Episode 06
रोहित ने सर को रीमा की जांघो के पास घुसा दिया और अपने ओंठ रीमा की चूत के मुहाने तक ले आया और अपनी खुरधुरी गीली जीभ से रीमा के गुलाबी चूत ओंठो को चाट रहा था |
रीमा कामुकता भरी तरंगो में गोते लगाने लगी , उसने अपने ओठो को ही काटना शुरू कर दिया था | अपनी उंगलिया ही पाने होठो पर फिराने लगी अपने स्तनों को मसलने लगी | रोहित बस रीमा की चूत घाटी में ही खोया हुआ था | रीमा जोर जोर से सिसकारियां भर कर अपने ही ओंठ चबाने लगी |
थोड़ी देर बात रोहित नीचे से होता हुआ ऊपर बढ़कर रीमा सर के पास आ गया | रीमा ने अपने दहकते ओठ रोहित के ओंठो से सटा दिए | दोनों की गरम सांसे एक दुसरे के चेहरे तपाने लगी | रीमा ने रोहित का हाथ नीचे से खीच कर पाने स्तन पर रख दिया | रोहित रीमा के सुडौल सख्त स्तन दबाने लगा मसलने लगा | रोहित दोनों हाथो से रीमा के दोनों स्तन को मसलने लगा, और जोर से रीमा के निचले ओठ पर अपने दांत गडा दिए | फिरनीचे आकर उसके कड़े हो चुके निपल्ल चूसने लगा, उन्हें दांतों के बीच लेकर काटने लगा | चुदाई के लिए बुरी तरह से गरमाई औरत के जिस्म में ये सब हरकते उसकी उत्तेजना आनंद और बढ़ा देती है | नीचे रोहित लंड बुरी तरह तनकर फूल गया था | वो रीमा की जांघो के बीच बनी चूत घाटी के चिकने मैदान में दो जिस्मो के बीच पिसता हुआ रीमा के चुभ रहा था | रोहित के तपते लंड की चुभन अकडन सब रीमा को महसूस हो रही थी | रीमा ने एक हाथ नीचे डाल कर तपते लंड को पाने हाथो में थम लिया और सहलाने लगी | रीमा १० मिनट के अन्दर फिर से पूरी तरह उत्त्तेजित हो गयी थी, उसकी चूत फिर से रस बहाने लगी थी , सांसे तेज हो गयी थी, गर्मी से तपता बदन फिर से पसीने से सरोबार होने लगा था | यही हाल रोहित का भी था | दोनों एक दुसरे के धड़कते दिल महसूस का सकते थे | काफी देर तक जब चूमे चाटने काटने मसलने रगड़ने का सिलसिला ख़त्म नहीं हुआ | तो रीमा हांफते हुए – आज क्या मुझे चुमते चूसते हो रहोगे ?
रोहित रीमा को पूरी तरह से भोगना चाहता थ और रीमा के जिस्म के हर अंग को भी उसका भागीदार बनाना चाहता था | वो चाहता थ अकी ये चुदाई का अहसास रीमा के जिस्म का हर रोम रोम महसूस करे | रोहित ने रीमा की बात को अनसुना कर दिया | रीमा से अब रहा नहीं जा रहा था, उसकी चूत अब झरना बन चुकी थी उसकी चूत के बहते पानी से उसकी जांघे गीली हो गयी थी | रीमा – चूसने रगड़ने से फुर्सत मिल गयी तो नीचे का भी कुछ ख्याल करोगे |
रोहित भी आज रीमा के मुहँ से सुनना ही चाहता था – मजा नहीं आ रहा क्या, जो कहना है खुलकर बोलो, इस समय ये कोड वर्ड मेरे दिमाग में नहीं घुसने वाले |
रीमा – तुम तो मुझे चूम चाट कर मस्त हो और उसे क्या ऐसे ही तड़पाते रहोगे | रोहित ने इशारे से सवालिया मुद्रा बनायीं |
रीमा वासना के समंदर में गोते लगा रही थी फिर भी झिझक रही थी, लेकिन उसने झिझक किनारे रख बेशर्मी ओढ़ने में ही भलाई समझी, आखिर अपने जिस्म की आग भी तो बुझानी थी, अगर इसी तरह झिझकती रहेगी तो कैसे होगा – मुझे पता है तुम क्या सुनना चाहते हो, जान बूझकर मासूम बन रहे हो, सुनना चाहते हो तो सुनो | मै कह रही हूँ अपने लंड को कब तक ऐसे तड़पाते रहोगे, उसे मेरी चूत में डालोगे या नहीं | चूत बहुत देर से झरने की तरह बह रही है | अब चोद भी दो न |
रोहित को अपने कानो पर यकीं नहीं हुआ – क्या कहा तुमने मैंने ठीक से सुना नहीं |
रीमा भी बेशर्म बन गयी – हाय कितने दुष्ट हो तुम, मैंने सब कुछ तो साफ़ साफ़ बोला है फिर भी नाटक कर रहे हो, अपना मुसल लंड डालो न मेरी चूत में, देखो न बिना लंड के कैसे मेरी चूत तड़प रही है | चोदो न उसे प्लीज
रोहित – सच में चोदु |
रीमा – हाँ अब चोदो भी, देखो कितना पानी बहा रही है मेरी चूत चुदने के लिए |
रोहित- मुझसे क्यों कह रही हो तुम भी तो चोद सकती हो | अपने हाथ से मेरा लंड पकड़कर अपनी चूत में डाल लो |
इतना कहकर वह रीमा को लिए लिए ही उल्टा हो गया | अब रीमा रोहित के ऊपर आ गयी थी और रोहित बिस्तर पर पीठ के बल लेता था | उसने लेटे लेटे ही फिर से रीमा के मम्मे चूसने शुरू कर दिया और उसी में मगन हो गया | वो चाहता था इस चुदाई को रीमा ड्राइव करे और जब कुछ देर तक जब रीमा सिर्फ तना हुआ गरम लंड ही सहलाती रही और कुछ नहीं किया तो रोहित बोल पड़ा – देखो मुझे तो अभी इन्हें आधे घंटे और चुसना है, इतने सुघड़ सुडौल गोल गोल सफ़ेद तने हुए ठोस स्तन और उस पर विराजमान नुकीली चुचियाँ कहाँ मिलते है, इसलिए तुम्हे जो करना है वो अपने आप कर लो |
रीमा खीझते हुए – इतना मोटा है इतना बड़ा है ऊपर से फूल कर अकड़ गया तुमारा लंड, कैसे डालू इसको मै अन्दर, मेरी तो इसे देखकर ही जान सुखी जा रही है |
रोहित -एक बार लंड को कसकर अपने हाथ से पकड़ो , अपनी चूत के छेद पर लगावो तो सही, फिर धीरे धीरे उसके ऊपर अपने बदन का वजन बढाओ | जितना जोर लगावोगी उतना ही घुसेगा, पूरा थोड़े ही घुस जायेगा एक साथ |
रीमा अभी भी दुविधा में थी |
रोहित – ठीक है मै तुमारी मदद करता हूँ लेकिन एक बार सुपाडा तुमारी चिकनी चूत में घुस गया, फिर आगे तुम्हे ही सब करना होगा | रीमा मादक नजरो से रोहित की शरारत समझ रही थी | रोहित ने रीमा को अपना तपता गरम मोटा लंड पकड़वाया और उसे ऊपर की तरफ अपने से ९० डिग्री पर सीधा करवाया | फिर रीमा की कमर को अपने दोनों हाथो से जकड लिया और लड़ को थोड़ा सा आगे की तरफ झुकाने को कहा | धीरे से रीमा की कमर को नीचे की तरफ ठेल दिया | रीमा ने लंड को बिलकुल चूत के छेद के सामने थामे रखा | सुपाडा अब बिलकुल चूत के मुहाने पर था | रोहित ने रीमा से नीचे की तरह जोर लगाने को बोला | रीमा ने नीचे की तरह खुद को ठेला और सुपाडा चूत के मुहाने में फंस गया | रोहित ने मौके की नजाकत को समझते हुए रीमा की कमर को कसकर नीचे की तरफ दबा दिया, रोहित के लंड का मोटा हुआ फूला लाल सुपाडा रीमा की चूत के मुहाने को चीरता हुआ अंदर घुस गया | रीमा के चेहरे पर दर्द की लकीरे उभर आई | और साथ में एक लम्बी मादक कराह – ऊऊफ़ोफ़्फ़्फ़्फ़ आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआआआआईईईईईईईई ओह गॉड, कितना मोटा है | रोहित रीमा की कमर थामे रहा और थोड़ी देर रूककर फिर एक झटका लगाया , रोहित का सुपाडे सहित आधा लंड रीमा की चूत में घुस गया | रीमा की चिकनी चूत की दीवारे जो पहले से ही चूत रस से सरोबार थी आसानी से फैलाती चली गयी , रीमा के मुहँ से फिर एक मादक कराह निकल गयी – आआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह ऊऊऊऊऊऊऊओईईईईईईईईईईइम्मम्मम्मम्मम्मम्मम्मम्मम्ममाआआआआआआ ओह गॉड सो बिग |
रोहित – अब मेरा काम हो गया, अब खुद ही चोदो अपनी चूत को | रोहित फिर से उसके भरी पूरी छाती की घाटियों में खो गया | रीमा ने एक लम्बी साँस ली, कामुक नजर से रोहित को देखा और हलके से अपनी कमर हिलाई | रीमा की चूत में लंड कसकर धंसा था इसलिए एक मिमी भी आगे पीछे नहीं हुआ | रीमा ने अपने चूत दाने को रगड़ना शुरू किया और दुसरे हाथ से रोहित के लंड को थामे रखा | रीमा ने एक बार फिर से कमर को हल्का झटका दिया, लेकिन कुछ नहीं हुआ | इसी बीच रोहित ने रीमा को अपने सीने से चिपका लिया और एक लम्बा डीप किस करने लगा | इससे उसका लंड रीमा की चूत से फिसल कर बाहर आ गया | इसी बीच रोहित ने रीमा को फिर से ऊपर की तरफ सीधी किया और रोहित का लंड रीमा की चूत की गहराई में घुसता चला गया | रीमा ने आंखे बंदकर खुद को ऊपर उठाया और फिर ने नीचे की तरफ झटका दिया, रोहित का लंड दो इंच बाहर निकला और फिर रीमा की चूत में घुस गया | रीमा को समझ आ गया, क्या करना है और कैसे करना है | अब रीमा जोर से अपनी कमर आगे पीछे हिलाने लगी थी, उसकी चिकनी चूत में उसी की चूत रस से सना मोटा मुसल लंड सरसराता हुआ अन्दर बाहर हो रहा था | ऐसा भी नहीं था की लंड आसानी से चूत में जा रहा था | रीमा को लंड अन्दर ठेलने के लिए काफी ताकत लगनी पड़ रही थी, अब रीमा ने झटके लगाने की लय बना ली थी और उसी लयबद्ध अंदाज में अपनी कमर ऊपर नीचे कर रही थी, उसकी चूत अपने रस से रोहित के लंड को सरोबार किये हुए थी | रीमा फिर से कराहे भरने लगी – ओह्ह या ऊह्ह या ओह्ह यस रोहित , मै तुमको चोद रही हूँ आह्ह्ह यकीन नहीं होता ऊऊफ़्फ़्फ़्फ़|
रोहित – यस बेबी तुम मुझे चोद रही, आह यस आह ऐसे ही बस ऐसे ही चोदती रहो |
रीमा के बदन का पसीना रोहित पर टपक रहा था और रीमा बुरी तरह हांफ रही थी | उसकी चूत की दीवारे रोहित के कड़क लंड की नसे तक महसूस कर रही थी | बीच बीच में रोमांच के लिए रोहित भी अपनी कमर को झटका दे देता था और रीमा के मुहँ से हल्की कराह निकल जाती – आऊउच आआहाअहाहहह्हह्ह्ह्ह , रोहित प्लीज . . . आआआआआआह्हह्हह्हाआआआअ डोंट दो थिस, मै तुमको चोद रही हूँ न |
रीमा के साथ रोहित भी कराह रहा था | उसके चेहरे पर भी उत्तेजना के लक्षण दिखाई देंने लगे थे, वो अपनी वासना और रीमा से मिल रहे इस कामसुख को आंख बंद किये महसूस कर रहा था | रीमा ने अब तेजी से कमर उठानी गिरानी तेज कर दी थी, उसके कमर के झटके तेज हो गए थे | उसके नरम चुताड़ो की गरम गरम थापे रोहित की सख्त ठोस जांघो पर सुनाई दे रही थी | कमरे में रीमा के चुताड़ो की थप थप और उसकी कराहे बस यही दो आवजे गूँज रही थी | रीमा की अब साँस फूलने लगी थी, काफी देर से वो रोहित के लंड पर झटके लगा रही थी, रीमा को थमता देख रोहित ने नीचे से अपनी कमर हिलानी तेज कर दी और अपने हाथो से उसकी पतनी नाजुक कमर को जकड लिया, ताकि लंड को रीमा की चूत में पेलने समय उसकी चूत और कमर स्थिर रहे |
रीमा झुककर रोहित के ऊपर पसर गयी, रोहित नीचे से ही रीमा की चूत में लड़ पेलता रहा, रोहित अपने लंड साइज़ के पुरे स्ट्रोक लगाने लगा था | रीमा को अपने बच्चेदानी पर रोहित का सुपाडा महसूस होने लगा था | रीमा तो अब बस चुदना चाहती थी, बस जमकर चुदना चाहती थी | इस बार पिछली बार की तरह न दर्द था, न ही उसकी चूत सुखी थी इसलिए रोहित का लंड ट सटासट रीमा की चूत में जा रहा था | कुछ देर पहले हुई चुदाई के कारन उसकी चूत की दीवारे भी नरम थी |
रोहित ने अपना शरीर निढाल छोड़’ दिया और अपने पैर पीछे की तरफ फैला दिए | रोहित ने एक झटके में पूरा जोर लगा दिया, रोहित का लंड रीमा की बच्चेदानी से जा टकराया, रीमा का वही दर्द लौट आया – आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ माँ मर गयी आआआआईईईईईअऊऊऊऊऊ आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्, प्लीज बहुत दर्द हो रहा है |
अब तक चुदाई के मजे ले रही रीमा अब दर्द बर्दास्त करने लगी | रोहित को अपनी गलती का अहसास हो गया | उसने रीमा को अपने ऊपर से उतारा और उसकी नाभि का निचला हिस्सा सहलाने लगा | जैसे ही रीमा का दर्द कम हुआ उसने पेट के बल रीमा को बिस्तर पर उलटा लिटा दिया और उसकी चूत त्रिकोण घाटी के नीचे एक नरम तकिया लगा दी |
अब वो उसके ऊपर आ गया | रोहित अब रीमा के पीछे से उसकी चूत चोदने जा रहा था | उसने रीमा की जांघो के बीच में पैर फंसाकर उसकी जांघे फैलाई, अपना लंड रीमा की चूत के खुले छेद पर सेट किया, अपने दोनों हाथो को रीमा के नीचे ले जाकर उसके दोनों स्तन पकड़ लिए और उसकी चूत में लंड पेल दिया |
रीमा फिर मादक कराहे भरने लगी – आआआआऐईईईईईईईऊऊऊऊऊऊऊऊ, ऊऊऊऊहूऊऊओह्ह आआह्ह्हह्हहहहहह ऊऊह्ह्ह्ह, प्लीज रोहित चोदो मुझे, अपने लंड से जमकर चोदो, बरसो की प्यास बुझा दो, खूब चोदो मुझे, अन्दर तक चोदो |
रोहित ने रीमा की चिकनी गीली चूत में लंड घुसाते ही रफ़्तार पकड़ ली | वो रीमा को स्पीड से चोदने लगा, गीली चूत में सटासट लंड अन्दर बाहर होने लगा | उसे पता था अगर पूरा लंड पेल दिया तो रीमा दर्द से बेहाल हो जाएगी इसलिए कितना लंड पेलना है इसक उसने खास ख्याल रखा था | इसलिए वो रीमा को पीछे से उलटा लिटाकर चोद रहा था, इसमें उसका लंड पूरा घुसेड़ने के बाद भी रीमा की बच्चे दानी से नहीं टकराएगा | रोहित अब नॉन स्टॉप चूत में लंड पेल रहा था और रीमा चुदाई की मदहोशी में मस्त चुदाई से कराह रही थी |
रीमा – आआआआऐईईईईईईईऊऊऊऊऊऊऊऊ, ऊऊऊऊहूऊऊओह्ह आआह्ह्हह्हहहहहह ऊऊह्ह्ह्ह ऊऊह्ह्ह्ह |
कुछ ही मिनटों में रोहित के शरीर से पसीना पानी की तरह बह निकला और रीमा के पसीने से तर बतर बदन को भिगोने लगा | रीमा के स्तन से हाथ हटाकर रोहित ने उसके आसपास बेड पर हाथ टिका दिए थे | और बेतहाशा कमर को झटके दिए जा रहा था |
रोहित - ओह्ह्ह रीमा बेबी, तुमारी चूत तो मक्खन मलाई की तरह नरम है, ऊओफ़्फ़फ़्फ़ बेबी, ओह्ह्ह रीमा बेबी तुमारी चूत बहुत गरम है और उतनी ही कसी भी | आ आह कितनी मस्त चूत है तुमारी, आआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् जिन्दाही भर बस तुमारी ही चूत चोदता रहू | तुम्हे नहीं पता तुम कितनी हसीं हो और तुमारी चूत कितनी मस्त है, तुमारी चूत में जाकर मेरा लंड धन्य हो गया | तुमारी चूत चोदकर मेरा लंड धन्य हो गया |
रीमा – हां रोहित चोद डालो मेरी चूत आआआअह्हह्हह्हह्ह ओफ्फ्फ्फफ्फ्फ्फ़, अन्दर तक पूरा चोदो आआआआईईईईईअऊऊऊऊऊ आःह्ह्ह तुमने तो मेरी चूत चोद चोद कर बुरी हालत कर दी है मेरी |
रोहित – यस बेबी मेरी जान रीमा डार्लिंग तुम्हे मेरा चूत चोदने का अंदाज पसंद आ रहा है |
रीमा – हाँ बेबी हाँ तुमारा मुसल लंड रोहित बहुत अन्दर तक चोद रहा है तुमारा इस तरह से स्पीड में बिना रुके मेरी चूत की गहराई तक चोदना बहुत पसंद आ रहा है | जब चूत की गहराई तक तुमारा मुसला लंड जाता है आह्ह्ह्ह मजा आ जाता | बहुत अच्छे से चोदते हो तुम चूत को, इसी तरह मेरी संकरी चूत में अपने मुसल लंड को पेलते रहो, आआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्|
रोहित – तुम्हे मेरा चूत में लंड पेलना पसंद आया |
रीमा – हाँ बेबी बहुत पसंद आया | तुम बहुत अच्छे से सलीके से गहराई तक चूत में लंड पेलते हो | तुम चुदाई का मतलब जानते हो, एक औरत की चूत की प्यास को समझते हो, उसको कैसे बुझाना है ये भी पता है | आह बेबी तुमसे चुदकर तो मेरी प्यासी चूत की प्यास बुझ रही है |
रोहित – तुमारी चूत को मेरा लंड पसंद आ रहा है, इस तरह से उसे गहरे तक चोदना पसंद आ रहा है |
रीमा – आआआआह्ह बहुत पसंद आआआआह्ह्हीईईईईईई (रोहित ने जोर का झटका लगाया) आ रहा है ऐसे ही चोदो मुझे, पूरा लंड डाल कर चोद दो, मसल दो मेरी कली जैसी नाजुक चूत की, अपने लंड से चीर दो और उसकी गहराई तक अपना लंड उतार दो |
रोहित ने एक और तगड़ा झटका लगाया – आआऐईईईईईईईईईई ऊऊऊऊऊऊउह्ह्ह्ह | आआह्ह्हह्हहहहहह ऊऊओह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ओफ्फ्फफ्फ्फ्फ़, आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ म्म्माआआआआअ मर गयी |
रोहित अब तेज और गहरे झटके लगाने लगा | हर झटके से साथ रीम एके मुहँ से आऐआइऐईईईईईइ ऊऊउह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह ओफफ्फ्फ्फ़ स्सीईईईईईईईइ की आवाजे निकल रही थी | रोहित जमकर रीमा को चोद रहा था और रीमा भी दुनिया की हर चीज से बेपरवाह जमकर चुद रही थी | रोहित ऐसे रीमा की चूत में लंड पेल रहा था जैसे वो उसके जीवन की आखिरी चुदाई हो और रीमा भी अपनी चूत में उसके मुसल लंड को ऐसे ले रही थी जैसे ये उसके जीवन की आखिरी चूत पेलाई हो |
इसके बाद कभी जीवन में उसकी चूत को लंड नहीं नसीब होगा | रोहित के झटको की रीमा ने नरम चुताड़ो पर थप थप पुरे कमरे में सुनाई दे रही थी और रीमा की कराहे भी | रोहित काफी देर से बिना रुके रीमा को चोद रहा था, वो भी बुरी तरह हांफने लगा था उर उसका लंड भी चूत के अन्दर ही फूलकर मोटा हो चला था |
रीमा - आआआआआआआआआआआअ आआआआआअह्हह्हह्हह्हह्हह आआआऐईईईईऊऊऊऊओ | यस यस यस यस बेबी, ऐसे ही चोदो, और तेज, अन्दर तक यस यस यस आःह आआह्ह्ह ओह माय गॉड, ऐसे चोदो जैसे आजतक किसी को न चोदा हो |
रोहित का लंड भी अब सनसनाहट महसूस करने लगा | उसका लंड खून से जितना फूल सकता था फूल चूका था, रोहित को लगने लगा अब वो बस झड़ने वाला ही है | उसकी गोलियों में गरम लावा मथकर तैयार हो चूका और बाहर निकलने को बेताब था रोहित ने अपने धक्को की सीमा अधिकतम कर दी, रीमा के मुहँ से बस – आंह आअहहह अहहहहहह्हाहः आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ की कराहे निकल रही थी |
रीमा-ह्हह्ह्हह्फ्फ्फ़ चोदो रोहित और तेज चोदो, जमकर चोदो आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्हाआआआआआ आअह्ह्ह्ह ह्ह्ह्हहह्ह्ह्फ़ह्ह्हफ्ह्ह्फ़ याआह्ह्ह याह्ह्हह्ह चोदो और चोदो खूब चोदो, पूरा लंड घुसा दो |
रोहित – रीमा मैं झड़ने वाला हूँ |
रीमा - भर दो मेरी चूत अपने गरम लावे से | भर दो लबालब मेरी चूत, ऊपर तक भर दो, आआआआअह्हह्हह आआईइऐऐईईईईईईईइ |
रोहित ने पूरी स्पीड से 5 – 8 दक्के लगाये और उसका बांध टूट गया |
रोहित - रीमा मै झड रहा हूँ, आअहाआअहाआह्ह रीमा मै तुमारी चूत में झड़ने लगा हूँ | मेरा गरम लंड रस बस तुमारी चूत की दीवारों को बस सीचने वाला ही है |
रोहित की गोलियों से बहता हुआ गरम गाढ़ा सफ़ेद लावा गोली की स्पीड से चला और रोहित की पिचकारी छूटने लगी |
आह आह आह आह आह एक के बाद एक 11 पिचकारियो से रोहित ने रीमा की चूत लबालब भर दी और उसके जांघो पर से लंड रस रिसने लगा | रोहित ने झटके लगाने बंद कर दिए और रीमा के ऊपर ही पसर गया | रीमा उसका पसीने से भरा चेहरा चूमने लगी | दोनों अपनी बेकाबू हो गयी सांसे काबू करने लगे | कुछ देर तक दोनों ऐसे लेटे रहे, फिर रीमा बड़ी सावधानी से सीधी हो गयी और रोहित के सफ़ेद लंड रस से सने लंड के निकलते ही चूत से चूत रस और लंड रस के मिश्रण बहने लगा |
चूत की दीवारों से रिस रहे चूत रस और लंड रस के मिश्रण को अपने हाथो से पोछ कर चटाने लगी | रोहित का लंड शिथिल होने लगा | रीमा ने अपनी कमर उठा कर चूत का मुहँ हल्का ऊपर की तरफ कर दिया जिससे सफ़ेद गाढे लंड रस की एक भी बूंद बहकर बाहर न निकले, रोहित का लंड सिकुड़ कर रीमा की चूत से बाहर निकल आया था | रोहित उसे रीमा के मुहँ के पास ले गया | लंड रस और चूत रस से सने लंड को चाट चाट कर रीमा ने साफ़ कर दिया था | रोहित एक छोटा बाउल ले आया जिसमे रीमा ने अपनी चूत में भरे लंड लंड रस को निचोड़ा और गटक गटक कर पी गयी |
रोहित अभी भी रीमा की गुलाबी चूत से खेल रहा था उसकी चूत पर उंगली फिर रहा था | रीमा ने पांव सिकोड़कर दोनों हाथो से चुतड फैला दिए ताकि रोहित उसकी चुदी हुए गुलाबी चूत ओ ठीक से देख सके | रीमा की चूत के गुलाबी ओठ फैलाते चले गए और रोहित की आँखों के सामने रीमा की गुलाबी चूत फैलकर खुल गयी उसका छेद रोहित को साफ़ साफ़ नजर आ रहा था |
रीमा - अब खुस, देख ली मेरी चुदी हुई खुली चूत | देख लिया न कि तुमारे लंड ने इतनी देर में मेरी कसी हुई चूत का कितना बड़ा छेद बनाया है | अब तो खुश हो खोल दिया न मेरी चूत का छेद | रोहित ने उसकी चूत में गहराई तक जीभ डाल कर कसकर रीमा की चूत को चूस लिया | और रीमा के बगल में आकर लेट गया | रीमा ने भी अपने चुताड़ो पर से हाथ हटा लिया और जांघे समेत ली |
रात के १ बज चुके थे चुके थे, अब दोनों सचमुच थक चुके | रोहित ने पहले अपने घर जाने की सोची, फिर कुछ सोचकर वही रूक गया और रीमा से नंगे बदन से लिपटकर सोने की कोशिश करने लगा | असल मे वो नहीं चाहता था की रीमा को चोदने के तुरंत बाद ही वो अपने घर भाग जाये | इससे रीमा को बुरा लग सकता था और वो रीमा जैसी खूबसूरत चूत को किसी भी कीमत खोने का जोखिम नहीं उठा सकता था | तीन बार झड़ने और बुरी तरह थकने के बावजूद रोहित की आँखों में नीद का नामोनिशान नहीं था | उसके जीवन के ड्रीम चुदाई थी | ये एक ऐसा एक्सपीरियंस था जो वो शायद ही भूले | रीमा जल्दी ही नीद के आगोश में चली गयी | जब वो पूरी तरह आश्वस्त हो गया की रीमा सो गयी है तो उसने चुपचाप अपने कपड़े उठाये, बाहर आकर पहने और दबे पांव से अपने घर की तरफ निकल गया | सुबह उसे जल्दी उठकर प्रियम को कॉलेज के लिए भी तो तैयार करना है |
रोहित तो रोहित था, अपने घर में बिस्तर पर नीद कहाँ, बस रीमा के बारे में ही सोच रहा था, जैसे नया दूल्हा नहीं कमसिन कुंवारी लड़की को पहली बार चोदने के बाद उसी के खयालो में खोया रहता है वैसे ही रोहित का दिमाग बस रीमा के गुलाबी जिस्म को घूरे जा रहा था | उसके दिमाग में कुछ और आ ही नहीं पा रहा था, रीमा का दमकता गुलाबी जिस्म, रस टपकाते रसीले गुलाबो ओंठ, केले के तने की तरह चिकनी गोरी गोरी जांघे. . . . उफ्फ्फफ्फ्फ़ जितना भी वो सोचता उतना ही उसके दिमाग पर रीमा हावी होती चली जा रही थी |
कुछ ही घंटे में तीन बार झड़ने के बावजूद भी शायद उसकी ठरक कम नहीं हुई थी | वो करे तो क्या करे, और कुछ दिमाग में आ ही नहीं रहा था | वो चुदाई के चुसाई के जादुई पल, रीमा का नंगा खूबसूरत गुलाबी गोरा बदन | रोहित करवटे बदलता रहा, पता नहीं कब उसकी आंख लग गयी | रोहित सोते ही अजीब सा सपना देखने लगा | रोहित बादलों के बीच में तैर रहा है, उसके जिस्म पर एक भी कपड़ा नहीं है, तभी उसे बादलों की ओट से रीमा खिलखिलाती हुई दिखाई पड़ती | वो उसके पीछे भगाने लगता है, उसके भागने से उसका लंड उसकी जांघो में लड़ने लगता है | रीमा ने बिलकुल पारदर्शी सफ़ेद रंग का झीना कपड़ा अपने गोर दमकते जिस्म पर डाल रखा है, जिसमे से उसकी जिस्म की खूबसूरत बनावट आराम से नजर आ रही है |
उसके उछलते सुडौल पुष्ट गोरे नरम स्तन, हिलते मटकते चूतड़, हवा में लहराते उसके रेशमी बाल, और किसी भी मर्द के होश उड़ा देने वाली जादुई खिलखिलाहट | रीमा के दैवीय हुस्न में बंधा रोहित सपने में भी रीमा के पीछे पीछे बादलो के बीच में भाग रहा है और रीमा उसके आगे आगे भागती हुई आचनक बादलों के बीच में गायब हो जाती है, कभी अचानक से फिर दिखने लगती | रोहित बस उसी के पीछे पीछे भागा जा रहा था | भागते भागते उसकी सांसे तेज होती जा रही थी वो बुरी तरह हांफने लगा था, उसका लंड तनकर पूरी तरह अकड़ चूका था | कभी वो बादलो की ओट में ओझल हो जाती रीमा को ढूढ़ने लगता, कभी वो अपने तनकर खड़े हो चुके लंड को देखने लगता |
तभी उसके कानो में कोई जोर से घंटी बजने की आवाज पड़ने लगी | रीमा उससे दूर जा रही थी और वो चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहा था और कानो में घंटी की आवाज और तेज होती जा रही थी | आखिर उसका सपना टूट गया, सुबह के पांच बज चुके थे और उसके उठने का अलार्म बज रह था | रोहित की आंखे नीद के बोझ से दबी थी, कच्ची नीद से खुली आँखों की माल्टा हुआ रोहित घडी की तरफ देखने लगा | उठकर बेड पर बैठ गया और सपने के बारे में सोचने लगा, अपना एक हाथ नीचे जांघो की तरफ ले गया, तो वहां उसका लंड बुरी तरह से अकड़कर तन गया था, उसने खून के दौरान से तने गरम लंड को अपने हथेली में थामा और सोचने लगा | तीन बार झाड़ने के बाद भी अगर ये इस तरह से तना हुआ है, इसका मतलब, और वो क्या था बादलों के बीच में | उसने अपना सर पीट लिया | वो समझ गया था वो रीम के जिस्म के हुस्न जाल में बुरी तरह फंस चूका है | अब उसे रीमा को भोगने के ठरक लग गयी है और ये औरत के जिस्म की ठरक है इतनी आसानी से नहीं छुटेगी | नीद तो उसे बस पल भर के लिए आई | सुबह के 5 बज गए, उसके शरीर में हल्की थकान थी |
अपने बिस्तर से उठा, और फ्रेश होने चला गया | बाथरूम से निकलते ही डेली रूटीन में बिजी हो गया, और 7 बजे तक प्रियम को तैयार कर कॉलेज को रवाना कर दिया | उसके जाते ही, उसने आज की छुट्टी मारने की सोची और आकर बेड पर धड़ाम हो गया | उसका प्लान था कुछ देर और सोया जाये लेकिन आँखों में नीद थी ही नहीं | पता नहीं क्या सूझा, उसने अपना फ़ोन उठाया और ब्रेकफास्ट पैक करके रीमा के घर की तरफ चल दिया | हमेशा की तरह पीछे के दरवाजे से चुपचाप रीमा के घर में दाखिल हो गया | रीमा अभी भी गहरी नीद में सो रही थी, रोहित ने ब्रेकफास्ट को किचन में रख दिया और बेडरूम में आ गया | रीमा को जैसा छोड़ के गया था वैसे ही गहरी नीद में थी | बस उसके जिस्म पर चादर नहीं थी | वो पूरी तरह से नंगी होकर गहरी नीद में सोई थी | उसका गोरा बदन चमक रहा था और उसकी जांघे भी फैली हुई थी जिससे उसकी गुलाबी चूत भी साफ़ दिख रही थी
रोहित ने रीमा को एक करवट लिटाया तो वो लुढ़क कर पेट के बल हो गयी | रोहित ने अपने सारे कपडे उतारे और वो भी आइस्ते से बेड पर लेट गया और रीमा से जाकर लिपट गया, और चादर डाल ली |
| उसने एक हाथ रीमा के नीचे घुसा कर उसकी उठी हुई छाती के नरम नरम गोल गोल सुडौल ठोस स्तनों को अपनी हथेलियों में भरकर, उसकी गोरी चिकनी मांसल जांघो के बीच में अपनी टांगे फंसाकर रखकर सोने की कोशिश करने लगा | उसने आंखे बंद कर ली | कुछ देर तक वो सोने की कोशिश करता रहा लेकिन उसको नीद आ ही नहीं रही थी | तभी रीमा की डोर बेल बजी, रोहित को न चाहते हुए भी उठना पड़ा | रोहित ने फ्रंट गेट के कैमरे की स्क्रीन में देखा, दूध वाला आया था | दूध वाला रोहित को जानता था, रोहित ने जाकर बाहर दूध लिया | दूधवाला रोहित को जानता था, क्योंकि जब भी रीमा घर पर नहीं होती, दूधवाला रोहित के घर रीमा का दूध देने जाता था | आज रोहित को सुबह सुबह ही यहाँ देखकर वो थोड़ा चौका |
दूधवाला - साहब जी आज आप यहाँ, मैडम जी नहीं है |
रोहित बेपरवाही से – नहीं उसको हल्का फीवर था उसी ने फ़ोन करके बुलाया है |
दूधवाला – अच्छा जी, अच्छा किया, वैसे भी मैडम का आप बहुत ख्याल रखते है वरना इस ज़माने में अकेली विधवा को पूछता कौन है | मैडम आपकी बहुत बहुत तारीफ करती रहती है |
रोहित – हूँ | रोहित ने हल्की मुस्कराहट दी और दूध लेकर अन्दर चला गया | दूध किचन में रखकर रोहित फिर से रीमा से जाकर लिपट गया, और सोने की कोशिश करने लगा | रीमा के जिस्म की गरमी पाते ही रोहित के अन्दर की लालसा उफान मारने लगी | वो सोना चाहता था लेकिन उसकी उंगलिया अपने आप रीमा के गोरे सुडौल स्तनों पर फिसलने लगी | उसकी जांघ रीमा की चिकनी जांघ से रगड़ खाने लगी | उसके ओंठ रीमा की गर्दन का चुम्बन करने लगे | रोहित के बस में कुछ नहीं था, उसका शरीर उसके नियंत्रण से बाहर था, वो स्वत ही सारी क्रिया प्रतिक्रिया कर रहा था | उसका लंड तो सुबह उठते ही अकड़ा हुआ था, बड़ी मुस्किल ने उसे अब तक नार्मल किये हुए था, लेकिन रीमा के बदन की गर्मी का अहसास होते ही वो फूलने लगा | रोहित खुद भी निश्चित नहीं था की वो यहाँ क्यों आया है | उसे शायद यहाँ नहीं आना चाहिए था लेकिन औरत के जिस्म का आकर्षण ऐसा है की बड़े बड़े ऋषि मुनि देवता फ़ैल है फिर रोहित तो एक मामूली सा इंसान है | रीमा के जिस्म का आकर्षण, उसके पास रहने की इक्षा, उसे भोगने की लालसा रोहित को अन्दर से बेचैन किये हुए थी | वासना की आग ऐसी चीज है ये भोगने से और बढ़ती है | अगर रोहित ने रीमा को छुआ न होता तो शायद उसके अन्दर का आत्मनियंत्रण अभी तक काम कर रहा होता, क्योंकि किसी को देखने में और उसको छूने में, स्पर्श करने में, उसके शरीर की मादक गंध को अपनी साँस की गहराई में उतारने के बाद आदमी के व्यवहार में जमीन आसमान का अंतर आ जाता है | रोहित जब तक रीमा को देखता था, दूर से या पास से, तब तक वो सिर्फ उसके आकर्षण में बंधा था | अब वो रीमा के सुनहरे बदन को स्पर्श कर चूका था, और स्पर्श भी सिर्फ बाहरी नहीं, बल्कि उसके स्त्रीत्व की गहराई तक वो उतर चूका था, उसका मुसल लंड रीमा की चूत की अंतिम गहराई तक जा चूका था |
वह रीमा के खूबसूरत शरीर के मादक गंध को अपनी सांसो की गहराई में अन्दर तक उतार चूका था | कामवासना में जलते औरत और आदमी के बीच पहला आकर्षण द्रष्टि का होता है, जब एक दुसरे को वो देखते है तो एक बंधन में बंध जाते है | एक दुसरे को नंगा देखने की इक्षा होती है, एक दुसरे को पाने की हसरत होती है लेकिन साथ ही शर्म हया लोक लाज के बंधन होते है और झिझक भी होती है | जब मर्द और औरत पहले बंधन से आगे बढ़ जाते है, मतलब वो एक दुसरे को देखने से आगे बढ़कर, एक दुसरे की मादक गंध को अपने अन्दर उतारने लगते है तो लोकलाज के बंधन ढीले होने लगते है | फिर जब गंध से आगे बढ़कर वो दोनों एक दुसरे का स्पर्श करना शुरू कर देते है तो झिझक मिटने लगती है | और अंत में जब वो एक दुसरे को भोगना शुरू कर देते है तो सारे बंधन ख़त्म हो जाते है, उसके बाद कोई लक्ष्मण रेख उन्हें रोक नहीं पाती है | एक बार भोगने के बाद बार बार भोगने का मन करता है, एक दुसरे की बांहों में ही खोये रहना चाहते है, हर पल एक दुसरे की बांहों में लिपटे हुए, एक दुसरे को चुमते चाटते सहलाते रहना चाहते है, और रुक रुक कर अपनी वासना की भूख मिटाना चाहते है | इसलिए नए नए वासना के भूखे मर्द और औरत जब पहली बार एक दुसरे के नंगे जिस्म से टकराते है, तो वो सिलसिला जल्दी ख़तम नहीं होता है | इसीलिए आदमी का लंड बार बार अकड़ने लगता है और चुदाई करने के लिए मन मतवाला हो उठता है यही हाल औरत का होता है उसे भी बार बार खुद को मसलवाने, चटवाने, चुदवाने का मन करता है, इसलिए वो बस एक इशारे पर चुदने को तैयार हो जाती है और बार बार कई बार चुदने के बाद भी उनकी लालसा ख़त्म नहीं होती |
रोहित के लिए औरत की चुदाई नई बात नहीं थी लेकिन रीमा का आकर्षण जादुई था | पिछले 10 – 12 घंटे उसके लिए किसी सपने से कम नहीं थे | सपने देखना अलग बात है और उनका सच होने का जादू अलग ही सर चढ़ कर बोलता है | रोहित की हकीकत तो सपने से कई गुना ज्यादा चमत्कारिक रूप से मस्त थी, जाहिर सी बात रीमा के रूप के जाल में सालों से ख्वाब बुनता रोहित, उसके जिस्म के जादुई हुस्न के जाल में पूरी तरह डूब चूका था | रीमा सो रही थी और रोहित का लंड अकड़कर तन चूका था | रोहित भले ही 20 साल की कच्ची उम्र में न हो लेकिन एक बार लंड तनकर खड़ा हो जाये, तो किसी भी मर्द का मन बिना चुदाई के नहीं मानेगा | अब रोहित के सामने सवाल ये था की वो करे क्या ?? क्या रीमा को जगाये , न जगाये | पता नहीं रीमा क्या सोचेगी ??? रोहित ने तो उसे चुदाई की मशीन समझ लिया है, नहीं मेरे बारे में गलत इम्प्रैशन जायेगा | मै ये सब क्यों सोच रहा हूँ, रात में तो रीमा ने मना नहीं किया अब क्यों करेगी | फिर मै गलत क्या कर रहा हूँ | मै जवान हूँ, रीमा भी जवान है, दोनों चुदाई कर रहे है,ये तो जवान जिस्म की जरुरत है | आज ज्यादा मन कर रहा है कल कम करेगा, लेकिन चुदाई का मन तो सबका करता है | इसे छिपाना या इसके लिए किसी तरह गलानी रखना बेवखूफी है | सबको चुदाई में मजा आता है फिर लोग इसे इतना गलत क्यों समझते है मेरी ये बात आजतक समझ नहीं आई | मै तो रीमा को चोदूगा, क्योंकि मेरा मन है, अगर रीमा खुलकर मना कर देगी तभी रूकुगा, नहीं तो कुछ भी अपनी तरफ से सोचने की जरुरत नहीं है |
रोहित रीमा के किनारे लेता हुआ नंगे चुताड़ो को अपनी बड़ी बड़ी हथेलियों में भरकर मालिश करने लगा | रीमा गहरी नीद में थी इसलिए उसके जगने के चांस कम थे | रोहित के दिमाग में आया, रीमा को जगाने की जरुरत क्या है, उसे सरप्राइज देता हूँ | जब वो जगेगी तो वो भी चौक जाएगी | रोहित रीमा के नरम चुताड़ो पर अपना सख्त गरम लंड रगड़ने लगा | उसके स्तनों को फिर से मसलने लगा | फिर उसके नीचे सपाट पेट को सहलाते हुए, उसकी नाभि में अपनी उंगलियाँ घुमाने लगा | रोहित से बर्दास्त नहीं हो रहा था, उसने चादर के नीचे पूरी तरह से नंगी लेती रीमा के ऊपर से चादर हटा दी, और घुटनों के बल बैठ गया |
उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ क्या बला का खूबसूरत जिस्म की मालकिन थी, रीमा तकिये को सर के नीचे लगाये, उलटा पेट के बल सो रही थी | उसके रेशमी बाल उसकी पीठ पर फैले हुई थे | उसकी चिकनी गोरी पीठ कमरे की दुधिया रौशनी में अलग ही चमक रही थी | उसके मांसल भरे हुए ठोस भारी चूतड़, उसकी कमर के नीचे हलकी ढलान लिए हुई पहाड़ी की तरह उठे हुए थे | उसकी जांघो थोड़ी फैली हुई थी जिससे उसकी चिकनी बाल रहित गुलाबी चूत साफ़ दिखाई दे रही थी, चूत की बाहरी गुलाबी ओंठ कसकर चूत को बंद किये हुए थे | आआआआह्ह्ह्ह रीमा का हुस्न , जैसी दमकती हुई छोड़ गया था, बिलकुल वैसी की वैसी ही अभी तक चमक रही है | जिस्म की रंगत उसी तरह की बनी हुई है और गुलाबी चूत अपनी अलग की छटा बिखेर रही थी | रोहित घुटने के बल बिस्तर पर बैठा अपने हाथो से अपना लंड मसल रहा था | एक हाथ से रीमा के चुताड़ो का जायजा ले रहा था | उसके चुताड़ो को फैलाकर उसकी चूत का जायजा लिया, और फिर से लंड मसलने लगा | बड़ी दुविधा में था चोदु न चोदु | पता नहीं बुरा न मान जाये रीमा |
कुछ देर तक इसी उधेड़बुन में खोया रहा, फिर हिम्मत करके उसने फैलसा किया जो होगा देखा जायेगा | अब रीमा सो रही है मेरा लंड पूरी तरह तन चूका, उसे जगाऊ तो उसकी नीद टूटेगी औरअगर उसके जगने का इन्तजार करू तो मेरा लंड फूल फूलकर फट जायेगा | रीमा को बिना जगाये बिना बताये ही चोदूगा, उसे भी सरप्राइज मिलेगा |
रोहित उल्टा लेटी रीमा के ऊपर आ गया, उसने उंगलियों से रीमा की गुलाबी चूत के सटे हुए गुलाबी लाल ओंठ अगल कर दिए और अपनी उंगली उसकी चूत पर रगड़ने लगा | फिर धीरे से एक उंगली उसकी चूत में घुसा दी, ये क्या रीमा की चूत अब तक गीली ही थी, मतलब रीमा की चूत की प्यास अभी तक बुझी नहीं, चूत गीली होने का एक ही मतलब है चूत चुदने के लिए तैयार है | रीमा की चूत में उंगली जाते ही, रीमा के मुहँ से एक सिसकारी निकली | रोहित चौक गया | रीमा जाग गयी क्या, या जाग रही है और सोने का नाटक कर रही है |
रोहित ने धीमी आवाज में – रीमा . . . . थोडा रूककर रीमा . . . | रीमा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई |
रोहित रीमा के मुहँ के पास जाकर निश्चिन्त किया की सचमुच रीमा सो रही है की नहीं | रीमा सो रही थी लेकिन सोती हुई रीमा का हवस का भूखा शरीर उसके अचेतन मन के जरिये अपनी प्रतिक्रिया दे रहा था | रोहित फिर से रीमा के पर आ गया और अपनी दो उंगलियाँ रीमा की चूत में डाल दी और उंगलियों से उसकी चूतचोदने लगा | उसके बाद वो पूरी तरह से रीमा के ऊपर आ गया, अपना फूला हुआ कांपता हुआ मुसल लंड का सुपाडा रीमा के चूत के गुलाबी ओंठो को अलग करता हुआ, उसकी चूत के छेद से सटा दिया | धीरे धीरे उसकी चिकनी चूत के संकरे गुलाबी छेद पर अपने मुसल लंड के फूले हुए सुपाडे का दबाव बढ़ाने लगा | धीरे धीरे रोहित के लंड का फूला हुआ सुपाडा रीमा की संकरी गुलाबी छेद में धंसता हुआ चला गया और गायब हो गया | रोहित ने ये बहुत आइस्ते से किया ताकि रीमा को पता न चले |
रोहित का सुपाडा रीमा की गरम गीली चूत में घुस गया | रोहित ने अपने हाथो को बिस्तर पर टिकाया और थोड़ा और जोर अपनी कमर पर डाला | रोहित का मोटा मुसल लंड आइस्ते आइस्ते रीमा की चूत गीली गुलाबी दीवारों को चीरता अन्दर धंसने लगा | रीमा कुस्मुसाई, रोहित ठहर गया, रीमा करवट न ले इसके लिए एक हाथ उसकी पीठ पर जमा दिया | रीमा शांत हो गयी, रोहित ने अपनी कमर पर जोर बढ़ाया और लंड को २ इंच रीमा की चूत में खिसका दिया | रीमा ने मुहँ ने मादक कराह निकल गयी | रोहित ने रीमा के मुहँ के पास जाकर देखा, वहां कोई भाव नहीं थे, मतलब रीमा के अचेतन मन से फिर हरकत हुई, क्या रीमा का अचेतन मन जानता है की उसके साथ क्या हो रहा है | रोहित को अब परवाह नहीं थी रीमा को कैसे पता चलता है पता चलता भी है या नहीं लेकिन वो उसकी नीद ख़राब किये बिना उसे चोदना चाहता था | रोहित ने लंड को पीछे खीचा और हलके से फिर चूत में ठेल दिया, रीमा के मुहँ से सिसकारी निकली | रोहित को फिर शंका हुई कही रीमा जाग तो नहीं रही, वो चुदाई शुरू करने से पहले इत्मिनान कर लेना चाहता था हालाँकि उसे भी पता था जब धक्को की स्पीड बढ़ेगी तब तो रीमा की नीद टूटना स्वाभाविक है , फिर भी तब तक वो ये खेल खेलना चाहता था | उसने हलके से रीमा की चूंची मसल दी और उसके चूतड़ पर चपत लगा दी , फिर गाल चिकोटी काट ली | अब उसे इत्मिनान हो गया था रीमा अभी भी सो रही है | उसने धीरे धीरे रीमा की गुलाबी संकरी चूत में अपना मुसल लंड अन्दर बाहर करना शुरू कर दिया | पहले बेहद ही धीमी स्पीड से फिर स्पीड बढ़ाने लगा, रीमा के मुहँ से बीच बीच में कभी कभार उन्ह्ह्ह उन्ह्ह्ह निकलने लगा |
रोहित ने परवाह नहीं की, वो अब अपना पूरा ध्यान सोती हुई रीमा की चुदाई पर लगाना चाहता था | उसने अपनी कमर जोर जोर से हिलानी शुरू कर दी, अपना आधा लंड रीमा की गलाबी गीली चूत में पेलने लगा | रीमा ले मुहँ से भी आआअह्ह्ह्ह की सिसकारी निकलने लगी, रीमा ने अपनी कमर हिलानी शुरू कर दी | ये तय था की रीमा अभी भी नीद में ही थी | रीमा शायद इसलिए प्रतिक्रिया दे रही थी की वो कोई चुदाई का सपना देख रही हो, और यहाँ रोहित उसे सचमुच में चोद रहा था | फिलहाल रोहित को कोई जल्दबाजी नहीं थी, वो आराम से जितना ज्यादा देर तक हो सके रीमा को चोदना चाहता था, इसलिए आराम से आइस्ते आइस्ते रीमा की चूत में लंड पेल रहा था | उसके शरीर का कोई भी हिस्सा रीमा के शरीर को छु नहीं रहा था, रोहित का लंड रीमा की चूत में आ जा रहा था बस | सुबह का समय था फिर भी रोहित को पसीना आने लगा | उसने भी पोजीशन बदलने की सोची, इसलिए रीमा को एक करवट करना चाहा, वो रीमा को एक करवट करने के लिए एक एक तरफ झुका, लेकिन उसका हाथ बेड पर फिसल गया, और रोहित नीचे की तरह धड़ाम हो गया, उसका भारी शरीर रीमा की पीठ पर न जाकर गिरे इसलिए रोहित अपने बांयी तरफ झुका, बदले में उसके पैर दाई तरफ अपने आप हो गए और रोहित का मुसल लंड रीमा की चूत की गहराई में अन्दर तक घुसते हुए फिर बाहर निकल आया | रीमा कसमसा कर रह गयी | रोहित कुछ देर तक उसी तरह पड़ा रहा, फिर रीमा की पीठ अपने सीने की तरफ कर ली और धीरे से उसकी बांह पकड़ कर लंड को उसकी गीली चूत में खिसका दिया और चुपचाप लेट गया |
जब रीमा की तरफ से कोई हरकत नहीं हुई, तो अपनी कमर हिलाने लगा | रोहित जमकर चोदना चाहता था लेकिन परिस्थितियां उसके अनुकूल नहीं थी, इसलिए बस हलके हलके अपनी कमर हिला कर रीमा को चोदने लगा | वो चाहता तो रीमा की गुलाबी चूत की गहराई तक लंड उतार कर रीमा को चोद सकता था लेकिन उसे ये सब करने में ही बड़ा मजा आ रहा था | वो काफी देर तक ऐसे ही धीरे धीरे कमर हिलाता रहा | इसी बीच रीमा फिर से अपना तकिया पकड़ फिर से पेट की बल लेट गयी, रोहित को मजबूरी में फिर से उसके ऊपर आना पड़ा | रोहित ने इस बार जोर से रीमा की गीली चूत में अपना मुसल लंड पेल दिया | रीमा की नीद की बेहोशी टूटी, उसे कुछ समझ नहीं आया उसके साथ क्या हो रहा है | उसने अपने एक हाथ से रोहित को टटोला, गहरी नीद में ही बुदबुदाई – क्या कर रहो रोहित, अभी तक सोये नहीं क्या ?
रोहित समझ गया रीमा जाग गयी है- उसने झटके लगाने बंद कर दिए | कुछ देर तक जब रीमा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई तो उसने फिर रीमा को चोदना शुरू कर दिया | कुछ देर में रीमा को नीद के आगोश में भी अहसास हो गया की हो क्या रहा है |
रीमा नीद में बडबडाइ – रोहित तुमारा वो अभी तक मेरे अन्दर है, तुम फिर से कर रहे हो क्या ?????
रोहित – हाँ बेबी मै तुम्हे फिर से तुमारी गुलाबी कमसिन मखमली चूत चोद रहा हूँ |
रीमा – क्यूँ रोहित ??????
रोहित- रीमा बेबी मुझसे रहा नहीं गया, मेरा लंड अकड़ा हुआ था मैंने सोचा सुबह सुबह तुम्हे सोते हुए चोदकर मोर्निंग गिफ्ट दू तुम्हे |
रीमा – ऊऊओफ़ोफ़ोफ़ोफ़ोफ़ोफ़ोफ़ोफ़ो ऊऊओह्ह्ह्ह रोहित तुम तो मुझे पागल ही कर दोगे |
रोहित उसके स्तन मसलता हुआ – तुम्हे अच्छा लग रहा है |
रीमा – हूऊऊऊऊ |
रोहित – क्या हूँ, बोलो न ?
रीमा – अच्छा लग रहा है, लग रहा है जैसे मै कोई सपना देख रही हूँ |
रोहित – रीमा बेबी आअहाआअहाआह्ह ये सपने जैसे ही तो है, तुम स्वप्न सुंदरी और सुबह सुबह तुमारी जैसे स्वप्न सुंदरी को चोदना एक सपना ही तो है |
रीमा – ऊऊऊऊओह्हह्हह्हह्हह्हह्हह्हह. . . . तुमारा वो मेरे अंदर, हौले हौले धीरे धीरे बहुत मजा आ रहा है | काश ये सपना कभी न टूटे |
रोहित – ये सपना नहीं है रीमा डार्लिंग, ये हकीकत है, मै हकीकत में ही तुम्हे हौले हौले चोद रहा हूँ |
रीमा – ऊऊऊऊह्हह्हह्हह्हह्ह, सपने कितने खूबसूरत होते है,काश वो भी हकीकत बन पाते, इसी तरह तुम हौले हौले धीर धीरे मेरे अन्दर उतरते रहो और मै सिसकारियां भरती रहूँ |
रोहित – सपने ही हकीकत बनते है मेरी जानेमन, आंखे तो खोलो तभी तो हकीकत से रूबरू होगी | मेरा मुसल लंड तुमारी गीली गुलाबी चूत में हौले हौले ही जा रहा है , जीभर सिसकारियां भरो, मै हौले हौले ऐसे ही तुम्हे चोदुगाँ |
रीमा – नहीं आंखे खोली तो सपना टूट जायेगा, तुमने तो दो बार चोदा जान निकाल दी | सपने में ही सही लेकिन तुम कर तो रहे हो धीरे से, आराम से निश्चिन्त होकर |
रोहित – रीमा बेबी जब आँखे खोलोगी तब तो पता चलेगा, कि सपना में ऐसे चुद रही हो या हकीकत में |
रीमा – सपना हो या हकीकत मुझे बस ऐसे ही चुदना है, ऐसे ही चोदते रहो . . . . . . ऊफ्फ्फफ्फ्फ्फ़ आआहाअहाहहह्हह्ह्ह्ह |
रोहित ने चोदने की स्पीड बढ़ा दी | वो जोर जोर से धक्के लगाने लगा | धक्के लगने से रीमा की नीद की मदहोशी गायब हो गयी | उसने तकिये में से मुहँ निकाल कर देखा तो सचमुच उसे रोहित चोद रहा था |
रीमा – हाय हाय मुझे लगा मै कोई सपना देख रही हूँ, तुम तो सचमुच में. . . . . |
रोहित – सचमुच में क्या ?
रीमा – तुम अब तक घर नहीं गए, कितने बजे है रात के (कमरे में परदे पड़े थे इसलिए सूरज के उजाले से पता लगाना मुश्किल था ) घडी की तरफ देखते हुए – 9 बजने वालेहै , तुम अब तक यही हो और प्रियम को किसने तैयार किया होगा ??????
रीमा को परेशान देख, रोहित उसे चूमने लगा | रीमा उसे झटकते हुए बोली – छोड़ो मुझे |
रोहित – अभी तो कह रही थी ऐसे ही हौले हौले चोदते रहो मुझे, अब छोड़ने की बात कर रही हो |
रीमा झुन्झुलाकर – मै एक गन्दा सपना देख रही थी बाबा |
रोहित ने रीमा की चूत में लंड ठेल दिया – गन्दा, चुदाई तुम्हे गन्दी लगती है, फिर चुदाई के सपने क्यों देखती हो, क्योंकि तुमारा मन चुदने को करता है और इसका मतलब तुम गन्दा सोचती हो, इसीलिए गन्दा सपना देखती हो | चुदाई तो चुदाई है |
रीमा परेशान होते हुई – अरे प्रियम . . . ????
रोहित ने उसके ओंठो पर अपने ओंठ रख दिए, रीमा ने मुहँ फेर लिया | रोहित – प्रियम को कॉलेज के लिए विदा करने के बाद यहाँ आया हूँ, अब खुश |
रीमा – मतलब तुम अपने घर गए थे |
रोहित – हाँ रीमा, अब तो अपना ड्रीम एन्जॉय करो, हौले हौले धीरे धीरे, अन्दर तक . . . |
रीमा – शटउप, सुबह सुबह ये क्या फितूर चढ़ा है, रात में करके मन नहीं भरा, कल शाम से जब से आये हो रुकने का नाम ही नहीं ले रहे हो, दो बार तो कर चुके हो अभी भी ठरक चड़ी हुई है |
रोहित – अरे तुम तो ऐसे कह रही हो जैसे मै ही सब केवल अपने लिए कर रहा हूँ, क्यों ??? अकेला मै ही थोड़े हूँ, तुम भी कहाँ रुकने दे रही हो, हर बार तो राजी हो जाती है, मै अकेला थोड़े तुम्हे चोद रहा हूँ, तुम भी तो चुद रही हो, तुमारी चूत भी तो मेरे लंड की उतनी ही दीवानी है जितना मेरा लंड तुमारी चूत का प्यासा |
रीमा – कितना गन्दा गन्दा बोलते हो, दुसरे तरीके से भी तो बोल सकते हो, पता नहीं बोल बोल क्या क्या गन्दा गन्दा सिखा दोगे मुझे |
इतना कहकर रीमा ने अपनी कमर और चूतड़ ऊपर उठा दिए, अपने हाथो से बेड की चादर भींच ली | रोहित भी रीमा की चूत में अन्दर तक लंड धंसता चला और गहराई तक धक्के लगाने लगा | हर झटके के साथ रीमा कराहने लगी |