Update 11

मम्मी ने सिसकारियाँ भरते हुए कहा – एक बात बताइए, ऐसी कितनी औरतों की चूत देखी है, आपने…

अंकल ने कहा – एक शर्त पर… फिर तू भी बताएगी, तूने कितने लंड लिए हैं अपनी चूत में… एकदम सच सच… बोल मंजूर है…

मम्मी पूरी वासना में थीं, बोलीं – हाँ… एक मेरे पति का तो आपको मालूम ही है…

अंकल – चल भी, महक… मुझे कोई मतलब नहीं, तूने पहले क्या किया… ठीक है, पहले मैं बताता हूँ… मैंने 29 औरतों को चोदा है… तू 29 वी है…

मम्मी – बाप रे… इसमें से शादी के बाद कितनी हैं…

अंकल – 11… अब तू बता, मेरा लंड फटा जा रहा है, सुनने के लिए…

मम्मी – अफरोज़ के पापा और आपको मिला के 8…

अंकल ने बहुत ज़ोर की आँह भरी और बोले – सच में, मैं ब्यान नहीं कर सकता कितना मज़ा आया मुझे ये सुन कर…

अंकल ने अब झटके तेज़ कर दिए और मम्मी ने भी अपनी गांड हिलाने की स्पीड बड़ा दी.

अब अंकल काँपती सी आवाज़ में बोले – मेरे सिवा, शादी के बाद तूने किसी का लिया… बता ना, महक… बहुत मज़ा आ रहा है…

मम्मी – हाँ… एक का लिया है…

अंकल – आ आ आ आ आ आ ह ह ह ह ह, महक… उफ्फ… कितना मज़ा आ रह है… तुझे भी…

मम्मी – हाँ… मुझसे तो सहन ही नहीं हो रहा… क्या, मैं कुछ पूछ सकती हूँ…

अंकल – हाँ महक… पूछ ना… पर ऐसा ही कुछ पूछना… सच बता रहा हूँ, पूरी जिंदगी में ऐसा मज़ा मुझे आज तक नहीं आया है…

मम्मी – सोच लीजिए… नाराज़ तो नहीं हो जाएँगें…

अंकल – बिल्कुल नहीं… जो तेरे जी में आए पूछ… कितना भी अश्लील क्यूँ ना हो…

मम्मी – आपने अपने रिश्ते में, किसी की चूत चोदि है… मेरा मतलब चाची, मामी, बुआ या किसी ब़हन की…

अंकल – आअ महक… आज तो तूने मेरा कत्ल करने की ठान ली है… तू तो जानती है महक, मेरी कोई बहन है नहीं पर हाँ मैंने अपने चाचा की लड़की को बहुत बार चोदा है और बुआ की ननंद को भी एक बार चोदा है… पर हाँ घर में किसी ऐसे को चोदा है, जिसके बारे में मैंने किसी को नहीं बताया…

मम्मी – आ आ आ आ आ आ आंह… बताइए ना, प्लीज़… किस को…

अंकल – बताता हूँ, पहले तू बता… तूने मेरे अलावा किस से और चुदवाया है, अपनी शादी के बाद…

मम्मी – नहीं… पहले आप…

अंकल तो बुरी तरह थरथरा रहे थे पर मम्मी का बदन भी काँप रहा था.

दोनों के सिर पर, वासना नंगा नाच दिखा रही थी.

मम्मी का एक हाथ दीवार पर था और एक से अपन चूत को ऐसे मसल रहीं थीं, जैसे उसमें आग लगी हो और वो उसे बुझाना चाह रही हों.

यहाँ मुझे भी उनकी बातें सुन के, आज गुस्से से ज़्यादा मज़ा आ रहा था.

अंकल बहुत बुरी तरह से मम्मी की गांड चोद रहे थे और मम्मी हर झटके के जवाब में, उतनी ही बुरी तरह अंकल के लंड पर अपनी गांड मार रहीं थीं.

उन्हें ये भी एहसास नहीं रहा था की मैं घर पर हूँ या आस पड़ोस में भी कोई रहता है.

उनकी सिसकारियाँ, साफ साफ सुनाई दे रहीं थीं.

असल में, आज मैं भी अपना लंड बाहर निकाल के मूठ मार रहा था.

अब अंकल बोले – बोल ना, महक… क्यूँ मज़ा खराब कर रही है… प्लीज़ बता ना…

मम्मी – एयीयैया आह आ माह आ… अपने भाई से… आहा हह… या या या…

अंकल – आह महक स स स स स स स स स स स स स… और बता ना… कैसे चुदवाया… आ आह स स स…

मम्मी – ईया यह आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ… नहीं, पहले अब आप…

अंकल – महक स स स स स… आह आ आ आ आ आ आ आ आ आ… कहते हुए मम्मी की गांड में झड़ गये.

पर आज जो ख़ास था वो ये था की मम्मी पलटी और अपनी ही चूत में उंगली करके, बुरी तरह मसलने लगीं.

साफ दिख रहा था, मम्मी पर अभी भी वासना हावी है.

अपनी चूत में उंगली करते हुए, पीठ के सहारे दीवार से टिक कर दूसरे हाथ से मम्मी ने अंकल का लंड जकड़ लिया और ज़ोर से दबाते हुए बोलीं – मुझसे आज कंट्रोल नहीं हो रहा है… और ये कहते ही, मेरी मम्मी की चूत से उनकी मूत की एक बहुत जोरदार धार निकली जो सीधे अंकल के लंड पर गिरने लगी.

मैंने देखा, मम्मी की मूत गिरते ही अंकल का लंड हिचकोले खाने लगा.

अंकल अपने लंड को, मम्मी की मूत से नहला रहे थे.

सिर्फ़ कुछ पलों में, उनका हथियार फिर तैयार था.

इधर मम्मी को मूतता देख, मेरे लंड ने पिचकारी छोड़ दी थी.

पहली बार, हम तीनों हाँफ रहे थे.

अंकल – महक, आज का दिन मेरी जिंदगी का सबसे बेहतरीन दिन है… चल अब अधूरा काम पूरा करते हैं… और ये कहते हुए, उन्होंने मम्मी को फिर से झटके से पलट दिया.

मम्मी – मुझे भी ऐसा मज़ा, आज तक किसी के साथ किसी चुदाई में नहीं आया…

अंकल ने इस बार, बिना किसी चेतावनी के मेरी मम्मी का गांड का छेद सूँघें या चाटे बिना, अपना लंड एक झटके में पूरा मम्मी की गांड में उतार दिया.

मम्मी चिल्ला पड़ीं – मादर चोद स स स स स स स स स स…

मम्मी की गांड, अब दुबारा चुद रही थी.

और कुछ ही पल में, मम्मी भी अंकल का पूरा साथ दे रहीं थीं.

अंकल – महक…

मम्मी ने काँपती ज़ुबान में कहा – हाँ…

अंकल – तुझे एक बात कहूँ…

मम्मी ने कहा – कहिए ना… प्लीज़ जल्दी…

अंकल – जब तू पहली बार मेरे ऑफीस में आई थी, फ्लैट लेने याद है…

मम्मी ने कहा – हा आ आन्ं याद है…

अंकल – तब तेरी मटकती गांड को देख, मैं पागल हो गया था… उसी दिन, मैंने तय कर लिया था तेरी पैंटी एक दिन फाड़ के रहूँगा… अब तू मेरी है हमेशा के लिए… और ठप ठप ठप ठप ठप ठप करके, मेरी मम्मी की गांड ज़ोर ज़ोर से मारने लगे.

मम्मी – अरे, माँ चुदाने दीजिए उस सब को… आप बताइए, आपने किस को चोदा था…

मेरी मम्मी लगातार – आ आ आ अहह आ आ आ आहह… की सिसकारियाँ लेते हुए, अंकल का साथ दे रही थीं.

अंकल – महक स स स स स स… नहीं स स स स स…

मम्मी – बताइए ना, प्लीज़ ज ज ज… मैंने भी तो अपने भाई से अपनी हरामखोर चूत मरवाई थी… इससे ज़्यादा कमीनापन और क्या किया है आपने… प्लीज़ बताइए… मुझे कंट्रोल नहीं हो रहा…

अंकल – महक स स स… मैंने अपनी पहली चुदाई 14 साल की उम्र में की थी…

मम्मी – किसके साथ… बता ना बहन चोद ह हह…

अंकल – अपनी मां के साथ… आ आ आ आ आ आ आ आ आ…

मम्मी ने बहुत ज़ोर की अँह भरी और पहली बार अंकल, लगभग 2 मिनट में ही झड़ गये.

उसके बाद, उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकाल लिया.

अंकल का लण्ड पूरा गीला था और मेरी मम्मी की जांघें उनके रस और मूत से चमक मार रही थीं.

अंकल ने खींच के, एक थप्पड़ मेरी मम्मी के चुत्तड़ पर जड़ दिया.

मेरी मम्मी का चुत्तड़ हिल गया और मम्मी के मुंह से आ आहह की आवाज़ निकली.

उसके बाद अंकल ने कहा – जानू, मज़ा आया…

मम्मी ने हाँ की आवाज़ मे अंकल का जवाब दिया.

अंकल ने दूसरे हाथ से बाएँ चुत्तड़ पर भी जोरदार थप्पड़ जड़ दिया.

मेरी मम्मी की चुत्तड़ थरथरा के हिल गई.

साफ दिख रहा था की मम्मी अब तक शांत नहीं हुई हैं.

मम्मी – उफ्फ… खड़ा करिए ना दुबारा, प्लीज़…

मम्मी ने अब अंकल का लंड हाथ में लिया एक दो बार उपर नीचे किया फिर अपनी गांड मे गया लंड, अपने मुँह में ले लिया और लोलीपोप की तरह चूसने लगीं.

2-5 मिनिट में ही, अंकल तीसरी बार तैयार थे.

मज़े के बात ये थी की आज अंकल मम्मी को नहीं संभाल पा रहे थे.

लग रहा था, अंकल नहीं मेरी मम्मी उनकी गांड फाड़ रही हैं.

लेकिन ये बात तो थी की अंकल बहुत जल्दी तैयार हो जाते थे.

उनका लंड तीसरी बार खेल के लिए तैयार था.

यहाँ अब मुझे कुछ कुछ होश आने लगा और मैं फिर से अपनी सोच में जा चुका था.

अंकल तो ठीक, मामा ने भी मम्मी को चोदा था.

उफ्फ!! मेरे दिल की धड़कन फिर से बढ़ गई थी.

अंकल, उन्होंने तो अपनी ही मां को चोदा था.

खैर, यहाँ अब मम्मी की गांड तीसरी बार फटने के लिए तैयार थी और ना जाने वक़्त की काली परछाई में छुपे कितने राज़ बाहर आने को.

अंकल ने अब, मेरी मम्मी को ज़मीन पर घुटनों के बल बिठा दिया और फिर से कमर पकड़ कर पीछे आकर अपना लण्ड, मेरी मम्मी की गांड के छेद मे डाल दिया और कस के धक्का मारा.

मेरी मम्मी के मुंह से – आ आ आ आ आ आहह माह स स स स स… निकल गया.

मैंने देखा, अंकल का पूरा लण्ड इस बार मेरी मम्मी के गांड के छेद मे समा गया था.

मम्मी ने कहा – धीरे… दर्द हो रहा है…

अंकल ने कहा – महक, मैं तो इतना ज़्यादा उत्तेजित हूँ की दर्द का पता ही नहीं है… और उसके बाद, उन्होंने अपना लण्ड बाहर निकाल के फिर से मेरी मम्मी की गांड मे घुसा दिया और ज़ोर ज़ोर से मेरी मम्मी की गांड मारने लगे – ठप ठप ठप ठप ठप की और मेरी मम्मी की आ आ अहह आ आहह आ आहह माआ माआ माआ माआ माआ ओईइ माआ ओईइ माआ अ ओफ़फ्फ़ ओफ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़ ओफ फफ्फ़… की आवाज़, कमरे मे गूंजने लगी.

अंकल अपने हाथ से मेरी मम्मी की कमर को पकड़े हुए थे और लगातार, मेरी मम्मी की गांड मारे जा रहे थे.

अंकल ने कहा – आ आ अहह महक… मज़ा आ गया… तेरी गांड मे बहुत मज़ा है, मेरी रानी… उससे ज़्यादा मज़ा तो मुझे तेरी बातों में आ गया…

मम्मी – तो रुक क्यूँ गये… करिए ना बातें… बताइए ना, कैसे चोदा था आपने अपनी मां को…

अंकल – ओह महक… ना जाने ऐसी बातों से मुझे क्या हो जाता है… सुन… जब मैं 18 साल का था तो मेरा लण्ड बहुत मचलने लगा था… मैं छुप छुप के अपनी मम्मी को कपड़े बदलते और नहाते देखता था… कभी कभी उनकी पैंटी में मूठ भी मार देता था…

मम्मी – अन्ह… मुझसे तो आज कंट्रोल ही नहीं रखा जा रहा… आगे बताइए ना…

अंकल – एक बार, मेरे कमरे में सफाई करने पर मेरी मम्मी को उनकी 6 7 पैंटी, मेरे कमरे में छुपी हुई मिल गई…

मम्मी – आन्ह माह स स स स स स स आअ… फिर…

अंकल – उन्होंने तब कुछ नहीं बोला… फिर एक दिन, जब वो कहीं से वापस आ कर कपड़े बदल रहीं थीं और मैं “की होल” से देख रहा था… तब उन्होंने एकदम से दरवाजा खोल दिया…

मम्मी – उफ्फ उःमह… नंगी थी…

अंकल – नहीं… ब्रा और पैंटी में… तेरी ही तरह, वो भी छोटी छोटी पैंटी पहनती थीं…

मम्मी – मादर चोद… पैंटी का साइज़ मत बताओ… ये बताओ, फिर क्या हुआ…

अंकल – उन्होंने मुझे अंदर बुलाया और दरवाजा बंद कर लिया… उस वक़्त भी जब वो आगे चल रहीं थीं, उनकी गोरी गांड उनकी पैंटी से सॉफ दिख रही थी और बुरी तरह डरे होने के बाबजूद, मेरा लण्ड उनकी मस्त चिकनी गांड को सलामी देने लगा…

मम्मी (अपने दाँत से अपने होंठ काटते हुए) – इयाः फिर ह स स स स स…

अंकल – वो बिस्तर पर बैठीं और मुझसे पूछा “क्या हो रहा था ये… ??” मेरे मुँह से आवाज़ ही नहीं निकल रही थी… फिर वो बोलीं – “शरम नहीं आती, अपनी मां को कपड़े बदलते देखता है और मेरी पैंटी क्या कर रहीं थीं, तेरे कमरे में बता… ??” मैं तब भी कुछ नहीं बोला…

मम्मी – हाँ… फिर… बहुत मज़ा आ रहा है… चोदा कैसे… ??

अंकल – फिर मम्मी ने मुझे पास बुलाया और साइड में बैठाया और बोलीं – “देख बेटा, मैं समझती हूँ इस उम्र में ये सब होता है पर अपनी मम्मी को ऐसा देखना ठीक है क्या…” मेरे बैठने से लोवर में मेरे लण्ड का उभार सॉफ दिखने लगा था… मम्मी ने उस तरफ देखा और बोला – “निकालो इसे बाहर, मैं तुम्हें बताती हूँ इससे कैसे काबू में रखा जाता है…”

मम्मी – आ आ आ आ आ आ आ आ हह… निकाला आपने… इयाः माह… मर ना जाऊं, कहीं मैं आज…

बातें करने के साथ साथ, अंकल अपनी पूरी मर्दाना ताक़त से मेरी मम्मी के गांड के छेद को मार रहे थे.

उनकी कमर, आगे पीछे ज़ोर ज़ोर से हो रही थी.

मम्मी तो ऐसे मचल रहीं थीं जैसे किसी ने उनके कपड़ों के अंदर आइस क्यूब्स डाल दिए हो…

मज़े की बात ये थी, यहाँ मेरा लण्ड भी अंकल की बातें सुन के फिर से बुरी तरह हिचकोले मार रहा था.

अपनी उलझन भरी जिंदगी में पहली बार, मुझे कुछ मज़ा आ रहा था या एहसास हो रहा था की मज़ा क्या होता है.

मम्मी और अंकल की बातें चालू थीं.

अब अंकल ने आगे बताना चालू किया.

अंकल – मैं सुन्न हो चुका था और मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था की क्या हो रहा है पर मेरा लण्ड, अभी भी मेरी मम्मी की खूबसूरती को सलामी दे रहा था… जब मैंने कोई जवाब नहीं दिया तो मम्मी ने कहा – “क्या हुआ, अब शरम आ रही है… ??” और मम्मी ने मेरा हाथ पकड़ के मुझे खड़ा किया और झटके में मेरा लोवर नीचे खींच दिया… मेरा लण्ड पहली बार किसी के सामने नंगा था और वो भी मेरी माँ के सामने… मुझे समझ नहीं आ रहा था मैं अंदर ही अंदर डर रहा था पर बाहर मेरा लण्ड उत्तेजना में अपने आप ऊपर नीचे हो रहा था… मेरी मम्मी कुछ देर उसे देखती रहीं फिर बोलीं – “ग़लती तेरी नहीं, बेटा… इस उम्र में खुद पर काबू रखना होता ही बहुत मुश्किल है… चल मैं तुझे सिखाती हूँ, लण्ड पर काबू कैसे किया जाता है…” मेरी मम्मी, मेरे सामने बिस्तर पर बैठी थीं और मैं उनके ठीक सामने खड़ा था… उन्होंने मेरा लण्ड अपने हाथ में पकड़ लिया और जैसे ही उन्होंने ऐसा किया मेरे मुँह से बहुत ज़ोर की आँह निकल गई…

यहाँ मम्मी भी बहुत ज़ोर से चीख पड़ी और चूत मसलते मसलते और अंकल का लण्ड, गांड मे होने पर भी मूतने लगीं.

अंकल – ओह महक, तेरी मूत कितनी गरम है… आज मेरा मन कर रहा है…

मम्मी – क्या… बताइए ना…

अंकल – इसे पी जाऊं…

मम्मी – आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ माह माह इयाः ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह ह… अब मुझसे सहन नहीं हो रहा है…

अंकल – मुझ से भी महक… आ ह आह आह आह आह आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ…

मम्मी – अब आगे बताइए ना… प्लीज़… आह उफ़ ओफ्फ आ ह स स स…

अंकल – मेरी मम्मी धीरे धीरे मेरे लण्ड को सहलाने लगीं और बोली – “देख जब भी ये तेरे काबू से बाहर हो जाए तो इसे इस तरह प्यार से सहलाया कर…” और ये बोल के वो थोड़ा सा मेरे करीब आ गईं और फिर बोलीं “और मन में सोचा कर की तू अपनी पसंद की लड़की को नंगा कर रहा है… बता, कौन पसंद है तुझे… किसे नंगा देखने का सबसे ज़्यादा मन है तुझे…”

मम्मी – आ आ आ आ… तो क्या कहा आपने… ??

अंकल – मैंने कहा – आपको… ?? ये सुनते ही, मम्मी ने थोड़ा ज़ोर से मेरा लण्ड दबा दिया और मेरी पिचकारी छूट पड़ी और मम्मी के सामने बैठे और करीब होने की वजह से सीधे उनके दूध पर जा गिरी… मेरा इतना वीर्य निकला, जितना दो बार में भी नहीं निकलता था…

अंकल पिछले लगभग आधे घंटे से, मम्मी की गांड चोद रहे थे और अभी भी झटकों में कमी नहीं आई थी.

शायद, ये तीसरी बार था इसलिए.

मेरा लण्ड, यहाँ जवाब देने की कगार पर ही था.

मैं कभी भी आ सकता था और मम्मी तो दो बार अंकल के लण्ड पर मूत तक चुकी थीं.

वासना का रंग, पूरे घर में छाया हुआ था.

अंकल थोड़ा रुके फिर शायद थकान के कारण, मम्मी के ऊपर लेट गये और धीरे धीरे धक्के मारने लगे.

मेरी मम्मी बोलीं – यहाँ मेरी चूत की कितनी बार मां चुद चुकी पर ना जाने आप, अपनी मम्मी को कब चोद पायोगे… अब बताओ ना आगे…

अंकल बोले – महक, सच कहूँ तो आज तूने मेरी मां चोद के रख दी… चूस ही लिया, तूने तो मुझे आज… थोड़ा आराम तो करने दे…

मम्मी बोलीं – ऐसे ही मेरी गांड में डाल के लेटे रहिए पर आगे तो बताइए…

अंकल – सच कहते हैं, लोग… औरत की आग बुझाना, एक मर्द के बस की बात नहीं… चल सब बताता हूँ पर याद है ना, तुझे भी तेरे भाई के साथ की चुदाई मुझे बतानी है… मैं तो ये सोच रहा हूँ, जब बताने में इतना मज़ा आ रहा है तो सुनने में ना जाने क्या होगा…

मम्मी – मैंने कब मना किया है… मैं तो आज सारी बंदिशे तोड़ने को तैयार हूँ… पर अभी तो मुझे मज़ा ले लेने दीजिए… आज जैसा दिन, मेरी जिंदगी में कभी नहीं आया… मन कर रहा है, बस ऐसे ही चुदती रहूं हमेशा…

अंकल – सच महक… आज जैसा मज़ा तो मुझे भी कभी नहीं आया… असल में मुझे तो लगता है शायद ही किसी और मर्द और औरत को कभी आया हो… ना जाने ऐसा कौन होगा, जो हमारी तरह पूरी बेशर्मी पर उतर आया हो…

मम्मी (ज़ोर से, हंसते हुए) – मुझे तो लगता है, चुदाई जितनी लीचड़ हो उतना ही मज़ा आ आता है… अब तड़पाइये मत और आगे की बात बताइए… नहीं तो मेरी चुदाई के बारे में सुनने की तमन्ना छोड़ दीजिएगा…

अंकल – अरे नाराज़ मत हो, मेरी रानी… चल सुन, फिर मम्मी हँसने लगीं और बोलीं – “जा नहा धो ले… आराम कर… तेरे डैडी के आने में बहुत टाइम है… मैं भी कुछ देर सोती हूँ फिर तेरे कमरे में आ कर तुझे आगे सिखाती हूँ…” मुझे अपने ऊपर बहुत गुस्सा आ रहा था… पर क्या करूँ, पहली बार मेरे लण्ड पर किसी औरत ने हाथ रखा था… वो भी मेरी मां ने तो कंट्रोल ही नहीं हुआ… खैर, मैं अपने कमरे में गया और नहा धो कर जो हुआ सोचने लगा… मुझे बार बार मम्मी ब्रा पेन्टी में ही दिख रहीं थीं और मेरा लण्ड हिचकोले मार रहा था… मैं जानता था, मम्मी मुझे मूठ मारना सीखा रही थीं पर मैं सोच रहा था की क्या मैं मम्मी को नंगी देख सकूँगा… ये सोचते सोचते, मैं नंगा ही सो गया… कुछ देर बाद, मेरी मम्मी की आवाज़ से मेरी आँख खुली… मेरी मम्मी, दरवाज़ा बंद करके अंदर आ रही थीं…

मम्मी – आन्ह… अब गांड से निकाल कर, चूत में डालिए ना…

अंकल उठे और मम्मी को पलट के उनके ऊपर लेट गये.

मैं समझ गया, उनका लण्ड मेरी मम्मी की चूत में था.

मम्मी – अब ऐसे ही लेटे रहिए और आगे बताइए…

अंकल – मम्मी, मेरे पास आ कर बैठ गईं और मेरा लण्ड देखते हुए बोलीं – “अब तक बिचारा सोया ही नहीं या अभी अभी उठा है…” अब तक मेरा डर कुछ कम हो गया था तो मैं बोला – अभी सोया ही नहीं… मम्मी बोलीं – “चल कोई बात नहीं, मैं इसे आराम करना सीखा दूँगी… तो कहाँ थे हम…” मैं – वो.. वो.. आप बता रही थीं की इससे प्यार से सहलाना चाहिए… मम्मी बोलीं – “हाँ, किसी लड़की के बार में सोचते हुए… जो बहुत खूबसूरत हो… चल इस बार, अपने आप इसे धीरे धीरे सहलाना चालू कर और उसके बारे में सोच जिसे तू नंगा देखना चाहता है… बता किसे नंगा देखना चाहता है…” मैं जानता था की मम्मी, पिछली बार सुन चुकीं थीं की मैंने उनका नाम लिया था पर वो मुझसे फिर से पूछ रही थीं… मैंने कहा – मम्मी, मैं ऐसी किसी लड़की को जानता ही नहीं… आप ही ने तो मुझे बॉयज़ होस्टेल में रखा… सच तो ये है, मैंने आपके सिवा किसी और खूबसूरत लड़की को देखा ही नहीं… ये कुछ हद तक सही भी था… उस वक़्त, मुझे अपनी मम्मी ही सबसे ज़्यादा कामुक और खूबसूरत लगती थीं… वो बहुत गोरी और चिकनी थीं, तेरी तरह एकदम… उनके दूध बड़े बड़े थे और उनके चलने पर जब उनकी गांड मटकती थी, शायद उसी से मेरे लण्ड ने खड़ा होना सीखा था…

मम्मी – उफ़… कितनी बड़ी थी, उनकी गांड… बताइए ना…

अंकल – बिल्कुल तेरे जैसी… दूध तेरे से थोड़े बड़े थे…

मम्मी – उन्मह… आह…

अब अंकल थोड़ा ज़ोर से हिलाने लगे थे पर मम्मी ने उन्हें रोका और बोला – नहीं… चोदिये मत… बस, ऐसे डाल के लेटे रहिए और ऐसे ही बात कीजिए…

अंकल – हाँ महक… मुझे भी ऐसे बहुत मज़ा आ रहा है… तेरी चूत ने आज मेरे लण्ड को भींच लिया है और तेरा पानी लगातार मेरे लण्ड पर बह रहा है, जानू…

मम्मी – आपका लण्ड भी आज मुझे, रोज़ से मोटा महसूस हो रहा है… अब बताइए ना आगे…

अंकल – मम्मी अब हँसने लगीं और बोलीं – “वाह बेटा!! तो तू अपनी मां को ही नंगा देखना चाहता है…” मैंने आँखें नीची कर लीं पर फिर मम्मी मेरा चेहरा ऊपर करते हुए बोलीं – “अरे मेरे बच्चे… कोई बात नहीं… हक़ीक़त में लगभग सभी लड़के पहली फैंटेसी अपने घर की किसी औरत की करते हैं… मां, बड़ी बहन, चाची, ताई या ऐसा ही कुछ… ऐसा होना प्राकृतिक है क्यूंकी पहली भावना, ऐसी ही किसी औरत के लिए आती जिसे लड़के रोज़ देखते हैं… इसमें तेरा कोई दोष नहीं… लगभग हर लड़के का पहला वीर्य जो परिवार में रहता है, वो उसकी परिवार की ही किसी औरत के नाम निकलता है…” मैं अब थोड़ा नॉर्मल हो गया…

मम्मी – उन्म: क्या ये सच है… ?? आ ह म्मह…

अंकल (हंसते हुए) – मेरे हिसाब से तो सच है… तेरा पिल्ला भी तेरे बारे में सोच कर ही, मूठ मारता होगा…

मुझे लगा मम्मी अब कुछ नाराज़ हो जाएँगी और आज की शानदार रात, यहीं ख़तम हो जाएगी.

जो मम्मी ने बोला उसे सुनकर मुझे पूरा यकीन हो गया की वासना से बड़ा नशा कोई नहीं.

मम्मी – सच में… क्या सोचता होगा… उन्म आ आ आ ह ह ह ह ह…

मैंने देखा, दोनों के बदन में फिर से हरकत आ गई थी.

अंकल – ये तो मैं नहीं कह सकता… पर क्या उसने तुझे नंगा देखा होगा…

मम्मी – आ ह माह मेरी उफ़… मुझे मज़ा क्यूँ आ रहा है… इयाः आ आ आ आ…

अंकल – बता ना महक… देखा होगा की नहीं…

मम्मी – आह इयाः आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ… मेरे सामने तो नही स स स देखा आ आ आ ह ह ह… पर एक ही घर में रह के कभी ना कभी, उफ्फ… कुछ तो देखा ही होगा…

अंकल – हाँ यार… ये तो हो सकता है… क्या देखा होगा, मम्मे या गांड…

मम्मी – उन्म… ये वाली बात, अगली बार के लिए रखिए ना… अभी बताइए ना, आगे क्या हुआ… आह म्ह आ आ आअ…

अंकल – जैसा मैंने बताया था मैं अब तक नॉर्मल हो गया था… मम्मी बोलीं – “चल अब, बेजिझक मुझे बता मुझे कैसे देखना चाहता है…” मैंने कहा – ब्रा पैंटी में… मम्मी हंस के बोलीं – “बस…” मैंने कहा – हाँ मम्मी, मैंने कभी किसी औरत को नंगी नहीं देखा, सिर्फ़ आपको ब्रा पैंटी में ही देखा है…. इसलिए इससे ज़्यादा मैं सोच ही नहीं पाता… मम्मी अब बोली – “ठीक है चल, पहले ब्रा पैंटी में ही सोच… कौन से कलर की ब्रा पैंटी में देखना चाहता है, मुझे… ??” मैंने बताया – लाल… तो मम्मी बोलीं – “सोच, तू मेरा गाउन उतार रहा है और मैं लाल रंग की ब्रा पैंटी पहनी हूँ और अपना लंड हिला…”

मम्मी लगातार, ज़ोर ज़ोर से सिसकारियाँ भर रही थीं.

चुदाई लगातार चल रही थी और ऐसा लग रहा था, रात भर चलती ही रहेगी.

अंकल ने आगे बताया – फिर, मैं आँखें बंद करके सोचने लगा की मैं मम्मी का गाउन उतार रहा हूँ… मुझे पता था मम्मी मुझे एकटक देख रहीं थीं… 1 2 मिनट बाद मम्मी बोलीं – “देख लिया, मुझे लाल ब्रा पैंटी में… कैसी लग रही हूँ…” मैंने बताया – हाँ, मम्मी… अब मम्मी बोलीं – “बता पहले क्या देखेगा मेरे मम्मे या गांड… ??” मैं – दूध… अब मम्मी ने बोला – “मम्मे पर निप्पल होते हैं, तुझे पता है… बड़े, छोटे, भूरे, काले या गुलाबी रंग के… बच्चा होने के बाद निप्पल थोड़े से बड़े हो जाते हैं… अब तू ये बता मेरे मम्मे कैसे होंगें…”

मम्मी – उनमह… कैसे थे… ??

अंकल – मैंने कहा – गुलाबी… मम्मी हँसने लगीं – “ठीक है, अब सोच तूने मेरी ब्रा उतार दी है और मेरे नंगे मम्मे देख रहा है…” अब मैं नॉर्मल था और मेरा हरामी दिमाग़, चलने लगा था… मैंने मम्मी से कहा – मम्मी, जब मैंने कभी देखे ही नहीं तो सोचूँ कैसे… मम्मी हँसने लगीं और बोलीं – “शैतान कहीं के… चल तेरी मदद करने के लिए मैं एक बार दिखा देती हूँ…” मम्मी खड़ी हुई अपना गाउन उतार दिया और पीछे मूड गईं… फिर मेरे से बोलीं – “ले खोल, मेरी ब्रा का हुक…”

मम्मी – कौन से रंग की ब्रा थी… ??

अंकल – काली थी, यार… मैंने उठ के फ़ौरन उनकी ब्रा का हुक खोल दिया… लेकिन, उन्होंने ब्रा पकड़ रखी थी…

मम्मी – फिर… ?? इयाः उन्ह्म…

अंकल – मम्मी ने अब मुझे इशारे से बैठने के लिए कहा… मैं पहले जैसे, बिस्तर पर टिक कर बैठ गया… मम्मी भी पहले की तरह, मेरे साइड में बैठ गईं… अब उन्होंने एक हाथ से अपने दूध के ऊपर, ब्रा को पकड़ा और दूसरे हाथ से अपनी ब्रा की स्ट्रीप नीचे की और धीरे धीरे, अपनी ब्रा उतार दी… मेरी मां के नंगे मम्मे, मेरे सामने थे…

मम्मी – आँह माह आ आअ आ आ आअ स स स स स… अब मुझसे नहीं रहा जा रहा… इयाः कैसे थे निप्पल… बता ना, मादर चोद…

मेरी मम्मी ने अब अंकल की गांड पकड़ ली थी और उनसे अपनी चूत चुद्वा रहीं थीं.

नीचे से भी मम्मी, अपनी गांड हिला हिला कर अंकल के लंड पर अपनी चूत मार रहीं थीं.

अंकल – आ आ आ आ आ आ, महक… मैं आने वाला हूँ स स स स स…

मम्मी – माँ चोद दूँगी, तेरी मां के लौड़े… अभी निकाला तो… भोसड़ी वाले, पहले, मेरी आग ठंडी कर…

अंकल – माँ की लौड़ी, छीनाल… औरत है कहाँ तू… तू तो छीनाल की भी माँ है… साली रंडी… आ आ आ आअ...

मम्मी – हाँ हूँ मैं, छीनाल… तू कौन सा दलाल से काम है… मादर चोद… अब चोद, मेरी चुदक्कड़ चूत, भडुए…

अंकल – आ आ आहह… बहन की लौड़ी, तू भी तो अपने भाई का लंड खा के बैठी है रंडी… साली, सड़क की कुतिया… तेरी आग बुझाने के लिए, एक नहीं मर्दों की जमात चाहिए, छीनाल…

मम्मी – तो ला मर्दों की जमात और बुझा मेरी प्यासी चूत की आग… इयाः माह आ आ आ आ आ आ आअ आअ…

साफ समझ में आ रहा था, चुदाई अपनी सारी सीमा तोड़ चुकी थी.

अंकल भड़ाभड़ धक्के लगा रहे थे और मम्मी तो जैसे उन्हें अपने अंदर समा लेने चाहती थीं.

अंकल – महक, बहन की लौड़ी… कुछ तो बता दे तू भी… कैसे लिया, अपने भाई का लंड… अपने पिल्ले को ऐसे ही सुलाया था का… कुछ तो बोल छीनाल… तेरी मां की चूत ह ह ह स स स स स…

मम्मी – तू पिल्ले की बात कर रहा है… मेरी चुड़क्कड़ चूत ने तो उससे मेरे पति के रहते हुए, चुदवाया था… इयाः स स स स स…

अंकल – आ आ आ आ आ आ महक… तू तो सच में, बहुत ही बड़ी छीनाल है… दोनों ने साथ में चोदा था… बता ना, बहन की लौड़ी…

मम्मी – आ आ आअ इयाः ह ह स स माह उनमह… भोसड़ी वाले… मेरा पति दूसरे कमरे में सो रहा था और मेरा भाई, मुझे टाँगें उठा उठा के चोद रहा था… उफ़ माह… मर गई मैं… आह बहन चोद… और ज़ोर से… देखी है, मुझ से बड़ी छीनाल तूने कहीं…

अंकल के झटके तूफ़ानी रफ़्तार पकड़ चुके थे और मम्मी के नाख़ून, पूरे अंकल की गांड में थे.

अंकल बहुत ज़ोर से चिल्लाये और कहा – इयाः माह… मेरी मां की लौड़ी… छीनाल नहीं तू तो उसकी अम्मा है, महक… मज़ा आ गया… आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ आ… और अंकल झड़ गये.

मम्मी की आग, अब भी शांत नहीं हुई थी और उन्होंने झटके से अंकल को धक्का दिया और उनके ऊपर चढ़ कर बैठ गईं.

मम्मी अंकल के चेहरे के ऊपर बैठ गईं और एक ही पल में, उनकी चूत से मूत की धार निकल पड़ी.

मम्मी ने अंकल के बाल पकड़ लिए और उनकी मूत की पूरी धार, अंकल के मुँह में जाने लगी.

मम्मी पागलों की तरह चिल्ला रही थीं – पी… मां के लौड़े… एक बूँद भी नहीं गिरनी चाहिए, नीचे… पी, बहन चोद… तेरी मां का भोसड़ा… आ आ आ आ आ आ आ…

दो मिनट तक, मम्मी लगातार मूतती रहीं.

इसके बाद, फर्श पर ही नंगी लेट गईं.

मम्मी की साँस, इतनी तेज़ चल रही थी की उनके मम्मे हिल रहे थे.

अंकल में तो ऐसा लग रहा था, जान ही नहीं थी.

मैं जानता था की अब दोनों, चुदाई नहीं करने वाले.

अंकल अभी अपनी माँ को चोदने की कहानी बता नहीं पाए हैं और मम्मी ने तो अभी अपनी कहानी शुरू भी नहीं की.

पर उस रात की चुदाई यहीं ख़तम हो गई.

सुबह अंकल कब गये, मुझे नहीं पता चल पाया.​
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