Update 168

VOLUME II

बैचलर पार्टी

CHAPTER-3

PART 13-A

मंच से नीचे का नजारा

तेजी से भावुक और सुंदर H-हेली 'i' के बगल में बैठी-I इंद्रवीर अब मंच पर प्रदर्शन नहीं देख रहे थे। वह जानता था कि फिर से झंकार बजने से पहले उसके पास सीमित समय था और वह इस अवसर का अधिकतम लाभ उठाना चाहता था। वह हाले को बोलै मैं हॉल में प्रवेश करने के बाद से आपका इंतजार कर रहा था। और उसे चूमने लगा । अब समय था अपनी अगली चाल चलने का।

I-इंद्रवीर हेली के करीब आ गया और, उसके सूजे हुए स्तनों को प्रत्येक फटी हुई सांस के साथ उठते और गिरते देखने लगा, वह धीरे-धीरे उसके कंधे के चारों ओर एक सावधानीपूर्वक अपनी बाजू ले गया और दूसरी बाजू से उसकी बांह तक पहुँच गया और उसे चूमा। इंद्रवीर अरे हाले दोनों ने एक गहरी सांस ली। उसने जितना सोचा था वह उससे कहीं अधिक मनोरम थी। छोटे कपड़े ने उसके स्त्री आकर्षण को छिपाने के लिए कुछ नहीं किया और वह पहले से गर्म थी और इंद्रवीर का साथ दे रही थी ।

C.-सिंडी को चूमते हुए P.-पुण्यप्रताप को ऐसा लग रहा था कि वह स्वर्ग में था। पुण्यप्रताप ने अपने दायीं ओर देखने के लिए गर्दन इधर-उधर की तो उसकी आँखें चौड़ी हो गईं। जब उसने देखा कि उसके आस पास क्या-क्या हो रहा है तो उसका मुँह खुला रह गया। प्रिंस Z.-ज़ोरावर पुण्यप्रताप की पिछली साथी पामेला को चूम रहे था और P, -पामेला की पोशाक उसकी कमर तक चारों ओर से उठी हुई थी और उसके पैर चौड़े थे। उनकी बाईं ओर R.-रॉक्सी थी, जिसके ऊपर महाराजा H-मंडरा रहे थे जिन्होंने अपना हाथ उनकी पैंटी में दबा रखा था जाहिर तौर पर उसे उँगलि कर रहे थे और वह कराह रही थी।

मिया के चिकने शरीर में बिजली के झटके लगे क्योंकि उसके ऊपर वाला आदमीK-कृष्णावर्धन उसकी भीगी हुई चूत में अपनी उँगलियाँ घुमा रहा था। वह अपनी विजय में बहुत सहज था। इससे पहले कि वह समझ पाती कि क्या हो रहा है, के-कृष्णवर्धन ने उसकी टांगो के बीच रेशम के छोटी पेंटी के टुकड़े के बीच से उसकी योनि के चिपके होंठों का पता लगा लिया था-फिर उसने अपना हाथ उनकी पेंटी के अंदर खिसका दिया था। मिया के सिर में खलबली मच गयी जब उनकी देखादाखि पुण्यप्रताप की उँगलियाँ सीधे उसकी छोटी भगशेफ पर चली गईं, जिसे उसने छेड़ा और तब तक सहलाया जब तक कि वह खुशी से नहीं रो पड़ी। फिर उसने अपनी बड़ी उँगलियों को नीचे किया और योनि को भाप से भरा, गीला और खुला हुआ पाया।

उसके सामने मंच पर मैं नयी दुल्हन की योनि पर लंड रगड़ रहा था और तभी कैसा की आवाज आयी सब लोग कुछ देर के लिएमन्च की तरफ ध्यान दे । सब सामने देखने लगे, घडी रोक दी गयी थी । दूल्हा दुल्हन का पहला मिलन होने वाला था

बेशक दूल्हा दुल्हन बने हुए मैं और मिनी स्टेज पर थे और अभिनय कर रहे थे की हम पर आसपास

बिखरी हुई कामुकता का कोई असर नहीं था लेकिन वास्तविकता ये थी की इस माहौल का हम पर सबसे ज्यादा असर हुआ था । अपने चारो तरफ देखते थे तो चुदाई कर सेक्स ही नजर आ रहा था । जो लोग नीचे थे उसनहे ज्यादा से ज्यादा अपने आस पास के चार जोड़े और, मंच पर हम दिख रहे थे पर हमारे तो चारो और देख सकते थे और देख भी रहे थे.

K-कृष्णा वर्धन M-मिया की योनि में ऊँगली कर रहा था.

KM

S- सुखदेव, किकी-K. को भगनासा चूस रहा था

SK,

F-फ्रेड्डी अलेक्सा-A... के निप्पल चूस रहा था,

T.-टॉम के लंड को V-वीनस मुठ मार रही थी ।

यशवीर Y, -लंड से F-फ़्लोरा के स्तनों को चोद रहा था,

VY -V-विजयराज के लंड को Y-युकी अपने स्तनों से दबा रही थी।

B-बॉब T-टीया को चूम रहा और उसकी नितम्ब दबा रहा था .

कहानी जारी रहेगी
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