Update 02

अंकल के गोदी मैं बैठकर उनकी मुँह से चॉक्लेट खाकार मैं होश गवा बैठी थी। पहेली बार किसी मर्द के होठ मेरे होटों से टकराये थे। उनकी जीभ मेरे मुँह मैं जाकर सैर कर रही थी। मैं पिघल रही थी।। विवेक अंकल के बदन की मर्दानी खुशबू मुझे अच्छी लग रही थी। उन्होंने मेरे ओठों को चूसना जारी रखा, मैं भी उनकी जीब को चूसती रही और उनके जीभ पर रखी चॉक्लेट चाटती। उन्होंने मेरी गाउन निकल दी थी और मैं एकदम नंगी उनके गोदी मैं बैठी थी। उनके हलके हाट मेरी चूचियों को दबा रहे थे। मैं बहुत गरम हो गयी और मुझे AC मैं भी पसीना आ रहा था। तभी किस करते हुए उनका दूसरा हाथ उन्होंने मेरी फुद्दी पर रख दिए। मेरी फुद्दी बहुत फुल्ली हुई , गुलाबी और काले बालों वाली थी। विवेक अंकल मेरी फुद्दी के बालों से खेलने लगे और हाथ फेरने लगे। उन्हों ने पूछा कैसे लग रहा गुड़िया, मैं घर जाऊ ? मैंने कहा अंकल बहुत अच्छा लग रहा है , अभी तो आये अभी जा रहे। प्लीज रुकिए , उन्होंने कहा अच्छा लग रहा तो और भी तुम्हे कुछ सीखा दू , किस करना तो आज मैंने तुझे सीखा दिया , अगर सीखने की इच्छा हैं तो हिचक मत राणी। मैं एक मिनट मैं गुड़िया से राणी बन गयी उनकी। मुझे बहुत अच्छा लगा। मैंने जवाब मैं फिर से उनको किस करना शुरू कर दिया और इसबार मैं उनके ओंठों को चूस रही थी , मैंने हलके से उनके ओंठ काट लिए , जिस पर वह एकदम सिसक गए और गरम हो गए। ऐसी बात हैं, तू तो सीखने के लिए तड़प रही हैं, रुक २ मिनट । फिर उन्होंने मुझे अपनी गोदी से उठाया और अपना टी शर्ट निकल दिए , उफ़ क्या बॉडी थी, गोरी कसरत वाली और बालों वाली , मुझे ऐसे बालों वाले , नेचुरल आदमी बहुत पसंद है। फिर उन्होंने दूसरे झटके मैं अपनी बरमूडा शॉर्ट्स निकल दी , वह नंगे हो गए। है राम।।।। यह क्या , मैं पहेली बार किसी मर्द को नंगा देख रही थी। उनके गोरे बदन पर उनका काला लंड , साप की तरह लटक रहा था।। इतना मोटा और बड़ा लंड मैंने कभी नहीं देखा था , बाद मैं उन्होंने बताया था की उनका लंड ८ इंच है। मैं शर्मा रही थी पर नजरें उनके नंगे बदन पर थी। विवेक अंकल फिर सोफा पर बैठ गए और मुझे उनकी गोदी मैं बिठा लिए ओर वह मेरे बूब्स चाटने लगे और निप्पल्स चूसने लगे। मुझे उनका लोहे जैसे कड़क लुंड अपनी गांड पर फील हुआ। उनका दूसरा हात मेरे फुद्दी के दाने से खेल रहा था। उन्होंने एक ऊँगली डाली, मुझे दार्द हुआ। विवेक अंकल ने कहा, कुंवारी हो क्या, कभी सेक्स नहीं किया ?, मैंने ना मैं जवाब दिया। उन्होंने कहा डरो मत मैं साब सीखा दूंगा। फिर वह धीरे धीरे मेरे नाभि को चाटने लगे , और मैं उन्हें कुछ भी मना नहीं कर पा रही थी , मैंने बेशरम हो कर सब लाज लज्जा छोड़ दी और उनके बदन पर, उनकी छाती पर किस कर रही थी। फिर उन्होंने मुझे सोफे पर लिटा दिए और मेरे पैर ऊपर अपनी छाती पर लेने को कहा जिस से उनको मेरी फुद्दी साफ़ पूरी दिखाई दी। वाह राणी तुम्हारी फुद्दी कितनी सुन्दर हैं , ऐसी फुद्दी मैंने आज तक नहीं देखि और वह भी सील पैक है। उन्होंने धीरे से अपना मुँह मेरी फुद्दी पर लगा दिया और जीभ से मेरे दाने को चाटने लगे। मेरे अंदर तूफ़ान भर गया , मैं उनका सर मेरी चुत पर रगड़ने लगी। विवेक अंकल बहुत प्यार से धीरे धीरे मेरी चुत चाट रहे थे और अपनी जीभ अंदर दाल रहे थे, मेरी चुत बहुत गिल्ली हो गयी थी और पानी का झरना बहा रहा था। वाह रानी इतना पानी तो बहुत कम चुत से बहता है , तुम तो बड़ी नेचुरल सेक्स की देवी निकली। मुझे यह सब सुनने मैं अच्छा लग रहा था और विवेक अंकल पर और भी ज्यादा प्यार आ रहा था तभी मेरे अंदर की हवा ने तूफ़ान का रूप ले लिया और मैंने उनका सर दबाते हुए जोर से उनके मुँह मैं पानी छोड़ दिया । वह बहुत देर तक प्यार से मेरी चुत चाटते रहे और देखते रहे। तेरी कुंवारी चुत गजब की हैं राणी, इसका उद्घाटन तो मैं ही इस सील को काट कर करूँगा। मैंने शर्मा के कहा की मैंने कब मना किया अंकल, मै आपको आज कोई चीज के लिए मना नहीं करुँगी। मुझे पता नहीं क्या हो गया था , सब सेल्फ रेस्पेक्ट खो दिया और बेशरम हो गयी थी। विवेक अंकल खुश हुए और प्यार से मुझे चूमा और मेरी चुत को फिर से चूमा और फिर उठकर किचन से पानी लेकर आये और मुझे पिलाये। अब कैसा लग रहा रानी, मैंने कहा बहुत अच्छा अंकल, ऐसे कभी पहले फील नहीं हुआ। वोह बोले अभी तो यह शुरवात है। मैंने देखा उनका काला मोटा लंड ाअब पूरा १८० deg खड़ा हैं और उसपर शहद जैसे बून्द बहार आ रहे। मैंने पूछा अंकल यह क्या हैं। उन्होंने कहा रानी यहतो मर्द का शहद हैं, तुम्हे तो चखना चाइये इसको। मैंने शर्मा के कहा आप कुछ भी कह रहे हो। उन्होंने कहा एकबार कोशिश करो, नहीं पसंद आया तो मत स्वाद लो। मैं अंकल को नाराज नहींकरना चाहती थी और शायद अल्कोहल चॉक्लेट की वजह से मैं कुछ खुल गयी थी। मैंने उनका कड़क मोटा गरम लंड हाथ मैं लिया और शहद का बूंद चाट लिया। थोड़ा खट्टा , नमकीन अच्छा स्वाद आया, मैं फिर से चाटा , तो एक बूँद वापस आ गयी। विवेक अंकल बोले रानी ऐसी हे चाटों और इसको लोल्लिपोप की तरह चुसोगी तो और भी शहद मिलेगा। मैंने विवेक अंकल का लोल्लिपोप मुँह मैं ले लिया, मुझे उनके शहद का taste बहुत पसंद आ गया। फिर अंकल ने कहा पूरा मुँह खोल के, बिना दांत लगाए जितना अंदार मुँह मैं लोगी उतना शहद ज्यादा आएगा, और मैं भी कोशिश करने लगी , पर उनके लंड का आधा हिस्सा भी मैं मुँह मैं नहीं ले पायी । उनके काला मोटा लंड फुफकार कर नाच रहा था और बहुत जहरीला शहद बहा रहा था जिससे मुझे और भी नशा हो रहा था । एक एक बूँद पीकर मैं पागल हो रही थी , उनके लंड को देख कर , उसके स्वाद से , उनकी मर्दानी खुशबू से । अंकल अपना सर ऊपर कर के आहें भर रहे थे । वाह राणी तूने तो मेरे लंड को चूसकर स्वर्ग दिया , काश तू पहले मिल जाती, तेरी आंटी तो इसको छूती भी नहीं। यहाँ सुनकर मैं ओर भी प्यार से उनके लंड को चूसने लगी, उनके बालों वाले टट्टे से खेलने लगी , उनके टट्टे बड़े सफरचंद के साइज के थे । उन्होंने कहा राणी मेरा पाणी बहार आएगा , तुम पूरा पाणी पी लोगी जैसे मैंने तुम्हारा पाणी पिया था। मैं मना नहीं कर पायींओर हा कर दिया।। उन्होंने अपने एक हात से मेरा सर पकड़ लिया और दूसरे हात से मेरे बूब्स दबाने लगे और अपना लंड मेरे मुँह मैं जोर से पेलते रहे। अब उनका तीन चौथाई लंड मेरे मुँह मैं जा रहा था और एक बड़ी से आह भर कर उन्होंने मेरे मुँह से लंड बहार निकला और उनके लंड का सारा पाणी मेरी जीभ और मुँह पर डाल दिए , मैं भी चॉक्लेट जैसे उसको निगल गयी। अजीब स्वाद और खुशबू थी, पर उतना बुरा भी नहीं था , और विवेक अंकल का रिस्पांस देखकर मैं ख़ुश हो गयी और उनके लंड से उनका सब पानी चाटने लगी और पी गयी । उन्होंने मुझे उठाया और बिस्तर पर लिटा दिया और अपनी बाँहों मैं सुला दिया, मुझे बहुत अच्छा लग रहा था, उनकी बदन की खुशबू, गर्माहट , उनके लंड , सब बहुत अच्छा लग रहा था , मैं उनको किसी चीज के लिए मना नहीं कर पायी थी। वह मुझे हर जगह किस और पप्पी ले रहे थे और बात कर रहे थे। उन्होंने कहा रानी तू तो एकदम खुले दिमाग की निकली , बहुत सारी औरतें लमर्दों का लंड का पाणी पीना छोडो , उनके लंड को चूसती भी नहीं हैं, पर तुम सब एन्जॉय करती हो और यही खुला ऐटिटूड सेक्स के बारे मैं आगे रखना , तुम बहुत खुश रहेगी । उनकी यह बात सच साबित हुई और मैं आज कह सकती हूँ की मैं सेक्स के मामले मैं सच मैं बहुत खुशनसीब निकली। उन्होंने मुझे पूछा की तुमको शहद ( precum ) का स्वाद पसंद आया, और sperms का भी ? मैंने कहा की मुझे अच्छा लगा और जब आप खुश हो रहे थे तब और भी अच्छा लग रहा था। विवेक अंकल बहुत खुश हुए, सोते सोते उन्होंने मुझे फिर से किस के प्रकार - द्देप किसिंग, फ्रेंच , लंड को कैसे चूसना , ६९ , मर्द की निप्पल्स कैसे चूसना , सब सिखाया। अब उनको मुझे चोदना था। उनका औजार अब फिर से तैयार था और नाग की तरह फुफकार रहा था। उनके लुंड से फिर से precum (शहद ० टपकने लगा था और मैं अपने आप को रोक नहीं पायी उसका स्वाद लेने को। उनका काला लुंड और उनका गुलाबी टोपा किसी लोल्लिपोप की तरह लगा रहा थ।। मोटा और खूंखार। उन्होंने मुझे बताया था की अंजू भाभी उनका लुंड नहीं चूसती, बहुत पुराने ख्याल की है। मैं उनको पूरा आनंद देना चाहती थी । ललचाई नज़रों से मैं उनके मोठे लंड को देख रही थी , वह पास आये और उनका लंड मेरे मुँह के पास दे दिया। उन्होंने उल्टा मुड़कर मेरे चुत पर अपना मुँह रख दिया और हम ६९ करने लगे।

दोस्तों अंकल ने मेरी सेक्स की ट्रेनिंग चालू कर दी थी। उनसे बहुत कुछ सीखा और मेरा पहिला एक्सपीरियंस इतना अच्छा रहा , की सेक्स के प्रति मेरे विचार और दिमाग खुल गया , मुझे सेक्स करते वक्त कभी कुछ करना या कोई चीज करना भी बुरा नहीं लगा और मैं सेक्स हर तरह से एन्जॉय करने लगी। आदमी और औरत की बॉडी का हार हिस्सा बड़ा खूबसूरत होता हैं , और बॉडी का कोई फ्लूइड / रस बुरा नहीं होता।

मेरे लिए सब नया था . मैं और अंकल ६९ की पोजीशन मैं थे . मैं विस्मय भरी नज़रों से उनके लम्बे मोटे काले लण्ड को देख रही थी . इतने खूबसूरत आदमी का लण्ड इतना काला कैसे यही मैं सोच रही थी और उनके गुलाबी टोपे को लोल्लिपोप की तरह चूस रही थी, चुम रही थी . उनका लण्ड बहुत कड़क और फुफकार रहा था और उसमे से मीठा शहद मुझे पीला रहे थे . अंकल ने धीरे से पूछा रानी तुम्हारे पीरियड्स कब आये .. उन्होंने कहा की उनके पास अभी कंडोम नहीं, शाम को वह मुझे बच्चा न होने की गोलिया लेकर देंगे. मैंने भी है कर दी . मैं तैयार थी , मेरी चुत बहुत गिल्ली हो गयी थी और उनके लण्ड के लिए छटपटा रही थी. तभी उनकी फ़ोन की रिंग हुई , अंजू आंटी का फ़ोन था, उन्होंने उसे बताया की वह काम के सिलसिले मैं उनके दोस्त से मिलने आये हैं और शाम को लेट हो जायेंगे . मैं खुश हो गयी . उन्होंने पलट कर मुझे लिप्स पर किस किया और मेरे ओंठ चूसने लगे . वह पूरा मेरे ऊपर आ गे थे और उनका भरी भरकम लण्ड मेरे चुत पर रगड़ रहा था . विवेक अंकल थोड़ और निचे खिसके और मेरी चूचियों को सुक करने लगे . उन्होंने डेरे से मेरे दोनों पेअर इनके कन्धों पर ले लिए और उनका लण्ड मेरी चुत पर रगड़ने लगे . मैं पागल हो गयी. रानी इतनी सुन्दर चुत आज तक नहीं देखि , सच कहता हूँ आज टाक १०० से ज्यादा औरतों की चुदाई कर चूका हूँ . मैं खुश हुई , जानू अंदर डाल दो ना, विवेक अंकल बोले - बताओं क्या डालू, मैंने इशारा कर के उनका लण्ड पकड़ लिए, और कहा यह डाल दे . उन्होंने कहा . ऐसे नहीं रानी , प्यार से कहो ही लण्ड डाल दे. मैंने कहा जानू मेरी चुत मैं आपका मोटा लण्ड डाल दो . विवेक अंकल वाइल्ड हो गए .. हाँ मेरी रंडी , यह लो मेरा लण्ड , सिर्फ तेरा हैं और उन्होंने जोर से धक्का दिया और उनके लण्ड का टोप मेरी चुत मैं फंस गया . मुझे बहुत दर्द हुआ , मेरी ज़िल्ली टूट गयी थी , मैंने उनको कास के पकड़ लिया . अब विवेक अंकल मेरे जानू बन गए थे और मैं गुड़िया से उनकी रानी और अब रंडी बन गयी थी. उन्होंने मेरी चूचिया चूसने शुरू कर दी , बोले आराम से रानी, डरना मत, बहुत एन्जॉय करोगी . उनके चूसने से मुझे अच्छा लगा और मेरी चुत से फिर से पानी का झरना बेहेने लगा .. इससे उनको आसानी हो गयी और उन्होंने फिर से एक हल्का झटका मारा और उनका लण्ड मेरी चुत मैं आसानी से आधा चला गया. उन्होंने फिर से मेरे बूब्स चूसने चालू किये और हलकी दांत से काट लिया .मैं आह कर के तड़पने लगी और मेरी चुत जवानी का रस बहाने लगी थी . अब उन्होंने धीरे से पूरा लण्ड निकल दिया और फिर से हल्का झटका दिए और अपना लण्ड अंदर बहार करने लगे . अब मुझे मजा आने लगा .. मैं भी धीरे धीरे से अपनी गांड उछाल कर उनका सात देने लगी . उनका लण्ड अभी ३ चौथाई ही गया था मेरी चुत मैं . अब विवेक अंकल बहुत गरम हो गए थे , उनका हरयाणवी मर्द जाग गया था और असली औकात मैं आ गए थे . ले रंडी पूरा लुंड ले , बेहेन की लोडी , क्या मस्त गरम टाइट चुत है तेरी . मैं कब से तुझे चोदने के सपने देख रहा था , आज मौका मिल गया , अब तुझे रोज घोड़ी और कुतिया बना कर चोदूँगा . तू मेरी रांड है . बोल तू मेरी कोण हैं ? मैंने कहा मैं आपकी रांड हूँ , ऐसे नहीं .. बोलो की मैं विवेक की रांड हूँ .. मैंने कहा दिया मैं अपने जानू विवेक की रांड हूँ .. वह बड़े खुश हुए और जोर जोर से मुझे धक्के मरकर चोदने लगे. मैं चीखकर पाणी छोड दी . वाह मेरी रांड , कितनी गरम चुत है तेरी , इतना गरम पाणी , और गिल्ली चुत आजतक मैंने किसी औरत की नहीं देखीं और उन्होंने एक बड़ा झटका दिए जिसे उनका पूरा लण्ड मेरी बुर मैं चला गया . मैं जोर से चीखी पर उनके ओंठ फिर से मेरे मुँह को बंद कर दिया . उन्होंने वापस बड़े प्यार से धीरे धीरे पूरा लण्ड बहार निकाला और फिर से अंदर डाल दिया . वह मुझे अब फुल स्ट्रोक के सात चोदने लगे . मुझे बहुत मजा आ रहा था और मैं फिर से छटपटाने लगी . मैं भी गरम हो गयी .. हाँ विवेक जानू , मैं तेरी रांड हूँ .. जो चाहे कर ले . कभी कोई चीज के लिए मना नहीं करुँगी . सच मैं मेरी रांड . ठीक हैं .. मैं भी देखूंगा , तुज़से साब करवा लूंगा .. और अब वह जोर से आहें भरने लगे .. मेरी चुत भी पाणी छोङने तैयार थी .. मैं उनकी पीठ पर कस के पकड़ कर अपने नाख़ून चुभो दिए और वह ाआअह .. करके मेरे अंदर गरम पिचकारी छोङने लगे .. उसी समय मैंने भी अपना पाणी छोड दिया .. करीब १ मिनट तक मेरी चुत मैं उनका गरम लावा गिरता रहा . उनका गरम लावा मेरी चुत के गहराइयों मैं जा चूका था और मुझे बहुत ख़ुशी हो रही थी . वह मेरे ऊपर वैसे ही पड़े रहे और फिर धीरे से बाजु सरक गए .

मैं बहुत खुश थी .. आज मैं औरत बन गयी थी . वह भी मेरे पसंद की मर्द से .. सब स्वाभाविक हुआ .. ना कोई प्लानिंग ना कोई प्यार , बस दो नंगे जिस्म , एक दूसरे मैं लुफ्त ,सब सीमा लाँघ दी और एक दूसरे की बाँहों मैं सो गए . चॉकलेट खाने से चुदाई का सफर तीन घंटे चला , मैं बड़ी संतोष के सात उनकी बाँहों मैं सो गयी.

करीब दो घंटे बाद आँख खुली , विवेक अंकल मुझे निहार रहे थे और हलके से मेरे बदन पर हाथ फेर रहे थे. संध्या तुम गजब की सुन्दर हो , मैं बहुत लकी हूँ जो मुझे तुम मिली . मैंने भी कहा की जानू मैं भी बहुत लकी हूँ . वह उठे और बाथरूम से गीजर मैं से थोड़ा गरम पाणी लाये , मुझे बोले संध्या बोरोलीन या कोई एंटीसेप्टिक क्रीम लाओ . मैं बिस्तर से उठी तो देखा की बिस्तर पर खून के दाग लगे थे . मैं मुस्करा दी .. यह तो कभी ना कभी होना था . उन्होंने गरम पाणी मैं टॉवल भीगा कर मेरी चुत को साफ़ किया और अच्छी से सेका , मेरी चुत बहुत सूज गयी थी और लाल दिख रही थी , उन्होंने एंटीसेप्टिक क्रीम लगा कर चुत की हलकी मालिश की , मुझे अच्छा लग रहा था , दर्द भी चला गया था .

मैंने हम दोनों के लिए चाय बना दी . उन्होंने कपडे पहनसे मना कर दिया . हम दोनों नंगे थे और उनकी गोदी मैं बैठ कर एक ही कप मैं दोनों ने चाय पी. उन्होंने कहा आज आराम करो , तुम्हारी चुत की जखम कल तक ठीक हो जाएगी . मैं कल सुबह ऑफिस के बहाने सीधे यहाँ आजाऊंगा और तुम तैयार रहना. मैं भी खुश हो गयी . उन्होंने कहा क्या तुम मेरे लिए एक बात कर सकती हो . मैंने कहा मैं आपको कभी मना नहीं करुँगी . उन्होंने कहा क्या तुम तुम्हारी चुत के बल साफ करोगी ? मैंने कहा मैंने कभी किआ नहीं , उसपर वह बोले ठीक हैं, मैं ही तुम्हारे चुत के बाल कल साफ कर दूंगा

फिर उन्होंने मेरे नंगे जिस्म को हर तरफ से चूमा और चाटा और कपडे पेहेन कर चले गए . शाम को उन्होंने मुझे गर्भे निरोधक गोली ला कर दी और खाना भी ले कर आये. मैं भी थक गयी , जल्दी खाना खाकर सो गयी और कल के मीठे मीठे सपने देखने लगी .​
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