Episode 55


शर्त , उनकी सास की

मुझे एक शर्त याद आयी, उनकी सास ने लगाई थी ,

" अगर तुझे इसे मादरचोद बनाना है न तो मेरे आने के पहले इसकी नथ उतर जानी चाहिए ,
तब तू इसके फटने की फोटो भेजेगी मुझे तभी मैं इसकी माँ को लेके ,. "

और मैने उस समय तुरंत हाँ बोल दी थी।

सच्च में , मेरी सास भी ना ,

इनकी माँ भी ,

मम्मी तो मेरी शादी से पहले ही कहती थीं , कोमलिया तेरी सास चलती है , और जम के चलती है , .

पहले तो मैं समझती थी , समधन के बीच का मज़ाक लेकिन मम्मी की पकड़ इस मामले में किसी से भी ज्यादा है ,

और शादी के बाद मैंने नोटिस भी किया ,

नमक तो जबरदस्त था उनमें , स्थूल तो नहीं लेकिन हलकी भारी जैसे इस उमर की औरतें हो जाती हैं ,. और वो भी एकदम सही जगह पर , . .

३८ डी डी , और खूब कड़े कड़े , .

और ऊपर से मेरी सास का आँचल हरदम ढलकता ही रहता था , खास तौर से जब इनके मौसा , फूफा आसपास मंडराते रहते थे , .

बड़ी बड़ी गोल गोल गदरायी , . सिर्फ गहराई नहीं , आलमोस्ट सब कुछ , अपने नन्दोई और जीजा ( इनके फूफा और मौसा )लोगों के सामने ,. ललचाती उकसाती

और उम्र भी क्या , जब १८ -१९ साल की थीं तो मेरे जेठ जी को उनके भोंसडे ने उगल दिया था और उसके बाद ये , . चालीस बयालीस की होंगी लेकिन ३५ -३६ से एक दिन ज्यादा नहीं लगती थीं ,

जोबन के साथ उनके चूतड़ भी जबरदस्त थे , ४० + रहे होंगे ,

मैंने कितनी बार , इनके मौसा , फूफा को उनके पिछवाड़े चिकोटी काटते , ऊँगली करते देखा था और एकाध बार उन्होंने मेरे सामने उन्हें मना भी किया था ,

लेकिन मना ऐसा की और करने के मन करने का ,

" अरे अब तो छोड़ दो , बहु आ गयी है। "

और इनकी बुआ भी , आखिर ननद भौजी का रिश्ता , पलट के जवाब देतीं ,

" अरे काहे को भाभी , बहु को भी पता चल जाएगा की उसकी सास कितनी छिनार है , तो अच्छा है न , . "

और मम्मी जब से यहाँ आयी तब से तो , . समधन से उनकी एकदम खुल के बातें होती थीं , और वो भी स्पीकर फोन आन कर के , मैं और ये दोनों कान पार के सुनते थे ,

और इनको तो मम्मी ने आलमोस्ट रोज , जब तक यहां नहीं आयी थीं ,

माँ बेटे वाली कहानियां भेजती थीं , पढ़ने के बाद उन्हें अपनी सास को सुनाना भी पड़ता था ,

और ये उन्हें मादरचोद कह के बुलाती थीं , और यहाँ आने के बाद तो रोज , रोल प्ले ,.

फिर कुछ अपने दामाद से और ज्यादा अपनी समधन से सब उगलवा लिया था मम्मी ने , . कैसे किशोरावस्था में जब मेरी सास नहाने जाती थीं तो छेद में से वो देखते थे , फिर जानबूझ के मेरी सास अपनी ब्रा बाथरूम में छोड़ देती थीं

और वो उसी ब्रा में रोज बिना नागा मुट्ठ मारते थे ,

और मैं भी आग में घी डालने का काम करती थी , .

और मम्मी भी एकदम खुल के अपने समधन से बतिया रही थीं उनके ऊपर अपने दामाद को चढाने की बात कर रही थीं , और साथ में अपने दामाद का खूंटा मुठिया रही थीं , . दामाद के खूंटे की तारीफ़ कर रही थीं ,

सच में था भी उनका ऐसा ही , एकदम मोटा मूसल ,.

पहले भी , सुहागरात के दिन भी , पहली रात को तीन बार , जितना मेरी सहेलियों , भाभियों ने समझाया था उससे बीस ही रहा होगा , . लेकिन

अब तो खासकर वो दोनों छिनार , मम्मी ने उन दोनों को चढ़ाकर , मंजू और गीता ,

गीता की पहलौठी के दूध का असर

और मंजू ने और मम्मी ने पता नहीं क्या क्या क्या , मुट्ठी में पहले भी मुश्किल से आता था पर अब तो एकदम नहीं , बीयर कैन से भी मोटा , . इनकी सास ने नापा था , . .

और कड़ा कितना , सबसे बड़ी बात ,

मंजू ऐसी खेली खायी , पक्की छिनार , जिसके भोंसडे से गीता ऐसी छिनार निकली थी , उसको भी दो तीन बार के झाड़ एक थेथर कर के ही ये ,

और मैंने उनके बेटे के खूंटे का फोटो भेज दिया , . .

मेरी सास का जवाब नहीं आया मिनट भर लगता था देख कर ही उनका भोंसड़ा गीला हो गया ,

मेरा मन तो हो रहा था अपनी सास से बोलूं , फोटो के बदले फोटो तो भेजिए , . मैं चुप रह गयी पर मेरी सास की समधन क्यों चुप रहती , बोलीं

" मस्त है न मेरे दामाद का लंड , लेकिन ज़रा आप भी तो उसकी मातृभूमि की फोटो भेज दीजिये , बहुत दिन हो गया होगा उसे देखे ,. "

और साथ साथ मम्मी खुल के अपने दामाद का खूंटा मुठिया रही थीं ,

एकदम टनटनाया फनफनाया था , अपनी मातृभूमि के बारे में सोच सोच के ,

पर मेरी सास भी न पक्की छिनार , मालूम तो उन्हें था की स्पीकर फोन ऑन है और बहु के साथ उनका मुन्ना भी सुन रहा है , बोलीं

" अरे थोड़ा इन्तजार करने दीजिये उसे न , फोटो की क्या जरुरत , सच में दिखाउंगी , खोल के ,. बस दस पन्दरह दिन की बात है , एक बार तीरथ कर आऊं , . फिर तो आप आएँगी ही , .

अगले दिन ही आउंगी आप के साथ , फिर आप के दामाद का देखूंगी भी उसे दिखाउंगी भी , और सिर्फ आपके दामाद का ही नहीं अपनी बहू का भी , . एकदम अपनी माँ पर गयी है , . . और दो चार दिन के लिए नहीं पक्का पन्दरह दिन के लिए आउंगी ,. . "

इन्तजार

और मेरी सास के आने का इन्तजार सिर्फ ये नहीं कर रहे थे , बहुत लोग कर रहे थे , मैं भी , मंजू और गीता भी।

गीता ने जबरदस्त आइडिया दिया था ,

आने दीजिये उन्हें , एकदम नंगी रखेंगे उन्हें , हाँ दूध वाला पहलवान हो , स्वीपर हो , वही जाएँगी , बहुत हुआ तो एक झीनी खूब घिसी साडी एकदम ट्रांसपेरेंट , वही ओढ़ लेंगी ,

ब्लाउज ब्रा पेटीकोट कुछ नहीं ,

मंजू ने तो एकदम खतनाक , डबल फिस्टिंग , वो भी इनके सामने ही ,.

और मुझसे , .

जबतक वो कबूल नहीं कर लेंगी , इन्हे इनकी बुआ , मौसी सब दिलवाएंगी ,

लेकिन ये सब तभी हो सकता था जब इनकी सास चाहें तभी इन्हे मेरी सास मिलेगी , और उसके लिए उनकी दो शर्तें ,

और वो पूरी होने पर मम्मी इन्हे मेरे यहाँ ले आती और हाँ मम्मी के जिम्मे भी दो काम था

मेरी सास को पटा कर लाने का

और मेरी ननद को , कुँवारी ननद को गाभिन करने का , .

मैंने पुछा भी भी मम्मी सिर्फ वो गाभिन होगी या बियायेगी भी , तो हंस के बोलीं वो

ये फैसला उसकी भाभी करेगी , पर गाभिन तो मैं उसे करवाउंगी ही उसके भैया से अपने सामने और उसे बताकर ,.

ये तो मैं किसी शर्त पर नहीं छोड़ सकती थी , उसके लिए मुझे चाहे जो करना पड़े।

उनका मोटा लन्ड कसर मसर उनकी माँ के भोंसडे में जाय और वो भी मेरे सामने ,

इस सीन के लिए तो मैं ,

मम्मी चिढ़ाती भी थी , और वो भी अपने दामाद को सुना सुना के ,

" मेरा दामाद आपको गौने की रात की याद दिला देगा , जितना आप पहली बार चीखी चिल्लाई होंगी , उससे भी ज्यादा , . जब चढ़ेगा न वो "

और ऊपर से मेरी सास बजाय बुरा मानने के और , ये जानते भी हुए की उनका मुन्ना भी सुन रहा है , और बढ़ चढ़ के बोलतीं ,

" अरे देख लुंगी उसका भी और उसको भी , . देखतीं हूँ उसकी छिनार सास ने क्या क्या सिखाया है , अगर उसकी सास उसके ऊपर चढ़ कर घोंट लेती है , तो मेरी बहू की सास बीस होगी। "

तो ये तो तय हो गया था की पहले दिन ही न ये मेरी सास पर चढ़ेंगे बल्कि सुबह होने के पहले मेरी सास भी इनके मोटे खूंटे पर ,

और मंजू बाई तो , और वो न भी कहती तो इनकी सास थीं न

" मेरी समधन की गाँड़ जरूर मारना , वो भी कुतिया बना कर , दिन दहाड़े , . "

और जब तक ये दस बार हुनकारी नहीं भर लेते मेरी सास की गांड मारने की , इनकी सास छोड़ती नहीं थी

मेरा शैतान दिमाग चरखी की तरह चल रहा था ,

कैसे चुदेगी मेरी छिनार पंचभतारी सास अपने बेटे से , .

और अब मेरी ऊँगली उनकी कसी कोरी गांड की दरार में चल रही थी।

चिकने तो वो बचपन के थे , खुद अपने बचपन के किस्से बताते हुए उन्होंने कबूला था की क्लास ९ से ११ के बीच तीन बार उनकी नेकर उतर चुकी थी ,

एक बार तो निहुराया , सटाया ,भी हो चुका था ,लेकिन बस घुसेड़ने के पहले गड़बड़ हो गया।
बच गए बिचारे ,

लेकिन अब नहीं बच सकते ,

क्योंकि ये अगर बच गए तो मेरी छिनार सास बच जाएंगी और ये मैं होने नहीं दे सकती थी।

कमल जीजू भी तो इन्ही के कॉलेज में थे ,शायद इनसे तीन या चार साल सीनियर ,

इन्होंने खुद बताया था , कोई भी चिकना उनके कॉलेज का ,कमल जीजू से बचा नहीं था ,सीधे नहीं तो जबरदस्ती ,

ये बस इसलिए बच गए थे की जिस साल ये कॉलेज में गए उसी साल कमल जीजू इंजीनियरिंग में पहुँच गए।

और कमल जीजू तो अभी भी , चीनू ने खुद बताया था अभी भी जेंडर डिस्क्रिमिनेशन में विश्वास नहीं रखते थे , महीने में एकाध बार ,

बस ,

कचाक से ऊँगली मैंने उनकी कसी कोरी गांड में पेल दी ,

मिल गया , अब न ये बचेंगे ,न इनकी माँ।

दो पोर तक मेरी ऊँगली इनकी गांड में ,

इन्होंने झट से आँखे खोल दी और मुस्कारने लगे,

ऊँगली निकाल के मैंने सीधे उनके होंठों पे लगा दी और वो झट्ट ,. .

मंजू बाई और गीता ने उन्हें तरह का स्वाद चखा दिया था।

" तेरे लिए एक सरप्राइज खबर है लेकिन अभी नहीं , तुमने अभी नहाया नहीं न आज , चलो पहले अपने सोना मोना को नहलाती हूँ अच्छी तरह से फिर ,…

लेकिन नहलाया भी उन्होंने ,धुलाया भी उन्होंने।

और थोड़ी देर में हम दोनों किचेन में थे ,वो चाय बना रहे थे और मैं प्लान।

एकदम कड़क चाय।

और मैंने उन्हें उनका काम बता दिया ,

" कुछ बहुत ही स्पेशल गेस्ट आ रहे हैं ,बस ये सोच लो आज तेरे कुलिनरी स्किल्स का असली टेस्ट है ,और सब कुछ नान वेज, नो घास फूस और वैरायटी भी। "

बिचारे जानना तो चाह रहे थे की कौन ,लेकिन ये भी जानते थे की मैं तभी बताउंगी जब मैं चाहूंगी। लेकिन एक सवाल उन्होंने पूछ ही लिया ,

" टाइम कितना है। "

"ढाई से तीन घंटा। "

उन्होंने राहत की सांस ली ,बोले बस बहुत है और चालू हो गए।

रोगन जोश

" टाइम कितना है। "

"ढाई से तीन घंटा। "

उन्होंने राहत की सांस ली ,बोले बस बहुत है और चालू हो गए।

प्रिपरेशन मैंने कर ही रखी थी

वो काम में लग गए थे ,और मैं पीछे से उन्हें देख रही थी।

परफेक्ट बबल बॉटम ,

पहली नजर में ही कोई भांप जाए , परफेक्ट बॉट,

एक काम मैंने उन्हें और पकड़ाया ,

"सुनो वो ड्रिंक्स की ग्लासेज , जरा अच्छी तरह साफ़ कर लो , व्हिस्की के साथ कॉकटेल स्नैक्स भी कुछ ,. "

ग्लास निकाल कर के वो साफ़ करने लगे और बोले ,

"हाँ मैंने चिकन मैरीनेट होने के लिए रखा था तो ,. मैं सोच रहा हूँ , चिकेन टिक्का और फ्रेश चटनी ,बारबेक भी लगा देता हूँ ,"

लेकिन मेरी निगाह तो उनके पिछवाड़े चिपकी थी।

ही वाज लुकिंग सो क्यूट ,टॉट रिपिंग मसल्स ऑफ बैक, पतली बलखाती कमर , ऐसी जिसके लिए मॉडल भी मरते हों , एंड दोज फर्म बटक्स , उसपे एक छोटा सा डिम्पल भी ,खूब चिकना , मुलायम और गोरा ,. सच में कोई स्ट्रेट मैन भी एकबार तो ललचा जाएगा।

बार स्टूल पर बैठे बैठे ,मैंने अपनी सैंडल की नोक से नितम्बो के बीच की दरार को हलके से रगड़ा , और . . खूँटा उनका तुरंत ९० डिग्री।

मैं मुस्कराये बिना नहीं रह सकी ,

इसका मतलब की उनका पिछवाड़ा टच से कितना सेंसेटिव था ,

ड्रिंक्स की तैयारी हो गयी तो , .

" सुनो , स्वीट डिश सिम्पल ही रखते है , दसहरी आम रखे हैं न बस उसी की बड़ी बड़ी फांके काट लेना , और ऊपर फ्रेश क्रीम। "

मैंने सजेस्ट किया।

उनकी आम की चिढ उनके मायके वालों के साथ अब ससुराल वालों को भी मालुम थी , मेरी सारे बहने ,जीजू सबको ,

छू भी नहीं सकते वो।

और आज , यही तो मैं चाहती थी।

वो काम में लगे थे ,और मैं घडी देख रही थी।

मैं भी अपने कमरे में सोच रही थी क्या पहनू

मुझे मालुम था कमल जीजू पर मेरे गदराये जोबन क्या जादू होता है ,और उन्हें तड़पाना ,ललचाना मुझे बहुत अच्छा लगता था।

पहले तो सोचा की एक काछी बैकलेस ब्लाउज शिफॉन की साड़ी के साथ ,

फिर लगा ज्यादा फार्मल ट्रेडिशनल हो जाएगा , कुछ कॅज्यूअल ,

तभी रोगन जोश की सीटी बजी और वो वापस किचेन में ,

मैं अपने लिए कपडे निकाल रही थी ,और उनके लिए भी ,

टाइम पास नहीं हो रहा था ,

मेरी निगाह बार बार घडी की ओर तो कभी मोबाइल की ओर ,

जीजू ने बोला था यहाँ पहुंचने के आधे घंटे पहले वो फोन करेंगे।

किचेन से अच्छी अच्छी खुशबू आ रही थी ,

हांडी चिकेन जो मम्मी की फेवरिट थी , और अपने दामाद को उन्होंने बहुत प्यार से सिखाया था ,

मटन बिरयानी कश्मीरी ,

रोगन जोश ,

हांड़ी चिकेन ,

फिश टोमेटो ,

पहले दिन ही मेरी जेठानी ने बताया था यहां लहसुन प्याज तक नहीं ,

तेरे मायके की तरह नहीं हैं , बहुत सात्विक संस्कारी लोग हैं तुम्हारे ससुराल वाले , मेरा देवर तो , . कभी गलती से भी नाम मत लेना ,

और अब व्ही उनका देवर खुद मटन खरीद कर ले आता था , धुलना तैयार करना और एक से एक नॉन वेज डिश

सब की सब नान वेज,

मुझे याद आ गयी अपनी वो छुटकी ननदिया , . .

भाभी हमारे यहां कुछ भी नहीं , किचेन तो छोड़िये , बाहर का भी कुछ नहीं , . अब आप को अपनी आदत तो बदलनी होगी , मायके वाली , ससुराल की बातें सीख लीजिये , मेरे भइया तो एकदम ही नहीं ,. छूना तो दूर नाम भी नहीं ले सकते नान वेज का

मैं बड़े प्यार से उनकी बर्थडे पेस्ट्री ले आयी थी ,एकदम एगलेस ,

लेकिन उसने ,मेरी जिठानी ने , वो भी फिंकवा दिया।

' अरे बर्तन तो वही होगा न "

एक बार हम लोग बड़ी मौसी के यहाँ ,(चीनू की मम्मी ) गए और पहुंचते ही उन्होंने हुकुम सुना दिया ,

मैं नान वेज नहीं खाता ,

आपके लिए आलू की सब्जी बन जायेगी ,कोई बोला लेकिन ये ,.

उसी किचेन में अगर नान वेज बनेगा ,

मजबूरन हम सबने आलू की सब्जी ही खायी। चिकन ,मटन का प्लान फेल हो गया।

और आज ,

थोड़ी देर में काम ख़तम कर के वो मेरे पास बेड रूम में आ गए ,

" आलमोस्ट रेडी , आधे घंटे में सब तैयार हो जाएगा। "

मुस्कराते हुए वो बोले।

चल अब मैं अपने सोना मोना को तैयार कर देती हूँ , ड्रेसिंग टेबल पर बैठी मैं बोली।
मैं अपने बाल सेट कर रही थी ,

उनके बाल भी थोड़ी क्रीम लगा के सेट कर के हॉट लुक दे दिया।

मैंने तय किया था वेट सेंसुअस लुक ,डार्क रेड लिपस्टिक ,

हाई चीकबोन्स , मस्कारा ,काजल ,

हाँ जो परफ्यूम मैंने लगाया था वही उनको भी ,

मैंने एक सेक्सी रेड शोल्डर लेस ट्यूब टॉप पहना ,

उसके नीचे बस छोटी शोल्डरलेस हाफ कप पुश अप ब्रा , जो मेरे उभारों को और उभार रही थी ,

एक मैचिंग पिंक थांग

और रिप्ड अल्ट्रा लो टाइट डेनिम ,

उनके लिए भी मैंने पिंक शर्ट निकाल दी थी ,एकदम बॉडी हगिंग , और स्किन टाइट जीन्स।

हम दोनों साथ तैयार हो गए।

" सुनो ,एक बेड रूम ,मम्मी जिस में थी ,वो वाला ,रेडी तो है बस एक बार चेक कर लेना , और हाँ , लिविंग रूम में दो स्पेयर मैट्रेस लगा देना , ब्लैक साटन शीट के साथ और कुशन भी , . क्या पता वो लोग वहीँ ही ,. "

एकदम कह कर वो निकल दिए।

मेरी निगाह घड़ी पर पड़ी ,अभी ४५ मिनट थे , जीजू का फोन नहीं आया ,

एंड थिंक आफ डेविल ,

मेरा आई फोन घनघना उठा।

टिपिकल कमल जीजू ,

" कहीं फंसी थी क्या , मतलब किसी काम में "

कमल जीजू

टिपिकल कमल जीजू ,

" कहीं फंसी थी क्या , मतलब किसी काम में "

टिपिकल डबल मीनिंग डायलाग।

खिलखिलाते हुए मैंने जवाब दिया ,

" अरे जीजू ,फंसाने वाला तो अभी इत्ती दूर है , "

शिकायत भरे अंदाज में मैं बोली।

" कोई खास दूर नहीं , बस आधे घंटे में , और ये सोच ले ,पिछली बार तो तू बच गयी थी ,अबकी एकदम नहीं बच पायेगी। मैं और अजय दोनों है , सीधे से नहीं तो जबरदस्ती। "

उन्हें पिछली बार की बात याद थी ,जब इनके किल ज्वाय एट्टीट्यूड ने सब ,.

लेकिन अब तो वो भी एकदम हमारे ही रंग में ,. "

" जीजू बचना कौन साली चाहती है , बल्कि अबकी मैं आप दोनों को नहीं छोडूंगी ,निचोड़ के रख दूंगी। और उस रीनू साली को भी आप दोनों के पास नहीं फटकने दूंगी , बहुत मजा ले लिया उसने मेरे जीजू से अकेले अकेले। "

मैंने उन्हें और चढ़ाया ,

और फोन उनसे रीनू ने ले लिया ,

" क्यों साली , बहुत रगड़ाई होने वाली है तेरी , वैसलीन लगा लेना अच्छी तरह "

वो बोली।

उसने बहुत पहले चीनू की शादी के बाद पहली होली में ही कमल जीजू से नंबर लगवा लिया था।

" कमीनी , बहुत मजा ले रही है न मेरे जीजू लोगों के साथ। अरे जब कमल जीजू का फोन आया था तभी मैंने वैसलीन लगा ली थी ,वो भी दो ऊँगली अंदर तक डाल के। पुरी वैसलीन की बोतल अंदर कर ली है लेकिन तेरी तो खूब सैंडविच बन रही होगी न ,

बड़े मजे हो रहे होंगे ,एक साथ दो दो। "

हम मौसेरी बहनो के बीच बचपन से इसी तरह की बातचीत होती थी। लेकिन मेरे सवाल का जो जवाब रीनू ने दिया उसकी मुझे उम्मीद नहीं थी ,

" अरे नहीं , छिनार , मेरी ५ दिन वाली सहेली आ गयी हैं , तेरे दोनों जीजू बहुत बहूत भूखे हैं दोनों का उपवास चल रहा है। पांच दिन की दोनों की मलाई आज तुझे घोंटनी होगी। . "

मेरे बदन में सिहरन दौड़ गयी , पांच दिन का भूखा शेर ,वो भी एक नहीं दो ,

पर एक सवाल मैने पूछ ही लिया ,

" अरे तुम और चीनू ,री- हनीमून पर जा रही हो लेकिन तेरी छुट्टी ,. ?"

" अरे आज छुट्टी का आखिरी दिन है ,मैंने सोचा तू सबसे छोटी बहन है आज तेरे मुंह का स्वाद बदलवा दूँ कल से तो मैं तेरे दोनों जीजू पे चढ़ चढ़ के , . "

रीनू ने मामला साफ किया।

अजय ,रीनू के हबी ने उसके हाथ से फोन ले लिया।

बिचारे बहुत बेताब लग रहे थे ,कोई भी होता ,पांच दिन से खूँटा टनटनाया।

' बस ये तू तय कर ले ,बारी बारी से की साथ साथ , आज हम दोनों मिल के ,. . " उन्होंने सवाल पूछा।

" जीजू साथ साथ ,

अरे दो दो जीजू होने का फायदा क्या ,अगर साली की सैंडविच न बने , और फिर मेरी कमीनी बहन वैसे भी आउट आफ आर्डर है। हाँ साइड का आप और कमल जीजू टॉस कर लेना। "

हँसते हुए मैं बोली।

कमल जीजू ने उनके हाथ से फोन ले लिया , और बोले

" और बोल खिलाएगी क्या , हम लोग घास फूस नहीं खाते ,. " उन्होंने पूछ ही डाला।

" नहीं जीजू , प्योर नान वेज ,मैंने आपसे पहले ही कहा था न , जीजू और साली के बीच सब कुछ एकदम नान वेज होना चाहिए तो, . "

पर उनके मन की शंका ,उन्होंने फिर पूछा ,

" लेकिन तेरा वो ,. "

" अरे अब वो भी हम लोगों के रंग में रंग गए हैं ,आप आइये तो आज आपको प्राइज भी मिलेगा और सरप्राइज भी ,एक बड़ी पुरानी इच्छा ,. भी पूरी होगी।आप आइये जल्दी "

मैं उनके कॉलेज के जमाने की बात याद दिला रही थी ,पर जीजू ने ये बोल के की बस बीस मिनट में वो पहुँच रहे हैं , फोन रख दिया।

इन्होंने रूम सेट कर दिया था और बारबेक भी लगा दिया था।

बीस क्या पंद्रह मिनट में ही वो लोग आ गए।

मैं बाहर ही वेट कर रही थी।

आ गए जीजू

इन्होंने रूम सेट कर दिया था और बारबेक भी लगा दिया था।

बीस क्या पंद्रह मिनट में ही वो लोग आ गए।

मैं बाहर ही वेट कर रही थी।

रीनू , मेरी मंझली मौसेरी बहन ,अजय की पत्नी ,दिखी सबसे पहले।

टैंक टॉप हाट , एकदम छोटा सा ,मुश्किल से उसके कबूतरों को ढकता, और कबूतर भी उसके खूब दबंग ,

टॉप फाडू ,कड़े बेचैन ,एकदम मेरी टक्कर के। ,

नाभि दर्शना टॉप से न सिर्फ उसका गोरा चिकना पेट छलक रहा था , कटीली कमरिया झलक रही थी बल्कि साथ में एक छोटी सी गोल्डन नेवल रिंग भी, और नीचे एक खूब घेरदार स्कर्ट,, हाई हील्स ,

और उसने मुझे दबोच लिया, साथ में गालियों की बौछार ,

टिपिकल रीनू , हम तीनों मौसेरी बहनों की आदत , एकदम मौसियों की तरह ,

जबतक एक दो दर्जन गालियां न हो जाएँ , बात चीत शुरू ही नहीं होती थी। और रीनू और मैं तो और भी हर तरह से 'क्लोज ' थे , जी जो आप समझ रहे हैं ,एकदम उसी तरह से ,'क्लोज
" कमीनी,छिनार ,चूत मरानो , हरामजादी ,. . "

रीनू के मुंह से फूल झड़ रहे थे , जोर से उसने मुंझे अपनी बांहों में दबोच रखा था।

लेकिन बजाय आज जवाब देने के मेरी आँखे किसी और को ढूंढ रही थी और वो दिख गए ,

रीनू के ठीक पीछे ,

हैंडसम ,हंक , टाल ,

टी शर्ट से झांकती ताकतवर मस्क्युलर मछलियां ,जिम टोन्ड बॉडी

रा फ़ोर्स , पैशन ,मैस्क्युलिनिटी पर्सानिफाइड,

कमल जीजू , टिपिकल मेरे कमल जीजू , देखते ही जबरदस्त आँख उन्होंने मार दी।

और वो मुझे देखते ही रह गए ,

मेरा जादू चल गया ,मेरा या मेरे जोबन का पता नहीं ,पर वो एकदम मन्त्र मुग्ध से ,

मेरे कसे टाइट शोल्डर लेस हॉल्टर से झांकते ,उन्हें ललचाते मेरे मांसल उभार ,उनका कड़ापन , कटाव ,

गहरा क्लीवेज और मेरे दोनों कबतरों की चोंच भी दिख रही थी साफ़ साफ़ ,

बड़ी बड़ी आँखों में काजर की धार कटार मार्का , मस्कारा ,

डार्क रेड लिपस्टिक ,कमल जीजू का फेवरेट कलर

…अरे स्वागत में गारी सुनाओ अरे स्वागत में ,

आने को आदर ,बैठन को कुर्सी

अरे पीने को पानी , अरे संग सोने को , अरे संग सोवन को ,

अरे संग सोवन को , .

जब तक मैं अपनी और जीजू की फेवरिट गारी में , कमल जीजू की बहन का नाम लेती ,

उन्होंने मेरे गाल मींड़ते हुए ,

अरे मेरी छोटी साली राजी रे

आगे से तो मुझे रीनू ने दबोच रखा था , उन्होंने पीछे से ही गपुच लिया।

और तुरंत ही उनका मोटा कड़ा खूंटा ,मेरे पीछे गड़ने चुभने लगा.

" आगे से नहीं पीछे से ही सही ,. "

बनावटी बुझे मन से वो बोले।

मेरे जोबन पे अपने जोबन जोर जोर से रगडती मसलती ,रीनू जोर जोर से खिलखिलाई ,

" अरे जीजू ,ये क्यों नहीं कहते की आपकी फेवरिट साली की फेवरिट चीज मिल गयी है ,बहाने क्यों बना रहे हैं ,लगे रहो ,लगे रहो। "

रीनू ने कमल जीजू को चिढाया।

" अरे बहाने बनाने की क्या जरूरत , अब तो मुझे ये भी मिल गया है , . "

कमल जीजू कौन से कम थे उन्होंने मेरे और रीनू के उभारों के बीच अपने हाथ की सेंध लगा दी।

पर उन्हें क्या मालुम की उन्होंने अच्छे घर दावत दी है।

उनकी एक साली काफी थी और यहाँ तो दो दो ,मेरी और रीनू की परफेक्ट ट्यूनिंग थी।

दो पाटन के बीच में साबित बचा न कोय , और मेरे और रीनू के उभारों के बीच कमल जीजू का हाथ।

लेकिन कमल जीजू भी आखिर कमल जीजू थे ,जवाब उनकी उस चीज ने दिया जो उनकी असली स्ट्रेंथ थी ,

उंनके बित्ते भर के खूंटे ने ,

जोर जोर से अब उनका मोटा लन्ड मेरे दोनों कसमकस करते चूतड़ो के बीच ,सीधे गांड की दरार में ,

लग रहां था मेरी टाइट रिप्ड जीन्स फाड़ के वो मेरी गांड फाड़ देंगे।

मैं एकदम सिहर गयी ,; लेकिन तबतक आवाज आयी ,

" लगे रहो लगाते रहो। "

अजय जीजू ,रीनू के हसबैण्ड ,थे।

अजय जीजू

" लगे रहो लगाते रहो। "

अजय जीजू ,रीनू के हसबैण्ड ,थे।

कहते हैं न क्या सावन से भादो दूबर तो बस वही हाल थी।

किसी मामले में कमल जीजू से कम नहीं थे , न खुल के मजाक में न ,. .

झलकउवा शर्ट से झलकती सिक्स पैक्स , क्या जबरदस्त मसल्स ,

चौड़ा चकला सीना , केसरि कटि , खूब टाइट जीन्स ,

ऐसे मर्द जिसे देख के किसी भी लड़की के ऊपर नीचे दोनों मुंह में पानी आ जाए ,

और मैं तो खैर साली थी , मेरा गीला होना तो बनता था।

" अरे लग जाओ तुम भी , एक आगे ,एक पीछे से ,. वरना कहोगे की साली , . पिछली बार तो वादा कर के तुम दोनों का के एल पी डी करा दिया था , . आज मत छोड़ना , पिछली बार तो मेरी और चीनू की क्या रगड़ाई तुम दोनों ने की , पर ,. . "

और ये कह के रीनू ने मैदान अपने पति और मेरे जीजू अजय के लिए साफ कर दिया।

सच में पिछली बार की याद कर के , . सब रंग में भंग , लेकिन,. अब की बात और ही थी। मैंने बात बनाने की कोशिश की , रीनू को छेड़ के ,

" अरे जा जा , तुम दोनों ने मेरे जीजू के साथ बहुत मजे ले लिए आज सिर्फ मेरी बारी है। मेरे जीजू चाहे आगे आएं या पीछे या साथ साथ , तेरी झांटे क्यों सुलगती है साली कमीनी। भूल गयी बचपन का वादा , इन दोनों से पहले मुझे ही मजा लेना था , फिर तुम दोनों का नम्बर आता है ,चल बहन समझ के छोड़ दिया , लेकिन आज छूने भी नहीं दूंगी। "

मौके का फायदा उठा के रीनू की छोड़ी हुयी जगह पर अजय जीजू लस लिए , आगे से वो ,पीछे से कमल जीजू। एक उभार अजय जीजू के हाथ ,दूसरा कमल जीजू के पास।

" अरे जा जा , छोटी बहन है , दिया। तुझे अपने जीजू को भी दिया ,मरद को भी दिया।

खिलखिलाते हुए रीनू बोली , फिर उसने जोड़ा ,

" अरे मेरी पांच दिन की छुट्टी चल रही है ,आज आखिरी दिन है। चीनू भी गायब है , तेरे दोनों जीजू का पांच दिनों से उपवास चल रहा है ,तुझे दो दो भूखे शेर मिलेंगे , आज तुझे कोई नहीं बचा सकता। "

और फिर रीनू ने अजय और कमल जीजू को भी चढ़ाया ,

" आज हचक हचक के चुदाई करना साली की ,छोड़ना मत। हर बार बहाने बना के बच जाती है साली , अगवाड़ा पिछवाड़ा सब। "

" अरे बचना कौन साली चाहती है , साली भी जबरदस्त चुदवासी है , निचोड़ के रख दूंगी तेरे मर्द का भी और अपने जीजू का भी। " मैं कौन पीछे रहने वाली थी।

लेकिन अजय और कमल जीजू दोनों ही चालू थे ,दोनों के खूंटे खड़े तनाये ,जैसे वहीँ खड़े खड़े चोद दंगे। एक मेरी गांड के छेद में रगड़ रहा था तो दूसरा आगे , और मैं भी रगड़ रगड़ के हलके हलके धक्को के साथ पूरा साथ दे रही थी। "

लेकिन रीनू ने दोनों को होश में ले आते बोला ,

" अरे मान तो गयी है साली ,घर के अंदर चलो या यहीं खड़े खड़े चोद दोगे। "

और मैं उन सब लोगों को अंदर ले आयी ,लेकिन बजाय ड्राइंग रूम में बैठाने के , सीधे लिविंग रूम में जहां उन्होंने आलरेडी सेटिंग कर दी थी।

दो मैट्रेस , ऊपर काली साटन की मुलायम सेक्सी चादर , दो बड़ी सी एरोमैटिक कैंडल्स , हलकी हलकी लाइट ,

"वाह बेड पोलो की सेटिंग तो अच्छी कर रखी है , . " रीनू ने मेरी ओर देख कर मुस्कराते हुए कहा।

" और खिलाड़िन भी तैयार है , . " हँसते हुए मैं बोली।

" आज तेरे घुमड़ दास नहीं है क्या जो इत्ते जोश में दिख रही है। "

रीनू मेरे कान में फुसफुसाते हुए बोली।

" हैं न बुलाती हूँ अभी। " मैं खुश होते बोली और बुलाया ,

" सुनो , देख ने कौन स्साली याद कर रही है तुझे। "

रीनू के साथ मेरे दोनों जीजू की आँखे एकदम फ़ैल गयीं , जिस टोन के साथ मैंने उन्हें बुलाया था , और ऊपर से सुनिये की जगह सुनो।

और आँखे उन लोगों की और फ़ैल गयी ,जब वो सीन पर हाजिर हुए ,

एकदम हिला देने वाला एक्सपेरिएंस ,खासतौर से कमल जीजू के लिए जो कॉलेज में उनके सीनियर थे।

Next page: Episode 56
Previous page: Episode 54