Chapter 02


यह मेरी कहानी का दूसरा भाग है और पहला आप सर्च कर ले, आशा है कि आप सबको पहला भाग पसंद आया होगा, अब आगे...

सुबह जब मम्मी मुझे जगाने आई तो एक नया तरीका आज़माया, मम्मी ने मेरे कान के पास मेरा रात का वीडियो चालू कर दिया जिसमें में चिल्ला रही थी मैं चोंक उठी, थोड़ा दर्द हुआ गांड में, मम्मी ने कहा "गांड में सूजन है क्यों मरवाई?"

मैने बोली कि"क्या करती भाई ने मार ली" , मम्मी मुस्कुराते हुए गांड मटकाती हुई चली गई, आज मम्मी की आँखो में अजीब-सी हवस थी।

मै जैसे तेसे उठी और बाथरूम गई और जब वापस आई तो भाई बैठा था बेड पर लेटा हुआ था मेरे ऊपर हंस रहा था मुझे गुस्सा आने लगा उसपर मैने कहा"अब क्या करने आए हो यहाँ, रात को कम था क्या?" , उसने रात के लिए माफी मांगी और बताया कि सारा प्लान सोनाली का तुम्हारी गांड फड़वाने का, यह सुनकर मेरी गांड और फटने लगी, मैं अब सोनाली से बदला लेना चाहती थी, पर कैसे भाई उसकी तरफ जो था।

मै नंगी ही थी उस वक़्त भाई के सामने अब छुपा के क्या करना था, मैने देखा कि भाई लंड फिर से तन रहा था मैं जैसे ही कपड़े उठाने के लिए झुकी पता नहीं कब भाई बिना बताए आया और मेरी गांड में जोर से अपना लंड डाल दिया मैं चीखने चिल्लाने लगी पर थोड़ी देर में दर्द बन्द हुआ और मज़ा आने लगा पर इस बार मुझे कुछ अलग एहसास हुआ फिर जब भाई ने कंडोम लगा रखा था इतने में मेरी नजर खुले दरवाज़े पर पड़ी मैं बन्द करने के लिए भागने लगी तो भाई ने पकड़ लिया और फिर जोर से धक्का मार दिया।

और बोला "कौन आ रहा है जो भागी जा रही हो?" तो मैने कहा "मम्मी घर में ही है" , भाई बोला "जब तुम चुदवा सकती हो तो वह रंडी क्यों नहीं चुदवाना चाहेंगी, तुम पूछ लेना उससे अगर मुझसे चुदवाएगी तो रोज आगे पीछे दोनों तरफ से मज़ा दूंगा" , भाई ने मेरी गांड में ही अपना सारा माल खाली कर दिया और कंडोम मेरी गांड के अंदर ही छोड़ दिया और हम लेट गए बिस्तर पर, गांड मरवाने के कारण मेरा सारा बदन टूट रहा था।

इतने में मम्मी ने नाश्ते के लिए आवाज़ लगाई भाई ने कपड़े पहने पर चड्डी नहीं पहनी बोला "आज मुझे अपनी चूत में से निकालने वाली मेरी माँ आज इस लंड को देखेगी, चुसेगी, गांड मरवाएगी और आखिर में चूत में मजा दूंगा" , मैने कहा देखते हैं तुम कैसे मम्मी को पटाते हो।

मै कपड़े पहनने लगी कंडोम को गांड से निकालकर मैने सारा माल पी लिया गजब का टेस्ट था भाई के गाढ़े-गाढ़े वीर्य में, मुझसे कपड़े नहीं पहने जा रहे थे तो भाई ने मुझे सिर्फ़ एक नाईटी पहना दी अंदर कुछ नहीं पहनाया और बोला "क्या करोगी पहन कर अब हम लोगों को बिना कपड़ों के ही रहना हे घर में बस एक बार मम्मी को चोद लूं" , भाई की बातें सुनकर मुझे भी अच्छा लगा फिर हम दोनों ने एक प्लान बनाया।

एक बात बता दी कि मेरे पापा किसी काम से 10-12 दिन के लिए बाहर गए हुए है आज ही गए है सुबह सुबह।

भाई और में रूम से बाहर आ गए दूर से देखा जा सकता था कि में अंदर कुछ नहीं पहना है, शायद मम्मी ने नोटिस के लिए था फिर हमने गार्डन में जाकर नाश्ता करने की सोची, हम बाहर आ गए तेज हवा चल रही थी नाश्ता करते वक़्त मम्मी की नज़रें भाई के लंड पर थी।

नाश्ता करने के बाद भाई और मम्मी के सामने मैं ज़मीन पर पड़े पानी के ग्लास को उठाने के लिए झुकी मेरी गांड उन दोनों की तरफ थी मेरे गाउन में हवा घुसने के कारण गाउन ऊपर उठ गया और मेरी सुजी हुई गांड का नज़ारा उनके सामने था।

इतने में मम्मी ने मेरा गाउन ऊपर ही पकड़ लिया और गांड देखने लगी और बोली "इसे क्या हुआ और यह सूजन केसा है?" मैं मम्मी की तरफ मुस्कुराते हुए बोली "शायद मच्छर ने काट लिया होगा रात को" , तो मम्मी बोली "नंगी मत सोया करो अभी मच्छरों का सीजन है ठंड के सीजन में नंगा सोया जाता है इस सीजन में नहीं" , फिर मम्मी बोली "आओ तुम मेरे साथ ने दवाई लगाती हूँ।"

मम्मी को भाई से फ्लर्ट करने में मजा आ रहा था भाई का मैने लंड देखा था जब मम्मी अंदर गई तो बिल्कुल कड़क था मैने मुंह में डालकर थूक लगा दिया उसपर और भाई को बोला "भले ही मम्मी आगे से आकर भी झुक जाए सामने तो भी लंड मत डालना हमारे प्लान वाले तय समय रात 9बजे और हमारी तय जगह छत पर ही करेंगे" और में अंदर आ गई भाई उसके कमरे में चला गया और सोनाली से फोन पर बातें करने लगा।

मै मम्मी के कमरे में आ गई थी मम्मी ने एक क्रीम निकाल के रखी थी मुझे बुलाया और गाउन निकालने को कहा मैने वैसा ही किया, मैं बेड पर लेट गई मम्मी बस एक तेल की बॉटल भी निकाली और बोली कि "पहली बार गांड मरवाई है सारा बदन टूट रहा होगा मैं मालिश के देती हूँ, जब मैने भी पहली बार गांड मरवाई थी तो मुझे भी खूब दर्द हुआ था, तुम्हारे पापा ने और मैने 4 दिन तक कपड़े नहीं पहने थे, जबतक दर्द बन्द नहीं हुआ हम दोनों ने मन्नत मानी थी कपड़े ना पहनने की"।

अब मम्मी ने मेरी नंगी गांड पर क्रीम लगा दी और पीठ पर मालिश करने लगी मुझे पता ही नहीं चला कब नींद लग गई मम्मी भी मेरे पास ही सो रही थी, जब मैं उठी मैने मम्मी की साड़ी ऊपर की ओर चूत देखने लगी इतने में मम्मी उठी और बोली "क्या कर रही हो" मैं बोली"मैने आजतक किसी बड़ी औरत की चूत नहीं देखी" , फिर मम्मी ने अपनी साड़ी ऊपर उठा दी और बोली "इस खेत पर बहुत से लोगों ने हल चलाया है" और मुस्कुराने लगी मैं मम्मी की रसीली चूत सूंघने लगी।

मै मम्मी की चूत का मजा ले रही थी, मैं मम्मी की चूत से निकलने वाला सार माल पी गई फिर मम्मी मेरी चूत पर आ गई वह चूत देखकर बोली "यह तो बहुत छोटी ऑर प्यारी है, क्या तुम्हारे भाई ने इसकी सील नहीं खोली?" मैं बोली "इसको में किसी खास से खुलवाऊंगी और जब खुलवांगी आपको बता दूंगी"।

यह सुनकर मम्मी किचन में चली गई मैंने भी गाउन हाथ में लिया और भाई के कमरे म चल दी मेरी चूत पर मम्मी का थूक लगा था वह देख भाई बोला "मानना पड़ेगा मेरी कूत्ती बहन को मम्मी को ही चूत का रस पिला आई" , फिर हम लोगों ने 8बजे खाना खाया।

और फिर में भाई के कमरे म चली गई मैने भाई को बोला कि "सोनाली को बुला लो और तुम दोनों 9बजे छत पर अपनी चुदाई चालू कर देना सोनाली चिल्लनी चाहिए, मम्मी ऐसे ही भी चूद्वाएगी नहीं तो तुमसे" , मैने इशारा किया और बोला वह बात याद है कुछ की आज "सोनाली की गांड मारनी है मेरा बदला पूरा करना है, जब मैं और मम्मी आए तो तुम हो सके तो उसकी गांड मारते रहना"। भाई ने और मैने एक किस किया और लग गए काम पर।

भाई ने सोनाली को छत के रास्ते (हमारे घरों के छत एक दूसरे से जुड़ी हुई है) बुला लिया उन्होंने 9 बजे के पहले ही प्रोग्राम शुरू कर दिया मैं मम्मी के पास गई और बातें करने लगी मैने बोला चलो आज छत पर घूम के आते हैं दोनों चल दिए छत पर ठंडी-ठंडी हवा चल रही थी छत के एक कोने में देखा कि भाई और मेरी बिस्तरभाभी सोनाली दोनों चुदाई कर रहे थे आवाज़ें दूर तक सुनाई दे रही थी, पर शायद भाई ने सोनाली को कुछ नहीं बताया था, भाई मेरे कहने पर सच ने सोनाली की गांड फाड़ रहा था वह जोर-जोर से चिल्ला रही थी।

मै और मम्मी थोड़े पास पहुँच गए मम्मी शरमा रही थी पर मैं उन्हें चुदाई दिखाने के लिए के गई यह बोल कर की सिर्फ़ दूर से देखेंगे।

हम अंधेरे में से देखने लगे पर प्लान तो कुछ और जी था मैने पास पड़े किसी समान में पैर दे मारा भाई प्लान के अनुसार रुक गया, मम्मी भागने की सोचने लगी पर मेरे दर्द ने रोक लिया, भाई की और मम्मी की नजर मिल चुकी थी एक दूसरे को उन्होंने देख लिया था, भाई ने सोनाली के कान में कुछ कहा उसने आव देखा ना ताव नंगी ही छत कूदकर अपने घर चली गई अपने आधे कपड़े भी छोड़ गई चड्डी ब्रा सिर्फ़ एक गाउन लेकर चली गई।

उसको भागते देख मम्मी भाई के पास चली गई और बोली उसे क्यों भगाया भाई के खड़े लंड की तरफ इशारा करके बोलने लगी "अब इसका क्या होगा? यह कैसे शांत होगा?" , भाई ने प्लान के मुताबिक मम्मी को कस के पकड़ा और गांड की तरफ घुमाकर उनका पतला-सा गाउन उठा दिया मम्मी चिल्लाने लगी जोर-जोर से चिल्ला रही थी कोई सुन नहीं सकता था क्योंकि वाहा दो ही घर थे एक ममता (मैं खुद) और मेरी बिस्तरभाभी सोनाली का, उसके पापा मेरे पापा के दोस्त थे और बिजनेस पार्टनर भी इसलिए दोनों साथ गए थे 10-12दिन ले लिए।

अब मम्मी चिल्ला रही थी "क्यों कर रहे हो मेरे साथ ऐसा और तू रंडी की बच्ची ममता कुछ करती क्यों नहीं?" और वह चिल्ला रही थी मम्मी की एक्टिंग कुछ देर चली फिर वह शांत हो गई उसके बाद भाई ने मम्मी का गाउन उठा दिया मम्मी ने अंदर कुछ नहीं पहना था, चुदना तो उन्हें भी था पर ओवरेक्टिंग भी तो करनी थी उनकी जांघों तक चूत का पानी आ गया था तो भाई ने यह देख मम्मी का गाउन फाड़ दिया और दो थप्पड़ जड़ दिए मम्मी की गांड पर मम्मी और मम्मी की गांड दोनों गुस्से से लाल पड़ गई थी।

भाई ने बोला रंडी तूने अच्छा नहीं किया भाई बोला"इतनी चिल्ला रही थी सोनाली के भाई ने या उसकी तीन बहनों और मम्मी ने सुन लिया होता तो?" , अब मम्मी पूरी नंगी खड़ी थी हमारे सामने।

भाई मुझे बोला "तुझे क्या लिख के दू कपड़े उतारने का" , मैं कपड़े उतारने लगीं फिर भाई ने पीछे से ही मम्मी की चूत में एक धक्का मारा चूत गीली और ढीली होने के कारण एक ही बार में लंड पूरा चला गया, मम्मी कराहने लगी मैने मम्मी की चूत पर मुंह लगा दिया मुझे बड़ा अच्छा लग रहा था जब मम्मी की चूत म लंड जाता मेरे मुंह से टकराते हुए, एसा लग रहा था जैसे कोई इंग्लिश पोर्न स्टार हूँ मैं।

थोड़ी देर बाद भाई मेरे मुंह में झड़ दिया मैं सारा माल पी गई, हम 10-15मिनट रुके क्योंकि पहली ट्रिप के बाद तत्काल दूसरी नहीं लगानी चाहिए डॉक्टर लोग भी माना करते है।

अब मेरी बारी थी मैं फिर झुक गई भाई ने कोशिश की मेरी चूत मारने की पर मैने और मम्मी दोनों ने माना कर दिया था इसलिए मेरी गांड में ही लंड डाल दिया मैं मम्मी से भी ज़्यादा जोर से चिल्ला रही थी।

मम्मी बोली "मुझे तो बड़ा बोल रहे थे दोनों कोई कम चिल्लाने का अब क्या हुआ?" , मैं बोली "मेरी प्यारी रंडी माँ तू पता नहीं कबसे चुदवा रही है मेरा तो आज दूसरा दिन ही है और मेरी तो अभी चूत की सील भी नहीं खुली है" , इतने में मैने मम्मी को पकड़कर मेरी चूत पर ले गई वह चाटने लगी।

अब भाई ने मम्मी के मुंह में खाली किया और हम नीचे चले गए एक ही कमरे में तीनों नंगे दो रहे थे।

सुबह मम्मी ने बिना कपड़े पहने ही नाश्ता बनाया हमने एकसाथ नाश्ता किया और तीनों बाथरूम म नहाने चले गए, तीनों नहा के बाहर आए, मैं चुदवाने के मूड में नहीं थी तो मैने और मम्मी ने भाई का लंड चूस चूसकर ठंडा किया और सो गए।

जब मेरी नींद खुली मैं अकेली बिस्तर पर थी मैने रात का किस्सा अच्छे से याद किया मुझे कुछ अजीब लगा कि सबकुछ इतनी आसानी से कैसे हुआ, मैं सोचते हुए बाहर आ गई मम्मी को आवाज़ नहीं दी मैने और उनके कमरे कि और चल दी मैने चुपके से दोनों की बात सुनी।

वह बातें कर रहे थे मम्मी बोली "गजब का प्लान बनाते हो बेटा एक पल के लिए तो में सब कुछ सच समझ बैठी"।

भाई मुस्कुरा रहा था, मम्मी बोली "ममता को अच्छा उल्लू बनाया बिचारी की गांड भी मार ली और उसे शक भी ना होने दिया" , मैने आव देखा ना ताव मैं एक झाड़ू लेकर कमरे में चली गई और पूछा कि "क्या प्लान था तुम्हारा?" , मम्मी मेरी तरफ देखने लगी मैने भाई के लंड पर झाड़ू से जोर से मारा भाई चिल्लाने लगा और दोनों एकसाथ बोले "बताते है"।

मम्मी बोली "शुरू से सबकुछ। हमारे प्लान के मुताबिक था तुम्हारा सोनाली के साथ चुदाई देखना, फिर वीडियो वाले किस्से तुमने मेरे बेटे की वीडियो बनाई मैने तुम्हारी बनाई, सोनाली का तुम्हारी चुदाई करवाना सबकुछ मेरा तुम्हारी तरफ इशारे करना सब हम दोनों का ही प्लान था"।

मै जानबूझकर गुस्सा होने लगी मम्मी बोली "बेटा अगर तुम्हे हमारे खेल में शामिल नहीं करते तो तुम किसी और से चुदवा लेती तो, मैं तुम्हे अपने जैसा नहीं बनाना चाहती हूं"।

तो मैं अच्छा महसूस करने लगी और फिर मैने मम्मी की गांड झाड़ू का सिरा दे मारा जिससे मम्मी को बहुत दर्द हुआ वह चिल्लाने लगी और बोली "अब क्यों मारा रंडी की औलाद?" फिर मैं बोली "इसलिए की तुमने मेरी गांड तुमने सुखी-सुखी मरवाई थी तुम्हे क्या पता कितना दर्द होता है सुखी गांड मरवाने में?"।

फिर भाई ने बताया कि हमने दो दिनों तक तुम्हारे पानी लेने जाने का टाइम देखा फिर सब सेट किया सोनाली को बुलाया उसे चिल्लाने को बोला ताकि तुम आकर देखो फिर सब प्लान के मुताबिक हुआ, यह प्लान मैने सोनाली ने और मम्मी ने मिलकर बनाया था केसा लगा"।

मैने पूछा "तुम दोनों का कब से चल रहा है?" मम्मी बोली बाद में बताऊंगी लंबी कहानी है। (अगले पार्ट में लिखूंगी)

फिर मैने सोनाली का पूछा उसे कैसे फसाया तो भाई बोला"वह तो फसी फसाई पड़ी थी वह कॉलेज तो जाती नहीं जो वाहा चुदवा ले उसकी बड़ी 2बड़ी बेहने है और एक छोटी, बडी बहनों को उसने सुना था चुदाई के बारे में बाते करते उन दोनों ने स्कूल के टाइम पर ही चुदवाना शुरू कर दिया था पर बिचारी सोनाली रह गई, बस मैने ईके बार गलती से छत पर जब में उसके भाई के पास बैठा था वह कपड़े सुखाने आई तब मैं जाने लगा गलती से मेरा हाथ उसकी चूत से टकरा गया था तो उसने धीरे से मुझे बोला रात को देखती हूँ तुम्हे तो मैं"।

मैने भाई को शाबाशी दी इस बात की फिर मैने मम्मी और भाई की थोडा बनावटी गुस्सा दिखाते हुए बोला "अब तुमने मुझे निराश तो कर दिया पर अब मैं तभी खुश होऊंगी तुमसे जब पापा का लन्ड मेरी चूत खोलेगा तब तक कोई उंगली भी नहीं डालेगा"

दोनों चौंक गए और बोले "उनसे कैसे चुदवा सकती हो तू?" मैने जवाब दिया अपने भाई से चुदवा सकती हूँ, तुम अपनी माँ चोद सकते हो और तुम अपने बेटे से चुदवा सकती हो तो मैं अपने पापा से क्यों नहीं, उनका लंड तुमसे तो बड़ा और मोटा ही है"

मम्मी बोली "ठीक है, जैसी तुम्हारी मर्ज़ी"।

हम तीनो ने अब एक राउंड चुदाई की और शांत हो गए।

अब आगे की कहानी अगले पार्ट में...

आगे मैं बताऊंगी कैसे मम्मी ने भाई से चुवाना शुरू किया

मैने पापा को पटाया

मेरी बर्थडे पार्टी

और ससुराल भी जाऊंगी जल्द ही।

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