Episode 05
रोहित ने एक तरीका ढूंढ ही लिया | उसने रीमा के गोरे नाजुक बदन की मसाज करने की सोची, हालाँकि उसने ये कभी किया नहीं था लेकिन वह रीमा के नाजुक बदन का इक एक रोम का स्पर्श करना चाहता था रोहित ने अपने आप ही ढूंढ के मसाज आयल ले आया | रीमा बिस्तर पर ही लेती रही | रीमा समझ गयी रोहित क्या करने वाला है | आते ही रोहित ने रीमा को सीधा किया और उसकी पैंटी नीचे खिसका दी
उसके सुडौल पुष्ट ठोस स्तनों की माप लेने लगा | फिर उन पर ढेर सारा मसाज तेल उड़ेल दिया, और अपने हाथ फिराने लगा | पहले बायाँ स्तन फिर दायाँ स्तन बहुत ही हलके हाथो से मसलने लगा | धीरे धीरे उसने रीमा का पूरा सीना और पेट तेल से सरोबार कर दिया और मसाज करने लगा | वो बहुत ही हलके हाथो से बेहद ही धीमी गति से मसाज कर रहा था |
बीच बीच में रीमा की गुलाबी ओंठो पर चुम्बन लेना नहीं भूलता | रीमा के लिए ये मालिश बहुत राहत और आनद देने वाली थी | रीमा तो आंखे बंद किये रोहित के स्पर्श और मालिश का भरपूर आनंद उठा रही थी | रोहित ने रीमा को पलट दिया | उसकी पैंटी अभी भी उसके चुताड़ो के निचले हिस्से में फंसी थी | रोहित ने उसे धीरे से खीच कर अलग कर दिया | रीमा ने अपने सीने के नीचे एक तकिया लगा लिया, फिर से आंखे बंद कर मालिश की मस्ती में डूब गयी
अब रीमा पूरी तरह से प्राकृतिक अवस्था में थी | रोहित ने रीमा की पीठ, चूतड़ और जांघे सब तेल से सरोबार कर दिया | पूरी तरह से तेल नहाया रीमा का नंगा गुलाबी जिस्म अलग ही चमक बिखरने लगा था | उसके जिस्म का हर हिस्सा तेल में सरोबार होकर चमक रहा था | रोहित रीमा के गाल और गर्दन चूमने लगा, उसके कानो को चूमने लगा | रोहित ने जीभर कर उसके नंगे जिस्म को देखा और रीमा के चुताड़ो के नीचे जांघो पर दोनों तरफ पैर फैलाकर बैठ गया |
उसने पहले रीमा की गर्दन की अच्छे से मालिश करी, उसकी सुराही के मुहँ जैसी पतली, गोरी गर्दन पर हलके हाथो से उंगलियों के हलके हलके स्पर्श से गर्दन में आई सारी अकड़न दूर कर दी | फिर नीचे खिसकता हुआ पीठ पर आ गया | रोहित कभी नीचे से ऊपर की तरफ मालिश करता कभी ऊपर से नीचे की तरफ, दोनों ही तरीको से रीमा के लिए ये जादुई स्पर्श था |
गले से लेकर कमर तक रोहित के हाथ फिसल रहे थे, काफी देर मालिश करने के बाद रोहित थोड़ा और नीचे बढ़ा और रीमा के सुडौल मांसल उठे हुए गोरे गोरे चुताड़ो पर हाथ जमा दिए | नरम गुदाज मांस से भरे रीमा के सफ़ेद गुलाबी चुताड़ो को अपनी हथेलियों में जकड़ने का मजा ही कुछ और था | जब रीमा को लगा रोहित की उंगलिया उसके मांसल चुताड़ो पर घूम रही है, उसने भी अपनी कमर थोड़ी उचका दी, जिससे उसके चुताड़ो की खूबसूरत बनावट और ज्यादा उभर कर सामने आ गयी |
रीमा के मांसल सुडौल पुष्ट चुताड़ो पर रोहित के सख्त हाथो की हल्की नरम मालिश बिलकुल जादुई स्पर्श दे रही थी रीमा को लग रहा था जैसे वो स्वर्ग में हो | रोहित कभी हथेलियों से चुताड़ो की मालिश करता, कभी उंगलियाँ फिराने लगता, कभी दोनों हाथो से सख्ती से जकड लेता और हल्की चपत लगा देता |
चपत लगते ही रीमा के मुहँ से , आऔऊऊऊऊउच जैसे हल्की सिसकारी निकल जाती, रीमा के लिए ये अनुभव चमत्कारिक था, वो इस मालिश के हर पल को न केवल महसूस कर रही थी बल्कि जीवन भर के लिए संजो लेना चाहती थी |
रीमा के चुताड़ो की मालिश करते करते रोहित रीमा के प्रतिबंधित इलाके में पंहुच गया | उसने रीमा की जांघे फैला दी और उसकी गुलाबी चिकनी चूत की मालिश करने लगा | असल में वो चूत से ज्यादा चूत के ओंठो की मालिश कर रहा था |
बीच बीच में गोरी गोरी सुडौल मांसल जांघो को मसलने लगता और मसलते मसलते घुटनो तक ले जाता | फिर नीचे से ऊपर छुते के मुहाने तक आता | काफी देर तक वो ऐसे ही रीमा की जांघो और चूतड़ के बीचे के हिस्से की मालिश करता रहा | रीमा तो इस चमत्कारिक जादुई स्पर्श से मदहोशी के नीद में चली गयी थी | काफी देर से रीमा ने कोई आह ऊह की न आवाज निकली, न ही सिसकारी भरी | रोहित को लगा कही रीमा सो तो नहीं गयी | उसने एक झटके में रीमा को पलट कर सीधा कर दिया | और जोर जोर से उसकी नाभि के नीचे स्थित चूत त्रिकोण घाटी पर मालिश करने लगा | रीमा भी चौक गयी लेकिन इस बार वो अपनी सिसकारियां नहीं छपा पा रही थी |
मालिश करते करते रोहित का हाथ रीमा के स्तनों पर चला गया, उसने दोनों हाथो में रीमा के सुडौल पुष्ट भरे हुए ठोस नरम स्तन भर लिया और रीमा को ओंठो पर एक लम्बा डीप किस जड़ दिया | फिर नीचे सरकते हुए उसके सपाट पेट को मसलते हुए, त्रिकोण चूत घाटी पर से अपनी उंगलियाँ फिराते हुए नीचे उसके पैरो की मालिश करने लगा | जैसे ही उसके पाँव पर उसने अपनी खुदुरी जीभ घुमाई, गुदगुदी के कारन रीमा वासना की मादकता में भी खिलखिलाने लगी | रीमा के लिए गुदगुदी असहनीय हो जा रही थी और वो रोहित को रोकने की कोशिश करने लगती उतना ही रोहित उसे और छेड़ता | एक एक करके उसने रीमा के पैरो की सभी उंगलियों को मुहँ में लेकर चूसा |
रोहित ने लगभग पुरे बदन की ही मालिश कर डाली थी, अब उसकी जीभ ने अपना कमाल दिखाना शुरू कर दिया | रोहित रीमा के पैरो को छोड़कर फिर से रीमा के रस भरे ओंठो का रसपान करने लगा | इस बार रीमा ने आगे बढ़कर रोहित के ओंठो को चूम लिया और उसके मुहँ में जीभ डालकर डीप किस करने लगी | जिस तरह से रोहित ने रीमा के दर्द का ख्याल करते हुए उसके जिस्म को हल्की मसाज दी रीमा को रोहित पर प्यार आने लगा था |
रोहित रीमा के रस भरे ओंठो को छोड़कर उसकी नाभि चूमने लगा, नाभि के बीच में अपनी लसलसी गीली जीभ घुमाने लगा | रीमा वासना से मदहोश होने लगी, उसके मुहँ से सिकरियां निकलने लगी | रोहित रीमा के बदन को अपनी जीभ से गीला करने लगा | उसने रीमा का सपाट गोरा पेट पूरा जीभ से ही मथ डाला | रीमा अपने बदन पर सरसराती गीली जीभ से उठने वाले तरंगो से सिसकारियां भरती रही | रोहित ने रीमा का पेट छोड़कर रीमा को उलटा कर दिया |
रीमा ने अपनी सिसकारियां छिपाने के लिए अपना मुहँ तकिये में ढँक लिया | रोहित ने उसके कानो को चूमना चाटना शुरू कर दिया, बीच बीच में अपने दांतों के बीच लेकर हलकी बाईट लेकर किंकी फीलिंग भी रीमा को दे रहा था |
वहां से फिसलता हुआ नीचे की तरफ गर्दन को चाटना शुरू कर दिया, गर्दन के बाद पीठ पर से जीभ सरसराता हुआ रीमा के गोल सुडौल मांसल पुष्ट चुताड़ो तक पहुच गया | पहले हाथो से उसने रीमा के नाजुक गोरे बदन की मालिश करी, अब जीभ और ओंठो से कर रहा था |
खुरदुरी गीली जीभ रीमा के चिकने चुताड़ो पर, आह उसका स्पर्श ही बहुत सुखदायी था | रीमा के शरीर में दौड़ रही वासना की तरंगो में आग लगाने के लिए काफी था | उसके बाद चुताड़ो से होता हुआ उसकी जांघो को सहलाता चूमता चाटता रीमा के दूध जैसे गोरे पांवो तक पंहुच गया | वहां जाकर रीमा की पैरो की उंगलियों को चूमने चाटने लगा, एक एक कर अपने मुहँ में लेकर चूसने लगा |
असल में अब वो रीमा के खूबसूरत जिस्म को भोग रहा था | रीमा जैसी औरत के नंगे जिस्म का कोमल स्पर्श, पोर दर पोर, उंगली दर उंगली फिराता हुआ वो सुका पूरा बदन नाप रहा था | चुदाई के समय तो उसका सारा ध्यान बस रीमा की चूत को पूरा खोलने में ही लगा रहा | उसने सिर्फ चुदाई करी वो भी तकलीफदेह चुदाई | अब वो बस रीमा का जिस्म भोगना चाहता था
रीमा के जिस्म का एक एक रोम, एक एक कोना | रोहित जैसे रीमा को ऊपर से चाटता चूमता नीचे तक आया था वैसे भी फिर से ऊपर की ओर बढ़ चला | उसकी गोल चिकनी ठोस जांघो से होता हुआ, सुडौल मांसल चुताड़ो को सहलाता हुआ चूमता हुआ चाटता हुआ, उसके ऊपर कमर को हाथो से दबाता हुआ ऊपर की ओर धीरे धीरे बढ़ रहा था | उसने रीमा की जांघ और चूतड़ जीभ से चाट चाट कर गीले कर दिए थे | जीभ का नरम गीला स्पर्श एक तरह से भीषण चुदाई से मसले जिस्म को हल्की मसाज देकर उसके अन्दर का दर्द बाहर कर रहा था | रीमा को ये सब अपने दुखते बदन पर कितना आनंददायी लग रहा था इसे बस रीमा ही महसूस कर सकती थी | एक तरह से हल्की मसाज ने रीमा के बदन की टूटन को बिलकुल पूरी तरह ख़त्म कर दिया था | रोहित के न हाथ रुक रहे थे न जीभ न ओंठ | वो कमर से ऊपर की तरफ बढ़ता हुआ पीठ को सहलाता मसाज करता चूमता फिर से गर्दन के पास तक पंहुच गया और रीमा को फिर से सीधे कर दिया और उसके ओंठो पर ओठ रख दिए और इस बार जीभ घुसाकर खुद ही डीप किस करने लगा | उसका लंड अकड़कर फिर से पूरी तरह अपने पुराने हाहाकारी साइज़ में आ चूका था | हर धड़कन के साथ लंड में खून का दौरान बढ़ता जा रहा था और लंड फूलकर और मोटा तगड़ा होता जा रहा था | रोहित ने रीमा के जिस्म का एक एक कोना अपनी जीभ से नाप लिया था |
अब क्या करे वो ? कैसे पूछे रीमा तैयार है फिर से चुदने के लिए या नहीं उसके लंड में अब बर्दास्त न होने वाली अकडन होने लगी थी | उसने शर्म हया सब छोड़ हिम्मत जुटाकर रीमा से पुछा – अब क्या करे ? तुमारी चूत में तो अभी भी दर्द होगा, फिर चुदाई कैसे करे |
रोहित के हठी की गयी जादुई मसाज से रीमा अपनी ही तरंग में थी, उसे इन सब बातो से कोई मतलब नहीं था, वो उसी मदमस्ती में मस्त थी – जो तुमारी मर्जी हो वो करो, मै तुम्हे नही रोकूंगी |
रोहित – पक्का |
रीमा – हाँ बाबा पक्का |
रोहित बिस्तर से उठता हुआ – फिर तो एक ही काम कर सकते है, करोगी | इसके बाद रीमा के मुहँ के पास आकर बैठ गया | रीमा और रोहित की नज़ारे मिली | रीमा बहुत अच्छे मूड में थी, रोहित की मसाज ने उसे जैसे जन्नत की सैर करा दी हो |
रोहित सवालिया नजरो से – तुमने वादा किया है ?
रीमा रोहित की तरफ देखकर उठकर बैठ गयी और अपने चुताड़ो को दोनों हाथो से फैलाते हुए रोहित को अपनी गुलाबी चिकनी चूत का छेद दिखाते हुए बोली - तुम्हे देख लो कैसी है, तुम्हे चोदना है तो चोद लो मै दर्द बर्दास्त कर लूंगी |
रोहित - नहीं रीमा मै चोदने को नहीं कुछ और ही कह रहा था | उसने अपने लंड पर हाथो से झटका लगाकर रीमा को इशारा किया | रीमा समझ गयी वो चाहता है की मै उसका लंड हाथ में लेकर सहलाऊ, मुठियाऊ | रीमा रोहित का इशारा समझ गयी, उसने उठते हुए रोहित के सीने पर हाथ रखकर पीछे की तरह जोरदार धक्का दिया और खुद उस की जांघो के पास बैठ गयी | बेड की दराज से एक मसाज आयल निकाला और रोहित के लंड पर ढेर सारा उड़ेल दिया | फिर दोनों हाथो से सख्ती से लंड को जकड़कर हाथ हिलाने लगी |
रोहित के लंड को चिकना बनाने लगी | एक हाथ से रोहित के लंड की जड़ को जकड़ लिए और दुसरे हाथ की हथेली से रोहित के लंड का सुपाडा मसलने लगी | कभी सुपाडे पर उंगलियाँ फिराती, काफी लंड को हथेली में भरकर स्ट्रोक लगाने लगती फिरवापस हथेली से सुपाडा मसलने लगती | रोहित ने आंखे बंद कर ली | रोहित के चिकने सख्त मोटे लंड पर रीमा की हथेलियाँ सरसरा रही थी वो अलग बात है की लंड इतना मोटा था की बमुश्किल की रीमा की नाजुक हथेलियों में आ पा रहा था | रीमा पूरी तरह से मग्न होकर रोहित के लंड को हाथ से मुठिया रही थी |
रोहित ने हलके से आंखे खोली – रीमा चुसोगी नहीं ? रीमा के चेहरे पर संसय और डर ले मिश्रण के भाव देख - कोई बात नहीं मर्जी तुमारी, जो आराम से कर सको वो करो |
किसी और टाइम की बात होती तो रीमा शायद मना कर देती, इस समय सचमुच में वह वासना की मीठी मदहोशी में पूरी तरह मस्त थी- उसने रोहित के लंड के फूले हुए मोटे लाल सुपाडे के ऊपर अपने ओंठ जमा दिए
रीमा इस समय अपनी जीवन की सबसे ज्यादा सुखमय यात्रा पर थी, उसके लिए सही गलत, वर्जित, विचार, मर्यादा सब बेमानी थी | सबसे बड़ी बात थी कोई मानसिक बंधन उसे बांध नहीं पा रहा था | उसने प्रियम का लंड तो ओ चूसा ही है तो इसको क्यों नहीं चूस सकती, हालाँकि ये बड़ा है मोटा है, उसके मुहँ को दिक्कत होगी, लेकिन औरत को दिक्कत होती कब नहीं | जो होगा देखा जायेगा, रोहित ने मुझे स्वर्ग की सैर करायी है उसे कैसे निराश कर दू | उसने अपने गीले गुलाबी रस टपकाते ओंठो को फैलाकर रोहित के लंड का फूला हुआ मोटा सुपाडा अपने छोटे से मुहँ में भर लिया |
रीमा रोहित के लंड के सुपाडे को चूसने लगी और फिर रोहित के मोटे लंड के फूले सुपाडे के इर्द गिर्द अपनी गीली जीभ फिराने लगी |
फिर थोडा सा और मुहँ खोलकर उसका सुपाडा और अन्दर लेने की कोशिश करने लगी | रोहित ने रीमा का सर पकड़ लिया और हल्का सा धक्का दे दिया, उसका सुपाडा रीमा के नरम ओठो को चीरता हुआ अन्दर मुहँ में घुस गया | प्रतिरोध में रीमा ने सर पीछे की तरफ झटका, और रोहित का हाथ छुड़ा दिया |
रीमा ने नाराज होते हुए – या तो तुम मुझे अपने तरीके से चूसने दो, या जबरदस्ती मेरे मुहँ में अपना ठूस के मेरा मुहँ चोद लो |
रोहित ने नाराजगी को इगनोर करते हुए – अपना क्या ??
रीमा ने भी तड़ाक से जवाब दिया – अपना क्या ? लंड , सख्त, खून से भरा मुसल जैसा मोटा तगड़ा लंड |
रोहित समझ गया रीमा पूरी तरह से वासना की रौ में है – सॉरी जैसे तुमारी मर्जी हो वैसे चुसो, मै डिस्टर्ब नहीं करूगां |
रीमा ने फिर अपना बड़ा मुहँ फैलाया और रोहित के सुपाडे को अपने मुहँ के अन्दर ले लिया और उस पर लार लगाकर उसे चूसने लगी
फिर उसे बाहर निकाल कर उस पर जीभ फिराने लगी | फिर मुहँ में लेकर चूसने लगी | उसके बाद अपने ओंठ सुपाडे पर ऊपर नीचे करने लगी | रीमा की लार सुपाडे से रिसकर अब लंड पर नीचे की तरफ जाने लगी थी
रोहित भी मदहोश होने लगा था – कैसा लग रहा है मेरी जान मेरा मुसल लंड चूसकर, मजा आ रहा है | मुहे पता था तुम्हे ये बहुत पसंद आएगा | चुसो और अन्दर लेकर चूसो, जोर लगा कर चूसो |
रीमा को रोहित के बडबडाने से कोई फर्क नहीं पड़ा | उसे पता था गर रोहित को जवाब दिया तो वो और गन्दी बाते करेगा | रीमा रोहित के सुपाडे को चूसने में ही मस्त रही |
रोहित – क्या चूसती हो मेरी जान, आह रीमा मेरी जान, तुम जो भी करती हो इतना मस्त करती हो की क्या कहने | आह आह चुसो मेरी जान और कसकर चुसो, अन्दर तक मुहँ में डाल कर चुसो, गले तक डालकर चुसो|
रीमा अब रोहित के लंड को अपने मुहँ में लेने की कोशिश कर रही थी | उसने अपने ओंठ पूरी तरह फैला दिए और सुपाडे को निगल कर नीचे की तरफ अपना सर ले जाने लगी
ताकि रोहित का लंड निगल सके, इसी समय रोहित ने कमर हिला दी और उसका तीन इंच लंड रीमा के मुहँ में घुस गया | रीमा को खांसी आ गयी | रोहित ने एक हाथ से रीमा के सर और बाल पकड़ लिए और जबरदस्ती उसके ओंठो की सख्त गिरफ्त को चीरते हुए लंड को मुहँ में घुसा दिया और फिर एक और झटका लगा | रोहित का आधा लंड रीमा के मुहँ में घुस गया था | रीमा के मुहँ से गो गो की आवजे आने लगी, रीमा के मुहँ की सारी लार से रोहित का लंड सरोबार हो गया |
रीमा की आँखों में लालिमा आने लगी, उसकी आँखों से आंसू बहने लगे | रोहित ने दस बारह बार रीमा का सिर्फ अपने लंड पर ऊपर नीचे किया और फिर छोड़ दिया |
रीमा ने रोहित के लंड से मुक्त होते ही लम्बी साँस और फिर से लंड को चूसने में लग गयी | उसके मुहँ से निकल रहा ढेर सारा लार रोहित के लंड पर से बहता हुआ अब उसकी गोटियो की भिगोने लगा था | अपने सख्त ओंठो से जकड कर 10-12 स्ट्रोक लगाने के बाद रीमा एक लम्बी साँस लेती, रोहित के लंड को अपनी लार से भिगोती और फिर चूसने लगती |
रोहित ने रीमा को कुछ इशारा किया, वो चाहता था रीमा और गहराई तक लंड ले जाकर चूसे | रीमा ने इंकार में सर हिलाया | रीमा की इतने में ही हालत पस्त थी | उसके मुहँ पर कितना दबाव पड़ रहा था ये उसकी लालिमा ली आँखों से और उनसे बहते पानी से पता चल रहा था | रोहित ने रीमा का सर दोनों हाथो से थामा और अपना मुसल लंड उसके मुहँ में घुसाता चला गया | उसका लंड रीमा के रसीले ओंठो को चीरता हुआ, लिसलिसी जीभ पर से फिसलता हुआ गले के नीचे उतर गया |
रोहित ने तुरंत ही लंड निकाल लिया ताकि रीमा ही हालत न ख़राब हो और उसे खासने का मौका मिल जाये | रीमा ने एक लम्बी साँस ली और रोहित ने फिर से पूरा लंड मुहँ में घुसेड दिया | दो इंच का लंड तो अभी भी बाहर ही था | रोहित ने इस बार कुछ देर रोककर लंड बाहर निकाला | रीमा ने साँस भरी और रोहित ने फिर से पूरा लंड घोट दिया उसके मुहँ में, और जल्दी से दो झटके लगाये और लंड बाहर निकाल लिया | रीमा की बुरी हालत हो गयी थी | रोहित उठकर रीमा के स्तन मसलने लगा | फिर उसने रीमा को घुटनों के बल बैठा दिया और खुद खड़ा हो गया | उसने रीमा से मुहँ खोलने को कहा |
अपनी सांसे काबू करती रीमा – आराम से करना रोहित |
रीमा से ढेर सारा लार से लंड को सान दिया | और रोहित का लंड मुहँ में लेती चली गयी, रोहित ने कमर हिलानी शुरू कर दी | रीमा ने लंड पर एक हथेली का घेरा बनाकर उसे सख्त ओंठो से चूसने लगी | रोहित भी उसी अंदाज में कमर हिला रहा था |
बीच में रोहित गहरा स्ट्रोक लगा देता लेकिन वो अपना उतना ही लंड रीमा के मुहँ में ठेल रहा था जितना वो आसानी से ले पा रही थी |रीमा की सांसे तेज थी वो बुरी तरह हाफ ही रही थी | कुछ देर तक यही सिलसिला चलता रहा | रोहित रीमा के मुहँ में लंड ठेलता रहा और रीमा उसे मुहँ में लेकर चुसती रही | रीमा को लंड चूसते चूसते लगा की वो और ज्यादा लंड मुहँ में ले सकती है इसलिए उसने रोहित को इशारा किया | रोहित ने लंड बाहर निकाल लिया |
रीमा भारी तेज सांसो को काबू करती हुई – रोहित क्या ये पूरा मेरे अन्दर चला जायेगा |
रोहित – नहीं तुम्हे बहुत तकलीफ होगी |
रीमा – एक बार कोशिश करू ?
रोहित – नहीं रीमा, जब तक ये तुमारे गले के नीचे नहीं उतरेगा तब तक ये पूरा लंड तुमारे मुहँ में नहीं समाएगा | तुम्हे गले में बहुत दर्द होगा |
रीमा – दर्द तो चूत में लंड डालते समय भी बहुत हुआ था |
रोहित – सोच लो अच्छी तरह से, चूत फ़ैल सकती है मुहँ कितना फैलेगा |
रीमा – मुझे तुम पर भरोसा है तुम संभल लोगे |
रीमा ने रोहित के लंड पर ढेर सारी लार लगायी और तेजी से हाथो से ही मुठीयाने लगी, फिर मुहँ में ले लिया | और जीतनी गहराई तक ले सकती थी ले गयी | रोहित समझ गया ये नहीं मानेगी रोहित ने लंड बाहर निकाला – अच्छे से लम्बी साँस लो |
रीमा ने एक लम्बी साँस भरी – रोहित ने रीमा के मुहँ में लंड ठेल दिया और ठेलता चला गया, रीमा को गले पर ठोकर मारता सुपाडा महसूस होने लगा, रोहित ने लंड को बाहर की तरफ खीचा और बिना सुपाडा बाहर निकले फिर ठेल दिया आयर पूरा जोर लगाकर अन्दर घुसाने लगा | र्रीमा को पूरा मुहँ लंड से भरा हुआ था कही भी जगह नहीं थी , लंड गले से नीच बने छेद को चीर कर नीचे घुसने लगा |
रीमा को गले ने जलन होने लगी, रीमा लंड बाहर निकलने के लिए अपना सर पीछे ठेलने लगी लेकिन रोहित के सख्त हाथो ने उसे थाम रखा था | रीमा की साँस बंद हो गयी आँखे पलटने लगी , वो रोहित की जांघ पर हाथ मार कर लंड को बाहर खीचने का इशारा करने लगी, रोहित ने जोर लगाया और झटके से को गले के नीचे तक उतार दिया |
और वापस बाहर की तरफ खीच लिया | रीमा के जान में जान आई, उसने मुहँ से ही लम्बी साँस खीची और फिर तेजी से चार पांच साँस ली, खासने लगी |
रीमा - ख्ख्ख्खक्क्क्कक्क्क ख्ख्ख्खाक्काक्काक आआआआह्ह्ह्ह ऊऊऊह्ह्ह्ह, ह्ह्ह्हक्क्क्कक |
रोहित – मैंने बोला था न |
रीमा हांफती हुई – मुझे साँस तो ले लेने दिया करो |
रोहित – तुम नहीं मानोगी |
रीमा ने फिर से रोहित का लंड गपक लिया और गहराई तक ठेलने लगी | रोहित ने फिर पूरा लंड पेल दिया और लंड रीमा के ओठो को चीरता हुआ , जीभ पर से फिसलता हुआ तालू को कुचलता हुआ गले के नीचे उतर गया | फिर जल्दी से लंड को बाहर खीच लिया |
लंड के बाहर आते ही रीमा ने फिर लम्बी साँस खीची- ऊह्ह्हह्ह ओअऊऊह्ह गॉड ओह गॉड ह्ह्ह्हह | रीमा की आंखे बिलकुल लाल हो चुकी थी उसका चेहरा पूरा तरह से लार से सन चूका था और लंड चूसने के बढ़ते दबाव से बिलकुल लाल हो गया था | रोहित अब और ज्यादा एडवेंचर के मूड में नहीं था | उसने रीमा के मुहँ में लंड डाल के हलके हलके स्ट्रोक लगाने शुरू कर दिए, बाद में रीमा ने भी अपने हाथ उसके लंड पर जमा दिए, रोहित धीरे धीरे स्पीड बढाता गया, 15-20 झटके लगाने के बाद रोहित लंड बाहर निकाल लेता और तेजी से साँस ले लेती और फिर चूसने लगती |
रोहित बस आहे भर रहा था उसके मुहँ से बस आह उह ओह्ह ही निकल रहा था जबकि रीमा के मुहँ से गो गो चहह गो छक्क च्ह्प च्च्प गो गओंन्न्नन्न की ही आवाजे आ रही थी | रोहित मुहँ में लंड ठेलने की स्पीड बढाता जा रहा था और रीमा भी उतने तेजी से लंड मुहँ में ले रही थी, लंड पर उसके ओठो का सख्त कसाव अभी भी बरक़रार था |
दोनों ही बुरी तरह हांफ रहे थे, रीमा का सांसे धौकनी की तरह चल रही थी वही हाल रोहित का था | रीमा की लार से उसका चेहरा सीना गला सब सन गया था और जोरदार मुहँ चुदाई चल रही थी | ऐसी चुदाई जिसके बारे में रीमा ने सपने में भी नहीं सोचा था | र्रीमा रोहित का पूरा लंड भी घोट चुकी थी, हालाँकि वो तकलीफ देह था | फिर भी अभी जिस स्पीड से वो मुहँ में इतना मोटा लंड ले रही थी वो भी उसकी कल्पना से परे था | रोहित लंड ठेले जा रहा था और रीमा उसको चुसे जा रही थी |
रोहित को अपने शरीर में तनाव महसूस होने लगा था उसने रीमा के सर को कसकर जकड लिया ताकि वो हिलने न पाए और बेतहाशा उसके मुहँ में लंड पेलकर उसके मुहँ को चोदने लगा | रीम अभी समझ गयी रोहित झड़ने वाला है उसने भी होंठ फैला दिया, ताकि ज्यादा से ज्यादा लंड उसके मुहँ में जा सके | उसके हाथ भी रोहित के लंड पर तेजी से फिसलने लगे थे | अब सिर्फ मुहँ चुदाई हो रही थी वो भी अपनी फुल स्पीड में | रोहित अपने चरम पर पंहुच पता नहीं क्या क्या बडबडा रहा है – आह रीमा मै झाड़ने वाला हूँ, मेरा लावा बस निकलने वाला ही है | त्तुम पियोगी ना मेरा गरम लंड रस |
रीमा भी उसी वासना की आग में तपती हुई – हाँ उड़ेल दो सारा मेरे मुहँ, भर दो मेरा मुहँ लंड रस से | बुझा दो मेरे ओठो की प्यास , टार कर दो मेरा गला अपनी पिचकारियो से |
रोहित – हाँ बस पिचकारी निकने वाली ही है तुमरियो सारी प्यास आज मै बुझा दूगां, युमारी बरसो की प्यास मै आज मिटा दूगां | भर दूगां तुमारा पूरा मुहँ अपनी पिचकारी से |
रीमा – भर दो न मेरा मुहँ अपने गरम लावे से | सालो साल इसी का तो मैंने इन्तजार किया है | पिला दो न सफ़ेद गरम लंड रस, सीच दो आज बरसो से पड़ी सुखी जमीन को |
दोनों ही अपनी उत्तेजना में न जाने क्या क्या बडबडा रहे थे |
रोहित ने झड़ने से पहला आखिर झाका दिया | रोहित ने पूरी ताकत लगाकर अपने लंड को रीमा के गले तक ठेल दिया | उसकी जांघे कपने लगी, शरीर अकड़ गया, उसके चुतड अपने आप ही सिकुड़ने फैलने लगे | उसकी गोलियों से तेज बहाव लंड की तरफ आता महसूस हुआ |
रोहित – रीम्म्म्मम्म्मा मै तो गया आआआआआ आआआआआआआआआआ| रोहित के लंड से पिचकारियाँ छुटने लगी |
हाहाकारी भारी भरकम मोटे मुसल लंड के आक्रमण से जलते गले में एक गरम पिचकारी लगी, और सीधे पेट में उतर गयी | रोहितका सफ़ेद गरम लंड रस बह निकला |
जलते गले में गीले गरम पिचकारी लगने से रीमा के शरीर में एक झुनझुनी सी दौड़ गयी | गरम सफ़ेद लंड रस के स्पर्श से ही उसे हल्का सा ओर्गास्म हो गया | फिर लंड ने पिचकारी की झड़ी लगा दी, रोहित ने थोड़ा लंड बाहर खीचा और मुहँ में झाड़ने लगा ताकि रीमा उसका सफ़ेद गाढ़ा लंड रस का स्वाद ले सके |
काफी देर तक रोहित की कमर हिलती रही, रीमा के मुहँ में वो झड़ता रहे, रीमा उनके लंड रस की एक एक बूंद गटकती चली गयी | रोहित की गोलिया खाली हो गयी, आखिरी बची कुछ बुँदे उसके लाल फूले सुपाडे पर आकर अटक गयी जिन्हें रीमा के अपनी जीभ से चाट लिया | उसके बात रीमा रोहित के लंड को चाटती रही और तब तक चाटती रही जब तक उसमे से एक भी बूंद की गुंजाईश बनी रही |
उसने अपने मुहँ पर इधर उधर छिटक कर जाकर गिरे लंड रस को चाट लिया | और गपगप करके गटक गयी |
उसके बाद दोनों उसी बिस्तर पर लुढ़क गए | रीमा का चेहरा बुरी तरह से बिगड़ गया था | उसकी आखो का काजल गालो पर से बहकर नीचे गले तक चला गया था, उसकी आंखे भी लाल थी और उसके मुहँ से लेकर सुदल्ट स्तनों तक लार से पूरा इलाका भीगा हुआ था | उसने चहरे की पर गिरी रोहित के सफ़ेद लंड रस को चाट डाला थ अलेकिन उसके स्तनों और गर्दनो पर भी कुछ छींटे पड़े थे रीमा ने करवट करके शीशे में खुद को देखा और डर गयी | ये मै हूँ, नहीं इतनी गन्दी और उलझी हुई | छी छी छी . . मुझे ही खुद जो देखकर बुरा लग रहा है तो रोहित क्या सोचेगा |
वो तुरंत ही झट से बेड से उठी और बाथरूम में घुस गयी | बाथरूम के अन्दर जाकर रीमा ने खुद को अच्छे तरह से साफ़ किया | सबसे पहले उसने अपने मुहँ को फ्रेश किया, गालो में हो रहर हलके दर्द को सहलाया, उसके बाद खुद को अच्छी तरह धोने लगी | पहले चेहरे को अच्छे से धोया , फिर उभरे हुए सीने को, फिर पेट को | उसके बाद अपनी चूत का हालचाल लेने लगी | बालो में कंघी की | चुदाई से सूज गयी चूत फिर से अपने वापस पुराने रूप में आ गयी थी उसकी गुलाबी रंगत दमकने लगी थी | उसने अच्छे से ठन्डे पानी से अपनी गुलाबी चूत को उंगली डाल डाल धोया |
अपनी गोरी जांघो और मांसल चुताड़ो को भी रगड़ रगड़ कर धोया | उसके दुधिया गुलाबी स्तन भी बिलकुल पहले जैसे हो गए थे | उसकी गुलाबी चूत की रौनक पहले से भी ज्यादा बढ़ गयी | बाथरूम की दुधिया रौशनी में रीमा का सेक्सी बदन फिर से गुलाबी संगमरमर की तरह दमकने लगा था |
शावर से निकल कर रीमा ने खुद को तौलिये से अच्छे पोंछा और फिर शीशे की सामने पीठ करके हल्का सा आगे की तरफ झुककर अपने गोरे नरम मांसल उठे हुए चुताड़ो और जांघो को पीछे गर्दन घुमाकर देखने लगी | उसके बाद उसने हल्का सा मेकअप किया | बाल को अच्छे से कंघी किया | पुरे शरीर पर एक स्किन क्रीम लगायी और चूत त्रिकोण घाटी पर हाथ थपथपाते हुए शीशे में खुद के नंगे जिस्म को निहारने लगी | हाय क्या ये वही रीमा हूँ, क्या ये रीमा का वही जिस्म है | उसे खुद का शरीर ही बहुत खूबसूरत लग रहा था और उसी की सुन्दरता पर आत्ममुग्ध होकर अपने आप ही में मुस्कुरा रही थी |
15 मिनट बाद वो वहां से निकली और अब बिलकुल पहले जैसी रीमा लग रही थी | बिलकुल नंगी लेकिन उतनी ही खूबसूरत , कही दाग धब्बो का नामोनिशान नहीं | मुहँ चोदने से लाल हो गया चेहरा और आंखे भी ठीक हो गयी थी | रोहित भी उठकर बाथरूम गया और खुद को साफ किया और वापस आ बिस्तर में घुस गया |
रीमा बेडरूम में शीशे के सामने अभी भी अपने चेहरे को ठीक कर रही थी | पीछे से रोहित आकर उसके कमर के नीचे झुककर उसकी गुलाबी चूत देखने लगा | कसम से क्या चूत थी, गुलाबी चूत के ओंठ से ओठं सटे, बालो का कही कोई नामोनिशान नहीं | उभरे हुए गुलाबी गोरे चुतड, गोरी चिकनी पुष्ट मांसल जांघे, क्या लाजवाब बनावट है रोहित तो रीमा की चूत और चुतड देखते ही मदहोश होने लगा |
रोहित को नीचे झुके हुए देख - वहां क्या देख रहे हो |
रोहित - स्वर्ग के दर्शन |
रीमा अपनी पलके सुधारने लगी और फिर रोहित को देखकर बोली – हैप्पी नाउ |
रोहित – तुम हैप्पी नाउ ?
रीमा – मैंने सवाल पुछा है, पहले तुम जवाब दो |
रोहित – दिल की बात कंहू, सच में तुमसे भी किसी का क्या मन भर सकता है, तुम्हे नहीं पता तुम क्या चीज हो, जानेमन, एक ही ख्वाइश रह गयी है अब बस यू ही दिनरात तुमारे नंगे बदन को निहारता रहूँ |
रीमा – ऊफोफोफोफ़ अभी भी कुछ कसार बाकि रह गयी है क्या ?
रोहित – ये तो तुम बतावो न, कुछ बाकि रह गयी हो फिर से इसको तैयार करू (अपने लंड की तरफ इशारा करते हुए ) |
रीमा – धत्त बेशर्म, खुद तो पुरे के पुरे बेशर्म हो ही, अब मुझे भी बनाने पर तुले हो | उसे अब आराम करने दो, दो बार में उसकी जान निकल गयी होगी अब न उठने वाला वो आज रात भर , अब उसके बस का नहीं है कुछ | बेहतर है उसे आराम करने दो और तुम भी जाकर आराम करो |
रोहित - मै यहाँ भी तो आराम कर सकता हूँ |
रीमा - मुझे पता है यहाँ कितना आराम करोगे, न खुद सोवोगे, न मुझे सोने दोगे | जब से आये हो नंगे ही टहला रहे हो पुरे घर में |
रोहित - इतनी खूबसूरत जिस्म की मलिका अपना हुस्न छिपाकर रहे कितने अफ़सोस की बात है |
रीमा - बस बस बहुत हो गयी तारीफे, आज का कोटा पूरा हो गया अब इससे ज्यादा हजम नहीं होग, चलो हटो मुझे कपडे पहनने दो, तुम भी जाकर आराम करो |
रोहित अपने मुरझाये लंड को अपने हाथों में ही थम के बेड पर बैठा था |
रीमा - ऊओफो रोहित, अब तो छोड़ दो उस बेचारे को, उसे भी आराम की जरुरत होती है, कितना भी उस अत्याचार करो अब, वो अब कल सुबह ही जागेगा |
रोहित – रीमा मेरी जानेमन, जरा सुस्ता लेने दो, बस अभी अभी तो निपटा है, कुछ वक्त दो देखो कैसे सलामी ठोकेगा |
रीमा – अब क्या बाकि रह गया है अब क्या करोगे |
रोहित – अभी तक किया ही क्या है, चूत और गले के छेदों को साफ़ किया है , पहले से इस्तेमाल कर रही होती तो इसे इतनी तकलीफ क्यों उठानी पड़ती |
रीमा - ओफोफोफोफ़ तुम्हे बस चूत लंड ही आता है क्या ???? तुम मर्दों का चोदने से कभी पेट नहीं भरता | एक बार बस चूत मिल जाये बस फिर कुछ याद नहीं रहता | ११ बज गए है प्रियम को कल मोर्निंग में कौन तैयार करेगा कॉलेज के लिए |
रोहित – छोड़ो न सुबह की सुबह देखि जाएगी | सच कहू दिल से, पहली बार में चूत मारना मेरे लिए भी इतना आसान नहीं रहा, बहुत जोर लगाना पड़ा, तुमारी चूत का छेद नरम करने के लिए | चोदने का मजा तभी है जब लंड बिलकुल वैसे ही रपटता हुआ चूत में जाये जैसे गरम तवे पर मक्खन | मतलब लंड रखो चूत में और चूत काहे स्वागत है आइये और फिसलता हुआ अन्दर तक अपने आप लेकर जाये | चूत की नरम नरम रसीली गरम दीवारों के बीचे जब सरपट लंड फिसलता है उसमे जो मजा है रीमा, वो शब्दों में नहीं लिखा जा सकता |
रीमा – ओफ्फ्फ्फ़ बस करो बस, तुमारी तारक अभी भी नहीं मिटी है, जरा संभल कर, कही जनाब अभी सीधे हो जायेगे फिर ठंडा तो उन्हें मुझे ही करना पड़ेगा न | इतना कहकर वो अपनी पैंटी पहनने लगी | रोहित ने लपक कर उसका हाथ थम लिया - अरे ये क्या कर रही हो |
रीमा – क्या कर रही हूँ ? पैंटी पहन रही हूँ , तीन घंटे से नंगी हूँ, अभी भी न कुछ पहनू |
रोहित – अरे तो अभी क्या पहनने की जरुरत है, अभी तो सोने जा रही हो, सोते समय कौन कपडे पहनता है | मै तो नहीं पहनता |
रीमा – मै भी नहीं पहनती हूँ लेकिन अगर पैंटी भी न पहनू तो बुरे सपने आते है |
रोहित – कैसे बुरे सपने ?
रीमा – वो मै बता नहीं सकती |
रोहित – चुदाई वाले बुरे सपने, बड़े बड़े लंडो से चुदाई वाले सपने | या फिर नंगे होकर अनजान जगह भटकने के |
रीमा चौक गयी, उसे इनकार करना था उसके मुहँ से निकला – तुम्हे कैसे पता ?
रोहित – क्योंकि तुम्हे चुदाई की जरुरत थी और वही तुमारे दिलो दिमाग पर हावी थी इसीलिए तुम्हे वैसे ही बुरे सपने दिखाती |
रीमा रोहित को घूरने लगी – मुझे तुमारे इरादे नेक नहीं लग रहे, तुम घूम फिरकर उसी बात पर क्यों आ जाते हो | अब तो बहुत कुछ हो गया है हमारे बीच, आज के लिए इतना बहुत है |
रोहित बात बदलता हुआ – अच्छा वो सब छोड़ो, अपनी चूत दिखावो कुछ सुजन कम हुई | इतना कहकर उसने रीमा की अपनी तरफ खीच कर गिरा लिया और उसकी जांघे फैलाकर उसकी गुलाबी चूत की सुजन देखने लगा |
रीमा – हाय हाय तुम्हे कोई शर्म हया है की नहीं, जब देखो बस उसी के बारे में बात करते रहते हो | जब से आये हो न खुद कपडे पहने है न मुझे पहनने दे रहे हो |
रोहित ने रीमा को अनसुना करते हुए उसकी गुलाबी चिकनी चूत को देखने लगा | उसके पतले ओठो को खोलकर चूत के छेद का जायजा लेने लगा | रीमा की चूत बिलकुल पहले की तरह परफेक्ट हो गयी थी | रोहित का मन अभी भी नहीं भरा था और वो रीमा को एक बार चोदना चाहता था | उसे पूरा भरोसा था रीमा उसे मना नहीं करेगी, भले ही मुहँ से हाँ न काहे लेकिन अगर उसने पहल की तो उसका विरोध नहीं करेगी | उसने रीमा की जांघो के बने क्रॉस को हटा दिया और रीमा की जांघे फैला दी | रीमा की चूत के गुलाबी चिकने चिपके हुए ओठ खुलने लगे और रीमा की गुलाबी रस भरी नरम चूत खुलकर सामने आ गयी, उसकी चूत का गुलाबी छेद बाहर से दिखने लगा |
उसने रीमा की जांघो बीच में गुलाबी चूत के रसभरे ओठो पर अपने ओंठ रह दिए | रीमा चौक गयी उसे ये उम्मीद तो बिलकुल नहीं थी | उसके मुहँ से विरोध का स्वर निकलने की बजाय मादक सिसकारी निकली – आआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह, क्या कर रहे हो रोहित |
वो दुविधा में पड़ गयी, तो क्या मेरा शरीर अभी वासना का प्यासा है | क्या मेरी वासना की प्यास अभी भी नहीं बुझी | रोहित क्या सोचेगा मेरे बारे में, हाय मै कितनी बड़ी चुद्दक्कड़ हूँ | जब देखो तब चुदने के लिए तैयार रहती हूँ, कितनी गलत इमेज बन जाएगी मेरे बारे, कितना गलत विचार बना लेगा हमेशा के लिए मेरे बारे | आग लगे मेरे इस बदन को मुझे कही का नहीं छोड़ेगा | समाज में किसी को मुहँ दिखाने लायक नहीं रह जाउंगी | नहीं नहीं मुझे रोहित को रोकना होगा |
रीमा - रोहित क्या कर रहे हो छोड़ो मुझे |
रोहित – क्यों क्या हुआ ?
रीमा – तुम क्या कर रहे हो,इतनी देर से खेल रहे हो मेरे जिस्म से, पेट नहीं भरा अब तक |
रोहित – ये सब करने से पेट खाली होता है भरता कहाँ है |
रीमा – मै मजाक नहीं कर रही हूँ छोड़ो मुझे, बंद करो मेरी उसको चुसना |
रोहित ने रीमा के चूत दाने को चाटना शुरू कर दिया |
रोहित – ठीक है जैस तुम कहो अब सिर्फ चाटूंगा | इतना कहकर उसके लाल चूत दाने को अपनी लार से सरोबार कर दिया
रीमा – रोहित क्या कर रहे हो प्लीज मान जावो, बहुत हो गया है आज के लिए |
रोहित – क्यों भाग रही अपने आप से, जितना अपने आप से भागोगी , डरोगी उतना ही परेशान रहोगी |
रीमा – मतलब क्या है तुमारा ?
रोहित – ये भागना नहीं तो और क्या है, तुमारी आह मैंने सुनी है, तुमारा शरीर अभी भी चुदना चाहता है उसको चुदाई चाहिए | फिर तुम क्यों भाग रही हो | तुमारा जिस्म चुदाई मांग रहा है और नौजवान मर्द तुमारे सामने नंगा तुम्हे चोदने के लिए तैयार है और तुम मैदान छोड़कर कर भागना चाहती हो | जिस्म अभी भी वासना से भरा पड़ा है तुमारी चूत को चुदाई चाहिए, तुम्हे चुदाई चाहिए, तुमारा शरीर सिर्फ चुदना चाहता है |
रीमा झुन्झुलाकर – मेरा जिस्म कुछ नहीं मांग रहा है, मुझे चुदाई नहीं चाहिए, मै कामपिपासिनी नहीं हूँ मै चुदाई की भूखी औरत नहीं हूँ मुझे छोड़ो |
रोहित – ड्रामा मत करो मुझे सब पता है, सेक्स मांगने से कोई औरत नीच या बुरी नहीं हो जाती, कम से कम मै ऐसा नहीं मानता, और अब मै तुम्हे अच्छी तरह समझ गया हूँ, जो हमारे बीच है वो हमारे बीच ही रहेगा | मै ये सब बाते डींगे मारकर किसी और को नहीं बताने वाला हूँ | ये सिर्फ तुमारे और मेरे बीच है, तुम मुझसे अगर कुछ छिपाना चाहोगी तो नहीं छिपा पावोगी, मुझसे ये सब क्यों छिपाना चाहती हो | तुम बुरी नहीं हो और न ही आगे चलकर मै तुमारी इज्जत करना कम कर दूगां | चुदाई अपनी जगह रहेगी बाकि जैसे मै पहले था तुमारे लिए वैसा ही रहेगा और मै भी वैसा ही बर्ताव करूगां | सब कुछ वैस ही है और वैसा ही रहेगा, अगर कुछ बदला है तो चारदीवारी के अन्दर एक बंद कमरे में हम दोनों का नंगे होकर चुदाई करना | और ये पुराना नहीं है ये तो नया है, इसलिए ये नयी चीज बस हम दोनों के बीच है, बाकि तो सब वैसे ही रहेगा | अपने आप को सजा मत दो, तुम बहुत खूबसूरत हो और तुमारी सेक्सुअल डिजायर दूसरी औरतो से ज्यादा है ये दोनों बाते मान लो और उसका लुफ्त उठावो |
इतना कहकर रोहित ने रीमा की गुलाबी चूत में अपनी गीली जीभ घुसाने की कोशिश करें लगा और रीमा के मुहँ से एक और सिसकारी छुट गयी | रोहित रीमा की चूत जोर जोर से चाटने लगा, वो जल्दी से जल्दी रीमा को उत्तेजित करना चाहता था |
जीतनी जल्दी रीमा उत्तेजित होकर चुदने के लिए तैयार हो जाएगी उत्तनी ही रोहित को आगे कम मेहनत करनी पड़ेगी | रोहित रीमा के चूत दाने को उंगलियों से रगड़ने लगा, रीमा के कुल्हो में हरकत होने लगी, रीमा की सांसे तेज होने लगी उसकी कमर अपने आप झटके खाने लगी, उसकी आंखे कामुक वासना से बंद होने लगी | उसके मुहँ से कामुम सिसकारियां और आहे निकालनी शुरू हो गयी |
रोहित ने रीमा के चूत दाने को रगड़ना जारी रखा | उसने चूत दाने को जोर से रगड़ दिया और रीमा के शरीर में एक एक कंपकंपी उसके चुताड़ो से उठकर ऊपर रीढ़ की हड्डी से होती हुई ऊपर की तरफ चली गयी | उसने चूत उंगलियाँ रखी और उसे कसकर मसल दिया | रीमा के मुहँ से मादक कराह निकल गयी, उसका ये हाल तब था जब वो कुछ देर पहले ही बुरी तरह चुद चुकी थी, एक मोटा मुसल लंड अपनी चूत में ले चुकी थी | उसकी चूत गीली होने लगी | रोहित ने गीली गरम चूत में दो उंगलियाँ घुसा दी और चोदने लगा | बीच बीच में उसके स्चुत दाने को अपनी गीली से चाटने लगता और फिर से उंगली रीमा की चूत में अन्दर बाहर करने लगता | रीमा की गीली गरम गुलाबी चूत सचमुच में बहुत गीली थी उसकी दीवारे भी नरम थी इसलिए गरम चूत में उंगलियाँ घुसाने में रोहित को ज्यादा दिक्कत नहीं हुई |
चूत रस से उंगलिया भीग गयी और चूत की गीली रपटीली दीवारों पर आराम से फिसलने लगी, रीमा की उत्तेजना बढती जा रही थी, उसके शरीर में एक मरोड़ सी उठने लगी, उसका शरीर पसीने से सरोबार था, उसकी चूत की दीवारों को रगडती उंगलियों के स्पंदन से उसकी आहे और तेज हो गयी, वो तेज आवाज में सिकरियां भरने लगी, रोहित जैसे जैसे रीमा की चूत को उंगलियों से चोदने की गति बढाता गया वैसे वैसे रीमा का बदन अकड़ने लगा, उसका ओर्गास्म निकट, उसका शरीर अकड़ गया, कमर चुतड जांघे सब कांपने लगे, उसने बेड पर कसकर अपने हाथ जमा दिए, उसका शरीर कांपने लगा और उसके चूत से चूत रस निकर उसकी जांघो पर बहने लगा, धीरे धीरे उसका शरीर ने कांपना बंद कर दिया, उसके हाथो की पकड़ ढीली हो गयी और उसने शरीर को ढीला छोड़ दिया |
रोहित कुछ देर तक थमा रहा फिर उसने रीमा की जांघो के बीच हरकत शुरू कर दी, स्त्री को सबसे तेज उत्तेजित करने का तरीका है चूत का दाना | रोहित फिर से बेदर्दी से रीमा का चूत दाना रगड़ने लगा, रीमा फिर से गरम होने | इसी बीच रीमा ने पलती खाई और बेड के सिरहाने का सहारा लेकर अपने घुटने पर आ गयी | रोहित एक हाथ से उसके चूत दाने को रगड़ने लगा, उसकी चूत के गुलाबी पतले ओंठो पर अपनी उंगलियाँ फिराने लगा |
रोहित के सामने रीमा का संगमरमरी जिस्म नुमाया था | उसकी खूबसूरत सुडौल मांसल उठे हुए चुतड और चिकनी मखमली गुलाबी चूत कमरे की रौशनी में चमकने लगे | रोहित रीमा के दमकते गुलाबी संगमरमर जैसे जिस्म को देखकर मदहोश था | रीमा की सफ़ेद चिकनी पीठ उसके नरम लेकिन ठोस मांसल भरे हुए चुतड, उसकी गांड का छेद और फूल बनने को तैयार कली की तरह खुली गुलाबी गीली चूत के पतले नाजुक ओंठ | रोहित रीमा के हुस्न में ही खोकर रह गया था, रीमा ने हल्की मुस्कराहट के साथ सेक्सी अंदाज में रोहित को देखा, ये आमंत्रण था उसकी चूत चूसने का |