Episode 03


रोहित- रीमा मै रोहित, क्या तुम जाग रही हो अभी तक ?
रीमा. . ओह नो रोहित इस वक्त यहाँ, कही उसे मेरे और प्रियम के बारे में पता तो नहीं चल गया, क्या प्रियम ने रोहित को जाकर ये बता तो नहीं दिया की मैंने उसका लंड चूसा है और लंड रस भी पी गयी हूँ, अब क्या होगा, रोहित तो मुझे मार ही डालेगा | इतना विचार आते ही रीमा का चेहरा फीका पढ़ गया | फिर पलक झपकते ही उसने रोहित के पुकारने की टोन पर ध्यान दिया वो काफी नार्मल लग रही थी | रीमा ने दरवाजा खोला |
रीमा- अन्दर आ जावो रोहित. .

रोहित-मै तुमारे लिए शैम्पेन की बोतल लाया हूँ, मै तुम्हे तुमारे बर्थडे पर कोई गिफ्ट भी नहीं दे सका, इसलिए सोचा आज चलकर तुमारे साथ पार्टी करता हूँ, बशर्ते तुमारा कोई और प्लान न हो और तुम किसी और काम में न बिजी हो |
रोहित रीमा को एकटक देखने लगा, वो बाकि दिनों से आज काफी अलग लग रही थी, सेक्सी, ब्यूटीफुल, रिलैक्स्ड, चेहरे पर संतुष्टि और मुस्कान का सम्मिश्रण | रोहित को थोडा अजीब लगा, लेकिन वो रीमा के सौन्दर्य में ऐसा खोया की उसे कुछ और याद ही नहीं रहा |

रीमा- नहीं कुछ खास नहीं तुम आ गए अच्छा किया, तुम बैठो मै गिलास लेकर आती हूँ |
रोहित को लग रहा था जैसे रीमा को पता हो कि वो आ रहा है और उसके लिए वो पूरी तरह से सज धज के बैठी है | लेकिन रीमा इतनी खूबसूरत तो तब लगा करती थी जब नयी नयी शादी हुई थी | रोहित ने तो महीनो महीनो उसे बिना मेकअप के रूखे बाल और इमोशन लेस चेहरे के साथ देखा है, इसलिए उसको तो यकीन कर पाना बिलकुल मुश्किल हो रहा था

रोहित रीमा को सोफे उठकर जाते हुए देखता रहा, उसके हर कदम के साथ उछलते कुल्हे और चूतडो में संतुष्टि का एक भाव था, चाल में एक मादकता थी |

इतनी सेक्सी और खूबसूरत रीमा को उसने सालो बाद देखा था इसलिए उसके अन्दर की वासना में रीमा की खूबसूरती ने आग में घी वाला काम किया | रोहित ने तय कर लिया था की आज तो वो रीमा की स्कर्ट और पैंटी दोनों उतार कर ही दम लेगा, उसे चाहे जो करना पड़े | वो रीमा को कपडे पहने पहने ही पूरी तरह नंगे इमेजिन कर रहा था | कमर लचकाती, कुल्हे मटकाती मद मस्त चलती रीमा !! आह !!!!!!!! रोहित ने तो उसे बिना कपडे उतारे ही नंगा कर दिया था |

रीमा गिलास लेकर वापस आई और सोफे पर बैठते हुए उसने एक सभ्य औरत की तरह अपने कपड़ो को थोडा ठीक किया ताकि हैण्डसम रोहित के सामने किसी तरह का कुछ अश्लील न लगे | रोहित रीमा की बरसो से फंतासी था लेकिन रीमा ने हमेशा रिश्तो की गरिमा में रहकर ही रोहित से व्यवहार किया | या यु कहे कि कपडे इसलिए ठीक किये थे ताकि वो खुद की वासना के ज्वार पर काबू रख सके | रोहित ने शैम्पेन की बोतल खोली और गिलास में दारू उड़ेलने लगा | रोहित को नहीं पता था की रीमा में ये बदलाव किस वजह से आया है, लेकिन वजह को दरकिनार करते हुए उसे बहुत ख़ुशी थी कि रीमा ने कम से कम खुद के बारे में ख्याल तो किया | उसकी खूबसूरती को बार बार रोहित निहार रहा था और खुश हो रहा था | आज रीमा उसे पहले से कई गुना ज्यादा सेक्सी और आकर्षक लग रही थी |

दोनों आराम से सोफे पर बैठ गए और शैम्पेन पीने लगे, रोहित बस सिप मार रहा था और सुनिश्चित कर रहा था की रीमा उससे ज्यादा शराब पिए| जैसे ही रीमा का पैग ख़तम होता रोहित फिर से पैग बना देता | रीमा पहले ही दो स्कॉच के पैग पी चुकी थी और अब हर नया पैग उसके शुरुर में और बढ़ोत्तरी कर रहे थे और वो अर्द्ध बेहोशी की तरफ बढ़ रही थी | उसे लग रहा था स्कॉच के बाद शैम्पेन नहीं पीनी चाहिए थी लेकिन रोहित को मना नहीं कर पाई | वो कोई रेगुलर ड्रिंकर नहीं थी इसलिए 6 पैग उसकी क्षमता के हिसाब से काफी ज्यादा थे |
रोहित रीमा की तारीफ करता हुआ- रीमा तुम आज बहुत खूबसूरत लग रही हूँ, मेरा मतलब तुम हमेशा ही खूबसूरत लगती हो लेकिन आज तुम कमाल की लग रही हो,पता नहीं इसकी वजह क्या है लेकिन तुम सच में बहुत खूबसूरत और दिलकश लग रही हो | रीमा बालो पर उंगलिया फिराते हुए सोचने लगी- आज मै जैसी भी दिख रही हूँ रोहित ये तुमारे बेटे का कमाल है | उसने मेरे अन्दर की सोई औरत को जगा दिया है | रीमा ने रोहित की तरफ एक लम्बी मुस्कान छोड़ दी | उसे भी पता था आज उसका अंग अंग दमक रहा है, शरीर के हर कोने में संतुष्टि झलक रही है | वो रोहित की तारीफों से खुसी में झूम रही थी तभी रोहित ने कुछ ऐसा कहा की रीमा के होश उड़ गए | नशे में झूमती रीमा के ऊपर जैसे किसी ने बाल्टी भर बर्फ का पानी डाल दिया हो |

रोहित – रीमा तुम उस दिन प्रियम और नूतन की हरकतों को काफी देर से दरवाजे की ओट लेकर देख रही थी न.
रीमा एकदम हडबडाते हुए-तुम क्या बकवास कर रहे हो रोहित, लगता है तुम्हे चढ़ गयी है |

रोहित-नहीं. . . तुम्हे अच्छी तरह से पता है मै तुमसे क्या पूछ रहा हूँ | तुमने मुझे फ़ोन पर कहा था की नूतन का स्वेटर ऊपर था और उसके दोनों स्तन बिन्कुल नग्न थे, प्रियम राजू एक एक निप्पल मुहँ में लेकर चूस रहे थे और बीच में उसके स्तन को मसल भी रहे थे | लेकिन प्रियम ने बताया जब तुम कमरे में आई थी तब नूतन के स्तन पुरे तरह से स्वेटर से ढके थे | इससे मै इस निष्कर्ष पर पंहुचा की तुम कमरे में झांक रही थी, इससे मै एक और निष्कर्ष पर पंहुचा कि तुम बेहद अकेली हो और तुमारा मन और शरीर वासना की आग में जल रहा है | तुमारी चूत ने सालो सेलंड देखा नहीं है तुमने सालो से चुदवाया नहीं है इसलिए चुदाई की तलब ने तुमारा ये हाल कर दिया है कि अब तुम दूसरो के कमरों में झाँक रही हो और अपनी काम वासना की कुंठा को मिटाने की असफल कोशिश कर रही हो |

रोहित बेहद ही विनम्र भाषा में बोला – देखो रीमा सेक्स जवान शरीर की जरुरत है तुम अपनी वासना को कितना भी दबावों, वो दबने वाली नहीं है, बल्कि तुम्हे बीमार बना देगी | देखो रीमा मै सिर्फ इतना कह रहा हूँ की सच से आंखे न चुराओ, इससे सिर्फ तुम खुद का नुकसान करोगी, तुम जवान हो और बहुत खूबसूरत भी | अगर तुमारे अन्दर चुदवाने के इक्षा होती है तो इसमे कुछ भी गलत नहीं है ये तो प्राकृतिक है | तुम अपनी चुदवाने की इक्षा मारकर खुद पर घनघोर अत्याचार कर रही हो|

रीमा पहले से ही शराब के नशे में धुत थी ऊपर से रोहित के विनम्रता से बोले गए शब्दों ने पता नहीं क्या जादू किया, रीमा रोहित के कंधे पर सर रखकर बेतहाशा रोने लगी | उसे भी नहीं पता था कि रोहित के शब्दों में क्या जादू था कि सालो से उसके अन्दर दबी भावनाए, कुंठा, हताशा निराशा, सब आंसुओं के डगर बाहर निकलने लगी |

कुछ देर बाद खुस को काबू करते हुए, आंसुओं से भरी आँखों से रोहित को देखते हुए-मुझे नहीं पता रोहित, मै क्या कहू, मुझे नहीं पता मुझे क्या चाहिए मैंने हमेशा वही करने की जो समाज ने हमें सिखाया, बताया| दुनिया के बने बनाये नियमो पर बस चलती रही, और इस जंगली दुनिया में अपना दामन बचाती रही, कभी अपने बारे में सोचा ही नहीं |
रोहित-तुम्हे कुछ कहने की जरुरत नहीं है, तुम्हे बस खुद को प्यार करने की जरुरत है जिससे तुम्हे खुसी मिले वो करो, अपने शरीर के सुख के लिए तुम्हे जो करना पड़े करो | क्या सही है क्या गलत है, दुनिय क्या सोचेगी, लोग क्या कहेगे ये सब फालतू की बातो पर अपना दिमाग मत लगावो |
इतना कहकर रोहित ने रीमा को गले लगा लिया और रीमा भी जोर से रोहित से लिपट गयी, रोहित रीमा की बांह के ऊपर सिरे पर हलके हलके हाथो से सहलाने लगा |

रीमा के लिपट जाने से उसके स्तन और चूची रोहित के सीने से टकराने लगे| रोहित को भी रीमा के स्तन और चुचियो का अहसाह हो रह था, रोहित ने रीमा पर अपनी बांहों का कसाव बढ़ा दिया, जिससे स्तन और चूची ज्यादा कसकर रोहित के सीने से रगड़ने लगी | इस रगडन से पेंट के अन्दर कैद रोहित के लंड में हल्की सी हरकत हुई |
रोहित- तुम्हे पता है रीमा, मेरे भाई की मौत के बाद से तुम अकेली हो, तुम बहुत खूबसूरत औरत हो, तुम सच में बहुत खूबसूरत औरत हो मेरा यकीन करो | तुम एक ऐसी बला की खूबसूरत औरत हो जिसे कोई भी मर्द अपनी पत्नी होने पर गर्व महसूस करेगा |
रीमा जैसी अकेली औरत के लिए ये कुछ ज्यादा ही हो गया, उसने फिर से सुबुकना शुरू कर दिया और कसकर रोहित से फिर लिपट गयी | रीमा का खुद से नियंत्रण कम होता जा रह था, उसे लग रहा था उसने प्रियम को कच्ची उम्र में वासना के भंवर में फंसा दिया | वो सिर्फ आदमी और औरत के बीच की बाते उससे जानने आया था, वो लंड चूत, चुदाई के बारे में जानने आया था लेकिन उसने तो आगे बढकर न केवल उसका लंड थाम लिया बल्कि एक जवान औरत का पूरा शरीर दिखा दिया, उसका लंड भी मुहँ में लेकर चूसा, उसे वासना की आग से परिचित करवा दिया जो उसका पूरा जीवन खाक कर सकती थी | वो एक कामरोगी है, उसने अपनी काम पिपाशा मिटाने के लिए भतीजे का जीवन तबाह कर दिया, वो किसी चुड़ैल से कम नहीं है |

रोहित रीमा के पीठ सहलाता हुआ- कोई बात नहीं रीमा चुप हो जाओ, मैंने भी नूतन को एक बार दूर से देखा है नूतन एक जवान खूबसूरत लड़की है और मै शर्त लगाता हूँ उसके स्तन बाकि लडकियों से काफी बड़े होंगे |
रीमा -रोहित. . . . तुम ऐसा कैसे कह सकते हो ?
रोहित- अब जो सच्चाई है उसे कहने में क्या बुराई है |
शराब के नशे में धुत रीमा के शरीर में एक सिहरन सी दौड़ गयी जब उसे अहसास हुआ की पीठ पर से हाथ फेरते फेरते रोहित का एक हाथ उसकी कमर ने नीचे बेहद निजी वर्जित क्षेत्र में जाकर उसके उठे हुए चिकने गोलाकार गोरे मांसल चुतड पर जम गया है

और उसके बाद रोहित के हाथ ने चुतड पर दबाव बनाकर रीमा की कमर को अपनी तरफ ठेलने लगा |

रीमा ने अपना सर पीछे को हटाया और उसके आंसुओं सी भरी आँखों में एक दहशत सी भर गयी, जब उसे महसूस हुआ की, रोहित के लंड कड़ा होने लगा है,

उसके कोमल शरीर को उसका अहसास साफ साफ़ हो रहा था,उससे चिपकी होने की वजह से वो रोहित के पेंट के अन्दर के तनाव को अपनी नाजुक कमर के निचले हिस्से और केले के तने जैसी चिकनी नरम गुदाज जांघो और चुतड़ो पर महसूस कर रही थी |

रोहित खुद को संयत करता हुआ- कोई बात नहीं रीमा , सब ठीक है मै सब समझता है |

तभी अचानक रीमा को अहसास हुआ की रोहित उसके साथ पिता तुल्य व्यवहार करने की कोशिश कर रहा है, रीमा रोहित से दूर होना चाहती थी लेकिन रोहित ने अपनी सख्त बांहों से जकड रखा था | तभी रीमा को रोहित की नीयत का अहसास हुआ- छोड़ो मुझे रोहित, मुझे जाने दो प्लीज रोहित, मुझे जाने दो | रीमा भयभीत हो गयी, रोहित ने पहले भी कई बार उससे नजदीकियां बढ़ाने की कोशिश की लेकिन कभी इस हद तक नहीं गया | क्या रोहित को मेरे और प्रियम के बारे में पता चल है, इसलिए अपनी भड़ास निकालने आया है, मेरी असलियत का पता चलने के कारन ही अब ये भी मुझे बुरी तरह चोद डालना चाहता है | इसलिए मेरे मना करने के बावजूद रूक नहीं रहा है | यही सोचकर रीमा डर गयी | उसके दिमाग में हाहाकारी तरीके से बुरी तरह चोदने के सीन चलने लगे |

अब क्या होगा, क्या रोहित भी अपने बेटे ही तरह मुझे चोद डालेगा, क्या बाप बेटे दोनों के अपने लंड की प्यास मेरे छेदों में ही बुझाना चाहते है. . . . वो कंफ्यूज हो गयी, उसके दिमाग कुछ ठीक से सोच ही नहीं पा रहा है, वो बहुत परेशान हो गयी, इस हालत में भी उसकी चूत में हल्की सी वासना के उफान की सनसनाहट सी महसूस हो रही थी, इससे वो इंकार नहीं कर सकती थी, हर बीतते पल के साथ ये सनसनाहट बढती जा रही थी, क्योंकि रोहित अपने एक हाथ से रीमा के उठे हुए चिकने गोलाकार गोरे मांसल चुतड लगातार मसल रहा था और रीमा के शरीर को अपने ऊपर ठेल रहा था|

रीमा अपनी चिकनी नरम गुदाज जांघो और चूतडो के बीच रोहित के बढ़ते, कठोर होते लंड के तनाव को महसूस कर रही थी |

जैसे ही रोहित ने रीमा के ओठो को कसकर चूम लिया, रीमा के मुहँ से हल्की आह निकल गयी, रोहित सख्ती से रीमा के ओठ चूमने लगा और अपनी जीभ रीमा के मुहँ में डाल दी,

एक हाथ से रोहित ने कसकर रीमा को खुद से चिपकाये हुए था जबकि उसका एक हाथ रीमा के भारी गोल मांसल चुतड की लगातार मालिश कर रहा था| रोहित बार बार रीमा की कमर को धक्का लगाकर खुद पर ठेल देता जिससे रोहित का सख्त होकर तन चुके खड़े लंड का उभार रीमा की चिकनी नरम गुदाज जांघो पर पहले से ज्यादा जोर से महसूस होता |

रीमा का दिमाग रोहित को रोकना चाहता था, उसका विरोध करना चाहता था, उसे धकेल कर खुद से दूर करना चाहता था लेकिन उसका दिल उसके साथ नहीं था | पिछले कुछ महीनो से उसके अन्दर जो काम वासना उफान मार रही थी, हर बार की तरह इस बार उसने खुद को रोकने की बिलकुल कोशिश नहीं की | उसकी चेतना का विरोध कमजोर होता जा रहा था | उसे अपनी चूत के अन्दर एक लंड चाहिए था | उसे खून से भरा हुआ, फूला हुआ, गरम, लोहे की राड की सख्त हुए एक तगड़ा लंड अपनी चूत में चहिये था जो उसकी चूत की दीवारों में दहसत पैदा कर दे, अन्दर जाकर चूत का हर कोना चोद दे, जैसे पहले किसी ने उसकी चूत को चोदा न हो | उसे ऐसा लंड अभी चहिये था, भले ही क्यों न वो उसके देवर रोहित का ही हो | उसे अपनी चूत में एक लंड चहिये था और लंड की सबसे ज्यादा जरुरत उसे अभी थी | अपने दिमाग के सारे विरोध, अंतर्विरोध के बाद भी रीमा अपनी जगह से एक इंच भी न हिली, जब रोहित ने उसके कपडे उतारने शुरू कर दिए | रोहित ने उसका टॉप उसके कंधो के उपर से खीचकर उतार दिया | उसके गोरे गोरे सुडौल सामने की तरफ तने हुए ठोस स्तन नुमाया हो गए, जिसके ऊपर तनी हुए सख्त चुचियाँ पूरी तरह से नंगी हो गयी|

रीमा ने अब हार मान ली थी, उसने खुद को पूरी तरह से रोहित को सौपने का मन बना लिया था | रोहित ने टॉप को कमर से होते हुए पैरो में गिरा दिया और रीमा की ओठो को जोर से चूम लिया | उसके बाद झुककर टॉप को रीमा के पैरो से निकाल कर अलग फेंक दिया | रीमा के स्तन और चूचिया पूरी तरह नंगी हो गयी थी, रीमा ने ब्रा नहीं पहन रखी थी, इसलिए कंधो से लेकर कमर तक अब वो पूरी तरह से नंगी थी | रोहित ने स्कर्ट का कमरबंद भी खोल दिया जिसने उसके कमर के नीचे का हिस्सा ढक रखा था, जैसे की कमर के नीचे का कपड़ा जमीन में गिरा रीमा ने एक हल्की मादक आह भरी | जब तक रीमा कुछ सोच पाती रोहित ने झटके से उसकी पैंटी भी घुटनों के नीचे तक खिसका कर निकाल दी |

रीमा ने कुछ ही देर पहले पुरे शरीर की वैक्सिंग और नहाने के बाद शरीर पर तेल लगाया था, जिससे शरीर पर बालों का नामोनिशान नहीं था , जिसके कारन कंधो से लेकर कमर तक उसकी नरम गोरी त्वचा से ढका नाजुक बदन बल्ब की रौशनी में संगमरमर की तरह चमक रहा था | रीमा ने सर झुकाकर अधखुली आँखों से खुद के नंगे खूबसूरत शरीर को देखने लगी | उसके स्तन कठोर होकर समाने की तरफ तने हुए थे, जब उसने अपनी तनी हुई चुचियाँ देखि तो रीमा की सांसे तेज हो गयी | उसकी गरम गरम सांसे मक्खन जैसे मुलायम गोरे गोरे सुडौल स्तनों पर से होती हुई चुचियों पर जाकर लग रही थी | वो बला की खूबसूरत लग रही थी | इतने साल अपनी हवस को कुचलने का एक फायदा भी उसे मिला | उसके स्तन अभी भी किसी कुंवारी लड़की की तरह सुडौल, ठोस और सामने की तरफ तने हुए थे , वरना इस उम्र तक स्तनों में लटकन आ ही जाती है|

रोहित ने रीमा के चुतड छोड़ कर अब स्तन मसलने शुरू कर दिए, धीरे धीरे उसकी हथेली और उँगलियों की सख्ती बढती जा रही थी, बीच बीच में रीमा के ओठ चुसना छोड़ चुचियो पर अपने दांत गडा देता, तो रीमा के मुहँ से सीत्कार भरी सिसकारी फूट पड़ती, फिर वह उन्हें छोटे बच्चे की तरह चूसने लगता, फिर वापस जाकर रीमा के ओठो से ओठ सटा देता और अपनी जीभ रीमा के मुहँ में ठेल देता और दोनों के मुहँ की लार एक दुसरे में घुलने मिलने लगी |

रोहित को अपनी किस्मत पर यकीन नहीं हो रह था, बिना कपड़ो की परतो के क्या ये वही रीमा का जादुई खूबसूरत जिस्म है जिसको वो वर्षो से बिना कपड़ो के देखने की तमन्ना पाले हुए था | इतनी खुसुरत रीमा को चोदने के ख्याल से ही रोहित का रोम रोम खड़ा हो गया , लंड की तरफ खून का दौरान तेज हो गया | आज सालो बाद वो रीमा को चोदने जा रहा है , वो भी वो रीमा जो उसकी कल्पनाऔ से भी कही ज्यादा खूबसूरत है | इतनी खूबसूरत, फूल सी नाजुक रीमा को जब वो चोदेगा तो कितना मजा आएगा, ये सोच के ही उसका लंड और ज्यादा तनता चला गया | रोहित तो रीमा को आंखे फाड़ फाड़ कर देख रहा था | जांघो के बीच में त्रिकोण बनाती, चिकनी गोरी बाल रहित चूत त्रिकोण घाटी, जिसे शायद वो दूसरा आदमी है जो देख रहा था | रोहित तो जैसे स्वर्ग से भी अच्छे लोक की सैर कर रह था और उसके समाने एक नंगी अप्सरा खड़ी होकर उसे अपने अन्दर समां जाने का आमंत्रण दे रही थी | उसकी खूबसूरत कसी हुई चिकनी गुलाबी चूत में समां जाने की | पूरी तरह समा जाने की, अन्दर तक, आखिर छोर तक |

रोहित रीमा के स्तन पर से हाथ हटाकर उसके दोनों चूतडो का जायजा लेने लगा |

कमर से नीचे जांघो तक उभरे हुए, कुंवारी लडकियों की तरह सुडौल कसावट लिए हुए, नरम नरम मांसल बड़े बड़े चुतड देख कर वो पागल सा होने लगा |

रोहित ने धीमी आवाज में कहा- क्या हम बाथरूम में चल सकते है?

रीमा ने मौन सहमती में सर हिलाया | वो समझ ही नहीं पा रही थी कि वो कर क्या रही है, पूरी तरह से नंगी रीमा अपने कुल्हे हिलाते हुए हलके कदमो से बाथरूम की तरफ चल दी, उसके अन्दर का प्रतिरोध ख़त्म हो गया था, उसकी सोचने समझने की शक्ति ख़त्म हो गयी थी, वो वही कर रही थी जो रोहित कर रहा था | हर उठते पड़ते कदम के साथ उसके सुडौल मांसल बड़े बड़े गोलाकार नितम्ब बारी बारी से उठ गिर रहे थे | उसके पीछे चला रहा रोहित टकटकी लगाये रीमा को पूरी तरह से हमेशा के लिए अपनी आँखों में समा लेना चाहता था | बलखाती कमर और मटकते कुल्हे और हिलते चुतड देखकर रोहित तो जैसे पलक झपकाना ही भूल गया |

बाथरूम पंहुचते ही रोहित ने कपडे उतारने शुरू कर दिए, आगे क्या होने वाला है ये सोचकर ही रीमा कांप उठी | जैसे ही रोहित ने शर्ट उतारी, उसका बालो से भरा मांसल चौड़ा सीना देखकर रीमा के नितम्बो और कमर में एक सुरसुरी दौड़ गयी | रोहित ने तेजी से अपने जूते उतारे, उसके बाद पेंट और अंडरवियर साथ ही उतार दी | जैसे जी रोहित ने अंडरवियर उतारी, उसका फनफनाता मुसल जैसा मोटा लंड सीधा हो गया , और उछाल कर बाहर आ गया |

रीमा ने आश्चर्य से रोहित की कमर की तरफ देखा, रोहित का मोटा लम्बा, खून के तेज दौरान से कांपता लंड बिलकुल धमकाने वाले अंदाज में ऊपर की तरफ सीधा होता जा रहा है |

रोहित का लंड की मोटाई और लम्बाई देख रीमा की आंखे फटी की फटी रह गयी |

रोहित के मोटे लंड का सुपाडा खून के तेज बहाव के कारन फूल गया था और खून के बहाव के कारन होने वाला कम्पन साफ नजर आ रहा था | इतना मोटा बड़ा लंड उसने कभी जिंदगी में नहीं देखा था | उसे थोडा बहुत अंदाजा था की रोहित का लंड बड़ा है लेकिन इतना बड़ा होगा ये उसकी कल्पना से भी परे था |

रोहित अपने मुसल लंड को हाथो में लेकर मसलने लगा | तेजी से मसलने लगा |

रीमा एकटक उसे देखती रही | रोहित ने रीमा से इशारे में पुछा , क्या वो उसके मोटे तने हुए लंड को अपने नाजुक हाथो में लेगी | रीमा रोहित का इशारा समझ नहीं पाई क्योंकि वो तो रोहित के मुसल जैसे तनकर एकदम कड़क लोहे की राड की तरह हो चुके लंड को देखने में खोयी हुई थी | उसे कहाँ होश था की रोहित क्या कह रहा है | कुछ देर तक रोहित लंड को मसलता रहा, फिर आखिरकार हारकर उसने बाथरूम की ख़ामोशी तोड़ी - रीमा इसे अपने हाथो में लो न, ये तड़प रहा है तुमारे लिए , इसे अपने नरम नरम हाथो से सहलाओ मसलो रगडो कुचलो , जो मर्जी हो वो करो लेकिन इसे अपने हाथो में ले लो |

रीमा की जैसे तन्द्रा भंग हुए, उसने धीरे से रोहित के लंड की तरह हाथ बढ़ा दिए और अपने नाजुक हथेलियों में रोहित के कठोर लंड को जकड़ लिया |

रोहित - इसे रगड़ो न रीमा, देखो कितना काँप रहा है | रीमा ने हौले हौले उसके लंड पर हथेली फिसलानी शुरू कर थी | रीमा के हाथ रोहित के सख्त खड़े लंड पर फिसलने लगे | रोहित में लय में कमर हिलाने लगा और अपने लंड की तरफ देखते हुए – इस तरह से पेलूगा तुमारी चूत में ये मोटा लंड |
रीमा कुछ नहीं बोली बस लंड मसलती रही |

रोहित पत्थर बनते लंड को देखकर बोला - रीमा इसे अपने मुहँ में लेकर चुसो न |

रीमा ने अपने ओठ भींच लिए, वो आंखे फाड़ फाड़ कर बस रोहित के लंड को ही देखे जा रही थी और उस पर अपने हाथ तेजी से फिसला रही थी , उसकी नज़रे ही नहीं हट रही थी रोहित के लंड से, बार बार उसके दिमाग में रोहित और प्रियम के लंड की तस्वीरे एक साथ आ जाती और वो दोनों की तुलना करने लगती | प्रियम का लंड चिकना छोटा और पतला था इसलिए उसने आसानी से पूरा का पूरा लंड मुहँ में निगल लिया था लेकिन रोहित का लंड तो बहुत बड़ा है और मोटा भी ये तो मेरा मुहँ और गला दोनों फाड़ डालेगा, अगर इसको मैंने मुहँ में लेने की कोशिश की तो पक्का है मेरा दम घुट जायेगा और मै मर जाउंगी | वो इतना बड़ा लंड अपने जीवन में कभी देखेगी ऐसा उसने सपने में भी नहीं सोचा था | कोई औरत, कोई भी औरत इतने बड़े लंड को अपनी चूत के अन्दर कैसे ले सकती है, शायद इसलिए रोहित की बीबी इसको छोड़कर चली गयी, मैंने कई बार रोहित से तलाक की असली वजह पूछनी चाही लेकिन हर बार वो टाल देता था | जो औरत इतने मोटे लंड से चुदेगी वो दो दिन तो बिस्तर से न उठेगी, इसलिए शायद कोई भी लड़की रोहित की महीने दो महीने से ज्यादा फ्रेंड नहीं रहती | जो एक बार इतने बड़े लंड के दर्शन कर लेगी, चुदवाना तो दूर रोहित के आस पास भी नहीं फटकेगी | रोहित के मोटे लम्बे मुसल जैसे लंड की दहशत के बावजूद रीमा के दिमाग के कोने में एक अनजानी आकर्षण भरी चाह उपज रही थी | रीमा ने इनकार में सर हिला दिया |

रोहित मन मसोस कर रह गया, उसने एक कोशिश और की - रीमा प्लीज एक बार मुहँ में लेकर चुसो न, आग लगी हुए है मेरे लंड में, शायद तुमारे मुहँ में जाकर इसे तोड़ी नमी मिल जाये और इसकी जलन कुछ कम हो |

इस बार रीमा ने मुहँ खोल ही दिया - नहीं मै इसे मुहँ में नहीं ले सकती, ये बहुत बड़ा है मोटा भी और फूलकर कितना बड़ा हाहाकारी हो गया है भला ये मेरे मुहँ में कैसे आएगा | नहीं नहीं मै इसे मुहँ में नहीं ले पाउंगी, ये मेरे नाजुक छोटे से मुहँ से बहुत बड़ा |

रोहित - रीमा प्लीज एक बार कोशिश तो करो |

रीमा - नहीं रोहित ये बहुत बड़ा है ,मेरे मुहँ में नहीं जायेगा |

रोहित - जायेगा तो तब जब तुम कोशिश करोगी |
रीमा भी थोड़ा खीझ गयी - ये बहुत बड़ा और मोटा है मेरे मुहँ में नहीं जायेगा, मै बोल रही हूँ न |

रोहित निराश हो गया, रीमा ने उसके फूले हुए सुपाडे पर अपने नरम होठो को मादक किस करते हुए कहा - ये मेरे मुहँ के अन्दर नहीं जायेगा, ये इतना मोटा बड़ा है ऊपर से इतना सख्त है मेरे मुहँ को चीर के रख देगा , ये मेरे मुहँ के नहीं जा पायेगा | तुम्हें जो करना हो कर लो लेकिन मै इसे मुहँ में लेने की आत्मघाती गलती नहीं कर सकती |

रोहित को हल्का निराश देखकर समझाने वाले अंदाज में - रोहित तुम मुझे तकलीफ पंहुचाना चाहते हो, तुम्हे पता है न कितना तकलीफ देह होगा ये, कितना दर्द होगा हो सकता है मुहँ में , चोट लग सकती मुझे भी और तुमारे इस मुसल लंड को |

सच तो ये था रोहित के हाहाकारी लंड को देखकर रीमा की हिम्मत टूट गयी थी वो अगर हिम्मत करके कोशिश करती तो शायद कुछ होता लेकिन उसके दिमाग में बैठ गए डर ने सारे रास्ते बंद कर दिए थे |

रोहित भी समझ गया रीमा की न का मतलब न ही है | रोहित ने बाथरूम में बने रिलैक्सिंग बेड पर रीमा को लेटने का इशारा कर दिया | रीमा रोहित का लंड छोड़ कर बाथरूम में बने रिलैक्सिंग बेड पर करवट के बल लेट गयी |

इस एंगल से रोहित का लंड और ज्यादा हाहाकारी लग रहा था | रीमा ने एक लम्बी आह भरी और वासना भरी आँखों से रोहित को देखने लगी |

रोहित के लंड ने रीमा के मन में दहशत भर दी थी, लेकिन उसे पता था अब बहुत देर हो चुकी है, अब वो दोनों ही इतना आगे आ चुके है है कि पीछे नहीं लौट सकते, इस हालत में न ही वो रोहित को रोक पायेगी, अगर वो रोहित को रोकना भी चाहे तो वो मानेगा नहीं, और मानने का सवाल भी नहीं उठता, इतनी खूबसूरत नंगी औरत का एक एक रोम देखने के बाद कौन पीछे हटना चाहेगा, कौन रस टपकाते गुलाबी ओठो का रस नहीं पीना चाहेगा, कौन इतनी कोमल, गुलाबी संगमरमर की तरह चमकते दमकते जिस्म को बिना भोगे छोड़ देगा, कौन सुडौल तने हुए स्तनों को नहीं मसलना चाहेगा, कौन गोरी गुदाज मांसल जांघो पर अपनी जांघे नहीं रगड़ना नहीं चाहेगा, कौन मक्खन जैसी चिकनी नरम गुलाबी चूत को बिना चोदे छोड़ देगा | रोहित को रोकना के बारे में सोचना तो बहुत दूर की बात थी, असल में वो खुद को ही नहीं रोक पा रही थी | उसे ये करना ही होगा, हर हाल में करना होगा, अगर उसे अपनी आत्मा की खिलाफ जाकर भी ये करना पड़े तो वो भी सही | उसे रोहित की हर धड़कन के साथ कांपते मोटे तगड़े लंड को अपनी मक्खन जैसी चूत के अन्दर गहराई तक लेना ही होगा, यही हाहाकारी मुसल लंड सालो से हवस की आग में जल रहे शरीर की भूख मिटा सकता है, यही वो लंड है जो उसकी चूत में उमड़ रहे वासना की आग को ख़तम कर रिमझिम फुहारे बरसा सकता है | सालो से लंड की प्यासी चूत को चीर कर, फाड़कर चूत के दूसरे छोर तक जाना होगा, जितना ज्यादा से ज्यादा मेरी चूत की गहराई तक लंड जायेगा मै ले जाउंगी | चाहे जितना दर्द हो, चाहे चूत फट जाये, उसकी दीवारों चटक जाये, उनसे खून बहने लगे फिर भी ये मोटा सा भयानक लंड मेरी चूत की अंतिम गहराई तक जायेगा | जब तक मेरे शरीर में दम रहेगा तब तक इससे चुदवाती रहूंगी | मुझे अपनी चूत की वर्षो की प्यास मिटानी है, मुझे अपनी चूत की दीवारों में उमड़ रही चुदास की आग को बुझाना है, जैसे सावन में बार बार बरसते बादल धरती की प्यास बुझाते है ऐसे ही ये मोटा लम्बा रोहित का लंड बार बार मेरी चूत में जाकर मुझे चोदेगा और मै बार बार झड़ झड़ कर चूत के अन्दर लगी आग को बुझाऊंगी, और अपनी तृप्ति हासिल करूगी, असली तृप्ति भरपूर तृप्ति, परम सुख परम संतुष्टि, ऐसी संतुष्टि जिसको मेरे नंगे जिस्म का एक एक रोम महसूस करे | रीमा ने अपनी टूटी हुई हिम्मत और पस्त हौसलों को एक नयी जान दी |

रोहित रीमा को घूर घूर कर अपने लड़ को हाथ मसल रहा था उससे मनमाने तरीके से खेल रहा था

रीमा का चुनौती देने वाले अंदाज (शायद वो जताना चाहता था क्या ले पावोगी इतना मोटा लम्बा , फट जाएगी चूत तुमारी, चीथड़े उड़ जायेगें तुमारी चूत की गुलाबी गीली दीवारों के) में मखौल उड़ा रहा था और रीमा चुपचाप छत की तरफ मुहँ करके लेटी थी, उसने रोहित की हरकतों पर गौर ही नहीं किया, वो कामवासना की पीड़ा में अपनी ही उधेड़बुन में खोई हुई थी |

वो अब अपनी सालो से मन के कोने में दबी हवस और चुदाई की लालसा को छिपाना नहीं चाहती थी | अब वो खुलकर चुदना चाहती थी और उसकी चूत भी उसके वासना में जलते जिस्म की आग बुझाने को तैयार थी | रोहित को देखकर रीमा को प्रियम के लंड चूसने के सीन याद आने लगते, नूतन के बड़े बड़े स्तन और कलुये राजू का वो जोर जोर से नूतन का स्तन मसलना और चूची मुहँ में लेकर चुसना | वो अपनी हर सेक्स फंताशी को पूरा करना चाहती थी, सालो से दबी उसकी वासना और हवस की तमन्नाये अब उफान मार मार कर बाहर आने लगी थी, अब वो और अपनी वासना को दबाना नहीं चाहती थी, जो होगा देखा जायेगा, प्रियम का लंड चूसने के बाद उसकी इतनी हिम्मत हो गयी थी कि अब लोकलाज को किनारे रख, समाज के खोखले ढकोसलो को दरकिनार कर वो अपने जिस्म की प्यास बुझाने के लिए तैयार थी , अब रोहित के लंड से वर्षो से दबाती आई अपनी वासना को जी भर के मिटाएगी |

अब रोहित से रहा नहीं गया, रोहित ने रीमा को अपने आगोश में ले लिया और हौले हौले चूमने लगा | कभी गर्दन कभी कानो कभी कान फिर से गर्दन को चूमने लगता | रीमा पूरी तरह से वासना के आगोश में चली गयी थी, उसकी गरम सांसे धौकनी की तरह चलने लगी थी, छाती तेजी से उठने गिरने लगी | यही हाल रोहित का भी हो चूका था, रोहित की सांसे भी तेज हो गयी थी, बदन गरम हो गया था और उसका लंड इतना सख्त हो गया था फटने की कगार पर पंहुच गया था |

चुमते चुमते रोहित रूक गया और रीमा के खूबसूरत जिस्म की एक एक बनावट एक एक कोना अपनी आँखों के जरिये अपने दिलो दिमाग में उतारने लगा | रीमा का गोरा सपाट पेट, उसकी गोरी, केले के तने जैसी चिकनी मुलायम मांसल जांघे और जांघो के बीच बना चूत घाटी त्रिकोण सब कुछ नुमाया हो गया, बड़े बड़े गोल सुडौल मांसल चुतड | जांघो के बीच स्थित चिकनी चूत घाटी में बालो का नामोनिशान नहीं था, उसने जांघ के बीच चूत के इलाके का न केवल आज क्लीन सेव किया था, बल्कि उसका स्पेशल मेकअप भी किया था ऐसा लग रहा था कि उसकी चूत पर कभी बाल थे ही नहीं और पूरा इलाका हल्का गुलाबी रंग में चमक रहा था |

रोहित को रीमा की त्रिकोण चूत घाटी साफ़ नजर आ रही थी, बिलकुल संगमरमर की तरह सफ़ेद, मक्खन की तरह चिकनी सपाट और उसके बीच में बनी मदमस्त चूत के नरम ओठो का गुलाबी कटाव भी साफ़ नजर आ रहा था |

सर से लेकर पांव तक रीमा के शरीर पर अब एक कपड़ा नहीं था, वो बिलकुल प्राकृतिक अवस्था में रोहित के पास थी, ऊपर से नीचे तक एक दम नंगी, न कोई कपड़ा था न कोई पर्दा था | उसका संगमरमर की तरह चमकता शरीर, हर एक अंग की झलकती मादकता सब कुछ खुलकर बाहर आ गया था |

रोहित तो सीधे जैसे स्वर्ग पंहुच गया हो और कोई अप्सरा बिलकुल नंगी होकर अपना मखमली जिस्म लिए उसके सामने हो, रोहित जितनी खूबसूरत औरत की कल्पना कर सकता था उससे परे बेमिशाल खूबसूरत जिस्म की मालकिन रीमा उसके सामने थी और अपने गुलाबी अप्सराओ जैसे हुस्न से रोहित को वासना में मदहोश किये दे रही थी | रोहित की आंखे पलक झपकाना भूल गयी , रीमा को नंगी देखकर रोहित के लंड में खून का दौरान दोगुना हो गया, उसका लंड फूलकर बिलकुल पत्थर बनने की कगार पर आ गया था | रोहित कुछ देर तक एकटक रीमा की खूबसूरती देखता रहा |

रीमा के नाजुक मखमली जिस्म की कसावट देखकर कोई भी रीमा की उम्र १० साल कम ही बताएगा | रोहित हमेशा बस अंदाजा ही लगाता था, उसे भी नहीं पता था रीमा के जिस्म बनावट इतनी कमाल की है की किसी के भी होश उड़ा दे | रोहित बस ऊपर से नीचे तक रीमा को जी भर के देख ही रहा था | अपनी फंताशी में उसने कई बार रीमा को नंगा किया लेकिन उसे यकीन नहीं था की कभी वो रीमा को सर से पांव तक पूरा साक्षात् नंगा अपनी आँखों से देख पायेगा | लम्बा गोलकार मुहँ, रस टपकाते पतले ओठ सुराही जैसी पतली गर्दन, छाती पर भरे पुरे सुडौल सामने की तरफ तने हुए स्तन और उनके शीर्ष पर विराजमान दो चुचियाँ, सपाट पेट और उसके बीच में सुघड़ नाभि,पेट पर फैट का नामोनिशान नहीं, भरी भरी गोलाकार गोरी गोरी गुदाज जांघे, उठे हुए गोलकार मांसल बड़े बड़े चुतड और जांघो के बीच में हल्की गुलाबी सफ़ेद रंग की तरह चमकती मखमल की तरह चिकनी त्रिकोण चूत घाटी, किसी को भी पागल कर दे|

रोहित पर किस्मत जबरदस्त मेहरबान थी कि पहले से ही बला की खूबसूरत, परफेक्ट शारीरिक बनावट की मालकिन रीमा ने आज ही अपनी चूत को क्लीन सेव भी किया और बॉडी हेयर भी क्लीन किये | ऊपर से खूबसूरत बॉडी आयल और मेकअप ने सोने पर सुहागा कर दिया | इससे सामने से देखने वालो को रीमा साक्षत आसमान से उतरी बिना कपड़ो की परी जैसी लग रही थी | रोहित की नजर कभी रीमा के रस टपकाते ओठ पर अटक जाती, कभी रीमा के गोलाकार सुडौल गोरे स्तनों पर टिक जाती, तो कभी दो जांघो के बीच बने गोरे मखमल जैसे चिकने और रपटीले गुलाबी चूत घाटी के त्रिकोण पर, कभी वो रीमा की चिकनी गोरी मांसल जांघे घूरने लगता | रोहित को समझ ही नहीं आ रहा था किसको ज्यादा देर तक निहारे | रीमा ने सर झुककर एक बार खुद को निहारा और अपने खूबसूरत मादक जिस्म की मादकता में मन ही मन में आनंदित होकर वासना की समुद्र में गोते लगाने लगी लगी |

रोहित रीमा की जिस्म के और करीब आ गया रीमा ने कुछ तो डर के मारे और कुछ आगे होने वाले का अनुमान लगाने के लिए अपनी आंखे बंद कर ली | जैसे ही रोहित का सख्त हाथ उसकी कमर के नीचे से वासना से दहकती उसकी जांघो के बीच में नरम चिकनी त्रिकोण चूत घाटी के भूतपूर्व बालो के चिकने जंगली इलाके (जो अभी पूरी तरह से साफ़ सुथरा गुलाबी चिकना मैदान था ) पर से फिसलता हुआ नीचे बढ़ा, रीमा ने पैर फैलाकर खुद ही पूरी तरह से हथियार डाल दिए|

रीमा ने रोहित के सामने अपने जिस्म और मन दोनों का समर्पण कर दिया, अब उसके अन्दर किसी बात का प्रतिरोध करने की शक्ति ख़त्म हो गयी थी | रीमा ने अपनी जांघे रोहित के लिए खोल दी थी |

उसकी दुधिया गुलाबी गीली चिकनी चूत दिखने लगी | रोहित तो उस चूत की बनावट को देखकर हैरान रह गया, भला कोई चूत इतनी खूबसूरत कैसे हो सकती है | चिकनी सुडौल गोरी गोरी मांसल जांघो के बीच में स्थित रीमा की गीली गुलाबी सफ़ेद चूत अलग ही चमक रही थी | चूत की शुरुआत में ऊपर गुलाबी परतो के बीच उसका चूत दाना छिपा हुआ था उसके नीचे सलीके से दोनों गुलाबी ओठों की फांके नीचे की तरफ गयी हुई थी और चूत के मुहाने पर पंहुचते पंहुचते गायब हो गयी थी | पूरी चूत बिलकुल साफ़ दुधिया गुलाबी रंग से नहाई हुई, आसपास की चमड़ी भी उसी रंग में चमक रही थी |

एक दम साफ़ हल्की गुलाबी लालिमा लिए रीमा की चूत पूरी तरह गीली हो चुकी थी और उसकी चूत रस उसके पतले गुलाबी ओठो को सरोबार किये हुए था | रोहित तो बस रीमा की चूत देखता ही रह गया |रोहित ने अपना हाथ धीरे से रीमा की जांघो के बीच उस वर्जित इलाके चूत घाटी की तरफ बढ़ाया, जहाँ आज से पहले बस उसके स्वर्गीय पति और प्रियम की उंगलिया गयी थी | उसने धीरे से अपनी उंगलिया रीमा की चूत की तरफ बढ़ाई और बहता चूत रस पोछने लगा

रीमा का चूत रस उंगलियों पर लेकर उसका रस पान करने लगा |रसपान करने के बाद उसने हलके से रीमा की चूत के गुलाबी गीले ओठों को फैलाया और गुलाबी चूत दाने को रगड़ने लगा |

वासना में तपती रीमा की तेज धडकनों से बढे तेज खून के बहाव के कारन लाल गुलाबी होकर कर फूल गए चूत दाने या चूतलंड को जैसे ही रोहित ने छुआ, तो रीमा के सुडौल मांसल चुतड अचानक से झटके में ऊपर को उठ गए, ऐसा लगा जैसे उसे बिजली का करंट लगा हो |
रोहित ने रीमा के गुलाबी लाल फूले हुए चूत दाने पर उंगली का दबाव बढ़ा दिया और पांच सात बार तेजी से रगड़ दिया |और फिर कुछ देर तक मसलता ही रहा |

रीमा के मुहँ से मादक कामुक कराह निकल गयी-ओह्ह ओह्ह्ह्ह यस ओह्ह्ह्हह यस |
रोहित ने रीमा के चूत दाने को मसलना जारी रखा | रीमा की कमर अपने आप झटके खाने लगी | उसके मुहँ से सिकरियां फूटने लगी |
रीमा - आह्ह्हह्ह्ह्ह रोहित आअऊऊऊह्ह्ह्ह ऊऊऊह्ह्ह |

रोहित ने धीरे से अपनी उंगलियाँ रीमा की बाल रहित चिकनी चूत के पतले पतले गुलाबी ओठो की तरफ बढा दी और उन्हें सहलाने लगी, उनसे छेड़खानी करने लगा | पहले से ही सेंसिटिव गरम गीली चूत के ओठो को रगड़ना रीमा के बर्दाश्त से बाहर हो गया |

रीमा की नरम, गोरी, चिकनी और वासना की आग में जलती गुलाबी चूत को ऊपर से सहलाते रोहित ने ऐसा अपने सेक्स जीवन में कभी भी एक्सपीरियंस नहीं किया था, उसने रीमा की गीली हो चुकी गुलाबी चूत को बमुश्किल अभी हाथ ही लगाया है और रीमा के होश फाख्ता हो गए है, उसका खुद पर से काबू ख़तम हो गया है | रोहित ने रीमा की चूत के ओठो को धीरे से इधर उधर किया और अपनी मध्य उंगली को उसकी बेहद कसी गीली गरम गुलाबी चूत में डालने लगा, चूत की दीवारे एक दूसरे से सटी हुई थी और चूत के छेद को इस कदर कस के रखा था की हवा को भी जगह बनानी पड़े | उसकी उंगली को चूत की कसी दीवारों के जबदस्त विरोध का समाना करना पड़ रहा था | रोहित ने उंगली पर और जोर डाला, नाख़ून तक उसकी उंगली चूत की गुलाबी, मलमली, गीली दीवारों को चीरती हुई अन्दर घुस गयी | रीमा के पुरे शरीर में कंपकपी दौड़ गयी, उसका पूरा शरीर उत्तेजना से गरम होने लगा |

रोहित ने और दबाव बढाया, उंगली रीमा की चूत की दीवारों का विरोध चीरती हुई अन्दर घुसती चली गयी, रोहित ने थोडा थोड़ा करके पूरी उंगली रीमा के चूत में पेल दी | चूत की दीवारे अभी भी हार मानने को तैयार नहीं थी, वो बार बार उंगली को बाहर की तरफ ठेलने की कोशिश करती | आखिरकार चूत की दीवारों के बीच रोहित की उंगली ने अपने लिए जगह बना ही ली | रीमा की चूत की नरम मखमली दीवारे जो चूत के रस से सराबोर हो चुकी थी, रोहित की उंगली को कसकर चारो ओर जकड लिया | रोहित ने रीमा की चूत में उंगली घुसेड कर अन्दर बाहर करनी शुर कर दी और अपनी गीली जीभ रीमा के फूले हुए लाल चूत दाने पर रख दी और उसे चूमने चाटने लगा |

रोहित को रीमा की चूत की कसावट का अंदाजा हो गया था | रीमा की चूत बहुत टाइट थी | रीमा की मखमली चूत की दीवारों की सलवटे रोहित अपनी उंगली पर महसूस कर रहा था | रोहित ने झटके से उंगली बाहर खींची और फिर झटके से अन्दर डाल दी | रीमा का शरीर पूरी तरह से काम वासना की उत्तेजना से अकड़ने लगा था , उसके मुहँ से निकलने वाली आहे कराहे और तेज हो गयी थी | वह रोहित को अपने ऊपर खीचने की कोशिश करने लगी | रोहित ने अब दूसरी उंगली भी चूत में घुसेड दी और तेजी से उंगली को रीमा के चूत के छेद में अन्दर बाहर करके रीमा की गरम गीली चूत को दो उंगलियों से चोद रह था, और अपने नीचे लेटी खूबसूरत रीमा को एकटक देखता जा रहा था |

रोहित ने अपनी उंगली से चूत का चोदना रोक दिया और फिर अपने पैर फंसा कर रीमा के पैरो को और फैला दिया, रीमा की चूत पर एक भी बाल नहीं था इसलिए अब कोई भी दूर से रीमा की चिकनी गोरी गुलाबी चूत के खुले ओठो और गुलाबी छेद को देख सकता था | जिसे चूत की दीवारे कसकर बंद किये हुई थी | रोहित पूरी तरह से रीमा के ऊपर आ गया उसने अपने पैरो को हिलाकर थोडा एडजस्ट किया | अब उसका खून से लबालब भरा मोटा लंड, जिसकी नसे दूर से ही देख रही थी, रीमा की जांघो के बीच बिलकुल चूत के मुहाने पर झूल रहा था |

हर धड़कन के साथ कांपते मोटे लबे लंड को जिसका सुपाडा खून की वजह से फूल कर टमाटर जैसा लाल हो गया था को देखकर रीमा ने अपनी आंखेबंद कर ली | ये मोटा सा बड़ा सा फूला हुआ लंड अभी उसकी चूत की दीवारों को चीर कर रख देगा, फाड़ कर रख देगा, इसी ख्याल से रीमा का रोम रोम खड़ा हो गया | रीमा के शरीर में सिहरन दौड़ गयी | रोहित ने रीमा के ओठो को कसकर चूमा और फिर खुद की कमर को थोडा नीचे झुकाते हुए, हाथ से चूत के दोनों ओठो को अलग अलग किया. और फिर लंड को चूत के लाल फूले हुए चूत दाने पर रगड़ दिया |

बस कुछ ही पलो में . . . रीमाके मुहँ से एक लम्बी कामुक कराह निकल गयी –आह्ह्ह्हह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह ओह्ह्ह्हह ओह्ह्ह्हह उफ्फ्फ्फ़ | रीमा उत्तेजना के इस भंवर को संभाल नहीं पाई, और उसका शरीर कांपने लगा, उसके नितम्ब अपने आप उठने गिरने लगे | शायद वो झड़ने लगी थी | कुछ देर तक वो इसी तरह हिलती रही और फिर शांत हो गयी | हालाँकि वो रोहित का साथ न दे पाने के लिए शर्मिंदा थी लेकिन उसकी उत्तेजना पर उसका कोई नियंत्रण नहीं था | रोहित समझदार था उसे इन सब का अनुभव था इसलिए रोहित ने रीमा के सुडौल गोरे स्तनों को मसलना तेज कर दिया, रीमा के गले और कान के पीछे तेजी से चूमने लगा, चाटने लगा|

बारी बारी से उसके मांसल सुडौल गोरे गोरे स्तनों को मसलते हुए बीच बीच उसके फूले हुए लाल चूत दाने को रगड़ने लगता | दूसरे हाथ से उसके नरम नरम बड़े बड़े मांसल चुताड़ो मसलने लगता, रीमा की कमर उठाकर, उसकी जांघे और चूत घाटी त्रिकोण पर खुद का फडकता हुआ मोटा लम्बा लंड रगड़ने लगता |

धीरे धीरे रीमा का जिस्म फिर से गरम होना शुरू हुआ, रोहित ने अपने मोटे लंड के फूले हुए सुपाडे से रीमा का फूला चूत दाना जोरे से रगड़ दिया और फिर रोहित ने लंड को रीमा की गुलाबी चूत पर रगड़ना शुरू कर दिया

मोटे मुसल जैसे लंड के फूले हुए सुपाडे से लालिमा लिए चूतदाना रगड़ने से रीमा बहुत जल्दी फिर से पूरी तरह से उत्तेजित हो गयी | रीमा की आहे फिर निकालनी शुरू हो गयी, कुछ ही पलो में रीमा फिर से वासना के भंवर में मस्त होकर सिसकारियां भरने लगी, उसकी चूत की दीवारों से फिर पानी झरने लगा |रोहित ने रीमा की गुलाबी चिकनी चूत पर अपना लंड रगड़ना अनवरत जारी रखा | रीमा वासना में मस्त होकर सिसकारियां भरती रही |

इन्ही मादक कराहो के बीच रोहित ने लंड को रीमा की चूत के छेद पर रखा, और रगड़ने लगा |

रीमा की कराहे और सिसकारियां बढती जा रही रही थी | रोहित ने कमर को और झुकाते हुए लंड को रीमा की चूत से सटा दिया और उसकी चूत रगड़ने लगा | रीमा भी उसकी चूत को सहलाते रोहित के लंड पर हाथ फेरने लगी |

रोहित ने रीमा की चिकनी गुलाबी गीली चूत को सहलाते सहलाते रीमा की चूत के ओठ खोल दिए और और अपने खड़े लंड का फूला सुपाडा उसकी मखमली गुलाबी चूत पर सटा दिया | रीमा को लगा अब बस रोहित अपना मुसल लंड उसकी चूत में पेल देगा | रोहित रीमा की जांघो को अपने और करीब ले आया और अपने लंड को उसकी चूत के मुहाने पर लगा दिया

रोहित ने कमर पर जोर लगाया, और अपने मोटे लंड का फूला हुआ सुपाडा रीमा की चूत में पेलने की कोशिश करने लगा | उसने आइस्ते से रीमा के कसे संकरे चूत छेद पर दबाव बढ़ाया और अपने सुपाडे को रीमा की गीली चूतरस से भरी चूत के हवाले करने लगा |रीमा की चूत के गुलाबी ओंठ उसके फूले सुपाडे के इर्द गिर्द फ़ैल गए |

रीमा की चूत पर लंड सटाने के बाद उसने दो बार लंड को चूत में पेलने की कोशिश की और दोनों बार चिकनी चूत की कसी दीवारों और उसके चारों तरफ फैले चिकने चूत रस के कारन के कारन लंड फिसल गया | रोहित ने इस बार लंड को जड़ से पकड़कर चूत के मुहाने पर लगाया और जोर का धक्का दे मारा | रीमा की चूत की मखमली गुलाबी गीली दीवारों को चीरता हुआ लंड का सुपाडा चूत में घुस गया |

रोहित के लंड का मोटा सुपाडा अन्दर जाते ही रीमा दर्द से कराह उठी, रीमा का पूरा शरीर काम उत्तेजना के कारन गरम था , चूत भी गीली थी, लगातार उसकी दीवारों से पानी रिस रहा था और रीमा भी रोहित का मोटा फूला हुआ मुसल लंड चूत में अन्दर तक लेने के लिये मानसिक रूप से तैयार थी फिर भी रोहित का लंड इतना लम्बा और मोटा तगड़ा था किसी भी रोज चुदने वाली औरत की चीखे निकाल दे, और रीमा की चूत ने तो बरसो से लंड के दर्शन नहीं किये थे |

रीमा-आआअह्ह्ह आआआआआह्हह्हह्हह्हहईईईईईईईईई स्सस्सस्स रोहित आह्ह्हह्ह स्सस्सस्सस, हाय मै मर गयी, प्लीज रोहित बहुत दर्द हो रहा है, प्लीज इसे बाहर निकाल लो, वरना मेरी चूत फट जाएगी, आआआआऐईईईईईईईऊऊऊऊऊऊऊऊ |

चूत की दीवारों में हाहाकार मच गया, दर्द के मारे चूत का बुरा हाल हो गया, रीमा ने मुट्ठिया भीच ली, उसके जबड़े सख्त हो गए और अपने निचले ओठो को दांतों के बीच में कसकर दबा लिया | पुरे शरीर को कड़ा करके दर्द बर्दाश्त करने की कोशिश करने लगी |

चूत की दीवारे पूरा जोर लगाकर लंड को बाहर ठेलने की कोशिश कर रही थी लेकिन रोहित कमर से पूरा दबाव बनाये हुए था, जिससे दर्द से फाड़फाड़ती चूत की दीवारों अपनी हर कोशिस के बाद भी लंड को बाहर की तरफ ठेलने में नाकाम रही | चूत की मखमली चिकनी गीली दीवारों के पास और कोई रास्ता ही नहीं बचा था, आखिर रोहित के गरम लोहे जैसे सख्त, खून के भरने से फूलकर मुसल बन गए मोटे लंड के फूले हुए सुपाडे को अपने आगोश में लेना ही पड़ा, चूत की गुलाबी दीवारों की सलवटे फैलने लगी | रीमा दर्द से चीखने लगी, रोहित की सख्त पकड़ के नीचे उसका पूरा कसमसाने लगा, खुद को रोहित की पकड़ से आजाद करने की कोशिश करने लगी | पैर पटकने लगी, अपनी गुदाज जांघो को सिकोड़ने लगी, नितम्बो को नीचे की तरफ दबाने लगी ताकि भीषण दर्द से बेहाल रीमा की चूत से सुपाडा बाहर निकल जाये |

रोहित ने अभी सिर्फ अपने लंड का सुपाडा घुसाया था और रीमा की दर्द भरी कराह सुनकर वो सोच में पड़ गया | अभी इसका ये हाल है तो जब पूरा लंड जायेगा ये तो बेहोश ही हो जाएगी | रीमा की हालत देखकर रोहित रीमा की चूत से लंड निकालने वाला ही था लेकिन निकाला नहीं बल्कि, रोहित ने रीमा की ओठो पर ओठ रख दिए और उसे बेतहाशा चूमने लगा | कुछ देर तक चूमता ही रहा |

दर्द से परेशान रीमा ने रोहित की कमर को घेरकर ऊपर चुताड़ो तक अपनी गोरी जांघे सटा दी और रोहित के नितम्बो को जकड लिया | रोहित रीमा को चुमते चुमते ही कमर हिलाने लगा |

रीमा नहीं चाहती थी कि रोहित उस पर दया करके उसकी कसी हुई चूत से जो अभी भीषण दर्द से वेहाल में से लंड बाहर निकाल ले |रोहित भी समझ गया रीमा दर्द बर्दाश्त कर रही है | एक तरह से रीमा रोहित की कमर को अपनी गोरी गुदाज जांघो से कसकर जकड लिया, और दर्द बर्दाश्त करने की कोशिश करने लगी | अब उसे कुछ देर रीमा की गोरी गुदाज जांघो के बंधन में रहकर ही कमर हिला हिला कर रीमा को चोदना होगा |

दोनों के बदनो की गरमी एक दूसरे में घुलने लगी, पसीना एक दूसरे में मिलने लगा और गरम गरम सांसे एक दूसरे की बदन से टकराने लगी | रीमा ने रोहित की कमर पर बनाये जांघो का कसाव को ढीला कर दिया, रोहित उसका इशारा समझ गया, रोहित ने कमर को हल्का सा पीछे लेकर झटका दिया, लेकिन लंड अपनी जगह से चूत थोडा और आगे खिसक गया | फिर उसने धीरे धीरे लंड को रीमा की संकरी गुलाबी चिकनी चूत में उतारना शुरू कर दिया |

रोहित ने रीमा को अभी हलके हलके धक्के लगाकर चूत के मुहाने की दीवारों को नरम करने में लगा था | जितना अन्दर तक लंड घुस गया था वहां तक धक्के मार रहा था | दर्द के बावजूद भी रीमा की मादक कराहे निकल रही थी - यस यस आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्आ ऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह यस यस चोदो मुझे, चोदो इस चूत को, कसकर चोदो|

कुछ देर रोहित ने अपनी कमर पर पूरा जोर डालकर एक तगड़ा झटका लगाया और लंड थोडा और अन्दर खिसक गया | इस अचानक हमले से चूत की दीवारों से भयानक घर्षण हुआ | चूत की गुलाबी गीली दीवारों को रोहित के लंड ने थोडा और चीर दिया, दीवारों की सलवटे फैलती चली गयी, भयानक घर्षण से रीमा की मक्खन जैसी नरम गुलाबी गीली दीवारों में जलन शुरू हो गयी, ऐसा लग रहा था किसी ने लोहे की गरम राड उसके चूत में घुसेड दिया हो| दर्द और जलन से रीमा की चूत की दीवारे बेहाल थी, दर्द के मारे चूत की दीवारों में खून का दौरान तेज हो गया था, और वो बेतहाशा फाड़फाड़ने लगी |

रीमा दर्द के कराहते हुए कांपते होठो से बोली - पेलो न बेदर्दी से, जो होगा देखा जायेगा, अब ठेल तो पूरा अन्दर तक, जितना ताकत से घुसेड सकते हो, डाल दो अन्दर तक, जहाँ तक जा सकता है जाने दो, उसके लिए राह बनावो, मेरी और मेरी चूत की परवाह न करो तुम, कब तक मेरी चूत के दर्द के चक्कर में लंड को इस तरह तड़पाते रहोगे | जब तक लंड चूत को चीरेगा नहीं, ये ऐसे ही नखरे दिखाती रहेगी | पेल दो पूरा लंड मेरी चूत की गहराई में |

रोहित ने रीमा को उलटा करकर घुटनों के बल ला दिया और पीछे से धीरे से उसकी दर्द से बेहाल चूत में मुसल लंड पेल दिया | रोहित रीमा को पीछे से चोद रहा था रीमा अपने चूत दाने को सहलाकर अपना ध्यान दर्द से हटा रही थी | रीमा को पता था की जब रोहित का लंड उसकी संकरी चूत के छेद को अन्दर गहराई तक चीरेगा तो उसे दर्द होना ही है |
Next page: Episode 04
Previous page: Episode 02