Episode 39
ब्रा के अंदर वाली चीज़
" हे तूने उसकी ब्रा कैसे ,. "
उन्होंने मुझे चूम कर पूछा ,
" अरे मेरे रज्जा , तुझे पसंद आयी न ,. देख अगली बार ब्रा के अंदर वाली चीज़ भी दिलवाऊंगी , . और पैंटी के अंदर वाली भी , . एकदम लेने लायक हो गयी है , मस्त माल , . "
मैंने भी चूम के बोला।
कस के चूमते हुए उन्होंने मेरे दोनों जोबन एक साथ रगड़ते हुए बोला ,
" अभी तो उसकी भौजी का लूंगा ,. "
मैं बड़ीजोर से हंसी और उनके खूंटे को मुठियाती बोली ,
" चल यार कोई बात नहीं , अभी भौजी , कल उसकी ननद ,. और कल वो आएगी ,. तब मौका मत चूकना।
हाथों के साथ उनके होंठ भी मेरे उभार पर थे और मैं कस के मुठिया रही थी ,
वो कस कस के मसल रहे थे , चूस रहे थे
पर चूसने में अब मैं भी एक्सपर्ट हो गयी थी और थोड़ी देर में वो बित्ते भर की बांसुरी , मेरे मुंह में थी , और मैं कस के ,
मेरे हाथ भी कस के , कभी उनके बॉल्स और कभी पिछवाड़े ,.
जीभ मेरी सुपाड़े पर फिसल रही थी
और अबकी मैं एक बार उनके ऊपर थी ,
पिछली बार मैंने विपरीत रति ट्राई किया था , भले ही थोड़ी देर बाद थक कर चूर हो गयी थी
इस बार बहुत देर तक ,
फिर उनकी गोद में , .
जल्दी किसे थी , ये तीसरी बार था ,
सोफे पर
उनकी बहन बन कर , और अब ,
कभी साइड ,
कभी डॉगी
और एक बार फिर से वो ऊपर थे
आधी रात से ज्यादा हो गयी थी ,
जब वो झड़े और मैं भी झड़ी , साथ साथ
रात रात भर , बस एक दूसरे की बाँहों में ,.
रात का आखिरी पहर रहा होगा , हम लोग देर से बात कर रहे थे तभी मुझे याद आया ,
दूध तो अभी तक आधे से ज्यादा बचा है , .
और मैंने फिर सीधे ग्लास से इनके मुंह में ढुरक ढुरक ,. .
लेकिन वो मुझे छोड़ता क्या लड़का ,
और मुझे भी बचा हुआ ,
सच में उस दूध में था कुछ
सारी थकान गायब , और उस से ज्यादा मस्ती , बदमाशी , . मैं एकदम उनके पीछे पड़ गयी , .
वही अपंनी छोटकी ननदिया , दर्जा आठ वाली का नाम लेकर ,
तन मन दोनों पे जबरदस्त असर पड़ रहा था , और जो मेरी ये हालत हो रही थी , तो उनकी तो और ,.
और मुझे आई फोन की याद आयी , .
आई फोन मतलब जिसमें उनके उस ' बचपन के माल ' की मस्त मस्त , पिक्चर्स थीं , एकदम खुल्लम खुल्ला।
" हे तुझे एक मस्त चीज़ दिखानी है , लेकिन पहले आँख बंद कर अपनी ,
बचपन का माल
सारी थकान गायब , और उस से ज्यादा मस्ती , बदमाशी , .
मैं एकदम उनके पीछे पड़ गयी , . वही अपंनी छोटकी ननदिया , दर्जा आठ वाली का नाम लेकर ,
तन मन दोनों पे जबरदस्त असर पड़ रहा था , और जो मेरी ये हालत हो रही थी , तो उनकी तो और ,.
और मुझे आई फोन की याद आयी , . आई फोन मतलब
जिसमें उनके उस ' बचपन के माल ' की मस्त मस्त , पिक्चर्स थीं , एकदम खुल्लम खुल्ला।
" हे तुझे एक मस्त चीज़ दिखानी है , लेकिन पहले आँख बंद कर अपनी , . "
उनकी गोद में बैठी , मैं इतराती बोली।
उनका मोटा थोड़ा सोया , ज्यादा जागा , मेरे पिछवाड़े मुंह उठाने की कोशिश कर रहा था ,
पर मैं अपने बड़े बड़े मांसल नितम्बों से उसे दबा दे रही थी , पर ,
जैसा सब जानते हैं , जोबन और बगावत जितना दबाओ , उतना और उभरते हैं ,
वही हालत खूंटे की भी होती है , .
मुझे क्या फर्क पड़ता था , जितना वो कड़ा हो रहा था , खड़ा हो रहा था , उतना मैं अपने चूतड़ से उसे रगड़ रही थी ,
हो जाए खड़ा ,. अब मुझे डर वर नहीं लगता था , .
,
" तू भी न स्साली , . अरे बुद्धू ,. आँखे बंद कर लूंगा तो देखूंगा कैसे ,. "
उन्होंने कस के मेरे जोबन को मसलते कहा।
उनकी हथेली मेरी गुलाबो को मसल रही थी
" अरे यार तू बहुत बोलता है , . अच्छा चल आंखे बंद कर , जब कहूँगी तो खोलना ,. . "
और चट्ट से उन्होंने आँखे बंद कर ली , और झट्ट से मैंने आई फोन में फोटो ढूंढ़नी शुरू कर दी ,
मिल गयी , .
उनकी उस कच्ची कली की चुनमुनिया का क्लोज अप ,
सच में मस्त माल थी , देख के तो एक बार मेरा मन डोल जाता था , उसके भैया तो पक्के पागल हो जाएंगे ,
और उन्होंने मेरे कहने के पहले ही आँख खोल दी , सच में देखते ही , .
खूंटा एकदम खड़ा ,
लग रहा था आज मेरे पिछवाड़े ही घुस के दम लेगा ,
( अब तक मेरा पिछवाड़ा बचा था हालांकि उनकी सलहज, रीतू भाभी रोज मुझे पूछती थीं , . और मुझे पक्का था ,
जरूर उन्होंने अपने ननदोई को भी उकसाया होगा। मेरी जेठानी तो , जिस दिन सुबह वो टाँगे फैला के चलतीं , मैं उन्हें चिढ़ाना शुरू कर देती , . क्यों दीदी आज कुदाल पीछे चली है न ,
और व्वो मुस्करा के मेरे गाल पे चिकोटी काटते बोलतीं , . जिस दिन तेरी पीछे वाली फटेगी उस दिन पूछूँगी , आगे वाले से दस गुना ज्यादा दर्द होता है , दो दिन बैठ नहीं पाओगी ठीक से ,.
पर मेरी अभी तक तो बची थी , . जिस दिन लड़के की मर्जी होगी , फट जायेगी ,.
मन तो बेचारे का करता था , पर हिम्मत नहीं पड़ती थी , और ऊपर से ये ट्रेनिंग आ गयी थी )
उनकी आंखे एकदम चिपकी उस कच्ची कोरी चूत से ,
एकदम कोरी , गोरी गुलाबी , एकदम दोनों फांके चिपकी ,.
खूब फूली हुयी रसीली फांके ,. बीच का छेद एकदम नहीं दिख रहा था , सुनहली झांटे बस आयी आयी थीं , दो चार , .
लेकिन गोरी गुलाबी गुलाबो के पास मुश्किल से दिखती थीं ,
और रसीली , .
" है न लेने लायक ,. "
मैंने उनके कड़े खड़े खूंटे पर अपने मोटे मोटे रसीले चूतड़ रगड़ते पूछा , और होंठों पर एक चुम्मी भी ले ली।
" मस्त "
किसी तरह उनके बोल फूटे , उनकी आँखे एकदम उस कच्ची कली की फुद्दी से चिपकी थीं
उनका चेहरा एक उत्तेजना से चमक रहा था , जोश के मारे उनकी हालात खराब थी , खूंटा एकदम खड़ा , कड़ा ,
लग रहा था आज मेरी गांड मार के ही रहेगा , एकदम मेरे पिछवाड़े , जैसे छेद कर देगा , . और मुझे भी उन्हें चिढ़ाने में बहुत मजा आ रहा था ,
अपने पीछे वाले छेद को अब कस कस के मैं उनके मोटे लंड पर रगड़ रहे थी ,
" मस्त , स्साली क्या चीज़ है , जिसको मिल जाए उसकी किस्मत ,. "
वो फिर बोले ,
" बोल स्साले लेगा इस स्साली की , बोल , फाड़ेगा , . . "
मैं बोली।
वैसे मैं गाली गाने के अलावा कम ही देती थी , ( ननदें अपवाद थीं ) पर उनके साथ , अकेले और वो भी थोड़ा बहुत ,
पर आज उस दूध में सच में कुछ था , और इस ननद के फटने के बारे में सोचकर ही , .
" एकदम यार , स्साली , . लेकिन लेकिन ,. . "
उनके मुंह से लार टपक रही थी
पर अभी मैंने ननद रानी की बिलिया का एक क्लोज अप दिखा दिया , मेरे पास दर्जनों फोटुएं थी उनकी बहिनिया की बिल की ,
" बड़ी टाइट है स्साली की घुसेगा कैसे , . "
वो बोल पड़े , .
सोच तो मैं भी यही रही थी , अभी वो आठ में पढ़ती थी ,
और इनका था भी एकदम मूसल , बियर कैन इतना चौड़ा तो रहा होगा , . ज्यादा हो तो कोई शक नहीं , और वास्तव में उसकी बड़ी टाइट थी ,
( नापा मैंने नहीं था , लेकिन जिस दिन ये मेरे मायके पहुंचेंगे न पक्का , इंच टेपफांको से उनकी सलहजें खोल के नापेंगी जरूर ,.
मोटाई भी लम्बाई भी )
मैं उनकी गोद में बैठी थी , उनका खूंटा मेरे चूतड़ में जोर जोर से धंस रहा था और उनकी उँगलियाँ भी ,
दो उंगलिया मेरी सहेली के अंदर , उनके जोश का असर उन पर , जोर जोर से अंदर बाहर और साथ में अंगूठा मेरी क्लिट पर , मैं पिघल रही थी , सिसक रही थी ,
" अरे स्साले , उस स्साली के अंदर भी ऐसे ही घुसेगा , दो नहीं , सिर्फ एक ऊँगली , अगर नहीं घुस पाएगी तो बस दोनों फांको के बीच रगड़ रगड़ कर , गीली कर देना छिनार को ,
स्साली खुद ही टाँगे फैला देगी , बस पेल देना कचाक , हाँ चिल्लायेगी बहुत लेकिन क्या फरक पडेगा , चिल्लाने देना साली को , . "
मैंने तरीका बता दिया और एक फोटो और , . .
जिसमें मैंने गुड्डी रानी की दोनों पुत्तियों को पूरी ताकत से फैला रखा था , और अंदर की प्रेम गली दिखा रही थी , खूब गीली , एकदम गुलाबी ,
मेरे हाथ तो वो कभी पहचान सकते थे , और अब वो समझ गए थे की कोई इंटरनेट वाली फोटुएं नहीं हैं , .
" स्साली एक बार बस मिल जाए , सच्ची छोडूंगा नहीं बिना चोदे ,. "
बुदबुदाते हुए उनके मुंह से निकल गया , .
यही तो मैं चाहती थी , वो खुद अपने मुंह से एक बार बोल दें ,
पीछे मुड़ कर मैंने उन्हें कस के चूम लिया , और बोली , .
" स्साले भोंसड़ी के , एक बार अब तूने बोल दिया है न , तो बिना चोदे मत छोड़ना उस स्साली को , फाड़ के रख देना , एकदम जड़ तक मूसल पेलना , . अब तुझे उसे चोदना ही पड़ेगा"
वो सच में बेताब हो रहे थे , बोले , .
" अरे स्साली मिले तो ,. लेकिन है कौन ये मस्त माल। "
" अरे यार तुझे इसके कच्चे टिकोरे कुतरने से मतलब है या , नाम जानने से , . "
मैंने उनके गाल काटते हुए जवाब दिया।
मस्त माल
" अरे स्साली मिले तो ,. लेकिन है कौन ये मस्त माल। "
" अरे यार तुझे इसके कच्चे टिकोरे कुतरने से मतलब है या , नाम जानने से , . "
मैंने उनके गाल काटते हुए जवाब दिया।
उनकी आँखे उस की कच्ची चूत पर टिकी थीं , मैंने मामला थोड़ा आगे बढ़ाया , .
" अरे यार अभी दर्जा आठ में पढ़ती है , बगल वाले जी जी आई सी ( गवर्नमेंट गर्ल्स इंटर कालेज ) में , . "
लेकिन अब इनके मन में एक शक उभरा , . जिसे दूर करना जरुरी था ,
" . छोटी नहीं है। "
वो हकलाते हुए , थूक घटक कर बोले , .
" हाँ वो तो है , जाने दो मैं फोटो बंद कर देती हूँ , . "
मैं गुस्से में फोन बंद करने की ऐक्टिंग करते हुए बोली ,
" अरे नहीं यार ,. दिखाओ न , मैं तो,. "
वो मुझे रोकने की कोशिश करते बोले , .
मैं कौन बंद करने वाली थी , अभी तो गुड्डी रानी की बहुत सी फोटुएं उनके भइया को दिखानी थीं।
वैसे बात उनकी सही थी , किसी और की बात शायद , . लेकिन इनका तो वैसे भी बीयर कैन से भी ज्यादा मोटा , स्साली चिल्लायेगी तो लेकिन , अब उसकी तो फटनी भइया से ही तो क्या कर सकता है कोई ,
मैंने प्यार से उनकी चुम्मी ली ,
उनके मोटे लंड को मुठियाते उन्हें उनकी ममेरी बहन , उस कच्ची कली की चूत का एक और क्लोज अप दिखाया और समझाया ,
" देख यार बात तेरी सही है , उसकी एकदम कसी कसी कच्ची है , लेकिन तभी तो मजा आएगा , घबड़ा मत मैं हूँ अपने सोना मोना की , . कोमलिया , रहूंगी तेरे साथ न मैं , . ऐसे थोड़ी
अरे तेरी ससुराल के खेत की पीली सरसों का घर में पर कडुआ तेल , आराम से पहले इस खूंटे पर लगा के अच्छी तरह चिकना करुँगी , . . सरसों के तेल से चुपड़ कर , कोई जेली सेली मात ,. फिर सुपाड़ा खोल कर उसे एक कटोरी तेल पिलाऊंगी ,.
बस ऐसा चिकना हो जाएगा न , . अपने हाथ से उस कच्ची कली की बिल फैला कर उस में सटाउंगी , बस ठोंक देना , . "
एक पल रुक के मैंने बात आगे बढ़ायी ,
" मुझे मालूम है तू चिल्ला चिल्हट नहीं सुन सकते तो कोई बात नहीं , जैसे तू अपना मोटा लंड उस की कुँवारी चूत में पेलेगा न , . वैसे ही मैं अपनी मोटी मोटी चूँची उस छिनार के मुंह में पेल देगी , खूब परपराएगी उसकी , बहुत चूतड़ पटकेगी , लेकिन उसके दोनों हाथ मेरी पकड़ में रहेंगे और मुंह में मेरी चूँची , . सच्ची मेरी गारण्टी , .
ज़रा भी आवाज़ बाहर नहीं निकलेगी ,.
हाँ एक बार उसकी झिल्ली फट गयी , खून खच्चर हो गया , तेरा ये मोटा सुपाड़ा अंदर तक घुस गया बस , .
फिर मैं चूँची बाहर निकाल लूंगी अपनी , चिल्लाने देना स्साली को ,
एक बार तेरा सुपाड़ा घुस गया न वो लाख चूतड़ पटके ये मेरा प्यारा मोटा मूसल बाहर आने वाला नहीं ,
फिर तो धीरे धीरे चूँची दबाते सहलाते जड़ तक पेलना , सारी मलाई अंदर , . "
मैं जैसे जैसे बोल रही थी , वो वैसे ही सोच रहे थे ,
मैं एक एक कर के अपनी ननद रानी की कच्ची चूत दिखा रही थी , हाँ चेहरा सब में क्रॉप था , . शायद उन्हें कुछ अंदाज रहा हो पर उस समय बस उनका खूंटा बता रहा था वो क्या सोच रहे थे
तो बोल चोदेगा न इस कच्ची चूत को , .
उस एलवल वाली की कच्ची चूत की एक कर पिक दिखाते मैंने उनसे पूछा
मैंने जोर से लंड को हिलाते पूछा और फिर वो कुछ बोलते एक और बात शुरू कर दी , कॉलेज के लौंडों की बात , लौंडेबाजी की बात
लेकिन अभी भी उनकी हिचक थोड़ी बाकी थी ,
मन तो उनका बहुत उसकी कच्ची चूत की फोटो देखने के बाद कर रहा था पर अभी भी,. १ % ,.
और मैंने गियर चेंज कर दिया
" स्साले तू ना एकदम नौटंकी बाज , जब मेरे मायके चलेगा न और तेरी सास , सलहज , तेरी सब यही बातें तेरी गांड में डालेंगी न तो सुधरेगा तू , स्साले भोंसड़ी वाले
( मैंने मम्मी की बाते जस की तस दुहरा दी , हाँ गालियां मैंने जोड़ी , मम्मी सिर्फ अपनी समधन को गालियां देती थी , इनकी माँ को ,. )
और फिर उनकी कही बातें ही उनके सामने दुहरा दी ,
" . तू खुद बोलता था , जब तू आठवें में पढता था तो तेरे क्लास के आधे से ज्यादा लौंडो की गाँड़ मार ली गयी थी , कुछ सीनियर क्लास के लौण्डेबाजो ने , और कुछ तेरे क्लास के , यही डी ए वी कॉलेज में ,. या भूल गए ,. . "
उस बात को याद कर के वो मुस्कराने लगे , जैसे फ्लैश बैक में चले गए हों ,
" अरे यार एक बेचारा तो सातवें में पढता था , . उसे मेरे कॉलेज के सामने , तूने तो देखा ही जो बाँध है उसके नीचे , वहीँ गन्ने के खेत में पकड़ के कॉलेज बंद होने के बाद ले गए , और दो लड़कों ने ,. ले ली स्साले की , खूब धोया , लेकिन पूरा पेल के ही ,. "
वो मुस्कराते हुए बोले
" तो अगले दिन क्या कॉलेज में उसने शिकायत की उन लड़को के खिलाफ जिसने उसकी फाड़ी थी , . "
ये बात उन्होंने पहले नहीं बताई थी , उत्सुकता वश मैंने पूछी।
" एकदम नहीं , अगले दिन तो संडे था , लेकिन उसके अगले दिन तो वो खुद ,. उन्ही दोनों के साथ बाँध के नीचे , . . " वो बोले।
और मुझे मौका मिल गया ,
" तू भी न पक्का जेंडर डिस्क्रिमिनेशन वाला , अरे क्या लौंडो की टाट की होती है और लड़कियों की मलमल की , .
स्साले तेरी नहीं ली गयी न इसलिए अब तक ,. ( कोहबर में उन्होंने कबूल किया था की उनका पिछवाड़ा कोरा है , . पर उनकी सास और सलहजों ने लिख दी थी उनकी। जब भी वो पहली बार ससुराल जाएंगे , उसका भी अच्छी तरह इलाज कर दिया जाएगा ) ,.
अगर उस क्लास में लड़के मजे ले सकते हैं तो लड़कियां क्यों नहीं , . .
अरे यार उसकी दो पक्की सहेलियां दोनों की कब की फट गयी है , एक की तो उसका सगा भाई ,. पिछले छह महीने से लगातार , . जब उसकी पांच दिन वाली छुट्टी भी चलती है न तो अपने भइया की चूस चूस के मलाई निकाल लेती है , . "
मैंने उन्हें हड़काया , और वो हड़क गए , और मैंने अगली पिक्चर दिखाई ,
" देख स्साली पक्की छिनार है , खुद चुदवासी हो रही है , कातिक के कुतिया ऐसी गरमा रही है , खुद अपने को ,. देख कैसे मस्त गीली ,. "
और ये देख कर तो उनकी हालत खराब हो गयी , गुड्डी रानी की बिल एकदम गीली थी ,
और अपनी एक ऊँगली से एक मीठी चाशनी के तार को वहां से छू के ,. गीली उसे मैंने और रेनू ने किया था ,
और लीला ने हड़का कर , ये पोज़ खिंचवाया था ,
अब उनकी हालत एकदम ख़राब , . खुद बोले ,
" सच यार , मिल जाये न तो मैं बिना चोदे न छोडूं चाहे जो भी हो , कितनी गरमा रही है , एकदम मस्त चुदवासी , . "
" लौंडिया चुदवासी हो तो उसे न चोदना बहुत बड़ा पाप होता है "
मैंने उन्हें गुरु ज्ञान दिया और पक्का कर लिया।
" तो स्साले बोल , चोदेगा न उस स्साली को ,. अगर ये चूत मिल जाए तो , . "
" एकदम पक्का " उन्होंने बोला।
मैंने तीन तिरबाचा उनसे भरवाया और पूछा , लॉक किया जाये ,
" एकदम लॉक कर दीजिये , " वो हॉट सीट पर जैसे बैठे हो वो बोले ,
" चल यार चल तुझे इस माल के दोनों चूजे भी दिखा देती हूँ ,. " मैं बोली और एक नया फोल्डर खोल दिया और उनकी हालत और खराब ,
चूज़े एकदम मस्त ,
चूजे
" चल यार चल तुझे इस माल के दोनों चूजे भी दिखा देती हूँ ,. "
मैं बोली और एक नया फोल्डर खोल दिया और उनकी हालत और खराब ,
चूज़े एकदम मस्त ,
कुछ तो मैंने अपनी ननद के बूब्स के लिए थे , क्लोज अप और कुछ में उसकी टॉपलेस ,
लेकिन क्रॉप कर के फेस गायब कर दिया था ,
सच में इन कच्चे टिकोरों को देख के किसी लड़के की हालत ख़राब हो जाए ,
और इस बिचारे की तो उस की कुँवारी कच्ची चुनमुनिया को देख देख के पहले ही हालत खराब ख़राब थी ,
छोटे छोटे , अभी बस उभरते हुए , उठते हुए ,