Episode 95

एन और मेरी जेठानी, पूरी तैयारी

" अरे स्साली लेकिन हाथ नहीं लगाने देती है पता नहीं क्या क्या सीखी टाइकांडो , बोलती है , . " जेठानी ने अपना डर जाहिर किया

" अरे भूल गयी मैं भी रीजनल कबड्डी चैम्पियन थी, फिर हम दो रहेंगे,. " और उनकी सहेली ने पूरी प्लानिंग बता दी.

गुड्डी की कपड़ों की अटैची पहले तो अलमारी में ताला बंद,. और सहेली उनकी वो पीछे से हाथ पकड़ लेगी , और जब तक उछलेगी छुडाने की कोशिश करेगी , जेठानी मूँज की रस्सी से उसके हाथ बांध देंगी,. और उसके बाद दोनों सहेलियां मिल के पैरों को भी,. "

" अरे लेकिन जब उसके हाथ पैर बंधे रहेंगे तो कपडे कैसे उतरेंगे, और एक बार भी उसके हाथ पैर खुल गए न तो एकदम वो,. "जेठानी हर बात पर सवाल खड़े कर देती थीं , समझने में थोड़ी तो स्लो थीं

" अरे यार तो कपडे नहीं उतरेंगे न " सहेली का जवाब था फिर हंसने की इमोजी। " तेरे घर में कैंची नहीं है क्या,. सहेली ने पूछा, फिर बोली,. अरे यार बड़ी सी कैंची ले कर, बस कचर कचर,. मैं कस के दबोचे रहूंगी उसको , और तू काट देना , पहले ऊपर के कपडे, . और ब्रा पैंटी भी उतारेंगे नहीं फाड़ेंगे, बस नंगी पुंगी,. "

जेठानी ने दस इमोजी हंसने वाली फिर बोला , फिर ,

" फिर क्या , जब तक रहेगी ऐसे ही नंगी पुंगी, उघारे ,. . रहेंगी गुड्डी रानी , हमारी डाक्टर साहिबा .

कुछ नहीं करेंगे हम शुरू में बस बोल देंगे, . अगर अच्छे ढंग से बात मानेगी तो कपडे मिलेंगे वरना नहीं,. "सहेली ने तुरंत जवाब दिया

" और घर के सब काम काज उस के जिम्मे , अपने हाथ से ग्लास से पानी नहीं ले सकती महरानी जी " जेठानी सोचती हुयी बोलीं

" एकदम, अरे घर में जवान लड़की है , . तेरी महरीन को भी छुट्टी कर देना,. बस झाड़ू पोंछा, बर्तन, खाना किचेन का सब काम , कपडा धोना , डाक्टर साहेब करेंगी नंगे पुंगे, अरे झाड़ू लगाने में कौन से कपडे की जरूरत है , या खाना बनाने में,. " सहेली ने उस बात की पुष्टि की।

लेकिन हाथ पैर बांधे बांधे, . काम कहाँ से करेगी , और हाथ जैसे खुलेगा,. अकेले दो चार पर भारी है वो।"जेठानी की न समस्या ख़तम हो रही थी न सवाल।

जेठानी ने अपनी परेशानी बताई , लेकिन उनकीसहेली ने जो जवाब दिया , कोई टार्चर स्पेशलिस्ट भी शर्मा जाएगा।

सिम्पल, पहले तो कपडे,. उसका एक हाथ मोड़कर पीछे बाँध दूंगी मैं और बस सिर्फ अपने बाएं हाथ से उसे अपने उन कपड़ों को छोटे छोटे टुकड़ों में काटना होगा, . पैर तो बंधे ही रहेगे उसका एक हाथ भी मोड़के उसे मैं उसके पैरों से ही बाँध दूंगीं,.

और नहीं होगा तो उन कपड़ों की चिन्दी चिन्दी होने पर,. उसी के सामने, हम दोनों मूतेंगे उन कपड़ों पर , और एक बोतल केरासिन तेल डाल के,. उसी को बोलेंगे जलाने के लिए, बस नंगा होने के बाद कोई भी एकदम असहाय हो जाता है। और उस को खड़ी कर के फिर उसके दाएं चूतड़ पर मैं पांच हाथ लगाउंगी , और बाएं वाले पर तुम, बिना कुछ बोले सिर्फ उसकी औकात बताने के लिए. "

और बोलीं ननदों के चूतड़ तो लाल लाल ही अच्छे लगते हैं।
जेठानी ने ख़ुशी वाला इमोजी भेजा,

" अरे यार इत्ता मस्त माल है, उसके दोनों चूतड़ पर हरदम लाल गुलाब खिले रहने चाहिए, दो दो भौजाइयों का फायदा क्या, . हर घंटे पर एक बार मैं और एक बार तू,. लाल निशान हल्का होने के पहले गहरा हो जाता है , एक दस्ताने आते हैं जबरदस्त, छोटे छोटे दाने भी होते हैं जबरदस्त छपते हैं , ले आउंगी मैं,.

और उसके बाद तुम उसके काम बता देना, घर का सब काम काज , और हम दोनों से पूछे बिना कुछ भी नहीं एक बूँद पानी भी नहीं, मूतने की भी जब इज्जाजत होगी तभी, और उसके बाद मैं उसे उसके पैरों में गहना पहना दूंगी,. जैसे बेड़ी होती है न एकदम वैसे , सिर्फ एक दो बित्ते के कदम चला सकती है ,

और तीन चार डंडे भी स्पेशल होते हैं मैं उसे, उसके पैरों में एक टखने के पास , और दो घुटनों के ऊपर नीचे, आपस में भी चेन से जुड़ जाते हैं, . उसके बाद धीमे धीमे चल सकती है लेकिन बैठ नहीं सकती, घुटने मुड़ नहीं सकते, ज़रा भी. हाथ भी दोनों कुछ देर के लिए पीछे मोड़ कर बांध दूंगी। "
लेकिन सहेली ने तो पूरा प्रोग्राम बता दिया,

जेठानी को मजा आ रहा था लेकिन बोलीं,. उसका खाना पीना,.

" क्या करेगी खा पी के, हम दोनों के यार पर हाथ उठाएगी,. . ? हाँ उस समय जब हम दोनों खाएंगे तो उस का हाथ खोल दूंगी, . सामने खड़ी रहेगी,. हम दोनों को खाते देखते रहेगी, फिर जूठा बर्तन ले जायेगी, और हाँ तू चाहना तो बोल देना चाहे तो बरतन साफ़ करने पहले जूठन चाट चूट ले , मैं तो आधा ग्लास पानी दे दूंगी उसे , कित्ता प्यासी रहेगी,. हाँ देने की पहले उसे दिखा के अच्छी तरह थूक दूंगी , और नहीं पिया तो २४ घण्टे तक पानी नहीं मिलेगा,. कोई गुस्सा नहीं न डांट फटकार,. "

लेकिन सोयेगी कैसे अगर, जेठानी जी अब कुछ कुछ समझ गयी थी.

सोने की क्या जरूरत, देखो पहले ८ -१० तक खड़े खड़े रहने में ही उसकी देह की ऐसी तैसी हो जायेगी, फिर दो चीज जरूरी हैं,. किसी को तोड़ने के लिए वैसे तो २४ घण्टे में लोग टूट जाते हैं पर ये बड़ी कर्री है इसके लिए कम से कम दो दिन , दो दिन तक इसे एक मिनट भी सोने नहीं नहीं देना है, हम दोनों बारी बारी से जागेंगे,. अरे घर में पेंटिग , इत्ता काम तो बस , बारी बारी ,. से और फिर हम दोनों की सेवा,.

"एक तो सोने नहीं देना है और दूसरा,. . " जेठानी जी व्यग्र हो रही थीं।

" मूतने नहीं देना है " उनकी सहेली ने साफ़ साफ़ बोला।

फिर साफ़ किया , . पूरे घर में टॉयलेट के साथ ताला ,. आठ दस घंटे तो खड़ी रहेगी , फिर पहले १२-१४ घंटे तक वही हम दोनों खाने के बाद जो अपना जूठा पानी देंगे , वही , . और अगले दिन , . आधे घंटे के अंदर आठ दस ग्लास पानी जबरदस्ती पिला देंगे , नहीं मानेगी तो पटक कर , जमींन पर लिटाकर मुंह में कीप लगाकर दो तीन लीटर पानी धीरे धीरे , . और उसके पैरों में वही डंडे, . जिसके बाद वो बैठ नहीं सकती,. अब मूतना है तो खड़े खड़े मूते वो भी बाहर खेत में जा कर, बस दो दिन में सीधी हो जायेगी , कपडे तो उसके बाद भी नहीं मिलेंगे लेकिन पानी खाना , जो हमारे खाने के बाद थाली में बचेगा , . . बैठ भी सकती है पर घर का सारा काम,. "

सोच सोच के मेरे रोंगटे खड़े होगये ,

जो जो उन लोगों की प्लानिंग थी न पढ़ने लायक न कहने सुनने लायक, उनकी जो वो एन नाम वाली सहेली थी, जबरदस्त दुष्ट दिमाग वाली,.

थर्ड डिग्री

सोच सोच के मेरे रोंगटे खड़े होगये ,

जो जो उन लोगों की प्लानिंग थी न पढ़ने लायक न कहने सुनने लायक, उनकी जो वो एन नाम वाली सहेली थी, जबरदस्त दुष्ट दिमाग वाली,.

जेठानी तो बस, . उन्होंने लेकिन एक काम की बात पूछी , वो तेरी प्लानिंग दो दिन तक खड़े रखोगी , न सोने दोगी न मूतने दोगी, तो जो वो बात थी की घर का काम काज,.

'अरे बस अगले दिन से " उधर से टेक्स्ट पर जवाब आया. ' लेकिन साथ में इनाम भी रहेगा, जैसे अगर अच्छी बच्ची की तरह से उसने हम लोगों के लिए किचेन का काम किया, पसंद का नाश्ता खाना बना दिया, बरतन साफ़ कर दिए , तो इनाम में,. वो टॉयलेट में मूत सकेगी, बाहर खुले मैदान में जाने की जरूरत नहीं रहेगी , और सोना भी भी चार घंटे के लिए , दो रहनेदो घंटों के दो पार्ट में,.

लेकिन जेठानी की बात कुछ समझ में नहीं आयी और मेरी भी जेठानी ने पूछ लिया,

"तू स्साली कह रही है वो न खायेगी न पीयेगी और रहेगी किचेन में , नाश्ता खाना बनाएगी , तो कैसे "

जवाब में उस दुष्ट एन ने एक पिक्चर भेजी, मैं समझ गयी लेकिन जेठानी अभी भी नहीं समझी और उन की सहेली ने हाल खुलासा बयान किया,

" ये बॉल गैग है बस जब उसका हाथ पैर बंधा रहेगा उसी समय उसका मुंह चियार के उसमें ठूंस देंगे और पीछे सर में , ये एक लॉक से बंद रहेगा ,

तो हाथ खुला रहने पर भी निकाल नहीं सकती, सिम्पल और जब ये मुंह में रहेगा तो न ठीक से बोल पाएगी न खा पाएगी न पी पाएगी, हाँ जब हम लोग खायंगे , उसे अपनी थाली का जूठन देंगे तो बस उस समय हटा देंगे, और सी सी टीवी तो किचेन में रहेगा ही हम दोनों के मोबाइल में उसकी हर हरकत नजर आती रहेगी। "

उनकी सहेली ने सब कुछ साफ़ साफ़ बता दिया और जेठानी खुश.

देखो मुश्किल से थोड़ा बहुत खाना , घंटों खड़ा रहना, सोना नहीं मिलना, एक से के पहलवान की ताकत टूट जाए वो स्साली छोकरी क्या चीज है , देखना दूसरे दिन से घर का सब काम काम वाम करना मान जाएगी, बस तीसरे दिन नार्मल,. सहेली एक दम श्योर थी।

लेकिन जेठानी को नार्मल वाली बात नहीं समझ में आयी,. .

" अरे नार्मल का मतलब , उस स्साली लौंडिया को मरद सेवा और नारी सेवा भी तो सिखानी होगी , इसलिए ,. तो नार्मल का मतलब सब बात मानेगी तो दिन में दो बार १२ मिनट का टॉयलट ब्रेक दे देंगे , बैठ के , हाँ जब हम चाहेंगे तभी वरना टॉयलेट का ताला नहीं खुलेगा , और दरवाजा उसे खोल के रखना होगा, . सोने का टाइम भी बढ़ा देंगे , खाना भी बैठ के हम लोगों की जूठी थाली में हम लोगो के बाद,. फिर तुम कह रही थी उस लौंडिया ने डांस सीख रखा है न तो बस आज कल आर्केस्ट्रा बहुत चलता है , भोजपुरी गाने वाला, वही सब एकदम खुल्लम खुला , रोज दो घंटा की प्रैक्टिस,.

मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा था ,

फिर वही उसी लड़के से नथ उतरवाने का प्रोग्राम , .

उनकी वो सहेली, स्साली, पकड़ में कभी आएगी न वो "एन " ,तो दोनों मुट्ठी से एक साथ उसकी गाँड़ खुद भी मारूंगी और गुड्डी और उसकी सहेलियों से भी मरवाउंगी , कोहनी तक डाल डाल के,

छिनार पक्की मास्टरनी थी और वो भी साइंस वाली, पाठ ख़तम करने केपहले मुख्य बिंदु बताये और प्रयोग की आवश्यक सामग्री भी,.

" चार पार्ट हैं , पहले तो उस गौरैया को तोड़ना, न सोने देना, न मूतने देना,. बस दो दिन, बल्कि मुझे तो लगता है एक दिन में ही स्साली टूट जायेगी, फिर दूसरा पार्ट उस को नार्मल मतलब अपनी कुतिया बना के, घर का सब काम काज, झाड़ू पोंछा, खाना बनाने से टॉयलेट साफ़ करना और यहाँ तक की बाजार हाट भी , दो तीन दिन और और तीसरा जिस के हाथ लगाने पर इतना भड़की थीं न उस को दस बार निहोरा कर के हाथ गोड़ जोड़ के उसे बुलाना, जिस जोबन के छूने पे इतना भड़की थी, खुद उसका हाथ पकड़ कर उससे अपने जोबन मिसवाना, मिजवाना, और उस की सेल्फी ,

तब तक जेठानी ने अपना ज्ञान जोड़ा, " अरे उसके भइया उसको दिए हैं , क्या बोलते हैं , हाँ आई फोन बहुत घमंड है हरदम सबको दिखाती रहती है, महंगा है लेटेस्ट मॉडल है,. सबसे बोलती रहती है ,. "

" अरे तब तो बढ़िया सेल्फी भी आएगी, उसी से उस की फोटो भी खींचेंगे, हाँ तो का कह रही थी हाँ तो तीसरा खुद हाथ पैर जोड़ के मना के , अपने हाथ से खुद अपनी शलवार का नाड़ा खोलेगी, चूस चूस के खड़ा करेगी , और खुश खुश चुदवायेगी "

मास्टरनी ने तीसरा पार्ट पूरा किया और अब जेठानी मैदान में आगयीं, उन्होंने जोड़ा ,

" और चौथा पार्ट , गाभिन होने का,. "

" एकदम , सहेली बोली और फिर कहा, " और उसके भैया जो फोन दे गए हैं उसी से , अपनी प्रिगनेंसी किट से पॉजिटिव होने की सेल्फी खींच के,. और दो दो दिन रुक के कम से कम तीन बार पॉजिटव होने तक, और हर बार सेल्फी और वीडियो,. "

"एकदम बल्कि मैं तो कह रही हूँ जब से उसके पीरियड की डेट न निकल जाए , बल्कि उसके चार पांच दिन तक, वो भी समझ जाए की अब पेट उसका फूलने वाला है,. हो गयी है वो गाभिन तब तक तू रुकी रहना, "

जेठानी ने मास्टरनी से रिक्वेस्ट किया, अकेले उनके बस का था नहीं गुड्डी से निपटना , . " अरे एकदम, तेरे लिए तो,. कित्ते दिन होंगे तेरे साथ मिल के मस्ती किये, बहुत मजा आएगा, लेकिन तेरी सास ग्राम वास से उकता तो नहीं जाएंगी, जीजू तो नहीं कुछ,. " अब की सहेली बोली।

" अरे यार तेरे जीजू की हिम्मत है मुंह खोलने की, और जब तक श्रवण पूत नहीं आएंगे तब तक माता जी का, ग्राम वास भी, लेकिन वो सामान सब जो तो कह रही थी, हथकड़ी बेड़ी, वो सब,. "

कोमल

जेठानी का दुष्चक्र

" अरे यार तेरे जीजू की हिम्मत है मुंह खोलने की, और जब तक श्रवण पूत नहीं आएंगे तब तक माता जी का, ग्राम वास भी, लेकिन वो सामान सब जो तो कह रही थी, हथकड़ी बेड़ी, वो सब,. "

" अरे उसकी चिंता छोड़ यार मैं ले आउंगी सब नहीं तो वहीँ जुगाड़ कर के,. " मास्टरनी बोली, और हाल खुलासा भी बताया,. "

देख एक दरोगा स्साला फंसा है , तो हथकड़ी बेड़ी तो उसी से,

अब चल, वो अपनी गौरेया आएगी, चाय में नॉक आऊट पिल्स, फिर मैं दबोचूँगी उसको , तू मूँज की रस्सी से, हाथ पैर, लेकिन मूँज की रस्सी जो कहती हैं बहुत जांगर है उसको न तो कहीं तोड़ ताड़ दे , जुगाड़ लगाय के,. तो स्टील वाली हथकड़ी , ननद रानी क कुल गहना मैं ले आउंगी, बस एक बार ननद रानी ने पहिंन लिया न. और चाभी हमरे तोहरे हाथ में बस , और बेड़ी पैर की शोभा, उसमें छह इंच से नौ इंच तक चेन रहती है , बस ठुमक ठुमक ननद जी चलेंगी न तो , . "

"लेकिन तुम तो कह रही थी , बाँध छान के खड़े खड़े,. " जेठानी ने दिलाया ,

" एकदम वो तो सबसे पहले , अरे तोहरे किचेन में जो जो खिड़की है न बस ,. " सहेली बोली लेकिन जेठानी जी की बहुत खराब आदत है बात काटने की , उसकी भी बात काट दी और जोड़ा

" सही कह रही हम लोगों की कोठरी से साफ़ साफ़ दिखता रहेगा ,. "

" हाँ तो वहीँ, कपडे वपड़े उसके उतरवाकर वहीँ हथकड़ी बेड़ी पहनाकर,. एक लम्बी चेन से उसको तान कर उसी खिड़की से बाँध देंगे, चेन ऐसे खींच के की खाली उसका पंजा जमींन पर रहे , एड़ी हवा में, हाथ पीछे कर के एकदम कस के हथकड़ी में , और एक चीज और आती है , मैं मंगा लूंगी अब ऑन लाइन मिलती है लेग स्प्रेडर बहुत बढ़िया , बस दोनों टांग के बीच में टखने पर , तीन फीट, साढ़े तीन फीट जितने पर फिट कर दो , बस टांग फैली रहेगी ,

अरे उस स्साली को टांग फ़ैलाने की भी तो प्रैक्टिस करानी पड़ेगी , और वो एक बार लगाने के साथ बेड़ी बेड़ी उतार लेंगे। बस टंगी रहेगी,. पांच छह घंटे तक भूखे प्यासे ,. और हाँ एक बहुत ख़ास गहना अपनी ननद के लिए जो हमरे लैब में सप्प्लाई करता है न यही से बना लूंगी, एक रॉड , दो ओर लॉक करने का बाँधने का जुगाड़ , बस वही घुटने के दोनों पर , नौ नौ इंच , कस के बाँध के लाक , फिर ससुरी जब तक वो रहेगा बैठ नहीं सकती , ओकरे बाद हम लोग जा के पूछ लेंगी , बड़े आदर से , ' रानी जी प्यास तो नहीं लगी है,. " और अगर वो हाँ बोलेगी न बस दोनों गाल मैं अपने हाथ से चियार दूंगी, फिर तू अपने मुंह में खूब इकठ्ठा कर के, और सीधे ओकरे मुंह में,. माना थूक से प्यास नहीं बुझती लेकिन अब हम भौजाई जो मुंह में होगा वही तो दे सकते हैं। "

" सही है " जेठानी जी ने हुंकारी भरी।

" हाँ एक बात और , रात में कहीं खड़े खड़े न सो जाए,. तो उसके कान में हेडफोन लगा के मधुर म्यूजिक नाम भी तो उसका संगीत से जुड़ा है ,. ज्यादा नहीं घंटा दो घंटा , फिर हम दोनों बारी बारी से अलार्म लगा के ,. बस उसके पास जा के चेक कर लेंगे , प्यास लगी है तो वही और दोनों चूतड़ पर कस कस के दस दस गिन के, . और अगले दिन जब प्यास से उसका दिमाग भन्नाने लगेगा न तो बस अबकी तुम उसका मुंह चियाराना, और मैं , एक साथ एक तीन बोतल बल्कि एक बोतल पानी में चार गोली डाईयूरेक्टिस की मिला के, फिर एक बड़ी बोतल बियर, फिर एक बॉटल पानी , दस मिनट के अंदर तीन चार लीटर अंदर,. थोड़ी देर में अइसन मूतवास लगेगी,. हाथ गोड़ जोड़ने लगेगी, . . जब सब बात मान लेगी तो बस वही चेन खोल देंगे और बोल देंगे, जा आंगन में नाली के पास खड़े खड़े , बेड़ी पहने रहेगी तो बस ठुमक ठुमक कर के , . और घुटने में जो डंडी बंधी रहेगी , तो बैठ तो नहीं सकती , घुटना मुड़ेगा ही नहीं , तो खड़े खड़े ,. . “

" ये तो सही है एक दो दिन में , तोड़ देंगे हम दोनों , लेकिन फिर घर क काम धाम,कहीं उस समय भागने का,. "

" अरे असली इम्तहान तो हमार तोहार तभी है, . अच्छा ये बता , कउनो कुतिया को कैसे,. "

जेठानी की बात काटने की आदत तो सुधर नहीं सकती थी , तो वो बोल दी, अरे वो पट्टा ,.

" तो बस ले आउंगी न अपनी उस कुतिया के लिए खूब चौड़ा पट्टा उसपर उस का नाम भी लिखा रहेगा , दूर से कोई पढ़ ले, और साथ में चोकर खूब कंटीला स्टील का, . "

" जिससे ,. " जेठानी ने फिर बीच में घुसने की कोशिश की मस्टराइन ने घुसने नहीं दिया और अपनी बात जारी रखी,.

" जिससे, पट्टे में चेन रहेगी जो अगर कातिक की उस कुतिया ने छुड़ाने की कोशिश की तो बस जितना फड़फड़ाएगी उतना ही उसके गले में चुभेगी,

और हार कर, फिर किचेन में खाना बना रही है तो वहीँ खिड़की में , एक लम्बी करीब दस पंद्रह फ़िट की स्टील की चेन, बस वहीँ लॉक कर देंगे, मुंह में वो बॉल,. और पैरों में वो बेड़ी बस ठुमक ठुमक के चले, सब काम करे, और घुटने के पीछे भी वो स्टिक जिससे सिर्फ खड़ी रह पाए, झुक भले जाए बैठ न पाए,. हाँ जब झाड़ू पोंछा करेगी, टॉयलेट साफ़ करेगी, तो बैठना पड़ेगा ही,. तो उस समय वो घुटने वाला, हटा देंगे , पट्टा रहेगा और चेन में कस के कहीं बाँध के लॉक और हाँ एक बात और,.

उस पट्टे में एक जी पी एस भी है , यानी हम लोगों के मोबाइल पे उस की लोकेशन आती रहेगी, और एक छोटा कैमरा और स्पीकर , हमें दिखेगा टॉयलेट ठीक से साफ़ हुआ की नहीं, अपने हाथ से साफ़ करे , बस वो बोल भी सकते हैं , तो कहीं रहे, कुतिया हमारी, रहेगी हमारे कंट्रोल में , और हाँ जब काम धाम हो जाए तो वहीँ खिड़की के पास सब गहने पहना के बेड़ी, स्प्रेडर , हथकड़ी , वहीँ खड़ा कर देंगे , दिन में आठ दस घंटे कम से कम , अपनी औकात में आ जाएगी,. "

" और पहनने के लिए,. . क्या , दो दिन के बाद उसके कपडे ,. " जेठानी ने पूछा।

" एकदम नहीं, मास्टरनी ने साफ़ मना कर दिया, . मैं एक दो पुरानी अपनी घिस घिस के झींनी हो गयी, साड़ी उसका पोंछा भी नहीं बन सकता , तो वो ले आउंगी, बस वही ,

लेकिन और कुछ नहीं न पेटीकोट न ब्लाउज, जिस जोबन पे इतना नाज था न उसको तो वो तो हरदम खुला ही रहेगा,.

साड़ी का पल्लू भी उसके बीच में से ,. और साथ साथ रोज उससे सके उसके भाई वाले फोन में उससे माफ़ी मांगने वाला वीडियो रिकार्ड करा के कभी अपनी चूँची दिखाते दबाते , हम दोनों के हीरो को भेजेगी , वीडियो काल में माफ़ी मांगेगी जमीन पर सर रख के,. और वो एक बार आ गया तब उसे , उस दिन जैसे कपडे पहनी थी, न शलवार सूट में ,. अपने हाथ से नाड़ा खोलेगी,. "

पढ़ पढ़ के मेरा माथा खराब हो गया ये स्साली मस्टराइन,. किसी तरह हाथ लग जाए,. लेकिन जिंदगी में सब कुछ तो अगर , मगर लेकिन ही तय करते हैं न और वो लेकिन अभी भी बाकी था , और जेठानी की सहेली ने आखिर में बोल ही दिया,.

" लेकिन बस किसी तरह तेरी देवरानी कल उसको अपने साथ न ले जाए पाए, . बस तुझे यही करना है की तेरी सास के जाने बाद ही वो लोग जा पाएं "

और उसके साथ वो लम्बा संवाद समाप्त हो गया था।

और मैं भी यही सोच रही थी , सच में अगर जिस तरह से इस चुड़ैल ने समझाया अगर सास मेरी आ गयीं , तो जेठ जी और जेठानी दोनों की बात टालना उनके लिए मुश्किल होगा , और उस दुष्ट मास्टराइन ने इतने ऑप्शन सजेस्ट किये हैं वो सब पक्का जेठानी ने जेठ जी को समझा दिया होगा,.

मैंने डिलीट नहीं किया लेकिन मम्मी से भी शेयर नहीं किया,.

तब तक छोटे वाले फोन पे हलकी सी घंटी बजी, उसी उनकी सहेली का मेसेज था, वो अभी कहीं बाहर जा रही थी, और कल साढ़े ११ बजे के बाद मेसेज करेगी तब तक वो जहां रहेगी वहां पर फोन नहीं पहुँच सकता।

मैंने थोड़ी सी राहत की सांस ली ,. और वो मेसेज भी डिलीट कर दिया,

मैं आँख बंद किये सोने की ऐक्टिंग कर रही थी ,

मुझे लग रहा था सब कुछ सेट हो गया , गुड्डी को लेकर कल शाम को हम चल देंगे,. लेकिन सासू जी का क्या कर सकती हूँ , अगर वो आ गयी तो ,. ये जेठानी और उस की सहेलियां

मैं आँख बंद किये सीट पर, बीच बीच में कुछ खर्राटे भी ,

छोटा फोन उनका मेरे हाथ से दिया के हाथ में और वहां से जेठानी के पर्स में,

पिक्चर खत्म हो गयी थी , मैंने तय कर लिया अभी जो कुछ पढ़ा है मैं उसे भूल जाती हूँ , लेट में जस्ट एन्जॉय द मूमेंट, आज की रात का टाइम अभी भी हमारे पास है, . चिंता करने से कुछ नहीं होगा।

वापस घर

मुझे लग रहा था सब कुछ सेट हो गया , गुड्डी को लेकर कल शाम को हम चल देंगे,. लेकिन सासू जी का क्या कर सकती हूँ , अगर वो आ गयी तो ,. ये जेठानी और उस की सहेलियां

मैं आँख बंद किये सीट पर, बीच बीच में कुछ खर्राटे भी ,

छोटा फोन उनका मेरे हाथ से दिया के हाथ में और वहां से जेठानी के पर्स में,

पिक्चर खत्म हो गयी थी , मैंने तय कर लिया अभी जो कुछ पढ़ा है मैं उसे भूल जाती हूँ , लेट में जस्ट एन्जॉय द मूमेंट, आज की रात का टाइम अभी भी हमारे पास है, . चिंता करने से कुछ नहीं होगा।

पिक्चर के बाद हम लोग बाबी टेलर के यहाँ पहुंचे

बॉबी टेलर्स ने जेठानी जी के दो ब्लाउज सिल दिए थे

खूब टाइट लो कट उभार दोनों छलकते बाहर तक

लेकिन जेठानी जी उसके दो ऑफर से बहुत खुश हुईं ,

एक आज के बाद से उनके सारे ब्लाउज सिलने का जिम्मा उसका ,और दो उनके पुराने बलाउज भी उनकी फिटिंग्स के हिसाब से वो ठीक कर देगा। नाप तो उसने एकदम अच्छी तरह से ले ली थी।

इनका पन्दरह मिनट में दो बार मेसेज आ गया था।

खाना तैयार है।

सवा आठ बज भी गया था , घर पहुंचते पहुँचते साढ़े आठ कम से कम।

तीसरा ब्लाउज आलमोस्ट रेडी था , लेकिन बस हुक लगने की देरी थी , अभी आधा घंटा करीब और लगता। हम लोग दूकान के बाहर आ गए थे।

इनका फिर मेसेज आया , कबतक आओगी। दिया ने मुझे बार बार मेसेज पढ़ते देख लिया और मुस्करायी

दिया ने आकर्षक ऑफर दिया ,

" भाभी आप लोग चलिए , भैय्या बिचारे वहां अकेले ,. . हम ननदें किस मर्ज की दवा हैं ,हम सब ज़रा थोड़ी देर और रुकेंगी , . आपका ब्लाउज लेके ही ,मिलते ही आपको मेसेज कर देंगी "

" ये क्यों नहीं कहती की लौंडे पटाने है ,नैन मटक्का करना है ,हम लोगों के सामने बिचारे लड़के भी झिझक रहे हैं। "

मुस्कराती हुयी मेरी जेठानी बोलीं , उनपर दो ग्लास बियर का सुरूर अभी भी था और फिर आज तो वो दिया की एकदम फैन थीं।

" अब ये मत कहियेगा भाभी की जब आप ने इंटर किया था तो आप ने कुछ नहीं ,. "छन्दा बोली।

" एकदम नहीं ," मुस्करा के बोलीं फिर उन्होंने सचाई खोली ,

" अरे तुम सब बहुत सीधी हो , तेरी उमर में मैं थी तो ,. और फिर गाँव के लौंडे ,शहर के लड़कों की तरह नहीं की पीछे पीछे टहल रहे हैं , बहुत हुआ तो कमेंट मार दिया , चिट्ठी पकड़ा दी। खाली नैन मटक्का , अरे वहां तो सीधे सटम सटक्का , फचक फच्क्का। ज़रा नखड़ा किसी ने दिखाया तो बस पकड़ के खींच ले गए गन्ने के खेत में ,अरहर के खेत में , और एक बार शलवार का नाडा खुल गया तो कौन लड़की मना करेगी , जित्ती देर में तुम सबों के पीछे बिचारे चक्कर काट रहे हैं न ,गाँव में तो अबतक दो दो राउंड चढ़ाई हो गयी होती। "

जेठानी जी थोड़ा आगे बढ़ गयीं तो लड़कियों को मैंने आगाह किया ,

" सुन तुम सब चाहे जो करो करवाओ ,लेकिन ( गुड्डी की ओर इशारा कर के ) इसकी सील एकदम बंद रहनी चाहिए टाइट , चाक चौबंद , पैक्ड "

एकदम भाभी। तीनो एकसाथ बोलीं।

ट्रैफिक काफी थी ,मुझे और जेठानी जी को घर पहुंचते पहुंचते पौने नौ बज गए।

हाँ घर में घुसते समय दिया का मेसेज आया वो लोग माल से निकल गए हैं। और ब्लाउज मिल गया है।

मैंने जेठानी जी को फारवर्ड कर दिया।

इन्तजार में बिचारे उनके देवर की हालत खराब थी।

और हालत मेरी भी ख़राब थी कल जो होने वाला था वो सोच सोच कर,

जब हम लोग मॉल में घुसे थे तो जैसे आई पी एल में विन के चांसेज दिखाते हैं न , तो उस समय देवरानी ९२ % जेठानी ८ % लेकिन जब इंटरवल में गुड्डी ने बताया की कैसे कल रात एक बजे जेठानी ने उसे बोला था की देखती हूँ कैसे तू जाती है ,. तो एकदम से चांसेज बदल गए और देवरानी जेठानी दोनों ५० % हो गए , लेकिन जब से मैंने उस कमीनी एन का प्लान पढ़ा , और कैसे सासू जी को लीवरेज करना , किस तरह से हम लोगों को सासू जी के आने तक रोकना और जेठजी को समझा देना की आज वो आखिरी फैसला कर लें , किसके साथ हैं , अगर सासू जी को उन लोगों के साथ रहना है तो,. और वो ऑप्शन कॉरेस्पांडेंस कोचिंग और जेठानी के सहेली के गाँव का सो काल्ड मेडिकल कालेज,.

कुछ भी करना मुश्किल लग रहा था , और ऊपर से ये मेरी छिनाल ननद गुड्डी खुद , भाभी मेरे कॉलेज की पार्टी है और पार्टी ख़तम होगी पांच बजे , आते साढ़े पांच और सासू जी तबतक कभी की आ चुकी होंगी, तीन साढ़े तीन तक लेट होगी तो भी ट्रेन उन लोगों की आ ही जाएगी,

अब तो मैं ये भी सोच रही थी की गुड्डी हमारे साथ न चले , . हम लोग कोई बहाना बना के दोपहर में निकल लें , और बाद में गुड्डी को समझा लूंगी,. बस बस किसी तरह ये गुड्डी को जो दुरगत इन दोनों ने सोचा है वो न , शायद हम दोनों के जाने के बाद उनका गुस्सा कुछ कम हो जाए,. पर वो जेठानी की सहेली,. . और वो लड़का भी तो जिसके बदतमीजी करने पर गुड्डी ने उसका हाथ गुड्डी ने झटक दिया था,. कैसे कह रही थीं, अपने हाथ से उसके सामने अपना नाड़ा खोलेगी,. ,.

मैंने एक काम किया , जेठानी की सहेली दोनों के नंबर इनकी कम्पनी के साइबर सिक्योरिटी वाले को , और साथ में मेसेज भी सुपर अर्जेन्ट, जितना भी पता चल सके , जल्द ,

फिर मैंने सोचा, जो उन लोगों की बातचीत, व्हाटसैप रिकार्ड से तो आज कल , लेकिन फिर मुझे लगा की दोनों मुकर जाएंगी कहेंगी की वो तो हम मज़ाक कर रहे थे , ननद भाभी की छेड़खानी,. और टाइम भी ,. उससे भी कुछ नहीं होने वाला था ,

लौटते समय अगर ये आई पी एल होता तो मैच का विन पर्सेंटेज दिख रहा होता ,. देवरानी ८% जेठानी ९२ %

लेट अस एन्जॉय द मूवमेंट , लिव विद द प्रजेंट , चिंता करने से कुछ नहीं होता और कई बार आखिरी बाल पर भी छक्का लग जाता है , मैं परेशान लगूंगी तो ये भी, लेट हिम एंज्वॉय टू नाइट ,

कल की कल देखंगे।

देवर की दावत

ट्रैफिक काफी थी ,मुझे और जेठानी जी को घर पहुंचते पहुंचते पौने नौ बज गए।

हाँ घर में घुसते समय दिया का मेसेज आया वो लोग माल से निकल गए हैं। और ब्लाउज मिल गया है।

मैंने जेठानी जी को फारवर्ड कर दिया। और उन्होंने दिया को एक किस्सी वाली स्माइली भेज दी.

इन्तजार में बिचारे उनके देवर की हालत खराब थी।

जबरदस्त पार्टी थी आज , मुस्कराती हुयी जेठानी बोलीं। और ये दिया भी ,कितना सोर्स है उसका हर जगह , उन्होंने जोड़ा।
बियर की खुमारी अब तक बाकी थी।

" अरे दीदी , अभी तो पार्टी शुरू हुयी है ,रात पूरी बाकी है। "
मैंने उनके कान में गुनगुनाया , " दीदी तेरा देवर दीवाना " और मोबाइल खोल के दिखाया ,

उनके देवर के पूरे १ ८ मेसेज , कब आ रही हो , कितनी देर और , भाभी कब तक आएँगी।

" आपकी छुट्टी ख़तम हुयी है न बिचारे तबसे , एकदम ,. . " कार का दरवाजा खोलते मैं बोली।

" जलती काहें हो है ,मेरा देवर है एकलौता। " इठलाते हुए वो बोलीं।

" असल में दीदी ,चार दिन पहले जब से आप ने उन्हें बतलाया था ना देवर वो जो बार बार मांगे ,दे बुर , दे बुर ,. "

मैंने उन्हें छेड़ा भी, उकसाया भी और याद भी दिलाया,

" अरे तो क्या हुआ मेरा देवर है ,मांगेगा तो दे दूंगी। उसका हक़ है। " बड़े ठसके से बोलते हुए जेठानी जी ने दरवाजा खोला ,

और

और

और क्या माहौल था अंदर। एकदम रोमांटिक।

इतना रोमांटिक की सात ताले में अपनी चुनमुनिया बंद रखने वाली कोई नखड़ीली किशोरी भी , खुद अपने हाथ से अपनी पैंटी सरका देती।

पूरे घर में बस हलकी धुंधली सी रौशनी , हवा में गुलाबों की खुशबू , पाइप्ड म्यूजिक

झुक के उन्होंने अपनी भाभी का इस्तकबाल किया और सीधे डिनर टेबल पर।

जेठानी जी लाख कहती रहीं , ज़रा कपडे चेंज कर लूँ , पर वो कहाँ।

( प्लान भी हमारा यही था ,उनके कपडे तो बस अब उतरने थे , चेंज का क्या मतलब )

मेरा मन एक बार फिर अपने उनके लिए बस झूम उठा ,मेरे ये सच में एकदम मेरे हैं ,उनके जैसा कोई नहीं /

टेबल पर सिर्फ कैंडल्स , लम्बी और मोटी ,दस इंच से लेकर एक फुटी और मोटी इतनी की मुट्ठी में न समाये।

( इनका इस्तेमाल बाद में भी होना था )

और न सिर्फ उन्होंने सर्व किया बल्कि जब जेठानी जी ने खाने के लिए हाथ बढ़ाया तो उन्होंने पकड़ लिया और बोला बड़े ही द्विअर्थी अंदाज में

" जिस देवर के होते हुए भौजाई को अपनी उँगलियों का इस्तेमाल करना पड़े ,उसके लिए चुल्लू भर पानी में डूब मरने वाली बात है। "

और अपने हाथ से गलावटी कबाब सीधे उनके होंठों के बीच।

दावत भाभी की , जुबना की

एक ओर तो उनके देवर दावत दे रहे थे और दूसरी ओर उनकी भाभी का जिस तरह बार बार आँचल ढलक रहा था, खूब डीप कट चोली से जोबन छलक रहा था , बड़े बड़े गोरे मांसल कड़े कड़े खूब तने उनकी भौजी के उभार, वो भी जोबन की दावत दे रही थीं , अपने एकलौते देवर को

जब जेठानी जी ने खाने के लिए हाथ बढ़ाया तो उन्होंने पकड़ लिया और बोला बड़े ही द्विअर्थी अंदाज में

" जिस देवर के होते हुए भौजाई को अपनी उँगलियों का इस्तेमाल करना पड़े ,उसके लिए चुल्लू भर पानी में डूब मरने वाली बात है। "

और अपने हाथ से गलावटी कबाब सीधे उनके होंठों के बीच।

सच में बहुत बहुत अच्छा था , एकदम मुंह में मेल्ट होने वाला , बस।

" भाभी आज तो बस आप खोलती जाइये मैं डालता जाऊं "

आज उन्होंने एकदम लिमिट क्रास करने की कसम खा रखी थी।

जेठानी ने मेरी ओर जीते हुए खिलाड़ी की तरह देखा और चट से मुंह खोल दिया ,

और झट से उन्होंने अबकी एक लम्बी मोटी पोर्क सॉसेज उनके खुले मुंह में।

हाँ आज हम ने तय कर लिया था नो हार्ड ड्रिंक्स ,

अरे नशे में धुत्त कर के रगड़ाई की तो क्या मजा , न उन्हें दर्द का अहसास होगा ,

न चीखे चिल्लायेंगी , न रेजिस्ट करेंगी।

लेकिन वाइंस थीं , रेड वाइंस सारी की सारी ,

उनके हिसाब से इम्पोर्टेड रूहआफजा।

पोर्ट ,शेरी , और सॉसेज के बाद उन्होंने पोर्ट वाइन ग्लास से अपने हाथ से।

" दीदी आपने तो एक बार में ही पूरा घोंट लिया " मैंने उनके कान में फुसफुसाया पर वो खिलखिलाते हुए बोलीं ,

" अरे आज कल की छोरियों की तरह नौसिखिया थोड़े ही हूँ " और मेरी ओर जोर से आँख मार दी।

और खुद पोर्ट का ग्लास उठा के गट गट

" भाभी अगर आपने हाथ का इस्तेमाल किया न तो मैं पीछे कर के आपके हाथ बाँध दूंगा और उसके बाद मेरी मर्जी , . "
मुस्कराते हुए उन्होंने अपनी भौजाई की आँख में आँख डाल के बोला।

( हाथ तो जेठानी जी के बांधे ही जाने थे पर उसमें अभी टाइम था ).

" मर्जी तो तुम्हारी अभी भी है , जो तेरी मर्जी वो मेरी मर्जी " जेठानी जी बोलीं।

नशे का हल्का शुरूर चढ़ रहा था।

और फिर में डिशेज , और उसके शुरू में ही , मुझसे 'गड़बड़' हो गयी

।रोगन जोश जेठानी को देते हुए बस थोड़ा सा छलक कर उनकी साडी पर ,

उनके देवर ने स्लिप फील्डर की तरह कैच करने की कोशिश की पर , दो चार बूँद उनकी साडी पर ,

" अरे दीदी उतार दीजिये , इसको अभी धुलने को डाल देती हूँ वरना इसका दाग बहुत तगड़ा होता है , छूटेगा नहीं। "

और जब तक वो सम्हलें साडी का आँचल मेरे हाथ में , और उनका हाथ ,उनके देवर के हाथ में।

" हाँ भाभी सही तो कह रही है , जिसने गिराया वही धुले ,जिसकी गलती वही भुगते ,धुलने दीजिये इसको। "

कस के अपनी भाभी की कलाई पकडे वो बोले।

बिचारी लाख उन्होंने रोकने की कोशिश की पर आराम से उनके पेटीकोट में फंसी साडी मैंने धीरे धीरे निकाली ,आखिर उनके हाथ तो मेरे साजन की पकड़ में थे।

और साडी ले जाकर वाशिंग मशीन में डाल दी।

'एन' फॉर नगमा

" अरे दीदी उतार दीजिये , इसको अभी धुलने को डाल देती हूँ वरना इसका दाग बहुत तगड़ा होता है , छूटेगा नहीं। "

और जब तक वो सम्हलें साडी का आँचल मेरे हाथ में , और उनका हाथ ,उनके देवर के हाथ में।

" हाँ भाभी सही तो कह रही है , जिसने गिराया वही धुले ,जिसकी गलती वही भुगते ,धुलने दीजिये इसको। "
कस के अपनी भाभी की कलाई पकडे वो बोले।

बिचारी लाख उन्होंने रोकने की कोशिश की पर आराम से उनके पेटीकोट में फंसी साडी मैंने धीरे धीरे निकाली ,आखिर उनके हाथ तो मेरे साजन की पकड़ में थे।

और साडी ले जाकर वाशिंग मशीन में डाल दी।

मैंने इनकी कम्पनी के साइबर सिक्योरटी वाले को उस ' मिस्ट्री गर्ल' एन का पता लगाने के लिए बोला था और जिन नम्बरों से जेठानी के बड़े और छोटे फोन पे व्हाट्सऐप और टेक्स्ट मेसेज आये थे वो नंबर भेजे थे, मिसेज मोइत्रा की चमचियों की ऐसी की तैसी कराने में बहुत रोल था उसका और मैंने ही उसे इत्ता बड़ा काम दिलवाया था, मिसेज खन्ना से कह के तो, उसके बहुत से कन्नेक्शन थे , मोबाइल कंपनियों से लेकर हैकर्स तक से,.

मेरे मन में,. कौन है स्साली छिनार, क्या खतरनाक प्लानिंग बनायी थी उसने गुड्डी को लेकर, . शैतान की चरखी की तरह उसका दिमाग चलता है , वो तो दिया ने बहाना बना के जेठानी का फोन पार कर के सारे उसके व्हाट्सएप मुझे फारवर्ड कर दिए और छोटे फोन को चुपके से मुझे पकड़ा दिया,

जैसे ही मैंने जेठानी की साड़ी वाशिंग मशीन में डाली , मेरे फोन पे व्हाट्सऐप वाली टिंग हुयी,

उसी का था साइबर सिक्योरिटी वाले का, लंबा मेसेज था,

पहली बात तो ये थी की वो ' एन ' बहुत ही चतुर चालाक थी, उन दोनों नम्बरों से जिससे जेठानी के फोन पे मेसेज, टेक्स्ट आये थे, वहां तक तो वो पहुँच गया , लोकेशन, टावर सब मिल गए, . लेकिन उन दोनों नंबरों से जेठानी के उन दोनों नम्बरों से कॉन्टैक्ट करने के अलावा किसी और से कोई कांटेक्ट नहीं किया गया,. मतलब जो उसकी कोशिश होती की उन नंबरों के जरिये बाकी उस के घरवाले , दोस्त यार सब का पता लग जाता किससे किससे बात हुयी है ये पता कर के तो ये भी नहीं हुआ,.

दूसरी बात भेजने वाली वी पी एन का इस्तेमाल करती है , वो तो साइबर सिक्योरिटी वाले की इनसे उनसे जान पहचान है तो,. लेकिन जो पता चल गया वो ये था की सिम बेचने वाले से सिम खरीदने वाली का डिटेल, . और १०० बात की एक बात,.

उस लड़की का नाम नगमा है , उमर २६ साल, गाँव क्या एक कस्बा सा है वहीँ ,. उसके पिता एक बड़े ,. , जमींदार थे , खूब रसूख वाले,. अब नहीं हैं , कोई नहीं है , सिर्फ वही लड़की, और घर के पास ही एक लड़कियों का हाईकॉलेज है, उस के खानदान का ही, उसी में बायोलॉजी पढ़ाती है,

उसकी फोटो और आधार नंबर भी मिल गया है और अब वो फेस रिकॉग्निशन टेक्नोलॉजी इस्तेमाल कर के सुबह तक उसके बारे में, . उसके बाकी के सिम , उनमे से किस सिम का इस्तेमाल वो बैंकिंग, सरकारी कामों और चीजों के लिए करती है,. और फिर अभी कहाँ है आना जाना उसके बाकी यार दोस्त , लेकिन कल सुबह नौ दस बजे तक,. मैंने थैंक्स वाली स्माइली भेज कर मेसेज डिलीट कर दिया

और एक बार मैंने फिर ध्यान से फोटो देखी,

नगमा, चीज़ तो मस्त है, बस अगर एक बार पकड़ में आ जाए न तो वो जो गुड्डी के लिए प्लान कर रही उसका दस गुना सूद ब्याज समेत,.

और जो मैं वहां पहुंची तो देवर जेठानी एकदम चिपका चिपकी, मेरे उन दोनों के अकेले छोड़ने का मतलब भी वही था , और जेठानी लग भी एकदम,

सिर्फ ब्लाउज पेटीकोट में

और ब्लाउज भी बस बित्ते भर वाला, खूब लो कट, दोनों कबूतर उड़ने को तैयार, और थे भी उनके खूब गदराये, और उन्होंने खुद ही हमको और अपनी ननदों को बताया था , डी नहीं , डबल डी, ३६ डी डी. और अपनी भाभी के बड़े बड़े मसलने लायक जुबना को देखकर उनका मोटू भी खूब बड़ा हो गया था, एकदम तना ,

लेकिन आज जेठानी का मूड थोड़ा सेक्सी हो रहा था ,वाइन का असर था या देवर के टनटनाये खूंटे का पता नहीं , पर मेरे पहुंचते ही उन्होंने मुझे चिढ़ाया कही तेरे साडी पे गिर जाय तो

और निष्पक्ष थर्ड अम्पायर की तरह मेरे पति ने अब अपनी भाभी का साथ दिया , चुपचाप अब की मैंने अपनी कलाई पकड़वा ली और साड़ी उतारने का काम जेठानी ने किया।और अब मैं सिर्फ ब्लाउज पेटीकोट में हो गयी थी, लेकिन बात ठीक भी थी, कपडे सिर्फ जेठानी के थोड़े उतरने थे, मेरे भी उतरने थे और जेठानी के देवर के भी उतरने थे,.

अब वो कैसे बचते , हम दोनों ब्लाउज पेटीकोट में आ गए थे और वो अभी भी टी और शार्ट में थे।

अब मैं और जेठानी मिल गए और वो सिर्फ शार्ट में रह गए।

खाना फिर चालू हुआ और और मैं और उन्होंने मिल के ऑलमोस्ट ठूंस ठूंस के जेठानी जी को खिलाया ,

मैंने तो ये भी कहा की अगर आपकी भाभी ऊपर वाले मुंह से नहीं खा रहीं तो नीचे वाले मुंह से खिलाओ न ,जाएगा तो पेट में ही न।

हाँ स्वीट डिश वेजिटेरियन थी ,बखीर ,गुड़ से बनी खीर

जिसकी तासीर बहुत गरम होती है और गौने की रात जबरदस्ती कटोरा भर अपनी नयी नयी भौजाई को खिलाती हैं , जिससे वो खुद अपने पेटीकोट का नाडा खोल दे।

उन्होंने उसका सवा गुना ज्यादा अपनी भौजाई को खिलाया था , और सबसे बढ़ कर उनकी भौजी की छुट्टी आज ही ख़तम हुयी थी , और उस दिन तो सब जानते है बिचारी औरतों की चुनमुनिया में कैसे चींटे काटते हैं बड़े बड़े।

ऊपर से उनके देवर का मोटा टनटनाया खूंटा ,शार्ट फाड़ता अपनी भौजी को ललचा रहा था।

लास्ट डिश सरप्राईज स्वीट डिश थी जो मुझे भी नहीं मालूम थी पर वो बेड रूम में सर्व होनी थी ,​
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