Episode 78
और उसके बाद कम्मो ने कहा वो एकदम अनुभव का निचोड़ था , वो बोली,.
उभार बस छोटे छोटे उभरने शुरू ही होते हैं , तो लड़के सीटी बजाने, कमेंट करने, रेशमा जवान हो गयी गाने लगते हैं, भले ही घर में वो सहेलियों के साथ सातगोट्टी खेलती हो, घर वाले बच्ची समझते हों, पर गली के लड़के उसे जवान होने का जोबन के आने का अहसान दिला देते हैं, और कपडे बदलते समय, नहाते समय वो अपने उभारों को छू के देखना, सहलाना शुरू कर देती है,.
इसके बाद अगली स्टेज तब आती है जब कुछ दिनों में हाईकॉलेज तक पहुँचते पहुँचते लड़के सीरियस होने लगते हैं, कोई भाभी, बड़ी बहन पहली ब्रा खरीद देती है, कभी कोई पड़ोसन दुप्पटा ठीक से लेने के लिए टोंक देती है, .
लड़के फिर कॉलेज के सामने खड़े होना, कॉलेज तक आना जाना, और पटाने के लिए,.
" गुड्डी अभी तक जिस हालत में है " मैंने उदाहरण पेश किया।
"एकदम, अपनी क्लास की सबसे जबरदस्त माल है, तो भौंरे भी सबसे ज्यादा, लेकिन अगर उसे देना नहीं शुरू किया तो लड़के कुछ दिन में हिम्मत हार के दूसरी लड़की पर चक्कर काटना शुरू कर देंगे, लेकिन जैसे ही वो एक के सामने भी टांग फैला देगी, बस बाकी भी, लड़कों को लगेगा थोड़ी सी मेहनत करने पर दे देगी, तो और. फिर कुछ और को अगर उसने दे दिया तो , फिर और , भौरों की लाइन लगी रहती है , लेकिन जानती हो कुछ दिन बाद साल दो साल बाद एक अलग परेशानी शुरू होती है,. "
कम्मो बहुत सीरियसली बोली
ये बात मेरी समझ में नहीं आयी और मैंने पूछ लिया, और कम्मो ने जो जवाब दिया वो एकदम सही था. दो चार बार चढ़ने के बाद लड़कों को लगता है ये एकदम रूटीन है , आसानी से मिल जा रही है तो उनका इंट्रेस्ट कम होने लगता है, एकदम जैसे पति पत्नी के रिश्तों से दो चार साल के बाद सेक्स कम होने लगता है,.
और इधर उधर, जो काल गर्ल में मसाज पार्लर में वो सेक्स से ज्यादा रिलेशनशिप के लिए , अपने को इम्पोरटेंट फील करने के लिए , जो रोमांस उनके अपने संबंध में नहीं मिलता उसे पाने के लिए.
और उस में भी अगर कोई लड़की काम कला में निपुण है , जो सेक्स को मैकेनिकली नहीं ट्रीट करती , की बस एक काम करना है , एक बॉक्स टिक कर दिया और उसके इरोजीनस जोन्स को उत्तेजित कर के हर बार नया मजा देता है , तो लड़का उसके पीछे पीछे चक्कर काटेगा, तो वो सारी ट्रिक चमेली गुड्डी को सीखा सकती है ,
मजे देने के भी मजे लेने के भी और लौंडो को पहचानने के भी कौन ६ + है , किसके आगे टाँगे फैलानी है, किसे सिर्फ चुम्मा चाटी में टिका देना है।
बात कम्मो की एकदम सही थी, और तीनो बाते कम्मो ने एकदम सही बतायी थी लेकिन जो अगली बात उसने बतायी मैं सोच भी नहीं सकती थी।
चमेली
" गुड्डी अभी तक जिस हालत में है " मैंने उदाहरण पेश किया।
"एकदम, अपनी क्लास की सबसे जबरदस्त माल है, तो भौंरे भी सबसे ज्यादा, लेकिन अगर उसे देना नहीं शुरू किया तो लड़के कुछ दिन में हिम्मत हार के दूसरी लड़की पर चक्कर काटना शुरू कर देंगे, लेकिन जैसे ही वो एक के सामने भी टांग फैला देगी, बस बाकी भी, लड़कों को लगेगा थोड़ी सी मेहनत करने पर दे देगी, तो और. फिर कुछ और को अगर उसने दे दिया तो , फिर और , भौरों की लाइन लगी रहती है , लेकिन जानती हो कुछ दिन बाद साल दो साल बाद एक अलग परेशानी शुरू होती है,. "
कम्मो बोली
ये बात मेरी समझ में नहीं आयी और मैंने पूछ लिया,
और कम्मो ने जो जवाब दिया वो एकदम सही था.
दो चार बार चढ़ने के बाद लड़कों को लगता है ये एकदम रूटीन है , आसानी से मिल जा रही है तो उनका इंट्रेस्ट कम होने लगता है, एकदम जैसे पति पत्नी के रिश्तों से दो चार साल के बाद सेक्स कम होने लगता है,. और इधर उधर, जो काल गर्ल में मसाज पार्लर में वो सेक्स से ज्यादा रिलेशनशिप के लिए , अपने को इम्पोरटेंट फील करने के लिए , जो रोमांस उनके अपने संबंध में नहीं मिलता उसे पाने के लिए.
और उस में भी अगर कोई लड़की काम कला में निपुण है , जो सेक्स को मैकेनिकली नहीं ट्रीट करती , की बस एक काम करना है , एक बॉक्स टिक कर दिया और उसके इरोजीनस जोन्स को उत्तेजित कर के हर बार नया मजा देता है , तो लड़का उसके पीछे पीछे चक्कर काटेगा,
तो वो सारी ट्रिक चमेली गुड्डी को सीखा सकती है ,
मजे देने के भी मजे लेने के भी
और लौंडो को पहचानने के भी कौन ६ + है , किसके आगे टाँगे फैलानी है, किसे सिर्फ चुम्मा चाटी में टिका देना है।
बात कम्मो की एकदम सही थी, और तीनो बाते कम्मो ने एकदम सही बतायी थी लेकिन जो अगली बात उसने बतायी मैं सोच भी नहीं सकती थी।
एक्सपैंशन प्लान, जबरदस्त,
चांदनी पार्लर में जो महिलाएं आती थी उसमें से एक, जैसे उनका नाम बताया मैं चौंक पड़ी, वो भी.
उमर में मेरी सास के बराबर होंगी एक दो साल ऊपर नीचे।
खूब गोरी, तन्वंगी नहीं, लेकिन स्थूल भी नहीं, भरी भरी देह, शहर के सबसे बड़े बिजनेस परिवार की मालकिन, बिजनेस पूरे स्टेट में फैला था और यहाँ पर भी, रियल एस्टेट , बड़ी कंपनियों की डिस्ट्रीब्यूटरशिप, गर्वमेंट कॉन्ट्रेक्ट, नौकर चाकर काम देखते थे, और मेरी सास उनके बारे में काफी रंगीन कहानियां भी सुनाती थीं, एक दो नौकरानियां उनकी खास मुंहलगी थी उनसे बिना मालिश करवाए, उन्हें नींद नहीं आती थी। .
लेकिन अब वो चमेली और चांदनी पार्लर की मुरीद हो गयी थीं , हर तीसरे चौथे,
तो उन्ही का एक बड़ा सा मॉल बन रहा था, जहाँ हम लोगों का घर था उसी के पास,. तो उसी मॉल में, नाम वाम तो चमेली का रहेगा, कोई लिमिटेड वाली कम्पनी, लेकिन फायेनिंसग सब उन्ही की, सायलेंट पार्टनर,. और सबसे एक अलग बात थी कम्मो ने बोला सपा. मैंने हंस के सही किया स्पा, . वो तो, लेकिन कम्मो फिर चालू हो गयी क्या कहते हैं किसी की फरंचाईजी भी, . लेकिन एक ख़ास बात ये भी की चलेगी उसमे चमेली की ही , स्टाफ , रेट बाकी सब कुछ वही तय करेगी, . हाँ जब प्रॉफिट शुरू होगा तो पहले साल चवन्नी का प्रॉफिट चमेली को और अगले साल से अठन्नी का,.
मैं कम्मो का मतलब समझ रही थी अभी नहीं तो दो चार साल में चमेली का रसूख, .
और अगर हमारी ननद इस तरह खुल के खेलेंगी तो उन्हें भी तो कोई साथ , किसी मक्खी को दूध से निकाल रही हों और वो निकलने को नहीं तैयार हो, कोई एम् एम् एस वाला आ जाए , और यह सब मसले तो घर में बताये नहीं जा सकते , . . तो उसकी दोस्ती वहां भी बहुत हेल्प करेगी।
मान गयी मैं कम्मो के इस चमेली वाले प्लान को भी, एकदम लांग टर्म सही सोच , लेकिन एक बात अभी भी मुझे साल रही थी,
चमेली को पिक्चर में लाएंगे कैसे
और कम्मो के पास उस सवाल का जवाब भी था, बिना देखे और चखे, चमेली हम लोगों के पास नहीं आने वाली थी, और बिना उसके आये न तो ननद रानी अपनी गली मोहल्ले में मशहूर होतीं, न टाँगे फैलाने के लिए उन्हें कोई पक्का अड्ड़ा मिलता और सिखा पढ़ा के चमेली उसे और पक्का करती वो अलग,
कम्मो और चमेली
चमेली को पिक्चर में लाएंगे कैसे
और कम्मो के पास उस सवाल का जवाब भी था, बिना देखे और चखे, चमेली हम लोगों के पास नहीं आने वाली थी, और बिना उसके आये न तो ननद रानी अपनी गली मोहल्ले में मशहूर होतीं, न टाँगे फैलाने के लिए उन्हें कोई पक्का अड्ड़ा मिलता और सिखा पढ़ा के चमेली उसे और पक्का करती वो अलग,
कम्मो और चमेली की दोस्ती तो पक्की थी , फिर जब सब लोग चले जाएंगे और सिर्फ कम्मो रह जायेगी तो और मौज मस्ती, फिर मेरी छुटकी ननदिया को देख देख के चमेली के भी तो मुंह में न जाने कब से पानी आता था तो बस, अगले ही हफ्ते, जब फिफ्टी फिफ्टी ( ज्योति -नीतू ) और उस के यारों के साथ खुल के दिन रात कबड्डी होने लगेगी, .
गुड्डी रानी के अपने भौंरे भी, तो बस उसी में, जा दो दो लौंडे एक साथ चढ़े रहेंगे या उसके बाद, .
ननद रानी की दोनों बिल अगवाड़े पिछवाड़े, छोटी छोटी चूँचियों पर, गोरे चम्पई गालों पर, मरदों क मलाई फैली रहेंगी
तो उसी समय कम्मो चमेली, दोनों ,. फिर दोनों बहुत प्यार दुलार से, चिढ़ाए , पुचकार के, . चुम्मा चाटी नहाना धोना, चमेली अपने हाथों से रगड़ रगड़ के मुल्तानी मिटटी से, तेल फुलेल, और फिर कम्मो उसे सिर्फ चमेली के हवाले कर के, नीचे खाना लगाने,. और एक बार चमेली का हाथ पड़ जाये तो लड़का हो या लड़की उसे पिघलते देर नहीं लगती।चूत और गाँड़ दोनों चटवाने में तो जबरदस्त है, चटवायेगी , चुसवायेगी और सिखाएगी भी ननदिया को
फिर चमेली और कम्मो के साथ प्लानिंग, चमेली खुद ऑफर देगी हर दूसरे तीसरे दिन उसके यहाँ की लड़की कोई आके मालिश कर देगी , एकदम अंदर तक ,कित्ते भी मरद चढ़े होंगे , सारी थकान जायेगी। और जो मालिश करने आएँगी वो भी चूसम चुस्सव्वल खेलेंगी.
और एक बार मालिश हो गयी तो फिर तो, उसके बाद दो चार लौंडे एक साथ, और वो स्साले क्या चढ़ेंगे उसके ऊपर, वो खुद उन्हें चोद देगी।
पर वो लड़कियाँ कोई ऐसी वैसी नहीं थीं, उन्हें लड़कियों के देह का भूगोल, रसायन शास्त्र और एक एक इंच के बारे में मालूम था, खेली खायी अधेड़ औरतों का पानी वो मिनटों में निकाल देती थीं, गुड्डी रानी तो एकदम नयी बछेड़ी थीं.
कन्या रस में एकदम पारायण, एरोटिक मसाज , तांत्रिक मसाज और साथ में चांदनी पार्लर के ख़ास तेल फुलेल,
चमेली ने मेरी ननद को साफ़ साफ़ समझाया था असली जादू जोबन का है जल्द से जल्द ३२ सी से ३४ सी फिर डी, कुछ काम तो लौंडे कर देंगे मल मल के, मीज मीज के, लेकिन असली चीज है उन्हें टनाटन रखना, एकदम खड़े, उलटे दूध के कटोरे,
और उसके लिए सही मालिश, क्रीम एक्सरसाइज और फिर साथ में खूब पतली कमर जिससे जोबन और उभर के दिखें, १० इंच का न हो तो आठ इंच का अंतर् तो होना ही चाहिए, और साथ में चौड़े चूतड़, लेकिन एकदम फर्म लौंडा मार्का,.
लेकिन उन लड़कियों का काम सिर्फ मालिश करना, थकान मिटाना ही नहीं था, उन्हें पक्की दोस्ती भी कर लेनी थी, देह के रस्ते मन मन में उतर जाना था, और वो सब गुड्डी की समौरिया ही समझिये, दो तीन साल ज्यादा से ज्यादा बड़ी, और साथ ही उसे कन्या रस के गुर भी सिखाना, मजे लेना से ज्यादा मजे देना, और दो तीन दिन में चमेली भी, अपनी लड़कियों का सिखाया जांचने परखने के लिए,. और उस जवान होती कन्या की देह का भरपूर रस लेने के लिए,
तबतक मेरी निगाह घड़ी पर गयी, टी टाइम ,
नीचे से जेठानी जी की गुहार आती ही होगी,.
पावर प्वाइंट की आखिरी स्लाइड की तरह मैंने झट से रिकैप किया, कल सुबह निकलने के पहले मेरी और कम्मो की ये आखिरी स्ट्रेटिजिक सेशन थी, हम दोनों की ननदिया के लिए,
रिकैप
तबतक मेरी निगाह घड़ी पर गयी, टी टाइम ,
नीचे से जेठानी जी की गुहार आती ही होगी,.
पावर प्वाइंट की आखिरी स्लाइड की तरह मैंने झट से रिकैप किया, कल सुबह निकलने के पहले मेरी और कम्मो की ये आखिरी स्ट्रेटिजिक सेशन थी, हम दोनों की ननदिया के लिए,
होली की रात, सात साढ़े सात बजे, दिन भर सहेलियों के साथ होली खेल कर मस्ती से भरी,.
सासू जी और जेठानी जी के जाने के पहले वो आजायेगी और उसके आने के बाद आधे पौन घंटे के अंदर ये लोग स्टेशन के लिए निकल देंगे २१ दिन के लिए, मैंने बोला,
और उनके जाने के बाद खुली छत पर पूनो की चाँद में नहायी उस चम्पई देह के साथ, सिर्फ देह की होली, भौजाई और किशोरी ननद की देह,. तीन बार एकदम पागल करके, उसके बिना झड़े, दूज की चाँद सी गुलाबी कसी चूत
और बिन फटी गाँड़ में उस अघोड़ी वाली भस्म, चुटकी भर नहीं, भरपूर,. थोड़ा सा उसके जोबन पर, वैसे ही प्यासी सुला दूंगी,.
( बताया तो था कम्मो ने उस भस्म का असर, पूनो की रात, खुले चाँद के नीचे,
किसी बिनब्याही लड़की के अगवाड़े पिछवाड़े चुटकी भर डालदेने से वो जबदस्त चुदवासी, दो चार घण्टे में ही उस का असर और फायदे भी बहुत थी, कित्ती भी चूत चुदे, गाँड़ मारी जाए, एकदम कुँवारी की तरह लगेगी, वैसी ही टाइट, कोई रोग दोष नहीं, बिना कंडोम के भी हर तरह की रक्षा, और हाँ अगर पांच दिन तक लगातार वो भस्म अगवाड़े पिछवाड़े लगे , और उसके बाद २४ घंटे के अंदर अगवाड़े पिछवाड़े मलाई भर जाये तो फिर तो ये असर परमानेंट, वो खुद लौंड़े ढूंढेगी, . और जितने लौंड़े खायेगी उतना ही उसकी चूत की भूख बढ़ेगी )
कम्मो बोली,
मेरे सामने बार बार उस पठान लौंडे की तस्वीर घूम रही थी, बी ए में पढ़ने वाला क्या बॉडी है क्या जबरदस्त औजार,
और नाश्ते में जावेद, गुड्डी रानी का पिछवाड़ा फटेगा सुबह सबेरे, मैंने जोड़ा
फिर दोनों पठान , मेरे गाँव के , पिछवाड़ा जबरदस्त फटेगा ननद रानी का,
और ट्रिपलिंग अलग दिन भर, . पूरे दिन का, सोमवार का प्रोग्राम कम्मो ने बता दिया ,
और अगले दिन उसी हालत में ननद रानी कॉलेज जाएंगी, उसकी सब सहेलियों को पता चल जाएगा , होली की छुट्टी में शटर आगे पीछे दोनों साइड का खुल गया है , बिना ब्रा के टाइट टॉप में,
और शाम को वो उसका भौंरा आएगा, पहली बार अपने यार के सामने टांग फैलाएंगी ननद रानी,. मैंने कॉलेज खुलने वाले दिन का खाका खींच दिया ,
और अगले तीन चार दिन में उसके दो तीन भौंरे चढ़ेंगे उसके ऊपर और आठ दस हमारे तेरे भाई ,.
कम्मो ने पूरे हफ्ते का खाका खींच दिया, कुल तीन हफ्ते का प्रोग्राम था, . और मैंने भी एक बार फिर नोट कर लिया घर पहुँचते ही मुझे किस पुरवा की किन भौजाई से , किस काम वाली से अपनी ननद के लिए यारों का इंतजाम करना है , .
फिर ज्योति और नीतू दोनों फिफ्टी फिफ्टी ,
वीकेंड में और पिकनिक घर में ही, उसके कॉलेज की उसकी क्लास की सब छंटी छिनारऔर उनके सामने ही, , क्या कहते हैं गैंग बैंग ,
तो फिर दूसरे हफ्ते में अपने कॉलेज में तो मशहूर हो ही जायेगी , और उसी हफ्ते में चमेली का भी चक्कर, गली मोहल्ले में भी पता चल जाएगा दूकान न सिर्फ खुल गयी है बल्कि दिन दूनी रात चौगुनी चल रही है,. दूसरे हफ्ते का पूरा प्रोग्राम कम्मो ने बता दिया,
लेकिन तभी नीचे से जेठानी की आवाज आयी, चाय और हम दोनों नीचे। पैकिंग तो कब की पूरी हो गयी थी.
कम्मो पीछे अपनी कुठरिया में और मैं जेठानी जी चाय के साथ हम दोनों की सास को छेड़ रहे थे, २१ दिन की टूर में क्या प्रोग्राम रहेगा उनका।
प्लानिंग भी पूरी तैयारी, तैयारी भी पूरी
फिर दोनों पठान , मेरे गाँव के , पिछवाड़ा जबरदस्त फटेगा ननद रानी का,
और ट्रिपलिंग अलग दिन भर, . पूरे दिन का सोमवार का प्रोग्राम कम्मो ने बता दिया ,
और अगले दिन उसी हालत में ननद रानी कॉलेज जाएंगी, उसकी सब सहेलियों को पता चल जाएगा , होली की छुट्टी में शटर आगे पीछे दोनों साइड का खुल गया है , बिना ब्रा के टाइट टॉप में, और शाम को वो उसका भौंरा आएगा, पहली बार अपने यार के सामने टांग फैलाएंगी ननद रानी,. मैंने कॉलेज खुलने वाले दिन का खाका खींच दिया ,
और अगले तीन चार दिन में उसके दो तीन भौंरे चढ़ेंगे उसके ऊपर और आठ दस हमारे तेरे भाई ,. कम्मो ने पूरे हफ्ते का खाका खींच दिया,
और मैंने अपना काम भी सोच लिया था, कल सुबह मैं पहुँच ही जाउंगी, तो पहुंचते ही पहला काम, गाँव जवार के सबसे तगड़े लौंडे, अहिराना से कम से कम दो, और मैंने मन ही मन जोड़ना शुरू कर दिया था, . . मेरा कोई सगा भाई तो था नहीं तो गाँव के रिश्ते से जो भाई लगते, अरे भौजाई कौन जो ननद पर अपने भाई न चढ़ाये, सात आठ तो कम से कम, और ज्यादा हो जाएंगे तो सोने में सुहागा, अरे अब सड़क अच्छी हो गयी है, ढाई घंटे में बनारस से सीधे यहां सुबह की बस से आके, रात में वापस, . .
होली वाली रात तो ननद रानी आएँगी ही, सोमवार के लिए जावेद और उन दो पठानों को बुलौवा दे ही रखा है, मंगल को उसका कॉलेज खुलेगा,
तो बुध से मेरा इंतजाम रोज दो तीन,. नउनिया की बहू को सबसे ज्यादा अंदाज है गाँव में , आसपास की पट्टी में सबसे चोदू लौंडे कौन हैं , कल पहुँचते ही ननद का बयाना दे दूंगी ,. और फिर मेरी गाँव की सहेलियां भी तो हैं उन सबको तो आज ही फोन लगाती हूँ,. और ननद रानी की जो हॉट हॉट फोटुएं हैं , एक दो टॉपलेस वाली भी, अरे मेरी और कम्मो ऐसी भाभी के रहते, ननद को यारों की कमी पड़े, .
कुल तीन हफ्ते का प्रोग्राम था, .
और मैंने भी एक बार फिर नोट कर लिया घर पहुँचते ही मुझे किस पुरवा की किन भौजाई से , किस काम वाली से अपनी ननद के लिए यारों का इंतजाम करना है , .
फिर ज्योति और नीतू दोनों फिफ्टी फिफ्टी , वीकेंड में और पिकनिक घर में ही, उसके कॉलेज की उसकी क्लास की सब छंटी छिनार क्या कहते हैं गैंग बैंग , तो फिर दूसरे हफ्ते में अपने कॉलेज में तो मशहूर हो ही जायेगी , और उसी हफ्ते में चमेली का भी चक्कर, गली मोहल्ले में भी पता चल जाएगा दूकान न सिर्फ खुल गयी है बल्कि दिन दूनी रात चौगुनी चल रही है,. दूसरे हफ्ते का पूरा प्रोग्राम कम्मो ने बता दिया,
लेकिन तभी नीचे से जेठानी की आवाज आयी, चाय और हम दोनों नीचे। पैकिंग तो कब की पूरी हो गयी थी.
कम्मो पीछे अपनी कुठरिया में और मैं जेठानी जी चाय के साथ हम दोनों की सास को छेड़ रहे थे, २१ दिन की टूर में क्या प्रोग्राम रहेगा उनका।
लेकिन दो फ़ोन बजे, पहला सी सी टीवी वाले का था, वो आधे घंटे बाद आने वाला था, लेकिन उसके पहले घर की कुछ डिटेल चाहिए थी, कितने कमरे कितनी खिड़कियां, वो सब मैंने दे दी.
दूसरा फोन ननद के भैया का था, उन्होंने गलती कर दी अपनी छोटी साली से बात कर के
और उसने उनको चार काम और पकड़ा दिए, वो अब डेढ़ घंटे बाद आने वाले थे,
सी सी टीवी वाला काम बहुत जरूरी था, मेरी सास के लिए भी और मेरे लिए भी.
मेरी सास बहुत घबड़ा रही थीं कैसे घर अकेले २१ दिन के लिए छोड़ के जाउंगी तो उस के दो रास्ते निकाले मैंने , एक तो मेरी ननद और कम्मो दोनों २१ दिन इसी घर में रहेंगी, ननद का कॉलेज पास में ही है , वो यही से चली जायेगी।
लेकिन उनका डर दूर हुआ जब मैंने फुल फ्लेज्ड सिक्योरिटी वाला प्लान उन्हें बताया, सी सी टीवी, प्रेशर पैड्स अलार्म जो सीधे सिक्योरटी वाले के यहाँ भी बजेगा और हम लोगों के फोन पर भी, लेकिन उनकी हिम्मत तब जागी, जब मैंने उन्हें बताया की मैं अपने मोबाइल से सारे दरवाजे खिड़कियां चेक करती रहूंगी, मेन डोर के साथ साथ सारे दरवाजे, खिड़कियां भी,. उन्हें अपने लड़के से ज्यादा मुझ पर विश्वास था, . और उनका लड़का वैसे ही अपनी साली सलहज के चक्कर में फंसा रहता,
असल में इन लोगों के २१ दिन के दक्षिण भ्रमण का पूरा फायदा मुझे और मेरी ननद रानी को, उनके पक्की छंटी छिनार बनने की योजना का इस सिक्योरिटी अलार्म से ही जुड़ा था,
उस गौरैया को अकेले २१ दिन इस घर में बहेलिया के साथ रखना,.
और ये काम, उसी ने किया जिसके बिना हो ही नहीं सकता था,
जी मेरी सास ने , उनकी बात इस घर के साथ मेरी छुटकी ननदिया के घर में भी कोई टालता नहीं था. बस मैंने सिर्फ यह कहा था की वैसे तो कम्मो है , लेकिन अलार्म का सब काम धाम अंग्रेजी में रहता है , दो तीन दिन में एकाध बार पासवर्ड बदलना होता है, और वो भी सब अंग्रेजी में , फिर लैपटॉप पे मेसेज,. और आगे का काम जेठानी जी ने आटोमेटिकली कर दिया , उन्हें भी तो जेठ जी के साथ नॉन स्टॉप कबड्डी खेलनी थी २१ दिन तक, उन्होंने ही कहा गुड्डी को बोल देते हैं न उस का कॉलेज पास में ही है, रह लेगी , और फिर कौन अकेले रहेगी, कम्मो तो है ही न , बस उन्होंने फोन लगाने का काम किया और सासू जी ने गुड्डी के घर फोन लगाया बस, ग्रीन सिग्नल,.
और सिक्योरिटी कैमरे वाले काम तो मुझे अपने सामने ही कराने थे , एक तो मेरी सास जी को बिस्वास हो जाता, और दूसरे मैंने जो फोन करके स्पेशल हाई फिडेलिटी औडियो वाले कैमरे साउंड के साथ अपने कमरे में फिट कराने थे, .
और अरे मेरी एकलौती छुटकी ननदिया की गाँड़ फटे, वो चीखे चिल्लाये, और वो मधुर म्यूजिक मुझे सुनाई न दे, मुझे तो लाइव टेलीकास्ट देखना था , क्लोज अप के साथ, और जैसे स्टम्प कैमरा होता है क्रिकेट मैच में खिलाड़ियों की माँ बहन सब सुनाई देती है, एकदम उसी तरह से माइक और कैमरे,. ननद रानी का गैंग बैंग भी,.
तो वो सब अरेंजमेंट भी मुझे आज ही कराना था अपने सामने , कबड्डी का स्थल तो मेरा कमरा ही रहता, वैसे भी नीचे के सब कमरे सब बंद लाक रहने थे , सिवाय किचेन, टायलेट के,
प्लानिंग भी पूरी तैयारी, तैयारी भी पूरी
फिर दोनों पठान , मेरे गाँव के , पिछवाड़ा जबरदस्त फटेगा ननद रानी का,
और ट्रिपलिंग अलग दिन भर, . पूरे दिन का सोमवार का प्रोग्राम कम्मो ने बता दिया ,
और अगले दिन उसी हालत में ननद रानी कॉलेज जाएंगी, उसकी सब सहेलियों को पता चल जाएगा , होली की छुट्टी में शटर आगे पीछे दोनों साइड का खुल गया है , बिना ब्रा के टाइट टॉप में, और शाम को वो उसका भौंरा आएगा, पहली बार अपने यार के सामने टांग फैलाएंगी ननद रानी,. मैंने कॉलेज खुलने वाले दिन का खाका खींच दिया ,
और अगले तीन चार दिन में उसके दो तीन भौंरे चढ़ेंगे उसके ऊपर और आठ दस हमारे तेरे भाई ,. कम्मो ने पूरे हफ्ते का खाका खींच दिया,
और मैंने अपना काम भी सोच लिया था, कल सुबह मैं पहुँच ही जाउंगी, तो पहुंचते ही पहला काम, गाँव जवार के सबसे तगड़े लौंडे, अहिराना से कम से कम दो, और मैंने मन ही मन जोड़ना शुरू कर दिया था, . . मेरा कोई सगा भाई तो था नहीं तो गाँव के रिश्ते से जो भाई लगते, अरे भौजाई कौन जो ननद पर अपने भाई न चढ़ाये, सात आठ तो कम से कम, और ज्यादा हो जाएंगे तो सोने में सुहागा, अरे अब सड़क अच्छी हो गयी है, ढाई घंटे में बनारस से सीधे यहां सुबह की बस से आके, रात में वापस, . .
होली वाली रात तो ननद रानी आएँगी ही, सोमवार के लिए जावेद और उन दो पठानों को बुलौवा दे ही रखा है, मंगल को उसका कॉलेज खुलेगा,
तो बुध से मेरा इंतजाम रोज दो तीन,. नउनिया की बहू को सबसे ज्यादा अंदाज है गाँव में , आसपास की पट्टी में सबसे चोदू लौंडे कौन हैं , कल पहुँचते ही ननद का बयाना दे दूंगी ,. और फिर मेरी गाँव की सहेलियां भी तो हैं उन सबको तो आज ही फोन लगाती हूँ,. और ननद रानी की जो हॉट हॉट फोटुएं हैं , एक दो टॉपलेस वाली भी, अरे मेरी और कम्मो ऐसी भाभी के रहते, ननद को यारों की कमी पड़े, .
कुल तीन हफ्ते का प्रोग्राम था, .
और मैंने भी एक बार फिर नोट कर लिया घर पहुँचते ही मुझे किस पुरवा की किन भौजाई से , किस काम वाली से अपनी ननद के लिए यारों का इंतजाम करना है , .
फिर ज्योति और नीतू दोनों फिफ्टी फिफ्टी , वीकेंड में और पिकनिक घर में ही, उसके कॉलेज की उसकी क्लास की सब छंटी छिनार क्या कहते हैं गैंग बैंग , तो फिर दूसरे हफ्ते में अपने कॉलेज में तो मशहूर हो ही जायेगी , और उसी हफ्ते में चमेली का भी चक्कर, गली मोहल्ले में भी पता चल जाएगा दूकान न सिर्फ खुल गयी है बल्कि दिन दूनी रात चौगुनी चल रही है,. दूसरे हफ्ते का पूरा प्रोग्राम कम्मो ने बता दिया,
लेकिन तभी नीचे से जेठानी की आवाज आयी, चाय और हम दोनों नीचे। पैकिंग तो कब की पूरी हो गयी थी.
कम्मो पीछे अपनी कुठरिया में और मैं जेठानी जी चाय के साथ हम दोनों की सास को छेड़ रहे थे, २१ दिन की टूर में क्या प्रोग्राम रहेगा उनका।
लेकिन दो फ़ोन बजे, पहला सी सी टीवी वाले का था, वो आधे घंटे बाद आने वाला था, लेकिन उसके पहले घर की कुछ डिटेल चाहिए थी, कितने कमरे कितनी खिड़कियां, वो सब मैंने दे दी.
दूसरा फोन ननद के भैया का था, उन्होंने गलती कर दी अपनी छोटी साली से बात कर के
और उसने उनको चार काम और पकड़ा दिए, वो अब डेढ़ घंटे बाद आने वाले थे,
सी सी टीवी वाला काम बहुत जरूरी था, मेरी सास के लिए भी और मेरे लिए भी.
मेरी सास बहुत घबड़ा रही थीं कैसे घर अकेले २१ दिन के लिए छोड़ के जाउंगी तो उस के दो रास्ते निकाले मैंने , एक तो मेरी ननद और कम्मो दोनों २१ दिन इसी घर में रहेंगी, ननद का कॉलेज पास में ही है , वो यही से चली जायेगी।
लेकिन उनका डर दूर हुआ जब मैंने फुल फ्लेज्ड सिक्योरिटी वाला प्लान उन्हें बताया, सी सी टीवी, प्रेशर पैड्स अलार्म जो सीधे सिक्योरटी वाले के यहाँ भी बजेगा और हम लोगों के फोन पर भी, लेकिन उनकी हिम्मत तब जागी, जब मैंने उन्हें बताया की मैं अपने मोबाइल से सारे दरवाजे खिड़कियां चेक करती रहूंगी, मेन डोर के साथ साथ सारे दरवाजे, खिड़कियां भी,. उन्हें अपने लड़के से ज्यादा मुझ पर विश्वास था, . और उनका लड़का वैसे ही अपनी साली सलहज के चक्कर में फंसा रहता,
असल में इन लोगों के २१ दिन के दक्षिण भ्रमण का पूरा फायदा मुझे और मेरी ननद रानी को, उनके पक्की छंटी छिनार बनने की योजना का इस सिक्योरिटी अलार्म से ही जुड़ा था,
उस गौरैया को अकेले २१ दिन इस घर में बहेलिया के साथ रखना,.
और ये काम, उसी ने किया जिसके बिना हो ही नहीं सकता था,
जी मेरी सास ने , उनकी बात इस घर के साथ मेरी छुटकी ननदिया के घर में भी कोई टालता नहीं था. बस मैंने सिर्फ यह कहा था की वैसे तो कम्मो है , लेकिन अलार्म का सब काम धाम अंग्रेजी में रहता है , दो तीन दिन में एकाध बार पासवर्ड बदलना होता है, और वो भी सब अंग्रेजी में , फिर लैपटॉप पे मेसेज,. और आगे का काम जेठानी जी ने आटोमेटिकली कर दिया , उन्हें भी तो जेठ जी के साथ नॉन स्टॉप कबड्डी खेलनी थी २१ दिन तक, उन्होंने ही कहा गुड्डी को बोल देते हैं न उस का कॉलेज पास में ही है, रह लेगी , और फिर कौन अकेले रहेगी, कम्मो तो है ही न , बस उन्होंने फोन लगाने का काम किया और सासू जी ने गुड्डी के घर फोन लगाया बस, ग्रीन सिग्नल,.
और सिक्योरिटी कैमरे वाले काम तो मुझे अपने सामने ही कराने थे , एक तो मेरी सास जी को बिस्वास हो जाता, और दूसरे मैंने जो फोन करके स्पेशल हाई फिडेलिटी औडियो वाले कैमरे साउंड के साथ अपने कमरे में फिट कराने थे, .
और अरे मेरी एकलौती छुटकी ननदिया की गाँड़ फटे, वो चीखे चिल्लाये, और वो मधुर म्यूजिक मुझे सुनाई न दे, मुझे तो लाइव टेलीकास्ट देखना था , क्लोज अप के साथ, और जैसे स्टम्प कैमरा होता है क्रिकेट मैच में खिलाड़ियों की माँ बहन सब सुनाई देती है, एकदम उसी तरह से माइक और कैमरे,. ननद रानी का गैंग बैंग भी,.
तो वो सब अरेंजमेंट भी मुझे आज ही कराना था अपने सामने , कबड्डी का स्थल तो मेरा कमरा ही रहता, वैसे भी नीचे के सब कमरे सब बंद लाक रहने थे , सिवाय किचेन, टायलेट के,
अलार्म सिक्योरटी
लेकिन उनका डर दूर हुआ जब मैंने फुल फ्लेज्ड सिक्योरिटी वाला प्लान उन्हें बताया, सी सी टीवी, प्रेशर पैड्स अलार्म जो सीधे सिक्योरटी वाले के यहाँ भी बजेगा और हम लोगों के फोन पर भी, लेकिन उनकी हिम्मत तब जागी, जब मैंने उन्हें बताया की मैं अपने मोबाइल से सारे दरवाजे खिड़कियां चेक करती रहूंगी, मेन डोर के साथ साथ सारे दरवाजे, खिड़कियां भी,. उन्हें अपने लड़के से ज्यादा मुझ पर विश्वास था, . और उनका लड़का वैसे ही अपनी साली सलहज के चक्कर में फंसा रहता,
और प्रूफ आफ पुडिंग के लिहाज से जब वो सी सी टीवी वाले आये तो मैंने सबसे उनके कमरे के दरवाजे के बाहर ही कैमरे का ट्रायल करवा के दिखवाया,
दरवाजा खुलते ही अलार्म बजता था, और सी सी टीवी कैमरा सीधे दरवाजे पर फोकस था, .
मान गयी वो , तय ये हुआ की जब वो लोग स्टेशन के लिए जाएंगी तो जाने के ठीक पहले अलार्म ऑन कर देंगी।
सासू जी मेरी महा खुश, पक्का प्रोटेक्शन,. .
अलार्म सिक्योरटी एजेंसी वाले ने उन्हें एक एक दरवाजे खिड़की की फोटो सी सी टीवी में, कोई दरवाजे की कुण्डी छूता, ताले को हाथ भी लगाता तो बहुत तेज चीखने वाला अलार्म बजने लगता, फिर उसने उन्हें प्रेशर पैड्स की वर्किंग, मूवमेंट सेंसर, सारे कैमरे नाइट विजन वाले, और उनको ज़ूम किया जा सकता है, एकदम से टेम्पर प्रूफ , और हर दो कैमरे के साथ एक एक बहुत छोटा हिडेन कैमरा सीधे दरवाजे में चिपका, अलार्म से कनेक्टेड,.
और मैंने उनको दिखा दिया,की कैसे ये मेरे मोबाइल से लिंक है, कोई भी दरवाजे के पास भी फटकेगा तो मेरे मोबाइल में दिखेगा भी और अलार्म भी बजेगा,.
मैंने जेठानी जी को भी ऑफर किया की उनके मोबाइल से लिंक कर दूँ तो उन्होंने जोर से भौंहे तरेरी और मुझे घुड़का,
समझ मैं भी रही थी, इत्ते दिन के बाद जेठ जी के साथ पूरे २१ दिन और घर से बाहर, न जेठ जी इन्हे छोड़ेंगे और न ये उन्हें, इसीलिए तो सासू जी का कमरा भी मैंने उनके बगल में न बुक करा के उसी होटल विंग में,. लेकिन दूसरे एन्ड पर,. पूरी प्राइवेसी,
और सासू जी ने भी मना कर दिया, " अरे हम लोग इत्ती दूर रहेंगे वहां, बनारस कौन दूर है, तुम्ही रखो, फिर गुड्डी भी तो हम लोगों के जाने के पहले ही आ जायेगी, वो अलल बिलल मैं उसको आज ही बोल दूंगी , सात बजे ही आ जाए , वो घर में ही ऊपर रहेगी, कम्मो भी है ही , क्या चिंता। "
और अलार्म वाले ने भी मेरी ओर से मेरी मन की बात कह दी,
"एकदम और ऊपर कमरे में टीवी के साथ तो लिंक भी रहेगा, वहां तो दिखेगा ही, और,. "
आगे की बात मैंने जोड़ दी, " गुड्डी के मोबायल में भी तो रहेगा, वो भी देखती रहेगी, . "
लेकिन मेरी चिंता दूसरी थी, ऊपर के कमरे की कबड्डी तो ठीक थी, वहां गुड्डी रानी की तस्सलीबख्श ढंग से दिन दूनी रात चौगुनी ली जायेगी, लेकिन लौंडे कहीं उसे दौड़ा दौड़ा के पूरे घर में , और उससे ज्यादा उसकी सहेलियां कभी वो तो अलार्म को या सी सी टीवी में,.
इसलिए मैंने सारे कैमरे सिर्फ दरवाजे खिड़कियों और रोशनदान पर फिक्स करवाए थे, बरामदे , आँगन में कोई भी कैमरा नहीं था न ही सीढ़ियों पर. और दरवाजे सब तो बंद रहते उनपर भुन्नासी ढाई सेर का ताला लटका रहता तो उन्हें छूने का,
मेरी शंका जेठानी जी ने जता दी, लेकिन अगर कहीं गलती से किसी का हाथ लग गया, दरवज्जे खिड़की पे तो भी ये चांय चांय चालू,.
हाँ और नहीं, अलार्म वाले ने मामला साफ़ कर दिया।
एक माइल्ड सा अलार्म तो बजेगा तीन मिनट के लिए जिसका इंडिकेशन जिनके मोबाइल में होगा वहां आएगा, पर चेक करके मोबाइल से इसे आफ कर सकते हैं , लोकल बटन है उसे बंद करके भी बंद कर सकते है। हाँ पांच मिनट तक अगर बंद नहीं हुआ तो सिक्योरटी कंपनी के पास इंडिकेशन आएगा और हम फोन करके चेक करेंगे, अगर कुछ गड़बड़ मिला या दस मिनट में तीन बार फोन के बाद जवाब नहीं आया तो हम ऐक्शन लेंगे। दस मिनट के बाद अलार्म की आवाज भी बहुत तेज हो जायेगी, हमारी मोबाइल यूनिट घर पर आकर चेक करेगी , . हम सिर्फ सी सी टीवी कैमरे नहीं बल्कि कम्लीट सिक्योरटी सिस्टम प्रोवाइड करते हैं। "
सासू जी अब पूरी तरह संतुष्ट थीं, वो अपने कमरे में चली गयीं।
जेठानी जी के पास जेठ जी का फोन आ गया, और वो उसमें उलझ गयीं।
सिक्योरिटी कंपनी वाले ने मुझसे पूछा, " वो अलार्म बॉक्स, एनवीर कहाँ लगेगा और उस का पैनल,. "
" ऊपर चलिए कमरे में आगे का वहीं '
कमरे में चल के चारो ओर उसने देखा और मुझे बोला, देखिये ३२ डिवाइस वाला ये एन वी आर है , और कुल २७ डिवाइसेज है आराम से आ जाएगा, और आपका टीवी भी ५१ इंच का है उसी में लिंक कर देंगे, और अलार्म बॉक्स थोड़ा ऊपर लगा देते हैं पेंटिंग के बगल में , दरवाजे के पीछे , जल्दी दिखेगा नहीं। इस का फीड आपके मोबाइल में , "
वो सब सेटिंग करता रहा, मैं देखती रही , फिर मैं बोली,
मैंने कुछ स्पेशल अरेंजमेंट के लिए भी बोला था, इसी कमरे के लिए ,
कैमरे, छुटकी ननदिया, और,.
मेरी शंका जेठानी जी ने जता दी, लेकिन अगर कहीं गलती से किसी का हाथ लग गया, दरवज्जे खिड़की पे तो भी ये चांय चांय चालू,.
हाँ और नहीं, अलार्म वाले ने मामला साफ़ कर दिया।
एक माइल्ड सा अलार्म तो बजेगा तीन मिनट के लिए जिसका इंडिकेशन जिनके मोबाइल में होगा वहां आएगा, पर चेक करके मोबाइल से इसे आफ कर सकते हैं , लोकल बटन है उसे बंद करके भी बंद कर सकते है। हाँ पांच मिनट तक अगर बंद नहीं हुआ तो सिक्योरटी कंपनी के पास इंडिकेशन आएगा और हम फोन करके चेक करेंगे, अगर कुछ गड़बड़ मिला या दस मिनट में तीन बार फोन के बाद जवाब नहीं आया तो हम ऐक्शन लेंगे। दस मिनट के बाद अलार्म की आवाज भी बहुत तेज हो जायेगी, हमारी मोबाइल यूनिट घर पर आकर चेक करेगी , . हम सिर्फ सी सी टीवी कैमरे नहीं बल्कि कम्लीट सिक्योरटी सिस्टम प्रोवाइड करते हैं। "
सासू जी अब पूरी तरह संतुष्ट थीं, वो अपने कमरे में चली गयीं।
जेठानी जी के पास जेठ जी का फोन आ गया, और वो उसमें उलझ गयीं।
सिक्योरिटी कंपनी वाले ने मुझसे पूछा, " वो अलार्म बॉक्स, एनवीर कहाँ लगेगा और उस का पैनल,. "
मैं उसे ऊपर अपने कमरे में ले आयी जहाँ अगले दो दिन बाद, होली की रात से गुड्डी रानी का अड्डा जमना था , और होली के अगले दिन सुबह से ही उनकी तस्सलीबख्श ढंग से ली जाने वाली थी, पहले तो जावेद उसके कसे टाइट पिछवाड़े का उद्घाटन करेगा, फिर कम्मो के बाकी दो मुंह बोले भाई, दोनों पठान , डबल धमाका करेंगे, .
" ऊपर चलिए कमरे में आगे का वहीं '
कमरे में चल के चारो ओर उसने देखा और मुझे बोला, देखिये ३२ डिवाइस वाला ये एन वी आर है , और कुल २७ डिवाइसेज है आराम से आ जाएगा, और आपका टीवी भी ५१ इंच का है उसी में लिंक कर देंगे, और अलार्म बॉक्स थोड़ा ऊपर लगा देते हैं पेंटिंग के बगल में , दरवाजे के पीछे , जल्दी दिखेगा नहीं। इस का फीड आपके मोबाइल में , "
वो सब सेटिंग करता रहा, मैं देखती रही ,
एक बात बची, गुड्डी से इस लौंडे की बात कराने की
स्साली गुड्डी भी न, फोन इंगेज, कोई भौंरा होगा,. मैंने उसे व्हाट्सएप डाला,
" हे स्साले को होल्ड पे डाल और मुझे काल कर,. "
और मेरी ननद रानी का फोन घनघनाया, .
वो कुछ कहानी सुनाती अपने भौंरे के बारे में कुछ बताती , मैंने उसे साफ़ कर दिया,
" हे अगली आवाज जो तू सुनेगी न, . वो ये सिक्योरिटी अलार्म कम्पनी वाले की हैं , ये कम्पनी से आये हैं और कैमरे सब सेट कर दिए हैं, बस तुझे एन वी र की वर्किंग, अलार्म की सेटिंग, कब कैसे ऑन करना है , ऑफ करना है , कोई इमरजेंसी हो तो इन्हे कैसे कांटेक्ट करना है,. ये वीडियो काल है जिससे तुम दोनों एक दूसरे को अच्छी तरह देख सुन भी लो,. "
और मैंने उस अलार्म कम्पनी वाले लौंडे को फोन पकड़ाया, और निगाह मेरी स्साले के पैंट पर थी, मिनट भर नहीं हुआ होगा मेरी ननदिया से गपियाते और स्साले का टनटना गया,.
मेरी ननद है ही ऐसी,. पक्का टेस्ट मर्दानगी का, अगर किसी का उसको देखने के बाद भी मिनट भर में न फनफनाये तो शर्तिया उसे , पीपल के पेड़ के नीचे वाले बंगाली बाबा से, या मूछों वाले जैन साहिब, खानदानी शफाखाना वाले से मिलना चाहिए।
अलार्म कम्पनी वाला समझा कम रहा था, ताक ज्यादा रहा था, जब वो बोलने लगा पासवर्ड की बात, तो मैंने पतंग की डोर काट दी, और बोली,
" मेरी बात हो चुकी है, तुझे नंबर और लेटर दोनों चाहिए न, नंबर नोट कर लो, ३२, २४ , ३३ और दो लेटर , G और c . "और उसके मोबाइल के आखिरी ५ डिजिट डाल देना, ३२- २४ ३३, मोबाइल के उसके आखिरी ३ डिजिट G और C . ३२-२४- ३३ तो तेरी उम्र वाले को समझाना नहीं पडेगा, G, गुड्डी के नाम का पहला लेटर,
" एकदम अच्छी तरह समझ गया, मैं कभी नहीं भूल सकता , मुस्करा के वो चिकना बोला, और आगे जोड़ा , दो नंबर कम्पनी इसमें जोड़ के होली की शाम जब आप सिस्टम सेट करेंगी तो कम्पनी आप को एक पिन भेजेगी , जिसमें ये लेटर और नंबर के दो कम्पनी के नंबर होंगे , दस डिजिट का पिन,. बस आप को अपने बायोमेट्रिक्स सेट करने होंगे और फिर आप दस डिजिट के पिन नया सेट कर सकती है , इसलिए ये ८ आप को याद रहने चाहिए। "
" वो तो मैं क्या सबको याद रहता है , तुझको भी रहेगा,. "
गुड्डी मुस्करा के बोली और क्या मस्त अंगड़ाई ली जोबन उभारते हुए , दोनों कबूतर लग रहा था उड़ के बाहर आ जाएंगे,. और फिर से सेक्सी हस्की आवाज में बोली,
" याद रहेगा, ३२ , है न "
वो लौंडा बस बेहोश नहीं हुआ,.
और फिर अपनी कटीली कमरिया मटका के उसे याद दिलाया,. और बोली , उसकी वेस्ट साइज,. २४
फिर छोटे छोटे चूतड़ मटका के जिस अंदाज से वो बोली ३३ बस स्साला बेहोश नहीं हुआ और बिन बोले दुहराया, ३२- २४-३३।
मेरा नाम है गुड्डी तो g और c तो हर लड़के और लड़की को याद रहता है , वो एकदम उसकी आँख में आँख डाल के बोली,
"लास्ट आपका मोबाइल नंबर , उसे हमें कॉन्फ़िगर करना होता है, और २४ घंटे के बाद ही अलार्म सिस्टम एक्टिवेट होता है. और हमारे सारे मेसेज उसी नंबर पर जाएंगे , कोई बात होगी तो ओ टी पी भी,. और मैं आपको अपनी कम्पनी का ऐप का भी लिंक भेज दूंगा , उसे भी डाउनलोड कर के "
बेचारे ने किसी तरह थूक निगलते हुए अपनी बात पूरी की, उसकी बदहवाशी और तम्बू में बम्बू देख कर मुश्किल से अपनी हंसी रोक पा रही थी।
गुड्डी ने तुरंत दसो नंबर बोल डाले, और उसने अपनी कम्पनी के ऑफिशियल मोबाइल में कोई प्रोफार्मा खोल के जो जो डिटेल भरने थे गुड्डी से पूछ पूछ के भर लिए,.
लेकिन उसके बाद उसने एक और मोबाइल निकाला,. उसमें गुड्डी का नंबर सेव् किया,. और गुड्डी से कुछ देर सोचता रहा, फिर बड़ी हिम्मत कर के आँखे थोड़ी नीची कर के गुड्डी से बोला,
" अगर, इफ यू डोंट माइंड,. मैं आपको अपना परसनल नंबर भेज सकता हूँ , और कुछ नहीं , मतलब कोई अर्जेन्ट इशू हो ,. "
गुड्डी के हाँ बोलने के पहले ही उसने वो मेरी ननद के पास भेज दिया, और गुड्डी का व्हाट्सऐप पर हाय और स्माइली भी आ गयी।
मैंने गुड्डी को चिढ़ाया, " चाहो तो फेसबुक और इंस्टाग्राम एकाउंट भी भेज दो न , "
वो लड़का जोर से शरमाया , पर गुड्डी मुस्करायी, और थोड़ी देर में लौंडे का परसनल फोन खनखनाया और गुड्डी रानी का फेसबुक , इंस्टा सब लिंक,. "
और फोन काट कर कर वह बालिका अदृश्य हो गयी.
" चलो अब काम तुम्हारा हो गया , जो आपरेट करेंगी , उन से भेंट मुलाकात हो गयी,. और हाँ ये जो मैंने तुझसे इस कैमरे के वीडियो वाले लगवाएं हैं जिनका एन वी आर मेरी अलमारी के अंदर है, उसके बारे में किसी को भी खबर नहीं होनी चाहिए समझ लो,
हिडेन कैमरा और ननद लीला,. लाइव टेलीकास्ट
ननद ने कैसे लीला,
यह देखने के लिए भी मुझे इस कमरे में ढेर सारे इंतजाम करने थे , और अलार्म कम्पनी वालों को मैंने बोल दिया था. उन्होंने ख़ास तौर से इस लड़के को भेजा था की वो ऐसी सेटिंग करेगा की , साइबर सिक्योरटी वाले भी न पता कर पाएं,.
की होल कैमरा , मूवमेंट और साउंड से एक्टिव होने वाले कैमरे, माइक्रो माइक्स,
लेकिन असली बात थी कैमरे की सेटिंग्स, और कैमरे की डिजाइन ऐसे हों की कोई लाख कोशिश करे वो दिखे नहीं, वरना जहाँ सी सी टीवी कैमरा दिखा, गुड्डी तो छोड़िये जो मरद और लौंडे उसकी फाड़ने आएंगे उनकी भी, . लेकिन मुश्किल ये थी की मैं ये भी चाहती थी की कवरेज भी पूरी तरह से हो, सब चीजें एकदम हाई रिजॉल्यूशन में दिखें, गुड्डी रानी के पिछवाड़े का छेद भी साफ़ साफ़ दिखे और चेहरे का दर्द भी, नाइट विजन हो और आडियो भी, और कम से कम कुछ कैमरों में ज़ूम करने की भी फैसिलिटी हो, की होल कैमरे बहुत ही छोटे होते हैं बस वैसे ही कहीं पेंटिंग में तो कहीं फैन में कहीं बिजली के बल्ब के साथ , लेकिन एक ग्रिड बना कर के की सब कुछ अच्छे से कवर हो
इत्ते छोटे कैमरे की गुड्डी रानी को न ही पता चले जो उसकी फाड़ने आएंगे , उसकी सहेलियां , उसके भौरें मोहल्ले गली के आशिक , उनमें भी किसी को ज़रा भी शक न हो इस लिए मैंने स्पेशली उस तरह के कैमरे , आडियो सेटिंग्स के साथ, के लिए बोला था ,
मुझे जब ननद रानी की गांड फटेगी तो उस के लाइव टेलीकास्ट के साथ उस की चीखें भी तो सुननी थीं और रिकार्ड भी करना था।
इनके चक्कर में मैंने टॉरेंट डाऊनलोड करना अच्छी अच्छी नीली पीली फिल्मे ढेर सारी देख ली थीं जब ये बंगलौर ट्रेनिंग में थे और फॉरेन गए थे , . और मैं ये भी सोचती थी ये शॉट सब फिल्माए गए होंगे , कैमरे का एंगल क्या रहा होगा की लड़की के पिछवाड़े के छेद का क्लोज अप भी एकदम साफ़ साफ़ दिख रहा है तो कभी ऊपर के शॉट से पूरे बिस्तर का सीन, तो कभी आधे घुसे हुए खूंटा का, . . और सबसे बढ़कर चेहरे का एक्स्प्रेसन , और हर आवाज ,
मैंने पूरे कमरे के हिसाब से प्लान बना लिया था , होली के अगले दिन सुबह जावेद इसी पलंग पर निहुरा के गुड्डी की गाँड़ का , तो निहुरी हुई मेरी ननद रानी, . कित्ती मस्त लगेगी , गोरी तो खूब है ही , लम्बी लम्बी टाँगे और एकदम परफेक्ट बबल बॉटम ,
और उसके बाद क्लोज अप कर पिछवाड़े का छेद, फटने के ठीक पहले का ,
स्टिल्स भी मैं सम्हाल के रखूंगी, और उस के बाद जब जावेद ठेलेगा , वो चिंचियायेगी ,, छटपाटयेगी , चूतड़ पटकेगी , चीखेगी जोर जोर से और पहले धीरे धीरे ,
फिर सैंया मारे सटासट कभी चित कभी पट, ननदिया मेरी घोटेगी गपागप,
पूरे कमरे में जगह जगह मैंने तय कर रखी थी, हिडेन स्पाई कैमरे और माइक्रो माइक्स ,फिर उससे मैंने पूछा
मैं बोली, मैंने कुछ स्पेशल अरेंजमेंट के लिए भी बोला था, इसी कमरे के लिए ,
एकदम,.
और वो सेट करने लगा पूरे आठ कैमरे , आडियों के साथ, लेकन एकदम छत और दीवालों से चिपके, पेंटिंग्स के अंदर घुसे, ध्यान से देखने पर भी न दिखे, .
एक तो बेड के ठीक ऊपर जिसे मैं अपने मोबाइल से ज़ूम भी कर सकती थी, और उस से पूरे बेड और आस पास की भी एक एक मिनट की,. . दो कैमरे बेड के साथ भी,
भले ही मैं कल से इस कमरे में न रहूं लेकिन एक एक पल की बात मुझे दिखेगी भी सुनाई भी देगी।
एक कैमरा मैंने बाथरूम में भी सेट करवा दिया,. और एक छत की ओर करके कमरे की बाहर की ओर,
और उसका एनवीर मेरी अलमारी के अंदर वायरिंग भी उन भी कैमरों की कन्सील्ड थी,
फिर मैंने कुछ सोचा और बाथरूम में दो कैमरे और एक जब कोई डब्लू सी पर बैठा हो एकदम ठीक उसी जगह फोकस कर के , दूसरे शावर वाली जगह , शावर में सेक्स का अपना अलग मजा है और जो उसके यार दोस्त आएंगे कोई न कोई जरूर शावर में , फिर उसकी सहेली लड़कियां भी तो होंगी , लड़कियां आपस में भी शावर में खूब मस्ती करती हैं , तो उनकी भी हाल चाल,
और फिर मैंने कुछ एक्स्ट्रा माइक्स भी लगवा दिए
" चलो अब काम तुम्हारा हो गया , जो आपरेट करेंगी , उन से भेंट मुलाकात हो गयी,. और हाँ ये जो मैंने तुझसे इस कैमरे के वीडियो वाले लगवाएं हैं जिनका एन वी आर मेरी अलमारी के अंदर है, उसके बारे में किसी को भी खबर नहीं होनी चाहिए समझ लो,. "
"कौन से कैमरे,. " मुस्करा के वो बोला और जोड़ा , आई एम प्रोफेशनल फर्स्ट,. "
और वो भी चलता बना।