Episode 49


उनकी चूँचियाँ मेरे भाई रगड़ेंगे और अरहर के खेत में , गन्ने के खेत में , जहाँ चाहे जब चाहें बरात की सारी लड़कियों को हचक हचक के चोदेगे , वो भी बिना कंडोम , अपना लंड चुसवाएंगे , . और एक एक पर दो तीन , .

लेकिन तब तक मेरी एक गाँव की भाभी तुनक पड़ीं ,

" और एस चाकर गाँड़ बा ससुरिन का , तो गाँड़ काव तोहार जीजा अपने लिए बचा के रखे हैं "

" अरे नहीं भौजी , हमार जीजू ऐसे कंजूस नहीं है , . आखिर इतना माल बरात में लाये काहे हैं घरतीयन के लड़कों के लिए तो ,. जीजू आगे पढ़िए न "
चंदा हंस के बोली ,

वो भी अपने जीजू के साथ साथ पढ़ रही थी , बिना बोले की की जीजू कुछ छोड़ न दें (और लिखा भी तो उनकी साली चंदा ने ही सब था )

और आगे ये भी था की उनकी सब बहने , बरात में आयी सब लड़कियां औरतें , बुर भी चोदवाएंगी और गांड भी मरवाएँगी , .

फिर तो एक बार फिर ढोलक टनकने लगी और उन की सालियाँ अब गाने लगी ,

गोरे गोरे गाल , मेरा भैया काटेगा ,

फिर तो एक बार फिर ढोलक टनकने लगी और उन की सालियाँ सलहज अब गाने लगी ,

' जीजू की बहना के गोरे गोरे गाल , अरे नीतू स्साली के गाल मेरा भैया काटेगा ,

उसके सीने पर का गेंद मेरा भैया खेलेगा , .

और अब नाउन की लड़की , चमेली , . वो भी तो उनकी स्साली ही थी , वो भी गाने लगी ,

उनकी बुर पर की झांटे मेरा नउआ छिलेगा ,

मेरी एक गाँव की भाभी ने चमेली से बोला , याद कर के भिन्सारे अपने भइया को भेज देना , जितनी आयी हैं सब कर झांट , एकदम चिक्क्न हो के जांयेंगी यहाँ से , एक की भी एक भी झांट बची न तो बिदाई नहीं होगी ,.

सोने की थाली , रुपे की लागी बारी ,

सोलहो भोजना लैके निकले हैं संजय भइया , अरे निहुरि के करे सलामी ,

अरे निहुरि के करें सलामी ,

अरे हमरे जीजू जी , देबा आपन बहिनी , देबा मीता रानी , देबा नीता रानी ,

अरे हमरे जीजू जी , देबा आपन बहिनी , देबा मीता रानी , देबा नीता रानी ,
अरे खूब करब मेहमानी , अरे खूब करब मेहमानी ,

दिनवा में छिनरौ के गालै गाले चुमबे , रतिया करब मेहरबानी

एक एक करके इनकी सारी बहनों का नाम , मेरे भाइयों से जोड़ जोड़ कर

फिर भाभियों को भी अपने देवर की परवाह थी तो वो भी ,

हमरे ननदोई की बहना की बुर हमरा देवर चोदेगा ,

और खुश हो कर चंदा बोली ,

" एकदम आप लोग हमारे जीजू को समझती क्या हैं , . और ताज़ी खबर , बता दूँ जीजू असली बात ,.

चलिए कोहबर में कौन सरम , अरे कोहबर की बात कोहबर के बाहर नहीं जाती है , जीजू ने मुझे खुद बोला था , इसलिए मुझे थोड़ी देर हो गयी , . और उन्ही की बात पर मैं गीता , मीता और नीता को गन्ने के खेत में साथ में संजय , अजय , अनूप ,

और मिली , बिन्नी और चुन्नी अरहर के खेत में , चुन्नी के साथ तो दो दो , .

अरे जब गाँव में आयी हैं तो जरा गन्ना और अरहर का मज़ा भी ले लें , . "

फिर जैसे कोई फोन आया हो चंदा ने उसी तरह हेलो हेलो किया , फिर कुछ बोली , .

ये तो बहुत अच्छी बात है , . चलिए मैं जीजू को भी बता देती हूँ , . वो तो सबसे ज्यादा खुश होंगे , . . अरे नेग तो मैं उनसे ले ही लूंगी। ठीक है , थोड़ी देर बात मैं फोन कर लूंगी। "

मेरी सारी बहनें , भौजाइयां

और सबसे बढ़ कर ये चंदा के चाँद जैसे मुखड़े को देख रहे थे ये क्या बोलती है , और उसने बोल दिया ,

" जीजू एक बहुत बड़ी खुशखबरी आप के लिए ,. "

फिर मेरी ओर देख के बोली ,

" अरे यार तेरे लिए भी "

सस्पेंस बनाने में तो वो माहिर थी , लेकिन जब मेरी बंबई वाली भौजी ने उसे , अपनी ननद को हड़काया ,

" दूंगी अभी एक कस के , बोल न साफ़ साफ़ क्या खुश खबरी है "

" देखिये , मैंने बोला था न मेरे जीजू कितने दिलदार है अपनी ससुराल वालों का कितना ख्याल करते हैं , अब उनकी कुँवारी बहनों का तो मैंने पूरा हिसाब दे दिया , कौन कौन गन्ने के खेत में , कौन अरहरिया में इनके किस किस साले के साथ कबड्डी खेल रही हैं ,

लेकिन इनके साथ पांच बियाहिता भी तो आयीं थी जिसमें चार तो नहीं बियाई थी आज तक ,

एक इनकी मौसा की बिटिया , बिन्नो , जिसकी एक साल पहले शादी हुयी है ,

दो इनके चाचा की दुलारी , साल डेढ़ साल हो गया उन दोनों के बियाह के भी ,

एक इनकी बुआ की लड़की , अभी इसी गरमी में शादी हुयी है ,

क्यों जीजू सही कह रही हूँ न इन सबकी अभी कोई नहीं , . "

चंदा एक एक बराती औरतों का हिसाब देते हुए बोली और इनसे कन्फर्म भी करवाया , कर

वो बोले तो नहीं लेकिन हामी में सर हिलाया , साली सलहज की गाली से बचने का कोई और रास्ता था उनके पास ,.

" और एक इनके ताऊ जी की बिटिया , जिसके डेढ़ साल की मुन्नी है ,. . "

कह के चंदा फिर रुकी , फिर सीधे उन्ही से बोली ,

हँसते हुए खूब जोर से

" जीजू बहुत बड़ी खुशखबरी है , आप मामा बनने वाले हैं , आज से ठीक नौ महीने बाद दिन तारीख नोट कर लीजिये ,. और एक के नहीं पांच पांच के ,. आपकी पांचों बहिनें , शादी शुदा, गाभिन हो गयी हैं ,. और कुछ दिन बाद ,. "

चंदा ने पहले तो पेट फुलाने का नाटक किया , फिर केंहा केंहा की आवाज ,. .

खूब हो हो की आवाज हुयी लेकिन उसी बीच चंदा ने मुझे भी लपेट लिया , बोली

" यार जीजू के लिए इतनी बड़ी खुशखबरी कुछ मीठा तो बनता है "

अबकी सीधे लिप्पी , चंदा ने जब तक ये समझे अपने होंठ इनके होंठो पर , और तबतक दबाये रही जबतक उस की जीभ इनके मुंह में नहीं घुस गयी ,

परफेक्ट फ्रेंच किस

खूब जोर से हो हो हुयी , कोई बोला जीजू के यहाँ ठीक नौ महीने बाद खूब सोहर होगा , सब गाभिन हो के जाएँगी बरात से ,.

लेकिन बुआ मेरी हड़का लिया उन्होंने अपनी बेटियों , बहुओं ,

समधन

लेकिन बुआ मेरी हड़का लिया उन्होंने अपनी बेटियों , बहुओं ,

" तुम सब न खाली अपनी ननदो के मजे की फ़िकर है , कागज पर लिखवा लिया , गन्ने के खेत में पहंचा भी आयी , . और सास लोग , तोहरे जीजू क महतारी , बुआ , मौसी चाची , हमार समधन सब , उहै तो सब दूल्हा के ससुर , चचिया , मौसिया ससुर , गाँव के मरद ,

चंदा थी न अपने जीजू का साथ देने के लिए बोली

" अरे बुआ ई कौन बात है अभी लीजिये , " और उनसे बोली जीजू जहाँ जहाँ आपने अभी अपनी बहनों का नाम लिखा है , बस उसी उसी जगह अपनी माँ , मौसी , चाची , बुआ ,. बस बोल दीजिये ,. . जल्दी ,. "

और वो थोड़ा हिचकते भी की मौसी ने तुरप का पत्ता चल दिया , मुझे बोलीं ,

" सुन कोमलिया , तेरा दूल्हा इतना देर लगा रहा हर चीज में , . मुझे तो नहीं लगता है तेरी बिदायी हो पाएगी , . तीन साल का गौना ही रखना पडेगा। "

" सच में कोमलिया , नन्दोई बहुत ही स्लो हैं , . ये पहली रात तो चोली खोलने में ही लगा देंगे , . . "

मेरी बम्बई वाली भाभी ने उन्हें चिढ़ाया।

" और दूसरी रात में लहंगा , . "

एक मेरी सहेली बोली।

" पैंटी का नंबर तीसरी रात आएगा ,. " दूसरी ने सुर में सुर मिलाया।

" तो क्या भरतपुर का नंबर चौथी रात को आएगा , . "

उनकी एक गाँव की साली बोली।

लेकिन चंदा उनकी चमची , छोटी साली साथ में थी न उनके , उसने चढ़ाया , समझाया ,और वो तब भी हिचक रहे थे लेकिन मेरी मौसी ,

" सुन नाउनिया , तानी जाइके बराती में बोल दो की अब कल सबेरे दुलहिन क बिदाई ना होई , हम लोग गौना रखब , तीन साल क , . तीसरे साल साइत वाइत देख के , . . तब तक दूल्हों कुछ गुन ढंग सिख लेहिहै , आपने बहिन महतारी बुआ मौसी से ,. "

मौसी का ये कहना और चंदा ने कुछ इनके कान में सिखाया पढ़ाया की वो चालू हो गए की उनकी माँ कैसे उनके ससुर का , मौसेरे ससुर , चचिया ससुर , का लंड चूसेंगी , चोदवाएंगी , .
लेकिन बुआ कहाँ मांनने वाली थी और चढ़ गयीं ,

" अरे छिनार क नाम बतावा , चूँची क साइज़ बतावा, ऐसे थोड़ो , . कउनो बचनी नहीं चाहिए , . "

एक पल के लिए हिचके वो तो मौसी ने फिर नाउन को हड़काया , " तुम अभी गयी नहीं "

बस वो फिर चालू हो गए , बुआ मौसी , चाची , घर की कोई औरत उनकी बची नहीं थी , और जो छोड़ देते वो उसकी याद दिलाने के लिए दर्जन भर साली सलहज थीं न , . पूरे पन्दरह मिनट।

और वो सब बातें मेरी बहने भाभियाँ उन्हें दिखा दिखा के अपने मोबाइल में रिकार्ड कर रही थीं।

__ " देखा मैं कह रही थी की मेरे जीजू कितने अच्छे हैं , और देखिये श्रीमान सत्यवादी ही नहीं दानवीर कर्ण भी , सलहज सास की एक बात पर अपनी माँ बहिन सब , और एक भी अपने लिए नहीं बचा के रखी , ससुराल वालों के लिए ,. साले ससुर सबका हिसाब ,. "

उनकी गोद में बैठी उनकी साली , चंदा बोली

और एक चुम्मी और ,

हाँ उसने इनका हाथ अपने टॉप के बाहर नहीं निकलने दिया था।

उसी ख़ुशी में रीतू भाभी ने पान खिलवाया उन्हें मेरे हाथ से , . मैं क्या कोहबर में बैठी सब लड़कियां जानती थी , उसके अंदर एक छोटा पान है जो न सिर्फ मेरा जूठा था बल्कि मौसी ने मेरे मुंह में रखकर पूरे तीन घण्टे चुभलावाया था ,

और ऊपर से वो पान खाते भी नहीं थे , पहली बार ,. लेकिन मेरे हाथ का पान , वो भी कोहबर में ,. उनकी हिम्मत नहीं थी मना करते ,. अब रीतू भाभी मैदान में आ गयीं , साथ में मम्मी और बुआ भी , रीतू भाभी ने शुरू की ,

" नन्दोई जी बस अब दो चार रसम बची हैं , कोहबर की , उहो खतम कर दीजिये , . बस सुबह सबेरे बिदायी और हमारी ननद आप के हवाले है न ,

एक खास रसम

अब रीतू भाभी मैदान में आ गयीं , साथ में मम्मी और बुआ भी , रीतू भाभी ने शुरू की ,

" नन्दोई जी बस अब दो चार रसम बची हैं , कोहबर की , उहो खतम कर दीजिये , . बस सुबह सबेरे बिदायी और हमारी ननद आप के हवाले है न , "

इन्होने मुस्करा के सर हिलाया पर मैं जानती थी अपनी रीतू भाभी को ,

कोई बड़ा विस्फोट होने वाला है ,

और उनकी बात खतम होने के पहले ही , बुआ ने नाउन को रवाना होने का हुक्म दे दिया ,

" सुन सिवपूजन बहू , तानी जाय के दुलहा क छुटकी बहिनिया , अरे काव नाम है , हाँ गुड्डी , अरे वही जउन जुतवा छिपाये थी , हाँ , . तानी बोलय लावा ओके , . बोल दिहा एक रसम में ओकर जरूरत हाउ और नेग अच्छा मिली ,. जल्दी "

उनके कुछ समझ में नहीं आया , तो रीतू भाभी ने उन्हें प्यार से धीमे धीमे समझाया ,

' असल में हमारे गाँव में एक बड़ी पुरानी रस्म है , . अब अच्छा बुरा नहीं , बस रस्म है तो हर इस गाँव के दूल्हे को करनी पड़ती है , तभी लड़की मिलती है उसे इस गाँव की ,. "

" अरे तो जीजू करेंगे न , आपने समझा क्या है हमारे जीजू को , दीदी के लिए तो ये कुछ भी , . . अभी देखिये अपनी माँ बहन सब का सच सच हाल सुनाया की नहीं , और वादा भी किया की हमारे घर के सब मर्दों के साथ ,. मैंने तो रिकार्ड भी कर लिया है ,. आप भाभी बोलिये तो "

मेरी एक छोटी बहन अपने जीजू का साथ देती बोली .

" वो तो मुझे मालूम है , इसलिए तो कह रही हूँ , . नन्दोई जी से , तो नन्दोई जी रसम ये है की , दूल्हे को अपनी बहन के साथ , . . सगी तो कोई आपकी है नहीं तो ममेरी ही सही , . और दूसरी शर्त वह बहन कुँवारी हो , कुँवारी का मतलब ये नहीं की शादी नहीं हुयी , इसका मतलब की ,. "

पर रीतू भाभी की लम्बी चौड़ी बातें बुआ जी को नागवार गुजरीं ,

वो साफ़ साफ़ बोलीं ,

" अरे तूँहूँ , अरे साफ़ साफ़ बोल न , कुँवारी मतलब जउन चोदवाये न हो , जेकर बुर फटी न हो , . . वइसन बहिन , . तोहार बाकी बहिन तोह यह टाइम घरातिन क लड़कन मरदन के साथ चोदवाय रही होंगी , बल्कि एक राउंड तो ,.

इहे तोहार ममेरी बहिन बची हैं , तो बस इन्ही कोहबर में , सबके सामने ओके चोदना होगा , बस ओकर बुरिया फाड़ दा , खून खच्चर होय जाए सबके सामने बस ,. "

" खाली खून खच्चर काहें , अरे जीजू आपन गाढ़ी रबड़ी मलाई भी खिलाएंगे उसे सबके सामने , और हम लोग उस साली छिनार की बुर में ऊँगली डाल डाल कर उसकी बुर में से मलाई निकाल के दिखाएंगी , देखिये जीजू ने कोहबर में सब बात मानी है अबतक तो ये भी ,.

आखिर सब के सामने माने हैं की वो , वो एकदम नंबरी बहनचोद है , मादरचोद हैं , .

और उनकी बहने सब नंबरी छिनार , रंडी नंबर वन है , .

तो जीजू बहनचोद , जब इनको बहनचोद होने में सरम नहीं तो बहन चोदने में काहें सरम होगी , .

बुआ बोलाइये उसको , जीजू से उस छिनार को चुदवाने की गारंटी मेरी , . "

ये चंदा थी , मेरी सहेली से ज्यादा बहन और इनकी साली।

तब तक , मम्मी मैदान में आ गयीं अपने दामाद का साथ देने के लिए ,

" तुम सब भी न इनकी सालिया मेरे सीधे सादे दामाद का , अरे ये बहन चोद , मादरचोद अपने से थोड़े हुए ,

ये सब तेरी ननदें , सासें , खुद आ के खोल के खड़ी हो जाती हैं , भइया चोद दो न बहुत मन कर रहा है , तो ये बेचारा चोद देता है ,

अरे कतौं गदहन से , कुत्ता से ,. तो, दामाद जी , असल में ई रस्म अजीब तो है , लेकिन उसका एक मतलब भी है , . .

अब देखो शादी तो हो गयी तो बिदाई होगी ही ,आज नहीं होगी तो तीन साल बाद होगी ,

इनकी सास एक मिनट के लिए रुकीं , फिर अरथा अरथा कर समझाया

लेकिन रस्म का मतलब है कहीं दूल्हे में। . . असल में, कसी कुँवारी बिन चुदी चूत वो चोद सकता है की नहीं , तो सबसे अच्छा टेस्ट है की एक कुँवारी बिन चुदी चूत हम लोग अपने सामने चोदवा के देख लेंगे , तोहार सास , सलहज ,. कउनो परेशानी होई अगर छेद ढूंढने में , सटाने में , तोहार सास सलहज है न मदद कराये देंगी।

तो एक बार बस सबके सामने चोद दोगे उसको न , . तो तोहार भी पक्की प्रैक्टिस हो जाएगी , हम लोगों को भी बिस्वास हो जाएगा , और सबेरे दुल्हिन बिदा कराय के ले जाओ , . "

" और ई मत डरियेगा की कतौं गाभिन हो जाएगी , . बारात क कुल लौंडियन को आते ही पिल दे दिया गया है , अब चाहे जिससे चाहे चोदवाये गाभिन हो ने का खतरा नहीं है "

रीतू भाभी , उनकी सलहज ने उन्हें आश्वस्त किया

लेकिन चंदा उनकी साली ने तुरंत शुद्धि पत्र जारी किया ,

" हाँ भौजी , हमहि तो खिलाये हैं सबों को , लेकिन खाली उन्ही को जेनकर शादी नहीं हुयी , और जीजू के जेतन शादी शुदा बहिन हैं , उनको नहीं , . ठीक नौ महीने बाद जीजू मामा बनेंगे , उनकी ससुरारी क निशानी। :

" और नन्दोई जी ये मत सोचियेगा , की वो छिनरपना करेगी , . तोहार बहिन , बस आने दीजिये , उसका कपडा उतारने की निहुराने की , टाँगे फ़ैलाने की जिम्मेदारी सलहज लोगों की है , और साली सलहज कस के पकड़ के दबोच के रखेंगी , चिचियाने दीजियेगा उसको , बस पकड़ के चोद दीजियेगा , रस्म पूरी। "

उनकी सलहज बोली।

चंदा थी न उनकी साली अपने जीजू का साथ देने वाली , उसने अपने कान इनके होंठों के पास लगाए , थोड़ी देर मुस्कराहट बिखेरी , .

फिर बोली

गुड्डी

चंदा थी न उनकी साली अपने जीजू का साथ देने वाली , उसने अपने कान इनके होंठों के पास लगाए , थोड़ी देर मुस्कराहट बिखेरी , . फिर बोली

" आप लोग न बेकार में मेरे सीधे साधे जीजू के पीछे पड़ी रहती हैं , . बस थोड़ा सा शर्माते हैं वो ,. उन्हें मंजूर है ,

उस स्साली गुड्डी छिनार को हम सबके सामने चोदना , यहीं इसी कोहबर में ,.

और अगर आप सब को मेरी बात पर जीजू की बात पर न बिस्वास हो तो इसे देख लीजिये ,. कैसा जबरदस्त उस स्साली का नाम सुन के फनफना रहा है ,. "

एक पल के लिए चंदा इनकी गोद से उठी ,

सच में तम्बू तना था , एकदम टनाटन ,

लेकिन असली कहानी मैं समझ रही थी , .

आधे घंटे से ऊपर से मेरी सहेली , इनकी साली अपने मोटे मोटे चूतड़ इनके खूंटे पर रगड़ रही थी ,

और बैठने के साथ साथ एडजस्ट करने के चक्कर में उसने खूंटे को चड्ढी के बंधन से आजाद भी करा दिया था , बस

सालियों से ज्यादा इनकी सलहजें देख रही थीं ,

अभी तो थोड़ा सोया थोड़ा जगा तब भी ये हालत , बित्ते भर से कम तो नहीं होगा ,

सबने अपने अपने वाले से कम्पेयर किया और बिना ज्यादा सोचे सबने मन ही मन तय कर लिया ,

उनके वाले से २० नहीं ,. २५ होगा कम से कम ,.

लेकिन चंदा भी , बस मिनट भर के लिए अपनी भाभियों को दरसन कराने के बाद फिर सिंहासन पर ,. और अब वो अपने जिज्जा से मुखातिब हो गयी ,

" जिज्जू , आपको कुछ भी नहीं करना है , कुछ नहीं का मलतब कुच्छ भी नहीं , आखिर आप की साली सलहज सास सब हैं न यहाँ ,.

बस अभी आपकी सलहज , हमार नउनिया भौजी जाके बहला फुसला के ले आएँगी उसको , लौंडिया पटाने में एकदम एक्सपर्ट हैं वो , और एक बार वो यहाँ घुसी अंदर न बस ,

आपकी सास सब हैं न यहाँ , . ये भुन्नासी ताला पांच पसेरी वाला एक बार फिर से बंद , .

बस बिना मेरे जीजू से चुदे , मेरी ननद रानी नहीं जा सकती बाहर ,.

और ये सब छुटकियाँ , आपकी सालियाँ आपका इत्ता रच रच के सिंगार किया ,. बस दबोच लेंगी उसको और पांच मिनट नहीं लगेगा उसके कपडे उतरने में , . आखिर बाकी बहने आपकी अरहर के खेत में , गन्ने के खेत में आम की बाग़ में , सब के तो कपडे उतार के ही गपागप घोंट रही हैं , सबके व्हाट्सऐप भी आ गए हैं मेरे पास , कई का तो तीसरा राउंड चल रहा है , तो यही कौन अलग ,. "

चंदा उन्हें बोलने का कोई मौका नहीं दे रही थी , तब भी बेचारे मौका निकाल के एक बार नहीं बोल गए पर चंदा ने अनसुनी कर दिया और आगे का प्रोग्राम पूरे डिटेल में बताया ,

" फिर आपकी सास सब ऊँगली डाल के चेक करेंगी , कोरी है की नहीं , .

अगर झिल्ली फटी होगी तो अगवाड़े का प्रोग्राम कैंसिल फिर पिछवाड़े का ,.

लेकिन मेरे जासूसों ने सही बताया है अभी वो कोरी है ,

तो बस आपके ससुराल के खेत की सरसों का शुद्ध एक पाव सरसो का तेल उसकी कच्ची कोरी बिल में खूब अच्छी तरह फैला के , . उसका एक एक अंग सलहज साली सब ,.

सिवाय मुंह के , . .

और गाँठ जोड़ने का काम ये साली है न , आपकी सलहज सब उसकी बिल फैलाएंगी , और मैं आपका खूंटा पकड़ के , सटा के घुसवा दूंगी ,

बस एक करारा धक्का मारिएगा , सुपाड़ा पूरा अंदर , हाँ चीखे चिल्लायेगी वो , और इसी लिए तो उसका मुंह नहीं बंद करेंगे हम लोग की पूरे गाँव को घराती बराती सब को मालूम हो जाय की आज हमारे जीजू ने अपनी बहन की फाड़ दी ,

और जीजू , आपकी जिन बहनों की झिल्ली गन्ने अरहर के खेत में फटी है , अमराई में चुदी हैं जो , सब खून खच्चर तो वहां भी हुआ , वो भी खूब रोई धोयी , आपके सालों के हाथ जोड़ रही थी , लेकिन आपके सालों ने सबकी फाड़ी और जम के फाड़ी ,.

सबकी वीडियों है मेरे पास , आपको दिखा दूंगी बाद में , . तो बस गप्पा गप्प , चार पांच धक्के में तो साली की झिल्ली जरूर फट जायेगी मेरी गारंटी ,. “

इनके एक छोटी कच्ची उमर वाली साली के मुंह से निकल गया ,

" बस जीजू काम पूरा "

लेकिन इनकी सलहजें अपनी ननद के पीछे पड़ गयीं ,

" अरे ऐसे , जबतक आधा घंटा हचक के नन्दोई हमार आपन बह्निन न चोदिये , और ,. "

आगे की बात मेरी मौसी ने पूरी की ,

" और कटोरी भर रबड़ी मलाई ओकरी बुरिया में न छोड़िहें ,. "

बेचारे उनकी हालत खराब ,

आखिर आधे घंटे बाद उनकी रगड़ाई करने के बाद ,

दसो बार उनसे कसम खिलवाई उनकी सास सलहज ने की , वो गुड्डी को चोद के रहेंगे , ( इन्ही शब्दों में ) सालियों ने रिकार्डिंग की , उन्हें सुनाया भी फिर से हामी भरवाई , .

लेकिन सबसे बड़ी बात रीतू भाभी और गाँव की सलहजों के सामने दस बार उन्होंने कसम खायी की

अबकी होली में वो ससुराल न सिर्फ आएंगे बल्कि होली के साथ पूरे रंगपंचमी ( हमारे गाँव में , होली के अगले पांच दिन तक रंगपंचमी होती है और होली से भी सौ गुना ज्यादा , . ) भर रहेंगे ,. पहली होली , उनकी ससुराल में होगी ,.

उसके बाद कोहबर की पूजा शुरू हुयी , लेकिन देवी देवता के बाद , रीतू भाभी उनको कोहबर के एक कोने में ले गयीं ,

" नन्दोई जी ये हमारी कुल देवी हैं , इनके आगे झुकना जरूरी है ,

कुल देवी

" नन्दोई जी ये हमारी कुल देवी हैं , इनके आगे झुकना जरूरी है , . "

कपडे से तोपी ढाँकी

मैं मुस्करा रही थी , गांठ बंधी होने के नाते मैं तो उनके साथ , पहली पूजा में तो मैं उनके साथ ही थी ,

लेकिन इस ' कुल देवी ' की पूजा में सब सलहज एक साथ ,

" पहले नन्दोई जी निहुरे "

असल में लड़कियों को एक फायदा ये होता है , घर की , गाँव की सखी सहेलियों के यहां , . हर बार कोहबर में ,. तो एक एक चीज , हर रस्म , हर छेड़खानी के तरीके , दूल्हे की रगड़ाई के नए नए फार्मूले ,. . सब उसे मालूम होते हैं

लेकिन लड़के बिचारे , सिर्फ उनकी अपनी शादी में कोहबर में एंट्री मिलती है , और उसमें भी दर्जनों साली सलहजें , . ढेर सब सास , .

और बस वो सोचता है किसी तरह इस चक्रव्यूह से निकल पाए ,

और अपनी उस ' मिठाई ' को साथ ले के निकल जाए , जिसके लालच में वो सब कुछ करने को तैयार रहता है ,

पर कभी कभी दूल्हे को उसकी बहने और भौजाइयां , .

खास तौर से भौजाइयां , कोहबर के लिए ट्रेन कर के भेजती हैं , .

क्या क्या ख़तरा है , किस बात से सावधान रहते हैं ,

और ये तोपी ढाँकी कुलदेवी से तो सभी भाभियाँ आगाह करती हैं , कभी उसके नीचे से पत्थर की मसाला पीसने वाली सिल निकलती है कभी कुछ ,

और यहाँ , सारी सैंडलें , चप्पलें जूतियां ,. .

सबसे पहले तो मेरी ही ,

फिर इनकी सालियों की , मेरी बहनों , सहेलियों की , सलहजों की , यहाँ तक की रीतू भाभी ने जिद करके इनकी सास की भी ,

उसमें , सैंडल जूता ,चप्पल का पहाड़ , .

और उनकी भाभियों ने सिखा कर भेजा था , तोपी ढंकी देवी से सावधान रहना ,

तो उन्होंने जिद पकड़ ली , पहले खोल कर दिखाइए , . तब मैं पैर छू कर , ' कुल देवी ' . .

पर रीतू भाभी , वो मान गयीं लेकिन उन्होंने एक सवाल उनसे पूछ लिया ,

" अच्छा नन्दोई जी आप हर चीज़ खोल के देखते हैं , मान गयी मैं , एक बात बस बता दीजिये , जब मेरी ननद के सास के पैर छूते हैं तो क्या उनका भी साया साड़ी उठा के देखते हैं , . "

" अरे देखते ही होंगे रोज अपनी मातृभूमि , है न नन्दोई जी "

मेरी बम्बई वाली भाभी चिढ़ाते बोलीं ,

पर गाँव वाली भौजी जो रीतू भाभी से भी आगे थीं , चढ़ गयीं अपने नन्दोई के ऊपर

" अरे तानी साफ साफ़ बोला न , तोहरी माई क भोंसड़ा , झांट वांट हो की चिक्कन मुक्कन हो , . "

लेकिन मम्मी ने रास्ता निकाला बीच का ,

" अच्छा चलो , एक बार निहुर के माथा झुकाये ला , बस ओकरे बाद खोल के देखाय देंगे , . तानी जल्दी करा , देखा बिदायी में बस आधा घंटा बचा है , और टाइम पे बिदाई नहीं हुयी , एक बार शुक्र लग गया न , . . सूरज निकलने के पहले लड़की को निकल जाना है ,. नहीं तो फिर पता नहीं कब ,. "

लेकिन हमारी बुआ , ननद भौजाई का रिश्ता कभी कोई मौका नहीं छोड़ती थीं , इनसे बोलीं ,

" हाँ भइया , एकरे बाद आपन सास क भी गोड़ लाग जाया , वो भी खोल के आपन लाल चिरैया देखाय देंगी , . "

बुआ बोलीं।

फिर एक गाँव की भाभी भी , एक झटके में सास , ननद दोनों की खिंचाई करने का मौका , बुआ की हाँ में हाँ मिलाती बोलीं ,

" एकदम नन्दोई जी , मौका मत चूकियेगा , कोहबर में से निकलने के पहले ,. जहाँ से ये मीठी मिठाई , .

तीन तीन मिठाई निकली हैं , ( मैं और मेरी दो बहने ) वो जगह कितनी मीठी होगी , और खाली देखियेगा मत , ज़रा सीरा चाट लीजियेगा , . "

लेकिन मम्मी मेरी ऐसे हार मानने वाली नहीं , पट्ट से जवाब दिया उन्होंने

" और क्या खाली साली सलहज है मजा लेने के लिए , सास का हक कम थोड़े ही है ,. लेकिन भइआ पहले जल्दी से झुक के ,ओकरे बाद तो ससुराल में सास , सलहज , साली सब का ,. जल्दी करा ,

पिछवाड़ा कोरा

मम्मी के इतना कहने का असर था की वो झुकने वाले ही थे की उन्हें अपनी किसी मायके वाली की सिखाई गयी कोई ट्रिक याद आ गयी , और इतना गरियाने का असर ये हो गया था की अब इनकी जुबान थोड़ी खुलने लगी थी ,

रीतू भाभी जो रस्म करवा रहीं थी , उनसे ये बोले ,

" पहले अपनी ननद को झुकाइये न , . लेडीज फर्स्ट ,. मैं भी उसके बाद इन कुल देवी के पैर छू लूंगा ,. "

पर उनकी सालिया कम नहीं थी , मंझली ( मुझसे छोटी ) बोली ,

" जीजू , हम लोगन के यहाँ बेटियां घर की देवी होती हैं , तो एक देवी कैसे दूसरी देवी के सामने ,. इसलिए यहाँ अभी आपको ही झुकना पडेगा , . और देर करियेगा तो घाटा आपको ही होगा , पूरे तीन साल का इंतजार ,. मम्मी ने बोला ही था ,. "

और वो झुक गए ,

सब लड़कियां औरतें हंसने लगी की रीतू भाभी ने सबको मुंह पर ऊँगली का इशारा करके चुप रहने को कहा ,

अभी आठ आने का खेल तो बचा ही था।

" अरे नन्दोई जी तानी और निहुरा , . हाँ ऐसे , . "

और रीतू भाभी ने उनका सर पकड़ के उस ' कुल देवी ' के सामने पूरी तरह झुका दिया , .

तब तक पीछे से गाँव की एक उनकी सलहज ने आवाज लगाई ,

" अरे पिछवाड़ा और उठावा , घोड़ी बन जा घोड़ी , बचपन में जैसे गांड मरवावत क घोड़ी बनते रहे होंगे न एकदम वैसे ही , . "

उन्होंने पिछवाड़ा और उठा दिया ,

सच में एकदम ,. और मारे हंसी के साली , सलहज , उनकी सास सब , . नाउन क बहु ( गाँव के रिश्ते से उनकी सलहज ही तो लगती थी ) बोल उठी

" लगता है ननदोई बचपन में खूब गाँड़ मरवाये रहें , ,. और अभी भी ऐसे चिकने , कतौं एहह गाँव के लौण्डेबाजों के चक्कर में पड़ गए , . तभी अभी तक आदत गयी नहीं है , . "

" स्साले , गांडू , तभी तो हम लोग मांडव में इन्हे गंडुवा , कह रहे थे "

एक किसी भाभी ने बोला

तो उनकी साली को , छुटकी को थोड़ा अटपटा लगा , पर चंदा ने समझाया ,

" अरे छुटकी भाभी सही तो कह रही हैं , जीजू की सारी बहने , . . हमारे सब भाई लोग अरहर , गन्ने के खेत में उनपर चढ़े होंगे , सब ,. कोई भी बिना चुदे नहीं जाएंगे , . तो जिस गाँव में जीजू की बहने थोक भाव से चुदवा रही हों , एक एक पे तीन तीन , .

और जीजू को न बिस्वास हो तो अपने मायके लौट के अपनी बहनन से पूछ लें , . छिनार लौंड़े क भूखी चाहे जीतनी हो लेकिन बोलती सच हैं , खुदे कबूल देंगी , नाहीं तो सबकी चूँची , गाल पर इनके सालों के दांत क निशान , हफ्ता भर पहले से न जाई ,.

तो जीजू तो आज से इस पूरे गाँव के साले हए न ,.

और गांडू तो जीजू से पूछ लेते हैं न साफ़ साफ़ ,. जीजू साली सलहज से क्या छिपाना , बोलिये न आपने सबसे पहले किस क्लास में गांड मरवाई , बोलिये न ,. कुल देवी के सामने झुके हैं झूठ मत बोलियेगा। "

वो बेचारे क्या बोलते , रीतू भाभी बोलीं ,

" जल्दी बोलिये न वरना मैं चेक कर के देख लुंगी "

उनकी पैंट से बेल्ट तो उनकी सालियों ने गायब कर दी , एक दो बटने भी , और अब एक दो हुक बटन खोल कर , रीतू भाभी ने पैंट के पिछवाड़े दो चार ऊँगली अंदर की ,

" अरे दामाद जी , बता दीजिये न , अगर मरवाया भी होगा तो क्या हुआ ,. "

मम्मी बोलीं ,

पर बुआ ने अपने बहुओं को ललकारा ,

" ई स्साला तो मादरचोद , रंडी का जना , लेकिन तुम सब आधी दर्जन से ऊपर सलहज हो , खोल के ऊँगली डाल के चेक कर लो , अगर ,. "

और मेरी गाँव की भाभी , वही जो रीतू भाभी से आगे थीं और लगती भी उनकी जेठानी थीं , गांव के रिश्ते से , रीतू भाभी को बोला

" देख , जितना टाइम तू दे रही हो न नन्दोई को , . उतनी देर में तो हम पैंट सरका के गांड में ऊँगली डाल के चेक कर लेते , . चलो , तू पैंट सरकाओ मैं आती हूँ , "

रीतू भाभी , जब तक कुछ सोचती नाउन की बहु ने उनकी पैंट के सारे बटन खोल दिए

और वो सरकाना शुरू ही कर रही थी की उन्होंने , कबूल दिया

" नहीं नहीं , . कभी नहीं मरवाया "

सब साली सलहज सास उनकी बात ध्यान से सुन रहे थे , तबतक बुआ ने हड़का लिया ,

" क्या नहीं नहीं बोल रहे हो , साफ़ साफ बोल। वरना ,. "

और नाउन की बहु ने एक बार फिर पैंट सरकाना , और वो जानते थे उनकी सास क्या बात सुनना चाहती हैं उनसे , और उन्होंने बोल दिया ,

" कभी नहीं ,. गाँड़ कभी नहीं मरवाया , सच्ची , जिसकी कसम कहिये उसकी कसम , मेरी गांड , कभी नहीं ,. "

" साफ़ साफ़ बोल न , तो अभी तक पिछवाड़ा कोरा है तेरा "

बुआ ने एकदम साफ़ पूछा और उन्होंने जोर से हाँ बोली।

सब मुस्करा रहे थे लेकिन बिना बोले सुन रहे थे , तब तक मेरी बंबई वाली भाभी बोल पड़ीं ,

" अब नन्दोई जी ये मत कहियेगा की पिछवाड़ा कोरा है तो अगवाड़ा भी कोरा है , अब तक किसी के साथ ,. "

" हाँ , नहीं , मैंने किसी के साथ भी अभी तक किसी के साथ भी नहीं किया , कुछ भी नहीं " वो झुके झुके बोल पड़े।

कोरी की कोरी

" क्या नहीं नहीं बोल रहे हो , साफ़ साफ बोल। वरना ,. "

और नाउन की बहु ने एक बार फिर पैंट सरकाना , और वो जानते थे उनकी सास क्या बात सुनना चाहती हैं उनसे , और उन्होंने बोल दिया ,

" कभी नहीं ,. गाँड़ कभी नहीं मरवाया , सच्ची , जिसकी कसम कहिये उसकी कसम , मेरी गांड , कभी नहीं ,. "

" साफ़ साफ़ बोल न , तो अभी तक पिछवाड़ा कोरा है तेरा "
बुआ ने एकदम साफ़ पूछा और उन्होंने जोर से हाँ बोली।

सब मुस्करा रहे थे लेकिन बिना बोले सुन रहे थे , तब तक मेरी बंबई वाली भाभी बोल पड़ीं ,

" अब नन्दोई जी ये मत कहियेगा की पिछवाड़ा कोरा है तो अगवाड़ा भी कोरा है , अब तक किसी के साथ ,. "

" हाँ , नहीं , मैंने किसी के साथ भी अभी तक किसी के साथ भी नहीं किया , कुछ भी नहीं "

वो झुके झुके बोल पड़े।

उनकी बात पूरी होने के साथ साथ , . मेरी एक सहेली बोल उठी ,

" अरे यार कोमल तुझे जीजू की आगे पीछे दोनों ओर की नथ उतरनी पड़ेगी जीजू की "

पर रीतू भौजी ने उसकी बात काट दी , .

" नहीं नहीं कल इनकी आगे वाली नथ कोमलिया उतारेगी और जब ये होली में ससुराल आएंगे तो इनकी पीछे वाली हम सब सलहज उतारेंगी , ननदोई जी होली में आइयेगा न , पक्का , वरना अभी , घबड़ाइयेगा मत, शुद्ध गाँव का अपने कोल्हू का सरसों का तेल लगा के ,. सटासट , सटासट , . आइयेगा न होली में "

और पहले सब सलहजों ने फिर सालियों ने उनसे तीन तिरबाचा भरवाया ,

की वो इसी होली में जरूर आएंगे और पूरी रंग पंचमी होली में रहेंगे ( हमारे गांव में पांच दिन की होली होती है )

और उन्होंने हाँ कर दिया , उसके बाद नाउन की बहू , रीतू भाभी और दो तीन सलहज और मिल के ' कुल देवी ' की पूजा कराने , .

" ठीक से पूजा करियेगा न तो कुल देवी क बात झूठ नहीं होती , हाँ ऐसे झुक के , मांग ला ,

हे देवी , एंकर कुल बहिनों का यह गाँव का लड़कन क मोट मोट लंड मिले , कुल झांट आवे के पहले से चोदवावे , और बरात में जितना मेहरारू आयल हैं , सब गाभिन होय के जाएँ , नौवें महीना सोहर होय ,. इ मामा बने "

अब हमारी बुआ और मौसी भी आगयी , फिर एक एक कर अपनी समधनों को , इन्हे हर बात पर खाली हाँ हाँ बोलना था , .

" तू मादरचोद हो "

" हाँ '

" तोहार माई बुआ ,मौसी रंडी छिनार हैं। "

" हाँ "

" तोहार माई बुआ मौसी , चाची , तोहरे मौसिया ससुर , फुफिया ससुर , चचिया ससुर , तोहरे गाँव क कुल मर्दन से चौदवहींये न ,. "

" हाँ "

और उसके बाद साली सलहज ने ,.

कोहबर में शादी में लगे टाइम से भी ज्यादा टाइम लगा , पर बिदाई की रस्म टाइम से हो गयी ,

और सूरज निकलने के पहले ही हम आजमगढ़ के लिए चल दिए , .

हाँ एक बात में कोहबर मैं मैंने जोड़ी थी ,

कुल सात बार इनकी साली सलहजों ने इनसे तिरबाचा भरवाया था , कसम धरवाई थी , होली में जरूर आएंगे ,

और कम से कम पांच दिन रहेंगे पूरे रंग पंचमी में ,. इनकी सालियों ने जोड़ कर दिन घडी तक बता दी थी , आज से ९४ दिन बाद ,
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