Update 03

अब शाम को हर्ष और प्रकाश घर आ जाते है और भावना से पूछते है कि कैसे रहा? तो उसने बोला कि हाँ अच्छा था।

माँ:- अच्छा लग रहा है अब।

मैं:-देखा माँ आप ऐसे ही मना कर रही थी।

माँ:-हाँ, बेटा सही कहा।

पापा:-चलो अच्छा है,अब तुम्हारी चिंता करने की जरूरत नही।

माँ:- हाँ अब ठीक हूँ।

और डॉक्टर की दी हुई दवाई भी ले रही हूँ।

पापा:- वो लड़का कैसा है? अच्छे से सब करवाता है ना?

माँ:-हाँ जी।वो तो नही आता तो खुद कर के भी दिखता है और सब चीज़े समजाता भी है,की ऐसा करने से ऐसा होगा, ये सब।

पापा:- चलो अच्छा है,बेटा हर्ष,

मैं:-जी पापा,

पापा:- बेटा उसकी फीस दे आना अभी ,ताकि उसको कोई परेशानी न हो पैसे की बाबत मैं।

मैं:-जी पापा अभी जाता हूँ।

और हर्ष पैसे लेके निकल पड़ता है निरज के जिम। अब वो शाम के 6:30 बजे के समय पर गया था,पूरा जिम उस समय फुल था। और उसको निरज दिखाई देता है।

निरज:-जी आइये।

मैं:- ये आपके पैसे देने आया था।

निरज:-अरे कोई जल्दी नही थी।

मैं:- नही नही आप ये रख लीजिए।

निरज:-(पैसे लेते हुए) जी।

मैं:- वैसे माँ को कुछ खाने पीने का कुछ ध्यान रखना होगा क्या?

निरज:- उसकी जरूरत तो नही है,वैसे क्यों कि आंटी को तंदुरुस्त रहना है,तो सिर्फ प्रोटीन पॉवडर दूंगा थोड़ा बहुत भी तो उसको चल जाएगा।

मैं:- जी ठीक है।

चलो मैं चलता हूँ।

निरज:- हां।

अब हर्ष निकल जाता है और निरज वहां खड़े होकर सोचता है,लेकिन उसका दिमाग तो बड़ा तेज़ चलता था उसने सब प्लानिंग कर ली थी।

दूसरे दिन भी 11 बजे निरज आ गया। और एक्सरसाइज फिर से वही जो कल की थी। निरज बोल रहा था कि क्या कैसे करते है और इससे क्या फायदा होता है। और भावना वो अच्छे से सून के कर रही थी। अब 12 बज रहे होंगे।अभी भी आधा घण्टा बाकी था, वो कर रहे थे। और आज हर्ष कॉलेज से बंक करके घर आ गया। उसको लगा ही अभी तो माँ एक्सरसाइज कर ही रही होगी।घर पे आया तो देखा कि 1 बाइक थी जो निरज की थी, लेकिन दरवाजा खुला था, तो वो सीधा अंदर चला गया। उसको घर में जाते ही पीछे से आवाज आ रही ही उनके बाते की, तो वो सीधा पीछे गया।

माँ:-(देखते हुए) अरे बेटा आ गया तो आज?

मैं:- जी माँ। कैसा चल रहा है?

माँ:- अच्छा चल रहा है बेटा।

मैं:-जी ठीक है।

निरज:- जी आप अब बिल्कुल टेंशन न लो।

मैं:- जी हाँ, चलो मैं ऊपर जाता हूँ और फ्रेश हो जाता हूँ।

फिर वो दोनों वापस अपने काम में लग जाते है और हर्ष फ्रेश होकर अपने रूम ककी बालकनी से पीछे की और खड़े होक माँ को एक्सरसाइज करते देखता है।

अब 12:30 होते ही निरज चला जाता है,और भावना नहा के हर्ष के रूम में जाती है।

मैं:- माँ कैसा लग रहा है अब?

माँ:- बेटा बहुत अच्छा।

मैं:- आप अब अच्छे से सेहत का खयाल रखना।

माँ:- जी हाँ, बेटा। (बेटे के सर पर हाथ घूमते हुए) बेटा कितना ध्यान रखता है मेरा।

मैं:- माँ आपका ध्यान में हमेशा रखूंगा। ,लेकिन माँ

माँ:- क्या हुआ बेटा?

मैं:- आपने दरवाजा खुला क्यों रखा था आप पीछे की तरफ होते है कोई अंदर आ जाये तो?

माँ:-( थोड़ा हिचकिचाहट करते हुए) वो बेटा... वो है ना...

मैं:-बोलो ना माँ।

माँ:- बेटा अच्छा सा नही लगेगा ना अगर मैं घर में अकेली हूँ और कोई अनजान लड़का हमारे घर हो और मैं घर का दरवाजा बढ़ कर दूं तो लोग क्या सोचेंगे?

मैं:-(खुश होते हुए) जी हाँ माँ, आप सबका कितना अच्छा खयाल रखते हो।

माँ:- तू भी तो रखता है मेरा।

अब रोज की तरह सब रात को खाना खाके सो गए।और दूसरे दिन भी 11 बजे निरज आ गया। भावना अब निरज से खुश थी कि लड़का अच्छा है, और यह निरज के कुछ अलग ही प्लानिंग चल रही थी। आज वो आया और आज वो सब सेट कर के आया था।

निरज:-जी कैसे है आप?

माँ:- जी अब फिट महसूस कर रही हूँ।

निरज:-जी मुझे माफ़ कर देना।

माँ:-(सोचते हुए) अरे आपने क्या किया जो मैं आपको माफ करु?

निरज:- देखिये मुझे 2 दिन से याद ही नही रहा, आप बस माफ कर दीजिए।

भावना सोच रही होती है कि इसने तो कुछ गलत किया ही नही तो माफी क्यों मांग रहा है।

लेकिन इधर निरज का शैतान दिमाग काम कर रहा था।

निरज:- जी वो ,मैं आपसे बोलूंगा तो आप बुरा समझेगी,लेकिन ये आपकी बॉडी के लिए हानिकारक हो सकता है।

माँ:- जी क्या हुआ बताइए ना?

निरज:-देखिये मेरी बात सुनिये,

माँ:-जी बोलिये।

निरज:- एक्सरसाइज करने से बहुत पसीना होता है।सही बात है ना?

माँ:- जी सच कहा आपने,बहुत पसीना होता है।

निरज:- तो हमारे प्राइवेट पार्ट मैं पसीना रहने से इंफेक्शन का खतरा रहता है।

माँ:-(थोड़ा धीरे से बोलती है) जी हाँ।

निरज:- और पिछले 2 दिन से मैं आपको मुसीबत में डाल रहा हूँ।

माँ:- वो कैसे?

निरज:-देखिये बुरा मत समझना, लेकिन आप अपने अंडरगारमेंट्स पहन कर एक्सरसाइज करोगी तो आपके प्राइवेट पार्ट मैं इंफेक्शन का खतरा होगा।

माँ:- तो फिर अब क्या किया जाए?

निरज:- देखिये अगर आप अपनी सेहत का और इन सब चीज़ों का ध्यान रखना चाहती हो तो अपने ऊपर और नीचे के अंडरगारमेंट्स को उतार कर ये वर्कआउट के कपड़े पहन लो।

माँ:-( थोड़ी डरते हुए सोचती है बस।

निरज:- देखिये मैं तो आपके भले के लिए ही बोल रहा हूँ।आपको नुकसान न हो।

माँ:- जी लेकिन....

निरज:-(बात को काटते हुए) आपने ऊपर तो ये कपड़े पहने ही होंगे तो कुछ नही होगा,आप मुझ पर भरोसा कर सकती हो।

माँ:-(इंफेक्शन के डर से) जी ठीक है। आप यही रुको मैं निकल के आती हूँ।

निरज:- जी।

अब भावना अपने रूम मैं जाने के बजाय अभी टॉइलट में जाके अपनी वाइट ब्रा और पैंटी उत्तर कर कपड़े पहन लेती है।

अब स्पोर्ट्स कपड़े होने से भावना की चूची ऊपर की और दिखने लगती है।और पैंट से चूत की लाइन भी साफ साफ दिखाई देती है।

अब वो बाहर आ जाती है। जब बाहर आती है तो निरज चूत और चूची को घुरे जा रहा था। लेकिन खुद को संभाल के वो सीखने में लग जाता है।

अभी निरज के लिए था भावना का दिल जीतना। तो वो अपने जाल में फ़साने की तैयारी करता है।

निरज:- जी अच्छा हुआ आपने मेरी वो बात मान ली।

माँ:- नही ,उसमें क्या?

निरज:- नही सच,अगर आपके प्राइवेट पार्ट्स में कुछ हो जाता तो आपके घरवाले मुझे ही बोलते न कि मेरी वजह से हुआ होगा सायद।

माँ:- नही नही,आपको कोई ऐसा नही बोलेगा, और वैसे भी मैंने आकि बात मान ली है।

निरज:-जी।अब आप jumping jacks करो।

और वो 1 बार करके दिखाता है और फिर भावना खुद करने लगती है।अब आप खुद सोचो जोर से उछलने से भवन के बूब्स जोर जोर से उछल रहे थे,चूची भी टी-शर्ट से चिपक गयी थी।निरज तो बस भावना के बूब्स को ही देख रहा था।

भावना कर रही थी और निरज उसके पीछे गया और वहां खड़ा होक देखने लगा। और सोचता है,

क्या गांड हिल रही है, मजा आ गया, इसको तो बॉटल में उतारना ही पड़ेगा। और चूची भी क्या कड़क है।आज तक जितनी के भी मजे लिए ये उससे ज्यादा है।

अब भावना को रुकने को बोला औकर वो रुक गयी।उसको पसीना आ रहा था

अब निरज बोलता है कि अब आप bride posture कीजिये। और भावना निरज को देखते हुए करने लगी।

जब वो कर रही थी तब निरज पैरो के सामने आया और देख रहा था।जब भावना अपनी कमर उपर की और लाती तो उसकी चूत की लाइन साफ साफ दिखाई देती।

अब भावना भी ये सब देखती है लेकिन वो एक्सरसाइज पे ध्यान देती है।अब वो पहली बार किसी पराये के सामने बीना अंडरगारमेंट्स में कर रही थी तो थोड़ी गरम भी हो गयी थी। लेकिन खुद को संभाल लेती है। लेकिन अपनी चूत से थोड़ा पानी और पसीना निकल रहा था जो ग्रे पैंट से साफ दिखाई दे रहा है।

वो देख के निरज का लण्ड भी खड़ा हो जाता है।

ये करने के बाद...

निरज:- ठीक है अब आप नार्मल पोज़ के आ जाएं।

माँ:- जी।

निरज:-(चूत और बूब्स को देखते हुए) काफी पसीना निकल रहा है आपका।

माँ:- हां

निरज:-अब आप नीचे लेटा कर leg lift करिये।

और भावना ऐसे करती है और जब वो दोनों पैर ऊपर लेती है तो पसीने से भीगी चूत की लाइन साफ दिखती है,और गौर से देखे तो पसीने से थोड़ा ट्रांसपरेंसी भी हो गयी थी,

अब वो भावना के सामने आ गया और पैर को पकड़ के एक्सरसाइज करवाने लगा और जब उसके पैर ऊपर होते तो निरज नही दिखाई देता। पैर बीच में आ जाते है।

यहाँ इसी बात का फायदा उठाते निरज अपने लण्ड को सहलाजे लगता है। और थोड़ी देर बाद उसे खयाल आता है तो वो झट से उठ जाता है और भावना को भी बस करने के लिए बोल देता है।

निरज:- आज आपको थोड़ी ज्यादा थकावट होगी।

माँ:-जी सही कहा, आज पसीना भी ज्यादा हुआ है।

निरज:- जी यही तो बात है।

माँ:- आज आप बैठिए, मैं चाय बनाती हूँ।

निरज :- जी मैं चाय नही पीता।

माँ:- कोई बात नही आप हॉल में सोफे पे बैठो मैं पानी लेके आती हूँ।

निरज:- जी।

अब निरज जाके बैठता है और भावना पानी लेके आती है और पानी देखे खड़ी रहती है निरज के सामने।अब निरज पानी पीते पीते भावना की चूत की लाइन को ही देख रहा था,

इधर उसका लण्ड भी खड़ा हो गया था और तभी निरज के फोन की रिंग बजी।

निरज:-हेलो।

दोस्त:- अबे चल न कहा है 1 बज गए ,

निरज:- अरे हा ,आता हूँ।

निरज:-(फोन रखते हुए) आज तो 1 बज गए,चलो मैं चलता हूँ।

माँ:-जी।

अब निरज के जाने के बाद भावना भी नहाने जाती है और फिर खाना खा के सो जाती है।

यहा निरज जीम जाता है,और दोस्त पूछने लगता है।

दोस्त:-अबे आज आने में देर क्यों हो गयी?

निरज:- आज तो उसको अंदर से नंगी करके एक्सरसाइज करवाई।

दोस्त:-सच मैं?

निरज:-हां, साली की चूत बड़ी कमाल की है,चुचे भी मस्त है।

दोस्त:-आज अंदर के कपड़े उतरवाए कल सारे कपड़े उतार देगा तू ।

और दोनों हसने लगते है।

दोस्त:-अभी आगे का क्या प्लान है?

निरज:-अभी में अपनी चाल चलूंगा।

दोस्त:-क्या?

निरज:-बस तू देखता जा।

अब शाम को हर्ष और प्रकाश आ जाते है। और प्रकाश भावना से बात करता है।

पापा:- भावना, कल मैं नही हूँ,कल कॉलेज के स्पोर्ट कॉम्पिटिशन के मामले में दूसरे स्टेट में मीटिंग है,तो कल सुबह जल्दी निकल जाऊंगा और पर्षो दोपहर को ही आऊंगा।

माँ:-जी।संभाल कर जायेगा।

पापा:- जी।आज रात को 8 बजे निकल जाऊंगा।

माँ:-ठीक है।

पापा:-(ऊपर रूम के जाते हुए) मैं अपने कपड़े तैयार करता हूँ।

माँ:-ठीक है।

अब तभी दरवाजा खटखटाया, तो भावना ने दरवाजा खोला तो देखा निरज है।

माँ:-अरे आप।

निरज:-जी।

माँ:-आइए न बैठिए।

निरज:-नही नही मैं तो बस ये प्रोटीन का डब्बा देने आया था सुब्ह भूल गया था।

माँ:-(डब्बा लेते हुए) जी।इसको कैसे लेना है?

निरज:- जी आपको इसको दूध या पानी के साथ लेना है।और आप इसको एक्सरसाइज के 2,3 घंटे पहले ले लेना।

माँ:-जी।

अब निरज चला जाता है,और भावना डिब्बा किचन मैं रख कर काम करने लगती है। अब वो डिब्बे में पाउडर तो था लेकिन साथ में कुछ और भी।वो आपको आगे चल के पता लग ही जायेगा। अब रात के 8 बजे और प्रकाश निकल गए। और फिर मा बेटे ने खाना खा लिया।​
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