Episode 59
साइज में ' उनका वो ' भले ही मेरे जीजू से १८-१९ हो , लेकिन कड़ेपन में , देर तक इस्तेमाल में , मजे देने में वो उन से २० नहीं तो १९ भी नही था।
और मेरी भाभियों ,सहेलियों ,लेडीज क्लब के नोट्स से मुझे साफ़ अंदाज चल गया था की बाकी से तो वो असल में २० ही हैं।
उनकी साली हमें देख के अपनी सेक्सी हस्की आवाज में बोली,
" अरे तेरे जीजू के लन्ड मस्ती करें , और मेरे जीजू का ,. मेरी पांच दिन वाली छुट्टी चल रही है वरना मैं कब तक घोंट चुकी होती। "
लेकिन असली शरारत तो रीनू के दाएं हाथ की उंगलियां कर रही रही ,
बार बार इनके पिछवाड़े की दरार को रगड़ , दरेर रही थी और हम लोगो को दिखा के ,
पूरी ताकत से ऊँगली की पहली टिप का कुछ हिस्सा उसने अंदर ठेल दिया।
जिस तरह गांड का छेद दुबदुबा रहा था , साफ लग रहा था , उन्हें कितना मजा आ रहा है ,
लेकिन कमल जीजू की निगाहें तो अब एकदम चिड़िया की आँख की तरह सीधे वहीँ ,
उनका गोरा ,चिकना ,मांसल ,फर्म बबल बॉटम ,और दोनों अर्ध गोलों के बीच छिपा ,दुबका कोरा कुंवारा छेद
" क्यों जीजू चहिये , "मुस्कराते उकसाते ,उनके मोटे खूंटे को दबाते ,मैंने छेड़ा।
नेकी और पूछ पूछ , . मुस्कराते हुए वो बोले।
उधर रीनू ने अपने दोनों हाथों से उनके गांड की दरार कस के फैला दी , दोनों अंगूठे लगा के पूरी ताकत से चियार दिया ,
छोटा सा कसा कसा छेद,मुश्किल से दिखता था ,
बिचारे कमल जीजू ,हालत खराब थी उनकी।
कमल जीजू
मेरे दिमाग में कुछ और चलने लगा ,
मैंने कमल जीजू के लन्ड से मुंह हटाया ,
उन्होंने कुछ बोलने की कोशिश की तो मैंने उन्हें एकदम चुप रहने का इशारा किया और उनका लन्ड पकड़ के ही
दबे पाँव पीछे की ओर ,. .
रीनू ने आलरेडी उनकी चड्ढी नीचे सरका दी थी , और रीनू ,उनकी साली का ,बायां हाथ ,उन्हें मुठिया रहा था।
साइज में ' उनका वो ' भले ही मेरे जीजू से १८-१९ हो ,
लेकिन कड़ेपन में , देर तक इस्तेमाल में , मजे देने में वो उन से २० नहीं तो १९ भी नही था।
और मेरी भाभियों ,सहेलियों ,लेडीज क्लब के नोट्स से मुझे साफ़ अंदाज चल गया था की बाकी से तो वो असल में २० ही हैं।
उनकी साली हमें देख के अपनी सेक्सी हस्की आवाज में बोली,
" अरे तेरे जीजू के लन्ड मस्ती करें , और मेरे जीजू का ,. मेरी पांच दिन वाली छुट्टी चल रही है वरना मैं कब तक घोंट चुकी होती। "
लेकिन असली शरारत तो रीनू के दाएं हाथ की उंगलियां कर रही रही ,
बार बार इनके पिछवाड़े की दरार को रगड़ , दरेर रही थी और हम लोगो को दिखा के ,
पूरी ताकत से ऊँगली की पहली टिप का कुछ हिस्सा उसने अंदर ठेल दिया।
जिस तरह गांड का छेद दुबदुबा रहा था , साफ लग रहा था , उन्हें कितना मजा आ रहा है ,
लेकिन कमल जीजू की निगाहें तो अब एकदम चिड़िया की आँख की तरह सीधे वहीँ ,
उनका गोरा ,चिकना ,मांसल ,फर्म बबल बॉटम ,और दोनों अर्ध गोलों के बीच छिपा ,दुबका कोरा कुंवारा छेद
" क्यों जीजू चहिये , "
मुस्कराते उकसाते ,उनके मोटे खूंटे को दबाते ,मैंने छेड़ा।
नेकी और पूछ पूछ , . मुस्कराते हुए वो बोले।
उधर रीनू ने अपने दोनों हाथों से उनके गांड की दरार कस के फैला दी , दोनों अंगूठे लगा के पूरी ताकत से चियार दिया ,
छोटा सा कसा कसा छेद,मुश्किल से दिखता था ,
बिचारे कमल जीजू ,हालत खराब थी उनकी।
मोटे कड़क लन्ड की नसे जैसे बर्स्ट कर जाएंगी , जीजू के नथुने फड़कते हुए ,
जैसे किसी तगड़े सांड की हाल कुँवारी बछिया को देख के हो जाए , खूँटा तुड़ाने के लिए बेचैन ,बिलकुल वैसे ही।
"स्साला ,कॉलेज में बच गया ,आज नहीं बचने वाला ,"
कमल जीजू हलके हलके बुदबुदाते बोले ,
" एकदम जीजू ,अगर आपने कॉलेज में शीलभंग कर दिया होता इनका तो ये कब के सुधर गए होते , . लेकिन मेरी छोटी सी शर्त है। "
मैं उनका लन्ड मुठियाते बोली।
" बोल न जल्दी। "
वो एकदम बेसबरे हो रहे थे।
उनके बालिश्त भर के लन्ड के बेस को दबाते मैं बोली ,
" यहां तक घुसेडना होगा ,पूरा ,आधा तीहा नहीं ,वो भी बस दो -तीन धक्के के अंदर। "
हालांकि मैं सोच रही थी ,इत्ता मोटा बियर कैन ऐसा ,इत्ते छोटे से छेद में ,.
लेकिन ये काम कमल जीजू का था ,वो जाने। फिर मैंने उनके मस्ताए सुपाड़े को अंगूठे से दबाते और बोला,
" जीजू ,पूरी मलाई अंदर जानी चाहिए , और ,. . और जैसे गौने की दुल्हन को सुबह सुबह देख कर बिना बताये पता चल जाता है की खूब हचक के चुदी है , बस उसी तरह , . ऐसे हचक हचक के , पूरी ताकत से ,. एकदम फाड़ के ,. . "
" अरे फट जायेगी तो चीनू की तरह सिल जायेगी और क्या , आओ न जीजू ,लगा दो धक्का ,मार दो छक्का। "
उनके छेद को फैलाए फैलाये रीनू बोली ,
और मैं भी उसकी मदद को मैं भी आगयी , मैंने भी अपने अंगूठे से खूब जोर से ,
फिर हम दोनों ने थूक का एक बड़ा सा बबल बना के सीधे उंनकी गांड की छेद के अंदर , कुछ थूक मुहाने पर ,
कमल जीजू का लन्ड तो मेरे सैलाइवा से पहले ही चमक रहा था।
हम लोगों ने अजय जीजू को इशारा किया और ,उन्होंने पूरी ताकत से लन्ड अपना एकदम इनके हलक तक ठोंक दिया ,
और कस के उनके सर को पकड़ लिया।
रीनू ने कमल जीजू का खूँटा पकड़ के सटाया ,
और
और
और पहला धक्का , जोरदार ,. . आधे से ज्यादा सुपाड़ा अंदर ,
लेकिन अजय जीजू का लन्ड अंदर उनके मुंह में घुसा था वो सिर्फ गों गों कर के रह रहे थे।
और रीनू कैमरामेन का काम कर रही थी , वीडयो ,स्टिल सभी ,
आखिर उसके एक जीजू की नथ उतर रही थी ,
दूसरे जीजू उतार रहे थे।
एकदम क्लोज अप ,आधा सुपाड़ा गांड में धंसा ,
थोड़ा सा फ्लैशबैक
मुझे वो दिन याद आ रहा था , किस तरह से पेश आये थे मेरे साथ , क्या क्या नहीं बोला नहीं था उन्होंने ,
और बिना बोले भी जिस तरह से वो देख रहे थे हम लोगों को , .
सब को बहुत बुरा लगा था उनका तरीका , . जीजू लोगों को , रीनू चीनू , मेरी मौसी लोगों को , . बोला किसी ने कुछ नहीं था , . लेकिन
मैं तो सब समझ रही थी , गलती इनकी नहीं थी , इनकी माँ बहन भौजाई सब की , वही इन्हे चढ़ा चढ़ा कर , .
तभी मैंने तय कर लिया था उन सब को , उन की ममेरी बहन , मेरी जेठानी सास सब को ,
लेकिन उस के पहले इनका बदलना जरूरी था , . ये सब इनके बदलने के पहले की बात थी , . . बताया था आप को , .
आखिर जीजा साली में , नन्दोई सलहज में ,. और फिर शादी बियाह में तो और ज्यादा मस्ती होती है , बस उस दिन चीनू के भाई की शादी में , दुल्हन आयी थी और बस थोड़ी देर बाद हम ननदें उसे सुहागरात के लिए कमरे में पहुंचा कर ,. . इनका मेसेज आया था ये नहीं पाएंगे , एक दो दिन बाद आएंगे ,.
बस मेरी कमीनी दोनों बहनों ने प्लान बना लिया , एक कमरे में जहाँ हमारी भाभी सील टूटेगी ,
उसी के बगल के सटे हुए कमरे में , मेरे ऊपर मेरे दोनों जीजू , मेरी सैंडविच बनेगी ,
हम तीनो बहने और दोनों जीजू ,.
जब वो आये तो ग्रुप सूटिंग हो रही थी ,
और शादी वादी में तो सालियाँ खुद जीजू के गोदी में बैठ के फोटो खिंचवाती है ,
और जीजू लोग भी थोड़ा बहुत इधर उधर छोटे हैं दबाते मस्ती करते हैं , फिर कहाँ मिलना होता है , .
और मेरे दोनों जीजू बहुत रसीले हैं , और मैं भी छोटी साली होने के नाते , .
बचपन से मेरी दोनों बहाने ही नहीं मौसियां भी चिढ़ाती थीं , कोमल तेरे ऊपर तो चीनू रीनू के मर्द पहले चढ़ेंगे , छोटी साली हो ,. मम्मी भी मेरी तीन बहनों में सबसे छोटी थी , और वो मेरी हिम्मत बढ़ाती थीं , . तो क्या हुआ सबसे छोटी साली होने का फायदा है ये मर्द का इंतजार नहीं करना पड़ेगा , लेकिन सबसे पहले मेरी ही शादी हुयी , .
तो उस दिन ग्रुप फोटो में मैं दोनों जीजू के गोद में बैठी थी ,
बगल में मेरी दोनों दुष्ट कमीनी बहनें , दोनों ने मेरा हाथ पकड़ के अपने अपने जीजू के खूंटे पर रख दिया था , .
मैं क्यों छोड़ती , मैंने भी उन दोनों को दिखाते दबोच लिया , दोनों जीजू ने पहले ही ,.
मैं एक बहुत छोटी बैकलेस , सिर्फ एक स्ट्रिंग से बंधी कच्छी चोली पहने थी , .
पीछे से मेरी भाभियाँ एक ने कमल जीजू का हाथ उठा के मेरे चोली के ऊपर और जीजू क्यों मौका छोड़ते उन्होंने हाथ अंदर , . .
और अजय ने पेट पर से सेंध लगा रखी थी , भाभियाँ , ननद को छेड़ने का कोई मौका नहीं छोड़तीं और यहाँ नन्दोई भी अपनी सलहज के साथ मिल कर छोटी साली की , . पीछे से संध्या भाभी ने मेरी स्ट्रिंग चोली की डोरी खोल दी ,
बस अब तो कोई रोक टोक नहीं बची थी , और कच्छी चोली के साथ ब्रा पहनने का मतलब नहीं था , बस अब मेरे दोनों जोबन एकदम खुल के मेरे दोनों जीजू के हाथ , . मुझे भी मजा आ रहा था , . ऊपर से भाभियाँ फोटोग्राफर को चढ़ा रही थीं क्लोज अप लेने को , . औ
र मधु भाभी तो ओर जो थोड़ी बहुत चोली देह के सहारे टंगी थी , वो भी सरका दिया ,
मेरे दोनों हाथ भी मेरे जीजू की दो सलहजों ने पकड़ रखा था , और वैसे भी हाथ से मैंने दोनों जीजू के जींस फाड़ते फनफनाये खूंटे पकड़ रखे थे , . . दोनों कबूतर तो जीजू लोगों के हाथ में थे ही बीच बीच में दोनों जीजू मेरे गाल का भी रस ,.
लेकिन उसी समय , . वो आगये , . और फिर तो जिस तरह से वो देख रहे थे ,. हम लोग झट से अलग हो गए ,. और उन्होंने जिद पकड़ ली की मैं तुरंत ऊके पास वापस चलूँ , . मेरी दोनों मौसियों ने भी बहुत समझाया , सालियों ने भी लेकिन वो ,.
और उसके बाद भी उन्होंने मुझे क्या क्या नहीं कहा ,. मैं तो समझ रही थी ये , ये नहीं बोल रहे हैं , इनकी माँ भाभी बोल रही हैं , पर जिसे ये न मालूम हो ,. . बाद में मुझे अंदाज लग गया था, चलने के पहले ही की कमल जीजू एकदम अलफ , . इतने खुशमिज़ाज वो , . लेकिन उनकी जगह कोई भी वो सब बातें अगर सुनता
मैं इनके साथ नीचे उतर आयी , . . पर मुझे लगा की अगर जीजू लोगों से बिना मिले मैं गयी तो हमेशा के लिए , . और मैंने इनसे बहाना बनाया की मेरा मोबाइल ऊपर ही रह गया है , और जब तक ये कुछ बोलेन मैं धड़ धड़ सीढी से ऊपर
मान मनुहार
कमल जीजू , अजय जीजू और रीनू उसी कमरे में बैठे थे , जहां मेरी , . औ
र सब एकदम चुप , मुझे देख कर भी कोई कुछ नहीं बोला ,
"जीजू , सॉरी " खूब चेहरा बनाकर दोनों कान मैंने पकड़ लिए और कमल जीजू के सामने उदास खड़ी हो गयी ,
कुछ देर तक तो कमल जीजू सीरियस रहे , लेकिन अंत में उनके चेहरे पर मुस्कान फ़ैल गयी , और मुझे हड़काते बोले ,
" स्साली , क्या तय हुआ था "
उनकी शादी में ही एक बार जीजू ने मेरी चोली में हाथ डाल दिया था
और मैंने घूर के देखा तो उनके मुंह से 'सॉरी ' निकल गया बस उसी समय मैंने उन्हें हड़का लिया था ,
ये कह के जीजू साली में 'सॉरी ' नहीं बोलते।
बस उनका ये याद दिलाना काफी था और मैं सीधे उनकी गोद में बैठ गयी और उन्हें मनाने का जो तरीका था एक चुम्मी सीधे लिप पर और उनके हाथ जसिके पीछे पहले दिन से वो दीवाने थे ,
मेरे जोबन पर , .
" आप गुस्सा हो न " मैंने पूछा ,
" हूँ , लेकिन तुमसे नहीं , . " उन्होंने कबूला।
"चलो मेरा प्रॉमिस , आज नहीं हुआ तो क्या , सैंडविच बनेगी मेरी आप दोनों जीजू से , . पक्का , एकदम। . . "
मैंने प्रॉमिस किया , .
" और वो ,. "
अबकी अजय जीजू बोले ,
" उन्ही के सामने " .
मैंने साफ़ साफ़ बता दिया ,.
" आज तेरी गांड बच गयी , फिर ,. अगर कही वो ,. "
कमल जीजू ने अपना शक बता दिया
" अरे जीजू , आप उसकी गांड पहले मार लीजियेगा , सिम्पल "
मैंने उपाय बता दिया , . और आगे समझा भी दिया ,
" मुझे मालूम है आपकी पसंद , अगर एक बार उसकी गाँड़ मार लीजियेगा , फिर तो किसी की गांड मारिएगा वो बीच में नहीं आएंगे , . "
मैंने फिर बोला ,
और मेरी बहन रीनू भी साथ में आ गयी।
" एकदम जीजू , निहराऊंगी मैं " वो बोली
" और पकड़ कर सटाउंगी मैं , बस धक्का आपको मारना होगा , वो भी बिना तेल के ,. " मैंने और बात बढ़ाई। "
देखा है मेरा , बिना तेल के , . फट जाएगा उसका "
अब जीजू थोड़ा मुस्कराये।
" अरे ये कौन सी बड़ी बात है , अभी खोल के देख लेती हूँ , "
उनकी जींस के ऊपर से कितनी बार दबा के , पकड़ के मसल के देख चुकी थी ,
तो आज मैंने ज़िप खोल कर बाहर निकाल लिया पकड़ भी लिया ,
जी एकदम धक्क से रह गया , खूब मोटा , मेरी कलाई में समा नहीं रहा था ,
जब की अभी वो मोटू सो रहा था , अगर ये न आये होता तो ये मोटू इस समय मेरे पिछवाड़े घुस रहा होता ,
" ठीक है चलो जीजू , थूक मैं लगा दूंगी , एकदम आर्गेनिक ,. . आपके भी उनके भी , "
रीनू ने रास्ता निकाला।
" और फट जायेगा तो फट जाएगा , . मैं तो चाहती यहीं हूँ जीजू एक बार आप हचक के फाड़ दीजिये , फिर आप जित्ती बार जैसे , जैसे सैंडविच बनायें , . . उनके सामने, आपकी स्साली भागेगी नहीं , . लेकिन अच्छी तरह से फाड़ियेगा , तीन दिन तक टांग फैला के चले ,. " मैं मुठियाते बोली ,
" एकदम कोमल सही कह रही है , फिर उसके बाद हम साली जिज्जा का प्रोग्राम कभी कोई भड़भंग नहीं करेगा , . . "
रीनू ने बोला।
तब तक तीन बार ये नीचे से गुहार लगा चुके थे ,
हाँ घर लौटने लौटने पर उन्हें अंदाज लगा गया था उन्होंने जो किया वो ठीक नहीं किया और फायदा मेरा हुआ , .
मेरी जेठानी के लाख कोशिश करने पर भी मैं इनके साथ इनकी पोस्टिंग पर चली आयी ,
और उस के बाद क्या हुआ , कैसे ये बदले ये तो आपने शुरू से देखा ही ,
शर्त पूरी
मैं इनकी पीठ सहला रही थी , मैं समझ रही थी की कितना दर्द हो रहा होगा।
दूसरा धक्का ,पहले से भी तेज और अब सुपाड़ा पूरी तरह पैबस्त।
अजय जीजू ने पूरी तरह ठूंस कर के रखा था आगे से ,जैसे कोई बोतल में डाट लगा दे ,सिर्फ गों गों की आवाज निकल रही थी।
कमल जीजू थोड़ा सा रुके ,
मैं समझ गयी क्या होने वाला है।
कमल जीजू ने अपने पैर से इनके दोनों पैरों को बाँध लिया , और हाथों से कमर को कस के पकड़ के ,
उफ़ उफ़
करारा धक्का ,
जबरदस्त धक्का
छल्ला पार हो गया था।
लेकिन अब वो पुश करते रहे ,धकेलते रहे ,ठेलते रहे ,
आधे से ज्यादा करीब ५-६ इंच अंदर घुस गया ,और वो उतने से ही हलके ,हलके
अजय जीजू ने भी अपना थोड़ा सा बाहर निकाल लिया ,
कुछ देर तक मैं और रीनू देखते रहे ,फिर मुझसे नहीं रहा गया।
कमल जीजू के पीछे मैं खड़ी उनकी तलवार बाजी देख रही थी।
कमल जीजू की पीठ सहलाती मेरी उंगलिया अब कमल जीजू के नितंबों तक पहुँच गयी ,जोर की चुटकी काट के मैंने पूछा ,
" क्यों जीजू क्या बाकी चीनू की ननदों के लिए ,अपनी बहनों के लिए बचा रखी है। "
रीनू भी मेरे बगल में खड़ी थी , कमल जीजू को छेड़ती ,उकसाती ,
उसने एक झटके में अपनी दो उँगलियाँ कमल जीजू के पिछवाड़े ठेल दी ,जड़ तक और चिढाया ,
" अरे नहीं मेरी बहन , इनकी बहनो की बुर पे तो हमारे भाइयों का नाम लिखा है ,
ये तो उन्होंने चीनू की सास के लिए , अपनी माँ के लिए बचा रखा है , क्यों मादरचोद। "
ऊँगली और गाली का जो असर मैं सोच रही थी ,
वही हुआ , अगले दो धक्को में कमल जीजू ने पूरा ठोंक दिया अंदर ,
बिचारे मेरे वो ,दर्द से उनकी हाल बेहाल थी , तड़प रहे थे , सिसक रहे थे ,
पर कमल जीजू पूरी बेरहमी से धक्के धक्के पर धक्का ,
और ठीक भी था , अगर कोई गांड मारने में रहम दिखायेगा तो न कोई गांड मार पायेगा , न मरवा पायेगा।
रीनू की वीडियो ग्राफी जारी थी ,
मैंने जो अपने मोबाइल से खींचे , क्लोज अप , फुल शाट सब मम्मी को व्हाट्सअप कर दिए और उनका कमेंट भी आ गया ,
डन,
अब इसे मादरचोद बनने से कोई नहीं रोक सकता।
मैंने मम्मी की शर्त पूरी कर दी थी।
कुछ देर बाद मेरे उनका दर्द कुछ कम हुआ ,
फिर और कम , कमल जीजू ने धक्को की रफ्तार भी हलकी कर दी थी
एकाध बार अब वो भी कमल जीजू के धक्को का साथ देते ,पीछे अपने चूतड़ पुश करते ,
मेरी निगाह घडी पर पड़ी , १५ मिनट से ऊपर हो गए थे लेकिन इंटरवल भी नजर नहीं आ रहा था।
खचाखच ,खचाखच
सटासट ,सटासट ,
लेकिन रीनू भी न , सच में मे,री ही बहन थी।
और मेरी भाभियों ,सहेलियों ,लेडीज क्लब के नोट्स से मुझे साफ़ अंदाज चल गया था की बाकी से तो वो असल में २० ही हैं।
उनकी साली हमें देख के अपनी सेक्सी हस्की आवाज में बोली,
" अरे तेरे जीजू के लन्ड मस्ती करें , और मेरे जीजू का ,. मेरी पांच दिन वाली छुट्टी चल रही है वरना मैं कब तक घोंट चुकी होती। "
लेकिन असली शरारत तो रीनू के दाएं हाथ की उंगलियां कर रही रही ,
बार बार इनके पिछवाड़े की दरार को रगड़ , दरेर रही थी और हम लोगो को दिखा के ,
पूरी ताकत से ऊँगली की पहली टिप का कुछ हिस्सा उसने अंदर ठेल दिया।
जिस तरह गांड का छेद दुबदुबा रहा था , साफ लग रहा था , उन्हें कितना मजा आ रहा है ,
लेकिन कमल जीजू की निगाहें तो अब एकदम चिड़िया की आँख की तरह सीधे वहीँ ,
उनका गोरा ,चिकना ,मांसल ,फर्म बबल बॉटम ,और दोनों अर्ध गोलों के बीच छिपा ,दुबका कोरा कुंवारा छेद
" क्यों जीजू चहिये , "मुस्कराते उकसाते ,उनके मोटे खूंटे को दबाते ,मैंने छेड़ा।
नेकी और पूछ पूछ , . मुस्कराते हुए वो बोले।
उधर रीनू ने अपने दोनों हाथों से उनके गांड की दरार कस के फैला दी , दोनों अंगूठे लगा के पूरी ताकत से चियार दिया ,
छोटा सा कसा कसा छेद,मुश्किल से दिखता था ,
बिचारे कमल जीजू ,हालत खराब थी उनकी।
कमल जीजू
मेरे दिमाग में कुछ और चलने लगा ,
मैंने कमल जीजू के लन्ड से मुंह हटाया ,
उन्होंने कुछ बोलने की कोशिश की तो मैंने उन्हें एकदम चुप रहने का इशारा किया और उनका लन्ड पकड़ के ही
दबे पाँव पीछे की ओर ,. .
रीनू ने आलरेडी उनकी चड्ढी नीचे सरका दी थी , और रीनू ,उनकी साली का ,बायां हाथ ,उन्हें मुठिया रहा था।
साइज में ' उनका वो ' भले ही मेरे जीजू से १८-१९ हो ,
लेकिन कड़ेपन में , देर तक इस्तेमाल में , मजे देने में वो उन से २० नहीं तो १९ भी नही था।
और मेरी भाभियों ,सहेलियों ,लेडीज क्लब के नोट्स से मुझे साफ़ अंदाज चल गया था की बाकी से तो वो असल में २० ही हैं।
उनकी साली हमें देख के अपनी सेक्सी हस्की आवाज में बोली,
" अरे तेरे जीजू के लन्ड मस्ती करें , और मेरे जीजू का ,. मेरी पांच दिन वाली छुट्टी चल रही है वरना मैं कब तक घोंट चुकी होती। "
लेकिन असली शरारत तो रीनू के दाएं हाथ की उंगलियां कर रही रही ,
बार बार इनके पिछवाड़े की दरार को रगड़ , दरेर रही थी और हम लोगो को दिखा के ,
पूरी ताकत से ऊँगली की पहली टिप का कुछ हिस्सा उसने अंदर ठेल दिया।
जिस तरह गांड का छेद दुबदुबा रहा था , साफ लग रहा था , उन्हें कितना मजा आ रहा है ,
लेकिन कमल जीजू की निगाहें तो अब एकदम चिड़िया की आँख की तरह सीधे वहीँ ,
उनका गोरा ,चिकना ,मांसल ,फर्म बबल बॉटम ,और दोनों अर्ध गोलों के बीच छिपा ,दुबका कोरा कुंवारा छेद
" क्यों जीजू चहिये , "
मुस्कराते उकसाते ,उनके मोटे खूंटे को दबाते ,मैंने छेड़ा।
नेकी और पूछ पूछ , . मुस्कराते हुए वो बोले।
उधर रीनू ने अपने दोनों हाथों से उनके गांड की दरार कस के फैला दी , दोनों अंगूठे लगा के पूरी ताकत से चियार दिया ,
छोटा सा कसा कसा छेद,मुश्किल से दिखता था ,
बिचारे कमल जीजू ,हालत खराब थी उनकी।
मोटे कड़क लन्ड की नसे जैसे बर्स्ट कर जाएंगी , जीजू के नथुने फड़कते हुए ,
जैसे किसी तगड़े सांड की हाल कुँवारी बछिया को देख के हो जाए , खूँटा तुड़ाने के लिए बेचैन ,बिलकुल वैसे ही।
"स्साला ,कॉलेज में बच गया ,आज नहीं बचने वाला ,"
कमल जीजू हलके हलके बुदबुदाते बोले ,
" एकदम जीजू ,अगर आपने कॉलेज में शीलभंग कर दिया होता इनका तो ये कब के सुधर गए होते , . लेकिन मेरी छोटी सी शर्त है। "
मैं उनका लन्ड मुठियाते बोली।
" बोल न जल्दी। "
वो एकदम बेसबरे हो रहे थे।
उनके बालिश्त भर के लन्ड के बेस को दबाते मैं बोली ,
" यहां तक घुसेडना होगा ,पूरा ,आधा तीहा नहीं ,वो भी बस दो -तीन धक्के के अंदर। "
हालांकि मैं सोच रही थी ,इत्ता मोटा बियर कैन ऐसा ,इत्ते छोटे से छेद में ,.
लेकिन ये काम कमल जीजू का था ,वो जाने। फिर मैंने उनके मस्ताए सुपाड़े को अंगूठे से दबाते और बोला,
" जीजू ,पूरी मलाई अंदर जानी चाहिए , और ,. . और जैसे गौने की दुल्हन को सुबह सुबह देख कर बिना बताये पता चल जाता है की खूब हचक के चुदी है , बस उसी तरह , . ऐसे हचक हचक के , पूरी ताकत से ,. एकदम फाड़ के ,. . "
" अरे फट जायेगी तो चीनू की तरह सिल जायेगी और क्या , आओ न जीजू ,लगा दो धक्का ,मार दो छक्का। "
उनके छेद को फैलाए फैलाये रीनू बोली ,
और मैं भी उसकी मदद को मैं भी आगयी , मैंने भी अपने अंगूठे से खूब जोर से ,
फिर हम दोनों ने थूक का एक बड़ा सा बबल बना के सीधे उंनकी गांड की छेद के अंदर , कुछ थूक मुहाने पर ,
कमल जीजू का लन्ड तो मेरे सैलाइवा से पहले ही चमक रहा था।
हम लोगों ने अजय जीजू को इशारा किया और ,उन्होंने पूरी ताकत से लन्ड अपना एकदम इनके हलक तक ठोंक दिया ,
और कस के उनके सर को पकड़ लिया।
रीनू ने कमल जीजू का खूँटा पकड़ के सटाया ,
और
और
और पहला धक्का , जोरदार ,. . आधे से ज्यादा सुपाड़ा अंदर ,
लेकिन अजय जीजू का लन्ड अंदर उनके मुंह में घुसा था वो सिर्फ गों गों कर के रह रहे थे।
और रीनू कैमरामेन का काम कर रही थी , वीडयो ,स्टिल सभी ,
आखिर उसके एक जीजू की नथ उतर रही थी ,
दूसरे जीजू उतार रहे थे।
एकदम क्लोज अप ,आधा सुपाड़ा गांड में धंसा ,
थोड़ा सा फ्लैशबैक
मुझे वो दिन याद आ रहा था , किस तरह से पेश आये थे मेरे साथ , क्या क्या नहीं बोला नहीं था उन्होंने ,
और बिना बोले भी जिस तरह से वो देख रहे थे हम लोगों को , .
सब को बहुत बुरा लगा था उनका तरीका , . जीजू लोगों को , रीनू चीनू , मेरी मौसी लोगों को , . बोला किसी ने कुछ नहीं था , . लेकिन
मैं तो सब समझ रही थी , गलती इनकी नहीं थी , इनकी माँ बहन भौजाई सब की , वही इन्हे चढ़ा चढ़ा कर , .
तभी मैंने तय कर लिया था उन सब को , उन की ममेरी बहन , मेरी जेठानी सास सब को ,
लेकिन उस के पहले इनका बदलना जरूरी था , . ये सब इनके बदलने के पहले की बात थी , . . बताया था आप को , .
आखिर जीजा साली में , नन्दोई सलहज में ,. और फिर शादी बियाह में तो और ज्यादा मस्ती होती है , बस उस दिन चीनू के भाई की शादी में , दुल्हन आयी थी और बस थोड़ी देर बाद हम ननदें उसे सुहागरात के लिए कमरे में पहुंचा कर ,. . इनका मेसेज आया था ये नहीं पाएंगे , एक दो दिन बाद आएंगे ,.
बस मेरी कमीनी दोनों बहनों ने प्लान बना लिया , एक कमरे में जहाँ हमारी भाभी सील टूटेगी ,
उसी के बगल के सटे हुए कमरे में , मेरे ऊपर मेरे दोनों जीजू , मेरी सैंडविच बनेगी ,
हम तीनो बहने और दोनों जीजू ,.
जब वो आये तो ग्रुप सूटिंग हो रही थी ,
और शादी वादी में तो सालियाँ खुद जीजू के गोदी में बैठ के फोटो खिंचवाती है ,
और जीजू लोग भी थोड़ा बहुत इधर उधर छोटे हैं दबाते मस्ती करते हैं , फिर कहाँ मिलना होता है , .
और मेरे दोनों जीजू बहुत रसीले हैं , और मैं भी छोटी साली होने के नाते , .
बचपन से मेरी दोनों बहाने ही नहीं मौसियां भी चिढ़ाती थीं , कोमल तेरे ऊपर तो चीनू रीनू के मर्द पहले चढ़ेंगे , छोटी साली हो ,. मम्मी भी मेरी तीन बहनों में सबसे छोटी थी , और वो मेरी हिम्मत बढ़ाती थीं , . तो क्या हुआ सबसे छोटी साली होने का फायदा है ये मर्द का इंतजार नहीं करना पड़ेगा , लेकिन सबसे पहले मेरी ही शादी हुयी , .
तो उस दिन ग्रुप फोटो में मैं दोनों जीजू के गोद में बैठी थी ,
बगल में मेरी दोनों दुष्ट कमीनी बहनें , दोनों ने मेरा हाथ पकड़ के अपने अपने जीजू के खूंटे पर रख दिया था , .
मैं क्यों छोड़ती , मैंने भी उन दोनों को दिखाते दबोच लिया , दोनों जीजू ने पहले ही ,.
मैं एक बहुत छोटी बैकलेस , सिर्फ एक स्ट्रिंग से बंधी कच्छी चोली पहने थी , .
पीछे से मेरी भाभियाँ एक ने कमल जीजू का हाथ उठा के मेरे चोली के ऊपर और जीजू क्यों मौका छोड़ते उन्होंने हाथ अंदर , . .
और अजय ने पेट पर से सेंध लगा रखी थी , भाभियाँ , ननद को छेड़ने का कोई मौका नहीं छोड़तीं और यहाँ नन्दोई भी अपनी सलहज के साथ मिल कर छोटी साली की , . पीछे से संध्या भाभी ने मेरी स्ट्रिंग चोली की डोरी खोल दी ,
बस अब तो कोई रोक टोक नहीं बची थी , और कच्छी चोली के साथ ब्रा पहनने का मतलब नहीं था , बस अब मेरे दोनों जोबन एकदम खुल के मेरे दोनों जीजू के हाथ , . मुझे भी मजा आ रहा था , . ऊपर से भाभियाँ फोटोग्राफर को चढ़ा रही थीं क्लोज अप लेने को , . औ
र मधु भाभी तो ओर जो थोड़ी बहुत चोली देह के सहारे टंगी थी , वो भी सरका दिया ,
मेरे दोनों हाथ भी मेरे जीजू की दो सलहजों ने पकड़ रखा था , और वैसे भी हाथ से मैंने दोनों जीजू के जींस फाड़ते फनफनाये खूंटे पकड़ रखे थे , . . दोनों कबूतर तो जीजू लोगों के हाथ में थे ही बीच बीच में दोनों जीजू मेरे गाल का भी रस ,.
लेकिन उसी समय , . वो आगये , . और फिर तो जिस तरह से वो देख रहे थे ,. हम लोग झट से अलग हो गए ,. और उन्होंने जिद पकड़ ली की मैं तुरंत ऊके पास वापस चलूँ , . मेरी दोनों मौसियों ने भी बहुत समझाया , सालियों ने भी लेकिन वो ,.
और उसके बाद भी उन्होंने मुझे क्या क्या नहीं कहा ,. मैं तो समझ रही थी ये , ये नहीं बोल रहे हैं , इनकी माँ भाभी बोल रही हैं , पर जिसे ये न मालूम हो ,. . बाद में मुझे अंदाज लग गया था, चलने के पहले ही की कमल जीजू एकदम अलफ , . इतने खुशमिज़ाज वो , . लेकिन उनकी जगह कोई भी वो सब बातें अगर सुनता
मैं इनके साथ नीचे उतर आयी , . . पर मुझे लगा की अगर जीजू लोगों से बिना मिले मैं गयी तो हमेशा के लिए , . और मैंने इनसे बहाना बनाया की मेरा मोबाइल ऊपर ही रह गया है , और जब तक ये कुछ बोलेन मैं धड़ धड़ सीढी से ऊपर
मान मनुहार
कमल जीजू , अजय जीजू और रीनू उसी कमरे में बैठे थे , जहां मेरी , . औ
र सब एकदम चुप , मुझे देख कर भी कोई कुछ नहीं बोला ,
"जीजू , सॉरी " खूब चेहरा बनाकर दोनों कान मैंने पकड़ लिए और कमल जीजू के सामने उदास खड़ी हो गयी ,
कुछ देर तक तो कमल जीजू सीरियस रहे , लेकिन अंत में उनके चेहरे पर मुस्कान फ़ैल गयी , और मुझे हड़काते बोले ,
" स्साली , क्या तय हुआ था "
उनकी शादी में ही एक बार जीजू ने मेरी चोली में हाथ डाल दिया था
और मैंने घूर के देखा तो उनके मुंह से 'सॉरी ' निकल गया बस उसी समय मैंने उन्हें हड़का लिया था ,
ये कह के जीजू साली में 'सॉरी ' नहीं बोलते।
बस उनका ये याद दिलाना काफी था और मैं सीधे उनकी गोद में बैठ गयी और उन्हें मनाने का जो तरीका था एक चुम्मी सीधे लिप पर और उनके हाथ जसिके पीछे पहले दिन से वो दीवाने थे ,
मेरे जोबन पर , .
" आप गुस्सा हो न " मैंने पूछा ,
" हूँ , लेकिन तुमसे नहीं , . " उन्होंने कबूला।
"चलो मेरा प्रॉमिस , आज नहीं हुआ तो क्या , सैंडविच बनेगी मेरी आप दोनों जीजू से , . पक्का , एकदम। . . "
मैंने प्रॉमिस किया , .
" और वो ,. "
अबकी अजय जीजू बोले ,
" उन्ही के सामने " .
मैंने साफ़ साफ़ बता दिया ,.
" आज तेरी गांड बच गयी , फिर ,. अगर कही वो ,. "
कमल जीजू ने अपना शक बता दिया
" अरे जीजू , आप उसकी गांड पहले मार लीजियेगा , सिम्पल "
मैंने उपाय बता दिया , . और आगे समझा भी दिया ,
" मुझे मालूम है आपकी पसंद , अगर एक बार उसकी गाँड़ मार लीजियेगा , फिर तो किसी की गांड मारिएगा वो बीच में नहीं आएंगे , . "
मैंने फिर बोला ,
और मेरी बहन रीनू भी साथ में आ गयी।
" एकदम जीजू , निहराऊंगी मैं " वो बोली
" और पकड़ कर सटाउंगी मैं , बस धक्का आपको मारना होगा , वो भी बिना तेल के ,. " मैंने और बात बढ़ाई। "
देखा है मेरा , बिना तेल के , . फट जाएगा उसका "
अब जीजू थोड़ा मुस्कराये।
" अरे ये कौन सी बड़ी बात है , अभी खोल के देख लेती हूँ , "
उनकी जींस के ऊपर से कितनी बार दबा के , पकड़ के मसल के देख चुकी थी ,
तो आज मैंने ज़िप खोल कर बाहर निकाल लिया पकड़ भी लिया ,
जी एकदम धक्क से रह गया , खूब मोटा , मेरी कलाई में समा नहीं रहा था ,
जब की अभी वो मोटू सो रहा था , अगर ये न आये होता तो ये मोटू इस समय मेरे पिछवाड़े घुस रहा होता ,
" ठीक है चलो जीजू , थूक मैं लगा दूंगी , एकदम आर्गेनिक ,. . आपके भी उनके भी , "
रीनू ने रास्ता निकाला।
" और फट जायेगा तो फट जाएगा , . मैं तो चाहती यहीं हूँ जीजू एक बार आप हचक के फाड़ दीजिये , फिर आप जित्ती बार जैसे , जैसे सैंडविच बनायें , . . उनके सामने, आपकी स्साली भागेगी नहीं , . लेकिन अच्छी तरह से फाड़ियेगा , तीन दिन तक टांग फैला के चले ,. " मैं मुठियाते बोली ,
" एकदम कोमल सही कह रही है , फिर उसके बाद हम साली जिज्जा का प्रोग्राम कभी कोई भड़भंग नहीं करेगा , . . "
रीनू ने बोला।
तब तक तीन बार ये नीचे से गुहार लगा चुके थे ,
हाँ घर लौटने लौटने पर उन्हें अंदाज लगा गया था उन्होंने जो किया वो ठीक नहीं किया और फायदा मेरा हुआ , .
मेरी जेठानी के लाख कोशिश करने पर भी मैं इनके साथ इनकी पोस्टिंग पर चली आयी ,
और उस के बाद क्या हुआ , कैसे ये बदले ये तो आपने शुरू से देखा ही ,
शर्त पूरी
मैं इनकी पीठ सहला रही थी , मैं समझ रही थी की कितना दर्द हो रहा होगा।
दूसरा धक्का ,पहले से भी तेज और अब सुपाड़ा पूरी तरह पैबस्त।
अजय जीजू ने पूरी तरह ठूंस कर के रखा था आगे से ,जैसे कोई बोतल में डाट लगा दे ,सिर्फ गों गों की आवाज निकल रही थी।
कमल जीजू थोड़ा सा रुके ,
मैं समझ गयी क्या होने वाला है।
कमल जीजू ने अपने पैर से इनके दोनों पैरों को बाँध लिया , और हाथों से कमर को कस के पकड़ के ,
उफ़ उफ़
करारा धक्का ,
जबरदस्त धक्का
छल्ला पार हो गया था।
लेकिन अब वो पुश करते रहे ,धकेलते रहे ,ठेलते रहे ,
आधे से ज्यादा करीब ५-६ इंच अंदर घुस गया ,और वो उतने से ही हलके ,हलके
अजय जीजू ने भी अपना थोड़ा सा बाहर निकाल लिया ,
कुछ देर तक मैं और रीनू देखते रहे ,फिर मुझसे नहीं रहा गया।
कमल जीजू के पीछे मैं खड़ी उनकी तलवार बाजी देख रही थी।
कमल जीजू की पीठ सहलाती मेरी उंगलिया अब कमल जीजू के नितंबों तक पहुँच गयी ,जोर की चुटकी काट के मैंने पूछा ,
" क्यों जीजू क्या बाकी चीनू की ननदों के लिए ,अपनी बहनों के लिए बचा रखी है। "
रीनू भी मेरे बगल में खड़ी थी , कमल जीजू को छेड़ती ,उकसाती ,
उसने एक झटके में अपनी दो उँगलियाँ कमल जीजू के पिछवाड़े ठेल दी ,जड़ तक और चिढाया ,
" अरे नहीं मेरी बहन , इनकी बहनो की बुर पे तो हमारे भाइयों का नाम लिखा है ,
ये तो उन्होंने चीनू की सास के लिए , अपनी माँ के लिए बचा रखा है , क्यों मादरचोद। "
ऊँगली और गाली का जो असर मैं सोच रही थी ,
वही हुआ , अगले दो धक्को में कमल जीजू ने पूरा ठोंक दिया अंदर ,
बिचारे मेरे वो ,दर्द से उनकी हाल बेहाल थी , तड़प रहे थे , सिसक रहे थे ,
पर कमल जीजू पूरी बेरहमी से धक्के धक्के पर धक्का ,
और ठीक भी था , अगर कोई गांड मारने में रहम दिखायेगा तो न कोई गांड मार पायेगा , न मरवा पायेगा।
रीनू की वीडियो ग्राफी जारी थी ,
मैंने जो अपने मोबाइल से खींचे , क्लोज अप , फुल शाट सब मम्मी को व्हाट्सअप कर दिए और उनका कमेंट भी आ गया ,
डन,
अब इसे मादरचोद बनने से कोई नहीं रोक सकता।
मैंने मम्मी की शर्त पूरी कर दी थी।
कुछ देर बाद मेरे उनका दर्द कुछ कम हुआ ,
फिर और कम , कमल जीजू ने धक्को की रफ्तार भी हलकी कर दी थी
एकाध बार अब वो भी कमल जीजू के धक्को का साथ देते ,पीछे अपने चूतड़ पुश करते ,
मेरी निगाह घडी पर पड़ी , १५ मिनट से ऊपर हो गए थे लेकिन इंटरवल भी नजर नहीं आ रहा था।
खचाखच ,खचाखच
सटासट ,सटासट ,
लेकिन रीनू भी न , सच में मे,री ही बहन थी।