Episode 05
भरतपुर लूट गयो रात मेरी अम्मा
लेकिन ननद मेरी कम नहीं थी , मीता बोली ( वही जो ग्यारह में पढ़ती थी , सुबह मुझे लेने गयी थी )
" अरे भाभी आने दीजिये स्सालों को , आपकी ननदें डरती नहीं है ,. . "
तबतक दुलारी फिर से आ गयी और मेरी बड़ी और मंझली ननद भी ,
ये हुआ की कुछ गाना हो , मैंने मुश्किल से माना , की मैं साथ दे दूंगी ,
गुड्डो ने जाकर दरवाजा बंद किया और ढोलक लेकर बैठ गयी ,
गाना मेरी मंझली ननद ने शुरू किया सारी ननदें , जेठानी , साथ दे रही थी ,
और गाना भी क्या
' भरतपुर लूट गयो रात मेरी अम्मा ,
जुल्मी सैंया ने चोली पकड़ी , जोबन दोनों लूट गए रात मोरी अम्मा ,. "
और सारी ननदें मेरी ओर इशारा कर कर के मुझे छेड़ रही थी ,
एक जेठानी ने दूसरा गाना शुरू किया ,
गवने की रात बड़ा मजा आया रे ,.
और अब मैं भी बेहिचक खुल के साथ दे रही थी ,
तीसरा गाना तो एकदम खुल्ल्मखुला ,
मैं एक पल हिचकी पर जेठानी ने इशारा किया , और जब एकदम कच्ची उम्र की ननदें ,.
और मैंने भी तो गाँव में रतजगे में इससे भी खुलकर ,.
दुलारी गा रही थी ,
सैंया के संग रजईयां में , बड़ा मजा आये चुदैया में , .
थोड़ा सा मैं झिझकी पर मैं भी , दो बार तो ,. लेकिन मैंने ध्यान नहीं दिया तीसरी बार ,
सब ननदें , जेठानी , गुड्डो भी , .
सैंया के संग रजईयां में , बड़ा मजा आये ,.
कहकर चुप हो गयीं और मैंने अकेले जोर से बोला ,
चुदैया में , .
फिर तो वो हल्ला हुआ ,
मारे ख़ुशी के पहले तो दुलारी ने फिर जेठानी ने मुझे गले लगा लिए और दुलारी बोली
" चला भौजी , मानी तो चुदैया में , . अरे जब चुदवाने में लाज नहीं तो चुदवाने बोलने में कौन लाज ,. "
मेरी बड़ी जेठानी बोली ,
" अरे मेरी देवरानी को तुम सबने समझा क्या है , इसे न तो चुदवाने में लाज है न चुदवाना बोलने में और उससे भी बढ़कर , नहीं की अकेले अकेले तुम लोगन के भैया के साथ ,
देखना जल्द ही जीतनी कुँवारी अन चुदी ननदे हैं सब की बुरिया फड़वा के रहेगी क्यों , . "
मैंने भी हामी में सर हिलाया , और अब मेरी मंझली ननद मैदान में आ गयीं।
" तो चलो चुदवाने में बहुत मजा आया हमारी भौजी को कल रात , ये तो मान गयीं , लेकिन ये बताओ , फटी कब ,. चीख कब निकली थी "
और ये सवाल नंदों के लिए था
सबने एक साथ बोला ,
१० बजकर २७ मिनट ,
जैसे स्टॉप वाच लेकर बैठी हों , और उनके साथ गुड्डो भी , .
मैंने मुस्कराकर उसकी ओर देखा , अभी थोड़ी देर पहले मुझे बचाने के चक्कर में कितनी उसकी रगड़ाई हुयी थी , .
मंझली ननद , अब फिर सवाल पूछने के मोड में आ गयी , मुझसे बोली
कैसे फटी हो भौजी कैसे फटी ,. तोहार
मंझली ननद , अब फिर सवाल पूछने के मोड में आ गयी , मुझसे बोली
" तो १० बजकर २७ मिनट ,. उस समय घुसा था या फटी थी , बोलो न , अब बता तो दिया ही है , . "
मेरे मुंह से सच निकल गया ,
" फटी थी , बहुत दरद हुआ था ,. "
और मेरी जेठानी मेरी ओर से मिली को चिढ़ाती बोलीं , .
" देखा मेरी देवरानी तुम सब ननदों की तरह नहीं की मायके से ही फड़वा के आए ,. . और कहानी बनाये , . "
ननद के साथ अब मेरी बड़ी जेठानी भी आ गयी सब बात उगलवाने के चक्कर में , उन्होंने पूछा , .
" देवर जी के सर में महावर लगा था , इसका मतलब तेरे पैर उठाके ,
अपने कंधे पर रखा होगा , है न। "
अब छुपाने से कुछ बचना तो था नहीं , मैंने कबूल कर लिया ,
हाँ ,.
और फिर जोर का धक्का , है न ,
अबकी मेरी ननद थीं ,
और मैंने फिर कबूल कर लिया ,
हाँ।
' देवर जी सिर्फ चोद ही रहे थे या तुम्हारी चूँची भी दबा रहे थे , साथ साथ " अबकी मेरी जेठानी थीं।
" हाँ दबा रहे थे , "
मैंने आंख झुका के कबूल किया ,.
उन्हें क्या बताती उनके देवर पहले दिन से ही , जब से उन्होंने हमको देखा मेरे उभारों के पीछे कैसे दीवाने हैं।
खूब जोर से शोर उठा ,
भाभी बताइये न क्या दबा रहे थे ,.
अब तक दुलारी भी मैदान में आ गयी थी ,
उसने और मंझली ननद ने साफ साफ़ बोला ,
" या तो मैं बोलूं , या खोल के दिखाऊं ,. . "
मैं बहुत धीमे से बोली , " चूँची "
" भाभी हमने नहीं सूना , जोर से ,. "
सब जोर से चिल्लाईं , और आखिर मुझे जोर से बोलना ही पड़ा की
वो खूब जोर से मेरी चूँची दबा रहे थे।
" अच्छा चलो , पहली बार तो तुम भी कुछ घबड़ा रही होगी , वो भी झिझक रहे होंगें , लेकिन दूसरी बार ,. "
जेठानी ने आगे का मोर्चा सम्हाला।
लेकिन बिना उनके बोले मेरी सारी ननदें एक साथ बोलीं , .
ठीक एक बजे।
" हाँ तो दूसरी बार तेरे चूतड़ के नीचे , मेरे देवर ने तकिया कुशन पेलने के पहले लगाया था की नहीं , . "
" हाँ लगाया था ,. "
मैं शर्माते हुए बोली।
पर ननदें सब , . ' कहाँ लगाया था " एक साथ , और मेरी जेठानी ने इशारा किया , . कोई फायदा नहीं ,.
" चूतड़ के नीचे "
जबतक मैंने नहीं बोला ,.
और फिर सब कुछ मुझसे बुलवाकर ,.
बाहर से खाने की आवाज आयी लेकिन हम सब के बीच तबतक सारी लाज , झिझक , शरम एकदम घुल चुकी थी ,
हम सब एकदम पक्की सहेलियों की तरह ,
ननदों के चिढ़ाने का अब मैं भी उसी तरह जवाब दे रही थी ,
दरवाजा खुला , तो और कौन ,. वो ,. बिचारे लगता है काफी देर से इन्तजार कर रहे थे , लेकिन जब वो अंदर घुसे तो ननदोई , ( मंझली ननद वाले ) भी साथ थे , मैंने घूंघट ठीक किया तो एक नन्द ने , .
नन्दोई
दरवाजा खुला , तो और कौन ,. वो ,. बिचारे लगता है काफी देर से इन्तजार कर रहे थे ,
लेकिन जब वो अंदर घुसे तो ननदोई , ( मंझली ननद वाले ) भी साथ थे ,
मैंने घूंघट ठीक किया तो एक नन्द ने , .
" अरे भौजी , आपके नन्दोई है , कोई जेठ थोड़े ही हैं ,. "
और वो मेरे ठीक सामने , .
लेकिन तब तक नन्दोई के सामने दीवाल बन कर मेरी जेठानी खड़ी हो गयीं और बोलने लगीं
" नन्दोई जी , बिना मुंह दिखाई के मुंह देखने के चक्कर में हैं ये नहीं चलेगा। " चलिए , पहली अपनी जेब ढीली करिये , मुफत में इत्ती मीठी मीठी सलहज नहीं मिलेगी देखने को। "
लेकिन नन्दोई भी मेरे पक्के ,. मैं मुश्किल से मुस्कान दबा पायी।
मेरी जेठानी से बोले ,
" मुझे नहीं मालूम था की मेरी सलहजें , कालीनगंज
( मेरी ससुराल की रेड लाइट एरिया , हर गारी में उस जगह का नाम जुड़ ही जाता था ) वालियों को भी मात करदेंगी , बिना पैसे के कोई एंट्री नहीं।
अरे दोनों मुंह दिखाई करवा दीजिये , ऊपर वाला और नीचे वाला , . .
बस डबल एंट्री फ़ीस ले लीजिए। "
ननदें मेरी सारी अपने जीजू की फैन ,
मीता ने मेरा घूंघट उठा ही दिया और बोली ,
१० % कमीशन जीजू मेरा भी चलिए मैं करवाए देती हूँ।
मुझसे चुप नहीं रहा गया , मैं उसके कान में फुसफुसा के बोली ,
" क्यों ननद रानी , करवा चुकी हो क्या अपने जीजू से ?"
लेकिन सारी ननदों और जेठानियों ने सुन लिया और फिर वो ठहाका लगा , .
लेकिन सच में मेरी सास की बात एकदम सही थी , ननदें होती है पैदायशी छिनार हैं , मीता रानी ने बदला पूरा लिया , घूंघट के साथ उसने मेरा आँचल भी ढलका दिया ,
और मुझे ठीक भी नहीं करने दिया ,
लो कट चोली में से मेरी दोनों गोरी गोरी किशोर गोलाइयाँ , साफ़ साफ़ दिख रही थीं .
" स्साले तेरी किस्मत बहुत अच्छी है ,. "
इनकी ओर देख कर ये बोले।
ये कमरे के दूसरे ओर खड़े, मेरी छोटी ननदों के बीच वहीँ से चोरी चोरी चुपके चुपके ,
मुझे देख रहे थे। नन्दोई जी की बात सुनकर बस मुस्करा दिए ,
मैंने आँचल ठीक करने की कोशिश की ,
पर अबकी मेरी मंझली ननद , उन्होंने मेरा हाथ रोक दिया , और बोलीं ,
" नन्दोई से बच पाना मुश्किल है अब तेरे लिए ,. "
" अरे स्साले का सोच के छोड़ दिया , वरना नन्दोई का तो सलहज पर पूरा हक़ होता है , जिसकी बहन को नहीं छोड़ा , उसकी बीबी बचेगी क्या ? "
अब नन्दोई जी सीधे मुझसे बोल रहे थे ,
और मैं बजाय बुरा मानने के हलके से हंस दी।
और उनको दिखाते हुए आँचल थोड़ा झुक कर ,
उन्हें अपनी गोलाइयों के बीच की गहराई की झलक दिखाते हुए ठीक किया।
एकदम घायल , बोले ,.
" अबकी होली में तेरी चोली फट के रहेगी। "
" एकदम , मेरी देवरानी भागने वाली नहीं है , हाँ आप अपनी पिचकारी का रंग मेरी ननद की ननदों के साथ मत खर्च कर दीजियेगा। "
मेरी ओर से मेरी जेठानी ने हामी भर दी , और मैंने भी मुस्कराकर हामी भर दी , .
और शाम को भी चाट पार्टी में , जब ननदोई जी ने मुझे देखकर जबरदस्त आह भरी ,. और मेरे कान में पूछा ,
" होली का सोच के डर तो नहीं रही हो। "
थोड़ा सा फास्ट फारवर्ड : शाम की चाट पार्टी
" अरे स्साले का सोच के छोड़ दिया , वरना नन्दोई का तो सलहज पर पूरा हक़ होता है , जिसकी बहन को नहीं छोड़ा , उसकी बीबी बचेगी क्या ? "
अब नन्दोई जी सीधे मुझसे बोल रहे थे , और मैं बजाय बुरा मानने के हलके से हंस दी। और उनको दिखाते हुए आँचल थोड़ा झुक कर , उन्हें अपनी गोलाइयों के बीच की गहराई की झलक दिखाते हुए ठीक किया।
एकदम घायल , बोले ,.
" अबकी होली में तेरी चोली फट के रहेगी। "
" एकदम , मेरी देवरानी भागने वाली नहीं है , हाँ आप अपनी पिचकारी का रंग मेरी ननद की ननदों के साथ मत खर्च कर दीजियेगा। "
मेरी ओर से मेरी जेठानी ने हामी भर दी , और मैंने भी मुस्कराकर हामी भर दी , .
और शाम को भी चाट पार्टी में , जब ननदोई जी ने मुझे देखकर जबरदस्त आह भरी ,. और मेरे कान में पूछा ,
" होली का सोच के डर तो नहीं रही हो। "
" एकदम नहीं , . लेकिन नन्दोई जी , . मेरी एक छोटी सी शर्त है "
मैं फुसफुसा के बोली।
' एक नहीं सौ शर्तें मंजूर , सहलज रानी। " वो बोले।
" होली में अभी तो तीन महीने १४ दिन , चौदह घंटे बाकी हैं। पर ये जो गौरेया हैं , गोरी गोरी , कोरी कोरी , कच्ची कलियाँ ,.
मीता और गीता की ओर इशारा करते हुए मैं बोली,
"अरे अभी तीन चार दिन तो हैं ही ,. इनका तो भोग लगा लीजिये , सेटिंग करवाने की जिम्मेदारी आपकी सलहज की , हमारी आपकी पक्की ,. "
नन्दोई जी हाथ बढ़ा दिया ,
और मैंने झट से उनसे हाथ मिला लिया ,
हम दोनों ' बाहर वाले ' , हमारा अलायंस पक्का , .
तबतक गुड्डो , वही मेरी जेठानी की भतीजी , हाईकॉलेज वाली , जिस की दिन में खूब रगड़ाई हुयी थी , दुलारी ने जम कर , आ गयी मेरे और नन्दोई जी के लिए दो प्लेट गोलगप्पे लेकर ,.
शाम को मैंने उसे खूब समझाया था , जब वो मुझे कमरे में लेने आयी थी ,
" यार दुलारी की बात का बुरा मन मानना , . वैसे भी मैं भी यही कहतीं हूँ बात वो सोलह आने , एकदम सही कह रही थी , तीन चार दिन के बाद तू कहीं , ये लोग कहीं , .
शादी ब्याह के घर में ,. और जोबन तेरे पर आया भी जबरदस्त है , . "
वो मुस्करायी फिर लजाते हुए बोली , आप भी न।
मैं उसे तैयार करने में लगी थी ,
एकदम हॉट हॉट लुक , डार्क रेड लिपस्टिक , लिप ग्लास से वेट लुक , हाई चीक बोन्स , आँखों में काजल , मस्कारा , आइब्रो ,
और सबसे बढ़कर मैंने उसकी चुन्नी उसके गले से चिपका दी , दोनों कच्चे टिकोरे साफ़ साफ़ दिख रहे थे ,
वरना वो दुपट्टा तीन परत कर के उन्हें छिपा कर , . हड़काया भी मैंने ,
" खबरदार ये चुन्नी जहाँ मैंने चिपकाया है , उससे के इंच भी नीचे उतरी , बिचारे लड़के कम से कम देख कर ,. और सिर्फ लड़के क्यों , नन्दोई जी ,.
एकदम पक्के रसिया हैं खेल खिलाड़ी वाले , . "
" उनसे , . . "
अपने को ड्रेसिंग टेबल के मिरर में देख कर थोड़ा लजाते बोली वो ,.
" और क्या , एकदम हॉट हैं ,. और बिचारे ,. मेरी ननद रानी की दो दिन से छुट्टी चल रही है , पांच दिन वाली , और उनका उपवास , . फिर कोई लिमिट थोड़ी है , सिर्फ एक से , . एक बार बस चिड़िया उड़ने लगे , और परसों , जो चौथी लेके मेरे भाई सब आएंगे न ,. बरात में जो तूने डांस किया था न , सबके मोबाइल में है , उस दिन तो तू ,. और थोड़ा ना नुकुर की न तो बस रेप हो जाएगा तेरा , . और करवाउंगी मैं ,. "
वो जोर से खिलखिलाने लगी।
और मुझे लेके छत पर मेरे कमरे के सामने ही जहाँ चाट पार्टी थी , .
हाँ तो वही गुड्डो दो प्लेट में गोलगप्पे लेकर हम लोगों के लिए, और गुड्डो , आज जो मैंने उसका सेक्सी लुक वाला मेकअप किया था , जिस तरह से चुन्नी उसके गले से चिपका कर , और उसके छोटे छोटे सोलह साल के बूब्स को हल्का सा पाउडर डाल के हाइलाइट किया था , . एकदम मस्त लग रही थी , सारे लड़कों की निगाहें उसके कच्चे टिकोरों पर ही चिपकी ,
गुड्डो , हाईकॉलेज वाली पर लाइन . नन्दोई जी
और गुड्डो , आज जो मैंने उसका सेक्सी लुक वाला मेकअप किया था ,
जिस तरह से चुन्नी उसके गले से चिपका कर , और उसके छोटे छोटे सोलह साल के बूब्स को हल्का सा पाउडर डाल के हाइलाइट किया था , . एकदम मस्त लग रही थी ,
सारे लड़कों की निगाहें उसके कच्चे टिकोरों पर ही चिपकी ,
हम लोगों की ओर उसे आते देख कर , नन्दोई जी के मुंह से बेसाख्ता निकल गया ,
" ये स्साली तो आज आग लगा रही है ,. "
" तो सबसे पहले इसी का नंबर लगा दीजिये , आग बुझाने की मशीन तो आपके पास है ही। "
मैं हँसते हुए नन्दोई जी से सटी उनके कान में बोली।
गुड्डो की चुन्नी उसके गले से चिपकी , दोनों चूजे , उसके टाइट कुर्ते को फाड़ते , यहाँ तक की उसकी दोनों 'चोंचे ' भी साफ़ साफ़ झलक रही थीं ,
दोनों हाथों में गोलगप्पे की दो प्लेटें , .
पर ननदोइ जी की आँखे कुर्ते से सर उठाये , दोनों चूजों पर ,.
" लीजिये न , . " बड़ी शोख अदा में वो शोख हम दोनों से बोली।
" देखिये ये बेचारी इत्ते प्यार से आप से कह रही है , लीजिये न और आप ले नहीं रहे हो। देने वाली तैयार और लेने वाला ही पीछे "
मैंने गुड्डो और नन्दोई जी को साथ साथ छेड़ा।
" एकदम नहीं कोई ससुराल वाली दे , और मैं लेने से मना कर दूँ , ये हो नहीं सकता ,. "
और ये कहते हुए नन्दोई जी ने गोलगप्पा उठा लिया पर उसे गुड्डो को खिलाने की कोशिश करने लगे , पर षोडसी न न करती रही ,
मैं क्यों पीछे रहती , मैंने झट्ट से उस किशोरी के दोनों गाल दबा दिए कस के ,
और चट्ट से गौरेया की तरह उसने मुंह खोल दिया ,पट्ट से ,
" डाल दीजिये न इत्ते प्यार से इत्ता बड़ा सा खोला है , इसने "
मैं बोली और ननदोई जी ने पट्ट से गोलगप्पा उस गोरी के मुंह में डाल दिया ,
अब गुड्डो की चिढ़ाने की मेरी बारी थी , उसके गोरे गोरे गालों पास कस के चिकोटी काटते मैं बोली ,
" देख ना ना करते , एक बार में घोंट लिया न पूरा , सटासट ,. घबड़ा मत वैसे वो भी ,.
' बेचारी क्या बोलती , उसके मुंह में तो गोलगप्पा भरा था।
लेकिन अब मेरी बारी थी , नन्दोई जी ने और मैने साथ साथ एक गोलगप्पा उठाया , और एक दूसरे के मुंह में,.
मैंने खूब बड़ा सा मुंह खोला था।
पर गुड्डो से बोला ,