Episode 88
गुड्डी ने भी अपना टॉप ऊपर कर लिया।
अब छुटकी के पास कोई रास्ता नहीं था ,हिचकते हुए उसने भी ,
क्या कच्ची अमिया थी। दंगे हो जाएँ एकदम ऐसी , टीन ब्रा में फंसी।
उस बिचारी को क्या मालूम मैंने झट स्क्रीन शॉट सेव कर लिया।
मुझे पता था उसके भैय्या तो बस ये स्क्रीन शॉट देखते ही पागल हो जाएंगे।
छोटी छोटी सी लाइट पिंक ब्रा और उसके अंदर कच्ची जवानी के फूल ,
और भैय्या तो बाद में , अभी तो मैं ही बौरा रही थी इन टिकोरों के बारे में सोच सोच के।
गुड्डी तो अब एकदम मेरी लेफ्टिनेंट ,सहेली सब कुछ हो गयी थी ,बस चुपके से मैंने मोबाईल पर उसके टेक्स्ट किया ,
" यार ये ढक्क्न खुलवा किसी तरह से "
और तुरंत उसका जवाब आया ,
" एकदम भौजी। " और साथ में स्माइली हग ,किसेज
और स्काइप पे गुड्डी छुटकी को चढाने पर चालू हो गयी।
" पैडेड है न ," गुड्डी ने छुटकी को चिढ़ाया।
" एकदम नहीं , तेरी होगी पैडेड " और छुटकी चढ़ भी गयी और चिढ भी गयी।
" वाह मेरी क्यों होगी पैडेड , मेरे तो असली है , तेरी तरह थोड़ी , भाभी से पूछ ले , वही लायी हैं " गुड्डी ने छुटकी को और उकसाया।
मैं क्या असल में उसके भैय्या लाये थे , अपनी पसंद , शीयर हाफ कप ,फ्रंट ओपन ३२ सी।
"अच्छा बोल तेरी ब्रा का नंबर क्या है , अच्छा रहने दे ,भाभी आप गैस करिये न।आपकी सबसे छोटी ननद है आप का हक़ है। "
गुड्डी ने अब बाल मेरे पाले में डाल दी थी।
मैं सुनने से ज्यादा बस देख रही थी उन छोटी छोटी कच्ची अमियों को , बस मन कर रहा था ये ब्रा उतार फेंकूं , मसल दूँ , रगड़ डालूं , बस एक बार चूसने को मिल जाय , बस हलके से एक बार कुतरने को ,
और मेरी दोनों छोटी ननदों को स्काइप पर मेरी हाल साफ़ पता चल रही थी। …………
गुड्डी की बात से मुझे मौक़ा मिल गया ,मैंने छुटकी से कहा
" अरे यार ज़रा और पास आ न , ठीक से देखने दे हाँ क्लोज अप में "
छुटकी भी मस्ता रही थी उसने अपने उभार आलमोस्ट वेब कैम से सटा दिए।
और यहाँ मेरी हालत खराब हो गयी।
कुछ देर तक मैंने सोचने का नाटक किया फिर गुड्डी की ओर देख के बोली ,
३० सी
छुटकी भी मस्ता रही थी उसने अपने उभार आलमोस्ट वेब कैम से सटा दिए।
और यहाँ मेरी हालत खराब हो गयी।
कुछ देर तक मैंने सोचने का नाटक किया फिर गुड्डी की ओर देख के बोली ,
२ ८ बी।
फिर छुटकी से बोली , बोल सही है न ननदों के बूब्स के बारे में मेरा गेस गलत नहीं होता।
" नहीं भाभी अबकी आप गलत हैं , मेरा गेस है २ ८ ए , क्यों छुटकी बोल मैं सही हूँ की भाभी। " गुड्डी ने मेरी बात काटी।
छुटकी का चेहरा लाल ,
" गुड्डी दी आप भी न बताया तो था आप को और आप भी , . "
" तभी तो बोल रही हूँ , २ ८ ए " गुड्डी उसकी खिंचाई करते बोली।
अब छुटकी एकदम आपे के बाहर ,
" आप लोगो को ए और बी दिख रहा है , सी है , मेरी क्लास में सिर्फ मेरा कप साइज सी है। " वो बोली।
" लगता तो नहीं लेकिन चल तू झूठ थोड़े बोलेगी ,चल मान लेती हूँ , २८ सी। " मैंने कुछ कंसिड किया।
फिर जोड़ा , " अरे तू पास में होती तो खोल के चेक कर लेती , ननद की ब्रा जो बिना खोले छोड़ दे वो भौजी कैसी। "
छुटकी अब झुंझला उठी।
"२८ सी नहीं भाभी ३० सी। "
अब मैं और गुड्डी दोनों जोर जोर से खिलखिलाने लगे।
जब हंसी रुकी तो गुड्डी बोली ,
" भाभी आप भी न एकदम पुराने ज़माने वाली ,अरे स्काइप पे क्या नहीं हो सकता। माना आप नहीं खोल सकतीं लेकिन ये तो खोल के दिखा सकती है अपनी ब्रा का नंबर ,"
और फिर छुटकी के पीछे, " अरे यार ये मत बोलना की तुझे ये भी नहीं मालूम की ब्रा का नंबर कहाँ लिखा होता है ये भी नहीं मालूम। चल मैं दिखा देती हूँ ,छोटी बहन सिखाना तो पडेगा ही। "
और जब तक मैं और छुटकी कुछ बोलें ,गुड्डी ने झट से अपनी ब्रा उतार दी और स्ट्रैप पे जहाँ नंबर लिखा होता है ,कैमरे के सामने
साफ़ साफ़ था ३२ सी।
और मैंने क्ल्यु पिक अप कर लिया गुड्डी से और मैंने भी अपनी ब्रा ,. ३४ सी
मेरे और गुड्डी के बूब्स स्काइप पे .
" अब तो दिखा दे नंबर , तेरी कच्चे टिकोरे देखने को हम नहीं तरस रहे हैं चल खाली स्टैप दिखा दे , बहस ख़तम हो। " गुड्डी फिर
मैं और गुड्डी साथ साथ गिनती गिनने लगे ,१, २ , ३, ४ ,.
और बिचारी हिरणी , हम दोनों के जाल में ,. . इनकी सबसे छोटी कजिन जो अभी हाई कॉलेज पास कर के ,.
उसने ब्रा का स्ट्रैप खोल के दिखा दिया।
मालूम तो मुझे भी था और गुड्डी को भी ३० सी।
लेकिन ब्रा का स्ट्रैप किसे देखना था ,
जबरदस्त टिकोरे कच्चे, गोरे गोरे कच्चे दूध के छोटे छोटे कटोरे ,
चल मान गयी तेरी बात , गुड्डी की स्काइप पर आवाज ने मेरा ध्यान बटाया।
और मोबाइल पर टेक्स्ट की आवाज ,
गुड्डी ,थम्स अप साइन , उसने मेरा कहा करवा दिया था ,छुटकी की ब्रा उतरवा के।
मैंने भी हग्स किसेज और थम्स अप ,
पर गुड्डी इत्ते सस्ते में उसे छोड़ने वाली नहीं थी।
" चल मान गयी तूने ३० सी वाली ब्रा पहन रखी है लेकिन इससे ये थोड़ी साबित होता है की तेरे , अच्छा चल भाभी फैसला करेंगी। "
" ओके छुटकी यार बस एक मिनट अपने दोनों हाथ एकदम ऊपर कर , गुड गर्ल , और एक बार हाँ बस एक मिनट दोनों हाथ बूब्स के नीचे हाँ बस ऐसे ही। "क्लिक क्लिक पंद्रह स्क्रीन शॉट उसके भैय्या के लिए ,
और मैंने सोचा बहुत रगड़ाई हो चुकी बच्ची की , फिर मेरा काम भी तो हो गया था , उसकी कच्ची अमिया देखने का मेरा टारगेट कर्टसी गुड्डी पूरा हो चुका था और उसके 'सीधे साधे ' भैय्या के लिए उन कच्चे टिकोरों की फोटो खींचने का भी।
मैंने फैसला छुटकी के फेवर में दिया ,
" लगता तो है ३० सी ही "
लेकिन गुड्डी उसे इतनी आसानी से छोड़ने वाली नहीं थी ,
" अरे भाभी क्यों बिचारी का मन बहला रही हैं ,सच सच बोलिये न। "
तबतक गुड्डी का टेक्स्ट आ गया मेरे पास ,उसकी किसी सहेली का बार बार व्हाट्सएप आ रहा है ,कुछ अर्जेन्ट है और वो स्काइप से गायब हो रही है।
गुड्डी उड़न छू हो गयी स्काइप पे बचे मैं और छुटकी और शायद ये मैं भी चाहती थी। गुड्डी ने अपना काम कर दिया , हाँके का ,
शिकार को खेद कर मेरे पास तक लाने का ,
बस धीरे धीरे अपनी इस छोटी ननद का आराम से शिकार करने का काम मेरा था।
" हे तू कुछ मालिश वाली करती है इन पे या , सिर्फ अपने यारों से दबवाती मिजवाती है। " मैंने उसे छेड़ा।
भाभी वो चीखी।
" गुड्डी के बूब्स देखे ,हैं न मस्त "
" एकदम भाभी ," उसकी आँखों में चाहत भी थी और जलन भी। फिर उसने अपने को समझाते हुए मुझसे बोला ,
" भाभी लेकिन वो मुझसे दो साल बड़ी भी तो हैं ,दो साल में मेरे भी वैसे ,. "
" और अगर दो महीने में वैसे हो जाएँ तो ३० सी से ३२ सी ,. "
मैंने चारा फेंका।
३० सी से ३२ सी
गुड्डी उड़न छू हो गयी स्काइप पे बचे मैं और छुटकी और शायद ये मैं भी चाहती थी। गुड्डी ने अपना काम कर दिया , हाँके का ,
शिकार को खेद कर मेरे पास तक लाने का ,
बस धीरे धीरे अपनी इस छोटी ननद का आराम से शिकार करने का काम मेरा था।
" हे तू कुछ मालिश वाली करती है इन पे या , सिर्फ अपने यारों से दबवाती मिजवाती है। " मैंने उसे छेड़ा।
भाभी वो चीखी।
" गुड्डी के बूब्स देखे ,हैं न मस्त "
मैंने उसे और चढ़ाया,
(गुड्डी को हर साल अपने कॉलेज में बिग बी की टाइटिल होली में मिलती थी, बिग बी यानी बूब्स, और उसके गली मोहल्ले वाले उसे 'दादा' का ये गाना गए के छेड़ते भी थे, हमने माना हम पर साजन जोबनवा भरपूर है, ")
" एकदम भाभी ," उसकी आँखों में चाहत भी थी और जलन भी। फिर उसने अपने को समझाते हुए मुझसे बोला ,
" भाभी लेकिन वो मुझसे दो साल बड़ी भी तो हैं ,दो साल में मेरे भी वैसे ,. "
" और अगर दो महीने में वैसे हो जाएँ तो ३० सी से ३२ सी ,. "
मैंने चारा फेंका।
" ऐसे कैसे ,. " अब वो जाल में आ रही थी , हर जवान होती लड़की चाहती है उसके जोबन जबरदस्त हों।
मैं चुप रही।
" बोलिये न भाभी , . " वो हाईकॉलेज वाली बोली। अब उससे रहा नहीं जा रहा था।
" अच्छा ,चल जरा इसे ,दोनों को अपने हाथ से पुश कर , हाँ हाँ और एकदम कैमरे के पास ,. हाँ हाँ। " मैंने उसे उकसाया।
मुझे कुछ उसके भैय्या के लिए क्लोज अप भी तो लेने थे।
उसने अपनी कच्ची अमिया और क्लोज कर दी कैमरे के।
मैंने ले ली पिक्चर्स।
और छुटकी को पटाने फंसाने के लिए ज्ञान देना शुरू कर दिया।
" मेरे बूब्स को देख ,मैं हाईकॉलेज से इस पे मालिश कर रही हूँ। किसी लड़की के लिए बूब्स बाड़ी का सबसे इम्पॉर्टेंट पार्ट है ,यार लड़के सबसे पहले उसी को देखते हैं ,बिचारे कित्ता ललचाते हैं देख देख के , है न। देख बाल पे शैम्पू ,हेयर कंडीशनर ,चेहरे पे फेसीयल , . और बूब्स पे ,. मैं तुझे सिम्पल तरीका बताती हूँ। बाद में और बताउंगी और फिर भाभी नहीं बताएगी ये बातें तो ननद को कौन बताएगा। "
" बताइये न भाभी। "
" बस मुझे तू देखती जा , पहले तो दो अपनी हथेलियां रब कर आपस में ,हाँ हाँ बस ऐसे ही ५०-१०० बार जब खूब गरम हो जाएँ तो उन्हें अपने ब्रेस्ट पे ले जा ,दायां हाथ दाएं बूब्स पे और बायां हाथ बायीं चूँची पे। बस क्लॉक वाइज सर्कुलर मोशन , धीरे धीरे , बाहर से अंदर की ओर हाँ निपल मत टच करना , एक्सरसाइज निप्स के लिए अलग है। "
जैसे जैसे मैं कर रही थी ,वैसे वैसे वो भी अपने छोटे छोटे उभारों को हलके हलके दबा रही थी।
" इसका असर दस गुना हो जाएगा अगर साथ में ब्रेस्ट मसाज आयल इस्तेमाल कर तू , और सबसे अच्छा तो मैं खुद घर में बनाती हूँ , नारियल तेल और आल्मंड आयल के साथ १६ बूँद येलांग येलांग आयल, जीतनी तेरी एज हो उतनी बूँद , था जेरेनियम आयल और बस चार बूँद क्लोव आयल। ये सब न मिले तो अभी तू नारियल और आल्मंड आयल से शुरू कर दे , रात में सोने के पहले और सुबह नहाने के पहले , कम से कम पांच से सात मिनट। "
" एकदम भाभी , कल से ही बल्कि आज से ही। " वो ध्यान से सुन रही थी लेकिन दिल की बात उसने बोल दी
" पर भाभी जो आप बता रही थी , जो आप बनाती है वो वाला तेल ,.
" तुझे कुरियर कर दूंगी ,घर पहुँचने के बाद , लेकिन तू दो तीन दिन में मुझे अपनी मालिश का एक वीडियों व्हाट्सऐप कर देना जिससे कुछ गाइड करना हो तो मैं कर दूँ "
एकदम भाभी।
वोहंस के बोली।
जो गौरेया अभी थोड़ी देर पहले टॉप उठाने में सौ नखड़े कर रही थी वो अब खुद अपनी टॉपलेस फोटुएं , बूब्स मसाज की व्हाट्सऐप करने को तैयार थी।
" और एक लेप भी है ,वो चूँची और निप्स दोनों पे यूज कर सकते हैं , थोड़ा टेढ़ा है बनाना इसमें छोटे अनार के दाने , लाल चन्दन ,संतरे के छिलके के साथ ताजा फेनुग्रीक आयल बस ८ बूँद ,लौंग का तेल चार बूँद , सब को पीस कर मिला के लेप बनाते हैं पूनम के दिन , और पूनम की रात चांदनी में ही लगाते है पहले बार , इसी लेप में थोड़ा सौंफ का तेल और आम के सूखे बौर को मिला के बस एक या ऊँगली के बराबर निप्स पे , . और ये छुड़ाते नहीं है अपने आप बूब्स में सोक हो जाता है। "
" पर पूनम के दिन , . कैसे " वो बिचारी अब सोच में पड़ गयी थी।
जाल बिछ गया था ,चिड़िया ने दाना चुग लिया था और अब मुझे बस जाल बंद करना था , मैंने कर दिया।
" ये तो मुश्किल है , और पहली बार ताजा ताजा ही लगाया जाता है वो भी उसी पूनम को रात में ,. हाँ उसके बाद वो लेप दो महीने तक चलता है , फिर खाली हर सोमवार को रात में ,महीने भर में बूब्स एकदम पूनम के चाँद की तरह ,. बिना तेरे आये। "
कुछ देर हम दोनों चुप रहे ,सोचते कैसे कैसे। फिर मैंने दांव फेंक दिया।
" तेरे घर वाले तुझे मेरे घर आने को मना तो करेंगे नहीं , फिर मुश्किल से तीन घंटे का रास्ता है सीधी बस ,ट्रेन है। "
" नहीं नहीं एकदम मना नहीं करेंगे , पर कॉलेज। " वो मानते हुए बोली।
" अरे यार तू कित्ती राखी से नहीं आयी। "
( गुड्डी की तरह उसके भी घर में न कोई भाई था न बहन और नियरेस्ट कजिन यही थे तो बस राखी वो इन्हे ही भेजती थी ).
राखी -पूनम
" ये तो मुश्किल है , और पहली बार ताजा ताजा ही लगाया जाता है वो भी उसी पूनम को रात में ,. हाँ उसके बाद वो लेप दो महीने तक चलता है , फिर खाली हर सोमवार को रात में ,महीने भर में बूब्स एकदम पूनम के चाँद की तरह ,. बिना तेरे आये। "
कुछ देर हम दोनों चुप रहे ,सोचते कैसे कैसे। फिर मैंने दांव फेंक दिया।
" तेरे घर वाले तुझे मेरे घर आने को मना तो करेंगे नहीं , फिर मुश्किल से तीन घंटे का रास्ता है सीधी बस ,ट्रेन है। "
" नहीं नहीं एकदम मना नहीं करेंगे , पर कॉलेज। " वो मानते हुए बोली।
" अरे यार तू कित्ती राखी से नहीं आयी। "
( गुड्डी की तरह उसके भी घर में न कोई भाई था न बहन और नियरेस्ट कजिन यही थे तो बस राखी वो इन्हे ही भेजती थी ).
मैंने बात आगे बढ़ाई ,
" इस बार बहुत दिनों बाद राखी पे इनकी कोई बहन होगी साथ में ,गुड्डी तो चल ही रही है हमारे साथ ,तू भी आ जा ना। और अबकी राखी मंडे को पड़ रही है ,लांग वीकेंड , बस तू बृहस्पतिवार की शाम को आ जा न , तेरा कॉलेज का लॉस भी नहीं होगा , फिर राखी तो पूनम को ही पड़ती है न , उस दिन मैं तुझ बनाना भी सिखा दूंगी , रात में लगा भी दूंगी। कूरियर वूरियर का चक्कर छोड़ , वो तेल भी मैं दो चार शीशी बना के तुझे दे दूंगी। तीन चार दिन फुल टाइम मस्ती ,मैं गुड्डी और तुम मिल के तेरे भैया को अच्छी तरह लूटेंगे। "
" एकदम भाभी , " वो तुरंत मान गयी और बोली , भाभी हो तो आप जैसी।
" और ननद तेरी जैसी सेक्सी " मैं क्यों छोड़ती उसे।
" बहुत दिनों से भैय्या ने राखी का पैसा भी नहीं भेजा , बहुत उधार है उनके ऊपर। " वो शोख मुस्कराती बोली और जोड़ा अबकी तो सूद के साथ लुंगी मैं।
" एक़दम " मैंने हामी भरी बस ये नहीं बताया की उसके बदले में ऐन राखी के दिन उसके भइया उसकी सोनचिरैया भी लूट लेंगे , वो दूज के चाँद ऐसी कसी कसी ले के आएगी और पूनम के चाँद की तरह खुली खुली ले कर जायेगी अपनी सहेली को।
और उस बार भी गुड्डी मेरा पूरा हाथ बंटाएगी, इस चिरैया का भरतपुर लूटने में, तबतक गुड्डी रानी महीने डेढ़ महीने में चुद चुद कर एकदम पक्की हो जाएंगी, जैसे आज बहुत जबरदस्त हांका किया इस हाईकॉलेज वाली का उसने, और जो टॉप तक नहीं खोलने को तैयार थी, वो खुद इत्ती देर से अपनी कच्ची अमिया खोल के,. और खुद उसके मसाज की बात कर रही थी,
उसे कौन समझाए इस कच्ची उमरिया में मरदों के हाथ की मालिश से बढ़कर कोई मालिश नहीं होती, अरे जुबना आते ही मिजवांने मिसवाने के लिए, . और ननद अपने भैया से मिजवाये ये कौन भाभी नहीं चाहेगी, फिर वो भी राखी के दिन, राखी बंधे हाथों से अपनी छुटकी बहिनिया का जोबन लुटे और जिस हाथ से बहन ने राखी बाँधी हो उसी हाथ से अपने प्यारे प्यारे भैया का मोटा खूंटा पकड़ के मुठियाये,
मैं सोच रही थी और उधर वो गौरैया चहक रही थी,
" भाभी, एकदम सही है. मैंने भी चेक कर लिया पूरे तीन दिन की छुट्टी है, एक दो दिन और चार पांच दिन का प्रोग्राम बना लूंगी, फिर आप गुड्डी दी, और भैया खूब मस्ती होगी,. सच में कित्ते दिन हो गए राखी के दिन, . अबकी हम दोनों, मैं और गुड्डी मिल के फुर्सत से लूटेंगे उनको , और आपका वो पूनम वाला प्रोग्राम भी हो जाएगा। बात आपकी एकदम सच है, . अगर कहीं मेरे गुड्डी दी ऐसे हो गए न सच में सारी मेरे सहेलियों के सीने पर सांप लूटेंगे,. लेकिन उन कमीनियों के पास मेरी ऐसी अच्छी भाभी थोड़े ही हैं,. "
और मैं सोच रही थी , बहुत चीखेगी उस पूनम की रात ये जब इसकी फटेगी, खूब खून खच्चर,. लेकिन ननद की ननद के भैया से फटे वो भी राखी के दिन,.
तबतक गुड्डी का दो बार मेसेज आ गया ,अर्जेन्ट अर्जेन्ट।
मेरा भी काम तो काफी हो गया था।
"अच्छा चल अब सोते हैं लेकिन सोने के पहले मसाज करना मत भूलना। " मैंने उसे हिदायत दी।
हम दोनों ने स्काइप बंद कर दिया ,हाँ लेकिन उसके पहले उसकी सोनचिरैया की एक झलक मैंने देख ही ली , बस ज़रा सा पैंटी सरकवा के अपनी छुटकी ननद की।
एकदम कसी , बस झांटे आ ही रही थी ,मक्खन मलाई।
और जब पैंटी खुली थी, मैंने उसे चिढ़ाया भी और वार्निंग भी दे दी,
" हे राखी के दिन तेरा भैया को लूटने का प्लान है, लेकिन भैया ने कहीं तेरा लूट लिया तो,. . "
"लूट लेंगे तो लूट लेंगे,. मैं कौन सा ताला लगा के रखूंगी "
खिलखिलाते हुए वो सोन चिरैया बोली और अंतर्ध्यान हो गयी।
रिजल्ट वाली रात
गुड्डी का एक बार फिर मेसेज आया ,
भाभी प्लीज अर्जेन्ट जल्दी, भाभी प्लीज , मेरी अच्छी वाली भाभी, मीठी भाभी।
लेकिन अब मेरा दिमाग एक बार फिर उस दुष्ट जेठानी की ओर चला गया था , कहीं जेठानी का प्लान चल तो नहीं गया।
कहीं गुड्डी के जाने का प्लान खतरे में तो नहीं पड़ गया।
कहीं जेठानी ने सासू जो को बहला समझा के गुड्डी के पैरेंट्स को ,.
बार बार गुड्डी अर्जेन्ट मेसेज क्यों कर रही है।
मैंने गुड्डी को तुरंत फोन लगाया।
उसने जो बताया तो मेरी जान में जान आयी लेकिन गुड्डी बहुत टेंशन में थी।
कल सुबह उसका रिजल्ट आनेवाला था। उसकी सहेली वही व्हाट्सऐप कर रही थी।
एकदम रुंआसी,.
"नहीं भाभी, बहुत डर लग रहा है, कुछ समझ में नहीं आ रहा. मुझे लगा आप से बात करके थोड़ी हिम्मत बंधेगी,. . जरा भी नंबर खराब आये न , तो क्या कहेंगे लोग, और तो और वो आपकी जेठानी, बड़ी भाभी एकदम जहर,. और मुझे भी लग रहा है न थोड़ा सा और ध्यान से पढ़ती, ज़रा इन कमीनी सहेलियों के साथ मस्ती कम करती न,
हिंदी का पेपर, मैंने सोचा था लास्ट इयर के सवाल थोड़े ही पूछेंगे और वही छोड़ दिया था मैंने , और दो सवाल उसी में से,. . फिर मेरी हिंदी की राइटिंग,. इंग्लिश में भी जैसे पेपर करके निकली तो याद आया उफ़ आते हुए ये गलत हो गया,. और वो कोचिंग वाले भी,. उनका एडमिशन भी इंटर के रिजल्ट पर ही,. साइंस वाले तो , . लेकिन कॉपी जांचने वालों का क्या ठिकाना,. मेरी टीचर्स क्या सोचेंगी, "
बहुत परेशान,
मैंने उसे छेड़ने की कोशिश की, मजे लेने की कोशिश की पर उसका ध्यान रिजल्ट से हट ही नहीं रहा था.
" भाभी, हाईकॉलेज में इत्ता डर नहीं लग रहा था, लेकिन इंटर में पता नहीं क्यूँ,. . लगता है इसी रिजल्ट पर मुझे कालेज का एडमिशन और सब कुछ था ,लेकिन उस समय तो लग रहा था पता नहीं ये सहेलियां कब मिलेंगी, इंटर के बाद ये दिया भी न कहती थी यार जो पढ़ा रहे हैं सब किताब में तो लिखा है , घर जा के पढ़ लेना तू , मैं घर पे कहाँ मिलूंगी, पूरे ८ नहीं दस क्लासेज बंक करके कैंटीन में, और वही अपने भैया की रात की कहानी सुनाती और उस के साथ पिक्स दिखाती, छन्दा भी साथ में , लेकिन अब सोचती हूँ, . मैंने सच में कभी कैरियर, पढ़ाई नहीं सोची एकदम से न
और मैं भीं न, सच में एकदम केयरलेस हूँ , मन करता है बस एक टाइम मशीन मिल जाए तो जा के वो इंग्लिश वाला जो गलत हुआ था, आता था फिर भी गलत कर के आ गयी एक नंबर का,. आप भी सोचेंगी, आप की ननद कैसी केयरलेस,. "
उस के दिमाग में डर घर कर गया था।
मैंने उसे बहुत समझया , अरे यार तेरे एडमिशन तो कोचिंग में हो ही गया है बस अब तू मेडिकल कालेज की तैयारी कर।
लेकिन कोई भी लड़की और वो भी गुड्डी ऐसी पढ़ाकू ,.
मैंने उसे एक नुस्खाः बताया सोने का ,. ऐसा कर तू अपनी गुलाबो को धीरे धीरे थपकी दे , ये सोच के की तेरे भइया का हाथ है , हाँ नो ऊँगली , अब उसमें बस उन्ही का खूंटा जाएगा। बहुत हुआ तो क्लिट छू लेना। सो जा ,रिजल्ट तेरा बहुत अच्छा होगा और पार्टी मेरी ओर से सबसे बड़े मॉल में ,मेरी ओर से एडवांस।
और वो सोने चली गयी।
उस रात हम सभी सोये , मैं भी ,गुड्डी भी , वो भी और जेठानी जी भी।
मैं और वो इसलिए भी की कल रात रतजगा था ,और उसके बाद हर रात ,
कल रात जेठानी जी की कुटाई का जबरदस्त प्रोग्राम होना था , रात भर।
जब वो जेठानी के पास से आये तो बड़े गुस्से में , जेठानी उन्हें मेरे खिलाफ भड़का रही थीं।
गनीमत थी उन्होंने अपनी भाभी के सामने कुछ नही कहा।
मैंने उन्हें अपनी मम्मी का सिखाया मन्त्र उन्हें सुना दिया ,
रिवेंज इज अ डिश बेस्ट सर्व्ड कोल्ड
और हम दोनों एक दूसरे की बाँहों में सो गए।
नया दिन नयी बात
अगले दिन सुबह सुबह , मैं सबसे जल्दी उठी एकदम शादी के शुरू के दिनों की तरह , नहायी और किचन में।
फरक सिर्फ इतना था उस सीधी साधी बहू में और आज , की आज मैं ये स्ट्रेटजी के तहत कर रही थी।
मैंने जेठानी जी के लिए बेड टी बनायी , एकदम उनके इंस्ट्रक्शन के मुताबिक ,
मन तो कर रहा था की उस चाय में , लेकिन किस तरह मन को समझाया मैं ही जानती हूँ।
उधर चाय उबल रही थी ,इधर मेरा गुस्सा ,
मुझसे कुछ कहें लेकिन उस लड़के से , कल रात जिस तरह वो परेशान थे ,
जेठानी जी को समझ जाना चाहिए की वो सबसे पहले मेरे हैं ,सिर्फ मेरे , और उन्हें मेरे खिलाफ खड़े करने की कोशिश।
एकदम फोर्थ डिग्री की हरकत , लेकिन बस कुछ देर की बात है ,आज की रात मैं उनके साथ टेंथ डिग्री करने वाली हूँ ,
जो कुछ मम्मी क्या मंजू भी नहीं सोच सकती वो सब , एक से एक किंक ,
इसी घर में इसी आंगन में ,
संस्कार ,संस्कार ,. सारे संस्कार उनकी माँ की गांड में न पेल दिया तो मेरा नाम कोमल नहीं।
सोच रही हैं गुड्डी को रोक के फिर से वो इस घर में अपनी सुपीरियरिटी सिद्ध कर लेंगी ,
कल न सिर्फ उन्ही के सामने उस चिरैया को ले उड़ूँगी बल्कि उन्ही से उस को तैयार करवाउंगी।
चाय ले जाते समय एक बार फिर मैंने अपने चेहरे पर वो शादी के शुरू के दिनों वाले भाव ले आयी मैं ,
कहीं जेठानी जी ,बहुत चालाक हैं वो ,शादी के पहले दिन ही उन्होंने मेरी सास के सामने ही मुझसे कहा था ,
उड़ती चिड़िया के पर मैं गिन भी सकती हूँ और क़तर भी सकती हूँ।
लेकिन एक बार उनकी ठुकाई ज़रा तस्सलीबख्स ढंग से हो जाए न तो बस , . फिर इसी आंगन में न नंगे नचाया , फिर पूछूँगी।
वो सो रही थीं ,
बस मैंने पैर नहीं छुए ,(शादी के बाद जब मैं आयी तो ये कम्पलसरी था ,सुबह भी , और रात को जाने के पहले )
उन्हें सोते देखते मैं सोच रही थी ,सो ले आज , आज रात को इसी कमरे में जबरदस्त तूफ़ान आने वाला है।
जोबन जबरदस्त था उन पे ,देह थोड़ी भारी भारी , खूब मांसल ,गदरायी चार पांच साल की शादी के बाद जैसे अमूमन हो जाती है।
आँचल ढलक गया था उनका सोते में और ब्लाउज से ३६ डी डी साइज के उनके उभार एकदम छलक रहे थे।
बहुत सम्हाल के ढक छिपा के अपना खजाना रखती थीं वो , और मुझे भी सख्त हिदायत थी ,आँचल जरा भी सरका , या कोई ब्लाउज ज़रा भी लो कट हुआ
बस जेठानी जी भौंहे टेढ़ी।
मैंने हलके से गुदगुदी करके उन्हें उठाया , मुस्कराते हुए और चाय पेश कर दी।
चाय पीते हुए उनका मुंह खिल उठा ,चाय का स्वाद ,और मैं एक बार फिर से जैसे उन्होंने समझाया बुझाया था उस तरह
लेकिन ताना मारने से वो बाज नहीं आयी ,
" ज़रा देखना आज कही सूरज पश्चिम से तो नहीं निकला। "
मेरा तो मन था बोलती ,
" आज तो नहीं लेकिन कल जरूर पश्चिम से निकलेगा। " मेरे मुंह से निकलते निकलते रह गया।
लेकिन मैंने उन्हें छेड़ कर बात बदलने की कोशिश की ,
देवरानी -जेठानी
लेकिन मैंने उन्हें छेड़ कर बात बदलने की कोशिश की ,
" अरे दी आज का दिन स्पेशल है , आज आप की छुट्टी का आखिरी दिन , अब बहुत आराम कर लिया आपने , अब आपके देवर ,,. "
वो एकदम खुश ,मेरे गाल पे चिकोटी काटती बोलीं ,
" अरे देवर के लिए इत्ती प्यारी सी देवरानी तो ले आयी हूँ। रोज घचर घचर , "
वो मूड में आ रही थीं ,फिर थोड़ा सीरियस हो के बोलीं ,
" अरे यार अब नहा लूँ तो पता चलेगा ,की कहीं ,. "
" ठीक है दी , आप नहा धो लीजिये ,तबतक मैं नाश्ता बना देती हूँ ,आज मैंने उन्हें सुबह सुबह जगाया नहीं ,क्या पता आज उनकी लाटरी खुल जाय।"
,
जबतक आप नहा के आएँगी तब तक वो भी , फिर हम लोग साथ नाश्ता कर लेंगे , आज सोच रही हूँ कुछ हैवी ब्रेकफास्ट बनाऊं , आपकी पसंद का। "
" एकदम लंच में कुछ हल्का बना देना "
जेठानी जी अपने पुराने रूप में आती बोलीं। सुबह ही मुझे नाश्ते खाने का आर्डर मिल जाता था जैसे की कोई महराज होऊं।
आधे पौन घंटे बाद वो बाथरूम में गयीं और उसके पौन घंटे बाद निकलीं।
अब छुटकी के पास कोई रास्ता नहीं था ,हिचकते हुए उसने भी ,
क्या कच्ची अमिया थी। दंगे हो जाएँ एकदम ऐसी , टीन ब्रा में फंसी।
उस बिचारी को क्या मालूम मैंने झट स्क्रीन शॉट सेव कर लिया।
मुझे पता था उसके भैय्या तो बस ये स्क्रीन शॉट देखते ही पागल हो जाएंगे।
छोटी छोटी सी लाइट पिंक ब्रा और उसके अंदर कच्ची जवानी के फूल ,
और भैय्या तो बाद में , अभी तो मैं ही बौरा रही थी इन टिकोरों के बारे में सोच सोच के।
गुड्डी तो अब एकदम मेरी लेफ्टिनेंट ,सहेली सब कुछ हो गयी थी ,बस चुपके से मैंने मोबाईल पर उसके टेक्स्ट किया ,
" यार ये ढक्क्न खुलवा किसी तरह से "
और तुरंत उसका जवाब आया ,
" एकदम भौजी। " और साथ में स्माइली हग ,किसेज
और स्काइप पे गुड्डी छुटकी को चढाने पर चालू हो गयी।
" पैडेड है न ," गुड्डी ने छुटकी को चिढ़ाया।
" एकदम नहीं , तेरी होगी पैडेड " और छुटकी चढ़ भी गयी और चिढ भी गयी।
" वाह मेरी क्यों होगी पैडेड , मेरे तो असली है , तेरी तरह थोड़ी , भाभी से पूछ ले , वही लायी हैं " गुड्डी ने छुटकी को और उकसाया।
मैं क्या असल में उसके भैय्या लाये थे , अपनी पसंद , शीयर हाफ कप ,फ्रंट ओपन ३२ सी।
"अच्छा बोल तेरी ब्रा का नंबर क्या है , अच्छा रहने दे ,भाभी आप गैस करिये न।आपकी सबसे छोटी ननद है आप का हक़ है। "
गुड्डी ने अब बाल मेरे पाले में डाल दी थी।
मैं सुनने से ज्यादा बस देख रही थी उन छोटी छोटी कच्ची अमियों को , बस मन कर रहा था ये ब्रा उतार फेंकूं , मसल दूँ , रगड़ डालूं , बस एक बार चूसने को मिल जाय , बस हलके से एक बार कुतरने को ,
और मेरी दोनों छोटी ननदों को स्काइप पर मेरी हाल साफ़ पता चल रही थी। …………
गुड्डी की बात से मुझे मौक़ा मिल गया ,मैंने छुटकी से कहा
" अरे यार ज़रा और पास आ न , ठीक से देखने दे हाँ क्लोज अप में "
छुटकी भी मस्ता रही थी उसने अपने उभार आलमोस्ट वेब कैम से सटा दिए।
और यहाँ मेरी हालत खराब हो गयी।
कुछ देर तक मैंने सोचने का नाटक किया फिर गुड्डी की ओर देख के बोली ,
३० सी
छुटकी भी मस्ता रही थी उसने अपने उभार आलमोस्ट वेब कैम से सटा दिए।
और यहाँ मेरी हालत खराब हो गयी।
कुछ देर तक मैंने सोचने का नाटक किया फिर गुड्डी की ओर देख के बोली ,
२ ८ बी।
फिर छुटकी से बोली , बोल सही है न ननदों के बूब्स के बारे में मेरा गेस गलत नहीं होता।
" नहीं भाभी अबकी आप गलत हैं , मेरा गेस है २ ८ ए , क्यों छुटकी बोल मैं सही हूँ की भाभी। " गुड्डी ने मेरी बात काटी।
छुटकी का चेहरा लाल ,
" गुड्डी दी आप भी न बताया तो था आप को और आप भी , . "
" तभी तो बोल रही हूँ , २ ८ ए " गुड्डी उसकी खिंचाई करते बोली।
अब छुटकी एकदम आपे के बाहर ,
" आप लोगो को ए और बी दिख रहा है , सी है , मेरी क्लास में सिर्फ मेरा कप साइज सी है। " वो बोली।
" लगता तो नहीं लेकिन चल तू झूठ थोड़े बोलेगी ,चल मान लेती हूँ , २८ सी। " मैंने कुछ कंसिड किया।
फिर जोड़ा , " अरे तू पास में होती तो खोल के चेक कर लेती , ननद की ब्रा जो बिना खोले छोड़ दे वो भौजी कैसी। "
छुटकी अब झुंझला उठी।
"२८ सी नहीं भाभी ३० सी। "
अब मैं और गुड्डी दोनों जोर जोर से खिलखिलाने लगे।
जब हंसी रुकी तो गुड्डी बोली ,
" भाभी आप भी न एकदम पुराने ज़माने वाली ,अरे स्काइप पे क्या नहीं हो सकता। माना आप नहीं खोल सकतीं लेकिन ये तो खोल के दिखा सकती है अपनी ब्रा का नंबर ,"
और फिर छुटकी के पीछे, " अरे यार ये मत बोलना की तुझे ये भी नहीं मालूम की ब्रा का नंबर कहाँ लिखा होता है ये भी नहीं मालूम। चल मैं दिखा देती हूँ ,छोटी बहन सिखाना तो पडेगा ही। "
और जब तक मैं और छुटकी कुछ बोलें ,गुड्डी ने झट से अपनी ब्रा उतार दी और स्ट्रैप पे जहाँ नंबर लिखा होता है ,कैमरे के सामने
साफ़ साफ़ था ३२ सी।
और मैंने क्ल्यु पिक अप कर लिया गुड्डी से और मैंने भी अपनी ब्रा ,. ३४ सी
मेरे और गुड्डी के बूब्स स्काइप पे .
" अब तो दिखा दे नंबर , तेरी कच्चे टिकोरे देखने को हम नहीं तरस रहे हैं चल खाली स्टैप दिखा दे , बहस ख़तम हो। " गुड्डी फिर
मैं और गुड्डी साथ साथ गिनती गिनने लगे ,१, २ , ३, ४ ,.
और बिचारी हिरणी , हम दोनों के जाल में ,. . इनकी सबसे छोटी कजिन जो अभी हाई कॉलेज पास कर के ,.
उसने ब्रा का स्ट्रैप खोल के दिखा दिया।
मालूम तो मुझे भी था और गुड्डी को भी ३० सी।
लेकिन ब्रा का स्ट्रैप किसे देखना था ,
जबरदस्त टिकोरे कच्चे, गोरे गोरे कच्चे दूध के छोटे छोटे कटोरे ,
चल मान गयी तेरी बात , गुड्डी की स्काइप पर आवाज ने मेरा ध्यान बटाया।
और मोबाइल पर टेक्स्ट की आवाज ,
गुड्डी ,थम्स अप साइन , उसने मेरा कहा करवा दिया था ,छुटकी की ब्रा उतरवा के।
मैंने भी हग्स किसेज और थम्स अप ,
पर गुड्डी इत्ते सस्ते में उसे छोड़ने वाली नहीं थी।
" चल मान गयी तूने ३० सी वाली ब्रा पहन रखी है लेकिन इससे ये थोड़ी साबित होता है की तेरे , अच्छा चल भाभी फैसला करेंगी। "
" ओके छुटकी यार बस एक मिनट अपने दोनों हाथ एकदम ऊपर कर , गुड गर्ल , और एक बार हाँ बस एक मिनट दोनों हाथ बूब्स के नीचे हाँ बस ऐसे ही। "क्लिक क्लिक पंद्रह स्क्रीन शॉट उसके भैय्या के लिए ,
और मैंने सोचा बहुत रगड़ाई हो चुकी बच्ची की , फिर मेरा काम भी तो हो गया था , उसकी कच्ची अमिया देखने का मेरा टारगेट कर्टसी गुड्डी पूरा हो चुका था और उसके 'सीधे साधे ' भैय्या के लिए उन कच्चे टिकोरों की फोटो खींचने का भी।
मैंने फैसला छुटकी के फेवर में दिया ,
" लगता तो है ३० सी ही "
लेकिन गुड्डी उसे इतनी आसानी से छोड़ने वाली नहीं थी ,
" अरे भाभी क्यों बिचारी का मन बहला रही हैं ,सच सच बोलिये न। "
तबतक गुड्डी का टेक्स्ट आ गया मेरे पास ,उसकी किसी सहेली का बार बार व्हाट्सएप आ रहा है ,कुछ अर्जेन्ट है और वो स्काइप से गायब हो रही है।
गुड्डी उड़न छू हो गयी स्काइप पे बचे मैं और छुटकी और शायद ये मैं भी चाहती थी। गुड्डी ने अपना काम कर दिया , हाँके का ,
शिकार को खेद कर मेरे पास तक लाने का ,
बस धीरे धीरे अपनी इस छोटी ननद का आराम से शिकार करने का काम मेरा था।
" हे तू कुछ मालिश वाली करती है इन पे या , सिर्फ अपने यारों से दबवाती मिजवाती है। " मैंने उसे छेड़ा।
भाभी वो चीखी।
" गुड्डी के बूब्स देखे ,हैं न मस्त "
" एकदम भाभी ," उसकी आँखों में चाहत भी थी और जलन भी। फिर उसने अपने को समझाते हुए मुझसे बोला ,
" भाभी लेकिन वो मुझसे दो साल बड़ी भी तो हैं ,दो साल में मेरे भी वैसे ,. "
" और अगर दो महीने में वैसे हो जाएँ तो ३० सी से ३२ सी ,. "
मैंने चारा फेंका।
३० सी से ३२ सी
गुड्डी उड़न छू हो गयी स्काइप पे बचे मैं और छुटकी और शायद ये मैं भी चाहती थी। गुड्डी ने अपना काम कर दिया , हाँके का ,
शिकार को खेद कर मेरे पास तक लाने का ,
बस धीरे धीरे अपनी इस छोटी ननद का आराम से शिकार करने का काम मेरा था।
" हे तू कुछ मालिश वाली करती है इन पे या , सिर्फ अपने यारों से दबवाती मिजवाती है। " मैंने उसे छेड़ा।
भाभी वो चीखी।
" गुड्डी के बूब्स देखे ,हैं न मस्त "
मैंने उसे और चढ़ाया,
(गुड्डी को हर साल अपने कॉलेज में बिग बी की टाइटिल होली में मिलती थी, बिग बी यानी बूब्स, और उसके गली मोहल्ले वाले उसे 'दादा' का ये गाना गए के छेड़ते भी थे, हमने माना हम पर साजन जोबनवा भरपूर है, ")
" एकदम भाभी ," उसकी आँखों में चाहत भी थी और जलन भी। फिर उसने अपने को समझाते हुए मुझसे बोला ,
" भाभी लेकिन वो मुझसे दो साल बड़ी भी तो हैं ,दो साल में मेरे भी वैसे ,. "
" और अगर दो महीने में वैसे हो जाएँ तो ३० सी से ३२ सी ,. "
मैंने चारा फेंका।
" ऐसे कैसे ,. " अब वो जाल में आ रही थी , हर जवान होती लड़की चाहती है उसके जोबन जबरदस्त हों।
मैं चुप रही।
" बोलिये न भाभी , . " वो हाईकॉलेज वाली बोली। अब उससे रहा नहीं जा रहा था।
" अच्छा ,चल जरा इसे ,दोनों को अपने हाथ से पुश कर , हाँ हाँ और एकदम कैमरे के पास ,. हाँ हाँ। " मैंने उसे उकसाया।
मुझे कुछ उसके भैय्या के लिए क्लोज अप भी तो लेने थे।
उसने अपनी कच्ची अमिया और क्लोज कर दी कैमरे के।
मैंने ले ली पिक्चर्स।
और छुटकी को पटाने फंसाने के लिए ज्ञान देना शुरू कर दिया।
" मेरे बूब्स को देख ,मैं हाईकॉलेज से इस पे मालिश कर रही हूँ। किसी लड़की के लिए बूब्स बाड़ी का सबसे इम्पॉर्टेंट पार्ट है ,यार लड़के सबसे पहले उसी को देखते हैं ,बिचारे कित्ता ललचाते हैं देख देख के , है न। देख बाल पे शैम्पू ,हेयर कंडीशनर ,चेहरे पे फेसीयल , . और बूब्स पे ,. मैं तुझे सिम्पल तरीका बताती हूँ। बाद में और बताउंगी और फिर भाभी नहीं बताएगी ये बातें तो ननद को कौन बताएगा। "
" बताइये न भाभी। "
" बस मुझे तू देखती जा , पहले तो दो अपनी हथेलियां रब कर आपस में ,हाँ हाँ बस ऐसे ही ५०-१०० बार जब खूब गरम हो जाएँ तो उन्हें अपने ब्रेस्ट पे ले जा ,दायां हाथ दाएं बूब्स पे और बायां हाथ बायीं चूँची पे। बस क्लॉक वाइज सर्कुलर मोशन , धीरे धीरे , बाहर से अंदर की ओर हाँ निपल मत टच करना , एक्सरसाइज निप्स के लिए अलग है। "
जैसे जैसे मैं कर रही थी ,वैसे वैसे वो भी अपने छोटे छोटे उभारों को हलके हलके दबा रही थी।
" इसका असर दस गुना हो जाएगा अगर साथ में ब्रेस्ट मसाज आयल इस्तेमाल कर तू , और सबसे अच्छा तो मैं खुद घर में बनाती हूँ , नारियल तेल और आल्मंड आयल के साथ १६ बूँद येलांग येलांग आयल, जीतनी तेरी एज हो उतनी बूँद , था जेरेनियम आयल और बस चार बूँद क्लोव आयल। ये सब न मिले तो अभी तू नारियल और आल्मंड आयल से शुरू कर दे , रात में सोने के पहले और सुबह नहाने के पहले , कम से कम पांच से सात मिनट। "
" एकदम भाभी , कल से ही बल्कि आज से ही। " वो ध्यान से सुन रही थी लेकिन दिल की बात उसने बोल दी
" पर भाभी जो आप बता रही थी , जो आप बनाती है वो वाला तेल ,.
" तुझे कुरियर कर दूंगी ,घर पहुँचने के बाद , लेकिन तू दो तीन दिन में मुझे अपनी मालिश का एक वीडियों व्हाट्सऐप कर देना जिससे कुछ गाइड करना हो तो मैं कर दूँ "
एकदम भाभी।
वोहंस के बोली।
जो गौरेया अभी थोड़ी देर पहले टॉप उठाने में सौ नखड़े कर रही थी वो अब खुद अपनी टॉपलेस फोटुएं , बूब्स मसाज की व्हाट्सऐप करने को तैयार थी।
" और एक लेप भी है ,वो चूँची और निप्स दोनों पे यूज कर सकते हैं , थोड़ा टेढ़ा है बनाना इसमें छोटे अनार के दाने , लाल चन्दन ,संतरे के छिलके के साथ ताजा फेनुग्रीक आयल बस ८ बूँद ,लौंग का तेल चार बूँद , सब को पीस कर मिला के लेप बनाते हैं पूनम के दिन , और पूनम की रात चांदनी में ही लगाते है पहले बार , इसी लेप में थोड़ा सौंफ का तेल और आम के सूखे बौर को मिला के बस एक या ऊँगली के बराबर निप्स पे , . और ये छुड़ाते नहीं है अपने आप बूब्स में सोक हो जाता है। "
" पर पूनम के दिन , . कैसे " वो बिचारी अब सोच में पड़ गयी थी।
जाल बिछ गया था ,चिड़िया ने दाना चुग लिया था और अब मुझे बस जाल बंद करना था , मैंने कर दिया।
" ये तो मुश्किल है , और पहली बार ताजा ताजा ही लगाया जाता है वो भी उसी पूनम को रात में ,. हाँ उसके बाद वो लेप दो महीने तक चलता है , फिर खाली हर सोमवार को रात में ,महीने भर में बूब्स एकदम पूनम के चाँद की तरह ,. बिना तेरे आये। "
कुछ देर हम दोनों चुप रहे ,सोचते कैसे कैसे। फिर मैंने दांव फेंक दिया।
" तेरे घर वाले तुझे मेरे घर आने को मना तो करेंगे नहीं , फिर मुश्किल से तीन घंटे का रास्ता है सीधी बस ,ट्रेन है। "
" नहीं नहीं एकदम मना नहीं करेंगे , पर कॉलेज। " वो मानते हुए बोली।
" अरे यार तू कित्ती राखी से नहीं आयी। "
( गुड्डी की तरह उसके भी घर में न कोई भाई था न बहन और नियरेस्ट कजिन यही थे तो बस राखी वो इन्हे ही भेजती थी ).
राखी -पूनम
" ये तो मुश्किल है , और पहली बार ताजा ताजा ही लगाया जाता है वो भी उसी पूनम को रात में ,. हाँ उसके बाद वो लेप दो महीने तक चलता है , फिर खाली हर सोमवार को रात में ,महीने भर में बूब्स एकदम पूनम के चाँद की तरह ,. बिना तेरे आये। "
कुछ देर हम दोनों चुप रहे ,सोचते कैसे कैसे। फिर मैंने दांव फेंक दिया।
" तेरे घर वाले तुझे मेरे घर आने को मना तो करेंगे नहीं , फिर मुश्किल से तीन घंटे का रास्ता है सीधी बस ,ट्रेन है। "
" नहीं नहीं एकदम मना नहीं करेंगे , पर कॉलेज। " वो मानते हुए बोली।
" अरे यार तू कित्ती राखी से नहीं आयी। "
( गुड्डी की तरह उसके भी घर में न कोई भाई था न बहन और नियरेस्ट कजिन यही थे तो बस राखी वो इन्हे ही भेजती थी ).
मैंने बात आगे बढ़ाई ,
" इस बार बहुत दिनों बाद राखी पे इनकी कोई बहन होगी साथ में ,गुड्डी तो चल ही रही है हमारे साथ ,तू भी आ जा ना। और अबकी राखी मंडे को पड़ रही है ,लांग वीकेंड , बस तू बृहस्पतिवार की शाम को आ जा न , तेरा कॉलेज का लॉस भी नहीं होगा , फिर राखी तो पूनम को ही पड़ती है न , उस दिन मैं तुझ बनाना भी सिखा दूंगी , रात में लगा भी दूंगी। कूरियर वूरियर का चक्कर छोड़ , वो तेल भी मैं दो चार शीशी बना के तुझे दे दूंगी। तीन चार दिन फुल टाइम मस्ती ,मैं गुड्डी और तुम मिल के तेरे भैया को अच्छी तरह लूटेंगे। "
" एकदम भाभी , " वो तुरंत मान गयी और बोली , भाभी हो तो आप जैसी।
" और ननद तेरी जैसी सेक्सी " मैं क्यों छोड़ती उसे।
" बहुत दिनों से भैय्या ने राखी का पैसा भी नहीं भेजा , बहुत उधार है उनके ऊपर। " वो शोख मुस्कराती बोली और जोड़ा अबकी तो सूद के साथ लुंगी मैं।
" एक़दम " मैंने हामी भरी बस ये नहीं बताया की उसके बदले में ऐन राखी के दिन उसके भइया उसकी सोनचिरैया भी लूट लेंगे , वो दूज के चाँद ऐसी कसी कसी ले के आएगी और पूनम के चाँद की तरह खुली खुली ले कर जायेगी अपनी सहेली को।
और उस बार भी गुड्डी मेरा पूरा हाथ बंटाएगी, इस चिरैया का भरतपुर लूटने में, तबतक गुड्डी रानी महीने डेढ़ महीने में चुद चुद कर एकदम पक्की हो जाएंगी, जैसे आज बहुत जबरदस्त हांका किया इस हाईकॉलेज वाली का उसने, और जो टॉप तक नहीं खोलने को तैयार थी, वो खुद इत्ती देर से अपनी कच्ची अमिया खोल के,. और खुद उसके मसाज की बात कर रही थी,
उसे कौन समझाए इस कच्ची उमरिया में मरदों के हाथ की मालिश से बढ़कर कोई मालिश नहीं होती, अरे जुबना आते ही मिजवांने मिसवाने के लिए, . और ननद अपने भैया से मिजवाये ये कौन भाभी नहीं चाहेगी, फिर वो भी राखी के दिन, राखी बंधे हाथों से अपनी छुटकी बहिनिया का जोबन लुटे और जिस हाथ से बहन ने राखी बाँधी हो उसी हाथ से अपने प्यारे प्यारे भैया का मोटा खूंटा पकड़ के मुठियाये,
मैं सोच रही थी और उधर वो गौरैया चहक रही थी,
" भाभी, एकदम सही है. मैंने भी चेक कर लिया पूरे तीन दिन की छुट्टी है, एक दो दिन और चार पांच दिन का प्रोग्राम बना लूंगी, फिर आप गुड्डी दी, और भैया खूब मस्ती होगी,. सच में कित्ते दिन हो गए राखी के दिन, . अबकी हम दोनों, मैं और गुड्डी मिल के फुर्सत से लूटेंगे उनको , और आपका वो पूनम वाला प्रोग्राम भी हो जाएगा। बात आपकी एकदम सच है, . अगर कहीं मेरे गुड्डी दी ऐसे हो गए न सच में सारी मेरे सहेलियों के सीने पर सांप लूटेंगे,. लेकिन उन कमीनियों के पास मेरी ऐसी अच्छी भाभी थोड़े ही हैं,. "
और मैं सोच रही थी , बहुत चीखेगी उस पूनम की रात ये जब इसकी फटेगी, खूब खून खच्चर,. लेकिन ननद की ननद के भैया से फटे वो भी राखी के दिन,.
तबतक गुड्डी का दो बार मेसेज आ गया ,अर्जेन्ट अर्जेन्ट।
मेरा भी काम तो काफी हो गया था।
"अच्छा चल अब सोते हैं लेकिन सोने के पहले मसाज करना मत भूलना। " मैंने उसे हिदायत दी।
हम दोनों ने स्काइप बंद कर दिया ,हाँ लेकिन उसके पहले उसकी सोनचिरैया की एक झलक मैंने देख ही ली , बस ज़रा सा पैंटी सरकवा के अपनी छुटकी ननद की।
एकदम कसी , बस झांटे आ ही रही थी ,मक्खन मलाई।
और जब पैंटी खुली थी, मैंने उसे चिढ़ाया भी और वार्निंग भी दे दी,
" हे राखी के दिन तेरा भैया को लूटने का प्लान है, लेकिन भैया ने कहीं तेरा लूट लिया तो,. . "
"लूट लेंगे तो लूट लेंगे,. मैं कौन सा ताला लगा के रखूंगी "
खिलखिलाते हुए वो सोन चिरैया बोली और अंतर्ध्यान हो गयी।
रिजल्ट वाली रात
गुड्डी का एक बार फिर मेसेज आया ,
भाभी प्लीज अर्जेन्ट जल्दी, भाभी प्लीज , मेरी अच्छी वाली भाभी, मीठी भाभी।
लेकिन अब मेरा दिमाग एक बार फिर उस दुष्ट जेठानी की ओर चला गया था , कहीं जेठानी का प्लान चल तो नहीं गया।
कहीं गुड्डी के जाने का प्लान खतरे में तो नहीं पड़ गया।
कहीं जेठानी ने सासू जो को बहला समझा के गुड्डी के पैरेंट्स को ,.
बार बार गुड्डी अर्जेन्ट मेसेज क्यों कर रही है।
मैंने गुड्डी को तुरंत फोन लगाया।
उसने जो बताया तो मेरी जान में जान आयी लेकिन गुड्डी बहुत टेंशन में थी।
कल सुबह उसका रिजल्ट आनेवाला था। उसकी सहेली वही व्हाट्सऐप कर रही थी।
एकदम रुंआसी,.
"नहीं भाभी, बहुत डर लग रहा है, कुछ समझ में नहीं आ रहा. मुझे लगा आप से बात करके थोड़ी हिम्मत बंधेगी,. . जरा भी नंबर खराब आये न , तो क्या कहेंगे लोग, और तो और वो आपकी जेठानी, बड़ी भाभी एकदम जहर,. और मुझे भी लग रहा है न थोड़ा सा और ध्यान से पढ़ती, ज़रा इन कमीनी सहेलियों के साथ मस्ती कम करती न,
हिंदी का पेपर, मैंने सोचा था लास्ट इयर के सवाल थोड़े ही पूछेंगे और वही छोड़ दिया था मैंने , और दो सवाल उसी में से,. . फिर मेरी हिंदी की राइटिंग,. इंग्लिश में भी जैसे पेपर करके निकली तो याद आया उफ़ आते हुए ये गलत हो गया,. और वो कोचिंग वाले भी,. उनका एडमिशन भी इंटर के रिजल्ट पर ही,. साइंस वाले तो , . लेकिन कॉपी जांचने वालों का क्या ठिकाना,. मेरी टीचर्स क्या सोचेंगी, "
बहुत परेशान,
मैंने उसे छेड़ने की कोशिश की, मजे लेने की कोशिश की पर उसका ध्यान रिजल्ट से हट ही नहीं रहा था.
" भाभी, हाईकॉलेज में इत्ता डर नहीं लग रहा था, लेकिन इंटर में पता नहीं क्यूँ,. . लगता है इसी रिजल्ट पर मुझे कालेज का एडमिशन और सब कुछ था ,लेकिन उस समय तो लग रहा था पता नहीं ये सहेलियां कब मिलेंगी, इंटर के बाद ये दिया भी न कहती थी यार जो पढ़ा रहे हैं सब किताब में तो लिखा है , घर जा के पढ़ लेना तू , मैं घर पे कहाँ मिलूंगी, पूरे ८ नहीं दस क्लासेज बंक करके कैंटीन में, और वही अपने भैया की रात की कहानी सुनाती और उस के साथ पिक्स दिखाती, छन्दा भी साथ में , लेकिन अब सोचती हूँ, . मैंने सच में कभी कैरियर, पढ़ाई नहीं सोची एकदम से न
और मैं भीं न, सच में एकदम केयरलेस हूँ , मन करता है बस एक टाइम मशीन मिल जाए तो जा के वो इंग्लिश वाला जो गलत हुआ था, आता था फिर भी गलत कर के आ गयी एक नंबर का,. आप भी सोचेंगी, आप की ननद कैसी केयरलेस,. "
उस के दिमाग में डर घर कर गया था।
मैंने उसे बहुत समझया , अरे यार तेरे एडमिशन तो कोचिंग में हो ही गया है बस अब तू मेडिकल कालेज की तैयारी कर।
लेकिन कोई भी लड़की और वो भी गुड्डी ऐसी पढ़ाकू ,.
मैंने उसे एक नुस्खाः बताया सोने का ,. ऐसा कर तू अपनी गुलाबो को धीरे धीरे थपकी दे , ये सोच के की तेरे भइया का हाथ है , हाँ नो ऊँगली , अब उसमें बस उन्ही का खूंटा जाएगा। बहुत हुआ तो क्लिट छू लेना। सो जा ,रिजल्ट तेरा बहुत अच्छा होगा और पार्टी मेरी ओर से सबसे बड़े मॉल में ,मेरी ओर से एडवांस।
और वो सोने चली गयी।
उस रात हम सभी सोये , मैं भी ,गुड्डी भी , वो भी और जेठानी जी भी।
मैं और वो इसलिए भी की कल रात रतजगा था ,और उसके बाद हर रात ,
कल रात जेठानी जी की कुटाई का जबरदस्त प्रोग्राम होना था , रात भर।
जब वो जेठानी के पास से आये तो बड़े गुस्से में , जेठानी उन्हें मेरे खिलाफ भड़का रही थीं।
गनीमत थी उन्होंने अपनी भाभी के सामने कुछ नही कहा।
मैंने उन्हें अपनी मम्मी का सिखाया मन्त्र उन्हें सुना दिया ,
रिवेंज इज अ डिश बेस्ट सर्व्ड कोल्ड
और हम दोनों एक दूसरे की बाँहों में सो गए।
नया दिन नयी बात
अगले दिन सुबह सुबह , मैं सबसे जल्दी उठी एकदम शादी के शुरू के दिनों की तरह , नहायी और किचन में।
फरक सिर्फ इतना था उस सीधी साधी बहू में और आज , की आज मैं ये स्ट्रेटजी के तहत कर रही थी।
मैंने जेठानी जी के लिए बेड टी बनायी , एकदम उनके इंस्ट्रक्शन के मुताबिक ,
मन तो कर रहा था की उस चाय में , लेकिन किस तरह मन को समझाया मैं ही जानती हूँ।
उधर चाय उबल रही थी ,इधर मेरा गुस्सा ,
मुझसे कुछ कहें लेकिन उस लड़के से , कल रात जिस तरह वो परेशान थे ,
जेठानी जी को समझ जाना चाहिए की वो सबसे पहले मेरे हैं ,सिर्फ मेरे , और उन्हें मेरे खिलाफ खड़े करने की कोशिश।
एकदम फोर्थ डिग्री की हरकत , लेकिन बस कुछ देर की बात है ,आज की रात मैं उनके साथ टेंथ डिग्री करने वाली हूँ ,
जो कुछ मम्मी क्या मंजू भी नहीं सोच सकती वो सब , एक से एक किंक ,
इसी घर में इसी आंगन में ,
संस्कार ,संस्कार ,. सारे संस्कार उनकी माँ की गांड में न पेल दिया तो मेरा नाम कोमल नहीं।
सोच रही हैं गुड्डी को रोक के फिर से वो इस घर में अपनी सुपीरियरिटी सिद्ध कर लेंगी ,
कल न सिर्फ उन्ही के सामने उस चिरैया को ले उड़ूँगी बल्कि उन्ही से उस को तैयार करवाउंगी।
चाय ले जाते समय एक बार फिर मैंने अपने चेहरे पर वो शादी के शुरू के दिनों वाले भाव ले आयी मैं ,
कहीं जेठानी जी ,बहुत चालाक हैं वो ,शादी के पहले दिन ही उन्होंने मेरी सास के सामने ही मुझसे कहा था ,
उड़ती चिड़िया के पर मैं गिन भी सकती हूँ और क़तर भी सकती हूँ।
लेकिन एक बार उनकी ठुकाई ज़रा तस्सलीबख्स ढंग से हो जाए न तो बस , . फिर इसी आंगन में न नंगे नचाया , फिर पूछूँगी।
वो सो रही थीं ,
बस मैंने पैर नहीं छुए ,(शादी के बाद जब मैं आयी तो ये कम्पलसरी था ,सुबह भी , और रात को जाने के पहले )
उन्हें सोते देखते मैं सोच रही थी ,सो ले आज , आज रात को इसी कमरे में जबरदस्त तूफ़ान आने वाला है।
जोबन जबरदस्त था उन पे ,देह थोड़ी भारी भारी , खूब मांसल ,गदरायी चार पांच साल की शादी के बाद जैसे अमूमन हो जाती है।
आँचल ढलक गया था उनका सोते में और ब्लाउज से ३६ डी डी साइज के उनके उभार एकदम छलक रहे थे।
बहुत सम्हाल के ढक छिपा के अपना खजाना रखती थीं वो , और मुझे भी सख्त हिदायत थी ,आँचल जरा भी सरका , या कोई ब्लाउज ज़रा भी लो कट हुआ
बस जेठानी जी भौंहे टेढ़ी।
मैंने हलके से गुदगुदी करके उन्हें उठाया , मुस्कराते हुए और चाय पेश कर दी।
चाय पीते हुए उनका मुंह खिल उठा ,चाय का स्वाद ,और मैं एक बार फिर से जैसे उन्होंने समझाया बुझाया था उस तरह
लेकिन ताना मारने से वो बाज नहीं आयी ,
" ज़रा देखना आज कही सूरज पश्चिम से तो नहीं निकला। "
मेरा तो मन था बोलती ,
" आज तो नहीं लेकिन कल जरूर पश्चिम से निकलेगा। " मेरे मुंह से निकलते निकलते रह गया।
लेकिन मैंने उन्हें छेड़ कर बात बदलने की कोशिश की ,
देवरानी -जेठानी
लेकिन मैंने उन्हें छेड़ कर बात बदलने की कोशिश की ,
" अरे दी आज का दिन स्पेशल है , आज आप की छुट्टी का आखिरी दिन , अब बहुत आराम कर लिया आपने , अब आपके देवर ,,. "
वो एकदम खुश ,मेरे गाल पे चिकोटी काटती बोलीं ,
" अरे देवर के लिए इत्ती प्यारी सी देवरानी तो ले आयी हूँ। रोज घचर घचर , "
वो मूड में आ रही थीं ,फिर थोड़ा सीरियस हो के बोलीं ,
" अरे यार अब नहा लूँ तो पता चलेगा ,की कहीं ,. "
" ठीक है दी , आप नहा धो लीजिये ,तबतक मैं नाश्ता बना देती हूँ ,आज मैंने उन्हें सुबह सुबह जगाया नहीं ,क्या पता आज उनकी लाटरी खुल जाय।"
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जबतक आप नहा के आएँगी तब तक वो भी , फिर हम लोग साथ नाश्ता कर लेंगे , आज सोच रही हूँ कुछ हैवी ब्रेकफास्ट बनाऊं , आपकी पसंद का। "
" एकदम लंच में कुछ हल्का बना देना "
जेठानी जी अपने पुराने रूप में आती बोलीं। सुबह ही मुझे नाश्ते खाने का आर्डर मिल जाता था जैसे की कोई महराज होऊं।
आधे पौन घंटे बाद वो बाथरूम में गयीं और उसके पौन घंटे बाद निकलीं।