Episode 93
मॉल में माल
दिया अब चल सेल के बारे में बोल ,माल कितनी दूर है ,. मैंने फिर दिया से कहा।
बस आ गया
मूड ठीक करने के लिए मैंने दिया से सेल्स की बात शुरू कर दी।
" अरे यार तू सच में उस दूकान वाले को जानती है न ,. " मैंने दिया को उकसाया।
"एकदम ,और मेरी भाभी जिस साडी पे हाथ रख दें ,उस पे ५० % डिस्काउंट ,मेरा राखी वाला भाई है " दिया ने जेठानी के कंधे पर हाथ रहते हुए ,उनका गाल छू केकहा।
जेठानी के गोरे गोरे गाल एक बार फिर ख़ुशी से दमक उठे।
और मॉल आ गया। वाकई बड़ा था। चार मंजिल का।
लेकिन असली चीज थी लड़के ,
तीन तीन शोख ख़ूबसूरत इंटर पास करने की पार्टी करने वाली किशोरियां ,
लड़के लस लिए।
और मैंने कत्तई बुरा नहीं माना। आखिर जहाँ कलियाँ होंगी भौंरे आएंगे ही।
एक ने कमेंट किया , वाकई बड़ा है।
कमेंट पंजाबी कुड़ी के लिए था , पर मेरी जेठानी उसे अपने लिए समझ बैठीं ,फूल के कुप्पा।
मुझ से बोलीं , ई लड़के भी।
" सही तो बोल रहे हैं आप देख लीजिये , पूरे मॉल में इत्ता बड़ा कहाँ किस का होगा। " मैंने उन्हें और चढ़ाया।
तब तक छन्दा आ गयी और जोर से चीखी ,भाभी , और मेरे गले लग गयी।
ननद गले लगे और ननद रानी के जुबना न मसले जाएँ ये तो ननद भाभी वाली बात नहीं होती तो उभार उसके खूब कस कस के मसले भी गए , रगड़े भी गए ,
बिना इस बात की परवाह किये की हम लोग मॉल में है और कम से कम छह सात लड़के इन लड़कियों के चक्कर में चक्कर काट रहे हैं।
छन्दा शलवार सूट में ही थी लेकिन कत्तई बहन जी टाइप नहीं लग रही थी। एक छोटी सी प्याजी रंग की कुर्ती ,एकदम टाइट जिसमे उसके गोल गोल उभार उछल के सामने आ रहे थे ,बिना कुछ भी छुपने ढकने की कोशिश किये , चुन्नी थी लेकिन गर्दन से एकदम चिपकी।
और शलवार भी हिप्स पे एकदम टाइट , कुर्ती छोटी थी तो नितम्बों का कड़ापन भी साफ़ साफ़ दिख रहा था।
" आज तो मॉल एकदम मालामाल हो गया है " एक लौंडा बोला।
पर तबतक छन्दा को मैंने जेठानी जी की ओर इशारा किया और वो उनके गले भी भी , . थोड़ी देर में छन्दा उनसे लहक लहक के बात कर रही थीं।
दिया ने तो पहले ही मेरी जेठानी जी को शीशे में उतार लिया था। और अब छन्दा ने भी उन्हें पटा लिया था , बस गुड्डी से अभी भी वो थोड़ी अलफ़
वो सेल वाली दूकान तीसरी मंजिल पर थी , हम लोग एस्केलेटर पर पहुंचे पर जेठानी जी के पैर डगमगाने लगे।
छन्दा मुझसे बोली , आप दिया के साथ एस्केलेटर से चली जाइये हम लोग लिफ्ट से आते हैं।
मतलब साफ़ था , लड़के। वो और गुड्डी जरा उन लड़कों को अपने जोबन का जलवा नितम्बों की थिरकन दिखाते , फिर लिफ्ट में घुसने निकलने में इतनी भीड़ होती है तो थोड़ा उन बिचारों को स्पर्श सुख भी ,आखिर इतनी देर से पीछा कर रहे थे ,
फिर मैंने भी छन्दा को इशारा कर दिया था की ज़रा अपनी बड़ी भाभी को घुमाते टहलाते ले आये , आधे घंटे हम लोगों के पहुंचने के बाद ही उस दूकान पर पहुंचे जहाँ उन्हें साड़ियां खरीदनी थीं।
सोना डार्लिंग की असली कहानी
और हम और दिया एस्केलेटर पर ,. चढ़ते ही हम दोनों पर एक साथ हंसी का दौरा पड़ गया , हंसी जो रुकी तो मैं दिया को पकड़ती बोली।
" यार दिया तू भी न ,. . एकदम ,. . आज तू तूने जेठानी जी की ,. . "
और हम दोनों फिर हंसने लगे। हंसी जो रुकी तो दिया थोड़ी सीरियस हो के बोली ,
" भाभी ,कल जब हम सब भैय्या के साथ पिज्जा शाप पे जा रहे थे , जिस गंदे ढंग से उन्होंने हमें देखा था , और फिर बिचारे भैय्या ने तो उनसे कहा था साथ चलने को ,इतने प्यार से ,. लेकिन जिस तरह से उन्होंने झिड़क दिया ,एकदम तब से मेरा मूड ,. हम लोग इत्ती मस्ती कर रहे थे ,इतने दिन बाद तो आप लोग मिले थे पर ये भी न ,. . और फिर बिचारी गुड्डी , उसका कितना मन है मेडिकल में जाने का , बिना कोचिंग के कुछ होता है क्या। आप लोगों ने सब जुगाड़ किया और उन्हें ऐसी मिर्ची लगी की सब भनभद्दर करने में , ,. इत्ता गुस्सा लगा था मुझे की मैं बता नहीं सकती। …. तभी मैंने तय कर लिया था की ,.
की उनकी फाड़ के रख देगी तू। " मैंने उसकी बात पूरी की और जोड़ा ,
" अरे यार तो फाड़ दे न ,तुझे रोका किसने है। मेरा भी तो इरादा यही है इनकी ऐसी फाड़ी जाय वो भी सरे आम ,की इस शहर का हर मोची सिलने से मना कर दे।
" बस भाभी , हम आप साथ हैं तो ,. वो पांच रुपये वाला फेवी क्विक भी नहीं जोड़ पायेगा , . ऐसी फाड़ेंगे न हम दोनों उनकी ,. " हँसते हुए दिया बोली।
फट तो उनकी आज भी गयी उस श्रुति उर्फ़ सोना डार्लिंग वाली ,.
मैं बोली पर दिया बात काट के बोली
" अरे भाभी सिर्फ फटी नहीं ,उनकी फट के हाथ में आ गयी , "
और मैं दिया , मेरी परफेक्ट ननद फिर खिलखिलाने लगे
" हे तेरी उस श्रुती भाभी वाली कहानी में कित्ती सचाई थी " मैंने पूछ लिया।
" थोड़ी हकीकत ,थोड़ा फ़साना ,"मुस्कराते हुए दिया बोली फिर मेरी और देख के कहा
"लेकिन आपने असर अपनी जेठानी जी पर देखा , एयर कंडीशंड कार में भी सावन के महीने में पसीना चुहचुहा रहा था "
" एकदम तभी तो मैं कह रही हूँ ननद हो तो दिया जैसी , बिना कहे ,. "मैंने मुस्करा के कहा
" अरे भाभी उन के संस्कारी पन ने तो बिचारी गुड्डी की भी …. . अगर आपकी जिठानी आदमी होतीं तो आलोकनाथ होतीं एकदम संस्कारी " दिया बोली।
" और अब आप साथ हैं तो सारे संस्कार उनके ,. " दिया ने मेरी ओर देख के जोड़ा।
" उनके भोसड़े में ,. " मैं अब अपने लेवल पर आ गयी ,. दिया ऐसी ननद साथ में हो तो रुकना मुश्किल होता है।
" लेकिन यार चार साल हो गए इनकी शादी के पर इनकी गुलाबो ने एक चिड़िया का बच्चा भी नहीं उगला , तो भोंसड़ा ,. " मैंने दिया से सवाल दाग दिया और उसने एकदम मेरी ननद की तरह बेसाख्ता जवाब दिया।
" अरे तो हम दोनों हैं न उस के लिए. बना देंगे , इण्डिया गेट "
और मुट्ठी हचक के हवा में पेल के उसने चुदाई का इंटरनेशनल सिम्बल बनाया।
और दिया ने बता दिया कितनी कहानी फ़साना,.
पहली बात तो सोना डार्लिंग को सब लोग सोना डार्लिंग ही कहते थे ये बात एकदम सही थी और दो तीन से उनका मन नहीं भरता था, चार पांच तो कम से कम, कोई जातिवाद नहीं, एकदम धर्मनिरपेक्ष, और दिया से उनकी दोस्ती भी पक्की थी, बिनोदवा वाली बात भी सही थी,.
मेरी जेठानी के कॉलेज में ११ और १२ में साथ में पढ़ी, बगल के गाँव की ये बात भी सही,.
लेकिन दिया ने पहला काम ये किया की उन्हें जेठानी के खिलाफ खूब भड़काया , और सोना डार्लिंग ने जेठानी से कभी भी बात न करने की कसम खा ली, इसलिए पहले जो कभी कभार व्हाट्सऐप पे गुड मॉर्निंग होती थी वो भी बंद,. जेठानी ने भी उसे ब्लाक कर दिया था,. और हाँ सोना डार्लिंग ने जेठानी के भी एक से एक किस्से कॉलेज के दिनों के,.
फ़साना ये था की सोना डार्लिंग के पति का ट्रांसफर हो गया था इसलिए वो पन्दरह बीस दिन पहले ,. . और जो मैंने दिया को ये बात बताई थी की उनकी कोई बहन टाइप ने जेठानी जी की हिम्मत बढ़ा दी है की फोटो को मॉर्फ या फोटोशॉप बोल के बच सकते हैं तो इसलिए,.
और तबतक हम दोनों उस मंजिल पे आ गए थे जहां दूकान थी।
" ऐंड अवर टाइम स्टार्ट नाऊ ". हम दोनों हाई फाइव करते हुए एक साथ बोले और उस साडी की दूकान में घुस गए।
लेकिन साडी की दूकान में घुसने के पहले दिया एक पल के लिए रुकी और मुझे प्लान का हिंट दे दिया ,
"आज देखिये भाभी आपकी संस्कारी जेठानी के लिए ऐसी झलकौवा साडी दिलवाऊंगी न , सब कुछ दिखता है वाली ,जिसे पहनने का आइटम गर्ल भी एक्स्ट्रा पैसा चार्ज करे ,. "
वो हलके से बोली।
" और ब्लाउज ,. " मुस्कराते हुए मैंने पूछा।
"देखिये उन्होंने खुद ही कार में बोला था उनके सबसे बड़े हैं , सोना डार्लिंग से भी बड़े ,36 डी डी। तो ऐसे आग लगाऊ जुबना ढके छिपे थोड़े ही अच्छे लगते हैं , फिर इस शहर के लौंडे उनके देवर ही तो लगेंगे। आगे से ,पीछे से ,शेप साइज कड़ापन ,निपल की झलक , बस देखती जाइये , . "
दिया ने इरादा साफ़ कर दिया।
बस एक बात बची थी और वो भी मैंने पूछ ली ,मॉल की सारी प्लानिंग दिया की थी , मेरा काम जेठानी को सिर्फ हाँक कर लाने का था।
तू , दिया को देखते ही वो लड़का चिल्लाया। लड़का क्या अच्छा ख़ासा मर्द था , २४-१५ का , एकदम जिम टोन्ड बॉडी ,जबरदस्त मसल्स। एकदम क्लीन शेव्ड ,.
" हाँ मैं , . और ये हैं मेरी भाभी। "
और जिस तरह से उसने मेरी ओर से देखा , पहली नजर में मैं ताड़ गयी ,नम्बरी चोदू होगा ये। और खूब हचक हचक के लेने वाला।
मैं हलके से मुस्करायी और जैसे देवरों को देख के होता है मेरा आँचल थोड़ा ढलक गया ,गोलाई ,गहराई , कड़ापन शेप साइज , सब
और उस बिचारे की जींस टाइट होगयी।
दिया मेरी शरारत समझ रही थी।
" मेरी भी तो भाभी हुयी ," मेरे उभारों को बेशरमी से निहारते हुए वो दिया से बोला।
" एकदम ,इसमें कोई पूछने की बात है और दिया बता दे न इन्हे हम किस काम के लिए आये हैं।
और दिया ने बता दिया। कंसेशनल रेट पे साडी ,५० % डिस्काउंट सारी कहानी ,. . अभी भी उस लड़के के समझ में नहीं आया।
" भाभी आपको साडी लेनी है तो ,. उसकी निगाहें अब खुल के मेरे गदराये उभारों को सहला रही थीं।
" मुझे लेना होता है तो मैं , ले लेती हूँ , खासतौर से देवरों का ,पूछती नहीं हूँ " मेरी निगाह भी अब उसके टाइट बल्ज पर थी , जंगबहादुर कुनमुना रहे थे।
" ये हुयी न भाभी वाली बात। " हँसते हुए वो बोला।
मैंने और दिया ने उसे सब समझा दिया।
मेरी जेठानी थोड़ी देर में आ रहे होंगी। पहले तो उन्हें खूब मक्खन लगाना ,तारीफ़ करना ,फिर मुश्किल से ५० % कंसेशन। दाम पहले ही दूना। असली बात ये थी एक साडी जो वो पसंद करेंगी और दो जो मैं और दिया कहेंगे वो पैक करनी होगी लेकिन उन्हें पता नहीं चलना नहीं चाहिए।
अब वो पूरा खेल समझ गया।
झलकौवा ,.
मैंने और दिया ने उसे सब समझा दिया।
मेरी जेठानी थोड़ी देर में आ रहे होंगी। पहले तो उन्हें खूब मक्खन लगाना ,तारीफ़ करना ,फिर मुश्किल से ५० % कंसेशन। दाम पहले ही दूना। असली बात ये थी एक साडी जो वो पसंद करेंगी और दो जो मैं और दिया कहेंगे वो पैक करनी होगी लेकिन उन्हें पता नहीं चलना नहीं चाहिए।
अब वो पूरा खेल समझ गया।
लेकिन कैसी साड़ी तुम चाहती हो , जो मुझे बिना बताये उन्हें पैक करनी है " उसने दिया से पूछा।
" एकदम शीयर आलमोस्ट ट्रांसपेरेंट , . "
" आलमोस्ट नहीं पूरी ट्रांसपरेंट , ट्रांसपरेंसी का जमाना है। " मैंने साफ़ किया ,
उसने कुछ नेट जार्जेट टाइप दिखाने की कोशिश की पर मैंने रोक दिया , और बोली ,
" अरे यार जैसे वो बार गर्ल्स , घटिया टाइप की आइटम गर्ल ,. "
"समझ गया मैं " और उसने एक लड़के को आवाज दे के कुछ समझाया।
एक गट्ठर ले आया वो और दिया ने तुरंत चार पांच छांट ली , दो स्किन कलर की , एक प्याजी ,एक गुलाबी ,
" ब्लाउज है इसमें। " दिया ने पूछा।
" हाँ है लेकिन ये इतनी झलकौवा , नीचे से अस्तर लगाना पडेगा। " वो दिया को समझाते बोला।
" क्यों तेरे घर की औरतें लड़कियां ब्लाउज के नीचे ब्रा नहीं पहनतीं " मैं उसे चिढ़ाने को मौका क्यों छोड़ती।
फिर जोड़ा , " अरे अस्तर का पैसा क्यों बर्बाद करें , ब्रा तो पहनेंगीं न वो "
" भाभी जो वो प्रॉपर साडी खरीदेंगे , उसके साथ भी ब्लाउज ऐसा ही ,. " दिया एकदम मेरी ननद थी।
" एकदम , और हाँ मान लो उनका ब्लाउज ९५ सेंटीमीटर बनता हो ,बस आप ९० बल्कि ८५ काटना। " मैंने भी योगदान दिया।
" अरे सुन यार , वो लेडीज टेलर वाला , अरे वही जहां तुम सब अड्डेबाजी करते थे , उसकी शाप अभी चल रही है क्या। " दिया ने पूछा।
" हाँ एकदम इसी फ्लोर पे है , और उसके लड़के को तो अच्छी तरह जानती हो , आज कल वही बैठता है मैं उसे मेसेज कर देता हूँ।
ब्लाउज का कपड़ा भी उसी तरह झलकौवा ,.
गनीमत थी जैसे हम लोगों की प्लानिंग ख़तम हुयी मेरी जेठानी दूकान में , और साथ में गुड्डी ,छन्दा।
दिया ने जब तक इंट्रोड्यूस कराया तब तक गुड्डी और छन्दा मेरी जेठानी को भेज के गायब ,मॉल में घूमने के लिए।
अब सिर्फ मैं ,दिया ,जेठानी जी और वो दूकानदार जो दिया का राखी बंद भाई था।
सेल, डिस्काउंट, शॉपिंग
ब्लाउज का कपड़ा भी उसी तरह झलकौवा ,.
गनीमत थी जैसे हम लोगों की प्लानिंग ख़तम हुयी मेरी जेठानी दूकान में , और साथ में गुड्डी ,छन्दा।
दिया ने जब तक इंट्रोड्यूस कराया तब तक गुड्डी और छन्दा मेरी जेठानी को भेज के गायब ,मॉल में घूमने के लिए।
अब सिर्फ मैं ,दिया ,जेठानी जी और वो दूकानदार जो दिया का राखी बंद भाई था।
और मान गयी मैं दिया का सच में भाई ही होगा ,जिस तरह से उसने दिया की स्कीम पे काम किया। क्या मक्खन लगाया मेरी जेठानी को। उठ कर के खुद , चेयर ऑफर की , फिर ठंडा गरम , . कोकाकोला मंगवाया। और पचीसियों साड़ी , और हर साडी उनकी देह पे रख के ,
लेकिन साड़ी दिखाने के बहाने उसने जेठानी के जुबना का पूरा रस ले लिया, पहले तो बस पल्लू दिखाने के बहाने जैसे ऊँगली गलती से छू गयी हो, जब जेठानी की ओर से कोई मनाही नहीं हुईं तो अगली बार उँगलियाँ ठीक से रगड़ गयीं,
गलती लड़के की नहीं थी, जेठानी जी के जुबना थे ही डबल डी,. और ब्लाउज भी उन्होंने चोली कट पहना था , नोक एकदम साफ़ साफ़,
नहीं नहीं , इस वाली डिजाइन के साथ ऐसे पल्लू लीजिये न, . . और अबकी जेठानी जी का क्लीवेज एकदम साफ़ दिख रहा था,
जेठानी ने मुस्करा के उसे इस तरह देखा जैसे समझ रही हों उस की शरारतें,
और अब की साडी उन के ऊपर दिखाते समय उस खुले क्लीवेज पर भी उस ने हाथ लगा दिया, और हलके से दबा के बोला, इस का मैचिंग ब्लाउज भी इसी में है,
और हद तो तब हो गयी जब जेठानी जी ने भी, उसे जुबना की पूरी झलक खुद ही दिखा दी, कोक पीते समय, एक बूँद पता नहीं गिरी की नहीं पर जेठानी जी ने चेक करने के बहाने पूरा आँचल ढलका दिया।
जब वो डिस्काउंट पूछतीं तो वो बस एक बात बोलता ,
" आपकी दूकान है , आप से क्या लेना। और फिर इस से पिटना है क्या , दिया की ओर इशारा करता वो बोला. आप इसकी भाभी मेरी भाभी। "
पर अब जेठानी जी भी पूरे मूड में आ गयी थीं , अच्छी खासी दुकान, और दूकान का मालिक लड़का भी, जबरदस्त बॉडी और खुद साड़ी दिखा रहा था , कोई सेल्समैन नहीं खुद, और सच में एकदम सीधे साधे देवर की तरह, जरा सा ऊँगली सीने पर लग गयी तो कैसे घबड़ा गया, कैसे छिप छिप कर उनकी नजर बचा के क्लीवेज देख रहा था, अब वो बेचारा इत्ता ललचा रहा था, तो जानबूझ के कोक के बहाने ही सही एक पल के लिए उन्होंने झलक दिखला दी , और तुरंत कैसे उसका तम्बू में बम्बू खड़ा हो गया, जेठानी जी की तेज नजर से कुछ बचता नहीं था, और बहुत दिन बाद के इस चूहा बिल्ली के खेल में उन्हें भी मज़ा आ रहा था,.
और डबल मीनिंग डायलॉग की शुरुआत जेठानी जी ने ही की , और होता भी यही है , शुरुआत तो भाभी को ही करनी पड़ती है , देवर तो डरता रहता है कहीं भौजाई बुरा न मान जाए, . हाँ एक बार बात शुरू हो जाए तो अंदाज लग जाता है डोर में कितनी झोल दिया जाये और कब डोर खींच लिया जाय, . .
एक बार फिर आँचल ढलका और जेठानी जी ने मुस्कराते हुए कहा,
" आप कैसे देवर हो, भाभी की बात को मना कर रहे हो,. . "
" भाभी आप देवर बोल भी रही हो , मान भी रही हो , और देवर होके भाभी से पैसा लूँ,. आप मार लीजिये मुझे लेकिन " ( जिस तरह से पैसा शब्द पर वो जोर देकर बोला साफ़ था , भाभी की बाकी सब कुछ लेने को वो तैयार था, बात सिर्फ पैसे की थी )
" अरे देवर जी साड़ी लेने आयी हूँ तो पैसा ही दूंगी न,. और आप नहीं लेंगे तो मैं दुबारा नाही आउंगी बता देती हूँ " जेठानी को भी अब इस डबल मीनिंग वाले डायलॉग में मजा आ रहा था,. बनावटी गुस्से के साथ साथ अब अपना आँचल ठीक करती वो बोलीं।
" नहीं नहीं , आप तो हर हफ्ते आइये , और ये सेल ख़तम भी जायेगी न तो आपके लिए हरदम चालू रहेगी, . अरे आप आयीं , कोक लिया आपने , बस हमारा पैसा वसूल,. अच्छा देवर हूँ आपका आप दें तो मैं मना भी नहीं कर सकता, लेकिन एक बात भाभी की चलेगी तो दो बातें देवर की भी, बोलिये मंजूर "
" मंजूर ,. अब देखिये मैं सच्ची हर हफ्ते आना शुरू दूंगी , बोलिये दो बातें,. " मुस्करा के वो बोलीं और क्लीवेज फिर दिख रहा था,. . .
" देखिये पहली बार आयीं आप तो चलिए मैं ले लूंगा पैसा आपसे ( लड़का दादा कोंडके को मात कर रहा था और जेठानी को भी इस तरह की बात चीत पसंद थी ), लेकिन अगली बार पैसा नहीं लूंगा , ये देवर की जिद है ( यानी पैसा नहीं कुछ और लेगा ) और आज की बात तो चलिए आप बड़ी हैं , आप कहियेगा तो कान पकड़ के मुर्गा बन जाऊँगा , . आप की बात सही,. तो नो प्रॉफिट, बस खरीद के दाम पर ये साड़ी और साथ में मेरी ओर से दो साड़ियाँ गिफ्ट, आपके देवर की पसंद की, . "
और एक साडी जेठानी जी ने पसंद कर ली। हम लोगों ने सर हिला के इशारा कर दिया , हाँ। और वो साडी पैक हो गयी।
ब्लाउज ,दिया ने पूछा।
पहली वाली को छोड़ के बाकी दोनों का तो साडी में ही है।
पहली वाली का फिर कौन लाएगा , दिया ने हड़काया और कहा इसका भी मैचिंग पैक कर दो।
और फिर सवाल सिलाई का उठा ,दिया ने भाभी को चढ़ाया ,भाभी जो फेमस बाबीज टेलर हैं उस की एक ब्रांच यहाँ भी खुल गयी है , . कहिये तो। "
" अरे नहीं , वहां नहीं , बहुत महंगा है। फिर महीने भर से पहले तो वो देता नहीं , और जब तक कोई ,. " जेठानी जी हिचकिचाती बोलीं।
" अरे नहीं भाभी , उसकी फिटिंग , और फिर ,. " वो दुकान वाला भी हिचकिचाते हुए लेकिन उसकी बात दिया ने काट दी ,और उसे जोर से हड़काया।
" साफ़ साफ़ क्यों नहीं बोलते की हमारी भाभी की फिगर पे और कोई जस्टिस नहीं कर सकता। देवर किस बात के हो , लगाओ फोन उसे , और बोलना की वो खुद नाप लेगा और सब काम छोड़ के , खाली भाभी की फिगर घूरने के लिए देवर हो , . "
तब तक वो फोन लगा चुका था।
और बोला ," दिया तू ,भाभी को ले जा मेरी बात हो गयी है। सब काम छोड़ के यही करेगा वो , और नाप भी खुद लेगा , चार घंटे में तीनो ब्लाउज दे देगा। "
मेरी जेठानी का मुंह खुला रह गया , चार घंटे में। यहाँ तो महीने की लाइन ,.
दिया ने जेठानी के कान में फुसफुसाया , अरे भाभी जिस शाप में इस मॉल में बॉबी ने दूकान खोली है वो इसी की है , शाप इस माल में इसी की ,. . "
" पैसा ,. " जेठानी के मुंह से निकल गया।
" आप मार लीजिये न मुझे , इसने अभी इतना डांटा ,. बस आगे से शॉपिंग आपकी सब यहीं से ,. इसी बहाने आप से मुलाकात हो जायेगी। "
देवर हूँ आपका, और अगली बार इसे लाने की जरूरत नहीं अकेले आइयेगा , आपका देवर यहाँ बैठा है फिर किस चीज की जरूरत है , देवर मानती हैं न मुझे "
जबरदस्त डोज दिया उस लड़के ने।
" मानती हूँ , इसमें मानने की क्या बात है , हो ही ,. " मुस्करा के जेठानी जी बोली और अब अबकी ३६ डी डी के साथ गोरी गोरी कांखों के भी दर्शन करा दिए।
जेठानी जी को आज शॉपिंग का पूरा मजा आ रहा था।
उस लड़के ने अपना कार्ड उन्हें दिया और दिया जेठानी को लेके शाप से बाहर साथ में मैं.
शॉपिंग, लेडीज टेलर और मॉल में मस्ती
" ऐसा करते हैं दीदी , चार घंटे का टाइम अभी मुश्किल से तीन बजा है , आधे घंटे तो आपको लगेगा ही नाप वाप देने में , सवा चार से कोई फिल्म होगी तो उसका टिकट ले लेती हूँ मैं सात सवा सात तक ख़त्म हो जाएगी , फिर ब्लाउज लेके पौने आठ तक हम लोग घर , . '
मेरी बात ख़तम भी नहीं हुयी थी की दिया बीच में कूद पड़ी ,
" लेकिन भाभी फिल्म के पहले पेट पूजा , मेरे पेट में चूहे कूद रहे हैं। "
" एकदम ,तुम लोग ब्लाउज देके आओ तब तक मैं तेरी बाकी दोनों सहेलियों की खोज खबर लेती हूँ , दोनों कहाँ लौंडे पटा रही हैं। या फिर मौके का फायदा उठा के क्विकी , चल ,. क्रेजी फॉक्स में मिलते हैं। "
" एकदम भाभी ,दिया बोली और जेठानी जी को ले के बाबीज टेलर्स की ओर चल दी उसकी दूकान नेक्स्ट फ्लोर पे थी।1
और मैं गुड्डी और छन्दा के पास.
उन दोनों बल्कि उन तीनों के लिए शॉपिंग भी तो करनी थी ,
उनके प्यारे प्यारे भैय्या ने अपनी इन तीन बहनों के लिए स्पेशली बोला था।
दिया मिशन पर थी ,लेकिन अब उसकी नाप एक दरजी से भी ज्यादा उसके भइया को मालूम थी , टाइट अल्ट्रा लो स्किन रिप्ड जींस ,
टॉप एकदम टाइट जुबना को दबोचे और निपल को झलकाते , बल्कि साफ़ साफ़ दिखाते
और इनर वियर , जब तक मैं पहुंची गुड्डी और छन्दा ने सेलेक्शन कर लिया था।
हाँ सिर्फ मैंने ब्रा में चेंज करवाया , बजाय नार्मल ब्रा के तीनों के लिए क्वार्टर कप ब्रा खरीदवाई ही नहीं ,पहनवाई भी।
" अरे ,सालियों ये उमर छुपाने की नहीं दिखाने की है और जो दिखता है वो बिकता है। "
क्वार्टर कप में बस १/४ कप होता है , नीचे से उभारों को और उभारने के लिए। निप्स एकदम खुले रहते हैं।
एक सेट सी थ्रू लिंगरी के , और वो अपने और जेठानी जी के लिए भी।
२० मिनट में हम तीनों क्रेजी फॉक्स में थे।
ये आइडिया भी दिया का ही था , बुकिंग भी उसी ने करवाई थी एडवांस में एकदम कार्नर टेबल। ये बार ज्यादा था रेस्टोरेंट कम ,पर कबाब के लिए मशहूर था।
हम लोग बैठे ही थे की वो दोनों भी आगयी। दिया और मेरी जेठानी।
दिया ने दूर ही मुझे हाई फाइव किया और जबरदस्त आँख मारी।
कहानी उसने पहले ही व्हाट्सऐप कर दी थी।
जेठानी जी की नाप अच्छी तरह ली गयी , ब्लाउज के ऊपर से नहीं , ब्लाउज के अंदर से , ब्रा के हुक भी खुलवा के ,
और निकलने के बाद वो वापस रहमान ,वही बॉबी वाले का लड़का जो बाहर से टेलरी सीख के आया था , और दिया को पहले से जानता था ,
और उस रहमान ने भी जेठानी को भाभी बना लिया, और जोबना की तारीफ़ के वो पुल बांधे की वो जैसे जैसे कहता गया,
" भाभी इत्ती लड़कियों और औरतों की नाप ली है, लेकिन ऐसा परफेक्ट,. बड़ा होता है तो ढीला ढाला, आप का तो ३६ का है वो भी डबल डी, लेकिन एकदम कड़ा,. और लड़कियों का तो पता ही नहीं चलता लड़की का है की लड़के का, . ज़रा सा हाथ ऊपर करिये हाँ, ये आर्मपिट भी, साइड से,. . थोड़ा सा ब्रा, . अरे मैं ऐसा ब्लाउज बनाऊंगा की ब्रा की जरूरत ही नहीं, एकदम देह से चिपका, :
और उसके बाद ब्रा भी उसने उतरवा के,. नीचे से सपोर्ट कर के,.
जरा सा निप्स के बीच की डिस्टेंस,. हाँ एकदम"
नाप जोख के बाद जेठानी जी निकली तो एकदम खुश, बहुत दिन बाद अच्छा टेलर मिला। कित्ता टाइम लिया,. लेकिन सही नाप.
" एकदम भाभी, एकदम सही फिटिंग आएगी " दिया बोली और वापस टेलर मास्टर के पास
" नाप तो तूने अच्छे से ले लिया हैं , अब ये समझ ले , एकदम लो कट ऑलमोस्ट बैकलेस , और एक ब्रा की डिजाइन का ,साइड से भी थोड़ा ओपन क्लीवेज पूरा,. ये नहीं की बैकलेस है तो आगे से ढंका छुपा, . और निप्स झलकना नहीं चाहिए, पूरा का पूरा दिखना चाहिए। ":"
और लौट के जेठानी जी को समझाया वो डिस्काउंट करवाने गयी थी। २५ % डिस्काउंट।
बैठते ही जेठानी जी ने दिया के तारीफ़ के पल छन्दा और गुड्डी के सामने बाँध दिए और मुझे भी बताने लगी।
" सोच नहीं सकती हो ,बॉबी टेलर मजाक है ,लेकिन मेरी इस ननद के सामने , एकदम , महीने भर से पहले कोई मजाल नहीं और वही चार घंटे में और ऊपर से डिस्काउंट , दिया बहुत पावर है यार तेरा ,मुझे मालूम नहीं था। उस दूकान में भी ,. "
और तबतक स्टार्टर का आर्डर लेने आ गया।
थोड़ी सी पेट पूजा
बैठते ही जेठानी जी ने दिया के तारीफ़ के पल छन्दा और गुड्डी के सामने बाँध दिए और मुझे भी बताने लगी।
" सोच नहीं सकती हो ,बॉबी टेलर मजाक है ,लेकिन मेरी इस ननद के सामने , एकदम , महीने भर से पहले कोई मजाल नहीं और वही चार घंटे में और ऊपर से डिस्काउंट , दिया बहुत पावर है यार तेरा ,मुझे मालूम नहीं था। उस दूकान में भी ,. "
और तबतक स्टार्टर का आर्डर लेने आ गया।
कबाब चिकेन या मटन , दिया ने सबसे पूछा।
अब एक बार फिर जेठानी जी घबड़ायी लेकिन मैंने बात सम्हाली ,
हम दोनों के लिए वेज।
और जेठानी ने ऐसी गन्दी निगाह से गुड्डी की ओर देखा , जैसे कह रही हों, दिया और छन्दा तो थी लेकिन तू संस्कारी तुझे क्या होगया।
आर्डर लेकर वो चला गया , और फिर गप्प
जेठानी जी की आज जुबान खुल गयी थी और हम सब ,.
खूब मूड में थी, सेल डिस्काउंट , टेलर और किटी पार्टी में कैसे सबको सुनाएंगी बॉबी टेलर ने उन्हें कित्ता डिस्काउंट दिया, और चार घंटे में ब्लाउज, महीने में दे दे तो उनकी सहेलियां बार बार किटी में झलकाती थीं
और गुड्डी को भी उन्होंने माफ़ कर दिया था और दिया से उनकी पक्की,.
दिया ने मेरी ओर देखा , मैंने हलके से सर हिलाया ,और फिर दिया ने छन्दा का हाथ दबाया।
बस दो मिनट बाद छन्दा ने बड़ी बिनती भरी आँखों से मेरी जेठानी को देखा ,बोली
" भाभी ज़रा दो मिनट चलेंगी मेरे साथ , जहाँ हम सब नेल पालिश चेक कर रही थीं न वहीँ , मेरा आधार कार्ड छूट गया है। अकेले जाने में ,. "
" लड़के पीछा करेंगे यही न और कही दीदी के पीछे लग गए तो ,आज वो तुम तीनों से ज्यादा हॉट लग रही हैं। "
मैंने जेठानी जी को छेड़ा
जेठानी ख़ुशी से मुस्करायीं , पर हलके से बोलीं , तू भी न " और छन्दा के साथ उठ गयीं।
उन दोनों के बाहर निकलते ही हम तीनो इतनी तेजी से हँसे की पूरा रेस्टोरेंट हमारी ओर देखने लगा।
जबरदस्त हाई फाइव हुआ , और दिया ने वेटर को बुला के आर्डर चेंज करा दिया।
" सारे के सारे कबाब ,मटन और हाँ इस टेबल पर कुछ भी वेज नहीं आएगा , समझ लो ,चाहे कोई कुछ भी बोले। और बियर पांच ग्लास अभी खूब ठंडी। "
एक बार फिर हम लोग खिलखलाने ;लगे।
जेठानी जी के आने के पहले मटन क़बाब और बियर आ चुके थे।
" भाभी आप दोनों के लिए घास फूस वाला ,. " हम दोनों की ओर मटन कबाब की प्लेट सरकाती वो पंजाबी कुड़ी बोली और बियर की ग्लास भी
" एक नया मॉकटेल डिजाइन किया है इन्होने।
दो ग्लास बियर जेठानी जी डकार गयीं और उसके बाद हम लोग पिक्चर हाल में।
जेठानी जी- चाल पर चाल
दो ग्लास बियर जेठानी जी डकार गयीं और उसके बाद हम लोग पिक्चर हाल में।
गुड्डी मेरे बगल में और जेठानी जी दिया और छन्दा के बीच।
मैं तो खैर खूब सोई , आज रात भर जगना जो था जेठानी जी तस्सली बख्स ठुकाई के लिए।
पर इंटरवल में मैंने गुड्डी को कल का प्रोग्राम बता दिया।
" सुन ,अब हम लोग कल शाम को ही चल रहे हैं , पांच बजे के आसपास ,तो बस तुम आ जाना। "
मैंने उसे जोर का झटका जोर से दिया।
पहले तो खुश होके उसने मुझे भींच लिया ,भाभी वो चीखी पर कुछ याद आया और वो सहम के बैठ गयी ,
" पर मेरे घर वाले , . उनसे परमिशन , उन्हें बताना होगा न "
कचकचा के उसके गाल काटती मैं बोली ,
" तेरे भैय्या ने वो सब कर दिया है ,बस तुझे आ जाना है या रहने दे हम लोग ही तुझे रास्ते से पिकअप कर लेंगे।
ये गुड्डी भी न ,आज कल की लड़कियां , तब तक उसको एक और बात याद आ गयी ,
" पर भाभी, कैसे कल हमारी जूनियर लड़कियां पार्टी दे रही हैं ,साढ़े बारह बजे से ढाई तीन घंटे तो चलेगी ही। तीन साढ़े तीन तो उसी में बज जाएगा और आप कह रही हैं पांच बजे तक निकलने के लिए ,फिर मैं घर जाउंगी ,तैयार होउंगी , पैकिंग कैसे ?"
एक मिनट तक तो मैं भी सोचती रही फिर मेरी प्रतुत्तपन्नमति ने सहायता की,
"सुन ,तू यार सुबह ही आ जाना १० बजे तक , पैकिंग वैकिंग कर के , बस वही पार्टी के लिए तैयार भी कर दूंगी तुझे और हम लोगों के साथ बस पार्टी से लौटना और हम चल देंगे। एक पार्टी ख़तम दूसरी शुरू। "
मैं उसके किशोर उभार पे चिकोटी काटती बोली।
" अरे यार तेरी बड़ी भाभी , उनके चक्कर में , जित्ती जल्दी , . " गलती से मेरे मुंह पे निकल गया।
और गुड्डी के गोरे चिकने मलायी से चेहरे पर काले काले बादल छा गए, आवाज हलकी हो गयी ,शक्ल एकदम रुंआसी।
" आप को मैंने बताया नहीं भाभी ,कल रात में एक बजे , . मैं वैसे ही रिजल्ट के चक्कर में , आप लोगों ने इत्ती मुश्किल से कोचिंग में एडमिशन कराया ,मैं तो मेडिकल की उम्मीद ही छोड़ बैठी थी , और ऊपर से अगर कहीं रिजल्ट कुछ ऐसा वैसा हो गया और कोचिंग का एडमिशन गड़बड़ हो गया तो आप लोगी की बात भी ,. "
वो चुप हो गयी फिर खुद कुछ रुक के बोली। ,
" रात में एक बजे और आधे घंटे लगातार , क्या क्या नहीं बोला ,. तू समझती क्या है अपने को , तूने अभी मेरी ताकत नहीं देखी है। अपनी कैंची से तेरे पर काट दूंगी , बस यहीं फड़फड़ाती रहना। भूल जा तू कोचिंग की बात , जैसे सब लड़कियां यहाँ पढ़ती हैं , कौन से तेरे में सुर्खाब के पर लगे हैं। आने दे माता जी को , अपने जिस भइया भाभी के दम पे उछलती है न , वो भी ,. नहीं बचा पाएंगे। बस एक बार उनको जाने दे यहाँ से ऐसी हालत करुँगी तेरी , , तेरे घर से बाहर निकलना बंद ,तेरा फोन बंद मेरे चंगुल में फंस गयी न तो ,. कल सुबह अपने घर वालों को भी बोल दे और अपने भैय्या भाभी को भी की तू नहीं जा पाएगी। जरा ज़रा सा जोबन आ गए हैं तेरे और इतना उछलती है उसी के दम पे ,. "
बस रोई नहीं वो।
" अरे ज़रा ज़रा सा कहाँ इत्ते मस्त तो है ,होली में जरूर तुझे बिग बी की टाइटल मिली होगी। "
मैंने चिढ़ा के उसका मूड ठीक करने की कोशिश की,
वो कली थोड़ा खिलखिलाई ,
" नहीं भाभी ,मिली तो लेकिन दिया को हाँ मोहल्ले के लड़कों ने मुझे दी भी , चिपकाया भी और लाउडस्पीकर पे सुनाया भी "
पर मैं जेठानी जी के बारे में सोच रही थी,
स्साली कित्ती घुटी हुयी,. मैं शाम से उससे चिपकी हुयी थी, कल मूंग का हलवा, कजरी , एक मिनट नहीं छोड़ा,. तब भी बाथरूम में जाने के नाम पर सास जी को फोन लगा दिया, वो तो मम्मी उनसे लसी थीं, . . लेकिन फिर भी जेठ जी को ज्ञान दिया की उनका ह्रदय परिवर्तन करा के,
और मैं जब ऊपर आ गयी , तब भी जेठानी के देवर को चमचागिरी के लिए छोड़ आयी थी की उनकी भाभी कहीं इधर उधर फोन न घुमा दें ,एक बजे तक उन्होंने मस्का लगाया अपनी भाभी को , और उनके हटते ही इस बेचारी कन्या की लेने के लिए, इस की तो वैसे ही इक्जाम के रिजल्ट के डर के मारे लगी हुयी थी,. ऊपर से कोई भी हदस जाता,
और सुबह से फिर हम दोनों लेकिन हवा नहीं लगने की गुड्डी की कितनी बेरहमी से रात में उन्होंने ली, ऐसे चुप्पे लोग सच में बड़े खतरनाक होते हैं,.
थोड़ा मूड उसका ठीक हुआ तो उसने आगे की बात बतायी ,
" और यही नहीं सुबह सुबह , मेरे घर वालों को भी उन्होंने आग लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ी , बस वही एक रट गुड्डी कहीं नहीं जाएगी , यही पढ़ेगी। मेडिकल में एडमिशन होना है तो अपने दम पे करे यही पे पढ़ के ,. ये तो तब तक मेरा रिजल्ट इतना अच्छा आ गया था और फिर कल भइया ने घर पे आके सबको इतना समझाया था की उन लोगों के ऊपर कोई असर नहीं पड़ा , बस हाँ हूँ कर के बात काट दी।
मैं चुपचाप सुन रही थी, मम्मी की ये एडवाइस भी काम आई थी की कोचिंग वाले सीधे उस के घर पे मेसेज करें,.
और आज जो मैंने माहौल बनाया की गुड्डी का रिजल्ट ऐसा ही ही , एडमिशन का पक्का नहीं है तब भी,.
लेकिन मेरी समझ में कुछ नहीं आ रहा था जेठानी इतना ज्यादा इस लड़की के पीछे क्यों पड़ी हैं , मैंने गुड्डी से साफ़ साफ़ पूछा,.
" हे साफ साफ़ बोल इनसे कुछ और बात तो नहीं हुयी,. कोई और चक्कर,. . "
उसका चेहरा धुंआ धुंआ सा हो गया,
" जाने दीजिये भाभी, अब तो आपके साथ चल रही हूँ न , भुला दीजिये,. "
" नहीं नहीं , बोल न यार तू मेरी ननद से ज्यादा सहेली है , बोल न,. कोई ऐसी बात,. . " मैंने उसे फिर उकसाया,
मेरे लिए जेठानी जी की एक एक बात समझनी जरूरी थी , वो आखिरी मिनट पर भी कुछ कर सकती थीं,.
थोड़ा देर रुकी वो , फिर हिचकती हुयी बोली,
" भाभी, आपको मेरी कसम, किसी से मत बताइयेगा, भैया से तो एकदम नहीं,. "
वो फिर रुक गयी,. मैंने फिर हिम्मत बंधाई तो बोली,.