Episode 48
साली सलहज कोहबर
साली सलहज के बिना तो कोहबर क्या ससुराल एकदम सूनी रहती है , और यहाँ तो एकदम गचम गच ,
और वो भी एक दोनों नहीं चार चार टीमें
सबसे छोटी सालियों , छुटकियों की टीम की लीडर थी , मेरी सबसे छोटी बहन , इनकी ख़ास , . छुटकी
और साथ में मेरी मंझली बहन भी उन दोनों की सहेलियां , गांव की लड़कियां मेरी कजिन्स ,
दूसरी टीम मेरी उम्र वाली , मेरी कजिन , गाँव वाली मेरी बहने , और सहेलियां , चंदा जिसकी लीडर थी ,
और उसके बाद सहलज और चौथी टीम सास लोगों की जो आग जरा भी धीमी पड़ती तो बहुओं , बेटियों को उकसाकर ,.
रस्में शुरू हो गयी ,
एक रस्म थीं एक कपडे की गठरी की गाँठ उन्हें खोलनी थी , सात गांठे , एक से एक टेढ़ी , छह गांठे इनकी सलहजों ने लगाई थी सातवीं मैंने लगाई थी , पूरी ताकत से , . .
उनके दोनों हाथ अभी भी उनकी छोटी सालियों के कब्जे में थे , बड़ी मुश्किल से नेग का वायदा करने पर उन सबने एक हाथ छोड़ा , वो भी बाँया , और उन्हें वो सातो गांठे खोलनी थी , दस की गिनती पूरे होने तक ,.
दोनों हाथ से एक गाँठ खुलनी मुश्किल थी यहाँ सिर्फ एक हाथ से वो भी बाएं ,.
मैं भी बड़े ध्यान से देख रही थी ,
मेरी सब भाभियों ने गाँठ बांधते , मेरे मन में ये गाँठ बंधवा दी थी ,. अगर कोहबर में दूल्हे ने गाँठ खोल ली न तो सोच लो कल रात तेरी लहंगे के नाड़े की गाँठ खुलना तय ,
एक हाथ से कैसे खोल पाएंगे , सपोर्ट कैसे किधर से , मैं सोच रही थी ,
लेकिन मेरी आँखे फटी रह गयी , उन्होंने अपनी देह का सपोर्ट ,
और, जब तक गिनती शुरू भी नहीं हुयी थी , मेरी वाली गाँठ खुल गयी , .
और देखते देखते , सातो गांठे ,.
और मेरी सब भाभियों की मुस्कराती चिढ़ाती निगाहें मेरी ओर थी ,
जिसका सिर्फ एक मतलब था , . बिन्नो अब तू लाख कोशिश करले , कल तेरा नाड़ा खुल के रहेगा .
और अब बाती मिलाने की रस्म हुयी जो सलहज करवाती है , और अब उनकी नेग माँगने की बारी थी ,
और अब की चंदा मेरी सहेली ने साली और ननद दोनों का हक़ अदा किया और बोली ,
"जीजू , जो बाती मिलवा रही हैं , बस वही, उन्ही को मांग लो , . नेग में ,. "
रीतू भाभी बाती मिलवाने की रस्म करवा रही थी , और जिस तरह से उन्होंने भाभी की ओर देखा , .
वो भी लजा गयीं , और बोलीं ,
'चल पहले मेरी ननद से निबटो ,. परसों सबेरे फोन कर के पूछूँगी , क्या हुआ , जिसको ले जा रहें हैं उसका भरतपुर लूट पाए की नहीं ,. ""
लेकिन अब वो भी रस्मो के , कोहबर की मस्ती में आ गए थे ,
और उनकी सालियाँ भी जोर जोर से उनका साथ दे रही थीं ,
और तय हुआ की जब वो होली में ससुराल आएंगे तब , .
साथ साथ सालियाँ उनका सिंगार कर रही थीं , काजल लगा ,
बिंदी
और फिर खूब चौड़ी सी सीधी मांग , .
और पीछे से किसी ने भरपूर सिन्दूर दान भी कर दिया , और कुछ सिन्दूर उनकी नाक पर गिर पड़ा , और फिर साली सलहज जोर से हो , हो , .
" सास बहुत मानेगी , नाक पर सिंदूर गिरा है , " एक साली ने चिढ़ाया ,
तो मेरी मौसी ने तुरंत असिरबाद दिया ,
" सदा सुहागन रहो , दूधो नहाओ , पूतो फलो ,. "
फिर किसी उनकी सल'हज ने छेड़ा ,
" अरे सिन्दूर दान हो गया , अब सुहागरात भी होगी तभी तो सोहर होगा ( पुत्र जन्म में होने वाला गाना ). "
" लेकिन सिन्दूर दान करने वाली सामने तो आये
छोटी साली के मजे - छुटकी
. और पीछे से किसी ने भरपूर सिन्दूर दान भी कर दिया , और कुछ सिन्दूर उनकी नाक पर गिर पड़ा , और फिर साली सलहज जोर से हो , हो , .
" सास बहुत मानेगी , नाक पर सिंदूर गिरा है , "
एक साली ने चिढ़ाया ,
तो मेरी मौसी ने तुरंत असिरबाद दिया ,
" सदा सुहागन रहो , दूधो नहाओ , पूतो फलो ,. "
फिर किसी उनकी सल'हज ने छेड़ा ,
" अरे सिन्दूर दान हो गया , अब सुहागरात भी होगी तभी तो सोहर होगा ( पुत्र जन्म में होने वाला गाना ). "
" लेकिन सिन्दूर दान करने वाली सामने तो आये ,. "
वो बोले और छुटकी पकड़ी गयी उसकी उँगलियों में अभी भी सिन्दूर लगा था।
और उनकी दो सलहजों ने पकड़ के छुटकी को उनकी गोद में बैठा दिया , छुटकी से ज्यादा वो घबड़ा रहे थे , कोई बुरा न मान ले।
छुटकी तो घस्स से अपने जीजू की गोद में बैठ गयी
छुटकी - मेरी सबसे छोटी सगी बहन ,
"अरे ठीक से पकड़ लो कहीं गिर विर पड़ी तो ," . . एक भौजी ने उन्हें उकसाया ,
पर उनकी हिम्मत ,. . हलके से हाथ उन्होंने रखा ,
भौजाइयां भी ,. इसी बहाने इन्हे ननद की रगड़ाई करने का मौका मिल रहा था , पर ननद से ज्यादा शरमीले तो नन्दोई थे , छुटकी तो ठसके से उनकी गोद में कोहबर में बैठी थी , मुस्करा रही थी , मेरी ओर देख कर मुझे भी चिढ़ा रही थी ,
"अरे कैसे जीजू हो , ये भी पता नहीं साली सलहज को कहाँ से पकड़ते हैं , "
और रीतू भाभी ने छुटकी के उभारों पर सीधे से उनका हाथ पकड़ के रख दिया ,
वो शायद तब भी हटा देते लेकिन उनके हाथ के ऊपर उनकी साली ने अपना हाथ रख दिया ,
अब वो कोशिश करते भी तो छुटकी , मेरी सबसे छोटी बहन , हाथ हटाने भी नहीं देती ,
" अरे तानी रगड़ा मीसा , . ऐसे डर डर के ,. "
उनकी सलहजों ने चिढ़ाया ,
लेकिन मैं समझ रही थी उन्हें थोड़ा डर लग रहा था अपनी सास से , सलहज और सालियों से तो अब उनकी हिचक बहुत ख़तम हो गयी थी और वो अपनी सास की ओर चुपके से भी देख रहे थे ,
की कहीं मम्मी को बुरा तो नहीं लग रहा था , . .
पर वो भूल गए थे की मम्मी , मेरी भी मम्मी थीं , उन्हें उनका हलके से पकड़ना बुरा लग रहा था , और मम्मी भी ये बात समझ रही थीं , .
इसलिए प्यार से उन्होंने हड़का लिया
" अरे अभी तो सिंदूर डालने वाली के साथ सुहागरात मनाने की बात कर रहे थे और अभी पकड़ने दबाने में सांस फूल रहीहै , कुल अपनी बहन के साथ प्रैक्टिस करने में खरच कर दिए हो का ,. अरे छोटी साली है तोहार हक है , . . तानी ठीक से ,. "
पर अब सलहजें मैदान में आ गयीं , और उनके पीछे पड़ गयीं ,
" अरे हमार ननद चाहिए तो , सुहागरात तो मना सकते हो नन्दोई जी , लेकिन उसके पहले गोद में बैठी साली का साइज सही सही बता दीजिये , अगर सही होगा तो साली मिलेगी और गलत होगा , तो ,. "
जवाब उनकी सालियों ने दिया ,
" बरात में जितनी लड़कियां आयी है सब पर इनके साले चढ़ेंगे , . "
" चलिए हम लोग दस तक गिनती गिनेंगे , तब तक जितनी नाप जोख करनी हो कर लीजिये , . वरना ,. . "
बात मेरी मौसी ने पूरी की
:
"और नहीं बता पाए , तो इनकी गाँड़ मारी जाएगी साथ में ,. "
और फिर एक बार जोर से हंसी , .
भाभियाँ जान बूझ कर धीमे धीमे गिन रही थी
छुटकी
और फिर एक बार जोर से हंसी , .
भाभियाँ जान बूझ कर धीमे धीमे गिन रही थी ,
आखिर उन की ननद की नाप जोख हो रही थी , . पर सात तक गिनती पहुंची थी की उन्होंने जवाब दे दिया
" ३० "
जब तक छुटकी बोलती सही जवाब ,
चंदा मेरी सहेली बीच में कूद पड़ी , . .
"३० क्या , . कप साइज तो बताइये , वरना साली के लिए ख़रीदियेगा कैसे ,. "
" ३० सी "
और अबकी छुटकी ने ख़ुशी से बोल दिया ,
सही जवाब
लेकिन सलहज इत्ती आसानी से अपने नन्दोई को पास होते नहीं देख सकती थी , एक गाँव वाली भाभी बोली ,
" अरे ३० सी , कौन चीज , . . नाम ले कर बताओ तब साली हटेगी , . "
बेचारे वो , .
वो , वही बोलते रहे यहाँ तक की उनकी एक सलहज ने हिंट भी दिया ,
" अभिन मंडवे में तोहरी कुल बहिनों की चूँची क इतना बखान हुआ ,.
बड़ी मुश्किल से पहले तो चूं चुन बोलते रहे ,
और उनकी गोद में बैठी साली ने भी छेड़ा , जीजू आप चिड़िया हो का। चूं चूं बोल रहे हो ,. "
तब जा कर कहीं वो चूँची बोल पाए ,
और तीन बार बुलवाया गया उनसे जोर जोर से
और साली ने तीन तिरबाचा भरवाया , सुहागरात होगी साली के साथ लेकिन उन्हें होली में , पहली होली में ससुराल आना पड़ेगा।
और मंझली ( मेरी मंझली बहन , दसवें में पढ़ती थी , मुझसे ठीक छोटी ) , ने अब आलमोस्ट धक्का देकर अपनी छोटी बहन को हटा दिया और खुद ' सिंहासन ' पर बैठ गयी
और मेरी सहेली , पक्की दोस्त , चंदा थी न बगल में उकसाने को , बोली ,
" कभी कभी अँधेरे में अंधे के हाथ बटेर लग जाती है , अब इसकी नाप के सही साइज बताइये जीजू तब मानूंगी आप को। "
" और अब की चूं चूं किये न , तो बस ,. कोहनी तक गांड में पेल दूंगी , मायके में महतारी बहन सब कर चूँची दबाते होंगे यहाँ आयके ,. "
बुआ ने उन्हें जोर से हड़काया
और अबकी उन्होंने बिना देर किये , . थोड़ी देर तक नाप जोख की , और बोल दिया ३२ सी।
चंदा
मंझली ( मेरी मंझली बहन , दसवें में पढ़ती थी , मुझसे ठीक छोटी ) ,
ने अब आलमोस्ट धक्का देकर अपनी छोटी बहन को हटा दिया और खुद ' सिंहासन ' पर बैठ गयी
और मेरी सहेली , पक्की दोस्त , चंदा थी न बगल में उकसाने को , बोली ,
" कभी कभी अँधेरे में अंधे के हाथ बटेर लग जाती है , अब इसकी नाप के सही साइज बताइये जीजू तब मानूंगी आप को। "
" और अब की चूं चूं किये न , तो बस ,. कोहनी तक गांड में पेल दूंगी , मायके में महतारी बहन सब कर चूँची दबाते होंगे यहाँ आयके ,. "
बुआ ने उन्हें जोर से हड़काया
और अबकी उन्होंने बिना देर किये , . थोड़ी देर तक नाप जोख की ,
और बोल दिया
३२ सी।
उसके बाद तो करीब आधी दर्जन सालिया हर उम्र की , गाँव की ,
छुटकी और मंझली की सहेलियां , हर शेप और साइज की , लेकिन सबकी नाप जोख उन्होंने एकदम सही सही की
और सब से अंत में चंदा , . .
लेकिन उसके पहले चंदा ने पहले तो छुटकी और मंझली का झगड़ा सुलझाया ,
छुटकी का कहना तो सिन्दूर दान उसने किया , इसलिए जब जीजू होली में आएंगे , तो सुहागरात उसके साथ ,
लेकिन मंझली का कहना था वो वो बड़ी है , इसलिए पहले उसके साथ , .
वो बेचारे अपनी दोनों सालियों के बीच फंसे मुस्करा रहे थे ,
मेरी बम्बई वाली भाभी ने मेरी दोनों छोटी बहनों को छेड़ा ,
" हे तेरे जीजू मारे डर के देखना , होली में ससुराल आएंगे ही नहीं , अपनी बहनों के साथ होली मनाएंगे ,. "
अब दोनों अपना झगड़ा भूल के इनके पीछे पड़ गयीं ,
साथ में मेरी मौसी भी मेरी बहनों का साथ दे रही थीं और चंदा भी ,
" अरे ऐसे कैसे नहीं आएंगे होली में , एक बार बोल दिए हैं तो , अपंनी महतारी के भोंसडे में जा के छिपेंगे तो वहां से भी खींच लाएंगे हाथ डाल के ,. "
मौसी बोलीं
वो दोनों एक साथ इनके पीछे पड़ गयीं , . जीजू प्रॉमिस प्रॉमिस , होली का प्रॉमिस
और फिर चंदा भी ,
" अरे जीजू , लोग सालियों के लिए क्या नहीं कर देते आप जरा सा होली में आने से , बोल दीजिये न , मैं बोल रही हूँ एकदम फायदे का सौदा है प्लीज जीजू।"
और इन्होने मेरी दोनों बहनों से भी प्रॉमिस किया ,
होली का वादा
और इन्होने मेरी दोनों बहनों से भी प्रॉमिस किया ,
चंदा से भी और हर तरह की कसम भी खायी की पहली होली वो ससुराल में ही बिताएंगे , और एक दो दिन नहीं पूरी रंग पंचमी , .
" चल जीजू ने तुम दोनों की बात मान ली , अब ये समझ ले की जीजू सुहाग रात तो तुम दोनों के साथ मनाएंगे लेकिन सुहाग दिन मेरे साथ , जीजू से क्या शर्म ,. . दिन दहाड़े इनकी इज्जत लूटूँगी , खुले आँगन में ,. नो शेयरिंग "
और ये कह के चंदा धसक के इनकी गोद में और खुद पकड़ के उनके दोनों हाथ अपने उभारों पर ,.
चंदा , मेरी सिर्फ सहेली नहीं , सब कुछ हम राज ,. .
एक तो गाँव की , फिर पड़ोस की की पट्टी की ही , पहली क्लास से हम लोग साथ साथ पढ़े , साथ साथ बड़े हुए , साथ साथ मस्ती की ,.
और इनसे मेरा टांका भिड़वाने में भी उसका पूरा हाथ था , उसी ने पहले इनकी भाभी से फिर मेरी भाभी से ,. फिर मम्मी से भी ,.
और ये भी जानते थे इस बात को ,.
और ' ऊपर वाली मंजिल के मामले में ' गाँव में , कॉलेज में शुरू से मैं सबसे बीस थी , सिवाय चंदा के , वो मेरी टक्कर की थी , थोड़ी ज्यादा ही ,.
लेकिन चंदा ने उन्हें हड़का लिया ,
" जीजू , मैं छोटी छोटी बच्चीयां नहीं , जिसको ले जा रहे हैं न उसी की समौरिया हूँ , सिर्फ चार दिन छोटी उससे ,. सीधे अंदर हाथ डालिये , और आज आप को ज्यादा झंझट न हो इसलिए ब्रा भी नहीं पहना मैंने , ऐसी साली मिलेगी आपको कहीं ,. "
और जब तक वो समझते समझते उनके दोनों हाथ , अपने हाथों से पकड़ के ,. सीधे अंदर अपने उभारों पर ,.
और उनके कान में बोली ,
" जीजू , पांच मिनट तक कम से कम , . तब साइज बताइयेगा ,. और उसके बाद भी ये मत समझ जाइएगा की मैं इत्ती आसानी से इस सिंहासन से उठने वाली हूँ , और न आपके हाथ बाहर निकलेंगे ,. . "
अब तक आधे दर्जन से ज्यादा छोटी सालियों की तो नाप जोख कर चुके थे वो २८ से ३२ वाली ,
. इसलिए अब वो भी हलके हलके , पहले सहलाते रहे , और एक बार चंदा ने घूर कर देखा तो , हलके हलके दबाने मसलने लगे ,
लेकिन चंदा पक्की मेरी सहेली थी , .
उनकी छोटी सालियों ने उनके कपड़ों की तो सारी बटने खोल ही दी थीं , पैंट की भी बेल्ट किस साली के कब्जे में थी , पता नहीं , बटन हुक ,. बस ज़िप के सहारे ,.
और चंदा ने अपने बड़े बड़े चूतड़ बहुत हल्के हलके अपने जीजू के खूंटे पर रगड़ना शुरू किया ,
उनकी सलहजें देख रही थीं , मुस्करा रही थीं ,. और मैं मुश्किल से मुस्कराहट रोक रही थी
३४ डी।
" सही जवाब "
चंदा बोली ,
लेकिन न वो उनकी गोद से उतरी न उन्हें हाथ बाहर निकालने दिया , हाँ उसके चूतड़ों की रफ़्तार अब उनके खूंटे पर रगड़ने की अब और तेज हो गयी , और वो भी चोली के अंदर ,.
" लगता है अपनी बहनों की चूँची खूब दबाये हैं बचपन से , तभी एकदम सही अंदाजा है। "
उनकी एक सलहज बोली
पर समधन कैसे बच जातीं तो उनकी बुआ सास बोलीं ,
" अरे महतारी , बुआ , मौसी सब कर , . चूँची खूब दबाए होंगे , . '
मम्मी के लिए चुप रहना मुश्किल हो रहा था और वैसे भी पहले दिन, से वो आँख मूँद के अपने दामाद का ही पक्ष लेती थीं , वो बोली
" तुम सब न इतना सीधा साधा , अरे ओनकर माई बहन सब बचपन से पक्की छिनार , झांटे आने के पहले से ही लौंड़ा ढूंढती है ,
पूरे मोहल्ले से दबवाती है मिजवाती हैं चूँची , देखो अबहीं एंकर महतारी खुदे फ़ोन पर बतायीं की कातिक में कुत्ते से , दुलहा के मामा से चोदवाई के इन्हे जनले हई ,
तो इहो कबो कबो अपने माई बहिनी , बुआ , मौसी का चूँची दबाय दिया तो कौन बुरा किया ,
अरे उ छिनार खुदे इनके हाथ पकड़ के अपनी चूँची पर , . "
कोहबर में इनकी सास के साथ एक सिर्फ और था जो इनका पक्ष ले रहा था , इनकी गोद में बैठी साली ,
मेरी सहेली , चंदा ,
मम्मी का साथ देती वो बोली
आप एकदम सही कह रही हैं ,. और मुड़ कर इनके गाल पर एक जबरदस्त चुम्मी ले ली , और सबसे बोली
" देखिये हमारे जीजू हैं श्रीमान सत्यवादी ,
श्रीमान सत्यवादी
मम्मी का साथ देती वो बोली
आप एकदम सही कह रही हैं ,.
और मुड़ कर इनके गाल पर एक जबरदस्त चुम्मी ले ली ,
और सबसे बोली
" देखिये हमारे जीजू हैं श्रीमान सत्यवादी , . देखिये कितनों लोगो की माँ अपने भाइयों से चुदवाती होंगी , लेकिन किसकी हिम्मत है ,. और आज देखिये पहली बार हम सब लोगों से मिले , अपनी सास , सलहज , सालियों सबके सामने ये कबूला उन्होंने की वो अपने मामा के जने हैं ,.
खुद बोल दिया ,. हैं न सत्यवादी ,. . और मुझसे तो ,.
अपनी बुआ के बारे में भी कह रहे थे ,
इनके चाचा ने उनकी झिल्ली फाड़ी थी , और वो जो इनकी कजिन्स आयी हैं न सबके बारे में , एक एक के बारे में.
उनके चाचा की लड़की वो मीता , अरे वही जींस टॉप वाली ,. . एक्सप्रेस डिलीवरी है वो , इनकी चाची दहेज में लायी थीं , मायके से , एकदम आते ही साढ़े छह महीने में निकल आयी थी वो,
इसीलिए वो सब की सब पैदायशी छिनार हैं ,. अब इनके शहर का तो चलन ही हैं लड़कियां सब भाइयों से फंसी और लड़के सब हमारी ननदों से ,. "
( ( मैंने बड़ी मुश्किल से मुस्कराहट रोकी , असल में ये वार्निंग मेरी सहेली ने पहले ही दे दी थी , देख स्साला इत्ता चिकना लौंडा है , इसकी पहली चुम्मी मैं ही लुंगी , वो भी तेरे , बल्कि सबके सामने , साथ में सरप्राइज बोनस भी , . तेरी सेटिंग कराने की फ़ीस ,. और बोनस था , इनसे जोबन मर्दन )
गाँव की मेरी एक भाभी ने चंदा को हड़काया
" अरे साफ़ साफ़ काहे नहीं बोलती , की सब के सब लौंडे बहनचोद हैं और बहने भाइ चोद , इनके शहर के "
" एकदम भौजी , यही बात लेकिन जीजू हमारे सब कबूल किये तो श्रीमान सत्यवादी हैं न ,. "
चंदा मुस्करा के बोली
तबतक मेरी मौसी चालू हो गयीं ,
" रंडी के पूत , चलो मान गयी तोहरे घर में कुल छिनार हई , लेकिन हमारी सोनचिरैया को ऐसे मुफ्त में नहीं ले जा सकते , . इसकी कीमत देनी पड़ेगी , . "
इनके गोद में बैठी इनकी स्साली , मेरी सहेली चंदा बोली
“एकदम सही मौसी लेकिन आप बोलिये जीजू हमारे मना नहीं करेंगे , अरे जब इनकी माँ बहन किसी को नहीं मना करती तो ये काहें को मना करेंगे ,. "
" तेरी बहन के बदल में अपनी बहन , . "
मेरी चाची बोलीं ,
और फिर छुटकी बोल पड़ी
" अरे जीजू को आप मेरे समझती क्या हैं , अपने सालो के लिए उन्होंने खुद अपनी बहने लिख दी हैं , एक नहीं सारी , देखिये इतना बड़ा सट्टा लिखा है उन्होंने , . "
और एक लंबा सा कागज़ निकल के फहरा दिया।
उस कागज के नीचे उन का साइन था ,
( एकदम सट्टे की तरह , पहले शादी में रंडिया जब नाचने के लिए जाती थीं , तो उनसे पहले जो अग्रीमेंट किया जाता था , एडवांस पे किया जाता था और उसमें डिटेल में लिखा जाता था की रंडी को क्या क्या करना होगा , . )
और उस के ऊपर उन की सारी बहनों का नाम , .
" चल छुटकी जरा पढ़ , . "
कोई मेरी भाभी बोलीं तो रीतू भाभी ने वीटो लगा दिया ,
" अरे नहीं , छुटकी क जीजा पढ़ेंगे , उहै लिखे हैं वही पढ़े , . और जरा ये भी पता चल जाए न की पढ़े लिखे हैं , की कतौं फर्जी डिग्री देखा के , . हमार ननद के फांस लिहैं , . चलो नन्दोई जी पढ़िए न "
( असल में ये सब बदमाशी , उन्ही की, रीतू भाभी की थी , सहयोगी भूमिका में थी इनकी दो सालियाँ , छुटकी. मंझली . और मेरी सहेली चंदा ),
तिलक में जब छुटकी गयी थी , वहीँ उसने एक सादे कागज को पहले तो सात परत किया , फिर सबसे नीचे अपने जीजा का आटोग्राफ ले लिया , . और छोटी साली की बात कौन टालता है , तो बेचारे उन्होंने आटोग्राफ दे दिया।
पहले तो प्लान था उसपर एकदम सट्टा की तरह लिखा जायेगा , वो तो लिखा ही गया ,
पर मेरी सहेली चंदा और रीतू भाभी का खतरनाक कॉम्बिनेशन ,
'सब कुछ ' लिख दिया गया और इसलिये रीतू भाभी पीछे पड़ीं थी , पूरा पढ़ने के और उनकी साली सलहज अपना मोबाइल लिए तैयार थी , एक एक बात रिकार्ड करने के लिए )
शुरू में तो उन्होंने किसी तरह हिचकते हुए पढ़ दिया ,
मैं, अपनी बहने , गीता , नीता , मीता , मिली , . ( कुल दर्जन भर थीं ) का सट्टा लिखता हूँ शादी में ये सब रंडिया बरात के साथ जाएंगी , . गाँव ( हमारे गाँव का नाम ) , . और रात भर नाचेंगी , सब घरातियों का मन बहलाएंगी , .
लेकिन अब वो रुक गए , पढ़ते थी फिर कभी छुटकी कभी चंदा की ओर देखते थे ,
पर उन्हें हड़काया गया मम्मी की ओर से
" अरे जल्दी पढ़ के ख़तम करो न . अभी बहुत रस्म बची है , और कोहबर की सब रस्म पूरी होने है चाहे कल दोपहर हो जाये , . हाँ अगर छह बजे तक विदाई न हुयी न तो सोच लो , . आज विदाई नहीं हो पाएगी ,. टाइम बहुत निकल रहा है। दो चार महीने लगन नहीं है विदाई की। खाली हाथ जाना पडेगा। "
" अरे भौजी , कउनो बात नहीं , ई खुदे देर कर रहे हैं , फिर दो चार महीने काहें , गौना रख दिया जाएगा , तीन साल बाद का , . तब तक कोमलिया का बी ए पूरा हो जायेगा , . "
मेरी बुआ बड़ी बड़ी सीरियस हो के बोलीं , .
और ये तो वो सोच नहीं सकते थे , .
शादी की इतनी जल्दी उन्हें थी , मेरी जेठानी को , मम्मी को , भाभियों को ,.
. पहली तारीख जब लगन शुरू हुयी बस उसी दिन से , .
मुझे पाने के लिए तो वो कुछ भी कर सकते थे और यहाँ तो सिर्फ पढ़ना था वो भी कोहबर में साली सलहज सास के सामने , . इतनी देर में उनकी शरम झिझक भी काफी कम हो गयी थी ,
और वो पढ़ने लगे , और हंसी दबा के सब लोग सुन रहे थे ,
और सब कुछ लिखा था , उनकी ( सगी तो कोई थी नहीं , मौसेरी चचेरी , फुफेरी , मामा की दर्जन भर से ज्यादा ) सभी बहनो और मेरे भाइयों सारे कजिन्स , . . गीता , मिली , मीता , नीता , अन्नू , बिन्नी , . के साथ संजय , अजय , अनूप , मुन्नू , चुन्नू। . .
सब बारात की लड़कियां के गोरे चिकने गाल मेरे भाई काटेंगे , चूमेंगे , चूसेंगे।