीचे से चोली को और सरका के , . और ऊपर से चोली जो बस मेरे जोबन पर बस अटकी थी , भाभी ने उसे भी सरका के हलके से और नीचे , . अब एक निप्स भी ,. और फोटोग्राफर को बोला उन्होंने ,
" हाँ , अब , एक बढ़िया क्लोज अप बनता है , . "
क्लिक क्लिक
फिर दोनों नन्दोईयों को हड़काया उन्होंने , . मेरी ननद के इत्ते गोर गुलाबी चिकने चिकने गाल और फिर बसंती भी मैदान में आ गयी , .
अरे ननद रानी हम कह रहे थे न , दो दो चिकने चिकने गाल , दो मस्त जोबन , अगवाड़े पिछवाड़े के दो छेद ,
तो दोनों हमारे इन नन्दोईयों के साथ तो एक साथ बनता है ,
और इशारा समझ कर मेरे दोनों जीजू ने मेरे दोनों गालों पर जबरदस्त चुम्मी , और उनके होंठ मेरे दोनों गालों से चिपके , हाथ दोनों जोबन पर
क्लिक क्लिक
और ऊपर से चीनू मेरी बहन , पाला बदल कर संध्या भाभी की ओर ,
" अरे भाभी , आपकी इस कोमलिया का जब पिछवाड़ा फटेगा न ,
बस १८ मिनट बचे हैं , . एकदम क्लोज अप स्टिल वीडियो सब , मिलेगा आप को , . मेरे इस फोन में मस्त फोटुएं आती हैं , . और सुबह का इन्तजार भी नहीं , तुरंत ताजा व्हाट्सएप करुँगी आपको , .
और अब मैं भी खुल कर इस के मजे ले रही थी ,
बसंती और संध्या भाभी के चढाने का असर दोनों अब एकदम खुल के ,. और अब तो चोली की भी रोक टोक नहीं थी ,. .
कमल जीजू तो और जिस तरह वो मेरे निपल्स रगड़ रहे थे , मेरी गुलबिया एकदम पानी फेंक रही थी ,
अब तो बस यही मन कर रहा था की जिस चीज के लिए बचपन से मेरी दोनों बहने , . चिढ़ातीं थी और बहने ही नहीं , दोनों मौसी लोग भी ,. सबसे छोटी साली हो ,. दोनों चढ़ेंगे तेरे ऊपर और वो भी साथ साथ ,.
तो हो जाए तो हो जाए
पंद्रह मिनट से कम ही बचे थे
वैसे भी , एक बार हम ननदे नयी दुल्हन को उसके पिया के कमरे में पहुंचा देती उसके बाद तो ,
मेरी रगड़ाई आज तय थी ,दोनों जीजू एकदम उतावले।
यही मन कर रहा था की जिस चीज के लिए बचपन से मेरी दोनों बहने , . चिढ़ातीं थी और बहने ही नहीं , दोनों मौसी लोग भी ,. सबसे छोटी साली हो ,. दोनों चढ़ेंगे तेरे ऊपर और वो भी साथ साथ ,. तो हो जाए तो हो जाए
घण्टे भर से कम ही बचे थे वैसे भी , एक बार हम ननदे नयी दुल्हन को उसके पिया के कमरे में पहुंचा देती उसके बाद तो ,
मेरी रगड़ाई आज तय थी ,दोनों जीजू एकदम उतावले।
लेकिन,
लेकिन ,
पर वैसा कुछ नहीं हुआ।
ये आगये।
मैं जीजू लोगों के साथ ग्रुप फोटों खिंचवा रही थी , बस उसी समय।
और उनका चेहरा ऐसा उतर गया की ,
मैं समझ गयी कि ,इन्हें जम कर बुरा लग गया।
कमल जीजू को तो ये पहचानते थे , कमल जीजू कॉलेज में उनसे तीन साल सीनियर थे ,जब ये नौवें में गए थे तो वो बारहवीं में थे ,
अजय जीजू से पहली बार मिले थे ,लेकिन सब कुछ बहुत फार्मल कोल्ड,
रीनू ,चीनू ने उन्हें छेड़ने की ,मजाक करने की भी कोशिश की पर , इनका जो चेहरा लटका तो ,
पूरा माहौल एकदम,.
और कुछ देर बाद उन्होंने बॉम्बशेल छोड़ दिया ,
मुझे उनके साथ आज ही लौटना होगा , तीन चार घंटे बाद।
रीनू चीनू ने बहुत मनाया ,मेरी बड़ी मौसी ,चीनू की माँ ने भी ,लेकिन ,.
उनके मायके में कुछ छोटी मोटी कुछ ,. किसी का बर्थडे शायद उनकी उसी छिपकली मार्का ममेरी बहन का ,
मैंने अपनी ओर से बात बदलने की कोशिश करते हुए दबी आवाज में पूछा भी की ,
" आपकी तो ट्रेन छूट गयी थी न। "
" हाँ ,लेकिन कुहासे के चक्कर में ट्रेन लेट चल रही है तो एक दूसरी ट्रेन में ,. "
पता ये चला की ट्रेन में टीटी को कुछ ले दे कर वो चढ़ गए थे और उतरने पर स्टेशन पर उन्होंने देखा की एक ट्रेन जो करीब १६-१७ घंटे लेट चल रही थी ,उसमें उन्होंने करेंट रिजर्वेशन करवा लिया था और बस कुछ देर में मुझे वापस ,
मेरी फिर बच गयी।
जब मैं वापस लौट रही थी , इनके साथ तो अजय जीजू ने मुझे छेड़ते हुए माहौल हल्का बनाने की कोशिश की ,
"जा जा ,भूख शेर मिलेगा। "
हम लोग दरवाजे से बाहर निकल रहे थे की किसी ने पीछे से हलके से कमेंट मारा ,
किलज्वॉय।
मुझे इतना बुरा लगा मैं बता नहीं सकती।
पुरानी यादों से उबरती मैं उन्हें निहार रही थी।
लेकिन वो उनके परिवर्तन पूर्व के दिन थे ,और अब ,. .
अब तो मेरे जीजू लोगों से किसी भी मामले में कम नहीं थे , न मजे देने में।
न मजे लेने में।
और मैं काम में लग गयी ,
जीजू लोगों के आने के बाद टाइम तो मिलेगा नहीं इसलिए इनके मायके जाने की पैकिंग अभी पूरी करनी थी ,
फिर उन लोगों के लिए भी तैयारी करनी थी /
उन्हें मैंने सोने दिया , अपना काम ख़तम कर के घंटे भर बाद उठाया। शाम होनेवाली थी।
लुकिंग अ परफेक्ट स्लीपिंग ब्यूटी ,
मेरी निगाह उनके मस्त नितम्बो पर गयी , स्साली क्या चूतड़ हैं , मस्त लौंडिया भी मात।
तभी तो उन्हें खुद बताया था उन्होंने हाई कॉलेज में है शुकर की तू है लड़का , की टाइटिल मिली थी ,
सारे लड़के उन्हें हाई क्लास लौंडा कह के छेड़ते थे ,
एकदम ऐसे चिकने थे की , बस,. कोई अच्छा खास स्ट्रेट भी , . . लौण्डबाज बनने पर मजबूर हो जाए।
मैं हलके हलके उनके बबल बॉटम्स सहला रही थी।
वो सोते हुए भी मुस्करा रहे थे , और तभी मुझे एक शर्त याद आयी, उनकी सास ने लगाई थी ,
" अगर तुझे इसे मादरचोद बनाना है न तो मेरे आने के पहले इसकी नथ उतर जानी चाहिए , तब तू इसके फटने की फोटो भेजेगी मुझे तभी मैं इसकी माँ को लेके ,. "
और मैने उस समय तुरंत हाँ बोल दी थी।
ये तो मैं किसी शर्त पर नहीं छोड़ सकती थी , उसके लिए मुझे चाहे जो करना पड़े।
उनका मोटा लन्ड कसर मसर उनकी माँ के भोंसडे में जाय और वो भी मेरे सामने , इस सीन के लिए तो मैं ,
मेरा शैतान दिमाग चरखी की तरह चल रहा था ,
कैसे चुदेगी मेरी छिनार पंचभतारी सास अपने बेटे से , . और अब मेरी ऊँगली उनकी कसी कोरी गांड की दरार में चल रही थी।
चिकने तो वो बचपन के थे , खुद अपने बचपन के किस्से बताते हुए उन्होंने कबूला था की क्लास ९ से ११ के बीच तीन बार उनकी नेकर उतर चुकी थी ,
एक बार तो निहुराया , सटाया ,भी हो चुका था ,लेकिन बस घुसेड़ने के पहले गड़बड़ हो गया।
बच गए बिचारे ,
लेकिन अब नहीं बच सकते ,क्योंकि ये अगर बच गए तो मेरी छिनार सास बच जाएंगी और ये मैं होने नहीं दे सकती थी।
कमल जीजू भी तो इन्ही के कॉलेज में थे ,शायद इनसे तीन या चार साल सीनियर ,
इन्होंने खुद बताया था , कोई भी चिकना उनके कॉलेज का ,कमल जीजू से बचा नहीं था ,सीधे नहीं तो जबरदस्ती ,
ये बस इसलिए बच गए थे की जिस साल ये कॉलेज में गए उसी साल कमल जीजू इंजीनियरिंग में पहुँच गए।
और कमल जीजू तो अभी भी , चीनू ने खुद बताया था अभी भी जेंडर डिस्क्रिमिनेशन में विश्वास नहीं रखते थे , महीने में एकाध बार ,
बस ,
कचाक से ऊँगली मैंने उनकी कसी कोरी गांड में पेल दी ,
मिल गया , अब न ये बचेंगे ,न इनकी माँ।
दो पोर तक मेरी ऊँगली इनकी गांड में ,
" तेरे लिए एक सरप्राइज खबर है लेकिन अभी नहीं , तुमने अभी नहाया नहीं न आज , चलो पहले अपने सोना मोना को नहलाती हूँ अच्छी तरह से फिर ,…
लेकिन नहलाया भी उन्होंने ,धुलाया भी उन्होंने।
मेरे उभारों से दरारों तक हर जगह रगड़ रगड़ के ,साबुन लगा के ,
मैंने उनको भी साबुन लगा के मसला मुठियाया ,
और हम दोनों साथ साथ साथ शावर में , हैण्ड शावर के नॉजल से उनके खूंटे को ,सुपाड़े को भी छेड़ा ,
और जब हमने शावर में एक दूसरे का साबुन साफ़ कर दिया तो मैंने उन्हें हड़काते हुए कहा,
" हे तुमने सब जगह ठीक से साफ़ नहीं किया ,अपने को। "
बिचारे वो ,उन्होंने हाथ की उँगलियों के बीच ,पैर की उंगलियों को ,तलुओं को मुझे दिखाया ,
स्पॉट लेसली क्लीन ,
लेकिन मेरे मन में तो कुछ और ही चल रहा था ,
" बेंड " मैं बोली ,
वो झुक गए।
टच योर टोज ,
उन्होंने झुके हुए अपने टोज छूने शुरू कर दिए ,
रेज योर आस ,
झुके हुए उन्होंने अपने गोल गोल नितम्बो को हवा में उठा दिया।
क्या मस्त चिकनी स्मूथ गोलाइयाँ थी , कोई ब्रम्हचारी भी देख ले तो उसका लौण्डेबाज होने का मन करने लगे।
मैंने थोड़ी देर उन्हें सहलाने के बाद एक झटके में पूरी ताकत से उन्हें फैला दिया ,
कसी कोरी दरार एकदम चिकनी साफ़ ,
मम्मी ने उन्हें सिखा रखा था , ये तेरी मेल कंट है , हरदम मखमल की तरह मुलायम और रेशम की तरह चिकना रखना ,
लेकिन मेरी शैतानी दिमाग का चरखा कुछ और ही चल रहा था।
मैं अपने लिए कपडे निकाल रही थी ,और उनके लिए भी ,
टाइम पास नहीं हो रहा था ,
मेरी निगाह बार बार घडी की ओर तो कभी मोबाइल की ओर ,
जीजू ने बोला था यहाँ पहुंचने के आधे घंटे पहले वो फोन करेंगे।
किचेन से अच्छी अच्छी खुशबू आ रही थी ,हांडी चिकेन जो मम्मी की फेवरिट थी , और अपने दामाद को उन्होंने बहुत प्यार से सिखाया था ,
मटन बिरयानी कश्मीरी ,
सब की सब नान वेज,
मुझे याद आ गयी अपनी वो छुटकी ननदिया , . . भाभी हमारे यहां कुछ भी नहीं , किचेन तो छोड़िये , बाहर का भी कुछ नहीं , . मैं बड़े प्यार से उनकी बर्थडे पेस्ट्री ले आयी थी ,एकदम एगलेस ,लेकिन उसने ,मेरी जिठानी ने , वो भी फिंकवा दिया। ' अरे बर्तन तो वही होगा न "
एक बार हम लोग बड़ी मौसी के यहाँ ,(चीनू की मम्मी ) गए और पहुंचते ही उन्होंने हुकुम सुना दिया ,
मैं नान वेज नहीं खाता ,
आपके लिए आलू की सब्जी बन जायेगी ,कोई बोला लेकिन ये ,. उसी किचेन में अगर नान वेज बनेगा ,
मजबूरन हम सबने आलू की सब्जी ही खायी। चिकन ,मटन का प्लान फेल हो गया।
और आज ,
थोड़ी देर में काम ख़तम कर के वो मेरे पास बेड रूम में आ गए ,
" आलमोस्ट रेडी , आधे घंटे में सब तैयार हो जाएगा। " मुस्कराते हुए वो बोले।
चल अब मैं अपने सोना मोना को तैयार कर देती हूँ , ड्रेसिंग टेबल पर बैठी मैं बोली।
मैं अपने बाल सेट कर रही थी , उनके बाल भी थोड़ी क्रीम लगा के सेट कर के हॉट लुक दे दिया।
मैंने तय किया था वेट सेंसुअस लुक ,डार्क रेड लिपस्टिक , हाई चीकबोन्स , मस्कारा ,काजल ,
उनको भी मैंने बस जरा सा बहुत हल्का काजल , जस्ट अ टच , और गालों पे भी हल्का सा रूज ,
हाँ जो परफ्यूम मैंने लगाया था वही उनको भी ,
मैंने एक सेक्सी रेड हॉल्टर शोल्डर लेस टॉप पहना , उसके नीचे बस छोटी शोल्डरलेस हाफ कप पुश अप ब्रा , जो मेरे उभारों को और उभार रही थी , एक मैचिंग पिंक थांग और रिप्ड अल्ट्रा लो टाइट डेनिम ,
उनके लिए भी मैंने पिंक शर्ट निकाल दी थी ,एकदम बॉडी हगिंग , और स्किन टाइट जीन्स।
हम दोनों साथ तैयार हो गए।
" सुनो ,एक बेड रूम ,मम्मी जिस में थी ,वो वाला ,रेडी तो है बस एक बार चेक कर लेना , और हाँ , लिविंग रूम में दो स्पेयर मैट्रेस लगा देना , ब्लैक साटन शीट के साथ और कुशन भी , . क्या पता वो लोग वहीँ ही ,. "
एकदम कह कर वो निकल दिए।
मेरी निगाह घड़ी पर पड़ी ,अभी ४५ मिनट थे , जीजू का फोन नहीं आया ,
एंड थिंक आफ डेविल ,
मेरा आई फोन घनघना उठा।
टिपिकल कमल जीजू ,
" कहीं फंसी थी क्या , मतलब किसी काम में "
टिपिकल डबल मीनिंग डायलाग।
और संध्या भाभी ने बात पूरी की ,
" इनाम में तोहार सलहज , कल ,. "
और उनकी बात पूरी होने के पहले ही कमल जीजू मैदान में कूद पड़े ,
" एकदम भाभी , अरे पूरे मोहल्ले में चीख सुनाई पड़ेगी आपकी ननद की , और इतना वेट क्यों , मैं कहिये तो अभी कमरे में ले जाकर , निहुराकर , . इस मीठे रसगुल्ले के लिए तो ,. "
कमल जीजू की निगाह एकदम बेशरम की तरह छवि के मीठे मीठे चेहरे पर चिपकी थी ,
और छवि भी बजाय गुस्सा होने के , शरमाने के हलके हलके मुस्करा रही थी , आंखे झुका के ,.
फिर तो दोनों जीजू एक साथ चीखे ,
" अरररे , हंसी तो फंसी , . "
और अब तो छवि सच में हंस दी , .
मैं चुप जरूर थी लेकिन मुस्करा रही थी और सोच रही थी , कोमल यार आज तो तेरी गाँड़ गयी , . डबलिंग भी , .
लेकिन मैं भी तो जब से आयी थी ,. एक तो ये नहीं थे ,.
फिर बहुत दिन बाद सारी बहने , भाभियाँ , मौसियां ,. . एकदम खुला माहौल , . और सबसे बढ़कर दोनों जीजू , .
हर रस्म में चुन चुन के गालियां नाम ले ले कर दोनों जीजू लोगो को और उससे भी बढ़ कर , पकड़ना रगड़ना , .
शादी की रस्मों में तो बहुत मौके मिलते हैं ,
हल्दी का छापा लगाने के लिए दौड़ के मैंने कमल जीजू को घेरा , . .
संध्या भाभी मुझे चढ़ा रही थीं , अरे असली जगह लगा , असली जगह , तू तो सबसे छोटी स्साली है ,.
और मैंने सच में पाजामे में हाथ डाल दिया , जीजू ने चड्ढी पहन रखी थी ,
पर जीजू की चड्ढी के ऊपर से खूब जम के मसला रगड़ा , चीनू जो रोज बताती , कलाई इतना मोटा , बित्ते इतना बड़ा , . सच में जीजू को अंडर एस्टीमेट कर रही ,.
मन तो मेरा कर रहा था चड्ढी के अंदर भी ,. लेकिन तबतक बसंती भौजी दिख गयी , . ननद भौजाई के मुकाबले में तो वो मुझे खूब खुल के गरियाती थी , लेकिन जीजू के पीछे हम दोनों मिल के , आखिर मेरे जीजू थे तो उस के भी नन्दोई थे ,.
उसने मुझे उकसाया , अरे असली जगह जब तक हल्दी न लगे , आगे पीछे तब तक क्या याद रहेगा ससुराल आये थे ,
और मैंने भी उसे उकसाया ,
सब काम साली ही करेंगी , सलहज किस लिए हैं ,
बस चड्ढी के अंदर आगे से वो , पीछे से मैं ,.
और मैंने तो दरार में भी हल्दी से रंगी एक ऊँगली , .
जीजू उचक गए बोले
स्साली जब मैं तेरे पिछवाड़े डालूंगा न तो पता चलेगा , परपारायेगी , . लेकिन बसंती सीधे से उनके खूंटे पर हल्दी लगाते बोली ,
" अरे नन्दोई जी लगा दीजिये न डालने वाले डालते हैं पूछते नहीं , वो भी साली से , ससुराल में ,,, "
मैं सोच रही थी , मन भी कर रहा था और सिर्फ कमल के साथ नहीं अजय जीजू के साथ भी , .
आखिर करार तो यही था , बचपन का ,. लेकिन ये मैंने नहीं सोचा था , एक साथ दोनों ,. .
पर मेरी कमीनी बहनें , . इन दोनों ने पहले से प्लान बना रखा था मेरी सैंडविच दोनों जीजू से बनवाने का , और आज संध्या भाभी भी ,.
फिर ये भी नहीं आये तो मेरी बहनों को मौका ही मौका ,. . और ऊपर से अब कमल जीजू को मालूम हो गया है की मेरा पिछवाड़ा अभी तक कोरा है तो ,
अब तो ये बचने वाला नहीं ,.
न बचे तो न बचे , चीनू की नहीं बची , रीनू की नहीं बची , . तो मेरी बचने का सवाल ही नहीं , लेकिन एक साथ दोनों , . सोच सोच के ही न जाने कैसा लग रहा था , लेकिन इतनी देर से संध्या भाभी और बसंती मेरे पीछे पड़ी थी , मेरा भी तो बोलना ,. . और वो भी लोग भी छवि के बहाने मुझे छेड़ रही थी तो मैंने भी छवि से ही बोला ,
" अरे यार मेरी मीठी भाभी का फायदा हो जाए तो थोड़ी बहुत चीख पुकार भी मैं मचा लुंगी , . आज साले के साथ , कल बहनोई के साथ , . . आज सैंया के साथ , कल नन्दोई के साथ , . एकदम बदल बदल कर टेस्ट मिलेगा , . और घबड़ा मत जीजू सिर्फ नीचे वाले मुंह का ही नहीं ऊपर वाले मुंह का भी टेस्ट बदलेंगे तेरा अपना चमचम चुसा के , . अरे आखिर हमारी भौजाइयों को उनके माँ बाप भेजते ही इसलिए हैं , . . आ के मोटे मोटे मूसल घोंटे , . "
लेकिन तब तक चमेली आ गयी , नाउन की बेटी , मुझसे छोटी , अभी तीन महीने पहले तो शादी हुयी थी , इसी शादी के लिए ससुराल से आयी थी , बस जो बात मैं नहीं कह पा रही थी , आ गयी छवि को महावर लगाने के लिए , . अपनी रंग की कटोरी लिए और बात उसने पूरी की ,
" अरे सच बोला भौजी , बिदाई के टाइम तोहार महतारी काने में इहै कहत रहीं न , . जा बेटी खूब चोदवावा , सैंया , नन्दोई देवर , . दिन रात लौंड़ा घोंटे के मिली . "
अब छवि सच में शर्मा गयी और हम सब बहने उस के पीछे , . . और अब संध्या भाभी भी , मजे ले कर चमेली को हड़काने लगी ,
" अरे कहाँ अपने मायके के यारों के साथ फंसी थी छिनार , खूब गाढ़ महावर लगा , . रच रच के। "
असली मतलब तो उस महावर का हम सब को मालूम था जिसकी जिसकी सुहागरात हो चुकी थी , चमेली भी हंस के संध्या भाभी से बोली ,
" अरे भौजी , सबेरे अपने देवर को देखियेगा , इहै महावर उनके माथे में लगा रहेगा , पक्का। इनके ननद का हाथ है , चमेली का। और भौजी ( अब वो छवि से बोल रही थी , . ) ठीक नौवें महीने सोहर होना चाहिए , यही कंगन लुंगी भतीजे का , . दिन घडी आज का नोट कर ले रही हूँ , . "
और जब वो महावर लगा के उठी , तब तक साढ़े आठ बज गए थे , नौ बजे हम लोगों को छवि को उसके कमरे में पहुँचाना था और उसके बाद हम तीनों बहने , और दोनों जीजू बगल के कमरे में , . एकदम नयी दुल्हन के कमरे से सटा ,.
लेकिन तबतक फोटो लेने वाले आगये और हम लोग ग्रुप फोटो की तैयारी में लग गए।
और ग्रुप फोटो में आफ कोर्स , प्लेस आफ हॉनर ,नयी दुल्हन को मिलना था।
ग्रुप फोटो
" अरे भौजी , सबेरे अपने देवर को देखियेगा , इहै महावर उनके माथे में लगा रहेगा , पक्का। इनके ननद का हाथ है , चमेली का। और भौजी ( अब वो छवि से बोल रही थी , . ) ठीक नौवें महीने सोहर होना चाहिए , यही कंगन लुंगी भतीजे का , . दिन घडी आज का नोट कर ले रही हूँ , . "
और जब वो महावर लगा के उठी , तब तक साढ़े आठ बज गए थे ,
नौ बजे हम लोगों को छवि को उसके कमरे में पहुँचाना था
और उसके बाद हम तीनों बहने , और दोनों जीजू बगल के कमरे में , . एकदम नयी दुल्हन के कमरे से सटा ,.
लेकिन तबतक फोटो लेने वाले आगये और हम लोग ग्रुप फोटो की तैयारी में लग गए।
और ग्रुप फोटो में आफ कोर्स , प्लेस आफ हॉनर ,नयी दुल्हन को मिलना था।
बीच में मेरी नयी भाभी ,
उसके दोनों ओर उसके ननदोई यानी मेरे जीजू अजय और कमल , और मैंने सोफे के हत्थे पर।
चीनू ,रीनू सोफे के पीछे खड़ी।
नयी दुल्हन का पहला दिन था तो उसके साथ उतना ज्यादा तो नहीं पर उसके दोनों कन्धों पर अजय और कमल जीजू ने हाथ रखे हुए थे और उनकी शरारती ललचाती उंगलिया बस उसकी गोलाइयों से थोड़े ही ऊपर ,
" हे उधर बैठी हो कड़ा कड़ा गड़ रहा होगा , आ इधर बैठ जा न , "
कमल जीजू भी न, उन्होंने मुझे अपनी गोद में बैठने का इशारा किया ,
ऊपर से मेरी मझली बहन रीनू ,वो भी मेरे पीछे पड़ गयी ,
" हे माना की तू छोटी साली है लेकिन मैं भी तो कमल जीजू की साली हूँ ,मुझे भी बगल में बैठ के फोटो खिंचवाना है :
और बस मैं कमल जीजू की गोद में।
मेरी भाभियाँ , नयी दुल्हन सब उनकी शरारतों पर मुस्करा रहे थे।
एक सलहज ने उन्हें छेड़ा ,
" सम्हल के अरे , सालियों और सहलज के धक्का मुक्की में कहीं गिर न पड़ें ,ज़रा सम्हल के। "
" अरे आपके ननदोई इत्ती जल्दी गिर जाते हैं ,क्यों जीजू , नयी सलहज का असर है क्या ,"
मैंने भी जीजू को चिढाया।
बिचारे ट्रैक बदल के ,वो मेरे पीछे पड़ गए ,
" वहां लकड़ी पर बैठी थी कडा कड़ा लग रहा होगा , और यहां ,. . " कमल जीजू बोले।
" अरे जीजू नहीं ,यहां ज्यादा कड़ा कड़ा लग रहा है। "
उनके गदहा छाप तने औजार पर खुल के अपने बड़े बड़े चूतड़ रगड़ते मैं बोली ,और उन्होंने भी
ठीक बीच की दरार में उसे सेट किया हुआ था।
अब संध्या भाभी का मौक़ा था , वो उन्हें छेड़ने लगी ,
,
" अरे हमें तेरी चिन्ता है कहीं तू न गिर पड़े ,"
और कमल जीजू को उन्होंने उकसाया ,
" अरे ननदोई जी ,साली को पकड़ने की जगह बनी हुयी है न , तो वहां ठीक से और जोर लगा के पकड़िये न "
बस कमल जीजू का हाथ सीधे मेरी चोली के ऊपर ,उभार पे और वही कस के रगड़ता मसलता ,
संध्या भाभी ने न सिर्फ अपने नन्दोई को उकसाया बल्कि मेरा आँचल ठीक करने के बहाने एकदम एकदम लुढ़का दिया ,
और फिर तो ,. मेरी चोली खूब लो कट थी , एकदम डीप , गहराई के साथ मेरी गोरी गोरी गोलाइयाँ भी एकदम झलक रही थी ,
चोली टाइट भी बहुत थी , एकदम मेरे जोबन को कस के चिपकाए , उभारे , पुश अप ,
और अब पूरी तरह खुली , . और कमल जीजू का हाथ अब सीधे खुल के मेरे उभार को न सिर्फ छू रहा था , सहला रहा था , बल्कि दबा भी रहा था ,
मैं क्यों मौका छोड़ देती ,
उनकी गोद में तो बैठी ही थी , और खूंटा उनका एकदम तना कड़ा खड़ा , बस हलके हलके मैंने अपने नितम्बो को जीजू के तने मूसल पर रगड़ना , घिसना , दबाना शुरू किया ,
और असर तुरंत हुआ , उनका हाथ कस के मेरे उभार को दबाना शुरू कर दिया और खूंटा भी ऐसा बेताब जैसे अभी उनके पैंट को फाड़ के , मेरी लहंगे को चीर के सीधे मेरे पिछवाड़े घुस जाएगा।
संध्या भाभी भी न , मुझे चिढ़ाती बोलीं ,
" क्यों कोमलिया , क्या सोच रही है , ये चोली कितनी ख़राब है , मेरे जवानी के फूलों और जीजू के बीच में चीन की दीवार बनी , . "
और आज मेरी दोनों बहने भी डिफेक्ट कर के सीधे भौजाइयों की ओर , चीनू मेरे गाल पर पिंच करते बोली ,
" सच में , लेकिन घबड़ा मत मेरी छोटी बहना , बस थोड़ी देर की बात , . चोली , लहंगा सब हट जाएगा , साली और जीजा के बीच कुछ आना भी नहीं चाहिए ,. आज तो तेरी लाटरी निकल आयी है , एक साथ दो दो मिलेंगे , मोटे मोटे , कड़े कड़े ,. "
मोटा और कड़ा तो मुझे भी अच्छी तरह पता चल रहा था जिस तरह कमल जीजू का हथियार मेरे पिछवाड़े चुभ रहा था।
छवि , मेरी नयकी भाभी , एकदम हम लोगों से सटी , अपने दोनों नन्दोईयों के बीच में बैठी थी , कनखियों से अपने बड़े नन्दोई , कमल जीजू की बदमाशियां देख रही थी , उसकी दोनों ननदे , रीनू और चीनू , और मैं कोमल सीधे उसके बगल में नन्दोई की गोद में , .
कमल जीजू का एक हाथ तो मेरे उभार का अब खुल के मजा ले रहा था ,
और दूसरा हाथ नयी सलहज के कंधे पर , सरकते हुए ऑलमोस्ट उसकी गोलाइयों पर , . .
और अजय जीजू ने अपना छवि के दूसरे कंधे पर ,.
और फोटोग्राफर हम लोगो की ग्रुप फोटो लेने की तैयारी कर रहा था , तब तक चीनू ने उसे रोक दिया , और कमल जीजू को हड़काया
" जीजू ,एकदम बेईमानी , आप साली सलहज में भेदभाव नहीं कर सकते , इट इज नॉट फेयर , "
और पहले तो छवि का आँचल थोड़ा सा सरका दिया , और उसकी भी चोली दिखने लगी ,
साथ ही कमल जीजू का हाथ खींच के सीधे उसके उभार पर ,
और फोटो ग्राफर को बोला , अब खींचो फोटो ,
मुझे लगा नयी भाभी को कहीं बुरा न लग रहा हो , मैं तो उससे सट कर बैठी ही थी , उसके कान में फुसफुसाई मैं ,
" क्यों मजा आ रहा है दो दो नन्दोईयों का एक साथ , . "
वो जिस तरह जोर से मुस्करायी और उसने अपने आँचल को ठीक करने की भी कोशिश नहीं की ,
मैं समझ गयी वो भी एकदम हम लोगों की तरह है ,
पांच मिनट की ग्रुप फ़ोटो पंद्रह मिनट में पूरी हुई।
स्टिल , वीडयो सब कुछ।
और सलहज के बाद ,सालियों को तो नम्बर लगाना ही था।
सलहज , साली , . जीजू
स्टिल , वीडयो सब कुछ।
और सलहज के बाद ,सालियों को तो नम्बर लगाना ही था। लेकिन सब सोफे पर ही बैठना चाहते थे , बस अबकी बिना किसी के कहे सुने , मैं अजय और कमल जीजू दोनों के गोद में बैठ गयी ,ठसके से।
कमल जीजू के बगल में रीनू और रीनू के पति , यानी अजय की बगल में चीनू।
अरे भले बड़ी हो ,लेकिन थी तो साली न।
मेरे दोनों उभार दोनों जीजू ने बाँट लिए थे ,एक जुबना अजय के हाथ तो दूसरा कमल जीजू के हाथ में।
रगड़ते मसलते खूब फोटो खिंचवाई उन्होंने ,और ऊपर से रीनू चीनू ,उन दोनों को चढ़ा भी रही थीं,
" इत्ते हलके से क्या मजा आएगा , "
अरे चोली दबा रहे हो या चोली के अंदर वाला ,"
फिर एक ने ऊपर से और दूसरे ने पेट के रास्ते चोली में सेंध भी लगा ली।
स्टिल ,वीडियों , हम सब की शरारतों का ,मस्ती का ,क्लोज अप मेरे क्लीवेज का।
और मैं भी अपने जीजू लोगों को खूब ललचा रही थी ,छेड़ रही थी। इत्ते दिन बाद तो हम सब मिले थे।
कभी अपने रसीले गाल उनके गाल से रगड़ देती तो कभी मेरी उंगलिया बल्ज पे ,
और अब तो छेड़छाड़ , मस्ती एकदम नान स्टाप , बेशरमी की सारी हदें पार हो रही थी , मेरी दोनों बहने मेरे दोनों जीजू के अगल बगल , तीन के सोफे पे हम चार और मैं अजय और कमल जीजू की गोद में , आधी एक जीजू की गोद में और आधी दूसरी जीजू की गोद में , और ऊपर से मेरी दोनों नालायक बहनों ने खींच कर मेरा हाथ पकड़ के दोनों जीजू के पैंट फाड़ते साफ़ साफ़ दिखते खूंटे को पकड़ा दिया ,
" कोमलिया ठीक से पकड़ ले , वरना गिर जायेगी "
चीनू बोली।
मैंने न सिर्फ ' ठीक से पकड़ ' लिया बल्कि कैमरे के सामने खूब खुल के दबाने रगड़ने लगी जैसे मेरे दोनों जीजू मेरी चोली के अंदर हाथ डाल के मसल रगड़ रहे थे ,
लेकिन असली बदमाशी उनकी सलहज ने की ,
सालियाँ सोफे पर थी तो सलहज सब , सोफे के पीछे जहाँ अभी रीनू और चीनू मेरी दोनों बहने खड़ी थी , और संध्या भाभी ने बसंती को भी बुला लिया , फोटो खिंचवाने ,
और असली बदमाशी संध्या भाभी ने ,
मैं जीजू लोगो की गोद में और जीजू लोगों के ठीक पीछे खड़ी वो , और भौजाई हों , ननद हों , और शरारत न हो ,.
उन्होंने मेरी पीठ और जीजू के सीने के बीच में अपना हाथ डाल दिया और जब तक मैं समझूं समझूँ , मेरी बैकलेस कच्छी चोली , सिर्फ एक पतली सी स्ट्रिंग से बंधी थी , वो संध्या भाभी ने आराम से धीरे धीरे खोल दी , .
मैं कुछ कर भी नहीं सकती थी , मेरे हाथ , आप जानते हैं कहाँ थे , .
और यही नहीं पतले से नूडल स्ट्रिंग को भी उन्होंने सरका आकर कैमरा मैन से बोला ,
' ज़रा यहाँ का क्लोज अप "
दोनों जीजू की तो चांदी हो गयी ,
बड़ी मुश्किल से सिर्फ उभारों के सहारे मेरी छोटी सी चोली टिकी थी
और एक जोबन कमल जीजू के कब्जे में तो दूसरा अजय जीजू के और मेरी भाभी के साथ साथ मेरी दोनों कमीनी भी उन्हें चढ़ा रही थी , लेकिन सबसे बढ़ कर बसंती , वो तो एकदम खुल्लम खुल्ला ,
" अरे नन्दोई अइसन हलके रगड़े मिसै में हमार ननद को नहीं मजा आता है ,
और कहीं ऐसी हलके से चोदोगे तो ई कोरी गांड नहीं फटने वाली। "
" एकदम नन्दोई जी , आज कोमल रानी की न सिर्फ गाँड़ फटनी है , बल्कि उन की चीख भी आपकी सलहज से पहले और तेज निकलनी है , तभी कल इनाम में नहीं सलहज मिलेगी . . "
संध्या भाभी भी अब असली भौजाई वाले लेवल पर आ गयी थीं।
उनकी नयी सलहज भी सामने बैठी मुस्करा रही थी , मानो हामी भर रही हो , . .
और हर पल कैमरे में रिकार्ड हो रहा था ,
और ऊपर से फोटोग्राफर को भी मेरी शैतान भाभियाँ चढ़ा के , एक से एक , .
छन्दा भाभी ने मेरी चोली के बंध तो पीछे से खोल ही दिए थे , ऊपर से कंधे पर के नूडल स्ट्रिंग भी सरका दिए थे , आँचल तो कब का लुढ़क चुका था , . पर कमल जीजू का हाथ थोड़ा ढंके , छुपाये , . पर भाभी ने उनके कान में क्या मंत्र फूका एक पल के लिए उन्होंने मेरे उभार पर से हाथ हटा लिए और फिर मेरे पेट ओर और नीचे से चोली को और सरका के , . और ऊपर से चोली जो बस मेरे जोबन पर बस अटकी थी , भाभी ने उसे भी सरका के हलके से और नीचे , . अब एक निप्स भी ,. और फोटोग्राफर को बोला उन्होंने ,
" हाँ , अब , एक बढ़िया क्लोज अप बनता है , . "
क्लिक क्लिक
फिर दोनों नन्दोईयों को हड़काया उन्होंने , . मेरी ननद के इत्ते गोर गुलाबी चिकने चिकने गाल और फिर बसंती भी मैदान में आ गयी , .
अरे ननद रानी हम कह रहे थे न , दो दो चिकने चिकने गाल , दो मस्त जोबन , अगवाड़े पिछवाड़े के दो छेद ,
तो दोनों हमारे इन नन्दोईयों के साथ तो एक साथ बनता है ,
और इशारा समझ कर मेरे दोनों जीजू ने मेरे दोनों गालों पर जबरदस्त चुम्मी , और उनके होंठ मेरे दोनों गालों से चिपके , हाथ दोनों जोबन पर
क्लिक क्लिक
और ऊपर से चीनू मेरी बहन , पाला बदल कर संध्या भाभी की ओर ,
" अरे भाभी , आपकी इस कोमलिया का जब पिछवाड़ा फटेगा न ,
बस १८ मिनट बचे हैं , . एकदम क्लोज अप स्टिल वीडियो सब , मिलेगा आप को , . मेरे इस फोन में मस्त फोटुएं आती हैं , . और सुबह का इन्तजार भी नहीं , तुरंत ताजा व्हाट्सएप करुँगी आपको , .
और अब मैं भी खुल कर इस के मजे ले रही थी ,
बसंती और संध्या भाभी के चढाने का असर दोनों अब एकदम खुल के ,. और अब तो चोली की भी रोक टोक नहीं थी ,. .
कमल जीजू तो और जिस तरह वो मेरे निपल्स रगड़ रहे थे , मेरी गुलबिया एकदम पानी फेंक रही थी ,
अब तो बस यही मन कर रहा था की जिस चीज के लिए बचपन से मेरी दोनों बहने , . चिढ़ातीं थी और बहने ही नहीं , दोनों मौसी लोग भी ,. सबसे छोटी साली हो ,. दोनों चढ़ेंगे तेरे ऊपर और वो भी साथ साथ ,.
तो हो जाए तो हो जाए
पंद्रह मिनट से कम ही बचे थे
वैसे भी , एक बार हम ननदे नयी दुल्हन को उसके पिया के कमरे में पहुंचा देती उसके बाद तो ,
मेरी रगड़ाई आज तय थी ,दोनों जीजू एकदम उतावले।
यही मन कर रहा था की जिस चीज के लिए बचपन से मेरी दोनों बहने , . चिढ़ातीं थी और बहने ही नहीं , दोनों मौसी लोग भी ,. सबसे छोटी साली हो ,. दोनों चढ़ेंगे तेरे ऊपर और वो भी साथ साथ ,. तो हो जाए तो हो जाए
घण्टे भर से कम ही बचे थे वैसे भी , एक बार हम ननदे नयी दुल्हन को उसके पिया के कमरे में पहुंचा देती उसके बाद तो ,
मेरी रगड़ाई आज तय थी ,दोनों जीजू एकदम उतावले।
लेकिन,
लेकिन ,
पर वैसा कुछ नहीं हुआ।
ये आगये।
मैं जीजू लोगों के साथ ग्रुप फोटों खिंचवा रही थी , बस उसी समय।
और उनका चेहरा ऐसा उतर गया की ,
मैं समझ गयी कि ,इन्हें जम कर बुरा लग गया।
कमल जीजू को तो ये पहचानते थे , कमल जीजू कॉलेज में उनसे तीन साल सीनियर थे ,जब ये नौवें में गए थे तो वो बारहवीं में थे ,
अजय जीजू से पहली बार मिले थे ,लेकिन सब कुछ बहुत फार्मल कोल्ड,
रीनू ,चीनू ने उन्हें छेड़ने की ,मजाक करने की भी कोशिश की पर , इनका जो चेहरा लटका तो ,
पूरा माहौल एकदम,.
और कुछ देर बाद उन्होंने बॉम्बशेल छोड़ दिया ,
मुझे उनके साथ आज ही लौटना होगा , तीन चार घंटे बाद।
रीनू चीनू ने बहुत मनाया ,मेरी बड़ी मौसी ,चीनू की माँ ने भी ,लेकिन ,.
उनके मायके में कुछ छोटी मोटी कुछ ,. किसी का बर्थडे शायद उनकी उसी छिपकली मार्का ममेरी बहन का ,
मैंने अपनी ओर से बात बदलने की कोशिश करते हुए दबी आवाज में पूछा भी की ,
" आपकी तो ट्रेन छूट गयी थी न। "
" हाँ ,लेकिन कुहासे के चक्कर में ट्रेन लेट चल रही है तो एक दूसरी ट्रेन में ,. "
पता ये चला की ट्रेन में टीटी को कुछ ले दे कर वो चढ़ गए थे और उतरने पर स्टेशन पर उन्होंने देखा की एक ट्रेन जो करीब १६-१७ घंटे लेट चल रही थी ,उसमें उन्होंने करेंट रिजर्वेशन करवा लिया था और बस कुछ देर में मुझे वापस ,
मेरी फिर बच गयी।
जब मैं वापस लौट रही थी , इनके साथ तो अजय जीजू ने मुझे छेड़ते हुए माहौल हल्का बनाने की कोशिश की ,
"जा जा ,भूख शेर मिलेगा। "
हम लोग दरवाजे से बाहर निकल रहे थे की किसी ने पीछे से हलके से कमेंट मारा ,
किलज्वॉय।
मुझे इतना बुरा लगा मैं बता नहीं सकती।
पुरानी यादों से उबरती मैं उन्हें निहार रही थी।
लेकिन वो उनके परिवर्तन पूर्व के दिन थे ,और अब ,. .
अब तो मेरे जीजू लोगों से किसी भी मामले में कम नहीं थे , न मजे देने में।
न मजे लेने में।
और मैं काम में लग गयी ,
जीजू लोगों के आने के बाद टाइम तो मिलेगा नहीं इसलिए इनके मायके जाने की पैकिंग अभी पूरी करनी थी ,
फिर उन लोगों के लिए भी तैयारी करनी थी /
उन्हें मैंने सोने दिया , अपना काम ख़तम कर के घंटे भर बाद उठाया। शाम होनेवाली थी।
लुकिंग अ परफेक्ट स्लीपिंग ब्यूटी ,
मेरी निगाह उनके मस्त नितम्बो पर गयी , स्साली क्या चूतड़ हैं , मस्त लौंडिया भी मात।
तभी तो उन्हें खुद बताया था उन्होंने हाई कॉलेज में है शुकर की तू है लड़का , की टाइटिल मिली थी ,
सारे लड़के उन्हें हाई क्लास लौंडा कह के छेड़ते थे ,
एकदम ऐसे चिकने थे की , बस,. कोई अच्छा खास स्ट्रेट भी , . . लौण्डबाज बनने पर मजबूर हो जाए।
मैं हलके हलके उनके बबल बॉटम्स सहला रही थी।
वो सोते हुए भी मुस्करा रहे थे , और तभी मुझे एक शर्त याद आयी, उनकी सास ने लगाई थी ,
" अगर तुझे इसे मादरचोद बनाना है न तो मेरे आने के पहले इसकी नथ उतर जानी चाहिए , तब तू इसके फटने की फोटो भेजेगी मुझे तभी मैं इसकी माँ को लेके ,. "
और मैने उस समय तुरंत हाँ बोल दी थी।
ये तो मैं किसी शर्त पर नहीं छोड़ सकती थी , उसके लिए मुझे चाहे जो करना पड़े।
उनका मोटा लन्ड कसर मसर उनकी माँ के भोंसडे में जाय और वो भी मेरे सामने , इस सीन के लिए तो मैं ,
मेरा शैतान दिमाग चरखी की तरह चल रहा था ,
कैसे चुदेगी मेरी छिनार पंचभतारी सास अपने बेटे से , . और अब मेरी ऊँगली उनकी कसी कोरी गांड की दरार में चल रही थी।
चिकने तो वो बचपन के थे , खुद अपने बचपन के किस्से बताते हुए उन्होंने कबूला था की क्लास ९ से ११ के बीच तीन बार उनकी नेकर उतर चुकी थी ,
एक बार तो निहुराया , सटाया ,भी हो चुका था ,लेकिन बस घुसेड़ने के पहले गड़बड़ हो गया।
बच गए बिचारे ,
लेकिन अब नहीं बच सकते ,क्योंकि ये अगर बच गए तो मेरी छिनार सास बच जाएंगी और ये मैं होने नहीं दे सकती थी।
कमल जीजू भी तो इन्ही के कॉलेज में थे ,शायद इनसे तीन या चार साल सीनियर ,
इन्होंने खुद बताया था , कोई भी चिकना उनके कॉलेज का ,कमल जीजू से बचा नहीं था ,सीधे नहीं तो जबरदस्ती ,
ये बस इसलिए बच गए थे की जिस साल ये कॉलेज में गए उसी साल कमल जीजू इंजीनियरिंग में पहुँच गए।
और कमल जीजू तो अभी भी , चीनू ने खुद बताया था अभी भी जेंडर डिस्क्रिमिनेशन में विश्वास नहीं रखते थे , महीने में एकाध बार ,
बस ,
कचाक से ऊँगली मैंने उनकी कसी कोरी गांड में पेल दी ,
मिल गया , अब न ये बचेंगे ,न इनकी माँ।
दो पोर तक मेरी ऊँगली इनकी गांड में ,
" तेरे लिए एक सरप्राइज खबर है लेकिन अभी नहीं , तुमने अभी नहाया नहीं न आज , चलो पहले अपने सोना मोना को नहलाती हूँ अच्छी तरह से फिर ,…
लेकिन नहलाया भी उन्होंने ,धुलाया भी उन्होंने।
मेरे उभारों से दरारों तक हर जगह रगड़ रगड़ के ,साबुन लगा के ,
मैंने उनको भी साबुन लगा के मसला मुठियाया ,
और हम दोनों साथ साथ साथ शावर में , हैण्ड शावर के नॉजल से उनके खूंटे को ,सुपाड़े को भी छेड़ा ,
और जब हमने शावर में एक दूसरे का साबुन साफ़ कर दिया तो मैंने उन्हें हड़काते हुए कहा,
" हे तुमने सब जगह ठीक से साफ़ नहीं किया ,अपने को। "
बिचारे वो ,उन्होंने हाथ की उँगलियों के बीच ,पैर की उंगलियों को ,तलुओं को मुझे दिखाया ,
स्पॉट लेसली क्लीन ,
लेकिन मेरे मन में तो कुछ और ही चल रहा था ,
" बेंड " मैं बोली ,
वो झुक गए।
टच योर टोज ,
उन्होंने झुके हुए अपने टोज छूने शुरू कर दिए ,
रेज योर आस ,
झुके हुए उन्होंने अपने गोल गोल नितम्बो को हवा में उठा दिया।
क्या मस्त चिकनी स्मूथ गोलाइयाँ थी , कोई ब्रम्हचारी भी देख ले तो उसका लौण्डेबाज होने का मन करने लगे।
मैंने थोड़ी देर उन्हें सहलाने के बाद एक झटके में पूरी ताकत से उन्हें फैला दिया ,
कसी कोरी दरार एकदम चिकनी साफ़ ,
मम्मी ने उन्हें सिखा रखा था , ये तेरी मेल कंट है , हरदम मखमल की तरह मुलायम और रेशम की तरह चिकना रखना ,
लेकिन मेरी शैतानी दिमाग का चरखा कुछ और ही चल रहा था।
मैं अपने लिए कपडे निकाल रही थी ,और उनके लिए भी ,
टाइम पास नहीं हो रहा था ,
मेरी निगाह बार बार घडी की ओर तो कभी मोबाइल की ओर ,
जीजू ने बोला था यहाँ पहुंचने के आधे घंटे पहले वो फोन करेंगे।
किचेन से अच्छी अच्छी खुशबू आ रही थी ,हांडी चिकेन जो मम्मी की फेवरिट थी , और अपने दामाद को उन्होंने बहुत प्यार से सिखाया था ,
मटन बिरयानी कश्मीरी ,
सब की सब नान वेज,
मुझे याद आ गयी अपनी वो छुटकी ननदिया , . . भाभी हमारे यहां कुछ भी नहीं , किचेन तो छोड़िये , बाहर का भी कुछ नहीं , . मैं बड़े प्यार से उनकी बर्थडे पेस्ट्री ले आयी थी ,एकदम एगलेस ,लेकिन उसने ,मेरी जिठानी ने , वो भी फिंकवा दिया। ' अरे बर्तन तो वही होगा न "
एक बार हम लोग बड़ी मौसी के यहाँ ,(चीनू की मम्मी ) गए और पहुंचते ही उन्होंने हुकुम सुना दिया ,
मैं नान वेज नहीं खाता ,
आपके लिए आलू की सब्जी बन जायेगी ,कोई बोला लेकिन ये ,. उसी किचेन में अगर नान वेज बनेगा ,
मजबूरन हम सबने आलू की सब्जी ही खायी। चिकन ,मटन का प्लान फेल हो गया।
और आज ,
थोड़ी देर में काम ख़तम कर के वो मेरे पास बेड रूम में आ गए ,
" आलमोस्ट रेडी , आधे घंटे में सब तैयार हो जाएगा। " मुस्कराते हुए वो बोले।
चल अब मैं अपने सोना मोना को तैयार कर देती हूँ , ड्रेसिंग टेबल पर बैठी मैं बोली।
मैं अपने बाल सेट कर रही थी , उनके बाल भी थोड़ी क्रीम लगा के सेट कर के हॉट लुक दे दिया।
मैंने तय किया था वेट सेंसुअस लुक ,डार्क रेड लिपस्टिक , हाई चीकबोन्स , मस्कारा ,काजल ,
उनको भी मैंने बस जरा सा बहुत हल्का काजल , जस्ट अ टच , और गालों पे भी हल्का सा रूज ,
हाँ जो परफ्यूम मैंने लगाया था वही उनको भी ,
मैंने एक सेक्सी रेड हॉल्टर शोल्डर लेस टॉप पहना , उसके नीचे बस छोटी शोल्डरलेस हाफ कप पुश अप ब्रा , जो मेरे उभारों को और उभार रही थी , एक मैचिंग पिंक थांग और रिप्ड अल्ट्रा लो टाइट डेनिम ,
उनके लिए भी मैंने पिंक शर्ट निकाल दी थी ,एकदम बॉडी हगिंग , और स्किन टाइट जीन्स।
हम दोनों साथ तैयार हो गए।
" सुनो ,एक बेड रूम ,मम्मी जिस में थी ,वो वाला ,रेडी तो है बस एक बार चेक कर लेना , और हाँ , लिविंग रूम में दो स्पेयर मैट्रेस लगा देना , ब्लैक साटन शीट के साथ और कुशन भी , . क्या पता वो लोग वहीँ ही ,. "
एकदम कह कर वो निकल दिए।
मेरी निगाह घड़ी पर पड़ी ,अभी ४५ मिनट थे , जीजू का फोन नहीं आया ,
एंड थिंक आफ डेविल ,
मेरा आई फोन घनघना उठा।
टिपिकल कमल जीजू ,
" कहीं फंसी थी क्या , मतलब किसी काम में "
टिपिकल डबल मीनिंग डायलाग।