Update 01

सलाम सभी लड़कियों और भाभियों लोग को।

मेरा नाम है आशमा नूर और मै एक शादीशुदा लड़की हु मेरा निगाह मेरे खाला के सहेली के बेटे वसंत अंसारी से हुआ जो की दिल्ली के एक ऑफिस ने मैनेजर है, मेरा निगाह बहुत लेट से हुआ है क्यूंकि मै पड़ रही थी मैने MA किया है इंग्लिश से ।

और मै बचपन से हि बहुत सरीफ और कम बोलनी वाली लड़की थी मै जब भी कॉलेज जाति तो हिजाब मे जाति और अगर मार्केट जाति तो बुरखा मे जाति ।

मै हैदराबाद की हु और मेरे घर वाले एकदम स्ट्रिक थे अम्मी तो कभी भी बिना हिजाब or बुरखा के बाहर जाने हि नही देती थी

जब हम कॉलेज मे BA मे थे तो मेरी सब फ्रैंड के बॉयफ्रेंड थे आप लोग अगर कॉलेज गये होंगे तो पता होगा की कॉलेज मे सब लड़कियों के बायफ्रेंड होते है किसी किसी की तो 2-3 बॉयफ्रेंड होते पर मेरा कोई बायफ्रेंड नही था क्यूंकि मैने बनाया हि नही थी घरवाले के डर की वजह से । मेरी फ्रेंड फरीदा के तो 4 बायफ्रेंड थे वो चारो से चुदती थी और अपना खर्चा भी निकलवा लेती थी ।और वो चारो लड़के गौर धर्म के थे मतलब हिन्दु थे वो सब । मेरी 5 फ्रैंड थी और सब के सब हिन्दु बॉयफ्रेंड रखे थे ।

जाफरी कहती थी की हिन्दु लड़के से चुदने मे मजा बहुत आता है वैसे भी निगाह तो घरवाले करवाएंगे नही हिन्दु से तो कम से कम चुदवा तो सकती हु ना ।

मेरी सब सहेलिया अपने अपने बॉयफ्रेंड की खूब तारीफ करती ।मेरी फ्रैंड खुसबु खातून का बॉयफ्रेंड बहुत हैंडसम था बस उसका नाम जय पांडे था और बहुत हि हट्टा कट्टा भी लगता था

मै पता नही क्यून उसको देखती तो मुझको बहुत अच्छा लगता था

मेरी सब सहेलिया अपने बॉयफ्रेंड से चुदने ले लिए घर पर बहाना बना कर जाति थी जैसे की शॉपॉइंग करने जा रही हु , कोई मस्जिद जा रहु हु फ्रैंड के साथ , कोई कहती अम्मी फ्रैंड के घर जा रही हु पड़ने (पर पड़ने के बहाने वो अपनी चूत चुदवाती थी )

कभी कभी तो मेरा भी मन करता की मै भी चुद जाऊ पर मैने कभी चुदी नही थी। पर मन बहुत करता था वो सब जवान लड़कियों का करता है ।

और मेरी गली की कम से कम 40-50 लड़किया जो कॉलेज और कॉलेज जाती है सब के सब बॉयफ्रेंड बना रखे है मै कभी साहिदा को गार्डन मे देखती बायफ्रेंड के साथ तो कभी आलिशा को ओये मे जाती देखती लड़के के साथ ।

मेरी गली की सब लड़किया का बायफ्रेंड है और इनमें से सब के सब काफिर बायफ्रेंड हि रखती थी क्यूंकि पता था की निगाह के बाद तो ,., लंड नसीब हो हि जायेगा पर निगाह से पहले काफिरो के साथ सोने मे क्या हर्ज।

मै एक बार अपनी फ्रैंड खुशबू से बोली की तुझको अल्लाह हियायत दे जो तुमने काफिर बायफ्रेंड बना रखा है ।

खुशबू खातून बोली...अरे पागल अल्लाह ये नही कहते की तुम चुदाई मत करो बस अपने अल्लाह पर विश्वास रखो और जिससे चाहो उससे चुदो समझी की नही तु ।

मै ठीक है जैसी तेरी मर्जी ।

खातून...तु कहे तो तेरा भी काफिर से टाका भिड़वा दु ।

मै...छी छी मै वो भी काफिर से ।

खातून...अरे एक बार चुद तो जा पहले काफिर से फिर कहना कितना मजा आएगा ना तुझको की तु सब कुछ भूल जाएगी ।

मै ...अच्छा छोड़ ये सब बात ।

खातून...क्यून मजा नही आ रहा है क्या और वैसे भी पता नही तूने कैसे आशमा अपनी जवानी अभी तक बचा कर रखी है 3 ईयर तक मै तो पहली साल से हि जय से चुद रही हु ।

फिर मै चाली गयी और अगले महीने हम सब का रमज़ान आने वाला था तो

मै अपने ग्रुप मे बैठी थी और बोली की रमज़ान की तैयरी अच्छी चल रही है ना खुशबू .

खातून...हा चल तो अच्छी रही है काश ना रमजान के महीने सिर्फ अपने बॉयफ्रेंड के बाहो मे गुजरे ।

दूसरी सहेली फरीदा ...हा यार खातून तु सही कह रही है काश उस टाइम मै अभिनाश के बाहो मे अपनी रोज रोजा खोल पाती ।

तभी मै हस्ते हुयी बोल पड़ी की अच्छा पर तेरा तो 4 बॉयफ्रेंड है तु क्या चारो के साथ रोजा खोलती रोज।

फरीदा ...हस्ते हुए हा पगली एक हफ्ते अविनाश के बाहो मे अगले हफ्ते अरुण के बाहो मे फिर अगले हफ्ते अंकित के बाहो मे और फिर अगले हफ्ते फिर आकाश के बाहो मे ।

मेरी सब सहेलिया हसने लगती है और साथ मे मै भी

तभी जाफरी बोली वाह फरीदा क्या सोच है तेरी हर हफ्ते हर किसी के बाहो मे ।

फिर ऐसे हि हम सब का मजाक चलता रहता और मेरी सहेलिया अपने बॉयफ्रेंड से चुदती रहती जहा भी मन करता ।

फिर ऐसे हि जब मै MA मे गयी तो फरीदा की निगाह हि गया उसके चाचा जान के लड़के के साथ पर निगाह वाले महीने मे फरीदा अपने सब बॉयफ्रेंड से खूब चुदी नंगी हो होकर चुदी और उनके साथ बिना ब्रा और पेंटी के साथ हाथ मे हाथ डालकर घूमती ।

फिर उसका निगाह हो गया और निगाह के 4 महीने यही रही और इन 4 महीने मे भी फरीदा ने अपने बॉयफ्रेंड से खूब चुदती थी निगाह के बाद भी मैने उसको कभी कहा की अब तो निगाह हो चुका है अब तो कम से कम सौहर के प्रति प्यार रख।

फरीदा...अरे मेरे सौाहर का बहुत हि छोटा है मुझको मजा नही आता ।

मै ...छोटा मतलब।

फरीदा...अरे उसका लंड बहुत छोटा है और मेरे बॉयफ्रेंड का लम्बा मोटा लंड है मुझको ना लम्बा और मोटा लंड हि लेने मे मजा आता है ।

फिर मै उसको समझना छोड़ दिया फिर उसके बाद जाफरी की भी निगाह हो गयी और फिर सॉफी का सब का निगाह हो गया पर सब के सब के बॉयफ्रेंड के साथ नही बस खुशबू खातून की शादी उसके बॉयफ्रेंड के साथ हुयी थी बस पता नही उसके घर वाले कैसे मान गये वैसे भी जय का ना लंदन मे जॉब लग रहा था तो सायद घर वाले मान गये होंगे फिर खातून की निगाह मे हम गये थे वो ना जय के धर्म के अनुसार निगाह करी थी जय मे सायद निगाह को शादी कहते है

और मेरी फ्रैंड खुसबू ने अपना धर्म भी चेंज कर लिया अपने मर्जी से ।

फिर मेरी फ्रैंड खातून ने अपना नाम मुस्कान रख लिया था फिर वो जय के साथ लंदन चली गयी ।

फिर मै अकेली बस पेपर देने जाती थी ma की बस घर से पढ़ाई की फिर अगले साल मेरा भी निगाह लग गया और इस बिच मेरी सब फ्रैंड मिली और सब यहा आने के बाद अपने अपने काफिर बॉयफ्रेंड से चुदने जाती थी ।

और सब कहती थी की पता नही कियो हमको इनका मोटा लंड से हि मजा आता था ।

फिर मेरा निगाह हो गया तो मेरी सब सहेलिया आयी थी ।।

मुस्कान...देखना अब तेरी सिल टूटेगी कल की रात तैयार रहना आशमा ।

मै अरे चल हत..

फरीदा...जब तेरा सील टूटेगा ना तब तुझको बहुत दर्द होगा ।

जाफरी ...अरे नही पगली अगर काफिर लड़का होता तब तुझको बहुत दर्द होता ।

इस पर सब हसने लगाते है और एक साथ् अब टूटेगी सील मेरी पायरी कुंवारी सहेली आशमा की ।

और मै शर्मा कर अपनी सर झुका लेती हु ।

तभी अम्मी बोलती है की अरे बच्चियों कहा हो यहा आओ खाना खा लो सब चली जाती है बस खातून रुक जाती है ।

मै और बता लन्दन मे सब कैसा चल रहा है ।

खातून...ठीक चल रहा है सब ।

मै...तेरे सौाहर तुझसे अब भी वैसे हि प्यार करते है ना

खातून...हा पगली वो मुझसे अभी भी ऐसे हि प्यार करते है मै उनके बिना नही रह पाती ना वो मेरे बिना रह पाते है ।

मै….चल ठीक है मेरे फ्रैंड मे बस तुहि अपने बॉयफ्रेंड से निगाह की है।

खातून...हा वो इतना कामता है की घर वालो को तो मानना हि था ।

मै ...हुसते हुए वैसे तेरे मांग मे सिंदूर और मंगलसूत्र अच्छा लगा रहा है ।

खातून...और तु भी तो कितनी खूबसूरत लग रही है निगाह के जोड़ा मे तभी जय तेरा तारीफ करता था ।

मै(मन मे पता नही क्या हो गया था मेरा निगाह भी हो चुका था मै हुसते हुए अच्छा क्या कहता था)

खातून...यही की तु कितनी सरीफ और संस्कारी लड़की है जो सिर्फ अपने काम से काम रखती है । और बहुत खूबसूरत भी है ।

मै हसते हुए तुझको जलन फील नही हियी जब जय ने ये कहा ।

खातून...जलन फील क्यू करु मै वो तेरा तारीफ हि तो कर रहा था ना फी कौन सा तुझको चुदवाने की बात कर रहा था ।

मै शर्माते हुए हत पगली । (हलकी मेरे घर वाले बोल दिये थे की खातून को ना बुलाये क्यून वो अब गौर धर्म की हो गयी है पर मैने जबरजस्ती की की जब उसके अम्मी अब्बू को दिक्क़त नही थी अम्मी तो आपको क्यून है किसी तरह से मैने मनाया था )हलकी मेरे भाई के बहुत से दोस्त हिन्दु है वो भी आये थे ऐसी बात नही है

फिर अगले दिन मै गयी अपने सौाहर के घर पर शाम को उनका ऑफीस से कॉल आया और वो जाने वाले थे तो अम्मी ने कहा की इसको भी लेकर जले जाओ वाही पर । मै कपड़ा चेंज करना चाहती थी पर अम्मी ने कहा की नही निगाह के बाद जोड़ा मे हि रहना चाहिए जब तक सौाहर रात को कुछ करे ना ।

मै शर्मा गयी थी

फिर वसंत ने मुझको लेकर ट्रेन से दिल्ली आ गये ।(आते वक्त ट्रेन मे सब लोग मुझको हि देख रहे थे क्यूंकि मै निगाह के जोड़ा मे बहुत हि खूबसूरत लग रही थि मैने लहगा पहना हुआ था और माग मे और गले मे खूबसूरति के लिए गहना पहन रखी था और हमरे बगल वाले सीट पर एक उड़ेल उर्म के अंकल बैठे थे जो की मेरे सौाहर से पूछा भी था की आपकी शादी हुयी है क्या

वसंत् जी अंकल कल हि हुयी है ।

अंकल..मुझको देखते हुए अरे बेटा तो अपनी खूबसूरत बीबी को ऐसे हि सजा कर क्यून ले जा रहे हो

वसंत...अरे अंकल वो अचानाक् मेरी कम्पनी वाले ने फोन करके बुला लिया ।

अंकल...अरे ठीक है बेटा तो कम से कम फर्स्ट क्लास टिकट बुक कर लेते

वसंत...अरे अंकल वो अवलेबल नही था ना ।

अंकल...मुस्कुराते हुए अरे बेटा इतनी भीड़ मे कोई शादीशुदा लड़की ऐसे रहेगी तो सब के सब उसको हि देखते रहते है ।

वसंत...शर्म से सर् कर छूका कर तभी तो अंकल मैने बेगम को खिड़की के पास बिठाया हु ।

और सामने वाली सीट खाली थी और मेरे बगल मे भी मेरे सौहर् के आलवा कोई नही था लेकिन जब हम ऊपर आ रहे थे तो बहुत भीड़ थी लेकिन उस ट्रेन से बस हम

तभी एक आदमी आया और बोला की दुबे जी मै वहा पर बैठ जाऊ ।

अंकल...गुस्से से सले देख नही रहा है की एक सादीशुदा जोड़ा बैठा है तु यहा किसी लिए बैठेगा साले उस लड़की को ताड़ने के लिए।

ताड़ना ...सुनकर मै और मेरे सौाहर दुबे अंकल को देखने लगते है ।

वो आदमी अरे नही दुबे जी मै तो बसबैठने के लिए आया हु जगह नही है ना ।

तभी पीछे से 6-7 लोग आये और बोले साले बहनचोद जब मालिक बोल रहे है की मत बैठ तो तेरी हिम्मतकैसी हुए उसने बहस करने की ये कहकर वो लोग उसको 2-4 थप्पड़ मार देते है जिससे मै डर जाती हु सौाहर भी ।

फिर मै समझ गयी की ये कोई गुंडा है ।

मै बहुत डरने लगी थी क्यूंकि मेरे मोह्हले मे भी एक गुंडा था रोहित सिंह उसका दिल आ गया था मालवी साहब की बेटी के ऊपर उसने ना उसके निगाह के दिन हि उसको ऊपर चोद रहा था और निचे सब बस उसका चीखे सुन रहे थे और सब शर्म से सर झूकाये थे ।

मै वो याद आते हि डर गयी की मै आज कितनी सजी हुयी हु कही इसका दिल ना आ जाये मेरे ऊपर वरना हम कुछ कर भी नही पाएंगे और मेरी सील भी एक गौर धर्म के अंकल तोड़ेंगे जो की मुझको मंजूर नही ।

और अंकल डूबे जी ना मेरे सौाहर से बात करते रहे हि बेटा तुम चिंता मत करो तुम्हारी बीबी है तो क्या कोई इधर आयकर नही बैठेगा।

वसंत...जी सुक्रिया अंकल वैसे मै ना ,., हु ।

अंकल...अरे बेटा वो मै तुमको देखकर समझ गया था

वासिम वो कैसे अंकल मैने तो टोपी नही पहना हु ।

अंकल...अरे बेटा तुम्हारी बेगम को देखकर जब तुमने कहा की तुम्हरा निगाह हुआ है क्यून हमारे से माग भारी जाती है पर तुम्हारी बेगम की तो गहने से माग भारी है ।

वसंत...अच्छा अंकल। मै ना हिन्दु जानकार थोड़ा डर गया हु

अंकल...बेटा तुम चिंता मत करो सब हिन्दु एक जैसे नही होते है ।

फिर अंकल बोले की तुम्हारी बेगम इतनी खूबसूरत लग रही है की कोई भी इनको जबरजस्ती चोद देगा यही पर ।

यह सुनकर मै शर्मा गयी की कैसे कोई चोद शब्द का पयोग कर सकता है ।

वसंत...देखिये अंकल pls ऐसे शब्द ना बोले । डरते हुए ।

अंकल...अरे बेटा ये मै औरो के लिए कह रहा हु वो जो आदमी नही आया था वो भी ना हमारे गाव का हि है उसका नाम जितेश शर्मा है वो भी हमरी हि बिरादरी का है पर वो ना ऐसे हि ट्रेन पर चढ़कर औरतों or लड़कियों को पटा कर चोद कर फिर उतर जाता है ।

फिर मै बोली ...तो कही आप भी तो ऐसा नही करते ना (डरते हुए)

अंकल... अरे नही मै अपने दोस्त के बेटी की शादी मे जा रहहु दिल्ली।

वसंत...अंकल दिल्ली तो मै भी जा रहा हु ।

फिर स्थान वागौरा ये सब बात हो रही थी फिर शाम हुयी

मेरे सौाहर सो गये थे पर मुझको नींद नही आ रही थी ।

पर झपकी मुझको भी लग गयी थी कुछ टाइम बाद तभी मुझको शर शर की आवाज़ आय रही थी धीरे धीरे ।

वहा लाइट बंद कर दिये थे डूबे अंकल ने ।

उनके पास एक और आदमी बैठा था दोनो अपना लंड हिला रहे थे ।

धीरे धीरे बोल कर ।

पहले आदमी...अरे डूबे जी साली कितनी पटाका लग रही है साली छिनाल को चोद दे क्या ।

डूबे जी ...अरे नही जाने दे आज दिन भाई वो कादिर साहब की बेगम रुक्सार को चोदा हु नही तो मेरा लंड बिना साली की चूत फाड़े मानता हि नही ।

मै बस आवाज़ सुन रही थी आँख खोल कर बिना हिले डुले।

पहला आदमी..अरे दुबे जी हिला क्यून रहे हो फिर ।

दुबे अंकल ...बस ऐसे हि ।

पहला.आदमी ...सुनो डूबे जी कम से कम साली छिनाल को लंड तो चुसवा सकते हो ना ।

डूबे...जी ठीक है ठाकुर साहब आप कह रहे है तो ।

फिर डूबे अंकल मेरे पास आये ।

पहला आदमी..डूबे जी जाग गयी तो ।

दुबे...जी अरे हमरे उतने आदमी है साली छिनाल जाग गयी तो उसके सौाहर को यही मार कर फेक देंगे और उस छिनाल को चोद चोद कर रंडी बना कर किसी रंडीखाना पर बेच ड़ेंगे

पहला आदमी ...जैसे आप उसका साहिदा छिनाल को बेचे थे ।

दुबे जी...रुको अब साली को चुसवा दु ।

मै डरते हुए की चूस हि लूंगी वरना पटा नही क्या क्या करेंगे ये लोग ।

फिर दुबे जी हमारे पास आये और अपना लंड धीरे से मेरे मुह के पास लाये और धीरे धीरे डालने की कोशिश कर हे थे पर लंड अहसास हो रहा था की बहुत हि मोटा है और लम्बा भी था ।

फिर ऐसे हि करते रहे मेरे मुह पर लंड छुवा छुवा कर मुझको गर्म कर रहे थे और पता नही क्यू मुझको थोड़ा मजा आ रहा था पर लंड मुह मे नही जा रहा था फिर अंकल ने अपने लंड पर थूका और फिर लंड मेरे मुह पर लगाने लगे मुझको मजा आ रहा था पर जब थूके तो बहुत बुरा लगा गिन्न जैसा पर फिर से मजा आने लगा मुझको फिर अंकल सायद धीरे धीरे मुह मे धुसाने से थक गये और फिर जोर से दक्का दिये और उनका लंड मुह मे चल गया और फिर मै नाटक तोड़ कर बोली ये आप क्या कर रहे हो अंकल जी।

तभी अंकल ने एक थप्पड़ मारा और बोला साली।छिनाल बस लंड चूस ले वरना लाइट आन करके तुझको चोदूंगा और तुझको पूरे ट्रेन मे नंगा हि सफऱ करवायूंगा साली छिनाल ।

ये कहकर अंकल ने फिर से अपना मोटा लंड मेरे मुह मे डाल दिये और मै हाथ पैर चलाने लगी और गहने की वजह से आवाज़ आ रही थी ।

तभी अंकल बोले अरे ठाकुर जी साली की हाथ थामो वरना साली छिनाल।सबको जगा देगी।

तभी पहला।आदमी आया और उसने मेरा हाथ थाम लिया और फिर दुबे जी ने मेरे मुह मे जबरजस्ती अपना लंड डाल डाल कर मेरी मुह को गीला कर दिया बस मेरी चुदाई हो रही थी (मै मन मे सोची कहा मै काफिरो से भाग रही थी पर मेरी मुह की चुदाई एक काफिर हि कर रहा है ) कभी मुह मे लंड तेज तेज डालने और कभी लंड डाल कर रुक जाते वैसे हि मै सांस भी नही ले पा रही थी । और वो पहला आदमी मेरी चूचियों को मेरे कपड़े के उपर से हि दबा रहा था

अंकल बड़बड़ा रहे थे साली छिनाल आशमा तेरी जैसी मियाइन को लंड मुह मे देने मे बड़ा मजा आता है साली छिनाल ट्रेन मे निगाह की जोड़ा पहन कर सकती लंड खड़ा करने के लिए हि ये पहन कर आयी है

वैसे हि 20 मिनट चोदने के बाद अंकल ने अपना पुरा माल मेरी लहगा पर गिरा दिये और

और।फिर वो पहला आदमी आया और उसने भी अपना लंड मेरी मुह मे डालाकर मुह चोद रहा था और थप्पड़ भी मार रहा था साथ मे मुह मे लंड डालता और।फिर निकालता और थप्पड़ मरता फिर लंड डालता और फिर निकालता और थप्पड़ मरता।ऐसे हि करते करते मेरे चेहरा पुरा लाल हो गया था थप्पड़ के वजह से फिर पहला अंकल का होने वाला था अंकल दुबे जी इसके मुह मे हि निकल दु ।

दुबे अंकल ...नही नही साली पहली बार चूस रही है उलटी कर देगी साली छिनाल मजा खराब हो जाएगा ।

साली की लहगा मे गिरा दो ।

फिर ठाकुर अंकल ने अपना माल मेरे उपर गिरा दिए और बोले साली सच मे एक नंबर की छिनाल बनेगी आगे चलाकर देख लेना दुबे जी ।

मै शर्म से अपने आप को कोष रही थी तभी ठाकुर साहब पीछे गये और वो सब आ गये मै डरने लगी ।

मै बोली pls अंकल अब नही ।

दुबे अंकल...देखो आशमा आज तुमने सबका लंड खड़ा किया है सबका लंड चूस कर हि शांत करना पड़ेगा ।

मै हाथ जोड़ कर बोली नही pls ऐसा मत करो ।

तभी एक नौजवान आया और अपना लंड मेरे मुह मे डाल दिया मै गहने के साथ सबका लंड चूस रही थी एक एक करके सबने अपना लंड चुसवाय मुझसे जबरजस्ती और मै सबकी लंड चूस चूस कर बेहाल हो गयी थी क्यूंकि वो लोग मारते भी थे चुसवाने के साथ तेज तेज थप्पड़ मारते थे और मेरी चीखे भी नही निकलने देते है और मै वैसे भी चीख दबाने की कोशिश कर रही थी कही मेरे सौाहर जाग जाएंगे तो कभी कुछ

अन होनी ना हो जाये मैने 2 घंटे सब का लंड चूसा एक एक करके फिर सबने अपना माल मेरे लहगा मे हि गिराते चले गये फिर एक नौवजवान बोला दुबे मालिक साली की लहगा मे हि चुदाई कर दु क्या ।

दुबे अंकल...अरे साली हम सब का मोटा लैंड नही सह पयएगी साली छिनाल चिल्ला देगी तेज तेज से ।

मै ...बस अधमारी पड़ी थी की बस अब छोड़ दे हमको बस ।

अंकल ...चल जाने दे साली की किसी और दिन चुदाई कर देंगे ।

नौजवान अरे पता नही कहा की है ये ।

दुबे अंकल अरे उसका सौाहर बताया है की हमरे पास वाले हि मोहाले की लड़की है ये ।

फिर सबने अपने लैंड से मेरी मुह पर मारकर अपना अपना लंड अंदर करके चले गये वो 6-7 पीछे वाले दुबे अंकल के लोग । फिर।दुबे अंकल ने मेरा।लहगा उठाकर देखा अंदर मै सिर्फ पेंटी पहनी थी अंकल देख लो ठाकिर जी कितनी कसी है फिर एक ऊँगली भी नाये और मेरी मेरी चूत देख कर वैसे हि वो दोनो अंकल ने मुझको वाही थोड़ा झुका कर मेरी चूत देख कर फिर से हिला रहे थे और गलिया दे देकर साली छिनाल तेरी पुरी खानदान की औरतों को रंडी बना कर रखूँगा और साली छिनाल तेरे पेट से अपना बच्चा भी पैदा करूंगा साली छिनाल आशमा साली रंडी कह कहकर वो लोग हिला रहे थे फिर उन्होंने अपना माल मेरी।चूत पर हि गिरा।दिये मेरी पेंटी और चूत पर उनका वो पानी महसूस हो रहा था फिर अंकल पीछे हटे और

फिर अंकल ने भी अपना हुलिया ठीक किया ।

और फिर मैने भी अपना हुलिया ठीक किया और मै सोने की कोशिश् कर रही थी पर सो नही पा रही थी वाही बार बार याद आ जाता की कैसे अभी कुछ टाइम पहले मै सबकी लंड चूसी हु और सबने आपना पानी मेरी इस लहगा मे छोड़े है ।

मै शर्म से रो रही थी अंदर हि अंदर बहुत शर्म फील कर रही थी ।

अभी आंधा घंटा बीता था की अंकल बोले दुबे जी नींद नही आ रही है साली छिनाल हि याद आ रही है दुबे जी ।

दुबे जी ...तो साली से और चुसवा ले अपना लंड ।

तभी किसी से लाइट ऑन कर दी 4 बज गये थे तभी अंकल धीरे से बोले साली छिनाल बच गयी नही तो तेरा एक बार और मुह मे लंड होता ।

मै बस शर्म से। घूर कर देख रही थी ।

फिर मेरे सौाहर जागे और मेरी हालत देखकर बोले क्या हुआ आशमा तुझे रात को नींद नही आयी क्या ।

और सामने वाले अंकल सोने की एक्टिंग कर रहे थे ।

मै ...नही मुझको नींद नही आयी(अब मै वसंत से क्या बताऊ की मै रात भर अंकल लोगों का लंड चूसी हु वो भी जबरजस्ती)

तभी वो पीछे वाले लोग आते है और चल देते है ।

अंकल जाने से पहले सुनो वसंत बेटा अपनी बेगम का ध्यान रखना आज दुल्हन लग रही है कोई भी इसको ताड़ और चोद सकता है ।

मेरे सौाहर कुछ भी नही बोले फिर वो सब चले गये ।

और उसके जाने के बाद मेरे सामने और बगल मे बहुत लोग आकर बैठ गये ।

तभी एक औरत हिजाब पहनी थी वो देखकर बोली अरे बेटी निगाह के बाद सफऱ क्यून कर रही हो ।

मै कुछ नही बोली ।

पर मेरे सौाहर बात करने लगे और बताने लगे कुछ टाइम बाद मेरे सौाहर ने पूछा की आशमा ये पानी कैसा है तुम्हारे उपर पानी गिर गया और तुमने बताया तक नही ।

मै (मन मे पानी नही ये सब उन काफिरो का पानी है जो आपकी बेगम को तार तार कर चुके थे) पानी मे क्या बताने वाली चीच थी ।

फिर हम पहुंच गये दिल्ली।​
Next page: Update 02