Episode 17
सलोनी के मुंह से एक तेज चीख निकली -आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ ह्हीईईईईईईईईईइ रीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरी |
लेकिन कपिल ने उसे अनदेखा कर दिया और फिर से पूरा लंड निकाल कर एक झटके में फिर से पूरा लंड उसकी चूत में घुसा दिया सलोनी की चूत का कसा हुआ छेदअब पूरी तरह से खुल चुका था कपिल का पूरा लंड सलोनी की चूत में घुस चुका था अब सलोनी पूरी तरह से चुदने के लिए तैयार थी कपिल ने अपनी कमर को जोर जोर से हिलाना शुरू कर दिया, सलोनी भी लंड को अपनी कसी चूत में लेने लगी हालाँकि उसको अभी भी दर्द हो रहा था, लेकिन वो चुदाई ही क्या जिसमे औरतो की चीखे ना निकले | कपिल उसे जोर जोर से चोदने लगा था, और सलोनी की कराहे भी उसी स्पीड से निकलने लगी | कमरे में बस थप थप थप थप और आआआह्ह आईई आःह्ह्ह आआऐईईईईईईईईईई की आवजे ही गूंझ रही थी | कपिल बिलकुल वैसे ही सलोनी को चोदने लगा जैसे कुछ देर पहले है वह मधुरिमा को चोद रहा था सलोनी का दर्द धीरे-धीरे गायब होने लगा और मधुरिमा ने सलोनी के ओंठो छोड़ नीचे की तरफ बढ़ गयी |
कपिल के हर पड़ते तेज करारे झटके के साथ उसके मुंह से आह आह आह आह निकल रहा था सलोनी चुद रही थी और कपिल उसे रंडी की तरह चोद रहा था | मधुरिमा नीचे जाकर कपिल की गोलियों को अपने लार रस सी भिगोने लगी और बीच बीच में मधुरिमा सलोनी के चुदाई के कारन हो रहे मीठे दर्द को अपने हवस भरी आँखों से पीने लगाती | फिर से कपिल की गोलियों को चटाने लगाती | कपिल का लंड बिलकुल उसके मुहँ के सामने सलोनी की गीली गुलाबी चूत में गायब हो जाता | कपिल ने जोर जोर से धक्के लगाने शुरू कर दिए थे ऐसा लग रहा था जैसे कि उसका चरम फिर से आने वाला है लेकिन मधुरिमा ने कुछ देर बाद ही कपिल को रोक लिया और उसके लंड को सलोनी की चूत से निकाल कर अपने मुंह में ले लिया और हाथ से लंबे लंबे झटके देकर उसे चूसने लगी |
कुछ देर तक चूसने के बाद उसने कपिल को इशारा किया और कपिल ने मधुरिमा के मुंह में ही अपनी लंड को डालकर कमर हिलाने शुरू कर दी कपिल मधुरिमा के मुंह को चोदने लगा कुछ देर तक मधुरिमा गरिमा के मुंह से सिर्फ गोगो गोगो की आवाजें आ रही थी कपिल ने कुछ देर तक मधुरिमा के मुंह को चोदने के बाद उसके मुंह से अपना लंड निकाल दिया, सलोनी अब घोड़ी बन गयी और कपिल उसके पीछे आकार उसे कुतिया की तरह चोदने के लिए तैयार हो गया | उसने अपने लंड को उसकी गरम चूत के मुहाने पर लगाया और सलोनी की चूत में घुसा दिया | कपिल का कांपता मोटा तना हुआ लंड सटाक से एक ही बार में पूरा का पूरा सलोनी की चूत में घुस गया सलोनी के मुंह से आआह्हीईईईईईईईईईइ ह्हीईईईईईईईईईइ एक लंबी सी कराह निकल गई उसके बाद कपिल ने फिर से पूरी तरह से सलोनी की चुदाई शुरू कर दी थी | मधुरिमा कभी सलोनी के स्तनों को मसलती, कभी उसके होठों को चूमने लगाती |
कपिल का लंड सटासट सलोनी की चूत में जा रहा था कपिल तेजी सलोनी को चोद रहा था सलोनी के मुंह से भी मादक कराएं निकल रही थी कपिल भी तेजी से हाफ रहा था और उसकी सांसें बहुत तेज थी उसकी छाती बहुत तेजी से उठ गिर कर रही थी और उसका सीना धक धक धक धक कर रहा था सलोनी तेजी से अपनी चूत दाने को मसल रही थी ताकि उसे भी उसे भी कपिल के साथ साथ चुदाई का मजा आए | मधुरिमा सलोनी के दोनों स्तनों को बुरी तरह से मसल कर उसे अपने रस भरे होठों से चूस रही थी कपिल तो जैसे जन्नत में ही था कपिल बहुत बुरी तरह से चोदते चोदते अब अब हांफने लगा था । मधुरिमा ने कपिल की हालत देखते ही उसके पास आ गयी |
कपिल ने झुककर मधुरिमा को चूम लिया और अपने सख्त होठों से उसके नरम नरम होंठों को कस कर चूमने लगा | मधुरिमा कपिल के गोलियों को सहलाने लगी कपिल का मोटा तथा हुआ गरम लंड सलोनी की चूत में बहुत तेजी से अंदर बाहर हो रहा था उसकी गोलियां सलोनी की चूत दाने पर पटर पटर करके फच फच करके लड़ रही थी | कपिल की बेचैनी बढ़ने लगी थी और उसके धक्के भी बहुत जोरदार हो गए थे लग रहा था जैसे वह बस जल्द ही झड़ने वाला है | चुदाई का अनुभव लिए मधुरिमा ने पहचान लिया कि कपिल साहब अब बस कुछ देर का मेहमान है, उसने कपिल का लंड सलोनी की चूत से निकाल लिया | और अपने मुहँ में लेकर चूसने लगी | कपिल भी तेज चुदाई से हांफने लगा था | उसने सलोनी के बायीं तरफ लुढ़क कर टेक ले ली और उसके चूत से खेलने लगा | मधुरिमा ने कपिल के लंड को आइस्ते आइस्ते चुसना जारी रखा | वो लंड को गले की गहराई तक लेकर चूस रही थी और कभी कभी सिर्फ सुपाडे पर जीभ फिराने लगती | उधर कपिल में सलोनी के चूत दाने को रगड़ते रगड़ते, उसकी गुलाबी चूत के ओंठो पर अपनी उंगलियों का जादू चलाते चलाते, उसकी गांड के कसे छेद में जोर लगाकर एक उंगली घुसेड़दी | सलोनी चौक गयी, उंगली के घुसने से हुए मीठे दर्द से सलोनी चिंहुक पड़ी |
सलोनी - आऔऊऊऊऊऊऊच्च्च सर यहाँ नहीं |
कपिल - क्यों ?
सलोनी - यहाँ सर अभी तक किसी ने नहीं किया है , वर्जिन है सर |
कपिल - कोई बात नहीं ये लंड है किसलिए, इस सुरंग का दरवाजा भी खोल देगा , कभी न कभी तो इसका कुंवारापन किसी न किसी लंड से तो दूर ही होगा, तो क्यों न मै ही सुभारम्भ कर देता हूँ |
सलोनी - नहीं सर वो बात नहीं है, आपने इसके बारे में रिक्वेस्ट भी नहीं करी थी एडवांस में, इसलिए मैंने साफ़ भी नहीं किया है | से मैंने कभी गांड मरवाई भी नहीं है तो मुझे कोई एक्सपीरियंस भी नहीं है | मै नहीं चाहती आपको किसी तरह का बुरा अनुभव हो |
कपिल - तो क्या हुआ, अब तक नहीं मरवाई है लेकिन किसी न किसी से तो पहली बार तो गांड मरावाओगी, जैसे चूत की सील खुलवाई थी | मै अभी बोगी डालकर सब साफ़ कर दूगां | मैंने भी किसी की अब तक गांड नहीं मारी है इसलिए शिकायत करने का तो कोई सवाल ही नहीं उठता | मै भी इस मामले में अन एक्सपीरियंस हूँ | इतना कहकर हँसने लगा |
लंड चूसती मधुरिमा ये सुनकर हसने लगी |
सलोनी - सर बहुत दर्द होगा, और क्लीनिंग भी . . . . . . . . . . ????
कपिल - और क्या बोलो न, पैसे की कोई प्रॉब्लम नहीं है , रही बात क्लीनिंग की तो टेंशन मत लो, बाउल साफ़ करके आई ही होगी फिर क्या टेंशन है |
सलोनी - सर मैंने इसकी ट्रेनिंग नहीं ली है, आपको बुरा एक्सपीरियंस भी हो सकता है |
कपिल - तुम उसकी चिंता मत करी, गांड मैंने भी कहाँ मारी है इससे पहले, सुना है वर्जिन गांड मारने का मजा ही कुछ अलग है और तुम चिंता न करो, पहली बार दर्द तो होता है लेकिन मै ख्याल रखूगां |
सलोनी - सर आप समझ नहीं रहे, इसमें बहुत दर्द होता है ऐसा मैंने सुना है ? मधुरिमा आप बोलो न |
इत्मिनान से कपिल का लंड चुस्ती मधुरिमा ने कुछ देर तक सलोनी को देखा - कपिल सर बात दरसल ये है, हम एनल एस्कॉर्ट नहीं है |
कपिल कुछ सोचकर - देखो गांड मारने के बारे में तो नहीं सोचा था, लेकिन बस एक मोमेंट में मूड बन गया, जैसे ही इसके नरम चुताड़ो के गरम गांड पर उंगली गयी, थोड़ा एनल एडवेंचर का मन कर गया | मै तुम्हे अच्छे पैसा दूगां सलोनी | तुम्हे अगले 6 महीने में जितना कमाओगी उतने पैसे दूगां |
सलोनी चुप रही | मधुरिमा और सलोनी ने एक दुसरे को देखा और फिर कपिल ने मधुरिमा की तरफ देखा |
मधुरिमा - कपिल सर मै तो गांड मरवाती नहीं, अब तक नहीं मरवाई तो इसलिए मै तो सर अब भी नहीं कर पाऊँगी, सलोनी नई है, ये चाहे तो कर सकती है, मै न तो उसे फोर्स करुँगी , न ही मना करुँगी | उसकी मर्जी है |
मधुरिमा फिर से कपिल का लंड चूसने लगी |
सलोनी चुप रही | कपिल उसकी चूत के दाने पर उंगली फिराने लगा और दुसरे हाथ की उंगली गांड की कसे हुए छल्ले में अन्दर बाहर करने लगा | कुछ देर तक वो बस उसकी चूत दाने के साथ खेलता रहा और उसकी गांड में उंगली अन्दर बाहर करता रहा | सलोनी चूत दाने के मसलने से उठने वाली वासना की तरंगो में खोने लगी |
तभी कपिल ने एक बार फिर सलोनी को छेड़ा - बोलो सलोनी, कुछ तो बोलो, मेरा बहुत मन है आज तुमारी गांड मारने का, इसी गांड को देखकर अरमान जागे है तो यही गांड उन अरमानो को बुझाएगी भी | इतनी खूबसूरत गांड लेकर क्यों घूमती हो जो मेरे जैसे इउन्सान का मन भी डोल जाये |
सलोनी की जैसे नीद टूटी हो, वो तय नहीं कर पा रही थी, क्या करे - सर मैंने ये कभी नहीं किया है, मुझे नहीं पता ये कैसे होगा, और इसमें तो दर्द भी बहुत होगा |
कपिल - दर्द तो होगा, क्योंकि पहली बार है, पहली बार तो चूत मरवाने में भी चूत फटती है | मधुरिमा तुम क्या कहती हो, मधुरिमा तुमारी मदद करेगी |
मधुरिमा - सर पहली बार तो फटनी तय है, चूत हो या गांड | रही बात सर मदद की तो मैंने खुद गांड नहीं मरवाती लेकिन मैंने अपनी सहेलियों को ही बहुत सारे टिप्स दिए है गांड मरवाने के | इसलिए अगर सलोनी राजी होती है तो मुझे बहुत खुसी होगी आपको जन्नत की सैर करवाने में मदद करने में , बोल सलोनी क्या कहती है |
सलोनी - सर मै ये सब इसलिए करती हूँ ताकि अपनी पढाई की फीस भर सकू और अपना खर्चा निकाल सकू | आप मेरी विर्जिन गांड मारना चाहते है लेकिन बदले में मुझे क्या मिलेगा | कुछ पैसे सिर्फ, लेकिन मेरी बेर्जिनिटी तो हमेशा के लिए चली जाएगी | कुछ दिन बाद फिर मुझे किसी के साथ सोना पड़ेगा |
कपिल - कितना चाहिए बोलो |
सलोनी - सर चूत में कर लीजिये, मुहँ में कर लीजिये , मेरी कुंवारी गांड को फाड़ने के पीछे क्यों पड़े है |
कपिल को उसका इस तरह से नाटक करना पसंद नहीं आया - देख लड़की, सीधे सीधे यां तो हाँ बोल या न बोल मधुरिमा की तरह, ये जलेबी न बना | देख तेरी चूत मारने के तो मै पैसे दे ही रहा हूँ | उसमे क्या नया है, अब मुझे तेरी गांड मारनी है अपना रेट बता बस | बाकि सब नौटंकी बाद में |
सलोनी - सर. . . |
कपिल थोडा सख्त होता हुआ - नौटंकी नहीं, या तो न बोल या रेट बता |
सलोनी - सर मैंने ये नहीं किया है कभी, मुझे कैसे पता होगा इस सबका रेट |
कपिल - अब आई न लाइन पर | ठीक है चल तेरी पढाई का इस साल का सारा खर्चा मै पे कर दूगां, लेकिन शर्त ये है साल भर तक तू सिर्फ मुझी से चुदेगी, मेरे अलावा बाकि टाइम पढाई करेगी | मंजूर हो तो बोल |
सलोनी - सर आप ऐसा क्यों कर रहे है |
कपिल भद्दे तरीके से हँसता हुआ - तेरी कुंवारी गांड मारने के लिए, मुझे पसंद आ गयी तेरी गांड, जिदगी में पहली बार किसी की गांड मारने के अरमान जगे है | बोल कितना चाहिए |
सलोनी मधुरिमा की तरफ देखती हुई, मधुरिमा - क्या देख रही है, दस दस हजार के लिए कहाँ कहाँ भटकेगी, एक बार की ही तो बात है | सोच ले पढाई पर ज्यादा ध्यान दे पायेगी |
सलोनी - सर आप एक ही बार गांड मरोगे |
कपिल - हाँ री पगली तूने मूड बना दिया है, वरना मुझे कौन सा गांड मारने का कीड़ा लगा हुआ है |
सलोनी - सर मेरी पढ़ाई का खर्चा 3 लाख से ऊपर है
कपिल - ठीक है दे दूंगा बस जब याद करूं तब आ जाना चुदवाने के लिए , ऐसे मान ले की मैंने साल भर के लिए तुझे बुक कर दिया है अभी तुझे चोदने का जब भी मन होगा तुझे फोन करूंगा तुझे यहां आकर मुझसे चुदवाना होगा ठीक है, मन करेगा तो गांड भी मार लूँगा लेकिन मेरा वो टेस्ट नहीं है इसलिए निश्चिन्त रह, आज बस मूड में आ गया है इसलिए अब तो गांड ही मारनी है |
सलोनी - सर एक और सवाल पूछना है
कपिल - पूछ |
सलोनी - सर आप सर आप 3:30 लाख रुपये एक बार का गांड मारने के दे रहे है, क्यों सर |
कपिल - अपना अपन टेस्ट है, देख लड़की अभी मेरा मन तेरी गांड मारने का है और मेरे पास पैसे की तो कोई कमी है नहीं | मुझे अभी तेरी गांड मारनी है मै तेरी कुंवारी कोरी गांड मारने का पैसा दे रहा हूँ अब तू इससे साल भर खर्च भी चला लेगी ये तेरी किस्मत है और ज्यादा पैसे की जरूरत पड़ेगी तो मैं तुझे पैसे दे दूंगा लेकिन साल भर तक तू कहीं नहीं जाएगी और सिर्फ मुझसे ही चुदेगी | अब मेरा मूड बन गया है तो अब चुपचाप झुक जा मुझे अपनी गांड की सील तोड़ने दे, मधुरिमा इसकी मदद कर | इस वक्त तो इस गांड के लिए तीन लाख क्या मै १० लाख भी खर्च कर दू | मुझे ऐश कराएगी तो पैसे की कमी नहीं होगी | थोडा सा दर्द बर्दाश्त कर ले साल भर मौज ही मौज करेगी |
सलोनी झुक गई और मधुरिमा ने अच्छे से कपिल के लंड को चूस चूस कर लार से गिला कर दिया इसके बाद में कपिल ने अपने अंगूठा को पूरा जोर लगाकर सलोनी की सूखी कसी गांड में घुसा दिया | फिर उसने पहले उंगली की पहली पोर घुसी और फिर धीरे धीरे पूरी उंगली उसके गांड के छेद में समां गयी | सलोनी अपने सबसे संवेदनशील छेद में जीवन के पहले अतिक्रमण से उसकी गांड और उसकी दीवारों में दहसत भरी हुई थी | सलोनी की गांड का सख्त छेद हर कोशिश से कपिल की उंगलियों को रोकने की कोशिश कर रहा था |
| कपिल ने फिर अंगूठा चूत में और उंगली गांड में अन्दर बाहर करनी शुरू कर दी | पहले धीमे धीमे अन्दर बाहर करना शुरू किया था फिर हर झटके के साथ स्पीड बढाता चला गया | सलोनी की गांड बहुत ही बहुत ही ज्यादा टाइट सी थी उसकी गांड का छल्ला इस तरह से कसा हुआ था कि कपिल की उंगलियां भी उसकी जकड़न से कस गई | कपिल ने उसके गांड के छेद से उंगली बाहर निकल ली | सलोनी ने राहत की साँस ली, लेकिन उसकी गांड के कसी हुई नरम दीवारे ऐसे आपस में चिपक गयी जैसे किसी को अन्दर आने से रोकना चाहती हो | वो बाहर से होने वाले हिसंक अतिक्रमण की आशंका भरी हुई थी | कपिल ने एक झटके में उंगली बाहर निकल ली थी, इससे पहले सलोनी कुछ सोच पाती कपिल सलोनी के ऊपर आ गया, उसकी उंगली की जगह, उसके कठोर तने हुए खून से भरे लंड ने ले ली | कपिल ने लंड को सलोनी के कसे हुए गांड के छेद के मुहाने पर लगाया, सलोनी को कपिल के कठोर गरम लंड के सुपाडे का स्पर्श महसूस हुआ |
तभी अचानक सलोनी के चीख निकल गयी – आआआआआआआह्ह्ह्हह्ह्ह्हह्हईईईईईईईईईइ | सलोनी अपना सर दोनों तरफ दाये बांये पटकने लगी जब कपिल ने बेरहमी से अपने खून से भरे लंड का फूला सुपाडा सलोनी की कसकर बंद कसी हुई गांड के छेद पर ठेल दिया | सलोनी का कुंवारा गांड का छेद बहुत सख्त था, सुपाडा फिसल गया और लंड सलोनी की बायीं जांघ से जाकर टकरा गया | कपिल ने दोबारा कोशिश करी लेकिन लंड फिर से फिसल गया |
मधुरिमा - लगता है सर आपने भी कभी गांड नहीं मारी है |
कपिल - इसलिए तो इस कुंवारी कोरी गांड के लाखो रुपये दे दिए |
मधुरिमा - सर पहले लंड को छेद पर टिकाकर अन्दर तो घुसेडिये, धक्के लगाने से लंड नहीं घुसेगा | गांड में लंड घुसाने में बहुत ताकत लगती है गांड का छेद बहुत सख्त होता है, धीरे धीरे खुलेगा | एकदम से लंड पेलने की कोशिश न करिए सर वरना इस बेचारी की गांड फट जाएगी, बहुत दर्द होगा और इसकी जान निकल जाएगी | लाइए मै आपका लंड छेद पर सटाती हूँ आप तब तक दबाव बनाये रखिये जब तक सुपाडा इस कच्ची कमसिन काली की कुंवारी गांड में घुस नहीं जाता |
मधुरिमा ने उठकर एक लोशन सलोनी की गांड पर उड़ेल दिया और फिर कपिल के लंड की मालिश भी उसी लोशन से करने लगी |
मधुरिमा - सर मै आपका लंड थामती हूँ, जब तक गांड का छेद खुल न जाये, मै लंड को गांड के छेद पर सटाकर रखूंगी , आप बस जोर लगाकर अन्दर ठेलते रहना | झटके से लंड को सलोनी की कसी गांड में घुसेड़ने की कोशिश नहीं करना, वरना उसकी गांड को तो चोट लगेगी ही, सर आपका सुपाडा भी छिल सकता |
कपिल ने बिलकुल वैसा ही किया, मधुरिमा ने उसके कठोर लंडके फूले सुपाडे को सलोनी की कमसिन कुंवारी गांड के छेद पर सटाया और कपिल ने अपना पूरा जोर लंड पर लगा दिया | सलोनी के गांड के छेद और सख्त छल्ले ने जबरदस्त प्रतिरोध किया, लेकिन लंड ने अपने लिए अन्दर जाने का रास्ता बनाना शुरू कर दिया था | गांड के छेद के चारो ओर से घेरे कसे छल्ले पर दबाव पड़ते ही, सलोनी को भीषण दर्द का अहसास हुआ, जिससे उसकी आँखों से आंसुओ की एक नयी धार बह चली | सलोनी जानती थी गांड मरवाने में बहुत दर्द होता है यहाँ तो वो पहली बार गांड मरवा रही , वो भी कपिल के मुसल लंड से | उसकी तो जान सुखकर हलक में आ गयी | सलोनी ने जब कपिल के लंड का दबाव अपने कसे हुए छोटे से गांड के छेद पर महसूस किया, तो उसके शरीर में सिहरन और कंपकपी दौड़ गयी |
गांड में होने वाले भीषण दर्द से सलोनी रोने लगी | उसने खुद के शरीर को बिस्तर पर ढीला छोड़ दिया | मधुरिमा ने लगातार लंड को गांड के छेद से सटाये रखा उर कपिल लगातार लंड का दबाव सलोनी की कमसिन कुंवारी गांड पर बढाता चला गया | कपिल के मुसल लंड के बढ़ते दबाव की दहसत के बीच, गांड के छेद को कसकर जकडे गाड़ के छल्ले की पकड़ ढीली होने लगी, वो फैलने लगा और सलोनी की गांड का छोटा सा छेद खुलने लगा | कुछ देर तक कपिल ने दबाव बनाये रखा फिर जोर से एक झटका दिया और कपिल का सुपाडा सलोनी की कसी गांड के सख्त छल्ले के जबरदस्त प्रतिरोध को चीरता अन्दर घुस गया | घर्षण इतन तेज और भीषण था ऐसा लगा कपिल का सुपाडा छिल गया हो | सलोनी असहनीय पीड़ा से बिलबिला उठी |
सलोनी – आआआआआऐईईईईईईईईईईऊऊऊऊऊऊ आआआआआ ईईईईईईईईईई ग्घ्ह्हह्ह्हह्ह आः ऊऊ आया ऊ ईईईईईईईईईईईइ ,
आआआआआआआआह्हीईईईईईईईईईइ ह्हीईईईईईईईईईइ रीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरी |
कपिल उसी तरह से थम गया | मधुरिमा उसके चूत दाने की रगड़ने लगी | उसकी चूत को कसकर अपने रसभरे गुलाबी ओंठो से चूमने लगी | सलोनी का दर्द असहनीय था, फिर भी मधुरिमा उसके चूत दाने को जितना हो सके उतनी तेज रगड़ रही थी |
सलोनी - आआआआआआआआ रीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरी फ़ाआआआआआआआआआ आआआआआआअ ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ड़ दिदिदिदिद मेंमेंमेंमेंमेंमेंरीरीरीरीरीरी रीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरीरी आआआआ आआआआह्हीईईईईईईईईईइ ओओओओओओओओओओ ह्ह्ह्हह्हह्ह्ह आआआआआआ आआह्हीईईईईईईईईईइह्ही |
मधुरिमा का चूत दाना रगड़ना भी व्यर्थ था | गाड़ के छल्ले के चौड़े से उठा दर्द सलोनी की पिंडलियों और जांघो में घर कर गया
सलोनी के गांड के छल्ले ने कसकर कपिल का लंड जकड लिया | | भीषण सर्द के कारन सलोनी की आँखों से आंसुओ की धार और तेज बहने लगी | सलोनी भीषण दर्द के कारन बुरी तरह से कराहती रही कुछ देर तक | फिर अपने दर्द को ओंठ भींचकर बर्दाश्त करने लगी, लेकिन उसके मुहँ से दर्द भरी कराहे बंद होने का नाम ही नहीं ले रही थी | उसकी गांड की दीवारों में आग सी लग गयी थी, भीषण घर्षण से जलन बहुत ज्यादा हो रही थी | कपिल का लंड सलोनी के शरीर के सबसे सवेदनशील छेद के अन्दर घुस गया था | उस छेद में जहाँ आज तक खुद उसने कभी अपनी उंगली नहीं घुसाई थी | आज उसकी कुंवारी गांड के छोटे से छेद में कपिल ने अपना लंड घुसाकर उसका उद्घाटन कर दिया था | सलोनी की गांड भी अब कुंवारी नहीं रही | कपिल ने उसकी पढ़ाई की फीस भरकर उसका कुंवारापन छीन लिया | अब उसके पास दर्द बर्दाश्त करने के अलावा कोई रास्ता नहीं था | इसी बीच मधुरिमा ने सलोनी का ध्यान बाटने के लिए उसके नीचे उल्टा लेट गयी | अब सलोनी के मुहँ के सामने मधुरिमा की चूत थी | सलोनी दर्द से कराहती हुई, मधुरिमा की जांघो में अपना मुहँ घुसा दिया और उसकी गुलाबी चूत को चाटने लगी |
कपिल ने सलोनी दर्द से भरे आंसुओं से गीले चेहरे को देखते हुए – सलोनी अभी भी दर्द हो रहा है |
सलोनी – हाहाहा आआआआअह्ह्ह्ह्ह् ईईईईईईइ बहुतत्त्त्तत्त्त्तत्त, सर पहली बार कुछ घुसा है आःह्ह्ह ओह्ह्ह आआऐईईईईईईईईईई रिरिरिरिरिरिरिरिरिरिरी | |
कपिल – दर्द बहुत हो रहा हो तो बता लंड बाहर खीच लू |
मधुरिमा – नहीं सर बिलकुल नहीं, ऐसा सोचना भी मत, पहली बार गया है दर्द तो होंगा ही उसे | थोड़ा दर्द कम होने दो, फिर गांड मारना शुरू करना उसकी, लेकिन गलती से भी लंड को बाहर मत खीचना |
कपिल स्थिर हो गया – बताना कब शुरू करन है |
सलोनी – आःह्ह्ह ओह्ह्ह आआआआअह्ह्ह्ह्ह् ईईईईईईइ आआऐईईईईईईईईईई रिरिरिरिरि सर आपको कितनी परवाह है मेरी नहीं तो आदमी एक बार हम जैसी रंडी औरतो के जिस्म में लंड घुसेड़ने के बाद रुकता कहाँ है, उसको लगता है थोड़ी देर में दर्द तो वैसे ही गायब हो जाना है, फिर वो चुदाई क्यों रोके |
कपिल – तू रंडी नहीं है लड़की, तू तो मजबूरी में ये सब कर रही है तुझे तकलीफ देकर मुझसे भी एन्जॉय नहीं होगा |
मधुरिमा – हाउ स्वीईईएट कपिल सर , आप बहुत अच्छे कस्टमर है |
सलोनी अभी भी कराह रही थी लेकिन अब उसने अपना पूरा ध्यान मधुरिमा की चूत चूसने में लगा दिया था | मधुरिमा भी सलोनी की चूत चूस रही थी |
मधुरिमा को लगा अब कपिल को और ज्यादा इन्तजार नहीं कराना चाहिए - अब दर्द कुछ कम हो गया होगा , पेल दो लंड इसकी कुंवारी गांड में कपिल सर |
मधुरिमा का इतना कहना था, कि कपिल ने हल्का सा लंड बाहर खीचा और फिर से गांड में पेल दिया | सलोनी के मुहँ से फिर चीख निकल गयी, लेकिन आश्चर्यजनक रूप से इस बार पिछली बार से दर्द कम हुआ, ये उतना बुरा नहीं था जितना पहली बार था | उसकी गांड का छेद बुरी तरह से जल रहा था | कपिल अपने लंड पर सलोनी के गांड के छेद का बेहद सख्त कसाव महसूस कर रह था | उसे यकीन ही नहीं हो रह था वो एक कमसिन कुंवारी लड़की की गांड मार रहा है | उसने अब तक सैकड़ो औरते चोदी होगी लेकिन उसने अब तक किसी लड़की की गांड नहीं मारी थी | ये चुदाई का अनुभव चूत चोदने से बिलकुल अलग था | सलोनी की गांड में लंड बमुश्किल बहुत ही ज्यादा रगड़ खाकर जा रहा था | सलोनी की गांड का छेद खुल चूका था और कपिल को गांड मारने की आदत नहीं थी इसलिए उसे मजा नहीं आ रहा था | उसका लंड सलोनी की गाड़ के सख्त छेद में बहुत मेहनत से घुस रहा था |
उसने अपना लंड बाहर निकाला और उसने सलोनी की गांड के अन्दर ढेर सारा लोशन भर दिया | थोड़ा सा अपने लंड पर लगाया और लंड को सलोनी की गांड में पेल दिया | लोशन लगने से सलोनी का दर्द अब एक अलग तरह के दर्द भरे सुखद अहसास में बदलने लगा था, ये चूत में लंड लेने से बिलकुल अलग था | उसके छेद में अभी भी जलन हो रही थी और कपिल के लंड के चारो ओर अपने गांड के छेद की सख्त गिरफ्त भी उसे महसूस हो रही थी | कपिल के लिए गांड में लंड फिसलाना और आसान हो गया था, अब उसे भी लंड घुसेड़ने में मजा आ रहा था | मधुरिमा ने उसे रोका और पहले पूरा लंड घुसेड़ने को कहा | कपिल ने लंड को बाहर निकाला और पूरी ताकत से अन्दर पेल दिया और पेलता ही चला गया | सलोनी ने भी अपने गाड़ के छेद को फ़ैलाने की कोशिश की, आखिर आधे से ज्यादा लंड कपिल अन्दर घुसेड दिया | कपिल काफी देर से चुदाई कर रहा था उसकी हालत की बुरी हालत हो रही थी क्योंकि गाड़ में लंड पेलने में बहुत ताकत लगती है |
सलोनी– आआआआआऐईईईईईईईईईईइ आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ऊऊऊऊऊऊओफ़्फ़्फ़ | आआआआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ससससससससससरररररररररररररररररररररररर ऊऊऊऊऊउईईईईईईईईईइ माआआआआआआ |
कपिल हांफता हुआ – बहुत कसी गांड है तेरी लड़की, मै और ज्यादा लंड नहीं घुसेड पा रहा हूँ और मेरे लंड पर तेरीकुंवारी गांड की दीवारों की रगड़न बहुत ज्यादा है, ऐसा लगता है मेरे लंड की खाल छील कर रख देगी |
सलोनी दर्द से बिलबिला रही थी |
मधुरिमा ने जब कपिल के मुहँ से ये सुना तो बोली– सर मै आभी नीचे हूँ, अगर इसका चूत नहीं चुसुंगी तो ये दर्द से बेहोश हो जाएगी | आप अपने लंड को जड़ से पकड़ो और अंदर ठेलने की कोशिश करते रहो, तब तक नहीं रुकना जब तक पूरा लंड अन्दर तक गांड में न चला जाये उसी के बाद फिर कमर आगे पीछे करना | ऐसे ही गांड मारी जाती है | छेद के ऊपर ही हिलाकर कर झड जावोगे तो गांड मारने का फायदा क्या | कितनी तकलीफ में है वो बेचारी चाँद पैसो के लिए , उसकी आँखों से आंसू बंद होने का नाम नहीं ले रहे है लंड गांड में ठीक से अन्दर तक जाये भी न तो क्या फायदा उसकी गांड मारने| अब आप पूरा लंड उसकी गांड में ठेल दीजिये |
कपिल ने मधुरिमा की बात गौर से सुनी, उसने जोश में आकर लंड पर पूरा जोर लगाया, बुरी तरह से रगड़ता हुआ लंड सलोनी की कसी हुई गांड में जड़ तक धंस गया |
सलोनी के मुहँ से चीखे निकल गयी – आआआआआऐईईईईईईईईईई माआआआआआआ मर गयी, आआआआह्ह्ह्ह ओह्ह्हह्ह्ह्ह ओओ आअह्ह्ह्ह | आआअह्ह्ह आआआह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् ऊऊऊऊऊउईईईईईईईईईइ माआआआआआआ ईईईईईईईईईईईईई रेरेरेरेर्र्रे |
मधुरिमा ने कपिल की लटकती गोलियां अपने गुलाबी ओंठो के पास महसूस की जो की नीचे से सलोनी का चूत दाना चूस रहे थे | सलोनी गांड के अन्दर आग लगी हुई थी | लोशन ने घर्षण को कुछ आसान बना दिया था लेकिन फिर भी गांड के अन्दर लंड के भीषण घर्षण से जलन बराबर हो रही थी | अब कपिल के लंड के लिए सलोनी की गांड का पूरा छेद खुला था , हालाकि उसके छल्ले में अभी भी दर्द हो रहा था, लेकिन हर बीतते पल के साथ वो कम होता जा रहा था | कपिल अपने लंड को पूरा का पूरा रीमा की कसी गांड में पेलने लगा लेकिन कसाव इतना ज्यादा था की कुछ ही देर में हांफने लगा, गांड में लंड पिलाई में औरत का जो हाल होता है वो तो होता ही है लेकिन अच्छे अच्छे मर्द के होश फाख्ता हो जाते है | सलोनी को अब गांड के दर्द का अहसास अब मीठा सा हो चला था, दर्द अभी भी था लेकिन अब उतना तकलीफ देह नहीं था, बल्कि अब कसी गांड की नरम दीवारों से रगड़ रहे लंड से उठने वाली कामुक तरंगे कुछ अलग किस्म का अहसास कर रही थी | कपिल ने गांड में लंड पेलने की स्पीड बढ़ा दी, वो बुरी तरह से हांफ रहा था |
कपिल – अभी भी तेरी गांड बहुत टाइट है लड़की| बहुत जोर लगाना पड़ रहा है |
कपिल बहुत देर से दोनों लडकियों को छोड़ रहा था अब उसका सरीर भी जवाब देने लगा था, लेकिन वासना के जोश में दनादन सलोनी की गांड में जबरदस्त धक्के लगा रहा था, मधुरिमा ने अपनी बीच की उंगली सलोनी की गीली मखमली चूत में घुसेड दी और तेजी से अन्दर बाहर करने लली | उसे सलोनी की चूत में अपनी उंगली पर , उसकी चूत की दीवार के दूसरी तरफ उसकी कसी गांड में सटासट आता जाता कपिल का लंड महसूस हो रहा था | कपिल के धक्के भी अब बेतहाशा थे |
हर धक्के के साथ सलोनी - आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् आआआअह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह्ह् निकल रही थी | कपिल को भी महसूस अब और देर तक खुद को रोक पाना नामुनकिन है | गांड के कसे छल्ले से रगड़ खाते उसके लंड की सफ़ेद झील का बांध अब टूट ही गया | सफ़ेद गरम लावा उसके खून से भरे तने लंड की तरफ बहने वाला है | उसे पता था अब उसके बस में ज्यादा कुछ नहीं है, इसलिए अपनी पूरी ताकत सटासट लंड को सलोनी की गांड में पूरी स्पीड से पेल रहा था | कपिल की गोलियों से गरम सफ़ेद लंड रस ऊपर की तरफ बह चला, अब कपिल के हाथ में कुछ नहीं था | और एक के बाद एक पिचकारी सलोनी की गांड की गरम गुलाबी सुरंग में छुटने लगी |
सलोनी और मधुरिमा के अब तक से सबसे तेज धक्को की स्पीड से जान गयी कपिल झड़ने लगा है | कपिल का गरम लंड रस सलोनी को अपनी गांड की जलती दीवारों पर बड़ा सुखद लग रहा था | कपिल के लंड रस से सलोनी की पूरी गांड चिकना गयी, शरीर की उत्तेजना के कारन उसका दर्द तो अब लगभग गायब ही हो चूका था, वो भी पूरी तरह से उत्तेजित होकर बस झड़ने की कगार पर थी, चूत में अन्दर बाहर हो रही मधुरिमा की उंगली ने उसकी चूत की दीवारों में नयी सनसनी पैदा कर दी |
सलोनी के अन्दर भी तूफ़ान बस उमड़ चूका था- मधुरिमा दीदी रुकना नहीं, ऐसे ही करती रहना और मेरे चूत दाने को भी अंगूठे से रगडो, जल्दी रगडो |
सलोनी का शरीर कांपने लगा, उसके शरीर में रुक रुक कर झटके लगने लगे, उसकी चूत की दीवारे अपने आप ही कांपने लगी, उसकी कमर और गांड के अन्दर कुछ अगल तरह की सनसनाहट उसे कंपा रही थी | कपिल भी सलोनी के गोरे मांसल चुताड़ो पर जोर जोर से थप्पड़ लगाने लगा | कपिल के थप्पड़ से होने वाला दर्द कुछ अलग ही मीठा सा अहसास करा रहा था | सलोनी का शरीर अकड़ा, एक लम्बा सा झटका लगा, कुछ देर तक कांपता रहा और ढीला पड़ गया | कपिल का लंड अभी भी सलोनी की कसी हुई गांड में फंसा था, जो प्रियम के लंड रस से भरी हुई थी | धीरे धीरे कपिल का लंड सिकुड़ने लगा और अपने आप ही सलोनी की कमसिन कसी हुई गांड से बाहर आ गया | जैसे ही कपिल का लंड सलोनी की गांड से बाहर आया, उसकी गांड में भरा सारा लंड रस छलक कर मधुरिमा के मुहँ में आ गिरा |
मधुरिमा ने कपिल का सारा लंड रस मुहँ में भर लिया और और फिर सलोनी के मुंह के पास जाकर उसके मुंह में उड़ेल दिया दोनों ही एक दूसरे से गुत्थम गुत्था हो गई और एक दूसरे के मुंह में उसी लंड रस को बारी-बारी से डालकर उससे खेलने लगी और फिर थोड़ी देर बाद दोनों ही उत्साह से लबरेज होकर लंड और लार के मिश्रण को गटक गई | सलोनी की गांड का खुला धीरे धीरे अपने पुराने रूप में आने लगा, उसकी सुरंग का दरवाजा फिर से बंद होने लगा |
कपिल बिस्तर पर लेटा, दोनों की नटखट कामुक हरकते देख रहा था उसका मन था कि वह एक बार और दोनों लड़कियों को जमकर चोदे लेकिन अब उसके अंदर इतना दम नहीं था कि वह एक और राउंड चुदाई कर सके | इससे पहले कपिल कुछ कहता मधुरिमा पूछने लगी - सर अभी और चोदेगें या फिर आराम करेगें |
कपिल कुछ बोलता इससे पहले ही सलोनी बोल पड़ी - मधुरिमा दीदी सर ने हचक हचक के लंड से मेरी गांड फाड़ दी लेकिन इनका लंड भी बेदम हो गया है अब इसमें इतनी हिम्मत नहीं की दुबारा खड़ा हो सके |
कपिल - पेमेंट चाहिए न लड़की |
सलोनी खिलखिला पड़ी - लड़की की कुंवारी गाड़ मारेगें तो दम तो चाहिए न |
कपिल - अभी ठीक से पेल देता तो चीर के दो कल्ले हो जाती गांड तब समझ में आ जाता |
सलोनी - सर आप कहे तो चुसू |
मधुरिमा बिना कपिल की काहे ही उसके पास पंहुच गयी और उसके मुरझाये लंड की मुहँ में ले लिए - सर आज इसकी गांड फाड़ ही दो आप, मै आप के साथ हूँ, अभी कुछ देर जब गांड मारी जा रही थी तो कैसे चिल्ला रही थी, अब देखो कैसे गांड मटका रही है | अभी सर का खड़ा हो गया न तो तेरी गांड का कचूमर निकाल देगें चोद चोद कर |
सलोनी कपिल और मधुरिमा को देखती रही - दीदी वैसे मेरे पास ब्लू पिल है, सर चाहे तो अभी एक मिनट में खड़ा हो जायेगा |
कपिल - लड़की भाग जा यहाँ से वरना आज तेरी शामत आ जाएगी और अगले महीने की १३ तारीख को आ जाना | अपना अकाउंट नंबर देकर जा, पैसे ट्रान्सफर कर दूगां |
कपिल ने इतना कहते ही अपने ऊपर चादर डाली लड़कियां इशारा समझ गई और उन्होंने भी अपने अपनी कपड़े उठाये और दरवाजा खोल कर बाहर निकल गई
रीमा ने यहां जो कुछ भी देखा उससे उसके दिमाग में बने हुए सारे अनुमान टूट गए उसे लगता था कि समाज के सभी लोग एक बहुत ही अच्छी और सामाजिकजिंदगी जीते हैं लेकिन उसने यहां जमीन के नीचे बने बेसमेंट में जो कुछ भी देखा उससे उसके दिमाग को बहुत जोरदार झटका लगा उसे यकीन ही नहीं हो रहा था कि समाज में धार्मिकता और सामाजिकता का लबादा ओढ़े यह लोग यहां पर ऐसा वासना का नंगा नाच खेलते हैं हालांकि उसके मन में कोने में कहीं दबी इच्छा थी कि वह किसी दूसरे की सेक्स लाइफ को देखें और जाने लेकिन यहां उसने जो कुछ भी देखा उससे यह साफ हो गया कि उसने अब तक अपने जीवन में जो भी सेक्स को लेकर किया है देखा है वह उसकी समझ में बहुत कम है यहां लोग हवस का खुला नंगा नाच खेलते हैं और खुद को जो भी चाहिए वह हासिल करते हैं वह अब तक अपनी इच्छाओं का दमन कर के समाज के बनाए नियमों पर चलती रही और खुद को ही आत्मग्लानि से भर लिया हालांकि अब वह और ज्यादा समाज की नंगी सच्चाई नहीं देखना चाहती थी वह थक गई थी यह सब देखकर और अब उसका दिमाग भी जवाब दे गया था हालांकि रोहित चाहता था कि वह अभी और भी वीडियो देखें लेकिन रीमा ने अब हाथ खड़े कर दिए और उसने रोहित से कहा रोहित बहुत हो गया अब और नहीं देख सकती चलो यहां से यह सब दुनिया की गंदगी अब और नहीं देखनी मुझे |
रोहित - अभी तो तुमने देखा ही क्या है |
रोहित आगे बोला - यह तो बस एक ट्रेलर यहां तो बहुत कुछ ऐसा होता है जो देखकर मैं भी एक बार हिल गया था तुमने तो बस अभी सिर्फ ट्रेलर है देखा है |
रीमा बोली - क्या कहना चाहते हो ?
रोहित - यहां अभी तुमने देखा ही क्या है यहां लोग थ्रीसम करते हैं यहां लोग एक साथ सेक्स करते हैं वह तो तुमने देख लिया लेकिन यहां लोग चार लोग एक साथ सेक्स करते हैं अपनी बीवियों को चेंज करते हैं अपनी बीवी और दूसरे की बीवी के साथ सेक्स करते हैं कभी-कभी तो 4 से 5 लोग एक साथ सेक्स करते हैं और मैंने तो यह भी देखा है कि एक बार तो पूरे के पूरे 20 लोग एक ही कमरे में नंग धड़ंग एक दूसरे के साथ सेक्स कर रहे थे कौन किसको चोद रहा था पता ही नहीं था बस और जोड़ दो चीजें थी एक लंड और एक चूत दोनों ही एक दूसरे के प्यासे थे और कौन किस की चूत में लंड पेल रहा है किस की चूत किस का लंड ले रही है इससे कोई मतलब नहीं था बस मतलब था तो लंड की चुदाई से और हर कोई इंसान एक दूसरे को चोद रहा था हर चूत एक दूसरे का लंड ले रही थी सभी एक दूसरे के मुंह पर मास्क बांधकर नंगे नंगे एक कमरे में आते हैं और फिर कौन किसका लैंड चुस्ती है कौन किस से लंड चूसाता है कौन किस को चोदता है कौन किस से चुदवाती है किस की चूत किसका लंड कुछ नहीं पता चलता बस चुदाई होती है बस चुदाई होती है जमकर |
आंख बंद करके बस एक दूसरे को चोदते हैं 1 घंटे 2 घंटे रात भर चलता है और सुबह सब अपने अपने कपड़े पहन कर अपने अपने शरीफ कोठियों में खो जाते हैं यहां उम्र का कोई भेद नहीं होता 70 साल का 26 साल को चोद रहा होता है 26 साल का 70 साल को चोद रहा होता है यहां जिसका भी पास बन जाता है उसके अंदर मौजूद सभी चूतों को चोदने का लाइसेंस मिल जाता है इसी तरह से जिस औरत को यहाँ जाने की परमिशन मिल जाती है उसको यहां के सारे लंड से चुदवाने का भी लाइसेंस मिल जाता है इऔर हर संडे यहां यही नंगा नाच होता है तुम यकीन नहीं मानोगी लेकिन यहां शहर की हर रहीस औरत आ चुकी है कम से कम 20 से ज्यादा लंडो से अलग अलग चुद चुकी है
रीमा - दुनिया कुछ भी करे रोहित मैं यह सब नहीं कर सकती ना ही यह देख सकती हूं मेरे अंदर एक कुंठा थी जो तुमने बाहर निकाल दी और मैं सेक्स को लेकर अब काफी ओपन हूँ लेकिन यह सब नंगा नाच नहीं | यह तो देखने में ही इतना घिनौना लग रहा है क्या करूं मन की इच्छा थी इसलिए देख लिया लेकिन अब नहीं और मुझसे नहीं देखा जाएगा |
रोहित - तुम्हें डर लग रहा है यह सब देखकर. . . . तुम्हें डर लग रहा है कि तुम यह सब नहीं कर सकती |
रीमा - तुम्हें जो कहना है कहो मैं कुछ नहीं कहूंगी लेकिन अब यह सब मैं नहीं देख सकती यहां से चलो |
रोहित - ठीक है बस मेरा काम भी हो ही गया है 2 मिनट रुको और यहां से हम चलते हैं लेकिन अगर चाहो तो तुम अभी जग्गू के बाप की चुदाई देख सकती हो और उसका काला लंड. . . . . . |
रीमा रोहित की बात काटते हुए - रोहित प्लीज अब और नहीं . . . . . . . . . मुझे मत परेशान करो |
रोहित - इसमें परेशान करने वाली कौन सी बात है काला लंड सुनकर क्यों परेशान हो गई |
रीमा - तुम मुझे अच्छी तरह से जानते हो अब अपनी बकवास नहीं बंद करो |
रोहित - मुझे तो पता ही नहीं था मैडम को काला लंड भी पसंद है |
रीमा - जस्ट शट अप रोहित प्लीज |
रोहित - मैं समझ गया मैडम को सिर्फ मोटे बड़े लंड का ही चस्का नहीं है बल्कि वह काले लंड से भी चुदना चाहती हैं ठीक है इसमें कुछ भी गलत नहीं है ये तो बस औरत के जिस्म की एक चाहत है और मैं नहीं कहूंगा कि तुम अपनी इस चाहत को सिर्फ इसलिए खत्म कर दो क्योंकि यह तुम्हारे हिसाब से गलत है अगर तुम्हे काला मोटा लंड भीपसंद है तो तुम्हें जरूर उसे अपनी चूत में लेना चाहिए कम से कम एक बार तो जरूर ताकि कम से कम मन के अंदर जो एक पुरानी ग्लानी भरी है वह निकल जाए उसके बाद तुम पूरी तरह से उन्मुक्त होकर अपनी जिंदगी जी सको
रीमा - रोहित तुम्हें क्या लगता है जो भी मैं सोचती हूं यह सब करना चाहिए, मुझे नहीं लगता. . . . ठीक है सोचने की कोई सीमा नहीं होती और जरूरी नहीं कि हर जो चीज सोची जाए वह की भी जाए | जो गंदा है यह घटिया है वो सही नहीं हो सकता और मुझे यह बिलकुल अच्छा नहीं लगता | मुझे जो भी मिला है मै उसमें बहुत खुश हूं इसलिए आप तो मेरे दिमाग से खेलना बंद करो मुझे यह चीज परेशान कर रही है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मैं चाहती हूं |
रोहित - तो तुम कह रही हो कि तुम्हें काला लंड परेशान कर रहा है लेकिन तुम उससे चुदना नहीं चाहती है |
रीमा - ओफोफोफो रोहित क्यों मुझे परेशान कर रहे हो मैं यह सब करना चाहती | मै तुम्हारी तरह नहीं बोल सकती . . . . . मैं यह सब गंदा गंदा तुम्हारी तरह नहीं बोल सकती तुम मर्द हो तुम बोल सकते हो लेकिन मैं नहीं बोल सकती और ना ही मुझे यह सब करना है इसको लेकर मैं पूरी तरह से क्लियर हूँ मेरे मन में कोई कंफ्यूजन नहीं है |
रोहित - ठीक है बाबा मैं समझ गया तुम्हें बुरा लग रहा है ओके ठीक है तूम नहीं चाहती लेकिन तुम्हें काला लंड परेशान क्यों कर रहा है यह भी तो सोचने की बात है इसका भी तो समाधान निकालना होगा और इसके लिए मुझे तुम्हारी मदद चाहिए
रीमा - मुझे कुछ नहीं परेशान कर रहा है मुझे बस एक गंदी बातें परेशान कर रही हैं और जो कुछ भी मैंने देखा यह चीज मेरे लिए परेशानी की बात है क्योंकि मैं सोचती थी कि दुनिया ऐसी नहीं है लेकिन दुनिया इससे बहुत ही बदतर है मैं बहुत थकी हुई हूं मुझे आराम करना है |
रोहित - तुम्हें आराम करना है तो मेरी बाहों में कर लो |
रीमा - जी नहीं मुझे अकेले ने आराम करना है मतलब आज कोई चांस नहीं है यह तो बेचारा पैंट के अंदर काफी छलांगे मार रहा था मुझे लगा बेचारे को आज पनाहगाह में आराम करने का मौका मिलेगा|
रीमा - रोहित अगर तुम्हें करना है तो कर दो लेकिन मेरा मूड नहीं है मैं बहुत थक गई हूं और . . . . . . . |
रोहित - और बिना तुम्हारे मूड के मैं क्या करूंगा, अचार रखूंगा मजा ही नहीं आएगा जब तक रीमा अप्सरा जैसे हुस्न की मलिका राजी नहीं होगी तब तक कैसे उसको चोदने में मजा आएगा | अब मैडम जी आप ही बताओ बेचारा लंड अकेले ही सारी मेहनत करेगा और मजा भी नहीं आएगा तो फायदा क्या है |
रीमा - ओहो रोहित तुम ना हमेशा ही ऐसी गंदी गंदी बातें करते हो मैंने बोला ना मैं थक गई हूं सोना चाहती हूं लेकिन तुम्हारे लिए मैंने कभी मना किया है |
रोहित = अरे बाबा मैं तो मजाक कर रहा था तुम हमेशा सीरियस हो जाती हो थोड़ा सा जिंदगी में फन लाओ कब तक यह बोरिंग सी जिंदगी जीती रहोगी | जब तूम्हें मजा आता है तभी मुझे भी मजा आता है तुम्हारा मन नहीं है तो मेरा भी मन नहीं है चलो चल कर सोते हैं
सुबह होते ही सब कुछ सेटल हो गया, नूतन अपने पैसे लेकर अपने घर चली गयी और रीमा ने भी उस मामले में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई | वो रात के अपने अनुभव से अभी तक सदमे में थी | रोहित रीमा और प्रियम सुबह बाकि सबकी तरह घर लौट आये | सभी ऐसे बिहैब कर रहे थे जैसे कुछ हुआ ही नहीं |
धीरे धीरे सब कुछ सामान्य होने लगा लेकिन रीमा के दिमाग में जग्गू के वर्ड किस घंटे की तरह बज रहे थे, उसे जग्गू किसी भी तरह से स्वीकार नहीं था, जग्गू उसके बारे में सोचता था ये सोचकर भी रीमा को उबकाई आ रही थी | उसे जग्गू को सबक सिखाना था | रीमा ने जग्गू के बारे में सब कुछ पता लगाया और सबूतों के साथ कॉलेज के प्रिंसिपल से शिकायत कर दी | शिकायत सही पाई गयी और कॉलेज में ड्रग्स बेचने की आरोप में उसे हमेशा के लिए कॉलेज से निकाल दिया गया | उसके बाप ने कॉलेज मैनेजमेंट के पास जाकर बहुत चिरौरी करी, कॉलेज मैनेजमेंट ने काफी देर बाद जाकर इस बात के लिए राजी हुआ कि अगर शिकायतकर्ता भी इस बाद की सहमती देता है तो कुछ किया जा सकता है | ड्रग्स के आरोप में तो लाइफ टाइम बैन होना ही था | काफी उठापटक और मान मनौउअल के बाद रीमा इस बात पर राजी हुई, की जग्गू की सजा कम कर दी जाये, उसने तरीका मैनेजमेंट पर छोड़ दिया | कॉलेज में रीमा प्रियम की सेकंड गार्डियन के नाम से रजिस्टर थी और इसी बात का उसने फायदा उठाया जग्गू से अपनी खुन्नस निकालने में, हालाँकि रोहित को ये सब बाते पता थी लेकिन रीमा ही मुख्य भूमिका में रही | मैनेजमेंट ने जग्गू और उसके बाप का लिखित माफीनामा लेने के बाद उसका आरोप पत्र में से ड्रग्स को हटा कर अनुशासन हीनता का क्लॉज़ ऐड किया गया, जिससे लाइफ टाइम का बैन एक साल में बदल जाये | अब जग्गू एक साल तक कॉलेज में कदम नहीं रख सकता था |
रीमा की वजह से पुरे कॉलेज में जग्गू के साथ साथ उसके बाप की जो थू थू हुई, जग्गू पर रीमा की हवस का जो बुखार पहले से चढ़ा था वो अब बदले में बदल गया | जग्गू का बाप हरामी तो लेकिन उसे ये भी पता था की सामने वाली पार्टी का सीधे सिक्युरिटी में लिंक है | इसलिए वो कोई पंगे नहीं लेना चाहता था | लेकिन बाप की तरह जग्गू समझदार नहीं था | उसे रीमा को अपनी नजरो में नीचा दिखाने की धुन सवार हो गयी | कॉलेज से निकाले जाने के बाद प्रियम और राजू से भी उसका मिलना कम हो गया | फिर भी वो कोशिश करके मिलने आ ही जाता | रोहित को इससे कोई दिक्कत नहीं थी जब तक प्रियम की पढाई में कोई नुकसान न हो | ड्रग्स को लेकर भी बहुत ज्यादा कठोर नहीं था लेकिन उसे इससे बचा कर रखना भी जरुरी था, इसलिए उसने रीमा का खुलकर साथ दिया था | जग्गू अभी भी जुगाड़ करके कही न कही से ड्रग्स ले ही आता | फिर तीनो की महफ़िल जमती | आखिर एक दिन नशे में धुत होकर जग्गू ने अपने दिल की बात कह ही डाली |
जग्गू - यार प्रियम वो तूने अपनी चाची की एक रिकॉर्डिंग करी थी, बड़ा मन है सुनने का, कहाँ है वो |
प्रियम - कौन सी रिकॉर्डिंग ????
जग्गू - अबे वही लंड चूसने वाली |
प्रियम में नशे में मस्त था - वो तो पता नहीं कहाँ खो गयी |
जग्गू - सालें दुबारा जाकर पानी चाची से लंड चुसवा, मुझे वो रिकॉर्डिंग सुननी है |
प्रियम - अबे तू पागल हो गया है क्या, साले वो बहुत डेंजरस है, मुझे भी नहीं पता था | मै तो उन्हें बहुत सीधे साधी समझता था, उनसे दूर ही रह बेटा, नहीं तो पता नहीं कब गांड मार लेगी |
जग्गू - तेरी मार ली है लगता भोसड़ी के | इतना कहकर जग्गू ठहाके मार मार कर हसने लगा | राजू ने भी जग्गू का साथ दिया | प्रियम को ये मजाक बिलकुल अच्छा नहीं लगा |
जग्गू प्रियम की शक्ल देखकर - लगता है सच में इसकी चाची ने इसकी गांड मार ली बहनचोद | राजू मै हैरान हो सोचकर कैसे एक चूत किसी की गांड मार सकती है |
प्रियम भी झुंझला गया - साले किसी दिन तेरी मार लेगी तो पता चलेगा |
जग्गू की हंसी नहीं रुक रही थी - मारेगी काहे से बीच वाली उंगली से, मिडिल फिंगर का इशारा करके हां हा हा हा हा ह |
प्रियम को भी खुन्नस आ रही थी - साले हंस तो ऐसे रहे हो, कॉलेज से निकलवा दिया तुझे क्या उखाड़ लिया तुमने | रीमा चाची ऐसी ही है बोला न उनसे पंगे लोगो न तो सही बता रहा ऐसी झुका के मारेगी कि दो दिन तक बिस्तर से नहीं उठोगे, तुमारी सारी मर्दानगी तुमारी ही गांड में घुसा देगी, तब समझ में आएगा |
जग्गू को प्रियम की बात गुस्सा आ गया - क्या समझ में आएगा, क्या समझती है वो साली अपने आप को, मुझे कॉलेज से निकलवा दिया तो क्या खुद को दुनिया ऊपर समझने लगी | कुतिया बनाकर उसको न चोदा तो जग्गू मेरा नाम नहीं | साली की चीखे निकाल दूगां औए उनका विडिओ बनाकर पुरे शहर में वायरल कर दूगां | फिर साली की मोटी गाड़ भी मारुगा, तभी कलेजे में ठंडक पड़ेगी |
प्रियम उसको ताना मरता हुआ - अबे तू फेंका कम कर, साला तेरी झोपड़ी की लौंडिया तुझे चोदने नहीं देती और ख्वाब देख रहा है चाची के | साले सोचा वो कर जिसकी गुंजाईश हो |
जग्गू - साले फेंक नहीं रहा हूँ, तेरी चाची को तो मै चोदकर ही रहूगां, उस दिन तेरी चाची की वजह से नूतन की सील तोड़ते तोड़ते रह गया | साला उसकी पैंटी तक उतार दी थी मैंने, लंड पूरी तरह से तन्नाया हुआ था, बस नूतन की गुलाबी चूत में घुसाने को बचा था कि ये मनहूस टपक पड़ी |
राजू - जग्गू यार प्रियम सही कह रहा है, मेरा दिल कहता रीमा चाची से पंगे न ले |
जग्गू - चुप कर साले फट्टू कही के, उसकी चाची है तेरी क्या लगाती है | इसकी चाची को चोदुगाँ तो इसका एक बार को टची होना बनता है |
प्रियम बीच में ही बोल पड़ा - मै काहे को टची होऊंगा |
जग्गू - टची तो तू हो रहा है |
प्रियम - तुझे सही सलाह दे रहा हूँ, बाकि तेरी मर्जी |
जग्गू - लगी १० हजार की, एक महीने में तेरी चाची को चोद के ना दिखाया तो मेरा नाम गांडमारे रख देना |
राजू - सोच ले अच्छे से और रकम 20 हजार होगी और एक साल तक ये माल फ्री लायेगा |
जग्गू जोश जोश में बोल गया - बहनचोदो मंजूर है, साली की गांड भी चोदूगा | बस तुम लोग साथ न छोड़ो | मै प्लान बनाऊंगा |
प्रियम बिना जोश के बोला - मरवाएगा हम सबको |
जग्गू - बहनचोदो तुम लोग ही बैक मार जाते हो | राजू तू बोल |
राजू - मुझे मरना नहीं है, मेरी लाइफ में कोई प्रॉब्लम नहीं, चूत नहीं मिलेगी न सही लेकिन हाथ पाँव तो सही सलामत है |
अगली सुबह सबका नशा उतर गया और टॉपिक ख़त्म हो गया | हालाँकि जब भी तीनो साथ बैठकर माल फूकते थे तो उनका डिस्कशन रीमा पर ही होता था | 20 दिन से ज्यादा बीत गए, जग्गू कुछ ज्यादा कर नहीं पाया था | रोहित भी ऑफिस के काम में बहुत बिजी रहता था, उस प्रियम पर ध्यान देने की लिए टाइम कम मिलता था | इसलिए कई बार शाम को रीमा के यहाँ चली जाती थी और वहीँ डिन्नर बनाती थी | एक दिन रीमा ने प्रियम के पास से ड्रग्स की पुडिया पकड़ ली और बिना किसी सेकंड थॉट के रोहित के ऑफिस से आते ही उसको थमा दी | उस समय तो रोहित कुछ नहीं बोला, लेकिन रीमा के जाने के बाद उसकी जो तुड़ाई हुई है कि उसकी जान निकल गयी | दो दिन कॉलेज नहीं गया लेकिन उसे ये पता चल गया की उसके कमरे में से पुडिया रीमा ने ही निकाल कर दी है, क्योंकि रोहित तो ऑफिस में रहता था इसलिए उसका प्रियम के कमरे में आने का कोई सवाल ही नहीं था | अब तो प्रियम को भी लगता था एक बार रीमा चाची को सबक सिखा ही दिया जाये | अब वो उसके लिए प्रॉब्लम बनती जा रही थी | न चाहते हुए, बेहद ज्यादा डर के बावजूद माल फूकने के बाद रीमा को सबक सिखाने का प्लान बनाने लगे | प्रियम के साथ ये दिक्कत थी अगर वो पकड़ा गया तो रोहित के कहर से बचना मुश्किल है, अभी अभी कुछ दिन पहले ही उसकी अच्छे से मालिश हुई है इसलिए कुछ ऐसा करना होगा जिससे उसके कांड की खबर रोहित तक न पंहुचे |
प्रियम बोला - यार ऐसा कुछ सोचो, जो रीमा चाची मेरे बाप को न बता सके |
राजू - यू मैं हम कुछ एम्बैस्सिंग करे उनके लिए |
जग्गू - एक बार औरत को जमकर चोद दो मोटे लंड से हचक के बिना उसकी मर्जी के | चुदते समय एक बार उसके मुहँ से चीखे और आँखों से आंसू निकल आये समझ लो फिर वो तेरे लंड के सामने खामोश ही रहेगी |
प्रियम - तेरे से नहीं होगा जग्गू तू रहने दे, तू नहीं जानता रीमा चाची को |
जग्गू - तू हमेशा मेरे टैलेंट पर सक क्यों करता है?
राजू - अगर हम रीमा चाची का विडिओ बना ले . . . . . |
प्रियम - यू मैं चुदते समय |
राजू - यस |
प्रियम - मुझे भी लगता है वो इसी तरह काबू में आएगी |
जग्गू - साली कुतिया को चोदूगा मै, तुम विडिओ बनाना राजू |
प्रियम - मेरे डैड दो वीक बाद फोरेन जा रहे है एक महीने के लिए तब तक मै रीमा चाची के कण्ट्रोल में ही रहूगां |
राजू - इसका मतलब जग्गू अपनी शर्त हार गया |
जग्गू - कौन सी शर्त ????
राजू - अबे भूल गया, 20 हजार और साल भर का माल फ्री अगर एक महीने में इसकी चाची को नहीं चोद पाया तो, अब तो सिर्फ चार दिन बचे है |
जग्गू - इन चार दिन में कुछ नहीं हो सकता |
प्रियम हँसने लगा - अपनी बात से पीछे मत हट, तू शर्त हार चूका है | मै डैड के रहते कोई रिस्क नहीं लूगाँ |
राजू - प्लान क्या होगा ????
प्रियम - ज्यादा प्लान मत बना फ़ैल हो जायेगा | तब का तभी देखेगें | मेरी पीठ पर पड़े हर निशान का मुझे बदला लेना है, अब चाहे कुछ भी हो जाये |
रोहित सच में प्रोजेक्ट के काम के लिए विदेश चला गया | प्रियम रीमा के साथ कुछ दिन ही रहेगा, क्योंकि उसकी बुवा लम्बी छुट्टी बिताने यहाँ आ रही थी हालाँकि वो अलग बात है की रोहित के साथ वो वक्त नहीं बिता पायेगी | इसकी वजह से रीमा से ज्यादा प्रियम ने राहत की साँस की थी | प्रियम को अपने साथ रखने पर रीमा को अपनी उन्मुक्त आजादी को त्यागना पड़ता जबकि प्रियम को रीमा के स्कैनर में लाइफ बितानी पड़ती | रोहित के जाने और प्रियम की बुवा के आने के बीच में बस ४ दिन का फर्क था |
पहला दिन शांति से गुजर गया | रीमा और प्रियम में ज्यादा बातचीत भी नहीं हुई | दुसरे दिन तीनो जुगत लगाते रहे आखिर कार प्लान बना ही डाला | कल रीमा ऑफिस से जल्दी घर आने वाली है | वो तीन बजे तक ऑफिस आ जाएगी | प्रियम का काम सारे अपडेट दोनों को देते रहना है | पीछे का दरवाजा खुला रहेगा | जग्गू और राजू दोनों मुहँ ढककर आयेगें | आते ही जग्गू अपनी गन निकल लेगा, पराजू लपककर प्रियम के कमरे का दरवाजा बंद कर देगा | इसके आगे का न उन्होंने सोचा न प्लान करने की जरुरत थी |
अगले तीन रीमा तय समय पर घर पर आ गयी | जग्गू अपने बाप की एक चोरी की खाली गन उठा लाया | रीमा ने आते ही कपड़े बदले, प्रियम का अपडेट लिया और अपने बेडरूम में कोई नावेल पढ़ने चली गयी | प्रियम ने दोनों को मेसेज कर अपडेट दिया | पीछे का दरवाजा प्लान के अनुसार खुला था | जग्गू और दोनों ने जल्दी से मुहँ ढका और बनाये हुए नक्शे के अनुसार घर के अन्दर घुसे | अन्दर घुसते ही जग्गू ने बेड पर पसरी रीमा पर गन तान दी - हिलना मत वरना बेजा उड़ा दूगां |
रीमा के तोअचानक ये देख होश ही उड़ गए | वो नावेल छोड़ बाहर की तरफ भागी कर दिया | इससे पहले बेडरूम से निकल पति, जग्गू ने बमुश्किल उसको कमरे के अन्दर ठेला और बाहर से बेडरूम का दरवाजा बंद कर दिया | राजू ने प्रियम के रूम का दरवाजा बंद किया | राजू भागकर बाहर का गेट बंद करने गया | राजू ने सभी परदे खींच दिए |
जग्गू बाहर से ही रीमा को धमकाते हुए बोला - अगर चीखी चिल्लाई तो इस कमरे में बंद को लड़के को गोली मार दूगां | रीमा बदहवास ही बहुत डर गयी, उसका चेहरा डर के कारन पीला पड़ गया | कुछ देर तक तो वो समझ ही नहीं पाई कि हो क्या रहा है | राजू अपना काम ख़त्म करके वापस आ गया | प्रियम दुसरे कमरे में बंद था | उसके बाद जग्गू ने रीमा को धमकाया - सुन आचे से कान खोलकर सुन, अगर मेरी बात मानेगी तो तू और तेरा ये लड़का दोनों जिन्दा रहेगें, नहीं तो पहले तेरे सामने इस लड़के को निकालकर गोली मारूंगा फिर तुझे मार दूगां | इसलिए जितना बोली चुपचाप करती जा |
रीमा डरे हुए चेहरे के साथ सहमी आवाज में - प्रियम को कुछ मत करना, तुम जो बोलोगे वो करूंगी | क्या चाहिए तुम लोगो को और कौन हो तुम |
जग्गू ने ठहाका लगाया - साला हमसे पूछती है कौन लोग है हम ? शकल से क्या हम किसी बैंक के मेनेजर लगाते है | गुंडे है हम माल लुटने आये है |
रीमा की डर के मारे हालत ख़राब थी, लेकिन उसने अन्दर से हिम्मत बटोरी और अपना फ़ोन उठा कर सिक्युरिटी को मिलाने चली, खिड़की से ये देखते ही जग्गू ने झट से बेह्र्रोम का दरवाजा खोला और रीमा के बिलकुल सामने जाकर बन्दूक तान दी - मोबाईल फेंक वरना मरने के लिए तैयार हो जा |
रीमा के काटो तो खून नहीं, चेहरा डर के मारे बिलकुल पीला हो गया, फ़ोन अपने आप ही उसके हाथ से फिसल कर फर्श पर गिर गया | राजू ने फट से वो फ़ोन उठा लिया |
जग्गू ने धमकाया - हमसे कोई चालाकी नहीं |
रीमा ने डर के मारे नजरे झुका ली |
जग्गू - इस घर का मालिक कौन है ? क्या नाम है तेरा |
रीमा - मै ही हूँ इस घर की मालिक, रीमा नाम है मेरा |
जग्गू - चालाकी नहीं, पति का नाम बता |
रीमा - वो कई साल पहले गुजर गए |
जग्गू - उस कमरे में जो है वो तेरा लड़का है |
रीमा - नहीं मेरा भतीजा है |
राजू जोश में उछलता हुआ - बॉस काम की बात करे, मालकिन मस्त है |
जग्गू उसे डांटता हुआ - छुप कर बत्तमीज, औरतो की इज्जत करना नहीं जानता | हमें अपने काम से मतलब है, हमें अपना काम करना है और चले जाना है |
रीमा को कुछ जान जान आई, उसे लगा ये बड़ा वाला बदमाश भला इंसान है - तुझे जो चहिये ले ले, बस प्रियम को कुछ मत करना |
जग्गू - सोच ले तू क्या बोल रही है, बाद में पीछे मत हटना |
राजू बीच में ही बोल पड़ा - बॉस ये तो लेने की बात कर रही है, इतनी हसीन जिस्म की मालकिन के एक बार लेने में क्या बुराई है | माल तो हर जगह बना लेटे है लेने का मौका हर जगह नहीं मिलता है |