Update 02

शाम के 6 बजे रहे थे, मैं और विनीत बाजार जाकर सामान लेकर आ गये थे, तब तक पंखुरी ने पूरा घर साफ़ करके खाने की तैयारी भी लगाना शुरू कर दिया था। हम दोनों आते ही कालीन पर प्लास्टिक बिछाया और बोतल, गिलास, बर्फ, चिप्स के पैकेट, नमकीन रख दिया। पंखुरी ने मुझे अंदर बुलाया और बोली- क्यूँ? मैंने सही किया न? विनीत भैया को बुरा लग रहा था तो मैंने सोचा शायद इससे उन्हें अच्छा लगे। मैंने उसके माथे को चूम कर बोला- तुमने बहुत अच्छा किया, मैं खुद भी नहीं सोच पाता शायद ऐसे तो... थैंक यू! मैं उसकी बात से इतना भावुक हो गया कि मैंने उसके होंठों पे होंठ रख दिए। हम धीरे धीरे एक दूसरे के होंठों अपने होंठों में दबाकर चूस रहे थे, इसी बीच विनीत भी किचन में आ गया।

अबकी बार खांकरा नहीं और बोला यार, तुम लोगों का प्यार भी न जीनियस बुक में लिखवाना चाहिए। तुम दोनों एक दूसरे को सचमें इतना प्यार करते हो कि मुझे तुम दोनों से जलन होने लगी है। अभी तक हमारे होंठ चिपके हुए थे। वो बोला- तुम लोग कंटिन्यू करो, मैं बाद में आता हूँ। हमने अपने होंठों को आराम दिया और कहा तुझे क्या चाहिए? विनीत बोला पानी, मैंने कहा ले ले और फिर से अपनी बीवीको चूमने लगा। इस बार बीवी भी पूरे भाव के साथ किस कर रही थी, उसे किसी की कोई शर्म नहीं थी।

खैर विनीत पानी लेकर ड्राइंग रूम में चला गया, मैं भी 2 मिनट बाद बाहर आ गया, थोड़ा अँधेरा होने लगा था, मैंने कहा- पैग बना कर सिगरेट पीते हैं, तब तक पेग ठंडा होगा। पैग बनाया, चियर्स किया, एक एक सिप मारी और सिगरेट पीने बाहर चले गए। बाहर आकर विनीत बोला- भाई, तेरी बीवी तो यार मस्त है, अब उन्हें कोई हिचक नहीं है मेरे सामने। मुझे यह देख कर अच्छा लगा। विनीत थोड़ा रुक कर बोला- एक बात बोलूँ? मैंने हाँ में सर हिला दिया तो उसने कहा- तूने 2 दिन मुझे अपनी बीवी का अमृत पिलाया है। मैंने सोचा था कि तू शादी के बाद बदल गया होगा, सीरियस हो गया होगा। काफी समय से बातें भी नहीं हुई थी इसलिए मैं यह सोच रहा था कि यहाँ टाइम पास कैसे होगा। मैंने बीच में ही उसकी बात काटते हुए हंस कर कहा एक सिप में ही चढ़ गई क्या? सीधे सीधे बोल क्या कहना चाहता है? इतनी भूमिका मत बना, वो बस थोड़ा मुस्कुराया और चुप रह गया। मैंने फिर से बोला- क्या हुआ? बोलता क्यूँ नहीं?

बोला- चढ़ी नहीं है कमीने, बस ऐसे ही बोल रहा था कि इतना इतना टाइम हो जाता है, बीच में एक आध चक्कर तू भी लगा लिया कर भोपाल का या बातें ही कर लिया कर, मैंने बातोंको घुमाते हुए कहा क्यूँ बे? तू अपनी बीवी रितिका को क्यूँ नहीं लाया? तो उसने कहा यार, वो मायके गई हुई थी, वो परसों आने वाली है, बस वो तुझे और भाभी को सरप्राइज देना चाहती थी। पर तेरे को बता दिया है। उसको पता नहीं चलना चाहिए कि तुझे पहलेसे पता था। मैंने कहा डील भाई डील... बिल्कुल पता नहीं चलेगा। चल रितिका के लिए भी कुछ सरप्राइज प्लान करते हैं। वो आश्चर्य से मेरी तरफ देखने लगा। हम बातें करते करते छत पर पहुंच गए और एक एक सिगरेट और जला ली। मैंने पूछा- रितिका बिस्तर पे कैसी है? विनीत मुझे घूर रहा था। मैंने कहा- चूतिये, बता तो क्या वो वाइल्ड है? क्या वो चिल्लाती है? उसे कैसा सेक्स करने की तमन्ना होती है? विनीत बोला तू कैसी बातें कर रहा है बे? मैंने उसे थोड़ा ठंडा करते हुए कहा भोसड़ी के, हम एक दूसरेका लण्ड चूस चूस के बड़े हुए हैं, हमारे बीच कैसी शर्म? लड़कियाँ जो एक दूसरे को ज्यादा नहीं जानती वो तक अपनी न जाने कितनी प्राइवेट बातें एक दूसरे से शेयर कर लेती है। नहीं बताना तो माँ चुदा अपनी, भोसड़ी का ।

उसने जब मुझे गर्म होते देखा तो बोला लण्ड के... गुस्सा रहेगा या मैं रितिका के बारेमें कुछ बताऊँ, मैंने उत्सुकता से कहा बता, विनीत बोला, यार हम लोग तो मम्मी पापा और छोटी बहन के साथ रहते हैं इसलिए बहुत चुप और छुप छुप कर सेक्स करते हैं। पर हाँ जब कभी हम कहीं घूमने जाते हैं और होटल में चुदाई होती है तब हम दोनों ही इतने वाइल्ड होते हैं कि हम 2-2 दिन तक कमरे से बाहर ही नहीं निकलते। उसे बाथटबमें चुदवाना इतना पसंद है कि अगर होटल में बाथटब न मिले तो मुझे कभी कभी लास्ट मोमेंट पे दूसरा होटल लेना पड़ता है। कुल मिला के हम लगभग रोज़ रात को ही सेक्स करते है। पर यार, तेरी बीवी मतलब पंखुरी की तुलना में तो वो 50% भी हॉट या वाइल्ड नहीं कह सकता इसलिए थोड़ा झिझक रहा था।

मैंने एक गहरी सांस लेते हुए कहा- क्या तू अपनी बीवी को ग्रुप सेक्स के लिए मना सकता है? चारों साथ में मजे मारेंगे। उसकी आँखें एकदम चमक उठी, वो बोला भाई मजा ही आ जायेगा। पर क्या पंखुरी मानेगी? मेरी तरफ आशा की नज़र से देखने लगा। मैंने कहा पता नहीं, पर कोशिश करके देखता हूँ। अब हम वापस से नीचे आ गये और बेहद चुप होकर टीवी देखते हुए शराब पीने लगे। अब वो पंखुरी को बहुत ध्यान से उसके एक एक उतार चढ़ाव को देख रहा था। पंखुरी का पूरा ध्यान टीवी में था मेरा ध्यान टीवी में कम और पंखुरी को पटानेमें लगा हुआ था। और विनीत ख्याली पुलाव बनाते हुए मन ही मन ग्रुप सेक्स के बारे में सोच रहा था। विनीत थोड़ी देर बाद उठकर बाथरूम चला गया, मैं उठकर कालीन से सोफे पर बैठ गया। सोफे पर पंखुरी बैठी हुई थी, मैं विनीत के न होने का फायदा उठते हुए उसके बूब्स दबाने लगा वो अपना पूरा सीना मेरी तरफ आगे बढ़ा कर दबवाने के लिए उकसा रही थी। वो धीरे से बोली, थोड़ा धीरे धीरे दबाओ, इतना जोरसे नहीं। उसकी इस हरकत से में और उत्तेजित होने लगा, मैंने अपना हाथ उसके टॉप के अंदर डाल दिया और अब उसके नंगे बदनपर मेरे हाथ रेंग रहे थे, उसके मस्त उभारों को में सहला रहा था। वो मेरी तरफ न देखकर टीवी की तरफ ही देख रही थी जो पता नहीं क्यूँ पर बड़ा अच्छा लग रहा था।

मैंने देख लिया कि उधर अंदर की तरफ से विनीत चला आ रहा है, मैंने उसको आँखों से ही इशारा किया और अपनी बीवी का टॉप इतना उठा दिया कि विनीत थोड़ा दूर से देख सके। फिर मैं उन्हें चूसने लगा और दूसरे तरफ का निप्पलको रगड़ने लगा, विनीत थोड़ा झांक कर पंखुरी के नंगे बदन को देखने की कोशिश करने लगा। इतनेमें मैंने पंखुरी के कपड़े सही किये, थोड़ा दूर हटा कहा वो कभी भी बाथरूम से आ सकता है। विनीत थोड़ा पीछे हट कर दरवाज़े की आवाज़ करता हुआ आने लगा। पंखुरी धीरे से मुझसे बोली आपकी टाइमिंग बहुत अच्छी है।

मैं बोला- अंदर आ जा । और मैं बैडरूम में चला गया। वो एक मिनटके बाद आई, बोली क्या हुआ? और मेरे सीने पर सर रखकर मेरी छाती के बालों से खेलने लगी। मैंने कहा तूने तो अंदर कुछ पहना नहीं है, तुझे देख देख कर लण्ड चड्डी में खड़ा हो कर दर्द करने लगता है। तुझे अंदर इसलिए बुलाया है कि मेरा टॉवल कहाँ है, मैं एक मिनट में नहा कर आता हूँ। तो पंखुरी इठलाते हुए बोली नहाने की क्या ज़रूरत है? मेरा लण्ड पकड़ते हुए बोली इसे मेरे अंदर डाल कर गीला कर लो। और हंसने लगी। मैंने कहा तुझे इतनी आसानी से नहीं, धीरे धीरे तड़पा तड़पा कर पूरी रात चोदूँगा साली, तभी तो तुझे अंदर के कपड़े नहीं पहनने दिए। उसने मेरे लण्ड को जोर से दबा दिया और बोली आज देखते हैं, कौन पहले पिघलता है। आप मुझे उकसाओ, मैं आपको उकसाती हूँ। बस भैया का भी ध्यान रखना आप, मैंने कहा ओके, आज की रात मजेदार रात होगी उसने मुझे ढूंढ कर टॉवल दे दिया, मैं नहाकर सिर्फ टॉवल पहन कर बाहर आ गया।

जब मैं ड्राइंग रूम में आया तो मेरा पैग खत्म हो चुका था, मैंने पंखुरी की तरफ देखा तो मुझे अंदाज़ा लग गया कि मेरा बचा हुआ आधा पैग निबटा दिया है। मैंने आकर विनीत को बोला भाई, अपना पैग खत्म कर और नए पेग बना । उसने मेरी तरफ देखा तो बोला- यार, मुझे भी गर्मी लग रही है। या तो AC ऑन कर लेते हैं या मैं भी थोड़ा शावर लेकर आता हूँ। मैंने कहा AC ऑन कर लेते हैं पर अगर शावर ले लेगा तो पीनेमें और मजा आएगा। तो उसने अपने बैग से अपना टॉवल निकला और चल दिया बाथरूम की तरफ। जब वो कमरे से निकल गया तो मैंने पंखुरी से कहा क्यूँ री, तू मेरा पेग पी गई है ना? तो बोली- हाँ, मन कर रहा था, साइड में ही रखा था तो निबटा दिया... पर आप चिंता मत करो, विनीत भाई ने कुछ नहीं देखा।

मैंने फ्रिज से बर्फ निकाली और दोनों के पैग बना के रख दिए। फिर पंखुरी से पूछा तुझे और पीना है तो बता, तेरा एक पैग बना कर छुपा कर रख देता हूँ किचन में, तू बीच बीच में जाकर पी आना। या फिर हमारे साथ भी कर सकती हो। विनीत इतनी दतियनूसी सोच भी नहीं रखता। पंखुरी बोली आप मेरा पैग बना कर किचन में रख दो, मैं जब ठीक समझूंगी तो आप लोगोंके साथ चियर्स कर लूंगी । मैंने एक गिलासमें फटाफट पैग बनाया, बर्फ सोडा और ज़रा सी कोलाभी डाल दी और जाकर रसोई में रख दिया। इतनी देर में ही विनीत बाहर आ गया, वो भी टॉवल में ही था, उसने कहा- यार, मेरा बैग उठा के दे देना, मैं बैडरूम में चेंज कर लेता हूँ। तो मैंने कहा- क्या चेंज करेगा, आ जा ऐसे ही बैठ के पीते हैं। विनीत बोला- यार भाई, उधर पंखुरी भाभी भी बैठी है, अच्छा नहीं लगेगा। मैंने कहा- देख ले, वैसे घर ही है, be comfortab।e.

तो शायद उसे मेरी बात जंच गई वो ऐसेही आकर कालीन पर बैठ गया। अब हम तीनों ही मस्ती में थे। पंखुरी उठकर किचन में गई, में समझ गया अपना पैग मारने गई है, मैं पीछे पीछे गया तो इशारे से अपनी तरफ बुलाया, एक घूंट अपने मुंह में भरा और मुझे मेरी गर्दन से पकड़ के नीचे की ओर झुकाया और मेरे मुंह को खोल के उसके अंदर अपनी शराब मेरे मुंह में डालने लगी। मैंने पीते पीते उसके मुंहको चुम लिया और मैंने उसके बूब्स दबाए और चूतड़ शॉर्ट्स के ऊपर से ही हाथ फिराया। फिर हम वापस बाहर आ गये।

मैंने अपने फ़ोनसे बगलमें बैठी बीवी व्हाट्सप्प पे मैसेज किया कि देख अब जो तूने किचन में किया वो मैं तेरे साथ यहीं पर करूँगा। बीवी का मैसेज आया- मुझे पता है कि आप करोगे पर देखना यह है कि कैसे करोगे? ऐसी अदा से करना कि मैं आपका मुंह चूम लूँ। मुझे पता लग गया था कि आज बीवी बहुत ही अच्छे चुदाई के मूड में है। मैंने कहा विनीत, मेरी बीवी को शराब अच्छी नहीं लगती... पर एक तरीका है मेरे पास उसे शराब पिलाने का जिसे शायद ही वो मना कर पाये।

विनीत बोला अरे अगर भाभी पीती है तो पिलाओ भाई, हम भी कुछ गुर सीख लेंगे तुमसे। मैंने अपने मुंह में शराब भरी और बीवी के ऊपर चढ़ गया और उसका मुंह खोलने के लिए उसके जबड़े दबाए। मैंने अपने मुंह से छोटी सी धार उसके मुंह में डालना शुरू कर दी। पीते पीते जब एक सेकंड के लिए होंठ बंद हुए तो शराब उसके मुंह में न गिर के उसके चिन से होती हुई गले पर बहती हुई उसके बूब्स की तरफ बढ़ने लगी।

मैं अभी भी उसके मुंह में शराब गिरा रहा था, पंखुरी ने मुझे गर्दन से पकड़ के अपनी ओर खींचा और चूम लिया और अपनी जीभ को मेरे मुंह के अंदर डाल के कोने कोने से शराबकी हर बूँद खींचली । मैंने उसके मुंहसे हटते ही उसकी ठोड़ी और गले पर चुम्बन करते हुए उसके भरे हुए बूब्स की ओर बढ़ने लगा जहाँ जहाँ शराब से गीली थी, वहाँ वहाँ तक मेरी जीभ नीचे जा रही थी। जैसे ही मैंने बूब्स को चूसा और नीचे जाने लगा, पंखुरी ने हाथ से रोक दिया और शरमाते हुए बोली हटो अब । आपने पिलाई तो मैंने पी ली न। हम जैसे ही अलग हुए विनीत ने ताली बजा दी, बोला यार mind b।owing है तुम दोनों की जोड़ी। तुम दोनों कहीं और किसी भी चीज़ में रोमांस ढूंढ ही लेते हो।

शाम धीरे धीरे जवान हो रही थी, हमारे जिस्मों की खुमरियाँ बढ़ती जा रही थी। विनीत को देखकर पता चल रहा था कि वो लाइव रोमांटिक सीन देखकर उत्साहित हो गया है, उसके टॉवल के ऊपर से उसके लण्ड का प्रतिबिम्ब साफ़ दिखाई पड़ रहा था। मेरे मन में पंखुरी को विनीत के सामने ही चोदने का मन करने लगा। फिर मैंने सोचा की इस तरह से पंखुरी अभी विनीत के सामने खुल जाएगी तो जब उसकी बीवी रितिका आएगी तो उसे हमारे इस चंगुल में फ़साना शायद आसान हो जाए। मेरी बहुत पुरानी मरी हुई इच्छा फिर से सांस लेने लगी, शादी से पहले मेरी इच्छा थी कि मैं ग्रुप सेक्स करूँ पर कभी मौका ही नहीं लगा । पंखुरी 2 ड्रिंक तो पी ही चुकी थी जिसके कारण वो थोड़ी ज्यादा रोमांटिक हो रही थी और उसे विनीत से ज्यादा शर्म भी नहीं आ रही थी। विनीत बोला यार आजा एक एक सिगरेट पी कर आते है। मैंने पंखुरी को देखते हुए कहा आज के लिए घर में ही सिगरेट पी लें? पंखुरी की थोड़ी आँखें चढ़ी हुई थी, बोली मैंने कभी आपको 'घर के अंदर सिगरेट नहीं पियो' ऐसा तो नहीं बोला? वो तो आप अपनी मर्ज़ी से बाहर पीते हो। तो अभी भी आप मुझसे मत पूछो, आपका जहाँ दिल करे वहाँ सिगरेट पी सकते हो।

मैंने विनीत को बोला जला। विनीत ने बात खत्म होने से पहले ही सिगरेट मुंह में लगा ली थी और आदेश मिलते ही उसमें आग लगा ली। शराब का असली असर सिगरेटके धुएंके साथ ही शुरू होता है। अब शराब का सुरूर और मदमस्त बनाने लगा। मैंने विनीतको बोला तू कभी भोपाल में अपनी बीवी को गोद में बैठा के सुट्टे मारते हुए शराब पीता है? विनीत बोला नहीं यार, मेरी ऐसी किस्मत कहाँ... हम ये सारे काम अलग अलग और छुप छुप के करते है और हंसने लगा। मैंने कहा यार, छुप छुप के काम करने का मज़ा भी कुछ और ही है। पर हाँ यह बात भी सही है कि हमेशा छुप छुप के मज़ा नहीं आता। कभी छुप छुप के तो कभी खुल्लम खुल्ला पर थोड़ा परिवर्तन आना तो ज़रूरी है। एक ही एक जैसा काम करो तो बोरियत होने लगती है।

मैं और मेरी प्यारी बीवी पंखुरी तो बहुत डायनामिक है इस मामले में, हम अपनी ज़िन्दगी को स्पाइस अप करते रहते हैं किसी न किसी तरह। पंखुरी सोफे पर आधी लेटी हुई थी, उसने अपना सर हैंड रेस्ट पर टिकाया हुआ था, उसकी एक टांग मेरी पीठ के पीछे थी और एक मेरी जांघों के ऊपर, मैं सोफे पर बैठा हुआ था। उसने एक लॉन्ग स्कर्ट पहना हुआ था और ऊपर शार्ट टॉप, अंदर कोई गारमेंट्स नहीं। मैंने उसकी जांघों तक हाथ फेरते हुए कहा- क्यूँ, मैं सही कह रहा हूँ न? उसने एक हाथ से अपनी लॉन्ग स्कर्ट को घुटने के नीचे तक करके रखा हुआ था जिससे विनीत को कुछ न दिखे, पर मेरे हाथ को नहीं रोका और हाँ में सर हिला दिया। मैंने सिगरेट का कश मारते हुए पंखुरी से पूछा पीयेगी? तो पंखुरी बिना कुछ बोले जिस हाथ से स्कर्ट पकड़ी थी वो हाथ बढ़ाया और सिगरेट मेरे हाथ से ले ली। मैंने उसकी आँखों में इतनी मस्ती कभी नहीं देखी थी। उसने मुंह में सिगरेट लगाते ही जोर का दम लगाया और मैंने अपने हाथको थोड़ा और नीचेले गया जहाँ उसकी चूत टच हो सके। उसके कारण उसकी स्कर्ट थोड़ी सी और ऊपर उठ गई जो अब घुटने से थोड़ी ऊपर हो गई थी।

पंखुरी सुट्टा लगाते ही खांसने लगी। मैंने उसे थोड़ा सा उठाया उसकी पीठ सहलाते हुए बोला धीरे धीरे पीनी चाहिए थी, एकदम से पूरी सिगरेट थोड़े ही पीनी होती है। और उसकी बूब्स को ऊपर से ऐसे दबाया जैसे मरीजको सांस न आनेपर दबाया जाता है। विनीत ने पानी की बोतल उठा के दे दी, मैंने बोतल पंखुरी के मुंह से लगा दी। वो थोड़ा पानी पीकर नार्मल हो गई पर इसी सब उठा पटक में उसका टॉप और ऊपर चला गया जहां से उसके उभार की पहली किरण दिखने लगी थी। जैसे कोई ईद के चाँद हो और इधर जांघों तक स्कर्ट ऊपर उठ गई। विनीत मेरी तरफ देखता हुआ आँखों से इशारे से बताने की कोशिश कर रहा था कि स्कर्ट और टॉप थोड़ा नीचे कर दूँ पर वो अभी मेरा प्लान जानता ही कहाँ था, मैंने उसकी बातों को अनदेखा कर दिया।

अब आखिर वो भी जवान लौंडा, और ऊपर से तना हुआ लण्ड, उसनेnभी पंखुरी के जिस्म को निहारना शुरू कर दिया। पंखुरी भी मदहोश थी, उसकी आँखें बंद और उसके ऊपर मेरा स्पर्श उसे और भी ज्यादा मादक बना रहा था, उसकी चूत पर प्यारसे मेरा सहलाना उसकी ठोड़ी को थिरका रहा है।

इधर टीवी पर किसी का कोई ध्यान नहीं है और विनीत टॉवल के ऊपर से ही अपने लण्ड को दबा रहा है। मैं अभी अपने एक हाथ से अपने लण्ड को टॉवल से थोड़ा बाहर निकाल के उसके टोपे को रगड़ रहा हूँ। पंखुरीकी चूत अब तक काफी गीली हो चुकी है, वो इस समय अपनी कामाग्नि के चरम पर है। मैं धीरे से उसके बूब्स को छूने की इच्छा से टॉप के ऊपर से ही अपना हाथ लेकर गया। पंखुरी को जैसे करंट लग गया हो उसने तुरंत मेरा हाथ अपने टॉप और नीचे से हटा दिया।

विनीत को देखा तो वो बहुत फुर्ती से टीवी की ओर देखने लगा और उसकी पीठ हमारी तरफ थी। यह देख कर पंखुरी ने मेरी तरफ आश्चर्य के भाव से देखा जैसे वो कहना चाहती हो कि क्या तुम मुझे इसी के सामने चोदोगे। मैंने कोई रिएक्शन नहीं दिया, पंखुरी उठने की कोशिश करने लगी, मैंने उसकी उठने में मदद की और उसे बाँहों में भर कर उठाया। उसने पहले थोड़े कपड़े सही किये, मतलब नीचे किये, फिर बैडरूम में चली गई।

उसके पीछे पीछे बैडरूम में गया तो वो बाथरूम में जा चुकी थी, में वापस ड्राइंग रूम में आ गया।

विनीत ने पूछा सब ठीक तो है न? मैंने कहा हाँ यार, सब ठीक है। फिर धीरे से कहा तू बस शो एन्जॉय कर । मैंने एक सिगरेट निकाली और जला ली। तभी किचन में कुछ आवाज़ हुई, मैंने जाकर देखा तो पंखुरी अपना बचा हुआ पैग एक घूंट में खत्म कर रही थी। उसने मेरी तरफ देखा और अपने बूब्स को दबाते हुए नशीली अदा से अपने करीब बुलाया। मैंने जाकर पंखुरी को बाँहों में जकड़ लिया और उसकी स्कर्ट उठा कर अपने लण्ड को उसकी चूत पर टच करते हुए उसके टॉपको ऊपर उठा कर उसके बूब्स को अपने सीने से दबाने लगा। पंखुरी की सिसकारियाँ निकलने लगी, वो धीरे से मेरे कान में बोली देखा न, तुम हारने वाले हो। मेरा कंट्रोल तुमसे अच्छा है। मैंने उसकी बात को अनसुना करके अपना आधा लण्ड उसकी चूत में आधा ठेल दिया। अब तो पंखुरी से रहा ही नहीं गया और वो जोर से चिल्ला उठी उहह आहह उसका पानी मेरे लण्ड पे महसूस होने लगा। मैंने अपना लण्ड बाहर निकला और पंखुरी को अपने आप से दूर कर दिया, फिर धीरे से कहा इसे कहते हैं कंट्रोल । और जोर जोर से हंसने लगा।

पंखुरी नाटकीय रूप से गुस्सा होने लगी, बोली जाओ, मैं आपसे बात नहीं करती। ऐसे भी कोई करता है क्या अपनी बीवी के साथ? मैंने कहा अभी तो पूरी रात पड़ी है, अभी तुम्हारे पास और भी बहुत मौके हैं, उकसाओ मुझे इतना कि मैं तुम्हें पागलों की तरह चोदूँ। पंखुरी बोली आपको उकसाना तो आसान है पर विनीत भईया के चक्कर में बहुत से अपने जलवे नहीं दिखा पा रही जिसका आप फायदा उठा रहे हो। मैंने धीरे से बोला आज तुझे उसीके सामने चोदूँगा मेरी जान, पंखुरी को इस बात का कतई बुरा नहीं लगा क्योंकि वो यह जानती है कि जब मैं चोदने के लिए उत्साहित होता हूँ तो ऐसे ही गन्दी गन्दी बातें करता हूँ, तो वो मेरी ताल में ताल मिला कर बोली जहाँ मर्जी आये, वहाँ पर मेरे बदन के साथ खेलो जहांपना ।

वो मेरी रग रग से वाकिफ थी, उसे पता था अगर पलट कर ऐसे जवाब देगीतो मैं इतना उत्तेजित हो जाऊँगा कि उसे वहीं चोद डालूँगा, पर मैंने ऐसा नहीं किया और जाकर सोफे पर बैठ गया । विनीतके तो आँख कान सब हमारी बातोंमें ही लगे थे। मैंने अपने आप को कंट्रोल करने के लिए अपना ध्यान टीवी में लगाना शुरू किया और विनीत के हाथ से बिना कुछ बोले उसकी बची हुई सिगरेट लेली । 2-4 कश लगानेके बाद ही सिगरेट खत्म हो गई थी तो उसे बुझाने के लिए मैं मुड़ा तो किचन के दरवाज़े की तरफ देखकर भौंचक्का ही रह गया। उधर पंखुरी सिर्फ टॉवलमें खड़ीथी, किचन के दरवाज़े से सटकर जो सोफे से दिख रहा था, शायद विनीत जहाँ बैठा था वहाँ से नहीं। मैंने उसको इशारे से बोला आजा यहाँ आजा । किचन से ही पंखुरी बोलती हुई आई मैंने सोचा क्यूँ न आप लोगों का साथ दूँ आप लोगों की तरह टॉवलमें... और मैं भी पैग पीना चाहती हूँ। क्यूँ भइया, आपको बुरा तो नहीं लगेगा न?

विनीत ने जैसे ही पीछे मुड़ कर देखा तो उसके पसीने छूट गए बोला नहीं भाभी, यह आपका घर है, आप जैसे चाहे वैसे रह सकती हैं। और आप लोग मुझसे संकोच करेंगे तो मुझे लगेगा कि मैं आप लोगों के यहाँ गलत आ गया हूँ और मुझे शायद वापस जाना पड़े। प्लीज आप लोग comfortab।e रहे। फिर हंसते हुए बोला आज मैं आपको फालतू सवाल पूछ कर डिस्टर्ब भी नहीं करूँगा, चाहे कैसी भी आवाज़ें आयें। हम तीनों इस बात पर हंस दिए। मैं उठा और उसका गिलास जो किचन में रखा था, वो उठा लाया, अब तीन पैग बने पर अब पंखुरी बैठ नहीं रही थी क्योंकि उसका तौलिया बहुत ऊपर तक था। वो तो मुझे उसकाने के लिए विनीत के सामने पहन कर आई थी। वो सोफे के दूसरी तरफ खड़ी रही, मैं सोफे पर बैठा रहा और बेचारे विनीत को अपने तने हुए लण्ड को छुपाने के लिए चादर अपने ऊपर डालनी पड़ी।

मैं सोफे पर बैठा बैठा अपना हाथ बढ़ाकर उसकी चिकनी चूत को सहला रहा था। वो सोफे की तरफ झुकी हुई थी और उसके एक हाथमें गिलास था। मेरे एक हाथ में गिलास था और दूसरा उसकी चूत पर... थोड़ी देर में मेरी पूरी उंगली गीली हो गई।

इतने में विनीत उठा और बोला मैं वाशरूम होकर आता हूँ। मैंने कहा क्यूँ बे... मेरी बीवी को टॉवल में देखकर कही तेरा... बोलते बोलते पंखुरी ने मेरे मुंह पे हाथ रख दिया, बोली भइया इन्होंने थोड़ी ज्यादा पी ली है, कुछ भी बोले जा रहे हैं। आप प्लीज वाशरूम होकर आइये। विनीत बेचारा बिन पानी की मछली जैसा महसूस कर रहा था।

उसके जाते ही मैं पंखुरी का टॉवल थोड़ा पीछे से उठकर उसकी गांड सहलाने लगा। पंखुरी बोली आप भी कैसे बात करते हो? मैंने कहा चिंता मत कर, वो भी पीया हुआ है, उसे कल थोड़े ही न कुछ याद रहेगा। मैं उसे अच्छे से जानता हूँ। मैंने पंखुरी को बोला मैं जैसा कहूँ, वैसाही करना। उसने आँखों आँखों में ही हामी भर दी। जब विनीत वाशरूम से लौटा तो मैंने पंखुरी का टॉवल नीचे नहीं किया, आराम से उसके आते समय पंखुरी की गांड सहलाता रहा। पंखुरी मुझे घूर रही थी और धीरे से बोली टॉवल नीचे कर दो, वो देख रहे है। मैंने कहा तू चिंता मत कर, मुझे पता है कि मैं क्या कर रहा हूँ। विनीत आरामसे नंगी गांड की गोलाई नापता हुआ अपनी जगह पर आकर बैठ गया। मैं धीरे से पंखुरीसे बोला अगर वो पीये नहीं होता तो कुछ कहता, या वो भी तुम पर चांस मार कर तुम्हें छूने की कोशिश करता। पर वो बहुत पीया हुआ है इसलिए चिंता मत करो उसे कुछ याद नहीं रहने वाला।

विनीत ने थोड़ी बात सुन के ही आईडिया लगा लिया कि मैंने पंखुरी से क्या बोला होगा। तो विनीत टीवी के किसी सीन के बारे में कुछ बोलने लगा। इससे पंखुरी को और भरोसा हो गया कि विनीत को कुछ समझ नहीं आ रहा और वो बहुत ड्रंक है । उसी का फायदा उठाते हुए पंखुरी ने सोफे के पीछे से ही मेरा लण्ड टॉवल के ऊपर से पकड़ लिया और सहलाने लगी जो विनीत देख रहा था। धीरे से पंखुरी विनीत को देखते हुए ही मेरा टॉवल हटाते हुए अब सीधे मेरे नंगे लण्डको सहलाने लगी, मैंने फिर पंखुरीसे कहा देख... वो देख रहा है पर कोई रिएक्शन नहीं है। और अगर ऐसा होता तो मैं भी तो शर्माता जब तूने मेरा लण्ड बाहर निकाला तो, फिर मैंने पंखुरी का हाथ पकड़ा और उसे सोफे पर बैठने के लिए घुमा कर अपनी तरफ बुलाया। पंखुरी सोफे पर आकर बैठी। अब मैं आधा लेटा हुआ था और मेरी एक टांग पंखुरी की पीठ के पीछे और और एक जांघ के ऊपर, मेरी टाँगें चौड़ी होने की वजह से मेरा लण्ड अब पूरी तरह तौलिये से बाहर था, पंखुरी का हाथ मेरे लण्ड से प्यार कर रहा था और पंखुरी की आँखें केवल विनीत को देख रही थी, वो अपने आप पर विश्वास नहीं कर पा रही थी कि यह आदमी सुबह सब भूल जायेगा और इसे अभी कुछ समझ नहीं आ रहा।

पंखुरी मेरे लण्ड को छोड़ कर बोली यार, आप अंदर चलो न, मैं हार गई, प्लीज मुझे अंदर ले जाकर मेरी प्यास बुझा दो। इनको चाहे कुछ याद रहे या न रहे पर इनके सामने में शायद कुछ नहीं कर पाऊँगी, चलो न अंदर, मैंने कहा ओके, चलो पर देखो ये भी यादगार पल होंगे तुम्हारी ज़िन्दगी के जब तुम एक दूसरे मर्द के सामने चुदवा रही हो। बाकी मैं तुम्हे फ़ोर्स नहीं करूँगा, तुम जैसा कहो वैसा कर लूंगा। पर मैं इसे बहुत सालों से जानता हूँ, इसे दारु के दूसरे पेग के बाद कुछ याद नहीं रहता, इसके साथ कुछ भी करो। पंखुरी ने कुछ देर सोचा फिर बोलीnठीक है, आज किसी और के सामने नंगी होकर देखती हूँ, मुझे सोच कर ही करंट दौड़ रहा था। और पंखुरी ने फिर से मेरे लण्ड को पकड़ कर सहलाने और पुचकारने लगी। मैंने अपने पांव से पंखुरी का तौलिया हटाना शुरू कर दिया।

पंखुरी ने मेरे लण्ड को चूसना शुरू किया मैंने पंखुरी का तौलिया पूरी तरह उसके बदन से अलग कर दिया। पंखुरीने भी मेरा तौलिया हटा दिया। और जब पंखुरी मेरे लण्ड को चूस रही थी मैंने विनीत को इशारा किया कि ऐसे ही चुतिया बना रह, पंखुरी अच्छे से लण्ड चूसने के बाद 69 में आने लगी, बोली- आप भी करना चाह रहे होगे न? मैं मरी जा रही हूँ।

वाकयी कितना अच्छा लग रहा है मैंने कहा और मजा आएगा, अभी रुक तो सही, .मैं बोला विनीत भाई, कैसी लग रही है मेरी प्यारी नंगी बीवी? विनीत बोला भाभी तो बहुत खूबसूरत हैं। पंखुरी एकदम चौंक गई और जल्दी से मेरे ऊपर से हट कर तौलिया उठाने लगी। मैंने कहा वो ज़िंदा है, सब देख रहा है सब कुछ कर सकता है, पर सुबह सब भूल जायेगा, कोई सोया या मरा हुआ आदमी थोड़े ही है। पंखुरी के चेहरे पर थोड़ी सी शान्ति का भाव आया। फिर उसने देखा कि जल्दी के कारण वो विनीत के काफी करीब खड़ी थी, विनीत का लण्ड भी बाहर की ओर निकला हुआ था। मैंने पंखुरी का हाथ पकड़ा और अपनी ओर खींच लिया। पंखुरी बोली सचमें भैयाको सुबह कुछ याद नहीं रहेगा न? मैंने कहा हाँ यार, सही कह रहा हूँ। पंखुरी फिर बोली मैं इनके सामने आपसे और उनसे कैसी भी बातें करूँ न? मैंने कहा दिल खोल के जो चाहो करो। पंखुरी विनीत से बोली भैया, आपके टॉवल के अंदर से सब कुछ दिख रहा है। विनीत बोला भाभी, उसे लण्ड बोलते है, हाँ वो बाहर आ गया है। आपको कैसा लगा मेरा लण्ड? पंखुरी बोली आपका दिखने में बहुत सुन्दर है।

मैंने कहा तुम चाहो तो उसे छू कर देख सकती हो। पंखुरी बोली सचमें? मेरा मन करही रहा था, पर मैंने सोचा कि शायद आपको अच्छा न लगे। मैंने कहा यार तुम भी कैसी बातें करती हो? अगर किसी और के लौड़े को देखने या छूने से तुम्हारे मेरे लिए प्यार कम थोड़े ही होने वाला है।थोड़ा रूक कर मैं विनीत से बोला विनीत भाई, अपना टॉवल हटा कर आओ मेरी बीवीको अपना लण्ड दिखाओ, उसे अपने लण्डको छूनेदो।विनीत उठ कर खड़ा हो गया और सोफे से बिल्कुल करीब आकर बिल्कुल नंगा मेरी प्यारी बीवी पंखुरी की आँखों के सामने अपने लौड़े को पेश कर दिया। मेरी बीवी ने मेरी तरफ देखते हुए उसके लण्ड को धीरे से छूने के लिए हाथ बढ़ाये, फिर पूरा मुट्ठी में भर लिया। पंखुरी बोली- भैया, आपका लंड बहुत अच्छा और तना हुआ है । विनीत बोला- भाभी, क्या आप मेरे लंड को चूस कर मेरा पानी निकाल सकती हैं।

पंखुरी बोली हाँ भैया, क्यूँ नहीं। पर अभी थोड़ी देर आप अपने लंड को ऐसे ही रखिये, आप आराम से हम दोनों को प्यार करते हुए देखेंगे तो आपको चुसवाने में और भी मज़ा आएगा। फिर बीवी ने हम दोनों के लंड को पकड़ के खेलना शुरू किया, मेरे लंड को चूमती कभी विनीत के लंडको।विनीत भी आहें भर रहा था और मैं भी। मैं विनीत से बोला बहनचोद, तूने अपना लंड पकड़वाया हुआ है और वो देख, तेरे लंड को चूम भी रही है और तू है कि मेरी बीवी को प्यार भी नहीं कर रहा, चल तू भी अपना हाथ चला... मेरी बीवी को आज तक किसी और मर्द ने नहीं छुआ है। तू मेरी बीवी के किसी भी अंग को चूम और छू सकता है। विनीत बोला भाई थैंक यू, तूने तो दिल की बात कर दी।फिर विनीत मेरी बीवी के बूब्स को सहलाने लगा और निप्पलों के साथ खेलने लगा। पंखुरी की साँसें गहरी होती जा रही थी, पंखुरी बोली अब तो आप अपना लंड मेरे अंदर डाल दो, मैं मरने वाली हूँ, कब से तड़प रही हूँ आपके लंड के लिए, मैंने कहा चाहोतो आज इसका लंडले सकती हो? पंखुरी बोली नहीं, मुझे आपका ही लौड़ा अपने अंदर डलवाना है। अब पंखुरी को सोफे पे लिटाया और मैं उसके ऊपर आ गया। पर जगह कम थी इसके कारण स्ट्रोक्स अच्छे नहीं लग पा रहे थे, मैंने कहा- चल अंदर बिस्तर पे ही तेरी चुदाई करता हूँ। पंखुरी बोली हाँ, यहाँ अच्छे से लेट भी नहीं पा रही मैं।

हम तीनो नंगे ही बिस्तर पे चले गए। विनीत ने बोला भाई क्या मैं तेरी बीवी की चूत चाट सकता हूँ? बहुत देरसे इनकी खुशबूने मुझे दीवाना बनाया हुआ है। मैंने कहा मुझसे क्या पूछता है, मेरी बीवी से पूछ, उसने फिर कहा भाभी, क्या मैं आपकी चूत चाट लूँ? पंखुरी बोली नहीं भैया, अभी नहीं अभी मुझे लौड़े की ज़रूरत है, प्लीज आप माइंड मत करना।

मैंने कहा एक काम कर तू मेरा लंड चूस ले । पंखुरी बोली.ओह्ह... आप किसी मर्द से लंड चुसवा सकते हो, और ये किसी और लंड चूस सकते हैं? मैंने कहा अभी उसे चढ़ी हुई है, अभी वो कुछ भी कर सकता है। और मुंह तो औरत का हो या आदमी का रहेगा तो वैसा ही न पंखुरी बोली नहीं, मुझे अभी आपका लौड़ा अपनी चूत में चाहिए। और मुझे उठाने की कोशिश करने लगी। मैं उठकर उसके ऊपर चढ़ गया और दो ही बार में उसकी चूत में अपना पूरा लंड पेल दिया। अब विनीत मेरी बीवी के बूब्सके ऊपर अपने लंड से मार रहा था और मुट्ठ मार रहा था।

मैंने विनीत से बोला तू अपना मुंह लंड के पास लेकर आ। विनीत उल्टा लेट गया, अब उसकी टाँगें बीवी के मुंह की तरफ और उसका मुंह मेरी बीवी की चूत और मेरे लंड के करीब था, विनीत की गर्म साँसे में अपने टट्टे पर महसूस कर रहा था। मैंने अपना लंड पंखुरी की चूत से बाहर निकला और विनीत के मुंह पे रख दिया, विनीत को जैसे ही गीला गीला महसूस हुआ, उसने तुरंत उसे अपने मुंह में ले लिया। मैंने फिर उसके मुंह से बाहर निकाला और बीवी की चूत में डाल दिया, फिर 2 धक्के बीवी की चूत में और 2 धक्के विनीत के मुंह में मारने लगा।

विनीत को पंखुरी का पानी पीना था, उसका इससे अच्छा उपाय नहीं था। जब मैं पंखुरीकी चूतमें धक्के मारता तो विनीत कभी मेरी गांड चाटता और कभी पंखुरी की। इधर जब पंखुरी को उसकी गांडपे जीभ महसूस हुई तो और ज्यादा उत्साहित हो गई और उसने भी विनीत के लंड को सहलाना और मुट्ठ मारना शुरू कर दिया, मैं पंखुरी की चुदाई के साथ साथ उसके बूब्स भी मसल रहा था। हम तीनों की सिसकारियाँ और आहें कमरे में गूंजने लगी। पंखुरी बोली- भैया, आप वहाँ से हट जाओ, मैं आने वाली हूँ। विनीत बोला- भाभी, आप आ जाओ, पूरा पानी मेरे ऊपर निकाल दो, कोई बात नहीं, मुझे अच्छा लगेगा। मैंने कहा- पंखुरी, तुम किसी की चिंता मत करो, बस चुदो मुझसे, मैं भी आने वाला हूँ। मेरी आवाज़ें तेज़ होती जा रही थी, मैंने कहा- रंडी साली कुतिया, दूसरे लंड को कैसे मसल रही है? तेरी माँ की चूत। तेरी चूत को मार मार के भोसड़ा बना दूंगा माँ की लौड़ी। पंखुरी बोली- और चोदिये न, आपकी ही चूत है, जितना मर्जी आये, उतना इसे चोदिये, मैं तो आपसे चुदने के लिए ही बनी हूँ, आपकी रंडी बनकर ही रहना चाहती हूँ। हम दोनोंका लगभग एक साथ स्खलन हो गया। इधर विनीत लगातार मेरी और पंखुरी की गांड चाटे जा रहा था। फिर जब मैं पूरी तरह पंखुरी की चूतमें झड़ गया तो मैंने अपना लंड बाहर निकाला जिसे विनीतने बहुत अच्छे स साफ़ किया। फिर उसने मेरी बीवी पंखुरी की चूत को भी अच्छे से चाट के साफ़ कर दिया।

इधर पंखुरी ने विनीत को भी हिला हिला के पागल सा कर रखा था। मैंने अपनी बीवी से उसका लंड छुड़ाया और विनीत के लंड को अपनी बीवी के सामने ही चूसने लगा। पंखुरी बोली- आप? मैंने कहा- जिसने तुम्हें इतना अच्छी अनुभूति दी है, उसके लिए ये क्या मैं कुछ भी कर सकता हूँ। पंखुरी बोली- आप हटो, मैं चूस लेती हूँ। आदमी का लंड औरत चूसे तो ज्यादा अच्छा लगता है। मैंने कहा- ठीक है, पर विनीत को बहुत अच्छे से तृप्त कर देना। मैंने कहा- तुम उसके ऊपर लेट जाओ, अपने बदन से उसके बदन को रगड़ कर उसकी मलाई का कतरा कतरा निकाल दो।

विनीत के नंगे बदन पर पंखुरी लेट गई और मछली की तरह उसके बदन पर फिसलने लगी। विनीत ने पंखुरी को बाँहों में जकड़ा और बोला- भाभी आप ग्रेट हो, आप जिस तरह मेरे बदनकी आग भड़का रही हो, मुझे मन कर रहा है कि मेरी मलाई कभी न निकले और मैं आपके साथ आपके पति के सामने ऐसे ही नंगा पड़ा रहूँ। भाभी अपनी चिकनी चूत को मेरे लंड पर रगड़ दीजिये प्लीज,

पंखुरी बोली- भइया, आप मुझे जकड़े हुए हैं, मैं हिल भी नहीं पा रही। आप छोड़िए तो मुझे, मैं आपका दिल खुश कर दूंगी। मैंने कहा- विनीत, मज़ा आ रहा है मेरी बीवी के साथ? विनीत बोला- यार ये ज़िन्दगी का सबसे सुहाना पल है, मैं इसे कभी नहीं भूल पाऊँगा। फिर बोला- भाभी, आप तो सेक्स की देवी हो। कितने अच्छे से सारे काम करती हो। पंखुरी बोली- थैंक यू । विनीत बोला- भाभी में थोड़े अपशब्द का उपयोग कर लूँ, मेरे लंड की मलाई का फव्वारा बस निकलने ही वाला है। पंखुरी बोली- भइया, आप कुछ भी बोलिए, अब तो मैं आपके साथ नंगी ही पड़ी हूँ, मुझे जैसे चाहे उपयोग करिये। आपका लंड बहुत प्यारा है, बिल्कुल रोहित जैसा लंड। क्या आप मेरी चूत में अपना ये लंड डालना चाहेंगे?

विनीत ने मेरी तरफ देखा, मैंने कहा- तेरी और पंखुरी की इच्छा होनी चाहिए, मुझे कोई दिक्कत नहीं है। चूत क्या है, सिर्फ एक छेद है उसमें कोई और लंड चला जायेगा तो वो बर्बाद थोड़े ही हो जाएगी? 4 दिन की ज़िन्दगी है, हंस खेल कर गुज़ार लें। मैंने पंखुरी से कहा- तुम दोनों को खेलते देख मेरा फिर से खड़ा हो गया है। पंखुरी तब तक फिसल कर विनीत की टांगों की बीच अपना मुंह ला चुकी थी, वो उसके टट्टों को चाट चाट के लाल कर चुकी थी। उसने वहीं से अपना हाथ बढ़ाया और मेरे लंड को भी हिलाने लगी। मैंने कहा- पंखुरी, दो लंड लोगी? विनीत तुम्हारी चूत मार देगा, मैं तुम्हारी गांड मार देता हूँ। पंखुरी बोली- मैं तैयार हूँ, पर पहले आप दोनों मुझे मेरे पूरे बदन को चूमो और चाटो।

पंखुरी धीरे धीरे बहुत खुल गई थी। विनीत उठ गया, पंखुरी लेट गई। अब विनीत पंखुरी की टांगों के बीच अपना मुंह ले गया और एक हाथ से एक बूबे को रगड़ने लगा। मैंने उसके दूसरे बूबे को मुंहमें लिया और चूसने लगा और एक ऊँगली से पंखुरी के चूत के दाने को रगड़ने लगा। पंखुरी बोली- कितना अच्छा लग रहा है, आप दोनों कितने अच्छे हो, कितने प्यार से मेरे साथ खेल रहे हो। पंखुरी ने एक हाथ मेरे सर पे और दूसरा विनीत के सर पे रख हुआ था, वो धीरे धीरे पर कड़क हाथों से हमारे सर को सहला रही थी। पंखुरी फिर बोली- भइया, आप बहुत अच्छे से चाट रहे हो। क्या मैं आपके मुंह में अपना पानी निकाल सकती हूँ? विनीत बोला- भाभी मैं तो कब से आपका पानी पीने के लिए मरा जा रहा हूँ। आप एन्जॉय करो और निकाल दो पूरा पानी मेरे मुंह में। विश्वास मानो मुझे बहुत अच्छा लगेगा। पंखुरी बोली- सुनो, क्या आप भी मेरे नीचे जा सकते हो? मेरे दूसरे छेद को प्लीज चाट दो। जब हम चुदाई कर रहे थे और भैया चाट रहे थे तो बहुत अच्छा लगरहा था। मैंने कहा- ओके डार्लिंग, तुम्हारे लिए में कुछ भी कर सकता हूँ।

अब पंखुरी डॉगी स्टाइल में बिस्तर पर उलटी लेट गई विनीत उसकी चूत के नीचे आ गया और मैंने अपना लंड विनीत के लंड पे रख दिया और पंखुरी की गांड पे अपना मुंह रख दिया। चाटने की आवाज़ और पंखुरी की सिसकारियों से कमरे में माहौल और भी ज्यादा सेक्सी हो गया था। पंखुरी की कमर से झटके महसूस होने लगे जैसे वो अपने पानी को बाहर की और ठेल रही हो। पंखुरी ने 2-3 मिनट में ही पूरा बिस्तर और विनीत का मुंह पूरी तरह गीला कर दिया। इतना वो नॉर्मली कभी पानी नहीं निकालती आज तो बहुत पानी निकला उसका। पंखुरी बुदबुदाती हुई बोली आप दोनों अपने अपने लंड को मेरे अंदर डाल दो जल्दी। विनीत अपनी ही जगह पर ऊपर सरक गया, अब उसका तनतनाता हुआ लंड पंखुरी की चूत के बिल्कुल सामने था और मैंने उठ कर पंखुरी की गांड पर अपना लौड़ा तैनात कर दिया। मैंने और विनीत ने पंखुरी को सैंडविच बना लिया था।

मैंने कहा- विनीत, एक साथ लंड डालेंगे, जब मैं 3 बोलूँ तो तू भी डालना, मैं भी डालूंगा... मेरी प्यारी जानेमन पंखुरी को पता न चले कि दर्द हो कहाँ हो रहा है। विनीत बोला- ओके । मैंने कहा- 1 -- 2 -- 3, तीन बोलते ही दोनों ने एक साथ उसके अलग अलग छेदों में लंड डाल दिए। मैं पंखुरी की गांड कम ही मारता हूँ इसलिए वो अभी भी कड़क है। पंखुरी के मुंह के सामने विनीत था, पंखुरी बोली- भइया, जी भर के चोदो अपनी भाभी को। आपका लंड अंदर जाकर और भी अच्छा लग रहा है। विनीत पंखुरी को किस करने के लिए अपना मुंह आगे लेकर आया तो पंखुरी पीछे हट गई।

विनीत बोला- भाभी, आपने सब कुछ किया पर लिप टू लिप किस में आप पीछे हट गई, ऐसा क्यूँ? पंखुरी बोली- आपके पूरे मुंह में मेरा पानी है, मैं आप दोनों की मलाई तो खा जाती हूँ पर अपने खुद के पानी का टेस्ट मुझे ठीक नहीं लगता । सॉरी, आप अभी चुदाई कर दो मेरी, फिर मुंह धोकर मैं आपको किस भी कर दूंगी। विनीत हंसते हुए बोला- ठीक है भाभी डार्लिंग, फिर 2-3 धक्कों के बाद ही विनीत बड़बड़ाने लगा- ले माँ की लौड़ी ले, अपनी चूत में ले मेरा लौड़ा ... मादरचोद! रोहित तेरी बीवी तो माल है, साली कुतिया, क्या मस्त उछल उछल के लेती है। रंडी मेरी रंडी, चोद चोद के तेरी चूत मेरी मलाई से भर दूंगा बहन की लौड़ी।

पंखुरी विनीत के बालों को पुचकारते हुए बोली- भइया, आप बहुत अच्छी चुदाई करते हैं। आपका कड़क लंड ऐसा लग रहा है जैसे लोहे की रॉड अंदर डाल दी हो। आप तो... आह ओह्ह्ह आह... भर दो ओह्ह्ह आह आह मेरी चूत को । इधर मैं भी स्पीड बढ़ा चुका था। पंखुरी बोली- रोहित, आज प्लीज आह ओह्ह्ह... मेरे ऊपर कोई रहम मत करो, मेरी गांड फाड़ डालो। आपका लंड गांड में आह ओह्ह्ह आह आह ओह्ह्ह आह... चोद डालो। विनीत बोला- मैं आ रहा हूँ। भाभी आपकी चूत में ही डाल दू या मुंह में लोगी? मैं बोला- भर दे इसकी चूत को, साली ज़िन्दगी भर याद रखेगी तुझे। पंखुरी और विनीत दोनों कराहते हुए एक दूसरे में समां गए।

मैं अभी भी पंखुरी की गांड तेज़ तेज़ मार रहा था, पंखुरी बोली- रोहित, प्लीज निकाल लो, मुझे दर्द हो रहा है। मैंने कहा- अभी तो तू बोल रही थी कि मुझ पर कोई रहम मत करना? अब ले, विनीत हंसने लगा। मैं हांफते हांफते बोला- एक शर्त पे छोड़ सकता हूँ, अगर तुम दोनों साथ में मेरा लंड चूसोगे? पंखुरी बोली- हाँ बाबा हाँ, प्लीज छोड़ दो मुझे, मेरी गांड फट गई है। मैं बिस्तर पर सीधा लेट गया, पंखुरी बोली- भैया, आप मुंह धोकर आ जाओ। विनीत बिना कुछ बोले मुंह धोने चला गया, पंखुरी ने मेरा लंड पहले कपड़े से अच्छे से साफ़ किया फिर मेरे लंड पे जीभ फेरने लगी।इतनी देर में विनीत भी मुंह धोकर आ गया और वो भी जीभ से मेरे लंड को सहलाने लगा। दोनों की जीभ बीच में टकरा रही थी। अब दोनों ने मेरे लंड को बीच में रखकर एक दूसरे को लिप तो लिप किस करना शुरू किया।

मेरे लंड के टोपे पर दोनों के ऊपर के होंठ थे और जीभ जब एक दूसरे के मुंह में डालने की कोशिश करते वो मेरे लंड से होकर ही गुज़रती। मैं तो पहले ही बहुत उत्तेजित था कि मैंने उन दोनों के मुंह में अपनी मलाई उड़ेलना शुरू कर दिया, 3-4 पिचकारी निकली, दोनों के किस में कोई फर्क नहीं पड़ा, वैसे ही स्लो मोशन में वो एक दूसरे को किस करते रहे और मेरी मलाई पंखुरी अपने मुंह से उसके मुंह में रखती विनीत अपने मुंह से पंखुरी के मुंह में। विनीत और पंखुरी एक एक हाथ मेरे अंडकोष पर और पंखुरी को दूसरा हाथ विनीत के अंडकोष पर और विनीत का एक हाथ पंखुरी के बूब्स पर था। मुझे अब बहुत तेज़ नींद आ रही थी।
यही आखरी बात याद है मुझे उस रात की,

मैं कब नींद की ख़ामोशी में सो गया, मुझे याद नहीं।​
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