Episode 58
डार्क डार्क रेड कार्ड्स
और वैसे भी अगला राउंड , तो ,. . एकदम। . .
लेकिन न रीनू रुकी न जीजू ने उसे रुकने दिया ,. .
ये डार्क डार्क रेड कार्ड्स थे , यानी वाइल्डेस्ट डेयर वाले।
पर अब हम सब जिस मूड में थे , एकदम से नो होल्ड्स बार्ड वाला ,.
कमल जीजू ने उन्हें स्पेशल सिगी का एक जोरदार सुट्टा लगवाया और , फिर उन्होंने रीनू के हाथ से कार्ड ले के ,
डेयर रीनू का था , लेकिन सच में तो हम दोनों का , .
रीनू को मुझे किस करना था लिप्स पे ,
फिर मेरे निपल चार मिनट तक सक करना था और
मुझे उसका
फिर रीनू को मेरी थांग हटा के मेरी बुर में पहले तो ऊँगली करनी थी और फिर चाटना चूसना था ,
और मेरी बुर के रस से भीगे होंठों से तीनो मर्दों को किस करना था।
कम्प्लीट लेस्बियन प्ले ,
रीनू ने अपने जीजू के मुंह से सिगरेट खींच के एक जोरदार सुट्टा लगाया और उन्हें सिगरेट वापस करते बोली ,
"चल जीजू आप भी क्या याद करोगे। "
टॉपलेस तो मैं और रीनू दोनों ही कब के हो गए थे।
मुझे कमल जीजू के गोद से उठाती , वो रूम के बीच में ले गयी और हलकी सी एरोटिक म्यूजिक लगा दी।
हम दोनों साथ साथ डांस करते रहे , और फिर हगिंग ,
मेरी और रीनू की उँगलियाँ नशीले सांप की तरह एक दूसरे के बदन पर रेंग रही थीं।
कमरे में पिन ड्रॉप साइलेन्स था , सारे मर्दों की गहरी लंबी सांसे सुनाई दे रही थी ,
फिर रीनू के प्यासे होंठ मेरे दहकते होंठों पर ,
जस्ट अ टच , अ लाइट ब्रश और हम दोनों दूर हो गए ,
लेकिन अगली बार हम दोनों टाइट हग में थे और होंठ भी टाइट किस में।
कोई पहली बार तो हम किस कर नहीं रहे थे , दोनों के होंठ एक दूसरे की शरारतों से परिचित थे
कुछ देर के खेल खिलवाड़ के बाद , रीनू ने अपनी जीभ मेरे होंठों के बीच डाल दी और जैसे कोई नयी नवेली किशोरी
लन्ड चूसे ,मैं रीनू की जीभ चूस रही थी
जैसे हम दोनों के होंठ बिजी थे ,
वैसे ही हाथ भी मगन थे ,एक दूसरे के जोबन में ,
पहल रीनू ने ही की , पहले सहलाते हुए अचानक वो जोर जोर से मेरी चूंचियां दबाने मसलने लगी ,
मैं क्यों पीछे रहती , एक हाथ जोबन मर्दन में लगा था तो दूसरे हाथ की उंगलियां निपल से खेल रही थीं।
तीनों बहनों में मैं सबसे छोटी जरूर थी , लेकिन जब हम तीनों साथ होते ,( जो अक्सर होता ) तो कन्या रस के खेल में मैं ही फर्स्ट आती।
और मेरे दोनों जीजू , और रीनू के जीजू , . . तीनों मर्द ,.
आँखे गड़ाए हम दोनों का खेल तमाशा देख रहे थे जैसे परदे पर कोई लेस्बियन ब्ल्यू फिल्म चल रही हो।
और मैंने रीनू को जोर से हग कर लिया ,और अब जैसे दंगल में कोई पहलवान दूसरे को रगड़ता है ,
जैसे गीत्ता बबिता आपस में ही कुश्ती लड़ रही हों , उसी तरह मेरे ३४ सी जोबन रीनू के जोबन मसल रगड़ रहे थे।
लेकिन रीनू कमीनी ,कम छिनार थोड़े ही थी ,उसके होंठों ने मेरे निपल पर हमला कर दिया , और ये मेरी दूसरे नंबर की वीकनेस थी।
वो इत्ता मस्त चूस चुभला रही थी की बस मेरी पूरी देह पिघल रही थी , लग रहा था मैं अब गयी तब गयी।
और इस कमजोरी का फायदा उठा के रीनू ने मुझे हल्का सा धक्का दिया और मैं गद्दे पर जा गिरी ,कमल जीजू के ठीक बगल में।
मेरी अल्ट्रा लो जीन्स के हुक तो कब के कमल जीजू ने खोल दिए थे और थांग स्ट्रिप पोकर में खेत रही थी।
बस एकझटके में रीनू ने मेरी जीन्स के दोनों लेग्स पकड़े ,
सरसररर , . मैं रेजिस्ट करने की हालत में तो थी नहीं , . जीन्स ने साथ छोड़ दिया और मैं एकदम। .
लेकिन मेरी प्यारी बहना को इतने में संतोष कहाँ ,
मेरी दोनों गोरी गोरी जाँघों को फैला के उसने मेरे और अपने जीजू के सामने पेश कर दिया ,
देखो कैसी मस्त सोन चिरैया है , मुंह खोल के चारा मांग रही है , देखो देखो ,देखो
देखने का कोई पैसा नहीं ,कोई चार्ज नहीं।
कमल और अजय जीजू दोनों के मुंह से लार टपक रही थी।
दोनों ही अपने ब्रीफ के ऊपर से ही तन्नाए बौराये खूंटे को रगड़ रगड़ के ,मसल मसल के ,
और रीनू ने मेरी बुर फैला के सीधे अपने होंठ ,
चूत चटोरी तो मैं भी थी अव्वल नम्बरी ,लेकिन रीनू का कोई सानी नहीं था ,
पहले तो जीभ की टिप से रीनू ने मेरी रसीली फांको को सहलाया , हलके हलके लिक किया और फिर खुली चूत में एक झटके में अपनी जीभ अंदर तक पेल दी।
उसके दोनों होंठ मेरे निचले होंठों को चूस रहे थे ,पहले तो धीरे धीरे फिर पूरे जोश से।
मैं हलके हलके चूतड़ पटक रही थी ,सिसक रही थी ,
फिर वही हुआ जिसका सबसे बड़ा डर था मुझे ,
मेरी सबसे बड़ी वीकनेस , . . मेरी क्लिंट
जीभ की नोक से रीनू उसे सहलाने लगी , और अचानक
अपने दोनों होंठों के बीच दबाकर उसका रस चूसने लगी , होंठ रस चूस रहे थे ,जीभ क्लिंट को छेड़ रही थी ,
हलके से उसने काट लिया।
मैं चीख पड़ी , कुछ दर्द से ज्यादा मजे से ,
और रीनू ने बस ,एक झटके में पुरी जड़ तक अपनी दो उंगलियां मेरी गीली बुर में पेल दी।
क्या कोई मर्द चोदेगा , जिस तरह मेरी छिनार बहनिया चोद रही थी ,
बुर पानी फेंक रही थी ,
मेरी हालत खराब ,लेकिन मुझसे ज्यादा मेरे जीजू लोगों की ,
और रीनू ने कार्ड खोल दिया
क्या कोई मर्द चोदेगा , जिस तरह मेरी छिनार बहनिया चोद रही थी , बुर पानी फेंक रही थी ,
मेरी हालत खराब ,लेकिन मुझसे ज्यादा मेरे जीजू लोगों की ,
और रीनू ने चार पांच मिनट मुझे ऊँगली से चोदने के बाद ,
रस से भीगी अपनी ऊँगली ,पहले तो कमल जीजू के मुंह में ,फिर अजय जीजू के और बचा खुचा इनके होंठों पर लथेड़ दिया।
मुझे दो मिनट की मोहलत मिल गयी ,लेकिन चार आने का खेल अभी बचा था।
रीनू के होंठ एक बार फिर मेरी भीगी चूत पे
दो मिनट तक जम कर चूसने के बाद ,
मेरी बुर के रस से गीले होंठ पहले कमल जीजू के होंठों पर , फिर अजय जीजू के और अंत में ,
अब मैंने आँखे खोल दी थी ,
ये सुट्टा लगा रहे थे उसी स्पेशल सिगी का ,
उनके हाथ से सिगरेट छीन के , उनके होंठों पे रीनू ने अपने होंठ रगड़े और बोला ,
"ले तू भी चाट ले मेरी बहन की बिल का रस , अब बोल हो गया न जो मादरचोद तूने डेयर दिया था। "
जब तक रीनू मेरी बगल में आके बैठी , मैंने फिर से जीन्स धारण कर ली थी।
सिगरेट का एक सुट्टा लगा के रीनू ने मुझे पकड़ा दिया ,
ओफ़्फ़्फ़ , इसका नशा तो पहले वाली से भी तेज था , मेरी चूत में एकदम आग लग गयी।
" चल बहनचोद , नम्बरी गांडू अब तेरा कार्ड खोलती हूँ , तू भी क्या याद करेगा। "
अपने जीजू को देख छेडती मुस्कराती
उनकी साली ,रीनू बोली।
लेकिन कार्ड देख के रीनू की जैसे फट के हाथ में आ गयी। नशा आधा हो गया।
" ये नहीं कर पायेगा , तू , चल दूसरा खोलती हूँ। "
रीनू हलके से बोली।
नहीं नहीं , मैं कमल जीजू ,अजय सब एक साथ बोल रहे थे।
बेईमानी नहीं चलेगी ,बोलो बोलो , कार्ड खोलो।
लेकिन रीनू की निगाह अपने जीजू की ओर , इनकी ओर लगी थी।
हलके से किसी तरह उन्होंने भी बोल दिया , हाँ हाँ बोलो न ,फिर ,.
और रीनू ने कार्ड खोल दिया ,
कार्ड
" ये नहीं कर पायेगा , तू , चल दूसरा खोलती हूँ। " रीनू हलके से बोली।
नहीं नहीं , मैं कमल जीजू ,अजय सब एक साथ बोल रहे थे।
बेईमानी नहीं चलेगी ,बोलो बोलो , कार्ड खोलो।
लेकिन रीनू की निगाह अपने जीजू की ओर , इनकी ओर लगी थी।
हलके से किसी तरह उन्होंने भी बोल दिया , हाँ हाँ बोलो न ,फिर ,.
और रीनू ने कार्ड खोल दिया ,
" अपने बाएं बैठे , . "
और चुप हो गयी।
ये कमल और अजय जीजू के बीच बैठे थे ,अजय जीजू इनके बाएं ,
" बोल न छिनार , अपने जीजू के लिए बेईमानी नहीं चलेगी। अरे ये करेंगे , बोल न क्या करना है। "
मैंने रीनू को कोहनी से टोका ,
" अपने बाएं बैठे मर्द का ,. "
फिर एक झटके में उसने सेंटेंस पूरा कर दिया और कमरे में सन्नाटा पसर गया।
" अपने बाएं बैठे मर्द का लन्ड , तीन मिनट तक मुंह में लेकर चूसो । "
कोई कुछ नहीं बोल रहा था।
ये तो खैर ,नीचे फर्श की ओर देख रहे थे , अपने पैर के अंगूठे से जमीन कुरेद रहे थे ,चेहरा एकदम सफ़ेद , लेकिन अजय जीजू भी एकदम चुप
जैसे किसी ने क्या काम उन्हें बता दिया हो।
गनीमत थी ,उनकी साली रीनू ने ,सन्नाटा तोडा , उन पास जा के बैठ के उनका चेहरा उठाती ,समझाती बोली ,
" अरे जीजू , सिर्फ तीन ही मिनट तो ,एक सेकेण्ड भी ज्यादा नहीं ,मैं हूँ न , टाइम काउंट करने के लिए। "
वो कुछ नहीं बोले ,लेकिन अब चेहरा उठा के साली की बात सुन रहे थे ,
" सच्ची जीजू ,सिर्फ तीन मिनट आपको पता भी नहीं चलेगा , और जज तो मैं ही रहूंगी न ,बस थोड़ा सा ऊपर वाला लेके ,हलके से होंठ लगा दीजियेगा , डेयर पूरा। "
साली की बातों से उन्हें थोड़ी थोड़ी हिम्मत बंध रही थी।
" जीजू ,सच में अरे तीन मिनट तो शुरू होते ही , और कौन आपको मलाई घोंटनी है , प्लीज जीजू ,. "
अब वो थोड़े थोड़े नार्मल हो गए थे , लेकिन अभी भी हिचक रहे थे , रीनू आखिर बोली ,
" और अगर आप न माने तो दूसरा कार्ड ,या कहिये तो गेम ख़तम ,. " साली ने आखिरी दांव फेंका।
और मैं आगयी बीच मैदान में ,
पहले तो मैंने अजय जीजू को ले जाके गद्दे के कोने की ओर खड़ा कर दिया था जहां मैंने चार पांच मोटे मोटे कुशन लगा दिए थे ,
फिर उनका हाथ पकड़ के मैंने उठा दिया ,
" अरे वाह साली हो तो बेईमानी करोगी , अरे दूसरा कार्ड क्यों , करेंगे ये ,देखना तू अरे तेरे जीजू किसी से कम नहीं है ,"
और खींच के जहाँ अजय खड़े थे ले गयी और हलके से उन्हें समझाते बोली ,
" देख यार ,कुछ ख़ास नहीं , पहले मैं करती हूँ न बस तुम ध्यान से देखते रहो , और फिर वैसे ही , खाली तीन मिनट ही तो , "
एक साथ दो , उम्मीद से दूना
फिर उनका हाथ पकड़ के मैंने उठा दिया ,
" अरे वाह साली हो तो बेईमानी करोगी , अरे दूसरा कार्ड क्यों , करेंगे ये ,देखना तू अरे तेरे जीजू किसी से कम नहीं है ,"
और खींच के जहाँ अजय खड़े थे ले गयी और हलके से उन्हें समझाते बोली ,
" देख यार ,कुछ ख़ास नहीं , पहले मैं करती हूँ न बस तुम ध्यान से देखते रहो , और फिर वैसे ही , खाली तीन मिनट ही तो , "
और मोटे गद्देदार कुशन पर अपने दोनों घुटने रख के , डॉगी पोज में ,
मेरी देखा देखी वो भी बगल के कुशन पे घुटने रख के , . उसी पोज में ,
" जीजू पैर थोड़ा खूब दूर दूर फैला लो ,हाँ गुड ऐसे ही और हिप्स एकदम ऊपर , थोड़ा और हवा में हाँ , हाँ ज़रा सा और ,. .
बैलन्स अच्छा रहेगा , सही "
रीनू उनकी साली उनकी हिम्मत बढ़ा रही थी ,
और रीनू ने कई एक्स्ट्रा कुशन भी उनके पैरों ,पेट के नीचे लगा दिए।
मैंने अजय का मेश बॉक्सर शार्ट अपने भीगे होंठों से पकड़ कर नीचे खींच दिया।
जैसे कोई स्प्रिंग वाला चाक़ू बाहर निकल आये ,
खूब मोटा , लंबा कडा , ८ इंच से कम नहीं होगा।
मेरी तो नियत डोल गयी , क्या मस्त लन्ड था ,कोई भी लौंडिया खुद टाँगे फैला दे , .
कनखियों से मैं उनकी ओर देख रही थी ,
और ,. और उनकी भी निगाहें उसी तरह ललचायी ,पियासी , अजय जीजू के मोटे लन्ड को देख रही थीं।
अपनी कोमल उँगलियों से मैंने एक झटके में ,. मोटा सुपाड़ा पूरा खुल गया।
मन तो कर रहा था गप्प कर लूँ , लेकिन रिश्ता जीजू साली का ,
बिना छेड़े ,तड़पाये ,. पूरी जीभ निकाल के , जीजू के लन्ड के बेस से हलके हलके लिक करना शुरू किया ,
फिर तेजी से चाटने लगी ,पूरे मुंह में सैलाइवा भर के ,
और साथ में फुसफुसाते उन्हें समझा भी रही थी ,
( देख मैंने कैसे जीभ निकाली है ,पूरी जीभ निकाली है न ,पूरी जीभ से ,सैलाइवा के साथ गीली कर के लिक करना )
अजय जो थोड़ी देर पहले हिचक रहे थे अब सिसक रहे थे।
और अब मैंने होंठ गोल कर के थोड़ा सा सुपाड़ा मुंह में ले लिया और चूसने चुभलाने लगी ,
जीभ अजय जीजू के पी होल से खिलवाड़ कर रही थी।
और साथ में उनको भी बता रही थी ,
( देख न दांत एकदम होंठ से ढके रहने चाहिए ,लन्ड पे होंठ का दबाव पड़े ,होंठ से रगड़ो ,चूसो , और फिर धीमे धीमे कर के मुंह में ले लो )
मुझे नही रहा गया और मैं एक झटके में अजय जीजू का पूरा सुपाड़ा गप्प कर लिया।
कितना कड़ा था जैसे लोहे की राड लेकिन उतना ही मांसल भी ,
अब हम दोनों ,मैं और अजय जीजू डेयर भूल गए थे ,
कमल जीजू भी आ के बगल में खड़े हो गए ,अजय के।
मैं क्यों बख्शती उनको , मैने उनकी भी ब्रीफ खींच के नीचे कर दी , और उनका लन्ड ,
उफ्फ्फ उफ़ ,
लंबाई में तो अजय जीजू वाले से थोड़ा ही बड़ा लेकिन मोटाई में उससे बीस नहीं बाइस रहा होगा।
बियर कैन भी मात ,
कडा भी खूब ,एकदम तन्नाया।
अजय जीजू का लन्ड मैं चूस रही थी ,कमल जीजू का अपने कोमल हाथ में पकड़ कर मुठियाने लगी।
यह है सबसे छोटी साली होने का फायदा ,
एक साथ दो दो मस्त ,लन्ड एक मुंह में ,एक मुट्ठी में ,
मैंने सोचा।
उनका डेयर
यह है सबसे छोटी साली होने का फायदा ,
एक साथ दो दो मस्त ,लन्ड एक मुंह में ,एक मुट्ठी में ,
मैंने सोचा।
तब तक निगाह उनकी ओर पड़ी ललचाते देख रहे थे ,वो अजय जीजू के तगड़े लन्ड को।
जैसे कोई लॉलीपॉप चूसती लड़की अपनी सहेली को चिढाती है न , बिलकुल वैसे ही ,
मैंने अजय जीजू का सुपाड़ा मुंह से बाहर निकाल के उन्हें ललचवाते हुए दिखाया और छेड़ा ,
" बोल लेना है , . . नहीं दूंगी , . अच्छा चल बस एक लिक ,. एक लिक मतलब एक लिक सिर्फ ,"
और सुपाड़ा उनके मुंह से आलमोस्ट सटा दिया।
बस मैं कहीं हटा न लूँ ऐसे बेताब वो ,
जीभ निकाल के उन्होंने उस मस्त मोटे मांसल सुपाड़े को एक लिक कर लिया ,
फिर सुपाड़े के ऊपर से नीचे तक अपनी जीभ से सटासट ,चाटने लगे।
जबरन उनके सर को दूर हटाते मैं बोली ,
" नहीं नहीं बेईमानी ,बेईमानी ,. . सिर्फ एक लिक की बात हुयी थी। "
और एक बार फिर अजय का सुपाड़ा मेरे हलक तक ,मैं जोर जोर से चूस रही थी ,लार मेरे मुंह से हलकी हलकी निकल कर ठुड्डी से ,
मजे का असर मेरे चेहरे पर साफ दिख रहा था।
और वो एकदम नदीदों की तरह मुझे चूसते देख रहे थे।
" हे नजर मत लगा , चल तू भी एक बाइट ले ले , बस हलकी सी बाइट ,. "
और जैसे कोई लड़की अपनी सहेली को कोरनेटो का कोन बहुत मिन्नत के बाद एक बाइट के लिए पकड़ा दे उसी तरह ,
अबकी अजय जीजू का लन्ड उन्होंने अपनी मुट्ठी में पकड़ा ,
और थोड़ा सा सुपाड़ा मुंह में लेकर चुभलाने चूसने लगे ,
थोड़ी देर मैंने उन्हें चूसने दिया , और जब उन्हें खूब मजा आने लगा ,तो धक्का देकर हटा दिया ,
" बेईमान ,तेरे सारे घर वालों की फुद्दी मारूँ ,गांड मारूँ ,सिर्फ एक बाइट की बात हुयी थी। "
और एक बार फिर मैं अजय जीजू का लन्ड ,
अब अजय जीजू बेसबरे हो रहे थे ,
क्या कोई बुर चोदेगा ,जिस तरह से वो मेरा मुंह चोद रहे थे ,
और मैं भी वैक्यूम क्लीनर को मात करने के ढंग से चूस रही थी।
और ये बिचारे कभी मेरे होंठों को ,कभी अजय जीजू के ,.
मैं साथ में कमल जीजू के मोटे खूंटे को मुठिया रही थी।
" चल यार तू भी क्या याद करेगा , मेरे पास तो एक और है , . "
कहकर मैंने अजय जीजू का लन्ड मुंह से निकाल के उनकी ओर बढ़ा दिया ,
और जैसे मैं कहीं इरादा बदल के फिर से , वापस न ले लूँ उसके पहले ,
बिना हिचक जल्दी से उन्होंने अजय जीजू का पूरा सुपाड़ा अपने मुंह में ,. .
और मैं ,
जैसे डाक्टर के यहां बड़ा सा आ आ करवाते है न बस उसी तरह मुंह खोल के ,. . पूरी ताकत से किसी तरह उनका सुपाड़ा घोंट पायी।
कमल जीजू मेरा सर सहला रहे थे , और अजय जीजू उनका।
थोड़ी देर तक मैं कमल जीजू का लन्ड चूसती रही
और वो अजय जीजू का ,
कुछ ही देर में एक एक्सपर्ट छिनार की तरह उन्होंने आधे से ज्यादा लन्ड घोंट लिया था।
( इस में उनकी सास का भी बड़ा हाथ था ,
जिन्होंने पहले गाजर , फिर कच्चा केला , और फिर डिल्डो पूरे ८ इंच का इनके मुंह में हलक तक डलवा के अच्छी तरह ट्रेन किया था ,
बिना नागा रोज इन्हें चूसने की ट्रेनिंग देती थीं वो )
हम दोनों चूसते हुए बीच बीच में एक दूसरे से अपनी मुस्कराती आँखे चार कर लेते थे ,
लेकिन थोड़ी देर में ही उनकी आँखे बंद थी , और ये पूरी शिदत्त से चूसने में मगन था।
चूत चाटते समय भी इनका यही हाल होता था जब पूरे मूड में होते थे तो आँखे बंद कर के पूरी मस्ती में ,. और फिर उन्हें दीन दुनिया की कोई खबर नहीं होती थी।
मेरे दिमाग में कुछ और चलने लगा ,
मैंने कमल जीजू के लन्ड से मुंह हटाया , उन्होंने कुछ बोलने की कोशिश की तो मैंने उन्हें एकदम चुप रहने का इशारा किया और उनका लन्ड पकड़ के ही दबे पाँव पीछे की ओर ,. .
रीनू ने आलरेडी उनकी चड्ढी नीचे सरका दी थी , और रीनू ,उनकी साली का ,बायां हाथ ,उन्हें मुठिया रहा था।