Update 04

उसके बाद

मैं:-(किचन में डिब्बे को देखते हुए) अरे माँ, वो क्या है?

माँ:-अरे वो तो वो निरज आया था,वो दे गया था कल शाम को। वो कुछ पॉवडर है ऐसा बोल रहा था।

मैं:- हां, मैं उस दिन पैसे देने गया था तब उसने बोला था।

माँ:-हा।

अब रात को खाने के बाद भावना अपने रूम मैं और हर्ष अपने रूम में सोने चले गए।

दूसरे दिन हर्ष कॉलेज निकल गया,और भावना को डिब्बे को देख याद आता है और वो एक गिलास मैं पाउडर डाल के दूध के साथ पी लेती है। अभी 10 बज रहे थे। तो अभी निरज के आने में समय था, तो वो अपना काम करने लग गयी थी।

अब 11 बजने में 15-20 मिनिट का टाइम था, और भावना को तो आज अभी से गरमाहट आ ने लगी थी।

वो सोच रही थी कि,

आज तो कुछ अलग सा ही अहसास हो रहा है,बहुत गर्म लग रहा है।मुझे क्या हो रहा है ये? चलो अभी निरज भी आता होगा में कपड़े पहन लेती हूँ।और ऊपर रूम में जाके अपना कमीज निकालती है। और ब्रा भी निकाल देती हैं,और स्पोर्ट टी-शर्ट पहन लेती है।आज उसके हाथ खुद से अपने चुचे पर जा रहे थे। यह उसने नीचे से लैंगिंस निकाली और पैंटी भी निकाल दी। उसने देखा कि आज चूत पे पानी लगा हुआ है।उसका हाथ वहाँ भी चला ही गया। फिर पैंट पहन कर बाहर आई। आज उसको कुछ अजीब और कुछ गरम सा लग रहा था,तभी निरज आता है।

निरज:-जी आप तैयार हो?

माँ:-हाँ।

निरज:-आपने प्रोटीन ले लिया था ना?

माँ:-(अपने हाथों और होंठो को थोड़ा दबाते हुए) ह्म्म्म ले लिया है,,,...पर मम्म थोड़ा अजीब सा लग रहा है। गर्मी सी ज्यादा लग रही है।

निरज:- जी तभी आप अच्छे से एक्सरसाइज कर पाएंगी।

माँ:-जी।

भावना ने आज पिंक कलर का पहना था और नीचे फिर से ग्रे पहना था।

अब निरज ने भावना को सीधे खड़े होके हाथ ऊपर करने को बोला।

बाद मैं निरज ने पीछे से आके भावना के बूब्स के बाजू को पकड़ा और थोड़ा और ऊपर करो ऐसा करके दबा दिया।आज तो भावना पहले ही गरम थी,तो वो बस आहे भर रही थी।

फिर उसने एक पैर को दूसरे घुटने पर रखने को बोला, और पीछे से जाके नीचे बैठ गया, और अपना हाथ पीछे से लाके आगे चूत पे रख दिया।

और थोड़ा जोर देखे दबा दिया। और भावना सिसकिया भरने लगी।भावना का आज बुरा हाल था,पूरी गरम हो चुकी थी।

फिर निरज ने डॉगी पोज़ में रहने को बोला,जो आप फ़ोटो में देख सकते है।

फिर पीछे से जेक उसने भावना की मुलायम गांड को दोनों हाथों से पकड़ा और मसलने लगा। भावना बिना किसी रूकावट के करने दे रही थी।

फिर निरज ने भावना को बैठने के पोज़ मैं करने को बोला। फिर जब भावना बैठती तब वो भावना की गांड को मसलता और जब ऊपर उठती तब चूत के हिस्से से दबाव देखे ऊपर उठता।

ये सब करते करते आज 12:30 बज गए थे। और फिर निरज के दोस्त का फ़ोन आया और वो निकलने लगा।

निरज:-कैसा लगा आज आपको?

माँ:-(थोड़ी सी सिसकारी लेते) मममम अच्छा लगा आज तो।बहूत मजा आया लेकिन गर्मी कुछ ज्यादा ही लग रही है।

निरज:-(शैतानी चेहरे से) जी ऐसा तो होगा ही।कल भी आप प्रोटीन ले लेना।

माँ:- हम्म्म्म।

अब निरज निकल गया।

इधर फिर से निरज का दोस्त पूछता है...

दोस्त:-क्या आज क्या किया?

निरज:- आज तो पूरा गरम कर दिया था।

दोस्त:- मतलब ?? वो तो तू रोज करता है।

निरज:- अबे नही,कल जो प्रोटीन देने गया था ना।

दोस्त:-हाँ

निरज:- उसी का कमाल है।

दोस्त:-क्या बक रहा है बे, उससे क्या होगा।

निरज:- उससे से सब मिलेगा।

दोस्त:-वो कैसे?

निरज:-(हस्ते हुए) उसमें सिर्फ प्रोटीन नही है,सेक्स बढ़ाने वाली दवाई भी है।

दोस्त:-सच में!! तूने तो कमाल ही कर दिया।

निरज:- अब साली सामने से चूत देगी।

दोस्त:-सही कहा।

और इधर भावना रोज की तरह नहाने चली गयी। आज उसको बहुत ज्यादा गर्मी लग रही थी। फिर वो खाना खा के सो गई,और शाम को हर्ष के आने के बाद वो रात के खाने की तैयारी करने लगी, और रात को खाना खा के दोनों अपने अपने रूम मैं सो गए।

रात को भावना को नींद ही नही आ रही थी,उसकी गर्मी बढ़ती जा रही थी। उसकी चूत लगातार पानी छोड़ रही थी।

और एक हाथ अपने बूब्स पर जा रहा था और अपने होंठों को दांतों से चबा रही थी। थोड़ी देर बाद वो उठ के नीचे आती है और टॉयलेट में चली जाती है।और अंदर जाते ही, अपनी मैक्सी को कमर तक कर देती है और उसका हाथ अपने आप पैंटी नीचे करके चूत पे चला जाता है।और अपनी एक उंगली को पहले वो मुह में डालती है और फिर वो गीली उंगली अपनी चूत पे रखती है और उसको अंदर बाहर करने लगती है।

वो और ज्यादा गरम हो रही थी। वो धीरे धीरे सिसकियाँ भरने लगती है, आहहहहहहहहहह,,...मम्ममम्मम्ममम्म मुझे येईईईईए क्या हो रहा है ममममममममम ,ओह्ह हहह।

और उसी समय हर्ष भी उठता है और टॉयलट की तरफ आता है, वो देखता है कि डोर अंदर से लॉक है,वो खटखटाने ही वाला था कि उसको अंदर से आहहहहहहहहहह,,...मम्ममम्मम्ममम्म आहहहहहहहहहह,,...मम्ममम्मम्ममम्म ऐसे आवाजे आती है।वो सोचता है कि अंदर माँ है, और उसको आज ये क्या हो गया ये क्या कर रही है, अब वो भी जवान लड़का था सब पता ही था कि अगर औरत अकेली हो और ऐसी आवाज निकले तो क्या हो रहा हो।

फिर वो ऊपर रूम में चला आता है और माँ के बाहर आने की राह देखता है,और सोचता है कि माँ को ऐसे करते आज पहली बार सुना हूँ। थोड़ी देर में भावना के बेडरूम का दरवाजा बढ़ हुआ,तो फिर हर्ष टॉइलट में जाता है, अब वो देखता है कि टॉयलेट के तरफ निकए फ़र्श पर थोड़ा गिला पानी लगा हुआ था, और वो ताजा था,

तो वो सोचता है कि ये तो माँ का.....माँ ने आज तक कभी ऐसा नही किया,लेकिन चलो कोई बात नही। फिर वो रूम में जाके सो जाता है।

फिर सुबह हर्ष उठ के निचे आता है और देखता है तो भावना वो प्रोटीन पी रही होती है

मैं:- माँ में कॉलेज जा रहा हूँ।

माँ:-(नास्ता लाते हुए) बेटा, नास्ता करके जाओ।

मैं:-जी माँ,

माँ आपसे एक बात पुछु?

माँ:-बोल ना बेटा ?

मैं:- आप ठीक हो ना? किसी चीज़ की कोई जरूरत तो नही?

माँ:- अरे मेरा बेटा, मुझे क्या हुआ है, में तो अब पहले से ज्यादा ठीक हूँ, और मुझे किस की जरूरत, जो डॉक्टर ने दवाई दी थी,वो खा ही तो रही हूँ।

मैं:- जी माँ अब मैं चलता हूँ।

अब हर्ष घर से निकल जाता है,और अपने दोस्त के साथ बाइक पे बैठ के चला जाता है,और सोचता है,

माँ कल क्या सच में वो कर रही थीं? मुझे यक़ीन नही हो रहा। माँ से सीधे पूछ भी नही सकता। और ये सोचते सोचते हर्ष आने दोस्त के साथ कॉलेज पोहोंच गया।

वहाँ पे आज उसके सारे दोस्तो का पिक्चर देखने जाने का प्रोग्राम था। लेकिन हर्ष बोलता है ,यार ये पिक्चर मैंने देख ली है,मुझे बोरिंग लगती है। तो उसके दोस्त ने बोला कि ठीक है तू घर चला जाना लेकिन अभी कैंटीन मैं तो चल।

इधर रोज की तरह भावना फिर वो प्रोटीन लेने से गरम हो चुकी थी। और निरज आ गया। और वो दोनों पीछे चले गए।

आज भावना ने ब्लैक पैंट पहनी थी, जो आपको बता दूं,चूत के हिस्से से फट गयी थी क्यों कि उसका कपड़ा सॉफ्ट था।

अब भावना को फिर से लेटने को बोल के वो एक्सरसाइज करवाने लगता है,भावना तो थी ही पहले से गर्म। फिर निरज ने दोनों पैर पकड़ कर ऊपर किये तो चूत और ज्यादा दिखने लगी। छोटे छोटे बाल भी दिख रहे थे।अब निरज भी असज तो गर्म हो गया था। भावना को ये बात पता नही थी कि चूत के यहाँ से फट गया है। फिर भावना और ज्यादा गर्म हो चुकी थी, फिर निरज ने सोचा अब समय आ चुका है,

तो उसने

निरज:-(अपना हाथ चूत पे घूमते हुए) कैसा लग रहा है?

माँ:-बहुत मजा आ रहा है आहहहहहहहहहह,,...मम्ममम्मम्ममम्म

अब निरज ने चूत के दाने को दो उंगलियों से दबा दिया,जैसे ही दबाया, भावना जोर से चिल्लायी, आहहहहह.... मार डाला ममममम और उसकी चूत ने थोड़ा पानी छोड़ दिया।

फिर निरज ने अपनी एक उंगली चूत के अंदर डाली और बोहोत धीरे धीरे से अंदर बाहर करने लगा, भावना की चूत में पहली बार किसी गैर मर्द की उंगली गयी थी, उनको और ज्यादा गर्मी होने लगी।

निरज:-(चूत मैं धीरे धीरे उंगली डालते हुए) मजा आ रहा है ना?

माँ:-(गुस्से में)क्या कर रहे हो ?

और निरज डर जाता है,और सोचता है कि अब ये तो गुस्सा हो गयी।

माँ:-क्या कर रहे हो ये????

निरज:-वो मैं... वो मैं.....

माँ:-(सिसकियाँ लेते हुए) जोर से अंदर डालो ना।

और निरज ये सुनके खुश हो जाता है और जोर जोर से उंगली डालने लगता है। और फिर भावना को फिर से कुत्तिया के पोज़ मैं कर के अपना हथौड़े जैसा लन्ड बाहर निकलता है और भावना की चूत पे पीछे से रगड़ता है। भावना अब और गर्म हो चुकी थी,

और अब निरज भावना को किस करने लगता है,और साथ मैं चूत मैं उंगली भी,लेकिन तभी, भावना को याद आता है कि वो कहां पे है? और घर का डोर भी खुल है, तो

माँ:-(उठते हुए) यहाँ नही।

निरज:-मतलब?

माँ:-( उठ के दौड़ के चली जाती है और दरवाजा बढ़ कर देती है।)

निरज पीछे से अपना लन्ड हाथ में पकड़ कर आता है और भावना फिर से उसके लन्ड को देखने लगती है, और निरज किचन में भावना की पेंट और टी-शर्ट निकल फेकता है।और दोनों एक दूसरे के होंठों को चूमने लगते है। भावना भी न चाहते हुए सब करने लग गयी थी,गर्म जो हो गयी थी। लगभग 10 मिनिट एक दूसरे के मुँह मैं मुँह डालने के बाद दोनों फिर से एक दूसरे को देखने लगते है।

माँ:-यहाँ नही,मेरे बेडरूम में चलो।

निरज:-(भावना को गोद में उठा के ऊपर ले आता है और बेड पे रखता है) आंटी, ये लन्ड चूस दो।

माँ:-(अजीब चेहरा बनाती है लेकिन हवस तो उसमें भी आ गयी थी।)

और वो निरज का लन्ड को पहले हाथो से पकड़ती है, और फिर अपनी जीभ से लन्ड की टोपी को चाटती है।फिर धीरे से सिर्फ लन्ड की टोपी को मुह मैं रख कर चूसने लगी,

फिर धीरे धीरे पूरा लन्ड गले तक ले लिया। और ब्लोजॉब देने लगी,पूरे रूम में सिर्फ घुघुघयघु गच्च गच्च गच्च आवाजे आ रही थी।

फिर निरज ने भावना के पैर फैला के चूत पे मुह रख दिया और जोर से चाटने लगा। भावना निरज के सर को पकड़ के और जोर से दबा रही थी।

फिर निरज ने लन्ड भावना की चूत पे सेट किया,और अंडर घुसाने ही वाला था कि भावना पीछे हो गयी

माँ:-(टेन्सन मैं) तुम वो ले आओ।

निरज:-क्या?

माँ:-अगर बच्चा हो गया तो?

निरज:-नही होगा।

माँ:-नही।

निरज:-(अपनी पैंट की जेब से कॉन्डोम निकलते हुए) ये देखो अब खुश।

माँ:-(हस्ते हुए) हां अब तड़पाओ मत डाल दो।

अब निरज ने कॉन्डोम लगाया और फिर से चूत पर लन्ड सेट किया और घिसने लगा।उधर भावना हहहह मममममम उम्म करने लगी थी। भावना की चूत मैं शादी के बाद आज पहली बार लन्ड जाने वाला था,उसकी चूत टाइट हो गयी थी। फिर निरज ने लन्ड की टोपी को चुत के अंदर घुसाया।

माँ:- ओययययययय माँ मर गयी। मममममम हहह

और निरज फिर से थोड़ा आगे पीछे करने लगा। अब निरज ने थोड़ा जोर देते हुए आधा लन्ड घुसेड दिया था।और धीरे धीरे करके उसे पूरा लन्ड घुस दिया । अब तो भावना के होश उड़ गए,उसका लन्ड चूत की गहराई तक पोहोंच गया था।

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निरज ने आगे पीछे लन्ड किया और बाद में लन्ड बाहर निकाल दिया।

माँ:-(गुस्से में)क्या हुआ? रुको मत।

निरज:-(प्लानिंग के हिसाब से) मुझे ये रोज करने देगी?

माँ:- अभी कुछ मत पूछ प्लीज हाथ जोड़ती हूँ,अंदर डालो ।

निरज:-(चुत के दाने को मसलते हुए) नही पहले मेरी बातों का जवाब दो।

माँ:- आहहहहहहहहहह,,...मम्ममम्मम्ममम्म तुम्हे जो करना है कर लेना,बस अभी रुको मत।

और निरज वो बोल के वापस करने लगता है।और वापस चुत के लन्ड सेट करता है और बाहर निकाल के फिर रुक जाता है।

माँ:-(गुस्से में) प्लीज हाथ जोड़ती हूँ ,ऐसा मत करो।मैं मर जाउंगी,अंदर डालो।

निरज:-(फोन का वीडियो न करते हुए) बोल की तू अपनी मर्जी से ये कर रही है।

माँ:-(बिना होश में ) मैं सब अपनी मर्जी से कर रही हूँ, अब प्लीज अपना लन्ड मेरी चुत मैं डालो।

अब निरज का काम यहां पे हो गया था।और निरज जोरदार चुदाई में लग जाता है। निरज ने वीडियो इस लिए बना लिया ताकि अब भावना उसके हाथ में रहे।

अब आपको याद हो तो, हर्ष आज जल्दी घर आने वाला था। उसके दोस्त पिक्चर देखने जा रहे थे तो। अब वो घर आया। उसने देखा घर पे आज दरवाजा बंद है।और निरज की बाइक तो यही पे है। चलो पीछे की तरफ जाता हूँ शायद वहाँ पे होंगे। वहां देखा तो कोई भी नही था,तो उसने सोचा कि शायद एक्सरसाइज हो गयी होगी तो वो लोग अंदर बैठे होंगे।

और जिस जगह वो लोग रोज एक्सरसाइज करते है वहाँ कुछ पानी गिरा हुआ दिखा, तो हर्ष को कुछ गलत तो लगा लेकिन वो सोचते हुए वापस दरवाजे के पास आ गया,और दरवाजे की घँटी बजायी।

जैसे ही घँटी सुनी, इधर भावना और निरज चोंक जाते है और निरज जल्दी से अपना विर्य भी गिर देता हैं कॉन्डोम में और भावना भाग के जल्दी से अपने शरीर को साफ करती है और बैडरूम से एक कुर्ती,और लेगिंस पहन लेती है,बिना ब्रा पैंटी के।और निरज भी अपना पैंट ऊपर करके कॉन्डोम को विन्डो से बाहर फेके देता है और जल्दी से दोनों नीचे आ जाते है।

ये सब कुछ बस 2 ,3 मिनीट में कर दिया।और हर्ष सोचता है कि दरवाजा खोलने में आज ज्यादा वख्त लग गया।

मैं:-माँ क्या कर रही थी कितनी देर लगादी?

माँ:-(घबराते हुए) बेटा, तू! आज इतनी जल्दी आ गया।

मैं:-हाँ माँ लेकिन आप दरी हुई क्यों है?

निरज :-जी वो अभी एक्सरसाइज करके बैठी न इस लिए।

मैं:-(अंदर आते हुए) जी ।

निरज:-जी मैं चलता हूँ।

माँ:-(थोड़ी स्माइल देते हुए) जी।

अब माँ दरवाजा बंद करने जाती है तब हर्ष देखता है कि,माँ ने तो अभी नार्मल कपड़े पहने है,और ये किचन में अपनी पैंट और टी-शर्ट ऐसे कैसे पड़ी है। और माँ से यही बात पूछने वाला होता है।

मैं:-माँ , ये आपके कपड़े.....

और तभी फिर से दरवाजे की घँटी बजती है।

माँ:-(दरवाजा के पास जाते हुए) अब कोन आ गया।

निरज:- जी वो मेरा फोन मिल नही रह।

माँ:-कहा रख दिया था आपने ?

निरज:-याद नही कहा रख दिया था।

माँ:- हाँ, वो आपका फोन तो मेरे बेडरूम में है ना।

निरज:-हां।

और तभी भावना और निरज को याद आता है कि उसका बेटा हर्ष भी अभी यहाँ बैठा है।और हर्ष सोचते हुए

मैं:-निरज तुम्हारा फोन माँ के बेडरूम में कैसे?

निरज:-(हड़बड़ा जाता है और ) वो ... मैं

माँ:-(निरज की बात को काटते हुए) बेटा वो उस दिन वो प्रोटीन का डिब्बा लाया था न उसके पैसे देने थे तो ऊपर लेने बुलाया था।

भावना बात को संभाल लेती है और निरज फोन लेके चला जाता है,और बाद मैं

माँ:-बेटा तुम खाना खा लो।मुझे नींद आ रही है।

मैं:-जी ठीक है माँ।

माँ:-(किचन के कपड़े देखते हुए उसको बाथरूम में रख देती है)

और खाना देखे ऊपर सोने चली गयी।​
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