Update 72
CHAPTER-5
रुपाली - मेरी पड़ोसन
PART-30
सुपर संडे - रूपाली के साथ सुहागरात
रुपाली - मेरी पड़ोसन
PART-30
सुपर संडे - रूपाली के साथ सुहागरात
फिर मैंने बोला भाभी मुझे भी चूमो नहीं तो मैं ये मानूंगा आपको मेरा प्रताव स्वीकार नहीं है और आपने उसे उसे नापसंद किया है मैंने इस प्रकार से भाभी को प्रोत्साहित किया कि वह मुझे चुंबन करने लगी. फिर मैंने पहले भाभी के माथे पर और फिर आँखों और फिर होठों पर चूमा।
रुपाली ने कहाः " काका मुझे कुछ हो रहा है मैं अपने को कंट्रोल नही कर पा रही हू तो मैं बोला भाभी मैं मदद करू तुम्हारी इतना कहते ही मैं उस से लिपट गया और उनके गालो का चुम्बन किया थोड़ी देर मैं उनसे लिपटा रहा फिर मैने उनके होंटो को चूसना शुरू किया पता नही कितनी देर मैं किस करता रहा फिर उन्होने किस को तोड़ा और मेरी ओर देखने लगी. अब मेरा मन तो कर रहा था कि बस चूमता, चाटता रहूँ और अपनी बाहों में जकड़ कर मसल डालूँ और जिंदगी भर ऐसे ही पड़ा रहूँ और उफ क्या-क्या नहीं करूँ!
मैंने चुंबन लेने प्रारंभ किए। मैं उसकी जीभ और उपर नीचे के होठों को चूसने लगा। मैं उसके होठों को पूरी तरह से जकड़ उसका पूरा साँस अपने फेफड़ो में ले लेता जिससे वह बिना साँस के व्याकुल हो छटपटाने लगती और जब उसे छोड़ता तो ज़ोर-ज़ोर से साँस भरने लगती। यह क्रिया काफ़ी देर तक चली l
मैने दुबारा किस करना शुरू किया और धीरे से अपने हाथ उनकी पीठ पर फेरता रहा अब भाभी की साँसे उखड़ने लगी थी मेरे हाथ उनकी गोलमटोल सुडोल छातियों पे पहुँच गये थे जैसे ही मैने उनकी चूचियो को हल्का सा दबाया और मेरे हाथ रुपाली भाभी की चूचियो पर कस गये उनके मूह से एक हल्की सी सिसकारी निकल गयी जिस से मैं और उत्तेजित हो गया l मैं अपनी जीभ से चूची को चाट चाट कर मजा लेना शुरू कर दिया. शहद में डूबी चूचियों को मैं खींच खींच कर चूसने लगा.
मैने भाभी की चोली की डोरियों को खोल कर उतार दिया और एक चूची को अपने मूह मे भर कर चूसने लगा और दूसरी को अपने हाथ से मसल्ने लगा जैसे जैसे भाभी की निप्पल को चूस्ता गया उनके मूह से उफ हाय आह ईईई जैसी आवाज़े निकालने लगी फिर मै रुपाली भाभी के स्तनों पर आ गया। मैने पहले धीरे-धीरे स्तन मर्दन करना प्रारंभ किया। फिर चूचुक पर धीरे-धीरे जीभ फेरनी शुरू की। इससे रुपाली भाभी की काम ज्वाला भड़क के सातवें आस' मान पर जा पाहूंची। वह व्याकुल हो उठी।
मैं बारी बारी से रुपाली भाभी की दोनो चुचियो को चूसता रहा फिर मैंने रुपाली भाभी को खड़ा किया और उनके लहंगे का नाडा खींच दिया जैसे ही वो नीचे गिरा तो अब भाभी ने बड़ी स्टाइलिश पैंटी पहनी हुई थी . जिसकी डोरिया खोल कर मैंने भाभी को वस्त्रहीन कर दिया
फिर भाभी ने स्त्री सुलभ शर्म के कारण अपने हाथों से अपना चेहरा ढंक लिया लेकिन मैंने भाभी को धीरे धीरे सहलाना और उसकी अलग अलग अंगो को चूमना जारी रखा जिससे वो अपनी इस स्थिति की आदी हो गयी मैंने अपना कुरता और लुंगी उतार फेंकी और उसके हाथ उसके चेहरे से दूर करने के लिए खड़े होकर उसके हाथ पकड़ कर उसके ओंठो पर एक आवेशपूर्ण चुंबन किया जब मैंने ऐसा किया तो मेरा लंड जाकर भाभी को जांघों के बीच जा लगा। मेरे लंड ने भाभी की योनि के नग्न होंठों का चुंबन लिया । इससे भाभी का चेहरा शर्म से गर्म हो लाल हो गया है और वो मुझसे लिपट गयी और उसकी बाहे मेरी पीठ पर चली गयी.
मैंने भाभी को अपनी गोदी मे बिठा लिया और उनको किस करने लगा मेरे हाथ उनकी चुतडो पर पहुच गये और मैं उन्हे सहलाने लगा मेरा लंड उनके चुतडो की दरार पर महसूस हो रहा था अब मैने भाभी को लिटा दिया और उनके बदन को चूमना शुरू कर दिया भाभी की पप्पी लेते लेते मैने एक हाथ उनकी चूत पे रख दिया और उसको सहलाने लगा. भाभी ने अपनी चूत बिलकुल साफ़ की हुई थी ..
मैंने भाभी को मसलना शुरू ककिया तो भाभी बोली प्लीज अब गहने उतार दो ये चुभ रहे हैं .. तो मैंने एक एक करके सब गहने उतार दिए और जिस गहने को उतारता गया वह वह किस करता गया l
साथ साथ मै रुपाली भाभी के स्तनों के दबाता और उसके चुचकों को मसलने लगा रुपाली भाबी इससे चूत मैं लंड लेने के लिए व्याकुल हो उठी। पर मुझे तो कोई जल्दी थी ही नहीं . तब मैं भाभी की नाभी के इर्द गिर्द जीभ फेरने लगा। कभी-कभी बीच मैं उसकी झांटों मैं हल्के से अंगुली फिरा देता। साथ मैं वह उस के नितंबों के नीचे अपनी हथैली ले जा उन्हे सहलाए भी जा रहा था और उस के गोल नितम्बो पर कभी-कभी हलके से नाख़ून भी गाढ रहा था। इन क्रियाओं के फल स्वरूप भाभी ज़ोर-ज़ोर से साँस लेने लगी और मुझ से चोदने के लिए विनती करने लगी।
मैने भाभी की मांसल केले के पेड़ जैसे तनी चिकनी जाँघो को चूमना शुरू किया और मैने अपने होंठ भाभी की चूत पे रख दिए और ऐसा करते ही भाभी का पूरा बदन कांप उठा
मेरा मन कर रहा था अब एक ही झटके मे लंड पूरा घुसा दूं पर मैं इस रात को यादगार बनाना चाहता था मैने अपनी जीभ अंदर घुसा दी और भाभी की चूत को अपने मूह मे भर लिया और भाभी की सिसकारियो से कमरा गूँज उठा तो मैंने अपना हाथ उसके मुँह पर रख दिया ताकि उसकी कराहे सुन कोई जाग न जाए . तो भाभी बोली आप चिंता मत करो कोई नहीं आएगा ,, आज खाने में मैंने आपकी दी हुई थोड़ी सी नींद की दवाई मिला दी थी .. सब आराम से सुबह तक सोयेंगे आप बस मजे लो
तब मैंने रुपाली भाभी की चूत मैं एक अंगुली डाली। मैं धीरे-धीरे उसके चूत के दाने पर अंगुली के अग्रभाग से छेड़ रहा था। फिर मैंने दो अंगुल डाली और अंत मैं तीन अंगुल उसकी चूत मैं डाल दी। मैं ऐसे ही काफ़ी देर तक उस' की अंगुल से चुदाई करने लगा तो वो उछल पड़ी और मेरे बालों को अपने हाथ में लेकर सिसकारी भरने लगी और बड़बडाने लगी कि काका 10 साल से मेरे पति ने मुझे चोदा नहीं है मेरी प्यास तुमने आज और भड़का दी है.
भाभी गान्ड उपर उठा-उठा के झटके देने लगी मानो उसका पूरा हाथ ही अपनी चूत मैं समा लेना चाहती हो। आधी से अधिक रात्री बीत चुकी थी। और भाभी ने अपने दोनो हाथ मेरे सिर पे रख दिए और मेरे सर को अपनी चूत पे दबाते हुए बोली " काका मेरा सारा रस निचोड़ लो, अब तो मैं तुम्हारी ही हूँ आह ओह्ह ओह! भाभी की साँसे उखड़ने लगी थी
भाभी मेरे लंड को पकड़ कर अपनी चूत पे रगड़ने लगी थोड़ी देर रगड़ने के बाद वो मेरे कान मे बोली अब देर मत करो घुसा दो अंदर तो मेने हल्का सा धक्का मारा तो सुपाडा चूत मे चला गया भाभी ने अपनी टांगो और गांड को टाइट कर लिया था जिससे उनकी गर्म चूत काफ़ी टाइट ही गयी थी और उनके मूह से आह की आवाज़ निकल गयी.
तब मैंने बहुत ही शान्ती के साथ उसकी योनि मैं अपने लंड पर बहुत सारा शहद लगाकर जोर का धक्का दे मारा और अपना लिंग घुसा दिया और लंड को थोड़ा थोड़ा आगे पीछे घूमा फिरा कर उसकी चूतके अंदर की हर जगह को छूने लगा .
मैने एक झटका और मारा और आधा लंड अंदर डाल दिया वो बोली थोड़ा धीरे से डालो आपका लंड बहुत बड़ा है फेयर मैंने एक धक्का और मारा और मेरा लंड पूरा उनकी मस्त चूत मे घुस गया भाभी की सिसकी निकल गयी उन्होने अपनी आँखे बंद करली मैने हल्के हल्के धक्के लगाने शुरू कर दिए
जब भी भाभी अपनी चूत से लंड को कस के निचोड़ना चाहती। मैं अपना आधे से ज्यादा लंड बाहर निकाल लेता . भाभी ने ज्यादा मजा लेने के लिए अपनी टांगो और गांड को टाइट कर लिया था जिससे मुझे लंड घीउसते हुए एकदम टाइट नयी कुंवारी चूत के जैसे मजे आ रहे थे .
। थोड़ी देर मे वो भी सहज होने लगी और उन पलो का आनंद लेने लगी हमारे होंठ एक दूसरे के होंठो से जुड़ गये और हम एक दूसरे मे समाते चले गये उन्होने अपनी जाँघो को फैला दिये ताकि मैं खुल के धक्के मार सकु 15 मिनिट तक ऐसे ही धक्के लगाने के बाद मेरा लंड उसकी चूत की हर दीवार का घर्षण कर रहा था। रुपाली भाभी अब मेरी चुदाई से अब तक आत्मसमर्पण कर चुकी थी। मैं अब आराम से उसके मम्मे दबाते हुए उसको चोद रहा था। फिर भाभी खुद अपनी गांड को आगे पीछे कर चुदने का मजा लेने लगी थी।
भाभी ने अपनी जांघे मेरी कमर के पे लिपटा दी और बोली शाबाश काका ऐसे ही जोर से करो लगे रहो तभी उनका बदन ऐंठ गया और चूत की चिकनाई बढ़ गयी और कि वो चर्म सुख की ओर बढ़ गयी. फिर अचानक से भाभी ने मुझे कसकर अपनी बाहों में जकड़ लिया और झड़ गयी और मुझे चूमने लगी.
चोदो काका मुझे चोदो, और जोर से और फिर मैंने उसकी जमकर धुनाई करते हुई चुदाई की और उसको 2 बार और झड़ाने के बाद अपना रस उसकी चूत में ही डाल दिया.
कुछ देर वो मजा आ गया कर ऐसा कहते हुए वह उठी और मुझे अपने लिप्स और जीभ से चाटने लगी . उसके ऐसा करने से मैं जोश में भर कर अपना लंड उसकी चुत में घुसेड़ दिया , और जैसे माखन की टिकिआ में चाकू जाता है उसी सरलता से वह अंदर चला गया . और मेने उसकी बेरहमी से उछाल उछाल कर चुदाई की और उसने भी चूतड़ उठा उठा कर अलग अलग आसान में चुदाई का मज़ा लिया और मैंने ढेर सारा वीर्य उसकी योनि में छोड़ा
कहानी जारी रहेगी