Episode 36


मेरी नजर घडी पर पड़ी , पौने दो के आसपास अनुज रेनू को ले कर कमरे में गया था तीन बज रहे थे , एक घंटे ,. आधे घंटे के करीब फोर प्ले चला होगा ,

करीब आधे घंटे तक चुदी मेरी ननद ,

और एक घंटे बाद दोनों फिर चालू थे , रजाई सरक कर फर्श पर , .

अबकी पोज बदल कर , शुरू में तो अनुज उसके ऊपर ही चढ़ा था ,

लेकिन कुछ देर में अनुज की गोद में रेनू थी और खूंटा पूरा अंदर धंसा था ,

फिर साइड से , लेकिन असली तूफानी चुदाई में

उसने रेनू को दुहरा कर दिया और कस कस के ,

अबकी रेनू जल्द ही झड़ गयी , और अबकी उसके झड़ते हुए भी अनुज नहीं रुका ,

और जब दोनों झड़े तो एक बार फिर सारा खूंटा अंदर ,

सब मलाई पूरी की पूरी रेनू की बिल ने घोंटा , दोनों एक दूसरे से बड़ी देर तक चिपके रहे , फिर अनुज ने ही रेनू को सहारा देकर बिठाया , उसके कपडे फर्श पर से उठा के दिए , उसे पहनाया , .

और खुद कपडे पहन के रेनू का हाथ पकड़ के खड़ा किया , पांच बज चूका था , दोनों कमरे से साथ साथ निकले ,

अनुज बाहर , अपने घर के लिए चल दिया , रेनू ने बाहर का दरवाजा बंद किया

लेकिन चलने के पहले खुद रेनू ने अनुज को पकड़ के कस के चूमा और उसकी ओर अपनी बड़ी बड़ी आँखों से देखा ,

मानों पूछ रही हो अगली बार कब , .

जवाब में अनुज ने उन आँखों को चूम लिया मानो कह रहा हो , तुम जब कहो तब ,

और किसी तरह एक एक सीढ़ी चढ़ती ऊपर कमरे की ओर चल पड़ी , मुझसे मिलने और मैंने सी सी टीवी ,

अपने टीवी से डिस कनेक्ट कर दिया।

थोड़ी देर में जब रेनू मेरे कमरे में घुसी तो मैं रजाई में लेटी जैसे गहरी नींद में सो रही होऊं , .

रेनू को भी मैंने रजाई में अपने साथ खींच लिया और देर तक कस के बिना बोले भींच कर पड़ी रही ,

उसकी हालत का अंदाजा मैं लग सकती थी , इसलिए बहुत देर तक मैं उसे भींचे पड़ी रही ,.

रेनू ने खुद ही सब हाल बताना शुरू किया , . मैं सब देख चुकी थी , लेकिन उस के मुंह से सुनना बहुत अच्छा लग रहा था , .

और मैंने उसकी चड्ढी खोल के नयी फटी अपनी ननद की चूत देखा भी , छुआ भी और उसका इलाज भी ,

गुनगुने पानी में रुई डाल के , . एक पेन किलर भी दिया और आई पिल भी , .

साथ में आधी बनी पेंटिंग भी , आखिर अपने घर से वो मेरे यहाँ पेंटिंग सीखने आयी है , यही बहाना बना कर के आयी है , तो बिना पेंटिंग के ,. और आधी पेंटिंग का मतलब उसे एक दो बार आना ही होगा , पेंटिंग पूरी करने , .

हाँ जो मेरा असली मतलब था वो भी बात हुयी , गुड्डी को शीशे में उतारने की , . तय हुआ कल वो लीला और गुड्डी के साथ आएगी , .

चलने के पहले रेनू ने वो बात पूछ ही ली , जो मैं चाहती थी ,

" भाभी अगली बार , . मेरा मतलब , पेंटिंग पूरी करने के लिए कब आऊं , . "

मतलब तो मैं उसका समझ रही थी , मैंने कस के उसे दबोच लिया और उसके दोनों जोबन मसलते हुए बोला ,

" बहुत जल्दी पड़ी है तुझे , . कल तो गुड्डी रानी की , . और परसों सैटरडे है , . "

" मालूम है , भैया आएंगे , . उस दिन तो आपकी "

हँसते हुए वो बोली ,

" घबड़ा मत अगले ही दिन तेरी भी ,. संडे को वो तो बारह बजे चले जाते हैं , तू ऐसा कर संडे को दो बजे , आज के ही टाइम , . लेकिन अनुज को तुझे ही बताना पड़ेगा। "

मैंने उसकी अगली डेट फिक्स कर दी।

" उसकी चिंता मत करिये मेरी मीठी भाभी , . अब हर घंटे उसका फोन आएगा , . " हँसते हुए वो किशोरी बोल पड़ी।

और तेजी से नीचे के लिए चल पड़ी , और जैसे उसकी बात की ताकीद करते , उसके फोन की घण्टी बज गयी , .

मैं वापस रजाई में और अबकी सच मच में सो गयी ,. बस दो दिन सो लूँ , . सैटरडे को तो आएगा रात भर जगानेवाला।

तीन सहेलियां

ऑपरेशन गुड्डी

मैं वापस रजाई में और अबकी सच मच में सो गयी ,. बस दो दिन सो लूँ , . सैटरडे को तो आएगा रात भर जगानेवाला।

अगले दिन भी वही टाइम रहा होगा , या थोड़ा पहले , ३-४ बजे मैं घोड़े बेच कर ( मेरा मतलब ननदें बेच कर ) सो रही थी ,

और मेरी नींद टूटी ,

और कौन वही तीन तितलियाँ , .

गुड्डी , लीला और सबसे पहले मुस्कराती ,

मुझे इशारे करती रेनू ,.

हाँ तब मुझे याद आया , .

कल इसी समय तो मेरी इस ननद रेनू की झिल्ली फटी थी , .

और उसके बाद हम ननद भौजाई ने मिल कर गुड्डी रानी के बारे में क्या क्या प्लान बनाये थे ,

उसी से मैंने कहा था , लीला को मिला लेना और गुड्डी को कल शाम को लेकर जरूर आना ,

आज जरा उस की चुनमुनिया की भी हाल चाल ली जायेगी ,

लीला भी मुझे देख कर मुस्करा रही थी , यानि वो भी ऑपरेशन गुड्डी में शरीक थी ,

थोड़ी देर की बातचीत के बाद गुड्डी बोली लूडो के लिए लेकिन आज लीला ने मोर्चा सम्हाला ,

बोली नहीं नहीं आज ताश खेलेंगे ,

गुड्डी ने बहुत मुंह बनाया , उसे नहीं आता , आज तक कभी खेला नहीं . पर आज हम तीनो उसे छोड़ने वाले नहीं थे ,

शुरुआत लीला ने की ,

" कल तू कहेगी , आज तक मैंने कभी बेड पोलो नहीं खेला , . तो क्या कभी नहीं खेलेगी ,. . "

उसे गुदगुदी लगाते उसने छेड़ा ,

मैंने लेवल आगे बढ़ाया , .

ऊँगली और अंगूठे को गोल कर उसमे एक ऊँगली डाल कल आगे पीछे करते हुए उसे चुदाई का इंटरनेशनल सिम्बल दिखाते हुए अपनी ननद को छेड़ा ,

और जिस तरह वो शरमाई , साफ़ था वो समझ रही थी , मैं क्या कह रही थी ,

अरे गली मोहल्ले के लड़के , लड़की के जवान होने के पहले ही सिंबल दिखा दिखा के जिंदगी का असली मज़ा समझा देते हैं , .

" एकदम खेलेगी , खुद ही टांग फैला देगी , . "

रेनू ने चिढ़ाते हुए कहा और धक्का देकर उसे पलंग पर गिरा दिया और उसके टॉप के बटन खोलते बोली ,

' चल लीला , आज इसे सीखा ही देते हैं , . लड़का नहीं तो हम उसकी सहेलियां तो हैं ही। "

मैं क्यों मौका छोड़ती , मैंने कस के ननद रानी के हाथ पकड़ लिया , .

लीला ने मुझे कस कर आँख मारी और कस के गुड्डी रानी के एक टिकोरे को मसलती बोली ,

" सुन गुड्डी , च्वायस तेरी , बेड पोलो खेलेगी , या ताश , ,. "

" लेकिन बिना बाजी लगाए ताश खेलने का मजा नहीं , बाजी क्या लगेगी "

रेनू बोली ,

" ये भाभी तय करेंगी , . "

मैं अपने को रोक नहीं पायी थी ,

एक टिकोरा गुड्डी रानी का लीला के हाथ में था तो दूसरा मैं मसला रही थी , और सोच रही थी कित्ता मजा आये इसके भइया से मैं ये मसलवाऊं , .

बस मैंने वही बाजी बता दी , .

टॉप लेस , बस एक मिनट के लिए ,.

गुड्डी ने तुरंत मना कर दिया और रेनू उसका स्कर्ट खोलने लगी ,

" अरी छिनार साफ साफ क्यों नहीं कहती आज तुझे बेड पोलो खेलने का ही मन है , तो चल न खोल अपनी , . "

अंत में गुड्डी को मानना पड़ा , लेकिन उसको क्या मालूम अभी तो शुरआत है , . .

सच में उसे नहीं आता था , पर मैं और लीला एक ओर और रेनू दूसरी ओर , रेनू पक्की थी ,.

और जान बुझ कर सबसे पहले मैं हारी ,

गुड्डी ने सबसे पहले हल्ला किया , और ब्लाउज रेनू लीला ने खोला लेकिन ब्रा गुड्डी ने ही ,.

मैं चाहती थी और वही हुआ , गुड्डी छूना चाहती थी और मैंने खुद उसका दोनों हाथ पकड़ कर अपने उभार पर ,

मेरे खुले ३४ सी , . . कड़े और मांसल ,

उसके मुंह से निकल गया ,

भाभी सच में बहुत बड़े हैं ,

बस मैं पीछे पड़ गयी ,

हे तू चाहती है तेरा भी ऐसे हो जाय , .

शर्माते लजाते हुए उसके मुंह से निकल गया , हाँ ," बहुत धीमे से

बस , रेनू लीला को मौका मिल गया , . दोनों उसके पीछे पड़ गयी , .

और मेरे भी , आज उसकी दोनों सहेलियां एकदम मेरे हिसाब से ही , . बस

तीन बार हम तीनो ने मिल कर उस दर्जा ८ वाली कच्ची कली से हुंकारी भरवाई , जो मैं कहूँगी , वो वो करेगी , .

" सिम्पल बस परसों आ जाना , जिसने दबा दबा के ये हालत की है , उससे तेरी भी दबवा रगड़वा दूंगी "

और अब रेनू और लीला गुड्डी के पीछे पड़ गयीं , देख हम दोनों भी गवाह है , . बस परसो , . न सिर्फ आना होगा बल्कि दबवाना मिसवाना भी होगा। "

बिना ब्रा के मैंने ब्लाउज फिर से पहन लिया पूरे पांच मिनट तक मैं टॉप लेस रही ,

और उसके बाद लीला ,

सच में उसकी कच्ची अमिया उन तीन सहेलियों में सबसे बड़ी थी , ब्रा का नंबर मैंने चेक किया , ३०।

मैंने और रेनू ने मिल के आँखों में प्लानिंग की ,

अगली बार जान बुझ के रेनू हार गयी और लीला ने उसे टॉप लेस किया , और उसकी ब्रा भी ,.

कल तो मैंने जब वो हचक हचक के चुदी थी , उसी समय देखी थी , पर आज सबके सामने ,.

और लीला ने अपने फोन से उसकी टॉप लेस पिकचर भी लेली ,

फिर गुड्डी ने भी ,

लेकिन जब गुड्डी हारी तो वो बहुत उछली ,

गुड्डी-कच्ची अमिया

लेकिन जब गुड्डी हारी तो वो बहुत उछली ,

लेकिन क्या होसकता था , .

रेनू और मैंने हाथ पकड़े और लीला ने धीरे धीरे आराम से उसका टॉप उतार दिया , .

और कमरे के दूसरे ओर फेंक दिया

आराम से मैं उसकी छोटी सी ब्रा खोली ,

२८ सी

एकदम मस्त नन्हे नही चूजे , . . रुई के फाहे , छोटे छोटे खूब मुलायम परफेक्ट चूँचिया उठान ,

ब्रा मैंने जब्त कर ली ,. .

कल जो आने वाला था उसके लिए अपनी बहन की ब्रा में पकड़ के खूंटे को ,

आगे पीछे , .

और मैंने लीला और रेनू को इशारा किया दोनों ने उसके हाथ पकड़ लिए , बस

मेरे आई फोन से ८-१० फोटो स्नैप ,

सिर्फ दो चार में उसका चेहरा भी था , वरना ज्यादातर सिर्फ नए आये बूब्स के ,

और नए मॉडल का आई फोन देख कर लड़कियों की एकदम खिल गयी ,

भाभी , ये तो लेटेस्ट कहाँ से , .

गुड्डी चिल्लाती रही ,

मेरी फोटो प्लीज भाभी ,

लेकिन लीला ने जोर से उसके नए आते निप्स उमेठ कर कहा ,

स्साली छिनारपना , अरे तेरी फोटो , लेटेस्ट आई फोन में ,

चल सेल्फी खिंचा ,

" अरे यार डिलीट कर दूंगी , सही तो कह रही है लीला , चल एक सेल्फी तो ,. "

बेचारी गुड्डी टॉपलेस सेल्फी भी ,

हम लोगो के साथ भी , .

उसे दिखा के मैंने डिलीट तो कर दिया , लेकिन उसके पहले मेरे मेल पर दूसरे मोबाईल पर और इसी फोन के हिडेन फोल्डर पर ,

दस जगहों पर ,. . और पांच मिनट के अंदर ही फिर उसी फोन में ,

लेकिन असली खेल तो अभी बाकी था ,

रेनू पीछे पड़ गयी , आप की इसमें सेल्फी होगी न , दिखाइए न , .

लीला भी ,

फिर गुड्डी भी , .

वो अब तक भूल गयी थी उसकी ब्रा मैंने जब्त कर ली है , .

और कहती भी तो कौन उसे मिलने वाली थी , ब्रा तो हम सबकी उतरी हुयी थी।

मैंने और चढ़ाया उन तीनो को ,

नहीं नहीं एकदम अडल्ट सेल्फी हैं , गुड्डी के भइया की भी है , . तुम सब अभी बच्ची हो बहुत छोटी हो , .

" नहीं नहीं भाभी , . हम एक बच्ची नहीं है , मैंने तो पहले ही ,. और अब रेनू ने भी ,. "

लीला हँसते बोली

लेकिन मैंने उसकी बात काट दी ,
इसका मतलब लीला को भी मालूम है की कल रेनू की फ़ट गयी , और वो भी गुड्डी को लपेटने के मेरे प्लान में शामिल है ,

लेकिन मैं नहीं चाहती थी गुड्डी को मालूम पड़े , . इसलिए बीच में ही बात काटती मैं बोली

" मेरी एक शर्त है , बल्कि दो शर्ते हैं , तब दिखाउंगी ,. "

दिखाइए दिखाइए हमने सब शर्ते मंजूर है , रेनू लीला बोलीं और मैं इन्तजार कर रही थी , अंत में गुड्डी भी बोली

' भाभी दिखाइए न '

" डरेगी तो नहीं , अपने भैया का देख कर , . "

मैंने उसे छेड़ा , .

" दिखाइए न , बहाना मत बनाइये भाभी , "

गुड्डी जिद करके बोली" ,

" सच में भाभी दिखाइये न , . . डरने की क्या बात है , मेरी सहेली को क्या समझती हैं , आप देखने को कह रही हैं ,. . ये घोटने से नहीं डरेगी , . . आप एक बार उसे मौक़ा तो दिलवाइये , . "

रेनू ने और आग में घी डाला ,

" क्यों गुड्डी पक्का , नहीं शर्त दूसरी है तुम तीनो हम लोगो का वो सब देखोगी तो तुम्हेभी अपनी चुनमुनिया दिखानी पड़ेगी , . . "

" दिखा देंगी भाभी , लेकिन आप तो ,. " रेनू और लीला बोली , . गुड्डी सकपका रही थी तो रेनू ने कह दिया ,

" अरे भाभी हम दोनों है न आपके साथ ये कुछ बोलेगी तो हाथ पैर पकड़ कर जबरदस्ती गुलाबो इसकी खोल देंगे , कब तक छुपा के रखेगी। "

" और दूसरी शर्त ,. "

गुड्डी मुस्कराते हुए बोली

" चल इसका मतलब तुम मान गयी पहली शर्त , दूसरी शर्त ब्लाइंड है , बिना जाने हाँ करनी है। "

तीनो ने हाँ कर दी ,

ब्लाइंड शर्त

उसके पहले रेनू और लीला एक साथ बोलीं ,

" एक दम घोंटेंगी , और सीधे से नहीं घोंटेंगी तो हम सब किस बात के लिए हैं भाभी , . इसका हाथ पकड़ के टांग फैला के ,. "

" बस तब तो ये पक्का है , अब चल तुझे पसंद है तो बस तेरी गुलाबो के अंदर , . बस एक बार तू हाँ बोल दे , . और हाँ नहीं भी बोलेगी तो जबरदस्ती , . . "

मैंने अपनी ननद , इनकी ममेरी बहन को चिढ़ाया , ;लेकिन तब तक उसकी दोनों छिनार सहेलियां ,

" भाभी और दिखाइए , . और दिखाइए ,. "

भाभी और ननद में क्या शरम ,. .

और मैं तो चाहती थी इनका गुड्डी को दिखाऊं और फिर गुड्डी का इनको दिखाऊं ,.

अभी तो सिर्फ इस टीनेजर का नाम ले ने से ही उनका खूंटा टनटना जाता था , अगर कहीं देख लेंगे तो , .

बस किसी तरह उनकी ममेरी बहन की गुलाबो की फोटो खींचनी थी , .

मैं दिखाउंगी लेकिन,. लेकिन मेरी वो ब्लाइंड वाली शर्त ,.

तीनो झट मान गयी और अब सब के पहले गुड्डी ने हाँ भरी

फिर तो मैंने उन्हें क्या नहीं दिखाया , .

मेरी ब्लो जॉब की ,

गाल पर चिपकाये हुए उनके खूंटे की ,

मेरी गुलाबो की ,

वो मुझे लिक करते हुए

तीनो की हालत खराब थी ,

मैंने ब्लाइंड शर्त लगाई थी और शर्त थी ये थी मैं सिर्फ रेनू और लीला के कान में बोलूंगी ,

बस बताने की देर थी ,

अगले पल गुड्डी रानी बिस्तर पर ,

स्कर्ट , पैंटी बिस्तर के नीचे ,

और मैंने उस की गुलाबो की दर्जन भर क्लोज अप खींच ली ,

लेकिन ये तो शुरुआत थी ,

रेनू ने अगली शर्त बोल दी ,

" गुड्डी सुन यार , अगर तू अपनी स्कर्ट पैंटी चाहती है न तो बस , यार ज़रा एक बार अपनी सहेली को प्यार दुलार करते हुए एक सेल्फी ,

अंत में तय हुआ की हम सब फिंगरिंग ,.

वरना लीला बोली वो अपने फेसबुक पे गुड्डी की टॉपलेस फोटो और गुलाबो की भी , . .

वो तब भी हिचक रही थी

तो सबसे पहले लीला ने हलके हलके गुड्डी की दोनों फांको को फैला के ऊँगली शुरू की ,

हाँ डाला नहीं , लेकिन मस्त रगड़ रही थी

और मान गयी मैं लीला को , वो सिर्फ लंड लीलने में ही नहीं उस्ताद , चूत रानी की स्वंय सेवा में , और सहेली सेवा ,

गुड्डी जल बिन मछली की तरह तड़पड़ा रही थी , लेकिन मैं और रेनू उसे कस के दबोचे थीं ,

जबरदस्ती उसकी दोनों जाँघे एकदम फैलाये , .

लीला उसके बगल में बैठ कर कभी अपनी हथेली से अपनी सहेली की सहेली रगड़ती ,

तो कभी दोनों फांको को एक साथ तर्जनी और अंगूठे के बीच में पकड़ कर मसलती बहुत हलके से ,,

लेकिन इतना ही गुड्डी को गीला करने के लिए काफी था ,

ये साफ़ लग रहा था की उसकी गुलाबो पर आज पहली बार किसी की उँगलियाँ इस तरह पड़ रही थीं ,

गुड्डी रानी छूटने की कोशिश कर रही थीं पर मेरी और रेनू की पकड़ जबरदस्त थी , .

इसीलिए तो मैंने रेनू को अपने देवर के नीचे लिटवाया था की वो एकदम मेरी मुरीद बन जाए और उ"सके जरिये गुड्डी को मैं उसके भैया के नीचे ,

और अचानक लीला ने अपनी तर्जनी पूरी ताकत से पेल दी उस दर्जा आठ वाली की कच्ची चूत में ,

उईईईईई , ओह्ह्ह उईईईईई ,. जोर से वो चीखी ,

और मैंने कस के उस जस्ट आती हुए निप्स को पिंच कर दिया , और चिढ़ाया

" रानी , अभी ज़रा सी ऊँगली , वो भी सिर्फ एक पोर गयी है इत्ता मोटा लंड कैसे घोटेगी अपने भैया का , . . "

" देख यार तू किस्मत वाली है , भाभी तुझे इत्ती हेल्प कर रही हैं और भैया का है भी कित्ता जबरदस्त , . घर का माल घर में , घर की बात घर में , फड़वा ले यार , ये चीज़ तो बनी ही फटने के लिए है , . "

लीला अपनी सहेली की चुनमुनिया में ऊँगली गोल गोल घुमाते बोली , .

गुड्डी अभी भी सिसक रही थी , पर उसका रेसिस्टेंस थोड़ा कम हो गया था , और हम लोगों की पकड़ भी ,

रेनू अपनी सहेली के गोल गोल जोबन सहलाते प्यार से समझाते बोली ,

" अरे यार जो दर्जन भर भौंरे तेरे पीछे घूमते हैं , चार की फोटो भी तूने डिलीट नहीं की है अपने व्हाट्सऐप से , दिखाऊं भौजी को , . वो भी इसी चुनमुनिया में घुसाने के लिए ही तुझे तेज कॉलेज पहुँचाने , घर छोड़ने जाते हैं , .

अब तू सोच ले यहां लाइफ टाइम ऑफर मिल रहा है , . और अब तो तूने अपने भैया का खूंटा भी देख लिया , . "

" बोल कैसा लगा ,. "

अब मैं भी इस संवाद में शामिल हो गयी ,

गुड्डी कुछ बोली नहीं बस शर्मा गयी , पर वो लजाना ही काफी था उसके मन की बात बताने के लिए ,
मैंने लीला को इशारा किया और मुस्करा कर समझ गयी ,

उसका अंगूठा अब सीधे क्लिट को रगड़ रहा था , गुड्डी अब एकदम जोर से पनिया रही थी ,

और लीला ने एक पोर घुसी ऊँगली निकाल के फिर गच्च से पेलते हुए पूछा , . .

" बोल न कैसा लगा वरना पेलती हूँ पूरी ऊँगली तेरी चूत में , बोल जल्दी ,. "

' मस्त , एकदम मस्त ,. " खिलखिलाते हुए मेरी छुटकी ननदिया बोली ,

पर मान गयी मैं लीला को , उसने छोड़ा नहीं , और कस के क्लिट रगड़ते बोली ,

"क्या मस्त लगा बोल साफ़ खुल के , किसका , . "

गुड्डी कुछ देर तक तो हिचकी पर वो भी जानती थी आज उसकी सहेलियां छोड़ने वाली नहीं है , अंत में हलके से बोली

" लंड भैया का , . "

" हे जोर से बोल स्साली ऐसे ,. अभी तेरा भौंरा नंबर चार होता तो कैसी स्माइल देती उसे ,. "

रेनू ने हड़काया , और गुड्डी भी अब मजे ले रही थी ,

" भैया का लंड ,. एकदम मस्त है "

अब वो जोर से बोली और मेरे आई फोन ने आवाज और चित्र दोनों रिकार्ड कर लिए , .

और कुछ देर में जब झड़ने के कगार पर पहुँच गयी तो मैंने लीला को रोक दिया , .

दो चार मिनट तक एक बार फिर उन तीनो सहेलियों को इनके लंड की फोटुएं और अब गुड्डी भी उन दोनों के साथ खुल के बोल रही थी ,

सच्च में भाभी बहुत मस्त है , कित्ता लम्बा , मोटा ,. "

और जब रेनू ने दबोचा तो लीला फिर एक बार , और अबकी दोनों सहेलियां मिल कर , अपनी सहेली की सहेली की रगड़ाई कर रही थीं ,

गुड्डी और उसकी सहेलियां

एक की ऊँगली अंदर तो दूसरे की क्लिट पर ,

मस्त से गुड्डी की आँखे बंद थीं ,

पर मेरी आँखे भी खुली थी और हाथ भी बिजी थे ,

अपनी ननद रानी की सोन चिरैया की फोटो खींचने में ,.

मैं एक इशारा करती और उसकी दोनों सहेलियां अपने हाथ हटा लेतीं ,

और फ्रेम में सिर्फ गुड्डी रानी मस्ताती , उनकी गुलाबो गीली , .

कई में वो पूरी थी , कई में सिर्फ गीली रस में भीगी गुलाबो का क्लोज अप

क्लिक

क्लिक

क्लिक

दर्जनों , . और साथ में व्हाट्सऐप भी , मेरे बाकी फोन्स में , . गैलरी में भी ट्रांसफर ,.

थोड़ी देर में गुड्डी रानी की कुँवारी कच्ची चूत गीली हो गयी थी , लीला और रेनू के बाद मेरा नंबर था ,

और मैं तो कॉलेज के दिनों से , . दो मिनट में ,.

और अब लीला और रेनू अलग थीं , .

सिर्फ मैं अपनी छुटकी ननदिया को , जैसे कोई छोटी बच्ची को गोद में बिठा के प्यार दुलार करे बस एकदम उसी तरह , .

हाँ बस ये प्यार दुलार थोड़ा अलग था , भाभी और ननद वाला ,

उसका सर मेरे सीने में दुबका था और मेरा एक हाथ प्यार से धीमे धीमे उस एलवल वाली की कच्ची अमिया को सहला रहा था , बहुत धीमे से और मैं साथ साथ सोच रही थी ,

मेरे उस जोबन के रसिया को कित्ता मज़ा आएगा इन कच्ची अमियों को सहलाने दबाने में और सब से बढ़ कर

इन खटमिट्ठी कच्ची अमिया को कुतरने में , .

वो तो वैसे ही जोबन का दीवाना है और मैं पक्का श्योर थी , अपनी ममेरी बहन के बूब्स देख कर तो , .

रेनू और लीला इसी काम में लगी थीं , क्लिक क्लिक ,

मैंने इशारा किया और लीला ने उन छोटे छोटे २८ के कई क्लोज अप खींच लिए ,

मैंने अपनी टांगो को गुड्डी की टांगों के बीच में फैलाकर खोल दिया था और मेरी हथेली अब उसकी कुँवारी कच्ची कली को हलके हलके सहला रही थी ,

और साथ में कान में अपनी ननद को बहला फुसला रही थी

" यार एक बार तू घोंट ले , बहुत आराम आराम से डालेंगे तेरे भइया , . वैसे भी तेरा बहुत ख्याल करते हैं वो ,. और तेरे इस छोटे छोटे जुबना के तो दीवाने हैं , सच्च मजाक नहीं कर रही , . कभी मैं तेरे टिकोरों का नाम लेकर छेड़ती हूँ , न तो बस एकदम टनटना जाता है उनका और फिर तो मेरा हलवा बनना तय , . "

"धत्त भाभी आप भी न , . "

वो कच्ची कली शर्माती बोली। ''

" अच्छा चल , अबकी आयंगे न तो बस एक बार उनसे ये अपने टिकोरे हलके से दबवा के देख , पक्का एकदम खड़ा हो जाएगा , . खुद तुझे पता चल जाएगा , तेरे भइया के मन में क्या है , "

अब कस के उसके रुई के फाहे ऐसे मुलायम उरोजों को रगड़ते मैं बोली , और साथ में मेरी हथेली का जोर बढ़ गया था ,

फिर एक ऊँगली अंदर , .

" यार एक बार बस , अच्छा चल अबकी आएंगे न तो तू आएगी न ,. "

मैंने उसके कान में पूछा

" हाँ भाभी आउंगी संडे को उनके जाने से पहले ही "

वो मान गयी।

" तो बस , खुद एक बार बस सट जाना और खुद देख लेना क्या असर होता है उनके खूंटे पर ,. अगर फनफना जाए तो समझे बेचारे तुझे चोदने के लिए बेताब हो रहे हैं , . बस यार ज़रा सा लिफ्ट दे दे न , फिर देखना ,. "

मैं उसे पटा रही थी ,

पर असली काम उसकी दोनों सहेलियां कर रही थी , एक से एक फ़ोटो

लेकिन फिर मैंने गियर बदला ,

ऊँगली का एक पोर सटासट गुड्डी की बिलिया में अंदर बाहर , एक ऊँगली अंदर और दो बाहर , साथ में उस कच्ची कली की पुत्तियों को रगड़ता मसलता ,

बार बार और मैंने उसे धमकाया ,

सुन छिनार अभी तीन ऊँगली डाल के झिल्ली फाड़ दूंगी , . मैं नहीं चाहती मेरे साजन को फटी फटाई मिली , .

और हलके से मैंने क्लिट को दबा दिया ,

और कच्ची अमिया अब कस के रगड़ी मसली जा रही थीं , और प्यार दुलार की जगह खुल के गालियाँ ,

" भाई चोद , अब छिनारपना छोड़ और खुल के मज़ा ले ले , बहुत दिन बचा के रख ली , . घोंट ले अपने भैया का लंड , . खुल के चोदवा , "

असर भी अब तेज हो रहा था ,

और एक बार मेरी प्यारी ननद झड़ने के किनारे पर थी , पर मैं रुक गयी , कस के नाख़ून गुड्डी की छोटी छोटी चूँची में गड़ा दी ,

गिन के चार बार , मैं उसे झड़ने के कगार पर ले जाती फिर रोक देती , . और मैं हट गयी ,

रेनू ने टीवी आन कर दिया था , स्मार्ट टीवी , गुड्डी की सहेलियों की तरह स्मार्ट था ,

जो जो फ़ोटो गुड्डी की रानी खींची गयी थी , आवाज के साथ , अब टीवी पर चल रही थी ,

गुड्डी की हालत खराब ,

पर अब उसकी सहेलियां मजे ले रही थीं ,

गुड्डी की रगड़ाई

रेनू ने टीवी आन कर दिया था ,

स्मार्ट टीवी , गुड्डी की सहेलियों की तरह स्मार्ट था , जो जो फ़ोटो गुड्डी की रानी खींची गयी थी , आवाज के साथ , अब टीवी पर चल रही थी ,

गुड्डी की हालत खराब , पर अब उसकी सहेलियां मजे ले रही थीं ,

गुड्डी का फोन अब रेनू के हाथ में था और उसे दिखा के रेनू छेड़ रही थी ,

आखिर गुड्डी अकेली बची थी जिसका भरतपुर नहीं लुटा था ,

" घबड़ा मत बिन्नो , सब की सब तेरे मोबायल में हम सब ने ट्रांसफर कर दी हैं और हाँ तेरे चार भौरो का नंबर भी ,

चार का व्हाट्सऐप तो पहले से था तेरे पास ना ,.

तो सोच रही हूँ , पहले उन भौंरो को तेरी गुलाबो की फोटो तेरे फोन से व्हाट्सऐप करूँ या ,.

और तेरे फोन से जाएगा तो बाद में तू कुछ बोल भी नहीं सकती है न , दे दे यार उन बेचारों की जिंदगी बन जायेगी , देख देख के मुट्ठ मारेंगे , . "

और ये कह के रेनू ने उसे कस के अपनी ओर खींच के एक जबरदस्त चुम्मी सीधे लिप्स पर

रेनू उसे चिढ़ा रही थी ,

पर गुड्डी की हालत खराब , बार बार वो मना करती पर लड़कियां , वो भी इस उम्र की , चढ़ती जवानी वाली ,

लीला ने और

रेनू से बोली वो ,
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