Update 05

शाम को 5 बजे, मम्मी सो के उठीं और चाय बना कर लेके आईं।

मैं उस समय, पढ़ रहा था।

मैं चुप था।

मम्मी ने पूछा – क्या हुआ.. !! आज जब से आया है, चुप है.. !! खोया खोया भी रहता है, आज कल.. !! बात क्या है.. !!

मैंने कहा – कुछ नहीं.. !!

मम्मी ने कहा – क्या हुआ बोल ना, बेटा.. !!

उनके मुँह से बेटा सुनते ही, ना जाने क्यूँ मेरा खून खोल उठा।

मैंने अपने उपर संयम रखते हुए कहा – कुछ नहीं हुआ, मम्मी.. !! पढ़ने दो, बस.. !!

मम्मी 10 मिनट, बैठीं रहीं।

मैं बीच बीच में, तिरछी नज़र से देख रहा था।

वो, मेरी ही तरफ देख रही थीं।

कुछ देर बाद उन्होंने खड़ी होके, मेरे सिर पर हाथ फेरा और कमरे से निकल के उन्होंने जाते जाते, मेरे कमरे का दरवाज़े चिपका दिया।

मैं पढ़ने लगा या कहिए, कोशिश करने लगा।

मम्मी ने, टीवी चला ली।

मैं आधे घंटे तक, अपने कमरे में था।

उसके बाद, बाहर आया।

मम्मी, सोफे पर नहीं थीं।

टीवी, चल रहा था।

मम्मी हॉल वाले, बालकनी में थीं और फोन पर बात कर रही थीं।

मुझे लगा, अंकल का फोन है।

मैं उधर जाने लगा, बात सुनने के लिए।

मैं कुछ दूर गया था की अम्मी ने बालकनी का दरवाज़ खोल दिया और कहा – अफरोज़ बेटा, लो अपने अब्बू से बात करो.. !!

चलो, आज मेरा शक ग़लत था।

उस समय, फोन पर मेरे अब्बू थे।

अब्बू ने पूछा – क्या हुआ, मेरे बच्चे.. !! तुम्हारी अम्मी कह रही हैं, तुम कुछ बोल नहीं रहे हो.. !!

मैंने कहा – कुछ नहीं हुआ है, अब्बू.. !! बस, थोड़ा थका हुआ हूँ.. !! और फिर मैंने, फोन अम्मी को दे दिया।

पता नहीं क्यों, मैंने अब्बू से कुछ नहीं कहा।

ये बात, मुझे आज तक समझ में नहीं आई।

अगले दिन, मैं सुबह उठ के कॉलेज चला गया।

मैं जानता था की मेरे दोस्त के पापा, मेरी मम्मी को चोद रहे होंगे लेकिन मैं क्या कर सकता था।

वो मेरी मम्मी की इज़्ज़त नहीं लूट रहे थे, मम्मी अपनी मर्ज़ी से उनके नीचे लेट रही थीं।

उस दिन मैं घर पहुँचा, शाम के समय।

कॉलेज के बाद, ना जाने कहाँ कहाँ घूमता रहा।

मेरी मम्मी, बगल वाली आंटी के यहाँ गई थीं।

मैं मम्मी के, कमरे में था।

मैं उनके कमरे में बैठ के, पढ़ रहा था।

तभी, मैं बिस्तर से उठने लगा की मेरी किताब नीचे गिर गई।

मैं किताब उठाने के लिए, नीचे झुका।

मुझे 2 कॉन्डम दिखे।

मैंने हाथ बढ़ा के, उन्हें निकाला।

दोनों कॉंडम मे, वीर्य भरा हुआ था।

मैंने उसे वहीं रख दिया वापस।

3 दिन के बाद, श्लोक ने कहा – यार, चल आज कॉलेज बॅंक करते हैं.. !! एक मस्त पिक्चर लगी है.. !! मॉर्निंग शो चलते हैं।

फ्राइडे का दिन था और हमारे साथ 3 दोस्त और थे।

हमने उस दिन कॉलेज बस नहीं पकड़ा, लेकिन मेरे दिमाग़ में कुछ और प्लान था।

मैंने श्लोक से कहा – तू टिकेट ले ले.. !! मैं कुछ देर में आता हूँ.. !!

श्लोक ने कहा – कहाँ जा रहा भाई तू.. !!

मैंने कहा – तू टिकेट ले ले ना.. !! 12 बजे का शो है.. !! अभी बहुत टाइम है.. !!

उसने कहा – लेकिन, तू आ जाना यार, टाइम पर.. !!

मैंने कहा – यार, चिंता मत कर.. !! आ जाऊंगा.. !! और, मैं वहां से सीधे अपने घर के लिए निकल गया…

नीचे बेसमेंट में, मुझे अंकल की गाड़ी दिखी।

मैं तो पहले ही से जानता था की अंकल, मेरे ही घर में होंगे।

मैंने सबसे पहले, दरवाज़े के “की होल” से देखा।

हॉल में कोई नहीं था क्यूंकि कुछ आवाज़ आ नहीं रही थीं।

मैंने बहुत धीरे से, दरवाज़ा खोला।

सच में, कोई नहीं था हॉल में।

दोनों, मम्मी के रूम में थे।

रूम का दरवाज़ा खुला था, लेकिन पूरा नहीं।

बस, मुझे वो बिस्तर पर बैठे दिख रहे थे।

मैं जानता था, अगर मैं यहाँ खड़ा रहा तो ये लोग मुझे देख लेंगे।

मैं चुप चाप हॉल की बालकनी में चला गया और पर्दे को वैसा ही कर दिया, जैसे पहले था, ताकि उनको ये ना मालूम चले मैं घर में हूँ और उस बालकनी से सटी हुई, मम्मी के बैडरूम के बालकनी में चला गया।

मम्मी और अंकल, बिस्तर पर बैठे हुए थे।

अंकल ने अपनी पैंट शर्ट पहन रखी थी और मेरी मम्मी, उनकी बाहों में लेटी हुई थीं।

अंकल फोन पर बातें कर रहे थे, ऑफीस के लोगों से।

वो अपने स्टाफ को, लताड़ रहे थे।

मेरी मम्मी ने, टॉप और कैप्री पहन रखा था।

कुछ देर बात करने के बाद, अंकल ने फोन नीचे रख दिया।

मम्मी ने कहा – क्या हुआ.. !! इतना गुस्से में क्यों हैं, आज.. !!

अंकल ने स्टाफ को गली देते हुए कहा – साले बहन चोद.. !! एक काम नहीं करते, ठीक से.. !!

मम्मी ने कहा – क्या आप, कुछ देर के लिए आते हैं और उसमें में भी मूड ऑफ कर लेते हैं, अपना.. !!

अंकल ने मम्मी को पकड़ के ऊपर खींचा और कहा – अरे नहीं, मेरी रानी.. !! तेरे पास अपना मूड ठीक करने तो आता हूँ.. !! घर में बीवी से झगड़ा.. !! बाहर, स्टाफ की परेशानी.. !! मैं थक जाता हूँ.. !! बस तेरे पास थोड़ा आता हूँ, तो अच्छा लगता है.. !!

मम्मी ने अपना हाथ पीछे करते हुए, उनका गला पकड़ा और उनके होंठ पर किस किया और कहा – चलिए, अब शांत हो जाइए.. !!

अंकल ने मम्मी के बालों को पकड़ा और कहा – शांत ही तो होने आता हूँ, मेरी रानी.. !! और, मम्मी को देख के हँसे।

मम्मी ने भी मुस्कुराया और फिर अंकल ने उनके होंठ पर ज़ोर का चुम्मा लिया और मम्मी, उनके ऊपर आ गईं।

फिर वो, एक दूसरे को किस करने लगे।

अंकल ने मम्मी का चुत्तड़, कैप्री के ऊपर से कस के पड़ा और दबा दिया।

मम्मी ने “उम्मह” करते हुए, अपना हाथ पीछे किया और उनका हाथ हटाते हुए कहा – क्या कर रहे हैं.. !! दर्द होता है.. !!

अंकल ने धीरे से सहलाते हुए, कहा – सॉरी यार.. !! क्या करूँ, ऐसी गांड देख कर कंट्रोल नहीं होता.. !! चल, एक चाय पीला दे.. !! और, मम्मी उठ के चली गईं।

अंकल ने अपना लैपटॉप खोला और कुछ काम करने लगे।

मम्मी कुछ देर में, चाय ले के आ गईं।

अंकल ने चाय ली और अपना सिगरेट जलाया और पीने लगे।

साथ साथ में, लैपटॉप पर काम करने लगे।

मम्मी उनसे बार बार कह रही थीं, काम बंद करने को, पर अंकल नहीं मान रहे थे।

कुछ देर बाद, मम्मी गुस्सा करके बाहर चली गई और टीवी चला लिया।

टीवी की आवाज़, बाहर तक आ रही थी।

अंकल ने उन्हें थोड़ी देर बाद, आवाज़ दी पर अब मम्मी नहीं आ रही थीं।

अंकल ने अब लैपटॉप बंद किया और चाय पी के कप नीचे रख दिया और बाहर के हाल में, चले गये।

कुछ देर तक, बस टीवी की आवाज़ आ रही थी।

कुछ ही देर बाद, अचनाक मैंने देखा अंकल मेरी मम्मी को अपने गोद में उठा के ला रहे थे।

मम्मी हंस रही थीं और कह रही थीं – नीचे उतारिये.. !! मैं नीचे गिर पड़ूंगी.. !!

अंकल ने कहा – नहीं गिरेगी, जानू.. !! मर्द हूँ मर्द.. !! और, मम्मी को बिस्तर पर लिटा दिया।

फिर उन्होंने झुक के उनके लिप्स पर एक किस किया और उसके बाद, अपनी शर्ट निकाल के कुर्सी पर रख दी।

उनके, शरीर के मसल दिख रहे थे।

शायद, इसी की मम्मी “दीवानी” हों।

उन्होंने बनियान नहीं पहन रखा था और उनके गले में एक सोने की मोटी चैन, लटक रही थी।

फिर उन्होंने, अपनी घड़ी निकाल के बगल में टेबल पर रख दिया।

मम्मी, घुटनों के बल बिस्तर पर बैठ गईं।

अंकल, सामने खड़े थे।

उन्होंने मम्मी के बाल को पकड़ा और उनके होंठ को, चूमने लगे।

मम्मी ने अपने हाथ पीछे करके, अंकल के गले में डाल लिया।

अंकल, पुक्क पक फट फट फुच फच पुक्क पक फट फट फुच फच फुच फच फुच फच करके, मेरी मम्मी के होंठ चूसने लगे।

कभी ऊपर के, कभी नीचे के लिप्स।

अंकल बीच बीच में, मम्मी की चुचे उनके टॉप के ऊपर से दबा देते थे।

फिर उन्होंने देखते देखते, मेरी मम्मी की टॉप निकाल के ज़मीन पर फेंक दिया।

मेरी मम्मी ने ब्राउन कलर की ब्रा पहन रखी थी।

अंकल, फिर से मेरी मम्मी को चूमने लगे।

इस बार कभी गाल पर, कभी उनके गले पर, कभी लिप्स पर।

मम्मी ने हाथ नीचे करके, अंकल के बेल्ट को निकाल दिया और उनकी पैंट की बटन और ज़िप को खोल दिया और उनके अंडर वियर में हाथ डाल के, लण्ड सहलाने लगीं।

उन्होंने अंकल के अंडर वियर को भी नीचे कर दिया।

अंकल, लगातार मेरी मम्मी के जिस्म को चूम रहे थे।

फिर उन्होंने हाथ पीछे करके, मेरी मम्मी के ब्रा को निकाल दिया और ज़मीन पर फेंक दिया और एक हाथ से मेरी मम्मी के चुचे को पकड़ा और उनका निप्पल मुंह मे ले के एक बार चूसा।

उसके बाद, उन्होंने मेरी मम्मी को देखा।

मम्मी, अपने दाँतों से अपने होंठ को मसल रही थीं।

उन्होंने, एक और बार चूसा फिर, दूसरे चुचे को पकड़ा और उसे भी चूसा।

उसके बाद, धीरे धीरे उनके चुचे दबाते हुए, चूसने लगे।

मम्मी – आ आहह ह आ अहह आ आहह उनमह.. !! करने लगीं।

इसी बीच, मम्मी ने अपना मंगल सूत्र निकाला और टेबल पर रख दिया।

अंकल झुक के, मेरी मम्मी का पेट चाटने लगे।

उनकी नेवेल पर किस करने लगे और जीभ डाल कर, उसे चाटने लगे।

बीच बीच में, वो अपना हाथ पीछे ले जाके, कैप्री के ऊपर से मेरी मम्मी के चुत्तड़ को दबा देते थे।

अब अंकल ने अपनी पैंट नीचे करके, निकाल के कुर्सी पर रख दिया और फिर, अंडर वियर भी उतार के, अपने बदन से अलग कर दिया और मेरी मम्मी के सामने, बिल्कुल नंगे हो गये।

आप को तो पता ही है, उनका लण्ड बहुत बड़ा था।

मम्मी ने इसी बीच, अपनी कैप्री निकाल कर बिस्तर पर रख दिया।

पैंटी आगे से ब्राउन रंग पर सफेद स्टाइप्स की थी और पीछे से पूरी ब्राउन।

मैं शायद ही कभी, अपने अंडर गारमेंट्स पर गौर करता हूँ पर मैंने नोट किया मम्मी, हमेशा बिल्कुल मस्त ब्रा पैंटी ही पहनती हैं।

फिर, वो सीधा हो के लेट गईं।

तभी अंकल का फोन आया और वो बिस्तर पर आकर बैठ गये और फोन पर बात करने लगे।

वो ठीक, मेरी मम्मी के पैरों के पास बैठे थे।

मम्मी ने अपने दोनों तलवों के बीच में, अंकल का लण्ड फँसा दिया और अपने तलवे ऊपर नीचे करने लगीं।

अंकल ने 2-3 मिनट फोन पर बात की और उसके बाद, अपना फोन बंद करके मम्मी के हाथ में दिया।

मम्मी ने फोन को, टेबल पर रख दिया।

उसके बाद, अंकल ने मम्मी की दोनों पायल निकल के मम्मी को दी और मम्मी ने उसे भी टेबल पर रख दिया।

अब अंकल ने मेरी मम्मी की एक टांग को उठा लिया और उनके तलवे चाटने लगे और उनकी पैर की उंगलियों को, अपने मुंह मे लेके चूसने लगे।

मम्मी ने अपने दाँतों से, अपने होंठों को काट लिया और – उम्मह अन्ह ह्म्म्म्म म.. !! करने लगीं।

अब मम्मी ने खुद ही, अपने दोनों हाथों से अपने चुचे पकड़े और दबाने लगीं।

अंकल धीरे धीरे, मेरी मम्मी के तलवे चाट रहे थे।

उसके बाद पाँव पर किस करते हुए, वो उनकी जांघों तक आ गये और मम्मी के टांगों का चौड़ा कर दिया और उनकी चूत के पास जा के पैंटी के ऊपर से, स्मेल किया और चूत के ऊपर किस किया।

अब मेरी मम्मी ने पैंटी खिसका के, साइड में कर दी।

अंकल, उनके पैरों के बीच में लेट गये।

उनका चेहरा, मेरी मम्मी के चूत के पास था।

कुछ देर मम्मी की चूत निहारने के बाद, उन्होंने मम्मी की चूत में दो उंगली घुसा दी और मम्मी के तरफ देखा।

मम्मी ने मुस्कुराया और उसके बाद, वो धीरे धीरे उंगली अंदर बाहर करने लगे।

मम्मी फिर से – उन्म इश्स आ आ आ आ आहह.. !! फूह माह ह्म्म्म्म ह्म.. !! करने लगीं।

अब अंकल ने मम्मी से पूछा – क्यूँ जानू, मज़ा आ रहा है.. !!

मम्मी ने सिर हिलाते हुए कहा – हा आंन्न.. !!

अंकल ने कहा – झांट बड़ी हो गयी है.. !! तू निकालती क्यों नहीं है.. !!

मम्मी ने कहा – आज निकाल लूँगी.. !!

अंकल ने कहा – मैं साफ कर दूँ.. !! और, दोनों हंसने लगे।

मम्मी की चूत ने पानी छोड़ दिया था।

अंकल की उंगली में, उनके चूत का पानी लग गया था।

अंकल ने अपनी उंगली मुंह मे ले के चाट ली और फिर, मेरी मम्मी की पैंटी निकाल दी।

मम्मी, उनकी तरफ देख रही थीं।

उन्होंने मम्मी की पैंटी को अपने नाक के पास सटाया और स्मेल किया।

उसके बाद, वहीं बिस्तर पर रख दिया।

मम्मी की जांघें को एक बार फिर से अड्जस्ट करके, वो वापस से लेट गये और मेरी मम्मी की चूत चाटने लगे।

मम्मी ने कहा – आ आ आ अहह.. !! बस कीजिए.. !! आ आ अहह…

अंकल ने मम्मी के तरफ देखा, मुस्कुराए और फिर से उनकी चूत चाटने लगे।

मम्मी ने अपने हाथ से अंकल के सिर के बाल पकड़ लिए और – आ आहह ह आ आ आ आ आ आ आ आ आ.. !! करने लगीं।

मम्मी ने दुबारा कहा – अब, बस कीजिए ना.. !!

इस बार अंकल हट गये और मेरी मम्मी के बगल में आकर लेट गये और उनके लिप्स पर थोड़ी देर किस किया और फिर उठ के बैठ गये और अपनी टांगों को फैला लिया।

मेरी मम्मी तुरंत उनकी टांगों के बीच में लेट गईं और अंकल का लण्ड पकड़ के, सहलाने लगीं।

अंकल, बड़े प्यार से मेरी मम्मी के बाल को सहला रहे थे।

मम्मी लंड सहलाते सहलाते, लगातार अंकल को देख रही थीं।

थोड़ी देर बाद, अंकल ने कहा – चूसो ना.. !!

मम्मी ने उनके लण्ड की चमड़ी को पकड़ के, नीचे कर दिया।

उनका लण्ड का टोपा, बाहर निकल के आ गया।

मम्मी ने उस पर एक किस किया और जीभ बाहर निकल के चाटा, उसके बाद धीरे से लण्ड अपने मुंह में ले लिया और चूसने लगीं।

अंकल – आ अहह आ अहह वाआह.. !! महक, बहुत मज़ा आ रहा है.. !! तुम्हें पता है, मुझे औरतें इसीलिए पसंद हैं.. !! तुम जानती नहीं, लड़कियों को.. !! अपनी चूत तो मज़े से चटवा लेंगीं, लेकिन जब लंड चूसने को बोलो तो उन्हें घिन आती है.. !!

मम्मी ने उनका लण्ड निकाला और मुस्कुरा के, दुबारा मुंह में ले लिया।

कुछ देर तक मम्मी ऐसे ही, अंकल का लण्ड चूसती रहीं।

उनका लण्ड, तन के बहुत कड़क हो गया था।

फिर मम्मी बोली – अब उन बेचारी को क्या पता.. !! बिना मुँह में लिए, लंड इतना कड़क और मोटा नहीं होता.. !!

अंकल बोलो – मेरी जान, इसलिए तो मर्द को औरत का तजुर्बा पसंद होता है.. !!

अब अंकल पूरा लेट गये और उन्होंने, अपने सिर के नीचे तकिया रख लिया और मम्मी से उल्टा लेटने के लिए कहा।

मम्मी आकर, उनके ऊपर उल्टा लेट गईं।

अंकल ने अब एक हाथ की दो उंगलियों को मेरी मम्मी की चूत में घुसा दिया और दूसरे हाथ से, उनके एक चुचे को पकड़ लिया।

अब वो एक हाथ की उंगलियों से, उनकी चूत चोदने लगे और दूसरे से, उनके चुचे मसलने लगे।

मम्मी – आ अहह आ अहह आहह आह उन्ह आ आ आ इश्स स स स स स.. !! करने लगीं।

अंकल ने पूछा – मज़ा आ रहा है, जानू.. !!

मम्मी ने कहा – हाँ, बहुत अच्छा लग रहा है.. !! आ आहह माह ह ह ह ह.. !!

अब अंकल ने पूछा – क्या तुम, मुझसे प्यार करती हो.. !!

मम्मी ने कहा – ये कोई पूछने की बात है.. !!

अंकल बोले – तो कुछ “गंदा सा” बोलो ना.. !!

मम्मी बोलीं – क्या बोलूं.. !!

अंकल बोले – अब बनो मत.. !! उस दिन, तुमने गाली निकाली थी.. !!

मम्मी बोलीं – वो तो दर्द के मारे, निकल गयी थी.. !!

इस पर अंकल बोले – मतलब, तुम्हारे मुँह से गाली सुनने के लिया तुम्हें दर्द देना पड़ेगा.. !!

मम्मी मुस्कुरा कर बोलीं – नहीं.. !! ठीक है.. !! आप जो बोलेगें, मैं दुहरा दूँगी.. !!

अंकल (मम्मी की चूत पर हाथ रखते हुए) – बताओ, ये क्या है.. !!

मम्मी – मुझे नहीं पता.. !! आप बताइए.. !!

अंकल – चूत.. !! अब बोलो.. !!

मम्मी – चूत.. !!

अंकल – अब बताओ, उस दिन कौन सी गाली निकाली थी.. !!

मम्मी (धीरे से) – मादार चोद.. !!

अंकल – वाह!! औरत के मुँह से गाली भी कितनी मीठी लगती है.. !!

मम्मी ने कहा – अब मत तरसाइए.. !! अंदर डाल दीजिए.. !! बर्दाशत नहीं हो रहा है.. !!

अंकल ने कहा – जो हुकुम, मेरी जान.. !!

फिर अंकल ने हाथ बढ़ा के, अपने पर्स से मम्मी को कॉन्डम निकाल के दिया।

मम्मी उठ के, बैठ गईं।

उनके चुत्तड़, मेरे दोस्त के पापा के पेट पर थे।

मम्मी ने पैकेट फाडा और कॉन्डम निकाल के, अंकल के लंड के ऊपर चढ़ा दिया और फिर से उसी पोज़ मे उनके ऊपर लेट गईं।

अंकल ने अब मेरी मम्मी के पैरों का चौड़ा कर दिया और अपने घुटने मोड़ लिए और फिर, अपने दोनों हाथ से मेरी मम्मी के चुचे को जकड़ लिया।

मम्मी ने खुद ही, अपने हाथ आगे करते हुए अंकल के लण्ड को अपनी चूत में घुसा दिया।

अंकल के लण्ड का टोपा, तुरंत मेरी मम्मी की चूत में चला गया।

अब अंकल ने अपनी गांड ऊपर उठाते हुए, एक धक्का मारा और उनका आधा लण्ड मेरी मम्मी की चूत के अंदर चला गया।

उसके बाद, अंकल धीरे धीरे मेरी मम्मी को चोदने लगे।

उनका आधा लण्ड, मेरी मम्मी के चूत के अंदर बाहर हो रहा था।

ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप ठप की आवाज़, मेरे कानो में आ रही थी।

अंकल लगातार, मेरी मम्मी के दोनों चुचे पकड़े हुए थे और उन्हें चोद रहे थे।

मम्मी – आ आ आ एयाया आ अहह ओफ फ फ फफ्फ ओफ फफ्फ उई ईइ.. !! कर रही थीं।

अंकल के धक्कों से, मेरी मम्मी की जांघें हिल रही थीं।

अब मम्मी, अपना सीधा हाथ आगे करके अपनी चूत के ऊपर के हिस्से को रगड़ने लगी।

अंकल ने इसी बीच, मेरी मम्मी के मुंह में अपनी दो उंगली घुसा दी और मेरी मम्मी, अंकल की उंगली को चाटने लगीं।

अंकल, मस्त हो के मेरी मम्मी को चोद रहे थे।

इसी बीच धक्का मारते हुए, अंकल का लण्ड उनकी चूत से बाहर निकल गया।

वो भी, थोड़ा रुक गये।

उन्होंने अपने मुड़े हुए घुटनों को सीधा कर लिया और मम्मी, बिस्तर पर आ गईं।

अंकल उनके बगले में आ गये और उनके लिप्स पर किस करने लगे और अपने हाथ से, मेरी मम्मी के चूचियों को पकड़ के खींचा।

उसके बाद, उन्होंने मेरी मम्मी के सिर के नीचे तकिया रख दिया और मेरी मम्मी को करवट के बल लिटा के उनके साइड में करवट के बल लेट गये और फिर मम्मी की बाई जाँघ को अपने हाथ से पकड़ के उठा दिया और टांगों को थोड़ा सा चौड़ा कर दिया।

मम्मी ने अपने हाथ से, लण्ड पकड़ा और चूत में घुसाया।

अंकल ने धीरे से अपना आधा लण्ड, उनकी चूत में घुसा दिया और अपनी कमर हिलाते हुए उनकी चुदाई करने लगे।

अंकल का आधा लण्ड, मम्मी के चूत के अंदर बाहर हो रहा था और वो आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह....... उम्म्म्म... अहह औहह औहहहहह.... ओई ई.. !! कर के, अंकल से चुदवा रही थीं।

फिर, अंकल ने कहा – मज़ा आ रहा है ना, रानी.. !!

मम्मी ने कहा – हाँन ह ह.. !!

अंकल ने पूछा – दर्द तो नहीं हो रहा है, जानू.. !!

मम्मी ने कहा – नहीं ईईई... आ आ अहह.. !! अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह येस्स्स्स्स्स्स्स्स्स !!

ठप ठप ठप ठप करते हुए, अंकल अब मम्मी को ज़ोर से चोदने लगे और उनके बाल खींचते हुए फिर पूछा – गाली निकालेगी या, थोडा सा दर्द दूं.. !!

मम्मी बोलीं – आ आ आ आ आ आ.. !! ज़ोर से चोद.. !! मादार चोद.. !! इयाह ह ह ह ह ह ह.. !! बहन के लौड़े, तेरी मां का भोसड़ा.. !! उफ्फ माह स स स स स स स स स.. !! मां चोद डाली तूने, मेरी भडुए चोद चोद के.. !! आ आ आ आ आ आ आ आ आ.. !! कुतिया की तरह, चोदता है हरामी मुझे तू.. !! आह मेरी माहह हह ह ह ह आ ह आह आ.. !!

साफ पता चला की अंकल बहुत उकस गये और बुरी तरह, मम्मी को पेलने लगे।

इतनी गालियाँ तो एक साथ मैंने भी कभी नहीं दी थीं जितनी मम्मी ने, एक बार में निकाल दी।

खैर.. !!

अंकल का बदन बुरी तरह मचल रहा था और उन्होंने, अपना हाथ मम्मी के चूत के ऊपर वाले हिस्से पर रख दिया और बुरी तरह रगड़ते हुए मम्मी की चुदाई करने लगे।

चूत रगड़ने से मम्मी और बुरी तरह उकस गईं और ज़ोर से चिल्ला पड़ीं – आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह....... !! मादर रर...रररर..चोद औहहहहह.... ओई ई..!!

अंकल ने मम्मी को गाली बकते हुए कहा – माँ की लौड़ी.. !! इतनी ज़ोर से आवाज़ मत निकाल.. !! साली छीनाल, कोई आ जाएगा तो मां चुद जाएगी.. !!

वाकई, मम्मी बहुत ज़ोर से चिल्लाई थीं।

ना जाने वो गालियाँ बकने से इतनी उकस गयीं थीं या चुद्वाते हुए, चूत के उपर वाले हिस्से को रगड़ने से।

अब मम्मी ने कहा – आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह.......ह ह ह.. !! बहन चोद.. !! बर्दाशत नहीं हो रहा है.. !! उम्म्म्म...!! इतना क्यूँ उकसा रहा है, फिर.. !! मां की चूत तेरी.. !! मां का भोसड़ा, चोद मुझे तू बस.. !! आने दे, जिसे आना है.. !! छीनाल तो बना ही दिया है तूने, मुझे.. !! अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह येस्स्स्स्स्स्स्स्स्स.. !!

अंकल ने अब मम्मी के मुंह पर अपना हाथ रख दिया और एक ज़ोर का धक्का मारा और वहीं रुक गये।

मम्मी की दबी आ आ आआ आ हमम्म की आवाज़ निकल गई।

अंकल का लण्ड, पूरा मम्मी के चूत के अंदर था।

थोड़ी देर रुकने के बाद, अंकल ने अपना हाथ हटाया।

मम्मी अब कुछ होश में आईं और बोलीं – बाहर निकालिए ना.. !! दर्द हो रहा है.. !!

मम्मी का बदन, अभी भी काँप सा रहा था।

अब, अंकल ने कहा – कुछ नहीं होगा, रानी.. !! तू बहुत ज़्यादा उकस गई है, बस.. !! साथ दे मेरा.. !! तुझे भी बहुत मज़ा आएगा.. !! और उन्होंने, एक और धक्का मारा।

मम्मी के चुचे, हिल गये।

मम्मी ने कहा – औहह औहहहहह.... ओई ई.. पूरा मत डालिए, ना.. !! दर्द होता है.. !! मज़ा कहाँ आता है.. !!

अंकल – इतने दिन मैंने तेरी बात मानी है, ना.. !! आज तेरी चूत फाड़ने दे.. !! बहुत मज़ा आएगा, तुझे.. !! और बुरी तरह, धक्का मारने लगे।

मम्मी की सिसकारियाँ बढ़ने लगीं और वो ज़ोर ज़ोर से – आह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह....... उम्म्म्म... ओई ई.. औहह अह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह येस्स्स्स्स्स्स्स्स्स फक्क्क्क...... मीईईईइ !! करने लगीं।

अब, कोई गालियाँ नहीं थीं।

अंकल – क्या हुआ, जान.. !! मुझे लगा, तू दर्द में गालियाँ निकालती है.. !!

मम्मी – आ आअ हंह म्म.. !! ये मेरे हाथ में नहीं है.. !! दोनों बार, अपने आप ही हुआ.. !! अभी नहीं निकाल सकती.. !!

अब अंकल ने कहा – कोई बात नहीं, जानू.. !! तेरी चूत में ग़ज़ब की आग है, मेरी रानी.. !! इतना मज़ा मुझे, किसी औरत ने नहीं दिया.. !! आ आ आ आ आ आहह करते हुए, उन्हें बहुत ही ज़ोर ज़ोर से चोदने लगे।

कुछ देर के बाद, उनका बदन अकड़ने लगा और वो धीरे धीरे रुकने लगे।

कुछ ही पलों बाद, वो रुक गये और अपना लण्ड मेरी मम्मी के चूत से निकाल लिया।

अंकल का वीर्य निकल चुका था क्यूंकि उन्होंने कॉन्डम निकाल के ज़मीन पर फेंक दिया।

मम्मी सीधे हो के, लेट गईं।

उनकी साँसें, बहुत तेज़ चल रही थीं।

अंकल मम्मी के बगल में लेट गये और उनके गाल पर किस किया।

मम्मी, अंकल की छाती पर आकर लेट गईं।

अंकल ने मेरी मम्मी को पूरा हग कर लिया और उनके बालों पर हाथ डाल के सहलाने लगे।

मम्मी ने, अंकल के होंठों पर एक किस किया।

फिर, मम्मी ने कहा – अब आप जाइए.. !!

अंकल ने कहा – क्यों.. !! ??

मम्मी ने कहा – मेरा बेटा आ जाएगा तो.. !!

अंकल ने घड़ी में टाइम देखा और कहा – रानी, वो 3 बजे आएगा.. !! अभी बहुत टाइम है.. !! एक काम कर, तू उसे बोर्डिंग में भेज दे.. !!

मम्मी ने जवाब दिया – अरे, उसकी ही वजह से तो इन्होने (मेरे अब्बू) ने हमें यहाँ सेट्ल किया है.. !! उसे बोर्डिंग भेज दिया तो वो मुझे अपने साथ ही रखेंगें.. !!

अंकल – हाँ यार.. !! बात तो सही है.. !!

अब मुझे लगा, किसी मम्मी के “बदजलन” बनने का कारण, मैं ही तो नहीं।

यदि, मैं नहीं होता तो शायद मम्मी पापा के साथ ही रहतीं।

मैंने सोच लिया, मैं पापा के आने पर बोर्डिंग की बात करूँगा, इससे पहले मम्मी का और सत्यानाश हो।

इधर, उसके बाद अंकल ने कंबल ले के दोनों के ऊपर ले लिया और बात करने लगे।

अंकल ने कहा – पर तुम, मुझे यहाँ रात में क्यों नहीं रहने देती.. !!

मम्मी ने कहा – आज आपको हो क्या गया है.. !! कैसी बात कर रहे हैं.. !!

अंकल ने कहा – तुम क्यों घबराती हो.. !! तुम्हारे बेटे को क्या मालूम चलेगा रूम में क्या हो रहा है.. !! रात को सोता नहीं है, क्या.. !!

मम्मी ने कहा – नहीं.. !! ऐसा नहीं हो सकता.. !!

अंकल ने उनके होंठ पर किस किया और कहा – यार, पर मुझे तेरे साथ उस दिन की तरह रात भर रहना है.. !!

मम्मी ने कहा – देखिए, आप भी जानते हैं.. !! अगर, हमने ऐसा किया तो पूरी संभावना है की सबको मालूम चल जाएगा.. !!

अंकल ने कहा – चल, ठीक है.. !! मैं ज़बरदस्ती नहीं करूँगा.. !! मैंने आज तक, तुम्हारी बात टाली है.. !!

मम्मी ने ताना मारते हुए कहा – अच्छा जी.. !!

अंकल ने कहा – बता, कब मना किया है.. !!

मम्मी ने, हंसते हुए कहा – पहली बार, भूल गये.. !!

अंकल ने कहा – हाँ, वो मैं मानता हूँ.. !! मैंने कुछ ज़्यादा ही कर दिया था.. !! यार पर, मैं क्या करता.. !! पिछले 4 साल से तड़प रहा था.. !! तुम्हें बुरा तो नहीं लगा था, ना.. !!

मम्मी ने कहा – नहीं.. !! सच कहूँ तो नहीं.. !! असल में, औरत को ऐसे मर्द ही पसंद होते हैं लेकिन दर्द के मारे आँसू निकल गये थे.. !!​
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